अध्याय - 21
रमेश - अब मुझे ऐसा लग रहा था कि में इन्हें छोड़कर कहीं नहीं जाऊं।
रश्मि - मैं आज की रात सिर्फ़ तुम्हारी हूँ,
फिर 15-20 मिनट के बाद रमेश ने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर उसकी चूत को सहलाने लगा और फिर धीरे से रश्मि की सलवार का नाडा खींचा, तो वैसे ही उसकी सलवार नीचे गिर गयी।
रमेश ने उसे अपनी गोद में उठा लिया और बेड पर लेटा दिया और उसकी सलवार उसके दोनों पैरो से आज़ाद कर दीज उसने सफ़ेद कलर की चड्डी पहनी थी।
रश्मि अब शर्माकर दूसरी तरफ देख रही थी। रमेश ने भी अपनी शर्ट उतारी और फिर बनियान भी निकाली और फिर अपनी पेंट उतारी।
रमेश अब रश्मि और राजश्री के सामने सिर्फ़ चड्डी में था और रश्मि सिर्फ़ एक छोटी सी पेंटी में थी।
रमेश का लंड तो एकदम खड़ा हुआ था। रमेश बेड पर रश्मि के ऊपर लेट गया था और उसके बूब्स दबाने लगा था।
रमेश - मेरा लंड टेस्ट करोगी?
रश्मि - ना मुझे मुँह में नहीं लेना है।
राजश्री अपने मन में - मैं तो कब से तैयार हूँ,
रमेश ने भी ज़ोर न देते हुवे अपना एक हाथ नीचे ले जाकर रश्मि की चूत को सहलाने लगा।
रश्मि की चड्डी गीली हहो गयी थी।
रमेश ने अपना एक हाथ रश्मि की चड्डी में डाल दिया, तो वो सिहर गयी। रमेश के हाथ रश्मि की झांट के बाल लग गये थे
रमेश - कभी इसे साफ नहीं करती हो क्या?
रश्मि - ना, मेरे भाई को ऐसे ही पसंद है,
रमेश - मुझे तो एकदम साफ़ चूत पसंद है,
राजश्री मन में - मेरी चूत एकदम साफ़ है, तुम देखो तो सही,
रमेश ने अपनी एक उंगली रश्मि की चूत के छेद पर फैरने लगा।
रश्मि - आअहह, उउउफ्फ, आआहह, सस्स्स, हाईईई, आआआहह
रमेश वही उंगली उसकी चूत में घुसेड़ने लगा, तो रश्मि की सिसकारियाँ तेज हों गयी,
रमेश की पूरी उंगली उसकी चूत में चली गयी थी, उसकी चूत काफी टाईट थी।
रमेश उंगली को अंदर ही अंदर गोल-गोल घुमाने लगा था। रश्मि बस सिसकारियाँ ले रही थी,
रमेश ने थोड़ी देर के बाद में अपना हाथ रश्मि की चड्डी से बाहर निकाला और उठकर बैठ गया और रश्मि की चड्डी निकालने लगा। रश्मि शर्माने लगी,
रमेश ने उसकी चड्डी उसके पैरों से अलग कर दी थी और उसकी चूत देखने लगा था।
रश्मि ने तभी अपने दोनों पैर एक के ऊपर एक रख दिए और अपनी चूत छुपाने की कोशिश करने लगी।
रमेश ने उसके दोनों पैर अलग करके उसे पकड़ लिया। इस से उसकी चूत दिखने लगी थी, क्या चूत थी उसकी? एकदम कोरी चूत, उसकी चूत पूरी तरह से सील पैक लग रही थी,
रमेश ने फिर से अपनी एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी थी और रश्मि के गुलाबी होठों पर अपने होठ रखकर किस करने लगा था और साथ ही साथ अपनी एक उंगली अंदर बाहर करने लगा था।
रश्मि तो एकदम पागल हो गयी थी और रमेश का हाथ पकड़कर ज़ोर-ज़ोर से उसकी उंगली को अंदर बाहर करने लगी थी।
थोड़ी देर में ही रश्मि की चूत ने पानी छोड़ दिया और रमेश का हाथ गीला कर दिया।
रमेश ने सोच लिया था कि उसे चोदने का यही सही टाईम है, क्योंकि अब उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो गयी थी।
रमेश ने अपनी अंडरवेयर उतार दी थी, रश्मि उसकाखड़ा हुआ लंबा लंड देखकर हैरान हो गयी
रश्मि - जैसा मैंने सोचा था तुम्हारा इतना बड़ा होगा, लेकिन तुम्हारा तो सच में बहुत लंबा है। मेरे भाई का बहुत पतला और छोटा है, लेकिन अगर ये मेरे अंदर गया तो मेरी फाड़ देगा,
रमेश - डरो नहीं, मेरा वादा है कुछ टाईम के बाद तुम ही बोलोगी ज़ोर-ज़ोर से पूरा डालो।
रमेश ने। अपनी पेंट में से कंडोम का पैकेट निकाला, ये कंडोम वो राजश्री के लिए लाया था,
राजश्री भी कंडोम देख कर समझ गयी थी कि उसकी चूत का आज उद्घाटन होना था लेकिन इस लड़की ने सारा काम ख़राब कर दिया,
रमेश - यह कंडोम है, कभी देखा है?
रश्मि (ना में गर्दन हिलाते हुवे) - इस से क्या होता है,
रमेश ने उसमें से एक कंडोम बाहर निकाला
रमेश - देख लो इसे लंड पर कैसे चढ़ाते है? अगली बार तुम्हें ऐसा वाला दूसरा कंडोम मेरे लंड पर चढ़ाना होगा, इस से बच्चा होने का डर नहीं होता है,
रश्मि गौर से देखने लगी। कि कैसे रमेश ने कंडोम को कैसे अपने लंड पर चढ़ा दिया था,
रमेश ने कल आने से पहले घर पर ही ही अपनी झांट के बाल साफ किए थे।
रमेश ने रश्मि की दोनों टाँगे घुटनों से मोड़ दी और जितनी संभव हो सके उतनी फैला दी थी।
इस से रश्मि की चूत खुल चुकी थी, रमेश अब रश्मि की दोनों टांगो के बीच में उसके ऊपर आ गया था।
रमेश ने अपना लंड अपने एक हाथ से रश्मि की चूत पर रख दिया और रगड़ने लगा।
रश्मि बुरी तरह से पागल हो गयी थी,
रश्मि - प्लीज जल्दी डाल दो वरना में मर जाउंगी, प्लीज जल्दी करो, फाड़ दो मेरी चूत इस लंड से, प्लीज।
जैसे ही रमेश ने उसकी चूत पर रख के लण्ड को ज़ोर से धक्का मारा, तो रश्मि तड़प उठी और चिल्लाने लगी,
रश्मि - उईईईईई माँ में मरररर गयी, हाईईईईईई, आहह, मेरी चूत फट गगयययययी, निकालो इसे, आआअहह।
रमेश ने थोड़ी देर तक लंड ऐसे ही रखकर एक और ज़ोर से धक्का मारा, तो रश्मि रोने लगी।
रश्मि (रोते और चिल्लाते हुवे) - आआहह प्लीज निकालो इसे, में मर जाउंगी, प्लीज।
वो तो शुक्र है कि ये कमरा होटल के एकदम कोने में था जिससे किसी को चिल्लाने की आवाज़ सुनाई नहीं दी,
रमेश - कुछ नहीं होगा, ऐसे ही पड़े रहो दर्द कम हो जाएगा, लेकिन तुमने तो कहा था कि तुम तुम्हारे भाई से चुदवाती हो,
रश्मि - मेरे भाई का लण्ड आपके लण्ड से आधा भी नहीं है,
थोड़ी देर तक दोनों ऐसे ही पड़े रहे।
रमेश धीरे धीरे रश्मि की चूँची दबा रहा था और दूसरी चूँची चूस रहा था।
फिर 5 मिनट के बाद रश्मि अपनी गांड हिलाने लगी, रमेश समझ गया कि अब वो अपनी चूत को चुदवाने के लिए मेरे लंड के धक्को का इंतजार कर रही है।
रमेश बिना कोई देर किए लंड को उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा था।
रश्मि को अब मज़ा आ रहा था और अब वो भी अपनी गांड ऊपर नीचे करके साथ देने लगी थी।
रमेश अपनी स्पीड बढ़ाते हुए ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा था। अब वो चिल्ला रही थी जिससे रमेश को और भी मज़ा आ रहा था।
राजश्री अपने भाई की चुदाई कला को देख कर मंत्रमुग्ध हुवे जा रही थी,
थोड़ी ही देर में रश्मि रमेश से लिपट गयी और अपनी चूत से ढेर सारा पानी छोड़ दिया,
लेकिन रमेश का लंड अभी भी जोश में था।
रमेश - अब में तुम्हें डॉगी स्टाइल में चोदूंगा।
रश्मि झट से डॉगी बन गयी,
वाह पीछे से क्या शेप थी उसकी?
रमेश ने बिना टाईम ख़राब किए उसकी चूत पर अपना लंड रखा और एक जोरदार धक्का मारा तो एक ही धक्के में मेरा पूरा का पूरा लंबा लंड रश्मि की चूत को फड़ता हुआ जड़ तक पहुँच गया।
रश्मि ( चीखते हुवे) ऊईईईईईई माँ, आआअ प्लीज आराम से।
रमेश फिर में धीरे-धीरे उसकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा।
फिर कुछ देर के बाद रश्मि खुद ही पीछे की तरफ धक्के मारने लगी
रश्मि - अब आज अपनी पूरी ताकत से मेरी चूत को चोदो,
फिर क्या था?
रमेश पूरे जोश के साथ उसकी चूत को चोदने लगा था
रश्मि - ऊऊहह, आह, ईसस्स, हाईई, सस्स्सस्स, राहुल हाईईईई, सस्सस्स
फिर करीब 15-20 मिनट के बाद रमेश के लण्ड ने भी कंडोम में अपना पानी छोड़ दिया और रश्मि भी दोबारा झड़ गयी थी।
रमेश रश्मि के पीछे ही उसकी चूत में अपना लंड डालकर लेट गया।
फिर 10 मिनट के बाद रमेश ने उसकी चूत में से अपना लंड बाहर निकाला और उसके ऊपर से उठ गया और देखा तो उसकी चूत से थोड़ा सा खून निकला था।
अब खून और उसकी चूत से निकले पानी से रश्मि की चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।
रमेश ने अपने लंड से कंडोम उतारा और वही पलंग के साइड वाली टेबल पर रख दिया, और रश्मि को अपनी बाँहों में उठाकर टॉयलेट में ले गया और वहाँ उसे बैठाकर ठंडे पानी से उसकी चूत साफ करने लगा।
उधर राजश्री ने कंडोम में अपने भाई का एक बार की चुदाई में निकला हुवा इतना सारा वीर्य देख कर वो मदहोश होने लगी थी , उसने फटाफट अपने भाई का सारा वीर्य पी लिया,, और थोड़ा सा हाथ में लेके अपनी चूत पर मल लिया, वापस कंडोम को वही रख दिया,
उधर रमेश ने रश्मि की चूत में उंगली डालकर साफ करने की वजह रमेश का लंड फिर से खड़ा हो गया था।
रमेश ने रश्मि की चूत साफ करके उसे फिर से अपनी बाँहों में उठाया और उसे बेड पर लाकर रख दिया।
रमेश ने फिर से अपनी पेंट की जेब में से एक कंडोम निकाला और रश्मि के हाथ में दे दिया,
रमेश - इसे मेरे लंड पर चढ़ा दो।
रश्मि ने भी बिना कोई दे किए कंडोम को पैकेट से बाहर निकालकर रमेश के लंड पर रखा और चढ़ा दिया।
रमेश ने अब रश्मि की दोनों टाँगे अपने कंधे पर रखी और नीचे से लंड उसकी चूत में पूरी तरह से घुसा दिया और रश्मि की बाँहों में से अपने दोनों हाथ डालकर उसे ऊपर उठाया।
रमेश अब खड़ा था और रश्मि की दोनों टाँगे उसके कंधे पर थी, रमेश के। दोनों हाथ रश्मि की पीठ के पीछे थे और अब रमेश का लंड रश्मि की चूत में था।
राजश्री की चूत ने ये दृश्य देखते ही पानी छोड़ दिया,
रमेश ने अपनी थोड़ी सी पीठ सहारे के लिए दीवार पर टच की और अपनी कमर आगे पीछे करने लगा।
अब इस पोज़िशन में रमेश का पूरा का पूरा लंड रश्मि की चूत में चला जा रहा था।
रमेश जब ऊर्मि को इस तरह से चोदता तो उसे दीवार का सहारा लेने की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि ऊर्मि एकदम छरहरी सी थी, उसकी गाँड़ और चूँचियों का साइज बड़ा था, लेकिन उसका वजन बहुत ही कम था।
रमेश का लंड रश्मि की चूत में अंदर बाहर हो रहा था।
रमेश - मज़ा आ रहा है ना?
रश्मि - ऐसे ही चोदते रहो, में आपकी दीवानी हो गयी हूँ, और मैं चाहती हूँ कि मेरा पति भी मुझे ऐसे ही चोदे नहीं तो मैं आपके पास आके चुदवाऊंगी, और ज़ोर से चोदो, फाड़ डालो मेरी चूत को और कसकर चोदो।
फिर 20-30 मिनट के बाद रमेश ने उसे बेड पर रख दिया और कुतिया की तरह होने को कहा, रश्मि में अपने दोनों हाथ जमीन पर रखे और घुटनों के बल कुतिया की तरह हो गयी।
रमेश ने उसके दोनों पैर थोड़े से फैला दिए थे और पीछे से अपना लंड रश्मि की चूत में डाल दिया था और उसे डॉग शॉट मारने लगा था।
फिर 15 मिनट के बाद मैंने अपना पानी छोड़ दिया और अब इस दौरान रश्मि शायद दो बार झड़ चुकी थी।
फिर मैंने अपने लंड से कंडोम उतारा और पहले वाले के पास रखा तो देखा की पहले वाले कंडोम से वीर्य पूरी तरह ग़ायब था, जैसे किसी ने निचोड़ लिए हो,
मैंने ज़्यादा गौर ना करते हुवे उन्हें ऐसे ही छोड़ दिया और रश्मि के नंगे बदन से लिपट कर सो गया,
राजश्री ने दूसरा कंडोम भी उठा लिया और इस बार सारा वीर्य अपने हाथ में लिए और अपने कमरे में वापस आ गई, एक हाथ से उसने नाइटी उतर फेंकी और रमेश का वीर्य अपने सारे बदन पर मल लिया, और जल्दी जल्दी चूत में उँगली करने लगी और रमेश का नाम बड़बड़ाने लगी, उसकी चुत ने जल्दी ही पानी छोड़ दिया,
राजश्री ने वापस नाइटी पहन ली और सो गयी,