Incest यह क्या हुआ

  • You need a minimum of 50 Posts to be able to send private messages to other users.
  • Register or Login to get rid of annoying pop-ads.
click here to search

rajesh bhagat

Member
Messages
112
Reaction score
746
Points
94
हेलो दोस्तों मैं एक्स फोरम का एक पाठक हूं। बहुत दिनों से मैं इसमें आप सभी दोस्तों का कहानी पढ़ते आ रहा हूं ।मेरी भी इच्छा हुआ कि मैं भी कहानी लिखू ।इसके पहले मैंने कभी कोई कहानी नहीं लिखा है, लेकिन मैं भी अपने अनुभव को आप लोगों के बीच कहानी के माध्यम से शेयर करना चाहता हूं ,हो सकता है ,लेखन में व्याकरण त्रुटियां हो ,मैं कोई लेखक नहीं हूं। मेरी यह कहानी इंसेस्ट कहानी है जिनको इंसेस्ट कहानी पसंद ना हो कृपया यह कहानी न पढ़ें तो चलो चलते हैं कहानी के पात्रों की ओर
शेखर - यह घर का मुखिया है ।इसका उम्र है 48 वर्ष यह बैंक मैनेजर है अच्छी तनखा है काफी मेहनती और अपने कार्य के प्रति ईमानदार इंसान हैं अपने परिवार से बहुत प्यार करता है इनको इधर-उधर की की बातों से कोई मतलब नहीं रहता यह अपनी ड्यूटी पर ही ज्यादा ध्यान देता है
सुनीता- शेखर की पत्नी है यह एक हाउसवाइफ है घर के कामों पर ही ज्यादा ध्यान देती है इसकी उम्र 42 वर्ष है दिखने में सुंदर है खूबसूरत बदन की मालकिन है अपने बच्चों से बहुत प्यार करती है इनका सारा समय घर के कामों में ही निकल जाता है
राजेश- शेखर और सुनीता का पुत्र है यह कालेज का छात्र है इसकी उम्र 21 वर्ष है एक सीधा साधा लड़का है या सुबह जिम जाता है हैंडसम है यह शर्मीले स्वभाव का है पढ़ाई पर ध्यान देता है पढ़ लिख कर एक अच्छा शासकीय जॉब पर जाना चाहता है
स्वीटी- या शेखर और सुनीता की पुत्री है इसकी आयु 19 वर्ष है या इस वर्ष कॉलेज में प्रवेश ली है दिखने में काफी खूबसूरत है अपने मां की तरह यह भी खूबसूरत बदन की मालकिन हैं।
इस प्रकार इनके परिवार में 4 सदस्य हैं यह शहर में रहते हैं खुद का मकान है भाई बहन और मां बाप के लिए तीन अलग-अलग कमरे हैं सभी कमरे में अटैच बाथरूम है घर में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं थी राजेश के पास एक बाइक था जिसमें दोनों भाई बहन का ले जाते थे स्वीटी इसी वर्ष कॉलेज में प्रवेश ली थी वह प्रथम वर्ष की छात्रा थी अभी तक तो परिवार में बहुत बढ़िया चल रहा था लेकिन आगे ऐसा क्या हो जाता है इनके परिवार में यह आगे पता चलेगा।
 
Messages
120
Reaction score
247
Points
43
हेलो दोस्तों मैं एक्स फोरम का एक पाठक हूं। बहुत दिनों से मैं इसमें आप सभी दोस्तों का कहानी पढ़ते आ रहा हूं ।मेरी भी इच्छा हुआ कि मैं भी कहानी लिखू ।इसके पहले मैंने कभी कोई कहानी नहीं लिखा है, लेकिन मैं भी अपने अनुभव को आप लोगों के बीच कहानी के माध्यम से शेयर करना चाहता हूं ,हो सकता है ,लेखन में व्याकरण त्रुटियां हो ,मैं कोई लेखक नहीं हूं। मेरी यह कहानी इंसेस्ट कहानी है जिनको इंसेस्ट कहानी पसंद ना हो कृपया यह कहानी न पढ़ें तो चलो चलते हैं कहानी के पात्रों की ओर
शेखर - यह घर का मुखिया है ।इसका उम्र है 48 वर्ष यह बैंक मैनेजर है अच्छी तनखा है काफी मेहनती और अपने कार्य के प्रति ईमानदार इंसान हैं अपने परिवार से बहुत प्यार करता है इनको इधर-उधर की की बातों से कोई मतलब नहीं रहता यह अपनी ड्यूटी पर ही ज्यादा ध्यान देता है
सुनीता- शेखर की पत्नी है यह एक हाउसवाइफ है घर के कामों पर ही ज्यादा ध्यान देती है इसकी उम्र 42 वर्ष है दिखने में सुंदर है खूबसूरत बदन की मालकिन है अपने बच्चों से बहुत प्यार करती है इनका सारा समय घर के कामों में ही निकल जाता है
राजेश- शेखर और सुनीता का पुत्र है यह कालेज का छात्र है इसकी उम्र 21 वर्ष है एक सीधा साधा लड़का है या सुबह जिम जाता है हैंडसम है यह शर्मीले स्वभाव का है पढ़ाई पर ध्यान देता है पढ़ लिख कर एक अच्छा शासकीय जॉब पर जाना चाहता है
स्वीटी- या शेखर और सुनीता की पुत्री है इसकी आयु 19 वर्ष है या इस वर्ष कॉलेज में प्रवेश ली है दिखने में काफी खूबसूरत है अपने मां की तरह यह भी खूबसूरत बदन की मालकिन हैं।
इस प्रकार इनके परिवार में 4 सदस्य हैं यह शहर में रहते हैं खुद का मकान है भाई बहन और मां बाप के लिए तीन अलग-अलग कमरे हैं सभी कमरे में अटैच बाथरूम है घर में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं थी राजेश के पास एक बाइक था जिसमें दोनों भाई बहन का ले जाते थे स्वीटी इसी वर्ष कॉलेज में प्रवेश ली थी वह प्रथम वर्ष की छात्रा थी अभी तक तो परिवार में बहुत बढ़िया चल रहा था लेकिन आगे ऐसा क्या हो जाता है इनके परिवार में यह आगे पता चलेगा।
Good start
 

rajesh bhagat

Member
Messages
112
Reaction score
746
Points
94
चलिए कहानी को आगे बढ़ाते हैं सुनीता रोज सुबह 5:00 बजे उठ जाती थी और उठकर पहले नहाती थी नहाने के बाद बाद पूजा पाठ करती थी फिर चाय नाश्ता तैयार करना उसकी रोज का कार्य था

शेखर रोज सुबह 6:00 बजे उठता था और वह घर में ही थोड़ा-बहुत व्यायाम करता था घर में छोटा सा गार्डन था जिससे पौधों को वह सुबह पानी डालता था उसकी देखभाल और साफ सफाई करता था उसके बाद स्नान करना एवं अखबार पढ़ना फिर नाश्ता करना यही उसका रोज का कार्य था ड्यूटी के लिए तैयार हो जाता था वह 10:00 बजे ही बैंक के निकल जाता था


राजेश रोज सुबह प्रातः 6:00 बजे उठ जाता था उसे उठाने की आवश्यकता नहीं पड़ती थी वह रोज सुबह 6:00 6:00 बजे उठकर फ्रेश होता था फिर वह जिम चला जाता था डेढ़ घंटा व्यायाम करके वह घर आता था फिर नहान तथा चाय नाश्ता करता था प्रियंका रोज का कार्य था वह 10:30 बजे कॉलेज के लिए निकलता था


स्वीटी भी रोज 6:30 बजे उठ जाती थी और घर में ही हल्का-फुल्का व्यायाम करती थी फिर नहा कर मां के कार्य में सहयोग करती थी
 

rajesh bhagat

Member
Messages
112
Reaction score
746
Points
94
अभी तक इनके परिवार में सब कुछ अच्छा चल रहा था राजेश और स्वीटी दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे वे प्रातः 10:30 बजे बाइक से रोज एक साथ कॉलेज के लिए जाते थे और शाम को 4:30 बजे कॉलेज से घर वापस आते थे इसी तरह समय निकलता रहा

आज स्वीटी कॉलेज के लिए तैयार हो रही है वह आज शॉर्ट ड्रेस पहनी हुई है इधर राजेश्वरी कॉलेज जाने के लिए तैयार है

Rajesh- स्वीटी जल्दी करो हम कॉलेज के लिए लेट हो रहे हैं और कितने समय लगाएगी 10:30 हो चुका है

Switi- भैया बस रेडी हो गई मैं आ ही रही हूं अपना बाइक तैयार रखो
राजेश की मम्मी सुनीता स्वीटी की रूम में जाकर देखती है स्वीटी कर क्या रही है
Sunita- स्वीटी कितनी देर तक तैयार होती रहेगी कॉलेज के लिए लेट हो रही है जल्दी करो और यह क्या ड्रेस पहनी है इतनी शॉर्ट ड्रेस

Switi- मम्मी आज मैं कैसी लग रही हूं इस ड्रेस में

Sunita- मुझे तो यह सब अच्छा नहीं लग रहा इस निकालो और कोई दूसरा पहन लो

Switi- मम्मी यह आजकल का फैशन है मेरी कई सहेलियां पहनती है मैं अच्छी लग रही हूं ना

Sunita- सुनीता माथा पकड़ लेती है और कहती है यह लड़की भी ना हमेशा अपने मन की करेगी

Switi- अच्छा मम्मी मैं चलती हूं चलो भैया

स्वीटी इन शॉर्ट ड्रेस में बहुत ही हॉट लग रही थी पर राजेश को यह ड्रेस पसंद नहीं आया था पर स्वीटी को को कुछ बोला नहीं और दोनों भाई-बहन कॉलेज के लिए निकल पड़े

कॉलेज पहुंचने ही वाले थे कॉलेज पहुंचने के पहले एक पान का ठेला रास्ते पर खुला था जहां दो मनचले लड़के खड़े थे जैसे ही राजेश का बाइक वहां से गुजरा लड़कों ने प्रीति को देखा और एक लड़के ने स्वीटी को देख कर सीटी बजा दी और दूसरे लड़के ने बोला क्या माल है यार लड़कों की यह बात है राजेश ने सुन ली वह बाइक रोक दिया और वह बाइक से उतर कर उन लड़कों के पास आया और राजेश बोला क्या बोला बे और एक लड़के का कॉलर पकड़ लिया स्वीटी यह देख कर डर गई थी स्वीटी बोली भैया चलो उन्हें छोड़ो हम कॉलेज के लिए लेट हो रहे हैं

एक लड़के ने कहा हम तो तुम्हारी बहन की तारीफ कर रहे थे तुम्हारी बहन हॉट लग रही है यह सुनकर राजेश का गुस्सा बढ़ गया और वह उस लड़के को एक थप्पड़ लगा दिया इसके बाद दोनों लड़के और राजेश के बीच हाथापाई शुरू हो गया राजेश स्ट्रांग था आता है वह दोनों लड़कों पर भारी पड़ गया और दोनों लड़कों की खूब पिटाई कर दी फिर बाइक लेकर कॉलेज चले गए

इधर लड़के कराह रहे थे और यह लड़के भी कराते हुए अपने घर के तरफ चले गए असल में यह लड़कों का गैंग था जब अपने दोस्तों से मिले तो उन्होंने इस सारी घटना के बारे में बताएं फिर लड़कों ने राजेश को सबक सिखाने की बात कही और वे शाम को कॉलेज की छुट्टी के समय पान ठेले के पास खड़ा होकर राजेश का इंतजार करने लगे

Switi- भैया उन लोगों से झगड़ने की क्या जरूरत थी अगर कुछ हो जाता तो असल में गलती मेरी है मुझे इसतरह के ड्रेस नहीं पहननी चाहिए थी मम्मी ने मना भी की थी पर मैंने नहीं माना
Rajesh- तुम चुप रहो मेरे सामने मेरी बहन का कोई अपमान करें मैं नहीं सह सकता मैंने उन्हें अच्छा सबक सिखाया है

कॉलेज में दिन भर पढ़ाई करने के बाद शाम को 4:30 बजे छुट्टी हो गई दोनों भाई बहन फिर बाइक से घर के लिए निकले

इधर मनचली लड़की अपने गैंग के साथ डंडे लेकर उन दोनों का इंतजार कर कर रहे थे और जैसे ही राजेश का बाइक पान ठेले के पास पहुंचा लड़के रोड पर बाइक के सामने खड़े हो गए राजेश और स्वीटी बाइक से उतरे

एक लड़का ने राजेश का कलर का कर दीजिए अबे साले तेरी इतनी हिम्मत तुमने हमारे दोस्तों की पिटाई की राजेश ने कहा तुम्हारे हैं दोस्त मेरी बहन का अपमान किया क्यों बे ऐसा क्या बोल दिया तेरी बहन को इन्होंने मेरी बहन को माल बोला तेरी बहन तो एक नंबर की माल है माल को माल नहीं बोलेगा तो क्या बोलेगा इतना सुनते ही राजेश को गुस्सा आ गया और वह उस लड़के के घर में एक थप्पड़ मारा इसे देखकर गांव की लड़की राजेश को पीटने लगे राजेश अकेला पड़ गया मूवी 6 लड़के थे साथ में डंडे रखे थे और डंडे से राजेश को पीटने राजेश बुरी तरह घायल हो गया उसके सर से खून निकलने लगा स्वीटी रो रही थी चिल्ला रहे थे लोगों से मदद मांग रही थी तभी कॉलेज के कुछ स्टूडेंट बाइक से उधर आ रहे थे उन्होंने देखा राजेश की पिटाई करते हुए भीड़ इकट्ठा होते देख पिटाई करना बंद कर मनचले लड़के भाग गए इधर राजेश बुरी तरह घायल हो चुका था सर से खून बह रहा था वह खड़ा नहीं हो पा रहा था सिटी रो रही थी कॉलेज के स्टूडेंट उन्हें अपने साथ बाइक पर बिठाकर हॉस्पिटल ले गए स्वीटी इसकी जानकारी अपने मम्मी और पापा को दी घटना की जानकारी होने के बाद सुनीता और शेखर दोनों भागे भागे हॉस्पिटल की ओर दौड़े घर डालो राजेश को इमरजेंसी रूम में ले गए थे और उनका इलाज कर रहे थे बाहर स्वीटी अपने मम्मी पापा के साथ इंतजार कर रहे थे सारी घटना की जानकारी वे अपने मम्मी पापा को बता रहे थे कॉलेज में स्टूडेंट कुछ समय तक वहां रुके थे उसके बाद में अपने घर चले गए
कुछ समय के बाद डॉक्टर रूम से बाहर निकले सुनीता और शेखर डॉक्टर को देख कर पूछने लगे डॉक्टर साहब हमारा बेटा तो ठीक है ना
Docter- देखिए तुम्हारे बेटे को सिर पर और हाथों में काफी चोटें आई हैं उनका दोनों हाथ फैक्चर हो गया है हाथों और सिर पर पट्टी बांध दी है डरने की कोई बात नहीं है हाथ को ठीक होने मैं दो 3 माह का समय लग सकता है
Sunita_ डॉक्टर साहब क्या हम अपने बच्चे को देख सकते हैं
Docter- हां क्यों नहीं कुछ समय के बाद आप हमसे मिल सकते हैं आज हम उसे निगरानी में रखेंगे कल उसे अपने घर भी ले जा सकते हैं

डॉक्टर की बातों को सुनकर शेखर और सुनीता को थोड़ा राहत महसूस हुआ और भगवान की शुक्रिया अदा करने लगे
फिर दोनों राजेश से मिलने के लिए उसके रूम में चले गए राजेश को देखकर सुनीता रोने लगी बेटा यह क्या हो गया राजेश अपनी मम्मी पापा को देख कर मम्मी मुझे कुछ नहीं हुआ है तुम रो मत सुनीता ने देखा कि राजेश के दोनों हाथों में पट्टी बंधा है और वह हाथों को उठा नहीं पा रहा है नर्स वहीं पर खड़ी थी उसने सुनीता से कहा आप लोग घबराइए नहीं इनका हाथ फैक्चर है जो दो-तीन माह में ठीक हो जाएगा तब तक यह पट्टी बंधी रहेगी एक दो घंटा रुकने के बाद शेखर ने सुनीता से कहा तुम लोग घर चले जाओ मैं यहां आज रात हॉस्पिटल में यही रुकता हूं सुनीता का जाने का मन नहीं था किंतु साथ में स्वीटी भी थी बतावे जाने को तैयार हो गई गाना मां बेटी घर चले गई इधर शेखर हॉस्पिटल में ही ठहर गया अगली सुबह जब डॉक्टर हॉस्पिटल आया और राजेश का चेकअप किया तो सब कुछ ठीक पाया शेखर ने डॉक्टर से पूछा डॉक्टर साहब राजेश अब कैसा डॉक्टर ने कहा सब कुछ ठीक है आप इसे घर ले जा सकते लेकिन इन्हें जो दवाइयां दी जा रही है उसे निर्देश के अनुसार खिलाते रहेंगे बीच-बीच में सिर्फ एक कराने के लिए हॉस्पिटल ले आना किसी प्रकार की कोई परेशानी हो तो फोन करके जानकारी देना शेखर ने फोन करके सुनीता को इस बात इस बात की जानकारी दे दी की राजेश को छुट्टी मिल गई है अब हम हॉस्पिटल से घर आ रहे हैं सुनीता या सुनकर खुश हो गई और भगवान की शुक्रिया करने लगी

सुबह 10:30 बजे शेखर अपने कार से राजेश को लेकर घर पहुंच गया घर पहुंच गई सुनीता झड़ते हुए दरवाजे के पास आई और राजेश को गले लगा ज़ी स्वीटी भी खड़ी थी वह भी अपने भाई से लिपट गई स्वीटी रोने लगी भैया यह सब मेरे कारण ही हुआ है मुझे माफ कर दो राजेश ने उन्हें चुप रहने को बोला और कहा कि तुम अपने को दोषी मत समझो शेखर राजेश को उसके कमरे में ले गया और राजेश ने अपने पापा से कहां है पापा मुझे कपड़े चेंज करनी है शेखर ने राजेश के कमरे की अलमारी की एक लोवर और टी-शर्ट निकाला और पहना दिया क्योंकि राजेश के दोनों हाथों में पट्टी होने के कारण वह कपड़ा नहीं पहन सकता था शेखर राजेश फिल्म से बाहर आकर सुनीता को उनके दवाइयों के बारे में सारी जानकारियां बता दिया कब किस समय कौन सी दवाई देना है और खाना में क्या खिलाना है क्योंकि शेखर बैंक मैनेजर था आज बैंक में कोई जरूरी काम भी था तो वह बैंक जाने के लिए तैयार होने लगा वह घर में नहा कर नाश्ता करके बैंक के लिए चला गया स्वीटी का आज का ले जाने का मन नहीं था किंतु सुनीता ने कहा तुम पढ़ाई का नुकसान मत करो और कॉलेज चली जाओ मैं सब संभाल लूंगी मां की बातों को सुनकर ना चाहते हुए भी बे मन से कॉलेज चली गई अब घर में केवल राजेश और उसकी मम्मी सुनीता रह गई सुनीता अपने घर का काम निपट आती है और नाश्ता लेकर राजेश के रूम में चली गई

इधर राजेश अपने कमरे में लेटा था सुनीता कमरे में पहुंच
Sunita- क्या कर रहे हो बेटा मैं नाश्ता लाया हूं चलो नाश्ता कर लो फिर तुम्हें दवाई भी खानी है सुनीता राजेश को बेड से उठाती है क्योंकि दोनों हाथ पर पट्टी बंधी होने के कारण उसे बिस्तर से उठने कठिनाई हो रहा था

सुनीता राजेश को अपने हाथों से नाश्ता कराती है उसे पानी पिलाती है फिर उसे आराम करने को कहती है
वह कमरे से चली जाती है 10 मिनट बाद वह दवाई लेकर राजेश के कमरे में आती है उठो बेटा दवाई खा लो वह राजेश को दवाई खिला देती है और राजेश से कहती है
कि
Sunita- बेटा मैं घर का काम कर रही हूं किसी प्रकार का कोई तकलीफ हो तो मुझे आवाज देना
Rajesh- ठीक है मम्मी

दवाई खिलाकर वह राजेश के रूम से बाहर चली जाती है और घर का काम करने लगती है
आधा घंटा बीत चुका होता है इधर राजेश को जोरों से पेशाब लग रहा होता है वह क्या करें कुछ समझ नहीं आ रहा था क्योंकि पेशाब करने के लिए बहुत से लोग और और अंडर वियर नीचे करना पड़ता क्योंकि हाथों में पट्टी बंद है बंधा था और दोनों हाथ गले से पट्टी द्वारा द्वारा लटका हुआ था वह कमरे में ही इधर उधर टहल रहा था

इधर सुनीता घर का काम हटाने के बाद वाह राजेश के कमरे की तरह चली जाती है राजेश किसी चीज की जरूरत तो नहीं है
सुनीता कमरे में आने के बाद देखता है कि राजेश इधर उधर टहल रहा है
Sunita-बेटा तुम आराम क्यों नहीं कर रहे इधर-उधर टहल क्यों रहे हो कुछ परेशान लग रहे हो क्या बात है
Rajesh-. कुछ नहीं मैं बस ऐसे ही

Sunita-नहीं बेटा कुछ तो बात है बताओ क्या परेशानी है
सुनीता बताने के लिए जिद करने लगी मां की जिद करने पर राजेश हकलाआते हुए कहां

Rajhesh - मां मुझे जोरो की पिशाब लगी है
और वह शर्म आने लगा सुनीता राजेश को शर्म आता देख राजेश से मुस्कुराते हुए कहा

sunita- बेटा इसमें शर्माने की क्या बात है मैं तुम्हारी मां हूं मुझसे शर्माने की जरूरत नहीं है कोई भी बात रहती है तो मुझे बता दिया करो चलो बाथरूम मे
दोस्तों अब आगे क्या होगा क्या होने वाला है कहानी में कॉमेंट्स में जरूर बताना
 

A.A.G.

Well-Known Member
Messages
9,588
Reaction score
19,647
Points
143
अभी तक इनके परिवार में सब कुछ अच्छा चल रहा था राजेश और स्वीटी दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे वे प्रातः 10:30 बजे बाइक से रोज एक साथ कॉलेज के लिए जाते थे और शाम को 4:30 बजे कॉलेज से घर वापस आते थे इसी तरह समय निकलता रहा

आज स्वीटी कॉलेज के लिए तैयार हो रही है वह आज शॉर्ट ड्रेस पहनी हुई है इधर राजेश्वरी कॉलेज जाने के लिए तैयार है

Rajesh- स्वीटी जल्दी करो हम कॉलेज के लिए लेट हो रहे हैं और कितने समय लगाएगी 10:30 हो चुका है

Switi- भैया बस रेडी हो गई मैं आ ही रही हूं अपना बाइक तैयार रखो
राजेश की मम्मी सुनीता स्वीटी की रूम में जाकर देखती है स्वीटी कर क्या रही है
Sunita- स्वीटी कितनी देर तक तैयार होती रहेगी कॉलेज के लिए लेट हो रही है जल्दी करो और यह क्या ड्रेस पहनी है इतनी शॉर्ट ड्रेस

Switi- मम्मी आज मैं कैसी लग रही हूं इस ड्रेस में

Sunita- मुझे तो यह सब अच्छा नहीं लग रहा इस निकालो और कोई दूसरा पहन लो

Switi- मम्मी यह आजकल का फैशन है मेरी कई सहेलियां पहनती है मैं अच्छी लग रही हूं ना

Sunita- सुनीता माथा पकड़ लेती है और कहती है यह लड़की भी ना हमेशा अपने मन की करेगी

Switi- अच्छा मम्मी मैं चलती हूं चलो भैया

स्वीटी इन शॉर्ट ड्रेस में बहुत ही हॉट लग रही थी पर राजेश को यह ड्रेस पसंद नहीं आया था पर स्वीटी को को कुछ बोला नहीं और दोनों भाई-बहन कॉलेज के लिए निकल पड़े

कॉलेज पहुंचने ही वाले थे कॉलेज पहुंचने के पहले एक पान का ठेला रास्ते पर खुला था जहां दो मनचले लड़के खड़े थे जैसे ही राजेश का बाइक वहां से गुजरा लड़कों ने प्रीति को देखा और एक लड़के ने स्वीटी को देख कर सीटी बजा दी और दूसरे लड़के ने बोला क्या माल है यार लड़कों की यह बात है राजेश ने सुन ली वह बाइक रोक दिया और वह बाइक से उतर कर उन लड़कों के पास आया और राजेश बोला क्या बोला बे और एक लड़के का कॉलर पकड़ लिया स्वीटी यह देख कर डर गई थी स्वीटी बोली भैया चलो उन्हें छोड़ो हम कॉलेज के लिए लेट हो रहे हैं

एक लड़के ने कहा हम तो तुम्हारी बहन की तारीफ कर रहे थे तुम्हारी बहन हॉट लग रही है यह सुनकर राजेश का गुस्सा बढ़ गया और वह उस लड़के को एक थप्पड़ लगा दिया इसके बाद दोनों लड़के और राजेश के बीच हाथापाई शुरू हो गया राजेश स्ट्रांग था आता है वह दोनों लड़कों पर भारी पड़ गया और दोनों लड़कों की खूब पिटाई कर दी फिर बाइक लेकर कॉलेज चले गए

इधर लड़के कराह रहे थे और यह लड़के भी कराते हुए अपने घर के तरफ चले गए असल में यह लड़कों का गैंग था जब अपने दोस्तों से मिले तो उन्होंने इस सारी घटना के बारे में बताएं फिर लड़कों ने राजेश को सबक सिखाने की बात कही और वे शाम को कॉलेज की छुट्टी के समय पान ठेले के पास खड़ा होकर राजेश का इंतजार करने लगे

Switi- भैया उन लोगों से झगड़ने की क्या जरूरत थी अगर कुछ हो जाता तो असल में गलती मेरी है मुझे इसतरह के ड्रेस नहीं पहननी चाहिए थी मम्मी ने मना भी की थी पर मैंने नहीं माना
Rajesh- तुम चुप रहो मेरे सामने मेरी बहन का कोई अपमान करें मैं नहीं सह सकता मैंने उन्हें अच्छा सबक सिखाया है

कॉलेज में दिन भर पढ़ाई करने के बाद शाम को 4:30 बजे छुट्टी हो गई दोनों भाई बहन फिर बाइक से घर के लिए निकले

इधर मनचली लड़की अपने गैंग के साथ डंडे लेकर उन दोनों का इंतजार कर कर रहे थे और जैसे ही राजेश का बाइक पान ठेले के पास पहुंचा लड़के रोड पर बाइक के सामने खड़े हो गए राजेश और स्वीटी बाइक से उतरे

एक लड़का ने राजेश का कलर का कर दीजिए अबे साले तेरी इतनी हिम्मत तुमने हमारे दोस्तों की पिटाई की राजेश ने कहा तुम्हारे हैं दोस्त मेरी बहन का अपमान किया क्यों बे ऐसा क्या बोल दिया तेरी बहन को इन्होंने मेरी बहन को माल बोला तेरी बहन तो एक नंबर की माल है माल को माल नहीं बोलेगा तो क्या बोलेगा इतना सुनते ही राजेश को गुस्सा आ गया और वह उस लड़के के घर में एक थप्पड़ मारा इसे देखकर गांव की लड़की राजेश को पीटने लगे राजेश अकेला पड़ गया मूवी 6 लड़के थे साथ में डंडे रखे थे और डंडे से राजेश को पीटने राजेश बुरी तरह घायल हो गया उसके सर से खून निकलने लगा स्वीटी रो रही थी चिल्ला रहे थे लोगों से मदद मांग रही थी तभी कॉलेज के कुछ स्टूडेंट बाइक से उधर आ रहे थे उन्होंने देखा राजेश की पिटाई करते हुए भीड़ इकट्ठा होते देख पिटाई करना बंद कर मनचले लड़के भाग गए इधर राजेश बुरी तरह घायल हो चुका था सर से खून बह रहा था वह खड़ा नहीं हो पा रहा था सिटी रो रही थी कॉलेज के स्टूडेंट उन्हें अपने साथ बाइक पर बिठाकर हॉस्पिटल ले गए स्वीटी इसकी जानकारी अपने मम्मी और पापा को दी घटना की जानकारी होने के बाद सुनीता और शेखर दोनों भागे भागे हॉस्पिटल की ओर दौड़े घर डालो राजेश को इमरजेंसी रूम में ले गए थे और उनका इलाज कर रहे थे बाहर स्वीटी अपने मम्मी पापा के साथ इंतजार कर रहे थे सारी घटना की जानकारी वे अपने मम्मी पापा को बता रहे थे कॉलेज में स्टूडेंट कुछ समय तक वहां रुके थे उसके बाद में अपने घर चले गए
कुछ समय के बाद डॉक्टर रूम से बाहर निकले सुनीता और शेखर डॉक्टर को देख कर पूछने लगे डॉक्टर साहब हमारा बेटा तो ठीक है ना
Docter- देखिए तुम्हारे बेटे को सिर पर और हाथों में काफी चोटें आई हैं उनका दोनों हाथ फैक्चर हो गया है हाथों और सिर पर पट्टी बांध दी है डरने की कोई बात नहीं है हाथ को ठीक होने मैं दो 3 माह का समय लग सकता है
Sunita_ डॉक्टर साहब क्या हम अपने बच्चे को देख सकते हैं
Docter- हां क्यों नहीं कुछ समय के बाद आप हमसे मिल सकते हैं आज हम उसे निगरानी में रखेंगे कल उसे अपने घर भी ले जा सकते हैं

डॉक्टर की बातों को सुनकर शेखर और सुनीता को थोड़ा राहत महसूस हुआ और भगवान की शुक्रिया अदा करने लगे
फिर दोनों राजेश से मिलने के लिए उसके रूम में चले गए राजेश को देखकर सुनीता रोने लगी बेटा यह क्या हो गया राजेश अपनी मम्मी पापा को देख कर मम्मी मुझे कुछ नहीं हुआ है तुम रो मत सुनीता ने देखा कि राजेश के दोनों हाथों में पट्टी बंधा है और वह हाथों को उठा नहीं पा रहा है नर्स वहीं पर खड़ी थी उसने सुनीता से कहा आप लोग घबराइए नहीं इनका हाथ फैक्चर है जो दो-तीन माह में ठीक हो जाएगा तब तक यह पट्टी बंधी रहेगी एक दो घंटा रुकने के बाद शेखर ने सुनीता से कहा तुम लोग घर चले जाओ मैं यहां आज रात हॉस्पिटल में यही रुकता हूं सुनीता का जाने का मन नहीं था किंतु साथ में स्वीटी भी थी बतावे जाने को तैयार हो गई गाना मां बेटी घर चले गई इधर शेखर हॉस्पिटल में ही ठहर गया अगली सुबह जब डॉक्टर हॉस्पिटल आया और राजेश का चेकअप किया तो सब कुछ ठीक पाया शेखर ने डॉक्टर से पूछा डॉक्टर साहब राजेश अब कैसा डॉक्टर ने कहा सब कुछ ठीक है आप इसे घर ले जा सकते लेकिन इन्हें जो दवाइयां दी जा रही है उसे निर्देश के अनुसार खिलाते रहेंगे बीच-बीच में सिर्फ एक कराने के लिए हॉस्पिटल ले आना किसी प्रकार की कोई परेशानी हो तो फोन करके जानकारी देना शेखर ने फोन करके सुनीता को इस बात इस बात की जानकारी दे दी की राजेश को छुट्टी मिल गई है अब हम हॉस्पिटल से घर आ रहे हैं सुनीता या सुनकर खुश हो गई और भगवान की शुक्रिया करने लगी

सुबह 10:30 बजे शेखर अपने कार से राजेश को लेकर घर पहुंच गया घर पहुंच गई सुनीता झड़ते हुए दरवाजे के पास आई और राजेश को गले लगा ज़ी स्वीटी भी खड़ी थी वह भी अपने भाई से लिपट गई स्वीटी रोने लगी भैया यह सब मेरे कारण ही हुआ है मुझे माफ कर दो राजेश ने उन्हें चुप रहने को बोला और कहा कि तुम अपने को दोषी मत समझो शेखर राजेश को उसके कमरे में ले गया और राजेश ने अपने पापा से कहां है पापा मुझे कपड़े चेंज करनी है शेखर ने राजेश के कमरे की अलमारी की एक लोवर और टी-शर्ट निकाला और पहना दिया क्योंकि राजेश के दोनों हाथों में पट्टी होने के कारण वह कपड़ा नहीं पहन सकता था शेखर राजेश फिल्म से बाहर आकर सुनीता को उनके दवाइयों के बारे में सारी जानकारियां बता दिया कब किस समय कौन सी दवाई देना है और खाना में क्या खिलाना है क्योंकि शेखर बैंक मैनेजर था आज बैंक में कोई जरूरी काम भी था तो वह बैंक जाने के लिए तैयार होने लगा वह घर में नहा कर नाश्ता करके बैंक के लिए चला गया स्वीटी का आज का ले जाने का मन नहीं था किंतु सुनीता ने कहा तुम पढ़ाई का नुकसान मत करो और कॉलेज चली जाओ मैं सब संभाल लूंगी मां की बातों को सुनकर ना चाहते हुए भी बे मन से कॉलेज चली गई अब घर में केवल राजेश और उसकी मम्मी सुनीता रह गई सुनीता अपने घर का काम निपट आती है और नाश्ता लेकर राजेश के रूम में चली गई

इधर राजेश अपने कमरे में लेटा था सुनीता कमरे में पहुंच
Sunita- क्या कर रहे हो बेटा मैं नाश्ता लाया हूं चलो नाश्ता कर लो फिर तुम्हें दवाई भी खानी है सुनीता राजेश को बेड से उठाती है क्योंकि दोनों हाथ पर पट्टी बंधी होने के कारण उसे बिस्तर से उठने कठिनाई हो रहा था

सुनीता राजेश को अपने हाथों से नाश्ता कराती है उसे पानी पिलाती है फिर उसे आराम करने को कहती है
वह कमरे से चली जाती है 10 मिनट बाद वह दवाई लेकर राजेश के कमरे में आती है उठो बेटा दवाई खा लो वह राजेश को दवाई खिला देती है और राजेश से कहती है
कि
Sunita- बेटा मैं घर का काम कर रही हूं किसी प्रकार का कोई तकलीफ हो तो मुझे आवाज देना
Rajesh- ठीक है मम्मी

दवाई खिलाकर वह राजेश के रूम से बाहर चली जाती है और घर का काम करने लगती है
आधा घंटा बीत चुका होता है इधर राजेश को जोरों से पेशाब लग रहा होता है वह क्या करें कुछ समझ नहीं आ रहा था क्योंकि पेशाब करने के लिए बहुत से लोग और और अंडर वियर नीचे करना पड़ता क्योंकि हाथों में पट्टी बंद है बंधा था और दोनों हाथ गले से पट्टी द्वारा द्वारा लटका हुआ था वह कमरे में ही इधर उधर टहल रहा था

इधर सुनीता घर का काम हटाने के बाद वाह राजेश के कमरे की तरह चली जाती है राजेश किसी चीज की जरूरत तो नहीं है
सुनीता कमरे में आने के बाद देखता है कि राजेश इधर उधर टहल रहा है
Sunita-बेटा तुम आराम क्यों नहीं कर रहे इधर-उधर टहल क्यों रहे हो कुछ परेशान लग रहे हो क्या बात है
Rajesh-. कुछ नहीं मैं बस ऐसे ही

Sunita-नहीं बेटा कुछ तो बात है बताओ क्या परेशानी है
सुनीता बताने के लिए जिद करने लगी मां की जिद करने पर राजेश हकलाआते हुए कहां

Rajhesh - मां मुझे जोरो की पिशाब लगी है
और वह शर्म आने लगा सुनीता राजेश को शर्म आता देख राजेश से मुस्कुराते हुए कहा

sunita- बेटा इसमें शर्माने की क्या बात है मैं तुम्हारी मां हूं मुझसे शर्माने की जरूरत नहीं है कोई भी बात रहती है तो मुझे बता दिया करो चलो बाथरूम मे
दोस्तों अब आगे क्या होगा क्या होने वाला है कहानी में कॉमेंट्स में जरूर बताना
nice start..!!
sweety apne bhai ka pyaar dekhkar usse jarur impress huyi hogi..rajesh aur sweety ka rishta jarur ab aage badhega aur dono ek dusre ko gf-bf ki tarah pyaar karne lagenge..sunita aur rajesh me kya hota hai dekhte hai..!! bhai rajesh ko hi main hero rakhna..shekhar ko inn sab me involve mat karna..!!
 
Tags
ye kya huwa
Top

Dear User!

We found that you are blocking the display of ads on our site.

Please add it to the exception list or disable AdBlock.

Our materials are provided for FREE and the only revenue is advertising.

Thank you for understanding!