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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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UPDATE 71

मै तस्वीर लेके छत पर गया और दीदी किचन मे खाना बना रही थी ।
मै दीदी को फ़ोटो देते हुए - लो दीदी आपका एक और दीवाना हाजिर है
दीदी बडे गौर से तस्वीर को देखा और मज़ाक मे बोली - ये चिरकुटवा कौन है भाई हिहिहिही नाक देख इसकी हाहाहाहा
मै - आपका ही होने वाला पति है शायद मा पापा ने पसंद किया है


दीदी सीरियस होते हुए मुझे अवाक सा देख्ते हुए - तू झूठ बोल रहा है ना

मै हस कर - सच मे ये आपके लिये आया है रिश्ता ,,लड़का शहर मे सरकारी बाबू है

दीदी थोडा भौहे चढा कर - तो
मै आश्वस्त होकर - तो पापा ने मुझे भेजा है कि मै आपकी मन की इच्छा जान लू ,,,तो क्या कहती हो हा या ना

दीदी थोडा मन गिरा कर - तू जानता है ना भाई मै अमन से

मै थोडा दीदी को छेड़ कर - तो क्या हुआ मुझे कोई दिक्कत नही है और तेरा भी फाय्दा होगा ,,, यहा मायके मे दो दो अशिक़ भी रहेंगे हाहहाहा

दीदी हस कर - धत्त नही मुझे एक ही आशिक़ चाहिये और एक पति वो भी मायके मे ही

मै - तो मतलब मै मना कर दू
दीदी - बिल्कुल भाई
मै किचन से वापस निकलते हुए - ठीक है मै पापा को बता देता हू

दीदी मुझे रोकते हुए- लेकिन तू उनको कहेगा क्या

मै जल्दी जल्दी बोलता हुआ एक सास मे - यही की तुमको ये लड़का पसन्द नही है और तुम अमन को चाहती हो और मायके मे एक आशिक़ है उसको भी नही छोड़ना चाहती हो हिहिहिहिह

दीदी हाथ मे लिये कल्छुल उठाकर मारने को होती हुई बोली - ब्क्क्क ये सब नही , तू बस मना कर दे और बाकी मै अमन से बात करके बताती हू आगे क्या करना है


मै - हा उसको बोलो जल्दी से घर पर आये रिश्ता लेके नही तो कोई और कब्जा कर लेगा
दीदी हस कर - हा ठीक है लेकिन तू थोडा ध्यान से बोलना ताकि कोई बखेडा ना हो घर मे ,,समझ रहा है ना


मै बिंदास होते हुए - चिल करो दीदी सब सही होगा

फिर मै हस कर वाप्स निचे आ गया
और मुझे वापस देख कर मा उत्सुकता से - क्या हुआ बेटा क्या बोली वो

मै - अरे मा उसको सोचने का समय दो उसकी भी लाइफ है ना ,,यहा हम सब उसके अपने है व्हा के लोगो के बारे मे नही जान्ती वो और ऐसे सिर्फ तस्वीर देख के क्या होता है


पापा - हा बेटा ठीक कह रहा है तू ,,कोई बात नही उसे इत्मीनान से जवाब देने दे वैसे भी लड़के वालो को भी अभी कोई जल्दी नही है मै उनको होली के बाद जवाब देने को बोला है ।।


मा खुश होकर - ब्स ये रिश्ता हो जाये और मेरी बच्ची किसी अच्छे घर सेट हो जाये तो मै गंगा नहा लू

मा की बात सुन कर हम सब भी खुश थे लेकिन मेरे मन मे एक योजना ने जन्म ले लिया।
रात मे हम सभी ने खाना खाया और फिर मै सोने के लिए नये घर निकल गया और 11 बजे करीब सोनल का मेरे पास फोन आया ।


फोन पर

मै - हाय जानू क्या हुआ
दीदी - जानू के बच्चे तुने क्या बोला मम्मी से ,, तेरे जाने के बाद मम्मी मुझे convence करने मे लगी है कि मै इस रिश्ते के लिए हा कर दू

फिर मैने उनको मम्मी पापा की बात चित और अपना मास्टर प्लान समझाया
सोनल खुश होकर - अरे वाह सेम यही मैने सोचा था और इसके लिए अमन से मैने बात भी कर ली है और एक खुशखबरी भी है ।

मै उत्साही होकर - क्या दीदी बताओ ना
दीदी - भाई अमन ने बताया कि उसकी मा हमारे रिश्ते के लिए राजी है और होली के एक दिन पहले ही हमारे घर आने वाले है

मै खुशी से - ओह्ह हो ,, फिर तो आगे मम्मी पापा को मनाने की जिम्मेदारी मेरी

दीदी - हा भाई प्लीज तू सम्भाल लेना
मै - कोई नही दीदी चिल्ल ,, लेकिन बदले मे मुझे क्या मिलेगा

दीदी हस कर - तुझे क्या चाहिये
मै - वही जिसका वादा आप शादी से पहले मुझे देने का की है

दीदी - भाई एक बार रिश्ता होने दे सब कुछ तुझ पर लुटा दूँगी मै और मैने तुझे रोका है क्या कभी आज सुबह भी तो तुने जो किया वो

मै - क्यू मज़ा नही आया क्या मेरी जानू को
दीदी शर्मा कर - चुप पागल
मै - आज तो जीभ डाली थी जल्द ही उसमे वो भी जायेगा

दिदी - भाई प्लीज चुप हो जा ना मुझे शर्म आती है ऐसे


थोडी देर ऐसे ही दीदी से चटपटि बाते कर मै सो गया ।
अगली सुबह मै उठा और वही नये घर पर फ्रेश हुआ और निकल गया टहलने के लिए

आज फिर से सरोजा की मस्तानी जिस्मानी हुस्न का दिदार हुआ और सवेरे सवेरे लोवर मे तम्बू बन गया ।

आज मेरा मन नही माना और मै सरोजा जी के पीछे पीछे निकल गया। यहा तक की वापसी मे भी उन्के पीछे लगा रहा ,, सरोजा भी बखूबी मेरी दिवानगि को समझने लगी थी और मुस्कुरा कर एक दो पलट कर मुझे पीछे आता देखती भी थी ।

जब हवेली का मोड आया तो मै वही रुक गया और आगे जाने की हिम्मत नही हुई लेकिन सरोजा की बेकाबू जवानी ने मेरे लण्ड को और भी बेकाबू कर दिया तो मै छिप कर सरोजा के पीछे जाने लगा ।


सरोजा अब आराम से चल रही थी और वो हवेली के मेन गेट मे ना जाकर सीधा हवेली के बगल से गये एक चकरोड से होकर हवेली के पीछे की तरफ जाने लगी ।

चुकी ठाकुर की हवेली टाउन के थोडा बाहर ही पड़ती थी और उसके पीछे पुरा 50 बीघे का सिवान था जो ठाकुर की ही संपति थी ।

मै चुपचाप सरोजा के पीछे पीछे चला दिया , लेकिन हवेली के बगल की दीवाल की सीमा खतम होते ही वो हवेली के पीछे हाते की तरफ घूम गयी और इसी समय मै अपनी चाल तेज करके हवेली के पीछे आया तो वहा कोई नजर नही आया
मै हवेली के पिछवाड़े इधर उधर देख रहा था कि किसी ने मुझे पीछे से पकड़ा और हाते मे खिच लिया

पहले तो मै चौका फिर ध्यान दिया तो वो सरोजा जी ही थी

सरोजा - तुम पागल हो सड़क पर कम था क्या जो पीछे पीछे यहा तक चले आये

मै सरोजा को नोर्मल देख कर थोडा रिलैक्स हुआ और बोला - सॉरी वो मै रास्ता भूल गया था

सरोजा मुस्कुरा कर - ध्यान कहा था तुम्हारा जो रास्ता ही भूल गये

मै सरोजा की लुभाव्नी बाते सुन कर मस्ती मे - ध्यान तो सही जगह ही था ब्स मै गलत जगह आ गया उसके चक्कर मे

सरोजा ह्सते हुए - तुम पागल हो अब जाओ यहा से कोई देख लिया तो फालतू का बखेडा कर दोगे
मै - तो देख लेने दो हम कौन सा कुछ गलत कर रहे है कि लोगो का डर हो

सरोजा अपना माथा पिट कर - हे भगवान ये लड़का भी ना ,,,,अरे बुधु ये हवेली का पिछवड़ा है और कोई हमे देख लिया तो क्या सोचेगा

मै हस कर - हा वही तो क्या सोचेगा
सरोजा शर्मा कर ह्सते हुए - वो सोचेगा कि हम कि हम

मै उनको उक्सा कर - हा बोलिए ना
सरोजा शर्मा कर - तू बडे चालाक हो मेरे मुह से बाते निकलवा रहे हो ना मुझे जान्ते हो ना मै तुम्हे

मै - तो चलो जान पहचान बढ़ा लेते है हिहिही वैसे आपके भैया मुझे बहुत अच्छे से जानते है और मेरे पापा के दोस्त भी है

सरोजा ध्यान से मेरी बाते सुनते हुए - हम्म्म ये बात

मै - तो अब तो डरने की जरुरत नही है मै आपका अपना ही हू

सरोजा इतरा कर - ओहो इतनी जल्दी मेरा होने को जरुरत नही है हुउह

मै बालो मे हाथ फेरते हुए - फिर क्या करना होगा उसके लिए मुझे

सरोजा शर्मा के - अभी तुम जाओ यहा से बाद मे देखती हू क्या कर सकते है

फिर वो पीछे से ही हवेली मे चली गयी और मै मस्त होकर घर के लिए निकल गया ।
घर पर मै नहा धो कर काम मे लग गया ।
होली को अब कुछ ही दिन रह गये थे तो शाम को पापा के घर आने के बाद नये घर को लेके चर्चा हुई कि जब सारी तैयारियाँ हो ही गयी है तो क्यू ना होली के दिन ही छोटी मोटी पूजा करवा कर लगे हाथ गृह प्रवेश भी करवा लिया जाये और फिर आगे सोनल की शादी तक जब सारे मेहमान एक्थ्था होगे तब विधिवत तरीके से एक बार और पूजा पाठ करवा दिया जायेगा ।।
घर मे सबको पापा का सुझाव पसंद आया और सभी ने अपनी सहमती दिखाई ।

समय बीता और होली के एक दिन पहले तय योजना के अनुसार अमन के चाचा मदनलाल और उसकी मम्मी ममता देवी दोनो पापा से मिलने दुकान पहूचे ।

जिसकी सूचना मुझे सोनल के माध्यम से मिल गयी थी और फिर हम सब शाम को पापा के आने के इन्तजार करने लगे ।

दिन भर मेरी और अनुज की भी काफी भागदौड़ रही क्योकि कल होली के साथ साथ नये घर मे प्रवेश का प्रोग्राम भी था ।
लेकिन समय रहते मैने और अनुज ने सारी तैयारिया पुरी कर ली ।

मेरे अनुमान अनुसार और कल होली की तैयारी को देखते हुए पापा शाम को 5 बजे तक घर आ गये थे और उनके आने के बाद मै और अनुज भी नये घर से दुकान वाले घर आ गये ।


फिर पापा ने मुझे रोका और कुछ बात करने के लिए कहा
मै समझ गया कि क्या बात हो सकती थी ।

फिर पापा ने दुकान मे अनुज को बिठा कर मम्मी और मुझे लेके पीछे कमरे मे गये ।

मा थोडी चिन्ता के भाव मे - क्या हुआ जी क्या बात है , सब ठीक है ना

पापा मुस्कुरा के - हा रागिनी सब ठीक है वो तो एक और खुशी की बात है
मा खुश हो कर - अच्छा तो बताईये ना
पापा - लेकिन उससे पहले मुझे राज से बात करनी है

मै - जी पापा बोलिए
पापा - बेटा ये मुरारीलाल जी का बेटा तेरे साथ ही पढता है ना

मै - जी पापा क्या हुआ
पापा थोड़ा अनुमान ल्गाते हुए - बेटा ये अमन कैसा लड़का है , मतलब बात व्यव्हार कैसा है और तू उसके साथ बचपन से पढा है तो जानता भी होगा ना

मै खुश होकर - पापा वो तो बहुत ही अच्छा लड़का है और पढने मे होशियार है और हालही मे उसने इन्डियन नेवी की परीक्षा दी है और आंसर-की के हिसाब से वो पास हो गया है । जल्द ही उस्का फाइनल रिजल्ट आने वाला है


मा खुश होकर - अरे वाह फिर तो बहुत किस्मत वाले उसके मा बाप जो उनको इतने हीरे जैसी औलाद मिली है ।

पापा मुस्कुरा के मा को थोड़ा कन्फुज करने के अन्दाज मे - क्या हो रागिनी अगर हमारी सोनल की भी ऐसी किस्मत हो जाये तो

मा उत्सुकता से - मै समझी नही राज के पापा

पापा ह्स कर - क्या हो अगर सोनल की शादी अमन से हो जाये तो

मा पहले खुश हुई लेकिन फिर कुछ सोच कर - वो तो ठीक है लेकिन इतने पास मे क्या उसके घर वाले मानेगे

पापा खुशी से - अरे उसकी कोई चिन्ता नही है आज खुद अमन के चाचा और उसकी मा मेरे दुकान पे आये थे सोनल की रिश्ते की बात करने

मा खुश होकर - क्या सच मे राज के पापा ,,अगर ऐसा हो जाये तो कितना अच्छा होगा हमारी बेटी हमसे ज्यादा दुर भी नही होगी और खुश भी रहेगी ।

पापा - वही मै भी सोचा ही रागिनी
मा थोडी परेशान होकर - हा लेकिन क्या सोनल को अमन पसंद आयेगा

पापा ठहाका लगाते हुए - अरे मजे की बात तो तुम जानोगी तो और भी खुश होगी

मा एक अंजान खुशी का भाव लाते हुए - क्या बताओ तो सही

पापा हस कर - अरे रागिनी हमारी सोनल और अमन पहले से एक दूसरे को पसंद करते है और अमन ने खुद पहल करके अपने चाचा और मा को भेजा था ।

मा खुशी से आसू छलक देती - मुझे सम्भलिये राज के पापा ,,,मै मै कही मै पागल ना हो जाऊ ।

पापा ह्स कर मा को कन्धे को थाम कर बोले - कय हुआ जान

मा रोते हुए - मेरे जीवन की सबसे ब्ड़ी चिन्ता आज खतम हो गयी और आज इतनी सारी खुशिया एक साथ मिल रही है तो समझ ही नही आ रहा है कि मै क्या करु

पापा को सम्भालते हुए हस रहे थे लेकिन उन्के आंखे भी छलक गयी और इत्ना इमोसनल सीन देख के मेरे भी आंखे भर आई और मै पापा से चिपक कर उनको हग कर लिया और इधर पापा मेरा भार सम्भाल नही पाये और वो थोडा मा की तरफ झुके

पापा ह्सते हुए - अरे अरे अरे बेटा आराम से
जब तक पापा सम्भाल पाते तब तक देर हो गयी और मै भी मा के उपर आ गया और हम तीनो बिस्तर पे गिर गये bbu

थोडी देर हसी ठहाके बाद मैने ये खुशखबरी सोनल को दी और बदले मे मुझे प्प्पीया झ्प्पीया भी मिली । लेकिन मै ज्यादा इनसब पर ध्यान ना देके सोनल को अमन के साथ बात करने को बोलकर निचे चला आया

निचे आने पर मा पापा से सवाल पर सवाल पुछ रही थी और यहा पाप हस कर सब जवाब दे रहे थे ।
फिर मा - तो मतलब सारी तैयारियाँ हो गयी है

मै हस कर - हा मा , मैने पंडित जी को कल 8 व्जे के लिए बोल दिया है और चाचा चाची को भी बोल दिया है कि समय से 8व्जे तक सबको लेके नये वाले घर पहुचे ।

मा - और वो मीठाइयो का क्या
पापा - अरे तुम चिन्ता मत करो रागिनी सब कुछ हो गया

मा परेशान होकर- हा लेकिन
तभी पापा मा की बात काटते हुए - ऐसा करना राज आज रात तुम अपनी मा की लिवा चले जाना वो सारी तैयारियाँ भी देख लेंगी और सुबह सारा काम भी हो जायेगा

मै खुश होकर हामी भरता हू
और फिर ढेर सारी ना खतम होने वाली बाते होती रहती है और फिर रात के खाने के बाद मा अपना एक बैग लेके मेरे साथ नये घर पर सोने के लिए चल देती है ।


आने वाला पल और होली के रंग राज की दुनिया मे कितने बहार लेके आती है ।
आप सभी के रेवुयू का इंतजार रहेगा
पढ कर अपनी टिप्पणी का सहयोग जरुर दे
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
6,307
17,727
174
bahut dhanywaad bhai
Mast update
Raj, Sonal ko Rishte ke liye raji kar payega ya Sonal ke payar ke liye apne maa-baap ko taiyar kar payega? Pratiksha agle update ki
सैक्स के साथ साथ बहुत कुछ है पढने को इस कहानी में
चाची के पहाडों की यात्रा कब है?
bhatija to bhatija, yaha to uski chachi bhi tharki no 1 hai..
Ooo... to sonal ke liye rishta aaya hai.. ghar wale sabhi khush hai sirf Raj ko chhod kar... kyun udash hai wo, ye sabhi readers bhali bhaanti jaante hai ;)
Hmm... so sonal se is riste ke baare mein baatcheet karne ke liye Raj ko jimmedari di gayi hai... kya sonal haan kahegi is rishte ke liye ya inkaar karegi..
udhar naye ghar jaane ki taiyari joro pe hai...
holi ke din shayad griha pravesh ke sath sath bahot kuch dhamal hone wala hai..

Well shaandar update, shaandar lekhni shaandar shabdon ka chayan.. sath hi dilkash kirdaaro ki bhumika bhi... khas Kar Raj ke pita ki sahi soch vichar apne bachho ke liye..

Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
Nice update...
Nice update mitr
Nice update
Superb...dekhte hai kab beti apne papa ka lund ke nichhe aate hai .. waiting more
Nice update
Jabardast


Update posted
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