UPDATE 77
निशा की जोरदार चुदाई के बाद हम सब बैठ कर एक दुसरे को देखे हस रहे थे कि आखिर इसी के लिए कबसे हमने इतना सारा ड्रामा किया और हुआ वही जिसको हम लोग नही करना चाहते थे एक दुसरे के सामने ।
मै हस कर - तो ये आपका का प्लान था दीदी
सोनल हस कर - नही ये निशा का आइडिया था
मै अचरज से - कैसे
सोनल हस कर - मुझे तेरे और निशा के बारे मे सब पता है भाई,,वो मुझसे नही छिपाती कुछ
मै चौक कर निशा की ओर देखा तो वो शर्मा रही थी
मै थोडा संकोची होकर - तो क्या ये हम दोनो के भी ....
सोनल ह्स्ते हुए हा मे इशारे करती है ।
मै - धत्त साला मतलब तुम दोनो मिल कर मेरा ही काट रहे थे तबसे और यहा मुझे लग रहा था कि मै और आप मिल कर निशा को लपेट रहे है ।
मेरी बात सुन कर दोनो हसने लगी ।
सोनल - अरे भाई निशा बहुत परेशान थी और काफी समय से तू उसकी तरफ ध्यान नही देता था तो हार मान कर उसने अपने दिल की बात मुझसे शेयर की और फिर मै सही समय का इन्तजार किया और आज मौका था तो मैने मार दिया बाजी हिहिहिजिह
मै निशा से - सॉरी दीदी वो नये घर के काम मे कुछ ज्यादा ही बिज़ी हो गया था । अब आगे से ऐसा नही होगा
इत्ने मे निशा उठ कर आई और मेरे होठो को चूम कर बोली - कोई बात नही भाई आई लव यू ना
फिर हमने थोडी बहुत बाते की और मैने उनदोनो को समझाया कि ये बात अब किसी चौथे तक ना जाये । उन्होने भी इस बात का भरोसा मुझे दिया और फिर हम सब ने कपडे पहने और बाल्किनी मे गये । वहा मैने अपना टीशर्ट पहना और मोबाईल उठाया तो देखा 4.30 बज गये है ।
फिर हम सब बाल्किनी का दरवाजा खोल कर वापस हाल मे गये तो वहा कोई नही था ।
सब कमरे मे बाहर से चटखनि लगी थी
फिर निशा और सोनल एक बेडरूम खोलकर अन्दर सोने चले गये और फिर मै वही सोफे पर बैठ कर अपना मोबाईल चेक किया और चंदू के पास फोन लगा दिया ।
फोन पर
मै - और बेटा क्या हो रहा है
चंदू - क्या यार आया नही न तू
मै चंदू के इतने अच्छे शब्दो के बातो से चौक गया कि इसको क्या हुआ जो गाली नही बक रहा है
मै - अभी आ रहा हू यार और पंडाल कब तक शुरु होगा
चंदू - शाम 6 बजे से होगा जल्दी आ , ले मा बात करेगी
( ओह तभी ये संस्कारी बना है साला , घर पर है मतलब)
मै - चल दे
रजनी - हैलो हा बाबू
मै - हैप्पी होली दीदी
रजनी - हहा तुझको भी बाबू
रजनी - कब आ रहा है, इस साल नही खायेगा क्या मेरे हाथ के बने गुलगुले हा ,, और आता भी नही है आजकल ,, भूल गया मुझे ना
मै हस कर - सॉरी दिदी , अभी आ रहा हूँ वो नये घर पर हू ना
रज्नी - हा हा वो चंदू बताया मुझे
मै - चलो ठीक है अभी मिलता हू आपसे
फिर मै उठा और निचे हाल गया जहा मा, चाची और विमला बैठी बाते कर रही थी ।
फिर मै गेस्ट रूम मे गया जहा चाचा राहुल और अनुज सोये थे।
फिर वही टेबल से अपना पर्स लिया और हाल मे आया
मै - मा मै मार्केट वाले घर जा रहा हू रजनी दीदी बुलायी है ।
मा - अच्छा सुन तेरे पास पैसे है क्या ,
मै अचरज से - हा क्यू
मा - वो बेटा इस साल नये घर की तैयारी मे कुछ स्पैशल बना नही पाई तो ऐसा करना कल्लु भैया के यहा से एक किलो गुलाब जामुन लेते जाना रजनी के यहा
मै हस कर - ठीक है मा और कुछ
मा - नही बेटा और नही कुछ, बाकी फोन चालू रखना अगर किचन के लिए कुछ चाहिये होगा तो मै फोन करूंगी तो तू उस वाले घर से ही लेते आना
मै - ठीक है
मा - हा सुन
मै - अब क्या
मा - आराम से जाना और फिर से रंग खेल कर मत आना ध्यान देना ,,ये नये कपडे है
मै ह्स्ते हुए - ठीक है मेरी मा अभी जाने दो
फिर मै निकल गया घर से और 15 मिंट की देरी मे ही अपने मार्केट वाले मुहल्ले में पहुच गया ।
जहा सब कुछ सनासन बंद पडा था ।सारी दुकाने बंद थी सब कुछ खाली पडा था ।गलिया लाल हरे रंग और अबिरो की रंगोली से पटी हुई थी ।
किसी किसी घर मे कौतूहल की आवाजे आ रही थी ,, सनासन गली मे कही किसी घर की छ्ट से डीजे की आवाजे अभी भी थी लेकिन फिर भी एक खामोशी थी ।
कोई चहल पहल नही थी कही भी
ये तो हर साल का नजारा होता था
फिर मै टहलते अपने दुकान के सामने आया जिसके दरवाजे पर ताला लगा हुआ था और मेरे दुकान की शटर पर भी लाल रंग पिचकारी चली हुई थी ।
फिर मुझे ध्यान आया की मा ने गुलाबजामुन लेने को बोले थे तो मै चंदू के घर से आगे चाचा की दुकान के पास के मोड पर कल्लु काका के यहा से ताजे गुलाब जामुन पैक करवा कर वापस चंदू के घर की तरफ आ गया ।
जहा बरामदे मे ताजे रंग फैले हुई थे ।
मै बडे आराम से पाव रखते हुए अन्दर गया औए मुझे उपर से ही कुछ आवाजे आई तो मै सीधा सीढि से उपर चला गया।
जहा हाल मे चंदू खाना खा रहा था और वो अभी न्हाया भी नही था ।
मै वही टेबल पर मीठाई रख कर सोफे पर बैठते हुए - अरे दीदी और बाकी सब कहा है
चंदू खाते हुए - वो मम्मी किचन मे है और दीदी बगल के मुहल्ले मे अपने सहेलियो के यहा गयी है और पापा घूम रहे होगे कही ।
मै - और अभी तक तू नहया नही इतने मे रज्नी किचन से बाहर आई
ओहो क्या कयामत थी
रजनी इस समय ब्लाउज पेतिकोट मे थी और उसकी हैवी चुचिया ऐसे फुली हुई थी मानो 2 2 किलो के खरबजे हो उपर से लाल नीले रंग से पूरी तरह उनकी गरदन चुचीया और कमर चख्टी हुई थी ।। हालाकि हाथ मुह साफ थे थोडे
रजनी खुश होते हुए - अरे बाबू आ गया तू
मै - हा दीदी ये लो मम्मी ने भिजवाय है
मै गुलाब जामुन की थैली रज्नी को देने के लिए खड़ा हुआ
उफ्फ्फ क्या मस्त कसी हुई चुचिया कैद थी ब्लाउज मे और मुझे अपने चुचे घुरते देख रजनी - तू तो बड़ा साफ साफ है रे ,,,होली नही खेली क्या तुने
मै हस कर - नही नही दीदी मैने भी खेली ,,,लेकिन शायद आपके जितना नही मस्ती कर पाया हू
मै रज्नी के उभारो को देख कर थूक गटकते हुए बोला
रजनी ह्स्ते हुए - अरे नही रे मैने भी ज्यादा नही खेला था वो तो अभी थोडी देर पहले बगल के मुहल्ले की औरते आई थी वही वापस से मुझे निचे बुला कर नहला दी ।
फिर ये बोल कर रजनी वापस किचन मे जाने लगी तो उनकी मतकती गाड़ देख कर मेरा लण्ड खड़ा होने लगा ।
वही चंदू मेरी तडप देख कर हस रहा था ।
मै झट से चंदू के पास जाकर - अबे साले कबसे घर मे अकेला है चोदा की नही दीदी को
चंदू हस कर - सुबह से दो बार पेला है भाई ,,, अभी भी मन बहुत है
मै - तो साले मुझे भी तो दिला ना कुछ कर कबतक मै हिला के काम चलाउन्गा
चंदू - यार पता नही मा मानेगी की नही और कही गुस्सा हो गयी तो मेरा भी तेरे जैसा हाल हो जायेगा
हम इधर खुसफुसा रहे थे कि इतने मे रजनी चाय पकोड़े लेके आई और मुझे देके बोली - मै नहाने जा रही हू , राज तुझे लेना होगा इससे बोल देना
मै हस कर - मै तो कब से बोल रहा हू दीदी ये तो देना ही नही चाहता मुझे
मेरी बात सुन कर चंदू की फट गयी और वो आंखे फाडे मुझे देखने लगा
रज्नी - क्यू चंदू दे दे ना जो माग रहा है ,,,तु तो हमेशा से उसको अपना सब बाटता आया है ,,, अब क्यू मना कर रहा है
चंदू - लेकिन मा कैसे मै ,,,
मै ह्स कर - देखा दीदी ऐसे ही मना कर रहा है कबसे
रजनी - तू दे रहा है कि नही उसको की लगाऊ आज ही के दिन ,,,
मै हस रहा था
चंदू - क्या चाहिये बोल ना अब
मै हस कर - तेरा मोबाइल और क्या हिहिहिही
रजनी - धत्त तू भी ना , चल मै जा रही हू नहाने
मै रजनी से मस्ती भरे मूड मे - ठीक है चलो
रज्नी हस के - क्यू तू नही न्हाया क्या जो फिर से न्हायेगा
मै ह्स कर - अभी आप ही तो बोली चल मै नहाने जा रही
रजनी झेप कर ह्स्ते हुए - धत्त पगलेट वो तो मै ,,, मै जा रही हू
फिर रजनी गाड़ मटकाते हुए कपडे लेके छत पर चली गई और मै उसकी हिलते गाड़ को देख कर लण्ड सहलाने लगा ।
इधर चंदू खाना खतम किया और मै भी अपने चाय पकोड़े खतम कर थोडी देर इधर उधर की मसती भरी बाते की और फिर मुझे पेसाब मह्सूस हुई
मै - यार मुझे पेसाब लगी है मै उपर से आता हू
चंदू - अरे उपर मा नहाने गयी है ना
मै थोडा झिझक कर - अबे तो मूतने जा रहा हू चोदने नही साले
मुझे भडकता देख के चंदू चुप हो गया और मै उठ कर उपर चला आया ।
जहा बारूम के दरवाजे के गेट पर रजनी बिना ब्लाउज के सिर्फ पेटीकोट मे अपनी गाड़ फैलाते बैठी और उसकी नंगी पिठ दिख रही थी ।
वो शायद नहा चूकी थी और अपने कपडे धुल रही थी क्योकि छपाक छपाक की आवाज सुनाई दे रही थी ।
मै धीरे धीरे रज्नी के पीछे गया और बोला - दीदी वो मुझे पेसाब करना था
रज्नी मेरी आवाज सुन कर चौकी और झट से पेतिकोट उपर खिच कर अपने चूचे ढक लिये लेकिन तब तक मै सब कुछ देख चुका था ।
रज्नी अचरज के भाव मे - अरे बाबू तू ,,, थोडा रुक जा मै नहा चुकी हू ब्स ये कपडे धुलने है फिर कर लेना
चुकी चंदू के यहा टोइलेट और बाथरूम एक ही कमरे मे थे
मै जानबुझ कर अपने पाव झटकता हुआ अपनी नुनी को सामने से पकड कर बुरा सा मुह बनाते हुए - ओह्ह्ह ठीक है दीदी रुकता हू थोडी देर
रजनी ने जब मेरी हालत देखी तो साडी बटोर कर एक किनारे कर दिया और खुद खडे हो गयी जिस्से उसका गिला पेतिकोट उसकी मोटे खर्बुजे वाली छातीयो से चिपका हुआ दिखा और उसके गहरे रंग की निप्प्ल भी साफ दिख रही थी ।
रजनी - जा कर ले देख रही हू तेरा हाल बुरा है हिहिहिही
शर्म से मुस्कुकर मै झट से अन्दर फिर दीवाल की तरफ मुह और रज्नी की तरफ पिठ करके खड़ा हुआ और अपना जीन्स खोलने ल्गा
रज्नी पीछे से - अरे क्या कर रहा है ,,,ऐसे करेगा तो सारा दीवाल पर जायेगा और बदबू करेगा ,,,सीधा होकर कर ले मुझसे क्या शर्मा रहा है
मै थोडा झिझिक दिखाते हुए - सीधा हुआ और मेरा फुल खड़ा मोटा लण्ड का साइड लूक रजनी के साम्ने था ।
मैने एक हाथ आगे कर चमडी को पीछे कर सुपाडे को बाहर किया और लण्ड को निचे झुका कर तेज धार के साथ टोईलेट मे मूतने ल्गा
तभी रज्नी की आवाज आई - अरे तेरा तो रंग ही नही छुटा है वहा का हहहहह
मै शर्म भरे भाव मे - हा वो चाची ने लगा दिया था और रंग ना छूटने की वजह से खुजली हो रही है
मै रज्नी के सामने अपने हल्के छोटे झाटो को के हिस्से को खुजाते हुए कहा
रजनी हस कर - कोई बात नही चल अभी मै निचे आती हू तो तुझे तेल दे दूँगी तू लगा लेना
मै मुस्कुरा कर हा मे सर हिलाया और अपना लण्ड झाड़ कर वापस अन्दर डाल कर जीन्स बन्द कर लिया
और फिर वही बगल की टोटी से हाल धुल लिया ।
रजनी - ठीक है तू निचे बैठ मै नहा कर आ रही हू
मै मुस्करा कर निचे चला गया जहा चंदू बैठ कर मोबाइल चला रहा था और उसके लोवर मे लण्ड उभरा हुआ था ।
मै उसके बगल मे बैठते हुए - यार तेरी मा की गाड़ बहुत फैली हुई है
चंदू मुझे कनअखियो से देखते हुए मुस्कुरा कर वापस मोबाइल चलाने लगा
मै - क्या तुने अपनी मा की गाड़ भी ली है
चंदू हस कर - क्यू कोई शक है क्या
मै - नही ब्स पुछ रहा हू बे ,,और पंडाल मे कब चलेगा
चंदू बस मा को आजाने दे फिर चल्ते है
मै - साले जाकर तू भी नहा लेना
चंदू - हा यार मै तो भूल ही गया
फिर हमने थोडी देर बाते की और फिर रजनी नहा कर एक मैकसी पहने वापस आई छत से
चंदू जल्दी से तौलिया लिया - मै नहा कर आ रहा हू यही बैठ थोडी देर
मै - ठीक है जल्दी आना
इधर चंदू नहाने छत पर गया
और रजनी बेडरूम मे चली गयी और मै उसके पीछे पीछे कमरे मे चला गया जिस्का पता रज्नी को नही था ।
और वो कमरे मे जाकर झट से अपनी मैक्सि निकाल दी और सिर्फ पेतिकोट मे आ गई
मै वापस उसको पीछे से आधी नंगी देख कर उत्तेजित होने ल्गा
तभी रजनी घूमी और उसकी मोटी भारी भरकम चुचिया मेरे सामने आ गयी और मै एक टक उसके डार्क और कडक मोटे दाने वाले निप्प्ल को देख्ते हुए थूक गटकने लगा ।
यहा रज्नी की नजर मुझ पर पड़ी तो झट से अपनी चुचियो को हाथो से छिपाते हुए घूम गयी
रजनी हड़बड़ी मे - तू तू क्या कर रहा है बाबू
मै शर्म भरे लहजे मे - दीदी वो मै तेल के लिए आया था ,, वो आप उपर बोली थी ना
रजनी थोडा शांत होकर - ओह्ह्ह देख वहा टेबल पर रखा है लेले
मै टेबल से नारियल के तेल की शीसी लेके बाहर जाने लगा
रजनी मुझे रोकते हुए - अरे कहा लेके जा रहा है ,,, मुझे भी लगाना है ना
मै शर्माने के अंदाज मे मुस्कुरा कर - वो मै बाहर लगा लेता ना
रजनी मुस्कुरा कर - बक्क पगलेट यही लगा ले ,
तू मेरे लिए चंदू जैसा ही है रे
फिर मै ठीक है बोल कर दरवाजा बंद कर दिया और एक सीसी लेके दरवाजे के कोने गया और जीन्स खोल कर लण्ड पर तेल गिराया और हाथ से अच्छे से मालिश करने लगा ।
रजनी ह्स्ते हुए - अच्छे से लगा लेना और फिर मुझे देना
फिर मै गरदन घुमा कर उसको तेल थमाते हुए - हा दीदी लेलो और एक तौलिया देना
रजनी तेल की शिसी पकडते हुए अचरज के भाव मे - अब तौलिया क्या करेगा
मै शर्मा कर मुस्कुराते हुए - वो दीदी तेल ज्यादा ही गया है ,,जीन्स मे दाग लग जायेगा
रज्नी मेरी बात की जांच के लिए मेरे बगल मे आई और देखा की मेरे लण्ड पर खुब सारा तेल चखटा हुआ है और सुपाडा चमक रहा है
रजनी के आते ही मै नजर निचे कर लिया
रजनी हस कर - धत्त इतना क्यू लगा लिया पागल इतने मे तो मेरे पुरे बदन पर लग जाता हिहिहिही
मै परेशान होने के भाव ने - अब क्या करु दीदी
रजनी हस कर - रुक तू ऐसे रह मै इसका तेल निकाल कर अपने उपर लगा लुंगी
मै चौक कर रज्नी के तरफ देखने लगा
रज्नी हस कर - ऐसे क्या देख रहा है वो कोई गंदी जगह थोडी है वो शशीर का हिस्सा है ,,,साफ करता है ना रोज उसको
मै हा मे सर हिलाते हुए रज्नी के पेतिकोट मे बाँधे हुए चुचो के खड़े निप्प्ल को देखने लगा और उसकी गोरी जान्घे और भी सेक्सी लग रही थी ।
तभी रज्नी ने मेरे हाथ से जीन्स को छुड़ा कर घुटनो तक कर दिया और टीशर्ट चढा कर उपर खोस दिया और फिर मेरे लण्ड के झान्टो वाले हिस्से पर हाथ फेरते हुए उस्का तेल हाथ मे चपेड़ते हुए पहने अपने दोनो हाथो और फिर गरदन पर लगा लिया
रज्नी - हे भगवान कितना तेल गिरा लिया है तुने और निचे भी चू रहा है
यहा मै रजनी के हरकत और उसके स्पर्श से और ज्यादा कामुकता से भर गया और मेरे लण्ड मे कसाव बढने लगा ।
जिसका आभास रजनी को भी था और वो मुस्कुरा कर अपने पेतिकोट खोलते हुए कमर पर बान्ध लेती है और उसकी एक बार फिर उसकी मोटी मोटी खर्बुजे जैसी चुचिया खुल कर मेरे सामने आ गयी ।
मै थूक गटकते हुए उसके गोरे मुलायम भारी चुचो को देख के सिहर गया और वो झुक कर इस बार मेरे लण्ड की चमडी मे लगे तेल को निचोड़ कर आगे की तरफ लेके आई और दोनो हाथो मे अच्छे से चभोड़ कर अपने दोनो निप्प्ल और फिर पुरे चूचो पर मल कर तेल लगाने लगी
वहि मेरी हालात और खराब होने लगी मानो मै अब झड़ा तब झड़ा
मै शर्मा कर और आह भरी आवाज मे - हो गया दीदी
मुझे तडपता देख रजनी अपने कांख मे तेल लगाते हुए बोली - क्या हुआ बाबू
मै नजरे नीची कर - वो दीदी इसको बंद करना है ना
रजनी हस कर - ब्स रुक जा थोडा सा तेल और है
फिर रजनी झुक कर एक हाथ से मुठ्ठि मे मेरे सुपाडे के हिस्से मे लगे तेल को निचोड जिससे मेरी आह निकल गयी
मै सिस्क कर - अह्ह्ह दीदी आराम से निकल जायेगा
रजनी हस कर हैरत भरे लहजे मे हाथ मे लिये तेल को अपनी कमर और नाभि मे लगाती हुई - क्या निकल जायेगा छोटे
मै शर्मा कर - कुछ नही दीदी
रजनी हस्ते हुए - अब मुझसे ही छिपायेगा हा ,,, तेरे उम्र की मेरी औलाद है समझा और मुझे बोल रहा है कूछ नही हिहिहिही
मै शर्मा कर - वो आपने यहा छुआ ना तो ऐसा लगा कि कही मेरा वो ना निकल जाये
रजनी हस कर - इतना जल्दी निकल जाता है क्या तेरा
मै रजनी से ऐसे किसी सवाल की उम्मीद मे नही था
मै - नही वो पहली बार किसी ने छुआ ना तो
और मुह फेर कर हसने लगा
लेकिन इस समय मै पूरी तरह से उत्तेजीत हो गया था और लग रहा था कि रज्नी का एक भी स्पर्श मुझे झड़ा देता और हुआ भी वही
रजनी हस्ती हुई - धत्त पागल कही का
और रजनी ने वापस एक बार फिर मेरे लंड को जड़ से निचोड कर सुपाडे तक लाई और सुपाडे को मुठ्ठि मे भर से हथेली से रगड़ कर तेल च्भोड़ने लगी कि तभी मेरी पिचकारी छूट गयी और रजनी का हाथ मेरे गर्म चिपचिप वीर्य से भर गया
मै - ओह्ह दीदी निकल गया अह्ह्ह
रजनी को जैसे अहसास हुआ की मै उसके हाथ मे झड़ रहा हू वो झट से निचे बैठ कर दोनो हाथो से मेरे बीर्य को रोपने लगी कही फर्श ना गन्दा हो जाये
रजनी तेज स्वर मे ह्सते हुए - यएईई गन्दा लड़का क्या किया ये हिहिहिही पागल कही का ,,, अभी बोल रहा था और निकाल भी दिया छीईई
मै खुद को थोडा रिलैक्स कर हसते हुए - सॉरी दीदी मैने बोला था आपको
रजनी ह्स कर - कोई बात नही लेकिन इतना सारा कैसे निकला
रजनी दोनो हाथो को कटोरी बना कर रोपे हुए बीर्य को मुझे दिखाते हुए बोली
मै शर्म कर - पता नही दीदी मेरा ऐसे ही निकल जाता है कभी कभी
रजनी हैरत से - कभी कभी मतलब ,,,
मै शर्मा कर - वो दीदी रात मे कभी अपने आप निकल जाता है ना वैसे वाला
रजनी इस समय खुले चुचो मे घुटनो के बल हाथो मे मेरे वीर्य को लिये खड़ी थी ।
तभी मुझे लगा की मेरा कुछ बंद और गिरेगा
मै अपने लण्ड मे कसाव लाते हुए - दीदी लग रहा है और गिरेगा
रजनी चौक कर - अब उसे कहा पक्डू
इधर मै कुछ सलाह देता उससे पहले ही रजनी के मेरे सुपाडे के छेद से रिस्ते ड्रॉप को चाट लिया जिससे मै सिहर गया
और जानबुझ कर चौकने के भाव मे - अरे अरे दीदी ये क्या किया वो गन्दा होता है
रजनी हस के - धत्त पागल ऐसा नही है ये बहुत ताकत और फायदे की चिज है इसको पीने से लडकिया खुबसुरत होती है और चेहरे पर कोई दाग दाने नही होते
मै हस कर - तो इस लिये आपने इसको हाथ मे भर है
रजनी थोडा सा शर्म और ह्स्ते हुए - हा नही मतलब ,,अब मिल गया तो बेकार थोडी ना करूंगी
मै अजीब सा मुह बना कर - कैसा लगता होगा टेस्ट इसका दीदी
रजनी खड़ा हुई सुरुकते हुए मेरे सामने मेरा बीर्य पी गयी और बचा खुचा अच्छे से चाट गयी ।
मै उनकी हरकत से फिर से उत्तेजित होने लगा
मै फिर से - बताओ ना कैसा लगता है इसका टेस्ट
रजनी एक शरारती मुस्कान से - बताउन्गी लेकिन वादा कर किसी को कहेगा नही
मै मुस्कुराकर उत्साही भाव मे - जी दीदी ठीक है
फिर रजनी ने झट से अपनी पेतिकोट मे हाथ डाला और थोडा हरकत की और फिर अपनी चुत के पानी से सनी एक ऊँगली मेरे पास लाकर बोली - जीभ निकाल
मै अजीब सा मुह बना के पहले रजनी की ऊँगली को सुधा जिसमे से उसके चुत के पानी की कामुक खुशबू आई - दीदी ये क्या है
रज्नी हस कर - मूह खोल तू ब्स
मै जानबुझ के अपने चेहरे के भाव को अजीब करके जीभ निकाल कर उनकी ऊँगली को चाटा और फिर एक मुस्कान के साथ अच्छे से उनकी ऊँगली को चुस लिया
रजनी हस कर - क्यू पसंद आया स्वाद हिहिहिहिही
मै अपनी जीभ को मुह मे घुमाते हुए एक नये स्वाद की अनुभूति के साथ मुस्कुरा कर बोला - हा दीदी ,,,,ये तो सच मे बहुत अच्छा है ।
रज्नी थोडी हिचकी और बोली - और चाहिये हमम
मै थूक गटक उसकी आँखो मे देखते हुए हा मे गरदन हिलाया
रजनी मुस्कुराई और एक नजर बंद दरवाजे पर देखा और मुझे पकड के बिस्तर तक ले आई और बोली - देख मै तुझे चखा दूँगी लेकिन किसी को बोलना मत और जब भी तेरा मन होगा तू मुझसे मिलने आ जाना
मै शर्मा कर हा मे सर हिलाया
रजनी हस कर - अभी भी शर्मा रहा है पगला कही का हिहिही
मै - दीदी जल्दी करना होगा कही चंदू ना आ जाये
रजनी हस कर - उसकी छोड तू तैयार है ना , मै जो कहूँगी वो करना पडेगा तभी तुझे सही से स्वाद मिल पायेगा
मै गरदनहिला कर - जी दीदी
फिर रजनी ने झट से अपना पेतिकोट कमर तक उथाया और पैर लटका कर बेड पे लेट गयी
मै थूक गटकते हुए मन मे - वॉव कितनी चिकनी चुत है यार एक भी बाल नही है और देखो निचे की तरफ कितनी चिपछिपी हुई है आज तो तेरे किस्मत खुले है बेटा एक ही दिन मे 3 नये चुत चाटने को मिला है
मै संकोची भाव से ब्स रजनी की गदराई जांघ और चुत के चिकने हिस्से को देख कर और उत्तेजीत हो रहा था
रजनी गर्दन उठा कर - अब देख क्या रहा है आ चाट ले जल्दी कर
मै थूक गटक कर बेड के नीचे रजनी के जांघो के बीच गया और उसकी जांघो को सह्लाते हुए उसके पैर अपने कन्धे पर रख कर उसकी चुत की तरफ झुका और मुझे एक ताज़े पानी से लबालब चुत की मादक गन्ध आई और मदहोश होकर मै जीभ निकाल कर चुत के नीचले हिस्से से उपर से दाने तक कुल्फी के जैसे चाट लिया जिस्से रजनी गनगना गयी और उसकी सांसे तेज हुई
रजनी के चुत का स्वाद अद्भूत था और मै जानता था कि उसको चुत चटवाना कितना पसंद है कि अगर मै उसके मुह पर बोल देता तो वो तुरंत चुत मेरे सामने खोल देती
रजनी क्समसाहट भरे स्वर मे - अह्ह्ह बाबू चाट ले ना क्या सोच रहा है
रजनी की बात सुन कर मै वापस अपने नथूनो को उसकी चुत मे रगड़ कर उसके चुत मे जीभ घुसा कर नचाने लगा जिससे रजनी अकड गयी और मै जीभ को उपर की तरफ ले जाकर तेजी से उसके दाने पर घुमाने लगा
जिस्से रजनी ने अपनी गाड़ पटकनी चालू कर दी
मै उसको जांघो को थाम कर अपने उपर चढ़ाते हुए उसकी चुत मे जीभ से पेलना शुरु कर दिया और बिच बिच मे चुत के दाने और चमडी को मुह मे लेके चुब्ला लेता जिस्से रजनी और भी ज्यादा खुद को झटकने लगी
और यहा मेरा लण्ड पूरी तरह से तन चुका था और मुझे इससे अच्छा मौका नही मिलता
इस लिये मैने एक नजर रज्नी की ओर देखा तो वो आंखे बंद किये मदहोश है और खुद को बडे आराम से खड़ा किया इस दौरान मै लागातार उसकी चुत मे ऊँगली पेले हुए था
और फिर अपनी पोजिसन बनाते हुए अपने लण्ड को धीरे से उसकी चुत के पास ले गया और सुपाड़े को खोल कर उसके भोस्दे को फैलाते हुए गप्प से लण्ड को पुरा का पुरा उसकी गीली चुत मे एक साथ उतार दिया
जिस्से रजनी की आंखे फट कर बाहर आ गई और वो अपने पैर झटकने लगी
रजनी गुस्से मे - कमिने ये क्या कर रहा है निकाल आह्ह्ह मा बहुत मोटा उफ्फ्फ अह्ह्ह निकाल दे कुत्ते उसे हे राम
मै रजनी चुत मे धक्के ल्गाते हुए - करने दो ना दिदी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है ,,मै किसी को नही कहूंगा प्लीज
रजनी मेरे रेक़ुएस्त से थोडी शांत हुई और लण्ड को निचोड़ते हुए अपनी कमर को अच्छे से सेट करते हुए बोली - अह्ह्ह बाबू तू भाई है ना रे मेरा अह्ह्ह उफ्फ्फ आराम से हा ऐसे ही अह्ह्ह
मै रजनी को शांत होता देख अपने हाथ आगे ले जाकर उसके मोटे मोटे फैले हुए चुचो को थामते हुए कहा- आह्ह दीदी आपकी चुचिया कितनी ब्ड़ी है
फिर उसकी जांघो को खोल कर उसके उपर चढ़ कर चोदते हुए उसकी चुचियो को मिजने और चूसने लगा
रजनी अब और भी ज्यदा सिस्किया लेने लगी और खुद कमर उचका कर लण्ड लेने लगी - अह्ह्ह बाबू अब रुक क्यू रहा है पेल दे ना मुझे अह्ह्ह ओह्ह्ह
मै उसको चुचो के मुलायम निप्प्ल को चुस्ते हुए एक करारा धक्का उसकी चुत मे पेला
रजनी - अह्ह्ह बाबू उम्म्ंम बड़ा जोर का चोद्ता है रे आह्ह और मार ऐसे ही हा हा ऐसे ही उफ्फ्फ मा बहुत मज़ा रहा है उम्म्ंम्म्ं अह्ह्ह्ह
रजनी मेरे बालो को सह्लाते हुए - तुझे मेरे बहुत पसंद है ना बाबू ,, पी ले मेरे लाल आह्ह और चुस और खुब जोर से पेल मुझे बहुत अह्ह्ह्ह बहुत मोटा लण्ड है रे तेरा अह्ह्ह उह्ह्ह ब्स ऐसे ही
मै वापस घुटनो के बल खड़ा हुआ और रज्नी के पैर को कन्धे पर चढा कर तेजी से थपथप थप थप थप थप थप थप थप अपनी जांघो और रजनी की जांघो से लड़ाते हुए चोडने लगा
रजनी - ओह्ह्ह माई आह्ह उह्ह्ह और तेज और तीईईईईएज्ज्ज्ज्ज उफ्फ्च मा रुउउउक्क्क नाआआह्ह मत अह्ह्ह और और आह्ह आह्ह मा मेरा आया
रजनी ऐसे ही सिसकिया लेते हुए तेजी से कमर उचकाते हुए झडने लगी और फिर मेरे लण्ड कस कर निचोडने लगी और जल्द ही मै झडने के करीब आ गया
और झट से लण्ड निकाल के उसके मुह के पास गया और घुटने के बल बैठ कर अपना लन्ड़ उसके मुह के पास हिलाने लगा
मै कापते हुए स्वर मे -अह्ह्ह दीदी मेरा निकलेगा
रजनी झट से मेरे आड़ो को सहलाते हुए लण्ड कोमुह मे भर ली और चूसना सुरु कर दिया
और कुछ ही पलो मे मै कापने लगा और मेरे लण्ड की नशे मुझे झटके देने लगी
मै रजनी का मुह पकड कर अपने चुतड सख्त करते हुए लण्ड को उसके गले तक उतार कर झटके खाने लगा
फिर जल्द ही उससे अलग होकर हाफने लगा और वो भी खास्ते हुए उठ कर बैठ गयी और अच्छे से खुद को साफ किया ।
मै वही बेड पर बैठे बैठे उसकी जांघो को सहलाते हुए उसे देख रहा था ।
रजनी एक संतुष्टी भरे मुस्कुराहट से - हो गया ना तेरा, कर ली ना मन की अपने की
मै उसका मुस्कुराता हुआ चेहरा देख रहा था और वो खडे होकर अपना पेतिकोट निचे की और पेतिकोट से उपर से ही हाथ लगा कर अपनी फुली हुई चुत की चिपचीपाहत को साफ कर ब्लाउज पहनने लगी ।
रजनी - अब क्या देख रहा है बदमाश जा कपडे पहन ले
मै खड़ा हुआ और पैरो मे पड़ी जीन्स को पहना और फिर सीसे मे अपने बाल सही किये
मै थोडा शर्मा के - मै बाहर जाऊ दीदी
रजनी मेरे पास आई और मेरे माथे को चूम कर बोली - ठीक है जा ,,लेकिन किसी को कुछ बोलना नही
मै हा मे सर हिलाया और बोला - फिर अगर मन किया वो टेस्ट लेने का तो
रजनी मुस्कुरा कर - तेरा जब मन करे आ जाना बाबू ,,वैसे तू बहुत जोर की चुस्ता है मुझे बहुत मज़ा आया
मै रजनी के खुल कर बोलने पर हस कर उसकी गाड़ को दबोचने लगा और बोला - अगली इसको भी चखा देना दीदी प्लीज
रजनी ह्स कर मुझे अपने आप से चिपका ली - ठीक है बाबू कर लेना ,,अभी जा चंदू आता होगा । मै भी तैयार हो लू
फिर मै हाल मे आ गया और थोडी देर बाद चंदू आया नहा कर और फिर वो तैयार हुआ फिर हम दोनो निकल गये पंडाल के तरफ
देखते है दोस्तो आगे क्या होने वाला है और ये होली कितनी लम्बी और कामुक होने वाली है ।
आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा
पढ कर अपना रेवियू जरुर दे जिससे लिखने का हौसला मिलता रहे ।
धन्यवाद