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Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
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कहानी- कौमार्य

रचनाकार- Shetan महोदया

बहुत ही बेहतरीन और शानदार कहानी महोदया
बहुत ही अच्छी कहानी लिखी है आपने। ये आपकी पहली कहानी से ज्यादा अच्छी है और इसमें वर्तनी की त्रुटियां भी नहीं हैं बस एक जगह कविता का नाम कोमल लिखा गया है।

प्यार क्या है, भरोसा क्या है आपने इस कहानी के माध्यम से बहुत अच्छी तरह से दर्शाया है। जहां कविता चंचल स्वभाव की है तो वही वीर शर्मीले स्वभाव का गंभीर लड़का है लेकिन जब दोनों मिलते हैं तो दोनों का दिल इलू इलू करने लगता है। कविता अपनी चंचलता के कारण अपने दिल की बात कह देती है लेकिन वीर शर्मीलेपन के कारण कुछ कह नहीं पता।

कविता और उसके पापा के बीच दोस्तों जैसा रिश्ता नजर आया। बाप बेटी का रिश्ता ऐसा ही होना चाहिए तभी वो अपने दिल की बात अपने पिता से कह सकती हैं।

समाज में आज भी ये धारणा गलत है कि लड़की का कौमार्य ही उसकी पवित्रता का सबूत है। विज्ञान भी ये प्रमाणित कर चुका है कि लड़की का कौमार्य केवल शारीरिक संबंध बनाने पर ही नहीं भंग होता बल्कि ऐसे कई कारण है जिसके चलते लड़की का कौमार्य भंग होता है, लेकिन समाज के कुछ लोग आज भी अपनी पुरानी दकियानूसी सोच को ही सही मानता है।

वीर की तरह हमारा भी यही मानना है कि शादी के पहले किसी ने क्या किया इससे फर्क नहीं पड़ना चाहिए बल्कि शादी के बाद जीवनसाथी एक दूसरे के प्रति ईमानदारी बरते वो ज्यादा जरूरी है। कविता ने भी वीर को परखने के लिए उससे झूठ बोला कि उसने शादी से पहले ही अपना कौमार्य अपने पुरुष मित्र के साथ भंग कर लिया है, लेकिन वीर को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा। इसी विश्वास के चलते दोनों का वैवाहिक जीवन सुखमय हुआ।
 
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Sam266

😁😊😁
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कहानी- बंद कमरा

रचनाकार- Sam266 महोदय

आप ने कहानी लिखने की बहुत अच्छी कोशिश की है लेकिन आजकल की भागती दौड़ती जिंदगी की तरह आपकी कहानी भी भागती दौड़ती नजर आती है।
एक तो कहानी बहुत छोटी है ऊपर से वर्तनी की बहुत गलती है साथ ही कहानी की गति बहुत तेज है जिसके कारण जैसे ही कहानी पढ़ना शुरू किए वैसे ही खत्म हो गई कहानी। इस कहानी को 7000 शब्दों में बहुत अच्छी तरीके से लिखा जा सकता था।


राहुल को किसी ने अपहृत कर लिया है और उससे करोड़ों रुपए की मांग करता है पैसे न देने पर उसे जान से मरने की धमकी देता है। राहुल हैकर है और अपहरणकर्ता को पता है कि राहुल से कैसे पैसे निकलवाया जा सकता है इसलिए उसने राहुल का अपहरण किया, लेकिन राहुल अपनी सूझबूझ के कारण बच गया।
Thank u🙏🙏🙏🙏
 

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
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कहानी- मदरली लव लिमिटलेस

रचनाकार- The Kumar महोदय,

आजकल ये समस्या आम हो गई है कि अगर किसी महिला को बच्चा न हो तो वो दंपति सरोगेसी के जरिए बच्चा पैदा करते है। किराए की कोख मिलना इतना आसान भी नहीं होता। कभी कभी बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं इसके लिए।

मयूर जो शुरू से ही अपनी मां का दीवाना था और उससे सेक्स करना चाहता था और उसकी इच्छा तब पूरी हो गई जब उसकी पत्नी मिस्टी मां नहीं बन पाती है और अपनी सास को किराए की कोख के लिए मानती है ताकि मयूर का वंश बढ़ सके।

कहानी का कॉन्सेप्ट तो बढ़िया है लेकिन इसे अच्छे तरीके से रचनाकार पेश करने में विफल रहे।
 
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Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
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कहानी- वफा का वादा

रचनाकार- Rekha rani महोदया

सच कहूं तो कहानी बहुत ही अच्छी लगी, बहुत बढ़िया तरीके से आपने कहानी को पेश किया है। एक कमजोर क्षण में की गई गलती जीवन भर की सजा बन सकती है।

नोट बंदी और लॉकडाउन ने भारतीय अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी थी खासकर लॉकडाउन की वजह से कितने परिवार बरबाद हो गए, लेकिन अगर लॉकडाउन न लगता तो भी कितने परिवार बरबाद हो ही जाते।

रेखा जो बहुत ही सुलझी हुई महिला थी उसे ये कदम नहीं उठाना चाहिए था, क्योंकि जब पति इतना प्यार करने वाला और पत्नी को समझने वाला मिले। ऐसी परेशानियां लगभग सभी के जीवन में आती हैं, इसका मतलब ये नहीं कि पत्नी अपने पति को ही धोखा दे। वैसे भी संजय अपने लिए तो दुबई नहीं गया था, वो तो रेखा और अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए ही तो गया था।

ये प्यार के बड़े बड़े वादे करना बहुत आसान है लेकिन उसे निभाना बहुत मुश्किल हैं। वैसे भी मर्द ऐसी औरतों की ताक में रहते हैं जिनका पति घर से बाहर रह रहा हो। इससे उनका काम बहुत आसान हो जाता है औरत को पथभ्रष्ट करने में। ये तो संजय का बड़प्पन था कि उसने रेखा की सच्चाई जानते हुए भी उसे तलाक नहीं दिया।
 

Mahi Maurya

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कहानी- बीते वक्त की छाप

रचनाकार- Sanki Rajput महोदय

बहुत ही बढ़िया कहानी लिखी है आपने। वर्तनी और मात्राओं की बहुत जगह त्रुटियां दिखाई दी है। रिशा और प्रिशा नाम को लेकर पूरी कहानी में कन्फ्यूजन बना रहा। प्रतियोगिता की दृष्टि से ऐसी त्रुटियां अच्छी नहीं मानी जाती।

कुछ यादें ऐसी होती हैं जिन्हें भूल पाना बहुत मुश्किल होता है। रिशा के लिए आशु के साथ बिताए पल भी ऐसी ही यादें हैं। रिशा एक अल्हड़, मस्तमौला स्वभाव की लड़की है जिसे गांव बिल्कुल पसंद नहीं, लेकिन एक बार जब वो अपने चाचा के यहां गांव में शादी में जाती है तो गांव की सुंदरता उसका मन मोह लेती है और स्थिति ये हो गई थी कि वो गांव से शहर जाना नहीं चाहती थी।

यहीं पर रिशा की मुलाकात आशु से होती है जिससे वो प्यार करने लगती है। आशु की एक बात कि "अकेले जीने की तमन्ना कभी मत करना रिशा, बहुत दर्द देगा ये जज़्बात बाद में तुम्हें" कहानी की जान है जिसे सभी को समझने की जरूरत है। रिशा भले ही आज शादीशुदा जिंदगी जी रही है लेकिन वो पुराने जज्बात भुला नहीं पाती
है
 

Mahi Maurya

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कहानी- एक लव स्टोरी

रचनाकर- IMUNISH महोदय

आपने कहानी लिखने की जगह शायरी में ही कहानी लिख दी। कहीं ऐसा तो नहीं है कि आपने अपने दिल की बात लिख दी हो कहानी में।😄😄

वैसे आपने जो लिखा है अच्छा ही लिखा है।।
 
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Sanki Rajput

Abe jaa na bhosdk
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कहानी- बीते वक्त की छाप

रचनाकार- Sanki Rajput महोदय

बहुत ही बढ़िया कहानी लिखी है आपने। वर्तनी और मात्राओं की बहुत जगह त्रुटियां दिखाई दी है। रिशा और प्रिशा नाम को लेकर पूरी कहानी में कन्फ्यूजन बना रहा। प्रतियोगिता की दृष्टि से ऐसी त्रुटियां अच्छी नहीं मानी जाती।

कुछ यादें ऐसी होती हैं जिन्हें भूल पाना बहुत मुश्किल होता है। रिशा के लिए आशु के साथ बिताए पल भी ऐसी ही यादें हैं। रिशा एक अल्हड़, मस्तमौला स्वभाव की लड़की है जिसे गांव बिल्कुल पसंद नहीं, लेकिन एक बार जब वो अपने चाचा के यहां गांव में शादी में जाती है तो गांव की सुंदरता उसका मन मोह लेती है और स्थिति ये हो गई थी कि वो गांव से शहर जाना नहीं चाहती थी।

यहीं पर रिशा की मुलाकात आशु से होती है जिससे वो प्यार करने लगती है। आशु की एक बात कि "अकेले जीने की तमन्ना कभी मत करना रिशा, बहुत दर्द देगा ये जज़्बात बाद में तुम्हें" कहानी की जान है जिसे सभी को समझने की जरूरत है। रिशा भले ही आज शादीशुदा जिंदगी जी रही है लेकिन वो पुराने जज्बात भुला नहीं पाती
है
Shukriya :dost:
Wo kya hai n maine naam prisha se risha kiya tha change but kuch jagah may be rah gaye honge.
 

Mahi Maurya

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Shukriya :dost:
Wo kya hai n maine naam prisha se risha kiya tha change but kuch jagah may be rah gaye honge.
ऐसी छोटी छोटी गलतियों पर जज बहुत ध्यान देते हैं महोदय, इसलिए त्रुटियां बताई हमने ताकि भविष्य में कहानी लिखें आप तो इसका अच्छे दे ध्यान रखें।👏💅
 

Shetan

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कहानी- कौमार्य

रचनाकार- Shetan महोदया

बहुत ही बेहतरीन और शानदार कहानी महोदया
बहुत ही अच्छी कहानी लिखी है आपने। ये आपकी पहली कहानी से ज्यादा अच्छी है और इसमें वर्तनी की त्रुटियां भी नहीं हैं बस एक जगह कविता का नाम कोमल लिखा गया है।

प्यार क्या है, भरोसा क्या है आपने इस कहानी के माध्यम से बहुत अच्छी तरह से दर्शाया है। जहां कविता चंचल स्वभाव की है तो वही वीर शर्मीले स्वभाव का गंभीर लड़का है लेकिन जब दोनों मिलते हैं तो दोनों का दिल इलू इलू करने लगता है। कविता अपनी चंचलता के कारण अपने दिल की बात कह देती है लेकिन वीर शर्मीलेपन के कारण कुछ कह नहीं पता।

कविता और उसके पापा के बीच दोस्तों जैसा रिश्ता नजर आया। बाप बेटी का रिश्ता ऐसा ही होना चाहिए तभी वो अपने दिल की बात अपने पिता से कह सकती हैं।

समाज में आज भी ये धारणा गलत है कि लड़की का कौमार्य ही उसकी पवित्रता का सबूत है। विज्ञान भी ये प्रमाणित कर चुका है कि लड़की का कौमार्य केवल शारीरिक संबंध बनाने पर ही नहीं भंग होता बल्कि ऐसे कई कारण है जिसके चलते लड़की का कौमार्य भंग होता है, लेकिन समाज के कुछ लोग आज भी अपनी पुरानी दकियानूसी सोच को ही सही मानता है।


वीर की तरह हमारा भी यही मानना है कि शादी के पहले किसी ने क्या किया इससे फर्क नहीं पड़ना चाहिए बल्कि शादी के बाद जीवनसाथी एक दूसरे के प्रति ईमानदारी बरते वो ज्यादा जरूरी है। कविता ने भी वीर को परखने के लिए उससे झूठ बोला कि उसने शादी से पहले ही अपना कौमार्य अपने पुरुष मित्र के साथ भंग कर लिया है, लेकिन वीर को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा। इसी विश्वास के चलते दोनों का वैवाहिक जीवन सुखमय हुआ।
Thankyou very very much Mahi. Is kahani ko sab ne pasand kiya. Likhte wakt mene ye socha hi nahi tha ki redars ko ye itni jyada pasand aaegi. Par muje kafi achhi kamyabi mili. Kahani par mile review aap ka aur baki sab ka bhi ye muje aage likhne ka hosala badhaega. Thankyou so much Mahi
 

Mahi Maurya

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कहानी- गिल्टी ऑर नॉट

रचनाकार- Amour जी।

कहानी अच्छी है और आपने इसे बहुत खूबसूरती से पेश किया है।

कभी कभी हालात ऐसे बन जाते हैं कि इंसान निर्दोष होते हुए भी दोषी बन जाता है। देश में हजारों मामले ऐसे होते हैं जिनमें निर्दोष व्यक्ति बिना किसी कसूर के सजा भुगत रहा है।

रमेश के साथ भी यही हुआ। एक मामूली झगड़े ने इतना भयानक रूप ले लिया कि अचानक हुए हादसे ने रमेश को सुजीत का कातिल ठहरा दिया। रमेश एक सुलझा हुआ और अच्छा इंसान लगा मुझे तभी तो उसने न्यायालय से बरी होने के बाद सुजीत की पत्नी से माफी मांगी, क्योंकि उसे लगता था कि अगर सुजीत की पत्नी उसे कातिल समझेगी तो उसके मन में एक गिल्ट रहेगा हमेशा। सुजीत की पत्नी भी रमेश को समझती थी तभी तो उसे यकीन था कि पैसों को लेकर रमेश सुजीत की हत्या कभी नहीं करेगा।
 
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