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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कुछ मेडिकल इमर्जेंसी की वजह से इन दिनों व्यस्त हूं दोस्तो और परेशान भी 🥲
समय मिलने पर अपडेट दिया जायेगा और सभी को सूचित किया जाएगा ।
तब तक के लिए क्षमा प्रार्थी हूं
🙏

 
Last edited:

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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Shandar update
 

hariom1936

Dil ka Raja
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UPDATE 86



अब तक

फिर मै वापस मा की तरफ करवट लेके लेट गया और पापा भी करवत लेके लेट गये । फिर हम दोनो की आंखे मिली तो मुझे शर्म आने लगी तो मै मुस्कुरा दिया और मा के कांख मे सर छिपा लिया ।

थोडी देर शान्ति रही और तभी मुझे पापा मा की कान मे फुसफुसा कर बोले जिसका जवाब मा ने तेज आवाज मे दिया

मा - नही !!! पागल हो गये क्या आप
पापा मा के पेट को सहलाते हुए - प्लीज ना रागिनी प्लीज मान जाओ ना

अब आगे

मै गरदन उठा कर मा और पापा की तरफ देख कर - क्या हुआ मा

मा मुझे देखकर शांत होते हुए मुस्कराकर - कुछ नही बेटा तू सो जा

पापा - रागिनी प्लीज
मै सोचने के भाव मे - क्या हुआ पापा किस बात के लिए मा को मना रहे हो

पापा मा के सामने थोडा हिचक कर - अब वो वो बेटा

मा ह्स्ते हुए - हा अब बोलो ना हिहिहिही

मै अपने चेहरे पर हसी के भाव लाकर मामले को समझने की कोसिस मे - क्या बात है मा आप ही बता दो ना

मा हस कर - बेटा तेरे पापा का बहुत मन है कि मै वो करू

फिर मा ह्स्ते हुए पापा को देखती है
मै - मतलब वो क्या
मा हस कर - अरे बुधु वो ..
और मा मुह पर हाथ रख कर हसने लगी

पापा मुझे परेशान होता देख - देख बेटा राज अब तू बड़ा हो गया है तो तुझसे क्या झुठ बोलना और तु तो समझता ही है सब ,,बात दरअसल ये कि काफी समय से जो मस्ती तेरे मा और मेरे बीच हो रही थी उससे मेरे लिंग मे तनाव हो गया है और ये तभी कम होगा जब या तो हम दोनो सेक्स करे या फिर तेरी मा वो कर दे


मै अचरज के भाव मे - अब ये वो क्या है
पापा हिचक कर - पता नही बेटा तुझे कैसा लगेगा और तू क्या प्रतिक्रिया देगा मेरे बात पर ,, लेकिन फिर भी बता रहा हू कि मुझे तेरी मा से अपना लिंग चुसवाना बहुत पसंद है बस उसी के लिए मै रागिनी को बोला


मै अजीब सा मुह बना कर - ओह्ह्ह सॉरी , शायद मुझे आज यहा सोना ही नही चहिये था ,, खामखा आप लोगो को मेरे वजह से दिक्कत हो रही हैं


मा पापा से - क्या जी आप मेरे बेटे को परेशान कर रहे है
मा - नही बेटा ऐसी कोई बात नही है , मुझे तेरे वजह से कोई परेशानी नही है

मै मा की तरफ देख कर - तो मुझे भी कोई दिक्कत नही है , आप लोग इंजॉय करिये ना । मेरी चिन्ता छोडिए

मा मेरी तरफ देख के ह्स देती है - तू भी तेरे पापा पे ही गया है बेशर्म एकदम

मै हस कर - अब उन्ही का बेटा हू ना मा ,, प्लीज आप लोग इंजॉय करिये

मा मेरी बातो से चुप होकर मुस्कुरा रही थी

पापा - अब तो करो ना जान , अब तो राज ने भी बोल दिया
मा बिस्तर से उठते हुए - चुप रहिये आप,, आपकी आदत बहुत खराब हो गयी है ।


फिर मै सीधा होके लेट गया और उनकी बाते सुन के हसने लगा और धीरे से अपना लोवर मे तना लण्ड सहला दिया ।
थोडे ही देर मे मा की गुउऊ गुउऊ गुउउऊ की आवाजे आने लगी और मैने नजर नीचे की तरफ कर देखा तो मा ने अपना ब्लाउज निकाल दिया था और पापा के अंडरवियर से उनका लण्ड निकाल कर चुस रही थी । जिससे मेरे लण्ड मे खुन तेजी से दौड़ने लगा ।
और मै सोचने लगा काश मा मेरा भी लण्ड चुस ले

तभी पापा की सिसकिया शुरु हुई और फिर वो बोले
पापा - थैंक यू राज बेटा

पापा की बात सुन के मुझे एक मौका मिला की मै उनकी तरफ देखू
मै उनकी तरफ करवट लेके एक नजर मा को लण्ड चुस्ते हुए अच्छे से देखा और बोला - थैंक यू क्यू पापा


पापा सिस्क कर - देख नही रहा है कितने मस्त तरीके से तेरी मा मेरे लिंग को चुस रही है अह्ह्ह रागिनी और अन्दर लो

मै थूक गटकते हुए मा को पापा का मोटा काला लण्ड चुस्ते हुए देख रहा था जिसे वो अपने गले तक ले जा रही थी और उनको देख कर मै पापा के सामने ही अपना लण्ड का सुपादा लोवर के उपर से ही मुथियाने लगा
पापा मुझे लण्ड मुथियाता देख - क्या हुआ बेटा तुझे खुजली हो रही है क्या

मै चौकने के भाव मे लण्ड को दबाते हुए - अब ब नही पापा वो आप लोगो को मस्ती करता देख मेरा भी लिंग खड़ा हो गया लोवर मे , और थोडा दर्द हो रहा है ।


पापा चिन्ता के भाव - ओफ्फो बेटा , ऐसा कर तू अपना लोवर निकाल दे

मै संकोच - क क क्या लेकिन क्यू
पापा मुझे समझाते हुए - अरे अपना लिंग बाहर निकाल उसे थोड़ा खुला रख अभी आराम हो जायेगा

इधर मा हमारी बाते सुन कर लागातार कनअखियो से देखते हूए पापा का लण्ड चूसे जा रही थी और हमारे संवाद में जानबुझ कर उसने कोई टिप्पणि नही की

फिर मैने झट से पापा के कहे अनुसार अपना लोवर अंडरवियर सहित निकाल कर नंगा लेट गया और मेरा लण्ड तन कर छ्त की ओर मुह उठाए खड़ा हो गया ।


पापा सिस्क के - अब कुछ आराम हुआ बेटा
मै - नही पापा देखो ये बहुत टाइट है

पापा चिन्ता के भाव - ओह्ह हा ,,, रागिनी सुनो जरा अह्ह्ह रुको ना

मा पापा का लंड मुह से निकाल कर पापा से चुदासी भाव - क्या हुआ जी

तभी उसकी नजर मेरे खडे लण्ड पर गयी जो पापा से भी मोटा था

मा हस के - अरे पागल ऐसे क्यू सोया है

पापा - वो मैने बोला उसको ,, दरअसल वो हमदोनो को मस्ती करते देख उसके लिंग मे भी तनाव आ गया और दर्द होने लगा था इसिलिए मैने कहा

मा ह्स कर - तो सही हो गया बेटा
मै क्समसा कर - उम्म नही मा

पापा चिन्ता के भाव मे - रागिनी देखो ना कित्ना परेसान है बेचारा ,,मै क्या कह रहा हू तू थोडा उसका भी चुस कर ढिला कर दो ना

मा चौक के - ये क्या कह रहे है आप , कुछ समझ है आपको

पापा थोडा रुआब मे - ओहो रागिनी तुम कैसी मा हो ,,देख नही रही बेटा अपना परेशान है और उसकी परेशानी की वजह भी तो हम दोनो ही है ना ,

मा पापा की भडकता देख- ऐसा ना बोलिये जी ,,मै भी उससे प्यार करती हू लेकिन मै उसकी मा हू ,,,,अच्छा ठीक है

फिर पापा मुझे देख के मुस्कुराये
मै हिचक के - मा रहने दो सही हो जायेगा अभी

मा - अब तू नौटंकी ना कर आ इधर खसक अपने पापा के बगल मे
फिर मै मुस्कुरा कर एक ताजगी से भर गया कि मा अब पापा के सामने मेरा खड़ा लण्ड चुसेगी और मै सरक पर पापा के बगल मे आ गया ।
मा पापा के सामने थोडी हिचक दिखा रही थी और धीरे से मेरे खडे तपते लण्ड को बिच से पकड़ा
जिससे मा गनगना गयी - ओह्ह्ह राज के पापा इसका तो बहुत गरम है

मै भी मा के हाथो का स्पर्श पाकर सिहर उठा
पापा मुझे अकडता देख - आराम से बेटा पहली बार मे ऐसा होता है जब कोई औरत ऐसे लिंग को थामती है ।


इधर धीरे धीरे मा ने मेरा लण्ड सहलाना शुरु किया और चमडी को निचे कर सुपाडे को सूंघते हुए मुह खोला , जिससे मा के मुह की गरम सांसो से मेरे सुपाडे की जलन बढ़ गयी और ज्यो ही मा ने अपने मोटे मुलायम होठो को रिंग बना कर मेरे लण्ड पर घिसते हुए लण्ड को निगला , एक मजेदार ठन्डक ने मेरे लण्ड की सहतो पर मह्सूस होने लगी और मुझे राहत होने लगी ।

मै सिसक कर - ओह्ह्ह पापा सच मे बहुत आराम मिल रहा है उम्म्ंम अह्ह्ह

जैसे जैसे मा लण्ड को चुस्ती मै अकडने लगता
थोडी देर की चुसायि के बाद

पापा - ओह्ह जानू थोडा थोडा मेरे लिंग को भी दुलार दो ना कबसे सुख रहा है

मै पापा की बात सुन कर सिस्कते हुए मुस्करा दिया
और वही मा ने मेरा लण्ड चुस्ते हुए अपना दुसरा हाथ से पापा का लण्ड थाम कर उसे सहलाने लगी

और फिर मेरे लण्ड को मुह से निकाल कर गप्प से पापा का लण्ड मुह मे भर लिया

पापा - अह्ह्ह जान उफ्फ्फ क्या मस्त चुस्ती हो जानू उम्म्ंम अह्ह्ह और अन्दर लो जान आह्ह हा ऐसे ही अह्ह्ह

फिर मा ने उनका लण्ड थोडा चुस कर मेरे लण्ड को गले मे उतारने लगी जिससे मेरी नशे मानो फट सी जायेगी

फिर थोडी देर चुसकर वो दोनो हाथो मे लण्ड को पकड कर सह्लाते हुए घुटनो के बल बैठी रही और तेज सासे उनकी खुली छातियो को उपर निचे कर रहे थे ।

मा इस वक़्त किसी पेशवर रन्डी जैसे लग रही थी । उस्के चेहरे की कामुकता और लण्ड के सुपाडे को मुठियाने की अदा से साफ पता चल रहा था कि वो काफी ज्यादा चुदासी हो गयी है
पापा - आह्ह जान इधर आओ मेरे मुह पर अपनी रसिली चुत को रखो मै भी उनको निचोडना चाहता हू

पापा की बात सुन कर मा हिचक कर मुझे देखती है और मै - कोई बात नही मा आप लो इंजॉय करिये ना मुझे कोई आपत्ति नही है , बस मेरा ये छोटा कर दिजीये आह्ह


मा मेरी बात सुन कर बिना कुछ बोले मुस्करायी और झट से पापा के मुह के पास गयी और अपना पेतिकोट उथाते हुए 69 की पोजीशन मे आ गई
ओह्ह गाड क्या नजारा था
मा अपनी फैली हुई गाड़ बड़ी ही बेशरमी से पापा ने मुह पर रख कर घुटनो के बल झुके हुए पापा का लण्ड सहला रही थी वही पापा मा के भारी मुलायम कूल्हो को थामे अपनी गरदन उथाये मा के भोस्डी मे अपना नथुना रगड़ते हुए उसको चाट रहे थे ।
वही मा भी पापा का लंड मुह मे भर कर गुउउऊ गुउऊ कर सिस्क कर कमर उचका रही थी और पापा लपालप मा के चुत पर जीभ चला रहे थे

मै वही इनदोनो को देख कर करवट लिये लण्ड को सहला रहा था कि तभी मा ने मेरे लण्ड एक हाथ से पकड कर अपनी तरफ खीचा और मै झट से सरक कर मा के मुह के अपनी गाड़ उचका कर लण्ड को ले गया वही मा ने झट से मेरा लण्ड मुह मे भर कर चूसना शुरु कर दिया ।

उधर पापा मा की चुत से जीभ हटा कर उनकी गाड़ को गिला करने लगे जिससे मा और भी उतेजीत हो गयी और पापा का लण्ड भी खिच कर एक साथ दोनो लण्ड के सुपाडे को होठो पर रगड़ने लगी ।इस दौरान पहली बार मेरा सुपाडा पापा के सुपाड़े को छुआ और उस स्पर्श के रोमांच से मै गनगना गया वही मा दोनो लण्ड को थामे हमारे सुपाडे को सुरक रही थी और जल्द ही उसकी कमर से झटका देना शुरु कर दिया और वो हमारा लण्ड छोड पापा की जांघो को पकड कर अपनी गाड़ और चुत पापा ने मुह पर घिसने क्गी
मा - आह्ह राज के पापा और तेज चुसो आह्ह ओह्ह्ह हा मै आ रही हू आह्ह आह्ह उफ्फ़ उम्म्ंम आह्ह मा ओझ
यहा मा पापा के मुह मे झडने लगी जिससे मै और भी ज्यादा उत्तेजित होने लगा
फिर पापा ने अच्छे से मा की चुत को चाता और मा उन्के उपर से ह्ट कर पापा के बगल मे बैठ गयी जहा पापा अपना हाथ आगे कर मा के चुचे सहलाने लगे ।

पापा - आह्ह जान मजा आ गया आज तो काफी सारा पानी बहाया तुमने आज तो

मा शर्मा कर - भक्क चुप रहिये और अब सो जाईये

पापा - क्या !! और इसका क्या
मा - ओह क्या करू इसका अब पता नही क्यू आज ना आपका ना ही उसका छोटा हो रहा है

पापा ह्स कर - कैसे छोटा होगा जानू तुम्हे पता है ना

मा शर्मा कर एक नजर मुझे देखा तो मै अपना खड़ा लण्ड सहलाते हुए मा को ही देख रहा था ।

पापा वापस मा का हाथ पकड कर खिच्ते हुए - आओ ना जानू अब

मा शर्मा कर ह्स्ते हुए - धत्त मुझे शर्म आयेगी और राज भी तो है न

पापा गरदन घुमा कर मुझे देखते हुए - बेटा तुझे कोई दिक्कत तो नही है ना अगर मै तेरी मा के साथ सम्भोग करु तो

मै पापा की बात सुन कर हस दिया और मा की तरफ देख कर मुस्कराकर ना मे सर हिलाया

पापा - देखा जानू उसे कोई दिक्कत नही है अब आ जाओ ना

फिर पापा ने झट से मा को खिच कर अपने बगल लिताया और उन्के होठो को चूसना शुर कर दिया और धीरे धीरे हाथ नीचे ले जा कर मा की एक जांघ को अपने उपर कर उनसे चिपक गये जिसमे मा भी ब्ड़ी बेशर्मी से उनका साथ देने लगी
जल्द ही पापा ने मा का पेतिकोट निकाल दिया और वो भी पूरी नंगी हो गयी
और फिर पापा ने मा को निचे लिता कर उनकी जांघो को थामे अपना लण्ड उनकी चुत पर लगाते हुए घ्प्प्प से एक धक्के के साथ पुरा लण्ड मा के गीले चुत मे उतार दिया

मा आन्खे ब्न्द कर - अह्ह्ह राज के पापा उम्म्ं उफ्फ्फ आराम से अह्ह्ह आह्ह आह्ह

इधर पापा ने मा के जांघो को फैला कर घपाघ्प धक्को को तेज कर उन्के उपर चढ़ गये और मा की चुचियो को चुस्ने लगे

मा एक मादक मुस्कान के साथ पापा का लण्ड अपने चुत की दिवारो पर रगड़ता पाकर और सिस्कने लगी - अह्ह्ह राज के पापा उम्म और तेज और तेज अह्ह्ह
फिर पापा वाप्स उपर होकर मा की जांघो को अपने कन्धे पर चढा कर तेज धक्के ल्गाने लगे जिस्से मा का पुरा जिस्म हिल जा रहा था और उनकी फैली मोटी चुची गागर मे भरे पानी जैसे झटके पाने पर छलक जाती ठीक वैसे ही हिल रही थी और मै उत्तेजित होकर थोडी हिम्मत दिखाते हुए मा के पास गया और मा के बाई चुची को थाम लिया और तभी मा ने आंखे खोल कर मुझे देखा और एक स्माइल दी

मैने स्माइल पाकर झुक कर मा ने निप्प्ल पर मुह लगा कर उनकी चुचियो को दबाते हुए चूसने लगा और वही मा हाथ निचे ले जाकर मेरे लण्ड को टटोलने लगी और फिर मैने अपनी कमर को उपर सरकाया जिस्से मा ने लपक कर मेरे लण्ड को थामा लिया

वही पापा हमारी हरकतो पे नजरे गड़ाये हुए थे
पापा हाफ्ते हुए - क्यू जान मजा आ रहा है ना

मा सिहर के मेरे बालो मे हाथ फिराते हुए - अह्ह्ह हा राजा बहुत मजा आ रहा है

पापा - तो बोलो ना कौन हो तुम मेरी आह्ह
मा सिसक कर - मै आपकी रानी हू मेरे राजा आह्ह और अन्दर करो आह्ह आहा

पापा मा के चुत की गहराई मे लण्ड उतारते हुए - और क्या हो मेरी जान
मा झटके खाते हुए - म म मै आ आ आपकी बीवी हू जान
पापा - कैसी बिवी हो जानू बोलो ना
मा थोडा चुप रही
पापा थोडा मा को मनाने के भाव मे अपना लण्ड मे चुत मे घुमाते हुए - ओह्ह जान बोलो ना कैसी बीवी ही तुम मेरी

मा सिस्क कर मजबुर होते हुए - अह्ह्ह राज के पापा मै आपकी चुद्क्क्ड बीवी हू उम्म्ंम और चोदिये ना मुझे अह्ह्ह आह्ह

पापा मा के मुह से ये बात सुन कर और उत्तेजित हो गये । फिर वो और भी मस्त तरीके से मा के चुत मे लण्ड घुमाने लगे ।

पापा नशे मे - ओह्ह जानू फिर से बोलो ना कैसी बीवी हो तुम मेरी अह्ह्ह

मा मेरे सर को अपने चुची पर दबाते हुए मेरे लण्ड की चमडी को खिच कर काफी ज्यादा उत्तेजित होकर अपनी गाड़ पटकते हुए - ओह्ह मेरे राजा मै आपकी रन्डी बीवी हू चोदो मुझे, चोदो अपनी चुदक्क्ड बीवी को अह्ह्हह अह्ब और अन्दर तक पेलो आह्ह आह्ह

मै मा की उत्तेजना देख थूक गटकने ल्गा और मेरा लौडा बहुत ही ज्यादा खड़ा हो गया था मन कर रहा था कि अभी पेल दू का की चुत मे पापा को हटा कर

इधर पापा और मा काफी गाली गलौज भरे शब्दो मे घ्प घप चुदाई किये जा रहे थे

पापा सिहरते हुए - आह्ह मेरी रन्डी जान और निचोड ले मेरा लण्ड आह्ह आह्ह ऐसे ही
मा भी पापा की बातो पर अपने दाँत पिस्ते हुए अपनी गाड़ उचका कर पापा का लंड अप्नी चुत मे कस रही थी ।

मै मा के अलग हो कर सीधा लेट गया क्योकि मेरे बाई बाजू मे काफी समय से करवट लेने के कारण दर्द होने लगा और मै गर्दन घुमा कर पापा और मा की चुदाई देखते हुए लण्ड हिला रहा था

पापा फिर पापा घपाघप मा की चुत मे लण्ड उतारते हुए - तू मेरी चुद्क्क्ड बीवी है ना मेरी रन्डी है ना तू आह्ह बोल ना जानू मेरी आह्ह

मा पापा के तेज झटके खाते हुए - अह्ह्ह आह्ह ह ह हा मेरे राआआजाआह्ह मै तुम्हारी रन्डी हू और चोदो

पापा हाफ्ते हुए - तो फिर जैसा मै कहुगा करोगी ना मेरी रन्डी

मा सिस्कते हुए - आ
ह ह हा मेरे राआअजाअह्ह आह्ह सब करनगी उम्म्ंम ऐसे ही चोदो मुझे और तेज आह्ह मजा आ रहा है

पापा धक्को को थामते हुए - तो जा मेरे बेटे के लण्ड पर बैठ जा और उसे भी अपनी गर्म चुत का सुख दे ,,देख कबसे तुझे चोदने के लिए तडप रहा है अह्ह्ह

मा पापा की बात सुन कर हैरत मे थी लेकिन मन उसका भी था कि वो पापा के सामने मेरे साथ चुदे इसिलिए

मै - पापा ये क्या कह रहे है आप
पापा मा की चुत ने हल्के धक्के ल्गाते हुए - बेटा तू चिन्ता ना कर इससे तेरी तकलीफ कम हो जायेगी

फिर पापा ने मा की चुत से लण्ड को निकाला और उनकी गाड़ को पकडकर मेरी तरफ घुमाने का इशारा किया
और मा बिना कुछ बोले झट से उठी और मेरे जांघो के दोनो तरफ पैर कर झुकी और मेरे लण्ड को थाम कर चुत के दिवारो पर लगाने लगी

मा के चुत की चमडी का मेरे सुपाडे पर स्पर्श मुझे हिला दिया

मै सिस्क कर - आह्ह मम्मी आह्ह
फिर मा घ्प्प से अपनी चुत मे लण्ड घुसाते हुए उसे लगभग पुरा निगल गयी और मेरे जड़ तक बैठ गयी

मै मनो पागल सा होने ल्गा ऐसा लग रहा था कि मा के चुत की गर्मी से मेरा लण्ड पिघल जायेगा
मेरा जीवन का स्ब्से बड़ा सपना जो मैने बचपन मे देखा था ।
उस कमरे मे जब पहली बार पापा मा को चोदते देखा था उसी समय मैने तय किया मै भी मा को पापा के साथ चोदूंगा ।
और आज मेरा वो सपना हकीकत बन रहा था और मै परम आनन्द की उचाईयो को छू रहा था ।

इधर मा बड़ी कामुकता से मुझे सिस्कता देख मेरे लण्ड पर उछलना शुरु कर दी और उसके चुतड मेरे जांघो से टकरा कर थप्प थप्प की आवाज करने ल्गे ।
हमारी चुदाई देख पापा को भी रहा नही गया और वो खडे होकर अपना लण्ड मा के मुह मे पेलने लगे ।

इधर कमरे का माहौल बहुत गर्म हो गया तो मैने अपना टीशर्ट भी निकाल दिया
जिससे मा ने उछलना धिमा कर दिया तो मै खुद पहल कर निचे से अपनी कमर को उचकाने ल्गा और लण्ड को मे चुत मे बच्चेदानी तक लेके जाने लगा

जिस्स्र मेरे हर धक्के से मा के मुह लण्ड उन्के गले तक चला जाता और उनको परेशानी होने लगी तो पापा खुद हट कर मा को मेरे उपर लिटा दिये और मैने भी लपक कर मा को अपनी तरफ खीच लिय
मा की नंगी चुची मेरे सिने पर दब गयी और मै झटकों को तेज कर घपा घ्प लण्ड को तेजी से मा के चुत के पेलने लगा जिस्से मा ही आहे तेज हो गयी

मा मेरे कन्धे मे दबाए - अह्ह्हह्जआह्ह आह्ह बेटा आराम से आह्ह ओह्ह आह्ह उम्म्ं उम्म्ं

वही पापा मुझे मा को कसकर चोद्ता देख - वाह बेटा और तेज चोद अपनी मा को बहुत चुद्क्क्ड औरत है ये अह्ह्ह मजा आ रहा है देख

इधर मै पापा की बाते सुन कर और उत्तेजित होकर घपाघ्प मे की चुत मे पेल्ने लगा
और फिर धक्को को हल्का करने लगा क्योकि कमर मे भी दर्द होना शुरु हो गया था । इधर धक्को की रफ्तार कम होने से मा खुद अपना बदन मेरे जिस्म पर घिस्ते हुए उपर निचे होकर लण्ड को चुत मे भरने लगी

मा - आह्ह बेटा रुक क्यू गया चोद ना मुझे आह्ह

पापा हस कर - लग रहा है मेरा बेटा थक गया है रुको मै भी आता हू
यहा मै अप्नी सांसे बराबर कर रहा था और वही पापा भी मेरे पैरो के दोनो तरफ पैर कर घुत्नो के बल खडे होकर मा के गाड़ के छेद पर अपनी थूक लगाने लगे

मा गरदन घुमा कर सिस्क्ते हुए - आह्ह मेरे राजा मेरे चुत मे खुजजी है वहा नही

पापा अपने लण्ड मा के थूक से भरे गाड़ की छेद पर लगाकर दबाते हुए - हा पता है जान लेकिन तेरे इस मोटी गाड़ को देख कर मेरे लण्ड मे इसको चोद्ने की खुजली है
ये बोलते हुए पापा ने अपना लण्ड मा की गाड़ मे घुसेड़ दिया

मा तेज से सिसक के - आह्ह मा उफ्फ्फ आराम से मेरे राजा

मै ये जानकर की पापा ने मा की गाड़ मे अपना लौडा घुसेड़ दिया है इससे मेरे लण्ड मे तनाव और बढ़ गया और फिर से जोश मे आकर निचे से लण्ड को मा के भोस्दे मे पेलने लगा

मा दर्द और सिहरन से बेजुबान हो गयी क्योकि इस वक़्त उसकी गाड़ और चुत मे दो मोटे मुसल घुसे थे

पापा - बेटा हम दोनो मे से किसी एक को ही धक्का लगाना पडेगा नही तो चोदने मे मजा नही आयेवा
ये बोल कर पापा ने मा की गाड़ मे पेलना सुरु कर दिया
जिस्का आभास मुझे निचे चुत के अन्दर मेरे लण्ड पर पता चलने लगा था

मा मुझे पकड कर दर्द से कराह उठी और मै उन्के कमर के पास हाथ ले जाकर सहलाने लगा

मा - ओह्ह राज के पापा उम्म्ं
ओह्ह आह्ह आह्ह म्जा आ रहा है आह्ह और तेज करो और तेज्ज्ज आह्ह मजा आ रहा उम्म्ं

पापा मा की गाड़ मे धक्के ल्गाते हुए - क्यू मेरी रन्डी जान मजा आ रहा है ना एक साथ दो लण्ड लेके

मा सिस्कते हुए - आह्ह हा मेरे राजा बहुत ज्यादाआआ आह्ह और तेज

इधर थोडी देर पापा मा की गाड़ मारने के बाद अप्ने धक्को को थाम्ते हुए लण्ड को मा के गाड़ की जड़ ले जाकर रोक दिया - हा बेटा अब तू नीच से पेल

मै तो इसी इन्तेजार मे था और मा के कुल्हे थाम्ते हुए थप थप्प थप्प तेजी मा के चुत मे पेलने ल्गा

मा - ओह्ह्ह बेटा हा बहुत मस्त चोद रहा है आह्ह और चोद और चोद और मै फिर से झड़ने वाली हू अह्ह्ह

इधर मै और पापा बारी बारी से इधर मै और पापा बारी बारी से मा की गाड़ और चुत मे धक्के ल्गाते रहे वही मा झड़ चुकी थी और हम भी झडने के करीब थे

मै - आह्ह पापा दर्द हो रहा है वहा मेरा पेसाब आयेगा

पापा हस कर - निकाल दे बेटा अन्दर ही मै भी आने वाला हू

मा सिस्क कर हफ्ते हुए मेरे उपर से उठने लगी - नही नही मुझे मुह मे चाहिये आह्ह छोदिये अब आप
फिर वो पापा को हटा कर घुटने के बल बैठ जाती है और पापा खडे होकर मा के मुह पर लण्ड हिलाने लगते है

पापा - आजा बेटा तू भी और भर अपने माल को अपनी इस चुद्क्क्ड मा के मुह मे
मै भी उत्तेजित होकर झट से खड़ा हुआ और लण्ड को मा के मुह पर हिलाने लगा

वही मा हम दोनो के आड़ो को सहलाते हुए जीभ बाहर निकाल हमारे झडने का इन्तजार करने लगी

इधर मै लण्ड हिलाते हुए पहली बार अपनी भावनाये दोनो के सामने रखता हुआ - अह्ह्ह मा आप बहुत मस्त हो बहुत मजा आया आपको चोद के क्या मै रोज चोद सकता हू आपको

पापा मेरे कंधे पर शाबशू देने के अन्दाज मे - हा बेटा क्यू नही हम दोनो अब रोज मिल कर तेरे मा को चोदेंगे और तेरा जब भी मां करे तू अपनी मा को चोद लेना

इधर हमारी बात ज्यादा नही हो पाई और हम अपनी एड़ियो के बल आकर सारा माल सुपाड़े एक रोक के एक बार मे मा के उपर छोड दिया और दोनो तरफ से लगभग एक सेकण्ड के अन्तर पे पिचकारी छूटी मा के आख और नाक कर गयी और बाकी की धीमी पिचकारी मा के जीभ और मुह मे जाने लगी ,,,

फिर हमने अपने मोटे लण्ड को मा के मुह पे पटक कर झाड़ा और
फिर मा ने हम दोनो के लण्ड को चाट चाट कर बारी बारी से साफ किया और उसको मुह मे लेके वाप्स से चुस कर निचोड़ लिया और फिर अपने चेहरे पर लगा माल ऊँगली से चाट गयी
फिर पापा ने मा को खड़ा कर उन्के होठो को चुसा और मा ने वाप्स मेरे होठो को चुस ली

फिर हम सब आपस मे एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगे ।


जारी रहेगी
Shandar ,maza aa gaya
 

Raj Kumar Kannada

Good News
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Bhai update please 🙏❤️
 
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DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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UPDATE 164

लेखक की जुबानी

CHAMANPURA

सुबह की मस्ती के बाद से ही राहुल कई बार दुकान से घर के अन्दर चक्कर लगा चुका था और हर बार मौका देख कर वो अपनी मा चुतडो को मसलने और उसको अपने पंजो मे जरुर कस लेता था ।

इसी दौरान उसने नोटिस किया कि दोपहर के खाने के लिए जब उसके पापा अन्दर गये तो काफी देर से वापस आये और उसके बाद वो भी दो बार और घर गये ।

वो समझ गया कि आज शालिनी ने उसके बाप के भी अरमानो को जगा रखा है और वो बेकाबू होकर घर मे जा रहे है ।

तो ऐसे मे राहुल के दिमाग मे आया कि क्यू ना थोडा मम्मी पापा की मस्ती भी देखी जाए
फिर राहुल अपने पापा के अगली बार घर मे जाने का इन्तजार करने लगता है और करिब 3 बजे के आस पास जब दुकान पर कोई ग्राहक नही होते है तो जंगीलाल उठ कर घर मे चला जाता है ।

अपने पापा को अन्दर जाते देख कर ही राहुल का लंड उछल पडा और वो अपने लोवर मे लण्ड को सेट करते हुए दो चार मिंट इन्तजार किया और वो भी दबे पांव अन्दर गया ।
दुकान के गलियारे से होकर जैसे ही वो हाल के मुहाने पर पहूचा तो सामने का नजारा देखकर उसके सासे थम सी गयी ।

उसने अपने लोवर मे तने लण्ड को निचे की ओर दबाते हुए एक गहरी आह भरी और सुपाड़े को मसलते हुए उसकी कुलबुलाहट कम करने लगा ।

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सामने का नजारा बहुत ही कामुक और शानदार था
घुटने के बल बैठी शालिनी के हाथ मे उसके पति जंगीलाल का मोटा मुसल आड़ो सहित था । जिसको बड़े चाव से मुह मे लेके चुबला रही थी ।
राहुल पहली बार अपनी मा के इस रूप को देख रहा था । वो इस बात से भलीभांति परिचित था कि उसकी मा बहुत गरम महिला है लेकिन आज से पहले उसकी मा उसको इस कदर उसको बेताब नही किया था ।

शालिनी पुरा का पुरा लंड गले तक उतार ले रही थी और वो देख कर राहुल अपने बाप की जगह खुद को रखना चाह रहा था ।

एक ओर उसे अपनी मा की कामुक अदाये उसके लण्ड मे कसावट भर रही थी और वही दुसरी ओर वो दुकान पर भी जाने के लिए बेचैन था कि कही कोई ग्राहक आवाज ना देदे ।

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डर के साथ कामुक मस्ती भरे अनुभव थे राहुल के इसिलिए वो कभी हाल मे तो कभी दुकान की ओर देख रहा था ।


इसी दौरान शालिनी की नजर गलियारे के मुहाने पर अन्धेरे मे छिपे साये पर पडी और वो सुपाड़े को मुह मे लिये हुए ही अपनी नजरे गलियारे पर जमाए रखी कि राहुल ने वापस से अपनी गरदन फेक कर हाल मे झाका और उसकी नजरे उसकी मा से टकरा गयी ।

एक पल को दोनो मा बेटे ठठक कर रह गये और उसकी सासे अटक सी गयी ।

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शालिनी क्रियाहीन होकर थम सी गयी और लण्ड उसके होठो के पास रुक गया।

अगले ही पल उसने नजरे उठा कर जन्गीलाल के बंद चेहरे को देखा और लण्ड को वाप्स मुह मे भरते हुए राहुल को आंखे ब्ड़ी करके इशारे मे डांट लगाई और दुकान मे जाने को कहा

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अपनी मा से ऐसी प्रतिक्रिया की उम्मीद नही थी राहुल को और उसके चेहरे पर मुस्कान फैल गयी ।

राहुल ने मुस्कुरा कर वापस से दुकान की ओर एक नजर देखा और फिर हाल मे देखा तो उसकी मा अब और भी कामुकता से उसके बाप के लण्ड को मुह मे लेके घोंट रही थी ।

जल्द ही उसने जन्गीलाल के नसो की फड़फड़ाहट मह्सूस की और उसने अपने दोनो हाथो ला प्रयोग करना शुरु कर दिया और अपनी जीभ को बाहर निकालते हुए सुपाड़े को उसपे रख दिया ।

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कुछ ही देर मे राहुल को उसके बाप की सिसकिया भरी आह आई और लण्ड से मोटी रबड़ी जैसी पिचकारी उसके मा के मुह मे जाने लगी ।

राहुल समझ गया कि अब य्हा नही रुकना ठिक है और वो अपने लण्ड को सेट करता हुआ बाहर आ गया ।

लेकिन उसका लण्ड शान्त नही हो पा रहा था ।
थोडी ही देर बाद जन्गीलाल दुकान मे आ गया और फिर कुछ ग्राहक आने की वजह से राहुल भी दुकान मे फसा रह गया
शाम को करीब 6 बजे नास्ते के लिए शालिनी ने राहुल को आवाज दी तो जन्गिलाल ने उसे घर में जाने को बोला ।
राहुल का मन प्रफुल्लित हो गया और वो अपने ज्ज्बातो के साथ अपने लोवर मे बने त्म्बू को छिपाते हुए घर के अंदर जाने लगा
उधर किचन मे खड़ी शालिनी भी थोडी बेचैन हो रही थी कि उस घटना के बाद वो राहुल के सामने कैसे बात करेगी और उसे ये भी यकीन था कि राहुल उस बात का फायदा जरुर लेगा

शालिनी गरम गरम कचौरीया पलेट मे लगा रही थी और जैसे ही उसने राहुल की आहट किचन के दरवाजे पर पाई ।

वो खुद को सामान्य रखते बिना कोई खास प्रतिक्रिया के ऐसा जताया कि कुछ हुआ ही नही और नास्ते का प्लेट उसके हाथो मे देते हुए - जा ये अपने पापा को देके आ जल्दी

राहुल जो इस उम्मीद मे मुस्कुराते हुए किचन मे घुसा था कि वो अपनी मा से मस्ती भरे पल का लुप्त लेगा लेकिन यहा तो उसकी मा ने कुछ रियेक्ट ही नहीं किया ।

राहुल का उछलता दिल अपने मा के चेहरे के भाव देख कर पल भर मे ही शान्त हो गया और वो चुप चाप नाश्ते का प्लेट लेके दुकान मे जाने लगा ।

इधर शालिनी ने अपने बेटे के चेहरे की बदले हुए भाव देख कर मन में खुश खिलखिला रही थी और राहुल के लिए भी नाश्ते का प्लेट लगाने लगी ।

अब तक राहुल वापस किचन मे आ गया था और उसकी नजरे अब भी अपनी मा के चुतडो पर कसी उस पारदर्शी प्लाजो मे अटकी हुई थी जिसमे से उसकी पैंटी झाक रही थी ।


शालिनी ने नाश्ते का प्लेट लेके उसकी ओर घूमी तो राहुल की निगाहे सीधा उसकी मा के तने हुए चुचो पर गयी जो टीशर्ट फाड़ कर बाहर आना चाह रहे थे और तभी उसकी नजर अपनी मा के टीशर्ट के पडे एक हल्के सफेद छींटे जैसे दाग पर गयी और वो समझ गया कि ये उसके बाप के वीर्य के छींटे है जो झड़ते समय आ गये होगे ।

वो देखते ही राहुल के चेहरे पर मुस्कान आ गयी और शालिनी ने जब उसकी नजर का पीछा किया और उस दाग पर उसका ध्यान गया तो वो भी समझ गयी औद उसकी हसी छुट गयी ।

शालिनी हस कर उसे नाश्ते का प्लेट देते हुए - अब क्या देख रहा है सारा पहले ही तू देख चुका है ,,ले नाश्ता कर


राहुल के कानो मे जैसे ही अपनी मा के खिलखिलाती आवाज आई उसके सारे बुझे हुए अरमान फिर से चहक उठे । लण्ड ने एक नयी अन्गडाई लेली और दिल की शान्त धडकनें फिर से अपनी धुन पर फुदकने लगी ।


राहुल ने एक नजर अपनी मा की आंखो मे देखा और कचौरी को अपनी दान्तो से नोचते हुए हसने लगा ।

राहुल ने आंखो ही आंखो मे अपनी मा को वो सिन याद दिलाया दिया जब वो उसके बाप का लण्ड घोट रही थी ।

शालिनी हस कर शर्माते हुए - अभी पिटूंगी तुझे शान्ति से नासता कर ,,,, हा नही तो

राहुल कचौरिया खाता हुआ अप्ने लण्ड को भी भीच रहा था
और उसकी नजरे अभी भी अपनी मा के पैंटी को निहार रही थी ।
शालिनी किचन साफ करते हुए बिना राहुल की ओर देखे बोली - तुझे शर्म नही आ रही थी जो छिप कर देख रहा था हमे उम्म्ं बोल

राहुल हस कर - रात मे आप देखने ही कहा देते हो हिहिहिही

शालिनी मुस्कुरा कर उसकी ओर आंखो बडी करके देखा - तो तु चाहता है कि अब तेरे पापा की शरारते भी कमरा खोल कर दिखाऊ उम्म्ंम


राहुल चहक कर उठा और पीछे से अपनी मा को पकडते हुए - हा प्लीज ना मम्मी ,, प्लीज प्लीज प्लीज मै कुछ नही बोलूंगा बस चुप चाप देखूँगा ।

राहुल जिस तरह से शालिनी को पेट के पास पकड़ा हुआ था पीछे से उस्का लण्ड गाड़ मे चुभ रहा था और उसे गुदगुदी सी लग रही थी - हिहिहिहिही अरे छोड पहले मुझे ... छोड अभी के अभी


राहुल अपनी मा से अलग हो गया
शालिनी हस्ते हुए - बड़ा आया देखने वाला , चुपचाप नासता कर और दुकान मे जा

राहुल अब तक अपना नासता खतम कर चुका था और वो प्लेट को सिंक मे रखते हुए अपने धुल रहा था ।

शालिनी के हसी भरे जवाब पर - तो आप नही दिखाओगी उम्म्ं

शालिनी मुस्कुरा कर इतराते हुए ना मे सर हिलाया ।

राहुल थोडा रुखे स्वर मे - पक्का मम्मी नही दिखाओगे

शालिनी - हा तो
राहुल चहका और लपक कर वापस से उसने अपनी मा के प्लाजो को निचे जांघो तक खीचा और उसके नरम नरम गोरे मखमाली गाड़ पर एक चुम्मा करके खिलखिला हुआ दुकान मे भाग गया ।

शालिनी हस कर अपनी प्लाजो उपर खिचती हुई - बहुत मजा आ रहा है ना इसे ,,आज रात मे इसको मजा दिखाती हू । मै भी इसको परेशान नही किया ना तो देखना हिहिहिही


राज की जुबानी


शिला बुआ की दो राउंड गाड़ और चुत मारने के बाद मै वही उनके कमरे मे ही सो गया था ।
करीब ढाई बजे कमरे के बाहर शोरगुल होने से मेरी आंखे खुली और मै बाहर आया तो देखा कि कम्मो बुआ अरुण को डांट लगा रही है ।

शिला - रहने दे कम्मो लड़का है अभी
कम्मो नाराज होते हुए - नही दीदी अब बस बहुत हो गया अब और मै इसकी शरारते नही झेल सकती हूँ ।

कम्मो - मैने दिल्ली मे बात कर ली है और इसको मै बोर्डिंग कालेज मे भेज रही हूँ ।

अरुण रुआसा वही हाल के एक कुर्सी पर बैठा हुआ था । मै शिला बुआ मे पास खड़ी मीना को इशारे मे पुछा कि बात क्या है । तो वो मुझे चुप रहने का इशारा करने लगी ।


मैने भी शान्त रहना ठिक समझा ।
अभी तक कम्मो बुआ और अरुण को मेरे आने की खबर नही थी ।

लेकिन जैसे ही कम्मो बुआ ने मीना को इशारा करते देखा तो उनका ध्यान मेरी ओर गया ।

मै उनको देख कर मुस्कुराया और उन्के पास आ कर उन्के पैर छूते हुए - नमस्ते बुआ

कम्मो बुआ ने जैसे ही मुझे देखा वो सब भुल कर हस्ते हुए मुझे पकड कर मेरे गाल छुते हुए - खुश रह बेटा, तु कब आया

फिर मै बुआ को सोनल की शादी को लेके सब बताया और इस दौरान वो बहुत खुश होकर बाते कर रही थी ।

तो अरुण ने जैसे मौका ही पा लिया और उठ कर मेरे पास आया और मुझ्से लिपट गया - देखो ना भैया सब मुझे बोर्डिंग मे भेज रहे , आप बोलो ना मम्मी को

मै हस कर उसको अलग करता हुआ - अब तु इतनी शरारती है तो कोई भी क्या करेगा उम्म्ंम बोल

मै कम्मो बुआ को देखता हुआ - वैसे बुआ इसने किया क्या था ?

मेरे सवाल से क्म्मो बुआ के साथ साथ अरुण , शिला बुआ और मीना के भी चेहरे के भाव बदल गये ।

कम्मो हड़बड़ाती हुई - क क कुछ नही बेटा जाने दे ।

कम्मो अरुण से - तु जा कमरे मे कपडे बदल खाना नही खाना तुझे

अरुण चुपचाप निकल गया और कम्मो बुआ मुझसे घर और शादी की बाते करने लगी ।

मुझे बहुत ही अजीब लग रहा था कि आखिर क्या बात है जो अरुण के बारे सब छिपा रहे हैं ।
मै तय किया कि ये बात अरुण से ही पता चलेगी ।

लम्बी बात चित मे कब शाम हो गयी पता ही नही चला और फिर इसी दौरान दोनो फूफा भी घर आ गये ।
मै उनसे भी मिला और फिर शाम का नासता करने बाद अरुण के साथ छत पर टहलने के उपर चला गया ।
थोडी देर तक मै उपर से टाउन का नजारा देखता रहा और अरुण से थोडी बाते की उसके टाउन और कालेज की ।

मेरे जहन मे अरुण के बारे जानने की जिज्ञासा बढ़ी हुई थी तो मैने ऐसे ही बातो ही बातो मे उससे पुछ लिया

मै - वैसे तुने आज क्या शरारत की थी क्लास मे हम्म्म

अरुण चुप हो गया और जब मैने फिर से पुछा - अगर तु मुझे बतायेगा तो मै बुआ को मना लूंगा और तुझे बोर्डिंग नही जाना पड़ेगा

मेरी बात सुन कर अरुण के चेहरे के भावो मे हलचल सी हुई और वो हिचकता हुआ - वो भैया मै क्लास मे मोबाइल चला रहा था तो टीचर ने पकड लिया था ।

मैने थोडा विचार किया और सोचा कि अगर बात सिर्फ इतनी थी तो कम्मो बुआ को इसके उपर ऐसे नही भड़कना चाहिये था ,,,साफ था कि अरुण झूठ बोल रहा था ।


मै उसको बिना कोई सफाई का मौका देते हुए तुरंत बोला - और मोबाईल मे तु क्या देख रहा था उम्म्ंम

अरुण की नजरे नीची थी और वो वैसे ही दबी आवाज मे - वो मै गेम खेल रहा था भैया

मै अब उसपर दबाव बनाते हुए - झूठ बोल रहा है तु , देख सच सच बता मुझे और मैने देखा है तेरे कम्पुटर पर कैसी गेम खेल रहा है आजकल तु


मेरी बाते सुन कर अरुण की हालत खराब हो गयी और वो गिडगिडाता हुआ - प्लीज प्लीज भैया मम्मी को मत बोलना प्लीज


मै भौहे सिकोड़ते हुए - तो बता क्या देख रहा था तु

अरुण हिचकते हुए - वो मै और मेरा दोस्त वो वाली वीडियो देख रहे थे और मेरे दोस्त ने अचानक मे मस्ती मे मोबाईल की आवाज बढा दी और हम पकड़े गये ।


मै उसे फटकारता हुआ - तो यही सब देखने जाता है स्कूल ,

अरुण - सॉरी ना भैया , प्लीज मम्मी से बात करो ना आप

मै - हमम ठिक है लेकिन पहले तु अपना मोबाइल मुझे दे मै उसमे से वो सब वीडियो डिलीट कर दू फिर

अरुण उदास होकर - भैया वो मोबाइल मम्मी ने ले लिया है ।

मै - हमम ठिक है
वो तो मै ले लूंगा लेकिन तुझे अपनी आदत सुधारनी पड़ेगी ।

अरुण मुस्कुराता हुआ - हमम ठिक है भैया ।
फिर मै और वो निचे चले गये ।



जारी रहेगी
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Jabardast..bs reena galti se topless aajaye sasur k saamne tho maza aajaaye...accidental seduction is best

Super super super super super update Bhai ❤️💯👌👏👍💕🔥👑 Sunday is funday 👑💕👍👏 waiting for next update 💕

superb update waiting for next

Fantastic update bro..... humme to shadishuda beti sonal ka intezar hai....RANGI AUR JANGI....

Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki

Shandar update

Shandar ,maza aa gaya
UPDATE 164 IS POSTED
 
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