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Incest बरसात की रात,,,(Completed)

rohnny4545

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इस अपडेट को पढ़कर बस मन से यही निकला।

चन्दन सा बदन, चंचल चितवन
धीरे से तेरा ये मुस्काना
मुझे दोष न देना जगवालों
हो जाऊं अगर मैं दीवाना

ये काम कमान भंवे तेरी
पलकों के किनारे कजरारे
माथे पर सिंदूरी सूरज
होंठों पे दहकते अंगारे
साया भी जो तेरा पड़ जाए
आबाद हो दिल का वीराना
चन्दन सा बदन, चंचल चितवन

तन भी सुन्दर, मन भी सुन्दर
तू सुन्दरता की मूरत है
किसी और को शायद कम होगी
मुझे तेरी बहुत जरुरत है
पहले भी बहुत मैं तरसा हूँ (दिल तरसा है)
तू और ना दिल को तरसाना
चन्दन सा बदन, चंचल चितवन


क्षमा चाहूंगा रोहन भाई, निजी कार्य में व्यस्त होने के कारण पहले की तरह आपको प्रोत्साहित करने में असमर्थ हूँ मगर जब भी समय मिलेगा अवश्य आऊंगा आपके लिए।
हो सके तो मेरे उस विचार पर अवश्य अमल करे, जिसमे मैंने आपसे कहा था की कहानी का नायक अपनी माँ को पत्नी के रूप में स्वीकार करता है भले ही ये बात सिर्फ उन दोनों के बीच रहती है मगर पति-पत्नी के रिश्ते के कारण नोकझोक का आनंद और अधिक हो जाता है।
Laajawab rajeev bhai
 
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