Update 43
अब तक
मै - मा इसिलिए तो मै अपना खड़ा लण्ड लेके जाऊंगा उन्के सामने ताकि वो मेरे ऑफ़र को चाह के भी नही मना करेगी ।
मा - अरे वाह तुने तो बड़ी कमजोर नस पकड़ी
मै - बेटा किसका हू मा , मा की चुचियो को दबाते हुए बोला
अब आगे
मेरे हाथो का स्पर्श अपनी नरम चुचियो पर पाकर मा सिहर उठी । मैने वापस मा की आँखो मे देखते हुए अपना मुह खोला और मैक्सि के उपर हल्के से दात लगाते हुए उनकी एक चुची को मुह मे भर लिया ।
मा मेरी आँखो मे देखते हुए सारे हरकतो पर नजर रखे हुए थी ,,,जैसे ही मेरे मुह मे चुची आई वो आखे बंद कर सिहरने लगी
मा -आह्हह बेटा उम्म्ंम्म्ं
मैने हाथ आगे कर मा की दुसरी चुची के निप्प्ल को खोज कर उस्की घुंडी न्चाने लगा
मा - इह्ह्ह ओह्ह्ह बेटा अह्ह्ह्ज इस्स्स इम्म्ं उम्म्ंम आह्हह
मा ने अपने दोनो हाथ मेरे सर पर फेरते हुए हल्का हल्का चुची की तरफ दबा रही थी ।
फिर मैने मा को छोडा और मा के होठो की तरफ गया
मा ने मेरे होठो को चूम लिया ,, फिर मै भी आगे बढ़ कर मा के होठो को चूसने लगा जिसमे मा भी मेरा साथ देने लगी और मैने अपने हाथ उसकी चुचियो पर मैक्सि के उपर से रख कर मिजने ल्गा ,,,अह्ह्ह्ह मा ने अंदर कुछ नही पहना था ,,,मेरा लंड अंगड़ाई ले चूका था और अब तक मा मेरे लण्ड को खोजते हुए मेरे जांघो को सहलाने लगी थी।
जल्द ही मा को इसमे कामयाबी मिली और उसने लोवर से मेरा खड़ा लण्ड निकाला और उसे हिलाते हुए मेरी आँखो मे देखने लगी ।
मा की आखो मे हवस साफ नजर आ रही थी और जैसे जैसे मा मेरे लण्ड पर कसाव बढाती मा के चेहरे के भाव बदलते ,, और इधर मा के हाथो मे लण्ड पाकर मै सिहर उठा और चमडी उपर निचे होने से मेरी आंखे बंद होने लगी मै एक बेहद खूबसूरत नशे मे डूबने ल्गा और मेरे मुह से आह्हह मा आह्ह मा निकलने ल्गा । जल्द ही मेरे सुपाडे पर से चमडी की तरफ कुछ रिस्ता हुआ मह्सूस हुआ ,,, मैने आंखे खोली तो देखा मा अपने मुह से लार की एक मोटी धार मेरे सुपाडे पर चूआ रही थी और जल्दी ही उसी लार को मेरे लण्ड पर लिपने लगी जिससे मेरा लण्ड और आसानी से मा के हाथ मे सरकाने ल्गा ।
मा के उंगलियो का मेरे सुपाडे पर स्पर्श मुझे हिला कर रख देता था और मेरी आह्हह भी सिहर जाती थी ।
मा ने जब मुझे देखा तो वापस से मेरे होठो को चूसा और फिर बेड से उतर कर मेरे पैरो के पास बैठ गयी और गप्प से लण्ड को मुह ने भर लिया ।
मै - अह्ह्ह्ह मा उफ्फ्फ्फ अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ
मा मे लंड को मुह मे भरे भरे ही मेरे लोवर को निचे करना चाहा और मैने भी उनका साथ देते हुए लोवर पुरा निकाल दिया और अपनी जन्घे चौडी कर दी ।
मा ने अब मेरे आड़ो को सहलाते हुए लण्ड को चूसने लगी और लगातार नजरे उठाए मेरे तरफ देखती रही ।
मा का ये रूप मुझे बहुत पन्सद आ गया और मै उसके बालो मे हाथ फेरने लगा । वो आन्खे बन्द किये गले तक मेरे लण्ड को भरने लगी ।
मैने अपना टीशर्ट निकाल दिया और मा मेरे पेट पर हाथ फेरते हुए मेरे सुपादे पर जीभ न्चाने लगी ,,,ओह्ह्ह क्या मज़ा मिल रहा था ,,,मेरा लन्द अब कडक हो चुका था और मै झड़ना नही मा को चोदना चाहता था क्योकि सुबह से दो बार मै मुह पेलाई से ही झड़ा था इसी लिये चुत की तलब ज्यादा थी । इसिलिए मैने मा को अलग किया और उठा कर मैने उनको लिटा कर झट से मैकसी कमर तक चढा दी ,,,मा की गदरायी जांघ के बीच उनकी चुत मेरे सामने थी ,,,और मै बेकाबू हो कर झट से मा की जांघो को चौड़ा किया और लपालप उनकी चुत पर जीभ से चाटने ल्गा ।
मा - इस्स्स्स आह्हह बेटा ये क्याआह्ज्ज उम्म्म्म्म्मफ्फ्फ उईई माआआह्ह्ह अस्स्स्स उम्म्ंमममं रुक्क्क जाआअह्ह मेरे लाल अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह हाय्य्य खा जायेगा क्या आआ उम्म्ं इस्स्स्सी सीई उह्ह्ह
मैने मा की जांघो को थामे हुए तेज़ी से अपने होठो मे मा चुत के होठो को चुबला रहा था और बिच बिच मे उनकी गर्म चुत मे जीब को भी डुबो कर उपर की तरफ दाने के पास ले जाता ,,,जिससे मा और सिहर जाती ,, धीरे धीरे मा की ना ना , अब हा हा मे बदल गयी
मा - ह्य्य्य्य मेरे लाल और चुस आह्हह अह्ह्ज हा बेटा आह्हह और घुसा जीभ आह्हह अजज कितना मस्त चाट रहा है रे तू आह्हह इमम्म्ं
मै मा की चुत से उठ कर मा को देख्ते हुए - मा मुझे मौसी की चुत भी चाटनी
मा - आह्ह हा बेटा जिसका कहेगा उसकी चुत दिलाऊंगी तुझे ,,तु ही तो मेरा राजा बेटा है इस्स्स
इधर मै मसती से चुत चूसने मे मगन था और मा आंखे बंद कर सिसकियाँ ले रही थी।
करीब 5 मिंट की चुसाई से मा का जिस्म अब अक्ड्ना शुरू हो चुका था और मेरा लण्ड तो मा की आअहो से क्ब्से कडक होकर फुदक रहा था ,,,मै झट से उठा और मेरा खड़ा लण्ड मेरे झुलाते आड़ो के साथ मा के सामने था जिसे मा सर उठाए देखते हुए चुत को मसले जा रही थी और बेड पर चढ़ गया । मुझे लण्ड को गिला करने की जरुरत नही थी ,,,मा की चुत पूरी तरह से भीग चुकी थी मैने मा की जांघो को अपने कंधो पर डाला और लण्ड को उनकी चुत पर सेट करते हुए पुरा लण्ड एक साथ मा की चुत उतार दिया ।
मा - अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह लल्ल्ल्ल्लाआआआह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं बहुत गरम है रे तेरा लण्ड बेटा अब चोद दे मुझे रहम मत कर ,,,मुझे बहुत चुदना है आज्ज्ज और तेज अहह्ह हा आह्हह आह्हह
मैने तेज़ी से घ्प्प्प घ्प्प्प्प घ्प्प्प पुरा का पुरा लण्ड मा के चुत की जड़ो मे पेले जा रहा था और मेरा सुपाडा मा के चुत की दिवारो को रगडता हू गोते लगा रहा था । कुछ ही पलो मे मा की चुत ने मेरे धक्के के साथ पिचकारी छोडनी शुरु कर दी , क्योकि मा झडने लगी थी और मैने उसके जांघो को अपने कन्धो पर रख था तो सारा माल चुत मे ही भर रहा था,, जैसे ही मेरा लण्ड मा की गहराई मे जाता तो मा की चुत फचचचछ्चच्च की आवाज के साथ माल बाहर की तरफ उडेल देती
मा - आह्हह बेटा तेरे साथ तो झडने के बाद भी चुदने मे मज़ा आ रहा है ,,, आह्हह और पेल अपनी मा को और तेज पेल और चोद और चोद बेटा अह्ज्ज आह्हह आउर झड़ जा मेरी चुत मे अज्ज्ज और तेज और तेज
मै मा की कामुक बातो से जल्द ही पिघलने ल्गा और तेज़ी से धक्के मारने लगा और मा ने समझ लिया की मै भी जल्द से जल्द निकालना चाहता हू तो उन्होने ने वापस चुत से मेरे लण्ड को कसने लगी ,, फच्चफचच्च फच्च और थप्प त्प्प्प्प की आवाज से कमरा गुजने लगा
मा कमाल की औरत थी मर्दो को खुश करने के उसके पास नायाब तरीके थे ।
मा की चुत का मेरे लण्ड पर कसाव पडते ही मेरी उत्तेजना और बढ़ गई थी मेरा लंड अब लावे से भरने लगा जिससे मेरे नसो मे दर्द होने लगा ,, और मैने आखिरी कुछ धक्को का जोर मा की चुत मे लगाते हुए अपने सुपाडे को छेद मा की चुत के अंदर ही खोल दिया और थमते हुए धक्को के साथ मा की चुत मे झडने लगा ,, मेरी लण्ड का झड़ता हर झटका मुझे निढ़ाल किये जा रहा था और आखिरी बुन्दे मा की चुत की गहरायी मे गिराने के बाद मै उन्के जांघो को छोड दिया और मा के पेट पर ढह गया ।
मा मेरे माथे पर हाथ फेरने लगी । मेरी तेज सांसो की धक-धक से मा का पुरा बदन हिल रहा था । कुछ पल सांसे बराबर करने के बाद मैने मा के गाल पर किस्स किया और चुत से अपना सना हुआ आधा खड़ा लण्ड बाहर निकाला ,,, मा मे मुझे इशारे से अपने पास बुलाया और अच्छे से मेरे लण्ड को चाट कर साफ किया जिसमे उनकी खुद की चुत का स्वाद भी सामिल था ।
फिर हमने अपने कपडे सही किये और मा बाहर चली गयी ।
मै कुछ देर आराम करता रहा और मोबाइल को चार्ज मे लगा दिया । रात 9 बजे मेरी निद मा के जगाने से खुली तो मा मुस्कुराते बोली की चल खाना खा ले ।
फिर मै उथा और फ्रेश हुआ फिर मा मौसी गीता बबिता के साथ मै भी खाना खाने बैठ गया । मौसी नाना को खाना खिला कर दवा दे के सुला चुकी थी ।
फिर हम लोगो ने खाना खाया और फिर मा बोली - राज मै दीदी के साथ सोऊंगी आज ठीक है
मै प्लान के मुताबिक मुस्करा कर बोला - ठीक है मा कोई बात नही
इसी बीच गीता बोली - फिर हम दोनो भैया के साथ सोयेंगे हिहिहिही
मेरा माथा ठनका अरे यार इन दोनो को तो मै भूल ही गया अब कैसे क्या करू ,,, एक तरफ तो मोटी मोटी गदरायी रान्ड जैसी माल है जिनको एक साथ चोदने को मिलता पूरी रात
वही दुसरी तरफ गीता बबिता दो भुखी जवान बाकी चुत वाली हसीनये । मज़ा तो दोनो तरफ था लेकिन क्या करता । अब जो होता देखना ही था ।
फिर हमने खाना खाया और मै मोबाईल लेकर छत पर निकल गया टहलने ।
मोबाईल चेक किया तो देखा दीदी और कोमल दोनो के मिस्काल और मैसेज थे ।
फिर मैने पहले दीदी को कॉल किया । रिंग जा रही थी और दुसरे ही रिंग मे कॉल उठ गया । फोन उठते ही स्वागत तेज डाट से हुआ
फोन पर
दीदी - कहा था तू कबसे फोन लगा रही हू पता है ना परेसान हो जाती हू ,,,,तुझे तो मेरी फ़िकर ही नही हैं बस खुद मे मस्त है । मिल गयी होगी ना कोई वहा नयी । लगा रह तू उसी के साथ मै फोन रखती हू ।
दीदी ने एक साथ इतने सवाल दागे की क्या बोलता और बोलता भी कैसे जब वो बोल्ने का मौका देती तब ना
मै - अरे दीदी मोबाइल चार्ज मे लगा था और मै सो गया था ।
सॉरी ना प्लीज
दीदी - तुझे मेरी याद नही आती की शाम हो गयी है और दीदी से बात कर लू
मै - आती है ना दीदी लेकिन क्या करू आपसे बात करके और तडपता हू
दीदी - रहने दे तू फेक मत ,, अच्छे से जानती हू कि तू लपेटेने मे आगे है
मै - अच्छा वो कैसे
दिदि - हा तो लपेटा ही है ना मुझे ,, अच्छी भली मै अमन के साथ खुश थी , क्या जरुरत थी मुझे अपने प्यार का अह्सास दिलाने की
मै समझ गया दीदी भावुक है अभी - दीदी मै तो हमेशा आपको चाहता हू मेरी जानू दीदी,,,उम्म्ंंम्म्माआआह्ह्ह्ह्ह
दीदी - बस बस ज्यादा मक्खन ना लगाओ
मै - अभी कहा दीदी वो मिलने के बाद ही आपको मक्खन लगाउन्गा ना अच्छे से और आपके मलाई को भी चखना है अभी
दिदी - धत्त बदमाश बहुत पितुंगी तुझे ,,, मुझे समझ कर क्या रखा तुने ।
मै - अपनी माल हिहिहिहिही
दीदी - तू आ इस बार पितेगा मुझसे
दीदी - चल मै रखती हू सबको खाना देदू
मै - ठीक है दीदी लव यू
दिदी हस्ते हुए - हा लव यू टू मेरे भाई बाय ।
फिर मै हस्ते हुए फोन रख दिया और चैन ही सास ली ।
फिर मुझे कोमल का ध्यान आया तो उसे भी कॉल किया लेकिन उसने कॉल कट कर दिया ।
मुझे ल्गा शायद कोई रहा होगा साथ मे इसिलिए बात नही कर रही है । फिर मै मोबाईल मे एक भोजपुरी गाना चालू करके टहलने लगा ।
मै टहल ही रहा था की मैसेज की एक बिप आई जिससे गाना रुक कर प्ले हुआ ,,फिर मैने मोबाइल देखा तो कोमल का व्हाटसअप पर मैसेज था ।
कोमल - अरे यार मै वॉशरूम मे हू अभी बात करती हू
मुझे कोमल का मैसेज देखकर एक शरारत सुझी तो मैने तुरंत एक वीडियो कॉल किया जिसे उसने तुरन्त काट दिया ।
मैने तुरंत उसे हसने वाली एमोजी सेंड कर दी । बदले मे कोमल ने गुस्से वाली इमोजी सेंड की ।
मै - क्या यार कबसे कर क्या रही हो वॉशरूम मे
कोमल - तुमसे मतलब
मै - हा दोस्त हू अगर कोई मेरे दोस्त को परेशानी होगी तो मुझे भी तकलीफ होगी ना
कोमल - हा लेकिन मुझे तुम ही परेशान कर रहे हो फिल्हाल ,,
मै - ओह्ह सॉरी अब कभी नही करूंगा तुम खुश रहो
और फिर डाटा बंद कर दिया करीब 5 मिंट बाद ही कोमल का कॉल आया
फोन पर -
कोमल - यार तुम तो बुरा मान गये
मै - मै क्यू बुरा मानू, मै हू कौन
कोमल हस्ते हुए - अच्छा सॉरी बाबा माफ कर दो
और बताओ डिनर हुआ
मै -हा मेरा हो गया और तुम्हारा
कोमल - हा खाया भी और पचाया भी हिहिहिही
मै - ऐसा क्या खा लिया जो पचा नही
कोमल - वो केले की सब्जी बनी थी
मै - अच्छा तो केला बहुत पसंद है तुम्हे क्या
कोमल - हा उतना नहीं कभी कभी खा लेती हू
मै - कभी कभी या रोज हिहिहिह
कोमल - नही यार एक ही सब्जी कौन रोज रोज खाता है
मै - अरे मै सब्जी की नही केले की बात कर रहा हू हाहाहाहा
कोमल हस्ते हुए - मै समझ रही हू तुम कहा से बोल रहे हो ,,,, मिलो अगली बार बताती हू तुम्हे अच्छे से
मै - क्या समझ रही हो जरा मुझे भी समझाओ ना
कोमल हस्ते हुए - राज अब बस करो यार मै एक लड्की हू कुछ तो लिहाज करो
मै - तो मैने क्या गलत बोला
कोमल - क्यू तुमने नही अभी कहा की कभी कभी या रोज खाती हो केला
मै - हा इसमे क्या गलत है बताओ जरा
कोमल हस्ते हुए - चुप रहो तुम मै सब समझती हू , तुम बस दिखने मे सीधे और अंदर से कुछ और ही हो
मै - अजीब है यार तुम क्या बात कर रही हो मेरी समझ से बाहर है
कोमल - हा हा तुम्हे क्यू समझ आयेगा , मज़े लेकर बात घुमा दिये ना
मै - कोमल सच मे मै नही समझा की तुम क्या कहना चाहती हो
कोमल - क्या सच मे नही
मै - हा यार
कोमल - ठीक है फिर जाने दो हिहिहिही
मै - नही बताओ पहले
कोमल - अब जाने भी दो
मै - ऐसे कैसे ,, ना जाने तुमने क्या समझ कर मेरे बारे गलतफहमी पाल ली उसे दुर करना जरुरी है ,,बताओ क्या बात है
कोमल - सॉरी राज वो जब तुम मुझसे पुछे की तुम कभी कभी केला खाती हो या रोज । तो मुझे ल्गा की तुम मुझसे मज़ाक मे वो सब बाते करना चाहता हो
मै - कैसी बात बताओ
कोमल - अरे वही सेक्स से जुडी
मै - हा हा हा हा हा हा ,,,, अरे पागल अगर मुझे अपने दोस्त से सेक्स की कोई बात करनी होगी तो मै सीधा नही कहुन्गा ,,, तुमसे क्या शर्माना हीहीहि
कोमल हस्ते हुए - धत्त पागल,,, तुमको नही आयेगी लेकिन मुझे आयेगी ना ,मै लड्की हू ना
मै - हिहिहिहिही क्या यार तुम भी ये सब बातें दोस्तो मे कामन है इसमे शर्माना कैसा
कोमल - फिर भी यार
मै - अच्छा मान लो तुमको बुखार हुआ तो क्या मुझे अपनी प्रोब्लम नही बताओगी
कोमल - हा क्यू नही
मै - ठीक वैसे ही बॉडी के बाकी पार्ट से जुडी बाते करने मे क्या शर्म
कोमल - ठीक है बाबा ठीक है ,,अब बस करो बहुत हुआ ज्ञान , तुमको जो करना करो मै चली
मै - किधर
कोमल - अरे यार सोने कबसे छत पर आई हू टोइलेट के लिए मा पुछने लगी तो हिहिहिही
मै - हा ठीक है चलो बाय गूड़ नाइट
कोमल - हा गूड़ नाइट
फिर मै हस्ते हुए थोडा देर टहला और फिर वापस निचे चला आया ,,, किचन मे देखा तो कोई नही था ।
फिर शायद सब कोई काम खतम करके अपने अपने रूम मे चला गया होगा तो मै भी अपने कमरे मे गया तो वहा कोई नही था ,,,
सोचा ये गीता बबिता तो आज मेरे साथ ही सोने वाली थी कहा गयी ,, कही अपने कमरे मे ना हो । फिर मै उनके कमरे की तरफ चला गया जो गेस्टरूम के बगल मे था ।
कमरा अंदर से बंद था तो मैने खटखटाया , अन्दर से तेज़ी और हडबडी जैसी आवाजे आई और 2 मिंट बाद बबिता ने दरवाजा खोला
बबिता - अरे भैया आप हो
मै बबिता के ऐसे सवाल से हैरान हो गया
मै - हा क्यू ,, क्या हुआ मै नही आ सकता । ये दरवाजा क्यू लेट खोला सो गयी थी क्या
बबिता मुझे अन्दर खीचकर दरवाजा बन्द की
बबिता - अरे भैया वो हम लोग वो शाम वाला खेल खेल रहे थे ना , तो मुझे लगा बुआ लोग तो नही न है इसिलिए थोडा टाईम लग गया कपडा पहनने मे हिहिहिही
मुझे आभास हुआ ये दोनो सेक्स की ओर कुछ ज्यादा ही उतेजीत है और मज़े लेने का चस्का जोरो पर है । क्या अभी इन दोनों को लण्ड का च्स्का लगाना ठीक रहेगा ?? ,, कही नादानी मे कोई गलती कर बैठी तो ,,,नही नही मै ये रिस्क नही ले सकता अभी इनके लिए यही मज़े ठीक रहेंगे और धीरे धीरे आगे बढ़ने से ही सही भी होगा । लेकिन उससे पहले इनको अपने हिसाब से समझा बुझा कर ही रखना होगा ताकि कोई बाहरी इनकी बेकाबू खिलती जवानी के रस को निचोड ना ले और मुझे घन्टा कुछ ना मिले ।
मै इसी सब मे खोया था कि बबिता ने मुझे हिलाया
बबिता - क्या हुआ भैया क्या सोच रहे हो
मै - हा हा ,, गीता कहा है लेकिन
बबिता - अरे वो नंगी ही थी बिस्तर के निचे घुस गयी है ,,,गीता आजाओ बाहर वो भैया आये है और कोई नही हिहिहिहिही
तभी गीता बेड के निचे से निकाली उसकी झुल्ती आम जैसी मुलायम गोरी चुची को देख कर उत्तेजित होने लगा और लण्ड टनाटनाने लगा ।
गीता - अरे भैया आप आ गये चलो हम सब मिल कर मस्ती करते है
मै - नही आज कोई मस्ती नही होगी
गीता बबिता का चेहरा उतर गया एकदम
मै - देखो गुडिया मीठी ध्यान से सुनो , ये खेल बड़ो का है और अभी तुम दोनो छोटे हो तो रोज रोज नही खेल सकते नही तो तबीयत खराब हो जायेगी
बबिता - वो कैसे भैया हमे तो मज़ा आता है
मै - अच्छा मज़ा आता है लेकिन जब चुत से वो पानी निकलता तो थक भी जाते हो ना बहुत
गिता - हा भैया और जांघ भी दर्द करता है
मै - हा वही और अगर डॉक्टर के पास गये तो उसे पता चल जायेगा कि तुम लोग कैसे बीमार हुए हो । फिर वो मामा मामी को बता देगा की तुम लोग कैसे बिमार हुए फिर तुम ही सोचो वो लोग कितना पीटेंगे तुम दोनो
गीता - तो क्या हम लोग नही खेलेंगे अब ये ,
बबिता - हा भैया कितना मज़ा आता था इसमे
मै - खेलो लेकिन हफ्ते मे जब छूटी का दिन हो तब , जैसे रविवार को या कोई त्योहार का छुट्टी हो तब समझे
गीता बबिता खुश होते हुए - जी भैया थैंक यू
मै - चलो अब तुम कपडे पहन लो मीठी आज रात मै तुमको कुछ सिखाने वाला हू
गीता - क्या भैया
मै - वही जो खेल है वो कैसे कैसे सही तरीके से खेल सकते हो
बबिता - ठीक है भैया
फिर गीता ने अपने कपडे पहने और हम लोग एक साथ बिस्तर पर चले गये ।
फिर मैने उनको डाउनलोड की हुई पोर्न वीडियो दिखाई जिसमे लण्ड चूसने के तरीके , कुछ लेसबन वीडियो थे जिसमे दो लडकिया आपस मे एक दुसरे के बदन के खेल्ती है ।
इस दौरान मै बहुत उत्तेजित होता रहा और गीता बबिता पर भी वीडियो का नशा था लेकिन मेरे सामने उन लोगो ने भी खुद को रोका ।
ऐसे ही करीब एक घन्टा समय बीता और वो दोनो मेरे उपर ही सो गयी । फिर मैने उन दोनो को सुला कर मोबाइल लिया और निकल गया मौसी की रूम की तरफ ।
देखते है दोस्तो आगे क्या होने वाला है ।
आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा ।