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check page 13. 8th update bhi hai!Bhai ye update 8 hai apne 9 likha hai
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thankyou for your concern, I'll take care.dera pehle HEALTH than baki sab ..............
as your wish Hukum!shandaar kahani
keep writing
Thode romantic and sexy dialogues story me aate rahe to maja bana rehta hai
sex se jyada sexy scenes ko padne me jyada maja milta hai
Behtreen updateमासी का घर
अध्याय 9 - प्रथम चुंबन
पिछले अपडेट में, मैंने घर में घुसे घूसखोर को पुलिस के हाथों सौंप दिया और मासी के साथ रोमांटिक लम्हे बिताए।
अब आगे; उस रात मासी और मुझे कब नींद लग गई पता ही नहीं चला। सुबह सुबह 6 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि मासी मुझसे लिपट कर सोई हुई थी। बाहर थोड़ा अंधेरा सा ही था।
मैंने हल्के से मासी को उठाया, मासी उठ कर मुझे देखने लगी। मैंने उन्हें बताया कि शायद हम दोनों यही सो गए थे। मासी ने कुछ नहीं कहा, शायद वे अब भी डरी हुई थी।
उतनी ही देर में विशाखा भी उठ गई और हॉल में आ गई। कल उस आदमी की हरकतों से विशाखा भी परेशान थी। मैंने उन दोनों से कहा,
मैं: “देखो कल जो हुआ उसे भूल जाओ, आज मौसा जी आने वाले है, उन्हें हम बता देंगे।”
मासी और विशाखा मेरी बात से सहमत हुए, समय बिता और अब सूरज निकल आया था। विशाखा अपनी योगा क्लासेस से अब तक आई नहीं थी। मासी नहाने गई हुई थी और मैं सोफे पर बैठा हुआ था।
तभी मासी बाथरूम से निकलती है, उन्होंने सिर्फ ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी, उनके वह लाजवाब उभर, मुलायम उदर, रस भरे स्तन, और उछलती हुई गांड क्या ही नजर आ रही थी।
उन्हें अजीब न लगे इसलिए मैंने मेरी नजर दूसरी ओर घुमा ली थी। जैसे ही वह अपने कमरे में घुस रही थी, उन्होंने मुझे देखा और देखती ही रह गई।
उन्होंने कुछ देर मुझे ऐसे ही देखने के बाद मुझे पुकारा,
मासी: “विशाल!”
मैं (उनकी ओर ना देखे): “हां जी?”
मासी: “अरे वो विशाखा अब तक नहीं आई।”
मैं (शर्माते हुए, उनकी और नहीं देख रहा था): “आ जाएगी थोड़ी देर में।”
मासी ने हंसते हुए मुझसे कहा,
मासी: “क्या हुआ, शर्मा क्यों रहे हो?”
मैं: “मासी, आप ने कपड़े नहीं पहने…”
मासी: “अब क्या शर्माना, कल रात तुम मुझे ऐसे देख चुके हो।”
तब जाकर मैने अपनी मासी को देखा। वो मुस्कुराई और अंदर उसके कमरे में चली गई। उसके कमरे में जाने के बाद मैं नहाने चला गया, आज बाथरूम कुछ अलग ही महक रहा था।
मैं जब नहाकर और तैयार होकर निकला तो मासी सोफे पर बैठे कुछ विचारों में खोई हुई थी। मैंने उनसे पूछा,
मैं: “क्या हुआ मासी? आप ऐसे क्यों बैठी हो?”
मासी: “बेटा, विशाखा अब तक आई नहीं।”
मैं भी इस बात से चिंतित हो गया, क्योंकि विशाखा को अब तक आ जाना चाहिए था। मैने मासी को दिलासा देते हुए कहा,
मैं: “रुकिए मासी मैं देख कर आता हूँ।”
मैं दरवाजे की ओर चल पड़ा।
मासी: “विशाल रुको!”
मासी ने मुझे आवाज दी और मैं पीछे मुड़ा,
मासी: “रुको, मैं भी साथ चलती हूं”।
फिर मासी और में उसी पार्क की और चलते गए जहां विशाखा हर रोज जाती थी। शुरुआत में हम दोनों के बीच सन्नाटा था, कोई कुछ नहीं बोल रहा था। तभी मैं बोला,
मैं: “हो सकता है आज भी उसकी कोई मीटिंग हो।”
मासी: “तुम हमेशा इतने calm कैसे रहते हो, मैं तो बात बात पर परेशान हो जाती हूं।”
मैं और मासी एक साथ मुस्कुराए, हम दोनों एकदम couple की तरह चल रहे थे।
मैं: “नहीं नहीं, मैं तो बस दिखता calm हूं, लेकिन tension मुझे भी होती है। मगर आप चिंता मत करो, मैं हूँ ना साथ में।”
मासी: “तुम साथ हो इसलिए जिंदा हूं, नहीं तो कब का हार्ट अटैक आता मुझे।”
मैं: “अरे मासी, आप भी कैसी कैसी बातें करती रहती है!”
मासी: “तुम इतने confident कैसी हो? मैं कभी कभी सोचती हूं… काश तुम हमेशा मेरे साथ रहते।”
इस बात को सुन कर मेरा दिल इतनी जोर से धड़कने लगा मानो अब फट ही जाएगा, मासी मुझे देखे जा रही थी और मैं उन्हें। शर्माते हुए हम दोनों एक दूसरे की नजरों को ताक रहे थे।
फिर मुस्कुराते हुए मैंने मासी से कहा,
मैं: “मैं हमेशा रहूंगा।”
मासी ने मेरे हाथों को पकड़ा और मेरे नजदीक आ गई, हम दोनों एक दूसरे को हंसते हुए देख रहे थे। मासी ने कहा,
मासी: “विशाल… थैंक्यू।”
मैं चुप था, बस उन्हें निहार रहा था। तभी वह से एक गाड़ी गुजरती है और हम दोनों झट से दूर हो जाते है, और विशाखा को ढूंढने चलते रहते है।
कुछ दूर चलने पर, हमें विशाखा दिखती है। वो हमें ही देख कर अपना हाथ हिला रही थी। वो हमारे पास आई और मासी ने उससे पूछा,
मासी: “बेटा तुम्हें इतना समय क्यों लगा?”
विशाखा: “अरे मां वो आज फिर से मीटिंग थी।”
मैं: “देखा मासी, मैंने कहा था ना!”
फिर हम तीनों आराम से फिर से घर की ओर चल दिए। घर पहुंचते ही मुझे मौसा जी का कॉल आया।
मैं: “प्रणाम मौसा जी।”
मौसा जी: “हां विशाल बेटा, मैं आज 3 बजे स्टेशन पर पहुंच जाऊंगा। तुम एक काम करना, car लेकर आना, मेरे पास सामान ज्यादा है।”
मैंने उन्हें हां कहा और कॉल कट कर दिया। मासी को इस बारे में बताया तो विशाखा कहने लगी कि वो भी साथ में आएगी।
समय बिता और पौने 3 बजे विशाखा और मैं car लेकर railway station की और निकल पड़े।
कार में विशाखा कुछ देर तक तो चुप रही लेकिन फिर उसने रेडियो बंद करके कुछ कहने का प्रयास किया। पता नहीं वह कुछ कहने को क्यों शर्मा रही थी।
मैंने उसे नोटिस किया और कहा,
मैं: “क्या हुआ, कुछ कहना है?”
विशाखा: “hmm”
कुछ देर फिर से कार के अंदर सन्नाटा रहा। मैंने अब थोड़ा जोर से कहा,
मैं: “अरे बोलो ना!”
विशाखा (शर्माते हुए): “Thankyou”
मैं: “किस लिए?”
विशाखा (शर्माते हुए): “कल सिचुएशन को समझदारी से solve करने के लिए।”
मैं (मुस्कुराते हुए): “इसमें क्या thankyou।”
हम अब स्टेशन पहुंच चुके थे, मगर अभी car में ही बैठे हुए थे। विशाखा शर्माते हुए नीचे देख रही थी और मैं मुस्कराते हुए विशाखा को देख रहा था।
कुछ देर के सन्नाटे के बाद हम sation के बाहर पहुंच गए और कार में ही बैठे थे। विशाखा ने मुझे आवाज दी, मैंने फिर से उसे देखा। उसने मेरे सिर को पकड़ा और मुझे kiss किया।
Writter's Note: Sorry dosto kafi late Kiya, lekin meri health abhi bhi thodi kharab hai. Umeed hai ki agla update jaldi post Karu.
Is update mein kuch galti hui ho toh please compromise kardena.
Take care of your health. Mast update diya bhai.मासी का घर
अध्याय 9 - प्रथम चुंबन
पिछले अपडेट में, मैंने घर में घुसे घूसखोर को पुलिस के हाथों सौंप दिया और मासी के साथ रोमांटिक लम्हे बिताए।
अब आगे; उस रात मासी और मुझे कब नींद लग गई पता ही नहीं चला। सुबह सुबह 6 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि मासी मुझसे लिपट कर सोई हुई थी। बाहर थोड़ा अंधेरा सा ही था।
मैंने हल्के से मासी को उठाया, मासी उठ कर मुझे देखने लगी। मैंने उन्हें बताया कि शायद हम दोनों यही सो गए थे। मासी ने कुछ नहीं कहा, शायद वे अब भी डरी हुई थी।
उतनी ही देर में विशाखा भी उठ गई और हॉल में आ गई। कल उस आदमी की हरकतों से विशाखा भी परेशान थी। मैंने उन दोनों से कहा,
मैं: “देखो कल जो हुआ उसे भूल जाओ, आज मौसा जी आने वाले है, उन्हें हम बता देंगे।”
मासी और विशाखा मेरी बात से सहमत हुए, समय बिता और अब सूरज निकल आया था। विशाखा अपनी योगा क्लासेस से अब तक आई नहीं थी। मासी नहाने गई हुई थी और मैं सोफे पर बैठा हुआ था।
तभी मासी बाथरूम से निकलती है, उन्होंने सिर्फ ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी, उनके वह लाजवाब उभर, मुलायम उदर, रस भरे स्तन, और उछलती हुई गांड क्या ही नजर आ रही थी।
उन्हें अजीब न लगे इसलिए मैंने मेरी नजर दूसरी ओर घुमा ली थी। जैसे ही वह अपने कमरे में घुस रही थी, उन्होंने मुझे देखा और देखती ही रह गई।
उन्होंने कुछ देर मुझे ऐसे ही देखने के बाद मुझे पुकारा,
मासी: “विशाल!”
मैं (उनकी ओर ना देखे): “हां जी?”
मासी: “अरे वो विशाखा अब तक नहीं आई।”
मैं (शर्माते हुए, उनकी और नहीं देख रहा था): “आ जाएगी थोड़ी देर में।”
मासी ने हंसते हुए मुझसे कहा,
मासी: “क्या हुआ, शर्मा क्यों रहे हो?”
मैं: “मासी, आप ने कपड़े नहीं पहने…”
मासी: “अब क्या शर्माना, कल रात तुम मुझे ऐसे देख चुके हो।”
तब जाकर मैने अपनी मासी को देखा। वो मुस्कुराई और अंदर उसके कमरे में चली गई। उसके कमरे में जाने के बाद मैं नहाने चला गया, आज बाथरूम कुछ अलग ही महक रहा था।
मैं जब नहाकर और तैयार होकर निकला तो मासी सोफे पर बैठे कुछ विचारों में खोई हुई थी। मैंने उनसे पूछा,
मैं: “क्या हुआ मासी? आप ऐसे क्यों बैठी हो?”
मासी: “बेटा, विशाखा अब तक आई नहीं।”
मैं भी इस बात से चिंतित हो गया, क्योंकि विशाखा को अब तक आ जाना चाहिए था। मैने मासी को दिलासा देते हुए कहा,
मैं: “रुकिए मासी मैं देख कर आता हूँ।”
मैं दरवाजे की ओर चल पड़ा।
मासी: “विशाल रुको!”
मासी ने मुझे आवाज दी और मैं पीछे मुड़ा,
मासी: “रुको, मैं भी साथ चलती हूं”।
फिर मासी और में उसी पार्क की और चलते गए जहां विशाखा हर रोज जाती थी। शुरुआत में हम दोनों के बीच सन्नाटा था, कोई कुछ नहीं बोल रहा था। तभी मैं बोला,
मैं: “हो सकता है आज भी उसकी कोई मीटिंग हो।”
मासी: “तुम हमेशा इतने calm कैसे रहते हो, मैं तो बात बात पर परेशान हो जाती हूं।”
मैं और मासी एक साथ मुस्कुराए, हम दोनों एकदम couple की तरह चल रहे थे।
मैं: “नहीं नहीं, मैं तो बस दिखता calm हूं, लेकिन tension मुझे भी होती है। मगर आप चिंता मत करो, मैं हूँ ना साथ में।”
मासी: “तुम साथ हो इसलिए जिंदा हूं, नहीं तो कब का हार्ट अटैक आता मुझे।”
मैं: “अरे मासी, आप भी कैसी कैसी बातें करती रहती है!”
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इस बात को सुन कर मेरा दिल इतनी जोर से धड़कने लगा मानो अब फट ही जाएगा, मासी मुझे देखे जा रही थी और मैं उन्हें। शर्माते हुए हम दोनों एक दूसरे की नजरों को ताक रहे थे।
फिर मुस्कुराते हुए मैंने मासी से कहा,
मैं: “मैं हमेशा रहूंगा।”
मासी ने मेरे हाथों को पकड़ा और मेरे नजदीक आ गई, हम दोनों एक दूसरे को हंसते हुए देख रहे थे। मासी ने कहा,
मासी: “विशाल… थैंक्यू।”
मैं चुप था, बस उन्हें निहार रहा था। तभी वह से एक गाड़ी गुजरती है और हम दोनों झट से दूर हो जाते है, और विशाखा को ढूंढने चलते रहते है।
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मासी: “बेटा तुम्हें इतना समय क्यों लगा?”
विशाखा: “अरे मां वो आज फिर से मीटिंग थी।”
मैं: “देखा मासी, मैंने कहा था ना!”
फिर हम तीनों आराम से फिर से घर की ओर चल दिए। घर पहुंचते ही मुझे मौसा जी का कॉल आया।
मैं: “प्रणाम मौसा जी।”
मौसा जी: “हां विशाल बेटा, मैं आज 3 बजे स्टेशन पर पहुंच जाऊंगा। तुम एक काम करना, car लेकर आना, मेरे पास सामान ज्यादा है।”
मैंने उन्हें हां कहा और कॉल कट कर दिया। मासी को इस बारे में बताया तो विशाखा कहने लगी कि वो भी साथ में आएगी।
समय बिता और पौने 3 बजे विशाखा और मैं car लेकर railway station की और निकल पड़े।
कार में विशाखा कुछ देर तक तो चुप रही लेकिन फिर उसने रेडियो बंद करके कुछ कहने का प्रयास किया। पता नहीं वह कुछ कहने को क्यों शर्मा रही थी।
मैंने उसे नोटिस किया और कहा,
मैं: “क्या हुआ, कुछ कहना है?”
विशाखा: “hmm”
कुछ देर फिर से कार के अंदर सन्नाटा रहा। मैंने अब थोड़ा जोर से कहा,
मैं: “अरे बोलो ना!”
विशाखा (शर्माते हुए): “Thankyou”
मैं: “किस लिए?”
विशाखा (शर्माते हुए): “कल सिचुएशन को समझदारी से solve करने के लिए।”
मैं (मुस्कुराते हुए): “इसमें क्या thankyou।”
हम अब स्टेशन पहुंच चुके थे, मगर अभी car में ही बैठे हुए थे। विशाखा शर्माते हुए नीचे देख रही थी और मैं मुस्कराते हुए विशाखा को देख रहा था।
कुछ देर के सन्नाटे के बाद हम sation के बाहर पहुंच गए और कार में ही बैठे थे। विशाखा ने मुझे आवाज दी, मैंने फिर से उसे देखा। उसने मेरे सिर को पकड़ा और मुझे kiss किया।
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Sorry Bhai main sahi se pad nahi payacheck page 13. 8th update bhi hai!