- 41,737
- 58,920
- 304
Update 3
अगले दिन एकांश ऑफिस आया और सीधा अपने केबिन की ओर बढ़ गया, उसका केबिन नीचे वाले फ्लोर पर जहा बाकी सब लोग काम कर रहे थे वहा शिफ्ट कर दिया गया था, उसके फ्लोर पर और उसके केबिन मे काम चल रहा था और जब तक वो पूरा हो एकांश को यही से काम करना था
केबिन मे पहुचते ही एकांश ने फाइलस् की रैक पर नजर डाली तो उसने देखा के सभी फाइलस् उसके बताए मुताबिक सही तरीके से लगी हुई थी जिसे देख उसके चेहरे पे मुस्कान आ गई साथ ही ये खयाल भी आया के उसके जाने के बाद भी अक्षिता को ये सब सही करने मे कम से कम 2 घंटे लगे होंगे,
एकांश अपनी जगह से उठा और अपने केबिन मे लगी कांच की खिड़की से बाहर देखने लगा, एकांश वही से अपने सभी स्टाफ को काम करते देख सकता था और सबको देखते हुए एकांश की नजरे जाकर ठहरी अक्षिता पर जो अपना काम कर रही थी और साथ ही स्वरा की बताई कीसी बात पर हस भी रही थी और उसे ऐसे हसते हुए एकांश से देखा नहीं जा रहा था, एकांश ने वापिस अपने आप को काम मे उलझा लिया,
काम मे वक्त कैसे बीता एकांश को पता ही नहीं चला और अपना काम निपटा कर वो लंच करने जाने ही वाला था के एकांश के केबिन के दरवाजे पर नॉक हुआ
“कम इन”
“सर, आप को केबिन मे कौनसा कलर करवाना है वो पूछना था, ये रहा केटलॉग” पूजा ने केबिन मे आते हुए कहा
“केटलॉग रहने दो कलर मुझे पता है, ग्रे कलर” एकांश ने कहा वही पूजा वो आगे कुछ कहेगा इसका इंतजार करने लगी और पूजा अब भी वही खड़ी है ये देख एकांश ने पूछा
“क्या हुआ? और कोई काम है?”
“सर बस सिर्फ ग्रे कलर?” पूजा ने पूछा लेकिन बदले मे एकांश ने बस उसे घूर के देखा और इसीके साथ पूजा को उसका जवाब मिल गया था वो बगैर कुछ बोले झट से वहा से चली गई
पूजा के जाने के बाद अपना काम निपटा कर जब एकांश लंच के लिए बाहर आया तो उसने देखा के अक्षिता रोहन के साथ हसते हुए कैफै से बाहर आ रही थी, अक्षिता ने रोहन से कुछ कहा जिसे सुन वो उसके पीछे भागने लगा था, अक्षिता को ऐसे रोहन के साथ बेफिक्र बर्ताव करता एकांश से देखा नही जा रहा था, भले ही वो उससे नफरत करने लगा था लेकिन दिल के कीसी कोने मे दबा वो प्रेम अक्षिता को रोहन के साथ नही देख पा रहा था और और एकांश गुस्से मे उबलने लगा था, तभी उसके दिमाग मे एक आइडीया आया, उसे समझ आ गया था के अब उसे क्या करना है, वो वापिस अपने केबिन मे गया और एक कॉल लगाया
--
लंच के बाद सभी लोग अपनी अपनी जगह बैठ कर अपने अपने काम मे लगे हुए थे तभी पूरा महोल एकदम से शांत हो गया, सबसे सामने देखा तो पाया के उनका बॉस वहा अपनी जेब मे हाथ डाले वहा खड़ा था
“हैलो एव्रीवन, आपके लिए एक अनाउन्स्मेन्ट है, प्लीज सभी लोग यहा आ जाइए” एचआर डिपार्ट्मन्ट के हेड मिस्टर शेखर ने कहा और वहा मौजूद सभी लोग उनके सामने जाकर खड़े हो गए वही अक्षिता इस सब मे थोड़ा पीछे ही रही भीड़ मे छिपी हुई एकदम पीछे, एकांश ने एक नजर सबको देखा और फिर शेखर को आगे बढ़ने कहा
“आप सभी को यहा इसिलौए बुलाया है क्युकी सर को एक पर्सनल अससिस्टेंट चाहिए और आप ही मे से कीसी एक को इस पोजीशन के चुना जाएगा”
ये बात सुनते ही वहा मौजूद लड़कियों के मन मे तो मानो लड्डू फूटने लगे थे और वो एकांश के साथ काम करने के सपने देखने लगी थी वही अक्षिता को घबराहट होने लगी थी
अक्षिता ने एकांश को देखा तो उसने पाया के वो उसे ही देख रहा था, एकांश की नजरे केवल अक्षिता पर थी, अक्षिता ने अपने आप को स्वरा के पीछे छिपा लिया था और बस यही दुआ कर रही थी के वो उसे न चुने
एकांश के हाथ मे कुछ पेपर्स थे जिनमे सभी की डिटेल्स थी एकांश ने एक नजर उन पेपर्स पर डाली और उसमे से एक पेपर निकाल कर शेखर को दिया, शेखर ने उस सेलेक्टेड प्रोफाइल को देखा और बाकी लोगों को देखते बोला
“मिस अक्षिता पांडे” शेखर ने भीड़ मे अक्षिता को ढूंढते हुए कहा वही अक्षिता ने जैसे ही अपना नाम सुन वो वही जम गई थी, अक्षिता अच्छी तरह जानती थी के एकांश ये सब जान बुझ के कर रहा था
सभी लोगों ने हट कर अक्षिता के लिए रास्ता बनाया लेकिन वो अपनी जगह से नहीं हिली
“अक्षिता” स्वरा ने थोड़ा जोर से कहा और उसे आगे आने को कहा, अक्षिता ने अपनी आंखे बंद कर रखी थी, उसने जैसे ही अपनी आंखे खोली तो पाया के सब उसे ही देख रहे थे, कुछ की नजरों मे जलन थी कुछ मे गुस्सा और कुछ लोग उसके लिए खुश थे जैसे पूजा, स्वरा रोहन और खुद शेखर....
“आगे आओ अक्षिता” शेखर ने अक्षिता को आगे आने कहा
“सर मैं इस पज़िशन के लिए क्वालफाइड भी नहीं हु” अक्षिता ने उनलोगों की ओर बढ़ते हुए शेखर से कहा लेकिन शेखर के कुछ बोलने से पहले एकांश बोल पड़ा
“मैं यहा का बॉस हु, मैंने तुम्हें सिलेक्ट किया है कोई दिक्कत हो तो टॉक टु मी” एकांश ने कहा और बदले मे अक्षिता ने बस गर्दन हिला दी
“सर मैं आपकी सेक्रेटरी की पोजीशन के लिए क्वालफाइड नहीं हु” अक्षिता नर्वसली एकांश को देखते हुए कहा
“कौन लायक है कौन नहीं ये मैं डिसाइड करूंगा मिस पांडे”
“लेकिन...“
“मिस पांडे, मेरे सवालों का बस हा या ना मे जावब देना” एकांश ने सीरीअस होकर कहा
“जी सर”
“आप इस कंपनी के बारे मे जानती है?”
“यस सर”
“आपको ये पता है के किसका यहा क्या काम है?”
“यस सर”
“क्या आपको पता है सभी फाइलस् कहा रखी है और किस फाइल मे क्या है?”
“जी सर”
“क्या आपको पता है मीटिंग्स कैसे अरेंज की जाती है उनका स्केजूल कैसे बनाया जता है?”
“यस सर”
“क्या आपको पता है कंपनी के सभी प्राइवेट और कान्फडेन्चल डॉक्युमेंट्स और फाइलस् कहा रखी है?”
“यस सर”
“अब आखरी सवाल क्या आपको अपने सूपिरीअर के, अपने बॉस के ऑर्डर फॉलो करने आते है?” एकांश ने पूछा
“यस सर”
एक ओर यह ये सेशन चल रहा था वही सारा स्टाफ अपनी आँखों के सामने ये केबीसी का खेल देख रहा था, कीसी ने भी एकांश को इतना बोलते नहीं सुना था और काइयों को तो ये भी समझ नहीं आ रहा था के अक्षिता मना क्यू कर रही थी..
“देखो तुमने अभी खुद ही अपने सभी डाउट का जवाब दे दिया है” एकांश के मुस्कुराते हुए कहा वही अक्षिता वहा थोड़ी कन्फ्यूज़ खड़ी रही
“जो कोई भी मेरा सेक्रेटरी बनेगा उसे ये सब बाते पता होनी चाहिए और तुम्हें ये सब पता है, सो यू आर क्वालफाइड फॉर दिस पोज़िशन” एकांश ने सपाट चेहरे से कहा
“लेकिन सर...” पर अक्षिता अपनी बात पूरी करती उससे पहले ही
“कोई लेकिन नहीं, आइ वॉन्ट यू तो वर्क आस माइ पीए फर्म टूमारो” एकांश ने फरमान सुन दिया था और वो अपने केबिन मे चला गया
सारा स्टाफ अब भी वही खड़ा ये सब देख रहा था, ये उनका देखा सबसे आसान इंटरव्यू था लेकिन एकांश के सामने खड़ा रहना सबके लिए उतना ही मुश्किल था
शेखर और रोहन खुश थे के अक्षिता का प्रमोशन हो गया था और स्वरा तो खुशी मे पागल हो रही थी वही अक्षिता शॉक मे थी
“ये अभी अभी क्या हुआ” अक्षिता ने रोहन और स्वरा को देखते हुए कहा
“तुम्हारा प्रमोशन हो गया है” रोहन और स्वरा ने खुश होते हुए कहा लेकिन अक्षिता जानती थी के ये उतनी खुश होने वाली बात नहीं थी..
--
“कम इन” एकांश अपने केबिन मे काम कर रहा था और जैसे ही उसने दरवाजे पर नॉक सुन उसने उस शक्स को अंदर आने कहा
“सर...” अक्षिता ने कहा और एकांश ने उसे देखा
“क्या हुआ”
“सर, मुझे ये प्रमोशन नहीं चाहिए, प्लीज ये कीसी ऐसे को दीजिए को इसके काबिल हो” अक्षिता ने दरवाजे के पास खड़े होकर नजरे झुकाए कहा वो काफी नर्वस थी और एकांश से आंखे नहीं मिला पा रही थी
“तुम्हें लगता है के मैं तुम्हारी बात सुनूँगा या तुम्हारे पास कोई चॉइस है” एकांश ने रूखे स्वर मे कहा
“सर...” लेकिन एकांश ने उसे बीच मे ही रोक दिया
“क्यू?” एकांश ने अपनी जगह से उठते हुए पूछा
“मुझे.. मुझे नहीं लगता मैं ये कर पाऊँगी।“
“क्यू?” एकांश ने अपना सवाल दोहराया और एक एक कदम अक्षिता की ओर बढ़ाने लगा
“क्युकी मुझे ये काम नहीं करना है” अक्षिता ने पीछे सरकते हुए कहा और अब वो दरवाजे के एकदम करीब थी
“क्यू?” एकांश भी अब अक्षिता के पास पहुच चुका था
अक्षिता और एकांश की नजरे मिली, अक्षिता ने उसकी आँखों मे देखा, ये वही आंखे थी जिनमे कभी उसके लिए बेशुमार प्यार था लेकिन अब वहा उसके लिए केवल गुस्सा था
“बताओ तुम्हें ये काम क्यू नहीं चाहिए?” एकांश अक्षिता के और करीब आया
अक्षिता के शब्द उसके गले मे अटक गए थे, एकांश के इतने करीब होने से उससे बोलते नहीं बन रहा था, अक्षिता ने वहा से निकालना चाहा लेकिन एकांश के अपने दोनों हाथ उसके इर्द गिर्द दरवाजे पर रख कर उसे वहा अटका लिया था
“स... सर”
“हम्म...”
एकांश अक्षिता की आँखों मे खोने से अपने आप को रोक नहीं पाया, कुछ पल वो दोनों वैसे ही शांत खड़े रहे, एक दूसरे की आँखों मे खोए और फिर अक्षिता ने अपना चेहरा दूसरी ओर घुमा लिया जिसने एकांश को भी होश मे ला दिया
“तुम प्रमोशन इसीलिए नहीं चाहती क्युकी तुम डरती हो” एकांश ने उसी पोज़िशन मे कहा
“डर? कैसा डर?” अक्षिता ने डरते हुए पूछा
“तुम डरती हो मुझसे, मेरे साथ काम करने से, तुम डरती को के कही.....”
लेकिन एकांश बात पूरी करता उससे पहले ही अक्षिता बोल पड़ी
“मैं नहीं डरती।“
“तो ये सब क्यू?”
“मुझे लगा के कोई मुझसे बेहतर इस पोज़िशन को डिसर्व करता है बस इसीलिए”
“ठीक है फिर कल से अपना नया रोल संभालने तयार रहना” एकांश ने अक्षिता से दूर हटते हुए कहा और उसके हटते ही अक्षिता ने राहत की सास ली और अपनी बढ़ी हुई धड़कनों को काबू करने लगी
अक्षिता कुछ बोलना चाहती थी लेकिन सही शब्दों का चयन नहीं कर पा रही थी
“और कोई डाउट है क्या?” एकांश ने जब उसको कुछ पल वही खड़ा देखा तो उसकी ओर बढ़ने लगा और अक्षिता “नहीं” कहकर जल्दी से उसके केबीन से बाहर आ गई और दीवार से सटकर अपनी साँसों को काबू करने लगी
‘यह क्या हो रहा है मेरे साथ? मैंने उसे दूर क्यू नहीं हटाया? मुझे ऐसे कंट्रोल नहीं खोना चाहिए था, नहीं ये मैं नहीं होने दे सकती, मुझे उससे जितना हो सके दूर रहना होगा’ अक्षिता ने मन ही मन सोचा और वापिस अपनी डेस्क पर जाकर अपना काम करने लगी
अभी अक्षिता अपनी डेस्क पर काम कर ही रही थी के पीछे से उसे कीसी ने पोंक किया, मूड कर देखा तो पाया के स्वरा और रोहन अपनी बड़ी सी स्माइल लिए उसे देख रहे थे, उनके लिए थे आज उनकी दोस्त का प्रमोशन हुआ था और अब वो अक्षिता से पार्टी मांग रहे थे और अक्षिता भी उनके साथ खुश थी....
क्रमश: