खीच रही इस बेसिस पर बोला कि जो भी सलिल के साथ हो रहा है, जैसे उसका आरोही से नाराज होना, जो जायज भी है, लेकिन फिर पालतु कुत्ते जैसा बिहेव करने लगना, और सेम वैसा ही आरोही का व्यवहार है, कभी वो सलिल से बहुत प्यार दिखती है और कभी एकदम रंडीपना चालू हो जाता है उसका।
ये बातें रिपीटेड हो रही है, जो कुछ ज्यादा ही लगने लगा है, बल्कि अभी जैसा आरोही ने नौकरानी के साथ मिल कर किया और जो भी होटल में हुआ, उसके बाद तो सलिल का व्यवहार बदलना चाहिए, लेकिन अभी भी वो वैसा ही है।
और अभी जहां सलिल ने आरोही की जान बचाई, उसके बाद भी उसका व्यवहार कुछ भी नही बदला, बल्कि अब तो और भी खतरनाक हो गया है, जबकि ऐसा तो ये जानने के बाद होना था कि सलिल उसकी दुश्मन का भाई है।
असली कहानी यहीं पर अटकी लग रही मुझे।