• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
6,345
17,799
174
UPDATE 140

पिछले अपडेट मे आपने पढ़ा कि एक ओर जहा जंगीलाल की हालत बहुत ही खराब थी । उसकी असमंजसता ने उसे चिंता मे डाल दिया था वही रंगीलाल अपनी समधन से भेट मुलाकात कर आया था ।

अब आगे


राज की जुबानी

रात को 8 बजे तक मै दुकान बढा कर चौराहे वाले घर पहुचा तो देखा हाल मे मा पापा बैठे हुए थे और मा किसी से फोन पर बाते कर रही थी ।
किचन मे सोनल खाना बना रही थी ।

मै भी फ्रेश होकर हाल मे बैठ गया तो पता चला कि मा , सोनल की होने वाली सास ममता से बाते कर रही थी ।

फिर मा ने फोन रख दिया और हमने थोडी बहुत चर्चा की । बातो ही बातो मे पापा ने बताया कि आज सोनल की सास ने उनसे कहा था कि अमन के चचा बडे शहर जेवर का ऑर्डर देने गये हैं ।

पापा - रागिनी अब हमे भी तैयारियाँ शुरु कर देनी चाहिए । थोडा थोडा करके खरीदारी कर ले और कार्ड छपने भी तो 15 दिन लग जायेंगे ।

मा - हा जी इस बार थोडा पूजा पाठ भी तो होना है ना । याद है गृह प्रवेश मे ज्यादा कुछ हो नही पाया था ।

पापा - हा सोच रहा हू शादी से दो दिन पहले एक पाठ करवा लू भगवान जी का और ये भी कार्ड मे छपवा दूँगा । घर मे मेहमान पहले आयेंगे तो थोडी कामकाज मे राहत रहेगी ।

मा - हा ये सही रहेगा । आप पंडित जी मिल कर शादी के आस पास का समय देख लिजिए और पूजा की लिस्ट बनवा लिजिएगा । पिछ्ली बार भूल गये थे ।

मा की बात पर मै खिखी करके हस दिया ।
मा मुझे डांटते हुए - तु क्या दाँत दिखा रहा है । कल तु भी कार्ड वाले यहा से कुछ डिज़ाइन लेते आ दिखाने के लिए


मै - हा मा हो जायेगा , आप परेशान ना हो । मै और पापा मिल कर सब कर लेंगे । क्यू पापा ?

पापा - हा रागिनी । राज सही कह रहा है ।

मै - मा आप भी सामानो की पर्ची बनाना शुरु कर दीजिये । जो कुछ लाना होगा मै लेते आऊंगा ।

मा - वो तो पहले ही बना चुकी हू और रज्जो दीदी से भी पूछा था शादी के तैयारियो के बारे मे । वो कह रही थी कि तु चिंता ना कर मै एक हफते पहले ही आ जाऊंगी ।

पापा की आंखे चमकी - क्या सच मे रज्जो दीदी एक हफते पहले ही आयेंगी

मा समझ गयी कि पापा का उतावलापन,,तो तुनक कर धीमी आवाज मे बोली - हा लेकिन आप जरा खुद पे संयम रखियेगा । शादी व्याह का दिन रहेगा और वो अकेली थोडी आयेगी ।

पापा - फिर ?

मा मुस्कुरा कर - जीजा उसे और रमन की पतोह दोनो को छोड कर जायेंगे

अब चहकने की बारी मेरी थी - क्या सच मे रीना भाभी भी आ रही है ।

मा - हा मैने जिद की तब रज्जो दीदी हा बोली ।

मै खुश था कि घर मे एक और ताजा माल आने वाला है लेकिन ये सब अभी बहुत दुर था करीब दो महीने का समय ।


हमारी बाते चल रही थी कि मुझे अनुज की सुझी - मा ये अनुज कहा है

मा - अभी तो था निचे ही अब पता नही कहा गया ।

मै किचन मे दीदी को आवाज देकर - दीदी अनुज कहा है ?

सोनल - अरे वो मेरे मोबाइल मे फिल्म देख रहा है ।

मै हस पडा और समझ गया कि वो क्या देख रहा होगा ।
एक पल को मुझे लगा कही अनुज वो वाली साइट खोले ही मोबाइल सोनल को वाप्स कर दिया तो । फिर मुझे ध्यान आया कि नही सोनल तो नोर्मल ब्राऊजर यूज़ करती है ।

मैने सोचा क्यू ना अनुज को भी छोटा मोबाइल दिला ही दू और उसका जन्मदिन भी अगले महीने था । हालाकी हमारे यहा केक काट कर पार्टी देने वाला रिवाज नही था । मा को ये सब पसंद नही था । हा लेकिन सबको कपडे या कोई तोहफा पापा जरुर देते थे । नही तो पॉकेट मनी ही मिल जाती थी ।

मै- पापा मै सोच रहा था कि अनुज को भी एक मोबाइल दे दिया जाये

मा थोडा खिझी - अब उसे क्या जरुरत है मोबाइल की । अभी तो उसने 10वी भी पास नही की ।

पापा मा की बात से सहमत होते हुए - हा बेटा तेरी मा ठिक कह रही है , अभी उसकी उम्र ही क्या है । उसे पढने पर ध्यान देना चाहिये


मै कुछ सोच कर - हा पापा लेकिन अब मेरे जैसा समय तो है नही , उसके साथ के सभी बच्चे लेके चलते है मोबाइल । फिर उसकी पढाई मे मदद हो जायेगी वो होनहार लड़का है और आगे शादी मे इतने सारे काम रहेन्गे किसको कहा कोई खोजेगा


पापा - देख बेटा मेरी सिख गांठ बान्ध ले , दुसरे का देख कर अपना रास्ता तय नही करते । बात अगर पढाई कि है तो मै उसे लैपटाप दिला देता हू

मा भी खुश होकर - हा ये ठिक रहेगा । उसका जन्मदिन भी आ रहा है ।

पापा - और रही बात शादी मे कामो के लिए तो उस समय मे एक टेम्पोररी फोन उसे दे दूँगा ।

पापा की बातो से मै भी प्रभावित हुआ कि वो कितने समझदार है और हर पहलू पर अच्छा सोच लेते है ।

मै खुश हुआ - हा पापा आप सही कह रहे हो
मै मन मे - हा इससे उसकी हरकते लिमिट मे रहेगी । नही तो गलती से भी सोनल को भनक तक लगी अनुज के बारे मे वो निशा के जैसे व्यवहार नही करेगी । सीधा पीट देगी ।


फिर हमारी बाते चली और थोडे समय बाद हम लोग खाना खा कर अपने अपने कमरो मे चले गये ।

आज रात मैने और पापा ने मा की जबरजस्त चुदाई की और सो गये ।


लेखक की जुबानी

राज के यहा तो सब सो गये लेकिन निशा के यहा दो लोगो की रात आज लम्बी होने वाली थी ।

रात के खाने के बाद सभी अपने कमरे चले गये और निशा थोडे समय बाद राहुल के पास चली गयी । उनकी काम क्रीड़ा जारी रही ।

वही दुसरे कमरे मे शालिनी रोज की तरह अपने गहने उतार कर जिस्म ढिला कर रही थी । वो जानती थी कि बिना चुदाई किये जंगीलाल को नीद नही आती थी और उसे भी इसकी आदत थी ।

इधर जंगीलाल बिस्तर टेक लगाकर फुल बनियान और जन्घिया पहने जान्घे खोल कर बैठा हुआ । फर्श निहार रहा था । उस्के जहन मे द्वंद चल रहा था । मन के एक ओर वो शालिनी से सब कुछ पहले जैसे छिपाये रखना चाहता था और दुसरी ओर उसका मन उसे शालिनी को सब सच बताने को सही समझ रहा था । वो डर भी रहा था कि आगे क्या होगा । शालिनी क्या प्रतिक्रिया देगी ।


शालिनी इस समय अपनी साडी निकाल रही थी और उसने बिना ब्लाउज खोले ही बडी तरकिब से ब्रा निकाल दिया । वो समझ रही थी कि पीछे से उसका पति उसे निहार रहा होगा और अभी रोज की तरह उसे अपनी बाहो मे भर लेगा ।

ऐसा नही था कि शालिनी को सेक्स पसन्द न्ही था लेकिन जिस तरह जंगीलाल डिमांड करता था वो उस तरह का सेक्स नही चाहती थी । वो बहुत ही रोमांटिक तरीके से पसंद करती थी सब धिरे धिरे और लम्बे समय तक चले ।


शालिनी ने जब मह्सूस किया कि जन्गिलाल अभी तक उसके पास नही आया तो उसने नजर उठा कर सामने आईने मे देखा कि वो बिस्तर पर पैर फैला कर बैठा हूआ कुछ सोच रहा है ।

शालिनी समझ गयी कुछ गम्भीर बात है नहीं तो ऐसे मौके पर उसका पति हमेशा उससे चिपका ही रहता है ।
शालिनी घूमी और जंगीलाल के पास उसके बगल मे सामने से बैठते हुए उसके पाव को हिला कर - क्या सोच रहे है जी आप

जंगीलाल चौक कर - न न नही कुछ तो नही

शालिनी मुस्कुरा कर - आपको तो झूठ बोलना भी नही आता । आंखे लाल हो रही है और भरी हुई है

जंगीलाल जान गया कि शालिनी ने भाप लिया है कि वो कुछ सोच रहा है । इसिलिए उसने आंखे बंद करके एक गहरी सास ली तो उसकी भरी हुई आंखे नम सी हो गयी ।


शालिनी की चिंता बढ गयी कि क्या बात है ।

शालिनी - अरे क्या हुआ बताईये
जंगीलाल शालिनी के हाथ पकड कर - वो मुझे तुम्हे कुछ बताना है

शालिनी का कलेजा धक धक कर रहा था कि आखीर क्या बात है । कही इनको कोई बिमारी तो नही है ना । नही नही भगवान ऐसा ना करना ।

शालिनी कापते हुए - क क्क्या बोलो जी । मेरा जी घबरा रहा है । आप बोलो ना

जन्गीलाल अटकते हुर स्वर मे - पहले वादा करो कि तुम मुझसे नाराज नही होगी और मुझे छोड कर नही जाओगे । मेरी मजबूरी सम्झोगी ।

शालिनी चौकी - मजबुरी !! कैसी मजबूरी ??

जंगीलाल - पहले तुम हमारी लाडो का कसम खाओ कि तुम मेरे लिए अपना व्यवहार नही बदलोगि ।

शालिनी असमंजस मे थी - हा हा ठिक है कहिये

जंगीलाल नजरे नीची करके - जानती हो शालिनी मे महीने दो महिने पर बडे शहर क्यू जाता हू

शालिनी के मन में शंका घिर रही थी कि कही कोई सौत का चक्कर तो नही - क्क्क्यू बताओ ना ,,आप बात लम्बी क्यू कर रहे हो । मुझे चिंता हो रही है ।

जंगीलाल - हा बताता हू सुनो । वो मै बडे शहर अपनी सेक्स की भड़ास निकालने जाता हू । वो सेक्स जो तुम मुझे नही देती हो ।

शालिनी का कलेजा धक करके रह गया और वो चुप सी हो गयी । उसके हाथ जन्गिलाल के तन से दुर होने लगे ।

शलिनि का स्पर्श कम होता मह्सूस कर जंगीलाल को लगा कि जैसे वो खुद उससे दुर जा रही थी । इसिलिए घबरा कर वो शालिनी के हाथ थाम लेता है और उदास मन से - मुझे माफ कर दो शालिनी । मै मजबुर था और जब व्हा सेक्स कर लेता खुद को सजा ही देता था । हमेशा कोसता रहता था ।

शालिनी की आंखे भर आई थी इसिलिए नही कि उसके पति ने कुछ गलत किया बल्कि इसलिए कि उसके रोकटोक से उसका पति बहक गया । अगर वो चाहती तो जन्गिलाल सिर्फ़ उसका ही रहता ।

जंगीलाल ने जब शालिनी का रुआस चेहरा देखा तो वो भी आसू बहाते हुए - तु काहे आसू बहा रही है । गलती मेरी है तु मुझे सजा दे । लेकिन मुझसे बाते कर रूठना मत

ये कह कर जंगीलाल शालिनी के हाथ पकड कर अपने चेहरे पर चाटे मारने लगा और फफक पडा ।
शालिनी ने चौक कर अपना हाथ खिच लिया और जंगीलाल को अपने सीने से लगा लिया ।

शालिनी - मुझे माफ कर दीजिये । मेरी वजह से आपको इनसब रास्तो चुनना पडा । मै अभागिन किस काम की जब पति को खुश नही रख सकती ।

शालिनी ने रुआसे ही अपने होठ अपने पति से जोड लिये ताकी उसे हिम्मत मिले कि वो उससे नाराज नही है और ना ही उससे दुर जायेगी ।

जंगीलाल ने उसे अपनी बाहो मे भर लिया । शालिनी का ब्लाऊज जन्गिलाल के आसुओ और पसीने से भीग गया था ।

शालिनी जंगीलाल की बाहो मे लिपटी हुई उस पल को याद करती है जब शादी के कुछ साल बाद पहली और आखिरी बार शालिनी ने अपने पति को उसके हिसाब से सब कुछ करने की छुट दी । उसी दिन तो जंगीलाल ने उसकी गाड को खोला था ।
वो पल सोच कर वो मुस्कुरा देती है हालकि उस दिन उसने भी बहुत मजा किया था लेकिन उसका फोकस शुरु से ही अपने जिस्मो को सवारने मे था और उस रात जो हुआ उसने शालिनी को काफी निराश भी किया था ।


शालिनी जंगीलाल के कन्धे पर सर रखे हुए - जानू सुनो ना
जन्गीलाल शालिनी की मीठी आवाज सुन कर उसे अपनी बाहो मे कसते हुए - हा मेरी स्वीटू कहो ना

शालीनी शर्माते हुए - वो मै कह रही थी कि बच्चे अब बडे हो गये हैं और आपको याद है ना उस रात मै कितना चिल्लाई थी ।

जन्गीलाल की भौहे खिल गयी , दिल मचल उठा और लण्ड एक ही बार मे तन कर फौलादी हो गया क्योकि इशारो मे ही शालिनी ने उसकी बात मान ली थी । वो उसके मन चाहे सेक्स के लिए तैयार हो गयी थी ।
जंगीलाल शालिनी के होठ चुस्कर - रोज रोज नही मेरी जान बस हफते मे एक बार

शालिनी जंगीलाल के खडे लण्ड को बडी अदा से हाथो ने भरती हुई नशीली आँखो से उसे देखती है । जन्गीलाल का शरीर कापने लगा था ।
शालिनी अपने हाथ से अपने पति के आड़ो को मुथ्ठी मे भरते हुए अपने चुचो के उभार पर ब्लाऊज के उपर से हाथ फिराते हुए बोली - अपनी रन्डी को हफते मे सिर्फ़ एक ही बार चोदोगे मेरे राजा उम्म्ं बोलो

जंगीलाल शालिनी की हरकत से पूरी तरह गनगना और जोश से भर गया । उस्का लण्ड और भी कसने लगा था । ये वो शब्द थे जिन्हे आखिरी बार उसी रात को जंगीलाल ने शालिनी को कहा था और गालिया दे देकर उसकी जबरदस्त चुदाई की थी । सेक्स के दौरान तो शालिनी ने मदहोशि मे उसका साथ दे दिया था लेकिन अगली सुबह से कुछ दिनो तक वो जंगीलाल के उस व्यवहार से वो खफा थी और खुद को भी उस चीज़ के लिए कोस रही थी । क्योकि उस रात जन्गीलाल बेबाक होकर शालिनी को गालिया देकर उसकी चुदाई की थी और शालिनी ने भी उस रात अपने पति के नये जोश का भरपूर मजा लिया था । मगर जब होश मे आने के बाद उन गालियो का तर्क करने लगी तो उसे बहुत दुख हुआ । तबसे शालिनी ने जंगीलाल से समान्य सेक्स करने की शर्त रख दी थी और अपने प्रेमी जोड़े का महत्व समझाते हुए जंगीलाल को मना भी लिया था ।
जंगीलाल को उम्मिद नही थी कि शालिनी खुद से पहल करेगी ।

जन्गीलाल जोश मे आकर उसे अपने करीब खिच कर उसके चुची को सामने से पकड कर उसके होठ चूसने लगता है ।दोनो एक गहरे चुंबन मे खो जाते है ।

जंगीलाल शालिनी से अलग होकर उसे घुमाते हुए उसे पीछे से पकड लेता है और ब्लाउज के उपर से ही उसकी मोटी कसी हुई गोल गोल चुचो को मिजने लगता है ।

शालिनी कसमसाते हुए खुद को जन्गिलाल के जिस्म पर घिसने लगती है ।

शालिनी - ओह्ह्ह आराम से मेरे राजा उम्म्ंम्म्ं तुम्हारी चुद्क्क्ड रानी कही जायेगी नही ।


जंगीलाल शालिनी के मुह से गंदे और मनचाहे शब्दो को सुन कर और जोश मे आ जाता है और ब्लाउज का गला उपर से पकड कर जोर से खिच कर सारे हुक चटका देता है ।

शालिनी के कांख के पास मे थोडी चमडी खिचने उसे दर्द होता है लेकिन वो अपने पति के लिए सह जाती है और जन्गिलाल उसके नंगे चुचो को पीछे से हाथो मे भर लेता है ।
जंगीलाल - ओह्ह मेरी जान क्या मस्त चुचे है तेरे उम्म्ंम्ं जी कर रहा है नोच लू अह्ह्ह

शालिनी कसमसा कर - उह्ह्ह तो नोच लो ना मेरे राजा अह्ह्ह उम्म्ंम्ं जैसे चाहो प्यार करो मुझे उम्म्ंम्ं

जन्गीलाल शालिनी के कंधो को चुमता हुआ उसके चुचे हाथो मे भर कर मसल रहा था ।

शालिनी उसे और भी उत्तेजित किये जा रही थी - उम्म्ंम्ं मेरे राजा और कस के मसलो ना मेरे चुचो को उम्म्ंम्ं अह्ह्ह ऐसे ही । बना लो मुझे अपनी रन्डी बीवी अह्ह्ह मेरी जान उम्म्ंम्म्ं आह्ह

जन्गीलाल का लण्ड शालिनी कामोत्तेजक शब्दो को सुन कर फड़फडा रहा था ।

उसने शालिनी को खड़ा किया और खुद पैर लटका कर बैठ गया । फिर शालिनी की कमर को बाये हाथ मे थाम कर एक ओर किया और झुक कर उसकी नंगी चुचियो पर टुट पडा ।

वो शालिनी की एक चुची मुह से चुस रहा था तो दूसरी को दाये हाथ से मसल रहा था ।

शालिनी अपने पति का सर उत्तेजना वश अपने चुची पर दबा रही थी जिससे जन्गिलाल और भी उत्तेजित होकर उसका निप्प्ल खिचने लगा ।

शालिनी की गोरी मखमल सी चुचिया चुसाई और रग्डाई से लाल होने लगी थी ।
जंगीलाल ने उसे आजाद किया और निचे जाने का इशारा किया ।

शालिनी मुस्कुरा कर उसके होठो को चुसा और फिर घुटने के बल होकर अपने पति का फौलादी लण्ड जांघिया खोल कर निकालने लगी ।


रोज के मुकाबले जन्गीलाल का लण्ड फुला हुआ था और सुपाडा लाल हुआ जा रहा था ।
शालिनी ने मुह खोलते हुए लण्ड को मुह मे आधा भर लिया और आंखे उठाकर जन्गीलाल के जांघो को सह्लाती हुई लण्ड चूसने लगी


जंगीलाल जोश से भर गया और उसे अपनी बीवी किसी रन्डी से कम नही लग रही थी । लेकिन अभी भी वो अपने जज्बातो को काबू मे किये हुआ था ।

शालिनी थोडी देर मे लण्ड चुसकर जंगीलाल के सामने खड़ी हुई और अपना पेटीकोट खोल कर पूरी नंगी हो गयी ।
और मुस्कुराते हुए जंगीलाल को बिस्तर पर धकेल दिया

जंगीलाल समझ गया कि आज शालिनी खुद उपर आयेगी तो उसने पैर सीधे कर लिये ।

शालिनी बिस्तर पर चढ़ कर अपने पति के कमर के दोनो ओर घुटने के बल हो गयी और उसका लण्ड थाम कर अपनी चुत पर टच करने लगी ।

जन्गिलाल सिहर कर रह गया और देखते ही देखते शालिनी ने बडी कामुकता से अपने पति का गिला मोटा लण्ड अपनी चुत मे ले लिया और बैठ गयी ।

जन्गीलाल आंखे बन्द करके शालिनी के मादक कमर हिलाने की अदा का मजा अपने लण्ड पर मह्सुस कर रहा था ।

शालिनी ने इतना सब के बाद भी जंगीलाल ने एक भी बार उसे गंदे शब्दो से नही पुचकारा ।
शालिनी मुस्कुरा वैसे ही लण्ड को अपनी चुत मे भरे अपने पति के उपर झुक गयी और उसके चुचे जन्गिलाल के मुह के पास झूलने लगे ।

जंगीलाल ने आंखे खोली और हाथ बढा कर चुचो को थाम लिया ।

शालिनी मुस्कुरा कर अपनी कमर आगे पीछे करके लण्ड को अपनी चुत मे घिस रही थी - क्यू मेरे राजा मजा नही आ रहा है क्या हम्म्म

जंगीलाल सिस्क कर - आआह आ रहाआ है जान उम्म्ंम

शालिनी - तो बोलो ना
जंगीलाल -उम्म्ंम सीई क्याअह्ह मेरी जान

शालिनी थोडा गति बढा कर अपने पति के लण्ड पर हुमचने लगी जिससे जन्गिलाल का नशा और भी गहराने लगा ।

शालिनी शब्दो को पीसते हुए - अपनी रन्डी को पेलोगे नही उम्म्ंम अह्ह्ह पेलो ना मुझे मेरे राजा

जंगीलाल शालिनी की सिसकिया सुन कर उत्तेजित हुआ और अपने हाथ उसके दोनो कूल्हो पर ले जाकर पैरो को फ़ोल्ड कर लिया । फिर शालिनी की गाड़ को पकड कर हल्का हल्का निचे से अपनी गाड़ उचका कर पेलने लगा ।


जन्गीलाल - कैसे पेलू मेरी जान उम्म्ंम देखो निचे से पेल रहा हू ,देखो ना ,,,ये देखो अह्ह्ह

जंगीलाल निचे से झटके तेज करता हुआ बोला

शालिनी उसी अवस्था मे झुकी हुई अपने पति के धक्के खाती हुई - अपनी रन्डी बीवी बना के चोदो ना ,खुब हचक के सीईई अह्ह्ह उम्म्ंम्म्ं

जन्गीलाल जोश मे आ गया और कस कस के चोदने लगा । वो अपनी कमर उठाकर तेजी से ध्क्के मारते हुए - ले साली रन्डी आज ऐसा चोदूंगाअह्ह्ह की याद करेगी उह्ह्ह्ह ले मादरचोद सीई अह्ज्ज साली चुद्क्क्ड ले

जंगीलाल शालिनी को गालिया देते हुए तेजी से चोद रहा था । कमरे मे काफी सालो बाद थपथप की तेज आवाज आ रही थी । शालिनी की सिस्किया हल्क मे रुक गयी थी ।

थोडी देर निचे से धक्का लगाने के बाद जन्गीलाल वैसे ही शालिनी को लण्ड पर बिठाये उठा और उसे सामने लिटा कर खुद उसके उपर आ गया ।

शालिनी - ओह्ह मेरे राजा उम्म्ंम चोदो ना मुझे उम्म्ंम सीईई अह्ह्ह ऐसे ही फाडो मेरी चुत आह्ह रहम मत करो उन्म्म्ं चोदो अपनी रन्डी बिवी को उम्म्ंम

जन्गीलाल शालिनी की जान्घे खोले घपाघ्प लण्ड उसकी चुत की गहराइयो मे ले जा रहा था और पेल रहा था - हा मेरी जान आज तेरी चुत फ़ाड कर भोसडा बना दूँगा उम्म्ं साली रन्डी मादरचोद लेह्ह मेरा लण्ड अपनी बुर मे लेहहह


शालिनी - आह्ह हा भर दो मेरी चुत को मेरे राजाआह्ह

शालिनी - आपको अच्छा लगता है ना ऐसे ही मुझे गन्द गन्दा बोल कर चोदना उम्म्ंं

जन्गीलाल - हा मेरी जान ,,कितने सालो से तुझे ऐसे ही रन्डी के जैसे चोदना चाह रहा था । अह्ह्ह साली मादरचोद उम्म्ंम्ं मस्त भोस्डा है तेरा अह्ह्ह

शालिनी - उम्म्ं तो और गाली दो ना मुझे बहिनचोद नही कहोगे उम्म्ं सिर्फ मादरचोद ही कहोगे उम्म्ंम

जन्गीलाल और भी जोश मे आगय - आह्ह कयू नही , साली बहिनचोद एक नम्बर की अह्ह्ह

शालिनी अपने चुत के छल्ले को जन्गीलाल के लण्ड पर कसने लगी और निचोडते हुए - क्या हू मै मेरे राजा , क्या एक नम्बर की .....।

जन्गीलाल जोर लगा कर आखिरी कुछ धक्के शालिनी के चुत मे पेलता हुआ - साली तु एक नम्बर की चुदक्क्ड है बहिनचोद उम्म्म्ं ले साली आज तेरी बुर भर दूँगा अपने बिज से अह्ह्ह मादरचोद उम्म्ं ले मेरी रन्डी हहह लेह्ह्ह बहिनचोद साली अह्ह्ह्ह जान उम्म्ंम्ं

शालिनी - अह्ह्ह हा मेरे राजा भर दो अपनी जान का भोसडा उम्म्ं अह्ह्ह माआ ओह्ह्ह

जन्गीलाल झड़ कर शालिनी के उपर ढह गया और शालिनी ने उसे अपने से चिपका लिया



थोडी देर शान्ति रही और दोनो एक दुसरे से चिपके हुए लेटे रहे कि तभी शालिनी ने जंगीलाल से कुछ ऐसा पुछा कि उसकी धडकनें फिर से तेज हो गयी।




आखिर क्या था वो सवाल ? जिससे जंगीलाल वापस से परेशान हो गया है ।

परेशानिया जो भी लेकिन एक बात तो क्लियर है कि इसके बाद दोनो पति-पत्नी का जीवन मे बहुत बड़ा बदलाव आने वाला है ।
तो मै DREAMBOY फिल्हाल आपसे विदा चाहूँगा ।जल्द ही मिलते है अगले अपडेट
पढते रहिये हिलाते रहिये ।
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
6,345
17,799
174
Bahut hi barhiya update … khani ke patron main ab badhotari ho rahi hai toh unke tanke bhi bhidane shuru kar do mitr …

Good one Bhai...

Awesome update tha dost......kash RANGILAL bhi sonal ki aur apni havasi najaro dekhte.....

Kya likhe ho guru gajab, Brazzers ko fail kar rahe hain ye teeno bhai bahan, udhar jangilal aur shalini ke kamre mein bhi thodi najar daudao, aur rahul bhi to jane ki uski bahan ki tarah hi uski mummy bhi mast maal hai..

Romanchak aur Rochak. Pratiksha agle rasprad update ki

Badhiya update. Waiting for next

Nice update

क्या बात है भाई
आज तो धमाके हो २हे है

होली में चाचा द्वारा माँ का मसलवाया जाने वाला पल भले ही छोटा था, पर पूरी कहानी का सबसे कामुक पल था.

i am ready
दोस्तो अपडेट 140 पोस्ट कर दिया है
आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा
 
Top