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Romance In Love.. With You... (Completed)

Adirshi

Royal कारभार 👑
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Super-Moderator
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Ek min ye ek hi raat me itna kaise sochne laga mai fir se keh Raha hu ya to mai nashe me kahani read karta hu ya fir raghav nashe me rahta hai :sigh2:

Bahot sahi scene chal raha hai Raghav ki halat dekhne layak thi :lol1: bada wala chuha :cmouth: Anyway aadat nahi hai aise mahol ki raghav ko or wo hai bhi serious type banda iske opp neha chulbuli maza aayega :D intzaar rahega agle bhaag ka :waiting:
dada ki baat ka asar keh sakte hai launda line pe aa raha :D
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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259
नेहा- सुनामी! सुनामी! मेरा फोन कहा है... मेरा फोन!!

नेहा- वो.. वो वहा क्या है?

नेहा ने राघव के पीछे देखते हुए पूछा जिससे राघव ने भी पीछे पलट कर देखा की नेहा क्या कहना चाह रही है लेकिन तभी नेहा ने उसे हल्का सा धक्का दिया और वहा से जितना हो सके उतना तेज भाग ली
बहुत भारी पड़ने वाली है राघव बाबू को नेहा।

उम्दा अपडेट भाई, नायिका नाकों चने चबवाएगी नायक से
 

Adirshi

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बहुत भारी पड़ने वाली है राघव बाबू को नेहा।

उम्दा अपडेट भाई, नायिका नाकों चने चबवाएगी नायक से
bas yahi to hum chahte hai :D
bahut bahut dhanyawaad bhai review ker liye :thank_you:
 

Adirshi

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Update 9



कुछ समय बाद परिवार के सभी लोग घर मे बने मंदिर मे सुबह की आरती के लिए इकट्ठा हो रहे थे आज संडे का दिन था तो किसी को काम पर जाने की कोई जल्दी नहीं थी।

विवेक- गुड मॉर्निंग भाभीलोंग

विवेक ने वहा खड़ी नेहा और श्वेता के बीच मे आकार खड़े होते हुए कहा

नेहा- गुड मॉर्निंग

नेहा ने विवेक की नाक खीच ली

शेखर- ओहो आज तो भाभी का मूड बड़ा अच्छा लग रहा है

राघव - ऐसा कह सकते है!

राघव ने पीछे से आते हुए शेखर की बात का समर्थन किया और नेहा को देखने लगा और नेहा नीचे देखने लगी

विवेक- हेनजी!

राघव- मतलब वो ऐसे कभी बिहेव नहीं करती ना

रिद्धि- भाई आपको ना कुछ नही पता आप घर पर ही कहा होते हो जो आपको भाभी का मस्ती वाला मूड पता हो भाभी को जानने के लिए पहले उसके साथ रहा तो कीजिए

रिद्धि ने कहा जिसपर ‘वो कभी होते ही तो नहीं है’ ये ख्याल नेहा के दिमाग मे आया और उसका चेहरा उतर गया और राघव बराबर नेहा के उतरे चेहरे का रीज़न समझ गया वो अच्छे से जानता था के नेहा को चेहरा क्यू उतरा और इसका रीज़न वो खुद था इसीलिए वो वहा से बगैर कुछ बोले चला गया

गायत्री- चलो सब लोग आरती के लिए आ जाओ आज चूंकि सब लोग है घर मे तो सब अपने अपने जोड़े के साथ आरती करेंगे

जिसके बाद गायत्री और शिवशंकर जी ने आरती शुरू की उनके बाद रमाकांत-जानकी, धनंजय- मीनाक्षी, विवेक, रिद्धि और श्वेता- शेखर

श्वेता ने आरती की थाली नेहा को दी और राघव उसके करीब आया और उसने प्लेट को छुआ और प्लेट को पकड़ते हुए उसका हाथ नेहा के हाथ को टच किया और वो हल्का सा स्पर्श नेहा के दिल की धड़कन बढ़ाने के लिए काफी था, नेहा ने उसकी तरफ देखा, वो भगवान की मूर्ति की तरफ देख रहा था जिसके बाद नेहा ने भी अपना ध्यान आरती मे लगाया

भगवानजी मैंने आपसे कभी कुछ नाही मांगा है आपने मुझे बिन मांगे ही सबकुछ दिया है लेकिन आज मांगती हु मेरे परिवार को हमेशा खुश रखना और इनकी सारी परेशानिया दूर करना’ नेहा ने आंखे बंद करके भगवान से प्रार्थना की और राघव बस उसे देखता रहा (क्या ही सही लड़की है bc पत्थर को सनम मान रही 🥲)

भगवान मेरे परिवार को हमेशा सुरक्षित और खुश रखना, मेरे पूरे परिवार को’ राघव ने मन ही मन भगवान से कहा और आखरी शब्द उसने नेहा को देखते हुए कहे (चलो कुछ तो अकाल आई इसको)

उसके बाद नेहा ने घर के सभी लोगों को आरती दी और पूजा की थाली मंदिर मे रख दी जिसके बाद सभी लोग नाश्ते के लिए डाइनिंग टेबल पर आ गए सबने अपने हाथ से अपना अपना नाश्ता लेना शुरू किया सिर्फ नेहा ने राघव की प्लेट मे नाश्ता परोसा फिर खुद लिया

रिद्धि- मॉम प्लीज किसी से कह कर नेहा भाभी का रूम क्लीन करवा दीजिए उनके रूम मे बहुत चूहे हो गए है और भाभी को उनसे डर लगता है

रिद्धि ने नाश्ता करते हुए ये बात छेड़ी जिससे नेहा का निवाला उसक मुह मे ही अटक गया और उसे ठस्का लगा और वो रिद्धि को देखने लगी

मीनाक्षी- अरे बेटा आराम से खाओ

रिद्धि - भाभी ठीक हो आप?

रिद्धि ने चिंता से पूछा जिसपर नेहा ने हा मे गर्दन हिलाई

जानकी- हा ठीक है मैं करवा दूँगी लेकिन चूहा आया कहा से हमारे घर मे तो चूहे नहीं है

विवेक- अरे भाभी ने कल भी देखा था एक चूहे को

और विवेक की बात सुन कर राघव कन्फर्म हो गया के ये लोग किस चूहे की बात कर रहे है, उसने एक बार नेहा को देखा जो नर्वसली इस बातचित को सुन रही थी

रिद्धि- हा पर आज वाला चूहा बड़ा था

रिद्धि ने विवेक से कहा जिसपर राघव ने जूस का घूट लेते हुए नेहा को देखा

शेखर- सिम्पल है न चूहे मारने वाली दावा छिड़क दो रूम मे उसमे क्या है चूहा मर जाएगा

और अब जूस गले मे अटकने की बारी राघव की थी क्युकी चूहा कौन है ये वो जानता था और यहा तो उसी का भाई उसे मारने की प्लैनिंग कर रहा था लेकिन राघव ने कुछ नहीं कहा वो बस नेहा को देखता रहा और नेहा ‘मर गई’’ वाला लुक लिए वहा बैठी रही

रमाकांत- बेटा अगर तुम चूहों से इतना डरती हो तो राघव से कहना चाहिए था ना वो उसे बाहर निकाल देता

अब अपने आपको अपने ही रूम से बाहर कैसे निकलू’ राघव धीमे से पुटपुटाया जिसे नेहा ने सुन लिया और राघव वापिस नेहा को देखने लगा के अब वो इसपे क्या बहाना बनाती है पर वो कुछ कहती इससे पहले धनंजय बोल पड़े

धनंजय- राघव को तो ये बात पता होगी न भाईसाब, क्यू राघव तुम्हें नहीं पता था तुम्हारे रूम मे एक चूहा है ?

राघव- मुझे तो नही दिखा चाचू इसीलिए मैं किसी से कहने वाला था लेकीन रिद्धि ने बात छेड दी

राघव ने नेहा को देखने हुए कहा और उसका रिएक्शन देखने लगा वही नेहा ने एक राहत की सास ली के राघव ने बात संभाल ली थी

गायत्री- अगर सब का नाश्ता और बाते हो गई हो तो चलो श्वेता को कुछ रस्मे करनी है वो अपने मायके जाए उससे पहले

उसके बाद सबने नाश्ता किया और श्वेता ने कुछ रस्मे की, श्वेता का भाई उसे लेने आया हुआ था और वो सबको बाय बोल कर उसके साथ चली गई, शेखर कल उसके मायके जाकर उसे ले आएगा।

गायत्री- रमाकांत, मैं और तुम्हारे पापा सत्संग मे जा रहे है आज संडे है तो

शिवशंकर- हा और हमारा शाम का खाना भी वही होगा तो हमारी राह मत देखना

जिसके बाद दादू दादी दोनों रेडी होने चले गए

धनंजय- मुझे और मीनाक्षी को भी अनाथालय जाना है हमेशा की तरह

रमाकांत- और आज बड़े दिनों बाद छुट्टी मिली है तो...

रमाकांत जी जानकी की ओर देखने लगे

नेहा – पापा आप और मा आज काही घूम आइए एंजॉय कीजिए

नेहा ने अपने ससुर का इशारा समझते हुए कहा और रमाकांत ने उसे आँखों से ही धन्यवाद कहा

नेहा- मा मुझे मंदिर जाना है जाऊ?

जानकी- हा हा जाओ ना बेटा तुम्हें पूछने की क्या जरूरत है, हमेशा जैसे तुम चारों चले जाओ और हा मेरे नलायाक बेटे को भी ले जाओ

जानकी ने आखरी लाइन सीढ़ियों से ऊपर जाते राघव को देख कर कही जीसपर नेहा मुस्कुरा दी वही राघव उसे घूरने लगा

शेखर- भाभी मैं चल तो लू आपके साथ लेकिन आपका खदूस पति चाहता है के मैं मीटिंग अटेन्ड करू, आज बताओ छुट्टी के दिन काम करवा रहे मेरे से आप बात करो ना भाई से

शेखर ने नेहा को मस्का मारने की कोशिश की वही रघाव ने इन भाभी देवर की बाते सुन ली और बोला

राघव- सोचना भी मत शेखर कोई बहाना नहीं चलेगा तुम पहले ही बहुत छुट्टी ले चुके हो सीधा ऑफिस के लिए निकलो चलो

रिद्धि- भाभी हम भी नही आ पाएंगे इग्ज़ैम आ रहे है, मुझे और विवेक को लाइब्रेरी जाना है इग्ज़ैम के चलते कॉलेज मे संडे को भी लाइब्रेरी ओपन रखी है कुछ बुक्स लानी वरना हम ये चांस नहीं छोड़ते , सॉरी भाभी

नेहा- अरे उसमे सॉरी क्या जाओ तुम लोग

शेखर- भाभी मैं वादा करता हु जल्दी आ जाऊंगा बस तब तक भगवान आपको इस जालिम आदमी को सहने की शक्ति दे

शेखर ने राघव को देखते हुए कहा जो सीढ़ियों पर खड़े होकर ये नौटंकी देख रहा था

विवेक- भाभी पक्का जाए न हम आप जाएंगी भाई के साथ?

विवेक के सवाल पर नेहा ने हा मे गर्दन हिला दी

मीनाक्षी- वो राघव के साथ जा रही है किसी माफिया डॉन के साथ नहीं जो तुम लोग ऐसा कर रहे हो

मीनाक्षी ने विवेक रिद्धि और शेखर से कहा और जब सब लोग अपने अपने काम पर निकल गए तब नेहा ने राघव को देखा जो उसी को देख रहा था

नेहा- आइ एम सॉरी

नेहा ने नीचे देखते हुए कहा

राघव- क्यू?

नेहा- वो सुबह के लिए और फिर नाश्ते के वक्त...

इसके आगे नेहा से कुछ नहीं बोला गया

नेहा- आप चिंता मत करो मैं चली जाऊँगी आपको आने की जरूरत नहीं है मैं किसी को कुछ नाही कहूँगी

नेहा ने नर्वसली कहा

राघव - तयार हो जाओ मैं अपनी मा की बात नही टालता

राघव ने कहा और मूड कर रूम मे जाने लगा और जाते जाते रुका फिर बगैर मुड़े बोला

राघव- और हर बात के लिए सॉरी कहना बंद करो

जिसके बाद राघव अपने रूम मे चला गया और नेहा शॉक मे वही खड़ी रही ये सोचते हुए के ‘राघव को क्या हुआ है’ क्यूके उसका ऐसा बिहेवियर नॉर्मल नही था

तयार होकर नेहा और राघव भगवान राम के मंदिर जाने निकले

दोनों सारे रास्ते शांत थे लेकिन ये शांति नेहा से सहन नहीं हो रही थी लेकिन कुछ बोलने मे भी डर लग रहा था, जब वो लोग पहुच गए तब गाड़ी से उतर कर राघव बोला

राघव- चलो वहा से पूजा की थाली ले लेते है

राघव ने मंदिर के पास बनी एक बड़ी दुकान की ओर इशारा किया

नेहा- रुकिए.. मतलब वहा से क्यू यही से ले लेते है न इन लोगों की भी मदद हो जाएगी

नेहा ने एक छोटी की दुकान को देखते हुए कहा जिसके बाद वो उस दुकान मे चली गई और पूजा के लिए जरूरी चीजे लेकर वो दोनों मंदिर मे आए

नेहा ने पूजा की थाली पंडित जी को दे दी जिसे पंडित जी ने भी मुस्कुराकर लिया और बादमे पंडित जी ने आकर उन दोनों को प्रसाद दिया और कुछ ऐसा कहा जिससे राघव को एक झटका लगा...

ऐसा क्या कहा था पंडित जी ने जिसे सुन राघव शॉक हो गया??

जानेंगे अगले अपडेट मे तब तक कमेंट्स आते रहने चाहिए मुझे नहीं पता कैसे बस कमेंट्स चाहिए और वो भी भरपूर

क्रमश:
 

paarth milf lover

I m a big big milf and shayari lover💕♥️
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Update 9



कुछ समय बाद परिवार के सभी लोग घर मे बने मंदिर मे सुबह की आरती के लिए इकट्ठा हो रहे थे आज संडे का दिन था तो किसी को काम पर जाने की कोई जल्दी नहीं थी।

विवेक- गुड मॉर्निंग भाभीलोंग

विवेक ने वहा खड़ी नेहा और श्वेता के बीच मे आकार खड़े होते हुए कहा

नेहा- गुड मॉर्निंग

नेहा ने विवेक की नाक खीच ली

शेखर- ओहो आज तो भाभी का मूड बड़ा अच्छा लग रहा है

राघव - ऐसा कह सकते है!

राघव ने पीछे से आते हुए शेखर की बात का समर्थन किया और नेहा को देखने लगा और नेहा नीचे देखने लगी

विवेक- हेनजी!

राघव- मतलब वो ऐसे कभी बिहेव नहीं करती ना

रिद्धि- भाई आपको ना कुछ नही पता आप घर पर ही कहा होते हो जो आपको भाभी का मस्ती वाला मूड पता हो भाभी को जानने के लिए पहले उसके साथ रहा तो कीजिए

रिद्धि ने कहा जिसपर ‘वो कभी होते ही तो नहीं है’ ये ख्याल नेहा के दिमाग मे आया और उसका चेहरा उतर गया और राघव बराबर नेहा के उतरे चेहरे का रीज़न समझ गया वो अच्छे से जानता था के नेहा को चेहरा क्यू उतरा और इसका रीज़न वो खुद था इसीलिए वो वहा से बगैर कुछ बोले चला गया

गायत्री- चलो सब लोग आरती के लिए आ जाओ आज चूंकि सब लोग है घर मे तो सब अपने अपने जोड़े के साथ आरती करेंगे

जिसके बाद गायत्री और शिवशंकर जी ने आरती शुरू की उनके बाद रमाकांत-जानकी, धनंजय- मीनाक्षी, विवेक, रिद्धि और श्वेता- शेखर

श्वेता ने आरती की थाली नेहा को दी और राघव उसके करीब आया और उसने प्लेट को छुआ और प्लेट को पकड़ते हुए उसका हाथ नेहा के हाथ को टच किया और वो हल्का सा स्पर्श नेहा के दिल की धड़कन बढ़ाने के लिए काफी था, नेहा ने उसकी तरफ देखा, वो भगवान की मूर्ति की तरफ देख रहा था जिसके बाद नेहा ने भी अपना ध्यान आरती मे लगाया

भगवानजी मैंने आपसे कभी कुछ नाही मांगा है आपने मुझे बिन मांगे ही सबकुछ दिया है लेकिन आज मांगती हु मेरे परिवार को हमेशा खुश रखना और इनकी सारी परेशानिया दूर करना’ नेहा ने आंखे बंद करके भगवान से प्रार्थना की और राघव बस उसे देखता रहा (क्या ही सही लड़की है bc पत्थर को समान मान रही 🥲)

भगवान मेरे परिवार को हमेशा सुरक्षित और खुश रखना, मेरे पूरे परिवार को’ राघव ने मन ही मन भगवान से कहा और आखरी शब्द उसने नेहा को देखते हुए कहे (चलो कुछ तो अकाल आई इसको)

उसके बाद नेहा ने घर के सभी लोगों को आरती दी और पूजा की थाली मंदिर मे रख दी जिसके बाद सभी लोग नाश्ते के लिए डाइनिंग टेबल पर आ गए सबने अपने हाथ से अपना अपना नाश्ता लेना शुरू किया सिर्फ नेहा ने राघव की प्लेट मे नाश्ता परोसा फिर खुद लिया

रिद्धि- मॉम प्लीज किसी से कह कर नेहा भाभी का रूम क्लीन करवा दीजिए उनके रूम मे बहुत चूहे हो गए है और भाभी को उनसे डर लगता है

रिद्धि ने नाश्ता करते हुए ये बात छेड़ी जिससे नेहा का निवाला उसक मुह मे ही अटक गया और उसे ठस्का लगा और वो रिद्धि को देखने लगी

मीनाक्षी- अरे बेटा आराम से खाओ

रिद्धि - भाभी ठीक हो आप?

रिद्धि ने चिंता से पूछा जिसपर नेहा ने हा मे गर्दन हिलाई

जानकी- हा ठीक है मैं करवा दूँगी लेकिन चूहा आया कहा से हमारे घर मे तो चूहे नहीं है

विवेक- अरे भाभी ने कल भी देखा था एक चूहे को

और विवेक की बात सुन कर राघव कन्फर्म हो गया के ये लोग किस चूहे की बात कर रहे है, उसने एक बार नेहा को देखा जो नर्वसली इस बातचित को सुन रही थी

रिद्धि- हा पर आज वाला चूहा बड़ा था

रिद्धि ने विवेक से कहा जिसपर राघव ने जूस का घूट लेते हुए नेहा को देखा

शेखर- सिम्पल है न चूहे मारने वाली दावा छिड़क दो रूम मे उसमे क्या है चूहा मर जाएगा

और अब जूस गले मे अटकने की बारी राघव की थी क्युकी चूहा कौन है ये वो जानता था और यहा तो उसी का भाई उसे मारने की प्लैनिंग कर रहा था लेकिन राघव ने कुछ नहीं कहा वो बस नेहा को देखता रहा और नेहा ‘मर गई’’ वाला लुक लिए वहा बैठी रही

रमाकांत- बेटा अगर तुम चूहों से इतना डरती हो तो राघव से कहना चाहिए था ना वो उसे बाहर निकाल देता

अब अपने आपको अपने ही रूम से बाहर कैसे निकलू’ राघव धीमे से पुटपुटाया जिसे नेहा ने सुन लिया और राघव वापिस नेहा को देखने लगा के अब वो इसपे क्या बहाना बनाती है पर वो कुछ कहती इससे पहले धनंजय बोल पड़े

धनंजय- राघव को तो ये बात पता होगी न भाईसाब, क्यू राघव तुम्हें नहीं पता था तुम्हारे रूम मे एक चूहा है ?

राघव- मुझे तो नही दिखा चाचू इसीलिए मैं किसी से कहने वाला था लेकीन रिद्धि ने बात छेड दी

राघव ने नेहा को देखने हुए कहा और उसका रिएक्शन देखने लगा वही नेहा ने एक राहत की सास ली के राघव ने बात संभाल ली थी

गायत्री- अगर सब का नाश्ता और बाते हो गई हो तो चलो श्वेता को कुछ रस्मे करनी है वो अपने मायके जाए उससे पहले

उसके बाद सबने नाश्ता किया और श्वेता ने कुछ रस्मे की, श्वेता का भाई उसे लेने आया हुआ था और वो सबको बाय बोल कर उसके साथ चली गई, शेखर कल उसके मायके जाकर उसे ले आएगा।

गायत्री- रमाकांत, मैं और तुम्हारे पापा सत्संग मे जा रहे है आज संडे है तो

शिवशंकर- हा और हमारा शाम का खाना भी वही होगा तो हमारी राह मत देखना

जिसके बाद दादू दादी दोनों रेडी होने चले गए

धनंजय- मुझे और मीनाक्षी को भी अनाथालय जाना है हमेशा की तरह

रमाकांत- और आज बड़े दिनों बाद छुट्टी मिली है तो...

रमाकांत जी जानकी की ओर देखने लगे

नेहा – पापा आप और मा आज काही घूम आइए एंजॉय कीजिए

नेहा ने अपने ससुर का इशारा समझते हुए कहा और रमाकांत ने उसे आँखों से ही धन्यवाद कहा

नेहा- मा मुझे मंदिर जाना है जाऊ?

जानकी- हा हा जाओ ना बेटा तुम्हें पूछने की क्या जरूरत है, हमेशा जैसे तुम चारों चले जाओ और हा मेरे नलायाक बेटे को भी ले जाओ

जानकी ने आखरी लाइन सीढ़ियों से ऊपर जाते राघव को देख कर कही जीसपर नेहा मुस्कुरा दी वही राघव उसे घूरने लगा

शेखर- भाभी मैं चल तो लू आपके साथ लेकिन आपका खदूस पति चाहता है के मैं मीटिंग अटेन्ड करू, आज बताओ छुट्टी के दिन काम करवा रहे मेरे से आप बात करो ना भाई से

शेखर ने नेहा को मस्का मारने की कोशिश की वही रघाव ने इन भाभी देवर की बाते सुन ली और बोला

राघव- सोचना भी मत शेखर कोई बहाना नहीं चलेगा तुम पहले ही बहुत छुट्टी ले चुके हो सीधा ऑफिस के लिए निकलो चलो

रिद्धि- भाभी हम भी नही आ पाएंगे इग्ज़ैम आ रहे है, मुझे और विवेक को लाइब्रेरी जाना है इग्ज़ैम के चलते कॉलेज मे संडे को भी लाइब्रेरी ओपन रखी है कुछ बुक्स लानी वरना हम ये चांस नहीं छोड़ते , सॉरी भाभी

नेहा- अरे उसमे सॉरी क्या जाओ तुम लोग

शेखर- भाभी मैं वादा करता हु जल्दी आ जाऊंगा बस तब तक भगवान आपको इस जालिम आदमी को सहने की शक्ति दे

शेखर ने राघव को देखते हुए कहा जो सीढ़ियों पर खड़े होकर ये नौटंकी देख रहा था

विवेक- भाभी पक्का जाए न हम आप जाएंगी भाई के साथ?

विवेक के सवाल पर नेहा ने हा मे गर्दन हिला दी

मीनाक्षी- वो राघव के साथ जा रही है किसी माफिया डॉन के साथ नहीं जो तुम लोग ऐसा कर रहे हो

मीनाक्षी ने विवेक रिद्धि और शेखर से कहा और जब सब लोग अपने अपने काम पर निकल गए तब नेहा ने राघव को देखा जो उसी को देख रहा था

नेहा- आइ एम सॉरी

नेहा ने नीचे देखते हुए कहा

राघव- क्यू?

नेहा- वो सुबह के लिए और फिर नाश्ते के वक्त...

इसके आगे नेहा से कुछ नहीं बोला गया

नेहा- आप चिंता मत करो मैं चली जाऊँगी आपको आने की जरूरत नहीं है मैं किसी को कुछ नाही कहूँगी

नेहा ने नर्वसली कहा

राघव - तयार हो जाओ मैं अपनी मा की बात नही टालता

राघव ने कहा और मूड कर रूम मे जाने लगा और जाते जाते रुका फिर बगैर मुड़े बोला

राघव- और हर बात के लिए सॉरी कहना बंद करो

जिसके बाद राघव अपने रूम मे चला गया और नेहा शॉक मे वही खड़ी रही ये सोचते हुए के ‘राघव को क्या हुआ है’ क्यूके उसका ऐसा बिहेवियर नॉर्मल नही था

तयार होकर नेहा और राघव भगवान राम के मंदिर जाने निकले

दोनों सारे रास्ते शांत थे लेकिन ये शांति नेहा से सहन नहीं हो रही थी लेकिन कुछ बोलने मे भी डर लग रहा था, जब वो लोग पहुच गए तब गाड़ी से उतर कर राघव बोला

राघव- चलो वहा से पूजा की थाली ले लेते है

राघव ने मंदिर के पास बनी एक बड़ी दुकान की ओर इशारा किया

नेहा- रुकिए.. मतलब वहा से क्यू यही से ले लेते है न इन लोगों की भी मदद हो जाएगी

नेहा ने एक छोटी की दुकान को देखते हुए कहा जिसके बाद वो उस दुकान मे चली गई और पूजा के लिए जरूरी चीजे लेकर वो दोनों मंदिर मे आए

नेहा ने पूजा की थाली पंडित जी को दे दी जिसे पंडित जी ने भी मुस्कुराकर लिया और बादमे पंडित जी ने आकर उन दोनों को प्रसाद दिया और कुछ ऐसा कहा जिससे राघव को एक झटका लगा...

ऐसा क्या कहा था पंडित जी ने जिसे सुन राघव शॉक हो गया??

जानेंगे अगले अपडेट मे तब तक कमेंट्स आते रहने चाहिए मुझे नहीं पता कैसे बस कमेंट्स चाहिए और वो भी भरपूर

क्रमश:
भाई एक और लाजवाब अपडेट।।। रोज़ आपके अपडेट का इंतजार होने लगा है अब।।। एक कतरा इश्क की तरह👍😍
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
20,911
44,587
259
Update 9



कुछ समय बाद परिवार के सभी लोग घर मे बने मंदिर मे सुबह की आरती के लिए इकट्ठा हो रहे थे आज संडे का दिन था तो किसी को काम पर जाने की कोई जल्दी नहीं थी।

विवेक- गुड मॉर्निंग भाभीलोंग

विवेक ने वहा खड़ी नेहा और श्वेता के बीच मे आकार खड़े होते हुए कहा

नेहा- गुड मॉर्निंग

नेहा ने विवेक की नाक खीच ली

शेखर- ओहो आज तो भाभी का मूड बड़ा अच्छा लग रहा है

राघव - ऐसा कह सकते है!

राघव ने पीछे से आते हुए शेखर की बात का समर्थन किया और नेहा को देखने लगा और नेहा नीचे देखने लगी

विवेक- हेनजी!

राघव- मतलब वो ऐसे कभी बिहेव नहीं करती ना

रिद्धि- भाई आपको ना कुछ नही पता आप घर पर ही कहा होते हो जो आपको भाभी का मस्ती वाला मूड पता हो भाभी को जानने के लिए पहले उसके साथ रहा तो कीजिए

रिद्धि ने कहा जिसपर ‘वो कभी होते ही तो नहीं है’ ये ख्याल नेहा के दिमाग मे आया और उसका चेहरा उतर गया और राघव बराबर नेहा के उतरे चेहरे का रीज़न समझ गया वो अच्छे से जानता था के नेहा को चेहरा क्यू उतरा और इसका रीज़न वो खुद था इसीलिए वो वहा से बगैर कुछ बोले चला गया

गायत्री- चलो सब लोग आरती के लिए आ जाओ आज चूंकि सब लोग है घर मे तो सब अपने अपने जोड़े के साथ आरती करेंगे

जिसके बाद गायत्री और शिवशंकर जी ने आरती शुरू की उनके बाद रमाकांत-जानकी, धनंजय- मीनाक्षी, विवेक, रिद्धि और श्वेता- शेखर

श्वेता ने आरती की थाली नेहा को दी और राघव उसके करीब आया और उसने प्लेट को छुआ और प्लेट को पकड़ते हुए उसका हाथ नेहा के हाथ को टच किया और वो हल्का सा स्पर्श नेहा के दिल की धड़कन बढ़ाने के लिए काफी था, नेहा ने उसकी तरफ देखा, वो भगवान की मूर्ति की तरफ देख रहा था जिसके बाद नेहा ने भी अपना ध्यान आरती मे लगाया

भगवानजी मैंने आपसे कभी कुछ नाही मांगा है आपने मुझे बिन मांगे ही सबकुछ दिया है लेकिन आज मांगती हु मेरे परिवार को हमेशा खुश रखना और इनकी सारी परेशानिया दूर करना’ नेहा ने आंखे बंद करके भगवान से प्रार्थना की और राघव बस उसे देखता रहा (क्या ही सही लड़की है bc पत्थर को समान मान रही 🥲)

भगवान मेरे परिवार को हमेशा सुरक्षित और खुश रखना, मेरे पूरे परिवार को’ राघव ने मन ही मन भगवान से कहा और आखरी शब्द उसने नेहा को देखते हुए कहे (चलो कुछ तो अकाल आई इसको)

उसके बाद नेहा ने घर के सभी लोगों को आरती दी और पूजा की थाली मंदिर मे रख दी जिसके बाद सभी लोग नाश्ते के लिए डाइनिंग टेबल पर आ गए सबने अपने हाथ से अपना अपना नाश्ता लेना शुरू किया सिर्फ नेहा ने राघव की प्लेट मे नाश्ता परोसा फिर खुद लिया

रिद्धि- मॉम प्लीज किसी से कह कर नेहा भाभी का रूम क्लीन करवा दीजिए उनके रूम मे बहुत चूहे हो गए है और भाभी को उनसे डर लगता है

रिद्धि ने नाश्ता करते हुए ये बात छेड़ी जिससे नेहा का निवाला उसक मुह मे ही अटक गया और उसे ठस्का लगा और वो रिद्धि को देखने लगी

मीनाक्षी- अरे बेटा आराम से खाओ

रिद्धि - भाभी ठीक हो आप?

रिद्धि ने चिंता से पूछा जिसपर नेहा ने हा मे गर्दन हिलाई

जानकी- हा ठीक है मैं करवा दूँगी लेकिन चूहा आया कहा से हमारे घर मे तो चूहे नहीं है

विवेक- अरे भाभी ने कल भी देखा था एक चूहे को

और विवेक की बात सुन कर राघव कन्फर्म हो गया के ये लोग किस चूहे की बात कर रहे है, उसने एक बार नेहा को देखा जो नर्वसली इस बातचित को सुन रही थी

रिद्धि- हा पर आज वाला चूहा बड़ा था

रिद्धि ने विवेक से कहा जिसपर राघव ने जूस का घूट लेते हुए नेहा को देखा

शेखर- सिम्पल है न चूहे मारने वाली दावा छिड़क दो रूम मे उसमे क्या है चूहा मर जाएगा

और अब जूस गले मे अटकने की बारी राघव की थी क्युकी चूहा कौन है ये वो जानता था और यहा तो उसी का भाई उसे मारने की प्लैनिंग कर रहा था लेकिन राघव ने कुछ नहीं कहा वो बस नेहा को देखता रहा और नेहा ‘मर गई’’ वाला लुक लिए वहा बैठी रही

रमाकांत- बेटा अगर तुम चूहों से इतना डरती हो तो राघव से कहना चाहिए था ना वो उसे बाहर निकाल देता

अब अपने आपको अपने ही रूम से बाहर कैसे निकलू’ राघव धीमे से पुटपुटाया जिसे नेहा ने सुन लिया और राघव वापिस नेहा को देखने लगा के अब वो इसपे क्या बहाना बनाती है पर वो कुछ कहती इससे पहले धनंजय बोल पड़े

धनंजय- राघव को तो ये बात पता होगी न भाईसाब, क्यू राघव तुम्हें नहीं पता था तुम्हारे रूम मे एक चूहा है ?

राघव- मुझे तो नही दिखा चाचू इसीलिए मैं किसी से कहने वाला था लेकीन रिद्धि ने बात छेड दी

राघव ने नेहा को देखने हुए कहा और उसका रिएक्शन देखने लगा वही नेहा ने एक राहत की सास ली के राघव ने बात संभाल ली थी

गायत्री- अगर सब का नाश्ता और बाते हो गई हो तो चलो श्वेता को कुछ रस्मे करनी है वो अपने मायके जाए उससे पहले

उसके बाद सबने नाश्ता किया और श्वेता ने कुछ रस्मे की, श्वेता का भाई उसे लेने आया हुआ था और वो सबको बाय बोल कर उसके साथ चली गई, शेखर कल उसके मायके जाकर उसे ले आएगा।

गायत्री- रमाकांत, मैं और तुम्हारे पापा सत्संग मे जा रहे है आज संडे है तो

शिवशंकर- हा और हमारा शाम का खाना भी वही होगा तो हमारी राह मत देखना

जिसके बाद दादू दादी दोनों रेडी होने चले गए

धनंजय- मुझे और मीनाक्षी को भी अनाथालय जाना है हमेशा की तरह

रमाकांत- और आज बड़े दिनों बाद छुट्टी मिली है तो...

रमाकांत जी जानकी की ओर देखने लगे

नेहा – पापा आप और मा आज काही घूम आइए एंजॉय कीजिए

नेहा ने अपने ससुर का इशारा समझते हुए कहा और रमाकांत ने उसे आँखों से ही धन्यवाद कहा

नेहा- मा मुझे मंदिर जाना है जाऊ?

जानकी- हा हा जाओ ना बेटा तुम्हें पूछने की क्या जरूरत है, हमेशा जैसे तुम चारों चले जाओ और हा मेरे नलायाक बेटे को भी ले जाओ

जानकी ने आखरी लाइन सीढ़ियों से ऊपर जाते राघव को देख कर कही जीसपर नेहा मुस्कुरा दी वही राघव उसे घूरने लगा

शेखर- भाभी मैं चल तो लू आपके साथ लेकिन आपका खदूस पति चाहता है के मैं मीटिंग अटेन्ड करू, आज बताओ छुट्टी के दिन काम करवा रहे मेरे से आप बात करो ना भाई से

शेखर ने नेहा को मस्का मारने की कोशिश की वही रघाव ने इन भाभी देवर की बाते सुन ली और बोला

राघव- सोचना भी मत शेखर कोई बहाना नहीं चलेगा तुम पहले ही बहुत छुट्टी ले चुके हो सीधा ऑफिस के लिए निकलो चलो

रिद्धि- भाभी हम भी नही आ पाएंगे इग्ज़ैम आ रहे है, मुझे और विवेक को लाइब्रेरी जाना है इग्ज़ैम के चलते कॉलेज मे संडे को भी लाइब्रेरी ओपन रखी है कुछ बुक्स लानी वरना हम ये चांस नहीं छोड़ते , सॉरी भाभी

नेहा- अरे उसमे सॉरी क्या जाओ तुम लोग

शेखर- भाभी मैं वादा करता हु जल्दी आ जाऊंगा बस तब तक भगवान आपको इस जालिम आदमी को सहने की शक्ति दे

शेखर ने राघव को देखते हुए कहा जो सीढ़ियों पर खड़े होकर ये नौटंकी देख रहा था

विवेक- भाभी पक्का जाए न हम आप जाएंगी भाई के साथ?

विवेक के सवाल पर नेहा ने हा मे गर्दन हिला दी

मीनाक्षी- वो राघव के साथ जा रही है किसी माफिया डॉन के साथ नहीं जो तुम लोग ऐसा कर रहे हो

मीनाक्षी ने विवेक रिद्धि और शेखर से कहा और जब सब लोग अपने अपने काम पर निकल गए तब नेहा ने राघव को देखा जो उसी को देख रहा था

नेहा- आइ एम सॉरी

नेहा ने नीचे देखते हुए कहा

राघव- क्यू?

नेहा- वो सुबह के लिए और फिर नाश्ते के वक्त...

इसके आगे नेहा से कुछ नहीं बोला गया

नेहा- आप चिंता मत करो मैं चली जाऊँगी आपको आने की जरूरत नहीं है मैं किसी को कुछ नाही कहूँगी

नेहा ने नर्वसली कहा

राघव - तयार हो जाओ मैं अपनी मा की बात नही टालता

राघव ने कहा और मूड कर रूम मे जाने लगा और जाते जाते रुका फिर बगैर मुड़े बोला

राघव- और हर बात के लिए सॉरी कहना बंद करो

जिसके बाद राघव अपने रूम मे चला गया और नेहा शॉक मे वही खड़ी रही ये सोचते हुए के ‘राघव को क्या हुआ है’ क्यूके उसका ऐसा बिहेवियर नॉर्मल नही था

तयार होकर नेहा और राघव भगवान राम के मंदिर जाने निकले

दोनों सारे रास्ते शांत थे लेकिन ये शांति नेहा से सहन नहीं हो रही थी लेकिन कुछ बोलने मे भी डर लग रहा था, जब वो लोग पहुच गए तब गाड़ी से उतर कर राघव बोला

राघव- चलो वहा से पूजा की थाली ले लेते है

राघव ने मंदिर के पास बनी एक बड़ी दुकान की ओर इशारा किया

नेहा- रुकिए.. मतलब वहा से क्यू यही से ले लेते है न इन लोगों की भी मदद हो जाएगी

नेहा ने एक छोटी की दुकान को देखते हुए कहा जिसके बाद वो उस दुकान मे चली गई और पूजा के लिए जरूरी चीजे लेकर वो दोनों मंदिर मे आए

नेहा ने पूजा की थाली पंडित जी को दे दी जिसे पंडित जी ने भी मुस्कुराकर लिया और बादमे पंडित जी ने आकर उन दोनों को प्रसाद दिया और कुछ ऐसा कहा जिससे राघव को एक झटका लगा...

ऐसा क्या कहा था पंडित जी ने जिसे सुन राघव शॉक हो गया??

जानेंगे अगले अपडेट मे तब तक कमेंट्स आते रहने चाहिए मुझे नहीं पता कैसे बस कमेंट्स चाहिए और वो भी भरपूर

क्रमश:
ये तो मुझे प्लानिंग लग रही है दोनो को साथ भेजने की। बढ़िया अपडेट।

देखते है की पंडित जी ने क्या कहा ऐसा की राघव चौंक गया!
 
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