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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कुछ मेडिकल इमर्जेंसी की वजह से इन दिनों व्यस्त हूं दोस्तो और परेशान भी 🥲
समय मिलने पर अपडेट दिया जायेगा और सभी को सूचित किया जाएगा ।
तब तक के लिए क्षमा प्रार्थी हूं
🙏

 
Last edited:

Avi Goswami

Well-Known Member
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UPDATE 82



फिर मेरे कहे अनुसार चंदू साइकिल लेके बाग मे लेके गया और हम दोनो छिप गये ।
क्योकी सरला के गाव नारायणपुर गाव के लिए इसी बाग के बिच से एक कच्ची सड़क जाती थी

फिर हमने 15 मिंट इन्तेजार किया और सरला आती दिखी बाग की तरफ और हम दोनो उस रास्ते से दुर होकर छिप गये पेड़ की ओट मे


थोडी देर बाद जब सरला गाव की तरफ चली गयी तो हम दोंनो साइकिल लाक कर वही बाग मे जमीन पर लिटा कर छोड दिये और उसके पीछे निकल गये ।
लेकिन सरला बाग से निकलने के बाद गाव की तरफ ना जाकर खेतो की ओर जाने लगी

चंदू - अबे ये तो खेतो की ओर जा रही है
मै - अबे तू चुप कर ये कही भी जाये बस देखते रह

फिर वो आगे जाकर खेत के बीच मे बने पक्के नये घर की ओर जाने लगी जो काफी सुनसान जगह पर था । घर नया ही था लेकिन अभी रंग रोगन नही हुआ था

मै चंदू के सर पर थप्पड़ मार कर - देख साले उसका घर वहा है गाव मे नही


फिर वो दाँत दिखाने लगा
और हम दोनो उस समय सरसो और अरहर के खेतो मे छिपते हुए उसका पिछा करते हुए गये और धीरे से उसके घर के पिछवाड़े ओर घूम घुमे
क्योकि उस्का घर पीछे से खुला हाता था और आगे एक बरामदा था जिसमे एक चौकी रखी थी और दो कमरे थे ।
पीछे हाते मे एक जगह मिट्टी का चूल्हा बनाया गया था और पीछे का हाता पुरा अरहर के सुखे राठ से घेरा बना के रखा गया था । उसी राठ के बने हाते के पीछे मै और चंदू गये । वही से हम चुप चाप छोटे छोटे गैप के बिच से ही अन्दर का नजारा देख रहे थे ।
सरला के घर मे सिर्फ़ उसके बापू और वो रहते थे क्योकि सरला की मा काफी समय पहले ही गुजर गयी और उसका कोई भाई या बहन नही था ।

हम पीछे उस अरहर के राठ की ब्नाये हाते से अन्दर का नजारा देखने लगे ।

अन्दर एक तरफ रसोई के लिए जगह थी वही दुसरी तरफ जहा छाव थी वहा एक खाट पर सरला का बाप बेचन लुंगी और शर्त पहने लेता हुआ था ।

तभी सरला बापू बापू कहते आती हाते मे

सरला - अरे बापू आप सोये हो , खाना क्यू नही खाया

बेचन - अरे बिटिया सोचा तू आयेगी तो साथ मे खा लूंगा ,,आ बैठ और बता कैसी गयी तेरी आज की परीक्षा

सरला अपने लेटे हुए बापू के पेट के पास खाट पर बैठ जाती है

सरला ह्स के - अरे बापू परीक्षा एकदम मस्त हो रहा है हिहिहिही

तभी बेचन ने सरला की चुचियो को हाथ बढ़ा कर हल्का सा दबा कर कहा - आह्ह फिर तो थोडा मुझे भी मस्त कर दे ना बेटी

सरला मुस्कुरा कर क्समसाते हुए - आह्ह बापू क्या आप भी आते ही शुरु हो गये

यहा बेचन की हरकत देख कर चंदू मुझे इशारे से अन्दर के काण्ड के बारे मे बोला
मै भी उसको चौकने के भाव मे आगे देखने को इशारा किया

इधर अन्दर बेचन अपनी बेटी सरला को अपने उपर खिच उसकी चुचिया मिजने लगा और एक हाथ से उसका क्रीम कलर का स्कर्ट उठा कर लाल रंग की कच्ची के उपर से उसकी मोटी गाड़ को फैलाने लगा

अन्दर का नजारा देख हमारे पैंट मे तनाव होना शुरु हो गया और उधर बेचन उठ कर सरला को सामने अपनी गोद मे बिठा कर पीछे से उसकी दोनो मोटी चुचिया मिज्ने लगा ।


सरला - आह्ह बापू आराम से बहुत बड़ा कर दिये हो आप इसको
बेचन - अरे बेटा बड़ी चुचियो ही आजकल सबको भाती है देखना तेरी ये मोटी चुचियो को देख कर कोई अच्छा लड़का तुझे पसंद करेगा आह्ह मस्त मुलायम है रे चुची


सरला सिस्क कर - आह्ह नही बापू मुझको शर्म आती है सारे लोग घुर कर देखते है मेरे दूध और गाड़ को

गाड़ का नाम लेते ही बेचन को पता नही क्या हूआ और सरला को घुमा कर उसके चुचियो को टीशर्ट से उपर से ही मुह मे भरते हुए उसकी गाड़ को मसलने लगा और हाथ को उसकी कच्छी मे डाल दिया

बेचन - आह्ह बिटिया तेरी कच्छी तो पहले से ही गिली है

सरला मदहोशि मे - आह्ह बापू वो आज परीक्षा मे मेरा एक दोस्त था उसकी बाते सुन कर मै गरम हो गयी थी आह्ह बापू आराम से आह्ह आह्ह

बेचन जिज्ञासू भाव मे - कौन था वो बेटी
सरला शर्मा कर नाक मे नुकुराते हुए थोडा हस कर - बापू वो मेरे बचपन का दोस्त है 8वी तक पढा है ।राज नाम है उसका और मेरे बगल मे ही बैठता है अह्ह्ह आज उसने शादी ब्याह और प्यार मुहब्बत की बात छेड़ दी तो मुझे आपके मुसल की याद आ गई तो अह्ज्ज आह्ह आराम से बापू


यहा सरला के मुह से मेरा नाम सुन कर चंदू मुझ पर भड़कने लगा और इशारे मे गालिया देने लगा

वही बेचन - कोई बात नही बेटी रुक अभी तेरी गर्मी उतार देता हू
और फिर बेचन ने सरला की लिता कर उसका स्कर्ट उठा कर मुठ्ठि मे उसकी मुलायम चुत को मसलने लगा
जिस्से सरला दर्द और मजे से कसमसा गयी
फिर बेचन ने उसकी कच्छी निकाल के उसको खाट पर लिटा कर खुद जमीन पर उकुडू होकर ल्पालप उसकी झाट से भरी चुत चाटने लगा

सरला - आह्ह बापू आराम से उम्म्ं और चुसो बहुत खुजली हो रही थी कालेज मे आह्ह और उम्म्ंम आह्ह आह्ह बापू अह्ह्ह ओह्ह बाल ना खिचो आह्ह मा

यहा सरला की चुत चुसाई से हम लंड़ तन गये और हमने चैन खोल कर लण्ड बाहर निकाल कर मुठीयाना शुरु कर दिया
वही बेचन ने जोश मे आकर उठा और अपना लूंगी खोल कर झट से अपना सुखा लण्ड सरला की पिचपिचाती चुत मे पेल दिया

सरला चीख उठी - आह्ह बापुउउऊ आह्ह मा मर गयी अह्ह्ह धीरे आह्ह

बेचन ने अन्दर लण्ड घुसेड़ तो दिया लेकिन खाट छोटी होने से उससे धक्का लगाने मे दिक्कत हो रही थी
वही बेचन छोटे कद की सरला को झट से अपने गोद मे उठा कर खड़ा हुआ और उसे लण्ड पर बिठा कर उछालने लगा

सरला अपने बापू के मोटे लण्ड पर बैठ कर उसके कंधो मे हाथ डाले लंद पर झूल रही थी

इधर सरला की ऐसी ताबड़तोड़ चुदाई देख हमारा लण्ड फटने पर आ गया

वही सरला की गोल मतकाए जैसी गाड को थामे उसका बापू घ्प्प घ्प्प अपने लण्ड पर खडे खडे उछाल रहा था

यहा हम दोनो की हालत सरला की ऐसी चुदाई होते देख खराब हो चुकी और हमारे हाथ हमारे लण्ड पर तेजी से चल रहे थे और जल्द ही एक गहरी आह्ह के साथ हम दोनो झड़ने लगे और झट से वहा से खसक लिये ।
बाग मे पहुच कर
चंदू भडक कर - अबे साले तुने बताया क्यू नही सरला तेरे पास बैठती है

फिर मैने उसको पहले दिन हुई घटना के बारे मे बताया कि कैसे उसने मुझे बेज्ज्त किया था तब वो शांत हो गया

चंदू - फिर तू यहा क्यू आया मै तो पहले ही बोल रहा था कि वो अपने बापू से चुदती है

मै - हा वो आज उसने बताया कि उसक कोई बॉयफ्रेंड नही है तो मुझे शक हुआ कि कही तेरी बात सच तो नही है और इसी बहाने हमे उसकी मोटी गाड़ और चुत भी देखने को मिल गये हिहिहीही

चंदू - हा भाई मजा आया लेकिन उसका बापू तो बड़ी जोर की चोदता है ,,, साला उसको लेके टांग लिया और लण्ड पर ही कुदवा रहा था

फिर हम ऐसे ही बाते करते वापस अपने घर चले गये


सरला की चुदाई देखने के बाद मुझे चुत की तलब थी और अगली परीक्षा को 4 दिन का समय था तो मैने मौका देख कर निकल गया 2 वजे से विम्ला के यहा क्योकि कोमल की परीक्षा दुसरे शिफ्ट मे थी
15 मिंट बाद मै विमला के घर की तरफ पहुचा , चैत महिने की गर्मी से बाहर कोई दिख नही रहा था यहा की सड़के भी सुनी थी ।

खैर मै विम्ला के घर गया और पहले के जैसे गेट भिड्का हुआ था
तो मै बिना कोई हलचल के हल्का सा खोल कर अन्दर घुस गया और चुपचाप बढ़ने लगा । मैने सोचा क्यू ना विमला को सरप्राइज़ दू

इसिलिए चप्पल बाहर ही निकाल कर दबे पाव हाल की तरफ आया वहा भी सना सन खाली था सब । बस विमला के कमरे से टीवी की आवाज आ रही थी ।

मै एक कातिल मुस्कान के साथ उभरे लण्ड को दबा कर उस्के कमरे की ओर गया और दरवाजे पर हल्का सा जोर दिया लेकिन वो अन्दर से ब्न्द था मै झट से लपक कर खिडकी की तरफ गया लेकिन वहा भी सब बंद था । मुझे लगने लगा कि जरुर अन्दर मनोज भिडा होगा



मै थोडा मायूस होकर सोफे पर बैठ गया और 5 मिंट तक ऐसे ही थकान से झपकी सी आने लगी , तभी मुझे कमरे मे कूछ खटपट सुनाई दी और शायद टीवी भी बंद हो गया था

मै झट से उठा और बगल मे कोमल के कमरे मे घुस गया और खिडकी से बाहर की ओर देखने लगा

तभी कमरे का दरवाजा खुला और कमरे मे से अनिता और विमला सिर्फ पेटीकोट मे बाहर निकाली । दोनो की मोटी मोटी चुचिया हवा मे झूल रही थी और उनके ब्लाउज खुले हुए थे ।

तभी अनिता बोली - दीदी ये लाईट भाग जाने से मजा अधूरा रह गया

विमला - तो परेशान ना हो मेरी रसिली
आजा यही मजा करते है हाल मे
अनिता घबडाहट भरे लहजे मे - भक्क कोई आ गया तो
विमला - अरे कोई नही आयेगा , रुक मै दरवाजा बंद कर देती हू और विमला अपनी चुचिया हिलाते हुए मेन गेट की ओर जाने लगी

और यहा मुझे धकधक होने लगा कि कही वो मेरा चप्पल न देख जाये
खैर वो गयी और वापस आई

विमला हाल मे आते ही एक नजर सब ओर घुमा रही थी और मै झट से खिडकी से हत गया ।
तभी विमला की आवाज आआई

बिमला - आजा मेरी जान अब चुस मेरा भोस्डा आ
मै विमला की आवाज सुन कर वापस से झाका बाहर की ओर

जहा विमला सोफे पर टाँग फैलाये अपना पेतिकोट उपर कर अपना चुत खोलकर बैठ गयी और वही अनिता भी उकुडू बैठते हुए अपनी गरदन आगे कर लपालप चुत पर जीभ चलाने लगी ।

वही विमला उत्तेजित होकर अनिता का सर तेजी से अपने भोस्ड़े मे दरते हुए सिस्कने लगी

मै विमला को अनिता के साथ ऐसे देख कर कोई खास गड़ब्ड़ नही लगी लेकिन फिर कुछ खास सवाल जरुर आये मन मे लेकिन मैने उनको टाल दिया

और वही थोडी देर बाद विमला अनिता को फर्श पर लिटा कर उसके उपर चढ़ कर 69 की पोजीशन मे आते हुए उसकी मोटी मोटी जांघों को फैला कर उसके फैले हुए भोसड़े मे अपना मुह लगा दिया और वही अनिता अपने मुह पर विमला की गाड़ पाकर उसे चाटने लगी ।

विमला हवस से भर कर पुरे जोश मे अनिता के चुत की चमडी मुह से खीचते हुए चुस रही थी
और तभी उसके अपनी दो उंगलियाँ एक साथ अनिता के चुत मे घुसेड़ दिया
वही ये सीन देख कर मै उत्तेजित हो गया था और अपना लण्ड बाहर निकाल कर हिलाने लगा

अनिता - अह्ह्ह जीजी उम्म्ं काश कोई मोटा लण्ड मिल जाता तो उम्म्ं अह्ह्ह और तेज उम्म्ं

इधर विमला ने वापस से अपना मुह लगा कर एक बार जोर से चुसते हुए इस बार तीन ऊँगली अनिता के मोटे भोस्ड़े मे घुसेड़ते हुए अपनी कलाइया घुमाने लगी मानो कोई चीज खोज रही हो ।
अनिता तडप कर - आह्ह जीजी और अन्दर तक फैलाओ आह्ह मा आह्ह आह्ह जीजी उम्म्ंम
और वापस से अपना मुह विमला के चुत मे ल्गा कर जोर जोर से चूसने लगती है

मै अनिता की बात सुन कर और भी ज्यादा उत्तेजित हो गया था और सोचा अब ये दोनो बहुत गरम है यही मौका है कि अनिता की चुत मे भी लण्ड डालू
इसिलिए मै झट से अपना सारा कपडा निकाल के पुरा नंगा होकर हाल मे चुपचाप गया और धीरे से अनिता के जांघो के बिच अपना लण्ड विम्ला के मुह के पास रखा

वो एक नजर मुझे देखी और मुस्कुरा दी और चुप रहने का इशारा की
मै समझा मुझे देख कर विमला चौकेगी , पर शायद गेट के पास उसने मेरे चप्पल देख लिये थे
इसिलिए वो ऐसे रियक्ट कर रही थी ।

मैने दे ना करते हुए उकुडू होकर झट से लण्ड विमला के मुह मे पेल दिया और घुटने के बल खड़ा होकर तेजी से उसका सर पकड कर लण्ड को उसके मुह मे चोदने लगा

उधर अनिता लगातर विम्ला की चुत और गाड़ मे जीभ घुमा रही थी और विमला के हाथ अभी भी अनिता की चूत पर रेग रहे थे ।

फिर विमला ने आराम से अपने मुह से मेरे लण्ड को निकला और खुद अनिता की जांघो को उपर किया और मैने देर ना करते हुए झट से आधा लण्ड अनिता की मोटी फुली हुई चुत मे घुसा दिया जिस्से वो कराह उठी

अनिता - आह्ह जीजी ये तो सच का लंड हैअह्झ मा

और अनिता ने गरदन उठाया और मुझे देखा - हय्य राम जीजी ये तो , नही नही ऐसा ना करो जीजी ,ये गलत होगा

मै एक तेज धक्का देकर उसकी चुत की गहराइयों मे लण्ड को ले गया और बोला - सालि चुप कर , जब अपने पति और देवर का लण्ड एक साथ लेती है वो गलत नही लगता , अभी नखरे दिखा रही है

और ये बोल कर मैने अनिता की जांघो को थामा और तेजी से धक्का लगाते हुए पेलने लगा ।

वही विमला वापस अनिता के मुह पर अपनी गाड़ रख कर बैठते हुए - अब चुस सालि आह्ह हा ऐसे ही उफ्फ्फ हा चाट कुतिया की तरह आह्ह आह्ह्ज

इधर विमला उत्तेजि होकर अनिता की जीभ और नथुने अपनी चूत को रगड़ रही थी वही मै अनिता की जान्घे उठाए घपाघ्प्प उसके भोस्दे मे पेले जा रहा था ।

थोडी देर बाद
मै - मौसी जरा उठना इस रन्डी को कुतिया बना कर पेलूंगा
और विमला उठ गयी और मैने झट से अनिता के चुत से उसकी पानी से सना लण्ड निकाला और फिर उसको कुतिया बनाने के लिए उसके जांघो को एक तरफ झटका जिससे वो कसमसा कर सिस्कते हुए घुटनो के बल कुतिया बन गयी

आह्ह मोटी थुलथुली गाड़ थी एकदम चर्बिदार
मै एक च्पाट अनिता की गाड़ पर लगाकर झुक कर उसके गाड़ के पाट खोलते हुए उसके सुराख चाटने लगा ।
वही विमला वापस से अनिता के सामने अपना चुत परोसते हुए लेट गयी और अनिता के झट से झुक कर उसके चुत मे मुह लगा दिया और झुकने से उसकी गाड़ और भी फैल गई,, ब्स मेरा मूड़ अब बदल गया और मैने अनिता के गाड़ के सुराख पर 3 4 बार थूक कर उसे लिपते हुए उसके गाड़ के मोटे सुराख मे अंगूठा घुसा दिया और वो विमला के चुत मे मुह घुसाये ऊहह उह्ज करने लगी ।

अनिता चाह कर भी खुल कर आहे नही भर सकती थी कयोंकि विमला ने जबरजस्ती उसका सर अपने चुत के उपर दबा रखा था

और मैने झट से अपना गिला लण्ड अनिता के गाड़ के मोटे भूरे सुराख पर रखा और उसके कूल्हो को थामते हुए जोर लगा कर अपना लण्ड उसकी गाड़ मे पेल दिया

वही अनिता ने गाड़ मे लण्ड पाते ही जोर झपट कर विमला से खुद को छुड़ा कर - आह्ह मैइया साले हरामी फाड़ दी ना मेरी गाड़

मै उसकी बाते सुन कर गुस्से मे आते हुए - दोनो हाथो से एक साथ उसक गोरी चमड़ी वाली थुलथुली गाड़ के पाटो पर जोर से मारा , जिससे अनिता दर्द से गनगना गयी और फिर मैने एक तेज झटके के साथ पुरा लण्ड उसकी गाड़ की दिवारो को चिरते हुए जड तक ले गया

यहा अनिता की आवाज बंद हो गयी । वो दर्द और थकान से बेहोश सी होने लगी ,,,लेकिन मैने बिना रुके तेजी से उसकी गाड़ मे जगह बनाना शुरु किया और तेजी से पेलना शुरु किया

जल्द ही अनिता की चेतना वापस आई और वो सिसकिया लेने लगी और उसके जुबान की मधुरता वापस आने लगी,,उसके चेहरे पर एक मादक सी मुस्कान थी और वो खुद गाड़ से मेरे लण्ड को निचोडना शुरु कर दी


अनिता - आह्ह बाबू और चोदो मुझे उम्म्ं बहुत मस्त लौडा है तेरा अह्ह्ह म्जा आ रहा है अह्ज्ज पुरा खोल कर रख दिया है अह्ह्ज


मै अनिता की बाते सुन कर विमला की ओर देखता हूँ तो वो भी मुस्कुरा कर वाप्स अनिता के मुह मे चुत लगा देती है

मै अनिता का गाड़ पर थप्पड़ ल्गाते हुए - क्यू सालि रन्ड़ि अभी तक तो मुझे गाली दे रही थी अब मजा आ रहा है हम्म्म्

ये बोल कर मैने अपना लण्ड उसके गाड़ के गहराई मे ले गया
अनिता सिस्क कर - ओह्ह्ह अह्ह्ज माफ करना बेटा तुने अचानक से मेरे गाड़ मे इतना मोटा लण्ड डाल दिया इसिलिए मेरे मुह से अह्ह्ज अह्ज और चोद आह्ह मजा आ रहा है जीजी , कहा से लायी हो इसको उम्म्ंम्ं

वही विमला अपने गाड़ उचका कर अनिता क महे पर दरते हुए - तू बस मेरा पानी निकाल कमिनी ज्यदा ब्ड़ब्ड़ मत कर

ये बोल कर विमला अपनी गाड़ उचका कर अनिता के मुह मे झड़ने लगी

यहा मै भी अनिता के कसी गाड़ मे पेलकर झडने के करीब था और झट से उसके गाड से लण्ड को बाहर किया तो एक खूँटे भर लाल सुराख अनिता की गाड़ मे सिकुडने लगा था

मै झट से उठा - आह्ह जल्दी आओ मौसी मेरा निकलेगा

मेरी बात सुन कर दोनो रन्ड़िया एक साथ मेरे लण्ड के निचे आई और मेरी एक पिचकारी छूटी ।
और मैने झट स अनिता के मुह मे लण्ड भर कर उसके गले तक लण्ड ले जाकर झटकने लगा और सारा माल उसके पेट मे गिरने लगा

फिर मैने एक झटके साथ लण्ड निकाल कर विमला की ओर किया और वो गप्प से लण्ड के सुपाड़े को मुह मे लेके सुरकने लगी
वही अनिता मेरे दिये झटके से अभी भी खास रही थी

फिर दोनो ने बारी बारी से मेरे लण्ड को साफ किया और हम सब उथ कर सोफे पर बैठ कर सांसे बराबर करने लगे
थोडा समय बितने के बाद विमला किचन से मेरे लिए पानी लेके आई

वही अनिता - मुझे नही पता था बेटा तू इतना जोर का चोदता है औरतो को ,,तेरे सामने तो गबरू मर्द भी फीके पड़ जाये ,,, और दिखने मे कितना साधारन है तू


विमला ह्स कर - अरे अनिता ये ऐसे ही मुझे भी अपनी सादगी और भोलेपन मे चोद गया था हिहिहिही

मै विमला की बात सुन कर शर्माने लगा
विमला ह्स कर - इसके शर्माने की अदाओ पर मुझे बहुत प्यार आता है और इसिलिए तो ये मेरे जिगर का टुकड़ा है,,

फिर विमलां मुझे अपने सीने से लगा लेती है और मैने उसको चुचे काट लेता हू


विमला हस कर - धत्त बन्दर कही का , अभी फीर से मन है क्या तेरा

मै अंगड़ाई लेते हुए - उह्ह्ह्हऊऊह्ह मौसी मन तो बहुत है लेकिन अभी परिक्षा चल रही है तो ज्यादा थक गया तो पढ़ेगा कौन हिहिहिही

विमला मुझे सीने से लगाये - हा ठीक है कोई बात नही ले पानी पी

फिर मैने पानि पिया और कोमल के रूम से कपड़े लेके आया और उन्हे पहना ।फिर मोबाईल चेक किया तो देखा सोनल का फोन आया था

मै हस कर - चलो मौसी मै जाता हू , घर से फोन आ रहा है

विमला उदास मन से - अरे बेटा तू जा रहा है आज रुक के जा ना

मै विमला के गालो को चूम कर - मौसी मेरा एग्ज़ाम ना होता तो मै जरुर रुकता और दोनो को काफी जोर से चोदता


अनिता मेरी बातो से ह्स दी - कोई बात नही बेटा समय निकाल कर आते रहना , मै तो तेरे इस मोटे लण्ड की रह हमेशा देखूँगी हिहिहीही

फिर मैने कपडे पहने और उनलोगों से विदा लेके निकल आया है बाहर और सोनल के पास फोन किया तो पता चला कि मा ने दुकान पर बुलाया है

फिर मै दुकान पर निकल गया ।


जारी रहेगी
Shandar update bhai
 

Poojasingh69

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फिर मेरे कहे अनुसार चंदू साइकिल लेके बाग मे लेके गया और हम दोनो छिप गये ।
क्योकी सरला के गाव नारायणपुर गाव के लिए इसी बाग के बिच से एक कच्ची सड़क जाती थी

फिर हमने 15 मिंट इन्तेजार किया और सरला आती दिखी बाग की तरफ और हम दोनो उस रास्ते से दुर होकर छिप गये पेड़ की ओट मे


थोडी देर बाद जब सरला गाव की तरफ चली गयी तो हम दोंनो साइकिल लाक कर वही बाग मे जमीन पर लिटा कर छोड दिये और उसके पीछे निकल गये ।
लेकिन सरला बाग से निकलने के बाद गाव की तरफ ना जाकर खेतो की ओर जाने लगी

चंदू - अबे ये तो खेतो की ओर जा रही है
मै - अबे तू चुप कर ये कही भी जाये बस देखते रह

फिर वो आगे जाकर खेत के बीच मे बने पक्के नये घर की ओर जाने लगी जो काफी सुनसान जगह पर था । घर नया ही था लेकिन अभी रंग रोगन नही हुआ था

मै चंदू के सर पर थप्पड़ मार कर - देख साले उसका घर वहा है गाव मे नही


फिर वो दाँत दिखाने लगा
और हम दोनो उस समय सरसो और अरहर के खेतो मे छिपते हुए उसका पिछा करते हुए गये और धीरे से उसके घर के पिछवाड़े ओर घूम घुमे
क्योकि उस्का घर पीछे से खुला हाता था और आगे एक बरामदा था जिसमे एक चौकी रखी थी और दो कमरे थे ।
पीछे हाते मे एक जगह मिट्टी का चूल्हा बनाया गया था और पीछे का हाता पुरा अरहर के सुखे राठ से घेरा बना के रखा गया था । उसी राठ के बने हाते के पीछे मै और चंदू गये । वही से हम चुप चाप छोटे छोटे गैप के बिच से ही अन्दर का नजारा देख रहे थे ।
सरला के घर मे सिर्फ़ उसके बापू और वो रहते थे क्योकि सरला की मा काफी समय पहले ही गुजर गयी और उसका कोई भाई या बहन नही था ।

हम पीछे उस अरहर के राठ की ब्नाये हाते से अन्दर का नजारा देखने लगे ।

अन्दर एक तरफ रसोई के लिए जगह थी वही दुसरी तरफ जहा छाव थी वहा एक खाट पर सरला का बाप बेचन लुंगी और शर्त पहने लेता हुआ था ।

तभी सरला बापू बापू कहते आती हाते मे

सरला - अरे बापू आप सोये हो , खाना क्यू नही खाया

बेचन - अरे बिटिया सोचा तू आयेगी तो साथ मे खा लूंगा ,,आ बैठ और बता कैसी गयी तेरी आज की परीक्षा

सरला अपने लेटे हुए बापू के पेट के पास खाट पर बैठ जाती है

सरला ह्स के - अरे बापू परीक्षा एकदम मस्त हो रहा है हिहिहिही

तभी बेचन ने सरला की चुचियो को हाथ बढ़ा कर हल्का सा दबा कर कहा - आह्ह फिर तो थोडा मुझे भी मस्त कर दे ना बेटी

सरला मुस्कुरा कर क्समसाते हुए - आह्ह बापू क्या आप भी आते ही शुरु हो गये

यहा बेचन की हरकत देख कर चंदू मुझे इशारे से अन्दर के काण्ड के बारे मे बोला
मै भी उसको चौकने के भाव मे आगे देखने को इशारा किया

इधर अन्दर बेचन अपनी बेटी सरला को अपने उपर खिच उसकी चुचिया मिजने लगा और एक हाथ से उसका क्रीम कलर का स्कर्ट उठा कर लाल रंग की कच्ची के उपर से उसकी मोटी गाड़ को फैलाने लगा

अन्दर का नजारा देख हमारे पैंट मे तनाव होना शुरु हो गया और उधर बेचन उठ कर सरला को सामने अपनी गोद मे बिठा कर पीछे से उसकी दोनो मोटी चुचिया मिज्ने लगा ।


सरला - आह्ह बापू आराम से बहुत बड़ा कर दिये हो आप इसको
बेचन - अरे बेटा बड़ी चुचियो ही आजकल सबको भाती है देखना तेरी ये मोटी चुचियो को देख कर कोई अच्छा लड़का तुझे पसंद करेगा आह्ह मस्त मुलायम है रे चुची


सरला सिस्क कर - आह्ह नही बापू मुझको शर्म आती है सारे लोग घुर कर देखते है मेरे दूध और गाड़ को

गाड़ का नाम लेते ही बेचन को पता नही क्या हूआ और सरला को घुमा कर उसके चुचियो को टीशर्ट से उपर से ही मुह मे भरते हुए उसकी गाड़ को मसलने लगा और हाथ को उसकी कच्छी मे डाल दिया

बेचन - आह्ह बिटिया तेरी कच्छी तो पहले से ही गिली है

सरला मदहोशि मे - आह्ह बापू वो आज परीक्षा मे मेरा एक दोस्त था उसकी बाते सुन कर मै गरम हो गयी थी आह्ह बापू आराम से आह्ह आह्ह

बेचन जिज्ञासू भाव मे - कौन था वो बेटी
सरला शर्मा कर नाक मे नुकुराते हुए थोडा हस कर - बापू वो मेरे बचपन का दोस्त है 8वी तक पढा है ।राज नाम है उसका और मेरे बगल मे ही बैठता है अह्ह्ह आज उसने शादी ब्याह और प्यार मुहब्बत की बात छेड़ दी तो मुझे आपके मुसल की याद आ गई तो अह्ज्ज आह्ह आराम से बापू


यहा सरला के मुह से मेरा नाम सुन कर चंदू मुझ पर भड़कने लगा और इशारे मे गालिया देने लगा

वही बेचन - कोई बात नही बेटी रुक अभी तेरी गर्मी उतार देता हू
और फिर बेचन ने सरला की लिता कर उसका स्कर्ट उठा कर मुठ्ठि मे उसकी मुलायम चुत को मसलने लगा
जिस्से सरला दर्द और मजे से कसमसा गयी
फिर बेचन ने उसकी कच्छी निकाल के उसको खाट पर लिटा कर खुद जमीन पर उकुडू होकर ल्पालप उसकी झाट से भरी चुत चाटने लगा

सरला - आह्ह बापू आराम से उम्म्ं और चुसो बहुत खुजली हो रही थी कालेज मे आह्ह और उम्म्ंम आह्ह आह्ह बापू अह्ह्ह ओह्ह बाल ना खिचो आह्ह मा

यहा सरला की चुत चुसाई से हम लंड़ तन गये और हमने चैन खोल कर लण्ड बाहर निकाल कर मुठीयाना शुरु कर दिया
वही बेचन ने जोश मे आकर उठा और अपना लूंगी खोल कर झट से अपना सुखा लण्ड सरला की पिचपिचाती चुत मे पेल दिया

सरला चीख उठी - आह्ह बापुउउऊ आह्ह मा मर गयी अह्ह्ह धीरे आह्ह

बेचन ने अन्दर लण्ड घुसेड़ तो दिया लेकिन खाट छोटी होने से उससे धक्का लगाने मे दिक्कत हो रही थी
वही बेचन छोटे कद की सरला को झट से अपने गोद मे उठा कर खड़ा हुआ और उसे लण्ड पर बिठा कर उछालने लगा

सरला अपने बापू के मोटे लण्ड पर बैठ कर उसके कंधो मे हाथ डाले लंद पर झूल रही थी

इधर सरला की ऐसी ताबड़तोड़ चुदाई देख हमारा लण्ड फटने पर आ गया

वही सरला की गोल मतकाए जैसी गाड को थामे उसका बापू घ्प्प घ्प्प अपने लण्ड पर खडे खडे उछाल रहा था

यहा हम दोनो की हालत सरला की ऐसी चुदाई होते देख खराब हो चुकी और हमारे हाथ हमारे लण्ड पर तेजी से चल रहे थे और जल्द ही एक गहरी आह्ह के साथ हम दोनो झड़ने लगे और झट से वहा से खसक लिये ।
बाग मे पहुच कर
चंदू भडक कर - अबे साले तुने बताया क्यू नही सरला तेरे पास बैठती है

फिर मैने उसको पहले दिन हुई घटना के बारे मे बताया कि कैसे उसने मुझे बेज्ज्त किया था तब वो शांत हो गया

चंदू - फिर तू यहा क्यू आया मै तो पहले ही बोल रहा था कि वो अपने बापू से चुदती है

मै - हा वो आज उसने बताया कि उसक कोई बॉयफ्रेंड नही है तो मुझे शक हुआ कि कही तेरी बात सच तो नही है और इसी बहाने हमे उसकी मोटी गाड़ और चुत भी देखने को मिल गये हिहिहीही

चंदू - हा भाई मजा आया लेकिन उसका बापू तो बड़ी जोर की चोदता है ,,, साला उसको लेके टांग लिया और लण्ड पर ही कुदवा रहा था

फिर हम ऐसे ही बाते करते वापस अपने घर चले गये


सरला की चुदाई देखने के बाद मुझे चुत की तलब थी और अगली परीक्षा को 4 दिन का समय था तो मैने मौका देख कर निकल गया 2 वजे से विम्ला के यहा क्योकि कोमल की परीक्षा दुसरे शिफ्ट मे थी
15 मिंट बाद मै विमला के घर की तरफ पहुचा , चैत महिने की गर्मी से बाहर कोई दिख नही रहा था यहा की सड़के भी सुनी थी ।

खैर मै विम्ला के घर गया और पहले के जैसे गेट भिड्का हुआ था
तो मै बिना कोई हलचल के हल्का सा खोल कर अन्दर घुस गया और चुपचाप बढ़ने लगा । मैने सोचा क्यू ना विमला को सरप्राइज़ दू

इसिलिए चप्पल बाहर ही निकाल कर दबे पाव हाल की तरफ आया वहा भी सना सन खाली था सब । बस विमला के कमरे से टीवी की आवाज आ रही थी ।

मै एक कातिल मुस्कान के साथ उभरे लण्ड को दबा कर उस्के कमरे की ओर गया और दरवाजे पर हल्का सा जोर दिया लेकिन वो अन्दर से ब्न्द था मै झट से लपक कर खिडकी की तरफ गया लेकिन वहा भी सब बंद था । मुझे लगने लगा कि जरुर अन्दर मनोज भिडा होगा



मै थोडा मायूस होकर सोफे पर बैठ गया और 5 मिंट तक ऐसे ही थकान से झपकी सी आने लगी , तभी मुझे कमरे मे कूछ खटपट सुनाई दी और शायद टीवी भी बंद हो गया था

मै झट से उठा और बगल मे कोमल के कमरे मे घुस गया और खिडकी से बाहर की ओर देखने लगा

तभी कमरे का दरवाजा खुला और कमरे मे से अनिता और विमला सिर्फ पेटीकोट मे बाहर निकाली । दोनो की मोटी मोटी चुचिया हवा मे झूल रही थी और उनके ब्लाउज खुले हुए थे ।

तभी अनिता बोली - दीदी ये लाईट भाग जाने से मजा अधूरा रह गया

विमला - तो परेशान ना हो मेरी रसिली
आजा यही मजा करते है हाल मे
अनिता घबडाहट भरे लहजे मे - भक्क कोई आ गया तो
विमला - अरे कोई नही आयेगा , रुक मै दरवाजा बंद कर देती हू और विमला अपनी चुचिया हिलाते हुए मेन गेट की ओर जाने लगी

और यहा मुझे धकधक होने लगा कि कही वो मेरा चप्पल न देख जाये
खैर वो गयी और वापस आई

विमला हाल मे आते ही एक नजर सब ओर घुमा रही थी और मै झट से खिडकी से हत गया ।
तभी विमला की आवाज आआई

बिमला - आजा मेरी जान अब चुस मेरा भोस्डा आ
मै विमला की आवाज सुन कर वापस से झाका बाहर की ओर

जहा विमला सोफे पर टाँग फैलाये अपना पेतिकोट उपर कर अपना चुत खोलकर बैठ गयी और वही अनिता भी उकुडू बैठते हुए अपनी गरदन आगे कर लपालप चुत पर जीभ चलाने लगी ।

वही विमला उत्तेजित होकर अनिता का सर तेजी से अपने भोस्ड़े मे दरते हुए सिस्कने लगी

मै विमला को अनिता के साथ ऐसे देख कर कोई खास गड़ब्ड़ नही लगी लेकिन फिर कुछ खास सवाल जरुर आये मन मे लेकिन मैने उनको टाल दिया

और वही थोडी देर बाद विमला अनिता को फर्श पर लिटा कर उसके उपर चढ़ कर 69 की पोजीशन मे आते हुए उसकी मोटी मोटी जांघों को फैला कर उसके फैले हुए भोसड़े मे अपना मुह लगा दिया और वही अनिता अपने मुह पर विमला की गाड़ पाकर उसे चाटने लगी ।

विमला हवस से भर कर पुरे जोश मे अनिता के चुत की चमडी मुह से खीचते हुए चुस रही थी
और तभी उसके अपनी दो उंगलियाँ एक साथ अनिता के चुत मे घुसेड़ दिया
वही ये सीन देख कर मै उत्तेजित हो गया था और अपना लण्ड बाहर निकाल कर हिलाने लगा

अनिता - अह्ह्ह जीजी उम्म्ं काश कोई मोटा लण्ड मिल जाता तो उम्म्ं अह्ह्ह और तेज उम्म्ं

इधर विमला ने वापस से अपना मुह लगा कर एक बार जोर से चुसते हुए इस बार तीन ऊँगली अनिता के मोटे भोस्ड़े मे घुसेड़ते हुए अपनी कलाइया घुमाने लगी मानो कोई चीज खोज रही हो ।
अनिता तडप कर - आह्ह जीजी और अन्दर तक फैलाओ आह्ह मा आह्ह आह्ह जीजी उम्म्ंम
और वापस से अपना मुह विमला के चुत मे ल्गा कर जोर जोर से चूसने लगती है

मै अनिता की बात सुन कर और भी ज्यादा उत्तेजित हो गया था और सोचा अब ये दोनो बहुत गरम है यही मौका है कि अनिता की चुत मे भी लण्ड डालू
इसिलिए मै झट से अपना सारा कपडा निकाल के पुरा नंगा होकर हाल मे चुपचाप गया और धीरे से अनिता के जांघो के बिच अपना लण्ड विम्ला के मुह के पास रखा

वो एक नजर मुझे देखी और मुस्कुरा दी और चुप रहने का इशारा की
मै समझा मुझे देख कर विमला चौकेगी , पर शायद गेट के पास उसने मेरे चप्पल देख लिये थे
इसिलिए वो ऐसे रियक्ट कर रही थी ।

मैने दे ना करते हुए उकुडू होकर झट से लण्ड विमला के मुह मे पेल दिया और घुटने के बल खड़ा होकर तेजी से उसका सर पकड कर लण्ड को उसके मुह मे चोदने लगा

उधर अनिता लगातर विम्ला की चुत और गाड़ मे जीभ घुमा रही थी और विमला के हाथ अभी भी अनिता की चूत पर रेग रहे थे ।

फिर विमला ने आराम से अपने मुह से मेरे लण्ड को निकला और खुद अनिता की जांघो को उपर किया और मैने देर ना करते हुए झट से आधा लण्ड अनिता की मोटी फुली हुई चुत मे घुसा दिया जिस्से वो कराह उठी

अनिता - आह्ह जीजी ये तो सच का लंड हैअह्झ मा

और अनिता ने गरदन उठाया और मुझे देखा - हय्य राम जीजी ये तो , नही नही ऐसा ना करो जीजी ,ये गलत होगा

मै एक तेज धक्का देकर उसकी चुत की गहराइयों मे लण्ड को ले गया और बोला - सालि चुप कर , जब अपने पति और देवर का लण्ड एक साथ लेती है वो गलत नही लगता , अभी नखरे दिखा रही है

और ये बोल कर मैने अनिता की जांघो को थामा और तेजी से धक्का लगाते हुए पेलने लगा ।

वही विमला वापस अनिता के मुह पर अपनी गाड़ रख कर बैठते हुए - अब चुस सालि आह्ह हा ऐसे ही उफ्फ्फ हा चाट कुतिया की तरह आह्ह आह्ह्ज

इधर विमला उत्तेजि होकर अनिता की जीभ और नथुने अपनी चूत को रगड़ रही थी वही मै अनिता की जान्घे उठाए घपाघ्प्प उसके भोस्दे मे पेले जा रहा था ।

थोडी देर बाद
मै - मौसी जरा उठना इस रन्डी को कुतिया बना कर पेलूंगा
और विमला उठ गयी और मैने झट से अनिता के चुत से उसकी पानी से सना लण्ड निकाला और फिर उसको कुतिया बनाने के लिए उसके जांघो को एक तरफ झटका जिससे वो कसमसा कर सिस्कते हुए घुटनो के बल कुतिया बन गयी

आह्ह मोटी थुलथुली गाड़ थी एकदम चर्बिदार
मै एक च्पाट अनिता की गाड़ पर लगाकर झुक कर उसके गाड़ के पाट खोलते हुए उसके सुराख चाटने लगा ।
वही विमला वापस से अनिता के सामने अपना चुत परोसते हुए लेट गयी और अनिता के झट से झुक कर उसके चुत मे मुह लगा दिया और झुकने से उसकी गाड़ और भी फैल गई,, ब्स मेरा मूड़ अब बदल गया और मैने अनिता के गाड़ के सुराख पर 3 4 बार थूक कर उसे लिपते हुए उसके गाड़ के मोटे सुराख मे अंगूठा घुसा दिया और वो विमला के चुत मे मुह घुसाये ऊहह उह्ज करने लगी ।

अनिता चाह कर भी खुल कर आहे नही भर सकती थी कयोंकि विमला ने जबरजस्ती उसका सर अपने चुत के उपर दबा रखा था

और मैने झट से अपना गिला लण्ड अनिता के गाड़ के मोटे भूरे सुराख पर रखा और उसके कूल्हो को थामते हुए जोर लगा कर अपना लण्ड उसकी गाड़ मे पेल दिया

वही अनिता ने गाड़ मे लण्ड पाते ही जोर झपट कर विमला से खुद को छुड़ा कर - आह्ह मैइया साले हरामी फाड़ दी ना मेरी गाड़

मै उसकी बाते सुन कर गुस्से मे आते हुए - दोनो हाथो से एक साथ उसक गोरी चमड़ी वाली थुलथुली गाड़ के पाटो पर जोर से मारा , जिससे अनिता दर्द से गनगना गयी और फिर मैने एक तेज झटके के साथ पुरा लण्ड उसकी गाड़ की दिवारो को चिरते हुए जड तक ले गया

यहा अनिता की आवाज बंद हो गयी । वो दर्द और थकान से बेहोश सी होने लगी ,,,लेकिन मैने बिना रुके तेजी से उसकी गाड़ मे जगह बनाना शुरु किया और तेजी से पेलना शुरु किया

जल्द ही अनिता की चेतना वापस आई और वो सिसकिया लेने लगी और उसके जुबान की मधुरता वापस आने लगी,,उसके चेहरे पर एक मादक सी मुस्कान थी और वो खुद गाड़ से मेरे लण्ड को निचोडना शुरु कर दी


अनिता - आह्ह बाबू और चोदो मुझे उम्म्ं बहुत मस्त लौडा है तेरा अह्ह्ह म्जा आ रहा है अह्ज्ज पुरा खोल कर रख दिया है अह्ह्ज


मै अनिता की बाते सुन कर विमला की ओर देखता हूँ तो वो भी मुस्कुरा कर वाप्स अनिता के मुह मे चुत लगा देती है

मै अनिता का गाड़ पर थप्पड़ ल्गाते हुए - क्यू सालि रन्ड़ि अभी तक तो मुझे गाली दे रही थी अब मजा आ रहा है हम्म्म्

ये बोल कर मैने अपना लण्ड उसके गाड़ के गहराई मे ले गया
अनिता सिस्क कर - ओह्ह्ह अह्ह्ज माफ करना बेटा तुने अचानक से मेरे गाड़ मे इतना मोटा लण्ड डाल दिया इसिलिए मेरे मुह से अह्ह्ज अह्ज और चोद आह्ह मजा आ रहा है जीजी , कहा से लायी हो इसको उम्म्ंम्ं

वही विमला अपने गाड़ उचका कर अनिता क महे पर दरते हुए - तू बस मेरा पानी निकाल कमिनी ज्यदा ब्ड़ब्ड़ मत कर

ये बोल कर विमला अपनी गाड़ उचका कर अनिता के मुह मे झड़ने लगी

यहा मै भी अनिता के कसी गाड़ मे पेलकर झडने के करीब था और झट से उसके गाड से लण्ड को बाहर किया तो एक खूँटे भर लाल सुराख अनिता की गाड़ मे सिकुडने लगा था

मै झट से उठा - आह्ह जल्दी आओ मौसी मेरा निकलेगा

मेरी बात सुन कर दोनो रन्ड़िया एक साथ मेरे लण्ड के निचे आई और मेरी एक पिचकारी छूटी ।
और मैने झट स अनिता के मुह मे लण्ड भर कर उसके गले तक लण्ड ले जाकर झटकने लगा और सारा माल उसके पेट मे गिरने लगा

फिर मैने एक झटके साथ लण्ड निकाल कर विमला की ओर किया और वो गप्प से लण्ड के सुपाड़े को मुह मे लेके सुरकने लगी
वही अनिता मेरे दिये झटके से अभी भी खास रही थी

फिर दोनो ने बारी बारी से मेरे लण्ड को साफ किया और हम सब उथ कर सोफे पर बैठ कर सांसे बराबर करने लगे
थोडा समय बितने के बाद विमला किचन से मेरे लिए पानी लेके आई

वही अनिता - मुझे नही पता था बेटा तू इतना जोर का चोदता है औरतो को ,,तेरे सामने तो गबरू मर्द भी फीके पड़ जाये ,,, और दिखने मे कितना साधारन है तू


विमला ह्स कर - अरे अनिता ये ऐसे ही मुझे भी अपनी सादगी और भोलेपन मे चोद गया था हिहिहिही

मै विमला की बात सुन कर शर्माने लगा
विमला ह्स कर - इसके शर्माने की अदाओ पर मुझे बहुत प्यार आता है और इसिलिए तो ये मेरे जिगर का टुकड़ा है,,

फिर विमलां मुझे अपने सीने से लगा लेती है और मैने उसको चुचे काट लेता हू


विमला हस कर - धत्त बन्दर कही का , अभी फीर से मन है क्या तेरा

मै अंगड़ाई लेते हुए - उह्ह्ह्हऊऊह्ह मौसी मन तो बहुत है लेकिन अभी परिक्षा चल रही है तो ज्यादा थक गया तो पढ़ेगा कौन हिहिहिही

विमला मुझे सीने से लगाये - हा ठीक है कोई बात नही ले पानी पी

फिर मैने पानि पिया और कोमल के रूम से कपड़े लेके आया और उन्हे पहना ।फिर मोबाईल चेक किया तो देखा सोनल का फोन आया था

मै हस कर - चलो मौसी मै जाता हू , घर से फोन आ रहा है

विमला उदास मन से - अरे बेटा तू जा रहा है आज रुक के जा ना

मै विमला के गालो को चूम कर - मौसी मेरा एग्ज़ाम ना होता तो मै जरुर रुकता और दोनो को काफी जोर से चोदता


अनिता मेरी बातो से ह्स दी - कोई बात नही बेटा समय निकाल कर आते रहना , मै तो तेरे इस मोटे लण्ड की रह हमेशा देखूँगी हिहिहीही

फिर मैने कपडे पहने और उनलोगों से विदा लेके निकल आया है बाहर और सोनल के पास फोन किया तो पता चला कि मा ने दुकान पर बुलाया है

फिर मै दुकान पर निकल गया ।


जारी रहेगी
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Lutgaya

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