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Shetan

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कहानी : कोमार्य
Writer : Shetan





आज के आधुनिक दौर में लड़कियों के "कोमार्य" की समस्या से छुटकारा पा लिया गया है, एक छोटी सी सर्जरी होती है जिसमे जांघ कि स्किन के साथ कृतिम खून भरा हुआ कैप्सूल यौनि के अंदर एक निश्चित गहराई तक प्रवेश कर दिया जाता हैं और संभोग के दुरान् प्रेशर पड़ने पर वो फट जाता है जिससे कृतिम खून बाहर आ जाता है और लड़की को वर्जिन होने का प्रमाण पत्र मिल जाता है।


लेखिका ने अपनी विधा से हट कर एक खूबसूरत प्रेम कहानी लिखी है, एक चुलबुली लड़की और फौजी प्रेमी का ट्रेन का रोमांटिक दृश्य या सुहाग सेज का हाथ काट कर हीरो का अपनी पत्नी के प्रति अटूट विश्वास प्रेम का दृश्य हो....! पूरी कहानी रोमांस, छेड़चाड, प्यार से सजी हुई थी।


कविता का सुहाग रात पर इस तरह अपने पति को झूट bf के बारे में कहना मुझे खलता है, क्योकि ये चूतोयापा कभी भी कोई लड़की नही करेगी, वो सुहाग रात है, कोई exam हाल नही जहा जो भरोसे की जाँच हो, जाँच पड़ताल व्याह के पहले होती हैं, ब्याह के बाद जरा सी चूक तबाही ला देती है।


फौजी का ये सुनकर noramal react कर अपनी हाथ की कलाई काट कर खून टाॅपकना इस बात का प्रामाण है कि फौजियों का दिमाग कहाँ होता है.....।😜🤔


कही कही नाम में कंफ्यूशन हुआ है, जिसका कारण है लेखिका का हिंदी में कहानी लिखने का कम अनुभव हो सकता है।


कहानी शुरु से लेकर अंत तक निरंतर रूप से चलती है, पाठको को बांधे रहती है, शॉर्ट स्टोरी में कम शब्दो में कहानी को मुकाम पर पहुँचना कठिन होता है, राइटर ने इस कार्य को बखूबी कर दिखाया है।


निष्कर्ष :: अंक गणित मेरी शुरु कमजोरी रही है, इसलिए कहानी पर नम्बरों को देने का कार्य जूरी, पूरी ईमानदारी से करेगी...।


धन्यवाद....
Bahot bahot shukriya mannu par tum shukar karo mere samne nahi ho. Varna badi pitai khana tha.
 

Shetan

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किस्सा एक अनहोनी का (Horror story)
शैतान





मैं एक समीक्षक नहीं हूँ, लेकिन इस कहानी के बारे में कुछ भी लिखने के पहले मुझे लगता है की यह बता देना उचित होगा की किसी कहानी में मैं क्या देखना चाहती हूँ, विशेष रूप से ऐसी लघु कथा में और उसी तराजू पर तौल कर ही कह सकती हूँ कहानी कैसी लगी, मुझे लगता है कहानी अच्छी लगना , एक सब्जेटिव बात हो सकती है लेकिन अगर कहानी को जज करना है , उसकी समीक्षा करनी है तो कुछ आब्जेक्टिव स्टैंडर्ड होने चाहिए जो शुरू में ही पाठकों को पता होना चाहिए। हो सकता है यह पैमाना भी अलग अलग पढ़ने वालों का अलग अलग हो पर मेरे लिए तीन बातें हैं
१. कहानी में द्वन्द , एक कन्फ्लिक्ट जो कहानी का सेन्ट्रल प्वाइंट होती है

२ कैरेक्टस पोस्टकार्ड थिन हैं या उनका खाका ठीक से खींचा गया है, वो स्टीरियो टाइप नहीं है और उनकी एक अलग पहचान है
३. क्या कहानी बहु आयामी है ?

मेरी एक खास पसंद है जिस कारण मैंने लिखना शुरू किया और वो पढ़ने वाली कहानी में भी देखना चाहतीं हूँ Indian Ethos and social milieu.

मेरी सीमित समझ से इस कहानी का द्वन्द दाई माँ और खिल्लो के बीच है। दाई माँ अतीत के विरुद्ध वर्त्तमान को दिखाती हैं, जो नहीं रहा, लेकिन उसकी छाया वर्तमान पर पड़कर भविष्य को प्रभावित कर रही है, दाई माँ वैसे अतीत के विरुद्ध है, उससे वर्त्तमान को मुक्त करना चाहती हैं। अब अगर हम कहानी के निहितार्थ से अलग हटकर अपने जीवन में झांके, सामाजिक जीवन में देखे तो कितनी बार अतीत का भूत, उसका प्रोजेक्शन , अतीत में हुयी कोई गलती खूब बड़ी बन कर वर्तमान के सामने आकर भविष्य को प्रभावित करती है।

एक लाइन में खिल्लो के दर्द को भी लेखिका ने बहुत अच्छे से बयान किया है,... मुझे कोई बचाने नहीं आया, मार दिया मुझे डुबोकर, ... वह खिल्लो का परसेप्शन है, उसे किसी ने नहीं मारा लेकिन किसी ने बचाया भी नहीं, और वह उसे ही सत्य मानती है , कई बार समाज में भी और व्यक्तिगत जीवन में भी हम जो हम समझते हैं अतीत को जिस तरह हम देखते हैं ( और सोशल मिडिया के जमाने में इको चैंबर के जमाने में ) उसे ही हम सत्य मानते हैं और वर्तमान को भी उसी तरह परिभाषित करते हैं।

तो यह द्वन्द निहितार्थ में भी और प्रतीक के रूप में भी मुझे लगा की लेखिका ने अच्छे ढंग से चित्रित किया है।

दूसरी बात चरित्र भी ढंग से आये है, जैसे दाई मा के बारे कोमल का अनुराग, हमारे मन में उत्सुसकता जगाता है और नेहा जो गाँव में है लेकिन शहर में पढ़ी है , रीत रिवाज मानती तो है लेकिन एकदम ओढ़ने की तरह बिना उसमे विश्वास किये,...

और तीसरी बात कहानी कई स्तरों पर है। लेकिन कई बार हम ऐलिस इन वंडर लैंड पढ़े या लार्ड आफ रिंगस उसमे हम सस्पेंशन आफ डिसबिलिफ करते हैं प्रतीकों के माध्यम से कही जा रही बातों को समझने को कोशिश भी करते हैं और समीक्षक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं अर्थ की उन गांठों को खोल कर।

कुछ सुधार हो सकते थे लेकिन मेरी सबजेक्टिव ओपिनियन है, कोमल नैरेटर है पर उसके बारे में इतनी ज्यादा लाइने खर्च करना शायद आवश्यक नहीं था। उन शब्दों का उपयोग, नेहा के मन में चल रहा द्वन्द, ( रीत रिवाज और होने वाले पति से बात करने के लिए चुपके से बाहर जाना ), वर पक्ष का द्वन्द ( लड़की पर बुरी आत्मा है ऐसे में शादी करें न करें ) इत्यादि को चित्रित करने में हो सकता था।

कुछ को यह अंध विश्वास लगे लेकिन मुझे लोक विश्वास कहना ज्यादा सही लगता है। और विश्वास को हम तर्क से नहीं देख सकते ,

चुड़ैल या इस तरह की बातों के बारे में मैं मित्र पाठकों से अनुरोध करुँगी की विकिपीडिया पर इप्सिता राय चक्रवर्ती के बारे में देखे और हो सके तो उनकी आत्मकथा beloved witch और उनकी दूसरी पुस्तक Sacred Evil: Encounters With the Unknown पढ़ें।

वर्तनी की गलतियां है जो क्षम्य हैं क्योंकि लेखिका समान्यतया हिंगलिश में लिखती हैं। प्रयास कर के इसे सुधारा जा सकता है ,

कुछ लोगों ने जॉनर हॉरर की दृष्टि से भी कह सकते हैं की डर नहीं लगता, लेकिन मेरे ख्याल से जॉनर में कहानी को बांटना ही टेढ़ा है, किसी इन्सेस्ट में अडल्ट्री नहीं होगी या अडल्ट्री में एरोटिक दृश्य नहीं होंगे. मेरे हिसाब से यह कहानी लोक विश्वास की कहानी है।
Amezing komalji. Bahot khub. Me bahot khush hu ke aapne meri kahani ke makshad ko samza. Meri trutiya ko muje bariki se samzaya. Aur ek alag hi tarah vistar se. Muje bahot khushi hui. Me aap se sahmat bhi hu. Kosis karungi. In har ek point ko bade vistar se samaz saku. Aur uspar kam kar saku.

Me Wikimedia par gavrav Tiwari sir ko hi apna guru manti hu. Halaki vo ab duniya me nahi he. Unki kai investigation ko mene padha huaa he. Ye thoda alag kam he.


Bahot bahot dhanyawad Komalji
 

Shetan

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बंद कमरा


जैसी ही राहुल कि आँखे खुली उसने पाया कि वह एक बंद कमरे में है जिसमें बहुत सन्नाटा छाया हुआ है और कमरे के चारों ओर चार दरवाजे है लेकिन चारों भी बंद है और वह अकेला इस कमरे में कैद है।


वोह ऑफिस से निकाला और अपने कर में बैठा था एक अचानक पीछे से किसी ने उसके सर पर हमला किया और डायरेक्ट उसने अपने आप को इस बंद कमरे में पाया उसे कमरे में एक टेबल एक कुर्सी और एक लैपटॉप के अलावा और कुछ नहीं था।


कमरे में एक लाइट थी और उसने खुद को कुर्सी से अपने आप को जंजीरों से बना हुआ पाया वह ठीक से हल भी नहीं पा रहा था और सिर्फ उसके हाथ खोले थे लेकिन पर जंजीरों से बंधे हुए थे।


उसे समझ नहीं आ रहा था क्या वह क्या करें उसने जोर से चिल्लाया खुद को बचाने के लिए उसने लोगों को आवाज दी लेकिन वह सुनसान जगह थी वह सिर्फ एक कमरा था और वहां चार दरवाजे थे लेकिन उसकी आवाज सुनने वाला शायद वहां कोई नहीं था।


2 घंटे ऐसे ही बीत गए पूरे कमरे में 4 दरवाजे एक कुर्सी एक टेबल राहुल और एक लैपटॉप था बस राहुल ने सोचा कि किसी ने उसे कैद कर दिया है फिर उसने देखा क्या लैपटॉप को ऑन किया लैपटॉप ऑन हो गया लेकिन लैपटॉप में सिर्फ 50% ही चार्जिंग थी।


राहुल ने लैपटॉप की फाइल चेकिंग तो उसमें एक फाइल थी लेकिन अचानक उसमें एक वीडियो कॉल ऑन हो गया जिसमें एक रिकॉर्डिंग वीडियो था उसमें कहां गया था कि मुझे इस अकाउंट में ₹1 करोड़ चाहिए और अकाउंट नंबर बैंक डिटेल वहां दी गई थी।


राहुल के पास तो एक करोड रुपए नहीं थे उसने उसे नंबर पर कांटेक्ट करने की कोशिश की लेकिन वह कांटेक्ट नहीं हुआ उसने वापस से वीडियो कॉल किया और कहा कि मेरे पास एक करोड रुपए नहीं है।


उसे एक और वीडियो कॉल आया जिसमें उसे कहां गया कि अगर तुम मुझे इस अकाउंट में एक करोड़ रुपए ट्रांसफर नहीं करोंगे तो मैं तुम्हे इसी कमरे में सड़ने दूंगा और बगैर खाना पानी के तुम कुछ ही दिन में मर जाओगे।


ये सुन कर राहुल बहुत डर गया उसने लैपटॉप पर अपना बैंक बैलेंस चेक किया तो उसने पाया की उसके अकाउंट में सिर्फ 25 हज़ार रुपया ही थे लेकिन उस आदमी को उसे 1 करोड़ रूपए देने थे अब राहुल को समझ आ गया की वो बहुत बड़ी मुसीबत में फंस गया है।


अब उसे दोबारा से वीडियो कॉल आया और उसे कहां गया कि अगर तुमने मुझे एक करोड रुपए नहीं दिए तो तुम मर जाओगे तभी उसे कहा जाता है कि पीछे मुड़ कर देखो मुझे ऐसे ही पीछे मुड़ कर देखता है तो दम हो जाता है क्योंकि उसके पीछे एक आदमी के लाश पड़ी होती है और उसे कहा जाता है कि इसमें भी मुझे पैसे नहीं दिए थे इसलिए मैंने इसे मार दिया।


राहुल समझ रहा था कि अभी तक वह कमरे में अकेला था लेकिन वह एक लाश के साथ उसे कमरे में था अब और भी डर गया और उसके पसीने छूटने लगे उसने जल्दी से उसके दोस्त को कॉल लगाया और कहा के ऐसे ऐसे सिचुएशन में मैं फस गया हूं प्लीज मुझे एक करोड रुपए चाहिए उसके दोस्त ने कहा मेरे पास पैसे नहीं है।


लेकिन उसके दोस्त ने कहा कि मेरे अंकल पुलिस में है तुम उनसे कांटेक्ट कर सकते हो राहुल ने उसके दोस्त के अंकल जो पुलिस में थे उनसे कांटेक्ट किया उन्होंने कहा कि यह तो साइबर क्राइम लग रहा है और उन्होंने उसे पर रखने के लिए कहा पर साइबर क्राइम की टीम से उसका कांटेक्ट करवाया लेकिन जैसे ही साइबर क्राइम की टीम से राहुल का कांटेक्ट हुआ कॉल कट गया और वापस से उसे इस आदमी का फोन आया और वह आदमी ने कहा।


अब तुमने बहुत बड़ी गलती की है तुमने पुलिस को इनफॉरमेशन दी है वह पहले वाले आदमी ने भी पुलिस से कांटेक्ट करने की कोशिश की थी इसलिए मैंने उसे मार दिया अब तुमने भी पुलिस से कांटेक्ट किया मैं तुम्हें मारूंगा नहीं लेकिन अब मुझे तुमसे एक करोड़ नहीं बल्कि दो करोड रुपए चाहिए वह भी 1 घंटे के अंदर अगर 1 घंटे में तुमने मुझे दो करोड रुपए नहीं दिया तो मैं तुम्हें यही पर मार दूंगा और अगर तुमने मुझे 2 करोड रुपए दे दिए तुम्हारे पैरों की जंजीर खुल जाएगी और दरवाजे भी अपने आप खुल जाएगा और तुम बाहर जाकर अपनी जिंदगी जी सकते हैं।


राहुल को और टेंशन होने लगी तो उसको दो करोड रुपए देने हैं। अब उसे वापस से साइबर क्राइम वालों को फोन आया लेकिन राहुल ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया क्योंकि उसे लग चुका था कि होना हो आदमी इसे जरूर कर रहा है पर यह देखकर राहुल ने थोड़ा अकाल मंदी से कम लिया।


थोड़ी देर में उसे और उसे आदमी का कॉल आया उसे आदमी ने कहा कि तुम्हारे पास दो रास्ते हैं मैं तुम्हें 10 लोगों के बैंक अकाउंट की डिटेल देता हूं तुम उनसे हैक करके उन सभी के अकाउंट से 20-20 लख रुपए मेरे अकाउंट में डालो जिससे कि दो करोड रुपए पूरे हो जाएंगे यह दूसरा तरीका है या फिर तुम अपने अकाउंट से मेरे अकाउंट में दो करोड रुपए डालो।


राहुल ने कहा मैं दूसरों की अकाउंट से पैसे पैसे निकाल सकता हूं यह तो इललीगल है उसे आदमी ने कहा मुझे पता है कि तुम यह कर सकते हो क्योंकि तुम जहां काम करते हो वहां पर तुम्हें यह सिखाया जाता है कि कैसे लोगों के अकाउंट से पैसे निकाले जा सकते हैं।


राहुल बड़ी ही होशियारी से कम लेता है और लोगों के अकाउंट चेक करता है लेकिन वह जानता था कि यह काम करना गलत है वह कोडिंग करता है और कोडिंग में अपना मैसेज लिखकर क्राइम ब्रांच को देता है और साइबर क्राइम को उसके लोकेशन सेट करवाता है।


साइबर क्राइम का ऑफिस नजदीकी होता है उन्हें जैसे ही मैसेज मिलता है वह फटाक से आते हैं और राहुल को बचा लेते हैं राहुल अपनी अक्लमंदी से उसे किडनैपर से बच जाता है और लोगों के पैसे डूबने से बचा लेता है।
Badhiyaa likh rahe the. Kyo end itna short kar diya. Content badhiya skill badhiya. Par last me to ekdam se khatam hi kar diya.
 

Shetan

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manu@84

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कहानी : सूरज
राइटर : Black

आज के दौर में अच्छे पति का मिलना आसान है... लेकिन एक प्रेमी मिलना मुश्किल...!!!

व्यभिचार में लिप्त एक स्त्री की कहानी जो सेक्स additct है, विषय बहुत ही बढ़िया था, लेकिन बेहतर तरीके से लिखा जा सकता था, लेखक ने बहुत कुछ जल्दबाजी में लिखा जैसे : " और उन्होंने मुझसे अनुमति मांगी, मैने अनुमति दे दी, एक साल बाद तान्या पैदा हुयी "

ये क्या था???? सुहाग रात पर सेक्स भी अनुमति से होने लगा 🤔 समझ के बाहर है, कहानी का intrest बढ़ाने के लिए incest को भी डालने का प्रयास किया जो कि कहानी में आवश्यक नही था। पति, पत्नी और वो तक ही सीमित पर ध्यान दिया जाता तो कहानी और भी अच्छी हो सकती थी।

कहानी शुरु से लेकर अंत तक बहुत ही तेजी से चलती है, पाठको को बांधे सफल रहती है, शॉर्ट स्टोरी में कम शब्दो में कहानी को मुकाम पर पहुँचना कठिन होता है, राइटर ने इस कार्य को बखूबी करने का प्रयास किया हॉस्पिटल में पागल बना कर अंत दिखाया है।

निष्कर्ष :: अंक गणित मेरी शुरु कमजोरी रही है, इसलिए कहानी पर नम्बरों को देने का कार्य जूरी, पूरी ईमानदारी से करेगी...।

धन्यवाद....
 
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Story - मोह
Writer - Kdry9.

जब हम मोह मे होते हैं तो हमे यह समझ नही आता कि हमारे लिए या सामने वाले के लिए क्या सही है या क्या गलत ।
मोह मे बहुत उम्मीदें होती है और यही उम्मीदें पूरी न होने पर हमे दुख मे डालती है । मोह मे हमे सामने वाले की असलियत ही दिखाई नही देती । हम धोखा खा जाते है । जैसे जैसे हमारी समझदारी बढ़ती है मोह कम होता है और हम चीजों को अच्छे से देख पाते है , अच्छे से समझ पाते है ।
वैसे रिश्ते और प्यार मे मोह का होना कोई गलत भी नही है पर ये मोह रिश्ते और प्यार से बड़ा नही होना चाहिए । मोह हमेशा आपके नियंत्रण मे होना चाहिए ।

शिल्पा का मोह कहें या तृष्णा , बचपन से ही खुद को ऊंचे मुकाम पर पहुंचाने की थी । ऊंची उड़ान भरने की थी । मगर अफसोस मुफलिसी और घर की हालात ने ऐसा होने न दिया । जबरन उसकी शादी कर दी गई ।
कुछेक साल संतोषजनक अवश्य ही कटे । संतान के जन्म के बाद उसने घर-परिवार मे खुद को व्यस्त कर लिया । लेकिन इलेक्शन के दौरान एक बड़े ही रईस और धनाढ्य पोलिटिकल नेता ' रनविजय ' के उनके पडोस मे आने के बाद और रनविजय का शिल्पा को सेड्यूश करने के लिए महंगे महंगे गिफ्ट , सोने जेवरात गिफ्ट करने के बाद शिल्पा की दबी हुई अरमान फिर से जाग उठी ।
भला कौन औरत होगी जो सोने जेवरात पसंद नही करती ! सोने पर सुहागा यह हुआ कि रनविजय ने उसे शादी का प्रलोभन भी दे दिया । और उसके आगे भी और पढ़ने का विश्वास भी जगा दिया । पर उसके अरमानों पर रनविजय ने पानी फेर दिया । उसे मात्र एक रखैल बनाकर छोड़ दिया ।
अगर उसकी महत्वाकांक्षा , उसकी अमीर बनने की ललक , अपने मां-बाप को उनके गलती का एहसास कराने की तीव्र इच्छा उसके जेहन पर हावी नही होती तो वह हरगिज ही कोई गलत रास्ता चूज नही करती ।
इसी महत्वाकांक्षा और ललक ने उसे पतन के गर्त मे गिरा दिया । उसकी आखिरी आस तब खतम हो गई जब उसके हसबैंड का पुनर्विवाह उसकी ही छोटी बहन से हो गया ।
इस सब का परिणाम यह हुआ कि वो सुसाइड कर ली ।

लेकिन उसके हसबैंड ने ऐसा क्यों किया ? शिल्पा ने अपने चिठ्ठी मे यह लिखकर घर छोड़ा था कि वो अपनी पढ़ाई पुरी करने के लिए डेढ़ - दो सालों के लिए बाहर जा रही है । उसने यह नही लिखा था कि वो कभी वापस आयेगी ही नही । क्या उसके हसबैंड दो साल भी इन्तजार नही कर सकते थे ? और क्या शिल्पा के मां-बाप ने एक बार भी नही सोचा कि उनकी विवाहित लड़की का कम से कम एकाध वर्ष तक का इन्तजार करना चाहिए ।
ऐसा न कोई सच्चा प्यार करने वाला हसबैंड करता है और न ही कोई सगा मां-बाप ।

कहानी बहुत ही खूबसूरत थी । नरेशन , इमोशंस , सेक्स सीन्स सबकुछ बढ़िया था ।
आप की राइटिंग स्किल से मै भली भाँति परिचित हूं । मै जानता हूं आप बहुत बढ़िया लिखती है । पिछले साल की कांटेस्ट की स्टोरी भी आपने बहुत खुबसूरत लिखा था ।
वेल डन कियारा मैडम ।
 
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Story - Anokhi Kitab.
Writer - Cheekku

कहानी का नाम " अनोखी किताब " है लेकिन किताब के गुण जादुई है बल्कि जादुई सेक्स है ।
राहुल अपने पिता के अपमान , उनके शरीर से बहते रक्त का बदला कुछ इस तरह लिया कि नेहा बदचलन बनने को मजबूर हुई , राकेश की हत्या करने के लिए अशोक को बाध्य होना पड़ा और अंत मे अशोक साहब को सुसाइड करना पड़ा ।
एक तरह से यह बहुत बड़ी नाइंसाफी था - अशोक एंड फैमिली फ्रेंड के साथ । इतने छोटे जुर्म के लिए इतना खतरनाक रिवेंज कौन लेता है भाई !
अगर राहुल के पिता की हत्या हुई होती या इनके परिवार के साथ कुछ ज्यादा ही अन्याय हुआ होता तब कुछ समझा जा सकता था ।
अगर अशोक और राकेश के साथ हुए रिवेंज को एक बार के लिए छोड़ भी दे पर नेहा के साथ ऐसा खतरनाक रिवेंज क्यों ? क्या कसूर था नेहा का ?

राहुल का यह कारनामा किसी भी एंगल से सही नही कहा जा सकता ।
वैसे जिस बुक्स की सहायता से नेहा मैडम को एक नगरगणिका बनने को मजबूर कर दिया , उसका इस्तेमाल खुद पर क्यों नही किया ? बुक्स मे हॉलीवुड , बाॅलीवुड , टाॅलीवुड , सभी तरह के फिल्मी नगरी की खुबसूरत , हसीन , हाॅट और सेक्सी हिरोइनों के साथ सिर्फ खुद का नाम ही तो लिखना था और शर्तिया गिनिज बुक्स आफ वर्ल्ड रिकार्ड मे उसका नाम दर्ज भी हो जाना था ।
लेकिन राहुल ने ऐसा कुछ भी नही किया । इससे यह पता तो जरूर चलता है कि राहुल एक शातिर भले हो सकता है , एक षड्यंत्रकारी भले हो सकता है , एक किलर भी भले हो सकता है लेकिन वो एक ठरकी नही हो सकता । अय्याश मैन नही हो सकता ।

कहानी फैंटेसी पर आधारित थी इसलिए स्टोरी के विषय वस्तु पर कोई तर्क वितर्क न्यायोचित नही बैठता । कहानी बढ़िया थी , काफी लम्बी थी और बड़े ही मेहनत से लिखी गई थी ।
आप के इस अथक प्रयास और परिश्रम की कदर अवश्य होनी चाहिए ।
 
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manu@84

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कहानी :: मोह
राइटर :: Kdry9


कहानी का शीर्षक ' मोह ' कहानी से न्याय नही करता है। 'मोह और लालच' में बहुत फर्क है। इसलिए कहानी का शीर्षक ' लालच' होना चाहिए था।

ब्यहता स्त्रियों को लालच देकर फ़साना बहुत ही सहज होता है, उसकी वजह होती हैं उनकी जरुरते जिसकी पूर्ति करने में पति थोड़ा सा कम पड़ा, तो पत्नी के बहकने के चांस बढ़ जाते है, इसलिए पतियों को वक्त वक्त पर पत्नी की जरूरतों को समझना चाहिए।

पूरी कहानी 'लालच' से शुरू होती है, शिल्पा शादीशुदा एक बच्चे की माँ, एक गैर मर्द के दिये गए लालच में फँस जाती है। वो चाहती तो दिल से ना सोच कर, दिमाग से काम लेती तो उल्टा रन विजय को मरना पड़ता। धुंवा वही उठता है, जहाँ आग होती है। कही ना कही शिल्पा की पैसे, जेवर के लालच के साथ साथ जिस्मानी भूख भी अधूरी रह गयी थी और यही जिस्म की भूख उसकी बर्बादी का कारण रहा। Ranvijay ने हर बार उसकी सहमति पूछी थी, वो मना कर सकती थी पर उसने ऐसा नहीं किया।
और अंत में अपनी जिंदगी बर्बाद होने के बाद खतम कर लेती है।

कहानी की कमजोर कड़ी :: अमन की शादी शिल्पा की बहन से किन हालातों में हुयी इस चैप्टर पर ज्यादा कुछ नहीं लिखा गया है... शायद राइटर मुख्य पात्र पर ही फोकस कर रहा था।

कहानी शुरु से लेकर अंत तक बहुत ही तेजी से चलती है, पाठको को बांधने में सफल रहती है, शॉर्ट स्टोरी में कम शब्दो में कहानी को मुकाम पर पहुँचना कठिन होता है, राइटर ने इस कार्य को बखूबी किया है।

निष्कर्ष :: अंक गणित मेरी शुरु कमजोरी रही है, इसलिए कहानी पर नम्बरों को देने का कार्य जूरी, पूरी ईमानदारी से करेगी...।

धन्यवाद....
 
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Story - इंदरबाग
Writer - Sanki Rajput


आप जब किसी स्टोरी पर लम्बा - चौड़ा रिव्यू देते है तो वो ऐसा लगता है जैसे एक अत्यंत ही काबिल और तजुर्बेकार समीक्षक का रिव्यू पढ़ रहा हूं । इस हिसाब से आप की स्टोरी अगर हमे पढ़ने को मिले तो यह स्वभाविक है कि हमारी आशाएं अपेक्षाएं आप से कुछ बढ़ जाती है ।

आप की इस स्टोरी का विषय निस्संदेह बढ़िया था लेकिन नरेशन , वाक्य - व्याकरण , इमोशंस , थ्रिल मे वह परफेक्टनेस नही दिखाई दिया जो आपके रिव्यू मे दिखाई देता है ।
सस्पेंस अच्छा बिल्ड अप किया आपने लेकिन सेक्स प्रकरण अनावश्यक भी था ।
नर-भक्षी इंसान स्वयं ही खौफनाक और डरावना शब्द है । इसे पढ़कर अगर हमारे रोंगटे खड़े न हुए तो फिर इसका मतलब कहीं न कहीं कुछ मिस्टेक हुआ है ।
थोड़ा-बहुत समय लेकर और थोड़ा गहन विचार कर अगर आप कुछ लिखेंगे तो वो अवश्य ही संतोषजनक परिणाम देगा । निरंतर प्रयास करना ही सफलता की कुंजी है ।
 
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