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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कुछ मेडिकल इमर्जेंसी की वजह से इन दिनों व्यस्त हूं दोस्तो और परेशान भी 🥲
समय मिलने पर अपडेट दिया जायेगा और सभी को सूचित किया जाएगा ।
तब तक के लिए क्षमा प्रार्थी हूं
🙏

 
Last edited:

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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आप सभी पाठको का बहुत बहुत आभार और बधाई की आज 56 दिनो के सफ़र मे 50 अपडेट की कहानी लिखी जा चुकी है ।


आप सभी अपना प्यार और सपोर्ट बनाये रखे ।
और अपने महत्वपूर्ण विचारों को खुल कर रखे ।
धन्यवाद
 

Nevil singh

Well-Known Member
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H
Update 50

हम चारो खेत से घर के लिए निकल गये ।
रास्ते मे कोमल बार बार मेरे तरफ देखती और मुस्कुराती , जब मै इशारे से पछता क्या हुआ तो वो ना मे सर हिला देती और आगे चलने लगती ।
शाम करीब 6 बजे तक हम सब घर पहुचे तो आगन मे खटिये पर सारे लोग बैठे चाय नास्ता कर रहे थे ।
मामी और मामा एक खाट पर बैठे हुए थे ।
नाना एक खाट पर लेटे हुए थे उनके बगल मे मौसी बैठी उनका पैर दबा रही थी । वही विमला मौसी , मामी के बगल वाली खाट पर बैठी थी । मा कही नजर नही आ रही थी ।

हमे एक साथ आता देख कर नाना बोले - आजाओ बच्चो तुम भी बैठो
मामी - हा बच्चो बैठो मै तुम लोगो के लिए चाय लाती हू ।

फिर मै और गीता एक खाट बिछा कर बैठ गये कोमल और बबिता , विमला मौसी के साथ बैठ गयी ।
नाना बबिता - कहा घुमाने ले गयी थी गुडिया सबको
बबिता - वो बाबा हम लोग ट्यूबवेल पर गये थे घुमाने
नाना - अच्छा , फिर तो तुम दोनो नहाए होगे , मस्ती किये होगे हाहाहाहाहा
बबिता - हा बाबा , और भैया भी नहाए थे हम लोगो के साथ

नाना कोमल की तरफ - और तुम बिटिया तुम नही की मस्ती
कोमल - नानू वो मै दोपहर को ही नहा ली थी तो मन नही था लेकिन मस्ती हम सबने की ।
फिर नाना ने मेरी तरफ देखा - और मेरे शेर क्यू गुमशुम से क्यू हो यहा आ मेरे पास

मै उठा तो एक नजर कोमल को देखा तो वो बडे उदार नजरो से मुझे देख रही थी , मानो उसकी नजर मे कितना असहाय हो गया हू ।
मै नाना के पास उनकी जांघ के बगल मे बैठ गया ।
नाना मेरे हाथ पकड कर - बेटा कोई दिक्कत तकलीफ तो नही है ना यहा तुझे
मै मुस्कुरा कर - नही नाना जी ,,मुझे क्या तकलीफ होगी ।
नाना - बिलकुल यहा सब कुछ तेरा ही तो है और हमारे बाद सब कुछ मेरे नतीयो का ही होने वाला है हाहाहाहहा

मै मुस्कुरा रहा था इतने मा और मामी चाय का ट्रे लिये आ गयी ।
मामी - चलो बच्चो नास्ता कर लो तुम भी
फिर मामी और मा ने वापस से सबको चाय दी और हम सब बाते करते हुए चाय का मज़ा लेने लगे ।
इस दौरान मै विमला मौसी को नोटिस किया की वो बार बार को देख कर मुस्कुरा रही है ।

और मेरी नजर जब मामा पर गयी तो पता चला कि वो तो विमला मौसी को ताड़ रहे थे ।
अब ताडते ही क्यो नही एक तो कसे बदन वाली विमला मौसी और वही मामा का मिजाज ठरक से भरा हुआ

एक तरफ जहा मामा और विमला मौसी के बीच नैन मट्क्का चल रहा था वही कोमल थोडी उदास दिख रही थी , मैने उसे इशारे से पुछा की क्या हुआ वो फिर ना मे सर हिला दी ।

ऐसे ही 7 बजने को आये तो मै उठा और कमरे में जाने लगा ।
मा - कहा जा रहा है बेटा
मै - मा थोडा आराम करने का सोच रहा हू , खाना का टाईम हो तो बुला लेना

मामी - हा बेटा तुम आराम कर लो वैसे भी आज बहुत किये हो ,,ये बात मामी मुस्कुरा कर बोली
मै समझ उनका तंज और मुस्कुरा कर उठने लगा

मौसी - चलो भाभी हम लोग रात के खाने की तैयारी कर ले
मामी - हा दीदी चलिये
विमला - चलिये मै भी चल्ती हू

मामी - अरे दीदी आप आराम करिये बात चित करिये
मामा - हा विमला बैठो थोडा बहुत दिन बाद तो आई हो ।

फिर मै उथा और जाने लगा
गीता बबिता भी मेरे साथ ही जाने लगी अपने कमरे मे उनके होमवर्क बाकी थे ।
तो कोमल अकेले क्या करती वो भी गीता बबिता के कमरे मे चल गयी ।

बाहर अब खाट पर नाना सोये थे ।
मा उनको हवा करते हुए विमला से बात कर रही थी और वही मामा विमला मौसी को ताड़ रहे थे ।

मै अपने कमरे मे पहुचा और झट से अपने कपडे निकाले और अंडरवियर बदल कर वैसे ही लेट कर मोबाईल खोल कर चलाने लगा ।

अभी ज्यादा समय नही हुआ था कि किसी ने दरवाजा खटखटाया

मै - खुला है आजाओ अन्दर
दरवाजा खुला तो देखा कि कोमल थी और उसके हाथ मे नारियल के तेल की शिशि थी।
और उसने दुपट्टा भी नही लिया था ,,,जिससे उसकी चुचियो का उभार साफ दिख रहा था ।

मै - अरे कोमल तुम , आजाओ और दरवाजा बंद कर देना

कोमल चुपचाप से दरवाजा बंद की और मेरे बिस्तर पर बैठ गयी ।
मै - क्या हुआ कोमल तू ऐसे चुप क्यू हो
कोमल शर्मा कर - वो मै तुम्हारे लिए ये तेल लाई थी मालिश के लिए
मै कोमल की बाते सुन कर सोचने ल्गा अरे वाह कोमल ने खुद से मेरा ख्याल रखते हुए मेरे लण्ड के लिए तेल लेके आई है ।

मै उसकी मासुमियत पर फीदा होने लगा था । सच मे कितनी प्यारी और केयरिंग मेरे लिए
मै - हा थैंक्स कोमल ,,,
कोमल थोडा हिचक कर - इससे आराम हो जाएगा ना तुमको
मै - हा कोमल हो जाता है लेकिन
कोमल - लेकिन क्या
मै - लेकिन ये मेरे लिए रोज का है तो तुम परेशान ना हो ज्यादा
कोमल - क्या रोज दर्द होता है
मै - हा जब लम्बे समय तक ये खड़ा रहता है और अन्दर होता है तो होता ही है।
कोमल - ओह्ह्ह ठीक है अभी मालिश कर लो फिर
मै - ठीक है रुको मै बाथरूम मे करके आता हू
कोमल - क्यू यही कर लो बैठ कर ना
ये बात बोल कर कोमल को उसकी गलती का अह्सास हू और उस्की जुबान अब उसके दोनो दातो मे थी और होठ मुस्कुराने की कोशिस कर रहे थे ।

मै मुस्कुरा कर - ठीक है यही कर लेता हू
फिर मै बेड पर खड़ा हुआ और अपना अंडरवियर निकाल कर पुरा नंगा हो गया और चल कर कोमल तक गया और फिर निचे उतर के उसके सामने आ गया ।

कोमल मुझे नंगा देख कर नजरे निचे कर लेती है और तेल की शीशी मेरी तरफ कर देती है ।
मै उसके हाथ से तेल की शीशी लेके उसके सामने ही तेल की हल्की सी पतली धार अपने लण्ड के जड़ से सुपाडे तक गिराता हू और दुसरे हाथ से अच्छे से लिप देता हू ।

कोमल तेज सांसे लेते हुए कनअखियों ने मेरे क्रियाकलाप को निहार रही थी
और मै उसके घाटियो के दर्शन करते हुए लण्ड को तेल से चमका रहा था ।

कोमल के सामने लण्ड पर हाथ सरकाने मे जो मजा था वो कही नही था । एक अलग ही रोमानच का अहसास था ।

कोमल - एक बात पूछू राज
मै - हा बोलो ना
कोमल - तुमको सच मे शर्म नही आती है मेरे सामने ये सब करने मे
मै - देखो कोमल , मै तुम्हे सच एक अच्छा दोस्त समझता हू , और मेरे मन में तुमको लेकर कोई भी गलत भावना नही है और तुम मेरे लिये इतनी फिक्रमन्द हो तो , बस यही सब है की मै तुमसे खुल कर बाते करता हू
कोमल - अच्छा एक बात बताओ
मै लण्ड को सहलाते हुए - हा बोलो ना
कोमल - ये खड़ा क्यू होता है हमेशा , क्या तुम हर वक़्त वही सब सोचते हो क्या
मै - मतलब

कोमल ने इस बार पहले मेरी आँखो मे देखा और फिर आँखो से मेरे लण्ड की तरफ इशारा करते हुए बोली - ये हमेशा खड़ा क्यू रहता है , क्या तुम सेक्स के बारे मे ज्यादा सोचते हो क्या

मै - नही यार ऐसी बात नही है अह्ह्ह उह्ह्ह
कोमल - फिर
मै - ये नेचुरल है कोमल इसका खड़ा होना ,,जब कोई चीज़ हम सेक्सी सा देख लेते हैं या मह्सूस कर लेते है तो खड़ा हो जाता है

कोमल मुस्कुरा कर - तो वहा तुम क्या देख लिए की तुम्हारा ये
मै - नही तुम नाराज ही जाओगी
कोमल - अरे बताओ ना राज मै दोस्त हू तुम्हारी
मै - वो जब मै तुम्हारा प्लाजो झाड़ से निकाल रहा था उस समय मैने तुम्हारी गोरी गोरी टाँगे देखी थी तो

कोमल चिढ़ कर ह्सते हुए - छीई गंदे ,,अभी तो बोल रहे थे की मेरे बारे मे कोई गलत ख्याल नही रखते हों और अब क्या क्या गुल खिला रहे

मै - मै क्या करता मजबूरी हो जाती है यार
कोमल - अच्छा आज का तो ठीक था लेकिन उस दिन बस मे कैसे
मै - उस दिन बस मे भूल गयी क्या की तुम मेरे गॉड मे गिरी थी और तुम्हारे बू. ( कोमल की चुचियो पर इशारा करते हुए) मेरे हाथ मे आ गये थे और जब तुम खड़ी हुई तो तुम्हारी बैक साइड ,,,,

कोमल शर्मिंद्गी से हस्ते हुए - बस बस बस मै समझ गयी , मतलब नियत पहले दिन से ही खराब है

मै लण्ड सहलाते हुए कहा- नही कोमल मेरे मन मे ऐसा कोई विचार नही है तुमको लेके ,,वो सब बस एक संयोग था

कोमल - वो सब तो संयोग था मान लिया लेकिन अभी ये क्यू नही छोटा हो रहा है ,, देख रही हू मालिश से और भी बड़ा हो रहा है ,,,,, छीईई क्या क्या बोल रही हू मै

मै मुस्कुरा कर - वो तो उसकी वजह से ,,,मैने एक बार फिर कोमल के चुचियो के घाटी की तरफ इशारा करते हुए कहा

कोमल ने झट से अपने चुचियो के बिच मे हाथ रख लेती है
कोमल - छीईई कितने गंदे हो तुम

मै इस समय लगातार लण्ड हिला रहा था जिससे मुझे सेक्स का नशा होने ल्गा था और मेरे मुह से काफी गंदी जुबाने बाहर आने लगी थी ।

मै - अह्ह्ह कोमल
कोमल थोडा फ़िकर से - क्या हुआ राज दर्द ज्यादा है
मै ना ना मे सर हिलाते हुए अह्हे भर रहा था
कोमल - बताओ ना राज
मेरी आंखे अब बंद होने लगी और मै बोला - मेरा निकलने वाला है कोमल अह्ह्ह उह्ह्ह इसससससस अह्ह्ह्ह

कोमल समझ गई कि मै झड़ने वाला हू इससे पहले कि कोमल बचने का कुछ पाती मेरे लण्ड के सुपाडे ने तेज पिचकारी कोमल के मुह और सीने पर मारनी शुरू कर दी

कोमल - छीईई राआआआज्ज्ज्ज क्या कर रहे हो दुर हटो छीई माआ य्क्क्क्क

मै जब होश सम्भाला तो आन्खे खोल कर देखा सामने बिस्तर पर बैठी कोमल के चेहरे मेरा वीर्य टपक रहा है कुछ हिस्सा उसके चूचि के घाटियो मे रिस रहा था और बाकी का माल अपने चेहरे को बचाने के लिए कोमल ने जो हाथ लगाये थे उनपर रिस रहे थे ।

कोमल के मूछ पर लगा वीर्य रिस कर होटों पर जा रहा था जिसका आभास होते ही कोमल ने अपने होठ भीच लिये ,,पर कबतक उसे रोक पाती ना ही अपने हाथो से साफ कर सकती थी क्योकि वो पहले से ही वीर्य से सने थे । जैसे ही उसकी सांसे भारी होने लगी उसे मजबुरन मुह खोलना पडा और जैसे ही वीर्य की कुछ बुंदे उसके होटो से जीभ तक गयी
वो जोर से चिल्ल्ला कर - राआज्ज्ज ये क्या
कोमल अचानक से रुक गई और अपने जीभ एक बार अपने मूछ के हिस्से पर फिरा कर चाता गयी । उसके चेहरे के भाव बदल गये ।
ये शायद उसके लिये वीर्य चखने का पहला अवसर था और मेरे उम्मीदन उसे मेरे लण्ड का गरमा गर्म बीर्य उसके जीभ लग चुका था तभी वो शांत थी ।

मै - सॉरी कोमल वो आवेश मे मुझसे कण्ट्रोल नही हुआ
कोमल का गुस्सा शांत था ये मै समझ गया था क्यौंकि उसके चेहरे के भाव बदल गये थे
कोमल थोडा नरमी से - कम से कम एक बार बता देते मै हट जाती ना
कोमल - देखो मुझे सब साफ करना पडेगा

मै झट से एक गम्छा लिया और उसकी तरफ किया - लो इससे पोछ लो
कोमल को वीर्य गमछे मे पोछना पन्सद नही आया शायद तो वो बोली - यार इसमे कपड़े खराब हो जायेंगे
ऐसा करो तुम कपडे पहनो और मेरे साथ पीछे बाथरूम मे चलो ।

मै घूमा और झट से बिना अंडरवियर के लोवर पहन लिया
कोमल - अरे उसे भी पहन लेटे
मै - मै रात सिर्फ एक ही चीज़ पहनता हू
कोमल - ठीक है जैसा तुमको सही लगे , अब उपर भी पहनो कुछ जलड़ी ये सुख रहा है

मै झट से टीशर्त उठाया और जैसे ही मैने उसे गले डालने के फैलाया ,,, मैने देखा कोमल ने झट से अपने बाये हाथ पर लगे बीर्य को चाट ली

मै मुस्कराया और टीशर्ट पहन लिया और आगे आगे चलने ल्गा
और जब मै पीछे बाथरूम के बेसिन तक गया तो देखा कि दोनो हाथो के वीर्य वो साफ कर चुकी थी ।

मै जानबुझ कर उसका मन टटोल कर - ये कोमल हाथ पर जो ल्गा था कहा पोछ लिया
कोमल थोडा हिचक कर खुद को confident दिखाते हुए बोली - अरे वो सुख गया है

फिर वो साबुन से अच्छे से हाथ और मुह धुल लेती है और फिर चुल्लू मे पानी लेके सीने पर लगे माल को धुलती है जिससे उसकी कुर्ती भीगने लगती है और कुछ ही समय मे उसके ब्रा की पट्टी और कप दोनो साफ साफ दिखने लगते है ।

फिर मैं उसे आंगन मे टगा एक तौलिया देता हू और वो उसे पोछ लेती है

मै - चलो छत पर जाते है टहलने
कोमल - क्यू
मै - अरे एक बार आईने मे देखो खुद को और फिर बोलो
कोमल ने जब सीसे मे देखा खुद को तो उसको भी उसकी ब्रा के कप और चुचियो का शेप दिखा

मै - इसिलिए बोला की छत पर टहलते हुर सुख जायेगा
कोमल थोदा मुस्कुराई और बोली - हम्म्म ठीक है चलो
फिर हम दोनो साथ मे उपर जाने लगे ।
छत पर बहुत अच्छी हवा चल रही थी ।

मै - कोमल थैंक्स
कोमल - क्यू भई थैंकस क्यू
मै - वो तूमने बुरा नही माना उसके लिये ,,,अगर आज तुम्हारी जगह कोई और होती तो शायद वो थप्पड़ भी मार देती

कोमल मुस्कुरा कर - कोई बात नही दोस्त हू ना , मै नही समझूगी तो कौन समझेगा

मै - हा कोमल सही कह रही हो
कोमल - लेकिन मुझे ये नही समझ आ रहा है कि तुम रोज रोज मालिश करके अपना वो वेस्ट क्यू कर देते हो ,, जानते हो ना कितना इम्पोर्टेंट होता है वो बॉडी के लिए
मै - हा जानता हू , लेकिन वो मेरा रोज नही निकलता है आज बहुत दिनो बाद निकला था ।
कोमल - बहुत दिन बाद मतलब
मै - कोमल मै भी जाता हू की स्पर्म बॉडी के लिए कित्ना जरुरी है ,,इसिलिये मै हिसाब भर मालिश करता हू ताकि ड्रॉप ना हो
इससे पहले जब शुरू शुरू मे मालिश सुरु की थी तब करीब 10 दिन तक रोज स्पर्म वेस्ट किया था फिर थोडी कमजोरी हुई , तब से छोड दिया था ।

कोमल - ओह्ह्ह कोई बात नही राज , होता है अकसर ऐसा कुछ
हम दोनो ऐसे ही बाते करते हुए छत के सामने रेलिंग के पास खडे हो कर बाते करने ल्गे ।
तभी मुझे विमला मौसी सामने के गोशाला मे घुसते हुए दिखी,, मै थोडा confuse था और रात मे हल्की फुल्की रोशनी मे दिख नही रहा था ।
मै - कोमल वो देखो तुम्हारी मम्मी है क्या
मै इशारे से सामने की गोशाला के गेट से अन्दर जाते हुए देखा

कोमल - हा वो मम्मी ही है लेकिन वहा क्यू जा रही है
तभी मेरी नजर मेरे मामा पर गयी वो भी चुप्के से देखते हुए गोशाला मे घुस गये ।

मै - अरे देखो मेरे मामा भी गये है ,,,चलो देखते है कही कोई बात तो नही है ना
और मै जल्दी से सामने वाली सीढ़ी से निचे जाने को हुआ कि कोमल ने मेरा हाथ पकड़ कर रोक लिया

कोमल - नही राज हम लोग वहा नही जायेन्गे
मै चौक कर - अरे देख लेते हैं ना वहा कुछ हुआ तो नही है ना
कोमल - वहा कुछ नही हुआ है मै जानति हू आओ चलो उधर चल्ते है

कोमल मेरा हाथ पकड कर छत के बिच मे लाई
मै अचरज मे था कि क्या बात है कोमल ऐसे क्यू रियक्ट कर रही है ।


मै - क्या हुआ कोमल क्या बात है
कोमल सीसकते हुए - कुछ नही राज
मै चौक गया कि कोमल रो रही थी
मैने उसके कन्धे पे हाथ रखा और बोला- क्या हुआ कोमल तू अचानक से ऐसे रो क्यू रही हो
कोमल झट से मुझसे लिपट गयी और फफक फफक कर रोने लगी ।

मुझे मेरे बदन पर कोमल का अह्सास पाते ही मेरे अंदर उतेजना हुई लेकिन कोमल के आशुओ ने उसे गुमा दिया
मैने उसके पीठ को सहलाया और सामने कर उसके आंसू पोछे और बोला - कोमल सच सच बताओ क्या बात है आखिर ,, तुमको मेरी कसम है

कोमल - ये कया कर रहे हो राज ,, कसम क्यू दी
मै - देखो तुम अगर मुझे अपना दोस्त समझती हो तो मुझे बताओ क्या बात है , ये वादा है मै किसी से भी वो बात नही करूँगा
कोमल सिसकते हुए - प्रोमिस ना
मै - हा भाई प्रोमिस

कोमल - राज मै अपनी लाइफ से बहुत ज्यादा तंग आ गई । पिछ्ले 2 दिनो से मुझे आजादी मह्सूस हुई नही घर पर मेरी जिन्दगी नरक है नरक

मै - मै स्म्झा नही क्या बात है कोमल खुल कर बताओ
कोमल अब जो कहने वाली थी उससे मेरे रौंगटे खड़े होने वाले थे ।

मै - खुल कर बताओ कोमल क्या बात है ,आखिर ऐसा क्या है घर पर जिससे तुम्हारी लाइफ नरक बन गयी है

कोमल - मेरे दोनो चाचाओ ने मेरी जिन्दगी नरक कर दी है राज
और कोमल फफक कर फिर से रोने लगी ।
मै उसे वापस से शांत करके - उन लोगो क्या किया

कोमल - तुम तो जान्ते ही हो ना मेरे पापा को मरे 4 साल हो गये । इसी बात का फायदा उठा कर मेरे चाचा ने बेईमानी से पहले हमारे घर के कागज ले लिया और अपनी चाल के मम्मी को फसा लिया

मै - हमम फिर
कोमल - और मेरे दोनो चाचा रोज मेरी मम्मी के साथ वो सब करते थे धीरे धीरे मम्मी को भी इस चीज़ की लत हो गयी और वो अब उन्ही के इशारे पर चल्ती है ।
और अब मेरे चाचाओ की नजर मुझ पर है । आये दिन वो मुझे गंदे गंदे बाते बोल्ते है और मेरे बदन को छूने की फिराक मे ल्गे रहते है ,,बदले मे अगर मेरा छोटा भाई कूछ बोल देता है तो वो उसे मारते भी है ।

मै - ओह्ह्ह ये बात है
कोमल - हा राज और मेरी मा की बुरी लत बहुत ज्यादा हो गयी है । वो एक दिन भी अब बिना वो सब किये नही रह पाती है और आज उनको नही मिला तो तुम्हारे मामा के साथ गोशाला मे चली गयी

मै - ओह्ह इसिलिए तुम मुझे वहा जाने से रोक रही थी
कोमल - हम्म्म्म सॉरी राज मै ये सब नही ब्ताना चाहती थी ।लेकिन इन दो दिनो मे मुझे तुम जितना भरोसे का दोस्त आज तक नही मिला ।

मै - कोई बात नही कोमल मै हमेशा हाजिर हू तुम्हारे लिये
कोमल - थैंक यू
मै - वैसे कुछ सोचा है इस बारे मे कि कैसे अपने चाचा लोगो से पिछा छुड़वाना है

कोमल - हा मैने सोचा एक जॉब मिल जाये फिर मै मा और अखिल को लेकर शहर चली जाऊंगी घर जमीन सब छोड कर

मै - लेकिन कोमल वो तुम्हारे पापा का घर है ना
कोमल - तो क्या कर बताओ
मै - अच्छा ये बताओ इस मामले मे तुम्हारी मा क्या तुम्हारे साथ है
कोमल - हा वो बोली है कि वो छोड देगी घर ,

मै - ठीक है फिर मै मा से बात करता हू और फिर कोई रास्ता निकाल के बताता हू ।
कोमल - क्या सच मे तुम मेरी हैल्प करोगे राज
मै - क्यू नही आखिर दोस्त जो है हम
कोमल ने वाप्स से कस कर मुझे हग कर लिया - थैंक यू राज ,
और मेरे गाल पर किस्स दिया

मै थोडा मस्ती के मूड मे - इतना मेहनत का ब्स एक किस्स दोगी
कोमल - तो और क्या चाहिये
मै कोमल की कमर को खिच कर अपनी तरफ किया और बोला - अब बताऊ क्या चाहिये

कोमल आंखे बन्द किये - हम्म्म्म्ं
मै झुक कर उसके माथे को चूम लिया और बोला - ब्स तुम खुश रहो दोस्त इतना ही ।

और फिर कोमल को ढिला छोड दिया ।
कोमल मुझसे अलग होते हुए - तुम तो बडे सीधे निकले यार ,, हाथ आया मौका भी छोड दिया
मै - मै मौके का फायदा नही उथाता हू
कोमल - ओह्हो फिलोश्पर साहब चलो अब निचे चले
मै - जी हुजुरे आला
कोमल हस्ते हुए - आला की आली
फिर हम दोनो हसने ल्गे और निचे चले गये


देखते है दोस्तो आने वाले अपडेट मे क्या क्या बाते होने वाली है ।
आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा
धन्यवाद
Hasheen update dost
 

Nevil singh

Well-Known Member
21,150
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आप सभी पाठको का बहुत बहुत आभार और बधाई की आज 56 दिनो के सफ़र मे 50 अपडेट की कहानी लिखी जा चुकी है ।


आप सभी अपना प्यार और सपोर्ट बनाये रखे ।
और अपने महत्वपूर्ण विचारों को खुल कर रखे ।
धन्यवाद
Ish partham half century ki aapko bhi badhai ho dost
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
7,896
22,295
189

Sanju@

Well-Known Member
5,014
20,098
188
Update 48

मामी की दो बार जोरदार चुदाई करने के बाद हम दोनो किचन मे खाना खाने चले गये जहा मौसी बर्तन खाली कर रही थी ।

मामी - अरे दीदी रहने दो अभी मै कर दूँगी
मौसी - कोई बात नही है भाभी ये मेरा भी घर तो है
मामी - हा दीदी , वो मै इसलिये कह रही थी कि अभी मैने और राज ने खाना नही खाया ,,, कबसे काम कर रहे थे ।

मौसी - हा पता है छोटी ने बताया मुझे थोडी देर पहले इसलिये तुम दोनो का खाना मैने टेबल पर ल्गा कर ढक दिया है और गीता बबिता के लिए भी थोडा खाना रख दिया है ।

मामी - हा वो लोग भी आती होगी स्कूल से
मै - चलो मामी खाते है बहुत भूख लगी है ।

फिर हम लोग खाना खाने के लिए बैठ गये , बीच बीच मे मै मामी को छेड़ता और मामी मौसी की तरफ इशारा करते हुए चुप रहने को कहती ।
फिर मै खाना खा कर अपने रूम मे चला गया क्योकि थकान बहुत थी ।

कमरे मे कोई नही था शायद मा उठ गयी हो , फिर मै आराम से बिस्तर पर लेट गया और जेब से मोबाइल निकाल लिया ।

मोबाइल का लॉक खोला था मामी की खीची हुई तस्वीर सामने आ गई, मै मुस्कराया और फ़ोटो को एक सेफ़ जगह सेव कर दिया ।
इस समय तक मेरे मोबाईल पर दीदी के 14 मिस्काल और 6 मैसेज थे जिसमे 4 मसेज मे सिफ गुस्से वाली एमोजी थी ।
बाकी 3 मिस्काल कोमल के थे और 2 मैसेज भी थे । जिसमे वो बता रही थी कि आज 3 बजे के बस से वो घर वापस जा रही है ।

मै झट से समय देखा तो अभी 5 मिंट कम थे । मै फुर्ती से उठा और चप्पल पहना तुरंत घर से निकल गया ।
जैसे ही गेट क्रॉस करके आगे हुआ तो तेज़ी से गाव के बाहर के सरकारी स्कूल की तरफ दौड़ते हुए जाने लगा ।
कारिब 3 मिंट मे मै स्कूल से करीब 20 मीटर पहले तक पहूच गया लेकिन आस पास कोई नही था । ना कोई बस ना कोमल और उसकी मा सिर्फ सन्नाटा
मैने घड़ी देखी तो तीन बजकर दो मिंट हो गये थे ।
मै निराश होकर पलट कर घर जाने लगा । तभी मेरे कानो मे स्कूल के छुट्टी वाली घंटी की आवाज आई और दुसरी तरफ एक बस होर्न बजाते हुए मेन रोड पर आ गई ।

बस की होर्न सुनते ही मै पल्टा तो देखा उससे कुछ लोग उतर रहे थे और वही स्कूल के पास सड़क के किनारे लगे पीपल के पेड़ के निचे से उठ कर कोमल और उसकी मा बस की तरफ जाने लगे ।
जैसे ही मेरी नजर उन दोनो पर गयी मै खुशी से पागल हो गया ।
इधर मै उन दोनो की तरफ बढ़ता उससे पहले स्कूल के बच्चे तेज़ी से बाहर आने लगे कुछ ही पलो मे पुरा रास्ता और ग्राउंड बच्चो से भर गया । कोमल वापस मेरे आँखो से ओझल होने लगी
मै बेचैन होकर बस की तरफ भागा ये बीस मीटर की दुरी जैसे 100 मीटर की हो गयी ।
ना आगे बढ़ने का दाव ना कोई रास्ता दिख रहा था
जब तक मै मेन सड़क तक पहूच पाता बस निकलने लगी और काफी ज्यादा स्कूली बच्चे भी उसी बस मे चढ़ गये जिससे बस पूरी भर गयी। मै खिडकी दर खिडकी दिवानो की तरह कोमल को खोजता रहा लेकिन वो नही दिखी और आखिरकार बस निकल गयी।
मै एक बार फिर से निराश हताश होकर वापस घूम गया गाव की तरफ तभी एक स्कूल गाड़ी होर्न बजाते हुए तेज़ी से मेरे बगल से गुजरी । मुझे तेज होर्न से इतना गुस्सा आया और मै झट से एक पत्थर उठाया और मारने के लिए बस की तरफ हाथ फेरा ही था की सामने करिब 50 मीटर दुरी पर मुझे कोमल बैग लेकर वापस गाव की तरफ अपनी मा के साथ जाते हुए दिखी ,, और वो गाड़ी उन दोनो को भी होर्न देते हुए आगे बढ़ गयी । तेज होर्न से कोमल मे झट से अपने कान ढक लिये थे ।

और मै कोमल को देख कर तेज़ी से भागा कुछ ही पलो मे उसके बगल मे खड़ा उनको निहारे जा रहा था । हरे रंग की चूड़ीदार सूट सलवार मे गजब की लग रही थी ।

विमला - अरे राज बेटा तुम यहा
मै चौका अब इन्हे क्या बोलू की मै किस लिये आया था और वही कोमल मुह पर हाथ रखे मुस्कुरा रही थी ।
विमला - बताओ बेटा क्या हुआ ,,तुम यहा कैसे

मै - मै वो ,,,,वो वो ,,,,,हा वो नाना की तबीयत नही ठीक है ना तो नाना के एक दोस्त आने वाले थे उनको देखने , 3 बजे के बस से उन्ही को लेने आया था
विमला - अच्छा तो वो कहा है
मै - अरे वो दुसरी बस से आयेंगे जो अभी लेट है ।
विमला - हा बेटा लेट हो गयी हम लोगो से खुद
मै - हा मौसी आप लोग वापस क्यू आ गये

विमला - अरे बेटा स्कूल से छुट्टी हुई तो बच्चे जल्दी जल्दी बस मे चढ़ गये और हमे जगह ही नही मिली , और तो और अब कोई बस भी नही है तो चमनपुरा तक जाये

मै - फिर तब
विमला - अब क्या करूगी बेटा वापस घर जा रही थी , आज घर पर भी कोई नही है , इसका मामा भी चला गया है अपनी मेहरारू को लेने
मै - हा चलिये मै भी उधर ही चलता हू
विमला - वैसे चाचा जी को क्या हुआ है
मै - अब उम्र है मौसी तो बीपी की समस्या है ,
विमला - अच्छा
मै - चलो मौसी आप भी हमारे यहा ही चलो ,,इसी बहाने आप मेरे नाना से हाल चाल भी ले लेना और मै तो कहता हू आज हमारे यहा ही रुको कल हम सब साथ मे चलेंगे घर हिहिहिही
मै ये बोल कर एक नजर कोमल की तरफ देखा तो वो बस मुस्कुराये जा रही थी ।
विमला - अरे नही नही बेटा ऐसे कैसे रुक जायेंगे
मै - आप चल रहे हो या मा को फोन लगाऊ हिहिहिही
विमला - ठीक है बेटा चल वैसे भी घर की चाभी इसका मामा लेके चला गया है ।
मै - हमम ठीक है आओ च्लते है ,,चलो कोमल

फिर विमला मौसी आगे आगे चलने लगी और मै कोमल से

मै - लाओ ये बैग मुझे देदो
कोमल - नही ठीक है ज्यादा भारी नही है
मै - क्यू भारी भरकम रहेगा तभी उठाने दोगी हा ,,, मजदूर थोडी हू हिहिहिही
कोमल - ठीक है बाबा लेलो
फिर मै कोमल के हाथ से बैग लिया और हम घर की तरफ जाने लगे ।

हम तीनो लोग घर पहुचे और मै उनहे गेस्ट रूम मे ले गया ।
मैने उन्हे सोफे पर बिथाया और बोला अभी आता हू जैसे ही मै बाहर की तरफ का रुख करता की मौसी और मामी कमरे मे पानी लेके आ गयी ।

अरे मौसी मामी आप लोग मै भी पानी लेने ही आ रहा था ।
विमला - अरे इसकी क्या जरुरत है राज बेटा हम लोग बाहरी थोडी है
मौसी - घर की होकर भी एक बार मिलने नही आई महारानी

मामी ने मीठा और पानी का ट्रे टेबल पर रखा और सामने बेड पर बैठ गयी और उनके एक बगल मे मौसी बैठ गयी दुसरे बगल मे मै खुद

विमला मौसी के बातो का जवाब देते हुए - ऐसे ना कहिये दीदी मै तो जब भी आती हू सुनीता भाभी से जरुर मिलती हू आप ही नही होती है ।

इधर ये लोग बाते करने मे लगे थे और मै कोमल को बार बार इशारे से बाहर आने को बोल रहा था , बदले मे वो ना ना करके इशारे मे ये कहती की कैसे सबके सामने जाऊ ।

उसकी भी बात ठीक थी क्योकि मामी और मौसी ने तो जैसे सवालो की लड़ी लगायी थी उसपे , क्या कर रही थी ,कैसे पढाई हो रही है , उसके साथ क्या सिख रही हो , आगे क्या करना है ।

मै सोचा ऐसे नही काम चलेगा
मै झट से उठा - मामी मै मा को बुला कर लाता हू
और मै कमरे से बाहर निकल कर अपने रूम की तरफ जाते हुए मोबाइल से कोमल को मैसेज किया कि वो बाथरूम का बहाना बनाकर बाहर आये ।
ना जाने क्यू मै इतना तडप रहा था कोमल के लिए उसकी तरफ एक अजिब सा खिचाव मह्सूस होता मुझे
मै जल्द ही अपने कमरे की तरफ गया तो मा अपने सुबह धुले कपडे स्त्री कर रही थी । मैने मा को बताया की विमला मौसी आई है और उनके साथ गेस्ट रूम की तरफ वापस आने लगा तभी बरामदे मे मौसी के साथ कोमल आती दिखी
जब हमारी मुलाकात हुई तो मौसी मुझसे बोली

मौसी - राज बेटा , जरा कोमल को बाथरूम की तरफ लिवा के चले जाओ
मौसी के पहल से मै और कोमल मुस्कुराये
मै - ठीक है मौसी , आओ चलो कोमल

फिर हम दोनो बाथरूम के तरफ निकल गये और मौसी मा के साथ गेस्ट रूम मे चली गयी ।

कोमल - क्या हुआ राज मुझे बाहर क्यू बुलाया
मै - बस ऐसे ही बात करने के लिए
कोमल - हा लेकिन सब लोग क्या सोचेंगे
मै हस्ते हुए - यही की तुम बाथरुम गयी हो हिहिहिही
कोमल मुस्करा कर- तुम बाज नही आओगे अपनी हरकतो से ,,,और इतना ही मन था तो तब फोन क्यू नही उठाया जब मै बार बार फोन किये जा रही थी।
मै - सॉरी यार वो मै मामी के साथ काम करने मे ल्गा था , लेकिन समय से आ गया था बस स्टैंड पर , और मुझे लगा
कोमल - क्या लगा
मै - मुझे लगा कि तुम चली गई
कोमल - कैसे जा सकती थी मै मेरा दोस्त जब उछल उछल कर खिडकी दर खिडकी मुझे खोज रहा था हिहिहिही

मै - मतलब तुम मुझे देख रही थी और बताया भी नही ।
कोमल - देख रही थी मेरा दोस्त मेरे लिए कितना तडप सकता है
मै - मै टुट गया था यार की बिना मिले तुम चली गयी
कोमल - ओहो ये तडप , कही प्यार तो नही
मै - नही यार तुम भी ना , मै तो बस ये सोच कर दुखी हुआ की कही तुम्हे बुरा ना लगे
कोमल - नही मै जानती थी कि तुम कही बिजी होगे तभी फोन नही उठाए हो ।
इधर हम दोनो बाते करते हुए बाथरूम तक पहुच गये

मै - जाओ मंजिल आ गई तुम्हारी
कोमल - अरे मुझे नही जाना तुम बोले इसिलिए मै आ गई
मै - अरे अब आई हो तो कर लो जो भी थोडा बहुत हो हिहिहिही
कोमल - तुम पागल हो , तुम ऐसी बाते कैसे कर लेटे हो यार कुछ तो लिहाज करो मै एक लड्की हू
मै - मैने पहले भी बोला था न कि मै दोस्तो से एकदम फ्रैंक होता हू
कोमल - ओह्ह्ह ऐसा क्या जी
मै - बिल्कुल जी , तो चले वापस या फिर
कोमल - नही नही चलो वापस
फिर हम लोग वापस गेस्ट रूम की तरफ जाने लगे कि तभी गीता बबिता भागते हुए मेरे पास आने लगी।

गीता - हाय भैया
बबिता - हेलो भैया
मै - हैलो मेरी गुडिया और मीठी , तुम दोनो कब आये
बबिता - हम तो उसी गाड़ी से आये जिसे मारने के लिए आप पत्थर उठा लिये थे हीहीहि
मै - उस गाड़ी मे आये तुम लोग , कितना तेज चला रहा था
बबिता - हिहिहिही हमे तो मज़ा आता है ना
गीता - भैया आप सादी कर रहे हो क्या
मै - नही तो किसने कहा
बबिता - तो फिर इनको लेके अकेले मे बात करने क्यू आये
मेरी और कोमल दोनो की हसी छूट गई

मै - अरे ये मेरी दोस्त है गुडिया और इनकी मम्मी का घर भी इसी गाव में है
गीता - अच्छा मतलब गर्लफ्रेंड है ना , हेलो भाभी मै गीता और ये बबिता

कोमल खिलखिला कर हँस पड़ी
मै - अरे नही मीठी ये सिर्फ दोस्त है मेरे साथ पढ़ती हैं और इनका नाम कोमल है
कोमल - और तुम दोनो मुझे दीदी बुलाओ भाभी नही हिहिहिहिही

बबिता - सॉरी भाभी ,,,अह मतलब दीदी हीहीहि
गीता - हा सॉरी कोमल दिदी
कोमल मुस्कराकर - कोई बात नहीं तुम दोनो मेरी छोटी बहन जैसी हो तो सॉरी कहने की जरूरत नही है ।

मै - समझ गये ना अब चलो और ध्यान रहे भाभी मत बुलाना चाहे कोमल आंटी बुला लेना
दोनो मेरी बाते सुन कर खिलखिला कर हँस पड़ी वही कोमल ने एक कोहनी से मेरे बाजू पर जोर से मारा की मेरी आह्ह निकल गयी ।

गीता - कोमल दिदी आप भी चलो ना आज हमारे साथ घुमने
कोमल - मै लेकिन कहा
बबिता - हमारे ट्यूबवेल पर , हम रोज जाते
गीता - आप भी चलो ना दीदी मज़ा आयेगा

कोमल - ठीक है बाबा पहले मा से पुछ लू तब ना
वो दोनो खुशी से कूदते फादते निकल गये छत की तरफ

कोमल - कितनी प्यारी बहने है तुम्हारी
मै - हा दोनो बहुत भोली है
कोमल - हा देखो ना मुझे तो अपनी भाभी बनाने का पुरा मन बना लिया था हिहिहिही
मै - हा और तुमने बेचारियो का दिल तोड़ दिया हहाहाहा
कोमल - छीई गंदे , अच्छा ये बताओ वहा ट्यूबवेल की तरफ क्या है

मै - कुछ नही हम वहा बस नहाने जाते है , एक बड़ा सा हाता है उसी मे
कोमल - फिर मै क्या करूंगी जाकर
मै - तुम भी नहा लेना यार इसमे क्या है
कोमल - धत्त मै नही नहाने वाली बाहर वहा
मै - अरे वहा कोई नहीं होता है बस हम 4 लोग ही होगे
कोमल - हा तो तुम भी होगे वहा न , तो मै कैसे नहा सकती हू
मै - क्यू मेरे सामने नहाने मे शर्म आयेगी क्या हिहिहिही
कोमल - और नही तो क्या , और तुम्हे नही आयेगी जैसे मेरे सामने नहाते
मै - मै क्यू शर्माने ल्गा भला तुमसे , तुम ने तो सब कुछ देख रखा है पहले से ही मेरा अब बचा ही क्या जो छिपा सकू हाहाहाहाहा

कोमल मुस्कुरा कर गुस्सा दिखाते हुए - बदमाश बहुत पिटूंगि तुम्हे
कोमल - यार तुम हमेशा वही सब बाते क्यू करते हो बार बार
मै - मुझे मेरा दोस्त शर्माता हुआ बहुत अच्छा लगता है ना इसिलिए हिहिहिही
कोमल - धत्त अब चलो कमरे मे मा से परमिशन लेलू

फिर हम लोग कोमल की मा को बोलकर चारो साथ मे निकल गये ट्यूबवेल के लिए ।


अब देखते हैं कि आगे क्या होने वाला है
कहानी कैसी चल रही है इस बारे मे खुल कर अपनी राय दे । आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा
धन्यवाद
बहुत ही शानदार अपडेट है
 
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