If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.
पलक एक नजर रूही को देखकर मुश्कुराई। तेजी से वह आर्यमणि के होटों को चूमी और अपने कान पकड़ कर भागी। पीछे से रूही भी भागी लेकिन आर्यमणि उसका हाथ पकड़कर रोक लिया। यहां तो खुशियां छाई थी। हंसी मजाक और छेड़–छाड़ के बीच सब विदा हो रहे थे। किंतु दूसरी ओर... नायजो समुदाय को अल्फा पैक ने वह नजारा दिखाया था कि सभी भय के साए में थे।
सबको छोड़ने के बाद अल्फा पैक वुल्फ हाउस में आ गया। रूही की घूरती नजर और उसके गुस्से से बचने के लिये आर्यमणि सबको बातों में ही उलझाकर रखा था। लेकिन फिर भी बीच–बीच में रूही तंज मार ही देती। सभी मेहमान चले गये थे, सिवाय स्थानीय रेंजर मैक्स और उसकी टीम। वह जड़ों में लिपटे तीसरे फ्लोर पर आराम कर रहे थे।
आर्यमणि ने उन सबकी कुछ पल की यादस्स्त मिटाई। कुछ औपचारिक मेल–मिलाप हुआ और वहां से वो लोग भी विदा लिये। एक दिन विश्राम के बाद संन्यासी शिवम और निशांत भी जाने के लिये तैयार थे। उन दोनो के साथ ओजल भी निकल रही थी। थोड़े भावनात्मक क्षण थे, नम आंखों से ओजल भी विदा हुई।
अलबेली:– माहोल पूरा शांत, अब आगे क्या?
इवान:– आगे अब मुख्य काम में शादी ही है।
रूही:– किसकी दिलफेक गुरुदेव की, जो सबकी चुम्मी लिया करता है।
आर्यमणि:– रूही अब बस भी करो। पलक ने जबरदस्ती किया था, तुम वहीं थी।
रूही:– हां मैं थी आर्य। उसने जबरदस्ती किया और तुमसे तो पीछे हटा ही नही गया न। तुम्हे तो बड़ा मजा आ रहा था क्यों...
आर्यमणि:– अच्छा सुनो मैं क्या कह रहा था...
रूही:– हां आचार्य जी ने २१ दिसंबर का डेट निकाला है, तब तक कुछ अय्यासी ही कर लेता हूं।
आर्यमणि:– काहे रूही काहे.. काहे इतना ओवररीक्ट कर रही हो?
रूही:– चुम्मा तो छोटा–मोटा मैटर है, सबके मुंह में मुंह लगाए घूमते रहो। मैं हूं ही मूर्ख जो इतनी पिद्दी जैसी बात पर रिएक्ट करने लगी। हूं कौन मैं, गांव की एक गंवार और तुम अमेरिकन सिटीजन...
8 मार्च देर शाम की घटना थी। 9 मार्च बीता, 10 मार्च बीता, 12 मार्च बीता... जर्मनी गया कैलिफोर्निया आया पर रूही का गुस्सा और ताने में एक प्रतिसत की भी कमी नही आयी। सब बहुत दिनों बाद अपने कॉटेज पहुंचे थे। अल्फा पैक आते ही साफ सफाई में लग गया जबकि आर्यमणि बर्कले की स्थानीय खबर लेने निकला।
बर्कले छोड़ने के ठीक एक रात पहले जो घटना हुई थी। वही घटना जिसमे अल्फा पैक को एक अलग ही तरह का नशा दिया गया था और कुछ अजीब से प्राणियों से अल्फा पैक भिड़ी थी। उसी संदर्भ में जानकारी लेने निकला। कुछ देर स्कूल, और जंगल का दक्षिणी हिस्सा छानबीन करने के बाद आर्यमणि सीधा रूही की मासी नेरमिन के इलाके में घुसा। चूंकि उस रात नेरमिन पैक के 10 वुल्फ भी मारे गए थे, इसलिए नेरमिन का पूरा पैक ही आर्यमणि को घूर रहा था...
आर्यमणि:– आज तुम्हारे पैक के हाव–भाव बदले हुये है नेरमिन...
नेरमिन:– अभी तो जंग होनी बाकी है। लूकस और हमारे 9 वुल्फ को क्यों मारा...
ओशुन:– बात ही क्यों करना, सीधा साफ कर दो... वैसे भी अकेला आया है...
तभी अल्फा पैक की दहाड़ एक साथ गूंजी.... “मेरी जान को सीधा साफ कर दोगी, इतनी हिम्मत.... जो दूसरों का शरीर नोचकर उनसे नशा का समान बनाते हो, उनमें इतना गुरुर”...
रूही चिल्लाती हुई अपनी बात कही और आर्यमणि को ऐसा घुसा मारी की उसका नाक टूट गया.... “हम पैक है और किसी वुल्फ के इलाके में घुसना हो तो पैक लेकर घुसा करो। फिर वो दोस्त हो या दुश्मन।”..
नेरमिन:– मतलब मैं तुम्हारी दुश्मन हो गयी? तुम्हे तमीज सीखने की जरूरत है रूही।
रूही:– और अपने बहन की बेटी और उसके परिवार के साथ जो साजिश रची थी, वो तो बड़ा तमीज वाला था न नेरमिन।
रूही की बातें नेरमिन से बर्दास्त न हुई। आवेश में आकर रूही को खींचकर एक तमाचा मारती.... “मेरे 10 लोगों को बर्बरता से मारने के बाद मुझे ही सुना रही है। मैं तो खुद कही थी ना जो भी अल्फा पैक से भिड़ने जायेगा, वो अपनी हालत का खुद जिम्मेदार होगा। फिर यदि लूकस और उसके दोस्त तुमसे भिड़े तो तुम लोग बेशक जो चाहे करते, लेकिन उसके सर को यूं कुचल कर हटाना नही चाहिए था। मुझे भी देखना था कि किसकी गलती थी।”..
रूही:– किसकी गलती थी, उसका पता तक नहीं लगा पायी या सब पहले से ही पता था। वो वाहियात नशीली दवा तुम्हारे पैक के वुल्फ ने दी थी, जिसके असर के कारण मेरी बहन ओजल नब्ज काटे खून को भूमि पर बहा रही थी। मैं और आर्य पूरे स्कूल के बीच एक दूसरे को ऐसे चूमे जैसे कोई आवारा जिस्म की आग में पागल हो गये थे। मेरा भाई इवान और अलबेली इतनी बेसुध थी कि कोई भी इन्हे लतों से मार रहा था और दोनो नग्न अवस्था में पड़े हुये थे।
ओशुन:– तो क्या अब तुम्हारे नशे के भी जिम्मेदार हमारे पैक के बीटा ही थे, जिन्हे तुमलोगाें ने ऐसे मारा की उसके दिमाग से कुछ यादें भी नही लीया जा सके। मूर्ख तो नही समझी हमें, जो ये न समझ सके की कौन नशे का समान बना भी रहा था और इस्तमाल भी कर रहा था। और सजा तो उन्हे मिली, जिसने इस राज का पता लगाया होगा। मां मेरी बातों पर गौर करो...
रूही की भीषण तेज दहाड़ जो चारो ओर गूंज रही थी। इसी के साथ रूही, अलबेली और इवान तीनो एक साथ पंजे झटक कर अपने क्ला बाहर निकालते..... “तो फिर इतनी बातें ही क्यों? चलो एक दूसरे को मारकर सीधा फैसला ही कर लेते है।”
रूही की दहाड़ पर अल्फा पैक जोश में और आज तो रूही की दहाड़ फर्स्ट अल्फा नेरमिन को भी जैसे चुनौती दे रही हो। उसकी दहाड़ से सभी शून्न पड़ गये, सिवाय ओशुन के।.... “मैं इकलौती वेयरकायोटी हूं, जो इतना सक्षम हो चुकी हूं कि तुम जैसों की आवाज से कंट्रोल में न आऊं।”
आर्यमणि:– जब रूही तुम्हे चीड़ रही होगी तब अपने वेयरकायोटी होने का धौंस देना। बहरहाल मैं यहां नेरमिन और उसके पैक की राय जानना चाहता हूं कि पूरे मामले वो क्या सोच रहे है?
नेरमिन के पैक का एक अल्फा.... “आग दोनो ही पैक के सीने में बराबर लगी है। हमने 10 बीटा खोये तो अल्फा पैक के अंदर भी अपने सदस्य को कहीं खो न देते उसका अक्रोश देखा जा सकता है।
दूसरा अल्फा:– हां हम दोनो के ही सीने में एक जैसी आग लगी हुई है।
नेरमिन का पूरा पैक एक साथ.... “दो साथी पैक ही एक दूसरे के जान के दुश्मन बने है, पूरा मामला क्या है?”...
आर्यमणि:– रूही तुम सबको लेकर पीछे हटो और थोड़ी शांत हो जाओ। नेरमिन चलो पहले विश्वास जगाते हैं।
नेरमिन ने सहमति में अपना सर हिलाया और दोनो कदम आगे बढ़ाकर एक दूसरे के सामने आये। क्ला एक दूसरे के गर्दन में घुसे थे और दोनो एक दूसरे की यादों में देख रहे थे। आर्यमणि अपनी यादों में सीधा उस दिन को दिखा रहा था, जिस दिन यह पूरी घटना हुई थी। जबकि आर्यमणि, नेरमिन के दिमाग में बचपन के 8 भाई–बहनों को देख रहा था, जिसमें रूही की मां फेहरीन भी थी। क्या अद्भुत प्रेम था, वर्णन कर पाना मुश्किल। जितनी देर में नेरमिन आर्यमणि के एक दिन की यादाश्त ली, आर्यमणि नेरमिन की पूरी याद को खंगाल चुका था।
नेरमिन झटके के साथ आर्यमणि से अलग होती.... “राजकुमारी कैरोलिन को मार डाले।”... ये वही राजकुमारी थी, जिसे उस रात ओजल ने अपने कल्पवृक्ष दंश से चीड़ दिया था।
आर्यमणि:– जो मर गये उनपर बाद में चर्चा करेंगे, पहले उस रात की घटना पर बात कर ले।
नेरमिन:– हां वो रात... शायद हम दोनो सहयोगी पैक को आखरी चरण तक पहुंचाने की साजिश किसी तीसरे ने रची थी, जो कामयाब रहा। यही नहीं बल्कि उस साजिशकर्ता ने न जाने कितने वुल्फ पैक को बेवजह की दुश्मनी में फंसा दिया वो तो आने वाले वाला वक्त ही बताएगा। अब तो लाशों का खेल शुरू होगा। वेयरवोल्फ और वेमपायर एक बार फिर आमने–सामने होंगे।
आर्यमणि:– वेमपायर हां... तो वो ठंडे बेजान शरीर वाले वेमपायर थे। और वो साजिशकर्ता कौन था, क्योंकि लूकस की भागीदारी यही कहती है कि भेदी तुम नही तो तुम्हारे पैक से कोई होगा...
नेरमिन:– मेरे पैक में इतने होशियार वुल्फ नही जो किसी के खून और अंदुरूनी अंग से किसी प्रकार का नशा बनाने की जानकारी रखते हो। सिवाय एक के जो हम दोनो को अच्छे से जनता था। हम दोनो को तो अच्छे से जानता ही था साथ में पृथ्वी पर पाए जाने वाले अन्य सुपरनेचुरल के बारे में भी अच्छी जानकारी रखता है।
आर्यमणि, नेरमिन को बड़ी ही हैरानी से देखते हुये.... “तुम्हारे इशारे किसके ओर है नेरमिन”..
नेरमिन:– वही जिसका नाम तुम्हारे दिमाग में गूंज रहा है, लेकिन मुंह से लेना नही चाहते... बॉब...
आर्यमणि:– बॉब.. क्या कहा तुमने बॉब... खैर पहली बात तो ये बॉब ने किया नही होगा और यदि बॉब ने किया भी होगा तो ये समझ लो की उसे किसी ने अपने वश में किया था....
नेरमिन:– इतना भरोसा...
आर्यमणि:– आज–कल बहुत कम लोगों पर यकीन होता है। पर जिनपर यकीन होता है फिर वो सामने से भी कुछ गलत करते हुये नजर आये, तो दिमाग में यही चलता रहेगा की पीछे से कोई और करवा रहा है।
नेरमिन:– अब ये तो बॉब के मिलने के बाद ही पता चलेगा।
आर्यमणि:– बॉब यदि जिंदा होगा तो आज ना कल मिल ही जायेगा।
नेरमिन:– क्यों जिसपर इतना यकीन है, उसे ढूंढने भी नही जाओगे...
आर्यमणि:– मामूली चाबुक के दम पर एक शेर से इंसान तमाशा करवा सकता है। मैं ताकतवर के पीछे जा सकता हूं, लेकिन एक दिमाग वाले के पीछे कभी नही। जो भी साजिशकर्ता है, उसे पता होगा की मुझे बॉब चाहिए और बॉब मुझे उसी स्वरूप में चाहिए जैसा मैं उसे जानता हूं। इसलिए बॉब की फिकर नही है, मैं जबतक फसूंगा नही या मर नही जाता तबतक बॉब को कुछ नही होगा। बाकी जिसे दुश्मनी निकालनी है, वो मेरे पीछे आये।
नेरमिन:– दिमाग की कमी तो तुम्हारे पास भी नहीं। इसलिए शायद उस राजकुमारी कैरोलिन को चिड़ने के बाद गायब हो गये थे।
आर्यमणि:– गायब हुआ नही था, बल्कि कुछ निजी काम से गया था।
नेरमिन:– चलो मान लिया, तो क्या जब साजिशकर्ता के ऊपर बात हो गयी है, तो हम वेमपायर के बारे में बात कर ले।
आर्यमणि:– हां बिलकुल...
नेरमिन:– “वेयरवोल्फ और वेमपायर उत्पत्ति के समय से ही एक दूसरे के दुश्मन रहे है। हालांकि वेमपायर शुरू से ही वेयरवोल्फ का इस्तमाल करते आया था, लेकिन बाद में जबसे वेयरवोल्फ हावी हुये वेमपायर को छिपना पड़ गया। हमे अर्जेंटीना से बर्कले भी इसलिए बुलाया गया था, ताकि वेमपायर पर शिकंजा कसा जा सके। लगभग 40 वर्ष पूर्व एक संधि हुई, जिसमे वेमपायर काउंसिल अपनी दुनिया समेटकर फिर कभी किसी के रास्ते में न आने का करार किये। बदले में उन्हें भी कोई परेशान न करे।”
“राजकुमारी कैरोलिन दरअसल इंसानी दुनिया में न्यूयॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट की डिटेक्टिव थी, वो भी सबसे कम उम्र की। उसका पिता, भुआन, एक यूएस सीनेटर है। यूं समझ लो कैरोलिन का बड़ा सा परिवार, वेमपायर और बाकी दुनिया के बीच की दीवार है और उस दीवार में तुमने सुराख कर दिया है। सायद उन्हे अब तक कातिल मिले नही या तुम्हारे गायब होने के कारण वह तुम्हे ढूंढ न पाए, वजह जो भी हो। लेकिन वो लोग कुछ महीनो से शांत है, इसका मतलब जरूर किसी जलजले की तैयारी कर रहे है।”
आर्यमणि:– तुम लोग अपनी जान बचाओ। बाकी देखते है, ये दुश्मनी का जलजला क्या रंग लाता है? वैसे वेमपायर के बारे में मैने सुना था कि वह दिन की रौशनी में नही निकल सकते। फिर ये किस प्रकार के वेमपायर है जो दिन में निकल सकते हैं?
नेरमीन:– तुमने वेमपायर के बारे में जब सुना होगा, तब साथ में एक अल्केमिस्ट का जिक्र भी हुआ होगा। उसी अल्केमिस्ट का कमाल है जो आज के वक्त के बहुत से वेमपायर खुद को मोडिफाई कर चुके है।
“अब ये क्या है? लगता है तुम्हारा कहा जलजला आज ही तो नही आ गया।?”... आर्यमणि ऊपर आसमान में हुई हलचल को देखते हुये कहने लगा।
बात किसी नतीजे पर पहुंचती उस से पहले ही 4–5 हेलीकॉप्टर सर के ऊपर मंडराने लगे। धूल के आंधी के बीच सभी हेलीकॉप्टर लैंड हो रहा था। कड़क काली वर्दी, वर्दी पर तरह–तरह के हथियार टंगे हुये। हाथों में कमाल के एसल्ट–राइफल, जिसकी लाल रौशनी केवल अल्फा पैक के ऊपर ही थी। सबकी वर्दी के पीछे एफबीआई लिखा हुआ था। बस 2 लोगों को छोड़कर जो काले टैक्सिडो में थे।
“सबकी नली तुम्हारे पैक के ऊपर ही है आर्य। शायद ये वो जलजला नही जो तुम सोच रहे। क्या कांड कर आये जो एफबीआई आयी है?”... नेरमिन फुसफुसाई...
आर्यमणि:– तुम्हे कैसे पता ये वो जलजला नही है..
नेरमिन:– यहां दिमाग नही चला रहे। इतने लोगों में बस चार लोगों को छांटे है। यदि वेमपायर द्वारा प्रायोजित ये घटना होती तो बंदूक की नली हम सब पर होती। क्योंकि जब लूकस नशे के खेल में सामिल था तो पहले उसके बारे में ही जानकारी खंगालते न।
आर्यमणि:– हम्म... बात तो तुम्हारी सही है। वैसे मैं बता दूं कि ये कैरोलिन और उसके साथ जितने भी लोग थे, वो थे बहुत खतरनाक मोडिफाइड। हो सके तो अपनी जान बचाओ और अपने पैतृक पैक के पास एमेजोन की जंगल लौट जाओ। उन्हे मेरी तलाश ही करने दो। अपने और अपने पैक को बचाओ।
नेरमिन:– और लूकस की संदिग्ध मौत से जैसे उन्हे कुछ पता ही नही चलेगा। किसी ने हम दोनो को बुरी तरह फसाया है।
आर्यमणि:– लूकस का पाता लगाने के बाद यदि तुम तक पहुंचे तो उनसे कह देना तुम्हे कुछ खबर नही की वह किन लोगों के साथ क्या कर रहा था। आशंका की सुई हमारे पैक पर डालना। और उन्हे डायवर्ट करते हुये भी कह देना की जिसने भी लूकस और साथ में तुम्हारे 9 लोगों को मारा था, वही असली दोषी है। उसकी तलाश तुम भी कर रही। जो की सत्य है और उन्हें यकीन करना होगा।
नेरमिन:– हां सुझाव अच्छा है लेकिन तुम्हे क्या लगता है, क्या मैं ऐसा करूंगी?
आर्यमणि:– चिंता मत करो, रूही तक उनके हाथ नही पहुंचेंगे... मैं जानता हूं कि तुम फेहरीन के एक भी बच्चो को कुछ नही होने दे सकती। पर ये भी मत भूलो की वो किसके पैक का हिस्सा है। वैसे भी दिसंबर में हमारी शादी है, उसकी तैयारी करनी है या नही?...
नेरमिन:– और इन दूसरी ससुराल वालों का क्या, जो तुम सबको अभी लेने आये है? दिसंबर तक फ्री हो पाओगे या हम बिना दूल्हा और दुल्हन के ही शादी की तैयारी करे?
आर्यमणि:– वादा रहा अपने समय से पहुंचेंगे... तुम बस तैयारी करके रखो...
नेरमिन:– हेल्लो मेरे होने वाले दामाद, मेरी बेटी को शादी से कम से कम 2 हफ्ते पहले भेज देना। क्या समझे... और हां ये अलग से फोन करके न कहना पड़े की उसके भाई को भी... दोनो की शादी होनी है न..
“एडम ये सब अपने घुटनों पर क्यों नही। सबको हथकड़ी पहनाओ और लेकर चलो।”.... हेलीकॉप्टर लैंड कर चुकी थी। बिलकुल फिल्मी अंदाज में वुल्फ पैक को तुरंत ही गन पॉइंट पर घेर लिया गया था। आर्यमणि और नेरमिन की बात पर विराम लगाते हुये एक टैक्सीडो वाला हाई–क्लास व्यक्ति पहुंचा और कमांडिंग एजेंट को हथकड़ी पहनाने का हुक्म दे डाला।
“हथकड़ी पहनाओ” सुनकर ही रूही पूरा भड़क गयी। ठीक उस टैक्सिडों वाले के सामने खड़ी होकर, गुस्से से लाल आंखें दिखाती.... “हथकड़ी पहना लिये फिर तो बात तुम्हारे हाथ से निकल जायेगी। जहां ले चलना है ले चलो, पर कोई बदतमीजी बर्दास्त नही करेंगे।”..
"पीछे खड़ी हो जाओ... सुना नही तुमने पीछे खड़ी हो जाओ।”.... रूही जब अपनी बात कह रही थी, ठीक उस वक्त एक एफबीआई एजेंट भी रूही के करीब पहुंचकर 2 बार माना किया। रूही जब नही मानी तब वह जैसे ही रूही को हाथ लगाने गया, इवान ने उसे ऐसा लात मारा की वह ऑफिसर कई फिट पीछे चला गया।
जैसे ही यह घटना हुई, हर गण का सेफ्टी लॉक खुल चुका था। उधर उनका सेफ्टी लॉक खुला इधर आर्यमणि गण निकालकर उस टैक्सिडो वाले के ऊपर तानते..... “मुझे नही पता की तुम लोग यहां क्यों आये हो। लेकिन जब मेरी होने वाली पत्नी ने कुछ बोल दिया और वो मैं कर सकता हूं, तो जरूर करूंगा। दम है तो हथकड़ी पहनाकर ले जाकर दिखा।”..
वहां का पूरा माहोल ही जैसे इंटेंस हो चला हो। चारो ओर से हवाएं भी जैसे गंभीर ध्वनि निकाल रही थी। जो जिस अवस्था में थे वहीं जैसे जम गये थे और हमला करने को लगभग तैयार।
पलक एक नजर रूही को देखकर मुश्कुराई। तेजी से वह आर्यमणि के होटों को चूमी और अपने कान पकड़ कर भागी। पीछे से रूही भी भागी लेकिन आर्यमणि उसका हाथ पकड़कर रोक लिया। यहां तो खुशियां छाई थी। हंसी मजाक और छेड़–छाड़ के बीच सब विदा हो रहे थे। किंतु दूसरी ओर... नायजो समुदाय को अल्फा पैक ने वह नजारा दिखाया था कि सभी भय के साए में थे।
सबको छोड़ने के बाद अल्फा पैक वुल्फ हाउस में आ गया। रूही की घूरती नजर और उसके गुस्से से बचने के लिये आर्यमणि सबको बातों में ही उलझाकर रखा था। लेकिन फिर भी बीच–बीच में रूही तंज मार ही देती। सभी मेहमान चले गये थे, सिवाय स्थानीय रेंजर मैक्स और उसकी टीम। वह जड़ों में लिपटे तीसरे फ्लोर पर आराम कर रहे थे।
आर्यमणि ने उन सबकी कुछ पल की यादस्स्त मिटाई। कुछ औपचारिक मेल–मिलाप हुआ और वहां से वो लोग भी विदा लिये। एक दिन विश्राम के बाद संन्यासी शिवम और निशांत भी जाने के लिये तैयार थे। उन दोनो के साथ ओजल भी निकल रही थी। थोड़े भावनात्मक क्षण थे, नम आंखों से ओजल भी विदा हुई।
अलबेली:– माहोल पूरा शांत, अब आगे क्या?
इवान:– आगे अब मुख्य काम में शादी ही है।
रूही:– किसकी दिलफेक गुरुदेव की, जो सबकी चुम्मी लिया करता है।
आर्यमणि:– रूही अब बस भी करो। पलक ने जबरदस्ती किया था, तुम वहीं थी।
रूही:– हां मैं थी आर्य। उसने जबरदस्ती किया और तुमसे तो पीछे हटा ही नही गया न। तुम्हे तो बड़ा मजा आ रहा था क्यों...
आर्यमणि:– अच्छा सुनो मैं क्या कह रहा था...
रूही:– हां आचार्य जी ने २१ दिसंबर का डेट निकाला है, तब तक कुछ अय्यासी ही कर लेता हूं।
आर्यमणि:– काहे रूही काहे.. काहे इतना ओवररीक्ट कर रही हो?
रूही:– चुम्मा तो छोटा–मोटा मैटर है, सबके मुंह में मुंह लगाए घूमते रहो। मैं हूं ही मूर्ख जो इतनी पिद्दी जैसी बात पर रिएक्ट करने लगी। हूं कौन मैं, गांव की एक गंवार और तुम अमेरिकन सिटीजन...
8 मार्च देर शाम की घटना थी। 9 मार्च बीता, 10 मार्च बीता, 12 मार्च बीता... जर्मनी गया कैलिफोर्निया आया पर रूही का गुस्सा और ताने में एक प्रतिसत की भी कमी नही आयी। सब बहुत दिनों बाद अपने कॉटेज पहुंचे थे। अल्फा पैक आते ही साफ सफाई में लग गया जबकि आर्यमणि बर्कले की स्थानीय खबर लेने निकला।
बर्कले छोड़ने के ठीक एक रात पहले जो घटना हुई थी। वही घटना जिसमे अल्फा पैक को एक अलग ही तरह का नशा दिया गया था और कुछ अजीब से प्राणियों से अल्फा पैक भिड़ी थी। उसी संदर्भ में जानकारी लेने निकला। कुछ देर स्कूल, और जंगल का दक्षिणी हिस्सा छानबीन करने के बाद आर्यमणि सीधा रूही की मासी नेरमिन के इलाके में घुसा। चूंकि उस रात नेरमिन पैक के 10 वुल्फ भी मारे गए थे, इसलिए नेरमिन का पूरा पैक ही आर्यमणि को घूर रहा था...
आर्यमणि:– आज तुम्हारे पैक के हाव–भाव बदले हुये है नेरमिन...
नेरमिन:– अभी तो जंग होनी बाकी है। लूकस और हमारे 9 वुल्फ को क्यों मारा...
ओशुन:– बात ही क्यों करना, सीधा साफ कर दो... वैसे भी अकेला आया है...
तभी अल्फा पैक की दहाड़ एक साथ गूंजी.... “मेरी जान को सीधा साफ कर दोगी, इतनी हिम्मत.... जो दूसरों का शरीर नोचकर उनसे नशा का समान बनाते हो, उनमें इतना गुरुर”...
रूही चिल्लाती हुई अपनी बात कही और आर्यमणि को ऐसा घुसा मारी की उसका नाक टूट गया.... “हम पैक है और किसी वुल्फ के इलाके में घुसना हो तो पैक लेकर घुसा करो। फिर वो दोस्त हो या दुश्मन।”..
नेरमिन:– मतलब मैं तुम्हारी दुश्मन हो गयी? तुम्हे तमीज सीखने की जरूरत है रूही।
रूही:– और अपने बहन की बेटी और उसके परिवार के साथ जो साजिश रची थी, वो तो बड़ा तमीज वाला था न नेरमिन।
रूही की बातें नेरमिन से बर्दास्त न हुई। आवेश में आकर रूही को खींचकर एक तमाचा मारती.... “मेरे 10 लोगों को बर्बरता से मारने के बाद मुझे ही सुना रही है। मैं तो खुद कही थी ना जो भी अल्फा पैक से भिड़ने जायेगा, वो अपनी हालत का खुद जिम्मेदार होगा। फिर यदि लूकस और उसके दोस्त तुमसे भिड़े तो तुम लोग बेशक जो चाहे करते, लेकिन उसके सर को यूं कुचल कर हटाना नही चाहिए था। मुझे भी देखना था कि किसकी गलती थी।”..
रूही:– किसकी गलती थी, उसका पता तक नहीं लगा पायी या सब पहले से ही पता था। वो वाहियात नशीली दवा तुम्हारे पैक के वुल्फ ने दी थी, जिसके असर के कारण मेरी बहन ओजल नब्ज काटे खून को भूमि पर बहा रही थी। मैं और आर्य पूरे स्कूल के बीच एक दूसरे को ऐसे चूमे जैसे कोई आवारा जिस्म की आग में पागल हो गये थे। मेरा भाई इवान और अलबेली इतनी बेसुध थी कि कोई भी इन्हे लतों से मार रहा था और दोनो नग्न अवस्था में पड़े हुये थे।
ओशुन:– तो क्या अब तुम्हारे नशे के भी जिम्मेदार हमारे पैक के बीटा ही थे, जिन्हे तुमलोगाें ने ऐसे मारा की उसके दिमाग से कुछ यादें भी नही लीया जा सके। मूर्ख तो नही समझी हमें, जो ये न समझ सके की कौन नशे का समान बना भी रहा था और इस्तमाल भी कर रहा था। और सजा तो उन्हे मिली, जिसने इस राज का पता लगाया होगा। मां मेरी बातों पर गौर करो...
रूही की भीषण तेज दहाड़ जो चारो ओर गूंज रही थी। इसी के साथ रूही, अलबेली और इवान तीनो एक साथ पंजे झटक कर अपने क्ला बाहर निकालते..... “तो फिर इतनी बातें ही क्यों? चलो एक दूसरे को मारकर सीधा फैसला ही कर लेते है।”
रूही की दहाड़ पर अल्फा पैक जोश में और आज तो रूही की दहाड़ फर्स्ट अल्फा नेरमिन को भी जैसे चुनौती दे रही हो। उसकी दहाड़ से सभी शून्न पड़ गये, सिवाय ओशुन के।.... “मैं इकलौती वेयरकायोटी हूं, जो इतना सक्षम हो चुकी हूं कि तुम जैसों की आवाज से कंट्रोल में न आऊं।”
आर्यमणि:– जब रूही तुम्हे चीड़ रही होगी तब अपने वेयरकायोटी होने का धौंस देना। बहरहाल मैं यहां नेरमिन और उसके पैक की राय जानना चाहता हूं कि पूरे मामले वो क्या सोच रहे है?
नेरमिन के पैक का एक अल्फा.... “आग दोनो ही पैक के सीने में बराबर लगी है। हमने 10 बीटा खोये तो अल्फा पैक के अंदर भी अपने सदस्य को कहीं खो न देते उसका अक्रोश देखा जा सकता है।
दूसरा अल्फा:– हां हम दोनो के ही सीने में एक जैसी आग लगी हुई है।
नेरमिन का पूरा पैक एक साथ.... “दो साथी पैक ही एक दूसरे के जान के दुश्मन बने है, पूरा मामला क्या है?”...
आर्यमणि:– रूही तुम सबको लेकर पीछे हटो और थोड़ी शांत हो जाओ। नेरमिन चलो पहले विश्वास जगाते हैं।
नेरमिन ने सहमति में अपना सर हिलाया और दोनो कदम आगे बढ़ाकर एक दूसरे के सामने आये। क्ला एक दूसरे के गर्दन में घुसे थे और दोनो एक दूसरे की यादों में देख रहे थे। आर्यमणि अपनी यादों में सीधा उस दिन को दिखा रहा था, जिस दिन यह पूरी घटना हुई थी। जबकि आर्यमणि, नेरमिन के दिमाग में बचपन के 8 भाई–बहनों को देख रहा था, जिसमें रूही की मां फेहरीन भी थी। क्या अद्भुत प्रेम था, वर्णन कर पाना मुश्किल। जितनी देर में नेरमिन आर्यमणि के एक दिन की यादाश्त ली, आर्यमणि नेरमिन की पूरी याद को खंगाल चुका था।
नेरमिन झटके के साथ आर्यमणि से अलग होती.... “राजकुमारी कैरोलिन को मार डाले।”... ये वही राजकुमारी थी, जिसे उस रात ओजल ने अपने कल्पवृक्ष दंश से चीड़ दिया था।
आर्यमणि:– जो मर गये उनपर बाद में चर्चा करेंगे, पहले उस रात की घटना पर बात कर ले।
नेरमिन:– हां वो रात... शायद हम दोनो सहयोगी पैक को आखरी चरण तक पहुंचाने की साजिश किसी तीसरे ने रची थी, जो कामयाब रहा। यही नहीं बल्कि उस साजिशकर्ता ने न जाने कितने वुल्फ पैक को बेवजह की दुश्मनी में फंसा दिया वो तो आने वाले वाला वक्त ही बताएगा। अब तो लाशों का खेल शुरू होगा। वेयरवोल्फ और वेमपायर एक बार फिर आमने–सामने होंगे।
आर्यमणि:– वेमपायर हां... तो वो ठंडे बेजान शरीर वाले वेमपायर थे। और वो साजिशकर्ता कौन था, क्योंकि लूकस की भागीदारी यही कहती है कि भेदी तुम नही तो तुम्हारे पैक से कोई होगा...
नेरमिन:– मेरे पैक में इतने होशियार वुल्फ नही जो किसी के खून और अंदुरूनी अंग से किसी प्रकार का नशा बनाने की जानकारी रखते हो। सिवाय एक के जो हम दोनो को अच्छे से जनता था। हम दोनो को तो अच्छे से जानता ही था साथ में पृथ्वी पर पाए जाने वाले अन्य सुपरनेचुरल के बारे में भी अच्छी जानकारी रखता है।
आर्यमणि, नेरमिन को बड़ी ही हैरानी से देखते हुये.... “तुम्हारे इशारे किसके ओर है नेरमिन”..
नेरमिन:– वही जिसका नाम तुम्हारे दिमाग में गूंज रहा है, लेकिन मुंह से लेना नही चाहते... बॉब...
आर्यमणि:– बॉब.. क्या कहा तुमने बॉब... खैर पहली बात तो ये बॉब ने किया नही होगा और यदि बॉब ने किया भी होगा तो ये समझ लो की उसे किसी ने अपने वश में किया था....
नेरमिन:– इतना भरोसा...
आर्यमणि:– आज–कल बहुत कम लोगों पर यकीन होता है। पर जिनपर यकीन होता है फिर वो सामने से भी कुछ गलत करते हुये नजर आये, तो दिमाग में यही चलता रहेगा की पीछे से कोई और करवा रहा है।
नेरमिन:– अब ये तो बॉब के मिलने के बाद ही पता चलेगा।
आर्यमणि:– बॉब यदि जिंदा होगा तो आज ना कल मिल ही जायेगा।
नेरमिन:– क्यों जिसपर इतना यकीन है, उसे ढूंढने भी नही जाओगे...
आर्यमणि:– मामूली चाबुक के दम पर एक शेर से इंसान तमाशा करवा सकता है। मैं ताकतवर के पीछे जा सकता हूं, लेकिन एक दिमाग वाले के पीछे कभी नही। जो भी साजिशकर्ता है, उसे पता होगा की मुझे बॉब चाहिए और बॉब मुझे उसी स्वरूप में चाहिए जैसा मैं उसे जानता हूं। इसलिए बॉब की फिकर नही है, मैं जबतक फसूंगा नही या मर नही जाता तबतक बॉब को कुछ नही होगा। बाकी जिसे दुश्मनी निकालनी है, वो मेरे पीछे आये।
नेरमिन:– दिमाग की कमी तो तुम्हारे पास भी नहीं। इसलिए शायद उस राजकुमारी कैरोलिन को चिड़ने के बाद गायब हो गये थे।
आर्यमणि:– गायब हुआ नही था, बल्कि कुछ निजी काम से गया था।
नेरमिन:– चलो मान लिया, तो क्या जब साजिशकर्ता के ऊपर बात हो गयी है, तो हम वेमपायर के बारे में बात कर ले।
आर्यमणि:– हां बिलकुल...
नेरमिन:– “वेयरवोल्फ और वेमपायर उत्पत्ति के समय से ही एक दूसरे के दुश्मन रहे है। हालांकि वेमपायर शुरू से ही वेयरवोल्फ का इस्तमाल करते आया था, लेकिन बाद में जबसे वेयरवोल्फ हावी हुये वेमपायर को छिपना पड़ गया। हमे अर्जेंटीना से बर्कले भी इसलिए बुलाया गया था, ताकि वेमपायर पर शिकंजा कसा जा सके। लगभग 40 वर्ष पूर्व एक संधि हुई, जिसमे वेमपायर काउंसिल अपनी दुनिया समेटकर फिर कभी किसी के रास्ते में न आने का करार किये। बदले में उन्हें भी कोई परेशान न करे।”
“राजकुमारी कैरोलिन दरअसल इंसानी दुनिया में न्यूयॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट की डिटेक्टिव थी, वो भी सबसे कम उम्र की। उसका पिता, भुआन, एक यूएस सीनेटर है। यूं समझ लो कैरोलिन का बड़ा सा परिवार, वेमपायर और बाकी दुनिया के बीच की दीवार है और उस दीवार में तुमने सुराख कर दिया है। सायद उन्हे अब तक कातिल मिले नही या तुम्हारे गायब होने के कारण वह तुम्हे ढूंढ न पाए, वजह जो भी हो। लेकिन वो लोग कुछ महीनो से शांत है, इसका मतलब जरूर किसी जलजले की तैयारी कर रहे है।”
आर्यमणि:– तुम लोग अपनी जान बचाओ। बाकी देखते है, ये दुश्मनी का जलजला क्या रंग लाता है? वैसे वेमपायर के बारे में मैने सुना था कि वह दिन की रौशनी में नही निकल सकते। फिर ये किस प्रकार के वेमपायर है जो दिन में निकल सकते हैं?
नेरमीन:– तुमने वेमपायर के बारे में जब सुना होगा, तब साथ में एक अल्केमिस्ट का जिक्र भी हुआ होगा। उसी अल्केमिस्ट का कमाल है जो आज के वक्त के बहुत से वेमपायर खुद को मोडिफाई कर चुके है।
“अब ये क्या है? लगता है तुम्हारा कहा जलजला आज ही तो नही आ गया।?”... आर्यमणि ऊपर आसमान में हुई हलचल को देखते हुये कहने लगा।
बात किसी नतीजे पर पहुंचती उस से पहले ही 4–5 हेलीकॉप्टर सर के ऊपर मंडराने लगे। धूल के आंधी के बीच सभी हेलीकॉप्टर लैंड हो रहा था। कड़क काली वर्दी, वर्दी पर तरह–तरह के हथियार टंगे हुये। हाथों में कमाल के एसल्ट–राइफल, जिसकी लाल रौशनी केवल अल्फा पैक के ऊपर ही थी। सबकी वर्दी के पीछे एफबीआई लिखा हुआ था। बस 2 लोगों को छोड़कर जो काले टैक्सिडो में थे।
“सबकी नली तुम्हारे पैक के ऊपर ही है आर्य। शायद ये वो जलजला नही जो तुम सोच रहे। क्या कांड कर आये जो एफबीआई आयी है?”... नेरमिन फुसफुसाई...
आर्यमणि:– तुम्हे कैसे पता ये वो जलजला नही है..
नेरमिन:– यहां दिमाग नही चला रहे। इतने लोगों में बस चार लोगों को छांटे है। यदि वेमपायर द्वारा प्रायोजित ये घटना होती तो बंदूक की नली हम सब पर होती। क्योंकि जब लूकस नशे के खेल में सामिल था तो पहले उसके बारे में ही जानकारी खंगालते न।
आर्यमणि:– हम्म... बात तो तुम्हारी सही है। वैसे मैं बता दूं कि ये कैरोलिन और उसके साथ जितने भी लोग थे, वो थे बहुत खतरनाक मोडिफाइड। हो सके तो अपनी जान बचाओ और अपने पैतृक पैक के पास एमेजोन की जंगल लौट जाओ। उन्हे मेरी तलाश ही करने दो। अपने और अपने पैक को बचाओ।
नेरमिन:– और लूकस की संदिग्ध मौत से जैसे उन्हे कुछ पता ही नही चलेगा। किसी ने हम दोनो को बुरी तरह फसाया है।
आर्यमणि:– लूकस का पाता लगाने के बाद यदि तुम तक पहुंचे तो उनसे कह देना तुम्हे कुछ खबर नही की वह किन लोगों के साथ क्या कर रहा था। आशंका की सुई हमारे पैक पर डालना। और उन्हे डायवर्ट करते हुये भी कह देना की जिसने भी लूकस और साथ में तुम्हारे 9 लोगों को मारा था, वही असली दोषी है। उसकी तलाश तुम भी कर रही। जो की सत्य है और उन्हें यकीन करना होगा।
नेरमिन:– हां सुझाव अच्छा है लेकिन तुम्हे क्या लगता है, क्या मैं ऐसा करूंगी?
आर्यमणि:– चिंता मत करो, रूही तक उनके हाथ नही पहुंचेंगे... मैं जानता हूं कि तुम फेहरीन के एक भी बच्चो को कुछ नही होने दे सकती। पर ये भी मत भूलो की वो किसके पैक का हिस्सा है। वैसे भी दिसंबर में हमारी शादी है, उसकी तैयारी करनी है या नही?...
नेरमिन:– और इन दूसरी ससुराल वालों का क्या, जो तुम सबको अभी लेने आये है? दिसंबर तक फ्री हो पाओगे या हम बिना दूल्हा और दुल्हन के ही शादी की तैयारी करे?
आर्यमणि:– वादा रहा अपने समय से पहुंचेंगे... तुम बस तैयारी करके रखो...
नेरमिन:– हेल्लो मेरे होने वाले दामाद, मेरी बेटी को शादी से कम से कम 2 हफ्ते पहले भेज देना। क्या समझे... और हां ये अलग से फोन करके न कहना पड़े की उसके भाई को भी... दोनो की शादी होनी है न..
“एडम ये सब अपने घुटनों पर क्यों नही। सबको हथकड़ी पहनाओ और लेकर चलो।”.... हेलीकॉप्टर लैंड कर चुकी थी। बिलकुल फिल्मी अंदाज में वुल्फ पैक को तुरंत ही गन पॉइंट पर घेर लिया गया था। आर्यमणि और नेरमिन की बात पर विराम लगाते हुये एक टैक्सीडो वाला हाई–क्लास व्यक्ति पहुंचा और कमांडिंग एजेंट को हथकड़ी पहनाने का हुक्म दे डाला।
“हथकड़ी पहनाओ” सुनकर ही रूही पूरा भड़क गयी। ठीक उस टैक्सिडों वाले के सामने खड़ी होकर, गुस्से से लाल आंखें दिखाती.... “हथकड़ी पहना लिये फिर तो बात तुम्हारे हाथ से निकल जायेगी। जहां ले चलना है ले चलो, पर कोई बदतमीजी बर्दास्त नही करेंगे।”..
"पीछे खड़ी हो जाओ... सुना नही तुमने पीछे खड़ी हो जाओ।”.... रूही जब अपनी बात कह रही थी, ठीक उस वक्त एक एफबीआई एजेंट भी रूही के करीब पहुंचकर 2 बार माना किया। रूही जब नही मानी तब वह जैसे ही रूही को हाथ लगाने गया, इवान ने उसे ऐसा लात मारा की वह ऑफिसर कई फिट पीछे चला गया।
जैसे ही यह घटना हुई, हर गण का सेफ्टी लॉक खुल चुका था। उधर उनका सेफ्टी लॉक खुला इधर आर्यमणि गण निकालकर उस टैक्सिडो वाले के ऊपर तानते..... “मुझे नही पता की तुम लोग यहां क्यों आये हो। लेकिन जब मेरी होने वाली पत्नी ने कुछ बोल दिया और वो मैं कर सकता हूं, तो जरूर करूंगा। दम है तो हथकड़ी पहनाकर ले जाकर दिखा।”..
वहां का पूरा माहोल ही जैसे इंटेंस हो चला हो। चारो ओर से हवाएं भी जैसे गंभीर ध्वनि निकाल रही थी। जो जिस अवस्था में थे वहीं जैसे जम गये थे और हमला करने को लगभग तैयार।
पलक एक नजर रूही को देखकर मुश्कुराई। तेजी से वह आर्यमणि के होटों को चूमी और अपने कान पकड़ कर भागी। पीछे से रूही भी भागी लेकिन आर्यमणि उसका हाथ पकड़कर रोक लिया। यहां तो खुशियां छाई थी। हंसी मजाक और छेड़–छाड़ के बीच सब विदा हो रहे थे। किंतु दूसरी ओर... नायजो समुदाय को अल्फा पैक ने वह नजारा दिखाया था कि सभी भय के साए में थे।
सबको छोड़ने के बाद अल्फा पैक वुल्फ हाउस में आ गया। रूही की घूरती नजर और उसके गुस्से से बचने के लिये आर्यमणि सबको बातों में ही उलझाकर रखा था। लेकिन फिर भी बीच–बीच में रूही तंज मार ही देती। सभी मेहमान चले गये थे, सिवाय स्थानीय रेंजर मैक्स और उसकी टीम। वह जड़ों में लिपटे तीसरे फ्लोर पर आराम कर रहे थे।
आर्यमणि ने उन सबकी कुछ पल की यादस्स्त मिटाई। कुछ औपचारिक मेल–मिलाप हुआ और वहां से वो लोग भी विदा लिये। एक दिन विश्राम के बाद संन्यासी शिवम और निशांत भी जाने के लिये तैयार थे। उन दोनो के साथ ओजल भी निकल रही थी। थोड़े भावनात्मक क्षण थे, नम आंखों से ओजल भी विदा हुई।
अलबेली:– माहोल पूरा शांत, अब आगे क्या?
इवान:– आगे अब मुख्य काम में शादी ही है।
रूही:– किसकी दिलफेक गुरुदेव की, जो सबकी चुम्मी लिया करता है।
आर्यमणि:– रूही अब बस भी करो। पलक ने जबरदस्ती किया था, तुम वहीं थी।
रूही:– हां मैं थी आर्य। उसने जबरदस्ती किया और तुमसे तो पीछे हटा ही नही गया न। तुम्हे तो बड़ा मजा आ रहा था क्यों...
आर्यमणि:– अच्छा सुनो मैं क्या कह रहा था...
रूही:– हां आचार्य जी ने २१ दिसंबर का डेट निकाला है, तब तक कुछ अय्यासी ही कर लेता हूं।
आर्यमणि:– काहे रूही काहे.. काहे इतना ओवररीक्ट कर रही हो?
रूही:– चुम्मा तो छोटा–मोटा मैटर है, सबके मुंह में मुंह लगाए घूमते रहो। मैं हूं ही मूर्ख जो इतनी पिद्दी जैसी बात पर रिएक्ट करने लगी। हूं कौन मैं, गांव की एक गंवार और तुम अमेरिकन सिटीजन...
8 मार्च देर शाम की घटना थी। 9 मार्च बीता, 10 मार्च बीता, 12 मार्च बीता... जर्मनी गया कैलिफोर्निया आया पर रूही का गुस्सा और ताने में एक प्रतिसत की भी कमी नही आयी। सब बहुत दिनों बाद अपने कॉटेज पहुंचे थे। अल्फा पैक आते ही साफ सफाई में लग गया जबकि आर्यमणि बर्कले की स्थानीय खबर लेने निकला।
बर्कले छोड़ने के ठीक एक रात पहले जो घटना हुई थी। वही घटना जिसमे अल्फा पैक को एक अलग ही तरह का नशा दिया गया था और कुछ अजीब से प्राणियों से अल्फा पैक भिड़ी थी। उसी संदर्भ में जानकारी लेने निकला। कुछ देर स्कूल, और जंगल का दक्षिणी हिस्सा छानबीन करने के बाद आर्यमणि सीधा रूही की मासी नेरमिन के इलाके में घुसा। चूंकि उस रात नेरमिन पैक के 10 वुल्फ भी मारे गए थे, इसलिए नेरमिन का पूरा पैक ही आर्यमणि को घूर रहा था...
आर्यमणि:– आज तुम्हारे पैक के हाव–भाव बदले हुये है नेरमिन...
नेरमिन:– अभी तो जंग होनी बाकी है। लूकस और हमारे 9 वुल्फ को क्यों मारा...
ओशुन:– बात ही क्यों करना, सीधा साफ कर दो... वैसे भी अकेला आया है...
तभी अल्फा पैक की दहाड़ एक साथ गूंजी.... “मेरी जान को सीधा साफ कर दोगी, इतनी हिम्मत.... जो दूसरों का शरीर नोचकर उनसे नशा का समान बनाते हो, उनमें इतना गुरुर”...
रूही चिल्लाती हुई अपनी बात कही और आर्यमणि को ऐसा घुसा मारी की उसका नाक टूट गया.... “हम पैक है और किसी वुल्फ के इलाके में घुसना हो तो पैक लेकर घुसा करो। फिर वो दोस्त हो या दुश्मन।”..
नेरमिन:– मतलब मैं तुम्हारी दुश्मन हो गयी? तुम्हे तमीज सीखने की जरूरत है रूही।
रूही:– और अपने बहन की बेटी और उसके परिवार के साथ जो साजिश रची थी, वो तो बड़ा तमीज वाला था न नेरमिन।
रूही की बातें नेरमिन से बर्दास्त न हुई। आवेश में आकर रूही को खींचकर एक तमाचा मारती.... “मेरे 10 लोगों को बर्बरता से मारने के बाद मुझे ही सुना रही है। मैं तो खुद कही थी ना जो भी अल्फा पैक से भिड़ने जायेगा, वो अपनी हालत का खुद जिम्मेदार होगा। फिर यदि लूकस और उसके दोस्त तुमसे भिड़े तो तुम लोग बेशक जो चाहे करते, लेकिन उसके सर को यूं कुचल कर हटाना नही चाहिए था। मुझे भी देखना था कि किसकी गलती थी।”..
रूही:– किसकी गलती थी, उसका पता तक नहीं लगा पायी या सब पहले से ही पता था। वो वाहियात नशीली दवा तुम्हारे पैक के वुल्फ ने दी थी, जिसके असर के कारण मेरी बहन ओजल नब्ज काटे खून को भूमि पर बहा रही थी। मैं और आर्य पूरे स्कूल के बीच एक दूसरे को ऐसे चूमे जैसे कोई आवारा जिस्म की आग में पागल हो गये थे। मेरा भाई इवान और अलबेली इतनी बेसुध थी कि कोई भी इन्हे लतों से मार रहा था और दोनो नग्न अवस्था में पड़े हुये थे।
ओशुन:– तो क्या अब तुम्हारे नशे के भी जिम्मेदार हमारे पैक के बीटा ही थे, जिन्हे तुमलोगाें ने ऐसे मारा की उसके दिमाग से कुछ यादें भी नही लीया जा सके। मूर्ख तो नही समझी हमें, जो ये न समझ सके की कौन नशे का समान बना भी रहा था और इस्तमाल भी कर रहा था। और सजा तो उन्हे मिली, जिसने इस राज का पता लगाया होगा। मां मेरी बातों पर गौर करो...
रूही की भीषण तेज दहाड़ जो चारो ओर गूंज रही थी। इसी के साथ रूही, अलबेली और इवान तीनो एक साथ पंजे झटक कर अपने क्ला बाहर निकालते..... “तो फिर इतनी बातें ही क्यों? चलो एक दूसरे को मारकर सीधा फैसला ही कर लेते है।”
रूही की दहाड़ पर अल्फा पैक जोश में और आज तो रूही की दहाड़ फर्स्ट अल्फा नेरमिन को भी जैसे चुनौती दे रही हो। उसकी दहाड़ से सभी शून्न पड़ गये, सिवाय ओशुन के।.... “मैं इकलौती वेयरकायोटी हूं, जो इतना सक्षम हो चुकी हूं कि तुम जैसों की आवाज से कंट्रोल में न आऊं।”
आर्यमणि:– जब रूही तुम्हे चीड़ रही होगी तब अपने वेयरकायोटी होने का धौंस देना। बहरहाल मैं यहां नेरमिन और उसके पैक की राय जानना चाहता हूं कि पूरे मामले वो क्या सोच रहे है?
नेरमिन के पैक का एक अल्फा.... “आग दोनो ही पैक के सीने में बराबर लगी है। हमने 10 बीटा खोये तो अल्फा पैक के अंदर भी अपने सदस्य को कहीं खो न देते उसका अक्रोश देखा जा सकता है।
दूसरा अल्फा:– हां हम दोनो के ही सीने में एक जैसी आग लगी हुई है।
नेरमिन का पूरा पैक एक साथ.... “दो साथी पैक ही एक दूसरे के जान के दुश्मन बने है, पूरा मामला क्या है?”...
आर्यमणि:– रूही तुम सबको लेकर पीछे हटो और थोड़ी शांत हो जाओ। नेरमिन चलो पहले विश्वास जगाते हैं।
नेरमिन ने सहमति में अपना सर हिलाया और दोनो कदम आगे बढ़ाकर एक दूसरे के सामने आये। क्ला एक दूसरे के गर्दन में घुसे थे और दोनो एक दूसरे की यादों में देख रहे थे। आर्यमणि अपनी यादों में सीधा उस दिन को दिखा रहा था, जिस दिन यह पूरी घटना हुई थी। जबकि आर्यमणि, नेरमिन के दिमाग में बचपन के 8 भाई–बहनों को देख रहा था, जिसमें रूही की मां फेहरीन भी थी। क्या अद्भुत प्रेम था, वर्णन कर पाना मुश्किल। जितनी देर में नेरमिन आर्यमणि के एक दिन की यादाश्त ली, आर्यमणि नेरमिन की पूरी याद को खंगाल चुका था।
नेरमिन झटके के साथ आर्यमणि से अलग होती.... “राजकुमारी कैरोलिन को मार डाले।”... ये वही राजकुमारी थी, जिसे उस रात ओजल ने अपने कल्पवृक्ष दंश से चीड़ दिया था।
आर्यमणि:– जो मर गये उनपर बाद में चर्चा करेंगे, पहले उस रात की घटना पर बात कर ले।
नेरमिन:– हां वो रात... शायद हम दोनो सहयोगी पैक को आखरी चरण तक पहुंचाने की साजिश किसी तीसरे ने रची थी, जो कामयाब रहा। यही नहीं बल्कि उस साजिशकर्ता ने न जाने कितने वुल्फ पैक को बेवजह की दुश्मनी में फंसा दिया वो तो आने वाले वाला वक्त ही बताएगा। अब तो लाशों का खेल शुरू होगा। वेयरवोल्फ और वेमपायर एक बार फिर आमने–सामने होंगे।
आर्यमणि:– वेमपायर हां... तो वो ठंडे बेजान शरीर वाले वेमपायर थे। और वो साजिशकर्ता कौन था, क्योंकि लूकस की भागीदारी यही कहती है कि भेदी तुम नही तो तुम्हारे पैक से कोई होगा...
नेरमिन:– मेरे पैक में इतने होशियार वुल्फ नही जो किसी के खून और अंदुरूनी अंग से किसी प्रकार का नशा बनाने की जानकारी रखते हो। सिवाय एक के जो हम दोनो को अच्छे से जनता था। हम दोनो को तो अच्छे से जानता ही था साथ में पृथ्वी पर पाए जाने वाले अन्य सुपरनेचुरल के बारे में भी अच्छी जानकारी रखता है।
आर्यमणि, नेरमिन को बड़ी ही हैरानी से देखते हुये.... “तुम्हारे इशारे किसके ओर है नेरमिन”..
नेरमिन:– वही जिसका नाम तुम्हारे दिमाग में गूंज रहा है, लेकिन मुंह से लेना नही चाहते... बॉब...
आर्यमणि:– बॉब.. क्या कहा तुमने बॉब... खैर पहली बात तो ये बॉब ने किया नही होगा और यदि बॉब ने किया भी होगा तो ये समझ लो की उसे किसी ने अपने वश में किया था....
नेरमिन:– इतना भरोसा...
आर्यमणि:– आज–कल बहुत कम लोगों पर यकीन होता है। पर जिनपर यकीन होता है फिर वो सामने से भी कुछ गलत करते हुये नजर आये, तो दिमाग में यही चलता रहेगा की पीछे से कोई और करवा रहा है।
नेरमिन:– अब ये तो बॉब के मिलने के बाद ही पता चलेगा।
आर्यमणि:– बॉब यदि जिंदा होगा तो आज ना कल मिल ही जायेगा।
नेरमिन:– क्यों जिसपर इतना यकीन है, उसे ढूंढने भी नही जाओगे...
आर्यमणि:– मामूली चाबुक के दम पर एक शेर से इंसान तमाशा करवा सकता है। मैं ताकतवर के पीछे जा सकता हूं, लेकिन एक दिमाग वाले के पीछे कभी नही। जो भी साजिशकर्ता है, उसे पता होगा की मुझे बॉब चाहिए और बॉब मुझे उसी स्वरूप में चाहिए जैसा मैं उसे जानता हूं। इसलिए बॉब की फिकर नही है, मैं जबतक फसूंगा नही या मर नही जाता तबतक बॉब को कुछ नही होगा। बाकी जिसे दुश्मनी निकालनी है, वो मेरे पीछे आये।
नेरमिन:– दिमाग की कमी तो तुम्हारे पास भी नहीं। इसलिए शायद उस राजकुमारी कैरोलिन को चिड़ने के बाद गायब हो गये थे।
आर्यमणि:– गायब हुआ नही था, बल्कि कुछ निजी काम से गया था।
नेरमिन:– चलो मान लिया, तो क्या जब साजिशकर्ता के ऊपर बात हो गयी है, तो हम वेमपायर के बारे में बात कर ले।
आर्यमणि:– हां बिलकुल...
नेरमिन:– “वेयरवोल्फ और वेमपायर उत्पत्ति के समय से ही एक दूसरे के दुश्मन रहे है। हालांकि वेमपायर शुरू से ही वेयरवोल्फ का इस्तमाल करते आया था, लेकिन बाद में जबसे वेयरवोल्फ हावी हुये वेमपायर को छिपना पड़ गया। हमे अर्जेंटीना से बर्कले भी इसलिए बुलाया गया था, ताकि वेमपायर पर शिकंजा कसा जा सके। लगभग 40 वर्ष पूर्व एक संधि हुई, जिसमे वेमपायर काउंसिल अपनी दुनिया समेटकर फिर कभी किसी के रास्ते में न आने का करार किये। बदले में उन्हें भी कोई परेशान न करे।”
“राजकुमारी कैरोलिन दरअसल इंसानी दुनिया में न्यूयॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट की डिटेक्टिव थी, वो भी सबसे कम उम्र की। उसका पिता, भुआन, एक यूएस सीनेटर है। यूं समझ लो कैरोलिन का बड़ा सा परिवार, वेमपायर और बाकी दुनिया के बीच की दीवार है और उस दीवार में तुमने सुराख कर दिया है। सायद उन्हे अब तक कातिल मिले नही या तुम्हारे गायब होने के कारण वह तुम्हे ढूंढ न पाए, वजह जो भी हो। लेकिन वो लोग कुछ महीनो से शांत है, इसका मतलब जरूर किसी जलजले की तैयारी कर रहे है।”
आर्यमणि:– तुम लोग अपनी जान बचाओ। बाकी देखते है, ये दुश्मनी का जलजला क्या रंग लाता है? वैसे वेमपायर के बारे में मैने सुना था कि वह दिन की रौशनी में नही निकल सकते। फिर ये किस प्रकार के वेमपायर है जो दिन में निकल सकते हैं?
नेरमीन:– तुमने वेमपायर के बारे में जब सुना होगा, तब साथ में एक अल्केमिस्ट का जिक्र भी हुआ होगा। उसी अल्केमिस्ट का कमाल है जो आज के वक्त के बहुत से वेमपायर खुद को मोडिफाई कर चुके है।
“अब ये क्या है? लगता है तुम्हारा कहा जलजला आज ही तो नही आ गया।?”... आर्यमणि ऊपर आसमान में हुई हलचल को देखते हुये कहने लगा।
बात किसी नतीजे पर पहुंचती उस से पहले ही 4–5 हेलीकॉप्टर सर के ऊपर मंडराने लगे। धूल के आंधी के बीच सभी हेलीकॉप्टर लैंड हो रहा था। कड़क काली वर्दी, वर्दी पर तरह–तरह के हथियार टंगे हुये। हाथों में कमाल के एसल्ट–राइफल, जिसकी लाल रौशनी केवल अल्फा पैक के ऊपर ही थी। सबकी वर्दी के पीछे एफबीआई लिखा हुआ था। बस 2 लोगों को छोड़कर जो काले टैक्सिडो में थे।
“सबकी नली तुम्हारे पैक के ऊपर ही है आर्य। शायद ये वो जलजला नही जो तुम सोच रहे। क्या कांड कर आये जो एफबीआई आयी है?”... नेरमिन फुसफुसाई...
आर्यमणि:– तुम्हे कैसे पता ये वो जलजला नही है..
नेरमिन:– यहां दिमाग नही चला रहे। इतने लोगों में बस चार लोगों को छांटे है। यदि वेमपायर द्वारा प्रायोजित ये घटना होती तो बंदूक की नली हम सब पर होती। क्योंकि जब लूकस नशे के खेल में सामिल था तो पहले उसके बारे में ही जानकारी खंगालते न।
आर्यमणि:– हम्म... बात तो तुम्हारी सही है। वैसे मैं बता दूं कि ये कैरोलिन और उसके साथ जितने भी लोग थे, वो थे बहुत खतरनाक मोडिफाइड। हो सके तो अपनी जान बचाओ और अपने पैतृक पैक के पास एमेजोन की जंगल लौट जाओ। उन्हे मेरी तलाश ही करने दो। अपने और अपने पैक को बचाओ।
नेरमिन:– और लूकस की संदिग्ध मौत से जैसे उन्हे कुछ पता ही नही चलेगा। किसी ने हम दोनो को बुरी तरह फसाया है।
आर्यमणि:– लूकस का पाता लगाने के बाद यदि तुम तक पहुंचे तो उनसे कह देना तुम्हे कुछ खबर नही की वह किन लोगों के साथ क्या कर रहा था। आशंका की सुई हमारे पैक पर डालना। और उन्हे डायवर्ट करते हुये भी कह देना की जिसने भी लूकस और साथ में तुम्हारे 9 लोगों को मारा था, वही असली दोषी है। उसकी तलाश तुम भी कर रही। जो की सत्य है और उन्हें यकीन करना होगा।
नेरमिन:– हां सुझाव अच्छा है लेकिन तुम्हे क्या लगता है, क्या मैं ऐसा करूंगी?
आर्यमणि:– चिंता मत करो, रूही तक उनके हाथ नही पहुंचेंगे... मैं जानता हूं कि तुम फेहरीन के एक भी बच्चो को कुछ नही होने दे सकती। पर ये भी मत भूलो की वो किसके पैक का हिस्सा है। वैसे भी दिसंबर में हमारी शादी है, उसकी तैयारी करनी है या नही?...
नेरमिन:– और इन दूसरी ससुराल वालों का क्या, जो तुम सबको अभी लेने आये है? दिसंबर तक फ्री हो पाओगे या हम बिना दूल्हा और दुल्हन के ही शादी की तैयारी करे?
आर्यमणि:– वादा रहा अपने समय से पहुंचेंगे... तुम बस तैयारी करके रखो...
नेरमिन:– हेल्लो मेरे होने वाले दामाद, मेरी बेटी को शादी से कम से कम 2 हफ्ते पहले भेज देना। क्या समझे... और हां ये अलग से फोन करके न कहना पड़े की उसके भाई को भी... दोनो की शादी होनी है न..
“एडम ये सब अपने घुटनों पर क्यों नही। सबको हथकड़ी पहनाओ और लेकर चलो।”.... हेलीकॉप्टर लैंड कर चुकी थी। बिलकुल फिल्मी अंदाज में वुल्फ पैक को तुरंत ही गन पॉइंट पर घेर लिया गया था। आर्यमणि और नेरमिन की बात पर विराम लगाते हुये एक टैक्सीडो वाला हाई–क्लास व्यक्ति पहुंचा और कमांडिंग एजेंट को हथकड़ी पहनाने का हुक्म दे डाला।
“हथकड़ी पहनाओ” सुनकर ही रूही पूरा भड़क गयी। ठीक उस टैक्सिडों वाले के सामने खड़ी होकर, गुस्से से लाल आंखें दिखाती.... “हथकड़ी पहना लिये फिर तो बात तुम्हारे हाथ से निकल जायेगी। जहां ले चलना है ले चलो, पर कोई बदतमीजी बर्दास्त नही करेंगे।”..
"पीछे खड़ी हो जाओ... सुना नही तुमने पीछे खड़ी हो जाओ।”.... रूही जब अपनी बात कह रही थी, ठीक उस वक्त एक एफबीआई एजेंट भी रूही के करीब पहुंचकर 2 बार माना किया। रूही जब नही मानी तब वह जैसे ही रूही को हाथ लगाने गया, इवान ने उसे ऐसा लात मारा की वह ऑफिसर कई फिट पीछे चला गया।
जैसे ही यह घटना हुई, हर गण का सेफ्टी लॉक खुल चुका था। उधर उनका सेफ्टी लॉक खुला इधर आर्यमणि गण निकालकर उस टैक्सिडो वाले के ऊपर तानते..... “मुझे नही पता की तुम लोग यहां क्यों आये हो। लेकिन जब मेरी होने वाली पत्नी ने कुछ बोल दिया और वो मैं कर सकता हूं, तो जरूर करूंगा। दम है तो हथकड़ी पहनाकर ले जाकर दिखा।”..
वहां का पूरा माहोल ही जैसे इंटेंस हो चला हो। चारो ओर से हवाएं भी जैसे गंभीर ध्वनि निकाल रही थी। जो जिस अवस्था में थे वहीं जैसे जम गये थे और हमला करने को लगभग तैयार।
पलक एक नजर रूही को देखकर मुश्कुराई। तेजी से वह आर्यमणि के होटों को चूमी और अपने कान पकड़ कर भागी। पीछे से रूही भी भागी लेकिन आर्यमणि उसका हाथ पकड़कर रोक लिया। यहां तो खुशियां छाई थी। हंसी मजाक और छेड़–छाड़ के बीच सब विदा हो रहे थे। किंतु दूसरी ओर... नायजो समुदाय को अल्फा पैक ने वह नजारा दिखाया था कि सभी भय के साए में थे।
सबको छोड़ने के बाद अल्फा पैक वुल्फ हाउस में आ गया। रूही की घूरती नजर और उसके गुस्से से बचने के लिये आर्यमणि सबको बातों में ही उलझाकर रखा था। लेकिन फिर भी बीच–बीच में रूही तंज मार ही देती। सभी मेहमान चले गये थे, सिवाय स्थानीय रेंजर मैक्स और उसकी टीम। वह जड़ों में लिपटे तीसरे फ्लोर पर आराम कर रहे थे।
आर्यमणि ने उन सबकी कुछ पल की यादस्स्त मिटाई। कुछ औपचारिक मेल–मिलाप हुआ और वहां से वो लोग भी विदा लिये। एक दिन विश्राम के बाद संन्यासी शिवम और निशांत भी जाने के लिये तैयार थे। उन दोनो के साथ ओजल भी निकल रही थी। थोड़े भावनात्मक क्षण थे, नम आंखों से ओजल भी विदा हुई।
अलबेली:– माहोल पूरा शांत, अब आगे क्या?
इवान:– आगे अब मुख्य काम में शादी ही है।
रूही:– किसकी दिलफेक गुरुदेव की, जो सबकी चुम्मी लिया करता है।
आर्यमणि:– रूही अब बस भी करो। पलक ने जबरदस्ती किया था, तुम वहीं थी।
रूही:– हां मैं थी आर्य। उसने जबरदस्ती किया और तुमसे तो पीछे हटा ही नही गया न। तुम्हे तो बड़ा मजा आ रहा था क्यों...
आर्यमणि:– अच्छा सुनो मैं क्या कह रहा था...
रूही:– हां आचार्य जी ने २१ दिसंबर का डेट निकाला है, तब तक कुछ अय्यासी ही कर लेता हूं।
आर्यमणि:– काहे रूही काहे.. काहे इतना ओवररीक्ट कर रही हो?
रूही:– चुम्मा तो छोटा–मोटा मैटर है, सबके मुंह में मुंह लगाए घूमते रहो। मैं हूं ही मूर्ख जो इतनी पिद्दी जैसी बात पर रिएक्ट करने लगी। हूं कौन मैं, गांव की एक गंवार और तुम अमेरिकन सिटीजन...
8 मार्च देर शाम की घटना थी। 9 मार्च बीता, 10 मार्च बीता, 12 मार्च बीता... जर्मनी गया कैलिफोर्निया आया पर रूही का गुस्सा और ताने में एक प्रतिसत की भी कमी नही आयी। सब बहुत दिनों बाद अपने कॉटेज पहुंचे थे। अल्फा पैक आते ही साफ सफाई में लग गया जबकि आर्यमणि बर्कले की स्थानीय खबर लेने निकला।
बर्कले छोड़ने के ठीक एक रात पहले जो घटना हुई थी। वही घटना जिसमे अल्फा पैक को एक अलग ही तरह का नशा दिया गया था और कुछ अजीब से प्राणियों से अल्फा पैक भिड़ी थी। उसी संदर्भ में जानकारी लेने निकला। कुछ देर स्कूल, और जंगल का दक्षिणी हिस्सा छानबीन करने के बाद आर्यमणि सीधा रूही की मासी नेरमिन के इलाके में घुसा। चूंकि उस रात नेरमिन पैक के 10 वुल्फ भी मारे गए थे, इसलिए नेरमिन का पूरा पैक ही आर्यमणि को घूर रहा था...
आर्यमणि:– आज तुम्हारे पैक के हाव–भाव बदले हुये है नेरमिन...
नेरमिन:– अभी तो जंग होनी बाकी है। लूकस और हमारे 9 वुल्फ को क्यों मारा...
ओशुन:– बात ही क्यों करना, सीधा साफ कर दो... वैसे भी अकेला आया है...
तभी अल्फा पैक की दहाड़ एक साथ गूंजी.... “मेरी जान को सीधा साफ कर दोगी, इतनी हिम्मत.... जो दूसरों का शरीर नोचकर उनसे नशा का समान बनाते हो, उनमें इतना गुरुर”...
रूही चिल्लाती हुई अपनी बात कही और आर्यमणि को ऐसा घुसा मारी की उसका नाक टूट गया.... “हम पैक है और किसी वुल्फ के इलाके में घुसना हो तो पैक लेकर घुसा करो। फिर वो दोस्त हो या दुश्मन।”..
नेरमिन:– मतलब मैं तुम्हारी दुश्मन हो गयी? तुम्हे तमीज सीखने की जरूरत है रूही।
रूही:– और अपने बहन की बेटी और उसके परिवार के साथ जो साजिश रची थी, वो तो बड़ा तमीज वाला था न नेरमिन।
रूही की बातें नेरमिन से बर्दास्त न हुई। आवेश में आकर रूही को खींचकर एक तमाचा मारती.... “मेरे 10 लोगों को बर्बरता से मारने के बाद मुझे ही सुना रही है। मैं तो खुद कही थी ना जो भी अल्फा पैक से भिड़ने जायेगा, वो अपनी हालत का खुद जिम्मेदार होगा। फिर यदि लूकस और उसके दोस्त तुमसे भिड़े तो तुम लोग बेशक जो चाहे करते, लेकिन उसके सर को यूं कुचल कर हटाना नही चाहिए था। मुझे भी देखना था कि किसकी गलती थी।”..
रूही:– किसकी गलती थी, उसका पता तक नहीं लगा पायी या सब पहले से ही पता था। वो वाहियात नशीली दवा तुम्हारे पैक के वुल्फ ने दी थी, जिसके असर के कारण मेरी बहन ओजल नब्ज काटे खून को भूमि पर बहा रही थी। मैं और आर्य पूरे स्कूल के बीच एक दूसरे को ऐसे चूमे जैसे कोई आवारा जिस्म की आग में पागल हो गये थे। मेरा भाई इवान और अलबेली इतनी बेसुध थी कि कोई भी इन्हे लतों से मार रहा था और दोनो नग्न अवस्था में पड़े हुये थे।
ओशुन:– तो क्या अब तुम्हारे नशे के भी जिम्मेदार हमारे पैक के बीटा ही थे, जिन्हे तुमलोगाें ने ऐसे मारा की उसके दिमाग से कुछ यादें भी नही लीया जा सके। मूर्ख तो नही समझी हमें, जो ये न समझ सके की कौन नशे का समान बना भी रहा था और इस्तमाल भी कर रहा था। और सजा तो उन्हे मिली, जिसने इस राज का पता लगाया होगा। मां मेरी बातों पर गौर करो...
रूही की भीषण तेज दहाड़ जो चारो ओर गूंज रही थी। इसी के साथ रूही, अलबेली और इवान तीनो एक साथ पंजे झटक कर अपने क्ला बाहर निकालते..... “तो फिर इतनी बातें ही क्यों? चलो एक दूसरे को मारकर सीधा फैसला ही कर लेते है।”
रूही की दहाड़ पर अल्फा पैक जोश में और आज तो रूही की दहाड़ फर्स्ट अल्फा नेरमिन को भी जैसे चुनौती दे रही हो। उसकी दहाड़ से सभी शून्न पड़ गये, सिवाय ओशुन के।.... “मैं इकलौती वेयरकायोटी हूं, जो इतना सक्षम हो चुकी हूं कि तुम जैसों की आवाज से कंट्रोल में न आऊं।”
आर्यमणि:– जब रूही तुम्हे चीड़ रही होगी तब अपने वेयरकायोटी होने का धौंस देना। बहरहाल मैं यहां नेरमिन और उसके पैक की राय जानना चाहता हूं कि पूरे मामले वो क्या सोच रहे है?
नेरमिन के पैक का एक अल्फा.... “आग दोनो ही पैक के सीने में बराबर लगी है। हमने 10 बीटा खोये तो अल्फा पैक के अंदर भी अपने सदस्य को कहीं खो न देते उसका अक्रोश देखा जा सकता है।
दूसरा अल्फा:– हां हम दोनो के ही सीने में एक जैसी आग लगी हुई है।
नेरमिन का पूरा पैक एक साथ.... “दो साथी पैक ही एक दूसरे के जान के दुश्मन बने है, पूरा मामला क्या है?”...
आर्यमणि:– रूही तुम सबको लेकर पीछे हटो और थोड़ी शांत हो जाओ। नेरमिन चलो पहले विश्वास जगाते हैं।
नेरमिन ने सहमति में अपना सर हिलाया और दोनो कदम आगे बढ़ाकर एक दूसरे के सामने आये। क्ला एक दूसरे के गर्दन में घुसे थे और दोनो एक दूसरे की यादों में देख रहे थे। आर्यमणि अपनी यादों में सीधा उस दिन को दिखा रहा था, जिस दिन यह पूरी घटना हुई थी। जबकि आर्यमणि, नेरमिन के दिमाग में बचपन के 8 भाई–बहनों को देख रहा था, जिसमें रूही की मां फेहरीन भी थी। क्या अद्भुत प्रेम था, वर्णन कर पाना मुश्किल। जितनी देर में नेरमिन आर्यमणि के एक दिन की यादाश्त ली, आर्यमणि नेरमिन की पूरी याद को खंगाल चुका था।
नेरमिन झटके के साथ आर्यमणि से अलग होती.... “राजकुमारी कैरोलिन को मार डाले।”... ये वही राजकुमारी थी, जिसे उस रात ओजल ने अपने कल्पवृक्ष दंश से चीड़ दिया था।
आर्यमणि:– जो मर गये उनपर बाद में चर्चा करेंगे, पहले उस रात की घटना पर बात कर ले।
नेरमिन:– हां वो रात... शायद हम दोनो सहयोगी पैक को आखरी चरण तक पहुंचाने की साजिश किसी तीसरे ने रची थी, जो कामयाब रहा। यही नहीं बल्कि उस साजिशकर्ता ने न जाने कितने वुल्फ पैक को बेवजह की दुश्मनी में फंसा दिया वो तो आने वाले वाला वक्त ही बताएगा। अब तो लाशों का खेल शुरू होगा। वेयरवोल्फ और वेमपायर एक बार फिर आमने–सामने होंगे।
आर्यमणि:– वेमपायर हां... तो वो ठंडे बेजान शरीर वाले वेमपायर थे। और वो साजिशकर्ता कौन था, क्योंकि लूकस की भागीदारी यही कहती है कि भेदी तुम नही तो तुम्हारे पैक से कोई होगा...
नेरमिन:– मेरे पैक में इतने होशियार वुल्फ नही जो किसी के खून और अंदुरूनी अंग से किसी प्रकार का नशा बनाने की जानकारी रखते हो। सिवाय एक के जो हम दोनो को अच्छे से जनता था। हम दोनो को तो अच्छे से जानता ही था साथ में पृथ्वी पर पाए जाने वाले अन्य सुपरनेचुरल के बारे में भी अच्छी जानकारी रखता है।
आर्यमणि, नेरमिन को बड़ी ही हैरानी से देखते हुये.... “तुम्हारे इशारे किसके ओर है नेरमिन”..
नेरमिन:– वही जिसका नाम तुम्हारे दिमाग में गूंज रहा है, लेकिन मुंह से लेना नही चाहते... बॉब...
आर्यमणि:– बॉब.. क्या कहा तुमने बॉब... खैर पहली बात तो ये बॉब ने किया नही होगा और यदि बॉब ने किया भी होगा तो ये समझ लो की उसे किसी ने अपने वश में किया था....
नेरमिन:– इतना भरोसा...
आर्यमणि:– आज–कल बहुत कम लोगों पर यकीन होता है। पर जिनपर यकीन होता है फिर वो सामने से भी कुछ गलत करते हुये नजर आये, तो दिमाग में यही चलता रहेगा की पीछे से कोई और करवा रहा है।
नेरमिन:– अब ये तो बॉब के मिलने के बाद ही पता चलेगा।
आर्यमणि:– बॉब यदि जिंदा होगा तो आज ना कल मिल ही जायेगा।
नेरमिन:– क्यों जिसपर इतना यकीन है, उसे ढूंढने भी नही जाओगे...
आर्यमणि:– मामूली चाबुक के दम पर एक शेर से इंसान तमाशा करवा सकता है। मैं ताकतवर के पीछे जा सकता हूं, लेकिन एक दिमाग वाले के पीछे कभी नही। जो भी साजिशकर्ता है, उसे पता होगा की मुझे बॉब चाहिए और बॉब मुझे उसी स्वरूप में चाहिए जैसा मैं उसे जानता हूं। इसलिए बॉब की फिकर नही है, मैं जबतक फसूंगा नही या मर नही जाता तबतक बॉब को कुछ नही होगा। बाकी जिसे दुश्मनी निकालनी है, वो मेरे पीछे आये।
नेरमिन:– दिमाग की कमी तो तुम्हारे पास भी नहीं। इसलिए शायद उस राजकुमारी कैरोलिन को चिड़ने के बाद गायब हो गये थे।
आर्यमणि:– गायब हुआ नही था, बल्कि कुछ निजी काम से गया था।
नेरमिन:– चलो मान लिया, तो क्या जब साजिशकर्ता के ऊपर बात हो गयी है, तो हम वेमपायर के बारे में बात कर ले।
आर्यमणि:– हां बिलकुल...
नेरमिन:– “वेयरवोल्फ और वेमपायर उत्पत्ति के समय से ही एक दूसरे के दुश्मन रहे है। हालांकि वेमपायर शुरू से ही वेयरवोल्फ का इस्तमाल करते आया था, लेकिन बाद में जबसे वेयरवोल्फ हावी हुये वेमपायर को छिपना पड़ गया। हमे अर्जेंटीना से बर्कले भी इसलिए बुलाया गया था, ताकि वेमपायर पर शिकंजा कसा जा सके। लगभग 40 वर्ष पूर्व एक संधि हुई, जिसमे वेमपायर काउंसिल अपनी दुनिया समेटकर फिर कभी किसी के रास्ते में न आने का करार किये। बदले में उन्हें भी कोई परेशान न करे।”
“राजकुमारी कैरोलिन दरअसल इंसानी दुनिया में न्यूयॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट की डिटेक्टिव थी, वो भी सबसे कम उम्र की। उसका पिता, भुआन, एक यूएस सीनेटर है। यूं समझ लो कैरोलिन का बड़ा सा परिवार, वेमपायर और बाकी दुनिया के बीच की दीवार है और उस दीवार में तुमने सुराख कर दिया है। सायद उन्हे अब तक कातिल मिले नही या तुम्हारे गायब होने के कारण वह तुम्हे ढूंढ न पाए, वजह जो भी हो। लेकिन वो लोग कुछ महीनो से शांत है, इसका मतलब जरूर किसी जलजले की तैयारी कर रहे है।”
आर्यमणि:– तुम लोग अपनी जान बचाओ। बाकी देखते है, ये दुश्मनी का जलजला क्या रंग लाता है? वैसे वेमपायर के बारे में मैने सुना था कि वह दिन की रौशनी में नही निकल सकते। फिर ये किस प्रकार के वेमपायर है जो दिन में निकल सकते हैं?
नेरमीन:– तुमने वेमपायर के बारे में जब सुना होगा, तब साथ में एक अल्केमिस्ट का जिक्र भी हुआ होगा। उसी अल्केमिस्ट का कमाल है जो आज के वक्त के बहुत से वेमपायर खुद को मोडिफाई कर चुके है।
“अब ये क्या है? लगता है तुम्हारा कहा जलजला आज ही तो नही आ गया।?”... आर्यमणि ऊपर आसमान में हुई हलचल को देखते हुये कहने लगा।
बात किसी नतीजे पर पहुंचती उस से पहले ही 4–5 हेलीकॉप्टर सर के ऊपर मंडराने लगे। धूल के आंधी के बीच सभी हेलीकॉप्टर लैंड हो रहा था। कड़क काली वर्दी, वर्दी पर तरह–तरह के हथियार टंगे हुये। हाथों में कमाल के एसल्ट–राइफल, जिसकी लाल रौशनी केवल अल्फा पैक के ऊपर ही थी। सबकी वर्दी के पीछे एफबीआई लिखा हुआ था। बस 2 लोगों को छोड़कर जो काले टैक्सिडो में थे।
“सबकी नली तुम्हारे पैक के ऊपर ही है आर्य। शायद ये वो जलजला नही जो तुम सोच रहे। क्या कांड कर आये जो एफबीआई आयी है?”... नेरमिन फुसफुसाई...
आर्यमणि:– तुम्हे कैसे पता ये वो जलजला नही है..
नेरमिन:– यहां दिमाग नही चला रहे। इतने लोगों में बस चार लोगों को छांटे है। यदि वेमपायर द्वारा प्रायोजित ये घटना होती तो बंदूक की नली हम सब पर होती। क्योंकि जब लूकस नशे के खेल में सामिल था तो पहले उसके बारे में ही जानकारी खंगालते न।
आर्यमणि:– हम्म... बात तो तुम्हारी सही है। वैसे मैं बता दूं कि ये कैरोलिन और उसके साथ जितने भी लोग थे, वो थे बहुत खतरनाक मोडिफाइड। हो सके तो अपनी जान बचाओ और अपने पैतृक पैक के पास एमेजोन की जंगल लौट जाओ। उन्हे मेरी तलाश ही करने दो। अपने और अपने पैक को बचाओ।
नेरमिन:– और लूकस की संदिग्ध मौत से जैसे उन्हे कुछ पता ही नही चलेगा। किसी ने हम दोनो को बुरी तरह फसाया है।
आर्यमणि:– लूकस का पाता लगाने के बाद यदि तुम तक पहुंचे तो उनसे कह देना तुम्हे कुछ खबर नही की वह किन लोगों के साथ क्या कर रहा था। आशंका की सुई हमारे पैक पर डालना। और उन्हे डायवर्ट करते हुये भी कह देना की जिसने भी लूकस और साथ में तुम्हारे 9 लोगों को मारा था, वही असली दोषी है। उसकी तलाश तुम भी कर रही। जो की सत्य है और उन्हें यकीन करना होगा।
नेरमिन:– हां सुझाव अच्छा है लेकिन तुम्हे क्या लगता है, क्या मैं ऐसा करूंगी?
आर्यमणि:– चिंता मत करो, रूही तक उनके हाथ नही पहुंचेंगे... मैं जानता हूं कि तुम फेहरीन के एक भी बच्चो को कुछ नही होने दे सकती। पर ये भी मत भूलो की वो किसके पैक का हिस्सा है। वैसे भी दिसंबर में हमारी शादी है, उसकी तैयारी करनी है या नही?...
नेरमिन:– और इन दूसरी ससुराल वालों का क्या, जो तुम सबको अभी लेने आये है? दिसंबर तक फ्री हो पाओगे या हम बिना दूल्हा और दुल्हन के ही शादी की तैयारी करे?
आर्यमणि:– वादा रहा अपने समय से पहुंचेंगे... तुम बस तैयारी करके रखो...
नेरमिन:– हेल्लो मेरे होने वाले दामाद, मेरी बेटी को शादी से कम से कम 2 हफ्ते पहले भेज देना। क्या समझे... और हां ये अलग से फोन करके न कहना पड़े की उसके भाई को भी... दोनो की शादी होनी है न..
“एडम ये सब अपने घुटनों पर क्यों नही। सबको हथकड़ी पहनाओ और लेकर चलो।”.... हेलीकॉप्टर लैंड कर चुकी थी। बिलकुल फिल्मी अंदाज में वुल्फ पैक को तुरंत ही गन पॉइंट पर घेर लिया गया था। आर्यमणि और नेरमिन की बात पर विराम लगाते हुये एक टैक्सीडो वाला हाई–क्लास व्यक्ति पहुंचा और कमांडिंग एजेंट को हथकड़ी पहनाने का हुक्म दे डाला।
“हथकड़ी पहनाओ” सुनकर ही रूही पूरा भड़क गयी। ठीक उस टैक्सिडों वाले के सामने खड़ी होकर, गुस्से से लाल आंखें दिखाती.... “हथकड़ी पहना लिये फिर तो बात तुम्हारे हाथ से निकल जायेगी। जहां ले चलना है ले चलो, पर कोई बदतमीजी बर्दास्त नही करेंगे।”..
"पीछे खड़ी हो जाओ... सुना नही तुमने पीछे खड़ी हो जाओ।”.... रूही जब अपनी बात कह रही थी, ठीक उस वक्त एक एफबीआई एजेंट भी रूही के करीब पहुंचकर 2 बार माना किया। रूही जब नही मानी तब वह जैसे ही रूही को हाथ लगाने गया, इवान ने उसे ऐसा लात मारा की वह ऑफिसर कई फिट पीछे चला गया।
जैसे ही यह घटना हुई, हर गण का सेफ्टी लॉक खुल चुका था। उधर उनका सेफ्टी लॉक खुला इधर आर्यमणि गण निकालकर उस टैक्सिडो वाले के ऊपर तानते..... “मुझे नही पता की तुम लोग यहां क्यों आये हो। लेकिन जब मेरी होने वाली पत्नी ने कुछ बोल दिया और वो मैं कर सकता हूं, तो जरूर करूंगा। दम है तो हथकड़ी पहनाकर ले जाकर दिखा।”..
वहां का पूरा माहोल ही जैसे इंटेंस हो चला हो। चारो ओर से हवाएं भी जैसे गंभीर ध्वनि निकाल रही थी। जो जिस अवस्था में थे वहीं जैसे जम गये थे और हमला करने को लगभग तैयार।