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Romance In Love.. With You... (Completed)

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Adirshi

Royal कारभार 👑
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Update 34




आज आकाश की सगाई थी और सब लोग तयारियों मे बिजी थी रेडी हो रहे थे ताकि सगाई वाली जगह के लिए निकल सके

कुमुद- सब हो गया?

बड़ी दादी ने संध्या जी से पूछा

संध्या- जी बुआ जी सब हो गया है अब आप आराम करिए चिंता मत करिए

कुमुद- ठीक है, सब तयार हो गए है ना हमे वहा समय पर पहुचना है

संध्या- मैं बस वही देखने जा रही थी

और इतना बोल के संध्या जी वहा से चली गई

शिवशंकर- अरे ये क्या अभी तक कोई तयार नहीं हुआ ?

दादू ने वहा आते हुए पूछा

कुमुद- संध्या गई है देखने..

तभी राघव वहा आ पहुचा जो पूरा रेडी था

शिवशंकर- अरे वाह राघव तुम हो गए तयार, जाओ और नेहा को बुला लाओ

दादू ने राघव को देखते ही कहा

कुमुद- और हा अगर उसे कुछ मदद चाहिए होगी तयार होने मे तो कर देना वो सबसे आखिर मे रेडी होने गई थी

बड़ी दादी और दादू दोनों ने ही राघव को नेहा को बुलाने कहा वही नेहा का नाम सुनते ही राघव वही जम गया और उसके गाल लाल हो गए और ऐसा क्यू हुआ तो ये जानने के लिए चलते है कुछ समय पहले....

राघव तयार होकर बस बाथरूम से बाहर आया ही था के उसने देखा के रूम मे नेहा रेडी हो रही है और नेहा को देखते ही उसकी आंखे बड़ी हो गई क्युकी इस वक्त नेहा बस ब्लाउस और पेटीकोट मे थी और साड़ी पहन रही थी, नेहा को लगा था के राघव रूम मे नहीं है क्युकी बाथरूम से उसे कोई आवाज नहीं आया था इसीलिए वो रेडी होने लगी और जब वो मुड़ी तो उसका मुह खुला का खुला रह गया आखे बाहर आने को हो गई क्युकी राघव बगैर पलके झपकाए उसे देखे जा रहा था...

नेहा ने झट से अपनी साड़ी का पल्लू लिया लेकिन तब तक तो राघव की नजर उसकी पतली कमर पर पड चुकी थी और ऐसे अचानक राघव को देखते ही नेहा चीखने ही वाली थी के राघव ने जल्दी से अपने हाथ से उसका मुह बंद कर दिया और नेहा की आधी पहनी साड़ी नीचे गिर गई और नेहा चौक के राघव को देखने लगी जब उसे राघव का हाथ अपनी कमर पर महसूस हुआ

राघव- चिल्लाओ मत! क्या कर रही हो यार

राघव ने कहा वही नेहा बड़ी बड़ी आँखों से उसे देखने लगी और उसे अपने आप को ऐसे देखता पाकर राघव को सिचुएशन का ध्यान आया और वो थोड़ा पीछे हटा और मूड के खड़ा हो गया

राघव- वो.. मैं... वो जानबुझ के नहीं हुआ.. मैं बाथरूम मे था और तुम यहा कपड़े क्यू बदल रही हो

राघव ने अपनी गलती नेहा पर डालने की कोशिश कि

नेहा- मुझे सपने नहीं आ रहे थे के आप बाथरूम मे हो मुझे कोई आवाज नहीं आया तो लगा के आप नहीं हो और वैसे भी मैं वहा साड़ी नहीं पहन सकती थी

नेहा ने वापिस साड़ी पहनते हुए धीमे से कहा

राघव- तो.. तो अबतक पहनी क्यू नहीं??

नेहा- वो.. वो मुझसे ब्लाउस की डोरी नहीं बंध रही थी पीछे से तो....

नेहा ने थोड़ा हिचकते हुए कहा

राघव- तो किसी को मदद के लिए बुला लेना था

नेहा- सब तयार हो रहे है

राघव- तो अब क्या करोगी कैसे रेडी होगी

राघव ने एकदम से पूछा

नेहा- किसी के रेडी होने का वेट करूंगी फिर

नेहा ने कहा और कुछ पल रूम मे शांति फैल गई

राघव- घूमो!

राघव ने एकदम से कहा जो नेहा को समझ नहीं आया

नेहा- हा?

राघव- अरे घूमो वरना लेट हो जाओगी चलने का टाइम हो गया है

राघव ने अपना कुर्ता सही करते हुए कहा

नेहा- नहीं ठीक है मैं कर लूँगी मैनेज

राघव- मैं खा नहीं जाऊंगा तुम्हें और वैसे भी तुम्ही ने मुझे पति वाला हक जमाने कहा था ना तो अब घूमो इतनी भी बड़ी बात नहीं है

अनहाहा नेहा क्यू कही थी तुमने वो बात’ नेहा ने मन ही मन अपने आप को कोसा

राघव- नेहा घूमो लेट हो रहा है

जिसके बाद नेहा थोड़ा हिचकते हुए मुड़ी और राघव को देखने कहा और राघव ने मूड कर देखा तो अनायास ही उसकी नजर नेहा की पीठ पर पड़ी और उसे पसीना आने लगा और वो धीरे धीरे नेहा की तरफ बढ़ा

राघव ने अपने हाथ से नेहा के बाल एक साइड हटाए, उसके हाथ थरथरा रहे थे और जैसे ही उसने नेहा की पीठ हो छुआ उसके होंठ बंद हो गए वही राघव का स्पर्श पीठ पर पाते ही नेहा के रोंगटे खड़े हो गए

राघव की नजरे एक पल को भी नेहा की पीठ ने नहीं हट रही थी और अब वहा का महोल गरम होने लगा था

राघव ने ब्लाउस की डोरी बांधनी शुरू की, धड़कने दोनों की बढ़ी हुई थी वही नेहा अपनी साँसों पे काबू कर रही थी

जब भी राघव उसके आसपास होता पता नहीं उसे क्या हो जाता

राघव- हो गया!

और इतना बोलते ही राघव झट से रूम से बाहर चल गया और अभी जब दादू और बड़ी दादी ने उसे नेहा को बुलाने कहा था तो रूम मे हुआ यही सीन याद कर राघव के गाल लाल हो गए थे

एक तो कल रात का सीन फिर अब, पता नहीं उसके पास जाते ही मुझे क्या होने लगता है दूर रहना पड़ेगा उससे वरना पता नहीं मैं क्या कर जाऊंगा, लेकिन क्या कमर थी यार’

राघव अपने ही खयालों मे खोया हुआ था तभी रमाकांत जी ने उसके चेहरे के सामने चुटकी बजा कर उसे होश मे लाया

रमाकांत- किधर खोए हो बरखुरदार?

शेखर- बड़े पापा लगता है भाई को कुछ याद आ गया होगा हैना भाई??

शेखर राघव को छेड़ने लगा इतने मे सब लोग वहा जमा हो चुके थे

राघव- शट उप शेखर! नेहा बस आती ही होगी बड़ी दादी

मीनाक्षी- श्वेता कहा है शेखर?

श्वेता- मैं यहा हु मा

श्वेता ने उनके पास आते हुए कहा, आज वो गजब की सुन्दर दिख रही थी और शेखर ने उसे आता देख उसे आँख मार दी

विवेक- वूह! भाभी लूकिंग ऑसम लेकिन आपके पतिदेव का क्या करे ये तो बांदर ही दिख रहा है

विवेक ने कहा जिस पर सब हसने लगे और शेखर ने उसे पेट मे हल्का सा मुक्का जड़ दिया

शेखर- सा...

शेखर अभी विवेक पर शब्द सुमनो की बारिश करने की वाला था के उसे घरवालों का ध्यान आया तो वो रुक गया, सब लोग श्वेता की तारीफ करने लगे

गायत्री- नेहा कहा है??

दादी ने इधर उधर देखते हुए पूछा

स्वाती- वो रही भाभी

स्वाती ने राघव के पीछे की तरफ इशारा किया जहा से नेहा आ रही थी और स्वाती की बात सुन राघव ने जैसे ही मूड कर पीछे देखा तो वो बस नेहा को देखता ही रह गया

नेहा धीरे धीरे चलते हुए राघव की तरफ आ रही थी उर उसके चेहरे पर एक खूबसूरत मुस्कान बनी हुई थी, राघव की पसंद की हुई साड़ी उसपर बहुत जच रही थी

नेहा को देख कर राघव के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई, जो उसे अपने जीवनसाथी मे चाहिए था नेहा मे वो सब कुछ था रूप भी और गुण भी और इस वक्त वो किसी देवी से कम नहीं लग रही थी, सिम्पल एण्ड ब्यूटीफुल

रिद्धि- भाभी बहुत सुन्दर लग रही हो आप

रिद्धि ने कहा जिसपर नेहा बस मुस्कुरा दी

जानकी - आखिर बहु किसकी है

संध्या- साड़ी बहुत सुन्दर लग रही है नेहा नाइस चॉइस

रिद्धि- वो तो भईया की पसंद है चाची

मीनाक्षी- सही मे ? राघव तुमने पसंद की है ये साड़ी?

लेकिन राघव का किसी की बातों पर ध्यान ही कहा था वो तो उसकी बीवी मे ही खोया हुआ था

आकाश- भाई!!

आकाश ने राघव को हिला कर उसके सपनों की दुनिया से बाहर निकाला

राघव- आगाये सब चलो अब लेट हो रहा है और आकाश तुझे सगाई करनी है ना?

राघव ने एकदम से सबकी नजरे अपनी तरफ पाई तो बात बदलते हुए कहा और उसकी बात सुन आकाश भी जल्दी करने लगा

रमेश- हा अब चलना चाहिए वरना हमलोग लेट हो जाएंगे

शुभंकर- हा, और ममता से बात हुई है मेरी वो सीधा वही पहुचेंगे

आरती- ठीक है फिर सब तयार है तो चलते है हमे बस रितु को साथ लेना है उसके मा बाप नहीं आ रहे

और आरती जी के रितु का नाम लेते ही दो लोगों का मूड ऑफ हो गया वो थे नेहा और श्वेता

‘सब ने मेरी तारीफ की लेकिन इनके मुह से एक शब्द नहीं निकला’ नेहा ने राघव को देखते हुए सोचा

अब शेखर श्वेता, राघव और नेहा एक ही कार मे जाने वाले थे

शेखर- भाभी आप सामने भाई के साथ बैठो मैं और श्वेता पीछे बैठते है

शेखर ने नेहा ने कहा और ड्राइविंग सीट पर बैठे राघव को देखा नेहा ने हा मे गर्दन हिलाई और वो दरवाजा खोलने ही वाली थी के रितु वहा आ पहुची

रितु- हे अंकल आंटी ने मुझे तुम लोगों के साथ आने कहा है बाकी सारी गाड़ियां फूल है

रितु ने कहा और वो राघव के बाजू मे बैठने ही वाली थी के नेहा ने उसे रोक दिया

नेहा- वो मेरी जगह है रितु

रितु- तुम्हारा नाम लिखा है क्या यहा?

नेहा- नाम तो तुम्हारा भी नहीं है

अब नेहा इससे चिढ़ने लगी थी

रितु- हा लेकिन अब मैं बैठूँगी यहा

और इससे पहले रितु दरवाजा खोल कर राघव ने बाजू मे बैठती कार का शिशा नीचे हुए एक आवाज आया

राघव- नेहा मेरे बाजू मे आकार बैठो

राघव की उस डोमिनेंट आवाज ने सारा झगड़ा ही खतम कर दिया और रितु शॉक होकर उसे देखने लगी और नेहा राघव का सपाट चेहरा देखते हुए उसके बाजू मे जा बैठी

श्वेता- रितु आओ तुम मेरे पास बैठो

श्वेता ने अपने बाजू की खाली सीट की ओर इशारा करते हुए कहा और रितु तमतमाते हुए पीछे की सीट पर जा बैठी और वो निकल गए

रितु- नेहा तुम तो ऐसे तयार हुई हो जैसे तुम्हारी सगाई हो

रितु ने नेहा का मजाक बनाना चाहा

नेहा- वो क्या है ना शादी शुदा लड़किया ऐसे ही तयार होती है

रितु- लेकिन ये साड़ी कितनी...

नेहा- परफेक्ट! परफेक्ट है मेरे लिए इन्होंने जो पसंद की है!

नेहा ने रितु की बात बीच मे ही काटते हुए कहा जीसे सुन राघव के चेहरे पर भी एक हल्की सी बस हल्की सी स्माइल आ गई वही नेहा के जवाब पे रितु ने उसे गुस्से से देखा लेकिन फिर उसने अपनी नजरे राघव की ओर घुमाई

रितु- राघव तुमने ऐसे अचानक शादी करली ऐसा क्यू? बीवी तुम्हारे पसंद की है भी या नहीं?

उसने नेहा को तान मारा और गाड़ी मे सब एकदम शांत हो गए नेहा का चेहरा उतर गया उसने राघव को देखा जो बाहर रोड को देख कर गाड़ी चलाने पर ध्यान दे रहा था फिर उसने रीयर व्यू मिरर से रितु को देखा जिसके चेहरे पर शैतानी मुस्कान थी और राघव की इस चुप्पी से उदास होकर नेहा बाहर देखने लगी

लेकिन तभी उसके किसी का हाथ अपने हाथ पर महसूस हुआ उसने उस तरफ देखा तो पाया के राघव अपने बाये हाथ से उसका दाया हाथ पकड़ रखा था और उसका ध्यान अब भी रोड पर था, राघव ने नेहा का हाथ पकड़ के उसे चूम लिया जिससे नेहा के मन मे तितलिया उड़ने लगी और फिर

राघव पूरे रास्ते नेहा का हाथ पकड़े गाड़ी चलाता रहा

राघव- मुझे लगता है इतना जवाब काफी होगा

राघव ने रोड पर देखते हुए रितु से कहा और नेहा के चेहरे पर एक मुस्कान उभर आई और रितु चुप हो गई

उसके बाद उनमे से कोई कुछ नहीं बोला जब तक वो अपनी मंजिल पर ना पहुच गए.....

क्रमश:
 

Adirshi

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Aayi meri subah hassti hassati
Boli aankhein tere liye sandesa hai, haan hai
Jaagi aankhon ko bhi sapna milega
Koi khushi aane ka bhi andesha hai, haan hai
Haannn haa…
Gulaabi si subah
Haaannn haa…
Sharaabi si hawa
Bheegi si bhaagi si
Meri baazuon mein samayi
Jogi si jaagi si
Koi prem dhun woh sunaye :notme:
 

Yasasvi1

❣bhootni💞
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आज आकाश की सगाई थी और सब लोग तयारियों मे बिजी थी रेडी हो रहे थे ताकि सगाई वाली जगह के लिए निकल सके

कुमुद- सब हो गया?

बड़ी दादी ने संध्या जी से पूछा

संध्या- जी बुआ जी सब हो गया है अब आप आराम करिए चिंता मत करिए

कुमुद- ठीक है, सब तयार हो गए है ना हमे वहा समय पर पहुचना है

संध्या- मैं बस वही देखने जा रही थी

और इतना बोल के संध्या जी वहा से चली गई

शिवशंकर- अरे ये क्या अभी तक कोई तयार नहीं हुआ ?

दादू ने वहा आते हुए पूछा

कुमुद- संध्या गई है देखने..

तभी राघव वहा आ पहुचा जो पूरा रेडी था

शिवशंकर- अरे वाह राघव तुम हो गए तयार, जाओ और नेहा को बुला लाओ

दादू ने राघव को देखते ही कहा

कुमुद- और हा अगर उसे कुछ मदद चाहिए होगी तयार होने मे तो कर देना वो सबसे आखिर मे रेडी होने गई थी

बड़ी दादी और दादू दोनों ने ही राघव को नेहा को बुलाने कहा वही नेहा का नाम सुनते ही राघव वही जम गया और उसके गाल लाल हो गए और ऐसा क्यू हुआ तो ये जानने के लिए चलते है कुछ समय पहले....

राघव तयार होकर बस बाथरूम से बाहर आया ही था के उसने देखा के रूम मे नेहा रेडी हो रही है और नेहा को देखते ही उसकी आंखे बड़ी हो गई क्युकी इस वक्त नेहा बस ब्लाउस और पेटीकोट मे थी और साड़ी पहन रही थी, नेहा को लगा था के राघव रूम मे नहीं है क्युकी बाथरूम से उसे कोई आवाज नहीं आया था इसीलिए वो रेडी होने लगी और जब वो मुड़ी तो उसका मुह खुला का खुला रह गया आखे बाहर आने को हो गई क्युकी राघव बगैर पलके झपकाए उसे देखे जा रहा था...

नेहा ने झट से अपनी साड़ी का पल्लू लिया लेकिन तब तक तो राघव की नजर उसकी पतली कमर पर पड चुकी थी और ऐसे अचानक राघव को देखते ही नेहा चीखने ही वाली थी के राघव ने जल्दी से अपने हाथ से उसका मुह बंद कर दिया और नेहा की आधी पहनी साड़ी नीचे गिर गई और नेहा चौक के राघव को देखने लगी जब उसे राघव का हाथ अपनी कमर पर महसूस हुआ

राघव- चिल्लाओ मत! क्या कर रही हो यार

राघव ने कहा वही नेहा बड़ी बड़ी आँखों से उसे देखने लगी और उसे अपने आप को ऐसे देखता पाकर राघव को सिचुएशन का ध्यान आया और वो थोड़ा पीछे हटा और मूड के खड़ा हो गया

राघव- वो.. मैं... वो जानबुझ के नहीं हुआ.. मैं बाथरूम मे था और तुम यहा कपड़े क्यू बदल रही हो

राघव ने अपनी गलती नेहा पर डालने की कोशिश कि

नेहा- मुझे सपने नहीं आ रहे थे के आप बाथरूम मे हो मुझे कोई आवाज नहीं आया तो लगा के आप नहीं हो और वैसे भी मैं वहा साड़ी नहीं पहन सकती थी

नेहा ने वापिस साड़ी पहनते हुए धीमे से कहा

राघव- तो.. तो अबतक पहनी क्यू नहीं??

नेहा- वो.. वो मुझसे ब्लाउस की डोरी नहीं बंध रही थी पीछे से तो....

नेहा ने थोड़ा हिचकते हुए कहा

राघव- तो किसी को मदद के लिए बुला लेना था

नेहा- सब तयार हो रहे है

राघव- तो अब क्या करोगी कैसे रेडी होगी

राघव ने एकदम से पूछा

नेहा- किसी के रेडी होने का वेट करूंगी फिर

नेहा ने कहा और कुछ पल रूम मे शांति फैल गई

राघव- घूमो!

राघव ने एकदम से कहा जो नेहा को समझ नहीं आया

नेहा- हा?

राघव- अरे घूमो वरना लेट हो जाओगी चलने का टाइम हो गया है

राघव ने अपना कुर्ता सही करते हुए कहा

नेहा- नहीं ठीक है मैं कर लूँगी मैनेज

राघव- मैं खा नहीं जाऊंगा तुम्हें और वैसे भी तुम्ही ने मुझे पति वाला हक जमाने कहा था ना तो अब घूमो इतनी भी बड़ी बात नहीं है

अनहाहा नेहा क्यू कही थी तुमने वो बात’ नेहा ने मन ही मन अपने आप को कोसा

राघव- नेहा घूमो लेट हो रहा है

जिसके बाद नेहा थोड़ा हिचकते हुए मुड़ी और राघव को देखने कहा और राघव ने मूड कर देखा तो अनायास ही उसकी नजर नेहा की पीठ पर पड़ी और उसे पसीना आने लगा और वो धीरे धीरे नेहा की तरफ बढ़ा

राघव ने अपने हाथ से नेहा के बाल एक साइड हटाए, उसके हाथ थरथरा रहे थे और जैसे ही उसने नेहा की पीठ हो छुआ उसके होंठ बंद हो गए वही राघव का स्पर्श पीठ पर पाते ही नेहा के रोंगटे खड़े हो गए

राघव की नजरे एक पल को भी नेहा की पीठ ने नहीं हट रही थी और अब वहा का महोल गरम होने लगा था

राघव ने ब्लाउस की डोरी बांधनी शुरू की, धड़कने दोनों की बढ़ी हुई थी वही नेहा अपनी साँसों पे काबू कर रही थी

जब भी राघव उसके आसपास होता पता नहीं उसे क्या हो जाता

राघव- हो गया!

और इतना बोलते ही राघव झट से रूम से बाहर चल गया और अभी जब दादू और बड़ी दादी ने उसे नेहा को बुलाने कहा था तो रूम मे हुआ यही सीन याद कर राघव के गाल लाल हो गए थे

एक तो कल रात का सीन फिर अब, पता नहीं उसके पास जाते ही मुझे क्या होने लगता है दूर रहना पड़ेगा उससे वरना पता नहीं मैं क्या कर जाऊंगा, लेकिन क्या कमर थी यार’

राघव अपने ही खयालों मे खोया हुआ था तभी रमाकांत जी ने उसके चेहरे के सामने चुटकी बजा कर उसे होश मे लाया

रमाकांत- किधर खोए हो बरखुरदार?

शेखर- बड़े पापा लगता है भाई को कुछ याद आ गया होगा हैना भाई??

शेखर राघव को छेड़ने लगा इतने मे सब लोग वहा जमा हो चुके थे

राघव- शट उप शेखर! नेहा बस आती ही होगी बड़ी दादी

मीनाक्षी- श्वेता कहा है शेखर?

श्वेता- मैं यहा हु मा

श्वेता ने उनके पास आते हुए कहा, आज वो गजब की सुन्दर दिख रही थी और शेखर ने उसे आता देख उसे आँख मार दी

विवेक- वूह! भाभी लूकिंग ऑसम लेकिन आपके पतिदेव का क्या करे ये तो बांदर ही दिख रहा है

विवेक ने कहा जिस पर सब हसने लगे और शेखर ने उसे पेट मे हल्का सा मुक्का जड़ दिया

शेखर- सा...

शेखर अभी विवेक पर शब्द सुमनो की बारिश करने की वाला था के उसे घरवालों का ध्यान आया तो वो रुक गया, सब लोग श्वेता की तारीफ करने लगे

गायत्री- नेहा कहा है??

दादी ने इधर उधर देखते हुए पूछा

स्वाती- वो रही भाभी

स्वाती ने राघव के पीछे की तरफ इशारा किया जहा से नेहा आ रही थी और स्वाती की बात सुन राघव ने जैसे ही मूड कर पीछे देखा तो वो बस नेहा को देखता ही रह गया

नेहा धीरे धीरे चलते हुए राघव की तरफ आ रही थी उर उसके चेहरे पर एक खूबसूरत मुस्कान बनी हुई थी, राघव की पसंद की हुई साड़ी उसपर बहुत जच रही थी

नेहा को देख कर राघव के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई, जो उसे अपने जीवनसाथी मे चाहिए था नेहा मे वो सब कुछ था रूप भी और गुण भी और इस वक्त वो किसी देवी से कम नहीं लग रही थी, सिम्पल एण्ड ब्यूटीफुल

रिद्धि- भाभी बहुत सुन्दर लग रही हो आप

रिद्धि ने कहा जिसपर नेहा बस मुस्कुरा दी

जानकी - आखिर बहु किसकी है

संध्या- साड़ी बहुत सुन्दर लग रही है नेहा नाइस चॉइस

रिद्धि- वो तो भईया की पसंद है चाची

मीनाक्षी- सही मे ? राघव तुमने पसंद की है ये साड़ी?

लेकिन राघव का किसी की बातों पर ध्यान ही कहा था वो तो उसकी बीवी मे ही खोया हुआ था

आकाश- भाई!!

आकाश ने राघव को हिला कर उसके सपनों की दुनिया से बाहर निकाला

राघव- आगाये सब चलो अब लेट हो रहा है और आकाश तुझे सगाई करनी है ना?

राघव ने एकदम से सबकी नजरे अपनी तरफ पाई तो बात बदलते हुए कहा और उसकी बात सुन आकाश भी जल्दी करने लगा

रमेश- हा अब चलना चाहिए वरना हमलोग लेट हो जाएंगे

शुभंकर- हा, और ममता से बात हुई है मेरी वो सीधा वही पहुचेंगे

आरती- ठीक है फिर सब तयार है तो चलते है हमे बस रितु को साथ लेना है उसके मा बाप नहीं आ रहे

और आरती जी के रितु का नाम लेते ही दो लोगों का मूड ऑफ हो गया वो थे नेहा और श्वेता

‘सब ने मेरी तारीफ की लेकिन इनके मुह से एक शब्द नहीं निकला’ नेहा ने राघव को देखते हुए सोचा

अब शेखर श्वेता, राघव और नेहा एक ही कार मे जाने वाले थे

शेखर- भाभी आप सामने भाई के साथ बैठो मैं और श्वेता पीछे बैठते है

शेखर ने नेहा ने कहा और ड्राइविंग सीट पर बैठे राघव को देखा नेहा ने हा मे गर्दन हिलाई और वो दरवाजा खोलने ही वाली थी के रितु वहा आ पहुची

रितु- हे अंकल आंटी ने मुझे तुम लोगों के साथ आने कहा है बाकी सारी गाड़ियां फूल है

रितु ने कहा और वो राघव के बाजू मे बैठने ही वाली थी के नेहा ने उसे रोक दिया

नेहा- वो मेरी जगह है रितु

रितु- तुम्हारा नाम लिखा है क्या यहा?

नेहा- नाम तो तुम्हारा भी नहीं है

अब नेहा इससे चिढ़ने लगी थी

रितु- हा लेकिन अब मैं बैठूँगी यहा

और इससे पहले रितु दरवाजा खोल कर राघव ने बाजू मे बैठती कार का शिशा नीचे हुए एक आवाज आया

राघव- नेहा मेरे बाजू मे आकार बैठो

राघव की उस डोमिनेंट आवाज ने सारा झगड़ा ही खतम कर दिया और रितु शॉक होकर उसे देखने लगी और नेहा राघव का सपाट चेहरा देखते हुए उसके बाजू मे जा बैठी

श्वेता- रितु आओ तुम मेरे पास बैठो

श्वेता ने अपने बाजू की खाली सीट की ओर इशारा करते हुए कहा और रितु तमतमाते हुए पीछे की सीट पर जा बैठी और वो निकल गए

रितु- नेहा तुम तो ऐसे तयार हुई हो जैसे तुम्हारी सगाई हो

रितु ने नेहा का मजाक बनाना चाहा

नेहा- वो क्या है ना शादी शुदा लड़किया ऐसे ही तयार होती है

रितु- लेकिन ये साड़ी कितनी...

नेहा- परफेक्ट! परफेक्ट है मेरे लिए इन्होंने जो पसंद की है!

नेहा ने रितु की बात बीच मे ही काटते हुए कहा जीसे सुन राघव के चेहरे पर भी एक हल्की सी बस हल्की सी स्माइल आ गई वही नेहा के जवाब पे रितु ने उसे गुस्से से देखा लेकिन फिर उसने अपनी नजरे राघव की ओर घुमाई

रितु- राघव तुमने ऐसे अचानक शादी करली ऐसा क्यू? बीवी तुम्हारे पसंद की है भी या नहीं?

उसने नेहा को तान मारा और गाड़ी मे सब एकदम शांत हो गए नेहा का चेहरा उतर गया उसने राघव को देखा जो बाहर रोड को देख कर गाड़ी चलाने पर ध्यान दे रहा था फिर उसने रीयर व्यू मिरर से रितु को देखा जिसके चेहरे पर शैतानी मुस्कान थी और राघव की इस चुप्पी से उदास होकर नेहा बाहर देखने लगी

लेकिन तभी उसके किसी का हाथ अपने हाथ पर महसूस हुआ उसने उस तरफ देखा तो पाया के राघव अपने बाये हाथ से उसका दाया हाथ पकड़ रखा था और उसका ध्यान अब भी रोड पर था, राघव ने नेहा का हाथ पकड़ के उसे चूम लिया जिससे नेहा के मन मे तितलिया उड़ने लगी और फिर

राघव पूरे रास्ते नेहा का हाथ पकड़े गाड़ी चलाता रहा

राघव- मुझे लगता है इतना जवाब काफी होगा

राघव ने रोड पर देखते हुए रितु से कहा और नेहा के चेहरे पर एक मुस्कान उभर आई और रितु चुप हो गई

उसके बाद उनमे से कोई कुछ नहीं बोला जब तक वो अपनी मंजिल पर ना पहुच गए.....

क्रमश:
Are wahh ye hua na stand lena wesa ye padhke meko apni life yaad aa gayi wo bhi hamse itna hi pyare karte h...🙈😅😅bhot interesting hoti ja rahi h khanai
 

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आज आकाश की सगाई थी और सब लोग तयारियों मे बिजी थी रेडी हो रहे थे ताकि सगाई वाली जगह के लिए निकल सके

कुमुद- सब हो गया?

बड़ी दादी ने संध्या जी से पूछा

संध्या- जी बुआ जी सब हो गया है अब आप आराम करिए चिंता मत करिए

कुमुद- ठीक है, सब तयार हो गए है ना हमे वहा समय पर पहुचना है

संध्या- मैं बस वही देखने जा रही थी

और इतना बोल के संध्या जी वहा से चली गई

शिवशंकर- अरे ये क्या अभी तक कोई तयार नहीं हुआ ?

दादू ने वहा आते हुए पूछा

कुमुद- संध्या गई है देखने..

तभी राघव वहा आ पहुचा जो पूरा रेडी था

शिवशंकर- अरे वाह राघव तुम हो गए तयार, जाओ और नेहा को बुला लाओ

दादू ने राघव को देखते ही कहा

कुमुद- और हा अगर उसे कुछ मदद चाहिए होगी तयार होने मे तो कर देना वो सबसे आखिर मे रेडी होने गई थी

बड़ी दादी और दादू दोनों ने ही राघव को नेहा को बुलाने कहा वही नेहा का नाम सुनते ही राघव वही जम गया और उसके गाल लाल हो गए और ऐसा क्यू हुआ तो ये जानने के लिए चलते है कुछ समय पहले....

राघव तयार होकर बस बाथरूम से बाहर आया ही था के उसने देखा के रूम मे नेहा रेडी हो रही है और नेहा को देखते ही उसकी आंखे बड़ी हो गई क्युकी इस वक्त नेहा बस ब्लाउस और पेटीकोट मे थी और साड़ी पहन रही थी, नेहा को लगा था के राघव रूम मे नहीं है क्युकी बाथरूम से उसे कोई आवाज नहीं आया था इसीलिए वो रेडी होने लगी और जब वो मुड़ी तो उसका मुह खुला का खुला रह गया आखे बाहर आने को हो गई क्युकी राघव बगैर पलके झपकाए उसे देखे जा रहा था...

नेहा ने झट से अपनी साड़ी का पल्लू लिया लेकिन तब तक तो राघव की नजर उसकी पतली कमर पर पड चुकी थी और ऐसे अचानक राघव को देखते ही नेहा चीखने ही वाली थी के राघव ने जल्दी से अपने हाथ से उसका मुह बंद कर दिया और नेहा की आधी पहनी साड़ी नीचे गिर गई और नेहा चौक के राघव को देखने लगी जब उसे राघव का हाथ अपनी कमर पर महसूस हुआ

राघव- चिल्लाओ मत! क्या कर रही हो यार

राघव ने कहा वही नेहा बड़ी बड़ी आँखों से उसे देखने लगी और उसे अपने आप को ऐसे देखता पाकर राघव को सिचुएशन का ध्यान आया और वो थोड़ा पीछे हटा और मूड के खड़ा हो गया

राघव- वो.. मैं... वो जानबुझ के नहीं हुआ.. मैं बाथरूम मे था और तुम यहा कपड़े क्यू बदल रही हो

राघव ने अपनी गलती नेहा पर डालने की कोशिश कि

नेहा- मुझे सपने नहीं आ रहे थे के आप बाथरूम मे हो मुझे कोई आवाज नहीं आया तो लगा के आप नहीं हो और वैसे भी मैं वहा साड़ी नहीं पहन सकती थी

नेहा ने वापिस साड़ी पहनते हुए धीमे से कहा

राघव- तो.. तो अबतक पहनी क्यू नहीं??

नेहा- वो.. वो मुझसे ब्लाउस की डोरी नहीं बंध रही थी पीछे से तो....

नेहा ने थोड़ा हिचकते हुए कहा

राघव- तो किसी को मदद के लिए बुला लेना था

नेहा- सब तयार हो रहे है

राघव- तो अब क्या करोगी कैसे रेडी होगी

राघव ने एकदम से पूछा

नेहा- किसी के रेडी होने का वेट करूंगी फिर

नेहा ने कहा और कुछ पल रूम मे शांति फैल गई

राघव- घूमो!

राघव ने एकदम से कहा जो नेहा को समझ नहीं आया

नेहा- हा?

राघव- अरे घूमो वरना लेट हो जाओगी चलने का टाइम हो गया है

राघव ने अपना कुर्ता सही करते हुए कहा

नेहा- नहीं ठीक है मैं कर लूँगी मैनेज

राघव- मैं खा नहीं जाऊंगा तुम्हें और वैसे भी तुम्ही ने मुझे पति वाला हक जमाने कहा था ना तो अब घूमो इतनी भी बड़ी बात नहीं है

अनहाहा नेहा क्यू कही थी तुमने वो बात’ नेहा ने मन ही मन अपने आप को कोसा

राघव- नेहा घूमो लेट हो रहा है

जिसके बाद नेहा थोड़ा हिचकते हुए मुड़ी और राघव को देखने कहा और राघव ने मूड कर देखा तो अनायास ही उसकी नजर नेहा की पीठ पर पड़ी और उसे पसीना आने लगा और वो धीरे धीरे नेहा की तरफ बढ़ा

राघव ने अपने हाथ से नेहा के बाल एक साइड हटाए, उसके हाथ थरथरा रहे थे और जैसे ही उसने नेहा की पीठ हो छुआ उसके होंठ बंद हो गए वही राघव का स्पर्श पीठ पर पाते ही नेहा के रोंगटे खड़े हो गए

राघव की नजरे एक पल को भी नेहा की पीठ ने नहीं हट रही थी और अब वहा का महोल गरम होने लगा था

राघव ने ब्लाउस की डोरी बांधनी शुरू की, धड़कने दोनों की बढ़ी हुई थी वही नेहा अपनी साँसों पे काबू कर रही थी

जब भी राघव उसके आसपास होता पता नहीं उसे क्या हो जाता

राघव- हो गया!

और इतना बोलते ही राघव झट से रूम से बाहर चल गया और अभी जब दादू और बड़ी दादी ने उसे नेहा को बुलाने कहा था तो रूम मे हुआ यही सीन याद कर राघव के गाल लाल हो गए थे

एक तो कल रात का सीन फिर अब, पता नहीं उसके पास जाते ही मुझे क्या होने लगता है दूर रहना पड़ेगा उससे वरना पता नहीं मैं क्या कर जाऊंगा, लेकिन क्या कमर थी यार’

राघव अपने ही खयालों मे खोया हुआ था तभी रमाकांत जी ने उसके चेहरे के सामने चुटकी बजा कर उसे होश मे लाया

रमाकांत- किधर खोए हो बरखुरदार?

शेखर- बड़े पापा लगता है भाई को कुछ याद आ गया होगा हैना भाई??

शेखर राघव को छेड़ने लगा इतने मे सब लोग वहा जमा हो चुके थे

राघव- शट उप शेखर! नेहा बस आती ही होगी बड़ी दादी

मीनाक्षी- श्वेता कहा है शेखर?

श्वेता- मैं यहा हु मा

श्वेता ने उनके पास आते हुए कहा, आज वो गजब की सुन्दर दिख रही थी और शेखर ने उसे आता देख उसे आँख मार दी

विवेक- वूह! भाभी लूकिंग ऑसम लेकिन आपके पतिदेव का क्या करे ये तो बांदर ही दिख रहा है

विवेक ने कहा जिस पर सब हसने लगे और शेखर ने उसे पेट मे हल्का सा मुक्का जड़ दिया

शेखर- सा...

शेखर अभी विवेक पर शब्द सुमनो की बारिश करने की वाला था के उसे घरवालों का ध्यान आया तो वो रुक गया, सब लोग श्वेता की तारीफ करने लगे

गायत्री- नेहा कहा है??

दादी ने इधर उधर देखते हुए पूछा

स्वाती- वो रही भाभी

स्वाती ने राघव के पीछे की तरफ इशारा किया जहा से नेहा आ रही थी और स्वाती की बात सुन राघव ने जैसे ही मूड कर पीछे देखा तो वो बस नेहा को देखता ही रह गया

नेहा धीरे धीरे चलते हुए राघव की तरफ आ रही थी उर उसके चेहरे पर एक खूबसूरत मुस्कान बनी हुई थी, राघव की पसंद की हुई साड़ी उसपर बहुत जच रही थी

नेहा को देख कर राघव के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई, जो उसे अपने जीवनसाथी मे चाहिए था नेहा मे वो सब कुछ था रूप भी और गुण भी और इस वक्त वो किसी देवी से कम नहीं लग रही थी, सिम्पल एण्ड ब्यूटीफुल

रिद्धि- भाभी बहुत सुन्दर लग रही हो आप

रिद्धि ने कहा जिसपर नेहा बस मुस्कुरा दी

जानकी - आखिर बहु किसकी है

संध्या- साड़ी बहुत सुन्दर लग रही है नेहा नाइस चॉइस

रिद्धि- वो तो भईया की पसंद है चाची

मीनाक्षी- सही मे ? राघव तुमने पसंद की है ये साड़ी?

लेकिन राघव का किसी की बातों पर ध्यान ही कहा था वो तो उसकी बीवी मे ही खोया हुआ था

आकाश- भाई!!

आकाश ने राघव को हिला कर उसके सपनों की दुनिया से बाहर निकाला

राघव- आगाये सब चलो अब लेट हो रहा है और आकाश तुझे सगाई करनी है ना?

राघव ने एकदम से सबकी नजरे अपनी तरफ पाई तो बात बदलते हुए कहा और उसकी बात सुन आकाश भी जल्दी करने लगा

रमेश- हा अब चलना चाहिए वरना हमलोग लेट हो जाएंगे

शुभंकर- हा, और ममता से बात हुई है मेरी वो सीधा वही पहुचेंगे

आरती- ठीक है फिर सब तयार है तो चलते है हमे बस रितु को साथ लेना है उसके मा बाप नहीं आ रहे

और आरती जी के रितु का नाम लेते ही दो लोगों का मूड ऑफ हो गया वो थे नेहा और श्वेता

‘सब ने मेरी तारीफ की लेकिन इनके मुह से एक शब्द नहीं निकला’ नेहा ने राघव को देखते हुए सोचा

अब शेखर श्वेता, राघव और नेहा एक ही कार मे जाने वाले थे

शेखर- भाभी आप सामने भाई के साथ बैठो मैं और श्वेता पीछे बैठते है

शेखर ने नेहा ने कहा और ड्राइविंग सीट पर बैठे राघव को देखा नेहा ने हा मे गर्दन हिलाई और वो दरवाजा खोलने ही वाली थी के रितु वहा आ पहुची

रितु- हे अंकल आंटी ने मुझे तुम लोगों के साथ आने कहा है बाकी सारी गाड़ियां फूल है

रितु ने कहा और वो राघव के बाजू मे बैठने ही वाली थी के नेहा ने उसे रोक दिया

नेहा- वो मेरी जगह है रितु

रितु- तुम्हारा नाम लिखा है क्या यहा?

नेहा- नाम तो तुम्हारा भी नहीं है

अब नेहा इससे चिढ़ने लगी थी

रितु- हा लेकिन अब मैं बैठूँगी यहा

और इससे पहले रितु दरवाजा खोल कर राघव ने बाजू मे बैठती कार का शिशा नीचे हुए एक आवाज आया

राघव- नेहा मेरे बाजू मे आकार बैठो

राघव की उस डोमिनेंट आवाज ने सारा झगड़ा ही खतम कर दिया और रितु शॉक होकर उसे देखने लगी और नेहा राघव का सपाट चेहरा देखते हुए उसके बाजू मे जा बैठी

श्वेता- रितु आओ तुम मेरे पास बैठो

श्वेता ने अपने बाजू की खाली सीट की ओर इशारा करते हुए कहा और रितु तमतमाते हुए पीछे की सीट पर जा बैठी और वो निकल गए

रितु- नेहा तुम तो ऐसे तयार हुई हो जैसे तुम्हारी सगाई हो

रितु ने नेहा का मजाक बनाना चाहा

नेहा- वो क्या है ना शादी शुदा लड़किया ऐसे ही तयार होती है

रितु- लेकिन ये साड़ी कितनी...

नेहा- परफेक्ट! परफेक्ट है मेरे लिए इन्होंने जो पसंद की है!

नेहा ने रितु की बात बीच मे ही काटते हुए कहा जीसे सुन राघव के चेहरे पर भी एक हल्की सी बस हल्की सी स्माइल आ गई वही नेहा के जवाब पे रितु ने उसे गुस्से से देखा लेकिन फिर उसने अपनी नजरे राघव की ओर घुमाई

रितु- राघव तुमने ऐसे अचानक शादी करली ऐसा क्यू? बीवी तुम्हारे पसंद की है भी या नहीं?

उसने नेहा को तान मारा और गाड़ी मे सब एकदम शांत हो गए नेहा का चेहरा उतर गया उसने राघव को देखा जो बाहर रोड को देख कर गाड़ी चलाने पर ध्यान दे रहा था फिर उसने रीयर व्यू मिरर से रितु को देखा जिसके चेहरे पर शैतानी मुस्कान थी और राघव की इस चुप्पी से उदास होकर नेहा बाहर देखने लगी

लेकिन तभी उसके किसी का हाथ अपने हाथ पर महसूस हुआ उसने उस तरफ देखा तो पाया के राघव अपने बाये हाथ से उसका दाया हाथ पकड़ रखा था और उसका ध्यान अब भी रोड पर था, राघव ने नेहा का हाथ पकड़ के उसे चूम लिया जिससे नेहा के मन मे तितलिया उड़ने लगी और फिर

राघव पूरे रास्ते नेहा का हाथ पकड़े गाड़ी चलाता रहा

राघव- मुझे लगता है इतना जवाब काफी होगा

राघव ने रोड पर देखते हुए रितु से कहा और नेहा के चेहरे पर एक मुस्कान उभर आई और रितु चुप हो गई

उसके बाद उनमे से कोई कुछ नहीं बोला जब तक वो अपनी मंजिल पर ना पहुच गए.....

क्रमश:
Bahut hi badhiya update diya Adirshi bhai....
Nice and lovely update....
 

queen sandhya

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Update 33




नेहा राघव को अवॉइड कर रही थी क्युकी अब राघव का लैपटॉप तो बड़ी दादी के पास था और करने को कुछ था नहीं तो राघव नेहा को चिक्की नाम से चिढ़ा कर मजे ले रहा था और वो उसे चिक्की चिक्की बुलाते हुए पूरे घर मे उसके पीछे पीछे घूम रहा था बगैर परिवार वालों की चिंता करे और नेहा इससे काफी ज्यादा चिढ़ भी रही थी, इस वक्त नेहा किचन मे थी और सब्जियां काट रही थी

श्वेता- चिक्की भाभी भईया आपको बुला रहे है

श्वेता ने अपनी हसी छुपाते हुए नेहा से कहा और बदले मे नेहा ने उसे घूर के देखा

नेहा- उनहू उनहू श्वेता प्लीज!!

श्वेता- अच्छा अच्छा ठीक है नेहा भाभी मैं नहीं बुलाऊँगी आपको उस नाम से

श्वेता ने हसते हुए कहा

नेहा- वही अच्छा होगा और तभी वहा एंट्री हुई राघव की

राघव- चिक...

राघव किचन मे आते हुए नेहा को चिक्की बुलाने ही वाला था के वहा श्वेता को नेहा के साथ देख वो रुक गया और श्वेता हसते हुए वहा से चली गई और नेहा मन मे सोचने लगी

इनको अचानक क्या हो गया है? उफ्फ़ इनकी ये बच्चों जैसी हरकते!’

नेहा- क्या है!!

नेहा ने थोड़ा रुडली राघव से कहा

राघव- वो चिक्की असल मे......

नेहा- मुझे उस नाम से मत बुलाइए

नेहा ने फ्रस्टेट होकर राघव को अपने हाथ मे पकडा चाकू दिखाते हुए कहा और चाकू उसकी गर्दन के पास पकड़ा

राघव- अरे देखो ऐसा मत करो भरी जवानी मे विधवा हो जाओगी

नेहा- आई डोन्ट केयर मुझे बस मेरे नाम से मतलब है

नेहा ने राघव की तरफ एक कदम और बढ़ाया और राघव एक कदम पीछे हटा और सरेन्डर करने के लिए अपने दोनों हाथ उसने ऊपर उठा लिया

राघव- अरे शांत हो जाओ मेरी मा, और ये बताओ तुम्हें ये नाम पसंद क्यू नहीं है??

राघव ने मासूमियत से पूछा

नेहा- ऐसा नाम कीसे पसंद आएगा और पहली बात आपके दिमाग मे ये नाम आया कहा से वो बताइए पहले ?

नेहा ने राघव से पूछा

राघव- वो अखबार मे एड थी एक जिसमे लिखा था के अब लोनावला की फेमस चिक्की मिलेगी हर जगह बस वही से चिक्की उठा लिया

और राघव का जवाब सुन नेहा ने अपना माथा पीट लिया

नेहा- आप ना...

लेकिन बोलते बोलते नेहा रुक गई जब उसने राघव को उसे देख कर मुस्कुराता हुआ पाया

राघव- अच्छा सुनो न चिक्की.... मतलब नेहा, नेहा

जब चिक्की बुलाने पे नेहा ने वापिस राघव को घूरा तो उसने उसे नेहा बुलाना शुरू कर दिया

नेहा- हम्म क्या..

राघव- मैं जरा शेखर और आकाश के साथ कुछ काम से बाहर जा रहा हु आकाश को कुछ सामान लेना है और आज शॉप से कुर्ते वाला आ रहा है तो अगर मैं टाइम पर ना पहुंच पाया तो मेरे लिए अपनी पसंद का एक कुर्ता चुन कर रखना।

और इतना बोल के राघव बगैर नेहा की बात सुने वहा से निकल गया और नेहा बस मुसकुराते हुए उसे जाते हुए देखती रही

--x--


रमाकांत- स्वाती बेटा जाओ नेहा को बुला लाओ, राघव ने कहा था के नेहा को कहे उसके लिए कुर्ता पसंद करने

रमाकांत जी ने स्वाती से कहा और वो भी हा मे गर्दन हिला कर चली गई

शुभंकर- हा हा अब जब हमने इनकी साड़िया पसंद की है तो ये भी तो हमारे लिए कपड़े पसंद करेंगी न

धनंजय- हा बिल्कुल

सब औरते अपने अपने पतियों की कपड़े सिलेक्ट करने मे मदद कर रही थी तभी वहा रितु आई

रितु- हैलो एवरीवन अरे वाह आज भी कपड़ों की खरीदारी चल रही है

जानकी- हा बेटा आज जेंट्स लोगों की बारी है

जानकी जी की बात सुन रितु ने इधर उधर देखा जैसे किसी को ढूंढ रही हो लेकिन वो बंदा उसे कही नहीं दिखा

रितु- राघव कहा है?? और शेखर और आकाश?

किसी को अजीब न लगे इस लिए उसने शेखर और आकाश के बारे मे भी पुछ लिया

संध्या- वो लोग कुछ काम से बाहर गए है

संध्या जी ने कपड़े देखते हुए ही रितु के सवाल का जवाब दिया

आरती - अरे रितु तुम भी आओ कुछ सजेशन दो

जिसके बाद रितु भी वहा बैठ गई इतने मे वहा नेहा आई और रमाकांत जी से बोली

नेहा- जी पापा आपने बुलाया था

रमाकांत- हा बेटा आओ राघव के लिए कुर्ता पसंद कर लो उसने मुझे तुम्हें याद दिलाने कहा था

और रमाकांत जी की बात सुन रिद्धि अपनी मा से बोली

रिद्धि- देखा मा आपका बेटा लाइन पर आ रहा है अब

जिसपर नेहा शर्मा गई

श्वेता- भाभी यहा आओ न

श्वेता ने नेहा को अपने बाजू की खाली जगह की तरफ इशारा करके बुलाया वही रितु बस नेहा को घूरे जा रही थी लेकिन कोई उसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहा था

संध्या- अच्छा है राघव बदल रहा है वरना हम तो भूल ही गए थे के वो आखरी बार ऐसे किसी फॅमिली फंक्शन मे आया हो

मीनाक्षी- अरे ये तो नेहा है जो संभाल रही है उसे

जानकी- वही तो कोई और होती तो पता नहीं उसे संभाल पाती या नहीं

इन लोगों की बाते सुन नेहा कुर्ता पसंद करते हुए मुस्कुरा दी वही इन बातों ने रितु के मन मे आग लगा दी थी जिसकी जलने की बदबू बाहर तक आ रही थी

विवेक- ये गलत बात है यार, मैं तो सिंगल हु अब मेरे लिए कौन पसंद करेगा

विवेक ने कहा जिसपर नेहा और श्वेता ने एकसाथ कहा “हम है ना”

कुमुद- रुक मैं पसंद करती हु तेरे लिए तेरी बड़ी दादी की पसंद इतनी खराब नहीं है

सारा प्रोग्राम सही चल रहा था तभी रितु बीच मे बोल पड़ी

रितु- अरे अरे नेहा ये क्या कर रही हो? इस कुर्ते का कलर ऑफ है राघव को पसंद नहीं आएगा रुको मैं मदद करती हु तुम्हारी

रितु ने नेहा के पसंद किए कुर्ते को घृणित नजरों से देखा और खुद कुर्ता ढूंढने लगी

नेहा- इन्हे क्या पसंद है क्या नहीं मुझे अच्छे से पता है!

रितु- उसे डार्क कलर पसंद है इतना भी नहीं पता क्या फिर तुम्हें

रितु ने नेहा को ताना मारा जो वहा मौजूद किसी को भी अच्छा नहीं लगा

नेहा- वो टाइम और जगह के हिसाब से कलर पसंद करते है

नेहा ने आराम से कहा

रितु- नहीं! बचपन मे वो हमेशा डार्क कलर पहनता था चाहे कुछ हो और उसका पसंदीदा रंग डार्क ब्लू है उसने बताया था मुझे

रितु ऐसा जता रही थी जैसे वो राघव को नेहा से बेहतर जानती थी

नेहा- वो बचपन था रितु, वो अब बच्चे नहीं है और समय के साथ पसंद भी बदलती है

नेहा अब रितु की बातों से परेशान हो रही थी

रितु- तो मैं मदद करती हु तुम्हारी वैसे भी मेरी चॉइस तुमसे अच्छी है उसे पसंद आएगी

अब ये बात रितु ने कही तो नॉर्मली ही थी लेकिन नेहा जानती थी के वो उसे चैलेंज कर रही है

नेहा- उन्होंने मुझे खास तौर से उनके लिए कुर्ता पसंद करने करने कहा है रितु और अगर कोई और ये काम करेगा तो ये उन्हे अच्छा नहीं लगेगा तुम जाओ औरों की मदद करो मुझे अच्छे से पता है इन्हे क्या पसंद है क्या नहीं

नेहा ने प्यार से मुस्कान के साथ रितु से कहा लेकिन उसके शब्द किसी तीर की तरह थे वही ये बवाल देख श्वेता अपनी हसी कंट्रोल कर रही थी

नेहा को ऐसे राघव की साइड लेता देख उसपर हक जमाते देख दादू ने दादी की ओर देखा मानो इशारों मे कह रहे हो मैंने कहा था न नेहा राघव के लिए परफेक्ट है और दादी ने भी इशारों मे सहमति जताई

रितु- ठीक है मैं भी उसके लिए एक कुर्ता पसंद कर लेती हु जब वो आएगा तब उसी से पुछ लेंगे उसे किसका कुर्ता ज्यादा अच्छा लगा

रितु को नेहा द्वारा हुई अपनी सोम्य शब्दों वाली बेइज्जती रास नहीं आई और जिद्दी तो वो बहुत थी वही नेहा ने इसका कुछ नहीं हो सकता सोच के मुंडी हिला दी

कुछ समय मे सब की खरीदारी हो चुकी थी और अब बस वहा अपनी गैंग बची थी वो भी रितु के उस बचकाने आइडीया के चलते, नेहा और रितु दोनों ही राघव की राह देख रही थी तभी वो लोग वहा आए

शेखर- अरे वाह हो गया सब ?

शेखर ने अंदर आते हुए पूछा

रितु- राघव कहा है?

रितु ने शेखर से पूछा और नेहा अब उससे परेशान हो चुकी थी वही शेखर ने उसका सवाल सुन श्वेता को देखा तो श्वेता ने इशारे से ये पागल है ऐसा कहा

शेखर - भाई बस आ ही रहा है

शेखर ने नेहा को देखते हुए कहा और तभी वहा राघव की एंट्री हुई और रिद्धि उसके पास गई

रिद्धि- भाई आप आ गए अब चलो और अपने लिए एक कुर्ता पसंद करो ताकि मेरी भाभी का काम खतम हो

रिद्धि ने कहा और राघव कन्फ्यूजन मे उन्हे देखने लगा

रितु- राघव देखो मैंने तुम्हारे लिए एक कुर्ता पसंद किया है

रितु ने राघव के पास जाते हुए कुर्ता दिखाया और उसे देख राघव का मूड ही खराब हो गया और उसने नेहा को देखा और इशारों मे कहा के मैंने तुम्हें कहा था ना?? और इससे पहले रितु उसके पास पहुचती वो जाकर नेहा के बाजू मे बैठ गया

श्वेता- भईया भाभी और रितु ने आपके लिए ये दो कुर्ते पसंद किए है अब बताओ आपको कौनसा बढ़िया लगा

श्वेता ने राघव को एक डार्क ब्लू और एक हल्के गुलाबी रंग का ऐसे दोनों कुर्ते दिखाए

राघव- ये वाला...

राघव के डार्क ब्लू कुर्ते की ओर इशारा किया जिससे वहा बस एक इंसान को खुशी हुई

नेहा- ठीक है यही फाइनल फिर

नेहा ने झूठी मुस्कान के साथ कहा और वहा से उठने लगी इतने मे ही राघव ने उसका हाथ पकड़ कर उसे वहा बैठा लिया

राघव- क्या? फाइनल क्या? अरे पहले पूरी बात तो सुन लो मैं कह रहा हु ये वाला बहुत डार्क है सगाई के फंक्शन मे उतना सही नहीं लगेगा इसीलिए दूसरा वाला फाइनल करो

राघव की बात सुन नेहा ने उसकी ओर देखा और रितु की स्माइल गायब हो गई

राघव- और वैसे भी ये चिक्की... मतलब तुम्हारी साड़ी के साथ मैच हो रहा है तो इसे ही डन करो

राघव ने नर्वस स्माइल के साथ कहा और उसकी बात सुन नेहा के गाल लाल होने ले

शेखर- ओ हो हो मैचिंग मैचिंग....

शेखर ने राघव को चिढ़ाते हुए कहा वही राघव कुछ नहीं बोला बस उसने एक बार नेहा को देखा और वहा से निकल गया.....

क्रमश:
Very nyc super stori dear
 

queen sandhya

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आज आकाश की सगाई थी और सब लोग तयारियों मे बिजी थी रेडी हो रहे थे ताकि सगाई वाली जगह के लिए निकल सके

कुमुद- सब हो गया?

बड़ी दादी ने संध्या जी से पूछा

संध्या- जी बुआ जी सब हो गया है अब आप आराम करिए चिंता मत करिए

कुमुद- ठीक है, सब तयार हो गए है ना हमे वहा समय पर पहुचना है

संध्या- मैं बस वही देखने जा रही थी

और इतना बोल के संध्या जी वहा से चली गई

शिवशंकर- अरे ये क्या अभी तक कोई तयार नहीं हुआ ?

दादू ने वहा आते हुए पूछा

कुमुद- संध्या गई है देखने..

तभी राघव वहा आ पहुचा जो पूरा रेडी था

शिवशंकर- अरे वाह राघव तुम हो गए तयार, जाओ और नेहा को बुला लाओ

दादू ने राघव को देखते ही कहा

कुमुद- और हा अगर उसे कुछ मदद चाहिए होगी तयार होने मे तो कर देना वो सबसे आखिर मे रेडी होने गई थी

बड़ी दादी और दादू दोनों ने ही राघव को नेहा को बुलाने कहा वही नेहा का नाम सुनते ही राघव वही जम गया और उसके गाल लाल हो गए और ऐसा क्यू हुआ तो ये जानने के लिए चलते है कुछ समय पहले....

राघव तयार होकर बस बाथरूम से बाहर आया ही था के उसने देखा के रूम मे नेहा रेडी हो रही है और नेहा को देखते ही उसकी आंखे बड़ी हो गई क्युकी इस वक्त नेहा बस ब्लाउस और पेटीकोट मे थी और साड़ी पहन रही थी, नेहा को लगा था के राघव रूम मे नहीं है क्युकी बाथरूम से उसे कोई आवाज नहीं आया था इसीलिए वो रेडी होने लगी और जब वो मुड़ी तो उसका मुह खुला का खुला रह गया आखे बाहर आने को हो गई क्युकी राघव बगैर पलके झपकाए उसे देखे जा रहा था...

नेहा ने झट से अपनी साड़ी का पल्लू लिया लेकिन तब तक तो राघव की नजर उसकी पतली कमर पर पड चुकी थी और ऐसे अचानक राघव को देखते ही नेहा चीखने ही वाली थी के राघव ने जल्दी से अपने हाथ से उसका मुह बंद कर दिया और नेहा की आधी पहनी साड़ी नीचे गिर गई और नेहा चौक के राघव को देखने लगी जब उसे राघव का हाथ अपनी कमर पर महसूस हुआ

राघव- चिल्लाओ मत! क्या कर रही हो यार

राघव ने कहा वही नेहा बड़ी बड़ी आँखों से उसे देखने लगी और उसे अपने आप को ऐसे देखता पाकर राघव को सिचुएशन का ध्यान आया और वो थोड़ा पीछे हटा और मूड के खड़ा हो गया

राघव- वो.. मैं... वो जानबुझ के नहीं हुआ.. मैं बाथरूम मे था और तुम यहा कपड़े क्यू बदल रही हो

राघव ने अपनी गलती नेहा पर डालने की कोशिश कि

नेहा- मुझे सपने नहीं आ रहे थे के आप बाथरूम मे हो मुझे कोई आवाज नहीं आया तो लगा के आप नहीं हो और वैसे भी मैं वहा साड़ी नहीं पहन सकती थी

नेहा ने वापिस साड़ी पहनते हुए धीमे से कहा

राघव- तो.. तो अबतक पहनी क्यू नहीं??

नेहा- वो.. वो मुझसे ब्लाउस की डोरी नहीं बंध रही थी पीछे से तो....

नेहा ने थोड़ा हिचकते हुए कहा

राघव- तो किसी को मदद के लिए बुला लेना था

नेहा- सब तयार हो रहे है

राघव- तो अब क्या करोगी कैसे रेडी होगी

राघव ने एकदम से पूछा

नेहा- किसी के रेडी होने का वेट करूंगी फिर

नेहा ने कहा और कुछ पल रूम मे शांति फैल गई

राघव- घूमो!

राघव ने एकदम से कहा जो नेहा को समझ नहीं आया

नेहा- हा?

राघव- अरे घूमो वरना लेट हो जाओगी चलने का टाइम हो गया है

राघव ने अपना कुर्ता सही करते हुए कहा

नेहा- नहीं ठीक है मैं कर लूँगी मैनेज

राघव- मैं खा नहीं जाऊंगा तुम्हें और वैसे भी तुम्ही ने मुझे पति वाला हक जमाने कहा था ना तो अब घूमो इतनी भी बड़ी बात नहीं है

अनहाहा नेहा क्यू कही थी तुमने वो बात’ नेहा ने मन ही मन अपने आप को कोसा

राघव- नेहा घूमो लेट हो रहा है

जिसके बाद नेहा थोड़ा हिचकते हुए मुड़ी और राघव को देखने कहा और राघव ने मूड कर देखा तो अनायास ही उसकी नजर नेहा की पीठ पर पड़ी और उसे पसीना आने लगा और वो धीरे धीरे नेहा की तरफ बढ़ा

राघव ने अपने हाथ से नेहा के बाल एक साइड हटाए, उसके हाथ थरथरा रहे थे और जैसे ही उसने नेहा की पीठ हो छुआ उसके होंठ बंद हो गए वही राघव का स्पर्श पीठ पर पाते ही नेहा के रोंगटे खड़े हो गए

राघव की नजरे एक पल को भी नेहा की पीठ ने नहीं हट रही थी और अब वहा का महोल गरम होने लगा था

राघव ने ब्लाउस की डोरी बांधनी शुरू की, धड़कने दोनों की बढ़ी हुई थी वही नेहा अपनी साँसों पे काबू कर रही थी

जब भी राघव उसके आसपास होता पता नहीं उसे क्या हो जाता

राघव- हो गया!

और इतना बोलते ही राघव झट से रूम से बाहर चल गया और अभी जब दादू और बड़ी दादी ने उसे नेहा को बुलाने कहा था तो रूम मे हुआ यही सीन याद कर राघव के गाल लाल हो गए थे

एक तो कल रात का सीन फिर अब, पता नहीं उसके पास जाते ही मुझे क्या होने लगता है दूर रहना पड़ेगा उससे वरना पता नहीं मैं क्या कर जाऊंगा, लेकिन क्या कमर थी यार’

राघव अपने ही खयालों मे खोया हुआ था तभी रमाकांत जी ने उसके चेहरे के सामने चुटकी बजा कर उसे होश मे लाया

रमाकांत- किधर खोए हो बरखुरदार?

शेखर- बड़े पापा लगता है भाई को कुछ याद आ गया होगा हैना भाई??

शेखर राघव को छेड़ने लगा इतने मे सब लोग वहा जमा हो चुके थे

राघव- शट उप शेखर! नेहा बस आती ही होगी बड़ी दादी

मीनाक्षी- श्वेता कहा है शेखर?

श्वेता- मैं यहा हु मा

श्वेता ने उनके पास आते हुए कहा, आज वो गजब की सुन्दर दिख रही थी और शेखर ने उसे आता देख उसे आँख मार दी

विवेक- वूह! भाभी लूकिंग ऑसम लेकिन आपके पतिदेव का क्या करे ये तो बांदर ही दिख रहा है

विवेक ने कहा जिस पर सब हसने लगे और शेखर ने उसे पेट मे हल्का सा मुक्का जड़ दिया

शेखर- सा...

शेखर अभी विवेक पर शब्द सुमनो की बारिश करने की वाला था के उसे घरवालों का ध्यान आया तो वो रुक गया, सब लोग श्वेता की तारीफ करने लगे

गायत्री- नेहा कहा है??

दादी ने इधर उधर देखते हुए पूछा

स्वाती- वो रही भाभी

स्वाती ने राघव के पीछे की तरफ इशारा किया जहा से नेहा आ रही थी और स्वाती की बात सुन राघव ने जैसे ही मूड कर पीछे देखा तो वो बस नेहा को देखता ही रह गया

नेहा धीरे धीरे चलते हुए राघव की तरफ आ रही थी उर उसके चेहरे पर एक खूबसूरत मुस्कान बनी हुई थी, राघव की पसंद की हुई साड़ी उसपर बहुत जच रही थी

नेहा को देख कर राघव के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई, जो उसे अपने जीवनसाथी मे चाहिए था नेहा मे वो सब कुछ था रूप भी और गुण भी और इस वक्त वो किसी देवी से कम नहीं लग रही थी, सिम्पल एण्ड ब्यूटीफुल

रिद्धि- भाभी बहुत सुन्दर लग रही हो आप

रिद्धि ने कहा जिसपर नेहा बस मुस्कुरा दी

जानकी - आखिर बहु किसकी है

संध्या- साड़ी बहुत सुन्दर लग रही है नेहा नाइस चॉइस

रिद्धि- वो तो भईया की पसंद है चाची

मीनाक्षी- सही मे ? राघव तुमने पसंद की है ये साड़ी?

लेकिन राघव का किसी की बातों पर ध्यान ही कहा था वो तो उसकी बीवी मे ही खोया हुआ था

आकाश- भाई!!

आकाश ने राघव को हिला कर उसके सपनों की दुनिया से बाहर निकाला

राघव- आगाये सब चलो अब लेट हो रहा है और आकाश तुझे सगाई करनी है ना?

राघव ने एकदम से सबकी नजरे अपनी तरफ पाई तो बात बदलते हुए कहा और उसकी बात सुन आकाश भी जल्दी करने लगा

रमेश- हा अब चलना चाहिए वरना हमलोग लेट हो जाएंगे

शुभंकर- हा, और ममता से बात हुई है मेरी वो सीधा वही पहुचेंगे

आरती- ठीक है फिर सब तयार है तो चलते है हमे बस रितु को साथ लेना है उसके मा बाप नहीं आ रहे

और आरती जी के रितु का नाम लेते ही दो लोगों का मूड ऑफ हो गया वो थे नेहा और श्वेता

‘सब ने मेरी तारीफ की लेकिन इनके मुह से एक शब्द नहीं निकला’ नेहा ने राघव को देखते हुए सोचा

अब शेखर श्वेता, राघव और नेहा एक ही कार मे जाने वाले थे

शेखर- भाभी आप सामने भाई के साथ बैठो मैं और श्वेता पीछे बैठते है

शेखर ने नेहा ने कहा और ड्राइविंग सीट पर बैठे राघव को देखा नेहा ने हा मे गर्दन हिलाई और वो दरवाजा खोलने ही वाली थी के रितु वहा आ पहुची

रितु- हे अंकल आंटी ने मुझे तुम लोगों के साथ आने कहा है बाकी सारी गाड़ियां फूल है

रितु ने कहा और वो राघव के बाजू मे बैठने ही वाली थी के नेहा ने उसे रोक दिया

नेहा- वो मेरी जगह है रितु

रितु- तुम्हारा नाम लिखा है क्या यहा?

नेहा- नाम तो तुम्हारा भी नहीं है

अब नेहा इससे चिढ़ने लगी थी

रितु- हा लेकिन अब मैं बैठूँगी यहा

और इससे पहले रितु दरवाजा खोल कर राघव ने बाजू मे बैठती कार का शिशा नीचे हुए एक आवाज आया

राघव- नेहा मेरे बाजू मे आकार बैठो

राघव की उस डोमिनेंट आवाज ने सारा झगड़ा ही खतम कर दिया और रितु शॉक होकर उसे देखने लगी और नेहा राघव का सपाट चेहरा देखते हुए उसके बाजू मे जा बैठी

श्वेता- रितु आओ तुम मेरे पास बैठो

श्वेता ने अपने बाजू की खाली सीट की ओर इशारा करते हुए कहा और रितु तमतमाते हुए पीछे की सीट पर जा बैठी और वो निकल गए

रितु- नेहा तुम तो ऐसे तयार हुई हो जैसे तुम्हारी सगाई हो

रितु ने नेहा का मजाक बनाना चाहा

नेहा- वो क्या है ना शादी शुदा लड़किया ऐसे ही तयार होती है

रितु- लेकिन ये साड़ी कितनी...

नेहा- परफेक्ट! परफेक्ट है मेरे लिए इन्होंने जो पसंद की है!

नेहा ने रितु की बात बीच मे ही काटते हुए कहा जीसे सुन राघव के चेहरे पर भी एक हल्की सी बस हल्की सी स्माइल आ गई वही नेहा के जवाब पे रितु ने उसे गुस्से से देखा लेकिन फिर उसने अपनी नजरे राघव की ओर घुमाई

रितु- राघव तुमने ऐसे अचानक शादी करली ऐसा क्यू? बीवी तुम्हारे पसंद की है भी या नहीं?

उसने नेहा को तान मारा और गाड़ी मे सब एकदम शांत हो गए नेहा का चेहरा उतर गया उसने राघव को देखा जो बाहर रोड को देख कर गाड़ी चलाने पर ध्यान दे रहा था फिर उसने रीयर व्यू मिरर से रितु को देखा जिसके चेहरे पर शैतानी मुस्कान थी और राघव की इस चुप्पी से उदास होकर नेहा बाहर देखने लगी

लेकिन तभी उसके किसी का हाथ अपने हाथ पर महसूस हुआ उसने उस तरफ देखा तो पाया के राघव अपने बाये हाथ से उसका दाया हाथ पकड़ रखा था और उसका ध्यान अब भी रोड पर था, राघव ने नेहा का हाथ पकड़ के उसे चूम लिया जिससे नेहा के मन मे तितलिया उड़ने लगी और फिर

राघव पूरे रास्ते नेहा का हाथ पकड़े गाड़ी चलाता रहा

राघव- मुझे लगता है इतना जवाब काफी होगा

राघव ने रोड पर देखते हुए रितु से कहा और नेहा के चेहरे पर एक मुस्कान उभर आई और रितु चुप हो गई

उसके बाद उनमे से कोई कुछ नहीं बोला जब तक वो अपनी मंजिल पर ना पहुच गए.....

क्रमश:
Very nyc stori
 
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