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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

Raj Kumar Kannada

ಸಂದರ್ಭದ ಕಾಮ
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DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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लेखक की जुबानी

CHAMANPURA

सिनेमा मे सीट पर बैठते ही अमन के मोबाइल पर सोनल का मैसेज बिप होता है ।

करीब 15 20 मिंट तक अमन ने उसको इग्नोर किया लेकिन थोडी देर बाद फिर सोनल का मैसेज बिप हुआ
वो मोबाईल खोलकर पॉपअप हुआ सोनल का मैसेज देखता है और पूरी तरह से सिहर जाता है । उसके लण्ड की नसे फड़कने लग जाती है और दिल जोरो से धडकनें लगता है


वो निशा से छिपा कर मोबाईल को सामने करके फटाफट मैसेज टाइप करता है और निशा की ओर देखता है जो उसे ही मुस्कुराते हुए निहार रही थी
निशा अपनी भौहे उठाकर हस्ती हुई - क्या हुआ जीजू उम्म्ं

अमन थुक गटकता हुआ - अह कू कुछ नही ,

निशा सब समझ रही यही कि क्या चल रहा है अभी फिर भी उस ने इग्नोर करते हुए चहकति हुई अमन के बाजू के हाथ डाल कर उसको पकड लिया और उससे सटकर बैठते हुए पर्दे की ओर देखने लगी ।


निशा के यू चिपकने से अमन के पाव कापने लगे । वो अगल बगल देखने लगा कि कोई उसके जान पहचान वाला ना देख ले उनको ऐसे ।

मगर हाल के जिस साइड वो लोग बैठे थे वहा पर्दे की लाईट भी नही आ रही थी ,, फिल्म कोई खास थी नही तो ज्यादा भीड़ नही थी ।

पीछे की सीट पूरी खाली थी , दो सीट बाद एक कपल बैठे हुए वो भी शायद अपनी प्राईवसी चाहते थे इसिलिए अमन से दो सीट दुर थे ।
निशा अमन के बाहो मे बाहे डाले हुए उसके कन्धे पर सर रख कर चिपकी हुई थी ।
अमन किसी तरह खुद के जजबात काबू मे किये हुए पर्दे पर निहारे जा रहा था ।
जेब मे उसका मोबाइल घुऊ घुउऊ करके वाईब्रेट हो रहा था ,, कुछ पल अमन ने इग्नोर किया तो सोनल कॉल करने लगी


निशा - अब किसका फोन आ रहा है जीजू
अमन - वो सोनल फोन कर रही है
निशा - क्यू ?
अमन - अरे तुम बाहर गयी हो और वो फ्री है तो उसे मुझसे बाते करनी है ना
निशा हस कर - अरे तो मैसेज से बाते करते रहिये , अब हाल मे काल से कहा बात कर पायेगे ।

अमन हिचक कर - न नही नही , यहा नही कर सकता
निशा आंखे उठा कर मुस्कुराती हुई - कही कुछ प्राईवेट बात तो नही है जो मेरे सामने नही कर सकते हिहिहिही या फिर परसो रात के जैसे नॉनबेज बाते करनी है उम्म्ं

निशा की बाते सुन कर अमन झेप सा गया और हस्ता हुआ - क्या तुम भी निशा , ऐसी कोई बात नही है ।

निशा अमन के हाथ से मोबाइल झपटती हुई - लाओ मै भी तो देखू फिर क्या बाते हो रही है हिहिहिही

अपने हाथ से मोबाइल जाता देख अमन निशा की ओर लपका और निशा अपने हाथ दुर करने लगी ,,,लेकिन वो पहले से ही कोने पर थी तो कही जा नही सकती थी सिवाय हाथ इधर उधर घुमाने के

और अमन उसके ओर लपक कर उससे मोबाइल लेना चाह रहा था
निशा उसको चिढाती हुई - हिहिही लेलो आओ हीही

अमन और निशा के बीच की सीटो हाथ रखने वाला लगा था जिससे अमन निशा की ओर ज्यादा लपक नही पा रहा था और वो नही चाह रहा था कि ज्यादा हसी ठिठौली से वो लोगो की नजर मे आये ।

इसी मौके का फायदा लेकर निशा ने मोबाइल को किनारे पर ले जाकर मैसेज देखने लगी और जैसे ही निशा को मैसेज पढते अमन ने देखा तो वो शर्म और निराशा से भरकर अपनी कुरसी पर बैठ गया ।
निशा अमन के सामने ही उसके और सोनल के मैसेज पढते हुए हसने लगी ।

निशा आखिरी मैसेज पढकर हस्ते हुए - ओह्हो देखो ना बेचारी कित्नी परेशान है और आप हो की उसको तरसा रहे हो

अमन उसके हाथ से मोबाइल लेता हुआ - तु ना एक नम्बर की शैतान लडकी हो ,,

निशा हस्ते हुए - तो भेज दो ना जो माग रही है आपकी होने वाली बीवी

अमन निशा की शरारत भरी कामुक बाते सुन कर हस्ता हुआ - क्या तुम भी , अब यहा कैसे और तुम्हारे सामने कैसे ?

निशा चहकती हुई अमन की ओर लपक कर धीमी आवाज मे - मैने तो आपका देख रखा है हिहिहिह मुझ्से क्या शरमाना
निशा की शरारत भरी बाते और उसका यू सेक्सुअ चीज़ो पर खुलके बाते करने का अंदाज अमन को भितर से कपकपा रहा था । मन ही मन वो निशा को भोगने की लालसा जगा चुका था ।
उसका लण्ड पहले से ज्यादा फुलने लगा था , पैंट मे एठन बढने लगी थी और सुपाड़े मे खुजली सी होने लगी थी ।

अमन ने अन्धेरे मे अपने पैंट के उपर से ही अपनी चुनचुनाती लिंग की चमडी को ऊँगलीयो से मसलते हुए निशा को देखा ।

निशा की आंखो मे चढता नशा अब उसे भी अपनी गिरफत मे ले चुका था और वो मुस्कुरा कर निशा को देखे जा रहा था ।
निशा एक शरारती मुस्कान के साथ - तो मै उधर आ जाऊ और आप यहा कोने मे हिहिहिही

अमन शर्माहत भरी नजरो से मुस्करा कर हामी भर दिया और निशा उठ कर खड़ी हुई और अगल बगल का माहौल देखा । सारे लोग पर्दे पे नजरे जमाये हुए थे ।

किसी ने भी निशा की क्रिया पर ध्यान नही दिया वो उठी और अपने पैर खीसकाते हुए अमन के सामने खड़ी हो गयी ,

निशा की फैली हू चर्बीदार गाड़ और उसके उभरे हुए कुल्हे अमन के चेहरे से महज कुछ इन्च ही दुर से ।

और तो और निशा के कपडो से आती भीनी मादक अत्र की खुस्बु से अमन की सासे चढ़ने लगी थी ।

निशा वही खडे होकर - अरे उठिए ना , क्या देख रहे है आप हिहिहिही

अमन फौरन उठा और निशा से चिपकता हुआ उसके गुदाज कुल्हो को छुता हुआ निशा की सिट पर बैठ गया और निशा भी फौरन अमन की सीट पर आ गयी ।

दोनो अभी थोडा चुप थे , वो अपनी निगाहे आस पास घुमा रहे थे और खासकर बगल वाले कपल पर जो उनसे महज 2 शीट बाद ही बैठा था ।

निशा ने देखा कि वो दोनो भी खुद मे ही व्यस्त है और उनके चेहरे के भाव भी निशा और अमन जैसे ही थे ।
मतलब साफ था कि निचे अंधरे हिस्से मे कुछ काण्ड चालू था ।

निशा खुश हुई और अमन की ओर पलटी फिर आंखो से इशारा करते हुए - चलो जल्दी से फ़ोटो निकाल लो ,,मै उनकी ओर पीठ करके हू हिहिहिही

अमन को अब भी हिचक हो रही थी लेकिन निशा के साथ ने उसको एक अलग ही हिम्म्त दे रखी थी
अमन निशा को देखता हुआ मुस्कुरा कर अपना बेल्ट खोलने लगता है और निशा के दिल की धडकनें तेज होने लगती है ।

बेल्ट के बाद अमन ने अपनी पैंट का बटन खोला और उसके लण्ड को थोडा आराम मिला , वो एक नजर निशा को देखा जो आंखे गडाये उसके हाथो को देख रही थी , लेकिन अन्धेरे मे कुछ भी साफ नही दिख रहा था

अमन ने निशा के चेहरे के भाव पढे और उसकी आंखो मे बढती मदहोशि और एक बेचैनी सी मह्सूस की । निशा का चेहरा फीका पडने लगा था उसकी छातिया फुलने लगी थी ।

अमन मुस्कुराता हुआ निशा के चेहरे के भावो के अनुरूप उसकी उत्सुकता बढाता हुआ अपने पैंट की जीप सरकाने लगा और उसका फूला हुआ सुपाडा ढील पाते ही अंडरबियर मे हरकत किया ।

धुधली छवि मे निशा ने भी मह्सूस किया और गरदन घुमा कर उसने अपने बगल के जोड़े को देखा और मुस्कुराते वापस अमन की ओर मुड़ी ।

इस बार निशा को एक अलग ही खुस्बु उसके नथुनो से टकराई वो समझ गयी कि य अमन ने अपना पुरा लण्ड बाहर निकाल दिया क्योकि गर्म सुपाड़े पर सनी हुई वीर्य की महक से निशा भली भांति परिचित थी ।

वो खुस्बु उसके सासो मे समाते ही उसके चेहरे पर एक अलग भी खुशी दिखाई थी । मुस्कुराहट और फैल गयी ।

निशा अपनी बेताबी छिपाकर - अब तो निकाल लो फ़ोटो , कब तक तरसाओगे बेचारी को हिहिहिही

अमन खुसफुसा कर - अरे यार फ्लैश लाईट जलेगा तो कोई देखे ना

निशा - अरे मै हू ना जीजू कोई नही देख रहा , सिवाय मेरे हिहिहिही

अमन हस कर - यार तुम भी

फिर अमन ने अपना मोबाइल उठाया और एक नजर सब ओर देख कर कैमरा ऑन करके फ्लैश ऑन करते हुए फ़ोटो निकालने के लिए क्लिक किया

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अगले ही पल फ्लैश ने अपना फोकस दिखाया और नसो से अक्ड़ा हुआ गीला लाल सुपाड़े वाला अमन का फौलादी लण्ड चमक उठा ।

निशा अमन के 8 इच मोटे और 3 इन्च की घेराब लिये कैन की बोतल जैसे मोटे तगड़े लण्ड को देख के पूरी तरह हिल गयी ।

ये उसका अब तक देखा हुआ सबसे मोटा लण्ड था ।
फ़ोटो क्लिक हो चुकी थी और लाईट भी ऑफ थी लेकिन निशा के आंखो मे फ्लैश की रोशनी मे चमकते लण्ड की छवि अभी भी बनी हुई थी ।

वो अनुमान से अभी भी सास लेते अमन के लण्ड की तपिश मह्सूस कर पा रही थी

इधर अमन ने फ़ोटो भी भेज दिया और कुछ मैसेज टाइप किया । फिर उसने निशा की ओर देखा जो अभी भी उसी अवस्था मे बुत बनकर बैठी हुई थी ।

अमन उसके हालत पर मुस्कुराया और अपना लण्ड अंडरवियर मे घुसाने लगा लेकिन उसका फौलादी लण्ड मे जर भी लचक नही हो पा रही थी ,

दो तिन प्रयास मे जब अमन अपना लण्ड वापस नही घुसा पाया तो उसकी हालत खराब होने लगी , उसकी कसमसाहट से निशा अपने ख्यालो से बाहर आई

निशा - क्या हुआ जीजू
अमन - ऊहह यार ये अन्दर नही जा रहा है उम्म्ं हह
निशा खिलखिलाई - तो क्या हुआ आज ऐसे ही घर चले जाना

अमन थोडा सिरियस होता हुआ - ओह्ह निशा मजाक नही, सच मे ये नही जा रहा है

अब तो निशा को भी थोडी चिंता हुई कि आखिर क्यू ऐसा हो रहा है

निशा ने आस पास नजर घुमाई और तभी उसकी नजर बगल वाले कप्ल पर गयी । जिसमे लडकी लड़के के गोद मे सर रख कर लेती हुई थी और उसका बॉयफ्रेंड अपने जैकेट से उसका सर छिपा रखा था ।

निशा को समझते देर नही लगी कि वहा मुह पेलाई चल रही है
निशा - जीजू , अगर आप गुस्सा ना हो तो मेरे पास एक उपाय है , लेकिन
अमन - अरे बताओ यार कुछ भी ,,इन्टर्वल भी होने वाला

अमन इतना बोला ही था कि हाल की सारी लाईट एक एक करके चालू होने लगी ।

अमन ने फौरन अपने हाथ से अपने लण्ड को छिपाने की नाकाम कोसिस करनी शुरु कर दी ।
निशा को डर था कि कही उन्हे इस हालत मे देख ना , इसलिये उसने देर ना करते हुए अपने गले से चुनरी निकाली और उसको लपेटते हुए अमन की ओर बढा दी

निशा - लो इस्से ढक लो जीजू


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अमन ने निशा के हाथ से उसकी चुनरी तो ली लेकिन उसकी आंखे रोशनी के उजाले मे चमकती उसके गोरी गोरी फूली फूली चुचियो की घाटियो मे खो गयी ।

निशा हस कर - अरे ढक लो ना
अमन हडबड़ा कर ढक लेता है और निशा सीधी बैठ जाती है । फिर वो कनअखियो से बगल मे बैठे प्रेमी जोड़े की ओर देखती है तो वो दोनो वहा से गायब थे ।

निशा समझ जाती है कि वो वाशरूम ही गये होगे ।
अमन - अब बोलो निशा क्या उपाय

निशा खड़ी हुई है और आस पास देखा तो ज्यादातर लोग इधर उधर से जा चुके थे ।

निशा - अरे देख क्या रहे है खड़े होकर अब डालिये अन्दर

अमन को भी सही लगा और वो खड़ा होकर पर्दे की ओर पीठ करते हुए निशा की चुनरी को हटाया

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बल्ब की रोश्नी मे निशा को एक बार फिर से अमन का तना हुआ मुसल दिख्ने लगा , लण्ड पर एठि हुई मोटी मोटी नसे और आलू जैसा फुला हुआ गुलाबी सुपाडा पुरा तना हुआ था ,,, लण्ड की कठोरता देख कर निशा थुक गटकने की नौबत आ गयी ।

अमन से बड़ी मुश्किल से लण्ड पर अंदरवियर तो चढा लिया लेकिन उसमे बना तम्बू जैसे उसको फ़ाड कर बाहर आ जायेगा ।

अमन अब उसपे पैंट चढाने को कोसिस मे था लेकिन चुस्त पैंट मे ऐसा होना पॉसिबल नही था ।

अमन को परेशान देख कर निशा को भी टेनसन ही रहा था कि कही सच मे दिक्कत ना बढ जाये

इसिलिए उसने हाथ आगे बढा कर अमन के लण्ड के तने को अंडरवियर के उपर से थाम लिया और पैंट को पकड कर उसमे ठूसने लगी ।

निशा के हाथो का अचान्क से स्पर्श पाकर अमन के लण्ड की नसे फड़क उठी जिसे निशा ने भी अपनी हथेली मे मह्सूस किया

निशा पुरा जोर लगा के लण्ड को मोड़ना चाह रही थी लेकिन ऐसा पॉसिबल नही
मानो अमन ने कित्नी वियग्रा खा रखी हो

निशा का हाथ भी दर्द होने लगा और वो लण्ड छोड कर - उफ्फ़ मम्मी क्या है ये , ऐसा भी होता है क्या कीसी का

अमन - पता नही यार मेरा हर बार ऐसा ही होता है ,

निशा - तो ये छोटा कब होता है
अमन - जब ये डिस्चार्ज होता है
निशा - उम्म्ंम लेकिन यहा
अमन - हा यार अब ऐसी हालत मे बाथरूम मे भी नही जा सकता ना

निशा - ऐसा करो आप बैठ जाओ अभी ऐसे खडे ना रहिये
अमन को भी निशा की बात सही लगी और वो बैठ्गया


निशा हिचकती हुई - अह जीजू अगर आप कहो तो मै मदद करु ,,यहा डिस्चार्ज होने मे

अमन चौक कर - क्या!! यहा !! अरे कोई देख लेगा पागल और तुम क्या करने वाली हो ?

निशा - अरे अभी नही ! जब लाईट ऑफ़ होगी तब

अमन - हा लेकिन
निशा - लेकिन वेकिन छोडिए और अभी थोडी देर बैठे रहिये


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रीना - पापाजी मै कुछ मदद करू ?


अपने बहु की आवाज सुनकर कमलनाथ के पाव जहा थे वही रुक गये उसका दिल जोरो से धडकने लगा ।

रीना दो कदम आगे बढती हुई - हा पापाजी , मै जानती की आपको ऐसे आराम नही आयेगा । आप कमरे मे चलिये मै आती हू

कमलनाथ - लेकिन बहु तुम , नही नही रज्जो ने साफ मना किया है

रीना मुस्कुरा कर - मा जी से मै बात कर लूंगी आप चिंता ना करिये

कमलनाथ थुक गटक कर रीना के हौसले पर ठगा सा रह गया था । उसका लण्ड अब और भी फौलादी हुआ जा रहा था ।

उसने बिना कुछ सवाल जवाब किये सीढि की ओर बढ गया और दो सीढि चढ़ते ही - बहु वो रमन ...


रीना - आप कमरे मे आराम करिये मै उनको खाना खिला कर ही आऊंगी

कमलनाथ फीकी मुस्कान दिखाता हुआ उपर चला गया और रीना भी गहरी सासे लेने गयी ।

मन ही मन वो बड़बड़ा रही थी कि आगे कैसे वो क्या करेगी ।
क्या उसे अभी ही सेक्स कर लेना चाहिए या फिर सिर्फ हिला चुस कर ही छोड देना चाहिए ।
लेकिन पापाजी बहुत मस्त चुदाई करते है उन्के मोटे लन्ड को हाथ मे लेके मै अपनी बुर को तरसा कैसे सकती हू ।

इधर रीना अपने ख्यालो मे व्यस्त थी कि दरवाजे पर घंटी बजती है और वो समझ गयी कि उसका रमन घर आ गया है


CHAMANPURA

इंटरवल खतम होने तक दोनो ज्यादा कुछ बोले बिना बस चुप्पी के साथ बैठे रहे ।
अमन निशा की चुचिया और उसकी चिकनी गदराई जांघ देख कर अभी भी उत्तेजित हुआ जा रहा था ।

और सबसे बढ कर उसे हाल की लाईट बुझने का इन्तेजार था ।
कुछ ही देर सारे लोग अपनी अपनी सीट पर वापस आ चुके थे लेकिन वो दोनो प्रेमी जोड़े नही दिखे और बत्ती भी बुझ गयी ।

निशा समझ गयी कि वो मजे करने के लिए ही आये थे और उनका काम शायद हो गया था

बत्ती बुझते ही अमन चहक कर - लो बत्ती बुझ गयी अब

निशा दबी हुई हसी मे - अरे थोडा सबर करो जीजू , अभी भी लोग आ रहे है

अमन - यार ये तो अब दर्द भी होने लगा है ,


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निशा उसकी ओर देख कर अपना हाथ उसके लण्ड को बढा कर अंडरवियर के उपर से थामती हुई उसे सहलाने लगी - बस थोडा देर जीजू , अभी सब सही हो जायेगा

अमन निशा के हाथो का स्पर्श पाकर सिहर उठा
निशा उसके सुपाडे को टटोलती हुई - क्या हुआ जीजू उम्म्ं

अमन अपनी भारी भारी सांसो से - उम्म्ं क कुछ नही कुछ नही आह्ह
करीब 10 से 12 मिंट तक निशा ने आस पास जायजा लेते हुए लगातार अमन के लण्ड के सुपाडे को टटोलती रही और वो मादक सिसकिया लेता रहा ।

फिर निशा उठी और अपना कुरती उठा कर खड़ी हो गयी ।

अमन निशा की इस हरकत से और भी जोश मे आ गया । लेकिन एक डर भी जहन मे उभरने लगा कि ये आगे क्या करने वाली है ।
निशा खड़ी होकर अपने पीछे और बगल की खाली सीटो को देखा और फिर अमन की ओर देखकर उसकी सिट के सामने चली गयी


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अब निशा की गदराई गाड़ उसकी चुस्त लेगी मे अमन के ठिक साम्ने थी । निशा ने देर ना करते हुए अपनी गुदाज गाड़ को फैलाते हुए सीधा अमन के लण्ड पर बैठ गयी ।

दोनो एक दुसरे के स्पर्श पाते ही सिहर उठे , निशा की गुदाज चर्बीदार गाड़ की दरारो मे अमन का लण्ड फस गया और निशा उसपे बैठकर अपनी गाड़ को लण्ड पर घिसने लगी ।

दोनो हल्की हल्की मादक सिसकिया लेने लगे ।

निशा ने अब अपना भार अमन के सीने पे दे दिया और हल्की सिसकी लेती हुई - अब दर्द कम हुआ ना जीजू उम्म्ं

अमन अपने सीने मे सासे भरता हुआ - आह्ह हा निशाअह्ह उम्म्ं बहुत जियाआदाअह्ह उम्म्ंम

अमन के हाथ निशा के कमर पर थे और निशा बडी अदा ए अपने चुतडो की दरारो मे अमन का लण्ड घिस रही थी ।

अमन निशा के कमर पर दबोचता हुआ - ओह्ह ऐसे तो दिक्कत और बढेगी ना उम्म्ंम

निशा ने उसके हाथ पकड कर उसे उठाते हुए सीधा अपने मोटे रसीले चुचो पर रख दिया - इसे दबाओ जीजू ,,आपको जल्दी डिस्चार्ज होने को मिलेगा

अमन को उम्मीद ही नही थी की निशा इस हद तक आगे बढ सकती थी , एक तो अमन का ये पहला जिस्मानी अनुभव था वो अपनी होने वाली साली से , उसके जिस्म की गर्मी और बढ रही थी


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वो अपने मजबूत पंजे से निशा के नाजुक चुचे कुर्ती के उपर से ही मसलने लगा और निशा उसके सीने पर लोटने लगी


निशा - आह्ह जीजू ऐसे ही उम्म्ंम सीई आह्ह

अमन - निशा धीरे बोलो ,कोई सुन लेगा ,,औए ऐसे काम नही चलेगा ,आह्ह

निशा ने अपनी गतिमान कमर को रोका और खड़ी हो गयी ।
एक पल को अमन को लगा कि कही निशा नाराज तो नही ना हो गयी

लेकिन अगले ही पल निशा उसकी ओर घूम कर किसी तरह खुद को सरकाते हुए अमन के घुटनो के बिच मे बैठ गयी और जल्दी जल्दी उसका लण्ड अंडरवियर से निकालने लगी ।


अमन ने भी उसकी मदद की और लण्ड निकालकर उसके सामने रख दिया ।
निशा आंखे फाडे हुए अपने दोनो हाथो से उसका लण्ड थाम कर अंदाजा लगा रही थी ।
लण्ड की मोटाई और लम्बाई का अंदाज लेने के बाद उसने उसकी चमडी सरकानी शुरु कर दी , उसकी लपल्पाती जीभ लार छोड रही और मन मे बहुत लालच था कि एक बार उसके सुपाड़े को मुह मे भर ले । लेकिन उस्को अप्नी बहन सोनल से किया हुआ वादा याद था ,,इसिलिए उसने उसको हिलाना शुरु कर दिया ।

निशा के हाथो का नरम स्पर्श पाकर अमन पागल हुआ जा रहा था ।
निचे अन्धेरे मे उसे कुछ नही दिख रहा था लेकिन उसकी अभिलासा था कि एक बार वो निशा की नसिली आंखो मे झाक कर उसे अपना लण्ड चुस्ते हुए देखे ।

लेकिन यहा लण्ड को मुह ल्गाना दुर उसने एक बार सुँघा भी नही ,

अमन - आह्ह निशा जल्दी करो ना कोई देख लेगा
निशा उसकी बाते सुनकर वापस से खड़ी हो गयी और इस बार वो अमन के बगल के जगह बनाते हुए किसी तरह सट कर बैठ गयी और उसका लण्ड पकड कर हिलाने लगी ।

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अमन - ओह्ह निशा ऐसे ही उम्म्ंम
निशा मुस्कुरा कर अपने आधी खुली चुचिया अमन के मुह के कारिब ले गयी और अमन बदहवास होकर निशा के सिने पर अपना मुह घिसने लगा ।

निशा तेजी से उसका लण्ड सहलाए जा रही थी कि तभी अमन - अह्ह्ह निशा आयेगा आह्ह

निशा ने फौरन अपने बैग से अपनी रुमाल को निकाला और उसको अमन के सुपाडे पर रखते हुए सुपाड़े को मुठियाने लगी

अगले ही पल मे अमन मादक सिसकिया लेते हुए झटके खाने लगा और निशा को अपनी हथेली मे गर्म चिप्चिपाह्त मह्सूस हुई
अमन के गर्म वीर्य से निशा का रुमाल भीग गया था ।

उस्ने अच्छे से अमन का लण्ड उसी रुमाल से साफ किया और उसको फ़ोल्ड करते हुए अपने बैग के एक साइड पॉकेट मे रख दिया ।


कुछ ही पलो मे अमन का लण्ड ढीला होना शुरु हुआ और उसने देर ना करते हुए फौरन उसको अन्दर करके पैंट की जीप चढा ली ।


फिर दोनो अपने अपने सीट पर बैठ गये
अमन तो खुश था लेकिन उसके लण्ड की ठोकरो से निशा की चुत अभी तक बजबजा रही थी ।


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निशा ललचाई नजरों से अमन की देख रही थी और ना जाने उसे क्या सुझा उसने लपक कर अमन के होठो से अपने होठ जोड दिये ।

अमन भी खुद को रोक ना पाया और दोनो एक गहरे चुबन कर बाद अलग हुए ।

निशा ने खुद के कपडे सही किये और मुस्कुराती हुई - अब चले जीजू

अमन - हा चलो

फिर दोनो चुपचाप चालू पर्दे को छोड कर अपना काम निपटा कर बाहर चले आये ।

फिर अमन ने निशा को एक इ-रिक्से पर बिठाया और मुस्कुराते हुए बाय किया ।
दोनो के बीच एक दबी हुई भावना ने जन्म ले लिया था ।


बस वो दोनो बिना कुछ बोले एक दुसरे को मुस्कुराते हुए देखे जा रहे थे , निशा का मन था कि अभी दौड़ कर जाये और अमन की बाहो मे खुद को भर ले । लेकिन वो ऐसा नही कर सकती थी , एक मर्यादा मे वो बन्धी हुई थी ।

कुछ पल का मजा लेने के चक्कर मे निशा के दिल को अमन ने छू लिया था ।
लेकिन निशा तो निशा थी , उसकी ना तो शरारते कम होने को थी ना ही मस्तिया ।

रिक्से मे कुछ ही दुर जाने के बाद उसने अमन की मैसेज करना शुरु कर दिया

निशा - kal fir chaloge jiju film dekhne 😁😁

अमन - saali ji kahe aur mai naa bol du

निशा - toh kal sonal ko bhi leke aau 😉

अमन - fir toh mera sandwich ban jaayega 🤣🤣

निशा उसकी बाते पढ कर हसने लग जाती है

निशा - 🤣🤣🤣
निशा - chalo jaao aap , aapki hone waali biwi aapka abhi bhi wait kar rahi hogi 😁 mai bhi ghar a gayi hu bye .. my darling jiju 😉

निशा के मैसेज पढ कर अमन मुस्कुरा कर - achcha ji ek hi din me darling ummm , thank you my sweetheart saali ji 😁


फिर निशा सोनल के घर आ जाती है और अमन अप्ने घर निकल जाता है ।


जारी रहेगी
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
6,342
17,778
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Super super super update Bhai 💯❤️🙏 Sunday is Funday Bhai 💯❤️🍆💧👌👏👑🥵 waiting for next update

Nice story

Shandar update

Waah bhai ho to bahut kuch rana hai par poora nahi ho pa raha ye kahani sardiyon ki chai jaisi hai jitni mile utni kam.. aage ka intezar hai

superb update waiting for next

Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki

Bahi 700 page complete hone par bahut bada aur dhamakadar update ke pratiksha thi...Par jo mila usse abhi kaam chalata..Lekin jaldi ek naya aur lamba update dedo

दोस्त ७०० पेज पुरे होने की बधाई पर सिर्फ कहानी के कितने पेज हुए ??

बहुत ही कामुक अंदाज में अपडेट दिया है भाई टपक टपक कर हिलाने पर मजबूर कर दिया है .....

इंडेक्स के लिए धन्यवाद मुझे पता नहीं था . मेरे जेसे बाद में जुड़ने वाले पाठको को सीधे ही कहानी पढने को मिलेगी बाकि बिना कमेन्ट और बिना इमेज के कहानी संजोकर रखना हमारा काम हे


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