यह वाला द्वार अधिक कठिन था।
लेकिन पूरे दल की सूझ बूझ से इसके पार जाया जा सका।
सुयश कप्तान तो दो कौड़ी का था, लेकिन भूतपूर्व आर्यन के अवतार के रूप में उसके अंदर वही प्रतिभा है।
वैसे एक बात पर गौर दें तो हम यह देखते हैं कि शेफ़ाली को अगर छोड़ दें, तो बाकी सुप्रीम के बचे हुए यात्रियों में जो ये सभी बच गए हैं, उनके व्यवहार में बहुत परिवर्तन आ गए हैं।
शेफ़ाली स्वयं भी अब देख सकती है।
अब इनमें से किसी का भी वापस भू-लोक में जा कर सामान्य जीवन जीना असंभव है।
मतलब यह कि भविष्य में जब तिलिस्मा टूट जाएगा और वार ऑफ़ द वर्ल्ड्स भी जीत लिया जाएगा, तब इनका क्या हश्र होगा!
क्या करेंगे ये लोग? यहीं इस द्वीप पर रहेंगे? मानव लोक इनके रहने योग्य तो नहीं रह गया है।
हाँ हाँ - बहुत बहुत आगे का सोच रहा हूँ, लेकिन यह प्रश्न दिमाग में आए बग़ैर नहीं रह रहा है।
हमेशा की ही तरह - बेहद उम्दा लेखन। भौतिकी और रसायन के कई सिद्धांतों का प्रयोग हुआ इस अपडेट में!
न केवल मनोरंजन, बल्कि ज्ञानवर्धन का भी उत्तम साधन है यह लेख!
अति उत्तम