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Romance In Love.. With You... (Completed)

Adirshi

Royal कारभार 👑
Staff member
Super-Moderator
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304
Update 39



नेहा अभी घर के पीछे बने बगीचे मे कुछ काम कर थी..

नेहा- रिद्धि प्लीज वो पानी की कैन पास करना तो पौधों को पानी डालना है

नेहा ने उतरे चेहरे के साथ कहा और रिद्धि ने उसे पानी की कैन पकड़ा दी तभी वहा राघव आ गया और उसने रिद्धि को देखते ही इशारे से वहा से जाने कहा और नेहा को देखा, रिद्धि भी वहा से चली गई और अब वहा बस राघव और नेहा बचे थे और नेहा को राघव के वहा होने का कोई अंदाजा नहीं था

राघव- नेहा...

राघव ने उसे पुकारा और नेहा ने अपना काम रोक दिया

राघव- वो.. मैं...

लेकिन राघव बोलते बोलते रुक गया क्युकी नेहा उसे घूरते हुए वहा से चली गई उसे वहा अकेला छोड़ के

‘ये तो बहुत ज्यादा गुस्सा है यार कुछ भी करके इसे आज मनाना ही पड़ेगा’ राघव ने सोचा

क्या करू ? क्या करू ? क्या करू? हा गूगल से पूछ के देखता हु उसके पास कोई आइडिया होगा’

ये सोच के राघव ने अपना फोन निकाला और बीवी को मनाने के तरीके खोजने लगा लेकिन गूगल के बताए रिजल्ट्स देख कर उसका दिमाग और खराब हो गया

हट बे ये गुगल की मान ली तो बीवी की नाराजगी तो दूर नहीं होगी उल्टा कही थप्पड़ ही ना पड जाए, अब मुझे ही कुछ ना कुछ तरीका सोचना होगा’ जिसके बाद राघव वहा से नेहा को ढूँढने निकल पड़ा

राघव नेहा को मनाने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन वो उसकी कोई बात सुन ही नहीं रही थी जहा नेहा जाती राघव वहा पहुच जाता और उसके वहा आते ही नेहा वहा से चली जाती

कुछ समय बाद अपनी सारी गैंग बड़ी दादी के कमरे मे उनसे बाते करते बैठी थी और बड़ी दादी के वहा होने से नेहा वहा से जा भी नहीं सकती थी और उसे यू उतरे हुए चेहरे के साथ बैठे देख बड़ी दादी ने उससे पूछा

कुमुद- नेहा, बच्चे क्या हुआ है यू उदास लग रही हो किसी से नाराज हो क्या बेटा

बड़ी दादी ने नेहा से उनकी लड़ाई का कारण जानना चाहा और वहा बैठे राघव को देखा

नेहा- नहीं कुछ नहीं दादी जी वो बस मैं अभी एक नॉवेल पढ़ रही हु ना उसका एक कैरेक्टर है उसने गुस्सा दिलाया है मुझे बस और कुछ नहीं

नेहा ने स्माइल के साथ कहा

कुमुद- और वो किरदार तुम्हारे गुस्से से क्यू जुड़ा हुआ है ?

नेहा- वो क्या है ना दादी जी मैंने उस जैसा इडियट आज तक नहीं देखा मतलब पढ़ा है

कुमुद- ऐसा क्या कर दिया उसने??

नेहा- बड़ी दादी वो ना किसी अनजान की बातों मे आकार अपनी की वाइफ पर चिल्लाया उसे रुलाया और फिर ऐसे बताने लगा जैसे कुछ हुआ ही नहीं है

नेहा ने राघव को देखते हुए कहा वही राघव ने नजरे घुमा ली वो जानता था के नेहा का इशारा उसी की तरफ था और उसे अब नेहा पर गुस्सा करने का पछतावा हो रहा था

कुमुद- ये तो गलत बात है भई उसे अपनी बीवी पर भरोसा करना चाहिए था ना की किसी और की बातों मे आना चाहिए था अरे खाने को तो बीवी की देगी ना, भगवान का शुक्र है हमारे परिवार मे तो ऐसा कोई नहीं है, हैना राघव!!

बड़ी दादी की बात सुन राघव को और भी ज्यादा गिल्टी फ़ील होने लगा.. राघव ने नेहा से बात करने की बहुत कोशिश की लेकिन वो किसी ना किसी बहाने उससे दूर भागती रही

सारा दिन राघव नेहा के पीछे पीछे घूमता रहा उससे बात करने की कोशिश करता रहा लेकिन नेहा ने उसकी एक ना सुनी उसे बार बार हर बार नेहा के उससे दूर जाते ही ये बात सताती के उसे बगैर पूरी बात जाने सारा गुस्सा नेहा पर नहीं उतारना चाहिए था

देखते देखते दिन बीत चुका था और रात के खाने का वक्त हो गया था सब लोग साथ मे खाना खा रहे थे

नेहा- दादाजी आपको कुछ चाहिए??

नेहा ने शिवशंकर जी से पूछा वही बाकी लोग खाने मे लगे हुए थे

शिवशंकर- हा बेटा वो दाल पास करना तो जरा

जिसके बार नेहा ने दादू को दाल परोसी

राघव- मुझे भी देना

नेहा को दादू को दाल परोसता देखा राघव ने भी उसका अटेंशन पाने के लिए दाल मांगी लेकिन नेहा दादू को दाल परोसके बर्तन वहा रख के राघव को इग्नोर करते हुए किचन मे चली गई

राघव को नेहा का उसे यू इग्नोर करना बिल्कुल पसंद नहीं आ रहा था, जब भी नेहा उसे इग्नोर करती उसके दिल मे एक टीस उठती लेकिन गलती भी उसकी थी

खाना खाने के बाद अपनी सारी गैंग छत कर बैठी थी, राघव ने सोचा नेहा को मनाने का उससे बात करने का मौका मिल जाएगा लेकिन नेहा वहा आई ही नहीं ये कह कर के उसके सर मे दर्द है, राघव नेहा का मूड सही करने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन वो उसे अब भी इग्नोर कर रही थी और उतरे चेहरे के साथ राघव अपने रूम मे लौट आया और रूम मे उसने देखा के नेहा बेड कर बैठी कोई बुक पढ़ रही थी

नेहा को भी राघव के कमरे मे आने का एहसास हो गया था लेकिन उसने नजर उठा कर भी नहीं देखा और बुक मे नजरे गड़ाए रखी , राघव ने रूम का दरवाजा लॉक किया और नेहा के बाजू मे आके बैठा

राघव- सर दर्द कर रहा है ?

राघव ने प्यार से पूछा लेकिन नेहा ने कोई जवाब नहीं दिया और उससे कोई जवाब ना पाकर राघव ने जिस कीतब को वो पढ़ रही थी वो उसके हाथ से ली और इससे पहले के वो कुछ कर पाती उस बुक को उसने दूसरी साइड रख दिया और नेहा बस हाथ बांधे राघव को घूरती रही

नेहा के घूरने का राघव पर कोई असर नहीं हुआ उसने नेहा का सर अपनी गोद मे रखा वो उठने की कोशिश करने लगी लेकिन राघव उसका सर थपथपाने लगा ताकि वो रीलैक्स करे

राघव- मैं जानता हु तुम नाराज हो बहुत नाराज हो लेकिन बस एक बार मेरी बात तो सुन लो

राघव ने प्यार से आराम से कहा और नेहा ने उसका हाथ पकड़ उसे रुकने कहा और वहा से उठ ओर उसे इग्नोर करके जाने लगी लेकिन राघव ने उसका हाथ पकड़ के उसे वापिस बीठा लिया

राघव- मैं मानता हु मुझसे गलती हुई है , मुझे किसी भी नतीजे पर पहुचने से पहले तुमसे बात करनी चाहिए थी लेकिन मैं हमारी रीलेशनशिप की ग्रोथ से बहुत खुश था और फिर उसने अचानक वो कह दिया तो मैं गुस्से पर काबू नहीं कर पाया, मेरे लिए किसी पर भी यकीन कर पाना बहुत मुश्किल है लेकिन तुमपर मुझे पूरा यकीन है और वो सब सुनकर मुझे लगा के तुम्हें मुझपर एतबार नहीं और मैं वो सब कह बैठा

राघव ने नेहा को समझाया वही नेहा की आँख से आँसू गिरा, राघव ने जैसे ही नेहा को रोते देखा उसने नेहा को गर्दन से पकड़ते हुए उन दोनों के सर आपस मे जोड़ लिए

राघव- सॉरी! सॉरी! सॉरी!

राघव बार बार नेहा से माफी मांगने लगा वही राघव का ये साइड नेहा के लिए नया था उसने राघव को पहली बार सॉरी कहते सुना था

राघव- मैं जानता हु मैं गधा हु बट माफ कर दो यार प्लीज! वादा करता हु दोबारा कभी ऐसा नहीं होगा, मैं बेवकूफ था जो उसकी बातों मे आया प्लीज!!

राघव को ऐसे देख नेहा कब तक नाराज रह पाती भला, राघव को सही मे अपनी गली का पछतावा था जो उसकी आँखों मे साफ दिख रहा था नेहा को उसकी दिन भर की कोशिशे दिखी थी जब वो उसे मना रहा था

राघव- बहुत बुरा हु मैं, सॉरी!

राघव ने नेहा के गाल अपने हाथ मे थामे कहा, जिस राघव देशपांडे मे कभी किसी को सॉरी नहीं कहा वो आज अपनी बीवी के आगे अपना मेल इगो बाजू करके माफी मांग रहा था

राघव- वादा करता हु दोबारा कभी ऐसा नहीं करूंगा लेकिन प्लीज तुम मुझे इग्नोर नहीं करोगी

राघव ने धीमे से कहा वही नेहा बस उसे देखने लगी आज के राघव में और उस राघव मे बहुत फर्क था जिससे नेहा ने पाँच महीने पहले शादी की थी, वो नेहा के लिए अपने आप को बदल रहा था

नेहा- माफ किया!

राघव- प्लीज... हैं!

नेहा- माफ किया आपको

नेहा मे मुस्कुरा कर कहा वही राघव के चेहरे पर भी एक मुस्कान उभर आई और उसने नेहा को गले लगा लिया

राघव- थैंक यू! थैंक यू! थैंक यू सो मच !

नेहा भी राघव के गले लग कर खुश थी उसकी बाहों मे वो अपने आप को सेफ महसूस कर रही थी, कुछ देर तक वो दोनों वैसे ही रहे फिर राघव ने आलिंगन तोड़ा और नेहा को देख कर कहा

राघव - वादा करो तुम मुझे कभी ऐसे इग्नोर नहीं करोगी, पता नहीं क्यू लेकिन तुम्हारा मुझे इग्नोर करना मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊँगा

नेहा- वादा रहा!

राघव- और मैं भी वादा करता हु के दोबारा कभी ऐसे किसी की बातों मे नहीं आऊँगा और तुम भी मुझपर से भरोसा मत हटाना, मेरे लिए अपने आप को इतनी जल्दी बदलना मुश्किल है लेकिन मैं कोशिश कर रहा हु और करता रहूँगा!

राघव ने किसी बच्चे की तरह कहा जिसपर नेहा बस हस दी और उसने हा मे गर्दन हिला दी,

राघव उसने बाजू मे बेड पर बैठा था और उसने उसे साइड से गले लगाया जिससे नेहा थोड़ी सप्राइज़ हुई

राघव- तुम्हें नहीं पता मुझे कितना बुरा लगा जब तुमने मुझे इग्नोर किया था

नेहा- मैं जानती हु

नेहा ने राघव ने बाल बिखेरते हुए कहा

राघव- तुम्हें पता था?? फिर इतना परेशान क्यू किया मुझे??

नेहा- वो इसीलिए क्युकी मैं चाहती थी के आपको ये बात समझे और आप दोबारा कभी ऐसा ना करे और मुझे मेरे बेबी का ये साइड थोड़ी दिखता फिर

नेहा ने कहा और जैसे ही उसके ध्यान मे आया के उसने राघव को बेबी कहा है उसने शर्मा के गर्दन झुका ली

कुछ टाइम तक दोनों मे से कोई कुछ नहीं बोला और फिर राघव ने ही चुप्पी तोड़ी

राघव- वो अब भी पसंद करती है मुझे??

राघव ने नेहा की उंगलियों से खेलते हुए रितु के लिए पूछा

नेहा- पसंद? वो पागल है आपके लिए मैंने बहुत समझाया उसे वॉर्न किया लेकिन लगता है अब उसे सबक सिखाना पड़ेगा

राघव- तुमने उसे मेरे लिए वॉर्न किया ??

नेहा- आपने बस यही सुना?

लेकिन राघव मुस्कुराया

राघव- तो अब आप क्या करेंगी आपकी वार्निंग तो फेल हो गई वो तो मैं था जो उसे अवॉइड कर रहा था

राघव ने नेहा को छेड़ते हुए सारा क्रेडिट खुद ले लिया

राघव- लगता है अब हम दोनों को उसे कोई सही सबक सिखाना होगा और इस बार बगैर वार्निंग के!

राघव की बात सुन नेहा कन्फ्यूजन मे उसे देखने लगी

नेहा- और वो कैसे?

राघव- राघव देशपांडे स्पेशल ट्रीटमेंट से

राघव ने शैतानी मुस्कान के साथ कहा वही नेहा को कुछ सही नहीं लगा रहा था राघव कुछ ऐसा करने वाला था जो उसने सोचा भी नहीं था

नेहा- मतलब??

राघव- बस जो मैं कहू करती जाओ सब पता चलेगा

नेहा फिर कुछ पल राघव को देखा के वो कुछ बताएगा लेकिन वो कुछ नहीं बोला लेकिन उसके दिमाग मे कुछ तो चल रहा था और वो क्या था ये तो अगले अपडेट मे पता चलेगा तब तक प्लीज कमेन्ट करते रहो मिलते है अगले अपडेट के साथ


क्रमश:
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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259
Update 39



नेहा अभी घर के पीछे बने बगीचे मे कुछ काम कर थी..

नेहा- रिद्धि प्लीज वो पानी की कैन पास करना तो पौधों को पानी डालना है

नेहा ने उतरे चेहरे के साथ कहा और रिद्धि ने उसे पानी की कैन पकड़ा दी तभी वहा राघव आ गया और उसने रिद्धि को देखते ही इशारे से वहा से जाने कहा और नेहा को देखा, रिद्धि भी वहा से चली गई और अब वहा बस राघव और नेहा बचे थे और नेहा को राघव के वहा होने का कोई अंदाजा नहीं था

राघव- नेहा...

राघव ने उसे पुकारा और नेहा ने अपना काम रोक दिया

राघव- वो.. मैं...

लेकिन राघव बोलते बोलते रुक गया क्युकी नेहा उसे घूरते हुए वहा से चली गई उसे वहा अकेला छोड़ के

‘ये तो बहुत ज्यादा गुस्सा है यार कुछ भी करके इसे आज मनाना ही पड़ेगा’ राघव ने सोचा

क्या करू ? क्या करू ? क्या करू? हा गूगल से पूछ के देखता हु उसके पास कोई आइडिया होगा’

ये सोच के राघव ने अपना फोन निकाला और बीवी को मनाने के तरीके खोजने लगा लेकिन गूगल के बताए रिजल्ट्स देख कर उसका दिमाग और खराब हो गया

हट बे ये गुगल की मान ली तो बीवी की नाराजगी तो दूर नहीं होगी उल्टा कही थप्पड़ ही ना पड जाए, अब मुझे ही कुछ ना कुछ तरीका सोचना होगा’ जिसके बाद राघव वहा से नेहा को ढूँढने निकल पड़ा

राघव नेहा को मनाने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन वो उसकी कोई बात सुन ही नहीं रही थी जहा नेहा जाती राघव वहा पहुच जाता और उसके वहा आते ही नेहा वहा से चली जाती

कुछ समय बाद अपनी सारी गैंग बड़ी दादी के कमरे मे उनसे बाते करते बैठी थी और बड़ी दादी के वहा होने से नेहा वहा से जा भी नहीं सकती थी और उसे यू उतरे हुए चेहरे के साथ बैठे देख बड़ी दादी ने उससे पूछा

कुमुद- नेहा, बच्चे क्या हुआ है यू उदास लग रही हो किसी से नाराज हो क्या बेटा

बड़ी दादी ने नेहा से उनकी लड़ाई का कारण जानना चाहा और वहा बैठे राघव को देखा

नेहा- नहीं कुछ नहीं दादी जी वो बस मैं अभी एक नॉवेल पढ़ रही हु ना उसका एक कैरेक्टर है उसने गुस्सा दिलाया है मुझे बस और कुछ नहीं

नेहा ने स्माइल के साथ कहा

कुमुद- और वो किरदार तुम्हारे गुस्से से क्यू जुड़ा हुआ है ?

नेहा- वो क्या है ना दादी जी मैंने उस जैसा इडियट आज तक नहीं देखा मतलब पढ़ा है

कुमुद- ऐसा क्या कर दिया उसने??

नेहा- बड़ी दादी वो ना किसी अनजान की बातों मे आकार अपनी की वाइफ पर चिल्लाया उसे रुलाया और फिर ऐसे बताने लगा जैसे कुछ हुआ ही नहीं है

नेहा ने राघव को देखते हुए कहा वही राघव ने नजरे घुमा ली वो जानता था के नेहा का इशारा उसी की तरफ था और उसे अब नेहा पर गुस्सा करने का पछतावा हो रहा था

कुमुद- ये तो गलत बात है भई उसे अपनी बीवी पर भरोसा करना चाहिए था ना की किसी और की बातों मे आना चाहिए था अरे खाने को तो बीवी की देगी ना, भगवान का शुक्र है हमारे परिवार मे तो ऐसा कोई नहीं है, हैना राघव!!

बड़ी दादी की बात सुन राघव को और भी ज्यादा गिल्टी फ़ील होने लगा.. राघव ने नेहा से बात करने की बहुत कोशिश की लेकिन वो किसी ना किसी बहाने उससे दूर भागती रही

सारा दिन राघव नेहा के पीछे पीछे घूमता रहा उससे बात करने की कोशिश करता रहा लेकिन नेहा ने उसकी एक ना सुनी उसे बार बार हर बार नेहा के उससे दूर जाते ही ये बात सताती के उसे बगैर पूरी बात जाने सारा गुस्सा नेहा पर नहीं उतारना चाहिए था

देखते देखते दिन बीत चुका था और रात के खाने का वक्त हो गया था सब लोग साथ मे खाना खा रहे थे

नेहा- दादाजी आपको कुछ चाहिए??

नेहा ने शिवशंकर जी से पूछा वही बाकी लोग खाने मे लगे हुए थे

शिवशंकर- हा बेटा वो दाल पास करना तो जरा

जिसके बार नेहा ने दादू को दाल परोसी

राघव- मुझे भी देना

नेहा को दादू को दाल परोसता देखा राघव ने भी उसका अटेंशन पाने के लिए दाल मांगी लेकिन नेहा दादू को दाल परोसके बर्तन वहा रख के राघव को इग्नोर करते हुए किचन मे चली गई

राघव को नेहा का उसे यू इग्नोर करना बिल्कुल पसंद नहीं आ रहा था, जब भी नेहा उसे इग्नोर करती उसके दिल मे एक टीस उठती लेकिन गलती भी उसकी थी

खाना खाने के बाद अपनी सारी गैंग छत कर बैठी थी, राघव ने सोचा नेहा को मनाने का उससे बात करने का मौका मिल जाएगा लेकिन नेहा वहा आई ही नहीं ये कह कर के उसके सर मे दर्द है, राघव नेहा का मूड सही करने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन वो उसे अब भी इग्नोर कर रही थी और उतरे चेहरे के साथ राघव अपने रूम मे लौट आया और रूम मे उसने देखा के नेहा बेड कर बैठी कोई बुक पढ़ रही थी

नेहा को भी राघव के कमरे मे आने का एहसास हो गया था लेकिन उसने नजर उठा कर भी नहीं देखा और बुक मे नजरे गड़ाए रखी , राघव ने रूम का दरवाजा लॉक किया और नेहा के बाजू मे आके बैठा

राघव- सर दर्द कर रहा है ?

राघव ने प्यार से पूछा लेकिन नेहा ने कोई जवाब नहीं दिया और उससे कोई जवाब ना पाकर राघव ने जिस कीतब को वो पढ़ रही थी वो उसके हाथ से ली और इससे पहले के वो कुछ कर पाती उस बुक को उसने दूसरी साइड रख दिया और नेहा बस हाथ बांधे राघव को घूरती रही

नेहा के घूरने का राघव पर कोई असर नहीं हुआ उसने नेहा का सर अपनी गोद मे रखा वो उठने की कोशिश करने लगी लेकिन राघव उसका सर थपथपाने लगा ताकि वो रीलैक्स करे

राघव- मैं जानता हु तुम नाराज हो बहुत नाराज हो लेकिन बस एक बार मेरी बात तो सुन लो

राघव ने प्यार से आराम से कहा और नेहा ने उसका हाथ पकड़ उसे रुकने कहा और वहा से उठ ओर उसे इग्नोर करके जाने लगी लेकिन राघव ने उसका हाथ पकड़ के उसे वापिस बीठा लिया

राघव- मैं मानता हु मुझसे गलती हुई है , मुझे किसी भी नतीजे पर पहुचने से पहले तुमसे बात करनी चाहिए थी लेकिन मैं हमारी रीलेशनशिप की ग्रोथ से बहुत खुश था और फिर उसने अचानक वो कह दिया तो मैं गुस्से पर काबू नहीं कर पाया, मेरे लिए किसी पर भी यकीन कर पाना बहुत मुश्किल है लेकिन तुमपर मुझे पूरा यकीन है और वो सब सुनकर मुझे लगा के तुम्हें मुझपर एतबार नहीं और मैं वो सब कह बैठा

राघव ने नेहा को समझाया वही नेहा की आँख से आँसू गिरा, राघव ने जैसे ही नेहा को रोते देखा उसने नेहा को गर्दन से पकड़ते हुए उन दोनों के सर आपस मे जोड़ लिए

राघव- सॉरी! सॉरी! सॉरी!

राघव बार बार नेहा से माफी मांगने लगा वही राघव का ये साइड नेहा के लिए नया था उसने राघव को पहली बार सॉरी कहते सुना था

राघव- मैं जानता हु मैं गधा हु बट माफ कर दो यार प्लीज! वादा करता हु दोबारा कभी ऐसा नहीं होगा, मैं बेवकूफ था जो उसकी बातों मे आया प्लीज!!

राघव को ऐसे देख नेहा कब तक नाराज रह पाती भला, राघव को सही मे अपनी गली का पछतावा था जो उसकी आँखों मे साफ दिख रहा था नेहा को उसकी दिन भर की कोशिशे दिखी थी जब वो उसे मना रहा था

राघव- बहुत बुरा हु मैं, सॉरी!

राघव ने नेहा के गाल अपने हाथ मे थामे कहा, जिस राघव देशपांडे मे कभी किसी को सॉरी नहीं कहा वो आज अपनी बीवी के आगे अपना मेल इगो बाजू करके माफी मांग रहा था

राघव- वादा करता हु दोबारा कभी ऐसा नहीं करूंगा लेकिन प्लीज तुम मुझे इग्नोर नहीं करोगी

राघव ने धीमे से कहा वही नेहा बस उसे देखने लगी आज के राघव में और उस राघव मे बहुत फर्क था जिससे नेहा ने पाँच महीने पहले शादी की थी, वो नेहा के लिए अपने आप को बदल रहा था

नेहा- माफ किया!

राघव- प्लीज... हैं!

नेहा- माफ किया आपको

नेहा मे मुस्कुरा कर कहा वही राघव के चेहरे पर भी एक मुस्कान उभर आई और उसने नेहा को गले लगा लिया

राघव- थैंक यू! थैंक यू! थैंक यू सो मच !

नेहा भी राघव के गले लग कर खुश थी उसकी बाहों मे वो अपने आप को सेफ महसूस कर रही थी, कुछ देर तक वो दोनों वैसे ही रहे फिर राघव ने आलिंगन तोड़ा और नेहा को देख कर कहा

राघव - वादा करो तुम मुझे कभी ऐसे इग्नोर नहीं करोगी, पता नहीं क्यू लेकिन तुम्हारा मुझे इग्नोर करना मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊँगा

नेहा- वादा रहा!

राघव- और मैं भी वादा करता हु के दोबारा कभी ऐसे किसी की बातों मे नहीं आऊँगा और तुम भी मुझपर से भरोसा मत हटाना, मेरे लिए अपने आप को इतनी जल्दी बदलना मुश्किल है लेकिन मैं कोशिश कर रहा हु और करता रहूँगा!

राघव ने किसी बच्चे की तरह कहा जिसपर नेहा बस हस दी और उसने हा मे गर्दन हिला दी,

राघव उसने बाजू मे बेड पर बैठा था और उसने उसे साइड से गले लगाया जिससे नेहा थोड़ी सप्राइज़ हुई

राघव- तुम्हें नहीं पता मुझे कितना बुरा लगा जब तुमने मुझे इग्नोर किया था

नेहा- मैं जानती हु

नेहा ने राघव ने बाल बिखेरते हुए कहा

राघव- तुम्हें पता था?? फिर इतना परेशान क्यू किया मुझे??

नेहा- वो इसीलिए क्युकी मैं चाहती थी के आपको ये बात समझे और आप दोबारा कभी ऐसा ना करे और मुझे मेरे बेबी का ये साइड थोड़ी दिखता फिर

नेहा ने कहा और जैसे ही उसके ध्यान मे आया के उसने राघव को बेबी कहा है उसने शर्मा के गर्दन झुका ली

कुछ टाइम तक दोनों मे से कोई कुछ नहीं बोला और फिर राघव ने ही चुप्पी तोड़ी

राघव- वो अब भी पसंद करती है मुझे??

राघव ने नेहा की उंगलियों से खेलते हुए रितु के लिए पूछा

नेहा- पसंद? वो पागल है आपके लिए मैंने बहुत समझाया उसे वॉर्न किया लेकिन लगता है अब उसे सबक सिखाना पड़ेगा

राघव- तुमने उसे मेरे लिए वॉर्न किया ??

नेहा- आपने बस यही सुना?

लेकिन राघव मुस्कुराया

राघव- तो अब आप क्या करेंगी आपकी वार्निंग तो फेल हो गई वो तो मैं था जो उसे अवॉइड कर रहा था

राघव ने नेहा को छेड़ते हुए सारा क्रेडिट खुद ले लिया

राघव- लगता है अब हम दोनों को उसे कोई सही सबक सिखाना होगा और इस बार बगैर वार्निंग के!

राघव की बात सुन नेहा कन्फ्यूजन मे उसे देखने लगी

नेहा- और वो कैसे?

राघव- राघव देशपांडे स्पेशल ट्रीटमेंट से

राघव ने शैतानी मुस्कान के साथ कहा वही नेहा को कुछ सही नहीं लगा रहा था राघव कुछ ऐसा करने वाला था जो उसने सोचा भी नहीं था

नेहा- मतलब??

राघव- बस जो मैं कहू करती जाओ सब पता चलेगा

नेहा फिर कुछ पल राघव को देखा के वो कुछ बताएगा लेकिन वो कुछ नहीं बोला लेकिन उसके दिमाग मे कुछ तो चल रहा था और वो क्या था ये तो अगले अपडेट मे पता चलेगा तब तक प्लीज कमेन्ट करते रहो मिलते है अगले अपडेट के साथ


क्रमश:
तुम रूठी रहो
मैं मानता रहूं....
 

parkas

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Update 39



नेहा अभी घर के पीछे बने बगीचे मे कुछ काम कर थी..

नेहा- रिद्धि प्लीज वो पानी की कैन पास करना तो पौधों को पानी डालना है

नेहा ने उतरे चेहरे के साथ कहा और रिद्धि ने उसे पानी की कैन पकड़ा दी तभी वहा राघव आ गया और उसने रिद्धि को देखते ही इशारे से वहा से जाने कहा और नेहा को देखा, रिद्धि भी वहा से चली गई और अब वहा बस राघव और नेहा बचे थे और नेहा को राघव के वहा होने का कोई अंदाजा नहीं था

राघव- नेहा...

राघव ने उसे पुकारा और नेहा ने अपना काम रोक दिया

राघव- वो.. मैं...

लेकिन राघव बोलते बोलते रुक गया क्युकी नेहा उसे घूरते हुए वहा से चली गई उसे वहा अकेला छोड़ के

‘ये तो बहुत ज्यादा गुस्सा है यार कुछ भी करके इसे आज मनाना ही पड़ेगा’ राघव ने सोचा

क्या करू ? क्या करू ? क्या करू? हा गूगल से पूछ के देखता हु उसके पास कोई आइडिया होगा’

ये सोच के राघव ने अपना फोन निकाला और बीवी को मनाने के तरीके खोजने लगा लेकिन गूगल के बताए रिजल्ट्स देख कर उसका दिमाग और खराब हो गया

हट बे ये गुगल की मान ली तो बीवी की नाराजगी तो दूर नहीं होगी उल्टा कही थप्पड़ ही ना पड जाए, अब मुझे ही कुछ ना कुछ तरीका सोचना होगा’ जिसके बाद राघव वहा से नेहा को ढूँढने निकल पड़ा

राघव नेहा को मनाने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन वो उसकी कोई बात सुन ही नहीं रही थी जहा नेहा जाती राघव वहा पहुच जाता और उसके वहा आते ही नेहा वहा से चली जाती

कुछ समय बाद अपनी सारी गैंग बड़ी दादी के कमरे मे उनसे बाते करते बैठी थी और बड़ी दादी के वहा होने से नेहा वहा से जा भी नहीं सकती थी और उसे यू उतरे हुए चेहरे के साथ बैठे देख बड़ी दादी ने उससे पूछा

कुमुद- नेहा, बच्चे क्या हुआ है यू उदास लग रही हो किसी से नाराज हो क्या बेटा

बड़ी दादी ने नेहा से उनकी लड़ाई का कारण जानना चाहा और वहा बैठे राघव को देखा

नेहा- नहीं कुछ नहीं दादी जी वो बस मैं अभी एक नॉवेल पढ़ रही हु ना उसका एक कैरेक्टर है उसने गुस्सा दिलाया है मुझे बस और कुछ नहीं

नेहा ने स्माइल के साथ कहा

कुमुद- और वो किरदार तुम्हारे गुस्से से क्यू जुड़ा हुआ है ?

नेहा- वो क्या है ना दादी जी मैंने उस जैसा इडियट आज तक नहीं देखा मतलब पढ़ा है

कुमुद- ऐसा क्या कर दिया उसने??

नेहा- बड़ी दादी वो ना किसी अनजान की बातों मे आकार अपनी की वाइफ पर चिल्लाया उसे रुलाया और फिर ऐसे बताने लगा जैसे कुछ हुआ ही नहीं है

नेहा ने राघव को देखते हुए कहा वही राघव ने नजरे घुमा ली वो जानता था के नेहा का इशारा उसी की तरफ था और उसे अब नेहा पर गुस्सा करने का पछतावा हो रहा था

कुमुद- ये तो गलत बात है भई उसे अपनी बीवी पर भरोसा करना चाहिए था ना की किसी और की बातों मे आना चाहिए था अरे खाने को तो बीवी की देगी ना, भगवान का शुक्र है हमारे परिवार मे तो ऐसा कोई नहीं है, हैना राघव!!

बड़ी दादी की बात सुन राघव को और भी ज्यादा गिल्टी फ़ील होने लगा.. राघव ने नेहा से बात करने की बहुत कोशिश की लेकिन वो किसी ना किसी बहाने उससे दूर भागती रही

सारा दिन राघव नेहा के पीछे पीछे घूमता रहा उससे बात करने की कोशिश करता रहा लेकिन नेहा ने उसकी एक ना सुनी उसे बार बार हर बार नेहा के उससे दूर जाते ही ये बात सताती के उसे बगैर पूरी बात जाने सारा गुस्सा नेहा पर नहीं उतारना चाहिए था

देखते देखते दिन बीत चुका था और रात के खाने का वक्त हो गया था सब लोग साथ मे खाना खा रहे थे

नेहा- दादाजी आपको कुछ चाहिए??

नेहा ने शिवशंकर जी से पूछा वही बाकी लोग खाने मे लगे हुए थे

शिवशंकर- हा बेटा वो दाल पास करना तो जरा

जिसके बार नेहा ने दादू को दाल परोसी

राघव- मुझे भी देना

नेहा को दादू को दाल परोसता देखा राघव ने भी उसका अटेंशन पाने के लिए दाल मांगी लेकिन नेहा दादू को दाल परोसके बर्तन वहा रख के राघव को इग्नोर करते हुए किचन मे चली गई

राघव को नेहा का उसे यू इग्नोर करना बिल्कुल पसंद नहीं आ रहा था, जब भी नेहा उसे इग्नोर करती उसके दिल मे एक टीस उठती लेकिन गलती भी उसकी थी

खाना खाने के बाद अपनी सारी गैंग छत कर बैठी थी, राघव ने सोचा नेहा को मनाने का उससे बात करने का मौका मिल जाएगा लेकिन नेहा वहा आई ही नहीं ये कह कर के उसके सर मे दर्द है, राघव नेहा का मूड सही करने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन वो उसे अब भी इग्नोर कर रही थी और उतरे चेहरे के साथ राघव अपने रूम मे लौट आया और रूम मे उसने देखा के नेहा बेड कर बैठी कोई बुक पढ़ रही थी

नेहा को भी राघव के कमरे मे आने का एहसास हो गया था लेकिन उसने नजर उठा कर भी नहीं देखा और बुक मे नजरे गड़ाए रखी , राघव ने रूम का दरवाजा लॉक किया और नेहा के बाजू मे आके बैठा

राघव- सर दर्द कर रहा है ?

राघव ने प्यार से पूछा लेकिन नेहा ने कोई जवाब नहीं दिया और उससे कोई जवाब ना पाकर राघव ने जिस कीतब को वो पढ़ रही थी वो उसके हाथ से ली और इससे पहले के वो कुछ कर पाती उस बुक को उसने दूसरी साइड रख दिया और नेहा बस हाथ बांधे राघव को घूरती रही

नेहा के घूरने का राघव पर कोई असर नहीं हुआ उसने नेहा का सर अपनी गोद मे रखा वो उठने की कोशिश करने लगी लेकिन राघव उसका सर थपथपाने लगा ताकि वो रीलैक्स करे

राघव- मैं जानता हु तुम नाराज हो बहुत नाराज हो लेकिन बस एक बार मेरी बात तो सुन लो

राघव ने प्यार से आराम से कहा और नेहा ने उसका हाथ पकड़ उसे रुकने कहा और वहा से उठ ओर उसे इग्नोर करके जाने लगी लेकिन राघव ने उसका हाथ पकड़ के उसे वापिस बीठा लिया

राघव- मैं मानता हु मुझसे गलती हुई है , मुझे किसी भी नतीजे पर पहुचने से पहले तुमसे बात करनी चाहिए थी लेकिन मैं हमारी रीलेशनशिप की ग्रोथ से बहुत खुश था और फिर उसने अचानक वो कह दिया तो मैं गुस्से पर काबू नहीं कर पाया, मेरे लिए किसी पर भी यकीन कर पाना बहुत मुश्किल है लेकिन तुमपर मुझे पूरा यकीन है और वो सब सुनकर मुझे लगा के तुम्हें मुझपर एतबार नहीं और मैं वो सब कह बैठा

राघव ने नेहा को समझाया वही नेहा की आँख से आँसू गिरा, राघव ने जैसे ही नेहा को रोते देखा उसने नेहा को गर्दन से पकड़ते हुए उन दोनों के सर आपस मे जोड़ लिए

राघव- सॉरी! सॉरी! सॉरी!

राघव बार बार नेहा से माफी मांगने लगा वही राघव का ये साइड नेहा के लिए नया था उसने राघव को पहली बार सॉरी कहते सुना था

राघव- मैं जानता हु मैं गधा हु बट माफ कर दो यार प्लीज! वादा करता हु दोबारा कभी ऐसा नहीं होगा, मैं बेवकूफ था जो उसकी बातों मे आया प्लीज!!

राघव को ऐसे देख नेहा कब तक नाराज रह पाती भला, राघव को सही मे अपनी गली का पछतावा था जो उसकी आँखों मे साफ दिख रहा था नेहा को उसकी दिन भर की कोशिशे दिखी थी जब वो उसे मना रहा था

राघव- बहुत बुरा हु मैं, सॉरी!

राघव ने नेहा के गाल अपने हाथ मे थामे कहा, जिस राघव देशपांडे मे कभी किसी को सॉरी नहीं कहा वो आज अपनी बीवी के आगे अपना मेल इगो बाजू करके माफी मांग रहा था

राघव- वादा करता हु दोबारा कभी ऐसा नहीं करूंगा लेकिन प्लीज तुम मुझे इग्नोर नहीं करोगी

राघव ने धीमे से कहा वही नेहा बस उसे देखने लगी आज के राघव में और उस राघव मे बहुत फर्क था जिससे नेहा ने पाँच महीने पहले शादी की थी, वो नेहा के लिए अपने आप को बदल रहा था

नेहा- माफ किया!

राघव- प्लीज... हैं!

नेहा- माफ किया आपको

नेहा मे मुस्कुरा कर कहा वही राघव के चेहरे पर भी एक मुस्कान उभर आई और उसने नेहा को गले लगा लिया

राघव- थैंक यू! थैंक यू! थैंक यू सो मच !

नेहा भी राघव के गले लग कर खुश थी उसकी बाहों मे वो अपने आप को सेफ महसूस कर रही थी, कुछ देर तक वो दोनों वैसे ही रहे फिर राघव ने आलिंगन तोड़ा और नेहा को देख कर कहा

राघव - वादा करो तुम मुझे कभी ऐसे इग्नोर नहीं करोगी, पता नहीं क्यू लेकिन तुम्हारा मुझे इग्नोर करना मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊँगा

नेहा- वादा रहा!

राघव- और मैं भी वादा करता हु के दोबारा कभी ऐसे किसी की बातों मे नहीं आऊँगा और तुम भी मुझपर से भरोसा मत हटाना, मेरे लिए अपने आप को इतनी जल्दी बदलना मुश्किल है लेकिन मैं कोशिश कर रहा हु और करता रहूँगा!

राघव ने किसी बच्चे की तरह कहा जिसपर नेहा बस हस दी और उसने हा मे गर्दन हिला दी,

राघव उसने बाजू मे बेड पर बैठा था और उसने उसे साइड से गले लगाया जिससे नेहा थोड़ी सप्राइज़ हुई

राघव- तुम्हें नहीं पता मुझे कितना बुरा लगा जब तुमने मुझे इग्नोर किया था

नेहा- मैं जानती हु

नेहा ने राघव ने बाल बिखेरते हुए कहा

राघव- तुम्हें पता था?? फिर इतना परेशान क्यू किया मुझे??

नेहा- वो इसीलिए क्युकी मैं चाहती थी के आपको ये बात समझे और आप दोबारा कभी ऐसा ना करे और मुझे मेरे बेबी का ये साइड थोड़ी दिखता फिर

नेहा ने कहा और जैसे ही उसके ध्यान मे आया के उसने राघव को बेबी कहा है उसने शर्मा के गर्दन झुका ली

कुछ टाइम तक दोनों मे से कोई कुछ नहीं बोला और फिर राघव ने ही चुप्पी तोड़ी

राघव- वो अब भी पसंद करती है मुझे??

राघव ने नेहा की उंगलियों से खेलते हुए रितु के लिए पूछा

नेहा- पसंद? वो पागल है आपके लिए मैंने बहुत समझाया उसे वॉर्न किया लेकिन लगता है अब उसे सबक सिखाना पड़ेगा

राघव- तुमने उसे मेरे लिए वॉर्न किया ??

नेहा- आपने बस यही सुना?

लेकिन राघव मुस्कुराया

राघव- तो अब आप क्या करेंगी आपकी वार्निंग तो फेल हो गई वो तो मैं था जो उसे अवॉइड कर रहा था

राघव ने नेहा को छेड़ते हुए सारा क्रेडिट खुद ले लिया

राघव- लगता है अब हम दोनों को उसे कोई सही सबक सिखाना होगा और इस बार बगैर वार्निंग के!

राघव की बात सुन नेहा कन्फ्यूजन मे उसे देखने लगी

नेहा- और वो कैसे?

राघव- राघव देशपांडे स्पेशल ट्रीटमेंट से

राघव ने शैतानी मुस्कान के साथ कहा वही नेहा को कुछ सही नहीं लगा रहा था राघव कुछ ऐसा करने वाला था जो उसने सोचा भी नहीं था

नेहा- मतलब??

राघव- बस जो मैं कहू करती जाओ सब पता चलेगा

नेहा फिर कुछ पल राघव को देखा के वो कुछ बताएगा लेकिन वो कुछ नहीं बोला लेकिन उसके दिमाग मे कुछ तो चल रहा था और वो क्या था ये तो अगले अपडेट मे पता चलेगा तब तक प्लीज कमेन्ट करते रहो मिलते है अगले अपडेट के साथ


क्रमश:
Bahut hi badhiya update diya hai Adirshi bhai.....
Nice and beautiful update....
 

king cobra

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Update 39



नेहा अभी घर के पीछे बने बगीचे मे कुछ काम कर थी..

नेहा- रिद्धि प्लीज वो पानी की कैन पास करना तो पौधों को पानी डालना है

नेहा ने उतरे चेहरे के साथ कहा और रिद्धि ने उसे पानी की कैन पकड़ा दी तभी वहा राघव आ गया और उसने रिद्धि को देखते ही इशारे से वहा से जाने कहा और नेहा को देखा, रिद्धि भी वहा से चली गई और अब वहा बस राघव और नेहा बचे थे और नेहा को राघव के वहा होने का कोई अंदाजा नहीं था

राघव- नेहा...

राघव ने उसे पुकारा और नेहा ने अपना काम रोक दिया

राघव- वो.. मैं...

लेकिन राघव बोलते बोलते रुक गया क्युकी नेहा उसे घूरते हुए वहा से चली गई उसे वहा अकेला छोड़ के

‘ये तो बहुत ज्यादा गुस्सा है यार कुछ भी करके इसे आज मनाना ही पड़ेगा’ राघव ने सोचा

क्या करू ? क्या करू ? क्या करू? हा गूगल से पूछ के देखता हु उसके पास कोई आइडिया होगा’

ये सोच के राघव ने अपना फोन निकाला और बीवी को मनाने के तरीके खोजने लगा लेकिन गूगल के बताए रिजल्ट्स देख कर उसका दिमाग और खराब हो गया

हट बे ये गुगल की मान ली तो बीवी की नाराजगी तो दूर नहीं होगी उल्टा कही थप्पड़ ही ना पड जाए, अब मुझे ही कुछ ना कुछ तरीका सोचना होगा’ जिसके बाद राघव वहा से नेहा को ढूँढने निकल पड़ा

राघव नेहा को मनाने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन वो उसकी कोई बात सुन ही नहीं रही थी जहा नेहा जाती राघव वहा पहुच जाता और उसके वहा आते ही नेहा वहा से चली जाती

कुछ समय बाद अपनी सारी गैंग बड़ी दादी के कमरे मे उनसे बाते करते बैठी थी और बड़ी दादी के वहा होने से नेहा वहा से जा भी नहीं सकती थी और उसे यू उतरे हुए चेहरे के साथ बैठे देख बड़ी दादी ने उससे पूछा

कुमुद- नेहा, बच्चे क्या हुआ है यू उदास लग रही हो किसी से नाराज हो क्या बेटा

बड़ी दादी ने नेहा से उनकी लड़ाई का कारण जानना चाहा और वहा बैठे राघव को देखा

नेहा- नहीं कुछ नहीं दादी जी वो बस मैं अभी एक नॉवेल पढ़ रही हु ना उसका एक कैरेक्टर है उसने गुस्सा दिलाया है मुझे बस और कुछ नहीं

नेहा ने स्माइल के साथ कहा

कुमुद- और वो किरदार तुम्हारे गुस्से से क्यू जुड़ा हुआ है ?

नेहा- वो क्या है ना दादी जी मैंने उस जैसा इडियट आज तक नहीं देखा मतलब पढ़ा है

कुमुद- ऐसा क्या कर दिया उसने??

नेहा- बड़ी दादी वो ना किसी अनजान की बातों मे आकार अपनी की वाइफ पर चिल्लाया उसे रुलाया और फिर ऐसे बताने लगा जैसे कुछ हुआ ही नहीं है

नेहा ने राघव को देखते हुए कहा वही राघव ने नजरे घुमा ली वो जानता था के नेहा का इशारा उसी की तरफ था और उसे अब नेहा पर गुस्सा करने का पछतावा हो रहा था

कुमुद- ये तो गलत बात है भई उसे अपनी बीवी पर भरोसा करना चाहिए था ना की किसी और की बातों मे आना चाहिए था अरे खाने को तो बीवी की देगी ना, भगवान का शुक्र है हमारे परिवार मे तो ऐसा कोई नहीं है, हैना राघव!!

बड़ी दादी की बात सुन राघव को और भी ज्यादा गिल्टी फ़ील होने लगा.. राघव ने नेहा से बात करने की बहुत कोशिश की लेकिन वो किसी ना किसी बहाने उससे दूर भागती रही

सारा दिन राघव नेहा के पीछे पीछे घूमता रहा उससे बात करने की कोशिश करता रहा लेकिन नेहा ने उसकी एक ना सुनी उसे बार बार हर बार नेहा के उससे दूर जाते ही ये बात सताती के उसे बगैर पूरी बात जाने सारा गुस्सा नेहा पर नहीं उतारना चाहिए था

देखते देखते दिन बीत चुका था और रात के खाने का वक्त हो गया था सब लोग साथ मे खाना खा रहे थे

नेहा- दादाजी आपको कुछ चाहिए??

नेहा ने शिवशंकर जी से पूछा वही बाकी लोग खाने मे लगे हुए थे

शिवशंकर- हा बेटा वो दाल पास करना तो जरा

जिसके बार नेहा ने दादू को दाल परोसी

राघव- मुझे भी देना

नेहा को दादू को दाल परोसता देखा राघव ने भी उसका अटेंशन पाने के लिए दाल मांगी लेकिन नेहा दादू को दाल परोसके बर्तन वहा रख के राघव को इग्नोर करते हुए किचन मे चली गई

राघव को नेहा का उसे यू इग्नोर करना बिल्कुल पसंद नहीं आ रहा था, जब भी नेहा उसे इग्नोर करती उसके दिल मे एक टीस उठती लेकिन गलती भी उसकी थी

खाना खाने के बाद अपनी सारी गैंग छत कर बैठी थी, राघव ने सोचा नेहा को मनाने का उससे बात करने का मौका मिल जाएगा लेकिन नेहा वहा आई ही नहीं ये कह कर के उसके सर मे दर्द है, राघव नेहा का मूड सही करने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन वो उसे अब भी इग्नोर कर रही थी और उतरे चेहरे के साथ राघव अपने रूम मे लौट आया और रूम मे उसने देखा के नेहा बेड कर बैठी कोई बुक पढ़ रही थी

नेहा को भी राघव के कमरे मे आने का एहसास हो गया था लेकिन उसने नजर उठा कर भी नहीं देखा और बुक मे नजरे गड़ाए रखी , राघव ने रूम का दरवाजा लॉक किया और नेहा के बाजू मे आके बैठा

राघव- सर दर्द कर रहा है ?

राघव ने प्यार से पूछा लेकिन नेहा ने कोई जवाब नहीं दिया और उससे कोई जवाब ना पाकर राघव ने जिस कीतब को वो पढ़ रही थी वो उसके हाथ से ली और इससे पहले के वो कुछ कर पाती उस बुक को उसने दूसरी साइड रख दिया और नेहा बस हाथ बांधे राघव को घूरती रही

नेहा के घूरने का राघव पर कोई असर नहीं हुआ उसने नेहा का सर अपनी गोद मे रखा वो उठने की कोशिश करने लगी लेकिन राघव उसका सर थपथपाने लगा ताकि वो रीलैक्स करे

राघव- मैं जानता हु तुम नाराज हो बहुत नाराज हो लेकिन बस एक बार मेरी बात तो सुन लो

राघव ने प्यार से आराम से कहा और नेहा ने उसका हाथ पकड़ उसे रुकने कहा और वहा से उठ ओर उसे इग्नोर करके जाने लगी लेकिन राघव ने उसका हाथ पकड़ के उसे वापिस बीठा लिया

राघव- मैं मानता हु मुझसे गलती हुई है , मुझे किसी भी नतीजे पर पहुचने से पहले तुमसे बात करनी चाहिए थी लेकिन मैं हमारी रीलेशनशिप की ग्रोथ से बहुत खुश था और फिर उसने अचानक वो कह दिया तो मैं गुस्से पर काबू नहीं कर पाया, मेरे लिए किसी पर भी यकीन कर पाना बहुत मुश्किल है लेकिन तुमपर मुझे पूरा यकीन है और वो सब सुनकर मुझे लगा के तुम्हें मुझपर एतबार नहीं और मैं वो सब कह बैठा

राघव ने नेहा को समझाया वही नेहा की आँख से आँसू गिरा, राघव ने जैसे ही नेहा को रोते देखा उसने नेहा को गर्दन से पकड़ते हुए उन दोनों के सर आपस मे जोड़ लिए

राघव- सॉरी! सॉरी! सॉरी!

राघव बार बार नेहा से माफी मांगने लगा वही राघव का ये साइड नेहा के लिए नया था उसने राघव को पहली बार सॉरी कहते सुना था

राघव- मैं जानता हु मैं गधा हु बट माफ कर दो यार प्लीज! वादा करता हु दोबारा कभी ऐसा नहीं होगा, मैं बेवकूफ था जो उसकी बातों मे आया प्लीज!!

राघव को ऐसे देख नेहा कब तक नाराज रह पाती भला, राघव को सही मे अपनी गली का पछतावा था जो उसकी आँखों मे साफ दिख रहा था नेहा को उसकी दिन भर की कोशिशे दिखी थी जब वो उसे मना रहा था

राघव- बहुत बुरा हु मैं, सॉरी!

राघव ने नेहा के गाल अपने हाथ मे थामे कहा, जिस राघव देशपांडे मे कभी किसी को सॉरी नहीं कहा वो आज अपनी बीवी के आगे अपना मेल इगो बाजू करके माफी मांग रहा था

राघव- वादा करता हु दोबारा कभी ऐसा नहीं करूंगा लेकिन प्लीज तुम मुझे इग्नोर नहीं करोगी

राघव ने धीमे से कहा वही नेहा बस उसे देखने लगी आज के राघव में और उस राघव मे बहुत फर्क था जिससे नेहा ने पाँच महीने पहले शादी की थी, वो नेहा के लिए अपने आप को बदल रहा था

नेहा- माफ किया!

राघव- प्लीज... हैं!

नेहा- माफ किया आपको

नेहा मे मुस्कुरा कर कहा वही राघव के चेहरे पर भी एक मुस्कान उभर आई और उसने नेहा को गले लगा लिया

राघव- थैंक यू! थैंक यू! थैंक यू सो मच !

नेहा भी राघव के गले लग कर खुश थी उसकी बाहों मे वो अपने आप को सेफ महसूस कर रही थी, कुछ देर तक वो दोनों वैसे ही रहे फिर राघव ने आलिंगन तोड़ा और नेहा को देख कर कहा

राघव - वादा करो तुम मुझे कभी ऐसे इग्नोर नहीं करोगी, पता नहीं क्यू लेकिन तुम्हारा मुझे इग्नोर करना मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊँगा

नेहा- वादा रहा!

राघव- और मैं भी वादा करता हु के दोबारा कभी ऐसे किसी की बातों मे नहीं आऊँगा और तुम भी मुझपर से भरोसा मत हटाना, मेरे लिए अपने आप को इतनी जल्दी बदलना मुश्किल है लेकिन मैं कोशिश कर रहा हु और करता रहूँगा!

राघव ने किसी बच्चे की तरह कहा जिसपर नेहा बस हस दी और उसने हा मे गर्दन हिला दी,

राघव उसने बाजू मे बेड पर बैठा था और उसने उसे साइड से गले लगाया जिससे नेहा थोड़ी सप्राइज़ हुई

राघव- तुम्हें नहीं पता मुझे कितना बुरा लगा जब तुमने मुझे इग्नोर किया था

नेहा- मैं जानती हु

नेहा ने राघव ने बाल बिखेरते हुए कहा

राघव- तुम्हें पता था?? फिर इतना परेशान क्यू किया मुझे??

नेहा- वो इसीलिए क्युकी मैं चाहती थी के आपको ये बात समझे और आप दोबारा कभी ऐसा ना करे और मुझे मेरे बेबी का ये साइड थोड़ी दिखता फिर

नेहा ने कहा और जैसे ही उसके ध्यान मे आया के उसने राघव को बेबी कहा है उसने शर्मा के गर्दन झुका ली

कुछ टाइम तक दोनों मे से कोई कुछ नहीं बोला और फिर राघव ने ही चुप्पी तोड़ी

राघव- वो अब भी पसंद करती है मुझे??

राघव ने नेहा की उंगलियों से खेलते हुए रितु के लिए पूछा

नेहा- पसंद? वो पागल है आपके लिए मैंने बहुत समझाया उसे वॉर्न किया लेकिन लगता है अब उसे सबक सिखाना पड़ेगा

राघव- तुमने उसे मेरे लिए वॉर्न किया ??

नेहा- आपने बस यही सुना?

लेकिन राघव मुस्कुराया

राघव- तो अब आप क्या करेंगी आपकी वार्निंग तो फेल हो गई वो तो मैं था जो उसे अवॉइड कर रहा था

राघव ने नेहा को छेड़ते हुए सारा क्रेडिट खुद ले लिया

राघव- लगता है अब हम दोनों को उसे कोई सही सबक सिखाना होगा और इस बार बगैर वार्निंग के!

राघव की बात सुन नेहा कन्फ्यूजन मे उसे देखने लगी

नेहा- और वो कैसे?

राघव- राघव देशपांडे स्पेशल ट्रीटमेंट से

राघव ने शैतानी मुस्कान के साथ कहा वही नेहा को कुछ सही नहीं लगा रहा था राघव कुछ ऐसा करने वाला था जो उसने सोचा भी नहीं था

नेहा- मतलब??

राघव- बस जो मैं कहू करती जाओ सब पता चलेगा

नेहा फिर कुछ पल राघव को देखा के वो कुछ बताएगा लेकिन वो कुछ नहीं बोला लेकिन उसके दिमाग मे कुछ तो चल रहा था और वो क्या था ये तो अगले अपडेट मे पता चलेगा तब तक प्लीज कमेन्ट करते रहो मिलते है अगले अपडेट के साथ


क्रमश:
superb update lagta hai lagra hai koi dhansu plan banaya raghav ne
 

Yasasvi1

❣bhootni💞
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Update 39



नेहा अभी घर के पीछे बने बगीचे मे कुछ काम कर थी..

नेहा- रिद्धि प्लीज वो पानी की कैन पास करना तो पौधों को पानी डालना है

नेहा ने उतरे चेहरे के साथ कहा और रिद्धि ने उसे पानी की कैन पकड़ा दी तभी वहा राघव आ गया और उसने रिद्धि को देखते ही इशारे से वहा से जाने कहा और नेहा को देखा, रिद्धि भी वहा से चली गई और अब वहा बस राघव और नेहा बचे थे और नेहा को राघव के वहा होने का कोई अंदाजा नहीं था

राघव- नेहा...

राघव ने उसे पुकारा और नेहा ने अपना काम रोक दिया

राघव- वो.. मैं...

लेकिन राघव बोलते बोलते रुक गया क्युकी नेहा उसे घूरते हुए वहा से चली गई उसे वहा अकेला छोड़ के

‘ये तो बहुत ज्यादा गुस्सा है यार कुछ भी करके इसे आज मनाना ही पड़ेगा’ राघव ने सोचा

क्या करू ? क्या करू ? क्या करू? हा गूगल से पूछ के देखता हु उसके पास कोई आइडिया होगा’

ये सोच के राघव ने अपना फोन निकाला और बीवी को मनाने के तरीके खोजने लगा लेकिन गूगल के बताए रिजल्ट्स देख कर उसका दिमाग और खराब हो गया

हट बे ये गुगल की मान ली तो बीवी की नाराजगी तो दूर नहीं होगी उल्टा कही थप्पड़ ही ना पड जाए, अब मुझे ही कुछ ना कुछ तरीका सोचना होगा’ जिसके बाद राघव वहा से नेहा को ढूँढने निकल पड़ा

राघव नेहा को मनाने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन वो उसकी कोई बात सुन ही नहीं रही थी जहा नेहा जाती राघव वहा पहुच जाता और उसके वहा आते ही नेहा वहा से चली जाती

कुछ समय बाद अपनी सारी गैंग बड़ी दादी के कमरे मे उनसे बाते करते बैठी थी और बड़ी दादी के वहा होने से नेहा वहा से जा भी नहीं सकती थी और उसे यू उतरे हुए चेहरे के साथ बैठे देख बड़ी दादी ने उससे पूछा

कुमुद- नेहा, बच्चे क्या हुआ है यू उदास लग रही हो किसी से नाराज हो क्या बेटा

बड़ी दादी ने नेहा से उनकी लड़ाई का कारण जानना चाहा और वहा बैठे राघव को देखा

नेहा- नहीं कुछ नहीं दादी जी वो बस मैं अभी एक नॉवेल पढ़ रही हु ना उसका एक कैरेक्टर है उसने गुस्सा दिलाया है मुझे बस और कुछ नहीं

नेहा ने स्माइल के साथ कहा

कुमुद- और वो किरदार तुम्हारे गुस्से से क्यू जुड़ा हुआ है ?

नेहा- वो क्या है ना दादी जी मैंने उस जैसा इडियट आज तक नहीं देखा मतलब पढ़ा है

कुमुद- ऐसा क्या कर दिया उसने??

नेहा- बड़ी दादी वो ना किसी अनजान की बातों मे आकार अपनी की वाइफ पर चिल्लाया उसे रुलाया और फिर ऐसे बताने लगा जैसे कुछ हुआ ही नहीं है

नेहा ने राघव को देखते हुए कहा वही राघव ने नजरे घुमा ली वो जानता था के नेहा का इशारा उसी की तरफ था और उसे अब नेहा पर गुस्सा करने का पछतावा हो रहा था

कुमुद- ये तो गलत बात है भई उसे अपनी बीवी पर भरोसा करना चाहिए था ना की किसी और की बातों मे आना चाहिए था अरे खाने को तो बीवी की देगी ना, भगवान का शुक्र है हमारे परिवार मे तो ऐसा कोई नहीं है, हैना राघव!!

बड़ी दादी की बात सुन राघव को और भी ज्यादा गिल्टी फ़ील होने लगा.. राघव ने नेहा से बात करने की बहुत कोशिश की लेकिन वो किसी ना किसी बहाने उससे दूर भागती रही

सारा दिन राघव नेहा के पीछे पीछे घूमता रहा उससे बात करने की कोशिश करता रहा लेकिन नेहा ने उसकी एक ना सुनी उसे बार बार हर बार नेहा के उससे दूर जाते ही ये बात सताती के उसे बगैर पूरी बात जाने सारा गुस्सा नेहा पर नहीं उतारना चाहिए था

देखते देखते दिन बीत चुका था और रात के खाने का वक्त हो गया था सब लोग साथ मे खाना खा रहे थे

नेहा- दादाजी आपको कुछ चाहिए??

नेहा ने शिवशंकर जी से पूछा वही बाकी लोग खाने मे लगे हुए थे

शिवशंकर- हा बेटा वो दाल पास करना तो जरा

जिसके बार नेहा ने दादू को दाल परोसी

राघव- मुझे भी देना

नेहा को दादू को दाल परोसता देखा राघव ने भी उसका अटेंशन पाने के लिए दाल मांगी लेकिन नेहा दादू को दाल परोसके बर्तन वहा रख के राघव को इग्नोर करते हुए किचन मे चली गई

राघव को नेहा का उसे यू इग्नोर करना बिल्कुल पसंद नहीं आ रहा था, जब भी नेहा उसे इग्नोर करती उसके दिल मे एक टीस उठती लेकिन गलती भी उसकी थी

खाना खाने के बाद अपनी सारी गैंग छत कर बैठी थी, राघव ने सोचा नेहा को मनाने का उससे बात करने का मौका मिल जाएगा लेकिन नेहा वहा आई ही नहीं ये कह कर के उसके सर मे दर्द है, राघव नेहा का मूड सही करने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन वो उसे अब भी इग्नोर कर रही थी और उतरे चेहरे के साथ राघव अपने रूम मे लौट आया और रूम मे उसने देखा के नेहा बेड कर बैठी कोई बुक पढ़ रही थी

नेहा को भी राघव के कमरे मे आने का एहसास हो गया था लेकिन उसने नजर उठा कर भी नहीं देखा और बुक मे नजरे गड़ाए रखी , राघव ने रूम का दरवाजा लॉक किया और नेहा के बाजू मे आके बैठा

राघव- सर दर्द कर रहा है ?

राघव ने प्यार से पूछा लेकिन नेहा ने कोई जवाब नहीं दिया और उससे कोई जवाब ना पाकर राघव ने जिस कीतब को वो पढ़ रही थी वो उसके हाथ से ली और इससे पहले के वो कुछ कर पाती उस बुक को उसने दूसरी साइड रख दिया और नेहा बस हाथ बांधे राघव को घूरती रही

नेहा के घूरने का राघव पर कोई असर नहीं हुआ उसने नेहा का सर अपनी गोद मे रखा वो उठने की कोशिश करने लगी लेकिन राघव उसका सर थपथपाने लगा ताकि वो रीलैक्स करे

राघव- मैं जानता हु तुम नाराज हो बहुत नाराज हो लेकिन बस एक बार मेरी बात तो सुन लो

राघव ने प्यार से आराम से कहा और नेहा ने उसका हाथ पकड़ उसे रुकने कहा और वहा से उठ ओर उसे इग्नोर करके जाने लगी लेकिन राघव ने उसका हाथ पकड़ के उसे वापिस बीठा लिया

राघव- मैं मानता हु मुझसे गलती हुई है , मुझे किसी भी नतीजे पर पहुचने से पहले तुमसे बात करनी चाहिए थी लेकिन मैं हमारी रीलेशनशिप की ग्रोथ से बहुत खुश था और फिर उसने अचानक वो कह दिया तो मैं गुस्से पर काबू नहीं कर पाया, मेरे लिए किसी पर भी यकीन कर पाना बहुत मुश्किल है लेकिन तुमपर मुझे पूरा यकीन है और वो सब सुनकर मुझे लगा के तुम्हें मुझपर एतबार नहीं और मैं वो सब कह बैठा

राघव ने नेहा को समझाया वही नेहा की आँख से आँसू गिरा, राघव ने जैसे ही नेहा को रोते देखा उसने नेहा को गर्दन से पकड़ते हुए उन दोनों के सर आपस मे जोड़ लिए

राघव- सॉरी! सॉरी! सॉरी!

राघव बार बार नेहा से माफी मांगने लगा वही राघव का ये साइड नेहा के लिए नया था उसने राघव को पहली बार सॉरी कहते सुना था

राघव- मैं जानता हु मैं गधा हु बट माफ कर दो यार प्लीज! वादा करता हु दोबारा कभी ऐसा नहीं होगा, मैं बेवकूफ था जो उसकी बातों मे आया प्लीज!!

राघव को ऐसे देख नेहा कब तक नाराज रह पाती भला, राघव को सही मे अपनी गली का पछतावा था जो उसकी आँखों मे साफ दिख रहा था नेहा को उसकी दिन भर की कोशिशे दिखी थी जब वो उसे मना रहा था

राघव- बहुत बुरा हु मैं, सॉरी!

राघव ने नेहा के गाल अपने हाथ मे थामे कहा, जिस राघव देशपांडे मे कभी किसी को सॉरी नहीं कहा वो आज अपनी बीवी के आगे अपना मेल इगो बाजू करके माफी मांग रहा था

राघव- वादा करता हु दोबारा कभी ऐसा नहीं करूंगा लेकिन प्लीज तुम मुझे इग्नोर नहीं करोगी

राघव ने धीमे से कहा वही नेहा बस उसे देखने लगी आज के राघव में और उस राघव मे बहुत फर्क था जिससे नेहा ने पाँच महीने पहले शादी की थी, वो नेहा के लिए अपने आप को बदल रहा था

नेहा- माफ किया!

राघव- प्लीज... हैं!

नेहा- माफ किया आपको

नेहा मे मुस्कुरा कर कहा वही राघव के चेहरे पर भी एक मुस्कान उभर आई और उसने नेहा को गले लगा लिया

राघव- थैंक यू! थैंक यू! थैंक यू सो मच !

नेहा भी राघव के गले लग कर खुश थी उसकी बाहों मे वो अपने आप को सेफ महसूस कर रही थी, कुछ देर तक वो दोनों वैसे ही रहे फिर राघव ने आलिंगन तोड़ा और नेहा को देख कर कहा

राघव - वादा करो तुम मुझे कभी ऐसे इग्नोर नहीं करोगी, पता नहीं क्यू लेकिन तुम्हारा मुझे इग्नोर करना मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊँगा

नेहा- वादा रहा!

राघव- और मैं भी वादा करता हु के दोबारा कभी ऐसे किसी की बातों मे नहीं आऊँगा और तुम भी मुझपर से भरोसा मत हटाना, मेरे लिए अपने आप को इतनी जल्दी बदलना मुश्किल है लेकिन मैं कोशिश कर रहा हु और करता रहूँगा!

राघव ने किसी बच्चे की तरह कहा जिसपर नेहा बस हस दी और उसने हा मे गर्दन हिला दी,

राघव उसने बाजू मे बेड पर बैठा था और उसने उसे साइड से गले लगाया जिससे नेहा थोड़ी सप्राइज़ हुई

राघव- तुम्हें नहीं पता मुझे कितना बुरा लगा जब तुमने मुझे इग्नोर किया था

नेहा- मैं जानती हु

नेहा ने राघव ने बाल बिखेरते हुए कहा

राघव- तुम्हें पता था?? फिर इतना परेशान क्यू किया मुझे??

नेहा- वो इसीलिए क्युकी मैं चाहती थी के आपको ये बात समझे और आप दोबारा कभी ऐसा ना करे और मुझे मेरे बेबी का ये साइड थोड़ी दिखता फिर

नेहा ने कहा और जैसे ही उसके ध्यान मे आया के उसने राघव को बेबी कहा है उसने शर्मा के गर्दन झुका ली

कुछ टाइम तक दोनों मे से कोई कुछ नहीं बोला और फिर राघव ने ही चुप्पी तोड़ी

राघव- वो अब भी पसंद करती है मुझे??

राघव ने नेहा की उंगलियों से खेलते हुए रितु के लिए पूछा

नेहा- पसंद? वो पागल है आपके लिए मैंने बहुत समझाया उसे वॉर्न किया लेकिन लगता है अब उसे सबक सिखाना पड़ेगा

राघव- तुमने उसे मेरे लिए वॉर्न किया ??

नेहा- आपने बस यही सुना?

लेकिन राघव मुस्कुराया

राघव- तो अब आप क्या करेंगी आपकी वार्निंग तो फेल हो गई वो तो मैं था जो उसे अवॉइड कर रहा था

राघव ने नेहा को छेड़ते हुए सारा क्रेडिट खुद ले लिया

राघव- लगता है अब हम दोनों को उसे कोई सही सबक सिखाना होगा और इस बार बगैर वार्निंग के!

राघव की बात सुन नेहा कन्फ्यूजन मे उसे देखने लगी

नेहा- और वो कैसे?

राघव- राघव देशपांडे स्पेशल ट्रीटमेंट से

राघव ने शैतानी मुस्कान के साथ कहा वही नेहा को कुछ सही नहीं लगा रहा था राघव कुछ ऐसा करने वाला था जो उसने सोचा भी नहीं था

नेहा- मतलब??

राघव- बस जो मैं कहू करती जाओ सब पता चलेगा

नेहा फिर कुछ पल राघव को देखा के वो कुछ बताएगा लेकिन वो कुछ नहीं बोला लेकिन उसके दिमाग मे कुछ तो चल रहा था और वो क्या था ये तो अगले अपडेट मे पता चलेगा तब तक प्लीज कमेन्ट करते रहो मिलते है अगले अपडेट के साथ


क्रमश:
Bhot hi pyara oe jaberdast update...😒pwr ek to do din se diya h update wo bhi itu sa.....thoda to redars ka socha karo....🤔its a request na ki sikyat kuki sabki apni life hoti h apne kaam so ye ek vinati h daily de update.. :angel5: :angel4: :knit:
 
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