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Update 34
आज आकाश की सगाई थी और सब लोग तयारियों मे बिजी थी रेडी हो रहे थे ताकि सगाई वाली जगह के लिए निकल सके
कुमुद- सब हो गया?
बड़ी दादी ने संध्या जी से पूछा
संध्या- जी बुआ जी सब हो गया है अब आप आराम करिए चिंता मत करिए
कुमुद- ठीक है, सब तयार हो गए है ना हमे वहा समय पर पहुचना है
संध्या- मैं बस वही देखने जा रही थी
और इतना बोल के संध्या जी वहा से चली गई
शिवशंकर- अरे ये क्या अभी तक कोई तयार नहीं हुआ ?
दादू ने वहा आते हुए पूछा
कुमुद- संध्या गई है देखने..
तभी राघव वहा आ पहुचा जो पूरा रेडी था
शिवशंकर- अरे वाह राघव तुम हो गए तयार, जाओ और नेहा को बुला लाओ
दादू ने राघव को देखते ही कहा
कुमुद- और हा अगर उसे कुछ मदद चाहिए होगी तयार होने मे तो कर देना वो सबसे आखिर मे रेडी होने गई थी
बड़ी दादी और दादू दोनों ने ही राघव को नेहा को बुलाने कहा वही नेहा का नाम सुनते ही राघव वही जम गया और उसके गाल लाल हो गए और ऐसा क्यू हुआ तो ये जानने के लिए चलते है कुछ समय पहले....
राघव तयार होकर बस बाथरूम से बाहर आया ही था के उसने देखा के रूम मे नेहा रेडी हो रही है और नेहा को देखते ही उसकी आंखे बड़ी हो गई क्युकी इस वक्त नेहा बस ब्लाउस और पेटीकोट मे थी और साड़ी पहन रही थी, नेहा को लगा था के राघव रूम मे नहीं है क्युकी बाथरूम से उसे कोई आवाज नहीं आया था इसीलिए वो रेडी होने लगी और जब वो मुड़ी तो उसका मुह खुला का खुला रह गया आखे बाहर आने को हो गई क्युकी राघव बगैर पलके झपकाए उसे देखे जा रहा था...
नेहा ने झट से अपनी साड़ी का पल्लू लिया लेकिन तब तक तो राघव की नजर उसकी पतली कमर पर पड चुकी थी और ऐसे अचानक राघव को देखते ही नेहा चीखने ही वाली थी के राघव ने जल्दी से अपने हाथ से उसका मुह बंद कर दिया और नेहा की आधी पहनी साड़ी नीचे गिर गई और नेहा चौक के राघव को देखने लगी जब उसे राघव का हाथ अपनी कमर पर महसूस हुआ
राघव- चिल्लाओ मत! क्या कर रही हो यार
राघव ने कहा वही नेहा बड़ी बड़ी आँखों से उसे देखने लगी और उसे अपने आप को ऐसे देखता पाकर राघव को सिचुएशन का ध्यान आया और वो थोड़ा पीछे हटा और मूड के खड़ा हो गया
राघव- वो.. मैं... वो जानबुझ के नहीं हुआ.. मैं बाथरूम मे था और तुम यहा कपड़े क्यू बदल रही हो
राघव ने अपनी गलती नेहा पर डालने की कोशिश कि
नेहा- मुझे सपने नहीं आ रहे थे के आप बाथरूम मे हो मुझे कोई आवाज नहीं आया तो लगा के आप नहीं हो और वैसे भी मैं वहा साड़ी नहीं पहन सकती थी
नेहा ने वापिस साड़ी पहनते हुए धीमे से कहा
राघव- तो.. तो अबतक पहनी क्यू नहीं??
नेहा- वो.. वो मुझसे ब्लाउस की डोरी नहीं बंध रही थी पीछे से तो....
नेहा ने थोड़ा हिचकते हुए कहा
राघव- तो किसी को मदद के लिए बुला लेना था
नेहा- सब तयार हो रहे है
राघव- तो अब क्या करोगी कैसे रेडी होगी
राघव ने एकदम से पूछा
नेहा- किसी के रेडी होने का वेट करूंगी फिर
नेहा ने कहा और कुछ पल रूम मे शांति फैल गई
राघव- घूमो!
राघव ने एकदम से कहा जो नेहा को समझ नहीं आया
नेहा- हा?
राघव- अरे घूमो वरना लेट हो जाओगी चलने का टाइम हो गया है
राघव ने अपना कुर्ता सही करते हुए कहा
नेहा- नहीं ठीक है मैं कर लूँगी मैनेज
राघव- मैं खा नहीं जाऊंगा तुम्हें और वैसे भी तुम्ही ने मुझे पति वाला हक जमाने कहा था ना तो अब घूमो इतनी भी बड़ी बात नहीं है
‘अनहाहा नेहा क्यू कही थी तुमने वो बात’ नेहा ने मन ही मन अपने आप को कोसा
राघव- नेहा घूमो लेट हो रहा है
जिसके बाद नेहा थोड़ा हिचकते हुए मुड़ी और राघव को देखने कहा और राघव ने मूड कर देखा तो अनायास ही उसकी नजर नेहा की पीठ पर पड़ी और उसे पसीना आने लगा और वो धीरे धीरे नेहा की तरफ बढ़ा
राघव ने अपने हाथ से नेहा के बाल एक साइड हटाए, उसके हाथ थरथरा रहे थे और जैसे ही उसने नेहा की पीठ हो छुआ उसके होंठ बंद हो गए वही राघव का स्पर्श पीठ पर पाते ही नेहा के रोंगटे खड़े हो गए
राघव की नजरे एक पल को भी नेहा की पीठ ने नहीं हट रही थी और अब वहा का महोल गरम होने लगा था
राघव ने ब्लाउस की डोरी बांधनी शुरू की, धड़कने दोनों की बढ़ी हुई थी वही नेहा अपनी साँसों पे काबू कर रही थी
जब भी राघव उसके आसपास होता पता नहीं उसे क्या हो जाता
राघव- हो गया!
और इतना बोलते ही राघव झट से रूम से बाहर चल गया और अभी जब दादू और बड़ी दादी ने उसे नेहा को बुलाने कहा था तो रूम मे हुआ यही सीन याद कर राघव के गाल लाल हो गए थे
‘एक तो कल रात का सीन फिर अब, पता नहीं उसके पास जाते ही मुझे क्या होने लगता है दूर रहना पड़ेगा उससे वरना पता नहीं मैं क्या कर जाऊंगा, लेकिन क्या कमर थी यार’
राघव अपने ही खयालों मे खोया हुआ था तभी रमाकांत जी ने उसके चेहरे के सामने चुटकी बजा कर उसे होश मे लाया
रमाकांत- किधर खोए हो बरखुरदार?
शेखर- बड़े पापा लगता है भाई को कुछ याद आ गया होगा हैना भाई??
शेखर राघव को छेड़ने लगा इतने मे सब लोग वहा जमा हो चुके थे
राघव- शट उप शेखर! नेहा बस आती ही होगी बड़ी दादी
मीनाक्षी- श्वेता कहा है शेखर?
श्वेता- मैं यहा हु मा
श्वेता ने उनके पास आते हुए कहा, आज वो गजब की सुन्दर दिख रही थी और शेखर ने उसे आता देख उसे आँख मार दी
विवेक- वूह! भाभी लूकिंग ऑसम लेकिन आपके पतिदेव का क्या करे ये तो बांदर ही दिख रहा है
विवेक ने कहा जिस पर सब हसने लगे और शेखर ने उसे पेट मे हल्का सा मुक्का जड़ दिया
शेखर- सा...
शेखर अभी विवेक पर शब्द सुमनो की बारिश करने की वाला था के उसे घरवालों का ध्यान आया तो वो रुक गया, सब लोग श्वेता की तारीफ करने लगे
गायत्री- नेहा कहा है??
दादी ने इधर उधर देखते हुए पूछा
स्वाती- वो रही भाभी
स्वाती ने राघव के पीछे की तरफ इशारा किया जहा से नेहा आ रही थी और स्वाती की बात सुन राघव ने जैसे ही मूड कर पीछे देखा तो वो बस नेहा को देखता ही रह गया
नेहा धीरे धीरे चलते हुए राघव की तरफ आ रही थी उर उसके चेहरे पर एक खूबसूरत मुस्कान बनी हुई थी, राघव की पसंद की हुई साड़ी उसपर बहुत जच रही थी
नेहा को देख कर राघव के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई, जो उसे अपने जीवनसाथी मे चाहिए था नेहा मे वो सब कुछ था रूप भी और गुण भी और इस वक्त वो किसी देवी से कम नहीं लग रही थी, सिम्पल एण्ड ब्यूटीफुल
रिद्धि- भाभी बहुत सुन्दर लग रही हो आप
रिद्धि ने कहा जिसपर नेहा बस मुस्कुरा दी
जानकी - आखिर बहु किसकी है
संध्या- साड़ी बहुत सुन्दर लग रही है नेहा नाइस चॉइस
रिद्धि- वो तो भईया की पसंद है चाची
मीनाक्षी- सही मे ? राघव तुमने पसंद की है ये साड़ी?
लेकिन राघव का किसी की बातों पर ध्यान ही कहा था वो तो उसकी बीवी मे ही खोया हुआ था
आकाश- भाई!!
आकाश ने राघव को हिला कर उसके सपनों की दुनिया से बाहर निकाला
राघव- आगाये सब चलो अब लेट हो रहा है और आकाश तुझे सगाई करनी है ना?
राघव ने एकदम से सबकी नजरे अपनी तरफ पाई तो बात बदलते हुए कहा और उसकी बात सुन आकाश भी जल्दी करने लगा
रमेश- हा अब चलना चाहिए वरना हमलोग लेट हो जाएंगे
शुभंकर- हा, और ममता से बात हुई है मेरी वो सीधा वही पहुचेंगे
आरती- ठीक है फिर सब तयार है तो चलते है हमे बस रितु को साथ लेना है उसके मा बाप नहीं आ रहे
और आरती जी के रितु का नाम लेते ही दो लोगों का मूड ऑफ हो गया वो थे नेहा और श्वेता
‘सब ने मेरी तारीफ की लेकिन इनके मुह से एक शब्द नहीं निकला’ नेहा ने राघव को देखते हुए सोचा
अब शेखर श्वेता, राघव और नेहा एक ही कार मे जाने वाले थे
शेखर- भाभी आप सामने भाई के साथ बैठो मैं और श्वेता पीछे बैठते है
शेखर ने नेहा ने कहा और ड्राइविंग सीट पर बैठे राघव को देखा नेहा ने हा मे गर्दन हिलाई और वो दरवाजा खोलने ही वाली थी के रितु वहा आ पहुची
रितु- हे अंकल आंटी ने मुझे तुम लोगों के साथ आने कहा है बाकी सारी गाड़ियां फूल है
रितु ने कहा और वो राघव के बाजू मे बैठने ही वाली थी के नेहा ने उसे रोक दिया
नेहा- वो मेरी जगह है रितु
रितु- तुम्हारा नाम लिखा है क्या यहा?
नेहा- नाम तो तुम्हारा भी नहीं है
अब नेहा इससे चिढ़ने लगी थी
रितु- हा लेकिन अब मैं बैठूँगी यहा
और इससे पहले रितु दरवाजा खोल कर राघव ने बाजू मे बैठती कार का शिशा नीचे हुए एक आवाज आया
राघव- नेहा मेरे बाजू मे आकार बैठो
राघव की उस डोमिनेंट आवाज ने सारा झगड़ा ही खतम कर दिया और रितु शॉक होकर उसे देखने लगी और नेहा राघव का सपाट चेहरा देखते हुए उसके बाजू मे जा बैठी
श्वेता- रितु आओ तुम मेरे पास बैठो
श्वेता ने अपने बाजू की खाली सीट की ओर इशारा करते हुए कहा और रितु तमतमाते हुए पीछे की सीट पर जा बैठी और वो निकल गए
रितु- नेहा तुम तो ऐसे तयार हुई हो जैसे तुम्हारी सगाई हो
रितु ने नेहा का मजाक बनाना चाहा
नेहा- वो क्या है ना शादी शुदा लड़किया ऐसे ही तयार होती है
रितु- लेकिन ये साड़ी कितनी...
नेहा- परफेक्ट! परफेक्ट है मेरे लिए इन्होंने जो पसंद की है!
नेहा ने रितु की बात बीच मे ही काटते हुए कहा जीसे सुन राघव के चेहरे पर भी एक हल्की सी बस हल्की सी स्माइल आ गई वही नेहा के जवाब पे रितु ने उसे गुस्से से देखा लेकिन फिर उसने अपनी नजरे राघव की ओर घुमाई
रितु- राघव तुमने ऐसे अचानक शादी करली ऐसा क्यू? बीवी तुम्हारे पसंद की है भी या नहीं?
उसने नेहा को तान मारा और गाड़ी मे सब एकदम शांत हो गए नेहा का चेहरा उतर गया उसने राघव को देखा जो बाहर रोड को देख कर गाड़ी चलाने पर ध्यान दे रहा था फिर उसने रीयर व्यू मिरर से रितु को देखा जिसके चेहरे पर शैतानी मुस्कान थी और राघव की इस चुप्पी से उदास होकर नेहा बाहर देखने लगी
लेकिन तभी उसके किसी का हाथ अपने हाथ पर महसूस हुआ उसने उस तरफ देखा तो पाया के राघव अपने बाये हाथ से उसका दाया हाथ पकड़ रखा था और उसका ध्यान अब भी रोड पर था, राघव ने नेहा का हाथ पकड़ के उसे चूम लिया जिससे नेहा के मन मे तितलिया उड़ने लगी और फिर
राघव पूरे रास्ते नेहा का हाथ पकड़े गाड़ी चलाता रहा
राघव- मुझे लगता है इतना जवाब काफी होगा
राघव ने रोड पर देखते हुए रितु से कहा और नेहा के चेहरे पर एक मुस्कान उभर आई और रितु चुप हो गई
उसके बाद उनमे से कोई कुछ नहीं बोला जब तक वो अपनी मंजिल पर ना पहुच गए.....
क्रमश: