• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
7,895
22,287
189
कुछ मेडिकल इमर्जेंसी की वजह से इन दिनों व्यस्त हूं दोस्तो और परेशान भी 🥲
समय मिलने पर अपडेट दिया जायेगा और सभी को सूचित किया जाएगा ।
तब तक के लिए क्षमा प्रार्थी हूं
🙏

 
Last edited:

Lutgaya

Well-Known Member
2,159
6,413
159
बडा भी है और मजेदार भी
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
7,895
22,287
189
भाईयो दो दिन के लिए आउट ऑफ टाउन जा रहा हूँ
तो अगले दो दिन यानी शनिवार और रविवार को अपडेट नही दे पाऊन्गा ।
और चुकी मुझे आज दोपहर तक ही निकलना है तो आज रात का अपडेट अभी 9 बजे तक दे दूँगा ।

आप सभी अपना प्यार बनाये रखें और कहानी का आनन्द ले ।
धन्यवाद
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
7,895
22,287
189
Update 35

अब तक

मै चंदू के जज्बाती बातो से बहुत हस रहा था और फिर थोडी देर बाद मैने उसको विदियो भेजने का बोल कर कॉल कट कर दिया ।
रात मे 8 बजे तक मै भी दुकान बंद करके उपर गया और मोबाइल दिदी को देके बोला चार्ज मे लगा दो ,,, फिर हम लोग खाना खाने बैठ गए ।
अब आगे

हम सब लोग एक साथ खाना खाने बैठ गये 6 चेयर वाले टेबल पर । पापा बुआ के बगल मे , बुआ के बगल मे अनुज , अनुज के बगल वाली सीट खाली थी , उसके बाद मै और फिर मेरे बाद मा बैठि थी जो पापा के दुसरे साइड बैठी थी ।
फिर दिदी ने सारा खाना पानी टेबल पर रखा फिर मेरे और अनुज के बीच बैठने के लिए चेयर खीचा दीदी ने तो मैने अपना हाथ उल्टा कर चेयर पर रख दिया ,,, और दीदी को तिरछी आँखो से इशारा करते हुए मेरे हाथ पर बैठने को कहा ,, बदले मे दीदी मुसकुराते हुए एक मुक्का मेरे कन्धे पे मारा और मेरा हाथ हटते ही तुरंत बैठ गयी ,,, और मुस्कुराते हुए खुद की प्लेट मे खाना निकालने लगी ।
दीदी ने इस समय एक काटन का पटियाला सूट सलवार पहना था। वो ज्यादतर सिम्पल ड्रेस ही पहना करती थी ।
मै भी खाना निकाला और खाना शुरू कर दिया। मैने एक नजर मा की तरफ देखा तो वो पापा से कुछ इशारे कर रही थी और खाना भी खा रही थी ।
इसी बीच मैने अपना पैर चप्पल से निकाला और चुपचाप दीदी के पैर के उपर रख दिया,,,, और तिरछी नजर से दीदी को देखा तो उनकी आंखे बड़ी हो गई थी और मुह मे निवाला रुक गया था ।
मै भी मज़े लेटे हुए

मै - अरे दीदी क्या सोच रही हो खाओ ना
दीदी हड़बड़ा जाती है और मुझे हसी आ जाती
पापा - क्या हुआ सोनल कोई दीक्कत तो नही है न बेटा
दीदी - नही पापा खा तो रही हू और मेरी जान्ध पर चींटी काटती है

मै -उह्ह्ह्ह्ह क्या कर रही हो दीदी ,,,मै उनकी तरफ झुक कर फुसफुसाया
दीदी ने अपने पैर पर रखे मेरे पैर को दिखाया
मैने वापस अपना पैर हटा लिया और दीदी मुस्कुराने लगी ।
फिर ऐसे ही मस्ती मे हमलोगो ने खाना खाया और छत पर चले गए ।
छत पर
एक बड़ी चटाई बिछायी गयी ,, जिसपे एक साइड मे पापा लेट गये ,, उनके बगल मे मा बैठी और अनुज मा क गोद मे लेट गया, बुआ मा के बगल मे थी और मै दीदी छत पर चार दिवारी से दुसरी तरफ देख रहे थे । एकदम हल्की चांदनी रात थी ,,,, आसमान मे जुगनु और तारे थे ।

पापा - तब कल के लिए पैकिंग हो गई रगिनी
मा - हा जी हो गई है
पापा - तब कब से निकलना है
मा - सुबह 9 बजे तक

मै की बात सुनते ही दीदी का हाथ पकड लिया
दिदी धिमी आवाज मे - क्या कर रहा राज सब यही है
मै - दीदी कल मै चला जाऊंगा दो दिन के लिए
दीदी - तो वापस तो आयेगा ना
मै - लेकिन आपकी याद आयेगी ना और मै तड़पुँगा आपके लिए
दीदी - अच्छा जी तो क्या करूं कि आप ना तडपो ,मै भी चलू
मै - नही उसकी जरुरत नहीं है,, एक चुम्मे से भी काम चल जायेगा ,,,
दीदी - पागल है क्या देख नही रहा यही सब है ।
मै - इधर नही वो जीने के दुसरी तरफ चलो टहलते हूए ,,बस एक किस्स और वापस आ जायेंगे
दीदी - क्या कह रहा है तू कोई देख लेगा तो आज ही शुरू हुई लव स्टोरी का the end हो जायेगा

मै - प्लीज ना प्लीज ,,,मै जा रहा हूं अगर मेरे से प्यार करते हो तो जीने की तरफ आ जाना
फिर मै धीरे धीरे जीने की तरफ पीछे चला गया ।
इधर मा पापा और बुआ आपस मे बाते किये जा रहे थे नॉर्मल ही ।

मैं बेचैनी से दीदी का इन्तजार कर रहा था और करीब 2 मिंट बाद दीदी मेरी तरफ आने लगी ,,मै खुश हो गया
दीदी - ये क्या पागलपन है राज , कब तक तू ऐसे मेरे प्यार की परीक्षा लेगा भाई ,,,आखिर कब तू ये सम.....
इससे पहले दीदी कुछ और ज्ञान देती मैने लपक कर दीदी के होटो को अपने होटों से जोड लिया और चूसने लगा और फिर दीदी ने भी मेरा साथ देने लगी,,,मैने उनकी मुलायम कमर मे हाथ डाला और अपने करीब लाकर अपने जीभ को उन्के मुह डाल दिया और दीदी मेरे जीभ को चूसने लगी । फिर मै उनके होठो से हट कर उनको खुद से चिपकाये हुए उनके मुलायम चिकनी गालो को चूमने लगा और धीरे धीरे उनके कान को जीभ से स्पर्श करने ल्गा , जिससे दीदी की सांसे नशीली होने लगी और उनके हाथ मेरे पीठ और कमर पर रेगने लगे ,,, कान से होते हुए मैने उनकी सुराहिदार गले की खुस्बू को सूंघते हुए उनके कंधे पर अपनी नाक और होठ रगड़ने लगा ,, दीदी पुरे जोर से मुझे अपने आप से चिपकाये हुए बहुत ही हल्की और बेहद नशीली आहे भरते हुए सिसक रही थी । फिर मैने उनको एक जोरदार किस्स्स करके छोड दिया और वापस टहलने लगा जबकि दीदी वही जिने की दीवाल के सहारे सांसे बराबर रही थी । मै एक नजर पापा की तरफ डाली और वापस टहलते हुए दीदी के पास गया और देखा दीदी दीवाल से टिक कर आंखे बन्द किये सांसे ले रही है तो मै वापस से झुक कर दीदी के होठो को चूसने लगा । मेरे होठ जैसे ही दीदी के नरम होठो को छुते है दीदी लपक कर मेरे उपरी होठ को दबा लेती है और चूसने लगती है । मैने दिदी के दोनो हाथों को पकड कर दीवाल पर उपर टिका के जोरदार और गहरी किस्सिंग करने ल्गा ,,,हम दोनो एक दुसरे की होठो को चुस्ते हुए एक दूसरे की जीभ को चूसना चाह रहे थे । थोडी देर बाद मै फिर अलग हुआ तो दीदी मेरे सीने से लिप्त कर मुझे गले लगा लिया
दिदी - आई लव यू सो मच भाई ,,, आई लव यू
मै - आई लव यू टू दीदी ,,,
दीदी - भाई मै भी चलू कल मामा के यहा ,,,मेरा मन नही लगेगा यहा अकेले तो
मै - नही दीदी मै दो दिन मे आ जाऊंगा ना ,,, थोडा तडपना भी चाहिये प्यार मे
दीदी - मुझे बहुत याद आयेगी तेरी
मै - मै जलदी आ जाऊंगा
फिर हम लोग अलग हुए और टहलते हुए मा पापा की तरफ चले गये ।मै दीदी को अपनी तरफ पूरी तरह से लुभा चूका था और वो धीरे धीरे मेरे जिस्मानी हरकतो के लिए पागल होने लगी ।

मा - सोनल अनुज को लिवा जा ये सो रहा है यहा
दीदी - ठीक है मा ,, चल अनुज निचे चलते हैं
मा - राज तू कहा सोयेगा बेटा
मै - जहा आप लोग सोवोगे
मा - मै तो यही सोऊंगी आज
मै - तो मै भी यही सो जाता हू
फिर मै बुआ के बगल मे लेट गया और दिदी अनुज को लिवा के निचे चली गई ।

बुआ - चलो भाभी लेट जाओ ऐसे ही बाते करनी ही है ना
मा - हा दीदी सही कह रही है
फिर बुआ मेरे बगल मे और मा बुआ और पापा के बीच मे लेट गयी ।

बुआ - अरे भाभी आपको गर्मी नही लग रही है क्या आप साडी पहनी हो
मा - गर्मी तो है दीदी
पापा - अरे तो साडी निकाल दो ना रागिनी ,,,
मा - हा ठीक है रुकिये
फिर मा खड़ी होती है और अपनी साडी निकाल लेती है साथ मे ब्लाउज भी क्योकि मा ने ब्रा पहन रखा था ।
मा अब पेतिकोट ब्रा मे आ गई थी उनकी कसी चुचियो को देखकर लण्ड अंगड़ाई लेने ल्गा । फिर मा लेट गई और मै बुआ की तरफ करवट लेके घूम गया ताकि होने वाली घटनाओ पर नजर डालें रखु ।
इधर पापा मेरे सोने का इन्तेजार कर रहे थे और मैने धीरे धीरे बुआ की चुचिया टीशर्त मे हाथ डाल के सहलाए जा रहा था जिससे हल्का हल्का बुआ नशे में जाने लगी थी ।
बिच मे पापा और बुआ अपने बचपन की बाते मा को बता रहे थे । कारिब 20 मिंट बाद पापा - राज सो गया दीदी
बुआ जानती थी कि मै जाग रहा हू और उनकी चुचे को सहला रहा हू ।
बुआ - हा भैया सो गया है ये तो
पापा - रगिनी जानती हो बचपन मे मै जंगी और क्म्मो, दीदी के उपर ही सो जाते थे
मा - अच्छा सच मे क्या दीदी
बुआ - हा भाईया और आप वो क्यू नही बताते की आप मुझे भैस बोल कर क्यू चिदाते थे ,,वो भी बताओ ना अपनी शरारते कौन ब्तायेगा

मा - क्या जी आप भी ऐसे कोई बोल्ता है अपनी दीदी को
पापा - वो मैने नही रखा था नाम ,, वो तो ह्मारे मामा का लड़का लखना ने रखा था
मा - अरे लेकिन क्यू
पापा - वो कहता था कि दीदी का पिछ्वाडा चलने पर भैस जैसा हिलता है और दूध भी भैस की थन जैसी है

मा - हा वैसे बात तो ठीक बोला था वो
बुआ - क्या भाभी आप भी
मा - क्यू कौन सा गलत बोला था वो एकदम सही बोला हिहिहिही
पापा - अरे दीदी मै तो भूल ही गया
बुआ - क्या भैया
पापा - वो शर्त जो जीत था मै
बुआ - अरे हा ,,मागो भैया क्या चाहिये आपको
पापा - वो मुझे आज फिर से बचपन की तरह आपके उपर सोना है
मा - क्या जी आप भी ,,राज यही है कुछ तो लिहाज करो

बुआ - कोई बात नहीं भाभी वो सो गया ,, वैसे भी भईया शर्त जीते है तो
इस समय मै बुआ के नंगे पेट को सहला रहा था
पापा - तो क्या मै आ जाऊ दीदी
बुआ - हा भैया आ जाओ ना ,,बचपन की यादे ताज़ा हो जायेगी ,,,
अब पापा मा और बुआ के बिच आ गये ।

मै अब और ज्यादा उत्तेजीत होने ल्गा कि अब जल्द ही पापा बुआ की गर्म चुत में लण्ड डालेंगे ।
बुआ ने मेरा हाथ अपने पेट से हटा दिया क्योकि वो नही चाहती थी कि किसी को पता चले मै जाग रहा हूँ ।

मा - तो जी कैसे सोते थे आप दीदी के उपर
पापा - दीदी को पहले पेट के बल सोने की आदत पड़ गई थी और मै जब दीदी को सोते देखता तो इनके पीठ पर सोकर हाथ आगे ले जाकर कस कर पकड लेता था ।

मा - क्या सच मे दीदी
बुआ - हा भाभी और कभी कभी तो सिर्फ अंडरवियर मे ही उपर चढ़ जाता था
मा - सच मे आप आज भी वैसे ही हो शरारती
बुआ - वो कैसे भाभी
मा - अरे आपके जाने के बाद अब मेरे ऊपर पीछे से चढ़ कर सोते हुए हाथ आगे ले जाकर मुझे परेशान करते है ।
बुआ - हीहीहि सच मे क्या भाभी
मा - अरे उतना करते तो ठीक था
बुआ - अच्छा ऐसा क्या करते है
फिर मा उठ कर बैठ गई
मा - रुकिये मै इन्ही से करवा के बताती हू आप जरा पेट के बल एक पैर फ़ोल्ड करके सोईए और दोनो हाथो को सर के निचे कर लिजीये ।
मा के बताये अनुसार बुआ ने करवट लेकर गान्ड उथाये वैसे ही लेट गयी और मा की तरफ चेहरा कर जिससे उनकी एक चुची भी उसी तरफ चटाई पर फैल गये जिस तरफ बुआ का चेहरा था ।
मा - चलिये जी अब आप दिदी के उपर आ जाईये ।
फिर पापा उठे इस समय वो एक जांघिये बनियान मे थे और दोनो पैर बुआ की कमर के दोनो तरफ रखा और धीरे-धीरे बुआ की उठी गाड़ पर लण्ड को रख के बुआ के उपर आ गये और बुआ के चेहरे पर अपना चेहरा रखा

मा - हा ठीक है अब अपना हाथ से दीदी का एक दूध पकड़ीये

पापा - ये क्या कह रही हो रागिनी
बुआ - अरे कोई बात नहीं भैया आप पकड लो मै कह रही हू ,,,वैसे भी आप कोई गैर थोडी हो
मा - अब चलो पकड़ो
फिर पापा ने बुआ की चूचि को थामा
मा - हा अब अपनी कमर को हिलाते हुए दीदी के दूध को दबाओ
पापा का लण्ड तो कबसे ही बुआ की गान्द पे रेग रहा था और पापा ने मा के कहे अनुसार बुआ की चुची को दबाना शुरू किया ।


To be continue in next update from Monday.
 
Top