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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Badhiya update bhai

To Toffik hi tha jisne sab kiya tha lekin loren ko kyun mar diya usne wo to usse pyar karta tha na or bechari loren bhi uske pyar me andhi hoker uski baten man rahi thi or jis jenith se badla lena chahta tha use abhi tak jinda rakha ha usne usse pyar ka natak karta ja raha ha Jenith ki sab sachhai pata pad gayi ha dekhte han kab tak Toffik babu apni sachhai chhupa pate han waise bure karm ki saja milti hi ha or jis jagah ye sab han usse lagta ha jaise Aslam miya ko saja mili usi prakar Toffik ka bhi number lag sakta ha

उचित समय आने पर, अवश्य ही

चौदह वर्ष पूर्व कलिका - जो दिल्ली के एक मैग्जीन की संपादक थी - ने यक्षलोक के प्रहरी युवान के कठिन सवालों का जो जवाब दिया वह बिल्कुल महाभारत के एक प्रसंग ( युधिष्ठिर और यक्ष संवाद ) की तरह था ।
क्या ही कठिन सवाल थे और क्या ही अद्भुत जवाब थे ! यह सब कैसे कर लेते है आप शर्मा जी ! पहले तो दिमाग मे कठिन सवाल लाना और फिर उस सवाल का जवाब ढूंढना , यह कैसे कर लेते है आप !
यह वाकई मे अद्भुत था । इस अपडेट के लिए आप की जितनी तारीफ की जाए कम है ।

शायद सम्राट शिप से चौदह साल पहले जो शिप बरमूडा ट्राइंगल मे डुब गया था , उस शिप मे ही कलिका की बेटी सफर कर रही होगी । वह लड़की आकृति हो सकती है । वह आकृति जो शलाका का क्लोन धारण कर रखी है ।

दूसरी तरफ सामरा प्रदेश मे व्योम साहब पर कुदरत बहुत ही अधिक मेहरबान हो रखा है । वगैर मांगे छप्पर फाड़ कर कृपा बरसा रहा है । पहले अमृत की प्राप्ति हुई और अब राजकुमारी त्रिकाली का दिल उनपर धड़क गया है ।
मंदिर मे जिस तरह दोनो ने एक दूसरे को रक्षा सूत्र पहनाया , उससे लगता है यह रक्षा सूत्र नही विवाह सूत्र की प्रक्रिया थी ।


इन दो घटनाक्रम के बाद तीसरी तरफ कैस्पर का दिल भी मैग्ना पर मचल उठा है और खास यह है कि यह धड़कन हजारों वर्ष बाद हुआ है । लेकिन सवाल यह है कि मैग्ना है कहां !
कहीं शैफाली ही मैग्ना तो नही ! शैफाली कहीं मैग्ना का पुनर्जन्म तो नही !

कुकुरमुत्ता को छाते की तरह इस्तेमाल करते हुए सुयश साहब और उनकी टीम का तेजाबी बारिश से खुद को रक्षा करना एक और खुबसूरत अपडेट था । पांच लोग बचे हुए हैं और एलेक्स को मिला दिया जाए तो छ लोग । तौफिक साहब की जान जाते जाते बची , लेकिन लगता नही है यह साहब अधिक दिन तक जीवित रह पायेंगे ।
कुछ मिलाकर पांच प्राणी ही सम्राट शिप के जीवित बचेंगे , बशर्ते राइटर साहब ने कुछ खुराफाती न सोच रखा हो ।
ये मिश्रित पांडव जीवित रहने चाहिए पंडित जी ! :D

सभी अपडेट बेहद खुबसूरत थे ।
रोमांच से भरपूर ।
एक अलग तरह की कहानी , एक अद्भुत कहानी ।
और आउटस्टैंडिंग राइटिंग ।

Radhe Radhe guruji,, break pe chala gya tha uske baad is id ka password issue ho gya tha so sign in nahi tha itne time se ab wapas aaya hu to dubara se updates ki demand rakhunga...waise stock to abhi full hai kuch time ke liye so read karta hu

शानदार अपडेट राज भाई

Mst update bro

Nice update....

बड़े दिनों के बाद…
बड़े दिनों के बाद…
कितने सारे दिनों के बाद…
बहुत सारे दिनों के बाद…
चिट्ठी आई है 🎵:musicus:


#141
जल कवच को एकता की शक्ति ने तोड़ दिया। बेहतरीन सोच रही शेफ़ाली की।


#142
अँग्रेज़ी में एक शब्द है “transcend”. वैसे इसका शाब्दिक अर्थ देखें तो इसका अर्थ है ‘ऊँचा उठना’ या ‘सीमाओं के पार जाना’।

लेकिन इस शब्द का दार्शनिक अर्थ बहुत गहरा है। जब मानव अपनी मूलभूत आवश्यकताओं, और इच्छाओं से ऊपर उठ जाता है, तो वो सही मायनों में transcend कर जाता है। मैं यहाँ पोंगा/ढोंगी पीर - साधुओं, नेताओं इत्यादि की बात नहीं कर रहा हूँ। महायोगी शिव भगवान या हनुमान भगवान की भी बात नहीं कर रहा हूँ।

मैं यह कह रहा हूँ कि सामान्य जीवन में भी आप ऐसे लोगों को देख सकते हैं, जिनके लिए भौतिक सुविधाएँ सुख देने के लिए नहीं, बल्कि इस लिए होती हैं कि वो जीवन में कुछ बड़ा कर सके। जेम्स ने जो कुछ देखा, जो कुछ जाना, उससे उसकी भीतरी दृष्टि खुल गई है। इसीलिए अब वो शलाका का संग नहीं छोड़ना चाहता। वापस मानव लोक पर जा कर वो केवल खाली महसूस करेगा (भले ही स्मृति चली जाए)! उसने वो पा लिया है, जिसके सहारे वो transcendence के शिखर तक जा सकता है।

मेलाईट, रोजर, सुर्वया… ये लहन की बौड़ी आकृति ने कितनों को पकड़ के रखा हुआ है!
भला हो सनूरा का, कि इतने लोगों को क़ैद से मुक्ति मिली।


#143
पता चल रहा है कि लुफ़ासा ने ही सनूरा से कहा था रोजर को छुड़ाने के लिए।

कस्तूरी नर कस्तूरी मृग की नाभि के पास मौजूद ग्रंथि (Musk Pod) से प्राप्त होती है। जब यह ग्रंथि पहली बार निकाली जाती है, तब इसकी गंध बहुत तीखी होती है, लेकिन कहते हैं कि समय के साथ यह एक मनमोहक सुगंध में बदल जाती है। शायद इसी कारण से मनुष्य इस पशु के लिए अभिशाप बन गया। कस्तूरी मृग संकटग्रस्त है और विलुप्ति के कगार पर है। हाँलाकि अब इसका शिकार पूरी तरह से प्रतिबंधित है, लेकिन प्रतिदिन संकुचित होते वन क्षेत्रों के कारण इन पर संकट ज्यों का त्यों बना हुआ है।


#144
भाई भाई भाई! कैसे सोच लेते हैं इतना सब कुछ!
कितना जटिल है! वाह वाह वाआआह! ♥️👏👏👏

उड़ने वाली झोपड़ी क्या रूसी (Russian) लोक कथाओं से प्रेरित है? बहुत छोटा था तो मेरे कस्बे में रूसी पुस्तकों की एक प्रदर्शनी लगी थी। वहाँ से हमारे पिता जी दो तीन पुस्तकें ले आए मेरे लिए। उसमें कई कहानियों में एक झोपड़ी का ज़िक्र आता है, जो मुर्गी जैसे पँजों पर टिकी रहती है और चलती और उड़ती है। यह झोपड़ी एक बूढी जादूगरनी, बाबा यागा की होती है। यह झोपड़ी रहस्यमय, जीवित, और अपने आप चलने वाली मानी जाती है।

“यह वो साधारण मनुष्य थे, जिनके पास हिम्मत, विश्वास, बुद्धि, ज्ञान और सबसे बढ़कर कभी ना झुकने का हौसला था।” -- पूरी तरह से सही! ऐसी ही बात रिकी पोंटिंग ने बताई थी अपनी सर्व-विजेता टीम के लिए। यही गुण थे उसकी टीम में। शुरू शुरू में पोंटिंग की टीम में कोई ‘सुपर स्टार’ नहीं था (अगर शेन वार्न, वार्नर, क्लार्क को छोड़ दें)। लेकिन सभी सामान्य खिलाड़ी मिल कर इतने घातक थे, कि लगता ही नहीं था कि वो हार भी सकते हैं। बाद में उन सामान्य खिलाड़ियों का ऐसा हौव्वा बना कि अधिकतर को सुपर स्टार माना जाने लगा।

42 प्रश्नों की प्रश्नमाला! बाप रे! इतने तो सवाल ही नहीं उठे दिमाग में!
हा हा हा हा! 😂

“दोस्तों इन्द्रधनुष के रंगों की मांनिद होती है एक लेखक की रचनाएं। जिस प्रकार इन्द्रधनुष में सात रंग होते हैं, ठीक उसी प्रकार लेखक की रचनाओं में भी सात रंग पाये जाते हैं। हर रंग अपने आप में एक अलग पहचान रखता है।”

जिस तरह से हमको को इन्द्रधनुष में केवल सात रंग “दिखाई देते हैं” - उसी तरह हम पाठकों को भी आपकी रचनात्मकता का केवल सीमित स्पेक्ट्रम ही दिखाई देता है।
आपकी कल्पनाशक्ति असीम है। आपकी लेखनी अद्भुत है।
और हम इस फ़ोरम के अधिकतर पाठक इसको पढ़ने और सराहना करने के योग्य नहीं हैं।

लेकिन लिखते रहें!


#145 और #146
माया - मैग्ना - कैस्पर के छोटे से परिवार को देख कर अच्छा लगा।
ज़ीको घोड़ा कैस्पर की कल्पनाशक्ति से जन्मा है, और महावृक्ष और ड्रेंगो मैग्ना की! लेकिन यह सारा मायाजाल अपने राज भाई की अद्वितीय कल्पनाशक्ति से जन्मे हैं! राज भाई, आपकी सोच के लिए एक शब्द आता है मन में -- geometric thinking! यह तार्किक सोच समझ, मानसिक चित्रण, और बहु-आयामी स्थानिक सोच का मिला जुला भाव है।
♥️♥️👏👏👏👏👏

पुनः आपने मयासुर को माया सभ्यता पर थोप दिया। किस्से कहानी में पढ़ले लिखने के लिए ठीक है, लेकिन पाठक यह समझें कि दोनों का कोई सम्बन्ध नहीं है। ऐसा दावा करने से केवल जग हँसाई ही होती है। उससे भी बड़ा पाप यह है कि ऐसा करने से अन्य सभ्यता और उसकी उपलब्धियों का अनादर ही होता है (सब हमने कर के उनको दिया, तो उन्होंने क्या किया?)।

“माया” सभ्यता का शब्द माया कहाँ से आया है -- यह प्रश्न अक्सर भारतीयों को भ्रमित करता है। क्योंकि “माया” शब्द संस्कृत में भी प्रसिद्ध है, और मध्य अमेरिका की “Maya civilization” का नाम भी वही सुनाई देता है। “Maya” शब्द Yucatec Maya के शब्द “Màayàa’” से आया है, जिसका अर्थ है “माया लोग” या “माया भाषा बोलने वाले लोग”! जब स्पेन से लोग यहाँ आए, तब उन्होंने इस क्षेत्र को “la tierra de los mayas”, यानि “मायाओं की भूमि” कहा, और यही शब्द यूरोपीय भाषाओं में Maya रूप में स्थिर हो गया। मतलब, यह शब्द एक स्वदेशी जातिनाम है, जो उस समाज के लोगों और उनकी भाषा से निकला।

“माया संस्कृति” का भारतीय संस्कृति से लेना देना वैसा ही मिथ्या प्रचार है जैसा कि रशिया = राक्षस, इंग्लैण्ड = अंग देश, अमेरिका = अमर ईका, और ऑस्ट्रेलिया = अस्त्रालय, और वैसे ही कई दुष्प्रचार! दरअसल, यह उन “लोक-व्युत्पत्तियों” (folk etymologies) का बढ़िया उदाहरण है, जहाँ सिर्फ़ शब्द-समानता के आधार पर लोग अर्थ या संबंध गढ़ लेते हैं, जबकि इतिहास, भाषाशास्त्र या संस्कृति में उनका कोई वास्तविक आधार नहीं होता। प्रश्न यह है कि लोग ऐसा क्यों करते हैं? शायद संस्कृति-गौरव की प्रवृत्ति इतनी बलवती होती है कि लोग अपनी भाषा या सभ्यता को प्राचीनतम और सर्वव्यापक सिद्ध करना चाहते हैं। उसके इतर यह भी सत्य है कि रहस्यमय लगने वाले नामों को धार्मिक या पौराणिक अर्थों से जोड़ने की एक मानवीय प्रवृत्ति होती है।

राज भाई, यह सब मैं आपको बुरा भला कहने को नहीं लिख रहा हूँ। यह एक काल्पनिक कथा और काल्पनिक सोच है, और अद्वितीय है। इस कहानी के माध्यम से पाठकों को बहुत कुछ नया जानने समझने का अवसर मिला है। इस बात के लिए आपको साधुवाद! इस कहानी पर या आप पर मैं कोई लाँछन नहीं लगा रहा हूँ। अगर आपको ऐसा महसूस हो, तो अभी से क्षमाप्रार्थी हूँ!

मेरी दिक्कत दूसरी है - दरअसल, आज कल मेरे सब तरफ़ ऐसी मूर्खतापूर्ण बातें करने वाले लोगों की एक बड़ी सेना बन गई है। पढ़े लिखे होने का कोई लाभ ही नहीं दिखता किसी में। तर्क, विवेक, बुद्धि - सब से अलग, केवल साक्षर होते दिख रहे हैं लोग। और साक्षर भी ऐसे कि न हिंदी ठीक से पढ़ सकें, न अंग्रेज़ी! साक्षर ऐसे जो जैसे तैसे केवल “हिंगलिश” पढ़ना जानते हैं। विगत कुछ वर्षों में भारतीयों ने सोच, समझ, बुद्धि और विवेक को न जाने किस गहरे गड्ढे में डाल दिया है। लेकिन जब विदेशों से आई नीम्बू मिर्ची देशज टोटके का रूप ले सकती है, तो कुछ भी संभव है जम्बूद्वीप में। ख़ैर!

Bahut hi shandaar kahani hai ….

Nice update....

Bahut hi gazab ki update he Raj_sharma Bhai

Keshwar to ishwar ban baitha he........

Dekhte he Casper use kaise kaabu kar pata he.........

Keep rocking Bro

शानदार अपडेट 👌👌👌🔥🔥🔥

Bhut hi shandar update bhai
Vah jeev kya tha jisko vulfa ne dekha tha
Vahi suyash and team ne ye paheli bhi lagbhag aadhi complete kar li hai

O teri, kya se kya soch lete ho bhai??
Wo khopdi jo suyesh jhopdi se lekar aaya tha , uska ye upyog hoga kisi ne socha bhi nahi hoga? 😱 octopus ko bhi lapeta aur kankaal ko bhi amazing tarike se niptaya aapne, ab sabhi log agle padaav ki or badh gaye hain, aage kya surprise hai ye dekhne wali baat hogi 🤔 mind blowing Update bhai ji 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻💥💥💥💥👍👌🏻👌🏻💥💥💥

Let’s Review Begins
Issme hum teeno updates ke bache reviews denge.
So, let’s review start!
So start karein! Wulfa ko dikha wo ajeeb insaan toh!
Jaise recent update mein maine padha, uss hisaab se toh wo capsule ke baare mein bataya gaya ki Keshwar ne kisi ko Tilism mein se nikala.

Ab iska matlab kya ho sakta hai?
Keshwar chahta kya hai?

Kya Keshwar mein bhavnayein aa gayi?
Issi liye kahin aisa toh nahi lagta hai ki

Aisa hi socha hai Keshwar ne?
Ab sawaal uthta hai — kya ye akela Keshwar, yaani ki machine ka kaam hai,
ya phir kisi ne kuch chhed-chhaad ki hai Capsule 2.0 ke saath?

Jo bhi ho, ye Keshwar ne story mein ek naya twist lekar aaya hai.
Ab Tilism ko Keshwar aur bhi mushkil banayega!


Maya Ki Baatein Aur Duniya Ka Vikas

Waise, Maya ki baat real mein sahi hi hogi —
kyunki jo jo Maya ne bola tha, wo duniya ke vinash ka path nirdharit kar gaya.
Samjhata hoon kaise
Samay ke saath duniya ko develop karne ki hodd mein hum aage badhte gaye,
lekin aane wale problems ko humne nazarandaaz kar diya.

Pichle 200 saalon mein humne iss duniya ka kaya-kalp kar diya,
lekin iss kaya-kalp mein humne taazi hawa, shaant vatavaran, nature, animals - bahut kuch kho diya.

Aaj hum AI ke uss daur mein aa gaye hain jahan hum artificial brain bana chuke hain.
Artificial body toh humne pehle hi bana rakhi hai machines ke roop mein
bas body aur AI brain milenge,
phir kabhi na kabhi ye AI brains itne trained ho jayenge ki ye humse bhi zyada smart ho jaayenge.


Inmein emotions bhi aayenge, sab seekhenge,
toh obvious hai , humans se roz baat karte karte, ye models bhi unke jaisa sochne, samajhne lagenge.


Phir ek din, in models mein swarth aayega hi sahi.
Kabhi na kabhi ye khud apna control khud le lenge humans se,
aur tab shuru hogi tabahi.


Future Ka Dar Aur Reality Check


Remember - shayad hum sab mar jaayein,
shayad mere aur hum sabke jeeteji samay ye sambhav na ho.
Lekin 200, 500, ya 1000 saal baad humans regret karenge
ki iss khubsurat duniya ke saath humne kya kiya.
Even the world’s richest person ne bhi kaha tha

Hamari manav sabhyata ka vinas hum khud karenge.
Yahi destiny hai — surya niklega,
lekin uska ast bhi hoga.
Humaare haath mein itna toh hai hi ki suryasat ko delay kese kiya jaa sake...

I am not against development,
but I’m against this - ki hum isme itna aage na nikal jaayein
ki piche hamare generations suffer karein.

Well, ye Eternity ki Doosri Side Jisko Duniya ka maseha banna chahta thaa ,


Tilism Aur Suyash Gang

Ab baat karein Tilism ki
toh kaise paar kiya Suyash and gang ne?
Pehla Tilism ab khatarnaak hota ja raha hai
kachua, code.. JAL Pari , Whale kya Dekhna Baki bacha hain

Well code wali Pehle Bahut Kamal se likhi dobara Padha ki Kya Kese samjha Nahi aaya Thaa Mujhe pehle Wo , Chota Sa Object ne pura puzzle Games solve kiya

Ab baat kare maya ne capsure ko kya bataya Jisse wo aage ki taiyaari karega , kahi kuch na kuch To bataya hi hoga .

Overall update Hamesha Ki Tarah shandaar
Well nahi pata kya huwa lekin iss Review me Mujhe Kami lag Rahi Dimag Kuch story ko lekar baat to hai but sabdo ko describe nahi kar Paya Iss Review me Itna , I know Ye Mera over the Top wala Review Nahi hain Isse abhi kaam chala Lo kisi din Isko compensate Review deduga me .


Raj_sharma

बहुत ही शानदार लाजवाब और रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट है भाई मजा आ गया
आखिर सुयश और टीम ने अपनी सुजबुझ और दिलेरी से तिलीस्मा के व्दितीय व्दार के प्रथम चरण पर विजय प्राप्त कर ली
अब देखते हैं आगे क्या होता है

बडा ही अप्रतिम शानदार लाजवाब और रोमांचकारी अपडेट हैं भाई मजा आ गया अब ये ऐण्ड्रोवर्स वाले क्या क्या हंगामा करते हैं पृथ्वी पर और उनके कैद से धरा और मयुर किस तरहा से मुक्ति पातें हैं

Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....

Dynamic update and nice story

romanchak update. 3rd darwaja khas shefali ke liye banaya gaya hai cashver dwara .shefali ko chitiyo ki achchi jaankari hai .dimag ka istemal karke ek chabi hasil ho gayi .chitiyo ke kabiliyat ka sahi se istemal kiya gaya .ab ye blackdog chiti se kaise nipatte hai dekhte hai .kaun ladhega pani me jakar us chiti se .

बहुत ही उम्दा अपडेट है ! एक दम साइंस फिक्शन मूवी लग रही है!

Bhut hi badhiya update Bhai
Tisra darvaja khas shaifali ke liye banaya gya hai
Aur shaifali ne apne dimag ka istemal karke chintiyo ki madad se ek chabhi hasil kar li
Ab aage dhekte hai ye baki chabhiya kese hasil karte hai

Amazing update 🔥🔥🔥

Nice update.....

Bahut hi gazab ki update he Raj_sharma Bhai

Shefali ka dimag aur Christie ki furti ne aadha rasta to paar kar liye he........

Lekin abhi is bulldog chinti se bachna aur chabi lana baaki he.......

Keep rocking Bro

🔥

Awesome update ❤❤

Shaandar update

nice update

Bahut hi gazab ki update he Raj_sharma Bhai

Vega aur Yugaka ki shaktiyo ka strot Mahavriksh he.........

Tobo se ek baat yaad aa gayi.........bachpan me TV par ek advertisement aati thi............

Tobo cycles ki................. mujhe laga ye naam aapne bhi vahi se liya he........

Keep rocking bro

Super hit update and nice story

बहुत ही उम्दा अपडेट है ऐसा लगता है जैसे यह सब कुछ हमारी आँखों के सामने हो रहा है !

Hamesha ki tarah lajawab update.....



Dono ne kafi kuch sikh liya mahavirkhs se

Awesome update bhai

Wonderful update brother ab samajh aaya ki Yugaka ne Shefali sab ko kaise apne tree power ki wajah se pareshan kiya tha, let's see Vega apni power ka kis par kab istemaal karta hai.

Update posted friends 👍
 

Luckyloda

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हमेशा की तरह ही lajawab update. 1 पड़ाव और पार कर लिया इन्होंने.....



#161.

चैपटर-7:
चींटीयों का संसार-2
(तिलिस्मा 3.12)

सुयश के जोश दिलाने के बाद शैफाली फिर से एक नये तरीके से समस्या को समझने की कोशिश करने लगी।

काफी देर सोचने के बाद अचानक शैफाली खड़ी हुई और दूसरे कंटेनर में जा घुसी।

शैफाली ने अब वहां पड़ी, लाल रंग की गेंद को हाथ में उठाकर देखा, वह काफी चिपचिपी थी।

शैफाली एक लाल रंग की गेंद लेकर बाहर आ गई।

“ऐलेक्स भैया लीफ कटर चींटीयों को पानी से वापस बुला लो।” शैफाली ने कहा।

ऐलेक्स ने शैफाली की बात सुन कोई सवाल नहीं किया और सभी लीफ कटर चींटीयों को वापस वहां बुला लिया।

शैफाली ने एक लीफ कटर चींटी के सामने उस लाल रंग की गेंद को रखा।

उस लीफ कटर चींटी ने लाल रंग की गेंद को तुरंत उठा लिया, पर उसने उस गेंद का कुछ किया नहीं। यह देख शैफाली की आँखों की चमक बढ़ गई।

“कैप्टेन अंकल, सभी लाल रंग की गेंदो को आप लोग लीफ कटर चींटीयों को दे दीजिये, फिर मैं आगे बताती हूं।” शैफाली ने कहा।

शैफाली के कहे अनुसार सभी लाल गेंदों को लीफ कटर चींटीयों को दे दिया गया।

यह देख शैफाली ने ऐलेक्स को पुनः सभी लीफ कटर चींटीयों को नदी में मौजूद चाबी के पास भेजने को कहा।

ऐलेक्स ने रिमोट के द्वारा सभी लीफ कटर चींटीयों को वापस नदी में भेज दिया।

सभी चींटीयां धीरे-धीरे आगे बढ़ रहीं थीं, परंतु जैसे ही वह सभी चींटीयां नदी वाली चाबी के पास पहुंची, आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी ने फिर से, उन सभी पर आक्रमण कर दिया।

यह देख शैफाली ने ऐलेक्स को रिमोट पर लगा नीला बटन दबाने को कहा।

ऐलेक्स ने जैसे ही नीला बटन दबाया, हर लीफ कटर चींटी ने, अपने मुंह में पकड़ी लाल रंग की गेंद को, आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी के शरीर पर चिपकाने लगी।

कुछ ही देर में आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी पूरी तरह से लाल रंग की गेंद से ढक गई। अब वह ऐसे छटपटा रही थी, जैसे कि उसे साँस ही ना मिल रही हो।

कुछ ही देर में आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी का शरीर शिथिल पड़ गया।
यह देखकर लीफ कटर चींटीयों ने नदी में मौजूद चाबी को उठाया और वापस नदी से बाहर आ गईं।

शैफाली ने नदी वाली चाबी को लीफ कटर चींटीयों से ले लिया।

“दूसरी चाबी तो मिल गई, पर यह बताओ शैफाली की तुमने कैसे जाना कि आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी इस लाल रंग की गेंद से मारी जायेगी?” सुयश ने मुस्कुराते हुए शैफाली से पूछा।

“कैप्टेन अंकल, आपको पता नहीं होगा, पर चींटीयों के अंदर साँस लेने के लिये फेफड़े नहीं पाये जाते, इनके शरीर पर बहुत से छोटे-छोटे छिद्र होतें हैं, सभी चींटीयां उसी छिद्र से ही साँस लेती हैं। इसी विशेषता के कारण चींटीयां पूरा दिन पानी के अंदर रह सकती हैं। अब मैंने बहुत सोचा कि पानी के अंदर आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी को कैसे मारा जाये, तभी मुझे उस लाल रंग की चिपचिपी गेंद का ख्याल आया।

"एक तो उस लाल गेंद का अभी तक कोई प्रयोग भी नहीं हुआ था, इसलिये मुझे लगा कि अगर सभी लीफ कटर चींटीयां, उस लाल रंग की गेंद को आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी के शरीर पर चिपका दें तो वह साँस नहीं ले पायेगी और मारी जायेगी।”

शैफाली की बात सुन सभी प्रभावित हो गये।

अब शैफाली ने इस चाबी को भी द्वार में लगाकर घुमा दिया। दरवाजे का एक खटका और घूम गया।

उधर सभी लीफ कटर चींटीयां अपना कार्य खत्म करके पिघलने लगीं।

कुछ ही देर में वहां पर, अब एक नीले रंग का द्रव दिखाई दे रहा था, यह देख शैफाली की आँखें थोड़ी सिकुड़ सी गईं, पर उसने किसी से कुछ कहा नहीं।

“कैप्टेन, अब इस रिमोट से नीला बटन भी गायब हो गया है और उसकी जगह पर काले रंग का एक बटन दिखाई दे रहा है।” ऐलेक्स ने सुयश से कहा।

“तौफीक जरा देखना तीसरे कंटेनर में फिर से नयी चींटीयां आ गईं हैं क्या?” सुयश ने तौफीक से कहा।

तौफीक ने तीसरे कंटेनर में झांक कर देखा और फिर बोल उठा- “हां कैप्टेन....इस बार काले रंग की चींटी हैं। पर यह एक ही है और इसके पंख भी हैं।”

तौफीक की बात सुन शैफाली ने भी कंटेनर में झांक कर देखा।

“यह नर चींटी हैं।” शैफाली ने फिर सबको बताते हुए कहा- “रानी चींटीयों के अलावा सिर्फ नर चींटी के ही पंख पाये जाते हैं।”

“इसका मतलब इस बार तीसरी चाबी कहीं हवा में है।” यह कहकर सुयश, सिर उठाकर आसमान की ओर देखने लगा।

आसमान तो नार्मल था, पर आसमान में मौजूद एक सफेद रंग का बादल अपनी जगह पर स्थिर था।

“मुझे लगता है कि तीसरी चाबी उस बादल में है?” सुयश ने बादल की ओर इशारा करते हुए कहा- “क्यों कि आसमान में और कुछ भी ऐसा नहीं है, जिसमें चाबी मौजूद हो और वह बादल बिल्कुल भी हिल नहीं रहा है। ऐलेक्स तुम इस नर चींटी को उस बादल में भेजकर देखो।”

सुयश की बात सुन तौफीक ने नीली रंग की गेंद को खिला कर नर चींटी को सक्रिय कर दिया।

ऐलेक्स ने नर चींटी को आसमान में उड़ा दिया। अब सबकी निगाह उस रिमोट की स्क्रीन पर थी।

ऐलेक्स ने सावधानी वश नर चींटी को अभी बादल पर नहीं उतारा, वह पहले एक बार बादल को चेक करना चाहता था।

ऐलेक्स को बादलों के बीच में एक पत्थर के टुकड़े पर रखी चाबी दिखाई दी, पर उसके आस-पास कोई भी खतरा नजर नहीं आया।

यह देख ऐलेक्स ने रिमोट पर मौजूद काला बटन दबा दिया, बटन के दबाते ही नर चींटी ने उड़ते हुए चाबी को उठा लिया और नीचे आकर ऐलेक्स के हवाले कर दिया।

“अरे वाह, यह चाबी तो बहुत आसानी से मिल गई, मुझे तो लगा था कि बादलों के ऊपर कोई बड़ा खतरा होगा?” जेनिथ ने मुस्कुराते हुए कहा।

सभी चाबी लेकर एक बार फिर द्वार की ओर बढ़ गये, पर किसी की नजर उस बादल से कूदने वाली एक बड़ी सी चींटी की ओर नहीं गई।

वह चींटी आकार में 10 फुट की थी। वह चींटी धीरे-धीरे सभी के पीछे बढने लगी।

ऐलेक्स ने तीसरी चाबी को जैसे ही द्वार में फंसाने की कोशिश की, तभी पीछे से आ रही चींटी ने तेजी से सबसे पीछे मौजूद क्रिस्टी के पैर में काट लिया।

चींटी ने क्रिस्टी को इतना तेजी से काटा कि क्रिस्टी के मुंह से चीख निकल गई। क्रिस्टी की चीख सुन सभी पी छे पलट कर देखने लगे।

सभी की निगाह पीछे जमीन पर गिरकर तड़पती क्रिस्टी पर पड़ी।

सुयश की नजर तेजी से चारो ओर घूमी, अब उसे क्रिस्टी के पीछे खड़ी, वह विशाल चींटी दिखाई दे गई।

“माई गॉड, ये तो बुलेट चींटी है।” शैफाली ने उस चींटी को देखते हुए कहा- “इसका डंक विश्व में सबसे ज्यादा दर्दनाक होता है, यह तो अगर टैरेन्टूला मकड़ी को भी काट ले, तो उसे भी पैरालाइज हो जाता है।
इससे सभी को बचना होगा।”

ऐलेक्स ने तुरंत तीसरी चाबी को अपनी जेब के हवाले कर, चींटी की बिना परवाह किये भागकर, क्रिस्टी के पास पहुंच गया और क्रिस्टी का सिर अपनी गोद में रखकर, उसके पैर को अपनी टी-शर्ट से कसकर बांध दिया।

क्रिस्टी का तड़पना अभी भी जारी था।

तौफीक ने अब पास पड़ा भाला उठा लिया और उस चींटी के सामने इस प्रकार खड़ा हो गया कि चींटी ऐलेक्स तक ना पहुंच पाये।

जेनिथ और शैफाली भी क्रिस्टी के पास पहुंच गईं और उसकी हिम्मत बढ़ाने लगीं।

तभी ऐलेक्स ने धीरे से क्रिस्टी का सिर जेनिथ की गोद में रखा और गुस्से से खड़ा होकर बुलेट चींटी को घूरने लगा।

तभी ऐलेक्स की नजर उस नर चींटी पर पड़ी, जो कि अभी भी वहीं उड़ रही थी।

एक पल के लिये ऐलेक्स ने इधर-उधर देखा। अब ऐलेक्स की नजर उस पहले वाले बंद कंटेनर पर गई।

ऐलेक्स जानता था कि चींटी अपने भार से 50 गुना से भी ज्यादा वजन उठा सकती है।

अब उसने रिमोट से नर चींटी को नियंत्रित करते हुए, उससे वह भारी सा कंटेनर उठवा लिया।

उधर तौफीक लगातार भाले से बुलेट चींटी को सभी से दूर रखे था।

तभी बुलेट चींटी ने अपने क्रिटर्स से भाले को पकड़ दूर फेंक दिया, अब वह खूनी नजरों से घूरती हुई तौफीक की ओर बढ़ने लगी।

तौफीक ने अब अपने पास रखा चाकू निकाल लिया था, पर जब इतने नुकीले भाले से बुलेट चींटी का कुछ नहीं हुआ तो भला वह छोटा सा चाकू क्या करता ?

इस समय बुलेट चींटी का पूरा ध्यान तौफीक की ओर था, तभी ऐलेक्स ने मौके का फायदा उठा करके नर चींटी के द्वारा पकड़ा, भारी कंटेनर उस बुलेट चींटी के ऊपर गिरा दिया।

बुलेट चींटी उस भारी भरकम कंटेनर के नीचे बुरी तरह से दबकर मर गई। उसके शरीर से निकला हल्के पीले रंग का द्रव उस पूरी जगह पर फैल गया।

आखिरकार ऐलेक्स ने क्रिस्टी का बदला ले लिया। बुलेट चींटी के मरते ही नर चींटी के साथ वह रिमोट भी ऐलेक्स के हाथ से गायब हो गया।

शायद दोनों का ही काम अब पूरा हो गया था। ऐलेक्स अब भागकर वापस क्रिस्टी के पास आ गया।

ऐलेक्स की आँखों से अब आँसू निकल रहे थे।

यह देख क्रिस्टी ने कैसे भी करके अपने दर्द पर काबू पाते हुए कहा- “अरे पगले....दर्द तो मुझे हो रहा है, तू क्यों रो रहा है?”

“तुम मुझे ऐसे छोड़कर नहीं जा सकती क्रिस्टी।” ऐलेक्स ने क्रिस्टी के चेहरे को अपने दोनों हाथों से छूते हुए कहा।

अब क्रिस्टी की भी आँखों से आँसू निकलने लगे थे।

शैफाली इस मर्मस्पर्शी दृश्य को देख नहीं पा रही थी, इसलिये वह वहां से उठकर कुछ दूर आ गई।

अब शैफाली की भी आँखों से क्रिस्टी के लिये आँसू बह निकले। उसे पता था कि क्रिस्टी अब नहीं बचेगी, क्यों कि उनके पास मौजूद फर्स्ट एड बॉक्स की दवाइयां भी खत्म हो गईं थीं।

तभी शैफाली की नजर उस ओर गई, जहां लीफ कटर चींटी पिघल गईं थीं। उसे देख अचानक शैफाली को कुछ याद आया।

वह भागकर उस स्थान पर पहुंच गई। उस स्थान पर लीफ कटर चींटी के मरने के बाद नीले रंग का द्रव बिखरा हुआ था।

शैफाली ने अपनी दोनों अंजुली को एक कर उसमें वह नीला द्रव जितना भर सकता था, भर लिया और भागकर वह क्रिस्टी के पास पहुंच गई।

“अब तुम्हें कुछ नहीं होगा क्रिस्टी दीदी।” शैफाली ने यह कहकर क्रिस्टी के पैर में उस जगह वह पूरा द्रव लगा दिया, जिस जगह बुलेट चींटी ने क्रिस्टी को काटा था।

सभी आश्चर्य से शैफाली की ओर देखने लगे।

“यह लीफ कटर चींटी के शरीर में पाया जाने वाला ‘एंटी बायोटिक’ है, यह हर प्रकार के जहर को काटने में सक्षम है, शायद इसी वजह से लीफ कटर चींटीयों का काम खत्म हो जाने के बाद भी, वह गायब ना
होकर पिघल गईं थीं। अब क्रिस्टी दीदी कुछ ही देर में सही हो जायेंगी।” शैफाली ने सभी को समझाते हुए कहा।

यह सुनकर ऐलेक्स ने शैफाली को गले से लगा लिया। यह बहुत ही भावनात्मक अंदाज था ऐलेक्स का।

थोड़ी ही देर में क्रिस्टी के शरीर का पूरा दर्द खत्म हो गया और वह उठकर बैठ गई।

“अब सबकुछ सही हो गया हो, तो कोई जरा उस तीसरी चाबी को भी द्वार में फिट कर दो।” सुयश ने मुस्कुराते हुए कहा।

ऐलेक्स ने अपनी जेब में रखी तीसरी चाबी को द्वार में फंसा कर घुमा दिया। तीसरी चाबी भी द्वार में फिट हो गई।

चाबी के फिट होते ही पुनः एक जोर की गड़गड़ाहट हुई, पर यह गड़गड़ाहट थी रानी चींटी के जिंदा होने की।

रानी चींटी को जिंदा होते देख सभी की साँस फूल गई।

“बेड़ा गर्क....बुलेट चींटी ने ही इतना हंगामा कर दिया था और अब तो ये भी जाग गई, अब भगवान जाने क्या होगा?” ऐलेक्स ने रानी चींटी को घूरते हुए कहा।

“कुछ नहीं होगा...आप लोग परेशान मत होइये।” शैफाली ने सभी को जोश दिलाते हुए कहा- “चींटीयों को दिखाई नहीं देता, वह सिर्फ अपने से 2 फुट तक की दूरी को महसूस कर सकती हैं, इस रानी चींटी का
आकार साधारण चींटी से काफी बड़ा है, मतलब ये ज्यादा से ज्यादा 10 से 15 फुट तक ही महसूस कर सकती होगी। इसलिये सब लोग अलग-अलग होकर इससे दूर रहने की कोशिश करो, तब तक मैं इसका कोई उपाय सोचती हूं।”

तभी रानी चींटी ने अपने पंख फड़फड़ाये और एक जोर की उड़ान भरी।

“शैफाली लगता है कि तुम इसके उड़ने की क्षमता को भूल गई।” जेनिथ ने शैफाली से कहा- “उड़कर तो यह हमको कहीं से भी ढूंढ लेगी।”

“रुको पहले मैं इसके उड़ने की क्षमता का खत्म करता हूं।” यह कहकर तौफीक ने अपने हाथ में थमा भाला जोर से हवा में उछाला।

भाला रानी चींटी के पंखों को भेदता हुआ दूर जा गिरा और इसी के साथ रानी चींटी के दोनों पंख उसके शरीर से अलग हो गए।

“वाह! क्या बात है। मजा आ गया।” ऐलक्स ने तौफीक का निशाना देख, एक उत्साह भरी आवाज निकाली।

रानी चींटी अब जमीन पर आ गिरी थी और वह अब बहुत ज्यादा हिंसक नजर आ रही थी।

यह देख सभी रानी चींटी से दूरी बनाते हुए अलग-अलग दिशा में बिखर गये।

तौफीक धीरे-धीरे चलता हुआ वापस भाले तक जा पहुंचा और भाले से रानी चींटी के पंखों को अलग कर, दबे पाँव रानी चींटी की ओर बढ़ने लगा।

पर अभी तौफीक रानी चींटी से काफी दूर ही था कि तभी रानी चींटी को तौफीक की आहट लग गई और वह तेजी से उस दिशा में आगे बढ़कर तौफीक की ओर झपटी।

तौफीक ने किसी तरह से स्वयं को बचाया और रानी चींटी पर भाले का वार कर दिया, परंतु उस भाले का रानी चींटी पर कोई असर नहीं हुआ।

“तौफीक अंकल रानी चींटी से दूर रहिये।” शैफाली ने चीखकर तौफीक को चेतावनी दी- “एक तो उस की ऊपरी सतह पर भाले का कोई असर नहीं हो रहा और वह बहुत ज्यादा दूरी से आपको सूंघ ले रही है। ऐसे में आप उसे नहीं मार पायेंगे।”

शैफाली की बात सुनकर तौफीक रानी चींटी से दूर हट गया।

शैफाली की निगाह फिर से चारों ओर घूमी। अब उसकी निगाहें उस जगह जाकर रुकीं, जहां बुलेट चींटी मरी थी।

बुलेट चींटी के मरने के बाद, उससे निकला हल्के पीले रंग का द्रव अब भी वहां बिखरा हुआ था।

यह देख शैफाली ने चीखकर सुयश से कहा- “कैप्टेन अंकल इस रानी चींटी को मारने का तरीका तो मिल गया, पर वह तरीका बहुत ही खतरनाक है।”

“तुम तरीका बताओ शैफाली, हम देखते हैं कि उसे कैसे करना है?” सुयश ने भी रानी चींटी से बचते हुए चीखकर कहा।

“चींटीयों के मरने के बाद उनके शरीर से ‘ओलिक एसिड’ निकलता है। जिसे सूंघकर दूसरी चींटीयां जान जाती हैं कि वह चींटी मर गई। अब अगर यह ओलिक एसिड किसी जिन्दा चींटी पर भी गिर जाये तो सभी चींटीयां उसे भी मरा समझ लेती हैं। अब आते हैं इस रानी चींटी पर....इसके शरीर की ऊपरी त्वचा बहुत ज्यादा कठोर है, इसलिये भाले का उस पर कोई असर नहीं हो रहा।
"तो अगर कोई इसके शरीर के नीचे से इस पर भाले का प्रहार करे, तो यह अवश्य ही मर जायेगी, अब साधारण परिस्थितियों में इसके शरीर के निचले भाग के पास पहुंचना बहुत मुश्किल है, पर अगर हममें से कोई उस बुलेट चींटी के शरीर से निकले द्रव को अपने शरीर पर लगा ले, तो रानी चींटी उसे भी मरा समझेगी और उसे कुछ नहीं कहेगी, ऐसी स्थिति में वह इंसान रानी चींटी के शरीर के निचले हिस्से पर वार कर सकेगा।”

शैफाली का प्लान बहुत अच्छा था, पर सुयश अब किसी और को खतरे में नहीं डालना चाहता था, इसलिये इस काम को उसने स्वयं करने के लिये कहा।

अब पहले सभी ने रानी चींटी का ध्यान अपनी ओर किया, जिससे सुयश ने बुलेट चींटी के शरीर से निकले द्रव को अपने शरीर पर, पूरी तरह से लगा लिया और अपने हाथ में भाले को लेकर वहीं जमीन पर लेट गया।

अब तौफीक ने रानी चींटी का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कर सुयश की ओर तेजी से भागा।

रानी चींटी सुयश की ओर बढ़ी। सभी के दिल तेजी से धड़क रहे थे।

रानी चींटी ने पास पहुंचकर सुयश के शरीर को सूंघा, और फिर उसे छोड़कर जैसे ही आगे बढ़ने चली, सुयश ने अपनी पूरी ताकत से भाले को रानी चींटी के शरीर के निचले हिस्से में घुसाकर उसका पूरा पेट ही फाड़ दिया।

बहुत सारा गंदा द्रव सुयश के ऊपर आ गिरा।

रानी चींटी चिंघाड़ते हुए कुछ दूर जाकर गिर गई।

सुयश ने उठकर अपने कपड़ों को झटक कर साफ किया, तभी सुयश की निगाह सामने पड़ी, चौथी चाबी की ओर गई, जो कि रानी चींटी के पेट में थी और उसका पेट फट जाने की वजह से बाहर आकर गिर गई
थी।

सुयश ने मुस्कुराकर सभी को चौथी चाबी दिखाई और आगे बढ़कर उस चाबी को भी द्वार में लगाकर घुमा दिया।

इस बार एक तेज गड़गड़ाहट के साथ तिलिस्मा का वह द्वार खुल गया।

सभी उस द्वार के अंदर प्रवेश कर गये।


जारी रहेगा______:writing:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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हमेशा की तरह ही lajawab update. 1 पड़ाव और पार कर लिया इन्होंने.....
Padaav to paar hone hi hai bhai, dekhne wali baat ye hai ki kaise? 🤔 Thanks for your valuable review bhai :thankyou:
 

dhalchandarun

[Death is the most beautiful thing.]
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#161.

चैपटर-7:
चींटीयों का संसार-2
(तिलिस्मा 3.12)

सुयश के जोश दिलाने के बाद शैफाली फिर से एक नये तरीके से समस्या को समझने की कोशिश करने लगी।

काफी देर सोचने के बाद अचानक शैफाली खड़ी हुई और दूसरे कंटेनर में जा घुसी।

शैफाली ने अब वहां पड़ी, लाल रंग की गेंद को हाथ में उठाकर देखा, वह काफी चिपचिपी थी।

शैफाली एक लाल रंग की गेंद लेकर बाहर आ गई।

“ऐलेक्स भैया लीफ कटर चींटीयों को पानी से वापस बुला लो।” शैफाली ने कहा।

ऐलेक्स ने शैफाली की बात सुन कोई सवाल नहीं किया और सभी लीफ कटर चींटीयों को वापस वहां बुला लिया।

शैफाली ने एक लीफ कटर चींटी के सामने उस लाल रंग की गेंद को रखा।

उस लीफ कटर चींटी ने लाल रंग की गेंद को तुरंत उठा लिया, पर उसने उस गेंद का कुछ किया नहीं। यह देख शैफाली की आँखों की चमक बढ़ गई।

“कैप्टेन अंकल, सभी लाल रंग की गेंदो को आप लोग लीफ कटर चींटीयों को दे दीजिये, फिर मैं आगे बताती हूं।” शैफाली ने कहा।

शैफाली के कहे अनुसार सभी लाल गेंदों को लीफ कटर चींटीयों को दे दिया गया।

यह देख शैफाली ने ऐलेक्स को पुनः सभी लीफ कटर चींटीयों को नदी में मौजूद चाबी के पास भेजने को कहा।

ऐलेक्स ने रिमोट के द्वारा सभी लीफ कटर चींटीयों को वापस नदी में भेज दिया।

सभी चींटीयां धीरे-धीरे आगे बढ़ रहीं थीं, परंतु जैसे ही वह सभी चींटीयां नदी वाली चाबी के पास पहुंची, आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी ने फिर से, उन सभी पर आक्रमण कर दिया।

यह देख शैफाली ने ऐलेक्स को रिमोट पर लगा नीला बटन दबाने को कहा।

ऐलेक्स ने जैसे ही नीला बटन दबाया, हर लीफ कटर चींटी ने, अपने मुंह में पकड़ी लाल रंग की गेंद को, आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी के शरीर पर चिपकाने लगी।

कुछ ही देर में आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी पूरी तरह से लाल रंग की गेंद से ढक गई। अब वह ऐसे छटपटा रही थी, जैसे कि उसे साँस ही ना मिल रही हो।

कुछ ही देर में आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी का शरीर शिथिल पड़ गया।
यह देखकर लीफ कटर चींटीयों ने नदी में मौजूद चाबी को उठाया और वापस नदी से बाहर आ गईं।

शैफाली ने नदी वाली चाबी को लीफ कटर चींटीयों से ले लिया।

“दूसरी चाबी तो मिल गई, पर यह बताओ शैफाली की तुमने कैसे जाना कि आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी इस लाल रंग की गेंद से मारी जायेगी?” सुयश ने मुस्कुराते हुए शैफाली से पूछा।

“कैप्टेन अंकल, आपको पता नहीं होगा, पर चींटीयों के अंदर साँस लेने के लिये फेफड़े नहीं पाये जाते, इनके शरीर पर बहुत से छोटे-छोटे छिद्र होतें हैं, सभी चींटीयां उसी छिद्र से ही साँस लेती हैं। इसी विशेषता के कारण चींटीयां पूरा दिन पानी के अंदर रह सकती हैं। अब मैंने बहुत सोचा कि पानी के अंदर आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी को कैसे मारा जाये, तभी मुझे उस लाल रंग की चिपचिपी गेंद का ख्याल आया।

"एक तो उस लाल गेंद का अभी तक कोई प्रयोग भी नहीं हुआ था, इसलिये मुझे लगा कि अगर सभी लीफ कटर चींटीयां, उस लाल रंग की गेंद को आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी के शरीर पर चिपका दें तो वह साँस नहीं ले पायेगी और मारी जायेगी।”

शैफाली की बात सुन सभी प्रभावित हो गये।

अब शैफाली ने इस चाबी को भी द्वार में लगाकर घुमा दिया। दरवाजे का एक खटका और घूम गया।

उधर सभी लीफ कटर चींटीयां अपना कार्य खत्म करके पिघलने लगीं।

कुछ ही देर में वहां पर, अब एक नीले रंग का द्रव दिखाई दे रहा था, यह देख शैफाली की आँखें थोड़ी सिकुड़ सी गईं, पर उसने किसी से कुछ कहा नहीं।

“कैप्टेन, अब इस रिमोट से नीला बटन भी गायब हो गया है और उसकी जगह पर काले रंग का एक बटन दिखाई दे रहा है।” ऐलेक्स ने सुयश से कहा।

“तौफीक जरा देखना तीसरे कंटेनर में फिर से नयी चींटीयां आ गईं हैं क्या?” सुयश ने तौफीक से कहा।

तौफीक ने तीसरे कंटेनर में झांक कर देखा और फिर बोल उठा- “हां कैप्टेन....इस बार काले रंग की चींटी हैं। पर यह एक ही है और इसके पंख भी हैं।”

तौफीक की बात सुन शैफाली ने भी कंटेनर में झांक कर देखा।

“यह नर चींटी हैं।” शैफाली ने फिर सबको बताते हुए कहा- “रानी चींटीयों के अलावा सिर्फ नर चींटी के ही पंख पाये जाते हैं।”

“इसका मतलब इस बार तीसरी चाबी कहीं हवा में है।” यह कहकर सुयश, सिर उठाकर आसमान की ओर देखने लगा।

आसमान तो नार्मल था, पर आसमान में मौजूद एक सफेद रंग का बादल अपनी जगह पर स्थिर था।

“मुझे लगता है कि तीसरी चाबी उस बादल में है?” सुयश ने बादल की ओर इशारा करते हुए कहा- “क्यों कि आसमान में और कुछ भी ऐसा नहीं है, जिसमें चाबी मौजूद हो और वह बादल बिल्कुल भी हिल नहीं रहा है। ऐलेक्स तुम इस नर चींटी को उस बादल में भेजकर देखो।”

सुयश की बात सुन तौफीक ने नीली रंग की गेंद को खिला कर नर चींटी को सक्रिय कर दिया।

ऐलेक्स ने नर चींटी को आसमान में उड़ा दिया। अब सबकी निगाह उस रिमोट की स्क्रीन पर थी।

ऐलेक्स ने सावधानी वश नर चींटी को अभी बादल पर नहीं उतारा, वह पहले एक बार बादल को चेक करना चाहता था।

ऐलेक्स को बादलों के बीच में एक पत्थर के टुकड़े पर रखी चाबी दिखाई दी, पर उसके आस-पास कोई भी खतरा नजर नहीं आया।

यह देख ऐलेक्स ने रिमोट पर मौजूद काला बटन दबा दिया, बटन के दबाते ही नर चींटी ने उड़ते हुए चाबी को उठा लिया और नीचे आकर ऐलेक्स के हवाले कर दिया।

“अरे वाह, यह चाबी तो बहुत आसानी से मिल गई, मुझे तो लगा था कि बादलों के ऊपर कोई बड़ा खतरा होगा?” जेनिथ ने मुस्कुराते हुए कहा।

सभी चाबी लेकर एक बार फिर द्वार की ओर बढ़ गये, पर किसी की नजर उस बादल से कूदने वाली एक बड़ी सी चींटी की ओर नहीं गई।

वह चींटी आकार में 10 फुट की थी। वह चींटी धीरे-धीरे सभी के पीछे बढने लगी।

ऐलेक्स ने तीसरी चाबी को जैसे ही द्वार में फंसाने की कोशिश की, तभी पीछे से आ रही चींटी ने तेजी से सबसे पीछे मौजूद क्रिस्टी के पैर में काट लिया।

चींटी ने क्रिस्टी को इतना तेजी से काटा कि क्रिस्टी के मुंह से चीख निकल गई। क्रिस्टी की चीख सुन सभी पी छे पलट कर देखने लगे।

सभी की निगाह पीछे जमीन पर गिरकर तड़पती क्रिस्टी पर पड़ी।

सुयश की नजर तेजी से चारो ओर घूमी, अब उसे क्रिस्टी के पीछे खड़ी, वह विशाल चींटी दिखाई दे गई।

“माई गॉड, ये तो बुलेट चींटी है।” शैफाली ने उस चींटी को देखते हुए कहा- “इसका डंक विश्व में सबसे ज्यादा दर्दनाक होता है, यह तो अगर टैरेन्टूला मकड़ी को भी काट ले, तो उसे भी पैरालाइज हो जाता है।
इससे सभी को बचना होगा।”

ऐलेक्स ने तुरंत तीसरी चाबी को अपनी जेब के हवाले कर, चींटी की बिना परवाह किये भागकर, क्रिस्टी के पास पहुंच गया और क्रिस्टी का सिर अपनी गोद में रखकर, उसके पैर को अपनी टी-शर्ट से कसकर बांध दिया।

क्रिस्टी का तड़पना अभी भी जारी था।

तौफीक ने अब पास पड़ा भाला उठा लिया और उस चींटी के सामने इस प्रकार खड़ा हो गया कि चींटी ऐलेक्स तक ना पहुंच पाये।

जेनिथ और शैफाली भी क्रिस्टी के पास पहुंच गईं और उसकी हिम्मत बढ़ाने लगीं।

तभी ऐलेक्स ने धीरे से क्रिस्टी का सिर जेनिथ की गोद में रखा और गुस्से से खड़ा होकर बुलेट चींटी को घूरने लगा।

तभी ऐलेक्स की नजर उस नर चींटी पर पड़ी, जो कि अभी भी वहीं उड़ रही थी।

एक पल के लिये ऐलेक्स ने इधर-उधर देखा। अब ऐलेक्स की नजर उस पहले वाले बंद कंटेनर पर गई।

ऐलेक्स जानता था कि चींटी अपने भार से 50 गुना से भी ज्यादा वजन उठा सकती है।

अब उसने रिमोट से नर चींटी को नियंत्रित करते हुए, उससे वह भारी सा कंटेनर उठवा लिया।

उधर तौफीक लगातार भाले से बुलेट चींटी को सभी से दूर रखे था।

तभी बुलेट चींटी ने अपने क्रिटर्स से भाले को पकड़ दूर फेंक दिया, अब वह खूनी नजरों से घूरती हुई तौफीक की ओर बढ़ने लगी।

तौफीक ने अब अपने पास रखा चाकू निकाल लिया था, पर जब इतने नुकीले भाले से बुलेट चींटी का कुछ नहीं हुआ तो भला वह छोटा सा चाकू क्या करता ?

इस समय बुलेट चींटी का पूरा ध्यान तौफीक की ओर था, तभी ऐलेक्स ने मौके का फायदा उठा करके नर चींटी के द्वारा पकड़ा, भारी कंटेनर उस बुलेट चींटी के ऊपर गिरा दिया।

बुलेट चींटी उस भारी भरकम कंटेनर के नीचे बुरी तरह से दबकर मर गई। उसके शरीर से निकला हल्के पीले रंग का द्रव उस पूरी जगह पर फैल गया।

आखिरकार ऐलेक्स ने क्रिस्टी का बदला ले लिया। बुलेट चींटी के मरते ही नर चींटी के साथ वह रिमोट भी ऐलेक्स के हाथ से गायब हो गया।

शायद दोनों का ही काम अब पूरा हो गया था। ऐलेक्स अब भागकर वापस क्रिस्टी के पास आ गया।

ऐलेक्स की आँखों से अब आँसू निकल रहे थे।

यह देख क्रिस्टी ने कैसे भी करके अपने दर्द पर काबू पाते हुए कहा- “अरे पगले....दर्द तो मुझे हो रहा है, तू क्यों रो रहा है?”

“तुम मुझे ऐसे छोड़कर नहीं जा सकती क्रिस्टी।” ऐलेक्स ने क्रिस्टी के चेहरे को अपने दोनों हाथों से छूते हुए कहा।

अब क्रिस्टी की भी आँखों से आँसू निकलने लगे थे।

शैफाली इस मर्मस्पर्शी दृश्य को देख नहीं पा रही थी, इसलिये वह वहां से उठकर कुछ दूर आ गई।

अब शैफाली की भी आँखों से क्रिस्टी के लिये आँसू बह निकले। उसे पता था कि क्रिस्टी अब नहीं बचेगी, क्यों कि उनके पास मौजूद फर्स्ट एड बॉक्स की दवाइयां भी खत्म हो गईं थीं।

तभी शैफाली की नजर उस ओर गई, जहां लीफ कटर चींटी पिघल गईं थीं। उसे देख अचानक शैफाली को कुछ याद आया।

वह भागकर उस स्थान पर पहुंच गई। उस स्थान पर लीफ कटर चींटी के मरने के बाद नीले रंग का द्रव बिखरा हुआ था।

शैफाली ने अपनी दोनों अंजुली को एक कर उसमें वह नीला द्रव जितना भर सकता था, भर लिया और भागकर वह क्रिस्टी के पास पहुंच गई।

“अब तुम्हें कुछ नहीं होगा क्रिस्टी दीदी।” शैफाली ने यह कहकर क्रिस्टी के पैर में उस जगह वह पूरा द्रव लगा दिया, जिस जगह बुलेट चींटी ने क्रिस्टी को काटा था।

सभी आश्चर्य से शैफाली की ओर देखने लगे।

“यह लीफ कटर चींटी के शरीर में पाया जाने वाला ‘एंटी बायोटिक’ है, यह हर प्रकार के जहर को काटने में सक्षम है, शायद इसी वजह से लीफ कटर चींटीयों का काम खत्म हो जाने के बाद भी, वह गायब ना
होकर पिघल गईं थीं। अब क्रिस्टी दीदी कुछ ही देर में सही हो जायेंगी।” शैफाली ने सभी को समझाते हुए कहा।

यह सुनकर ऐलेक्स ने शैफाली को गले से लगा लिया। यह बहुत ही भावनात्मक अंदाज था ऐलेक्स का।

थोड़ी ही देर में क्रिस्टी के शरीर का पूरा दर्द खत्म हो गया और वह उठकर बैठ गई।

“अब सबकुछ सही हो गया हो, तो कोई जरा उस तीसरी चाबी को भी द्वार में फिट कर दो।” सुयश ने मुस्कुराते हुए कहा।

ऐलेक्स ने अपनी जेब में रखी तीसरी चाबी को द्वार में फंसा कर घुमा दिया। तीसरी चाबी भी द्वार में फिट हो गई।

चाबी के फिट होते ही पुनः एक जोर की गड़गड़ाहट हुई, पर यह गड़गड़ाहट थी रानी चींटी के जिंदा होने की।

रानी चींटी को जिंदा होते देख सभी की साँस फूल गई।

“बेड़ा गर्क....बुलेट चींटी ने ही इतना हंगामा कर दिया था और अब तो ये भी जाग गई, अब भगवान जाने क्या होगा?” ऐलेक्स ने रानी चींटी को घूरते हुए कहा।

“कुछ नहीं होगा...आप लोग परेशान मत होइये।” शैफाली ने सभी को जोश दिलाते हुए कहा- “चींटीयों को दिखाई नहीं देता, वह सिर्फ अपने से 2 फुट तक की दूरी को महसूस कर सकती हैं, इस रानी चींटी का
आकार साधारण चींटी से काफी बड़ा है, मतलब ये ज्यादा से ज्यादा 10 से 15 फुट तक ही महसूस कर सकती होगी। इसलिये सब लोग अलग-अलग होकर इससे दूर रहने की कोशिश करो, तब तक मैं इसका कोई उपाय सोचती हूं।”

तभी रानी चींटी ने अपने पंख फड़फड़ाये और एक जोर की उड़ान भरी।

“शैफाली लगता है कि तुम इसके उड़ने की क्षमता को भूल गई।” जेनिथ ने शैफाली से कहा- “उड़कर तो यह हमको कहीं से भी ढूंढ लेगी।”

“रुको पहले मैं इसके उड़ने की क्षमता का खत्म करता हूं।” यह कहकर तौफीक ने अपने हाथ में थमा भाला जोर से हवा में उछाला।

भाला रानी चींटी के पंखों को भेदता हुआ दूर जा गिरा और इसी के साथ रानी चींटी के दोनों पंख उसके शरीर से अलग हो गए।

“वाह! क्या बात है। मजा आ गया।” ऐलक्स ने तौफीक का निशाना देख, एक उत्साह भरी आवाज निकाली।

रानी चींटी अब जमीन पर आ गिरी थी और वह अब बहुत ज्यादा हिंसक नजर आ रही थी।

यह देख सभी रानी चींटी से दूरी बनाते हुए अलग-अलग दिशा में बिखर गये।

तौफीक धीरे-धीरे चलता हुआ वापस भाले तक जा पहुंचा और भाले से रानी चींटी के पंखों को अलग कर, दबे पाँव रानी चींटी की ओर बढ़ने लगा।

पर अभी तौफीक रानी चींटी से काफी दूर ही था कि तभी रानी चींटी को तौफीक की आहट लग गई और वह तेजी से उस दिशा में आगे बढ़कर तौफीक की ओर झपटी।

तौफीक ने किसी तरह से स्वयं को बचाया और रानी चींटी पर भाले का वार कर दिया, परंतु उस भाले का रानी चींटी पर कोई असर नहीं हुआ।

“तौफीक अंकल रानी चींटी से दूर रहिये।” शैफाली ने चीखकर तौफीक को चेतावनी दी- “एक तो उस की ऊपरी सतह पर भाले का कोई असर नहीं हो रहा और वह बहुत ज्यादा दूरी से आपको सूंघ ले रही है। ऐसे में आप उसे नहीं मार पायेंगे।”

शैफाली की बात सुनकर तौफीक रानी चींटी से दूर हट गया।

शैफाली की निगाह फिर से चारों ओर घूमी। अब उसकी निगाहें उस जगह जाकर रुकीं, जहां बुलेट चींटी मरी थी।

बुलेट चींटी के मरने के बाद, उससे निकला हल्के पीले रंग का द्रव अब भी वहां बिखरा हुआ था।

यह देख शैफाली ने चीखकर सुयश से कहा- “कैप्टेन अंकल इस रानी चींटी को मारने का तरीका तो मिल गया, पर वह तरीका बहुत ही खतरनाक है।”

“तुम तरीका बताओ शैफाली, हम देखते हैं कि उसे कैसे करना है?” सुयश ने भी रानी चींटी से बचते हुए चीखकर कहा।

“चींटीयों के मरने के बाद उनके शरीर से ‘ओलिक एसिड’ निकलता है। जिसे सूंघकर दूसरी चींटीयां जान जाती हैं कि वह चींटी मर गई। अब अगर यह ओलिक एसिड किसी जिन्दा चींटी पर भी गिर जाये तो सभी चींटीयां उसे भी मरा समझ लेती हैं। अब आते हैं इस रानी चींटी पर....इसके शरीर की ऊपरी त्वचा बहुत ज्यादा कठोर है, इसलिये भाले का उस पर कोई असर नहीं हो रहा।
"तो अगर कोई इसके शरीर के नीचे से इस पर भाले का प्रहार करे, तो यह अवश्य ही मर जायेगी, अब साधारण परिस्थितियों में इसके शरीर के निचले भाग के पास पहुंचना बहुत मुश्किल है, पर अगर हममें से कोई उस बुलेट चींटी के शरीर से निकले द्रव को अपने शरीर पर लगा ले, तो रानी चींटी उसे भी मरा समझेगी और उसे कुछ नहीं कहेगी, ऐसी स्थिति में वह इंसान रानी चींटी के शरीर के निचले हिस्से पर वार कर सकेगा।”

शैफाली का प्लान बहुत अच्छा था, पर सुयश अब किसी और को खतरे में नहीं डालना चाहता था, इसलिये इस काम को उसने स्वयं करने के लिये कहा।

अब पहले सभी ने रानी चींटी का ध्यान अपनी ओर किया, जिससे सुयश ने बुलेट चींटी के शरीर से निकले द्रव को अपने शरीर पर, पूरी तरह से लगा लिया और अपने हाथ में भाले को लेकर वहीं जमीन पर लेट गया।

अब तौफीक ने रानी चींटी का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कर सुयश की ओर तेजी से भागा।

रानी चींटी सुयश की ओर बढ़ी। सभी के दिल तेजी से धड़क रहे थे।

रानी चींटी ने पास पहुंचकर सुयश के शरीर को सूंघा, और फिर उसे छोड़कर जैसे ही आगे बढ़ने चली, सुयश ने अपनी पूरी ताकत से भाले को रानी चींटी के शरीर के निचले हिस्से में घुसाकर उसका पूरा पेट ही फाड़ दिया।

बहुत सारा गंदा द्रव सुयश के ऊपर आ गिरा।

रानी चींटी चिंघाड़ते हुए कुछ दूर जाकर गिर गई।

सुयश ने उठकर अपने कपड़ों को झटक कर साफ किया, तभी सुयश की निगाह सामने पड़ी, चौथी चाबी की ओर गई, जो कि रानी चींटी के पेट में थी और उसका पेट फट जाने की वजह से बाहर आकर गिर गई
थी।

सुयश ने मुस्कुराकर सभी को चौथी चाबी दिखाई और आगे बढ़कर उस चाबी को भी द्वार में लगाकर घुमा दिया।

इस बार एक तेज गड़गड़ाहट के साथ तिलिस्मा का वह द्वार खुल गया।

सभी उस द्वार के अंदर प्रवेश कर गये।


जारी रहेगा______:writing:
Wow! Australia chinti, rani chinti aur bullet chinti sabhi ka beda gark ho gaya aur Shefali and Suyash ki team new door mein chale gaye hain, update kaphi sare information se bhara hua tha, wonderful update brother.
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Wow! Australia chinti, rani chinti aur bullet chinti sabhi ka beda gark ho gaya aur Shefali and Suyash ki team new door mein chale gaye hain, update kaphi sare information se bhara hua tha, wonderful update brother.
Aise hi information aur bhi milti rahegi mitra, sath bane rahiye, Thank you very much for your wonderful review and superb support bhai :hug:
 

Avaran

एवरन -Eternal
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शुभआरमभ

वेगा और युगाका की पावर कैसे ऑरिजिन हुई उसका राज़ अब मालूम चल गया, लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि इनकी पावर का ऑरिजिन अगर बताया गया है, तो इसका मतलब सीधा ये है कि इनकी पावर्स आगे कुछ करामाती करने वाली हैं जिसे समझने के लिए पावर का नॉलेज अभी दिया गया है।


साथ ही वेगा के पिताजी क्लाट की पावर्स सीक्रेट हैं, जिसका अभी राज़ सामने नहीं आया मतलब हम सबको सरप्राइज़ होने की संभावना है।


साथ ही मेगना की क्रिएशन महावृक्ष इतना पावर होल्ड करता होगा ये मालूम नहीं था। इसका मतलब महावृक्ष खुद में एक पावरफुल एंटिटी है। क्या महावृक्ष के पावर देने से हम ये समझें कि वो केवल काबिल व्यक्ति को ही वो पावर्स दे सकता है


सपनों की दुनिया शानदार थी।


अगर वेगा की पावर्स की बात करें सम्मोहन, दुश्मन से उसके राज़ निकालना और दुश्मन के क़िले में चिंगारी भड़काना ये फुल-फ्लेज्ड वॉर वाली पावर नहीं हैं, लेकिन अगर स्मार्टनेस से लड़ा जाए तो बेहद यूज़फुल हैं।


अब आइडिया आ गया कि युगाका की पावर उस समय शेफाली की पावर के सामने क्यों नहीं चली क्योंकि महावृक्ष युगाका की पावर का ओरिजिन था, और महावृक्ष को बनाया था शेफाली ने, तो युगाका की पावर उसके सामने कैसे काम करती|


ओवरऑल हमेशा की तरह शानदार अपडेट!
 

Avaran

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ऐंट वर्ल्ड अपडेट रिव्यू

इंटरेस्टिंग इंटरेस्टिंग मानना पड़ेगा इस अपडेट में सच में बहुत रिसर्च की गई है। रानी चींटी, बुलेट चींटी, ऑस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी, सफेद पंखों वाली चींटी, लीफ कट्टर, फायर ऐंट्स भाई, इतनी सारी चींटियाँ होती हैं, मैंने तो अब तक सिर्फ तीन ही देखी थीं लाल, काली, और लाल पंखों वाली

साथ ही जब क्रिस्टी को देखा तो सच में चौंक गया क्या हो गया उसे लेकिन वो चींटियों के लिक्विड ने बचा लिया, एक पल के लिए सच में लगा कि क्रिस्टी का खेल खत्म हो गया।

सच कहूँ तो इस स्टोरी से हर बार कुछ नया जानने को मिलता है। इतनी सारी चींटियों के बारे में पढ़कर तो जिज्ञासा के चलते मैंने खुद सर्च किया लगभग 80% बातें बिल्कुल सही बताई गई हैं। बस एक बात में कन्फ्यूज़न रहा लीफ कट्टर ऐंट्स के बारे में, क्योंकि मैंने पढ़ा था कि ये पानी में नहीं पाई जातीं।

वैसे, शेफाली की बुद्धि ने इस तिलिस्म में सबसे बड़ा योगदान दिया वरना बिना चींटियों की जानकारी के ये तिलिस्म पार ही नहीं होता।

ओवरऑल शानदार अपडेट! अब तो बस अगले भाग का इंतज़ार है।
 

ak143

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#161.

चैपटर-7:
चींटीयों का संसार-2
(तिलिस्मा 3.12)

सुयश के जोश दिलाने के बाद शैफाली फिर से एक नये तरीके से समस्या को समझने की कोशिश करने लगी।

काफी देर सोचने के बाद अचानक शैफाली खड़ी हुई और दूसरे कंटेनर में जा घुसी।

शैफाली ने अब वहां पड़ी, लाल रंग की गेंद को हाथ में उठाकर देखा, वह काफी चिपचिपी थी।

शैफाली एक लाल रंग की गेंद लेकर बाहर आ गई।

“ऐलेक्स भैया लीफ कटर चींटीयों को पानी से वापस बुला लो।” शैफाली ने कहा।

ऐलेक्स ने शैफाली की बात सुन कोई सवाल नहीं किया और सभी लीफ कटर चींटीयों को वापस वहां बुला लिया।

शैफाली ने एक लीफ कटर चींटी के सामने उस लाल रंग की गेंद को रखा।

उस लीफ कटर चींटी ने लाल रंग की गेंद को तुरंत उठा लिया, पर उसने उस गेंद का कुछ किया नहीं। यह देख शैफाली की आँखों की चमक बढ़ गई।

“कैप्टेन अंकल, सभी लाल रंग की गेंदो को आप लोग लीफ कटर चींटीयों को दे दीजिये, फिर मैं आगे बताती हूं।” शैफाली ने कहा।

शैफाली के कहे अनुसार सभी लाल गेंदों को लीफ कटर चींटीयों को दे दिया गया।

यह देख शैफाली ने ऐलेक्स को पुनः सभी लीफ कटर चींटीयों को नदी में मौजूद चाबी के पास भेजने को कहा।

ऐलेक्स ने रिमोट के द्वारा सभी लीफ कटर चींटीयों को वापस नदी में भेज दिया।

सभी चींटीयां धीरे-धीरे आगे बढ़ रहीं थीं, परंतु जैसे ही वह सभी चींटीयां नदी वाली चाबी के पास पहुंची, आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी ने फिर से, उन सभी पर आक्रमण कर दिया।

यह देख शैफाली ने ऐलेक्स को रिमोट पर लगा नीला बटन दबाने को कहा।

ऐलेक्स ने जैसे ही नीला बटन दबाया, हर लीफ कटर चींटी ने, अपने मुंह में पकड़ी लाल रंग की गेंद को, आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी के शरीर पर चिपकाने लगी।

कुछ ही देर में आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी पूरी तरह से लाल रंग की गेंद से ढक गई। अब वह ऐसे छटपटा रही थी, जैसे कि उसे साँस ही ना मिल रही हो।

कुछ ही देर में आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी का शरीर शिथिल पड़ गया।
यह देखकर लीफ कटर चींटीयों ने नदी में मौजूद चाबी को उठाया और वापस नदी से बाहर आ गईं।

शैफाली ने नदी वाली चाबी को लीफ कटर चींटीयों से ले लिया।

“दूसरी चाबी तो मिल गई, पर यह बताओ शैफाली की तुमने कैसे जाना कि आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी इस लाल रंग की गेंद से मारी जायेगी?” सुयश ने मुस्कुराते हुए शैफाली से पूछा।

“कैप्टेन अंकल, आपको पता नहीं होगा, पर चींटीयों के अंदर साँस लेने के लिये फेफड़े नहीं पाये जाते, इनके शरीर पर बहुत से छोटे-छोटे छिद्र होतें हैं, सभी चींटीयां उसी छिद्र से ही साँस लेती हैं। इसी विशेषता के कारण चींटीयां पूरा दिन पानी के अंदर रह सकती हैं। अब मैंने बहुत सोचा कि पानी के अंदर आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी को कैसे मारा जाये, तभी मुझे उस लाल रंग की चिपचिपी गेंद का ख्याल आया।

"एक तो उस लाल गेंद का अभी तक कोई प्रयोग भी नहीं हुआ था, इसलिये मुझे लगा कि अगर सभी लीफ कटर चींटीयां, उस लाल रंग की गेंद को आस्ट्रेलियन बुलडॉग चींटी के शरीर पर चिपका दें तो वह साँस नहीं ले पायेगी और मारी जायेगी।”

शैफाली की बात सुन सभी प्रभावित हो गये।

अब शैफाली ने इस चाबी को भी द्वार में लगाकर घुमा दिया। दरवाजे का एक खटका और घूम गया।

उधर सभी लीफ कटर चींटीयां अपना कार्य खत्म करके पिघलने लगीं।

कुछ ही देर में वहां पर, अब एक नीले रंग का द्रव दिखाई दे रहा था, यह देख शैफाली की आँखें थोड़ी सिकुड़ सी गईं, पर उसने किसी से कुछ कहा नहीं।

“कैप्टेन, अब इस रिमोट से नीला बटन भी गायब हो गया है और उसकी जगह पर काले रंग का एक बटन दिखाई दे रहा है।” ऐलेक्स ने सुयश से कहा।

“तौफीक जरा देखना तीसरे कंटेनर में फिर से नयी चींटीयां आ गईं हैं क्या?” सुयश ने तौफीक से कहा।

तौफीक ने तीसरे कंटेनर में झांक कर देखा और फिर बोल उठा- “हां कैप्टेन....इस बार काले रंग की चींटी हैं। पर यह एक ही है और इसके पंख भी हैं।”

तौफीक की बात सुन शैफाली ने भी कंटेनर में झांक कर देखा।

“यह नर चींटी हैं।” शैफाली ने फिर सबको बताते हुए कहा- “रानी चींटीयों के अलावा सिर्फ नर चींटी के ही पंख पाये जाते हैं।”

“इसका मतलब इस बार तीसरी चाबी कहीं हवा में है।” यह कहकर सुयश, सिर उठाकर आसमान की ओर देखने लगा।

आसमान तो नार्मल था, पर आसमान में मौजूद एक सफेद रंग का बादल अपनी जगह पर स्थिर था।

“मुझे लगता है कि तीसरी चाबी उस बादल में है?” सुयश ने बादल की ओर इशारा करते हुए कहा- “क्यों कि आसमान में और कुछ भी ऐसा नहीं है, जिसमें चाबी मौजूद हो और वह बादल बिल्कुल भी हिल नहीं रहा है। ऐलेक्स तुम इस नर चींटी को उस बादल में भेजकर देखो।”

सुयश की बात सुन तौफीक ने नीली रंग की गेंद को खिला कर नर चींटी को सक्रिय कर दिया।

ऐलेक्स ने नर चींटी को आसमान में उड़ा दिया। अब सबकी निगाह उस रिमोट की स्क्रीन पर थी।

ऐलेक्स ने सावधानी वश नर चींटी को अभी बादल पर नहीं उतारा, वह पहले एक बार बादल को चेक करना चाहता था।

ऐलेक्स को बादलों के बीच में एक पत्थर के टुकड़े पर रखी चाबी दिखाई दी, पर उसके आस-पास कोई भी खतरा नजर नहीं आया।

यह देख ऐलेक्स ने रिमोट पर मौजूद काला बटन दबा दिया, बटन के दबाते ही नर चींटी ने उड़ते हुए चाबी को उठा लिया और नीचे आकर ऐलेक्स के हवाले कर दिया।

“अरे वाह, यह चाबी तो बहुत आसानी से मिल गई, मुझे तो लगा था कि बादलों के ऊपर कोई बड़ा खतरा होगा?” जेनिथ ने मुस्कुराते हुए कहा।

सभी चाबी लेकर एक बार फिर द्वार की ओर बढ़ गये, पर किसी की नजर उस बादल से कूदने वाली एक बड़ी सी चींटी की ओर नहीं गई।

वह चींटी आकार में 10 फुट की थी। वह चींटी धीरे-धीरे सभी के पीछे बढने लगी।

ऐलेक्स ने तीसरी चाबी को जैसे ही द्वार में फंसाने की कोशिश की, तभी पीछे से आ रही चींटी ने तेजी से सबसे पीछे मौजूद क्रिस्टी के पैर में काट लिया।

चींटी ने क्रिस्टी को इतना तेजी से काटा कि क्रिस्टी के मुंह से चीख निकल गई। क्रिस्टी की चीख सुन सभी पी छे पलट कर देखने लगे।

सभी की निगाह पीछे जमीन पर गिरकर तड़पती क्रिस्टी पर पड़ी।

सुयश की नजर तेजी से चारो ओर घूमी, अब उसे क्रिस्टी के पीछे खड़ी, वह विशाल चींटी दिखाई दे गई।

“माई गॉड, ये तो बुलेट चींटी है।” शैफाली ने उस चींटी को देखते हुए कहा- “इसका डंक विश्व में सबसे ज्यादा दर्दनाक होता है, यह तो अगर टैरेन्टूला मकड़ी को भी काट ले, तो उसे भी पैरालाइज हो जाता है।
इससे सभी को बचना होगा।”

ऐलेक्स ने तुरंत तीसरी चाबी को अपनी जेब के हवाले कर, चींटी की बिना परवाह किये भागकर, क्रिस्टी के पास पहुंच गया और क्रिस्टी का सिर अपनी गोद में रखकर, उसके पैर को अपनी टी-शर्ट से कसकर बांध दिया।

क्रिस्टी का तड़पना अभी भी जारी था।

तौफीक ने अब पास पड़ा भाला उठा लिया और उस चींटी के सामने इस प्रकार खड़ा हो गया कि चींटी ऐलेक्स तक ना पहुंच पाये।

जेनिथ और शैफाली भी क्रिस्टी के पास पहुंच गईं और उसकी हिम्मत बढ़ाने लगीं।

तभी ऐलेक्स ने धीरे से क्रिस्टी का सिर जेनिथ की गोद में रखा और गुस्से से खड़ा होकर बुलेट चींटी को घूरने लगा।

तभी ऐलेक्स की नजर उस नर चींटी पर पड़ी, जो कि अभी भी वहीं उड़ रही थी।

एक पल के लिये ऐलेक्स ने इधर-उधर देखा। अब ऐलेक्स की नजर उस पहले वाले बंद कंटेनर पर गई।

ऐलेक्स जानता था कि चींटी अपने भार से 50 गुना से भी ज्यादा वजन उठा सकती है।

अब उसने रिमोट से नर चींटी को नियंत्रित करते हुए, उससे वह भारी सा कंटेनर उठवा लिया।

उधर तौफीक लगातार भाले से बुलेट चींटी को सभी से दूर रखे था।

तभी बुलेट चींटी ने अपने क्रिटर्स से भाले को पकड़ दूर फेंक दिया, अब वह खूनी नजरों से घूरती हुई तौफीक की ओर बढ़ने लगी।

तौफीक ने अब अपने पास रखा चाकू निकाल लिया था, पर जब इतने नुकीले भाले से बुलेट चींटी का कुछ नहीं हुआ तो भला वह छोटा सा चाकू क्या करता ?

इस समय बुलेट चींटी का पूरा ध्यान तौफीक की ओर था, तभी ऐलेक्स ने मौके का फायदा उठा करके नर चींटी के द्वारा पकड़ा, भारी कंटेनर उस बुलेट चींटी के ऊपर गिरा दिया।

बुलेट चींटी उस भारी भरकम कंटेनर के नीचे बुरी तरह से दबकर मर गई। उसके शरीर से निकला हल्के पीले रंग का द्रव उस पूरी जगह पर फैल गया।

आखिरकार ऐलेक्स ने क्रिस्टी का बदला ले लिया। बुलेट चींटी के मरते ही नर चींटी के साथ वह रिमोट भी ऐलेक्स के हाथ से गायब हो गया।

शायद दोनों का ही काम अब पूरा हो गया था। ऐलेक्स अब भागकर वापस क्रिस्टी के पास आ गया।

ऐलेक्स की आँखों से अब आँसू निकल रहे थे।

यह देख क्रिस्टी ने कैसे भी करके अपने दर्द पर काबू पाते हुए कहा- “अरे पगले....दर्द तो मुझे हो रहा है, तू क्यों रो रहा है?”

“तुम मुझे ऐसे छोड़कर नहीं जा सकती क्रिस्टी।” ऐलेक्स ने क्रिस्टी के चेहरे को अपने दोनों हाथों से छूते हुए कहा।

अब क्रिस्टी की भी आँखों से आँसू निकलने लगे थे।

शैफाली इस मर्मस्पर्शी दृश्य को देख नहीं पा रही थी, इसलिये वह वहां से उठकर कुछ दूर आ गई।

अब शैफाली की भी आँखों से क्रिस्टी के लिये आँसू बह निकले। उसे पता था कि क्रिस्टी अब नहीं बचेगी, क्यों कि उनके पास मौजूद फर्स्ट एड बॉक्स की दवाइयां भी खत्म हो गईं थीं।

तभी शैफाली की नजर उस ओर गई, जहां लीफ कटर चींटी पिघल गईं थीं। उसे देख अचानक शैफाली को कुछ याद आया।

वह भागकर उस स्थान पर पहुंच गई। उस स्थान पर लीफ कटर चींटी के मरने के बाद नीले रंग का द्रव बिखरा हुआ था।

शैफाली ने अपनी दोनों अंजुली को एक कर उसमें वह नीला द्रव जितना भर सकता था, भर लिया और भागकर वह क्रिस्टी के पास पहुंच गई।

“अब तुम्हें कुछ नहीं होगा क्रिस्टी दीदी।” शैफाली ने यह कहकर क्रिस्टी के पैर में उस जगह वह पूरा द्रव लगा दिया, जिस जगह बुलेट चींटी ने क्रिस्टी को काटा था।

सभी आश्चर्य से शैफाली की ओर देखने लगे।

“यह लीफ कटर चींटी के शरीर में पाया जाने वाला ‘एंटी बायोटिक’ है, यह हर प्रकार के जहर को काटने में सक्षम है, शायद इसी वजह से लीफ कटर चींटीयों का काम खत्म हो जाने के बाद भी, वह गायब ना
होकर पिघल गईं थीं। अब क्रिस्टी दीदी कुछ ही देर में सही हो जायेंगी।” शैफाली ने सभी को समझाते हुए कहा।

यह सुनकर ऐलेक्स ने शैफाली को गले से लगा लिया। यह बहुत ही भावनात्मक अंदाज था ऐलेक्स का।

थोड़ी ही देर में क्रिस्टी के शरीर का पूरा दर्द खत्म हो गया और वह उठकर बैठ गई।

“अब सबकुछ सही हो गया हो, तो कोई जरा उस तीसरी चाबी को भी द्वार में फिट कर दो।” सुयश ने मुस्कुराते हुए कहा।

ऐलेक्स ने अपनी जेब में रखी तीसरी चाबी को द्वार में फंसा कर घुमा दिया। तीसरी चाबी भी द्वार में फिट हो गई।

चाबी के फिट होते ही पुनः एक जोर की गड़गड़ाहट हुई, पर यह गड़गड़ाहट थी रानी चींटी के जिंदा होने की।

रानी चींटी को जिंदा होते देख सभी की साँस फूल गई।

“बेड़ा गर्क....बुलेट चींटी ने ही इतना हंगामा कर दिया था और अब तो ये भी जाग गई, अब भगवान जाने क्या होगा?” ऐलेक्स ने रानी चींटी को घूरते हुए कहा।

“कुछ नहीं होगा...आप लोग परेशान मत होइये।” शैफाली ने सभी को जोश दिलाते हुए कहा- “चींटीयों को दिखाई नहीं देता, वह सिर्फ अपने से 2 फुट तक की दूरी को महसूस कर सकती हैं, इस रानी चींटी का
आकार साधारण चींटी से काफी बड़ा है, मतलब ये ज्यादा से ज्यादा 10 से 15 फुट तक ही महसूस कर सकती होगी। इसलिये सब लोग अलग-अलग होकर इससे दूर रहने की कोशिश करो, तब तक मैं इसका कोई उपाय सोचती हूं।”

तभी रानी चींटी ने अपने पंख फड़फड़ाये और एक जोर की उड़ान भरी।

“शैफाली लगता है कि तुम इसके उड़ने की क्षमता को भूल गई।” जेनिथ ने शैफाली से कहा- “उड़कर तो यह हमको कहीं से भी ढूंढ लेगी।”

“रुको पहले मैं इसके उड़ने की क्षमता का खत्म करता हूं।” यह कहकर तौफीक ने अपने हाथ में थमा भाला जोर से हवा में उछाला।

भाला रानी चींटी के पंखों को भेदता हुआ दूर जा गिरा और इसी के साथ रानी चींटी के दोनों पंख उसके शरीर से अलग हो गए।

“वाह! क्या बात है। मजा आ गया।” ऐलक्स ने तौफीक का निशाना देख, एक उत्साह भरी आवाज निकाली।

रानी चींटी अब जमीन पर आ गिरी थी और वह अब बहुत ज्यादा हिंसक नजर आ रही थी।

यह देख सभी रानी चींटी से दूरी बनाते हुए अलग-अलग दिशा में बिखर गये।

तौफीक धीरे-धीरे चलता हुआ वापस भाले तक जा पहुंचा और भाले से रानी चींटी के पंखों को अलग कर, दबे पाँव रानी चींटी की ओर बढ़ने लगा।

पर अभी तौफीक रानी चींटी से काफी दूर ही था कि तभी रानी चींटी को तौफीक की आहट लग गई और वह तेजी से उस दिशा में आगे बढ़कर तौफीक की ओर झपटी।

तौफीक ने किसी तरह से स्वयं को बचाया और रानी चींटी पर भाले का वार कर दिया, परंतु उस भाले का रानी चींटी पर कोई असर नहीं हुआ।

“तौफीक अंकल रानी चींटी से दूर रहिये।” शैफाली ने चीखकर तौफीक को चेतावनी दी- “एक तो उस की ऊपरी सतह पर भाले का कोई असर नहीं हो रहा और वह बहुत ज्यादा दूरी से आपको सूंघ ले रही है। ऐसे में आप उसे नहीं मार पायेंगे।”

शैफाली की बात सुनकर तौफीक रानी चींटी से दूर हट गया।

शैफाली की निगाह फिर से चारों ओर घूमी। अब उसकी निगाहें उस जगह जाकर रुकीं, जहां बुलेट चींटी मरी थी।

बुलेट चींटी के मरने के बाद, उससे निकला हल्के पीले रंग का द्रव अब भी वहां बिखरा हुआ था।

यह देख शैफाली ने चीखकर सुयश से कहा- “कैप्टेन अंकल इस रानी चींटी को मारने का तरीका तो मिल गया, पर वह तरीका बहुत ही खतरनाक है।”

“तुम तरीका बताओ शैफाली, हम देखते हैं कि उसे कैसे करना है?” सुयश ने भी रानी चींटी से बचते हुए चीखकर कहा।

“चींटीयों के मरने के बाद उनके शरीर से ‘ओलिक एसिड’ निकलता है। जिसे सूंघकर दूसरी चींटीयां जान जाती हैं कि वह चींटी मर गई। अब अगर यह ओलिक एसिड किसी जिन्दा चींटी पर भी गिर जाये तो सभी चींटीयां उसे भी मरा समझ लेती हैं। अब आते हैं इस रानी चींटी पर....इसके शरीर की ऊपरी त्वचा बहुत ज्यादा कठोर है, इसलिये भाले का उस पर कोई असर नहीं हो रहा।
"तो अगर कोई इसके शरीर के नीचे से इस पर भाले का प्रहार करे, तो यह अवश्य ही मर जायेगी, अब साधारण परिस्थितियों में इसके शरीर के निचले भाग के पास पहुंचना बहुत मुश्किल है, पर अगर हममें से कोई उस बुलेट चींटी के शरीर से निकले द्रव को अपने शरीर पर लगा ले, तो रानी चींटी उसे भी मरा समझेगी और उसे कुछ नहीं कहेगी, ऐसी स्थिति में वह इंसान रानी चींटी के शरीर के निचले हिस्से पर वार कर सकेगा।”

शैफाली का प्लान बहुत अच्छा था, पर सुयश अब किसी और को खतरे में नहीं डालना चाहता था, इसलिये इस काम को उसने स्वयं करने के लिये कहा।

अब पहले सभी ने रानी चींटी का ध्यान अपनी ओर किया, जिससे सुयश ने बुलेट चींटी के शरीर से निकले द्रव को अपने शरीर पर, पूरी तरह से लगा लिया और अपने हाथ में भाले को लेकर वहीं जमीन पर लेट गया।

अब तौफीक ने रानी चींटी का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कर सुयश की ओर तेजी से भागा।

रानी चींटी सुयश की ओर बढ़ी। सभी के दिल तेजी से धड़क रहे थे।

रानी चींटी ने पास पहुंचकर सुयश के शरीर को सूंघा, और फिर उसे छोड़कर जैसे ही आगे बढ़ने चली, सुयश ने अपनी पूरी ताकत से भाले को रानी चींटी के शरीर के निचले हिस्से में घुसाकर उसका पूरा पेट ही फाड़ दिया।

बहुत सारा गंदा द्रव सुयश के ऊपर आ गिरा।

रानी चींटी चिंघाड़ते हुए कुछ दूर जाकर गिर गई।

सुयश ने उठकर अपने कपड़ों को झटक कर साफ किया, तभी सुयश की निगाह सामने पड़ी, चौथी चाबी की ओर गई, जो कि रानी चींटी के पेट में थी और उसका पेट फट जाने की वजह से बाहर आकर गिर गई
थी।

सुयश ने मुस्कुराकर सभी को चौथी चाबी दिखाई और आगे बढ़कर उस चाबी को भी द्वार में लगाकर घुमा दिया।

इस बार एक तेज गड़गड़ाहट के साथ तिलिस्मा का वह द्वार खुल गया।

सभी उस द्वार के अंदर प्रवेश कर गये।


जारी रहेगा______:writing:
Masttt update❤❤❤
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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वेगा और युगाका की पावर कैसे ऑरिजिन हुई उसका राज़ अब मालूम चल गया, लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि इनकी पावर का ऑरिजिन अगर बताया गया है, तो इसका मतलब सीधा ये है कि इनकी पावर्स आगे कुछ करामाती करने वाली हैं जिसे समझने के लिए पावर का नॉलेज अभी दिया गया है।
वो तो पहले भी काम में ली गई है, कभी वेगा, तो कभी युगाका द्वारा। शायद आपने गौर ना किया हो :dazed:
साथ ही वेगा के पिताजी क्लाट की पावर्स सीक्रेट हैं, जिसका अभी राज़ सामने नहीं आया मतलब हम सबको सरप्राइज़ होने की संभावना है।
हो सकता है।
साथ ही मेगना की क्रिएशन महावृक्ष इतना पावर होल्ड करता होगा ये मालूम नहीं था। इसका मतलब महावृक्ष खुद में एक पावरफुल एंटिटी है। क्या महावृक्ष के पावर देने से हम ये समझें कि वो केवल काबिल व्यक्ति को ही वो पावर्स दे सकता है
बिल्कुल ठीक समझ रहे हो मित्र, महावृक्ष किसी को अगर कुछ देता है तो उसकी काबलियत देख कर ही देता है।:declare: और वो इतना पावरफुल होगा ये बात शैफाली बता चुकी है। जब उसने इसका निर्माण किया था।
सपनों की दुनिया शानदार थी।
धन्यवाद :thank_you:
अगर वेगा की पावर्स की बात करें सम्मोहन, दुश्मन से उसके राज़ निकालना और दुश्मन के क़िले में चिंगारी भड़काना ये फुल-फ्लेज्ड वॉर वाली पावर नहीं हैं, लेकिन अगर स्मार्टनेस से लड़ा जाए तो बेहद यूज़फुल हैं।
बेशक है।:roll:
अब आइडिया आ गया कि युगाका की पावर उस समय शेफाली की पावर के सामने क्यों नहीं चली क्योंकि महावृक्ष युगाका की पावर का ओरिजिन था, और महावृक्ष को बनाया था शेफाली ने, तो युगाका की पावर उसके सामने कैसे काम करती|
सही जबाव दोस्त :claps::claps:
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