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Incest यह क्या हुआ

Herry

Prince_Darkness
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rajesh bhagat

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सुनीता सच में इस तरह सजी संवरी थी की स्वर्ग की अप्सरा, मेनका लग रही थी। राजेश ने जब सुनीता को ऐसे रूप में देखा तो उससे रहा न गया और वह सुनीता को पीछे से बाहों में भर लिया।

सुनीता _अरे क्या कर रहा है छोड़ न।
राजेश _मां आज तो सच में एकदम हॉट लग रही हो। किसी के ऊपर बिजली गिराने का इरादा है क्या?

सुनीता _हां,
राजेश _किसके ऊपर, कौन है वो खुश नसीब मैं भी तो जानू।
सुनीता _है न एक देवदास, जो बड़े लोगो के चक्कर में अपनी मां की परवाह करना छोड़ दिया है।
राजेश, सुनीता की खुले पीठ को चूम लिया, सुनीता सिसक उठी।
सुनीता _क्या कर रहा है?
राजेश _वही जो घर आते ही करना था।
राजेश, सुनीता की गर्दन को चाटने लगा।
सुनीता _आह, मत करना।
सुनीता को अपनी ओर घुमा दिया।
सुनीता पारदर्शी साड़ी पहनी हुई थी। उसकी खूबसूरत बदन पर नाभि, एकदम कयामत ढा रही थी।
राजेश घुटने टेक के नीचे बैठ गया और थोड़ा साड़ी खिसका कर उसकी नाभी, चूम लिया।
सुनीता _नही न बेटा क्या कर रहा है? छोड़ना।
राजेश उसकी सपाट पेट को चाटने लगा और चांटते चांटते ऊपर बड़ा।
सुनीता आंखे बंद कर सिसक रही थी। और प्यार से राजेश की बालो को सहला रही थी।
राजेश ऊपर बड़ा और उसकी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया।
फिर उसकी ब्लाउज का बटन खोल कर, उसकी बड़े बड़े खूबसूरत स्तन को आज़ाद कर दिया। सुनीता की चूचक को मुंह में भर कर बारी बारी से चूसने लगा।
सुनीता बहुत अधिक उत्तेजित होने लगी।
वह अपनी आंखे बंद कर सिसक रही थी और प्यार से राजेश के बालो को सहला रही थी।
कुछ देर तक मसल मसल कर चूची निचोड़ने के बाद वह ऊपर की ओर बड़ा और उसकी गुलाबी ओंठो को अपने मुंह में भर कर चूसने लगा।
उसके बाद वह सुनीता को पीछे घुमा दियाऔर अपनी बाहों में कस लिया। उसका लंद लोहे की रॉड की तरह सख्त हो गया था। जो सुनीता की गाड़ में धसने लगा।
राजेश _मां सच में तुम दुनियां की सबसे खूबसूरत औरत हो।
सुनीता _चल झूठा कहीं का, सबसे खूबसूरत तो तेरे लिए ओ मां बेटी है जिसके लिए तू कल देवदास बने घूम रहा था।
राजेश ने सुनीता की चूची को अपने हाथो में पकड़ कर मसलने लगा।
सुनीता _चल अब छोड़, बहुत प्यार कर लिया अपनी मां को।
राजेश _मां, बड़ा मन कर रहा है, एक बार करने दो न।
सुनीता _न बाबा, तू बहुत देर तक करता है। चलने में तकलीफ होने लगती है और अभी मार्केट जाना है।
राजेश _क्या मैं ऐसी हालात में मार्केट जाऊं।
राजेश ने सुनीता की एक हाथ अपने लंद पर पकड़ाते हुवे कहा।
सुनीता _तो क्या huwa
राजेश _लोग क्या कहेंगे?
सुनीता _लोग क्या कहेंगे? यहीं कि एक गाय को देख कर सांड पीछे पड़ा है?
राजेश _आपको शर्म नही आयेगी।
सुनीता _गाय के शर्म थोड़े ही आयेगी?
राजेश, सुनीता को अपनी बाहों में और कस लिया, उसकी चूची से खेलने लगा।
सुनीता सिसकते हुवे बोली, अब छोड़ो न।
राजेश _न, बिना डाले मैं नही जाऊंगा।
सुनीता _क्या बिना डाले नही जायेगा?
अपने सांप को तुम्हारे बिल में।
सुनीता _न बाबा तुम्हारा सांप बहुत लंबा और मोटा है। बिल में जाता है तो उसकी दीवारों को छील देता है। जिससे चलने में तकलीफ होती है।
राजेश _मां अब नखरे मत करो। चलो में सांप को थोड़ा प्यार करो।
राजेश अपने पैंट का चैन खोल कर अपने लंद को बाहर निकाल लिया। वह हवा में झटके मार रहा था।
सुनीता ने राजेश के लंद की ओर देखी, और मुस्कुराने लगी।
सुनीता _एक शर्त पर।
राजेश _कैसी शर्त?
सुनीता _तुम उस सुजाता से दूर रहोगे। उससे मिलने नही जाओगे।
राजेश _मां ए कैसी शर्त है?
ससुनीता _मैं बिल्कुल ठीक कह रही हूं। उस सुजाता के चक्कर में तुम शराब पीने लगी हो।
राजेश _मां आओ न इसे मुंह में लेकर प्यार करो, मुझसे रहा नहीं जा रहा।
सुनीता _न, पहले मेरी शर्त को मानना पड़ेगा तभी मुझे भोग पाओगे।
राजेश _ठीक है बाबा, मैं आपका शर्त मानता हूं। मैं खुद होकर अब उसके पास नही जाऊंगा।
सुनीता खुश हो गई। सच।
राजेश _हा सच में।
सुनीता मुस्कुराते हुवे, राजेश के लंद के नीचे बैठ गई और लंद को हाथ में पकड़ कर पहले सहलाई फिर उसे मुंह में गप से अन्दर भर ली और चूसना शुरु कर दी।
राजेश, सुनीता को लंद चूसते हुवे देखने लगा। प्यार से उसकी बालो को सहलाने लगा।
राजेश _आह मां, बहुत मजा आ रहा है आह,,, आह ऐसे ही, आह,,,
राजेश का लंद सुनीता की मुंह में जाकर और लंबा और मोटा हो गया।
कुछ देर तक मुख मैथुन का आनंद लेने के बाद
राजेश, सुनीता को ऊपर उठाया और उसे अपनी बांहों में उठा लिया। सुनीता राजेश की गर्दन को दोनो हाथो से पकड़ कर। उसकी ओर देखने लगा। राजेश भी सुनीता की आंखो में देखते हुवे उसे बेड पे ले जाकर लिटा दिया। और खुद उसके ऊपर आ गया।
राजे उसकी ओंठ चूसते हुए उसकी गर्दन, फिर उसकी चूची फिर उसकी नाभी चूमते हुए आगे बड़ा।
उसके बाद उसकी पैरो को उठा कर उसकी उंगलियों को चूमने, चाटने लगा।
उसकी पेटीकोट और साड़ी आगे खिसका कर टांगो को चूमते हुवे उसकी रस से भरी योनि तक पहुंचा।
आज ही सुनीता ने अपनी शरीर की अनचाहे बालों को अच्छे से साफ की थी।
सुनीता की रस से भरी मस्त चिकनी योनि को देख कर राजेश का लंद ठुमकी मारने लगा।
राजेश देर न करते हुए सुनीता की योनि को चाटना शुरू कर दिया।
सुनीता बहुत अधिक गर्म हो गई। उसकी boor से पानी बह कर टांगो बहने लगा। जिसे राजेश चाटने लगा।
सुनीता _आह, उन आह,, उन मां,,, बेटा अब बस कर,, आह मां,,, अब बर्दास्त नही कर सकती,, डाल दे अपनी सांप मेरे बिल में।
राजेश सुनीता की दोनो टांगो को फैला दिया और उसकी कमर के नीचे तकिया लगा दिया।
अपना लंद पकड़ कर सुनीता की योनि द्वारा में रख कार पहले लंद से सुनीता की योनि को कुछ देर रगड़ा।
सुनीता _पागल सी हो गई।
अब और कितना तड़फाएगा अपनी मां को, डालता क्यू नही? सांड कहीं का। चोद अपनी मां को।
नाराज होते हुए बोली।
राजेश _ले मेरी रण्डी मां, आज तो तुम्हे मैं खुब चोदूंगा।
राजेश ने एक जोर का धक्का मारा।
लंद एक ही बार में boor को चीरता हुआ। अंदर चला गया। उसका टोपा सुनीता की बच्चेदानी से टकराया।
सुनीता _चीख उठी।
आह मां,, मार डाला re, बदमाश एक ही बार में घुसा दिया।
राजेश ने सुनीता की चुचियों को मुंह में भर कर चूसने लगा।
फिर दोनो चुचियों को मसल मसल कर, लंद से boor को चोदना शुरु कर दिया।
योनि एकदम गीली हो चुकी थी।
लंद बिना किसी रोक टोक के सर सर अंदर बाहर होने लगा।
सुनीता कुछ ही देर में स्वर्ग में पहुंच गई।
उसकी मुंह से लगातार कामुक सिसकारी निकलने लगी।
कमरे में उसकी चूड़ियों की खनक गूंजने लगी।
राजेश लगातार चोदता रहा।
राजेश _ले मां ले, बुझा ले अपने बेटे के लंद से, अपनी boor की प्यास। ले मेरी रानी सच में क्या मस्त मॉल है तू तुम्हे तो चोदने का मजा ही कुछ और है।
ले chud अपने बेटे की लंद से।
सुनीता _हा हां, चुदूंगी अपने बेटे से, अपनी boor की प्यास बुझाऊंगी। अपने सांड बेटे को इधर उधर भटकने नही दूंगी। चोद और तेज़ चोद अपनी मां को,,,, आह मां, आह,,,
राजेश _ले मेरी रानी,, ले एक और ले,,
राजेश दना दन चोदता रहा। दोनो स्भोग के परम आनंद को प्राप्त कर रहे थे।
कमरे में फच फच, गच गच की आवाज़ और चूड़ियों की खनक मधुर संगीत उत्पन कर रही थी।
राजेश दूदू को मसल मसल कर बड़ी तेजी से लंद को boor में अंदर बाहर कर रहा था। लंद का सुपाड़ा उसकी गर्भाशय से टकरा रहा था जिससे सुनीता को एक अकल्पनीय, अवरणीय आनंद प्राप्त हो रहा था।
तसुनीता खुद को और ज्यादा देर तक रोक न सकी और राजेश को जोर से जकड़ ली। और चीखते हुए झड़ने लगी।
उसकी हाथ पैर कपकपाने लगे। और आंखो की पुतलियां पलट गईथी।
राजेश चोदना बंद कर दिया। और सुनीता की गालों को चाटने लगा।
कुछ देर बाद सुनीता होश में आई।
सुनीता _चल हो गया, अब उठो।
राजेश _ये क्या? अभी तो मेरा huwa नही है?
सुनीता _मैं जानती हूं, तेरा जल्दी होने वाला नही है। जब तक तू सामने वाली गाय को पांच बार झाड़ नही देता तू झड़ता नही है।
देखो अभी मार्केट जाना है? आने के बाद कर लेना।
राजेश _न, अभी और करना है।
सुनीता _अरे बाबा समझा कर।
राजेश _नही, पहले घोड़ी बनो, एक राउंड और करने दो, फिर।
सुनीता _तू बड़ा जिद्दी है,chut का दीवाना है।
सुनीता, बेड पे घोड़ी बन गई।
राजेश उसके पीछे गया, उसकी मस्त गोरे गोरे चूतड को चाटने लगा।
सुनीता फिर गर्म होने लगी।
सुनीता _अब देर न कर चल डाल दे अंदर।
राजेश ने अपना लंद को उसकी योनि में सेट कर एक जोर का धक्का मारा। लंद फच की आवाज़ करता huwa अंदर चला गया।
राजेश सुनीता की कमर को पकड़ कर धक्का लगाना शुरू कर दिया।
लंद थप थप की आवाज़ करता huwa boor में अंदर बाहर होने लगा।
तभी राजेश का मोबाइल बजा,,,
राजेश chudai में मग्न था।
सुनीता _अरे बेटा, किसका काल हैं देख तो सही,,,
राजेश ने देखा, उसके पापा का फोन था।
राजेश _मां पापा का फोन है। चोदते हुवे कहा,,,
सुनीता _आह उन,,,,, तुम्हारे पापा ने क्यू फोन किया,,, आह, थोड़ा आराम चोद,,, पूरा गर्भाशय को ठोक रहा है तेरा,,,
राजेश _मुझे क्या पता मां क्यू फोन किया है पापा,,, वह लगातार धक्का मारते हुवे कहा।
सुनीता _आह मां,, उन,, आह,,, अरे उठा ले फोन हो सकता है कुछ काम से लगाया हो।
और धक्के मारना बंद कर, नही टू तेरे बाप को पता चल जायेगा। तू उसकी बीबी को ठोक रहा है।
राजेश और जोर जोर से ठोकने लगा,,
राजेश _पता चलने दे, पापा को भी तो पता चले उसकी बीवी कितनी प्यासी है। जो काम उसे करना चाहिए वह उसका बेटा कर रहा है। बेटा अपना फर्ज निभा रहा है।
सुनीता _अब बस कर, और फोन उठा कर बात कर सांड कहीं का। इतना चोदने के बाद भी मन नही भरा तेरा।
राजेश धक्का मारना बंद कर देता है। और काल उठाया।
शेखर _अरे बेटा, तुम्हारी मां कहा है कब से फोन लगा रहा उठा नही रही।
राजेश _अरे पापा, मां तो यहीं है? कुछ काम था क्या?
शेखर _हां बेटा, अपनी मां को फोन देना।
राजेश _ठीक है पापा।
मां लो पापा से बात करो।
सुनीता _फोन लेकर, शेखर से बात करने लगी।
इधर राजेश धीरे धीरे लंद को boor में अंदर बाहर करने लगा।
सुनीता की चूची को मसलने लगा।
शेखर _अरे यार मैं कबसे तुम्हे फोन लगा रहा, रिंग जा रहा है पर तुम उठा नही रही।
सुनीता _ओ क्या है न जी, मेरा मोबाइल कीचन में चार्जिंग में लगा है। मैं अभी बेड रूम में हूं। तैयार हो रही थी। मार्केट जाने के लिए। अब राजेश का एग्जाम हो गया है न तो उसे भी अपने साथ मार्केट ले जा रही हूं। एग्जाम के बाद उसका भी माइंड फ्रेश हो जायेगा।

इधर राजेश थोड़ा तेज़ तेज़ चोदने लगा। उसे बहुत मजा आ रहा था। उसकी मां अपने पति से बात कर रही थी, ऐसे स्थिती में।
सुनीता _क्यू जी कुछ काम था क्या?
शेखर _अरे हां यार मैं कल एक नीली वाली फाइल लाया था न घर उसको मैं ऑफिस लाना भुल गया, बड़ा जरूरी फाइल है। आलमारी में ही होगी फाइल। तभी राजेश ने एक जोर का धक्का मारा।
सुनीता _उई मां,, अरे आराम से नही कर सकता थोड़ा धीरे कर।
शेखर _अरे क्या huwa सुनीता? तुम चीखी क्यू?
सुनीता _अब आपको क्या बताऊं जी, राजेश तो मेरे पीछे ही पड़ गया है। कह रहा है चलो फ़िल्म देखने चलते है! मैं मना कर रही तो, मुझे चिकोटी कांट रहा है।
शेखर _हसने लगा, अभी तक बचपना गया नही है। तभी राजेश एक और जोर का धक्का मारा।
सुनीता _फिर जोर से चीखी।
शेखर _अरे भाई चली जाओ न उसके साथ मूवी देखने। तुम भी घर में ही रहती हो, तुम्हारा भी घूमना फिरना हो जायेगा।
सुनीता _तुम तो जानते हो, मुझे मूवी देखना पसंद नही।
शेखर _अरे उसका मन रखने के लिए चली जाओ।
और हां, वो फाइल राजेश से, मेरे ऑफिस पहुंचा देना।
सुनीता _ठीक है जी।
शेखर _राजेश को फोन देना।
सुनीता ने राजेश को फोन दिया।
राजेश _हा पापा।
शेखर _अरे बेटा, तुम्हारी मां तुम्हे एक फाइल देगी उसे मेरे ऑफिस छोड़ देना।
राजेश _ठीक है पापा।
शेखर _और हां, मैने तुम्हारी मां से कह दिया है वह तुम्हारे साथ फ़िल्म देखने चली जाय।
राजेश _ थैंक यू पापा,वैसे पापा मुझे बहुत मजा आ रहा है? मां को चिकोटी काटने में।
शेखर _बेटा मेरे तरफ से एक और जोर का चिकोटी कांटो अपनी मां को।
राजेश _वो क्यू पापा?
शेखर _वो क्या है न तुम्हारी मां मुझपे हमेशा अपनी हुक्म चलाती रहती है। इसलिए मेरे तरफ से दो तीन और चिकोती कांटो।
राजेश _ठीक है पापा।
राजेश जोर जोर से सुनीता को चोदने लगा।
सुनीता _आ ओह उई मां, चीखने लगी।
राजेश _पापा सुना न मां की चीख।
शेखर हसने लगा,,,
हा बेटा,, ठीक है बेटा अब मैं फोन रखता हूं।
राजेश _ठीक है पापा।
राजेश ने अब चोदना बंद कर दिया।
सुनीता _बदमाश कहीं का, कितने जोर से धक्का मारा, कहीं तुम्हारे पापा को शक न हो गया हो, मेरी चीखे सुनकर।
राजेश _अरे मां पापा ने ही कहा, जोर से चिकोटि काटने।
सुनीता _अब बंद क्यू कर दिया।
राजेश _अब घर में नही, सिनेमा हाल में करेंगे।
सुनीता _क्या?
राजेश _आप ने ही तो पापा से कहा न हम फ़िल्म देखने जा रहे।
सुनीता _अरे बेटा मैने तो ऐसे ही कह दिया।
राजेश _मां पापा को कह दिया तो अब जाना ही पड़ेगा नही तो उसको सक हो जायेगा।
तुम्हारी चोरी पकड़ी जाएगी। मैं चिकोटी नही। खुदाई कर रहा था तुम्हारे कुंआ की।
सुनीता _अच्छा ठीक है, पर मैं सिनेमा हाल में कुछ करने नही दूंगी कह देती हूं।
राजेश _अच्छा ठीक है। अब चलो देखेंगे।
सुनीता और राजेश अपने अपने कपड़े ठीक किए और शेखर का फाइल लेकर पहले उसका बैंक गए।
बैंक में फाइल शेखर को देने के बाद वे टाकीज निकल गए।
कोइ नई फ़िल्म लगी थी। ज्यादा दर्शक नही थे।
राजेश ने बालकनी का टिकट लिया।
बालकनी में कुछ जोड़े और बैठे थे। मूवी देखने। राजेश और सुनीता पीछे वाली सीट पर बैठ गए।
मूवी शुरू huwa सिनेमा हाल का लाइट बंद कर दिया गया। हाल में अंधेरा होते ही।
कुछ लड़के लडकिया, चूमा चाटी करने लगे। शायद वे मजा करने ही गए थे।
सुनीता _बेटा ये लड़के लडकिया तो यहीं शुरू हो गए।
राजेश _अरे मां ये मूवी देखने नही मजा करने आए है।
आओ न हम भी मजा करते है। मूवी देखते हुवे मजा करने का भी एक अपना मजा है।
सुनीता _न बाबा, कहीं पकड़े गए तो, किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे।
सुनीता _अरे मां यहां कौन हमे पहचानता है, आओ ना बड़ा मज़ा आएगा।
राजेश ने सुनीता को उठा कर अपने गोद में बिठा लिया और उसकी चूची मसलने लगा।
सुनीता _अरे क्या कर रहा है, कोई देख लेगा।
राजेश _अरे मां, सभी अपने में मस्त है।
राजेश ने सुनीता की ब्लाउज की बटन खोल दिया और चूची मसलने लगा।
थोड़े ही देर में दोनो गर्म होने लगे।
राजेश का लंद फिर से तन कर खड़ा हो चुका था। और सुनीता की boor फिर पानी छोड़ने लगी थी।
राजेश ने सुनीता को खड़ा किया और अपना पैंट का चैन खीच कर लंद बाहर निकाल लिया सुनीता अपनी पेटीकोट और साड़ी ऊपर उठा दी, पेंटी तो आज पहनी ही नहीं थी।
सुनीता राजेश के लंद पर बैठ गई। लंद boor को फाड़ कर अंदर समा गया।
अब दोनो मूवी देखने लगे साथ में सुनीता थोड़ा ऊपर नीचे हो कर chud भी रही थी। दोनो को बहुत मजा आने लगा।
यह सिलसिला तब तक चलता रहा, जब तक सुनीता फिर से एक बार झड़ नही गई।
झड़ने के बाद सुनीता अपने सीट पर बैठ गई।
राजेश _अरे मां मेरा अभी huea नही है। आओ फिर से बैठो न।
सुनीता _न बाबा।
राजेश _ठीक है फिर थोड़ा चूस दो।
सुनीता झुक कर राजेश का लंद चूसने लगी।
वहा कुछ लडकिया भी अपने अपने बॉयफ्रेंड का चूस रही थी।
तभी इंटारवेल हो गया।
लाइट ऑन हो गया।
सुनीता सीधी होकर बैठ गई। राजेश के लंद के रपना पल्लू डाल दी।
राजेश ने अपना चैन लगा दिया।
सुनीता _मुझे मूवी नही देखनी, अब चलो यहां से।
वे दोनो सिनेमा हाल से बाहर आ गए।
एक अच्छे से होटल में जाकर लंच किए। फिर वे वहा से मार्केट चले गए, और समान खरीदने लगे।
सामान खरीदने के बाद वे घर आ गए।
शाम के 4बज चुके थे, स्वीटी भी घर आ गई।
रात में भोजन करने के बाद, सभी अपने अपने कमरे में आराम करने लगे।
राजेश को नींद नही आ रहा था, वह झड़ा नहीं था।
उसने सुनीता को मेसेज किया।
राजेश _मां सो गई क्या?
सुनीता, सोई नही थी!
उसने देखा _राजेश का मेसेज है। उसने भी मेसेज कि।
सुनीता _अरे तू अभी तक सोया नही। 10बज चुके है, सो जाओ।
राजेश _अरे मां मुझे नींद नही आ रही।
सुनीता _क्यू?
राजेश _मेरा पप्पू मुझे परेशान कर रहा है?
वो अभी तक झड़ा नहीं है न इसलिए, मां आओ न।
सुनीता _न बाबा, घर में स्वीटी और तुम्हारे पापा है कोइ उठ गया तो।
राजेश _ठीक है फिर मैं रात भर जागता रहूंगा, आप सो जाओ।
सुनीता कुछ देर बाद अपनी बेड से उठी उसने देखा शेखर घोड़े बेच के सो रहा है। वह दबे पांव रूम से निकली और राजेश के कमरे मे घुस गई।
राजेश अपना लंद सहला रहा था वह नंगा ही सोया huea था।
राजेश _मां तुम, आप तो नही आने वाली थी।
सुनीता _अच्छा तो चली जाऊ क्या?
राजेश _अरे न बाबा। अच्छा की आ गई तो देखो, अभी तक अकड़ा हुआ है।
सुनीता दरवाजा बंद की और बेड पर बैठ गई।
फिर राजेश का लंद मुंह में लेकर चूसने लगी।
अपनी नाइटी उतार कर नंगी हो गई। और राजेश के लंद पर बैठ कर उछल उछल कर चुदने लगी।
राजेश ने सुनीता को अलग अलग आसनों में दो घंटे तक चोदा और उसका गाड़ भी मारा।
राजेश _मां, कहा छोड़ूं।
सुनीता _बेटा आज अंदर ही छोड़ो, मैं तुम्हारा पानी अंदर महसूस करना चाहती हूं।
राजेश _कहीं फिर से पेट से हो गई तो।
सुनीता _अरे मैंने आज गर्भनिरोधक गोली खाई है।
राजेश सुनीता को घोड़ी बना कर जोर जोर से धक्का मारते हुवे झड़ने लगा।
झड़ने के बाद दोनो एक दूसरे से लिपट कर सो गए
राजेश के सोने के बाद सुनीता उठी और अपनी नाइटी पहनी।
फिर राजेश को चादर ओढ़ा कर उसकी माथा चूमी।
राजेश के कमरे से निकल कर अपने कमरे में जाकर सो गई।
सुबह राजेश उठते फ्रेस huwa और कीचन में गया।
सुनीता कीचन में थी।
वह पीछे से राजेश सुनीता को बाहों में भर लिया।
सुनीता _अरे क्या कर रहा है छोड़ ना।
कोइ आ जायेगा।
राजेश _मां प्रिया दीदी फोन लगाई थी। कह रही थी तू शहर आया है और अब तक मुझसे मिलने नही आए। वो मुझसे नाराज है।
आज प्रिया दीदी के घर चलना है वैसे भी हम कल गांव चले जायेंगे।
सुनीता _ठीक है। प्रिया दीदी से कह देना हम 11बजे आयेंगे, वो घर में ही रहे।
राजेश _ठीक है मां, अच्छा मां मैं थोड़ा टहल के आता हूं।
सुनीता _अच्छा ठीक है। जल्दी आना।






 
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