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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Ajju Landwalia

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#69.

तौफीक ने यह देख तुरंत चाकू को नीचे फेका और बिना अपनी जान की परवाह किये, भागकर शैफाली को उठाकर पेड़ से दूर चला गया। अब सभी भागकर शैफाली के करीब आ गये।

“तुम ठीक तो हो ना?" अल्बर्ट ने शैफाली के सिर पर हाथ फेरते हुए पूछा।

“ग्रैंड अंकल, मेरी आँखो में बहुत तेज जलन हो रही है।" शैफाली ने अल्बर्ट की आवाज और उसके स्पर्श को पहचान लिया।

“धीरे-धीरे अपनी आँखो को खोलने की कोशिश करो। मैं तुम्हारी आँखें देखने के बाद ही बता पाऊंगा कि क्या परेशानी हुई है।" अल्बर्ट के शब्दो में प्यार और दर्द की साफ झलक मिल रही थी।

अल्बर्ट के शब्द सुन शैफाली ने धीरे-धीरे अपनी आँखो को खोलना शुरू कर दिया।

आँखें खुलने के बाद शैफाली ने फ़िर मिचमिचाकर अपनी आँखें बंद कर ली।

लेकिन तुरंत ही शैफाली ने अपनी आँखें दोबारा खोल दी। इसी के साथ वह खुशी से चीख पड़ी-

“ग्रैंड अंकल ... ग्रैंड अंकल ... मेरी आँखें ठीक हो गयी। मैं ... मैं अब देख सकती हू ... मुझे अब सबकुछ दिखाई दे रहा है।"

यह सुन सभी भोचक्के से खड़े रह गये।

“ये ... ये कैसे संभव है?" सुयश के स्वर में दुनियां भर का आश्चर्य दिख रहा था- 4a“जन्म से अंधे व्यक्ती की आँखें अपने आप कैसे आ सकती है?"

उधर शैफाली अल्बर्ट के गले लगी हुई ऐसे चारो तरफ का दृश्य देखने लगी मानो वह एक पल में दुनियां की हर चीज देख लेना चाहती हो।

शैफाली के चेहरे पर खुशी ही खुशी नजर आ रही थी। अब ब्रूनो भी शैफाली के पास आ गया था और प्यार से उसका हाथ चाट रहा था।

शैफाली ने खुशी से बारी-बारी सबको देखा और सूंघकर सबका नाम बताया। लगभग 10 मिनट तक यह खुशी का सेलिब्रेसन चलता रहा।

अब अल्बर्ट से ना रहा गया। वह धीरे-धीरे उस झाड़ीनुमा पेड़ के पास पहुंच गया।

सभी का ध्यान अब अल्बर्ट पर था। शैफाली भी पेड़ के पास पहुंच गयी।

कुछ सोचकर शैफाली ने एक कदम आगे बढ़ाया। शैफाली को पास आता देख पेड़ की लताएं पुनः हिली, पर इस बार उसने शैफाली को नहीं पकड़ा, बल्कि उसे प्यार से सहलाने लगी।

यह देख डरते-डरते अल्बर्ट ने भी अपना दाहिना हाथ आगे बढ़ाया, पर पेड़ ने अल्बर्ट को भी कुछ नहीं कहा। यह देख अल्बर्ट ने पेड़ से 2 फल तोड़ लिये।

“इस फल का क्या करेंगे प्रोफेसर?" ब्रेंडन ने अल्बर्ट से पूछा।

“मुझे भी अभी पता नहीं है।" अल्बर्ट ने एक गहरी साँस लेते हुए कहा- “पर अगर मैं कभी भी अपनी दुनियां में वापस पहुंचा, तो सबको यह फल जरूर दिखाऊंगा और बताऊंगा की कैसे इस फल ने एक जन्म से अंधी लड़की की आँखें सही कर दी।"

“प्रोफेसर!" तौफीक ने आगे बढ़कर अल्बर्ट से पूछा- “क्या आपने ऐसे किसी पेड़ का जिक्र कहीं सुना है?"

“नहीं!" अल्बर्ट ने जवाब दिया- “मैंने ऐसे किसी पेड़ का जिक्र कहीं नहीं सुना। वैसे बच्चे की तरह रोने
वाला पेड़ तो अफ़्रीका में पाया जाता है, जिसे ‘मेंड्रेक’ कहते है। मगर इस पौधे से तो हंसने, रोने और चिल्लाने की भी आवाज आ नहीं थी और ऐसा पेड़ तो कभी नहीं सुना जो किसी जन्म से अंधे व्यक्ति को आँख दे सकता हो।"

“कैप्टन!" इस बार असलम ने कहा- “मुझे तो लगता है की यहां सबकुछ ‘अपग्रेडेड’ है। मतलब हमारी दुनियां से 10 गुना ज्यादा ताकतवर और विकसित।"

“तुम सही कह रहे हो असलम।" सुयश ने भी असलम की बात पर हामी भरते हुए कहा।

“कैप्टन ।" एलेक्स ने सुयश को देखते हुए कहा- “एक बात समझ में नही आयी की ब्रूनो ने शैफाली को रोका क्यों नहीं था? क्या उसे यह अहसास हो गया था की यह पेड़ शैफाली का कोई आहित नहीं करेगा।"

“हो सकता है।" सुयश ने ब्रूनो के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा- “वैसे पहले भी ब्रूनो ने शैफाली की जान बचाई थी। वैसे शैफाली तुम यह बताओ कि सबके पुकारने पर भी तुम रुक क्यों नहीं रही थी?"

“अंकल, उस समय जब आप सभी लोग आपस में बात कर रहे थे, तभी मेरे कानो में एक अद्रस्य आवाज सुनाई दी थी। मुझे ऐसा लगा कि जैसे किसी ने मेरे कानो में ‘नयनतारा’ शब्द बोला था। उसके बाद का मुझे कुछ याद नहीं है। इसके बाद मुझे होश तब आया, जब उस पेड़ ने मेरी आँखो में वह रसीला फल निचोड़ दिया था।" शैफाली ने कहा।

“नयनतारा!" सुयश ने बड़बड़ाते हुए यह शब्द दोहराया- “यह तो हिन्दी शब्द लग रहा है और ऐसा लग रहा है जैसे मैंने इस शब्द को कहीं सुना हो?"

“हिन्दी शब्द! और वह भी सुना हुआ।" जेनिथ ने आश्चर्य से कहा- “आपने यह शब्द कहां सुना है कैप्टन? याद करने की कोशिश करें।"

“नयनतारा ..... नयनतारा ....।" सुयश ने अपने दिमाग पर जोर डालना शुरु कर दिया। अचानक वह खुशी से चीख उठा- “याद आया ...यह शब्द मैंने अपने दादाजी की कहानियो में, अपने बचपन में सुना था।

जब मैं छोटा था तो मेरे दादाजी मुझे ‘यति’ और ‘उड़ने वाले घोड़े’ की कहानियाँ सुनाते थे, उसी एक कहानी में उन्होंने मुझे इस नयनतारा पेड़ के बारे में बताया था कि यह पौधा ‘हिमालय’ की पहाड़ीयो में पाया जाता है, जो आँखो की किसी भी तरह की परेशानी को जड़ से ख़तम कर सकता है और इसीलिये इसका नाम नयनतारा रखा गया था क्यों कि हिन्दी में ‘नयन’ का मतलब ‘आँखे’ होती है और ‘तारा’ का मतलब ‘स्टार’ होता है।

अब अगर इस पौधे के फल के आकार पर ध्यान दिया जाये तो वह एक स्टार की ही आकृति का है और उसमें किसी की आँखो को सही करने की छमता भी है। इस हिसाब से इस पौधे का नाम इसके कार्य को देखते हुए बिल्कुल फिट बैठता है।"

“अब यहां पर 2 बातें निकल कर आ रही है कैप्टन।" क्रिस्टी ने कहा- “नंबर 1 कि हिमालय की पौराणिक कथाओ का पौधा यहां पर कैसे आया? और दूसरा कि शैफाली को बार-बार यह रहस्य कौन बता रहा है?"

काफ़ी देर सोचने के बाद भी किसी की कुछ समझ में नहीं आया, अंततः उन्होने फ़िर से आगे बढ़ने का निश्चय किया। और सुयश का इशारा देख फ़िर सब जंगल के अंदर की ओर चल दिये।

जोड़ीयाक-घड़ी
(8 जनवरी 2002, मंगलवार, 11:00, वाशिंगटन डी.सी., अमेरिका)

वेगा अपने फ्लैट में बैठा कंप्यूटर पर काम कर रहा था, तभी उसके मोबाइल की घंटी बज उठी।
वेगा ने एक बार अपने मोबाइल को देखा। कॉल वीनस का था। वीनस का कॉल देख वेगा के चेहरे पर
एक मुस्कान आ गयी।

उसने रिलेक्स होने के अंदाज से एक गहरी साँस भरी और वीनस का कॉल रिसीव कर लिया।

“हाय वेगा! कैसे हो?" दूसरी तरफ से वीनस का मधुर स्वर फोन पर गूंजा- “पुस्तकालय के बाद तो तुमने मुझे याद ही नहीं किया। ऐसा क्या लिख रहे हो अपने प्रोजेक्ट में जिसकी वजह से तुम्हें

अपने दोस्तों की याद ही नहीं आ रही है।"

“नहीं वीनस ... ऐसी कोई बात नहीं है।" वेगा ने सफाई देते हुए कहा- “मैं आज तुम्हें कॉल करने ही वाला था।"

“अरे वाह! पार्टी देने का इरादा है क्या?" वीनस ने खुश होते हुए कहा।

“पार्टी भी देंगे पर आज नहीं बल्की कल।" वेगा फोन को हाथ में लेते हुए वहीं बेड पर पसर गया-
“क्यों की कल मेरा जन्मदिन है।"

“वाह ... वाह! कल जन्मदिन है तुम्हारा। फ़िर तो पार्टी भी विशेष होनी चाहिए।" वीनस ने अपनी डिमांड रखते हुए कहा।

“हां-हां क्यों नहीं।" वेगा ने भी अपनी सहमित जताई- “बताओ क्या प्लान करें कल का?"

“ऊंऽऽऽऽऽ।" वीनस ने सोचते हुए कहा- “कल ‘जॉर्ज टाउन वाटर फ़्रैट पार्क’ चलते है, वहां पार्टी करने में मजा आयेगा। वहां पर बहुत सारे थीम एक साथ मिल जायेंगे।"

“ओ. के. तो कल के लिये ‘जॉर्ज टाउन वाटर फ़्रैट पार्क’ डन।" वेगा ने पार्टी पर मोहर लगाते हुए कहा।

“और कोई तो नहीं रहेगा ना पार्टी में?" वीनस ने शोखी बिखेरते हुए कहा।

“हम दो के बीच में किसी तीसरे का क्या काम?" वेगा ने वीनस को छेड़ते हुए कहा। लेकिन इसके
पहले कि वीनस और कुछ बोल पाती वेगा के कमरे की बेल बज उठी।

“लगता है कोई आया है? चलो कल सुबह की पार्टी पक्की। बाकी बातें बाद में करुंगा। बाय-बाय।" वेगा ने फोन को काटने वाले अंदाज में कहा।

“बाय-बाय वेगा! कल पार्क में मिलते है।" इतना कहकर वीनस ने फोन को काट दिया। फोन कटने के बाद वेगा बेड से उतरकर दरवाजे की ओर बढ़ गया।

वेगा ने दरवाजा खोलकर बाहर देखा। बाहर एक कूरियर वाला लड़का खड़ा था।

“आपका कूरियर है।" कूरियर वाले ने वेगा को एक छोटा सा पैकेट पकड़ाते हुए कहा।

वेगा ने वह पैकेट अपने हाथों में पकड़ लिया। कूरियर को देकर कूरियर वाला वहां से चला गया।

वेगा की नजर अब हाथ में पकड़े पैकेट पर थी। पैकेट पर भेजने वाले के नाम की जगह पर युगाका लिखा था। वेगा यह देखकर धीरे से मुस्कुरा दिया।

“कोई भी भूल जाए, पर भैया मेरा जन्म दिन कभी नहीं भूलते। लव यू भाई!" यह कहते हुए वेगा ने एक फ्लाइंग किस हवा में उछाला और पैकेट के सुनहरे रैपर को फाड़ने लगा-
“देखें तो इस बार भाई ने क्या भेजा है मेरे लिये?"

सुनहरे रैपर के नीचे एक शानदार धातु का डिब्बा था, जिस्में एक चमचमाती हुई गोल्डेन कलर की
स्मार्ट-वॉच रखी थी।

“वाह!" वेगा अपनी खुशी का इजहार करते हुए जोर से चिल्लाया-“ क्या शानदार वॉच है!“
वेगा ने ‘जोडियाक वॉच’ को ऑन कर लिया।

जोडियाक वॉच का डायल, साधारण वॉच से थोड़ा सा ज्यादा बड़ा था और उसकी स्क्रीन टच करने पर बदल रही थी। वेगा ने जल्दी- जल्दी जोडियाक वॉच के सारे वॉलपेपर को चेक कर लिया।

घड़ी में 12 वॉलपेपर थे और हर एक वॉलपेपर एक राशि का प्रतिनिधित्व कर रहा था। चूंकी वेगा की राशि ‘मकर’ थी इसिलये उसने ‘मकर’ राशि वाला वॉलपेपर वॉच पर लगा लिया।

उस वॉलपेपर पर एक मगरमच्छ मानव बना था जो कि किसी योद्धा कीतरह एक हाथ में तलवार पकड़े था। वेगा ने वॉलपेपर बदलने के बाद वॉच को अपनी कलाई पर बांध लिया।




जारी रहेगा_______✍️

Bahut hi shandar update he Raj_sharma Bhai,

Jaisa socha tha, vaisa hi hua........

Shaifali ki aankho ki roshni wapis aa gayai Nayantara ki madad se..........

Vega ko Yugaka ke dwara bheji gayi zodiac watch mil gayi..........

Abhi to vo use sirf ek common smart watch samajh raha...........lekin aane wale samay me vo iske bahut hi kaam ane wali he..........

Keep rocking Bro
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Bahut hi shandar update he Raj_sharma Bhai,

Jaisa socha tha, vaisa hi hua........

Shaifali ki aankho ki roshni wapis aa gayai Nayantara ki madad se..........

Vega ko Yugaka ke dwara bheji gayi zodiac watch mil gayi..........

Abhi to vo use sirf ek common smart watch samajh raha...........lekin aane wale samay me vo iske bahut hi kaam ane wali he..........

Keep rocking Bro
Bilkul bhai, shefaali theek ho gayi :yippi:Zodiac watch ⌚️ ki khasiyat to khatra hone per hi pata chalega :approve:Aap sath bane rahiye aur maza lijiye is rahasyamy safar ka, :cool1:
Thanks for your wonderful review and support bhai :thanx:
 

Raj_sharma

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Kya bolte ho dosto? Agla update aaj raat ko hi de dun kya:?:
 

dhalchandarun

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#68.

उधर अल्बर्ट सबको समझा रहा था- “शायद शैफाली के पास छठी इंद्रिय है।"

“छठी इंद्रिय!" ब्रैंडन ने आश्चर्य से पूछा- “पर प्रोफेसर, इंद्रियां तो पांच ही होती है। ये छठी इंद्रिय क्या है?"

“कभी-कभी हमें किसी बुरी घटना के होने के पहले ही कुछ बुरा अहसास होने लगता है या फ़िर किसी अच्छी घटना घटने के पहले ही खुशी का अहसास होने लगता है। वैज्ञानिको का मानना है कि यह सब छठी इंद्रिय के कारण होता है।"

अल्बर्ट ने कहा- “यह छठी इंद्रिय सभी इंसान में और जानवरों में होती है, पर इंसान बहुत कम मात्रा में इसका प्रयोग कर पाता है। हो सकता है कि यही छठी इंद्रिय शैफाली में ज्यादा मात्रा में हो और इसी वजह से वह भविष्य देख लेती हो।"

“शायद आप सही कह रहे है प्रोफेसर।" सुयश ने भी अल्बर्ट की बात पर अपनी सहमित जताते हुए कहा- “मैंने सुना है कि पुराने समय में युद्ध होने के काफ़ी दिन पहले ही गिद्ध उस मैदान में जाकर बैठ जाते थे जहां युद्ध होने वाला होता था। उन्हें पता था कि युद्ध के बाद लाशें गिरेंगी और उन्हें वहां खाने को मिलेगा।"

अभी ये आपस में बात कर ही रहे थे कि तभी इन्हें अचानक किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी-

“ऊवां .... ऊवांऽऽऽऽ।"

“ये तो किसी बच्चे के रोने की आवाज है।" क्रिस्टी ने इधर-उधर देखते हुए कहा।

“बच्चा! और वह भी इस जंगल में?" सुयश के स्वर में आश्चर्य और उलझन थी।

आवाज में बहुत दर्द भरा था। सभी पूरी तरह से चोकन्ना होकर इस आवाज को सुनने की कोशिश करने लगे।

अचानक सुयश को अपने ग्रुप का ख्याल आया।

सुयश ने ध्यान से एक नजर सब पर डाली और जोर से चीख उठा- “शैफाली....शैफाली कहां है?"

तुरंत सबकी निगाहें अपने आसपास घूम गई। लेकिन ऊंचे-ऊंचे वृक्षो और घने जंगल के सिवा उन्हें अपने आसपास कुछ ना दिखायी दिया।

“अभी-अभी तो वह मेरे साथ थी। इतनी जल्दी कहां जा सकती है?"
जेनिथ ने आसपास निगाह मारते हुए कहा-

“कहीं कोई जंगली जानवर.... नहीं ...नहीं....जानवर बिना आवाज किये उसे नहीं ले जा सकता। तो फ़िर..... तो फ़िर कहां गयी शैफाली?"

“शैफालीऽऽऽऽ .....शैफालीऽऽऽऽ!" तौफीक ने मुंह के दोनों साइड अपने हाथ लगाकर जोर से आवाज दी।

लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं मिला। केवल तौफीक की आवाज घने जंगल में घूमकर प्रतिध्वनि उत्पन्न करती रही।

अल्बर्ट भी अपने गले में टंगी सीटी को जोर-जोर से बजाने लगा। सभी लोग अलग-अलग होकर शैफाली को ढूंढने की कोशिश करने लगे।

“खबरदार! कोई भी ग्रुप से बाहर नहीं जायेगा" सुयश ने चीखकर सबको खबरदार किया-

“सभी लोग एक साथ रहकर शैफाली को ढूंढने की कोशिश करेंगे, क्यों कि एक साथ रहकर तो हम हर मुसीबत का सामना कर सकते है, पर अकेले रहकर कुछ नही कर सकते। इसिलये हम सभी को एक साथ रहना होगा।"

“कैप्टन, हम उस बच्चे के रोने की आवाज को भूल रहे है। जिसको सुनकर हमें शैफाली का ध्यान आया था।" ब्रैंडन ने कुछ याद दिलाते हुए कहा।

“लेकिन इतने भयानक जंगल में कोई बच्चा कहां से आ सकता है?" एलेक्स ने कहा- “अवस्य ही यह कोई मायाजाल है? दोस्तो हमें सावधान रहना होगा।"

“ऊवांऽऽऽऽ .... ऊवांऽऽऽऽ.... ऊवांऽऽऽऽऽ।"

तभी रोने की आवाज पुनः सुनाई दी। इस बार आवाज थोड़ा स्पस्ट थी।


“इधर से .... इधर से आयी है वह आवाज।" अल्बर्ट ने एक दिशा की ओर इशारा करते हुए कहा।

“कहीं यह शैफाली की आवाज तो नहीं?" जैक ने अपने होंठ पर जुबान फिराते हुए कहा।

“नहीं ये शैफाली की आवाज नहीं है।“ एलेक्स बोला- “यह किसी छोटे बच्चे की आवाज है।"

“क्या हमें आवाज की दिशा में चलना चाहिए?" जॉनी ने डरते-डरते कहा।

पर सुयश ने जॉनी की बात पर ना ध्यान देते हुए, इस बार ब्रूनो को इशारा किया। ब्रूनो सुयश का इशारा समझ कर तेजी से आवाज की दिशा में भागा।

सभी लोग ब्रूनो के पीछे-पीछे भागे। थोड़ा आगे बढ़ते ही इन्हें पुनः वही आवाज सुनाई दी।

“ऊवांऽऽऽऽ .... ऊवांऽऽऽ.... ऊवांऽऽऽऽऽ।" इस बार आवाज बिल्कुल साफ थी।

आवाज को सुन सभी के कदमों में तेजी आ गयी। थोड़ा आगे बढ़ते ही उन्हें एक अजीब सा नजारा दिखाई दिया।

वह रोने की आवाज सामने लगे एक झाड़ीनुमा पेड़ से आ रही थी और शैफाली धीरे-धीरे बिल्कुल सम्मोहित अवस्था में उन झड़ियों की ओर बढ़ रही थी।

उस झाड़ीनुमा पेड़ पर सितारे की आकृति लिये कुछ पीले रंग के रसीले फल लगे दिखाई दे रहे थे।

अब शैफाली पेड़ से लगभग 10 कदम दूर रह गयी थी। बाकी सभी लोगो की दूरी शैफाली से बहुत ज़्यादा थी।

“शैफालीऽऽऽऽ ... शैफालीऽऽऽऽ रुक जाओ।" अल्बर्ट शैफाली को पेड़ की तरफ बढ़ते देख जोर से चिल्लाया- “वहां पर खतरा है....रुक जाओ।“

मगर शैफाली ने जैसे अल्बर्ट की बात सुनी ही ना हो। वह निरंतर पेड़ की ओर बढ़ रही थी।

पेड़ की दूरी अब शैफाली से बामुश्किल 4 कदम ही बची थी। कोई भी इतने कम समय में शैफाली को दौड़कर नही पकड़ सकता था।

अब उसे कोई रोक सकता था तो वह था केवल ब्रूनो।

“ब्रूनो... रोको शैफाली को।" सुयश ने ब्रूनो को शैफाली की ओर इशारा करते हुए उसे रोकने को कहा।

इशारा समझ कर ब्रूनो बहुत तेजी से शैफाली की ओर भागा। कुछ ही सेकंड में वह शैफाली के पास था।

ब्रूनो ने एक नजर गौर से शैफाली को देखा और फ़िर उस पेड़ को देखने लगा, जिसमें से अभी भी रोने की आवाज आ रही थी।

“ब्रूनो... स्टोप शैफाली।" ब्रेंडन ब्रूनो को रुकते देख चिल्ला उठा।

लेकिन ब्रूनो ने एक बार फ़िर शैफाली को देखा और फ़िर उसे रोकने की बजाय ‘कूं-कूं’ करता हुआ वही घास पर ऐसे पसर कर बैठ गया, जैसे उसे शैफाली से कोई लेना-देना ही ना हो।

“यह ब्रूनो शैफाली को बचाने के बजाय वहां आराम क्यों करने लगा?" अल्बर्ट के स्वर उलझे-उलझे थे।

तब तक शैफाली उस झाड़ीनुमा पेड़ तक पहुंच गयी। पेड़ से निकलती वह रोती आवाज तेज होती जा रही थी।

अब शैफाली तक कोई नहीं पहुंच सकता था।

तभी अचानक उस झाड़ीनुमा पेड़ ने अपनी झाड़ियो को इस प्रकार आगे बढ़ाया जैसे वह झाड़ी नहीं उसके हाथ हैं और शैफाली को अपनी गिरफ़्त में ले लिया।

शैफाली उन झाड़ियो में उलझकर रह गयी।

“यह तो कोई आदमखोर पेड़ लग रहा है?" सुयश ने धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए कहा- “पर इससे निकलती यह आवाज बड़ी अजीब सी है।"

तब तक सभी भागते हुए पेड़ तक पहुंच गये।

“खबरदार!" सुयश ने सभी को सावधान करते हुए कहा- “कोई पेड़ के पास नहीं जायेगा। यह आदमखोर खून चूसने वाला पेड़ भी हो सकता है। जो भी इसके पास जायेगा, वो शैफाली को बचाने के बजाय स्वयं भी उस खूनी पेड़ का शिकार भी बन सकता है। इसिलये दूर से ही शैफाली को बचाने की तरकीब सोचो।"

वह पेड़ बड़ा ही आश्चर्यजनक था क्यों की शैफाली को पकड़ने के बाद, अब उसमें से रोने के बजाय हंसने की आवाज आने लगी थी।

ऐसा लग रहा था जैसे किसी बच्चे को उसकी पसंद का खिलोना मिल गया हो और वह किलकारियां मारकर हंस रहा हो।

उस पेड़ की यह हंसी जंगल में गूंजकर एक अजीब सा खौफ पैदा कर रही थी।

तभी ब्रेंडन और तौफीक ने अपने हाथो में चाकू निकल लिया और वह धीरे-धीरे उस पेड़ की ओर बढ़ने लगे।

शैफाली अभी भी सम्मोहित मुद्रा में थी। उसे शायद इस समय किसी दर्द का अहसास भी नहीं हो रहा था।

इससे पहले कि ब्रेंडन और तौफीक उस पेड़ पर चाकू से हमला बोल पाते, अचानक उन झाड़ियो में एक अजीब सी हरकत हुई और उसमें लगे सितारे के आकार के पीले फल, विचित्र लताओँ के साथ हवा में झूमने लगे।

वातावरण में अब हंसने की आवाज के साथ एक अजीब सी भिनभीनाहट भी गूंजने लगी।
ब्रेंडन और तौफीक यह देखकर एक क्षण के लिए अपनी जगह पर रुक गये।

तभी उन विचित्र फलो में से 2 फल हवा में उठकर लाताओं सहित शैफाली की आँखो के पास पहंच गये और इससे पहले कि कोई और कुछ समझ पाता, वह फल एक अजीब सी ‘पिच्छ’ की आवाज के साथ हवा में स्वतः ही फट गये।

उन विचित्र फलो के फटने से उसमें से एक रस की धार निकली और शैफाली की आँख में पड़ गयी।

अब शैफाली अपनी आँखे तेजी से रगड़ते हुए दर्द से चीखने लगी- “मेरी आँखे.... मेरी आँखो में बहुत
तेज जलन हो रही है।"

शैफाली की चीख को सुन मानो पेड़ को उस पर दया आ गयी क्यों की अब उसकी गिरफ़्त बहुत ढीली हो गयी।

पेड़ की पकड़ ढीली होते ही शैफाली पेड़ के पास नीचे की ओर गिर गयी।



जारी
रहेगा_______✍️
Lovely update mayavi ped ne Shefali ko bhi samohit kar diya kya baat hai??
Ye ped toh bada kaam ka nikla isne Shefali ki aankh par hi prahar kar diya aur koi jagah nahi mila use apna fruit juice dene ke liye.
 

dhalchandarun

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“तुम ठीक तो हो ना?" अल्बर्ट ने शैफाली के सिर पर हाथ फेरते हुए पूछा।

“ग्रैंड अंकल, मेरी आँखो में बहुत तेज जलन हो रही है।" शैफाली ने अल्बर्ट की आवाज और उसके स्पर्श को पहचान लिया।

“धीरे-धीरे अपनी आँखो को खोलने की कोशिश करो। मैं तुम्हारी आँखें देखने के बाद ही बता पाऊंगा कि क्या परेशानी हुई है।" अल्बर्ट के शब्दो में प्यार और दर्द की साफ झलक मिल रही थी।

अल्बर्ट के शब्द सुन शैफाली ने धीरे-धीरे अपनी आँखो को खोलना शुरू कर दिया।

आँखें खुलने के बाद शैफाली ने फ़िर मिचमिचाकर अपनी आँखें बंद कर ली।

लेकिन तुरंत ही शैफाली ने अपनी आँखें दोबारा खोल दी। इसी के साथ वह खुशी से चीख पड़ी-

“ग्रैंड अंकल ... ग्रैंड अंकल ... मेरी आँखें ठीक हो गयी। मैं ... मैं अब देख सकती हू ... मुझे अब सबकुछ दिखाई दे रहा है।"

यह सुन सभी भोचक्के से खड़े रह गये।

“ये ... ये कैसे संभव है?" सुयश के स्वर में दुनियां भर का आश्चर्य दिख रहा था- 4a“जन्म से अंधे व्यक्ती की आँखें अपने आप कैसे आ सकती है?"

उधर शैफाली अल्बर्ट के गले लगी हुई ऐसे चारो तरफ का दृश्य देखने लगी मानो वह एक पल में दुनियां की हर चीज देख लेना चाहती हो।

शैफाली के चेहरे पर खुशी ही खुशी नजर आ रही थी। अब ब्रूनो भी शैफाली के पास आ गया था और प्यार से उसका हाथ चाट रहा था।

शैफाली ने खुशी से बारी-बारी सबको देखा और सूंघकर सबका नाम बताया। लगभग 10 मिनट तक यह खुशी का सेलिब्रेसन चलता रहा।

अब अल्बर्ट से ना रहा गया। वह धीरे-धीरे उस झाड़ीनुमा पेड़ के पास पहुंच गया।

सभी का ध्यान अब अल्बर्ट पर था। शैफाली भी पेड़ के पास पहुंच गयी।

कुछ सोचकर शैफाली ने एक कदम आगे बढ़ाया। शैफाली को पास आता देख पेड़ की लताएं पुनः हिली, पर इस बार उसने शैफाली को नहीं पकड़ा, बल्कि उसे प्यार से सहलाने लगी।

यह देख डरते-डरते अल्बर्ट ने भी अपना दाहिना हाथ आगे बढ़ाया, पर पेड़ ने अल्बर्ट को भी कुछ नहीं कहा। यह देख अल्बर्ट ने पेड़ से 2 फल तोड़ लिये।

“इस फल का क्या करेंगे प्रोफेसर?" ब्रेंडन ने अल्बर्ट से पूछा।

“मुझे भी अभी पता नहीं है।" अल्बर्ट ने एक गहरी साँस लेते हुए कहा- “पर अगर मैं कभी भी अपनी दुनियां में वापस पहुंचा, तो सबको यह फल जरूर दिखाऊंगा और बताऊंगा की कैसे इस फल ने एक जन्म से अंधी लड़की की आँखें सही कर दी।"

“प्रोफेसर!" तौफीक ने आगे बढ़कर अल्बर्ट से पूछा- “क्या आपने ऐसे किसी पेड़ का जिक्र कहीं सुना है?"

“नहीं!" अल्बर्ट ने जवाब दिया- “मैंने ऐसे किसी पेड़ का जिक्र कहीं नहीं सुना। वैसे बच्चे की तरह रोने
वाला पेड़ तो अफ़्रीका में पाया जाता है, जिसे ‘मेंड्रेक’ कहते है। मगर इस पौधे से तो हंसने, रोने और चिल्लाने की भी आवाज आ नहीं थी और ऐसा पेड़ तो कभी नहीं सुना जो किसी जन्म से अंधे व्यक्ति को आँख दे सकता हो।"

“कैप्टन!" इस बार असलम ने कहा- “मुझे तो लगता है की यहां सबकुछ ‘अपग्रेडेड’ है। मतलब हमारी दुनियां से 10 गुना ज्यादा ताकतवर और विकसित।"

“तुम सही कह रहे हो असलम।" सुयश ने भी असलम की बात पर हामी भरते हुए कहा।

“कैप्टन ।" एलेक्स ने सुयश को देखते हुए कहा- “एक बात समझ में नही आयी की ब्रूनो ने शैफाली को रोका क्यों नहीं था? क्या उसे यह अहसास हो गया था की यह पेड़ शैफाली का कोई आहित नहीं करेगा।"

“हो सकता है।" सुयश ने ब्रूनो के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा- “वैसे पहले भी ब्रूनो ने शैफाली की जान बचाई थी। वैसे शैफाली तुम यह बताओ कि सबके पुकारने पर भी तुम रुक क्यों नहीं रही थी?"

“अंकल, उस समय जब आप सभी लोग आपस में बात कर रहे थे, तभी मेरे कानो में एक अद्रस्य आवाज सुनाई दी थी। मुझे ऐसा लगा कि जैसे किसी ने मेरे कानो में ‘नयनतारा’ शब्द बोला था। उसके बाद का मुझे कुछ याद नहीं है। इसके बाद मुझे होश तब आया, जब उस पेड़ ने मेरी आँखो में वह रसीला फल निचोड़ दिया था।" शैफाली ने कहा।

“नयनतारा!" सुयश ने बड़बड़ाते हुए यह शब्द दोहराया- “यह तो हिन्दी शब्द लग रहा है और ऐसा लग रहा है जैसे मैंने इस शब्द को कहीं सुना हो?"

“हिन्दी शब्द! और वह भी सुना हुआ।" जेनिथ ने आश्चर्य से कहा- “आपने यह शब्द कहां सुना है कैप्टन? याद करने की कोशिश करें।"

“नयनतारा ..... नयनतारा ....।" सुयश ने अपने दिमाग पर जोर डालना शुरु कर दिया। अचानक वह खुशी से चीख उठा- “याद आया ...यह शब्द मैंने अपने दादाजी की कहानियो में, अपने बचपन में सुना था।

जब मैं छोटा था तो मेरे दादाजी मुझे ‘यति’ और ‘उड़ने वाले घोड़े’ की कहानियाँ सुनाते थे, उसी एक कहानी में उन्होंने मुझे इस नयनतारा पेड़ के बारे में बताया था कि यह पौधा ‘हिमालय’ की पहाड़ीयो में पाया जाता है, जो आँखो की किसी भी तरह की परेशानी को जड़ से ख़तम कर सकता है और इसीलिये इसका नाम नयनतारा रखा गया था क्यों कि हिन्दी में ‘नयन’ का मतलब ‘आँखे’ होती है और ‘तारा’ का मतलब ‘स्टार’ होता है।

अब अगर इस पौधे के फल के आकार पर ध्यान दिया जाये तो वह एक स्टार की ही आकृति का है और उसमें किसी की आँखो को सही करने की छमता भी है। इस हिसाब से इस पौधे का नाम इसके कार्य को देखते हुए बिल्कुल फिट बैठता है।"

“अब यहां पर 2 बातें निकल कर आ रही है कैप्टन।" क्रिस्टी ने कहा- “नंबर 1 कि हिमालय की पौराणिक कथाओ का पौधा यहां पर कैसे आया? और दूसरा कि शैफाली को बार-बार यह रहस्य कौन बता रहा है?"

काफ़ी देर सोचने के बाद भी किसी की कुछ समझ में नहीं आया, अंततः उन्होने फ़िर से आगे बढ़ने का निश्चय किया। और सुयश का इशारा देख फ़िर सब जंगल के अंदर की ओर चल दिये।

जोड़ीयाक-घड़ी
(8 जनवरी 2002, मंगलवार, 11:00, वाशिंगटन डी.सी., अमेरिका)

वेगा अपने फ्लैट में बैठा कंप्यूटर पर काम कर रहा था, तभी उसके मोबाइल की घंटी बज उठी।
वेगा ने एक बार अपने मोबाइल को देखा। कॉल वीनस का था। वीनस का कॉल देख वेगा के चेहरे पर
एक मुस्कान आ गयी।

उसने रिलेक्स होने के अंदाज से एक गहरी साँस भरी और वीनस का कॉल रिसीव कर लिया।

“हाय वेगा! कैसे हो?" दूसरी तरफ से वीनस का मधुर स्वर फोन पर गूंजा- “पुस्तकालय के बाद तो तुमने मुझे याद ही नहीं किया। ऐसा क्या लिख रहे हो अपने प्रोजेक्ट में जिसकी वजह से तुम्हें

अपने दोस्तों की याद ही नहीं आ रही है।"

“नहीं वीनस ... ऐसी कोई बात नहीं है।" वेगा ने सफाई देते हुए कहा- “मैं आज तुम्हें कॉल करने ही वाला था।"

“अरे वाह! पार्टी देने का इरादा है क्या?" वीनस ने खुश होते हुए कहा।

“पार्टी भी देंगे पर आज नहीं बल्की कल।" वेगा फोन को हाथ में लेते हुए वहीं बेड पर पसर गया-
“क्यों की कल मेरा जन्मदिन है।"

“वाह ... वाह! कल जन्मदिन है तुम्हारा। फ़िर तो पार्टी भी विशेष होनी चाहिए।" वीनस ने अपनी डिमांड रखते हुए कहा।

“हां-हां क्यों नहीं।" वेगा ने भी अपनी सहमित जताई- “बताओ क्या प्लान करें कल का?"

“ऊंऽऽऽऽऽ।" वीनस ने सोचते हुए कहा- “कल ‘जॉर्ज टाउन वाटर फ़्रैट पार्क’ चलते है, वहां पार्टी करने में मजा आयेगा। वहां पर बहुत सारे थीम एक साथ मिल जायेंगे।"

“ओ. के. तो कल के लिये ‘जॉर्ज टाउन वाटर फ़्रैट पार्क’ डन।" वेगा ने पार्टी पर मोहर लगाते हुए कहा।

“और कोई तो नहीं रहेगा ना पार्टी में?" वीनस ने शोखी बिखेरते हुए कहा।

“हम दो के बीच में किसी तीसरे का क्या काम?" वेगा ने वीनस को छेड़ते हुए कहा। लेकिन इसके
पहले कि वीनस और कुछ बोल पाती वेगा के कमरे की बेल बज उठी।

“लगता है कोई आया है? चलो कल सुबह की पार्टी पक्की। बाकी बातें बाद में करुंगा। बाय-बाय।" वेगा ने फोन को काटने वाले अंदाज में कहा।

“बाय-बाय वेगा! कल पार्क में मिलते है।" इतना कहकर वीनस ने फोन को काट दिया। फोन कटने के बाद वेगा बेड से उतरकर दरवाजे की ओर बढ़ गया।

वेगा ने दरवाजा खोलकर बाहर देखा। बाहर एक कूरियर वाला लड़का खड़ा था।

“आपका कूरियर है।" कूरियर वाले ने वेगा को एक छोटा सा पैकेट पकड़ाते हुए कहा।

वेगा ने वह पैकेट अपने हाथों में पकड़ लिया। कूरियर को देकर कूरियर वाला वहां से चला गया।

वेगा की नजर अब हाथ में पकड़े पैकेट पर थी। पैकेट पर भेजने वाले के नाम की जगह पर युगाका लिखा था। वेगा यह देखकर धीरे से मुस्कुरा दिया।

“कोई भी भूल जाए, पर भैया मेरा जन्म दिन कभी नहीं भूलते। लव यू भाई!" यह कहते हुए वेगा ने एक फ्लाइंग किस हवा में उछाला और पैकेट के सुनहरे रैपर को फाड़ने लगा-
“देखें तो इस बार भाई ने क्या भेजा है मेरे लिये?"

सुनहरे रैपर के नीचे एक शानदार धातु का डिब्बा था, जिस्में एक चमचमाती हुई गोल्डेन कलर की
स्मार्ट-वॉच रखी थी।

“वाह!" वेगा अपनी खुशी का इजहार करते हुए जोर से चिल्लाया-“ क्या शानदार वॉच है!“
वेगा ने ‘जोडियाक वॉच’ को ऑन कर लिया।

जोडियाक वॉच का डायल, साधारण वॉच से थोड़ा सा ज्यादा बड़ा था और उसकी स्क्रीन टच करने पर बदल रही थी। वेगा ने जल्दी- जल्दी जोडियाक वॉच के सारे वॉलपेपर को चेक कर लिया।

घड़ी में 12 वॉलपेपर थे और हर एक वॉलपेपर एक राशि का प्रतिनिधित्व कर रहा था। चूंकी वेगा की राशि ‘मकर’ थी इसिलये उसने ‘मकर’ राशि वाला वॉलपेपर वॉच पर लगा लिया।

उस वॉलपेपर पर एक मगरमच्छ मानव बना था जो कि किसी योद्धा कीतरह एक हाथ में तलवार पकड़े था। वेगा ने वॉलपेपर बदलने के बाद वॉच को अपनी कलाई पर बांध लिया।




जारी रहेगा_______✍️
Nice ek aur jahan Shefali ko uski eyesight wapas mil gayi aur dusri aur Vega ko apne birthday se pahle hi Jodisc watch mil gayi.

Let's see ab Shefali apni aankh ke dam par kya kya karti hai jab uske paas eyes nahi thi tab hi usne bahut sare unbelievable work kiya hai.

Ek aur baat hai yadi kisi ki ek sense khrab ho toh uski baki ke senses jyada strong hote hain.

Wonderful update brother.
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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#68.

उधर अल्बर्ट सबको समझा रहा था- “शायद शैफाली के पास छठी इंद्रिय है।"

“छठी इंद्रिय!" ब्रैंडन ने आश्चर्य से पूछा- “पर प्रोफेसर, इंद्रियां तो पांच ही होती है। ये छठी इंद्रिय क्या है?"

“कभी-कभी हमें किसी बुरी घटना के होने के पहले ही कुछ बुरा अहसास होने लगता है या फ़िर किसी अच्छी घटना घटने के पहले ही खुशी का अहसास होने लगता है। वैज्ञानिको का मानना है कि यह सब छठी इंद्रिय के कारण होता है।"

अल्बर्ट ने कहा- “यह छठी इंद्रिय सभी इंसान में और जानवरों में होती है, पर इंसान बहुत कम मात्रा में इसका प्रयोग कर पाता है। हो सकता है कि यही छठी इंद्रिय शैफाली में ज्यादा मात्रा में हो और इसी वजह से वह भविष्य देख लेती हो।"

“शायद आप सही कह रहे है प्रोफेसर।" सुयश ने भी अल्बर्ट की बात पर अपनी सहमित जताते हुए कहा- “मैंने सुना है कि पुराने समय में युद्ध होने के काफ़ी दिन पहले ही गिद्ध उस मैदान में जाकर बैठ जाते थे जहां युद्ध होने वाला होता था। उन्हें पता था कि युद्ध के बाद लाशें गिरेंगी और उन्हें वहां खाने को मिलेगा।"

अभी ये आपस में बात कर ही रहे थे कि तभी इन्हें अचानक किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी-

“ऊवां .... ऊवांऽऽऽऽ।"

“ये तो किसी बच्चे के रोने की आवाज है।" क्रिस्टी ने इधर-उधर देखते हुए कहा।

“बच्चा! और वह भी इस जंगल में?" सुयश के स्वर में आश्चर्य और उलझन थी।

आवाज में बहुत दर्द भरा था। सभी पूरी तरह से चोकन्ना होकर इस आवाज को सुनने की कोशिश करने लगे।

अचानक सुयश को अपने ग्रुप का ख्याल आया।

सुयश ने ध्यान से एक नजर सब पर डाली और जोर से चीख उठा- “शैफाली....शैफाली कहां है?"

तुरंत सबकी निगाहें अपने आसपास घूम गई। लेकिन ऊंचे-ऊंचे वृक्षो और घने जंगल के सिवा उन्हें अपने आसपास कुछ ना दिखायी दिया।

“अभी-अभी तो वह मेरे साथ थी। इतनी जल्दी कहां जा सकती है?"
जेनिथ ने आसपास निगाह मारते हुए कहा-

“कहीं कोई जंगली जानवर.... नहीं ...नहीं....जानवर बिना आवाज किये उसे नहीं ले जा सकता। तो फ़िर..... तो फ़िर कहां गयी शैफाली?"

“शैफालीऽऽऽऽ .....शैफालीऽऽऽऽ!" तौफीक ने मुंह के दोनों साइड अपने हाथ लगाकर जोर से आवाज दी।

लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं मिला। केवल तौफीक की आवाज घने जंगल में घूमकर प्रतिध्वनि उत्पन्न करती रही।

अल्बर्ट भी अपने गले में टंगी सीटी को जोर-जोर से बजाने लगा। सभी लोग अलग-अलग होकर शैफाली को ढूंढने की कोशिश करने लगे।

“खबरदार! कोई भी ग्रुप से बाहर नहीं जायेगा" सुयश ने चीखकर सबको खबरदार किया-

“सभी लोग एक साथ रहकर शैफाली को ढूंढने की कोशिश करेंगे, क्यों कि एक साथ रहकर तो हम हर मुसीबत का सामना कर सकते है, पर अकेले रहकर कुछ नही कर सकते। इसिलये हम सभी को एक साथ रहना होगा।"

“कैप्टन, हम उस बच्चे के रोने की आवाज को भूल रहे है। जिसको सुनकर हमें शैफाली का ध्यान आया था।" ब्रैंडन ने कुछ याद दिलाते हुए कहा।

“लेकिन इतने भयानक जंगल में कोई बच्चा कहां से आ सकता है?" एलेक्स ने कहा- “अवस्य ही यह कोई मायाजाल है? दोस्तो हमें सावधान रहना होगा।"

“ऊवांऽऽऽऽ .... ऊवांऽऽऽऽ.... ऊवांऽऽऽऽऽ।"

तभी रोने की आवाज पुनः सुनाई दी। इस बार आवाज थोड़ा स्पस्ट थी।


“इधर से .... इधर से आयी है वह आवाज।" अल्बर्ट ने एक दिशा की ओर इशारा करते हुए कहा।

“कहीं यह शैफाली की आवाज तो नहीं?" जैक ने अपने होंठ पर जुबान फिराते हुए कहा।

“नहीं ये शैफाली की आवाज नहीं है।“ एलेक्स बोला- “यह किसी छोटे बच्चे की आवाज है।"

“क्या हमें आवाज की दिशा में चलना चाहिए?" जॉनी ने डरते-डरते कहा।

पर सुयश ने जॉनी की बात पर ना ध्यान देते हुए, इस बार ब्रूनो को इशारा किया। ब्रूनो सुयश का इशारा समझ कर तेजी से आवाज की दिशा में भागा।

सभी लोग ब्रूनो के पीछे-पीछे भागे। थोड़ा आगे बढ़ते ही इन्हें पुनः वही आवाज सुनाई दी।

“ऊवांऽऽऽऽ .... ऊवांऽऽऽ.... ऊवांऽऽऽऽऽ।" इस बार आवाज बिल्कुल साफ थी।

आवाज को सुन सभी के कदमों में तेजी आ गयी। थोड़ा आगे बढ़ते ही उन्हें एक अजीब सा नजारा दिखाई दिया।

वह रोने की आवाज सामने लगे एक झाड़ीनुमा पेड़ से आ रही थी और शैफाली धीरे-धीरे बिल्कुल सम्मोहित अवस्था में उन झड़ियों की ओर बढ़ रही थी।

उस झाड़ीनुमा पेड़ पर सितारे की आकृति लिये कुछ पीले रंग के रसीले फल लगे दिखाई दे रहे थे।

अब शैफाली पेड़ से लगभग 10 कदम दूर रह गयी थी। बाकी सभी लोगो की दूरी शैफाली से बहुत ज़्यादा थी।

“शैफालीऽऽऽऽ ... शैफालीऽऽऽऽ रुक जाओ।" अल्बर्ट शैफाली को पेड़ की तरफ बढ़ते देख जोर से चिल्लाया- “वहां पर खतरा है....रुक जाओ।“

मगर शैफाली ने जैसे अल्बर्ट की बात सुनी ही ना हो। वह निरंतर पेड़ की ओर बढ़ रही थी।

पेड़ की दूरी अब शैफाली से बामुश्किल 4 कदम ही बची थी। कोई भी इतने कम समय में शैफाली को दौड़कर नही पकड़ सकता था।

अब उसे कोई रोक सकता था तो वह था केवल ब्रूनो।

“ब्रूनो... रोको शैफाली को।" सुयश ने ब्रूनो को शैफाली की ओर इशारा करते हुए उसे रोकने को कहा।

इशारा समझ कर ब्रूनो बहुत तेजी से शैफाली की ओर भागा। कुछ ही सेकंड में वह शैफाली के पास था।

ब्रूनो ने एक नजर गौर से शैफाली को देखा और फ़िर उस पेड़ को देखने लगा, जिसमें से अभी भी रोने की आवाज आ रही थी।

“ब्रूनो... स्टोप शैफाली।" ब्रेंडन ब्रूनो को रुकते देख चिल्ला उठा।

लेकिन ब्रूनो ने एक बार फ़िर शैफाली को देखा और फ़िर उसे रोकने की बजाय ‘कूं-कूं’ करता हुआ वही घास पर ऐसे पसर कर बैठ गया, जैसे उसे शैफाली से कोई लेना-देना ही ना हो।

“यह ब्रूनो शैफाली को बचाने के बजाय वहां आराम क्यों करने लगा?" अल्बर्ट के स्वर उलझे-उलझे थे।

तब तक शैफाली उस झाड़ीनुमा पेड़ तक पहुंच गयी। पेड़ से निकलती वह रोती आवाज तेज होती जा रही थी।

अब शैफाली तक कोई नहीं पहुंच सकता था।

तभी अचानक उस झाड़ीनुमा पेड़ ने अपनी झाड़ियो को इस प्रकार आगे बढ़ाया जैसे वह झाड़ी नहीं उसके हाथ हैं और शैफाली को अपनी गिरफ़्त में ले लिया।

शैफाली उन झाड़ियो में उलझकर रह गयी।

“यह तो कोई आदमखोर पेड़ लग रहा है?" सुयश ने धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए कहा- “पर इससे निकलती यह आवाज बड़ी अजीब सी है।"

तब तक सभी भागते हुए पेड़ तक पहुंच गये।

“खबरदार!" सुयश ने सभी को सावधान करते हुए कहा- “कोई पेड़ के पास नहीं जायेगा। यह आदमखोर खून चूसने वाला पेड़ भी हो सकता है। जो भी इसके पास जायेगा, वो शैफाली को बचाने के बजाय स्वयं भी उस खूनी पेड़ का शिकार भी बन सकता है। इसिलये दूर से ही शैफाली को बचाने की तरकीब सोचो।"

वह पेड़ बड़ा ही आश्चर्यजनक था क्यों की शैफाली को पकड़ने के बाद, अब उसमें से रोने के बजाय हंसने की आवाज आने लगी थी।

ऐसा लग रहा था जैसे किसी बच्चे को उसकी पसंद का खिलोना मिल गया हो और वह किलकारियां मारकर हंस रहा हो।

उस पेड़ की यह हंसी जंगल में गूंजकर एक अजीब सा खौफ पैदा कर रही थी।

तभी ब्रेंडन और तौफीक ने अपने हाथो में चाकू निकल लिया और वह धीरे-धीरे उस पेड़ की ओर बढ़ने लगे।

शैफाली अभी भी सम्मोहित मुद्रा में थी। उसे शायद इस समय किसी दर्द का अहसास भी नहीं हो रहा था।

इससे पहले कि ब्रेंडन और तौफीक उस पेड़ पर चाकू से हमला बोल पाते, अचानक उन झाड़ियो में एक अजीब सी हरकत हुई और उसमें लगे सितारे के आकार के पीले फल, विचित्र लताओँ के साथ हवा में झूमने लगे।

वातावरण में अब हंसने की आवाज के साथ एक अजीब सी भिनभीनाहट भी गूंजने लगी।
ब्रेंडन और तौफीक यह देखकर एक क्षण के लिए अपनी जगह पर रुक गये।

तभी उन विचित्र फलो में से 2 फल हवा में उठकर लाताओं सहित शैफाली की आँखो के पास पहंच गये और इससे पहले कि कोई और कुछ समझ पाता, वह फल एक अजीब सी ‘पिच्छ’ की आवाज के साथ हवा में स्वतः ही फट गये।

उन विचित्र फलो के फटने से उसमें से एक रस की धार निकली और शैफाली की आँख में पड़ गयी।

अब शैफाली अपनी आँखे तेजी से रगड़ते हुए दर्द से चीखने लगी- “मेरी आँखे.... मेरी आँखो में बहुत
तेज जलन हो रही है।"

शैफाली की चीख को सुन मानो पेड़ को उस पर दया आ गयी क्यों की अब उसकी गिरफ़्त बहुत ढीली हो गयी।

पेड़ की पकड़ ढीली होते ही शैफाली पेड़ के पास नीचे की ओर गिर गयी।



जारी
रहेगा_______✍️
Shaandar jabardast Romanchak Update 👌 👌 👌
Shefali ke sath achha hi hota raha hai island pe to shayad yah ped bhi uski aankhon ki roshni lauta de 😏
 

Napster

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#69.

तौफीक ने यह देख तुरंत चाकू को नीचे फेका और बिना अपनी जान की परवाह किये, भागकर शैफाली को उठाकर पेड़ से दूर चला गया। अब सभी भागकर शैफाली के करीब आ गये।

“तुम ठीक तो हो ना?" अल्बर्ट ने शैफाली के सिर पर हाथ फेरते हुए पूछा।

“ग्रैंड अंकल, मेरी आँखो में बहुत तेज जलन हो रही है।" शैफाली ने अल्बर्ट की आवाज और उसके स्पर्श को पहचान लिया।

“धीरे-धीरे अपनी आँखो को खोलने की कोशिश करो। मैं तुम्हारी आँखें देखने के बाद ही बता पाऊंगा कि क्या परेशानी हुई है।" अल्बर्ट के शब्दो में प्यार और दर्द की साफ झलक मिल रही थी।

अल्बर्ट के शब्द सुन शैफाली ने धीरे-धीरे अपनी आँखो को खोलना शुरू कर दिया।

आँखें खुलने के बाद शैफाली ने फ़िर मिचमिचाकर अपनी आँखें बंद कर ली।

लेकिन तुरंत ही शैफाली ने अपनी आँखें दोबारा खोल दी। इसी के साथ वह खुशी से चीख पड़ी-

“ग्रैंड अंकल ... ग्रैंड अंकल ... मेरी आँखें ठीक हो गयी। मैं ... मैं अब देख सकती हू ... मुझे अब सबकुछ दिखाई दे रहा है।"

यह सुन सभी भोचक्के से खड़े रह गये।

“ये ... ये कैसे संभव है?" सुयश के स्वर में दुनियां भर का आश्चर्य दिख रहा था- 4a“जन्म से अंधे व्यक्ती की आँखें अपने आप कैसे आ सकती है?"

उधर शैफाली अल्बर्ट के गले लगी हुई ऐसे चारो तरफ का दृश्य देखने लगी मानो वह एक पल में दुनियां की हर चीज देख लेना चाहती हो।

शैफाली के चेहरे पर खुशी ही खुशी नजर आ रही थी। अब ब्रूनो भी शैफाली के पास आ गया था और प्यार से उसका हाथ चाट रहा था।

शैफाली ने खुशी से बारी-बारी सबको देखा और सूंघकर सबका नाम बताया। लगभग 10 मिनट तक यह खुशी का सेलिब्रेसन चलता रहा।

अब अल्बर्ट से ना रहा गया। वह धीरे-धीरे उस झाड़ीनुमा पेड़ के पास पहुंच गया।

सभी का ध्यान अब अल्बर्ट पर था। शैफाली भी पेड़ के पास पहुंच गयी।

कुछ सोचकर शैफाली ने एक कदम आगे बढ़ाया। शैफाली को पास आता देख पेड़ की लताएं पुनः हिली, पर इस बार उसने शैफाली को नहीं पकड़ा, बल्कि उसे प्यार से सहलाने लगी।

यह देख डरते-डरते अल्बर्ट ने भी अपना दाहिना हाथ आगे बढ़ाया, पर पेड़ ने अल्बर्ट को भी कुछ नहीं कहा। यह देख अल्बर्ट ने पेड़ से 2 फल तोड़ लिये।

“इस फल का क्या करेंगे प्रोफेसर?" ब्रेंडन ने अल्बर्ट से पूछा।

“मुझे भी अभी पता नहीं है।" अल्बर्ट ने एक गहरी साँस लेते हुए कहा- “पर अगर मैं कभी भी अपनी दुनियां में वापस पहुंचा, तो सबको यह फल जरूर दिखाऊंगा और बताऊंगा की कैसे इस फल ने एक जन्म से अंधी लड़की की आँखें सही कर दी।"

“प्रोफेसर!" तौफीक ने आगे बढ़कर अल्बर्ट से पूछा- “क्या आपने ऐसे किसी पेड़ का जिक्र कहीं सुना है?"

“नहीं!" अल्बर्ट ने जवाब दिया- “मैंने ऐसे किसी पेड़ का जिक्र कहीं नहीं सुना। वैसे बच्चे की तरह रोने
वाला पेड़ तो अफ़्रीका में पाया जाता है, जिसे ‘मेंड्रेक’ कहते है। मगर इस पौधे से तो हंसने, रोने और चिल्लाने की भी आवाज आ नहीं थी और ऐसा पेड़ तो कभी नहीं सुना जो किसी जन्म से अंधे व्यक्ति को आँख दे सकता हो।"

“कैप्टन!" इस बार असलम ने कहा- “मुझे तो लगता है की यहां सबकुछ ‘अपग्रेडेड’ है। मतलब हमारी दुनियां से 10 गुना ज्यादा ताकतवर और विकसित।"

“तुम सही कह रहे हो असलम।" सुयश ने भी असलम की बात पर हामी भरते हुए कहा।

“कैप्टन ।" एलेक्स ने सुयश को देखते हुए कहा- “एक बात समझ में नही आयी की ब्रूनो ने शैफाली को रोका क्यों नहीं था? क्या उसे यह अहसास हो गया था की यह पेड़ शैफाली का कोई आहित नहीं करेगा।"

“हो सकता है।" सुयश ने ब्रूनो के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा- “वैसे पहले भी ब्रूनो ने शैफाली की जान बचाई थी। वैसे शैफाली तुम यह बताओ कि सबके पुकारने पर भी तुम रुक क्यों नहीं रही थी?"

“अंकल, उस समय जब आप सभी लोग आपस में बात कर रहे थे, तभी मेरे कानो में एक अद्रस्य आवाज सुनाई दी थी। मुझे ऐसा लगा कि जैसे किसी ने मेरे कानो में ‘नयनतारा’ शब्द बोला था। उसके बाद का मुझे कुछ याद नहीं है। इसके बाद मुझे होश तब आया, जब उस पेड़ ने मेरी आँखो में वह रसीला फल निचोड़ दिया था।" शैफाली ने कहा।

“नयनतारा!" सुयश ने बड़बड़ाते हुए यह शब्द दोहराया- “यह तो हिन्दी शब्द लग रहा है और ऐसा लग रहा है जैसे मैंने इस शब्द को कहीं सुना हो?"

“हिन्दी शब्द! और वह भी सुना हुआ।" जेनिथ ने आश्चर्य से कहा- “आपने यह शब्द कहां सुना है कैप्टन? याद करने की कोशिश करें।"

“नयनतारा ..... नयनतारा ....।" सुयश ने अपने दिमाग पर जोर डालना शुरु कर दिया। अचानक वह खुशी से चीख उठा- “याद आया ...यह शब्द मैंने अपने दादाजी की कहानियो में, अपने बचपन में सुना था।

जब मैं छोटा था तो मेरे दादाजी मुझे ‘यति’ और ‘उड़ने वाले घोड़े’ की कहानियाँ सुनाते थे, उसी एक कहानी में उन्होंने मुझे इस नयनतारा पेड़ के बारे में बताया था कि यह पौधा ‘हिमालय’ की पहाड़ीयो में पाया जाता है, जो आँखो की किसी भी तरह की परेशानी को जड़ से ख़तम कर सकता है और इसीलिये इसका नाम नयनतारा रखा गया था क्यों कि हिन्दी में ‘नयन’ का मतलब ‘आँखे’ होती है और ‘तारा’ का मतलब ‘स्टार’ होता है।

अब अगर इस पौधे के फल के आकार पर ध्यान दिया जाये तो वह एक स्टार की ही आकृति का है और उसमें किसी की आँखो को सही करने की छमता भी है। इस हिसाब से इस पौधे का नाम इसके कार्य को देखते हुए बिल्कुल फिट बैठता है।"

“अब यहां पर 2 बातें निकल कर आ रही है कैप्टन।" क्रिस्टी ने कहा- “नंबर 1 कि हिमालय की पौराणिक कथाओ का पौधा यहां पर कैसे आया? और दूसरा कि शैफाली को बार-बार यह रहस्य कौन बता रहा है?"

काफ़ी देर सोचने के बाद भी किसी की कुछ समझ में नहीं आया, अंततः उन्होने फ़िर से आगे बढ़ने का निश्चय किया। और सुयश का इशारा देख फ़िर सब जंगल के अंदर की ओर चल दिये।

जोड़ीयाक-घड़ी
(8 जनवरी 2002, मंगलवार, 11:00, वाशिंगटन डी.सी., अमेरिका)

वेगा अपने फ्लैट में बैठा कंप्यूटर पर काम कर रहा था, तभी उसके मोबाइल की घंटी बज उठी।
वेगा ने एक बार अपने मोबाइल को देखा। कॉल वीनस का था। वीनस का कॉल देख वेगा के चेहरे पर
एक मुस्कान आ गयी।

उसने रिलेक्स होने के अंदाज से एक गहरी साँस भरी और वीनस का कॉल रिसीव कर लिया।

“हाय वेगा! कैसे हो?" दूसरी तरफ से वीनस का मधुर स्वर फोन पर गूंजा- “पुस्तकालय के बाद तो तुमने मुझे याद ही नहीं किया। ऐसा क्या लिख रहे हो अपने प्रोजेक्ट में जिसकी वजह से तुम्हें
अपने दोस्तों की याद ही नहीं आ रही है।"

“नहीं वीनस ... ऐसी कोई बात नहीं है।" वेगा ने सफाई देते हुए कहा- “मैं आज तुम्हें कॉल करने ही वाला था।"

“अरे वाह! पार्टी देने का इरादा है क्या?" वीनस ने खुश होते हुए कहा।

“पार्टी भी देंगे पर आज नहीं बल्की कल।" वेगा फोन को हाथ में लेते हुए वहीं बेड पर पसर गया-
“क्यों की कल मेरा जन्मदिन है।"

“वाह ... वाह! कल जन्मदिन है तुम्हारा। फ़िर तो पार्टी भी विशेष होनी चाहिए।" वीनस ने अपनी डिमांड रखते हुए कहा।

“हां-हां क्यों नहीं।" वेगा ने भी अपनी सहमित जताई- “बताओ क्या प्लान करें कल का?"

“ऊंऽऽऽऽऽ।" वीनस ने सोचते हुए कहा- “कल ‘जॉर्ज टाउन वाटर फ़्रैट पार्क’ चलते है, वहां पार्टी करने में मजा आयेगा। वहां पर बहुत सारे थीम एक साथ मिल जायेंगे।"

“ओ. के. तो कल के लिये ‘जॉर्ज टाउन वाटर फ़्रैट पार्क’ डन।" वेगा ने पार्टी पर मोहर लगाते हुए कहा।

“और कोई तो नहीं रहेगा ना पार्टी में?" वीनस ने शोखी बिखेरते हुए कहा।

“हम दो के बीच में किसी तीसरे का क्या काम?" वेगा ने वीनस को छेड़ते हुए कहा। लेकिन इसके
पहले कि वीनस और कुछ बोल पाती वेगा के कमरे की बेल बज उठी।

“लगता है कोई आया है? चलो कल सुबह की पार्टी पक्की। बाकी बातें बाद में करुंगा। बाय-बाय।" वेगा ने फोन को काटने वाले अंदाज में कहा।

“बाय-बाय वेगा! कल पार्क में मिलते है।" इतना कहकर वीनस ने फोन को काट दिया। फोन कटने के बाद वेगा बेड से उतरकर दरवाजे की ओर बढ़ गया।

वेगा ने दरवाजा खोलकर बाहर देखा। बाहर एक कूरियर वाला लड़का खड़ा था।

“आपका कूरियर है।" कूरियर वाले ने वेगा को एक छोटा सा पैकेट पकड़ाते हुए कहा।

वेगा ने वह पैकेट अपने हाथों में पकड़ लिया। कूरियर को देकर कूरियर वाला वहां से चला गया।

वेगा की नजर अब हाथ में पकड़े पैकेट पर थी। पैकेट पर भेजने वाले के नाम की जगह पर युगाका लिखा था। वेगा यह देखकर धीरे से मुस्कुरा दिया।

“कोई भी भूल जाए, पर भैया मेरा जन्म दिन कभी नहीं भूलते। लव यू भाई!" यह कहते हुए वेगा ने एक फ्लाइंग किस हवा में उछाला और पैकेट के सुनहरे रैपर को फाड़ने लगा-
“देखें तो इस बार भाई ने क्या भेजा है मेरे लिये?"

सुनहरे रैपर के नीचे एक शानदार धातु का डिब्बा था, जिस्में एक चमचमाती हुई गोल्डेन कलर की
स्मार्ट-वॉच रखी थी।

“वाह!" वेगा अपनी खुशी का इजहार करते हुए जोर से चिल्लाया-“ क्या शानदार वॉच है!“
वेगा ने ‘जोडियाक वॉच’ को ऑन कर लिया।

जोडियाक वॉच का डायल, साधारण वॉच से थोड़ा सा ज्यादा बड़ा था और उसकी स्क्रीन टच करने पर बदल रही थी। वेगा ने जल्दी- जल्दी जोडियाक वॉच के सारे वॉलपेपर को चेक कर लिया।

घड़ी में 12 वॉलपेपर थे और हर एक वॉलपेपर एक राशि का प्रतिनिधित्व कर रहा था। चूंकी वेगा की राशि ‘मकर’ थी इसिलये उसने ‘मकर’ राशि वाला वॉलपेपर वॉच पर लगा लिया।

उस वॉलपेपर पर एक मगरमच्छ मानव बना था जो कि किसी योद्धा कीतरह एक हाथ में तलवार पकड़े था। वेगा ने वॉलपेपर बदलने के बाद वॉच को अपनी कलाई पर बांध लिया।




जारी रहेगा_______✍️
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
चलो शेफाली के आंख की रोशनी वापस आ गयी वो भी पौराणिक पेड नयनतारा के फल से
अब वेगा को जोडियाक घडी मिल गयी तो देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और रहस्यमयी अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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Lovely update mayavi ped ne Shefali ko bhi samohit kar diya kya baat hai??
Ye ped toh bada kaam ka nikla isne Shefali ki aankh par hi prahar kar diya aur koi jagah nahi mila use apna fruit juice dene ke liye.
Wo prahaar nahi tha mitra, usne shefaaliki aankhe theek kar di :approve:
Thanks brother for your valuable review and support :thanx:
 

Raj_sharma

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Nice ek aur jahan Shefali ko uski eyesight wapas mil gayi aur dusri aur Vega ko apne birthday se pahle hi Jodisc watch mil gayi.

Let's see ab Shefali apni aankh ke dam par kya kya karti hai jab uske paas eyes nahi thi tab hi usne bahut sare unbelievable work kiya hai.

Ek aur baat hai yadi kisi ki ek sense khrab ho toh uski baki ke senses jyada strong hote hain.

Wonderful update brother.
Aur jab kisi ki baaki sense badhi ho aur uski kharaab sense bhi theek ho jaye to eo normal insaan se jyada powerful ho jata hai:approve: Shefali ke sath bhi yahi hoga:good:
Thanks for your valuable review and superb support bhai :thanx:
 
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