Fir wo apan ki dost ban jaayegi fir wo usko bhul jaayegi

भाई आकाश कोई नयी कहानी नहीं लिख रहा क्या
तुझे सहारा मिले बस बिस्तर पे
किसी का कांधा, किसी की गोद न मिले।
तू अस्पताल पे अस्पताल बदलती रहे
तेरे भीतर पर कोई रोग ना मिले।
तेरी जुल्फे सब संवारे पर
कोई जिंदगी संवार ना सके।
तेरी अदाओं पर मर जाए सब
तेरी नजर कोई उतार ना सके।
कायदे से रुलाए तुझे
आसू पोंछने को रुमाल दे।
तू जिस जिस को करे कोशिश कुछ बताने की
तेरी बातें हंसी में टाल दे।
तू जिसके भी दिल में आने की करें कोशिश
तेरा हाथ पकड़ कर बाहर निकाल दे।
तूने जैसा किया था मेरे साथ
तेरा कर वैसा हाल दे
तेरा कर वैसा हाल दे

हो जाए बेअसर मेरी हर एक बद्दुआ खुदा करे
