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Fantasy Aryamani:- A Pure Alfa Between Two World's

nain11ster

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भाग:–51






शुक्रवार का दिन था, पलक और आर्यमणि एक पंडित से मिले मिलकर सही मूहरत का पता किये। मूहरत पता करने के बाद आर्यमणि आज से ही काम शुरू करता। शायद एक छोटी सी बात आर्यमणि के दिमाग से रह गई। पूर्णिमा के दिन ही राजदीप और नम्रता की शादी नाशिक में थी। इस दिन पुरा नागपुर प्रहरी शादी मे होता और पूर्णिमा यानी वेयरवुल्फ के चरम कुरुरता की रात। कुछ लोगो की काफी लंबी प्लांनिंग थी उस रात को लेकर। जिसकी भनक किसी को नहीं थी। शायद स्वामी, प्रहरी समुदाय के दिल यानी नागपुर में उस रात कुछ तो इतना बड़ा करने वाला था कि नागपुर इकाई और यहां के बड़े-बड़े नाम का दबदबा मिट्टी मे मिल जाता।


एक पुख्ता योजना जहां सुकेश भारद्वाज के घर से अनंत कीर्ति की पुस्तक को चुरा लेना था। जिसके लिए धीरेन स्वामी पूरे सुरक्षा व्यवस्था में सेंध मारने के पुख्ता इंतजाम कर चुका था। इस बात से बेखबर की संतराम और पुराने सुरक्षाकर्मी एक साथ क्यों और कहां छुट्टी पर चले गये। जब कुछ दिनों के लिये नए सुरक्षाकर्मी की बहाल हुई, तब वहां स्वामी के लोग ही बहाल हुये। स्वामी अनंत कीर्ति पुस्तक की चोरी के जरिये सीधा भारद्वाज परिवार पर निशाना साधने वाले था। चूंकि अनंत कीर्ति की पुस्तक जो की प्रहरी मुख्यालय में होनी चाहिए थी, उसे उज्जवल भारद्वाज और देवगिरी पाठक के कहने पर ही सुकेश भारद्वाज के पास रखा गया था। यदि एक बार सुकेश भारद्वाज के घर से वह पुस्तक चोरी हो गयि, फिर प्रहरी से भारद्वाज और उसके सहयोगी को न सिर्फ बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता था, बल्कि उन्हें महाराष्ट्र की सीमा से भी बाहर फेंक देते। बेचारा स्वामी, जिस पुस्तक के इर्द–गिर्द अपनी पूरी चाल चल रहा था, उसे तो यह भी नही पता था कि वर्तमान समय में वह पुस्तक कहां है और किसकी देख रेख में है।


दूसरी प्लांनिंग सीक्रेट बॉडी की थी, जब उन्हे पता चलता की पुस्तक खुल चुकी है। उसी के बाद आर्यमणि और उसके पैक को खत्म किया जाना था। बहरहाल जिनकी जो भी प्लांनिंग थी, वो कहीं ना कहीं आर्यमणि के प्लांनिंग वाली रात की ही थी। क्योंकि आर्यमणि ने भी उसी रात को चुना था जब नागपुर प्रहरी अपने शहर मे ना हो।


फिलहाल इन सब बातों से एक किनारे रखकर अभी तो अनंत कीर्ति की किताब पर काम चल रहा था। पंडित जी से मुहरत के बारे में पूछकर, पलक और आर्यमणि दोनो भूमि के घर पहुंचे। दिन का वक़्त था घर में नौकरों के सिवा कोई नहीं। पलक के दिल के सुकून के लिये आर्यमणि ने किताब निकाली और पलक को बाहर खड़े होकर देखने के लिये कह दिया। उसने किताब पर जैसा ही सौम्य स्पर्श किया, वह किताब चमकने लगी। किताब में जैसे ही चमक दिखी, आर्यमणि ने एक दिखावटी अनुष्ठान शुरू किया, जो पलक के दिल को सुकून दे रहा था।


अनुष्ठान खत्म करके आर्यमणि अपने कमरे में आया। पलक भी उसके पीछे कमरे में आयी और दरवाजा बंद करते… "कल रात दर्द ना के बराबर हुआ और मज़ा ऐसा की दिमाग से उतर नहीं रहा है। आर्य, एक बार और करते है ना।"..


आर्यमणि आंख मारकर पलक को अपने करीब खींचा.. पलक उसे एक छोटी सी किस्स देती हुई कहने लगी… "तुमने मुझे बिगाड़ दिया आर्य।"..


आर्य:- मुझे भी तुम्हारे साथ बिगड़ने में बहुत मज़ा आता है। वरना मुझे बिगाड़ने के लिए बहुत सी लड़कियां आयी और मेरी बेरुखी झेलकर चली गई।


"मै हूं ना मेरे साथ जितना बिगड़ना है बिगड़ लिया करो।" कहती हुई पलक ने होंठ से होंठ लगा दिये। इस बार पलक अपने दहकते अरमान के साथ आर्यमणि के पैंट का बटन खोलकर अपने हाथ उसके अंडरवियर के अंदर डाल दी। सेमी इरेक्ट लिंग को वो अपनी मुट्ठी में पकड़ कर भींच रही थी और तेज चलती श्वांस के साथ आर्य का हाथ अपने स्तन और योनि में एक साथ मेहसूस कर रही थी।


अदभुद क्षण थें। लिंग की गर्मी को हाथ पर मेहसूस करना और मुट्ठी में भर कर खेलने का एहसास ही कुछ अलग था। आज आर्य और भी बिजली गिराते, कपड़े निकालकर उसे सीधा लिटाया और होंठ से उसके बदन को चूमते हुये, जैसे ही होंठ उसके योनि पर डाला, पलक बेचैनी से पागल हो गयि। पूरा मज़ा आज तो दिन के उजाले में था। ऐसा लग रहा था कि वो आर्य को छोड़े ही नहीं। दोनो जब कपड़े पहन कर वापस से तैयार हुये, पलक आर्यमणि के होंठ चूमती… "आज दिन बाना दिया।"..


आर्यमणि:- अभी रात बाकी है।


पलक:- नहीं रात में मत आना। दीदी मेरे साथ होगी। शादी की रस्में शुरू हो गयि है, हम दिन में मज़े करेंगे ना।


आर्यमणि:- मेरा तो अभी एक बार और मन हो रहा है।


पलक, एक हाथ मारते… "सब मेरी ही ढील का नतीजा है। अच्छा सुनो, कल से लेकर शादी तक कॉलेज ऑफ रखना। अब दोस्तो के साथ टिले पर जाकर बहुत बियर पी ली। सब बंद। शादी तक मेरी हेल्प करोगे। और ये तुम्हारी रानी का हुक्म है।


आर्यमणि:- अब रानी का हुक्म कैसे टाल सकतें है। चलिए…


शनिवार की सुबह… आर्यमणि ठीक से उठा भी नहीं था कि सुबह-सुबह पलक का कॉल आ गया।…. "माझा हीरो कसा आहे।"..


आर्यमणि:- जम्हाई और अंगड़ाई ले रहा हूं।


पलक:- वाशरूम जाओ और सीधा नहाकर ही निकालना, मै थोड़ी देर में तुम्हे पिकअप करने आ रही हूं। तैयार हो जाओ मेरी मॉर्निंग बनाने के लिए।


आर्यमणि:- जैसी आपकी इक्छा।


आर्यमणि फटा फटी तैयार होकर घर के दरवाजे पर इंतजार करने लगा। कार रुकी दोनो अंदर और पलक कार ड्राइव करने लगी।.... "सुबह-सुबह पोर्न देखकर आ रही हो क्या?"..


पलक:- तुम्हारे जिस्म को याद करते ही पूरे होश खो देती हूं, मुझे क्यूं पोर्न की जरूरत पड़ने लगी...


कार और भी रफ्तार से बढ़ी और कुछ दूर आगे जाने के बाद एक वीराने से जंगल में रुकी। कार का दरवाजा सेंट्रल लॉक। उजले सीसे पर काला सीसा चढ़ गया। सीट पीछे की ओर थोड़ा खिसकर नीचे झुका। इधर पलक अपने पाऊं से पैंटी निकालने लगी और आर्य अपने जीन्स को घुटने में नीचे करके नंगा हो गया।


आर्य ने कंधे से स्ट्रिप को खिसकाकर ड्रेस को पेट पर जाने दिया। ब्रा के कप को ऊपर करके दोनो स्तन जैसे ही हाथ में लिया… "साइज कुछ बढ़ गए है क्या".. "उफ्फ बातें तो रास्ते भर पूछ लेना, मज़ा मत खराब करो आर्य।".. पलक सीट के पीछे टिककर अपने दोनो पाऊं पूरा फैलाकर, आर्यमणि को अपने ऊपर लेकर उसके होंठ को चूसने लगी...


कुछ देर होटों का रसपान करने के बाद आर्यमणि स्तनों को अपने मुंह से लगाते उसके निप्पल को चूसने लगा और पलक अपने हाथ नीचे ले जाकर उसके लिंग पर हाथ फेरने लगी। पलक, आर्यमणि का शर्ट खींचकर उसका चेहरा अपने चेहरे के ठीक ऊपर लाकर, अपने उंगलियों पर जीभ फेर दी। अपनी गीली उंगली योनि से रगड़ती, लिंग को पकड़कर अपने योनि के ऊपर घिसने लगी।


आर्यमणि, पलक की आखों में देखते हुए, लंबा धक्का मारकर अपना पूरा लिंग एक बार में, योनि में घुसा दिया... "आह्हहहहह, ऊम्ममममम, उफ्फफफफफफफ अद्भुत सुबहहहहहहहहहहहह"… पलक अपने होटों को दातों तले दबाकर, अपने बड़े नाखून वाले हाथ आर्य के चूतड़ पर रखी और पूरी नाखून उसके चूतड़ में घुसाकर आर्यमणि के कमर का सपोर्ट लेती नीचे से अपनी कमर को ऊपर उछालती, लंबे और कड़ारे धक्कों का मज़ा लेने लगी। आर्यमणि की कमर नीचे धक्का लगा रही होती। पलक कमर ऊपर उछाल रही होती और दोनो खुलकर... "उफ्फफफफफफ.. आह्हहहहहहहह"


कुछ ही देर में दोनो चरम पर थे और आर्यमणि योनि में अपना सारा द्रव्य गिराकर, पास वाली सीट बैठकर हाफने लगा। पलक टिश्यू पेपर से साफ करती हुई कहने लगी… "आर्य, कंडोम इस्तमाल किया करो ना। ये क्या चिपचिप अंत में छोड़ जाते हो। स्वीपर बाना दिया है।"..


आर्य अपने कपड़े ठीक करते… "सॉरी"..


पलक:- अब मुझसे भी ऐसे ही रिएक्शन दोगे। अच्छा जो मर्जी वो करना लेकिन मुझसे प्लीज ये 1-2 शब्दो वाले रिएक्शन नहीं दिया करो।


आर्य:- हम्मम ! समझ गया..


पलक:- ऑफ ओ ये हम और तुम वाली जो मुंह बंद करके साउंड देते हो, वो भी बंद करो मेरे साथ।


आर्यमणि, पलटा और उसके होंठ से होंठ लगाकर चूमते हुए उसकी पैंटी कमर तक लाने में मदद करने लगा। आर्यमणि चूमकर अलग बैठते… "अब हैप्पी ना"


पलक:- हां ऐसे कोई शिकायत नहीं रहेगी।


दोनो की गाड़ी फिर से चल परी, प्यार भरी बातों के साथ दोनो आगे बढ़ते रहें। 8 बजे तक गांव पहुंचकर वहां सभी लोगो को शादी में आने का आमंत्रण दी और फिर दोनो वहां से वापस निकल लिये।


दिन के करीब 2 बजे आर्यमणि शादी के काम से फुरसत होकर घर पहुंचा। सभी लोग खाकर अपने-अपने कमरे में आराम कर रहे थे। केवल हाल में माते जया थी, जो जबरदस्ती भूमि को अपने हाथ से खाना खिला रही थी।


वहीं पास में आर्यमणि भी बैठ गया।.… "मां मुझे भी खिलाओ।"… "तू मेरे पास बैठ मै तुझे खिलाती हूं।".. भूमि अपने पास बुलाती कहने लगी। नजारा ही कुछ ऐसा था कि सभी घर के लोग और नौकर देखने में लग गये। जया, भूमि को अपने हाथ से खिला रही थी और भूमि आर्यमणि को।


"क्यों रे आज कल बड़ा ससुरारी बन रहा है। हमे भी तरह-तरह के फंक्शन्स अटेंड करने है, मां को शॉपिंग करवाये ये ख्याल नहीं।"…. जया, आंख दिखाती हुई पूछने लगी। पीछे से भूमि की भाभी वैदेही भी साथ देती... "खाली मां को ही क्यों, मासी है, भाभी है। फिर वो दोनो मयंक और शैली उसपर तो इसका ध्यान ही नहीं रहता।"


आर्यमणि क्या कहता, शाम के वक्त शॉपिंग के लिये हामी भर दिया। शाम के वक़्त पूरी भारद्वाज फैमिली, अपने दूसरे भारद्वाज फैमिली के यहां फंक्शन अटेंड करने जा चुके थे। भूमि और जया, आर्यमणि को लेकर शॉपिंग के लिये निकली।…


भूमि:- आर्य पीछे एक बैग में छोटा सा हार्ड डिस्क और लैपी है। संभाल कर अपने पास रख लेना।"


आर्यमणि:- उसमे क्या है दीदी?


भूमि:- प्रहरी में रहकर मेरा करप्शन का तेरा हिस्सा...


आर्यमणि:- हाहाहाहा.. कितना है।


भूमि:- मेरा करप्शन या तेरा हिस्सा।


आर्यमणि:- दोनो।


भूमि:- सॉरी भाई मेरा धन कितना है वो बताना वसूल के खिलाफ है। तुझे मैंने 2 मिलियन यूएसडी दी हूं, जिसकी अकाउंट डिटेल हार्ड डिस्क मे है। ट्विंस के पास पहले से अलग-अलग अकाउंट है, जिसपर 1 मिलियन यूएसडी है। रूही के पास 1 करोड़ कैश पड़ा हुआ है। इसके अलावा तेरे डिमांड के सारे आइटम तेरे पैक के पास पहुंच गया है। बस तू अपना ख्याल रखना और यहां से जाने के बाद कॉन्टैक्ट में बिल्कुल भी मत रहना।


जया:- बिल्कुल बिंदास होकर जीना, जैसे हमने जीना शुरू किया है। क्योंकि उन्होंने हमे प्रहरी के नाम पर कितनी अच्छी और प्यारी बातें सीखा दी थी। जीना प्रहरी के लिये, मारना प्रहरी के लिये, किन्तु जब इनके करतूत देखे तो पता चला हम इनके लिये मरते रहे और ये उसके पीछे अपना काला मकसद साधते रहे। अगर सरदार खान नहीं भी मरता है तो भी वैल एंड गुड। लेकिन यदि तू उसे मारकर निकला तो समझ हम यहां अंदर ही अंदर नाच रहे होंगे।


तीनों बात कर ही रहे थे कि तभी आर्यमणि के मोबाइल पर संदेश आया और ठीक उसके बाद कॉल… आर्यमणि सबको चुप कराते फोन स्पीकर पर डाला… "हेल्लो, जी कौन"..


देवगिरी पाठक:- तुम्हारा फैन बोल रहा हूं, देवगिरी पाठक।


आर्यमणि:- नमस्ते भाऊ..


देवगिरी:- "खुश रहो…. सुनो मै इधर-उधर की कहानी में ज्यादा विश्वास नहीं रखता, इसलिए पहले सीधा काम की बात करता हूं। मै अपने धंधे का 40% हिस्सा तुम्हे दे रहा हूं, सिर्फ इस विश्वास पर की तुम उनके लिए एक मेहफूज और अच्छा ठिकाना बना पाओ, जो है तो इंसान (वेयरवोल्फ) लेकिन इंसानों के साथ नहीं रह सकते।"

"कंपनी की अकाउंट डिटेल और जरूरी जानकारी तुम्हे मेल करवा दिया है। कंपनी के किस-किस हिस्सेदार के पास कितना प्रोफिट जा रहा है, वो फिगर मिलता रहेगा। बाकी इसपर विस्तार से मै शादी में मिलकर बताऊंगा। रखता हूं अभी।"


फोन कट होते ही…. "चालाक भाऊ, इस बार फंस गया।".. भूमि अपनी प्रतिक्रिया दी।


जया:- मांझे..


भूमि:- मासी वेडा आहे, बब्बोला आज अडकला (पागल है वो मासी, बड़बोला आज फंस गया)


आर्यमणि:- थोड़ा क्लियर बताओ।


भूमि:- मेरे सारे पैसे बच गये रे, वरना मै सोच रही थी तू कब लौटेगा और मै आते ही तुझे बिजनेस में लगाकर कितनी जल्दी अपने पैसे वसूल लूं। लेकिन देख भाऊ को अपनी वाह–वाही की ज्यादा पड़ी है। आम मेंबर के बीच कहता सदस्य ना होने के बावजूद मैंने आर्यमणि को उसके अच्छे काम के लिए 40% हिस्सेदारी दिया। सिर्फ उसके प्रहरी जैसे काम की वजह से.. ..


आर्यमणि:- अब मेरे पास कितने पैसे आएंगे।


भूमि:- अंदाजन 270 मिलियन यूएसडी तेरा हिस्सा। जा बेटा अब तो पूरे एश है तेरे। तू पूरी डिटेल मुझे एक हार्ड डिस्क में दे जरा।


आर्यमणि:- मेल फॉरवर्ड ही करता हूं ना।


भूमि:- भूलकर भी नहीं। पैसे की चोरी जब करने जाओ तो कोई ऑनलाइन बात चित नहीं। अच्छा हां और एक बात। तेरे आर्म्स एंड अम्युनेशन वाली फैक्टरी मै निशांत, चित्रा और माधव के हवाले करूंगी। इस बार इस साले स्वामी को भी आड़े हाथ लेना है। भूमि इमोशनल फूल नहीं है, स्वामी ये तुम भी समझ लो..


आर्यमणि:- तो मुझे क्या करना होगा दीदी...


भूमि:- एक सहमति पत्र और एक अधिग्रहण पत्र, उसके अलावा कुछ ब्लैंक स्टाम्प पेपर पर सिग्नेचर, इतना ही.. एक ही वक्त मे चारो ओर से मारेंगे इन कुत्तों को। ऐसा हाल करूंगी की नागपुर में प्रहरी और शिकारी घुसने से पहले 1000 बार सोचेंगे...

आर्यमणि:– और ये स्वामी कौन है...


भूमि:– एक धूर्त, जिसके प्यार में अंधी होकर पिछले बार इसके धोखे को नही पहचान पायि। खुद को बहुत शातिर समझता है। आर्म्स एंड एम्यूनेशन कम्पनी वाला झोल इस बार स्वामी को भीख मांगने पर मजबूर करवायेगा ..


आर्यमणि:– फिर तो इस काम को सबसे पहले करना है...


शादी में सिर्फ एक हफ्ता रह गये थे और इधर जोर शोर से काम चल रहा था। पलक शादी के साथ-साथ अपने जीवन के नए रोमांच में भी काफी व्यस्त थी और सब चीजों का लुफ्त बड़े मज़े से उठा रही थी। घर परिवार और पलक से फ्री होने के बाद आर्यमणि शाम के करीब 5 बजे अपने पैक के पास पहुंचा।…चारो आराम से बैठकर टीवी पर मूवी देख रहे थे।


आर्यमणि:- क्या चल रहा है यहां…

रूही:- बोर हो गए तो सोचे टीवी देख ले।

आर्यमणि:- ट्विंस यहां मेरे पास आ जाओ।

अलबेली:- भईया जल्दी इन्हे पैक में सामिल करो…

आर्यमणि रूही के ओर देखने लगा। रूही अलबेली से… "अलबेली तू इधर आ जा".

"आई ने तुम्हे हमारा नाम नहीं बताया क्या।"… दोनो एक साथ पुछने लगे।


आर्यमणि:- जी बताया है, खूबसूरत और प्यारी सी दिखने वाली लड़की है ओजल, और उसका खूबसूरत और ईश्वरीय बालक का नाम है इवान। सो तुम दोनो लगभग 2 महीनो से यहां हो। कैसा लगा हम सब के साथ रहकर।


ओजल:- कुछ मजबूरी थी जो आई हमे बाहर नहीं निकाल सकती थी, खुलकर जीना किसे पसंद नहीं।


इवान:- मुझे भी अच्छा लगा। आई अक्सर कहा करती थी, तेरे आर्य भईया आये है और उसके काम को देखकर ऐसा लगता है कि तुम्हे वो ज़िन्दगी मिलेगी जो तुम्हारा सपना है।


आर्यमणि, दोनो के सर पर हाथ फेरते…. "एक वुल्फ का पैक ही उसका परिवार होता है। बदकिस्मत वुल्फ होते है वो, जिनके पैक टूट जाते है और लोग अलग हो जाते है। क्या तुम हमारे साथ पैक में रहना पसंद करोगे।


दोनो भाई बहन एक साथ… "जी बिल्कुल"..


थोड़ी ही देर में रश्म शुरू हुई। पहले इवान को प्रक्रिया बताई गई और ओजल को देखने कहा गया। इवान भी रूही और अलबेली की तरह ही अपने अंदर कुछ मेहसूस कर रहा था और अपने हाथ को ऊपर से लेकर नीचे तक देख रहा था। उसके बाद बारी आयी ओजल की। उसने भी पूरी प्रक्रिया करके पैक में सामिल हो गयि। चूंकि रूही, अलबेली और आर्य को सभी लोग जानते थे इसलिए हवा में फूल को उड़ेलने वाला तकरीबन 1000 ड्रोन खरीदने की जिम्मेदारी ओजल और इवान पर सौंप दी गयि। आगे की तैयारी के लिए रूही को योग्य दिशा निर्देश मिले। रूही समझ गयि और तय समय तक तैयारी कि जिम्मेदारी ले ली।
 

nain11ster

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Nain bhai बहुत दिनों बाद मैं आपको कोई कमेंट पोस्ट कर रहा हु। फर्स्ट तो आपको बहुत बहुत धन्यवाद और बधाई की आप वापस फेंटेसी स्टोरी की तरफ आये और एक खूबसूरत रचना से हम लोगो से जुड़े। मैं इस टाइप की स्टोरी कुछ ज्यादा ही पसंद करता हु सो आपको स्पेशियलि धन्यवाद कोट कर रहा हु। महीनों बाद कॉमेंट करने के लिए माफी भी चाहता हु। 2 दिन पहले यह स्टोरी पढ़ना स्टार्ट किया और अभी तक पोस्ट किए सारे अप्डेट्स पढ़ कर दिल को सुकून आ गया कि आपकी जादुई लेखनी को अपनी फेवरेट केटेगरी में पढ़ना कुछ शब्द नही मिल रहे तारीफ के लिए। आर्यमणि का जीवन और उसके किस्से क्या खूब ही लिखा है भाई। वर्धराज कुलकर्णी के बारे में अभी तक बहुत कम खुलासा हुआ। उन्होंने आर्यमणि को क्या वाकई कुछ ज्ञान दिया?? आर्यमणि के साथ जर्मनी में आगे क्या हुआ वो कैसे बिटा से प्योर अल्फा बना?? आशूरा या ओशेव क्या नाम था उसका उसने कैसे मदद करि?? मैत्री के साथ क्या हुआ था??? वो नागपुर जिस उद्देश्य को ले कर आया था वो क्या है? सुकेश उसकी पत्नी मीनाक्षी उसका बेटा सब आर्यमणि के सामने कुछ ओर और पीछे कुछ ओर क्यों है??? भूमि जया केशव ही आर्य के सच्चे हितेषी है तो क्या उन्हें आर्यमणि की सच्चाई पता है कि वो एक प्योर वुल्फ है। निशांत सेकंड लीड हीरो है जो अच्छा लगता है बट चित्रा आर्यमणि के पास ना आकर माधव की क्यो हो गयी यह भी खटकता है। पलक भी आर्यमणि से नाटक कर रही है यह तो साबित हो गया फिर इस स्टोरी की हीरोइन कोन है जो अपने हीरो को भावनात्मक सपोर्ट करेगी उसकी हिम्मत बनेगी??? मैत्री रही नही पलक दगा कर रही है रिचा भी नही रही तो कोई नई एंट्री करवाने वाले हो क्या भाई??? वैसे आपकी कहानी में समय के साथ सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे पता है बट क्यूरोसिटी इतनी है कि पूछने से अपने आप को रोक नही पाया।
Aapki humari baat pahle hi ho gayi hai... Sawalon ke jawab bhi de diye... Abhi ab update de diya hai.... Padhkar enjoy kijiye...
 

nain11ster

Prime
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ये क्या भाई
शादी के पहले सुहागरात कुछ समझ नहीं आया भाई
उपर से वर्जिन तो क्या सरदार खान का खुन उसे अपने घर पर किसी ओर तरिके से पिलाया गया था भाई
राकेश ओर आर्यमणी की नोंक झोंक बहुत ही अच्छी थीं भाई
मजा आ गया भाई
ये क्या पलक का चेहरा हैं जो देखकर दोड़ता रहूं

बहुत ही शानदार लाजवाब अपडेट भाई
Sorry shadi se pahle suhagraat dikhane ke liye .. Aage se dhyan rakhunga.... :D... Sardar khan aur uska khun to upar ke generation walon ne Piya hai... Baap ap e aiyyashi ke mehfil me kisi bacche ko lekar nahi gaye....

Baki abhi se to nok jhonk chalta rahega.. maze kijiye aur batate rahiye
 

nain11ster

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ये मस्त था, पहले आर्य बाबू ने फुल मस्ती की ताकि आगे जा कर अगर पलक से ब्रेक अप हो तो दिल में कोई गिला ना रहे की कुछ किया नहीं और फिर बाहर आ कर राकेश की अच्छे से ले ली। उसको उसकी सारी करतूते अच्छे से बता दी। मजा आ गया।
😄😄😄😄😄😄😄😄😄😄

Aisa concept socha kya ... Kafi hilwrious tha... Waise arya se jyada hum sabko afsos hota .... Kash ek baar to masti kar lete 😁😁😁😁😁😁
 

nain11ster

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ये तो साला गेम ही कुछ और चल रहा है, ये सीक्रेट प्रहरी साले रिश्ते भी नही देखते है। तेजस और सुकेश आर्य को मारने पर तुले है। बेचारी पलक बिना कुछ जाने ही बेवकूफ बन रही है और ये सीक्रेट संस्था उसके कंधे पर रख कर बंदूक चला रही है आर्य को खत्म करने के लिए।

पूर्णिमा की रात कुछ तो मजेदार होने वाला है क्यों की अगर ताकत बीस्ट अल्फा की बढ़ती है इस रात तो ट्र्यू अल्फा की भी तो बढ़ेगी क्योंकि उसका तो रंग की चांदनी की तरह सफेद हो जाता है। मजा आयेगा।
Haan poornima ki raat dhamaal hoga bus aap kahin nahi jaeyega aur sath bane rahe ..
 

nain11ster

Prime
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Palak itna hi janti hai jitna abhi dikhaya ya kuchh chhupa bhi rhi hai, abhi pichhle update me hi uske sath itna manoram drisya tha or isme aate hi sidha secret body ki meating dikha di aapne, Pahle asman me le gye or fir sidha bhadak se Janeen me fek diye Aap in prahariyo ki meating dikha kr... Ek pal ko Lagta hai Jaise sirf palak ko itna hi btaya gya ki vo abhi bhi arya ka test hi le rhe hai or kuchh nhi or kaisi prahari hai palak jo unki btai bato ko ankh mund kr bharosha kr rhi, yha palak us anant Kirti book Khulne ke badle arya ko mang rhi hai pr uske sath sadi ka Lekin secret body ne arya ko marne ka pura intjam kiya hua hai, Inhi members ne bhumi ke pure group ko marne ka nirnay liya, arya ko 2 baar jaan se marne ki Kosis ki jo nakam rhi or Ab 'Sadi ki raat pura Nagpur saaf' karne ki planning jari hai dekhte hai Kon kitna Kamyab hota hai yha...

Ye 600 me 500 common friend vala kissa mazedar tha or usse bhi jyada mazedar chitra ka Nishant ki ex ko 1 thappad maarne vala tha, vo to arya ne sant karva diya Varna 3-4 to lga Hi deti...

Ye palak ka ab kon sa dost aa gya श्रवण kahi ye bhi koi prahari to nhi or ise palak pr najar rakhne bheja gya ho, btao Bol rha hai palak use ek mauka deti, kahi arya ko tapka kr iske sath goti fit to na karne vale palak ki prahari log...

Jitne din bache the Unme se ye 2 din to palak ke sath romantic pal bitaye arya ne, mujhe lagta hai arya samajh rha hai palak jyada kuchh nhi janti vo bs arya se jitni info ho sake nikal kr upar ke logo ko dene ke liye hai bs...

Superb update bhai sandar jabarjast lajvab amazing with awesome writing skills bhai maza aaya padh kr

Ek dialog to rah hi gya jo madhav NE kaha tha chitra tum aise hi 3-4 bate MA se kr lena to log kahenge bahu takkar Ki mili hai...

Dosto ke sath kuchh pal bita kr arya ab nikalne hi vala hai, Dekhte hai aakhri pal me kiske sath bitata hai vo...
Aisa lag to nahi raha ki palak kuch chhipa bhi rahi hai.... Aap badhte kahani ke emotions ko nahi samjh pa rahe.... Secret prahri ek alag group hai jahan uss khatre ko nikal fenkiye hain jo unke najdik pahunch jate hain. Yadi arya khatra hai to secret body usse samapt kar degi .... Palak bhi secret body ka hossa hai jise Aryamani khatra nahi lagta.... That's the feeling by the side of Palak...

Baki kya wakai sirf 2 din romantic pal bitaye hain palak ke sath to janab update 51 dekhiye fir 52 dekhiyega aur dhyan se bataeye ki kitne din huye:D
 

nain11ster

Prime
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Palak ka raviya hasyaspad hai, aarya bhi chutiya giri ker rha hai agar wo palak ko sacchai janta hai to, log usey apni ungliyo per nacha rhy hai aur wo nach nahi hai, accha hota agar palak ko sacchai ka pata jald chale aur kuch guilt mehsus ho, baki sab aur Shanti hai.....Sunami se pehle rehne wali Shanti
Guilt to tab feel hoga jab galti hogi... Matlab jab log ko galti ka ehsaas hoga... Warna guilt ki jagah to gussa hi aayega.... Dekhiye ab guilt hota hai ya gussa aata hai... Main to update de raha hu. Aur best judge aap hain
 
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