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Update 8
अगली सुबह
अलार्म मे घनघनाने की आवाज से राघव की नींद खुली और वो उठ कर बैठा, पूरी आंखे खोलने के बाद उसने अपने बाजू मे बेड पर देखा तो उसका चेहरा उतर गया, उसके बाजू का बेड का साइड खाली था नेहा वहा नहीं थी।
(पहले खुद इग्नोर करो फिर वो क्यू नहीं है इसपे चेहरा भी उतारो, हिपाक्रसी की भी सीमा होती है राघव बाबू)
इस वक्त सुबह के 5 बज रहे थे और जहा तक राघव नेहा को जानता था वो सुबह 5 बजे नही उठती थी राघव ने अपने रूम मे इधर उधर नजरे घुमाई तो पाया के बालकनी का दरवाजा खुला है वो बेड से उठा और बालकनी मे जाकर देखा तो नेहा वहा सोई हई थी,
‘इसको अचानक क्या हो गया? अब क्या मैडम मेरे साथ बेड भी शेयर नहीं कर सकती?’ (जैसे तुमको तो रहना ही है उसके साथ) राघव के दिमाग मे खयाल आया लेकिन वो कुछ नही बोला, उसने अपना सर झटका और रूम से बाहर चला आया जिम करने
यहा नेहा को बालकनी मे सोते सोते थोड़ी गर्मी लगने लगी जिससे उसकी आंखे खुल गई और उठकर जब उसने अपने आजू बाजू देखा तो पाया के वो रात को आसमान मे सितारे देखते हुए बालकनी मे ही सो गई थी, नेहा रूम मे आई और उसने घड़ी को देखा तो पाया के अभी उसके उठने का समय नहीं हुआ था इसीलिए वो वापिस बेड पर जाकर सो गई बगैर किसी बात की चिंता करे, नेहा को अपनी नींद से बहुत प्यार था लेकिन ये बात वो कभी मानती नहीं थी।
कुछ समय बाद..
राघव जिम से वर्काउट करके लौट रहा था और अपने रूम की ओर जा रहा था तब उसकी मा ने उसे रोका
जानकी- राघव रूम मे ही जा रहे हो ना?
राघव- हा मॉम! कुछ चाहिए आपको?
जानकी- नहीं बस नेहा को नींद से जगा देना उसने मुझसे उसे जल्दी जगाने कहा था वो आज श्वेता उसके मायके जा रही है न तो उसे बाय करने के लिए
राघव- दुनिया मे बहुत सालों पहले अलार्म का आविष्कार हो चुका है मॉम और इस काम के लिए उसने आपसे कहा?
जानकी- हा पर नेहा को नींद से जगाना अलार्म के बस का नहीं है या तो कोई उसे नींद से जगाए या वो खुद के हमेशा के टाइम पर ही उठेगी
ये नेहा के बारे मे एक नई जानकारी थी जो आज राघव को पता चली थी राघव ने हा मे गर्दन हिलाई और अपने रूम मे चला आया और जब वो रूम मे पहुचा तो उसने देखा के अब नेहा रूम मे आकर बेड पर सो रही थी तो राघव उसके पास आया
‘वेट! इसको जगाऊ कैसे अब?’
‘सुनो! ना ना ये सही नही लगेगा कुछ और सोचना पड़ेगा राघव’
‘हैलो? ना ये भी नाही’
'हा एक काम करता हु इसके नाम से ही उठता हु लेकिन मैंने कभी इसके पहले उससे बात भी नहीं की है’
राघव का दिमाग सोच मे डूबा हुआ था के नेहा को कैसे जगाए क्या बुलाए उसे और आखिर मे उसने उसे उसका नाम पुकारके उठाने की ठानी (वाह! अपनी की बीवी को कैसे बुलाए इसपर दिमाग खपाया जा रहा है)
राघव- न..नेहा
‘अबे जोर से बोल और हकला मत’
राघव- नेहा!
राघव ने थोड़ा जोर से कहा लेकिन नेहा अपनी जगह से एक इंच भी नहीं हिली, राघव ने रजाई खीचनी चाही लेकिन नेहा ने उसे कस के पकड़ा हुआ था राघव ने रजाई को अपनी ओर खींच कर निकालने की कोशिश की लेकिन नेहा ने नींद मे ही उसे वापिस अपने ऊपर खीच लिया और राघव बस उसे देखता ही रहा
राघव- नेहा उठ जाओ देखो लेट हो रहा है, तुम्हें श्वेता को सीऑफ करना था ना?
राघव ने एक और बार कोशिश की जिसपर
नेहा- बस 5 मिनट
उनींदी आवाज मे नेहा ने इतना कहा और वापिस सो गई, उसे वो क्या कर रही है क्या बोल रही है इसकी खबर भी नहीं थी
‘मॉम सही कह रही थी इसके बारे मे’ राघव ने मन मे सोचा
राघव- हे नेहा बहुत हुआ अब उठ जाओ
इतना बोल कर राघव ने पूरी रजाई खीच ली
नेहा- मैं नही उठने वाली जो करना है कर लो!
नेहा ने अपनी उसी उनींदी आवाज मे चीख कर कहा और वापिस सो गई और राघव बस उसे आंखे फाड़े देखता रहा, किसीने आज तक उसके साथ उची आवाज मे बात नही की थी और ये उसपर नींद मे ही सही लेकिन चिल्लाई थी
राघव- वापिस आकार सो जाना अब उठो
राघव ने नेहा का हाथ पकड़ कर उसे बेड पर बैठाते हुए कहा जिससे इरिटैट होकर नेहा ने एक तकिया उठाया और उसे सीधा राघव के मुह पर दे मारा और वापिस बेड पर गिर गई लेकिन आंखे उसकी अब भी बंद थी
बस अब बहुत हो गया था अब तो नेहा ने खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मार ली थी उसने ग्रेट राघव देशपांडे के मुह पे तकिया दे मारा था
राघव- ए पागल लड़की अभी के अभी बेड से नीचे उतरो!
राघव चिल्लाया लेकिन गेस करो क्या हुआ होगा,
राघव के चिल्लाने का नेहा पर कोई असर नहीं हुआ और वो वैसी ही सोई रही और उसको ऐसे देखते हुए अब राघव को गुस्सा आने लगा था और वो सीधा बाथरूम की तरफ गया और वहा से एक पानी की बाल्टी ले आया और पूरी पानी से भरी बाल्टी उसने नेहा पर उड़ेल दी जिससे नेहा हड़बड़ाकर उठी
नेहा- सुनामी! सुनामी! मेरा फोन कहा है... मेरा फोन!!
नेहा बेड से उठी और चिल्लाने लगी वही राघव अपने हाथ बांधे उसे देख रहा था और जब नेहा को होश आया और उसके ध्यान मे आया के कोई सुनामी नहीं है तो उसने रूम मे देखा और पाया के राघव उसे घूर रहा था और राघव के हाथ मे पानी की बाल्टी थी
नेहा- ये कोई तरीका है किसी को जगाने का?
नेहा ने धीमी आवाज मे पूछा और राघव अविश्वास से उसे देखने लगा, ये वही लड़की थी जो नींद मे उसपर चिल्लाए जा रही थी, उसके मुह पर तकिया फेक रही थी और अब इतना धीमे बात कर रही थी के इसपर यकीन होना मुश्किल था
राघव- पागल लड़की मैं तुम्हें पिछले 20 मीनट से जगा रहा था और तुम पुछ रही हो ये क्या तरीका है अरे मैं पूछता हु सोने का ये कौनसा तरीका है?
नेहा- झूठ मत बोलिए मैं एक आवाज मे ही उठ जाती हु
नेहा ने कॉन्फिडेंट बनते हुए कहा और राघव बस उसे चुप चाप देखता रहा
राघव- वो तकिया दिख रहा है तुम्हें ?
राघव ने उस तकिया की तरफ इशारा किया जो नेहा ने उसे मारा था और जो अभी फर्श पर पड़ा था, नेहा ने उसे देखते हुए हा मे गर्दन हिलाई
राघव- वो तुमने फेका है।
नेहा- तो??
राघव- मेरे मुह पे !
नेहा- ओह... हैं..! क्या??
राघव- हा तुम... तुम किसी नशे मे धुत आदमी जैसा बिहेव कर रही थी, नहीं.. उससे भी बुरा वो भी अच्छे होते है पागल कही की
नेहा- मैं पागल नहीं हु और ना ही बेवड़ी
नेहा भी अब डिफेन्स मोड मे आ गई थी
राघव- तुम हो
नेहा- नहीं!
राघव- ओह शट उप सोच रहा हु मॉम को कैसा लगता अगर मेरी जगह वो तुम्हें जगाने आती तो
और मॉम का नाम आते ही नेहा के दिमाग की बत्ती जली के उसी ने जानकी को उसे जगाने कहा था और वो सीधे बाथरूम की ओर भागी बगैर राघव की एक बात सुने
राघव- कहा जा रही हो मेरी बात पूरी नहीं हुई अभी
राघव उसके पीछे से चिल्लाया लेकिन उसने उसे इग्नोर कर दिया
‘ये लड़की एक दिन मेरा ब्लड प्रेशर बढ़ा देगी’ राघव बड़बड़ाते हुए रूम के बाहर चला गया
कुछ समय बाद नेहा ने रेडी होकर रूम मे इधर उधर नजरे घुमा कर देखा के कही राघव वहा तो नही है, सुबह के उनके सीन के बाद वो राघव के सामने नहीं जाना चाहती थी और जब उसे राघव कही नही दिखा तो उसने राहत की सास ली और अपने आप को आईने मे देखा तभी उसे किसी के गला खखारने की आवाज आई नेहा ने थोड़ा साइड से देखा तो पाया के राघव उसे देखते हुए उसके पीछे आ रहा है
नेहा पलट कर थोड़ा पीछे जाने लगी लेकिन फिर रुक गई क्युकी इससे ज्यादा वो पीछे नहीं जा सकती थी और राघव उसके पास आए जा रहा था
नेहा- वो.. वो.. वो..
नेहा के मुह से आवाज नहीं निकल रही थी और राघव ने सवालिया नजरों से उसे देखते हुए अपनी एक भौ उठाई
वो नहीं जानती थी के क्या करना है वो उसके बेहद पास था जिससे उसके दिल की धड़कने बढ़ गई थी नेहा उसकी नजरों के बचने के लिए इधर उधर देखने लगी लेकिन राघव की इन्टेन्स नजरों से वो अपने को नहीं बचा पा रही थी
नेहा- वो.. वो वहा क्या है?
नेहा ने राघव के पीछे देखते हुए पूछा जिससे राघव ने भी पीछे पलट कर देखा की नेहा क्या कहना चाह रही है लेकिन तभी नेहा ने उसे हल्का सा धक्का दिया और वहा से जितना हो सके उतना तेज भाग ली
जब वो भागते हुए बाहर आई तो वो रिद्धि से टकरा गई
रिद्धि- भाभी क्या हुआ ऐसे भाग क्यू रही हो आप?
नेहा- वो.. वो रिद्धि...
लेकिन नेहा को कोई बहाना नहीं मिल रहा था
रिद्धि- आपने वापिस चूहा देख लिया क्या??
रिद्धि ने अंदाज लगाते हुए पूछा जिसपर नेहा ने हा मे गर्दन हिला दी
रिद्धि- भाभी उसमे इतना क्या डरना वो एक चूहा ही तो है
नेहा- ये वाला बहुत बड़ा है
नेहा ने धीमे से कहा लेकिन रिद्धि से सुन लिया
रिद्धि - बड़ा वाला! कोई ना मैं कहती हु किसी से वो चूहा ढूँढने अब चलो श्वेता भाभी का जाने का समय हो गया है उन्हे बाय भी तो करना है
जिसके बाद वो दोनों वहा से चली गई...
क्रमश:
silent readers se nivedan hai ke kripaya comments kiya kare kahani jaisi bhi bhi lag rahi ho please bataiye acchi buri I am open to app sort of comments har kisi se kuch na kuch seekhne milta hai baki update posted hai![]()


Ek he chij ki guarantee de sakte he , wo he full entertainment
