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अध्याय 02 का नया भाग अपडेट 015
पेज नंबर 1266 पर पोस्ट कर दिया गया है
कृपया पढ़ कर रेवो जरूर करें ।
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Shukriya bhaiगज़ब दोस्त,
लगता है कि हर घर में चुदाई ही चुदाई है।
काश.............
Nice update bro..UPDATE 132
पिछले अपडेट मे आपने पढा कि एक ओर जहा राज ने निशा को अनुज और राहुल की चाहतो के बारे मे बताया । वही दुसरी ओर अनुज ने राहुल को चैलेंज कर दिया कि निशा को चोद के दिखाये ।
राहुल ने अनुज की चुनौती को स्वीकार तो लिया है लेकिन क्या वो इसमे कामयाब हो पायेगा ।
अब आगे
लेखक की जुबानी
काफी सोच विचार के बाद राहुल ने तय किया कि वो उसी कहानी के हिसाब से निशा दीदी से नजदीकिया बढाएगा ।
फिर वो अपने कमरे मे गया जहा उसने अपने अंडरवियर निकाले और सिर्फ लोवर पहन कर किचने की ओर चल दिया जहा निशा और उसकी मा शालिनी खाना बना रही थी ।
राहुल किचन के दरवाजे पर आकर अन्दर निशा को काम करते देखा । उसकी नजरे प्लाजो मे कसी हुई निशा के उभरी हुई चुतड के पाटो पर थी ।
राहुल ने आंख बंद की और एक गहरी सास लेते हुए अपना लण्ड से लोवर को नुकीला करता हुआ निशा के बगल मे आकर अपना लण्ड का सिरा बडी हिम्मत के साथ निशा के जांघ पर टच करवाता है ।
निशा ऐसे अचानक से राहुल को अपने पास आकर खड़ा देखी तो चौकी फिर उसे राहुल मुस्कुराता और हल्का हल्का हिल्ता नजर आया ।
निशा ने जैसे ही नजर निचे की उसकी आंखे बडी हो गयी क्योकि राहुल अपने लण्ड को लोवर के अन्दर से उसकी जांघ के पास घिस रहा था ।
निशा तुरंत उस्से दुर हुई और बोली - ला दे मेरा मोबाइल
राहुल खिखी हसा - हिहिही लो दीदी ऐण्ड थैंक यू
ये बोलते हुए राहुल निशा के गालो चूम कर भाग गया
निशा को ये बिल्कुल भी पसन्द न्ही आया और चीखी -चीईई बन्दर कही का ,,,मम्मी देखो ना राहुल ने क्या किया ।
राहुल किचन के बाहर हस रहा था
शलिनी - अरे क्या हुआ ? अब तुम दोनो का झगड़ा फिर से शुरु हो गया । क्या किया उसने ?
निशा अपने गाल पोछते हुए - देखो ना ये मेरे गाल पर चुम्मी करके गया ,,,बन्दर कही का
राहुल हस्ता हुआ - अरे मैने तो मोबाइल देने के लिए थैंकयू बोला मम्मी बस
फिर राहुल बाहर भाग गया कि कही उसकी मा उसे डांट ना लगा दे ।
शलिनी हस कर - अरे तो इसमे क्या हुआ । भाई है तेरा और वैसे भी तुने कम चुम्मिया ली है क्या उसकी छोटे पर हिहिहिही
निशा खीझ कर - मम्मी वो बचपन की बात थी , अब वो गैन्डे के जैसे बड़ा हो गया है ।
शालिनी - ओह्हो तु क्या इस बहस मे लगी हुई है भई,,,जल्दी से सब्जी काट मुझे खाना ब्नाना है । तू और तेरा भाई बाद मे समझ लेना
निशा अपनी मा से कोई बहस नही करना चाहती थी और वो बस मन मे बुदबुदाइ - इसको तो मै अच्छे से सबक सिखाऊन्गी ।
निशा मन मे- राज सही कह रहा था । मुझे चोदना चाहता है ना ,,,ऐसा परेशान करूंगी कि लन्ड अकड कर रह जायेगा उसका
फिर निशा ये सोच कर खिस्स से हस पडी कि क्या होगा जब राहुल का लण्ड की गर्मी से खुब परेशान हो जायेगा और उसे शान्ति नही मिलेगी । दिनभर खड़ा लण्ड लेके घूमेगा हिहिहिही
राज की जुबानी
शाम को अनुज वापस आया और वो काफी खुश लग रहा था तो
मै - क्या हुआ छोटे बहुत खुश लग रहा है ,,,कोई लड़की लाईन दी क्या तुझे हिहिहिही
अनुज शर्मा कर हस्ता हुआ - हिहिहिही नही भैया ,,वो बस ऐसे ही
मै उसे टटोलता हुआ - नही नही देख रहा हुआ आजकल बड़ा मुस्कुराता रहता है तू । हम्म्म्म किसकी याद आ रही है हा , पल्लवि की
अनुज पल्लवि का नाम सुन कर चौका - न न नही तो ,,उसको क्यू याद करुंगा मै
मै हस कर - क्यू वो अच्छी नही लगती क्या तुझे ,,भई मुझे तो बडी मस्त लगी हिहिहिही
अनुज थोडा रुक कर -हा मतलब ठिक ठाक है लेकिन ऐसी भी नही कि याद की जाये हिहिहिही
मै समझ गया कि अनुज कितना चालाक हो गया है कि किस बात को कैसे टाला जाये । बडी सफाई से उसने खुद को बचा लिया और पल्लवि के बारे मे कोई बात ही आगे नही बढने दी ।
मै - ओह्ह लग रहा है कोई और मिल गयी है क्यो छोटे उस्ताद
अनुज हस कर - नही भैया कोई और कैसे .....।
अनुज की आवाज अटक गयी क्योकि दुकान पर एक मस्त जवाँ भरे जिस्मो वाली लडकी सूट सलवार मे आई थी।
मै अनुज की प्रतिक्रिया देख कर मुस्कुरा दिया और सम्झ गया कि लौंडे को बडी चुचिया कितनी पसन्द है ।
मैने उसे चेताया और ग्राहक को समान देने को कहा ।
पहले के मुकाबले अनुज का आत्मविश्वास बदल चुका था ।
मौसी के यहा से आने के बाद इधर हाल ही के दिनो मे अनुज मे जबरदस्त बदलाव मह्सूस किये मैने ।
अब वो हसिन लड़कीयो को देख कर नजरे नही चुराता था बल्कि उनसे नजरे मिला उनके सामानो को घुर कर उन्हे ही शर्मीन्दा कर देता था ।
उस लड़की के जाने के बाद अनुज ने मेरी ओर देखा तो मुझे खुद को घुरता पाया और जैसे ही वो मुझे देखा तो मैने उस लड़की को लेके आंखो से इशारे किया और हस दिया ।
अनुज शर्म से लाल हो गया और हस्ता हुआ - क्या भैया ,मेरे से बहुत बडी है वो
मै हस कर - हा लेकिन तेरा ध्यान तो बडी चीज़ो पर ही रह रहा है हिहिहिही
अनुज शर्म से लाल हो गया और बात बदलते हुए - अच्छा भैया आज भी मोबाईल दोगे ना
मै - अच्छा ठिक है ले लेना । लेकिन तु देखता क्या है , मेरा डाटा खतम ही नही होता ।
अनुज थोडा सकपकाया और कुछ सोच कर - वो भैया मै यूट्यूब से फिल्म देखता हुआ तो वहा नेट कम खर्च होता है ।
मै समझ गया कि ये अब वो पहले वाला भोला अनुज नही रह गया है ये इत्नी आसानी से पाले मे नही आयेगा कुछ और करना ही पडेगा ।
फिर मै दुकान के कामो मे लग गया
रात मे वही रूटीन ।
लेखक की जुबानी
इधर राज तो अपने रोज के काम मे लग गया लेकिन वही निशा परेशान थी ।
क्योकि राहुल अब उसे परेशान करने लगा था । हालाकि निशा सब समझ रही थी कि राहुल क्यू कर रहा है । दिल के एक कोने से वो राहुल की बेवकूफी पर खुश भी होती लेकिन इस बात से परेशान भी होती कि कैसे वो राहुल के साथ इन सब के लिये खुद को राजी करेगी । उसे राहुल की फिकर भी थी ।
रात मे खाने के दौरान भी राहुल का चहकपना जारी रहा । हालाकि पहले भी राहुल निशा को परेशान करता था लेकिन इतना नही कि कोई उसे डाट दे ।
आज खाने के समय राहुल निशा को चिढा रहा था तो उसकी मा ने उसे डाट लगा दी । इस पर निशा के कलेजे को राहत हुई और वो बदले मे राहुल के उपर हसी ।
खाने के बाद निशा अपने कमरे मे गयी अपना प्लाजो निकाल कर एक शोट्स पहन ली जो घुटनो के उपर तक ही थी ।
निशा इस व्क्त मोबाईल खोल कर बैठी हुई थी उसी कहानी को पढने के लिए कि शायद आज रात कोई लेखक ने कोई अपडेट दिया होगा ।
निशा की आंखे चमक उठी क्योकि लेखक ने अपडेट दिये हुए थे ।
निशा चहक कर बिस्तर पर लेट गयी और वो अपडेट पढनी शुरु की ।
" उस बाथरूम वाले व्याख्यान के बाद से अमर खुद को शर्मीन्दा मह्सूस करने लगा था और रेखा से नजरे चुराने लगा था । मगर रेखा ने ताने दे दे कर अमर से मजे लेने लगी थी । हमेशा उसे चिढाती ,,,धीरे धीरे अमर को आभास होने लगा कि उसकी दीदी को उसे छेड़ कर मजा आता है और तो ऐसे ही एक दुपहर दोनो फिल्म दे रहे होते है और उनके मा बाप कही बाहर गये होते है ।
फिल्म का सीन अच्छा था तो अमर ने रेमोट से उसे रोक दिया और बोला - मै बाथरूम से आता हू दिदी फिर देखते है
रेखा ने ऐन मौके पर अमर को टोका - हा हा जा लेकिन मेरा नाम मत लेना हिहिहिही
अमर खीझ कर रहा गया और गुस्से मे - मै तो लूंगा और आपके बारे मे ही सोचूंगा । देखोगे कैसे करूंगा
फिर अमर वही रेखा के सामने से अपना मोटा लण्ड निकाल कर हिलाने लगता है - आह्ह दीदीईई दीईई उह्ह्ह्ह मस्त चुचे है तुम्हारे अह्ह्ह दीदी
रेखा को उम्मिद नही थी कि अमर ऐसी कोई हरकत कर देगा और पहली बार जब उसने अमर का लण्ड देखा उसके चुत ने उससे बेईमानी करनी शुरु कर दी ।"
आखिर की लाईन पढ कर निशा मुस्कुराई और शॉर्ट के उपर से अपनी चुत टटोलते हुए मन मे बोली - चुत तो मेरी भी बेईमानी करने लगी है हिहिहिही इसे पढ कर
निशा अपनी चुत को शॉर्ट्स के उपर से दबा के वापस से कहानी पढना शुरु कर देती है ।
" रेखा हसते हुए - छीईईई गन्दा कही का , सब मेरे साथ कर लेगा तो अपनी बीवी के साथ क्या करेगा
अमर अपना लण्ड हिलाता हुआ रेखा के पास जाकर एकदम मदहोसी मे - अह्ह्ह दीदी वो जब आयेगी तब देखूँगा ,,आप इसे चुस दो ना उम्म्ंम प्लिज्ज्ज्ज
रेखा हस्ते हुए पीछे हटने लगी - ईईई नहीईई धत्त मै नही करने वाली और तु इसे धुलता भी नही
अमर समझ गया कि ये सब रेखा के बहाने है वो बस दिखा रही है
इसीलिये अमर ने जबरदस्ती रेखा के गालो को पकडकर दबाया और उसके होठो पर अपने होठ रगड़ने लगा । वही रेखा ना नुकुर करते हुए मुह मे लण्ड भर ली ।
अमर अपना लण्ड अपनी दीदी के मुह मे भर कर बहुत शांत महसुस करने लगा ,,वही रेखा ने अपने चाव से अपने भाई का लण्ड मुह मे लेने लगी
रेखा - कर ही की आखिर तुने अपने मन की
अमर मुस्कुरा कर - अभी कहा दीदी ,,हिहिही अभी तो ...।
रेखा हस्ते हुए उठ कर भागी - हिहिहिही नही मै अब और कुछ नही करने वाली हिहिहिही
अमर रेखा के पीछे भागते हुए उसके बेडरूम मे घुस गया "
निशा आगे स्क्रीन स्क्रोल करती है मगर अपडेट खतम था
निशा - अरे ये क्या ,,बस इत्ना ही और आगे की कहानी । धत्त यार ये अपडेट भी खतम हो गया ।
इधर निशा ने मोबाइल बगल मे रख दिया और लेटे लेटे ही अपनी चुत को मसल कर अमर और रेखा की आगे की मस्तियो को सोचते हुए कसमसाने लगी ।
ना जाने उसको क्या चाहत हुई, वो उठी और उसने ब्रा निकालकर टीशर्ट डाल लिये और वैसे ही राहुल के कमरे की ओर चल दी ।
निशा राहुल के कमरे मे जाती है दरवाजा बन्द था
निशा ने दरवाजा खटखटाया तो अन्दर हड़बड़ाहट हुई और फिर राहुल ने दरवाजा खोला ।
राहुल ने सामने जैसे निशा को देखा उसकी धडकनें रुक सी गयी ,, उसकी नजरे पहले निशा के नंगी जांघो से उपर उठी और फिर टीशर्ट मे उभरे निप्प्ल के कोनो को देख कर आंखे फैल गयी ।
निशा इतराइ और एक नजर राहुल के लोवर मे तने हुई लण्ड को देख कर हसी और बोली - आज तुझे मोबाईल नही चाहिये क्या ,हम्म्म्म वैसे मेरा आज का सिरियल खतम हो गया है ।
राहुल चौका और हड़ब्डा कर नजरे चुराते हुए - हा दीदी देदो ना ,,,वो मै मागने ही आने वाला था
निशा उसके गाल पकड कर खिचे - लेकिन मै तो तुझे शाम के लिए पिटने आई हू ,,मोबाइल देने थोडी हिहिहिही
राहुल थोडा सिस्का - सीईई अह्ह्ह्ह दिदीईई वो तो मैने थैंकयू बोला था ना हिहिहिही
निशा - हा देखा मैने क्या किया तुने । ये सब अपनी गर्लफ्रेंड के साथ करना समझा
निशा ने जानबुझ कर उस कहानी मे रेखा के संवाद को दूहाराया ताकि अप्रत्यक्ष रूप से वो राहुल को छेड़ सके ।
राहुल ने जैसे ही वो वक्तव्य अपनी दीदी के मुह से सुने उसे भी कहानी मे अमर और रेखा के बीच के मस्ती भरे संवाद याद आ गये ।
वो भी सोचा क्यू ना इस बात चित को आगे ले जाया जाये - हिहिहीही लेकिन आप किसी गर्लफ्रेंड से कम हो गया ,,कहा मिलेगी इतनी अच्छी और खुबसूरत दोस्त
निशा समझ गयी कि राहुल ने उस कहानी मे अमर वाले डायलाग मारने शुरु कर दिये है ।
निशा - चल हट बड़ा आया मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बनाने वाला ,,, हाईट तो छोड तेरा तो वो भी ...। हिहिहिहीही
राहुल की आंखे चमकी और वो चहक कर - वो भी कम नही है दीदी हिहिहिही
निशा एक तो पहले ही अपनी बेकाबू जुबान के लिए पछता रही थी उपर से उसे उम्मीद नही थी राहुल सच मे इस बात पर इतना खुल कर बोलेगा ।
निशा वापस से उसके गाल खिचते हुए - क्या बोला तू ,,हम्म्म क्या बोला
राहुल हस कर - अह्ह्ह दिदीईईई वही जो आप सोच रही थी हिहिही
निशा - और क्या सोच रही थी मै ,,हम्म्म बोल
राहुल हस कर बार बार आंखे नीची करके अपने लोवर मे तने लण्ड की ओर इशारा कर रहा था ।
निशा की कुलबुलाती चुत की चल्ती तो अब तक वो निशा को लण्ड पकडवा देती मगर निशा की चेतना अब भी होश मे थी ।
निशा - रुक कर कल मै मम्मी को बोलती हू कि तु मुझे क्या दिखा रहा था
ये बोल कर वो जाने को हुई तो राहुल बोला - हा जाओ कह देना तो मै भी बोल दूँगा जो आपने मेरे बारे मे बोला हिहिहिहिही
निशा हस कर अपने चुतड मटका कर अपने कमरे मे जाने लगी और वही राहुल लोवर के उपर से अपने सुपाडे मे हो रही खुजली को दुर करता हुआ - दीदी मोबाईल तो देदो ना
निशा पलटी और ठेंगा दिखा कर अपने कमरे मे चली गयी
राहुल मन मे - आज तो मजा ही आ गया ,,,यार ये DREAMBOY40 गजब के किरदार लिखता है ,,, अमर वाली ट्रिक सच मे काम कर रही है ।
राहुल मन मे - क्यू ना दीदी को अपना लण्ड दिखा दू ,,लेकिन कैसे ??
राहुल फिर कुछ विचार करते हुए अपने कमरे मे आकर सो गया और वही निशा भी हस्ते हुए अपने कमरे मे आई
निशा मन मे - देखो तो कैसी हिम्मत बढ गयी है उसकी । सीधा दिखा रहा था हिहिहिही मै भी ऐसे थोडी ना हाथ आऊंगी बिना तड़पाए हुउउउह्ह
फिर निशा भी सोने चली गयी
जारी रहेगी
ThanksssRochak aur Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki
Shukriya bhaiNice update bro..
बहुत ही सुंदर और मनमोहक अपडेट है राहुल धीरे धीरे निशा को पटाने में लग गया है निशा को भी पता चल गया है कि राहुल क्या चाहता है देखते हैं आगे क्या होता हैUPDATE 132
पिछले अपडेट मे आपने पढा कि एक ओर जहा राज ने निशा को अनुज और राहुल की चाहतो के बारे मे बताया । वही दुसरी ओर अनुज ने राहुल को चैलेंज कर दिया कि निशा को चोद के दिखाये ।
राहुल ने अनुज की चुनौती को स्वीकार तो लिया है लेकिन क्या वो इसमे कामयाब हो पायेगा ।
अब आगे
लेखक की जुबानी
काफी सोच विचार के बाद राहुल ने तय किया कि वो उसी कहानी के हिसाब से निशा दीदी से नजदीकिया बढाएगा ।
फिर वो अपने कमरे मे गया जहा उसने अपने अंडरवियर निकाले और सिर्फ लोवर पहन कर किचने की ओर चल दिया जहा निशा और उसकी मा शालिनी खाना बना रही थी ।
राहुल किचन के दरवाजे पर आकर अन्दर निशा को काम करते देखा । उसकी नजरे प्लाजो मे कसी हुई निशा के उभरी हुई चुतड के पाटो पर थी ।
राहुल ने आंख बंद की और एक गहरी सास लेते हुए अपना लण्ड से लोवर को नुकीला करता हुआ निशा के बगल मे आकर अपना लण्ड का सिरा बडी हिम्मत के साथ निशा के जांघ पर टच करवाता है ।
निशा ऐसे अचानक से राहुल को अपने पास आकर खड़ा देखी तो चौकी फिर उसे राहुल मुस्कुराता और हल्का हल्का हिल्ता नजर आया ।
निशा ने जैसे ही नजर निचे की उसकी आंखे बडी हो गयी क्योकि राहुल अपने लण्ड को लोवर के अन्दर से उसकी जांघ के पास घिस रहा था ।
निशा तुरंत उस्से दुर हुई और बोली - ला दे मेरा मोबाइल
राहुल खिखी हसा - हिहिही लो दीदी ऐण्ड थैंक यू
ये बोलते हुए राहुल निशा के गालो चूम कर भाग गया
निशा को ये बिल्कुल भी पसन्द न्ही आया और चीखी -चीईई बन्दर कही का ,,,मम्मी देखो ना राहुल ने क्या किया ।
राहुल किचन के बाहर हस रहा था
शलिनी - अरे क्या हुआ ? अब तुम दोनो का झगड़ा फिर से शुरु हो गया । क्या किया उसने ?
निशा अपने गाल पोछते हुए - देखो ना ये मेरे गाल पर चुम्मी करके गया ,,,बन्दर कही का
राहुल हस्ता हुआ - अरे मैने तो मोबाइल देने के लिए थैंकयू बोला मम्मी बस
फिर राहुल बाहर भाग गया कि कही उसकी मा उसे डांट ना लगा दे ।
शलिनी हस कर - अरे तो इसमे क्या हुआ । भाई है तेरा और वैसे भी तुने कम चुम्मिया ली है क्या उसकी छोटे पर हिहिहिही
निशा खीझ कर - मम्मी वो बचपन की बात थी , अब वो गैन्डे के जैसे बड़ा हो गया है ।
शालिनी - ओह्हो तु क्या इस बहस मे लगी हुई है भई,,,जल्दी से सब्जी काट मुझे खाना ब्नाना है । तू और तेरा भाई बाद मे समझ लेना
निशा अपनी मा से कोई बहस नही करना चाहती थी और वो बस मन मे बुदबुदाइ - इसको तो मै अच्छे से सबक सिखाऊन्गी ।
निशा मन मे- राज सही कह रहा था । मुझे चोदना चाहता है ना ,,,ऐसा परेशान करूंगी कि लन्ड अकड कर रह जायेगा उसका
फिर निशा ये सोच कर खिस्स से हस पडी कि क्या होगा जब राहुल का लण्ड की गर्मी से खुब परेशान हो जायेगा और उसे शान्ति नही मिलेगी । दिनभर खड़ा लण्ड लेके घूमेगा हिहिहिही
राज की जुबानी
शाम को अनुज वापस आया और वो काफी खुश लग रहा था तो
मै - क्या हुआ छोटे बहुत खुश लग रहा है ,,,कोई लड़की लाईन दी क्या तुझे हिहिहिही
अनुज शर्मा कर हस्ता हुआ - हिहिहिही नही भैया ,,वो बस ऐसे ही
मै उसे टटोलता हुआ - नही नही देख रहा हुआ आजकल बड़ा मुस्कुराता रहता है तू । हम्म्म्म किसकी याद आ रही है हा , पल्लवि की
अनुज पल्लवि का नाम सुन कर चौका - न न नही तो ,,उसको क्यू याद करुंगा मै
मै हस कर - क्यू वो अच्छी नही लगती क्या तुझे ,,भई मुझे तो बडी मस्त लगी हिहिहिही
अनुज थोडा रुक कर -हा मतलब ठिक ठाक है लेकिन ऐसी भी नही कि याद की जाये हिहिहिही
मै समझ गया कि अनुज कितना चालाक हो गया है कि किस बात को कैसे टाला जाये । बडी सफाई से उसने खुद को बचा लिया और पल्लवि के बारे मे कोई बात ही आगे नही बढने दी ।
मै - ओह्ह लग रहा है कोई और मिल गयी है क्यो छोटे उस्ताद
अनुज हस कर - नही भैया कोई और कैसे .....।
अनुज की आवाज अटक गयी क्योकि दुकान पर एक मस्त जवाँ भरे जिस्मो वाली लडकी सूट सलवार मे आई थी।
मै अनुज की प्रतिक्रिया देख कर मुस्कुरा दिया और सम्झ गया कि लौंडे को बडी चुचिया कितनी पसन्द है ।
मैने उसे चेताया और ग्राहक को समान देने को कहा ।
पहले के मुकाबले अनुज का आत्मविश्वास बदल चुका था ।
मौसी के यहा से आने के बाद इधर हाल ही के दिनो मे अनुज मे जबरदस्त बदलाव मह्सूस किये मैने ।
अब वो हसिन लड़कीयो को देख कर नजरे नही चुराता था बल्कि उनसे नजरे मिला उनके सामानो को घुर कर उन्हे ही शर्मीन्दा कर देता था ।
उस लड़की के जाने के बाद अनुज ने मेरी ओर देखा तो मुझे खुद को घुरता पाया और जैसे ही वो मुझे देखा तो मैने उस लड़की को लेके आंखो से इशारे किया और हस दिया ।
अनुज शर्म से लाल हो गया और हस्ता हुआ - क्या भैया ,मेरे से बहुत बडी है वो
मै हस कर - हा लेकिन तेरा ध्यान तो बडी चीज़ो पर ही रह रहा है हिहिहिही
अनुज शर्म से लाल हो गया और बात बदलते हुए - अच्छा भैया आज भी मोबाईल दोगे ना
मै - अच्छा ठिक है ले लेना । लेकिन तु देखता क्या है , मेरा डाटा खतम ही नही होता ।
अनुज थोडा सकपकाया और कुछ सोच कर - वो भैया मै यूट्यूब से फिल्म देखता हुआ तो वहा नेट कम खर्च होता है ।
मै समझ गया कि ये अब वो पहले वाला भोला अनुज नही रह गया है ये इत्नी आसानी से पाले मे नही आयेगा कुछ और करना ही पडेगा ।
फिर मै दुकान के कामो मे लग गया
रात मे वही रूटीन ।
लेखक की जुबानी
इधर राज तो अपने रोज के काम मे लग गया लेकिन वही निशा परेशान थी ।
क्योकि राहुल अब उसे परेशान करने लगा था । हालाकि निशा सब समझ रही थी कि राहुल क्यू कर रहा है । दिल के एक कोने से वो राहुल की बेवकूफी पर खुश भी होती लेकिन इस बात से परेशान भी होती कि कैसे वो राहुल के साथ इन सब के लिये खुद को राजी करेगी । उसे राहुल की फिकर भी थी ।
रात मे खाने के दौरान भी राहुल का चहकपना जारी रहा । हालाकि पहले भी राहुल निशा को परेशान करता था लेकिन इतना नही कि कोई उसे डाट दे ।
आज खाने के समय राहुल निशा को चिढा रहा था तो उसकी मा ने उसे डाट लगा दी । इस पर निशा के कलेजे को राहत हुई और वो बदले मे राहुल के उपर हसी ।
खाने के बाद निशा अपने कमरे मे गयी अपना प्लाजो निकाल कर एक शोट्स पहन ली जो घुटनो के उपर तक ही थी ।
निशा इस व्क्त मोबाईल खोल कर बैठी हुई थी उसी कहानी को पढने के लिए कि शायद आज रात कोई लेखक ने कोई अपडेट दिया होगा ।
निशा की आंखे चमक उठी क्योकि लेखक ने अपडेट दिये हुए थे ।
निशा चहक कर बिस्तर पर लेट गयी और वो अपडेट पढनी शुरु की ।
" उस बाथरूम वाले व्याख्यान के बाद से अमर खुद को शर्मीन्दा मह्सूस करने लगा था और रेखा से नजरे चुराने लगा था । मगर रेखा ने ताने दे दे कर अमर से मजे लेने लगी थी । हमेशा उसे चिढाती ,,,धीरे धीरे अमर को आभास होने लगा कि उसकी दीदी को उसे छेड़ कर मजा आता है और तो ऐसे ही एक दुपहर दोनो फिल्म दे रहे होते है और उनके मा बाप कही बाहर गये होते है ।
फिल्म का सीन अच्छा था तो अमर ने रेमोट से उसे रोक दिया और बोला - मै बाथरूम से आता हू दिदी फिर देखते है
रेखा ने ऐन मौके पर अमर को टोका - हा हा जा लेकिन मेरा नाम मत लेना हिहिहिही
अमर खीझ कर रहा गया और गुस्से मे - मै तो लूंगा और आपके बारे मे ही सोचूंगा । देखोगे कैसे करूंगा
फिर अमर वही रेखा के सामने से अपना मोटा लण्ड निकाल कर हिलाने लगता है - आह्ह दीदीईई दीईई उह्ह्ह्ह मस्त चुचे है तुम्हारे अह्ह्ह दीदी
रेखा को उम्मिद नही थी कि अमर ऐसी कोई हरकत कर देगा और पहली बार जब उसने अमर का लण्ड देखा उसके चुत ने उससे बेईमानी करनी शुरु कर दी ।"
आखिर की लाईन पढ कर निशा मुस्कुराई और शॉर्ट के उपर से अपनी चुत टटोलते हुए मन मे बोली - चुत तो मेरी भी बेईमानी करने लगी है हिहिहिही इसे पढ कर
निशा अपनी चुत को शॉर्ट्स के उपर से दबा के वापस से कहानी पढना शुरु कर देती है ।
" रेखा हसते हुए - छीईईई गन्दा कही का , सब मेरे साथ कर लेगा तो अपनी बीवी के साथ क्या करेगा
अमर अपना लण्ड हिलाता हुआ रेखा के पास जाकर एकदम मदहोसी मे - अह्ह्ह दीदी वो जब आयेगी तब देखूँगा ,,आप इसे चुस दो ना उम्म्ंम प्लिज्ज्ज्ज
रेखा हस्ते हुए पीछे हटने लगी - ईईई नहीईई धत्त मै नही करने वाली और तु इसे धुलता भी नही
अमर समझ गया कि ये सब रेखा के बहाने है वो बस दिखा रही है
इसीलिये अमर ने जबरदस्ती रेखा के गालो को पकडकर दबाया और उसके होठो पर अपने होठ रगड़ने लगा । वही रेखा ना नुकुर करते हुए मुह मे लण्ड भर ली ।
अमर अपना लण्ड अपनी दीदी के मुह मे भर कर बहुत शांत महसुस करने लगा ,,वही रेखा ने अपने चाव से अपने भाई का लण्ड मुह मे लेने लगी
रेखा - कर ही की आखिर तुने अपने मन की
अमर मुस्कुरा कर - अभी कहा दीदी ,,हिहिही अभी तो ...।
रेखा हस्ते हुए उठ कर भागी - हिहिहिही नही मै अब और कुछ नही करने वाली हिहिहिही
अमर रेखा के पीछे भागते हुए उसके बेडरूम मे घुस गया "
निशा आगे स्क्रीन स्क्रोल करती है मगर अपडेट खतम था
निशा - अरे ये क्या ,,बस इत्ना ही और आगे की कहानी । धत्त यार ये अपडेट भी खतम हो गया ।
इधर निशा ने मोबाइल बगल मे रख दिया और लेटे लेटे ही अपनी चुत को मसल कर अमर और रेखा की आगे की मस्तियो को सोचते हुए कसमसाने लगी ।
ना जाने उसको क्या चाहत हुई, वो उठी और उसने ब्रा निकालकर टीशर्ट डाल लिये और वैसे ही राहुल के कमरे की ओर चल दी ।
निशा राहुल के कमरे मे जाती है दरवाजा बन्द था
निशा ने दरवाजा खटखटाया तो अन्दर हड़बड़ाहट हुई और फिर राहुल ने दरवाजा खोला ।
राहुल ने सामने जैसे निशा को देखा उसकी धडकनें रुक सी गयी ,, उसकी नजरे पहले निशा के नंगी जांघो से उपर उठी और फिर टीशर्ट मे उभरे निप्प्ल के कोनो को देख कर आंखे फैल गयी ।
निशा इतराइ और एक नजर राहुल के लोवर मे तने हुई लण्ड को देख कर हसी और बोली - आज तुझे मोबाईल नही चाहिये क्या ,हम्म्म्म वैसे मेरा आज का सिरियल खतम हो गया है ।
राहुल चौका और हड़ब्डा कर नजरे चुराते हुए - हा दीदी देदो ना ,,,वो मै मागने ही आने वाला था
निशा उसके गाल पकड कर खिचे - लेकिन मै तो तुझे शाम के लिए पिटने आई हू ,,मोबाइल देने थोडी हिहिहिही
राहुल थोडा सिस्का - सीईई अह्ह्ह्ह दिदीईई वो तो मैने थैंकयू बोला था ना हिहिहिही
निशा - हा देखा मैने क्या किया तुने । ये सब अपनी गर्लफ्रेंड के साथ करना समझा
निशा ने जानबुझ कर उस कहानी मे रेखा के संवाद को दूहाराया ताकि अप्रत्यक्ष रूप से वो राहुल को छेड़ सके ।
राहुल ने जैसे ही वो वक्तव्य अपनी दीदी के मुह से सुने उसे भी कहानी मे अमर और रेखा के बीच के मस्ती भरे संवाद याद आ गये ।
वो भी सोचा क्यू ना इस बात चित को आगे ले जाया जाये - हिहिहीही लेकिन आप किसी गर्लफ्रेंड से कम हो गया ,,कहा मिलेगी इतनी अच्छी और खुबसूरत दोस्त
निशा समझ गयी कि राहुल ने उस कहानी मे अमर वाले डायलाग मारने शुरु कर दिये है ।
निशा - चल हट बड़ा आया मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बनाने वाला ,,, हाईट तो छोड तेरा तो वो भी ...। हिहिहिहीही
राहुल की आंखे चमकी और वो चहक कर - वो भी कम नही है दीदी हिहिहिही
निशा एक तो पहले ही अपनी बेकाबू जुबान के लिए पछता रही थी उपर से उसे उम्मीद नही थी राहुल सच मे इस बात पर इतना खुल कर बोलेगा ।
निशा वापस से उसके गाल खिचते हुए - क्या बोला तू ,,हम्म्म क्या बोला
राहुल हस कर - अह्ह्ह दिदीईईई वही जो आप सोच रही थी हिहिही
निशा - और क्या सोच रही थी मै ,,हम्म्म बोल
राहुल हस कर बार बार आंखे नीची करके अपने लोवर मे तने लण्ड की ओर इशारा कर रहा था ।
निशा की कुलबुलाती चुत की चल्ती तो अब तक वो निशा को लण्ड पकडवा देती मगर निशा की चेतना अब भी होश मे थी ।
निशा - रुक कर कल मै मम्मी को बोलती हू कि तु मुझे क्या दिखा रहा था
ये बोल कर वो जाने को हुई तो राहुल बोला - हा जाओ कह देना तो मै भी बोल दूँगा जो आपने मेरे बारे मे बोला हिहिहिहिही
निशा हस कर अपने चुतड मटका कर अपने कमरे मे जाने लगी और वही राहुल लोवर के उपर से अपने सुपाडे मे हो रही खुजली को दुर करता हुआ - दीदी मोबाईल तो देदो ना
निशा पलटी और ठेंगा दिखा कर अपने कमरे मे चली गयी
राहुल मन मे - आज तो मजा ही आ गया ,,,यार ये DREAMBOY40 गजब के किरदार लिखता है ,,, अमर वाली ट्रिक सच मे काम कर रही है ।
राहुल मन मे - क्यू ना दीदी को अपना लण्ड दिखा दू ,,लेकिन कैसे ??
राहुल फिर कुछ विचार करते हुए अपने कमरे मे आकर सो गया और वही निशा भी हस्ते हुए अपने कमरे मे आई
निशा मन मे - देखो तो कैसी हिम्मत बढ गयी है उसकी । सीधा दिखा रहा था हिहिहिही मै भी ऐसे थोडी ना हाथ आऊंगी बिना तड़पाए हुउउउह्ह
फिर निशा भी सोने चली गयी
जारी रहेगी
Shukriya dostबहुत ही सुंदर और मनमोहक अपडेट है राहुल धीरे धीरे निशा को पटाने में लग गया है निशा को भी पता चल गया है कि राहुल क्या चाहता है देखते हैं आगे क्या होता है