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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कुछ मेडिकल इमर्जेंसी की वजह से इन दिनों व्यस्त हूं दोस्तो और परेशान भी 🥲
समय मिलने पर अपडेट दिया जायेगा और सभी को सूचित किया जाएगा ।
तब तक के लिए क्षमा प्रार्थी हूं
🙏

 
Last edited:

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Raj, Sonal ko Rishte ke liye raji kar payega ya Sonal ke payar ke liye apne maa-baap ko taiyar kar payega? Pratiksha agle update ki

Dekhate hai bhai kya hota h

APKI PRATIKRIYA KE LIYE DHANAYAWAAD
 

Lutgaya

Well-Known Member
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UPDATE 70





चाची की आवाज सुन कर मेरी तो फट कर हाथ मे आ गई थी ।
मै उनकी तरफ घुमा और वो तब तक तेजी से चलते हुए मेरे पास आई उन्के हाथ मे एक राशन वाला झोला था ।

मै थोडा खुद को स्म्भालने की कोसिस कर रहा था
चाची - अरे राज बेटा तू यहा
मै घबडाहट मे - वो वो चाची मै वो ऐसे ही आया था

चाची मुस्कुराते हुए - हम्म्म मुझसे भी झूठ बोलेगा अब तू

मै अंजान होने का नाटक करते हुए- मै समझा नही चाची
चाची हस्ते हुए - ले ये झोला पकड और घर तक चल बताती हू मै
फिर मै चाची के हाथ से राशन का झोला ले लिया और उनके साथ चलने लगा

चाची - मुझे नही पता था कि तू रुबीना के यहाँ जाता है

मै सुखे गले से थूक गटकने की कोसिस करता हुआ - हा वो थोडा दुकान का काम था ना पापा ने हिसाब लेने के लिए भेजा था तो

चाची मुस्कराकर -
अच्छा तो पूछू मै भाईसाहब से
चाची हाथ मे लिये मोबाईल को चलाते हुए बोली ।

मै सकपका गया - हालाकि मुझे डर नही था बाद मे मै पापा या मम्मी को समझा बुझा लेता लेकिन बात थी पापा के सम्मान की । शायद मेरी शिकायत से पापा को चाची के सामने शर्मिंदा होना पड़ता ।

मै घबडाहट मे कुछ बोल नही रहा था
चाची हस कर - चल नोर्मल हो जा नही लगा रही हू फोन , मै समझ सकती हू इस उम्र की भटकते मन को


मै चाची की बात सुन कर और उनकी समझदारी को ध्यान देते हुए उन्हे शुक्रिया कहा

चाची मुस्करा कर मुझे सम्झाने के भाव से - तेरी कोई दोस्त नही है क्या ,,, ऐसी जगह नही जाते बेटा कल को भगवान ना करे कोई बिमारी हो गयी तो

मै शर्म से सर निचे किये झोला लिये चल रहा था और चाची मुझे समझा रही थी ।

चाची - क्या सच मे तेरी कोई दोस्त नही है
मै मासूम बन कर रुआस भरे चेहरे से चाची की तरफ मुह करके ना मे सर हिलाया।

चाची बडे उदास मन से - ओफ्फ्फ हो , देख बेटा अब तू जवान हो गया है मानती हू कि तेरा मन अब वो सब करने का होता होगा लेकिन तू कुछ दिन इन्तजार कर , सोनल की शादी के बाद मै तेरे लिए एक खुबसूरत की हेरोइने के साथ तेरी शादी करवा दूँगी फिर तू जो चाहे करना हिहिहिहिही

चाची आखिरी के शब्दो तक आते आते हसने लगी ।
मै भी उनकी बाते सुन कर हस दिया और सोचा जब चाची को इत्नी फ़िकर है मेरी तो क्यू ना इसका थोडा अपने अंदाज मे मजा लिया जाय और इनके साथ थोडी मस्ती मजाक मे बाते आगे बढाई जाए

मै थोडा सीरियस होकर - लेकिन चाची मै ऐसे यहा नही आया था

चाची अचरज के भाव मे - फिर
मै संकोचवश - वो मै काफी दिन से परेशान था और वहा पर मेरे दर्द हो रहा था तो मेरे एक दोस्त ने बताया कि जब मै सेक्स करने लगूंगा तो दर्द कम हो जायेगा और वही मुझे यहा लिवा के भी आया था ।


चाची फ़िकरमन्द होकर - ओहो मेरा बच्चा कितना भोला है रे तू !!! लेकिन तुझे एक बार डॉ या घर मे मम्मी पापा से बात करनी चाहिए थी ना


मै मुह गिरा कर - मुझे शर्म आती है चाची तो कैसे बताता

चाची मुह पर हाथ रख कर हस कर मेरी भोलेपन से भरी बाते सुन रही थी ।
इतने मे चाची का घर आ गया और वो मुझे चुप रहने का इशारा की और हम फिर घर मे चले गये ।
मै सामान लेके कमरे मे गया तो निशा मिल गई और उसे देख मेरी चेहरे पर मुस्कान आ गई और वो भी नजरे मटका कर मुस्कुरा रही थी ।

फिर चाची सामान लेके स्टोररूम मे चली गयी और मै वही खड़ा होकर उनके आने के इन्तजार मे था कि निशा मुझे खिच कर कमरे मे ले गयी और दरवाजा बंद कर दिया ।

मै उसको कुछ बोलता उससे पहले उसने अपने मुलायम होठो से मेरे मुह को बंद कर दिया और हम दोनो एक गहरे लिपलोक मे खो गये ।
जल्द ही वो मुझसे अलग हुई और मुस्कुरा कर अपने होठ पोछते हुए दरवाजा खोल दिया और इधर उधर की बाते करने लगी ।

तब तक चाची भी वापस आ गई और फिर हमने ढेर सारी बाते की ।
फिर चाची ने निशा को चाय ब्नाने को बोला।
और निशा किचन मे चली गयी ।

चाची - और बता बेटा घर पर सब ठीक है
मै - जी चाची और अब तो नया वाला घर भी बन गया है जल्द ही वही शिफ्ट होने का प्रोग्राम है ।


चाची खुश होते हुए - अरे वाह अब नये घर मे नयी बहू भी तो आनी चाहिए कब तक इधर उधर मुह मारेगा

मै शर्म से मुस्कुरा कर - क्या चाची आप भी , वो तो मै गलती से चला गया था वहा और कुछ किया भी नही

चाची मुह पर हाथ रखकर अचरज से - क्या !!! तू सच मे नही किया वो सब

मै ना मे सर हिला कर - नही चाची , वो मै गया तो सब्बो नही थी तो मै चला आया

चाची खुसफुसा कर मेरे कान मे हस्ते हुए बोली - क्यू सब्बो की मा तो थी ना हिहिहिही

मै शर्मा कर - भक्क कितनी बड़ी है वो मै कैसे संभाल पाता उनको

चाची हस कर - धत्त पागल कौन उसको तुझे लेके ढोना था अब अन्दर बाहर ही करना था ना

मै शर्मा कर - चुप रहो चाची मुझे शर्म आ रही है,, आपको नही पता मुझे अभी भी तकलीफ हो रही है

चाची मेरी तकलीफ के बारे सुन कर थोदा शांत हुई और बोली - ओह्ह्ह मेरा बच्चा ।

चाची खड़ी हुई और बोली - राज उठ बेटा
मै अचरज से खड़ा होता हुआ - क्या हुआ चाची
चाची - चल उपर चल मै बताती हू इसको आराम देने का तरीका बताती हू

मै खुश होने का दिखावा कर - सच चाची
चाची हा मे सर हिला कर मुस्कुरा कर हम्म्म्म बोलती है
फिर चाची किचन मे निशा को आवाज देती है कि वो मुझे छत पर लिवा जा रही है तबतक वो चाय के साथ कुछ नासट भी ब्ना ले ।

फिर मै और चाची उपर जाने लगे ।
सीढी पर मै चाची के साडी मे शेप लेते कूल्हो को देख कर उत्तेजित हो रहा था ।

मै - चाची क्या करने जा रहे है हम
चाची - चल बताती हू ना
फिर हम लोग उपर आये और चाची मुझे बाथरूम मे लिवा गयी ।

मै थोडा उत्सुकता से - यहा क्यू लाई हो चाची
चाची मुस्कुरा कर - तेरी तकलीफ दुर करने , चल बाहर निकाल उसे
चाची मेरे पैंट मे बने टेन्ट पर इशारा करते हुए बोली

मै झट से अपने लन्द के उभर पर हाथ रखते हुए - भक्क नही चाची मुझे शर्म आ रही है ।

चाची हस कर - चल चल निकाल अब ,,भूल गया बचपन मे बिना कच्छे से पुरे घर नंगा घूम रहा था

मै शर्मा कर - अब मै बड़ा हो गया हू ना चाची
चाची - अच्छा देखू फिर कितना बड़ा हुआ है चल निकाल अब

मै संकोचवश थोडा शर्माने की ऐक्टिंग कर अपना पैंट खोलने लगा हालांकि मुझे इस बात की बेहद की उत्तेजना हो रही थी कि मै चाची को अपना लण्ड दिखाऊँगा

मै जल्द ही पैंट को खोला और अंडरवियर को सरका कर अपना मुसल बाहर निकाल दिया ।

चाची थोडी अचरज से मेरे लण्ड को निहारते हुए - ओह्ह्ह ये तो काफी बड़ा हो गया है,,,हम्म्म वैसे कहा दर्द होता है बेटा

मै चाची के सामने अपने लण्ड की चमडी को सुपाडे के पीछे ले जाकर सुपाडे की टिप पर ऊँगली दिखा कर बोला - जब ये टाइट होता है तो पहले यहा होता है फिर धीरे धीरे इन सारे जगह पर होने लगता है ।


चाची मेरे लाल मोटे सुपाडे को देख कर एक गहरी सास लेते हुए - ओह्ह तू क्या करता है इसका दर्द कम करने के लिए

मै - वो मै इसकी चमडी आगे पीछे करके इसका पेसाब निकाल देता हू चाची ,,वो मेरा दोस्त बताया था । लेकिन

चाची अचरज से - लेकिन क्या बेटा

मै - वो एक बार निकालने के बाद भी ये छोटा नही होता और मेरा हाथ दर्द होने लगता है

चाची हस कर - हमम कोई बात नही आज मै इसका ऐसा इलाज करूंगी की इसको बहुत आराम मिलेगा

मै खुश होकर - क्या सच मे चाची
चाची मेरे कदमो मे आकर मेरे लण्ड को थामकर - हा बेटा

मै चाची के मुलायम हाथो का स्पर्श पाकर मै हिल गया और वही चाची मेरे सुपाडे की टिप पर एक हल्का सा चुम्बन करती है और देखते ही देखते मुह खोल्कर आधा लण्ड मुह मे भर लेती है ।

मै चाची के मुह का नर्म स्पर्श और गर्म अह्सास से और उत्तेजित हो गया जिससे मेरे लण्ड की नशे और तन गयी

मै सिहरते हुए - ओह्ह्ह चाची ये क्या कर रही हो बहुत आराम मिल रहा है

यहा चाची मेरे लण्ड को पकड कर मुह मे आगे पीछे करने और जल्द ही उनकी लार से मेरा लण्ड सन गया ।
और चाची मे मेरे लार से सने लण्ड को दोनो हाथ मे पकड कर सामने की तरफ आगे पीछे करते हुए अपने चेहरे पर एक कामुक भाव लाने लगी ।

मै धीरे धीरे झडने के करीब था और मेरे सुपाडा अब फुलने लगा था ।
मै - अह्ह्ह चाची मेरा पेसाब आने वाला है हट जाओ आगे से
चाची मुस्कुरा कर लण्ड हिलाते हुए - आने दे बेटा आने दे
और अपना मुह खोल कर मेरे पिचकारी छूटने का इंतजार करने लगी ।

मै ज्यादा कुछ बोलता उससे पहले ही मेरी पिचकारी छूट गई और चाची मे मुह और चेहरे पर धार जाने लगी


चाची ने वापस से लण्ड को मुह मे लेके चुसा और लण्ड को साफ किया ।

मै थोडा लड़खड़ा कर दीवाल से लग कर थोडी देर खड़ा रहा और इधर चाची अपना हाथ मुह धुल ली ।


चाची - अब आराम है ना बेटा
मै मुस्करा कर हाफ्ते हुए - हा चाची बहुत ज्यादा

चाची - ठीक है अब उसको अन्दर डाल और निचे चलते है ।

मै बिना कूछ बोले अपना कपडा ठीक किया और चाची के साथ चल दिया ।
मुझे एक बात समझ में नहीं आ रही थी कि चाची जो कि चाचा से इतना प्यार करती है वो कैसे इतनी आसानी से मेरे साथ ऐसे कृत्य के लिए खुद को तैयार कर लिया ।
और काफी समय से देख रहा हू कि चाची के हावभाव मे काफी बदलाव है ।
उस दिन घर पर भी मा से शर्त लगा कर पापा के सामने खुद को एक्सपोज किया था ।
इनसब परिवर्तन के पीछे का कारण क्या हो सकता है इसका पता लगाना ही पडेगा ।
थोडी देर समय बिताने और चाय नास्ता करने के बाद मै चाची और निशा को बोल कर घर निकल गया और थकान की वजह से घर जाकर पापा के कमरे मे सो गया ।

शाम 6 बजे मेरी निद मा के जगाने से खुली और फिर उन्होने मुझे नास्ता करने को दिया और मै दुकान पर बैठ कर काम करने लगा ।

रात मे पापा आये और फिर हमने नये घर के लिए होने वाली तैयारियो के बारे मे बाते की और होली को लेके सारे इंतजामात की जिम्मेदारी पापा ने खुद लेली ।


इधर हम सब खुश थे कि मेरी चेहरे की हवाइया उड़ गयी क्योकि पापा ने बात ही ऐसी छेड़ दी ।

पापा - रागिनी एक खुशखबरी और है
मा खुश होकर - क्या जी बताईये न

पापा - दरअसल बात ये है कि आज हमारी दुकान पर सोनल के रिश्ते के लिए कुछ लोग आये थे और काफी खानदानी लोग है , खेती बारी करते है और दूध की देयरी भी और सबसे खास बात है ये कि वो सब राज के नाना के परिचय मे है ।

मा खुश से झूम कर - सच में राज के पापा , और लड़का क्या करता है

पापा - लड़का बडे शहर मे बाबू की पोस्ट पर सरकारी नौकरी करता है ।

मा खुश होकर - सुना राज तेरी दीदी के लिए कितना अच्छा रिश्ता आया है ।

लेकिन मै उदास था और मुझे खुश ना देखकर मा को चिन्ता हुई

मा फ़िकर होकर - क्या हुआ बेटा तू खुश नही है

मै - मम्मी-पापा आप लोग क्या एक बार दीदी से बात नही कर सकते कि वो क्या चाहती है ।


मा - उसमे बात क्या करना बेटा , हम लोग उसके लिए कुछ बुरा थोडी ना सोचेंगे । हम मा बाप है उसके

पापा थोडा सोच कर - नही रागिनी कैसी बात कर रही हो तुम ,,, हमारी एकलौती बेटी है वो उसकी पन्सद नापसन्द मायने रखती है और राज की बात ठीक है एक बार तो उसकी रजामन्दी भी तो चाहिये न
मा - ठीक है तो मै बात करती हू उससे

पापा - नही तू नही ,,,मै देख रहा हू इस मामले मे काफी सख्ती दिखा रही हो

मा थोडा सीरियस होकर - अरे इसमे सख्ती क्या है राज के पापा ,, आप तो ऐसे बोल रहे है कि जैसे मुझे मेरी बेटी की चिन्ता ही नही है ।

पापा मुस्कुरा कर - मै मानता हू रागिनी लेकिन सबसे पहले राज उससे बात करेगा ताकि वो अपने मन की बात बेझिझ्क उससे बोले क्योकी मै या तुम अगर बात किये तो शायद वो हमारा लिहाज करके अपने मन की बात हमसे ना कहे और तुम तो जानती ही हो हमारी बेटी कितनी संस्कारी है


मा खुश होकर - हा ये बात भी ठीक है ,,,तो राज बेटा ये तेरी जिम्मेदारी है तू सोनल से बात करके उसकी राय जान ले

मै हा मे सर हिलाया और पापा को एक बार फिर मन ही मन धन्यवाद किया उनकी समझदारि और दुनिया जमाने की दकियानुशी बातो को परे कर अपने परिवार की खुशियो के बारे मे सोचने के लिए ।


फिर पापा ने मुझे उस लड़के की तस्वीर दी जिसे हम सब ने देखा जो कि अच्छा दिख रह था और फिर मै वो तस्बीर लेके ऊपर छत पर चला गया दीदी से मिलने ।


देखते है दोस्तो आगे कहानी क्या नया मोड लेती है ।
आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा
पढ कर अपना बहूमूल्य रेवियू जरुर दे ।
धन्यवाद
सैक्स के साथ साथ बहुत कुछ है पढने को इस कहानी में
चाची के पहाडों की यात्रा कब है?
 

Naina

Nain11ster creation... a monter in me
31,619
92,346
304
UPDATE 70





चाची की आवाज सुन कर मेरी तो फट कर हाथ मे आ गई थी ।
मै उनकी तरफ घुमा और वो तब तक तेजी से चलते हुए मेरे पास आई उन्के हाथ मे एक राशन वाला झोला था ।

मै थोडा खुद को स्म्भालने की कोसिस कर रहा था
चाची - अरे राज बेटा तू यहा
मै घबडाहट मे - वो वो चाची मै वो ऐसे ही आया था

चाची मुस्कुराते हुए - हम्म्म मुझसे भी झूठ बोलेगा अब तू

मै अंजान होने का नाटक करते हुए- मै समझा नही चाची
चाची हस्ते हुए - ले ये झोला पकड और घर तक चल बताती हू मै
फिर मै चाची के हाथ से राशन का झोला ले लिया और उनके साथ चलने लगा

चाची - मुझे नही पता था कि तू रुबीना के यहाँ जाता है

मै सुखे गले से थूक गटकने की कोसिस करता हुआ - हा वो थोडा दुकान का काम था ना पापा ने हिसाब लेने के लिए भेजा था तो

चाची मुस्कराकर -
अच्छा तो पूछू मै भाईसाहब से
चाची हाथ मे लिये मोबाईल को चलाते हुए बोली ।

मै सकपका गया - हालाकि मुझे डर नही था बाद मे मै पापा या मम्मी को समझा बुझा लेता लेकिन बात थी पापा के सम्मान की । शायद मेरी शिकायत से पापा को चाची के सामने शर्मिंदा होना पड़ता ।

मै घबडाहट मे कुछ बोल नही रहा था
चाची हस कर - चल नोर्मल हो जा नही लगा रही हू फोन , मै समझ सकती हू इस उम्र की भटकते मन को


मै चाची की बात सुन कर और उनकी समझदारी को ध्यान देते हुए उन्हे शुक्रिया कहा

चाची मुस्करा कर मुझे सम्झाने के भाव से - तेरी कोई दोस्त नही है क्या ,,, ऐसी जगह नही जाते बेटा कल को भगवान ना करे कोई बिमारी हो गयी तो

मै शर्म से सर निचे किये झोला लिये चल रहा था और चाची मुझे समझा रही थी ।

चाची - क्या सच मे तेरी कोई दोस्त नही है
मै मासूम बन कर रुआस भरे चेहरे से चाची की तरफ मुह करके ना मे सर हिलाया।

चाची बडे उदास मन से - ओफ्फ्फ हो , देख बेटा अब तू जवान हो गया है मानती हू कि तेरा मन अब वो सब करने का होता होगा लेकिन तू कुछ दिन इन्तजार कर , सोनल की शादी के बाद मै तेरे लिए एक खुबसूरत की हेरोइने के साथ तेरी शादी करवा दूँगी फिर तू जो चाहे करना हिहिहिहिही

चाची आखिरी के शब्दो तक आते आते हसने लगी ।
मै भी उनकी बाते सुन कर हस दिया और सोचा जब चाची को इत्नी फ़िकर है मेरी तो क्यू ना इसका थोडा अपने अंदाज मे मजा लिया जाय और इनके साथ थोडी मस्ती मजाक मे बाते आगे बढाई जाए

मै थोडा सीरियस होकर - लेकिन चाची मै ऐसे यहा नही आया था

चाची अचरज के भाव मे - फिर
मै संकोचवश - वो मै काफी दिन से परेशान था और वहा पर मेरे दर्द हो रहा था तो मेरे एक दोस्त ने बताया कि जब मै सेक्स करने लगूंगा तो दर्द कम हो जायेगा और वही मुझे यहा लिवा के भी आया था ।


चाची फ़िकरमन्द होकर - ओहो मेरा बच्चा कितना भोला है रे तू !!! लेकिन तुझे एक बार डॉ या घर मे मम्मी पापा से बात करनी चाहिए थी ना


मै मुह गिरा कर - मुझे शर्म आती है चाची तो कैसे बताता

चाची मुह पर हाथ रख कर हस कर मेरी भोलेपन से भरी बाते सुन रही थी ।
इतने मे चाची का घर आ गया और वो मुझे चुप रहने का इशारा की और हम फिर घर मे चले गये ।
मै सामान लेके कमरे मे गया तो निशा मिल गई और उसे देख मेरी चेहरे पर मुस्कान आ गई और वो भी नजरे मटका कर मुस्कुरा रही थी ।

फिर चाची सामान लेके स्टोररूम मे चली गयी और मै वही खड़ा होकर उनके आने के इन्तजार मे था कि निशा मुझे खिच कर कमरे मे ले गयी और दरवाजा बंद कर दिया ।

मै उसको कुछ बोलता उससे पहले उसने अपने मुलायम होठो से मेरे मुह को बंद कर दिया और हम दोनो एक गहरे लिपलोक मे खो गये ।
जल्द ही वो मुझसे अलग हुई और मुस्कुरा कर अपने होठ पोछते हुए दरवाजा खोल दिया और इधर उधर की बाते करने लगी ।

तब तक चाची भी वापस आ गई और फिर हमने ढेर सारी बाते की ।
फिर चाची ने निशा को चाय ब्नाने को बोला।
और निशा किचन मे चली गयी ।

चाची - और बता बेटा घर पर सब ठीक है
मै - जी चाची और अब तो नया वाला घर भी बन गया है जल्द ही वही शिफ्ट होने का प्रोग्राम है ।


चाची खुश होते हुए - अरे वाह अब नये घर मे नयी बहू भी तो आनी चाहिए कब तक इधर उधर मुह मारेगा

मै शर्म से मुस्कुरा कर - क्या चाची आप भी , वो तो मै गलती से चला गया था वहा और कुछ किया भी नही

चाची मुह पर हाथ रखकर अचरज से - क्या !!! तू सच मे नही किया वो सब

मै ना मे सर हिला कर - नही चाची , वो मै गया तो सब्बो नही थी तो मै चला आया

चाची खुसफुसा कर मेरे कान मे हस्ते हुए बोली - क्यू सब्बो की मा तो थी ना हिहिहिही

मै शर्मा कर - भक्क कितनी बड़ी है वो मै कैसे संभाल पाता उनको

चाची हस कर - धत्त पागल कौन उसको तुझे लेके ढोना था अब अन्दर बाहर ही करना था ना

मै शर्मा कर - चुप रहो चाची मुझे शर्म आ रही है,, आपको नही पता मुझे अभी भी तकलीफ हो रही है

चाची मेरी तकलीफ के बारे सुन कर थोदा शांत हुई और बोली - ओह्ह्ह मेरा बच्चा ।

चाची खड़ी हुई और बोली - राज उठ बेटा
मै अचरज से खड़ा होता हुआ - क्या हुआ चाची
चाची - चल उपर चल मै बताती हू इसको आराम देने का तरीका बताती हू

मै खुश होने का दिखावा कर - सच चाची
चाची हा मे सर हिला कर मुस्कुरा कर हम्म्म्म बोलती है
फिर चाची किचन मे निशा को आवाज देती है कि वो मुझे छत पर लिवा जा रही है तबतक वो चाय के साथ कुछ नासट भी ब्ना ले ।

फिर मै और चाची उपर जाने लगे ।
सीढी पर मै चाची के साडी मे शेप लेते कूल्हो को देख कर उत्तेजित हो रहा था ।

मै - चाची क्या करने जा रहे है हम
चाची - चल बताती हू ना
फिर हम लोग उपर आये और चाची मुझे बाथरूम मे लिवा गयी ।

मै थोडा उत्सुकता से - यहा क्यू लाई हो चाची
चाची मुस्कुरा कर - तेरी तकलीफ दुर करने , चल बाहर निकाल उसे
चाची मेरे पैंट मे बने टेन्ट पर इशारा करते हुए बोली

मै झट से अपने लन्द के उभर पर हाथ रखते हुए - भक्क नही चाची मुझे शर्म आ रही है ।

चाची हस कर - चल चल निकाल अब ,,भूल गया बचपन मे बिना कच्छे से पुरे घर नंगा घूम रहा था

मै शर्मा कर - अब मै बड़ा हो गया हू ना चाची
चाची - अच्छा देखू फिर कितना बड़ा हुआ है चल निकाल अब

मै संकोचवश थोडा शर्माने की ऐक्टिंग कर अपना पैंट खोलने लगा हालांकि मुझे इस बात की बेहद की उत्तेजना हो रही थी कि मै चाची को अपना लण्ड दिखाऊँगा

मै जल्द ही पैंट को खोला और अंडरवियर को सरका कर अपना मुसल बाहर निकाल दिया ।

चाची थोडी अचरज से मेरे लण्ड को निहारते हुए - ओह्ह्ह ये तो काफी बड़ा हो गया है,,,हम्म्म वैसे कहा दर्द होता है बेटा

मै चाची के सामने अपने लण्ड की चमडी को सुपाडे के पीछे ले जाकर सुपाडे की टिप पर ऊँगली दिखा कर बोला - जब ये टाइट होता है तो पहले यहा होता है फिर धीरे धीरे इन सारे जगह पर होने लगता है ।


चाची मेरे लाल मोटे सुपाडे को देख कर एक गहरी सास लेते हुए - ओह्ह तू क्या करता है इसका दर्द कम करने के लिए

मै - वो मै इसकी चमडी आगे पीछे करके इसका पेसाब निकाल देता हू चाची ,,वो मेरा दोस्त बताया था । लेकिन

चाची अचरज से - लेकिन क्या बेटा

मै - वो एक बार निकालने के बाद भी ये छोटा नही होता और मेरा हाथ दर्द होने लगता है

चाची हस कर - हमम कोई बात नही आज मै इसका ऐसा इलाज करूंगी की इसको बहुत आराम मिलेगा

मै खुश होकर - क्या सच मे चाची
चाची मेरे कदमो मे आकर मेरे लण्ड को थामकर - हा बेटा

मै चाची के मुलायम हाथो का स्पर्श पाकर मै हिल गया और वही चाची मेरे सुपाडे की टिप पर एक हल्का सा चुम्बन करती है और देखते ही देखते मुह खोल्कर आधा लण्ड मुह मे भर लेती है ।

मै चाची के मुह का नर्म स्पर्श और गर्म अह्सास से और उत्तेजित हो गया जिससे मेरे लण्ड की नशे और तन गयी

मै सिहरते हुए - ओह्ह्ह चाची ये क्या कर रही हो बहुत आराम मिल रहा है

यहा चाची मेरे लण्ड को पकड कर मुह मे आगे पीछे करने और जल्द ही उनकी लार से मेरा लण्ड सन गया ।
और चाची मे मेरे लार से सने लण्ड को दोनो हाथ मे पकड कर सामने की तरफ आगे पीछे करते हुए अपने चेहरे पर एक कामुक भाव लाने लगी ।

मै धीरे धीरे झडने के करीब था और मेरे सुपाडा अब फुलने लगा था ।
मै - अह्ह्ह चाची मेरा पेसाब आने वाला है हट जाओ आगे से
चाची मुस्कुरा कर लण्ड हिलाते हुए - आने दे बेटा आने दे
और अपना मुह खोल कर मेरे पिचकारी छूटने का इंतजार करने लगी ।

मै ज्यादा कुछ बोलता उससे पहले ही मेरी पिचकारी छूट गई और चाची मे मुह और चेहरे पर धार जाने लगी


चाची ने वापस से लण्ड को मुह मे लेके चुसा और लण्ड को साफ किया ।

मै थोडा लड़खड़ा कर दीवाल से लग कर थोडी देर खड़ा रहा और इधर चाची अपना हाथ मुह धुल ली ।


चाची - अब आराम है ना बेटा
मै मुस्करा कर हाफ्ते हुए - हा चाची बहुत ज्यादा

चाची - ठीक है अब उसको अन्दर डाल और निचे चलते है ।

मै बिना कूछ बोले अपना कपडा ठीक किया और चाची के साथ चल दिया ।
मुझे एक बात समझ में नहीं आ रही थी कि चाची जो कि चाचा से इतना प्यार करती है वो कैसे इतनी आसानी से मेरे साथ ऐसे कृत्य के लिए खुद को तैयार कर लिया ।
और काफी समय से देख रहा हू कि चाची के हावभाव मे काफी बदलाव है ।
उस दिन घर पर भी मा से शर्त लगा कर पापा के सामने खुद को एक्सपोज किया था ।
इनसब परिवर्तन के पीछे का कारण क्या हो सकता है इसका पता लगाना ही पडेगा ।
थोडी देर समय बिताने और चाय नास्ता करने के बाद मै चाची और निशा को बोल कर घर निकल गया और थकान की वजह से घर जाकर पापा के कमरे मे सो गया ।

शाम 6 बजे मेरी निद मा के जगाने से खुली और फिर उन्होने मुझे नास्ता करने को दिया और मै दुकान पर बैठ कर काम करने लगा ।

रात मे पापा आये और फिर हमने नये घर के लिए होने वाली तैयारियो के बारे मे बाते की और होली को लेके सारे इंतजामात की जिम्मेदारी पापा ने खुद लेली ।


इधर हम सब खुश थे कि मेरी चेहरे की हवाइया उड़ गयी क्योकि पापा ने बात ही ऐसी छेड़ दी ।

पापा - रागिनी एक खुशखबरी और है
मा खुश होकर - क्या जी बताईये न

पापा - दरअसल बात ये है कि आज हमारी दुकान पर सोनल के रिश्ते के लिए कुछ लोग आये थे और काफी खानदानी लोग है , खेती बारी करते है और दूध की देयरी भी और सबसे खास बात है ये कि वो सब राज के नाना के परिचय मे है ।

मा खुश से झूम कर - सच में राज के पापा , और लड़का क्या करता है

पापा - लड़का बडे शहर मे बाबू की पोस्ट पर सरकारी नौकरी करता है ।

मा खुश होकर - सुना राज तेरी दीदी के लिए कितना अच्छा रिश्ता आया है ।

लेकिन मै उदास था और मुझे खुश ना देखकर मा को चिन्ता हुई

मा फ़िकर होकर - क्या हुआ बेटा तू खुश नही है

मै - मम्मी-पापा आप लोग क्या एक बार दीदी से बात नही कर सकते कि वो क्या चाहती है ।


मा - उसमे बात क्या करना बेटा , हम लोग उसके लिए कुछ बुरा थोडी ना सोचेंगे । हम मा बाप है उसके

पापा थोडा सोच कर - नही रागिनी कैसी बात कर रही हो तुम ,,, हमारी एकलौती बेटी है वो उसकी पन्सद नापसन्द मायने रखती है और राज की बात ठीक है एक बार तो उसकी रजामन्दी भी तो चाहिये न
मा - ठीक है तो मै बात करती हू उससे

पापा - नही तू नही ,,,मै देख रहा हू इस मामले मे काफी सख्ती दिखा रही हो

मा थोडा सीरियस होकर - अरे इसमे सख्ती क्या है राज के पापा ,, आप तो ऐसे बोल रहे है कि जैसे मुझे मेरी बेटी की चिन्ता ही नही है ।

पापा मुस्कुरा कर - मै मानता हू रागिनी लेकिन सबसे पहले राज उससे बात करेगा ताकि वो अपने मन की बात बेझिझ्क उससे बोले क्योकी मै या तुम अगर बात किये तो शायद वो हमारा लिहाज करके अपने मन की बात हमसे ना कहे और तुम तो जानती ही हो हमारी बेटी कितनी संस्कारी है


मा खुश होकर - हा ये बात भी ठीक है ,,,तो राज बेटा ये तेरी जिम्मेदारी है तू सोनल से बात करके उसकी राय जान ले

मै हा मे सर हिलाया और पापा को एक बार फिर मन ही मन धन्यवाद किया उनकी समझदारि और दुनिया जमाने की दकियानुशी बातो को परे कर अपने परिवार की खुशियो के बारे मे सोचने के लिए ।


फिर पापा ने मुझे उस लड़के की तस्वीर दी जिसे हम सब ने देखा जो कि अच्छा दिख रह था और फिर मै वो तस्बीर लेके ऊपर छत पर चला गया दीदी से मिलने ।


देखते है दोस्तो आगे कहानी क्या नया मोड लेती है ।
आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा
पढ कर अपना बहूमूल्य रेवियू जरुर दे ।
धन्यवाद
bhatija to bhatija, yaha to uski chachi bhi tharki no 1 hai..
Ooo... to sonal ke liye rishta aaya hai.. ghar wale sabhi khush hai sirf Raj ko chhod kar... kyun udash hai wo, ye sabhi readers bhali bhaanti jaante hai ;)
Hmm... so sonal se is riste ke baare mein baatcheet karne ke liye Raj ko jimmedari di gayi hai... kya sonal haan kahegi is rishte ke liye ya inkaar karegi..
udhar naye ghar jaane ki taiyari joro pe hai...
holi ke din shayad griha pravesh ke sath sath bahot kuch dhamal hone wala hai..

Well shaandar update, shaandar lekhni shaandar shabdon ka chayan.. sath hi dilkash kirdaaro ki bhumika bhi... khas Kar Raj ke pita ki sahi soch vichar apne bachho ke liye..

Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
7,895
22,292
189
सैक्स के साथ साथ बहुत कुछ है पढने को इस कहानी में
चाची के पहाडों की यात्रा कब है?
Bahut bahut dhanywaad bhai
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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सैक्स के साथ साथ बहुत कुछ है पढने को इस कहानी में
चाची के पहाडों की यात्रा कब है?
Dekhte hai dost kitna asaan hone wala hai raaj ke liye ye chdaayi
 

DREAMBOY40

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bhatija to bhatija, yaha to uski chachi bhi tharki no 1 hai..
Ooo... to sonal ke liye rishta aaya hai.. ghar wale sabhi khush hai sirf Raj ko chhod kar... kyun udash hai wo, ye sabhi readers bhali bhaanti jaante hai ;)
Hmm... so sonal se is riste ke baare mein baatcheet karne ke liye Raj ko jimmedari di gayi hai... kya sonal haan kahegi is rishte ke liye ya inkaar karegi..
udhar naye ghar jaane ki taiyari joro pe hai...
holi ke din shayad griha pravesh ke sath sath bahot kuch dhamal hone wala hai..

Well shaandar update, shaandar lekhni shaandar shabdon ka chayan.. sath hi dilkash kirdaaro ki bhumika bhi... khas Kar Raj ke pita ki sahi soch vichar apne bachho ke liye..

Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
Bahut bahut dhanywaad Naina ji
Keep supporting and enjoy story
 
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