सिक्किम की जंगल में घटी एक घटना जहां आर्य ने वर्षों बाद अपनी प्रेमिका मैत्री से मिला लेकिन वो मृत्य शरीर थीं वहीं शहोत्र लोपचे ने जानबूझकर आर्य को अपना फेंग चुभाकर अपना बीटा बनाया और उसके बाद शुरू हुआ एक ऐसा किस्सा जिसने एक साधारण इंशानी जीवन जीने वाले को बहुत सा सावक सीखा दिया और शांत चल रहे जीवन कल को उथल पुथल से परिपूर्ण कर दिया।
सिक्किम की वह घटना मेरे नजर में इस कहानी की सबसे रोचक और महान घटना थी अगर वो घटना न हुआ होता तो आर्य जो पैदयशी वेयर बुल्फ हैं जिसकी शक्तियां सुप्त अवस्था में थी वह कभी जागृत न हों पाता और ओशुन ही वो पहला शख्स थी जिसने पहचाना की आर्य में कुछ विशेष बाते हैं और वोही उसे मुक्ति दिला सकता हैं इसलिए ओशुन ने जो भी किया कहीं न कहीं एक नजर में सही भी किया बस उसने आर्य को छलने के लिए प्यार का सहारा लिया जो की नहीं करना चाहिए था आर्य ने भी उसका सही इनाम दिया ईडन के महल में उसके साथ घटी घटनाओं का पूरा विवरण शिल्प आकृति गढ़ कर दिया। जंगलों में प्यार का परवान चढ़ना फिर छल होना इसकी भी निशानी अंकित कर दिया।
पेड़ों की जड़ों को खींचना और उससे मन चाहा आकृति देना फेहरीन को आता था जो की एक बेहतरीन हिलार थी और रूही ओजल और इवान की मां थी अब वो कला आर्य भी सिख गया और उनकी छाप ईडन के महल में भी छोड़ दिया।
बॉब इस कहानी का एक रोचक और रहस्यमई किरदार हैं जिसे फेहरिन के बारे में लगभग सभी बाते पता हैं फेहरिन में कौन कौन सी विशेष शक्तियां थी वह भी जनता है सिर्फ इतना ही नहीं फेहरीन के किस्से ऐसे सुनता है मानो वो उन घटनाओं का प्रत्यक्ष दर्शी रहा हों और किताबों का भंडार गृह अपने पास कर रखा है। उन्हीं किताबो में रोचक तथ्य नमक किताब से आर्य को भूतकाल के कई सारे घटनाओं का पता चला प्रहरी समाज का गठान कब और क्यों किया गया। आचार्य श्रीयुत ने अनंत कृति को लिखा और अनंत कृति में वर्णित 25 अध्याय सभी को पूरा नहीं सिखाया सिर्फ उनको सिखाया जो उनके प्रमुख शिष्य थे और प्रहरी समाज के मुख्य थे उनमें वैधायन ही प्रहरी समाज के प्रमुख थे और श्रीयुत के अकाल मृत्य के कारण अनंत कृति पुस्तक को खोलने की कला भी विलुप्त हो गया।
अनंत कृति का रहस्य और फेहरिन को नागपुर लाने के रहस्य को जानने के लिए ही आर्य नागपुर लौटकर आया। देखते है आगे रूही के दिमाग में चल क्या रहा हैं।
अदभुत अतुलनीय लेखन कौशल