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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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UPDATE 106

CHODAMPUR SPECIAL UPDATE

पीछले अपडेट मे आप सभी ने पढा कि जहा एक तरफ चमनपुरा मे राज ने चंदू के साथ उसकी बहन को चोदने का खाका तैयार कर लिया वही राज के मौसी के यहा यानी कि जानीपुर मे आये चोदमपुर के मेहमानो की मौज हुई पडी है । कमलनाथ ने पीने के बाद अपने जीजा के सामने नशे मे अपनी बीवी को शर्मीन्दा कर दिया । देखते है ये घटना क्या नये हंगामे खड़ी करेगी ।

अब आगे

राजन के कमरे से जाने के बाद रज्जो मन ही मन खुब मुस्कुराइ और थोडा बहुत अपने पति को गुस्से से लताड़ा भी ।

रज्जो मन मे - लग रहा है इनकी बकबक ऐसे ही रात भर चलेगी , और नंदोई जी के सामने क्या क्या बक गये । ना जाने क्या क्या सोच रहे होगे वो भी ।

रज्जो कुछ सोच कर रमन के पास फोन ल्गाती है और जल्दी घर आने को कहती है ।

रज्जो मन मे बुदबुदा कर - मै कहा सोने जाऊ अब , देख रही हू क्या हो सकता है ।

रज्जो ऐसे ही सोचते हुए सबसे निचे हाल मे आती है । जहा ममता राजन , पल्लवि और सोनल बैठ कर बाते कर रहे होते है ।

रज्जो - अरे भाई आप लोगो को सोना नही है क्या , कल और भी काम है ना ।

ममता रज्जो से मजे लेते हुए बोली - हम औरते और ये बच्चे तो सो तो जाये भाभी ,,लेकिन अपने नंदोई जी को कहा सुलाएंगि

रज्जो की नजर वापस से राजन से मिली और वो शर्म से झेप कर मुस्कुरा दी ।

रज्जो - अरे यहा कमरो की कमी नही है ।
बस थोडी साफ-सफाई नही हो पाई है कमरो की
फिलहाल दो ही कमरे साफ है । एक मेरा कमरा है तो वहा रमन के पापा सोये है , और एक रमन का कमरा है ।

राजन - ऐसा करिये भाभी , यही हाल मे ही बिस्तर लगवाईये ,,यही सोया जाये ।

ममता राजन को छेड़ते हुए - ओहो क्या बात है , हमारी भाभी के साथ सोने का प्लान बना रहे हैं

ममता - क्या भाभी , कुछ जादू कर दी हो क्या इनपे

रज्जो और राजन की नजरे मिलती है और रज्जो शर्म से लाल हो जाती है , मगर उसे भी अपनी ननद का जवाब देना ही था ।
रज्जो - अरे जादू तो तुम की अपने भैया पे ,,,की दारु पी टूल्ल है और तुमको ही याद कर रहे है ।

ममता भी अपने भाभी की मस्तीयो से खुब खिलखिलाई , वही सोनल और पल्लवि थोडा असहज मह्सूस कर रहे थे तो वो उठ कर जाने लगे ।

सोनल - मौसी हम आते है अभी फ्रेश होकर ,,तब तक आप लोग देख लो कहा सोना है हिहिहिही । चलो पल्लवि

फिर सोनल पल्ल्वी को लिवा कर पिछे आँगन मे लेके चली गयी ।
इधर हाल मे राजन - अब बस कर ममता , देख नही रही बच्चे है ।

रज्जो अब थोडा खुल कर - अरे जीजा जी , बच्चे समझदार थे तो चले गए , क्यू ननद रानी जाना है अपने भैया के पास

ममता भी मौका देख कर बहुत तगडा जवाब देती है वो भी खुल कर - अरे जब आपके जैसी भारी गाड वाली नही खुश कर पाई हमारे भैया को तो हमारा तो बहुत छोटा सामान है भाभी हाहहह्हहा

रज्जो पूरी तरह से झेप सी गयी और ममता के कन्धे को ठोकर मारकर सामने बैठे हुए राजन की ओर इशारा किया

ममता रज्जो को शर्माते देख और मजे लेती हुई बोली - अरे अपने नंदोई से क्या शर्माना भाभी , उन्होने तो हमारा नाप भी रखा है ,,क्यो जी

रज्जो ममता की बात सुन कर आंखे उठाकर राजन को ऐसे देखती है कि मानो पुछ रही हो कि ममता सच कह रही है क्या ।

राजन रज्जो को ऐसे घूरता देख सकपका जाता है - अब ब ब क् क क क्या कह रही हो ममता तुम ये सब
रज्जो हस कर - लग रहा है हमारी ननद रानी को भी उनके भैया की तरह चढ़ गयी है
राजन रज्जो की बात पर हसने लगता है
रज्जो - मै तो कह रही हूँ कि आज दोनो भाई बहन को मजे ले लेने दो ,,,क्यू जीजा जी

ममता - हा हा मुझे किनारे कर दो ताकि आप मेरे पति से अपनी मनमानी कर सको ,,खुब समझ रही हू भाभी आपकी चालाकी

इधर बाते आगे बढती की अनुज और रमन कुछ सामान लेके हाल मे घुसते है तो सारे लोग चुप हो जाते है ।

थोडी देर की झिकझिक और जद्दोजहेद के बाद रमन अनुज को लेके अपने कमरे मे चला जाता है । और बाकी लोग हाल मे हो बिस्तर डाल के सो जाते है ।

अब हाल मे स्थिति ये थी कि
एक तरफ पल्लवि फिर सोनल फिर रज्जो मौसी , फिर ममता और राजन ।

सारी लाईटस ऑफ़ की गयी और नाइट बलब जला दिये गये । फिर सारे लोग धीरे धीरे सोने लगे ।


एकतरफ जहा जानीपुर मे ये सब काण्ड हो रहे थे कि वही चमनपुरा मे राज के घर मे घमासान थ्रीसोम चुदाई हो रही थी


राज की जुबानी

एक राउंड पापा के साथ मा को चोदने के बाद हम तीनो एक दुसरे को देख कर हाफ रहे थे और मुस्कुरा रहे थे।

पापा - आह्ह आज कितने दिनो बाद मजा आया ओह्ह्ह

मै - मजा तो आपका रोज ही था पापा , पहले बुआ और इधर तिन रात मे मौसी भी हिहिहिही

पापा - हा बेटा सच मे मजा तो बहुत आया , तेरी मौसी और बुआ सच मे बहुत ही चुदवासी माल है

मै रज्जो मौसी को याद कर फिर से गर्म होने लगा - पापा एक बार मौसी या बुआ के साथ मुझे भी शामिल करो ना

मा गुस्सा दिखाते हुए - पागल हो गया है क्या तू

पापा - ओहो जान उसका भी मन है , वो भी बडा हो रहा है ना

मै उखड़ कर - हा वही ना

मा चिंता के भाव मे - लेकिन ये सब कैसे ,, आखिर रज्जो दीदी कैसे मानेगी इनसब के लिए,, और कही गुस्स्सा हो गयी तो

पापा हस कर मा के गाल को चूमते हुए - अरे मेरी जान रज्जो दीदी तो एक नम्बर की चुदक्क्ड है ,,वो भला एक साथ दो लण्ड के लिए क्यू मना करने लगी

मा - फिर भी
पापा - ओह्ह जानू अब मजा ना किरकिरा करो आओ चुसो इसे ,,,देखो रज्जो दीदी की याद मे खड़ा हो रहा है

पापा की बात पर मै और मा हसने लग जाते है ।
एक बार फिर हमारी धक्कम्पेल चुदाई होती है और हम लोग भी सो जाये है ।

अगली सुबह उठ कर हम सब अपने रोज के कामो मे लग जाते है ।



लेखक की जुबानी

एक तरफ जहा चमनपुरा की सुबह बहुत ही शांत और व्यस्त गुजरी ,, वही राज के मौसी के यहा कुछ अलग ही हंगामे के साथ सुबह की शुरुवात होने वाली थी ।

भई चोदमपूर से किरदार आये और मस्तीया ना हो ऐसे कैसे हो जाये ।
राजन और ममता तो गाव मे रहने के आदी थे तो उनको आदत थी सुबह ही उठने की ।

इसिलिए सबसे पहले राजन की नीद सुबह सुबह 4 बजे के करीब खुली और उसके साथ ही उन्के लण्ड ने पायजामे मे अंगड़ाई ली ।

हल्की रोशनी मे राजन मे एक बार गरदन घुमा कर सबको देखा और फिर उठ कर धीरे से पीछे आँगन की ओर चला गया । थोडी देर बाद फ्रेश होने के बाद वो वापस आता है और तभी ममता भी उठ जाती है ।

ममता कुनमूनाते हुए - उम्म्ंम उठ गये क्या आप जी
राजन - हा ममता अब रोज की आदत है तो ,,,
ममता उबासी लेते हुए - ठीक है आप सो जाओ थोडा देर ,मै आती हू पाखाने से

राजन ने उबासी लेते हुए वापस अपनी जगह लेट गया ।
मगर उसको नीद कहा थी , उसकी नजरे तो उससे एक हाथ की दुरी पर लेती उसकी गदराई सेक्सी सल्हज रज्जो पर थी ,,जिसकी गाड फैली हुई थी और वो करवट लेके राजन की ओर पीठ करके सोयी हुई थी ।

राजन अपनी सल्हज रज्जो के उभरे हुए कुल्हे और कमर देख कर उत्तेजित हो जाता है और पायजामे मे उसका लण्ड बगावात पर आजाता है ।

राजन मन मे - आह्ह रज्जो भाभी की गाड कितनी बड़ी है ,, मेरा साला कमलनाथ तो बहुत ही किस्मत वाला है । पता नही ये सो रही है कि जाग रही है। कल रात मे तो उसकी चुचीयो की उपरी झलक ही देखी थी । इनकी चुचियॉ की दरार बहुत गहरी है ।

राजन एक बार हौले से लण्ड को पायजामे है उपर से सहलाता तो उसे और भी उत्तेजना मह्सूस होती है ।
राजन स्वभाव से बहुत शान्त और समान्य दिखता हो ,,लेकिन कामूकता हावी होने पर वो अपना सन्तुलन खोने लगता है ।
[ उदाहरण के लिए KATHA CHODAMPUR KI मे UPDATE 115 पढ़े । जहा राजन के बारे मे उसके हवसी चरित्र का सुन्दर वर्णन हमारे TharkiPo भाई द्वारा किया गया है ]

राजन मन पर हवस हावी होने लगा था और वो आगे बढ़ कर रज्जो के गाड को मह्सूस करना चाहता था । वो थोडा खसक कर रज्जो की ओर बढा ,,कि रज्जो ने करवट बदली और सीधी लेट गयी ।

राजन थोडा सतर्क हुआ और उसकी नजर रज्जो की लम्बी लम्बी सांस लेती भारी छातियो पर गयी । जिससे राजन के लण्ड का कडकपन और बढ गया ।

राजन अब रज्जो के बिल्कुल करीब था उसकी तरफ करवत लिये हुए ।
उसमे थोडी हिम्मत की और एक हाथ से धीरे धीरे रज्जो की उस चुची पर ले गया जो मैक्सि के अंदर उसकी तरफ फैला हुआ था ।

बहुत ही हौले से राजन ने मैकसी के उपर से रज्जो की सास लेती चुची पर हथेली को रखा और उसको पुरे बदन मे कपकपी सी मह्सूस हुई । हवस राजन के दिमाग पर हावी होने लगा था ,,, और थोडा हिम्मत करके रज्जो की चुची को ऊँगलीयो से दबाया ,,, राजन को बहुत ही मुलायम सा अह्सास हुआ और रज्जो के कोई हरकत ना करने पर उसकी हिम्मत बढ़ी ,,उसमे वापस से एक बार अपने पंजो को फैला कर चुची को पकड लिया और हल्का हल्का दबाने लगा ।

राजन को बहुत ही उत्तेजना मह्सूस हो रही थी ।
वो एक हाथ से तेजी से अपना लण्ड मुठीयाये जा रहा था पायजामे के उपर से और वही दुसरा हाथ रज्जो को मुलायम चुची को पकड़े हुए था ।

तभी रज्जो थोडी कूनमूनाई और राजन ने अपनी पकड़ ढीली कर दी लेकिन हाथ वैसे ही रहने दिया रज्जो की छाती पर ।
इधर रज्जो की नीद खुल गयि और उसे इसका आभास होते ही कि उसके नंदोई का हाथ उसकी छाती पर है वो सिहर उठी ,उसकी सांसे तेज हो गयी ।

रज्जो मन मे - ये नंदोईजी का हाथ यहा कैसे ,,और ममता कहा चली गयी । कही ये नीद मे तो नही है ना

रज्जो एक बार धीरे से चेक करने के लिए बोली- जीजा जी

राजन को ये आभास हुआ कि रज्जो जाग गयी तो उसकी फट गयी और उसे समझ नही आ रहा था कि क्या करे ,, उसने अपने पायजामे से लण्ड की पकड को ढिला किया और वैसे रुका रहा ।

राजन से जवाब ना पाकर रज्जो को लगा शायद उसका हाथ नीद मे ही आ गया तो उसने बडी सावधानी से राजन का हाथ अपनी छाती से हटाया और वापस उसी की ओर करवट लेके घूम गयी ।
लेकिन रज्जो को अभी भी शक था कि राजन कही जाग तो नही रहा इसिलिए वो लगातार आंखे खोले राजन को निहार रही थी ।
वही राजन अपनी आंखे भींचे डर रहा था कि कही उसकी सल्हज ने शक तो नही किया एक बार देखू क्या ,,,

तभी ममता हाल मे आ जाती है और रज्जो को ऐसे अपने पति के करीब और सामने से उसको घूरता देख मुस्कुराती है । फिर वो राजन के पीछे की खाली जगह पर लेट जाती है और अपने कोहनी के बल पर सर टिका कर करवट लेके रज्जो की ओर मुह कर लेती है ।

ममता हस कर खुसफुसाते हुए - क्या बात है भाभी , बडे ध्यान से निहार रही है मेरे पति को

रज्जो मुस्कुरा कर - नजर रख रही हू , कही तुमको समझ कर मुझे ही ना दबोच ले इसिलिए

तभी ममता राजन के पीछे से चिपक कर रज्जो के सामने ही राजन के पायजामे के उपर से लण्ड पकड कर बोली - नजर तो आपकी सिर्फ इसपे है भाभी हिहिहिही ,,लेकिन मिलेगा नही ।

राजन जो अबतक किसी तरह गुमसुम होकर सोने का नाटक करते हुए अपनी कामोत्तेजना को रोके हुए था ,वो ममता के हाथो का स्पर्श अपने लंड पर पाकर गनगना गया ।

रज्जो हस कर - मेरे लिए तुम्हारे भैया ही काफी है ,,हा तुम्हे कम पड रहा हो तो कहो ,,बात करू तुम्हारे भैया से

ममता ह्स कर - क्या भाभी आप भी शुरु हो गयी सुबह सुबह

रज्जो मुस्कुरा कर खुसफुसा कर बोली - शुरु तो मेरी ननदरानी हो गयी है ,,,जो सुबह सुबह ही जीजा जी का खुन्टा पकड लिया ।

ममता हस कर धीमी आवाज मे - आपका मन हो तो आप भी पकड लो ,,आपके जीजा जी बुरा नही मानेगे ।

ये बोल कर ममता रज्जो के सामने ही राजन का लन्ड़ पाजामे के उपर से मुठीयाति है और ये देख कर रज्जो की सांसे भारी होने लगती है ।
रज्जो तो एक नम्बर की रान्ड औरत थी ,,खड़ा लण्ड उसकी कमजोरी थी चाहे किसी का भी क्यो ना हो । धीरे धीरे उसके हाथ चटाई पर निचे की ओर सरक रहे थे ।
ममता ये सब बखूबी देख रही थी और उसने आगे की ओर लपक कर मस्ती मे रज्जो का हाथ पकड कर राजन मे खडे लण्ड पर रख कर दबा दिया ।

रज्जो मे मुह से सिसकी निकल गयी और वही राजन की हालत बहुत ही ज्यादा खराब होने लगी । ममता की मस्ती उसपे भारी पडने लगी और रज्जो के हाथो का स्पर्श पाकर वो बहुत उत्तेजित होने लगा था ,,जिससे उसका लण्ड फड़कने लगा ।

लण्ड के फड़कने से रज्जो का ध्यान टूटा तो वो अपना हाथ ममता के हाथ से छूड़ाने की कोसिस करती हुई - ओह्ह्ब पागल ,ये क्या कर रही है ममता ,,जीजाजी जग जायेंगे छोड

ममता भी हस्ते हुए एक बार अच्छे से रज्जो की हथेली को राजन से आड़ो तक पकड कर रगड़ा और छोड दिया ।

ममता हस कर धीमी आवाज मे - हिहिहिही क्यू भाभी मजा आया ना
रज्जो शर्म से लाल होते हुए धीमी आवाज मे हस्ते हुए बोली - बहुत मजा ले रही है ना तू ,, मैने भी तेरे भैया का लण्ड तुझसे ना पकडवाया तो मेरा नाम रज्जो नही ।

यहा ननद भौजाई की मस्ती और जोक जारी रहे वही दोनो के बीच थोडी सी मस्ती के चक्कर मे राजन की हालात बहुत खराब हो गयी थी ।
हालत खराब तो रज्जो की भी हो गयी थी इसिलिए वो बाथरूम का बहाना मार कर निकल गयी । वही रज्जो के जाते ही राजन पलट कर ममता पर झूठ का गुस्सा दिखाता हुआ - ये क्या पागलपन है ममता हा
ममता ने वापस से राजन के लण्ड को आड़ो सहित दबोचते हुए बोली - उम्म्ंम्ं क्यू अपनी सल्हज का स्पर्श पसन्द नही आया हम्म्म

राजन सिहर उथा और उसने ममता को दबोच कर उसकी गाड़ को मसलने लगा ।

ममता - ओह्ह बस करिये मेरे राजा ,,बच्चे है पास मे
राजन ममता की साडी के उपर से उसकी चुचिया दबाते हुए बोला - अभी तक बच्चे नही थी क्या हम्म्म ,, अब ये खड़ा हो गया है ,इसे शान्त तो कर दे ।

ममता - क्या जी मै तो ब्स मजाक कर रही थी ,,यहा कैसे मै ,समझो ना आप
राजन कसमसा कर - मुझसे रहा नही जा रहा है ममता ,,,तू इसे चुस दे बस

ममता - अरे भाभी आँगन मे गयी है आती ही होगी ।

राजन - अरे अंधेरा है ममता ,,जल्दी से कर दे ना , मै काफी गरम हू ज्यादा समय नही लगेगा

ममता मुस्कुराइ और उठ कर राजन के पैर के पास बैठ गयी । तब तक राजन ने अपना पाजामा खोल कर लण्ड बाहर निकाल दिया ।
ममता मे लपक कर वो लण्ड मुह मे भर लिया और चूसने लगी । इधर राजन और ममता बगल मे सोते हुए बच्चो से ही क्या जागती हुई रज्जो से भी बेखबर थे ।
वही रज्जो धीरे धीरे हाल मे आ चुकी थी ।

रज्जो ने सोचा अब सुबह होने को है तो हाल की बत्ती जला दू और वो धीरे से बोर्ड के पास गयी और स्विच ऑन कर दिया ।

अचानक से उसकी नजर ममता पर गयी जो राजन का लण्ड आधा मुह मे भरी हुई थी , वही राजन गरदन उठाये रज्जो की ओर देख रहा था ।

रज्जो को अपनी गल्ती का अह्सास हुआ और वो फौरन बत्ती बुझा दी ।

रज्जो मुस्कराती हुई दबी हुई हसी के साथ - सॉरी ममता , मुझे नही पता था ।

इधर ममता राजन पर गुस्सा थी और वो उसे धीमी आवाज मे डांट रही होती है ।
रज्जो मारे शर्म के उपर चली जाती है अपने पति के कमरे मे । जहा कमलनाथ अभी भी खर्राटे भर कर सो रहा होता है ।
मगर निचे से आने के बाद वो इतनी गरम मह्सूस कर रही थी कि उसे बिना लण्ड के सुकून कहा । वही कमलनाथ का लण्ड भी उसके पायजामे में सुबह की बेला मे तनमनाया हुआ था ।
रज्जो को लण्ड की बहुत ही ज्यादा तलब मह्सूस हो रही थी , इसिलिए वो जल्दी मे दरवाजे को बस भिड्का दी और फटाफट कमलनाथ का लण्ड निकाल कर उसे चूसना शुरु कर दी ।

वही निचे हाल मे राजन और ममता काफी शर्मिंद्गी मह्सूस कर रहे थे ।

राजन - ममता ये ठीक नही हुआ ,,,हम मेहमान है और भाभी जी ने हमे ऐसे देख के उपर चली गयी । हसी मजाक तो अपने जगह पर

ममता भी राजन के बातो मे आ गयी - हम्म्म मुझे भी कुछ अजीब सा लग रहा है,ना जाने भाभी क्या सोच रही होंगी

राजन - चलो हम लोग उपर चलते है , एक बार माफी मांगना हमारी जिम्मेदारी बनती है ।

ममता भी उतरे मन से - हा जी सही कह रहे है,,नही तो अभी शादी तक हमे यही रहना है तो कब तक नजर चूराते हुए फिरेंगे ।

फिर वो दोनो सीढि से उपर कमलनाथ के कमरे की ओर आये ,,,जहा अंदर रज्जो सबसे बेफ़िकर होकर पूरी तरह से पागलो के जैसे अपने पति का लण्ड गले तक उतारे हुए उसके मोटे बडे बडे आड़ो को सहलात रही होती है ।
उसी समय ममता और राजन दरवाजा खोल कर बिना दस्तक के ही कमरे मे घुस जाते है और कमरे का सीन देख कर ठीठक कर रह जाते है ।


ममता और राजन की आंखे फटी रह जाती है जब वो रज्जो को कमलनाथ का 7 इन्च का लण्ड अपने गले से निकालता हुआ देखते है ।

ममता की नजरे अपने सोये हुए भाई के मोटे काले लण्ड पर जमी होती है ,वही राजन के दिल की धड़कन ये सोच कर बढने लगती है कि अगर रज्जो उसका लण्ड मुह मे लेगी तो क्या होगा ।

वही रज्जो एक बार फिर से खुद को शर्मिंदा कर लेती है और फटाक से अपने पति का काला लण्ड पर पायजामा चढाते हूए - अरे आप लोग यहा

मगर पायजामा चढ़ाने के बाद भी लण्ड बहुत साफ दिख रहा था और ममता की निगाहे वही जमी थी । रज्जो को इसका अह्सास होते ही वो कमलनाथ का कुर्ता ही खिच कर सही करती है ।
इधर राजन बिना कुछ बोले खसक लेता है बाहर की ओर
रज्जो फटाक से उठती है दरवाजा बन्द कर देती है ।

ममता खीसखीसा कर हसी और बोली - माफ करना भाभी ,,मेरी वजह से आपका अधूरा रह गया

रज्जो मुस्कुरा कर - तू यहा क्या करने आई थी ,,,अपने भैया का खुन्टा पकडने हम्म्म

ममता ह्स्ते हुए - मै कैसे पकड सकती हू भाभी ,,भैया का खुन्टा तो आपने हड़प रखा था

रज्जो आंखे बडी करके हस कर ममता को देखने लगती है ।
वही ममता को अभी थोडी देर पहले हुए हंगामे से इतनी हसी आ रही थी की वो क्या बोल गयी फलो मे उसे खुद नही समझ आया और जब रज्जो ने उसे घूरा तो उसे अपनी गलती का अहसास हुआ और वो अपना माथा पीट कर बोली ।
ममता - माफ करना भाभी मै जा रही हू ,, पता नही आज का दिन ही ऐसे सुरु हुआ तो आगे क्या होगा ।

मगर रज्जो ऐसे कैसे जाने देती वो लपक कर ममता को पकडते हुए बिस्तर तक खिच कर ले आई ।
रज्जो ममता का हाथ पकड कर - ऐसे कैसे मेरी लाडो ननद रानी , इतना अरमान लेके आई हो तो बिना भैया का खुन्टा पकडे चली जाओगी ।

ममता समझ गयी कि क्या होने वाला है तो हस कर छ्टकने लगी ।
रज्जो उसका हाथ पकड कर - देख ममता अभी तेरे भैया सोये है तो जो मै कह रही हू कर दे ,,,नही अगर जग गये तो मै तो बोल दूँगी की आपकी बहन मुझे छिप कर आपका काला लण्ड चुसते हुए देख रही थी ।

ममता तो सकपका गयी और हसने लगी - ये ये क्या कह रही हो भाभी,,भैया है वो मेरे

ममता ने बार बार मिन्नते की मगर रज्जो ने ठान लिया था कि हिसाब बराबर करवाना है और ममता भी अपने भाभी रज्जो की जिद और मस्तियो से वाकिफ थी ,,,वो जानती थी कि अगर वो यहा मना करेगी तो आगे जाकर उसकी भाभी उसके लिए कुछ बड़ा प्लान कर लेंगी ।

इसिलिए ममता ने भी ना नुकुर करते हुए अपने हाथ को ढिला कर दिया और मौका पाते ही रज्जो ने फटाक से एक हाथ से कुरता हटाया और पायजामे को हटा दिया और कमलनाथ का काला मोटा लण्ड सर उठाए टनटना गया ।

इधर ममता को इस बात की उम्मिद ही नही थी कि उसकी भाभी उसका हाथ मे उसके भैया का खुले लण्ड थमा देंगी ।इसके लिए ममता फिर से खिलखिलाते हुए कसमसाइ, मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी ।

ममता - यीईई भाभी ये गलत है उम्म्ंम्ं उह्ह्ह्ह

रज्जो ममता मी हथेली को उसके भैया के काले
लण्ड पर निचे झुलते आड़ो से लेकर उपर सुपाडे तक अच्छे से हाथो मे भर कर सहलवाने लगी ।
वही ममता अपने भैया के गरम सलाख से तपते लण्ड की सख्ती अपनी हथेली मे मह्सूस करके गनगना गयी ।
रज्जो की नजर ममता की तेजी से उपर निचे होती छातियों पर गयी और उसकी खराब हालत के चलते उसने उसे छोड दिया ।

ममता मौका पाते ही खीलखिलाते हुए कमरे से भागी और भागते हुए बोली - भाभी इसका बदला मै भी लूंगी देखना ।


रज्जो अपनी नन्द को भागता देख कर खिलखिलाई ।

जारी रहेगी
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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Behtareen shaandaar
Update bhai
Lajawab

Nice update bro

Romanchak aur Rochak. Pratiksha agle rasprad update ki

Bahut hi dumdaar aur jaandaar update.
Bahut hi acha khayal rakh rahe hain aap log humare mehmano ka...
Behatareen update bhai.. bahut hi maza aaya aur dekhna hai ki ye milan aage kya kya kaand karwata hai

fantastic update waiting for next

Happy new year aap ko bhi

Nice update

Awesome update

LATE HAPPY NEW YEAR 🎉🎇💟💟💟 BRO.... WAITING MORE.... BHAI PAPA
Aapki pratikriya k liye dhanywaad dosto

New update is posted
Read and review
 

Sanju@

Well-Known Member
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पीछले अपडेट मे आप सभी ने पढा कि जहा एक तरफ चमनपुरा मे राज ने चंदू के साथ उसकी बहन को चोदने का खाका तैयार कर लिया वही राज के मौसी के यहा यानी कि जानीपुर मे आये चोदमपुर के मेहमानो की मौज हुई पडी है । कमलनाथ ने पीने के बाद अपने जीजा के सामने नशे मे अपनी बीवी को शर्मीन्दा कर दिया । देखते है ये घटना क्या नये हंगामे खड़ी करेगी ।

अब आगे

राजन के कमरे से जाने के बाद रज्जो मन ही मन खुब मुस्कुराइ और थोडा बहुत अपने पति को गुस्से से लताड़ा भी ।

रज्जो मन मे - लग रहा है इनकी बकबक ऐसे ही रात भर चलेगी , और नंदोई जी के सामने क्या क्या बक गये । ना जाने क्या क्या सोच रहे होगे वो भी ।

रज्जो कुछ सोच कर रमन के पास फोन ल्गाती है और जल्दी घर आने को कहती है ।

रज्जो मन मे बुदबुदा कर - मै कहा सोने जाऊ अब , देख रही हू क्या हो सकता है ।

रज्जो ऐसे ही सोचते हुए सबसे निचे हाल मे आती है । जहा ममता राजन , पल्लवि और सोनल बैठ कर बाते कर रहे होते है ।

रज्जो - अरे भाई आप लोगो को सोना नही है क्या , कल और भी काम है ना ।

ममता रज्जो से मजे लेते हुए बोली - हम औरते और ये बच्चे तो सो तो जाये भाभी ,,लेकिन अपने नंदोई जी को कहा सुलाएंगि

रज्जो की नजर वापस से राजन से मिली और वो शर्म से झेप कर मुस्कुरा दी ।

रज्जो - अरे यहा कमरो की कमी नही है ।
बस थोडी साफ-सफाई नही हो पाई है कमरो की
फिलहाल दो ही कमरे साफ है । एक मेरा कमरा है तो वहा रमन के पापा सोये है , और एक रमन का कमरा है ।

राजन - ऐसा करिये भाभी , यही हाल मे ही बिस्तर लगवाईये ,,यही सोया जाये ।

ममता राजन को छेड़ते हुए - ओहो क्या बात है , हमारी भाभी के साथ सोने का प्लान बना रहे हैं

ममता - क्या भाभी , कुछ जादू कर दी हो क्या इनपे

रज्जो और राजन की नजरे मिलती है और रज्जो शर्म से लाल हो जाती है , मगर उसे भी अपनी ननद का जवाब देना ही था ।
रज्जो - अरे जादू तो तुम की अपने भैया पे ,,,की दारु पी टूल्ल है और तुमको ही याद कर रहे है ।

ममता भी अपने भाभी की मस्तीयो से खुब खिलखिलाई , वही सोनल और पल्लवि थोडा असहज मह्सूस कर रहे थे तो वो उठ कर जाने लगे ।

सोनल - मौसी हम आते है अभी फ्रेश होकर ,,तब तक आप लोग देख लो कहा सोना है हिहिहिही । चलो पल्लवि

फिर सोनल पल्ल्वी को लिवा कर पिछे आँगन मे लेके चली गयी ।
इधर हाल मे राजन - अब बस कर ममता , देख नही रही बच्चे है ।

रज्जो अब थोडा खुल कर - अरे जीजा जी , बच्चे समझदार थे तो चले गए , क्यू ननद रानी जाना है अपने भैया के पास

ममता भी मौका देख कर बहुत तगडा जवाब देती है वो भी खुल कर - अरे जब आपके जैसी भारी गाड वाली नही खुश कर पाई हमारे भैया को तो हमारा तो बहुत छोटा सामान है भाभी हाहहह्हहा

रज्जो पूरी तरह से झेप सी गयी और ममता के कन्धे को ठोकर मारकर सामने बैठे हुए राजन की ओर इशारा किया

ममता रज्जो को शर्माते देख और मजे लेती हुई बोली - अरे अपने नंदोई से क्या शर्माना भाभी , उन्होने तो हमारा नाप भी रखा है ,,क्यो जी

रज्जो ममता की बात सुन कर आंखे उठाकर राजन को ऐसे देखती है कि मानो पुछ रही हो कि ममता सच कह रही है क्या ।

राजन रज्जो को ऐसे घूरता देख सकपका जाता है - अब ब ब क् क क क्या कह रही हो ममता तुम ये सब
रज्जो हस कर - लग रहा है हमारी ननद रानी को भी उनके भैया की तरह चढ़ गयी है
राजन रज्जो की बात पर हसने लगता है
रज्जो - मै तो कह रही हूँ कि आज दोनो भाई बहन को मजे ले लेने दो ,,,क्यू जीजा जी

ममता - हा हा मुझे किनारे कर दो ताकि आप मेरे पति से अपनी मनमानी कर सको ,,खुब समझ रही हू भाभी आपकी चालाकी

इधर बाते आगे बढती की अनुज और रमन कुछ सामान लेके हाल मे घुसते है तो सारे लोग चुप हो जाते है ।

थोडी देर की झिकझिक और जद्दोजहेद के बाद रमन अनुज को लेके अपने कमरे मे चला जाता है । और बाकी लोग हाल मे हो बिस्तर डाल के सो जाते है ।

अब हाल मे स्थिति ये थी कि
एक तरफ पल्लवि फिर सोनल फिर रज्जो मौसी , फिर ममता और राजन ।

सारी लाईटस ऑफ़ की गयी और नाइट बलब जला दिये गये । फिर सारे लोग धीरे धीरे सोने लगे ।


एकतरफ जहा जानीपुर मे ये सब काण्ड हो रहे थे कि वही चमनपुरा मे राज के घर मे घमासान थ्रीसोम चुदाई हो रही थी


राज की जुबानी

एक राउंड पापा के साथ मा को चोदने के बाद हम तीनो एक दुसरे को देख कर हाफ रहे थे और मुस्कुरा रहे थे।

पापा - आह्ह आज कितने दिनो बाद मजा आया ओह्ह्ह

मै - मजा तो आपका रोज ही था पापा , पहले बुआ और इधर तिन रात मे मौसी भी हिहिहिही

पापा - हा बेटा सच मे मजा तो बहुत आया , तेरी मौसी और बुआ सच मे बहुत ही चुदवासी माल है

मै रज्जो मौसी को याद कर फिर से गर्म होने लगा - पापा एक बार मौसी या बुआ के साथ मुझे भी शामिल करो ना

मा गुस्सा दिखाते हुए - पागल हो गया है क्या तू

पापा - ओहो जान उसका भी मन है , वो भी बडा हो रहा है ना

मै उखड़ कर - हा वही ना

मा चिंता के भाव मे - लेकिन ये सब कैसे ,, आखिर रज्जो दीदी कैसे मानेगी इनसब के लिए,, और कही गुस्स्सा हो गयी तो

पापा हस कर मा के गाल को चूमते हुए - अरे मेरी जान रज्जो दीदी तो एक नम्बर की चुदक्क्ड है ,,वो भला एक साथ दो लण्ड के लिए क्यू मना करने लगी

मा - फिर भी
पापा - ओह्ह जानू अब मजा ना किरकिरा करो आओ चुसो इसे ,,,देखो रज्जो दीदी की याद मे खड़ा हो रहा है

पापा की बात पर मै और मा हसने लग जाते है ।
एक बार फिर हमारी धक्कम्पेल चुदाई होती है और हम लोग भी सो जाये है ।

अगली सुबह उठ कर हम सब अपने रोज के कामो मे लग जाते है ।



लेखक की जुबानी

एक तरफ जहा चमनपुरा की सुबह बहुत ही शांत और व्यस्त गुजरी ,, वही राज के मौसी के यहा कुछ अलग ही हंगामे के साथ सुबह की शुरुवात होने वाली थी ।

भई चोदमपूर से किरदार आये और मस्तीया ना हो ऐसे कैसे हो जाये ।
राजन और ममता तो गाव मे रहने के आदी थे तो उनको आदत थी सुबह ही उठने की ।

इसिलिए सबसे पहले राजन की नीद सुबह सुबह 4 बजे के करीब खुली और उसके साथ ही उन्के लण्ड ने पायजामे मे अंगड़ाई ली ।

हल्की रोशनी मे राजन मे एक बार गरदन घुमा कर सबको देखा और फिर उठ कर धीरे से पीछे आँगन की ओर चला गया । थोडी देर बाद फ्रेश होने के बाद वो वापस आता है और तभी ममता भी उठ जाती है ।

ममता कुनमूनाते हुए - उम्म्ंम उठ गये क्या आप जी
राजन - हा ममता अब रोज की आदत है तो ,,,
ममता उबासी लेते हुए - ठीक है आप सो जाओ थोडा देर ,मै आती हू पाखाने से

राजन ने उबासी लेते हुए वापस अपनी जगह लेट गया ।
मगर उसको नीद कहा थी , उसकी नजरे तो उससे एक हाथ की दुरी पर लेती उसकी गदराई सेक्सी सल्हज रज्जो पर थी ,,जिसकी गाड फैली हुई थी और वो करवट लेके राजन की ओर पीठ करके सोयी हुई थी ।

राजन अपनी सल्हज रज्जो के उभरे हुए कुल्हे और कमर देख कर उत्तेजित हो जाता है और पायजामे मे उसका लण्ड बगावात पर आजाता है ।

राजन मन मे - आह्ह रज्जो भाभी की गाड कितनी बड़ी है ,, मेरा साला कमलनाथ तो बहुत ही किस्मत वाला है । पता नही ये सो रही है कि जाग रही है। कल रात मे तो उसकी चुचीयो की उपरी झलक ही देखी थी । इनकी चुचियॉ की दरार बहुत गहरी है ।

राजन एक बार हौले से लण्ड को पायजामे है उपर से सहलाता तो उसे और भी उत्तेजना मह्सूस होती है ।
राजन स्वभाव से बहुत शान्त और समान्य दिखता हो ,,लेकिन कामूकता हावी होने पर वो अपना सन्तुलन खोने लगता है ।
[ उदाहरण के लिए KATHA CHODAMPUR KI मे UPDATE 115 पढ़े । जहा राजन के बारे मे उसके हवसी चरित्र का सुन्दर वर्णन हमारे TharkiPo भाई द्वारा किया गया है ]

राजन मन पर हवस हावी होने लगा था और वो आगे बढ़ कर रज्जो के गाड को मह्सूस करना चाहता था । वो थोडा खसक कर रज्जो की ओर बढा ,,कि रज्जो ने करवट बदली और सीधी लेट गयी ।

राजन थोडा सतर्क हुआ और उसकी नजर रज्जो की लम्बी लम्बी सांस लेती भारी छातियो पर गयी । जिससे राजन के लण्ड का कडकपन और बढ गया ।

राजन अब रज्जो के बिल्कुल करीब था उसकी तरफ करवत लिये हुए ।
उसमे थोडी हिम्मत की और एक हाथ से धीरे धीरे रज्जो की उस चुची पर ले गया जो मैक्सि के अंदर उसकी तरफ फैला हुआ था ।

बहुत ही हौले से राजन ने मैकसी के उपर से रज्जो की सास लेती चुची पर हथेली को रखा और उसको पुरे बदन मे कपकपी सी मह्सूस हुई । हवस राजन के दिमाग पर हावी होने लगा था ,,, और थोडा हिम्मत करके रज्जो की चुची को ऊँगलीयो से दबाया ,,, राजन को बहुत ही मुलायम सा अह्सास हुआ और रज्जो के कोई हरकत ना करने पर उसकी हिम्मत बढ़ी ,,उसमे वापस से एक बार अपने पंजो को फैला कर चुची को पकड लिया और हल्का हल्का दबाने लगा ।

राजन को बहुत ही उत्तेजना मह्सूस हो रही थी ।
वो एक हाथ से तेजी से अपना लण्ड मुठीयाये जा रहा था पायजामे के उपर से और वही दुसरा हाथ रज्जो को मुलायम चुची को पकड़े हुए था ।

तभी रज्जो थोडी कूनमूनाई और राजन ने अपनी पकड़ ढीली कर दी लेकिन हाथ वैसे ही रहने दिया रज्जो की छाती पर ।
इधर रज्जो की नीद खुल गयि और उसे इसका आभास होते ही कि उसके नंदोई का हाथ उसकी छाती पर है वो सिहर उठी ,उसकी सांसे तेज हो गयी ।

रज्जो मन मे - ये नंदोईजी का हाथ यहा कैसे ,,और ममता कहा चली गयी । कही ये नीद मे तो नही है ना

रज्जो एक बार धीरे से चेक करने के लिए बोली- जीजा जी

राजन को ये आभास हुआ कि रज्जो जाग गयी तो उसकी फट गयी और उसे समझ नही आ रहा था कि क्या करे ,, उसने अपने पायजामे से लण्ड की पकड को ढिला किया और वैसे रुका रहा ।

राजन से जवाब ना पाकर रज्जो को लगा शायद उसका हाथ नीद मे ही आ गया तो उसने बडी सावधानी से राजन का हाथ अपनी छाती से हटाया और वापस उसी की ओर करवट लेके घूम गयी ।
लेकिन रज्जो को अभी भी शक था कि राजन कही जाग तो नही रहा इसिलिए वो लगातार आंखे खोले राजन को निहार रही थी ।
वही राजन अपनी आंखे भींचे डर रहा था कि कही उसकी सल्हज ने शक तो नही किया एक बार देखू क्या ,,,

तभी ममता हाल मे आ जाती है और रज्जो को ऐसे अपने पति के करीब और सामने से उसको घूरता देख मुस्कुराती है । फिर वो राजन के पीछे की खाली जगह पर लेट जाती है और अपने कोहनी के बल पर सर टिका कर करवट लेके रज्जो की ओर मुह कर लेती है ।

ममता हस कर खुसफुसाते हुए - क्या बात है भाभी , बडे ध्यान से निहार रही है मेरे पति को

रज्जो मुस्कुरा कर - नजर रख रही हू , कही तुमको समझ कर मुझे ही ना दबोच ले इसिलिए

तभी ममता राजन के पीछे से चिपक कर रज्जो के सामने ही राजन के पायजामे के उपर से लण्ड पकड कर बोली - नजर तो आपकी सिर्फ इसपे है भाभी हिहिहिही ,,लेकिन मिलेगा नही ।

राजन जो अबतक किसी तरह गुमसुम होकर सोने का नाटक करते हुए अपनी कामोत्तेजना को रोके हुए था ,वो ममता के हाथो का स्पर्श अपने लंड पर पाकर गनगना गया ।

रज्जो हस कर - मेरे लिए तुम्हारे भैया ही काफी है ,,हा तुम्हे कम पड रहा हो तो कहो ,,बात करू तुम्हारे भैया से

ममता ह्स कर - क्या भाभी आप भी शुरु हो गयी सुबह सुबह

रज्जो मुस्कुरा कर खुसफुसा कर बोली - शुरु तो मेरी ननदरानी हो गयी है ,,,जो सुबह सुबह ही जीजा जी का खुन्टा पकड लिया ।

ममता हस कर धीमी आवाज मे - आपका मन हो तो आप भी पकड लो ,,आपके जीजा जी बुरा नही मानेगे ।

ये बोल कर ममता रज्जो के सामने ही राजन का लन्ड़ पाजामे के उपर से मुठीयाति है और ये देख कर रज्जो की सांसे भारी होने लगती है ।
रज्जो तो एक नम्बर की रान्ड औरत थी ,,खड़ा लण्ड उसकी कमजोरी थी चाहे किसी का भी क्यो ना हो । धीरे धीरे उसके हाथ चटाई पर निचे की ओर सरक रहे थे ।
ममता ये सब बखूबी देख रही थी और उसने आगे की ओर लपक कर मस्ती मे रज्जो का हाथ पकड कर राजन मे खडे लण्ड पर रख कर दबा दिया ।

रज्जो मे मुह से सिसकी निकल गयी और वही राजन की हालत बहुत ही ज्यादा खराब होने लगी । ममता की मस्ती उसपे भारी पडने लगी और रज्जो के हाथो का स्पर्श पाकर वो बहुत उत्तेजित होने लगा था ,,जिससे उसका लण्ड फड़कने लगा ।

लण्ड के फड़कने से रज्जो का ध्यान टूटा तो वो अपना हाथ ममता के हाथ से छूड़ाने की कोसिस करती हुई - ओह्ह्ब पागल ,ये क्या कर रही है ममता ,,जीजाजी जग जायेंगे छोड

ममता भी हस्ते हुए एक बार अच्छे से रज्जो की हथेली को राजन से आड़ो तक पकड कर रगड़ा और छोड दिया ।

ममता हस कर धीमी आवाज मे - हिहिहिही क्यू भाभी मजा आया ना
रज्जो शर्म से लाल होते हुए धीमी आवाज मे हस्ते हुए बोली - बहुत मजा ले रही है ना तू ,, मैने भी तेरे भैया का लण्ड तुझसे ना पकडवाया तो मेरा नाम रज्जो नही ।

यहा ननद भौजाई की मस्ती और जोक जारी रहे वही दोनो के बीच थोडी सी मस्ती के चक्कर मे राजन की हालात बहुत खराब हो गयी थी ।
हालत खराब तो रज्जो की भी हो गयी थी इसिलिए वो बाथरूम का बहाना मार कर निकल गयी । वही रज्जो के जाते ही राजन पलट कर ममता पर झूठ का गुस्सा दिखाता हुआ - ये क्या पागलपन है ममता हा
ममता ने वापस से राजन के लण्ड को आड़ो सहित दबोचते हुए बोली - उम्म्ंम्ं क्यू अपनी सल्हज का स्पर्श पसन्द नही आया हम्म्म

राजन सिहर उथा और उसने ममता को दबोच कर उसकी गाड़ को मसलने लगा ।

ममता - ओह्ह बस करिये मेरे राजा ,,बच्चे है पास मे
राजन ममता की साडी के उपर से उसकी चुचिया दबाते हुए बोला - अभी तक बच्चे नही थी क्या हम्म्म ,, अब ये खड़ा हो गया है ,इसे शान्त तो कर दे ।

ममता - क्या जी मै तो ब्स मजाक कर रही थी ,,यहा कैसे मै ,समझो ना आप
राजन कसमसा कर - मुझसे रहा नही जा रहा है ममता ,,,तू इसे चुस दे बस

ममता - अरे भाभी आँगन मे गयी है आती ही होगी ।

राजन - अरे अंधेरा है ममता ,,जल्दी से कर दे ना , मै काफी गरम हू ज्यादा समय नही लगेगा

ममता मुस्कुराइ और उठ कर राजन के पैर के पास बैठ गयी । तब तक राजन ने अपना पाजामा खोल कर लण्ड बाहर निकाल दिया ।
ममता मे लपक कर वो लण्ड मुह मे भर लिया और चूसने लगी । इधर राजन और ममता बगल मे सोते हुए बच्चो से ही क्या जागती हुई रज्जो से भी बेखबर थे ।
वही रज्जो धीरे धीरे हाल मे आ चुकी थी ।

रज्जो ने सोचा अब सुबह होने को है तो हाल की बत्ती जला दू और वो धीरे से बोर्ड के पास गयी और स्विच ऑन कर दिया ।

अचानक से उसकी नजर ममता पर गयी जो राजन का लण्ड आधा मुह मे भरी हुई थी , वही राजन गरदन उठाये रज्जो की ओर देख रहा था ।

रज्जो को अपनी गल्ती का अह्सास हुआ और वो फौरन बत्ती बुझा दी ।

रज्जो मुस्कराती हुई दबी हुई हसी के साथ - सॉरी ममता , मुझे नही पता था ।

इधर ममता राजन पर गुस्सा थी और वो उसे धीमी आवाज मे डांट रही होती है ।
रज्जो मारे शर्म के उपर चली जाती है अपने पति के कमरे मे । जहा कमलनाथ अभी भी खर्राटे भर कर सो रहा होता है ।
मगर निचे से आने के बाद वो इतनी गरम मह्सूस कर रही थी कि उसे बिना लण्ड के सुकून कहा । वही कमलनाथ का लण्ड भी उसके पायजामे में सुबह की बेला मे तनमनाया हुआ था ।
रज्जो को लण्ड की बहुत ही ज्यादा तलब मह्सूस हो रही थी , इसिलिए वो जल्दी मे दरवाजे को बस भिड्का दी और फटाफट कमलनाथ का लण्ड निकाल कर उसे चूसना शुरु कर दी ।

वही निचे हाल मे राजन और ममता काफी शर्मिंद्गी मह्सूस कर रहे थे ।

राजन - ममता ये ठीक नही हुआ ,,,हम मेहमान है और भाभी जी ने हमे ऐसे देख के उपर चली गयी । हसी मजाक तो अपने जगह पर

ममता भी राजन के बातो मे आ गयी - हम्म्म मुझे भी कुछ अजीब सा लग रहा है,ना जाने भाभी क्या सोच रही होंगी

राजन - चलो हम लोग उपर चलते है , एक बार माफी मांगना हमारी जिम्मेदारी बनती है ।

ममता भी उतरे मन से - हा जी सही कह रहे है,,नही तो अभी शादी तक हमे यही रहना है तो कब तक नजर चूराते हुए फिरेंगे ।

फिर वो दोनो सीढि से उपर कमलनाथ के कमरे की ओर आये ,,,जहा अंदर रज्जो सबसे बेफ़िकर होकर पूरी तरह से पागलो के जैसे अपने पति का लण्ड गले तक उतारे हुए उसके मोटे बडे बडे आड़ो को सहलात रही होती है ।
उसी समय ममता और राजन दरवाजा खोल कर बिना दस्तक के ही कमरे मे घुस जाते है और कमरे का सीन देख कर ठीठक कर रह जाते है ।


ममता और राजन की आंखे फटी रह जाती है जब वो रज्जो को कमलनाथ का 7 इन्च का लण्ड अपने गले से निकालता हुआ देखते है ।

ममता की नजरे अपने सोये हुए भाई के मोटे काले लण्ड पर जमी होती है ,वही राजन के दिल की धड़कन ये सोच कर बढने लगती है कि अगर रज्जो उसका लण्ड मुह मे लेगी तो क्या होगा ।

वही रज्जो एक बार फिर से खुद को शर्मिंदा कर लेती है और फटाक से अपने पति का काला लण्ड पर पायजामा चढाते हूए - अरे आप लोग यहा

मगर पायजामा चढ़ाने के बाद भी लण्ड बहुत साफ दिख रहा था और ममता की निगाहे वही जमी थी । रज्जो को इसका अह्सास होते ही वो कमलनाथ का कुर्ता ही खिच कर सही करती है ।
इधर राजन बिना कुछ बोले खसक लेता है बाहर की ओर
रज्जो फटाक से उठती है दरवाजा बन्द कर देती है ।

ममता खीसखीसा कर हसी और बोली - माफ करना भाभी ,,मेरी वजह से आपका अधूरा रह गया

रज्जो मुस्कुरा कर - तू यहा क्या करने आई थी ,,,अपने भैया का खुन्टा पकडने हम्म्म

ममता ह्स्ते हुए - मै कैसे पकड सकती हू भाभी ,,भैया का खुन्टा तो आपने हड़प रखा था

रज्जो आंखे बडी करके हस कर ममता को देखने लगती है ।
वही ममता को अभी थोडी देर पहले हुए हंगामे से इतनी हसी आ रही थी की वो क्या बोल गयी फलो मे उसे खुद नही समझ आया और जब रज्जो ने उसे घूरा तो उसे अपनी गलती का अहसास हुआ और वो अपना माथा पीट कर बोली ।
ममता - माफ करना भाभी मै जा रही हू ,, पता नही आज का दिन ही ऐसे सुरु हुआ तो आगे क्या होगा ।

मगर रज्जो ऐसे कैसे जाने देती वो लपक कर ममता को पकडते हुए बिस्तर तक खिच कर ले आई ।
रज्जो ममता का हाथ पकड कर - ऐसे कैसे मेरी लाडो ननद रानी , इतना अरमान लेके आई हो तो बिना भैया का खुन्टा पकडे चली जाओगी ।

ममता समझ गयी कि क्या होने वाला है तो हस कर छ्टकने लगी ।
रज्जो उसका हाथ पकड कर - देख ममता अभी तेरे भैया सोये है तो जो मै कह रही हू कर दे ,,,नही अगर जग गये तो मै तो बोल दूँगी की आपकी बहन मुझे छिप कर आपका काला लण्ड चुसते हुए देख रही थी ।

ममता तो सकपका गयी और हसने लगी - ये ये क्या कह रही हो भाभी,,भैया है वो मेरे

ममता ने बार बार मिन्नते की मगर रज्जो ने ठान लिया था कि हिसाब बराबर करवाना है और ममता भी अपने भाभी रज्जो की जिद और मस्तियो से वाकिफ थी ,,,वो जानती थी कि अगर वो यहा मना करेगी तो आगे जाकर उसकी भाभी उसके लिए कुछ बड़ा प्लान कर लेंगी ।

इसिलिए ममता ने भी ना नुकुर करते हुए अपने हाथ को ढिला कर दिया और मौका पाते ही रज्जो ने फटाक से एक हाथ से कुरता हटाया और पायजामे को हटा दिया और कमलनाथ का काला मोटा लण्ड सर उठाए टनटना गया ।

इधर ममता को इस बात की उम्मिद ही नही थी कि उसकी भाभी उसका हाथ मे उसके भैया का खुले लण्ड थमा देंगी ।इसके लिए ममता फिर से खिलखिलाते हुए कसमसाइ, मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी ।

ममता - यीईई भाभी ये गलत है उम्म्ंम्ं उह्ह्ह्ह

रज्जो ममता मी हथेली को उसके भैया के काले
लण्ड पर निचे झुलते आड़ो से लेकर उपर सुपाडे तक अच्छे से हाथो मे भर कर सहलवाने लगी ।
वही ममता अपने भैया के गरम सलाख से तपते लण्ड की सख्ती अपनी हथेली मे मह्सूस करके गनगना गयी ।
रज्जो की नजर ममता की तेजी से उपर निचे होती छातियों पर गयी और उसकी खराब हालत के चलते उसने उसे छोड दिया ।

ममता मौका पाते ही खीलखिलाते हुए कमरे से भागी और भागते हुए बोली - भाभी इसका बदला मै भी लूंगी देखना ।


रज्जो अपनी नन्द को भागता देख कर खिलखिलाई ।

जारी रहेगी
बहुत ही कामुक और गरमागरम अपडेट है
 
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