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Fantasy Aryamani:- A Pure Alfa Between Two World's

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भाग:–83






जिस एक कत्ल (मैत्री) का दोषी मै किसी और को समझ रहा था, जिस सवाल ने मुझे भूमि दीदी को अपना दुश्मन बना रखा था। उसका जवाब मुझे मिल चुका था। शायद मेरा वुल्फ हाउस आना मैंने नहीं तय किया था, लेकिन वुल्फ हाउस से वापस जाना मै खुद तय कर सकता था। मैत्री के मौत का जवाब मिल तो गया था, लेकिन ब्लैक फॉरेस्ट की कहानी मै अधूरी छोड़कर जा रहा था।


अंदर ही अंदर ये अधूरी कहानी चोट कर रही थी। मै उस गांव से 10 कदम आगे नहीं जा पाया। सोच में ऐसा डूबा की दिन से शाम ढल चुकी थी और मै बस गहरी सोच में डूबा रहा।…. अचानक ही मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गयी। जिसकी उंगली पकड़ कर मै बड़ा हुआ और जिनके तौड़ तरीकों ने मुझे निडर बनाया था, उनकी साथ बिताये हर लम्हे जैसे ताजा हो गये थे। हां, वही मेरे दादा जी वर्धराज कुलकर्णी। फिर तो मैंने अपनी पूरी जिंदगी को एक झलक में देख लिया। बस यहां केवल खुद को अधूरा सा मेहसूस कर रह था। मै अपने कंधे पर टंगे बैग को मिस कर रहा था, और अब मुझे पता था कि मुझे कहां जाना है। मै पूरी गति से दौड़ता हुये मैक्स के घर पहुंचा जहां मैक्स की पत्नी थिया मुझे अकेली ही मिल गयी। थिया मुझे देखकर थोड़ी हैरान हुई और मैं सीधा मुद्दे पर आते… "मुझे तुम्हारी मदद चाहिए थिया।"..


थिया, आश्चर्य से मेरी ओर देखते… "कैसी मदद"..


मै:- मैक्स अपना वूल्फ के शिकार का सामान कहां रखता है?


थिया मेरी बात सुनकर अब और ज्यादा अपनी आंखे बड़ी नहीं कर सकती थी, लेकिन उसका आश्चर्य जरूर दोगुना हो चुका था… "मैक्स का सामान तुम्हे क्यों चाहिए?"


मैंने भी उससे झूठ बोल दिया… "तुमने वुल्फ हाउस का नाम सुना है?"..


थिया:- हां सुना है।


मै:- वहां सैलानियों का एक पुरा ग्रुप फंस गया है। यदि देर हुई तो वहां सबका शिकार हो जायेगा।


थिया के आश्चर्य से भाव अब घबराहट में तब्दील होते… "क्या कहा तुमने, वुल्फ हाउस में इंसान फसे हुये है?"…


मै:- तुम ये बार-बार अपनी आखें क्यों बड़ी कर लेती हो। जितने ज्यादा सवाल पूछोगी, उतना वक़्त बीतता जायेगा, और उतने ही ज्यादा वो मौत के करीब पहुंचते जायेंगे।


थिया:- लेकिन तुम अकेले वहां के 40-50 वुल्फ से कैसे लड़ सकते हो? और क्या तुम एक वुल्फ होकर अपने ही जैसे लोगो का शिकार करोगे?


मै:- तुम्हारे सवाल के जवाब मै शिकार के सामान लेते हुये भी दे सकता हूं। अब अगर मदद करनी है सो बताओ, वरना मै मैक्स से ही बात कर लेता हूं।


थिया:- नहीं उसे ये खबर मत दो। उसके पास अभी पूरी टीम नही है। मैक्स वहां गया तो जान का खतरा हो सकता है।..


थिया अपनी बात कहती हुई आगे–आगे चल रही थी और मै पीछे–पीछे। थिया की बात सुनकर अंदर से इतना ही निकला.. "साले स्वार्थी।".. मै उसके पीछे चलते हुये एक बसेमनेट में पहुंच गया। जब मै यहां पहुंचा तब समझ में आया कि क्यों थिया कह रही थी कि मैक्स की पूरी टीम नहीं है। ये सब के सब तो कच्चे शिकारी थे जो केवल गन के दम पर टिके हुये थे।


मै:- यहां केवल गन है। करंट वाली वो स्टं रॉड नहीं है। ट्रैप वायर, अवरुद्ध पाउडर सॉरी माउंटेन एश के नाम से जानते हो ना तुम लोग। और वोल्फबेन नहीं है क्या?


थिया, फिर से अपनी आखें बड़ी करती… "क्या बॉब तुम्हे ट्रेनिंग दे रहा है।"..


मै:- नहीं बॉब के फादर ने मुझे बचपन से ट्रेंड किया है, अब ये सब सामान है कि नहीं।


थिया:- नहीं ये सब सामान नहीं है हमारे पास। हां स्टं रॉड के साथ ये सब रखा है इनमें से कुछ चाहिए तो ले लो।


थिया दीवाल से लगे एक वॉर्डरोब को खोलती हुई दिखाने लगी। उसे देखकर मै खुश हो गया… "ये हुई ना बात, अब जाकर सही चीज दिखा रही हो।"..


इन विदेशियों के खंजर बहुत मस्त होते है, मेरा पसंदीदा हथियार। मैंने 2 बैग अलग से उठाया, उसमे 4-5 स्टं रॉड डाल लिया। 2 खंजर अपनी कमर से लटकाया, दो पीठ के किनारे से बेल्ट में टांगकर। 1000 से ऊपर ट्रैप वायर को बैग में डाला। मेडिकल के कुछ सामान और अंत में थिया को ऊपर से नीचे तक देखते… "तुम बहुत सेक्सी दिख रही हो और मै तुम्हे इस वक़्त थैंक्स कहना चाहता हूं।"


थिया ने मुस्कुराकर मेरे कहे शब्द पर अपनी प्रतिक्रिया जताई और कहने लगी… "थैंक्स की कोई जरूरत नहीं है, बस तुम अपना ख्याल रखना।"..


मै खुद से 14-15 साल उम्र में बड़ी एक औरत को शरारत भरी नजरो से देख रहा था। उसकी बात जैसे ही समाप्त हुई, मैंने उसके बैक पर अपना पंजा डालकर उसे मसल दिया। इससे पहले वो कोई प्रतिक्रिया दे पाती, तुरंत ही उसे खींचकर खुद से चिपका लिया और उसके होंठ से अपने होंठ लगाकर एक लम्बी और गहरी किस्स करते हुये अलग हुआ।


बगुले की तरह थिया पुरा ध्यान लगाकर बिल्कुल टुकुर टुकुर घुर रही थी। मै उसका चेहरा देखकर हंसते हुये कहने लगा… "थैंक्स एक्सेप्ट नहीं की तो मै एक बार और तुम्हे थैंक्स कहूं।"..


कुछ ज्यादा ही गुस्से में लग रही थी। मुझ पर सीधा गन ही तान दी। मै हंसते हुये भगा वहां से। इस एक छोटी सी शरारत के बाद थोड़ा खुला सा मेहसूस कर रहा था। वो अलग बात है कि थिया की हालत पर मुझे हंसी और उसके साथ किये जबरदस्ती का थोड़ा अफ़सोस हो रहा था, हां लेकिन दिमाग का सुरूर बन गया था।


पुराने दिनों की याद ताजा हो गई जब मै मैत्री से मिलने जंगल में लोपचे कॉटेज जाता था। दोनो जगह के माहौल में मुझे सब कुछ एक जैसा ही दिख रहा था, बस मैत्री की जगह आज ओशुन थी और जीतन लोपचे का पागल बड़ा भाई निकोच लोपचे की जगह ईडन थी, और उस वक्त की मेरे अंदर की ऊर्जा में और अब कि ऊर्जा में कोई तुलना ही नहीं थी।


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आलीशान वुल्फ हाउस के दरवाजे पर मैं खड़ा था। बाहर की बनावट किसी 5 सितारा होटल के प्रवेश द्वार जैसा था। प्रवेश द्वार के ऊपर 10 फिट का छज्जा निकला हुआ था। प्रवेश द्वार के आगे 2 पिलर पर यह छज्जा टीका हुआ था और मैं इन्ही पिलर पर ट्रैप वायर लगाना शुरू किया। आगे से पीछे यानी की छज्जे के आगे के पिलर से लेकर पीछे प्रवेश द्वार तक हर एक इंच के फासले पर एक ट्रैप वायर लगा था जिसके संख्या 50 थी। कोई अगर प्रवेश द्वार खोलकर भागता तो उनका सामना 50 ट्रैप वायर से हो जाता।


इंच भर के फासले पर आगे से पीछे तक 50 ट्रैप वायर लगे थे और ऊपर से नीचे हर आधे फिट की ऊंचाई पर 20 ट्रैप वायर मैंने लगा दिया था। ट्रैप वायर का पूरा जाल मैने प्रवेश द्वार के बाहर इतना तगड़ा बिछाया था कि भागकर जाने वाले वुल्फ ट्रैप वायर में फंसकर इस लोक से सीधा दूसरे लोग पहुंच जाते। बड़ी ही तेजी से मैंने उसके दरवाजे पर ट्रैप वायर से फैंस कर दिया और बिजली की एक नंगी वायर खींचकर उस ट्रैप वायर में करंट दौड़ दिया। एक तो तेजी से दौड़कर मुख्य दरवाजे से निकलते हुये वेयरवोल्फ को अंतिम क्षणों में यह ट्रैप वायर दिखती नही। ऊपर से यदि वेयरवॉल्फ को अचानक करेंट का झटका लग जाये फिर तो वुल्फ से इंसानों में कब तब्दील हुये उन्हे भी पता न चलता।


मै इतना सब कर रहा हूं और किसी को पता ना चले। उन लोगो ने मेरी गंध पहचान ली थी, लेकिन शायद मुझे परेशान देखने का उन्होंने कुछ अलग ही प्लान बनाया था इसलिए वो अंदर अपने काम में लगे हुए थे और बाहर मै अपने काम में लगा रहा। काम खत्म होने के बाद मैंने अपने बैग को वापस कंधे में टांग लिया और दरवाजा खोलकर अंदर। एक बार फिर वही पहले दिन वाली लड़की रोज बिल्कुल मुझ से चिपक कर अपने बदन को पूरा मेरे ऊपर लाकर… "क्या बात है, कुछ ही दिनों में हैंडसम हंक हो गये। आज तुम्हारे कपड़े उतारने के बाद पहले मै ही आऊंगी, फिर कोई दूसरे।"..


मै उसकी बातों और उसकी हरकतों को नजरंदाज करते आगे बढ़ा। ठीक मेरे सर के ऊपर यही कोई 4 फिट आगे, ओशुन के हाथ और पाऊं मोटी जंजीर से बंधी थी। ओशुन के लेफ्ट हाथ और पाऊं से लगा जंजीर सिरा लेफ्ट साइड में ऊपर खड़े 2 वुल्फ के हाथ में था, और इसी प्रकार राइट साइड की जंजीर भी 2 वुल्फ ने पकड़ रखी थी। मेरे पीछे पूरी वुल्फ सेना केवल आगे जाने का रास्ता छोड़े हुये थे, बाकी सभी ओर से मुझे घेर रखा था।


सामने के बड़े से डायनिंग टेबल पर सभी अल्फा बैठे हुये थे और मुखिया की कुर्सी पर उनकी फर्स्ट अल्फा या शायद बीस्ट अल्फा ईडन बैठी हुई थी। मैं अपना चस्मा निकालकर ऊपर ओशुन के ओर देखा जो फिलहाल तो ठीक थी, लेकिन जैसे ही वहां से मैंने अपना एक कदम आगे बढ़ाया जंजीर के खड़कने की आवाज आने लगी। जंजीर से लगा बेयरिंग घूमकर एक राउंड टाईट किया गया, और उसी के साथ ओशुन के के हाथ पाऊं भी अलग–अलग दिशा में फ़ैल गये।


"पहले एक्शन देखकर बात करोगे या बात करने के बाद एक्शन दिखाऊं, मर्जी तुम लोगो की है। जंजीर एक राउंड और घूमने का मतलब मै समझ जाऊंगा। ओह हां एक बात और मै बता दू, मेरे मार से तुम लोग हील नहीं होगे। नहीं विश्वास हो तो शूहोत्र लोपचे से पूछ लो जो आज-कल तुम लोगों के बीच लंगड़ा लोपचे के नाम से मशहूर है।"…


उनकी जगह, उनका घर, और मै अपनी छाती चौड़ी किये, उन्हें चुनौती दे रहा था। ईडन से ज्यादा तो उसके चेलों में आक्रोश भरा था। लाजमी भी है, फर्स्ट अल्फा खुश तो अल्फा बनने में कामयाबी मिलेगी। मै चारो ओर से घिर चुका, एक साथ चारो ओर से वुल्फ साउंड आने शुरू हो गये। कितने वुल्फ मुझे घेरे खड़े थे पता नहीं। लेकिन उन सब के कद के नीचे मै कहीं नजर नहीं आ रहा था। तभी वहां "खट खट खट" का साउंड हुआ और गुस्साये वुल्फ ने मेरा रास्ता छोड़ा…


"तुम्हारी हिम्मत की मै फैन हो गई। जिस जगह तुम्हारे खानदान प्रहरी के सारे शिकारी सर झुकाकर जाते है, वहां तुम इतने दिलेरी से बात कर रहे। ये तो कमाल हो गया।".. ईडेन के अहंकार भरे शब्द...


मै:- ज्यादा बात करने और कहानी सुनने से मै बोर हो जाता हूं। ओशुन को छोड़ दो और उसे अपने ब्लड ओथ पैक तोड़कर जाने दो।


ईडन की अट्टहास भरी हंसी..… "ठीक है यही सही, पहले वो ओशुन फिर बाद में ये लड़का। लड़के को जान से मत मारना थोड़ी जान बाकी रहे, इस बात का ख्याल रहे।


ईडेन ने जैसे ही मारने का हुक्म दिया, जंजीर को एक राउंड और टाईट किया गया। मैंने ऊपर देखा और खुद से कहा.. "अब यही सही।".. सामने भिड़ लग चुकी थी और मैंने कमर से खंजर निकाल लिया। तभी गुस्साये वुल्फ एक साथ हावी हो गये। मै वुल्फ की भीड़ से निकलना तो चाहता था, लेकिन मेरी शारीरिक क्षमता उनसे ज्यादा नहीं थी।


फिर से वूल्फ हाउस के दरिंदो के नाखून और दांत मेरे बदन को फ़ाड़ रहे थे। इस बार फाड़ने के साथ-साथ अपने घुसे दातों से मांस का हिस्सा भी फाड़ लेना चाहते थे। ऐसा लग रहा था मै एक लाश हूं जिसे चारो ओर से गिद्धों ने ढक रखा था और मांस नोचकर खा लेना चाह रहे थे।


वहीं दूसरी ओर जंजीर के लगातार टाइट किये जाने की वजह से ओशुन की चींख मेरे हृदय में भय पैदा कर रही था। मैं घुंटनो के बल फर्श पर हाथ टिकाये हुये था। ओशुन की आवाज फिर से मेरे कानो तक पहुंचीं। एक लम्बी और गहरी चींख। मैंने अपने बदन को ढीला छोड़ दिया। अपनी ताकत को मेहसूस करने लगा। वुल्फ की वो तेज दहाड़ जो आज तक इस घर में नहीं गूंजी, मेरे गले से वो आवाज़ निकल रही थी।


मैंने अपने बदन पर लदे उन मजबूत मांशाहारियों को चिल्लाते हुये ऊपर की ओर धकेला और सब के सब बिखर गये। मेरे तेज और लंबी गूंज के कारण वहां मौजूद बीटा अपना सर नहीं उठा पा रहे थे। सभी अल्फा अपनी जगह खड़े मेरी ओर तो देख रहे थे परंतु मुझसे नजरे नही मिला पा रहे थे। हर कोई ये गणना करने की कोशिश कर रहा था कि मै कौन सा वेयरवुल्फ हूं। चमकीला श्वेत शरीर, गहरी लाल आंखें और दहाड़ ऐसी के केवल फर्स्ट अल्फा ईडन ही मुझसे नजरे मिला पा रही थी।

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ओशुन का प्यार भी एक दम निश्चल है आर्य के लिए, कुछ मैत्री से सुन कर, कुछ आर्य के ऊपर हुए अत्याचारों को देख कर, कुछ ईडन और उसके पैक की घटिया सोच और हरकतों की वजह से और कुछ आर्य को दिल से चाहने की वजह से। आर्य अभी भी गुस्से पर काबू नहीं पा रहा था और इसी चक्कर में ओशुन को जख्मी भी कर बैठा था मगर वो पागल इतनी दीवानी हो चुकी है आर्य के प्यार में कि उसको आत्मग्लानि में नही जाने दिया।

आखिर ओशुन ने धीरे धीरे आर्य को टू अल्फा शेप शिफ्ट करवा ही दिया वो भी एक दम शांत चित्त के साथ, ना कोई गुस्सा, ना कोई उत्तेजना, ना कोई रोमांच ठीक वैसे ही जैसे एक वस्त्र से दूसरे वस्त्र को पहनना। मगर ईडन के चमचे को पता चल गया और आर्य को बचाने और उसको यहां से जाने की वजह देने की सोच से ओशुन ने उसको मैत्री और लोपचे के गंदे खून की हरकतों के बारे में बता दिया और किस तरह उसको चारा बना कर लाया गया यहां। मगर ओशुन ये भूल गई कि अब उसने आर्य को जाने की नही रोकने की वजह दे दी है और अब ईडन और उसका पैक वो नजारा देखेंगे जो उन्होंने सपने में भी नही सोचा होगा। बहुत ही झकास ए धांसू अपडेट।
Hahahaha ... Haan nagade to bajawa diya arya ne bhi... Yudhh ka bigul bhi phoonk aayega... Lekin aage kya hoga wo aage dekh lijiyega...
 
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