• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest बरसात की रात,,,(Completed)

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Moderator
39,280
74,986
304

Sanju@

Well-Known Member
5,130
20,585
188
कजरी किसी गैर मर्द के साथ अपने आपको अपने बेटे के सामने नग्न अवस्था में बर्दाश्त नहीं कर पाई और शर्म के मारे बेहोश होकर वहीं गिर पड़ी,,,, रघु एकदम आग बबूला हो चुका था जिस तरह से उसने दरवाजे को तोड़कर कमरे के अंदर प्रवेश करकेकमरे के अंदर के दृश्य को देखा था उसे से उसके तन बदन में आग लग गई थी क्रोध से जल रहा था,,, तू अपनी आंखों से साफ तौर पर देख रहा था कि उसकी मां शराब का गिलास हाथ में ली हुई थी और लाला पेट के बल पलंग पर लेट कर अपनी धोती खोल रहा था,,,, लाला रघु को इस तरह से देख कर एकदम से घबरा गया था,,,उसका दिमाग काम करना बंद कर दिया था और उसके हाथों में,, खून से सनी हुई कुल्हाड़ी देखकर लाला की और हालत खराब हो गई,,,, वह हड़बड़ा कर पलंग पर उठ कर बैठ गया रघु को इस तरह से गुस्से में देख कर उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गई,,,।

हरिया,,,, कालू,,,,,,, शेरू कहां मर गए सब के सब,,,,,


तु सही कह रहा है लाला,,, तेरे तीनों आदमी,,(कुल्हाड़ी पर लगे खून को अपनी उंगली से साफ करते हुए) मर गए और इन तीनों को मैंने मारा है,,,,


क्या,,,? यह नहीं हो सकता यह हो ही नहीं सकता,,, वह तीनों एक एक 10 आदमी पर भारी है,,,,,


लेकिन तेरे तीनों आदमी मेरे सामने घुटने टेक दिए,,,, (कजरी बेहोश होकर पलंग के पास गिरी पड़ी थी एकदम नग्न अवस्था में लेकिन इस समय रघु के सर पर जुनून सवार था उसे केवल लाला दिखाई दे रहा था वह लाला को जान से मार देना चाहता था इसलिए वह अपनी मां की तरह बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया था,,,)


तू झूठ बोल रहा है हरामि,,,,, ऐसा हो ही नहीं सकता,,,,(लाला गुस्से में बोला)


तुझे विश्वास नहीं हो रहा है तो आवाज लगाकर बुला ले देख कौन आता है,,,, उन तीनों की लाशें घर के बाहर पड़ी है,,,,
(रघु की कही बातों पर लाला को बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था उसे ऐसा लग रहा था कि उसके तीनों हाथ में शराब पीकर कहीं लुढ़क गए हों गए होंगे,,, क्योंकि उसे अपने तीनों आदमियों की ताकत पर पूरा भरोसा था किसी की हिम्मत नहीं थी कि उनके सामने नजर मिला सकें और यह लड़का उन्हें जान से मार देने का दावा कर रहा था लाला को बिल्कुल भी भरोसा नहीं हुआ तो वह फिर बोला,,,)



देख रघुबातें बनाना छोड़ दे मुझे अपने तीनों आदमियों पर पूरा भरोसा है साले शराब पीने में थोड़े कच्चे हैं इसलिए पीकर लुढ़क गए होंगे,,,,,

(इतना सुनते ही रघु जोर जोर से हंसने लगा,,, और उसकी तेज हंसी सुनकर लाला के पसीने छूट रहे थे उसके मन में यह बात कहीं ना कहीं घर कर गई थी कि वास्तव में रघु ने उसके तीनों आदमियों को जैसा कि वह कह रहा है मार दिया है,,, लेकिन उसे विश्वास नहीं हो रहा था,,,, लाला की बात सुनकर रघु बोला,,,)


मैं आज बहुत गुस्से में हूं लाला तीन क्या अगर 30 भी होते तो सब का वही हाल होता,,, जैसा कि तीनों का हुआ है,,,
(रघु की बात लाला के बिल्कुल भी पल्ले नहीं पड़ रही थी वह मानने को तैयार ही नहीं था कि रघु अकेले उसके तीनों आदमियों को ढेर कर सकता है,,,)

नामुमकिन ऐसा हो ही नहीं सकता,,,,


नामुमकिन को मुमकिन करने के लिए ही मैं यहां आया हूं,,, अपने तन की प्यास बुझाने के लिए तूने आज गलत औरत चुन लिया,,,, अपने अपमान का बदला लेने के लिए तूने यह रास्ता एहतियात किया है,,, तू सच में पापी है आज तेरे पाप का घड़ा भर चुका है,,,,,
(लाला अपने मन में सोचने लगा कि अगर रघु जो कुछ भी कह रहा है उसमें जरा सी भी सच्चाई है तो आज उसकी मौत निश्चित है लेकिन वह भी कुछ कम नहीं था इमानदारी से इस जगह पर नहीं पहुंचा था वह भी बेईमानी लूटपाट हत्या करने के बाद ही इस स्थिति में पहुंचा था इसलिए ऊपर चला था वह धीरे-धीरे अपना हाथ पलंग पर बिछड़े हुए गद्दे के नीचे रखी चाकू की तरफ ले जाने लगा,,,)


देख रघु जो कुछ भी तू कर रहा है वह बिल्कुल गलत है,,,,


और जो तू कर रहा है वह सही है,,,,,, हरामजादे गांव की ना जाने कितनी औरतों की इज्जत से तु खेल चुका है तेरी तो घर की सगी बहू पर गंदी नजर है तो दूसरी औरतों को क्या छोड़ेगा,,,,(अपनी बहू का जिक्र आते ही लाला झेंप सा गया फिर अपने बचाव में बोला,,,)

वह औरतें खुद चलकर मेरे पास आई थी मैं उन्हें जोर जबस्ती करके अपने बिस्तर पर नहीं लाया था,,,।


मजबूरी का फायदा उठाना भी जोर जबरदस्ती से कम नहीं होता लाला,,,, तेरी हर एक हरकत को मैं अच्छी तरह से जानता हूं लेकिन मुझे यह नहीं पता था कि,,, मेरी मां पर ही तू गंदी नजर डालेगा,,,,


नहीं नहीं रघु यह गलत बात है,, मैं तेरी मां को छोड़कर बस्ती करके या उठाकर नहीं गया वह खुद मेरे पास चलकर आई है,,,


हरामजादे मेरी मां दूसरी औरतों की तरह नहीं है जो खुद तेरे पास चलकर आएगी,,,


नहीं रघु मैं सच कह रहा हूं भगवान कसम,,,,


तेरे लिए भगवान कहां है तू तो खुद को ही भगवान समझ बैठा है,,, तेरी बहू कोमल ने मुझे सब कुछ बता दि है,,,, तु ही अपनी तीनों आदमी को मेरे घर भेज कर मेरी मां को उठा लाने के लिए बोला था,,,,(इतना सुनते ही लाला गुस्से से पागल हो गया और गद्दे के नीचे रखे चाकू को बाहर निकालकर सीधा रघु की तरफ जोर से फेंक कर मार दिया और वह चाकू सीधा उसके कंधे पर जाकर घुस गई,,,, रघु दर्द से बिलबिला उठा और यही मौका देख कर लाला उसी स्थिति में पलंग पर से उठा और बाहर की तरफ भागा,,,, रघु के कंधे में वह चाकू लगभग आधा घुस चुका था जिसे बड़ी मुश्किल से रघु जोर से पकड़ कर बाहर की तरफ खींच लिया और चक्कू जैसे ही बाहर निकली वैसे ही उसके कंधे में से खून का फव्वारा छूटने लगा,,,,, लाला घर से बाहर भाग चुका था रघु गुस्से से तिलमिला उठा एक नजर वह अपनी मां के ऊपर डाला जो कि एकदम नंगी बेहोश पड़ी थी और फिर दरवाजे की तरफ लपका,,,,

रुक जा हरामजादे आज तुझे मेरे हाथों से कोई नहीं बचा पाएगा,,,,,,

लाला घर से बाहर निकलते ही घर के आगे अपने ही आदमियों की लाशें देखकर भौचक्का रह गया उसे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था,,,, वह मुंह फाड़े आश्चर्य से अपने तीनों आदमियों की लाश को देखने लगा,,,,, तभी पीछे कुल्हाड़ी लेकर दहाड़ ते हुए रघु उसकी तरफ लपका,,,।


रुक जा मादरचोद कहां भागता है आज तेरी मौत निश्चित है हरामजादे,,,,(इतना सुनते ही लाला पूरी ताकत लगा कर भागने लगा वह नहर की तरफ भागते चला जा रहा था और रघु उसके पीछे-पीछे,,,, आज रघु उसका इस धरती से नामोनिशान मिटा देना चाहता था,,,,क्योंकि बार-बार उसकी आंखों के सामने वही तेरे से नजर आ रहा था जो कि वह दरवाजा तोड़कर अंदर की तरफ देखा था उसकी मां शराब का ग्लास लेकर खड़ी थी और लाला अपनी धोती खोल रहा था जो कि निश्चित तौर पर उसकी मां की चुदाई करने की तैयारी कर रहा था वह अपने मन में यह सोच रहा था कि पता नहीं वह उसकी मां को चोद पाया या नहीं,,,, अगर ऐसा हुआ तो वह भी मर जाएगा क्योंकि वह अपनी मां को किसी दूसरे के साथ चुदता हुआ नहीं देख सकता था,,, इसलिए लाला पर उसे और ज्यादा गुस्सा आ रहा था और वह बड़ी तेजी से लाला की तरफ भागता चला जा रहा था और लाला उसे जान बचाकर पूरा दम लगा कर भाग रहा था और भागते भागते नहर के किनारे कीचड़ में गिर पड़ा और रघु उसके करीब पहुंच गया,,,उसके कंधे में चाकू पूरी तरह से घुस जाने की वजह से उस में से खून निकल रहा था और उसे दर्द हो रहा था लेकिन फिर भी उसे अपने दर्द की चिंता नहीं थी आगे से अपने अपमान का बदला लेना था अपनी मां के साथ हुए अपमान का बदला लेना था,,,


मुझ से बच कर कहां जाएगा लाला आज तेरी मौत मेरे हाथों से लिखी है,,,


नहीं नहीं रघु मुझे माफ कर दे मुझसे गलती हो गई मुझे माफ कर दे,,,,,(लाला कीचड़ में रेंगते हुए आगे की तरफ हाथ जोड़े बढ़ रहा था,,, लेकिनरघु उसे माफ बिल्कुल भी नहीं करना चाहता था आज निश्चित कर लिया था कि आज वह अपने हाथों से उसे मारेगा,,,)


तेरी गलती माफ करने वाली नहीं है लाला,,, तुझे तो मेरे हाथों से मरना ही होगा,,, तेरी काली करतूतों को तो मैं अच्छी तरह से जानता था लेकिन यह नहीं जानता था कि तू मेरे कि घर में मेरी मां के ऊपर गंदी नजर डालेगा,,,,



देख रघु मैं तेरी मां को अपने आदमीयो से यहां उठा कर लाने की गलती कर चुका हूं लेकिन मेरी मान तेरी मां आज भी एकदम पवित्र है मैं तेरी मां के साथ अभी तक कुछ नहीं कर पाया हूं,,,(इतना सुनते ही रघु थोड़ी राहत महसूस हुई,,,) तो फिर मुझसे बदला लेना चाहता है तो बेशक ले लेकिन जैसा मैंने किया हूं वैसे ही मेरी बहू है ना कोमल तु उसके साथ कुछ भी कर सकता है,,, कुछ भी मैं कुछ नहीं कहूंगा,,,,।


हरामजादे मादरचोद समझ कर क्या रखा है तू कहेगा और मैं कोमल के साथ कुछ भी करूंगा मैं कोमल से प्यार करता हूं कुत्ते,,,,,(इतना सुनते ही लाला एकदम से झेंप गया,,) कोमल से मे सच में प्यार करता हूं,,,,, और हां आज इस दुनिया से जाते जाते तुझे एक हकीकत बता देता हूं ताकि तु यह हकीकत सुनकर मरने के बाद भी भटकता रहेगा तड़पता रहेगा जिसकी तू लेने के लिए दिन रात जुगाड़ में लगा रहता था ना वही तेरी बहू कोमल कि मैं ले चुका हूं और वह भी जबरदस्ती से नहींवो खुद अपनी मर्जी से मुझे अपना सब कुछ दे चुकी है और वह भी मुझसे उतना ही प्यार करती है जितना कि मैं अगर ऐसा ना होता तो तूफानी बारिश में भीगते हुए वह घर से बाहर निकल कर मुझे तेरे करतूत के बारे में बताने ना आती उसीने मुझे सब कुछ बताई है तभी तो मैं यहां पर पहुंच पाया हूं,,,(इतना सुनते ही लाला एकदम से आग बबूला हो गया और जोर से एक लात रघु के पेट में दे मारा रघु तिल मिलाकर वहीं गिर गया और मौके का फायदा उठाकर लाला उठ खड़ा हुआ और भागने लगा लेकिन रघु फुर्ती दिखाते हुए तुरंत खड़ा हुआ उसके पीछे भागते हुए जोर से चिल्लाया,,,,।

ला,,,,,,,,,,ला,,,,,,,(और इतना कहने के साथ ही कुल्हाड़ी का बार उसकी गर्दन पर कर दिया और उसका सर धड़ से अलग होकर नहर में जोकि पानी से भरा हुआ था और परी तेजी से बह रहा था उसमें गिर गया,,,, रघु बड़ी तेजी से हांफ रहा था लाला का काम तमाम हो चुका था उसकी करनी का फल उसे मिल चुका था आसमान में बादल जोर-जोर से गड़गड़ा रहे थे तूफानी बारिश अपना कहर बरसा रही थी,,,, रघु बदला ले चुका था उसके मन में खून की प्यास मिट चुकी थी उसके चेहरे पर लाला के खून के उड़े छींटे तेज बारिश में धुलने लगे थे,,,, लाला धीरे धीरे उस कमरे में आ गया जहां पर अभी भी उसकी मां बेहोश पड़ी थी वह कुछ देर के लिए बिस्तर पर बैठ गया चैन की सांस लेने लगा उसने अपनी मां को बचा लिया था उसकी इज्जत तार-तार होने से बचा लिया था वह एक नजर अपनी मां के ऊपर डाला जो कि अभी भी पूरी तरह से नंगी बेहोश होकर पड़ी थी इस समय अपनी मां को नंगी देखने के बावजूद भी उसके मन में उत्तेजना के भाव पैदा नहीं हो रहे थे क्योंकि समय का माहौल कुछ और था धीरे-धीरे बारिश कम हो रही थी लेकिन अभी सुबह होने में बहुत समय था और सुबह होने तक का इंतजार रघु नहीं कर सकता था क्योंकि वह नहीं चाहता था कि रात को जो कुछ भी हुआ उसके बारे में किसी को कुछ भी पता चले,,,,बिल्कुल भी नहीं चाहता था कि किसी को यह पता चला कि नाना अपने आदमियों को भेजकर उसकी मां को यहां पर उठाकर ले आया था उसके साथ मनमानी करने के लिए उसकी इज्जत लूटने के लिए वह अपने घर की और अपनी मां की इज्जत को सही सलामत रखना चाहता था इसलिए पूरी तरह से बारिश बंद होने का और सुबह होने का इंतजार किए बिना वह नीचे पड़े अपनी मां के कपड़ों को समेटने लगा और उसी तरह से अपनी मां को नग्न अवस्था में ही अपनी गोद में उठा लिया और कमरे से बाहर आ गया अभी भी बारिश हो रही थी तेज नहीं फिर भी पड़ ही रही थी बादलों की गड़गड़ाहट अभी भी सुनाई दे रही थी,,, तूफानी बारिश और रात का फायदा उठाकर इस घनघोर अंधेरे में रघु अपने घर पर पहुंचाना चाहता था ताकि किसी को भी पता ना चले इसलिए वह अपनी मां को गोद में उठाया उसके कपड़ों को कंधे पर टांग घर की तरफ बढ़ने लगा बारिश की वजह से किसी का ऐसे माहौल में नजर आना नामुमकिन ही था इसलिए रघु को थोड़ा इत्मीनान था लेकिन फिर भी वह सबकी नजरों से बचना चाहता था आखिरकार वह अपनी मां को लेकर घर पर तो हो चुका था और उसे बिस्तर पर लिटा दिया,,,, वह अपनी मम्मी से उसने कहा कि आज का उसकी जिंदगी का अच्छा दिन है या खराब आज उसकी बहन की शादी हुई है वह अपने ससुराल गई है और रात को अपने पति के साथ सुहागरात भी बना रही होगी और दूसरी तरफ आज उसकी मां की इज्जत तार-तार होने से बची थी और रघु के हाथों से चार चार हैवानों का खून हुआ था,,, अपनी मां के ही पास खटिए पर बैठ कर,,, सारी घटनाओं के बारे में सोचने लगा और अपनी मां के होश में आने का इंतजार करने लगा,,।
Excellent update
 

Nevil singh

Well-Known Member
21,150
53,045
173
कजरी घबराई हुई थी,,,, आज का दिन उसके परिवार के लिए बेहद ही शुभ था लेकिन उसे लगने लगा था कि आज का दिन उसके लिए सबसे बड़ा मनहुस दिन साबित होने वाला है,,, अपनी बेटी को विदा करके वह आराम से घर पर पहुंच कर आज पड़ोस की औरतों से हंसते हुए बातें कर करके वह बेहद प्रसन्न थी,,, घर आकर वह अपने बेटे का इंतजार कर हीं रही थी कि तीन आदमी उसके मुंह पर हाथ रखकर उसे उठा ले गए तूफानी बारिश के कारण आस पड़ोस में किसी को भनक तक नहीं लगी,,,जिस तरह से तीनों बातें कर रहे थे उसे सुनकर कजरी को लगने लगा था कि आज उसकी इज्जत बचने वाली नहीं है और वह भी एक से नहीं चार चार से,,, यह सोचकर ही उसके बदन में घबराहट फैल जा रही थी जिस इज्जत को अपने अस्तित्व को आज तक बचाते आ रही थी आज लूटने जा रही थी और उसके हाथ में कुछ भी नहीं था वह अपने आप को बचा नहीं सकती थी आखिरकार वह एक औरत थी,,, और ऊसके सामने और उसके तीन मुस्टंडे साथी,,, जो कि उसके घर में घुसकर उसे उठाकर ले जा रहे थे रास्ते भर उसे कंधे पर उठाकर ले जाने वाला आदमी उसके बदन से अपनी मनमानी करता जा रहा था जिस खूबसूरत बदन को कजरी आज तक किसी को हाथ लगाने नहीं रही थी वह आज बेबस थी,,, उसे एक एैसा इंसान छु रहा था जिसे वह जानती तक नहीं थी,,,, वह उसके बदन पर चारों तरफ हाथ घुमा रहा था,,,,, और बार-बार उसकी खूबसूरत बड़ी बड़ी गांड पर जोर जोर से चपत लगा रहा था,,,,, यह सब कजरी के लिए असहनीय था,,,, ना जाने लाला के पास पहुंचकर उसका क्या होने वाला था,,,, यही सोचकर कजरी घबरा रही थी,,,,अपनी मम्मी यही सोच रही थी कि अगर जैसा वह आदमी कह रहा है अगर वैसा ही होगा तो वह क्या मुंह दिखाएगी गांव वाले को,,, कैसे नजरे मिला पाएगी,,,, उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था वह अपने मन में ठान ली थी कि अगर ऐसा कुछ भी गलत हुआ तो वह बहते हुए नहर में कूदकर अपनी जान दे देगी,,,,,।

तूफानी बारिश अपने उफान पर थी तेज हवाएं चल रही थी बिजली की गड़गड़ाहट से पूरा वातावरण भयानक लग रहा था ऐसे में वह तीनों बातों की चुटकी लेते हुए उसे लाला के पास लिए जा रहे थे कंधे पर उठाया हुआ इंसान बार-बार उसकी गांड को अपनी हथेली में दबोच कर आनंद ले रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे पहली बार किसी औरत का शरीर उसके हाथ लगा हो,,,। कजरी अगर उन लोगों की हरकत लाला से बता देने की धमकी ना देती तो वह लोग तूफानी बारिश में उसी जगह पर उसकी चुदाई कर दिए होते,,,,,

क्रोध से भरा हुआ गुस्से से आगबबूला होकर हाथ में कुल्हाड़ी लिए रघु उन लोगों की तरफ ही बढ़ता चला आ रहा था,,, कोमल अपने ससुर की करतूत रघु को बता कर अपने घर वापस लौट चुकी थी,, रघु अपनी मां को लेकर बहुत परेशान था उसके मन में ना जाने कैसे-कैसे विचार आ रहे थे वह सारे विचार अपनी मां और लाला के बीच की चुदाई से जुड़े हुए थे,,,, तूफानी बारिश में भी भागते हुए उसके दिमाग में यही दृश्य नजर आ रहा था कि जैसे लाला उसकी मां की चुदाई कर रहा है और रघु इस मन की कल्पना को भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था,,, वह जल्द से जल्द लाला के घर पर पहुंच जाना चाहता था और तय कर लिया था कि आज लाला को जान से मार देगा,,,, लेकिन हवा इतनी तेज थी कि वह तेज चल नहीं पा रहा था और पानी भरने के कारण तेज तेज पांव भी नहीं चल रहे थे,,,

दूसरी तरफ लाला के आदमी कजरी को लेकर नहर के पास वाले घर पर पहुंच चुके थे,,, उनमें से एक आदमी दरवाजे पर दस्तक देने लगा अंदर बैठकर शराब पी रहा लाला दस्तक की आवाज सुनते ही एकदम उत्सुक हो गया उसके चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे और वह तुरंत अपनी जगह से खड़ा हुआ और दरवाजे की तरफ लपका,,,, दरवाजे के पास पहुंचते ही तुरंत वह दरवाजे की कड़ी खोल कर दरवाजा खोल दिया,,,,, दरवाजा खोलते ही सामने अपने आदमी के कंधे पर कजरी को देखकर खुशी से फूले नहीं समाया,,,,


आओ कजरी रानी इस दिन का में बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहा था,,,,


मालिक आपकी पसंद की दाद देना पड़ेगा बड़ी करारी है,,,(कजरी को कंधे पर लटकाया हुआ आदमी बोला,,,)


अरे करारी है तभी तो मुझे बेहाल करके रखी है,,,(लाला उन लोगों को अंदर आने का इशारा करते हुए पीछे कदम लेते हुए बोला,,,वह तीनों के लाला के पीछे पीछे घर में आ गए और उनमें से एक दरवाजा बंद करके कड़ी लगा दिया,,,, लाला पलंग पर बैठ गया और आदमी कजरी को वही नीचे जमीन पर बिठाने लगा,,, यह देखकर लाला बोला,,,।


अरे अरे यह क्या कर रहा है तू,,,,, इतनी खूबसूरत औरत को जमीन पर बैठा रहा है,,,,



मालिक यह पूरी तरह से पानी से भीग चुकी है,,,,,,,


तो क्या हुआ,,,,,, पानी से भीग चुकी है तो ऐसा कर इसके सारे कपड़े उतार कर इसे नंगी कर दी और फिर मेरे पलंग पर बैठा दे,,,
(यह सुनते ही कजरी की हालत खराब हो गई,,,, उसकी आंखों में बेबसी नजर आने लगी,,,, उसे लगने लगा कि अब कुछ ही देर में लाला के आदमी उसकी सारी उतारकर उसे नंगी कर देंगे यह सोचकर ही वह घबरा गई,,,, औरलाला का हुआ आदमी जो कजरी को उठा कर लाया था लाला की बात सुनते ही खुशी से फूले नहीं समा रहा था,,, उसके तन बदन में तेजा की लहर दौड़ लगी इस बात से कि वह अपने हाथों से किसी के कपड़े उतारकर से नंगी करेगा उसके नंगे बदन के दर्शन करेगा और ऐसा करने के लिए वह आगे बढ़ी रहा था कि तभी उसे लाला रोकते हुए बोला,,,।)


अच्छा रहने दे यह शुभकाम‌ मै खुद अपने हाथों से कर लूंगा,,,,(शराब का घूंट भरते हुए वह बोला,,,)

जी मालिक,,,,(इतना कहने के साथ ही वह अपने कदम पीछे ले लिया,,, लाला के ईस तरह से रोक देने से अंदर ही अंदर उसे गुस्सा भी आ रहा था लेकिन वह कुछ कर नहीं सकता था,,)


आज मेरी बरसों की तमन्ना पूरी होगी,,,,,, तुम लोगों को शायद मालूम नहीं कि नहीं बरसों से इस खूबसूरत गुलाब के फूल के पीछे पागलों की तरह लगा हुआ हूं लेकिन यह है कि भाव नहीं देती,,,, शाली न जाने किस गुमान में रहती है,,, अगर मेरी मानी होती तो अाज‌ यह दीन ना देखना पड़ता,,,, आखिरकार इस की जीत की वजह से आज उसके घर से उठाकर लाना पड़ा बहुत परेशान करती है यह और इसका बेटा रघु,,,,(रघु का जिक्र आते ही कजरी लाला की तरफ आश्चर्य से देखने लगी और लाला शराब की बोतल से शराब को गिलास में भरते हुए,,,) साला मेरे मुंह पर तमाचा मार गया है अपमान का तमाचा,,,,


मैं कुछ समझी नहीं लाला क्या कहना चाह रहे हो,,,(कजरी घबराते हुए बोली,,,)


साली अंजान बनती है,,,, ऐसे बोल रही है जैसे कुछ मालूम ही नहीं,,,,(शराब के गिलास को मुंह से लगाते हुए बोला,,) आज तु जो अपनी बेटी की शादी की है ना हवेली में,,, वहां पर मैं किसी और की शादी तय कर आया था जमींदार साहब भी हामी भर चुके थे,,,,, लेकिन ऐन मौके पर जमीदार की हालत खराब हो गई और हमारी समधन ने भी समिति के द्वारा और मेरे द्वारा तय की गई शादी से इंकार कर दिया और तेरी बेटी को अपने घर की बहू बना ली,,,, तेरी लड़की ने ना जाने कौन सा गुण देख ली कि मेरी बात मानने से इंकार करती ना तो अपने पति की बात मानी उनकी बात भी नहीं रखी,,,,, और तेरी बेटी बन गई बहु हवेली की,,,,,(गिलास में भरी हुई सारी शराब एक झटके में गले से नीचे उतार लिया,,,) अब कुछ समझ में आ रहा है,,, कि मैं तेरे बेटे के पीछे क्यों पड़ा हूं,,,,(कजरी बड़े गौर से लाला की बातों को सुन रही थी और उसे सब कुछ समझ में भी आ रहा था) तेरे बेटे को तो मैं अपने हाथों से मारूंगा,,, तब जाकर मेरे कलेजे को ठंडक मिलेगी,,,,(इतना सुनते ही कजरी अपनी जगह से खड़ी हो गई और रोते-रोते लाला के कदमों में जाकर गिर गई और हाथ जोड़कर बोली)


नहीं नहीं लाला इतने बेरहम मत बनो,,,, रघु मेरा एकलौता लड़का है,,, मेरे बुढ़ापे का सहारा है वह अभी बिल्कुल नादान है,,,,,(लाला के पैर पकड़ते हुए कजरी बोली)


नादानी तो वह कर चुका है जिसकी सजा उसे बराबर मिलेगी,,,,


नहीं नहीं लाला,,,, ऐसा मत करो मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूं,,,,
(कजरी को अपने पैरों में गिरा हुआ देखकर लाला हंसने लगा क्योंकि उसे लगने लगा था कि आज समय बदल गया है जिसकी जवानी को चखने के लिए वह तरसता रहता था जिसकी जवानी का स्वाद पाने के लिए वह खुद जिसके पैर पकड़ना चाहता था आज वह खुद उसके पैर में गिरी हुई थी लाचार बेबस और यह देख कर उसके आदमी भी हंस रहे थे,,, कजरी लाला को अच्छी तरह से जानती थी इसलिए वह एकदम से डर गई थी रघु के लिए,,,,,,,, वो जानती थी कि लाला बेहद हरामी किस्म का आदमी था,,, वो रघु के साथ कुछ भी कर सकता था,,,, लाला कदमों में गिरी कजरी की टोढी पर उंगली रखकर उसके चेहरे को ऊपर उठाते हुए बोला,,,)

अब अपने बेटे की दुहाई देने से,,, काम बनने वाला नहीं है कजरी रानी,,,, तेरी चुदाई तो मैं आज करके ही रहूंगा,,, और तेरी आंखों के सामने ही तेरे बेटे को मौत के घाट उतारुंगा ,,,,,


नहीं-नहीं लाला ऐसा जुर्म मत करो,,,,, मेरे बेटे को बक्स दो बदले में मैं तुम्हारी जिंदगी भर के लिए गुलाम बन जाऊंगी,,,,
(यह बात सुनते ही लाला की आंखों में चमक आ गई,,,, उसका शैतानी दिमाग काम करना शुरू कर दिया,,,, थोड़ी देर साथ रहने के बाद बोला,,)



क्या तु सच कह रही कजरी रानी,,,,,


मैं बिल्कुल सच कह रही हूं लाला अपने बेटे की कसम खाकर कहती हूं मैं जिंदगी भर के लिए तेरी गुलाम हो जाऊंगी बस मेरे बेटे को बख्श दे,,,,


मुझे विश्वास नहीं हो रहा है मेरी जान तु बहुत चालाक औरत है,,,,,,, इधर आ,,,(इतना कहने के साथ ही लाला कजरी के कंधों को पकड़कर उसे ऊपर की तरफ उठाने लगा और उसे अपने जांघो पर बैठने के लिए बोला,,,, लाला की बात सुनकर वह हीचकीचाने लगी,,,, आज तक उसने कभी भी गैर मर्द का स्पर्श तक नहीं की थी,,, और लाला उसे अपनी जांघों पर बैठने के लिए बोल रहा था,,, उसके दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी घबराहट से उसका पूरा बदन थरथर कांप रहा था,,,,)

क्या हुआ रानी रुक क्यों गई बैठो ना,,,,, मुझे मालूम था तुम अपना वादा कभी पूरा नहीं करोगी इसलिए तो मैं अपने अपमान का बदला तुम्हारी इच्छा तो तुम्हारे बेटे की जान से लूंगा,,,,


नहीं नहीं लाला ऐसा मत करना मैं बैठती हूं,,,,,(इतना कहने के साथ ही कजरी संकुचाते हुए लाला की जांघ पर बैठ गई,,, लाला की जांघ पर बैठते ही उसके बदन में कपकपी सी दौड़ने लगी और लाला अपनी जांघों पर कजरी के गोलाकार नरम नरम नितंबों का दबाव उसका स्पर्श महसूस करते ही एकदम उत्तेजना से भर गया,,, और उसके बेटे के साथ ही उत्तेजना भरी आवाज निकालते हुए बोला,,,)


ससससहहहहह,,,,,आहहहहहहह,,, मेरी रानी तुम्हारी गांड कीतनी नरम नरम है,,,,सहहहहहहहहह,,,(और इतना कहने के साथ ही अपना एक हाथ आगे बढ़ाकर ब्लाउज के ऊपर से ही कजरी की चूचियां पकड़ कर मसलने लगा,,,, वह मारे दर्द के कराह उठी,,,, यह देख कर लाला के तीनों आदमियों की भी हालत खराब होने लगी कजरी की मदमस्त जवानी से खेलते हुए लाला को देखकर वह लोग उत्तेजित होने लगे और लाला का हौसला बढ़ाते हुए बोले,,)

बहुत अच्छे मालिक ऐसे ही,,,,, इसे अपनी रखेल बना कर रख लो,,, गांव की दूसरी औरतों की जरूरत ही नहीं पड़ेगी,,,)

बात तो तू ठीक ही कह रहा है मैं भी यही सोच रहा हूं,,, इसे रखे बना लो और रोज रात को मस्ती करुंं,,,कसम से इतना मजा देगी कि आज तक जितनी भी औरतों की चुदाई कीया हु वह लोग नहीं दे पाई है,,,,(इतना कहने के साथ लाला कजरी की दूसरी चुची को भी ब्लाउज के ऊपर से दबाना शुरू कर दिया,,,,, एक बार फिर से कजरी के चेहरे पर दर्द की पीड़ा झलकने लगी,,,, वह तीनो जोर जोर से हंसने लगे,,, तो लाला अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,)
लेकिन मुझे इस पर विश्वास नहीं होता यह बहुत चालाक औरत है कभी भी पलट सकती है,,,,


अरे मालिक इसकी चालाकी कितनी काम आएगी,,,, और अगर चलाकि करी तो इसका बेटा है ना रघु उसे रास्ते से हटाना ही पड़ेगा,,,, कर आपकी बात मानती रहेगी तो इस उमर में भी चुदाई का सुख भोगेगी और बेटा भी जिंदा रहेगा और अगर नहीं मानी तो बेटा तो हांथ से जाएगा ही,,, और आपसे अपनी इज्जत भी नहीं बचा पाएगी आज तक कोई औरत आपसे बची है क्या गांव में,,,, एक बार बेटा हाथ से गया तो फिर उधर आएंगे इसे इसी जगह पर हमेशा के लिए,,, जहां पर यह आपकी बीवी बन कर रहेगी,,,,(इतना कहकर फिर तीनों जोर-जोर से हंसने लगे,,, और लाला अभी भी ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी चुचियों को दबाने का सुख भोगते हुए बोला,,,)


क्यों मेरी रानी कजरी अपने वादे पर कायम रहोगी या धोखा दोगी,,,,, देखो तुम्हारे सामने कोई भी रास्ता नहीं बचा है शिवा मेरी शरण में आने का,,,, तुम अगर धोखा दी तो बेटे से हाथ धो बैठोगी,,,और बेटे से हाथ होने के बावजूद भी तुम्हें मेरे नीचे ही आना होगा प्यार से नहीं तो जबरदस्ती से जैसा कि तुम देख रही हो कि मेरे आदमी कैसे तुम्हें तुम्हारे घर से उठा कर लाए है मैं चाहूं तो अभी भी तुमसे जबरदस्ती करके तुम्हारी बुर में अपना लंड डाल सकता हूं,,, और अपनी प्यास बुझा सकता हूं और वह भी एक दिन नहीं रोज और अगर प्यार से मान गई तो बेटा हमेशा तुम्हारे साथ रहेगा भले ही उसने मुझे अपमान किया लेकिन मैं तुम्हारे खातिर अपना अपमान भूल जाऊंगा,,,,,,, पर तुम मेरी प्यास हमेशा बुझाते रहना,,, इस बारे में किसी को कानों कान खबर भी नहीं पड़ेगी,,,,, रही बात मेरे आदमियों की इनकी चिंता तुम बिल्कुल भी मत करो यह लोग मेरे वफादार है जान दे देंगे लेकिन मुंह नहीं खोलेंगे,,,, बोलो क्या कहती हो,,,,(लाला धीरे से ब्लाउज का ऊपर वाला एक बटन खोल दिया जिससे कचरी की गोलाकार चूचियोंके बीच की गहरी लकीर एकदम साफ नजर आने लगी और उप सी हुई उसकी चूचियां भी जिसे देखकर लाला की आंखों में नशा उतर आया,,,, कजरी को मालूम था कि लाला उसके ब्लाउज के बटन खोल रहा है लेकिन वह कुछ भी बोल सकने की स्थिति में नहीं थी,,,,बात खुद की होती तो वह अपनी जान देकर भी अपनी इज्जत बचा ली थी लेकिन अब उसके बेटे की बात थी अगर वह इसकी बात नहीं मानती है तो उसका बेटा अपनी जान से हाथ धो बैठेगा और जीते जी कजरी कभी नहीं चाहेगी कि उसका बेटा इन् हैवानो के हाथों मारा जाए,,,, हर हाल में उसे लाला की बात मान नहीं था जिस इज्जत को जवानी को पति के देहांत के बाद संभाल कर रखी थी आज ना चाहते हुए भी दूसरों के हाथों लुटाना पड रहा था,,,, सोचने का समय बिल्कुल भी नहीं थी उसे केवल फैसला लेना था क्योंकि उसे अपनी इज्जत देकर अपने बेटे की जान बचानी थी,,,, वह यह सब सोच ही रही थी कि लाना उसके ब्लाउज के बाकी के बटन खोले बिना ही ऊपर से ही उसके ब्लाउज में हाथ डालकर उसकी नरम नरम चुचियों को दबाना शुरू कर दिया,,, लाला एकदम चुदवासा हो गया था जिसकी वजह से वह जोर-जोर से उसकी चूचियों को दबा रहा था और कजरी को इससे दर्द भी हो रहा था,,,,,, )


बोलो मेरी जान चुप क्यों हो,,,,

(कुछ देर शांत रहने के बाद आखिरकार कजरी हां में सिर हिला दी,,, यह देखकर लारा के साथ-साथ उसके तीनों आदमी भी खुश हो गए बाहर अभी भी तेज बारिश हो रही थी तूफान पूरे जोश में था और उस तूफान भरी बारिश में रघु धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था,,,, लाला कजरी की हामी भरा इकरार सुनते ही कजरी के गोरे गोरे गालों पर चुंबन ले लिया,,,, कजरी को बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन वह कुछ कर नहीं सकती थी,,,, लाला फिर बोला,,,)


कजरी मुझे अभी भी विश्वास नहीं होता कि तुम मेरी बात मान गई हो मुझे विश्वास दिलाने के लिए तुम्हें इसी समय अपने हाथों से अपने कपड़े उतार कर निर्वस्त्र होना पड़ेगा एकदम नंगी होना पड़ेगा,,,,(लाला की यह बातें सुनते ही कजरी आश्चर्य से लाला की तरफ देखने लगी मानो कि वह उसे ना कह रही हो लेकिन वो जानती थी कुछ होने वाला नहीं है,,, फिर भी वह बोली)

नहीं नहीं अपने हाथों से मुझे शर्म आती है,,,,(कजरी तिरछी नजरों से उसके तीनों आदमी की तरफ देखते हुए बोली)


देखो कजरी मुझे विश्वास दिलाने का बस यही एक तरीका है अगर तूने ऐसा नहीं करोगी तो मैं जान जाऊंगा कि तुम मुझे धोखा दोगी और फिर मुझे वही करना पड़ेगा जो कि तुम नहीं चाहती,,,,मैं यह काम अपने हाथों से ही कर सकता हूं लेकिन मैं चाहता हूं कि हमें विश्वास दिलाने के लिए तुम अपने हाथों से अपने कपड़े उतारो क्योंकि मेरे और मेरे आदमियों के सामने तुम अगर अपने हाथों से कपड़े उतारो की तो समझ लो कि तुम अपनी सारी शर्मो हया त्याग रही हो और तभी जाकर मजा भी आएगा,,, बोलो,,, हमारी बात मानोगी या बेटे से हाथ धोना है,,,,
(ना चाहते हुए भी कजरी को लाला की बात मानना पड़ा और वह धीरे से लाला की जांघों पर से उठ कर खड़ी हो गई,,,)
Beautifull update mitr
 
  • Like
Reactions: Sanju@ and Napster

Nevil singh

Well-Known Member
21,150
53,045
173
नहर के किनारे बने घर में लाला अपने आदमियों के साथ कजरी की बेबसी का फायदा उठा रहा था नहर के किनारे लाला ने बगीचे की तरह इसे भी अपनी विलासिता के लिए ही बनवाया था,,,, घर में सुख सुविधा के सारे सामान मौजूद थे,,,,,,
घर के बाहर तूफानी बारिश अपना भयंकर रूप दिखा रही थी तेज आंधी के साथ-साथ बादलों की गड़गड़ाहट पूरे वातावरण को बेहद भयानक बना दे रहे थे ऐसे में रघु आगबबूला होकर हाथ में कुल्हाड़ी लिए लाला को जान से मार देने के उद्देश्य से घर से निकला था,,,, उसके मन में डर भी बना हुआ था कि कहीं उसकी मां के साथ कुछ गलत ना हो जाए,,,, रघु को इस बात का एहसास हो गया था कि माना उसकी मां के साथ गलत करना चाहता है,,, और यही सोच सोच कर उसका दिमाग खराब हो रहा था बार-बार वह अपने मन को मनाने की कोशिश कर रहा था कि उसकी मां सुरक्षित है उसे कुछ नहीं होगा लेकिन उसके मन में कहीं इस बात का डर जरूर बना हुआ था कि लाला ऐसे ही किसी औरत को नहीं उठवाता और बगीचे वाले दृश्य को याद करके उसका और खून खोलने लगता था क्योंकि ना चाहते हुए भी अपनी मां की दोनों टांगों के बीच ऊसे लाला नजर आ रहा था,,,,,, और यह दृश्य हकीकत में बदल जाए या उसे कभी भी गवारा नहीं था,,,, जब जब वह अपने दिमाग में इस तरह की कल्पना करता था तब तक उसकी आंखों से खून टपकता था उसके दिलो-दिमाग पर सिर्फ लाला ही छाया हुआ था वह लाला को खत्म कर देना चाहता था,,,। बरसात इतनी तेज थी और बहुत देर से हो रही थी जिसकी वजह से घुटनों तक पानी भर चुका था जिसमें रघु को चलने में तकलीफ हो रही थी लेकिन फिर भी वह आगे बढ़ रहा था,,,,

दूसरी तरफ लाला और उसके आदमियों के सामने कजरी बेबस लाचार नजर आ रही थी लाला के हुक्म का पालन करने के लिए वह उसकी जांघों पर से उठकर नीचे खड़ी हो गई,,,, लाला की जांघों पर अपनी गांड रखकर बैठने में कजरी शर्म से पानी पानी हो गई और वह कभी सपने में भी नहीं सोची था कि उसे यह दिन देखना पड़ेगा जोकी ना चाहते हुए भी उसे गैर मर्द की जांघों पर बैठना पड़ेगा,,,, किसी मर्द की जांघों पर बैठने का मतलब यही होता है कि वह उसकी रखैल या गुलाम हो गई है,,,, जोकि रखेल और गुलाम दोनों में से किसी भी प्रकार की पदवी कजरी को कभी भी मंजूर नहीं ‌थी बेटे के मोह में,,, उसकी जानकी रक्षा के खातिर कजरी को ना चाहते हुए भी लाला की बात माननी पड़ रही थी,,। लाला को कजरी अच्छी तरह से जानती थी,,, वह जानती थी कि लाला कितना क्रुर और भोगी इंसान है,,,।इसलिए ना चाहते हुए भी उसकी बात मानते हुए वह उसके सामने खड़ी होकर अपने कंधे पर से साड़ी का पल्लू हटा रही थी और लाला प्यासी नजरों से कजरी के भीगे बदन को घूर रहा था उसके तीनों आदमी भी मौके का फायदा उठाते हुए अपनी आंखों को सेंक रहे थे,,।
साड़ी कंधे पर से नीचे आते ही कजरी का सुडोल विशाल छातिया नजर आने लगी,,, ब्लाउज का बटन लाला पहले से ही ऊपर वाला खोल चुका था जिसकी वजह से दोनों पहाड़ नुमा चूचियों के बीच में से मानो कोई गहरी लंबी नहर कह रही हो इस तरह से उसकी दोनों चूचियों के बीच की पतली गहरी लकीर नजर आ रही थी,,,,,, और यह देखकर लाला के मुंह में पानी आ रहा था,,,, औरत के मामले में लाला बेहद उतावला किस्म का आदमी था लेकिन कजरी के साथ वह बड़े इत्मीनान से काम ले रहा था चाहता तो वह आगे बढ़कर अपने हाथों से उसकी साड़ी उतारने का सुख प्राप्त कर सकता था लेकिन वह जानता था की उसके पास बहुत समय है और अगर वह उसकी धमकी से मान गई तो हर दिन रात चांदनी होगी इसीलिए वह बड़े आराम से कजरी की हर एक लीला को अपनी आंखों से देख रहा था कजरी साड़ी के पल्लू को अपने कंधे पर धीरे-धीरे अपने कमर पर से साड़ी को खोलना शुरू कर दी,,,, कजरी के तन बदन में अजीब सी हलचल मची हुई थी पूरी तरह से घबराई हुई थी खास करके अपने बेटे की सलामती के लिए मन ही मन में भगवान से प्रार्थना भी कर रही थी वह किसी गैर इंसान के सामने अपने साड़ी को इस तरह से खोलना नहीं चाहती थी लेकिन वह मजबूर थी अपनी साड़ी को कमर पर से खोलते हुए उसके हाथों की उंगलियां कांप रही थी,,,वह बड़े ही धीरे-धीरे अपनी साड़ी को खोल रही थी वह चाहती थी कि यह समय यही रुक जाए आगे ना बढ़े क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि वह लाला और उसके आदमियों के सामने नंगी हो लेकिन वो जानती थी कि ऐसा उसे करना ही होगा अगर बात बस तक ही रहती तो शायद वह अपनी जान देकर अपनी इज्जत बचा ली थी लेकिन बात उसके बेटे की थी और वह किसी भी हाल में अपने बेटे पर किसी भी प्रकार की मुसीबत आने देना नहीं चाहती थीआखिरकार धीरे-धीरे करके समय के प्रवाह के साथ वह अपनी साड़ी को कमर पर से खोलकर नीचे गिरा दी जो कि पानी से पूरी तरह से गीली हो चुकी थी,,,, लाल और उसके आदमियों के सामने वह केवल ब्लाउज और पेटीकोट में खड़ी थी,,,जो की पूरी तरह से पानी में भीग जाने की वजह से उसके बदन से चिपकी हुई थी जिसमें से उसका पूरा भूगोल साफ तौर पर नजर आ रहा था,,,, कजरी अपने ब्लाउज के बाकी बटन को धीरे धीरे खोलने लगी,,,,,, और सारे बटन को खोलने के बाद वह अपने ब्लाउज उतारने में शर्मा रही थी यह देखकर लाला बोला,,,।


शरमाओ मत मेरी जान उतार दो उसे,,,,,शर्म आओगी तो फिर मजा कैसे आएगा और हमें विश्वास कैसे होगा कि तुम अपने बेटे के लिए कुछ भी कर सकती हो,,,,
(इतना सुनते ही कजरी ना चाहते हुए भी बेशर्मी का प्रदर्शन करते हुए अपने ब्लाउज का अपनी बाहों में से निकालने लगी लाला कजरी की इस उम्र में भी तनी हुई ठोस चूचियां देखकर एकदम काम विह्वल हो गया,,,, उसे यकीन नहीं हो रहा था कि जो उसकी आंखें देख रही है वह सच है,,,क्योंकि अब तक वह इस उम्र की ना जाने कितनी औरतों की चुदाई कर चुका था लेकिन उनकी चूचीया कजरी की जैसी ठोस वर्तनी में बिल्कुल भी नहीं थी सारे के सारे पपीते की तरह लटक गई थी इसलिए तो लाला के मुंह के साथ-साथ उसके लंड में भी पानी आना शुरू हो गया,,,,,, लाला के तीनों साथी कजरी कीमत मस्त जवानी भरी चूचियां देखकर दंग रह गए थे उन तीनों का ईमान डोल रहा था कजरी की चुदाई करने का ख्याल तीनों के मन में आ रहा था लेकिन लाला के सामने वह कुछ कर नहीं सकते थे इसलिए खामोश खड़े इस गरमा गरम नजारे का लुफ्त उठाते रहे,,,,


वाह कजरी तुम्हारी चूचियां इस उम्र मैं भी कितनी तनी हुई है,,,(ऐसा क्या तेरे लाला अपना हाथ आगे बढ़ा कर कचरी की चूची को हल्के से दबाते हुए,,,) ईसे मुंह में भर कर पीने में बहुत मजा आएगा कजरी,,,,(गिर मर्दाना हाथों को अपनी चुचियों पर महसूस करते ही शर्म के मारे वह संकुचाने लगी,,,,


डरो मत मेरी जान,,,,, बस सब उतारती जाओ,,,,,

(इतना सुनते ही कजरी धीरे से अपने दोनों हाथों को अपने पेटिकोट की डोरी के ऊपर रखी वह अपनी पेटीकोट को उतारना नहीं चाहती थी,,,,लेकिन फिर भी वह जानती थी किसके चाहने न चाहने से क्या होता है इसलिए अपनी पेटीकोट की डोरी को अपने दोनों हाथों की उंगली से पकड़कर खींच दी,,, और उसे ढीला छोड़ दी,,, पेटीकोट बरसात के पानी में पूरी तरह से गिला हो चुका था जिससे ढीला होने के बावजूद भी उसका पेटीकोट जांघों से नीचे नहीं आ पाया तो कजरी घबराते शर्मा कर अपनी पेटिकोट के नीचे की तरफ उतारने लगी,,, नीचे झुक कर पेटिकोट को उतारने की वजह से उसकी गोलाकार गांड हवा में लहराने लगी थी जिसे देखकर लाला के तीनों साथी गर्म आंहे भरते हुए,, अपने पजामे में बने तंबू को अपने हाथ से मसलने लगे,,,,अगले ही पल अपनी पेटिकोट को उतारकर कजरी पूरी तरह से लाला और उसके तीनों साथी के सामने नंगी हो गई थी,,, जिंदगी में इससे शर्मसार कर देने वाला पल उसकी जिंदगी में कभी नहीं आया था कजरी शर्म से गड़ी जा रही थी,,,, उसे असर इस बात का हो रहा था कि वह अभी तक जिंदा कैसे हैं उसे तो शर्म से डूब कर मर जाना चाहिए लेकिन अपने बेटे की जिंदगी की कीमत उसे अपनी इज्जत देकर चुकानी पड़ रही थी अपनी आंखों के सामने कजरी को एकदम नंगी देखकर लाला की आंखों में हवस की चमक नजर आने लगी एक दम से पागल हो गया,,,,और कजरी की आंखों के सामने ही अपनी दोनों टांगों को चौड़ा करके धोती के ऊपर से ही अपने लंड को पकड़ कर दबाने लगा और बोला,,,,।


आहहहहहह,,,कजरी मेरी रानी आज तो मजा आ जाएगा,,,

(लाला कि ईतनी गंदी हरकत को देखकर कजरी शर्म से पानी पानी हो गई लेकिन कुछ नहीं कर पाई बस अपने चेहरे को अपने दोनों हथेलियों में भरकर ढंक ली,,,अपने तन को लाला की आंखों के सामने निर्वस्त्र करके वह अपने चेहरे को छुपा कर अपने मन को तसल्ली दे रही थी,,,, लाला अपने तीनों आदमियों की तरफ देखा जो हवस पर ही आंखों से कजरी को ही देख रहे थे अब इससे आगे का दृश्य केवल लाना ही देखना चाहता था इसलिए बना ताली बजाकर उन तीनों की तंद्रा भंग करते हुए तीनों को कमरे से बाहर जाने का इशारा कर दिया वह तीनों की अपना मन मार कर कमरे से बाहर आ गए,,,।लाला अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव कर रहा था लेकिन वह पलंग पर से नीचे नहीं उतरा,, वह अत्यधिक उतावलापन का प्रदर्शन नहीं कर रहा था वह इत्मीनान से शरीर के अंग से टपकते हुए मदन रस को अपनी आंखों और होठों से पीना चाहता था,,,, कजरी को नंगी देखकर ऐसा लग रहा था जैसे लाला के अरमान पूरे हो रहे हो,,,।


वाह कजरी मेरी रानीयह तो जानता था कि तुम बहुत खूबसूरत हो तुम कि कपड़े उतारने के बाद इतनी ज्यादा खूबसूरत नजर आती हो या तो मैं आज पहली बार अपनी आंखों से देख रहा हूं कसम से अप्सरा हो अप्सरा ,,,,,
(लाला की हर एक बात कजरी के दिन पर छुरियां की तरह चल रही थी,,,,,)

मेरी जान थोड़ा उस तरफ घूम जाओ मैं तुम्हारी गांड देखना चाहता हूं,,,,
(इतना सुनते ही कजरी शर्मा कर दीवार की ओर मुंह करके खड़ी हो गई उसे इस बात का इत्मीनान थी कि वह तीनों हैवान कमरे से बाहर जा चुके थे,,, लाला की नजर जैसे ही कजरी की मदमस्त,, गोल गोल उभरी हुई गांड देखकर एकदम पागल हो गया कजरी शर्मा से गड़ी जा रही थी,,, वह जानती थी कि दीवार की तरफ मुंह करके वह लाला को अपनी गांड दिखा रही थी,,,जिसे कजरी आज तक अपनी जुती तक नहीं दिखाई थी आज अपने सारे कपड़े उतार कर उसे अपने नंगे बदन के दर्शन करा रही थी,,,,)


कच6री मेरी रानी तुम तो स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा हो,,, कसम से हमेशा के लिए मेरी बन जाओ तूने रानी की तरह रखुंगा,,,,



मेरे रघु को तो कुछ नहीं करोगे ना,,,,


ना ना कजरी रानी मे रघु को अपने बेटे की तरह रखुंगा,,,, बस तुम हमेशा के लिए मेरी बन जाओ,,,।

(कजरी को अपने बेटे की फिक्र हो रही थीइसलिए ना चाहते हुए भी आज वह अपने बेटे की खातिर अपनी इज्जत का सौदा करने के लिए तैयार हो गई थी,,,)


कजरी तुम्हारी मदमस्त गांड देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया है तुम जैसी खूबसूरत औरतों का तो महलों में रहना चाहिए कहां ऊस झोपड़ी में अपनी जिंदगी खराब कर रही हो,,,।


हमारी किस्मत ही वही है लाला,,,,


किस्मत को बदला भी जा सकता है रानी,,,


कौन बदलेगा मेरी किस्मत को,,,।


मैं बदलूंगा कजरी,,, (इतना कहने के साथ ही लाला पलंग पर से उठ कर खड़ा हुआ और कजरी के पास पहुंच गया और उसे अपनी बाहों में भर लिया कजरी एकदम से सिहर उठी जिंदगी में पहली बार किसी गैर मर्द की बांहों में जाते ही वहां सर में से पानी पानी हो गई )तुम्हें अपनी बना कर तुम्हें रानी बनाकर मैं तुम्हें यही रखूंगा इसी घर में,,,,
(कजरी कुछ बोल नहीं रही थी बस लाला की बात सुनी जा रही थी,,, लाला संपूर्ण रूप से नंगी कजरी को अपनी बांहों में भरते हुए उत्तेजना के परम शिखर पर पहुंच गया और उसकी धोती में उसका खडा लंड कजरी की दोनों टांगों के बीच हिलोरे मारने लगा,,, कजरी मन में क्रोधित हो रही थी लेकिनकुछ कर नहीं सकती थी क्योंकि उसकी तरफ से किसी भी प्रकार का प्रतिकार का मतलब था उसके बेटे की मौत,,, इसलिए उसे सब कुछ सहना ही था,,,, कजरी को लग रहा था कि लाला अब अपने बस में नहीं है किसी भी वक्त उसकी चुदाई कर सकता था,,,वह मन ही मन भगवान से प्रार्थना कर रही थी उसकी इज्जत बचाने के लिए लेकिन जानती थी कि ऐसे माहौल में ऐसी तूफानी बारिश में वह उसे बचाने के लिए आने वाला कोई नहीं था और वैसे भी किसी को इस बात की खबर तक नहीं थी कि कजरी इस समय कहां है कौन ले गया है,,,,इसलिए अपने मन में ठान ली थी कि आज निश्चित तौर पर उसकी इज्जत तार-तार हो जाएगी,,,, लेकिन लाला के पास बहुत समय था इसलिए वह बड़े इत्मीनान से कजरी की मदहोश कर देने वाली जवानी का रस पीन‌ा चाहता था इसलिए वह कजरी को अपनी बाहों से आजाद करते हुए वापस पलंग पर बैठ गया और कजरी से बोला,,,)


आज मेरे लिए बहुत ही खुशी का दिन है और इसी खुशी के मौके पर कजरी मेरी रानी आज तुम मुझे शराब की लड़की अपने हाथों से शराब पीलाओगी,,,
(कजरी के बस में कुछ नहीं था इसलिए ना चाहते हुए भी उसकी शर्त मानना उसकी मजबूरी थी इसलिए वह आगे बढ़ी संपूर्ण रूप से नंगी होकर चहलकदमी करने में उसे शर्म महसूस हो रही थी लेकिन ऐसा करना उसके लिए मजबूरी बन चुकी थी वह नंगी पलंग के पास आई और टेबल पर रखी शराब की बोतल से सराब को गिलास में डालने लगी,,, दूसरी तरफ रघु नहर के पास बने घर के पास पहुंच चुका था,,, दूर से उसे वह घर दिखाई दे रहा था जिसके बाहर बरामदे में लालटेन तनी हुई थी और हंस लालटेन के उजाले में तीनों आदमी बैठे हुए थे आपस में बातें कर रहे थे जो कि उन लोगों को इस बात का अंदाजा तक नहीं था कि रघु उन तक पहुंच जाएगा,,, रघु क्रोध से भरा हुआ थातीनों आदमी बाहर बरामदे में बैठकर गप्पे लड़ा रहे थे और दरवाजे पर कड़ी लगी हुई थी जिसका मतलब साफ है कि घर के अंदर लाला औरउसकी मां थी इस बात का एहसास है तू ही उसकी आंखों के सामने एक बार फिर से अपनी मां और लाला के साथ का गंदा दृश्य नजर आने लगा,,, उस दृश्य के बारे में कल्पना करते ही रघु एकदम से आग बबूला हो गया और तुम तीनों आदमी की तरफ आगे बढ़ा,,, उन तीनों आदमियों में से एक की नजर रघु पर पड़ गई,,, रघु कुल्हाड़ी को अपने पीछे छिपा रखा था,,,


अरे वह देख कजरी का लड़का भी आ गया साले का आज काम तमाम कर देते हैं,,,,


चल तो मादरचोद को देख लेते हैं उसकी इतनी हिम्मत कि यहां तक आ गया,,,,,(इतना कहने के साथ ही तीनों उठ खड़े हुए और रघु की तरफ आगे बढ़ने लगी बारिश अभी भी जोरों पर थी तूफान चल रहा था बादलों की गड़गड़ाहट बड़ी तेज हो रही थी सब कुछ भयानक दृश्य था रघु उन तीनों को अपनी तरफ आता हुआ देखकर वहीं रुक गया,,,, तीनों रघु के पास आकर उसे घेर लिया,,,, रघु जोर से चिल्लाते हुए बोला,,,)


बता मेरी मां कहां है,,,,
(इतना सुनते ही तीनों जोर-जोर से हंसने लगे उनको हंसता हुआ देखकर रघु को और गुस्सा आने लगा,,,)


बोलता क्यों नहीं कहां है मेरी मां,,,,


यार बता देना इस बेचारे को क्यों तड़पा रहा है बता दे इसकी मां कहां है,,,?


सुनना चाहेगा कहां है तेरी मां,,,,(उसकी बात सुनकर रघु बोला कुछ नहीं बस गुस्से में उसे देखे जा रहा था,,,, और वह आदमी अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला) इस समय तेरी मां हमारे मालिक लाला के साथ अंदर कमरे में अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगी होकर लाला के लंड को अपनी बुर में लेकर चुदवा रही है,,,,
(इतना सुनते ही रघु एकदम से गुस्से से भर गया,,,, और रखो धीरे-धीरे अपना हाथ पीछे की तरफ जाने लगा,,, दूसरा आदमी बोला)

सच में यार तेरी मां बहुत खूबसूरत है मैं आज पहली बार इतनी खूबसूरत औरत को देखा हूं वह भी एक दम नंगी क्या गांड है तेरी मां की और चूचियां तो कमाल की है,,,, आज रात भर तेरी मां की चुदाई होगी और जब लाला का मन भर जाएगा तो उसके बाद हम तीनों का नंबर आएगा और सोच हम तीनों एक साथ तेरी मां की चुदाई करेंगे,,,(अब रघु के लिए अपनी मां के बारे में से ज्यादा सुनना नामुमकिन था वह अपना हाथ पीछे की तरफ ले जाकर तेज धारदार कुल्हाड़ी बाहर निकाला और अगले ही पल पहले वाले आदमी की गर्दन पर दे मारा,,,,उसे छठ पटाने का भी मौका नहीं मिला और वहां पानी में गिर कर दम तोड़ दिया दूसरे दोनों आदमी तो देखते रह गए उन दोनों का समझ में नहीं आया कि पल भर में यह क्या हो गया,,,, तभी दूसरा आदमी जोर से चिल्लाया,,,।

हरामजादे,,, कुत्तिया की,,,,,(इतना ही बोलना था मेरे को कुल्हाड़ी का दूसरा बार उसकी गर्दन पर कर दिया और वह भी ज्यों का त्यों पल भर में ही नीचे गिरकर दम तोड़ दिया,,,,अपने दोनों साथी का हाल देख कर तीसरे वाले की हालत एकदम से खराब हो गई वह बोलने लायक नहीं रह गया था लेकिन वह भी रघु के गुस्से से बच नहीं पाया और कुल्हाड़ी का तीसरा वार उसके ऊपर हुआ और वह भी ढेर हो गया पल भर में ही लाला केसा गिर्द उसके मुस्टंडे आदमी रघु के हाथों मौत की नींद सो चुके थे,,, रघु का क्रोध बढ़ता जा रहा था वह दरवाजे की तरफ पहुंच गया बंद दरवाजे को देखकर उसे यकीन हो गया कि दरवाजे के पीछे लाला उसकी मां की चुदाई कर रहा है इसलिए रखो और ज्यादा गुस्सा हो गया,,, और वह दरवाजे की कड़ी खोले बिना ही जोर से दरवाजे पर एक लात मारा उसके अंदर इतना गुस्सा आ गया था इतनी ताकत आ गई थी कि उसके एक रात में ही पूरा दरवाजा टूट कर नीचे गिर गया और अंदर का दृश्य देखकर वह दंग रह गया,,,उसकी मां एकदम नंगी होकर पलंग के पास खड़ी थी हाथ में शराब का गिलास लिए हुए और लाला बिस्तर पर लेट कर अपनी धोती खोल रहा था,,, लाला और कजरी दोनों रघु को इस तरह से देखकर एकदम से चौंक गएकजरी तो अपनी स्थिति का भान होते ही और वह भी अपने बेटे के सामने एकदम से शर्मिंदा हो गई और वह बेहोश होकर वहीं गिर गई,,,।
Jabardast update mitr
 
  • Like
Reactions: Napster

Nevil singh

Well-Known Member
21,150
53,045
173
कजरी किसी गैर मर्द के साथ अपने आपको अपने बेटे के सामने नग्न अवस्था में बर्दाश्त नहीं कर पाई और शर्म के मारे बेहोश होकर वहीं गिर पड़ी,,,, रघु एकदम आग बबूला हो चुका था जिस तरह से उसने दरवाजे को तोड़कर कमरे के अंदर प्रवेश करकेकमरे के अंदर के दृश्य को देखा था उसे से उसके तन बदन में आग लग गई थी क्रोध से जल रहा था,,, तू अपनी आंखों से साफ तौर पर देख रहा था कि उसकी मां शराब का गिलास हाथ में ली हुई थी और लाला पेट के बल पलंग पर लेट कर अपनी धोती खोल रहा था,,,, लाला रघु को इस तरह से देख कर एकदम से घबरा गया था,,,उसका दिमाग काम करना बंद कर दिया था और उसके हाथों में,, खून से सनी हुई कुल्हाड़ी देखकर लाला की और हालत खराब हो गई,,,, वह हड़बड़ा कर पलंग पर उठ कर बैठ गया रघु को इस तरह से गुस्से में देख कर उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गई,,,।

हरिया,,,, कालू,,,,,,, शेरू कहां मर गए सब के सब,,,,,


तु सही कह रहा है लाला,,, तेरे तीनों आदमी,,(कुल्हाड़ी पर लगे खून को अपनी उंगली से साफ करते हुए) मर गए और इन तीनों को मैंने मारा है,,,,


क्या,,,? यह नहीं हो सकता यह हो ही नहीं सकता,,, वह तीनों एक एक 10 आदमी पर भारी है,,,,,


लेकिन तेरे तीनों आदमी मेरे सामने घुटने टेक दिए,,,, (कजरी बेहोश होकर पलंग के पास गिरी पड़ी थी एकदम नग्न अवस्था में लेकिन इस समय रघु के सर पर जुनून सवार था उसे केवल लाला दिखाई दे रहा था वह लाला को जान से मार देना चाहता था इसलिए वह अपनी मां की तरह बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया था,,,)


तू झूठ बोल रहा है हरामि,,,,, ऐसा हो ही नहीं सकता,,,,(लाला गुस्से में बोला)


तुझे विश्वास नहीं हो रहा है तो आवाज लगाकर बुला ले देख कौन आता है,,,, उन तीनों की लाशें घर के बाहर पड़ी है,,,,
(रघु की कही बातों पर लाला को बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था उसे ऐसा लग रहा था कि उसके तीनों हाथ में शराब पीकर कहीं लुढ़क गए हों गए होंगे,,, क्योंकि उसे अपने तीनों आदमियों की ताकत पर पूरा भरोसा था किसी की हिम्मत नहीं थी कि उनके सामने नजर मिला सकें और यह लड़का उन्हें जान से मार देने का दावा कर रहा था लाला को बिल्कुल भी भरोसा नहीं हुआ तो वह फिर बोला,,,)



देख रघुबातें बनाना छोड़ दे मुझे अपने तीनों आदमियों पर पूरा भरोसा है साले शराब पीने में थोड़े कच्चे हैं इसलिए पीकर लुढ़क गए होंगे,,,,,

(इतना सुनते ही रघु जोर जोर से हंसने लगा,,, और उसकी तेज हंसी सुनकर लाला के पसीने छूट रहे थे उसके मन में यह बात कहीं ना कहीं घर कर गई थी कि वास्तव में रघु ने उसके तीनों आदमियों को जैसा कि वह कह रहा है मार दिया है,,, लेकिन उसे विश्वास नहीं हो रहा था,,,, लाला की बात सुनकर रघु बोला,,,)


मैं आज बहुत गुस्से में हूं लाला तीन क्या अगर 30 भी होते तो सब का वही हाल होता,,, जैसा कि तीनों का हुआ है,,,
(रघु की बात लाला के बिल्कुल भी पल्ले नहीं पड़ रही थी वह मानने को तैयार ही नहीं था कि रघु अकेले उसके तीनों आदमियों को ढेर कर सकता है,,,)

नामुमकिन ऐसा हो ही नहीं सकता,,,,


नामुमकिन को मुमकिन करने के लिए ही मैं यहां आया हूं,,, अपने तन की प्यास बुझाने के लिए तूने आज गलत औरत चुन लिया,,,, अपने अपमान का बदला लेने के लिए तूने यह रास्ता एहतियात किया है,,, तू सच में पापी है आज तेरे पाप का घड़ा भर चुका है,,,,,
(लाला अपने मन में सोचने लगा कि अगर रघु जो कुछ भी कह रहा है उसमें जरा सी भी सच्चाई है तो आज उसकी मौत निश्चित है लेकिन वह भी कुछ कम नहीं था इमानदारी से इस जगह पर नहीं पहुंचा था वह भी बेईमानी लूटपाट हत्या करने के बाद ही इस स्थिति में पहुंचा था इसलिए ऊपर चला था वह धीरे-धीरे अपना हाथ पलंग पर बिछड़े हुए गद्दे के नीचे रखी चाकू की तरफ ले जाने लगा,,,)


देख रघु जो कुछ भी तू कर रहा है वह बिल्कुल गलत है,,,,


और जो तू कर रहा है वह सही है,,,,,, हरामजादे गांव की ना जाने कितनी औरतों की इज्जत से तु खेल चुका है तेरी तो घर की सगी बहू पर गंदी नजर है तो दूसरी औरतों को क्या छोड़ेगा,,,,(अपनी बहू का जिक्र आते ही लाला झेंप सा गया फिर अपने बचाव में बोला,,,)

वह औरतें खुद चलकर मेरे पास आई थी मैं उन्हें जोर जबस्ती करके अपने बिस्तर पर नहीं लाया था,,,।


मजबूरी का फायदा उठाना भी जोर जबरदस्ती से कम नहीं होता लाला,,,, तेरी हर एक हरकत को मैं अच्छी तरह से जानता हूं लेकिन मुझे यह नहीं पता था कि,,, मेरी मां पर ही तू गंदी नजर डालेगा,,,,


नहीं नहीं रघु यह गलत बात है,, मैं तेरी मां को छोड़कर बस्ती करके या उठाकर नहीं गया वह खुद मेरे पास चलकर आई है,,,


हरामजादे मेरी मां दूसरी औरतों की तरह नहीं है जो खुद तेरे पास चलकर आएगी,,,


नहीं रघु मैं सच कह रहा हूं भगवान कसम,,,,


तेरे लिए भगवान कहां है तू तो खुद को ही भगवान समझ बैठा है,,, तेरी बहू कोमल ने मुझे सब कुछ बता दि है,,,, तु ही अपनी तीनों आदमी को मेरे घर भेज कर मेरी मां को उठा लाने के लिए बोला था,,,,(इतना सुनते ही लाला गुस्से से पागल हो गया और गद्दे के नीचे रखे चाकू को बाहर निकालकर सीधा रघु की तरफ जोर से फेंक कर मार दिया और वह चाकू सीधा उसके कंधे पर जाकर घुस गई,,,, रघु दर्द से बिलबिला उठा और यही मौका देख कर लाला उसी स्थिति में पलंग पर से उठा और बाहर की तरफ भागा,,,, रघु के कंधे में वह चाकू लगभग आधा घुस चुका था जिसे बड़ी मुश्किल से रघु जोर से पकड़ कर बाहर की तरफ खींच लिया और चक्कू जैसे ही बाहर निकली वैसे ही उसके कंधे में से खून का फव्वारा छूटने लगा,,,,, लाला घर से बाहर भाग चुका था रघु गुस्से से तिलमिला उठा एक नजर वह अपनी मां के ऊपर डाला जो कि एकदम नंगी बेहोश पड़ी थी और फिर दरवाजे की तरफ लपका,,,,

रुक जा हरामजादे आज तुझे मेरे हाथों से कोई नहीं बचा पाएगा,,,,,,

लाला घर से बाहर निकलते ही घर के आगे अपने ही आदमियों की लाशें देखकर भौचक्का रह गया उसे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था,,,, वह मुंह फाड़े आश्चर्य से अपने तीनों आदमियों की लाश को देखने लगा,,,,, तभी पीछे कुल्हाड़ी लेकर दहाड़ ते हुए रघु उसकी तरफ लपका,,,।


रुक जा मादरचोद कहां भागता है आज तेरी मौत निश्चित है हरामजादे,,,,(इतना सुनते ही लाला पूरी ताकत लगा कर भागने लगा वह नहर की तरफ भागते चला जा रहा था और रघु उसके पीछे-पीछे,,,, आज रघु उसका इस धरती से नामोनिशान मिटा देना चाहता था,,,,क्योंकि बार-बार उसकी आंखों के सामने वही तेरे से नजर आ रहा था जो कि वह दरवाजा तोड़कर अंदर की तरफ देखा था उसकी मां शराब का ग्लास लेकर खड़ी थी और लाला अपनी धोती खोल रहा था जो कि निश्चित तौर पर उसकी मां की चुदाई करने की तैयारी कर रहा था वह अपने मन में यह सोच रहा था कि पता नहीं वह उसकी मां को चोद पाया या नहीं,,,, अगर ऐसा हुआ तो वह भी मर जाएगा क्योंकि वह अपनी मां को किसी दूसरे के साथ चुदता हुआ नहीं देख सकता था,,, इसलिए लाला पर उसे और ज्यादा गुस्सा आ रहा था और वह बड़ी तेजी से लाला की तरफ भागता चला जा रहा था और लाला उसे जान बचाकर पूरा दम लगा कर भाग रहा था और भागते भागते नहर के किनारे कीचड़ में गिर पड़ा और रघु उसके करीब पहुंच गया,,,उसके कंधे में चाकू पूरी तरह से घुस जाने की वजह से उस में से खून निकल रहा था और उसे दर्द हो रहा था लेकिन फिर भी उसे अपने दर्द की चिंता नहीं थी आगे से अपने अपमान का बदला लेना था अपनी मां के साथ हुए अपमान का बदला लेना था,,,


मुझ से बच कर कहां जाएगा लाला आज तेरी मौत मेरे हाथों से लिखी है,,,


नहीं नहीं रघु मुझे माफ कर दे मुझसे गलती हो गई मुझे माफ कर दे,,,,,(लाला कीचड़ में रेंगते हुए आगे की तरफ हाथ जोड़े बढ़ रहा था,,, लेकिनरघु उसे माफ बिल्कुल भी नहीं करना चाहता था आज निश्चित कर लिया था कि आज वह अपने हाथों से उसे मारेगा,,,)


तेरी गलती माफ करने वाली नहीं है लाला,,, तुझे तो मेरे हाथों से मरना ही होगा,,, तेरी काली करतूतों को तो मैं अच्छी तरह से जानता था लेकिन यह नहीं जानता था कि तू मेरे कि घर में मेरी मां के ऊपर गंदी नजर डालेगा,,,,



देख रघु मैं तेरी मां को अपने आदमीयो से यहां उठा कर लाने की गलती कर चुका हूं लेकिन मेरी मान तेरी मां आज भी एकदम पवित्र है मैं तेरी मां के साथ अभी तक कुछ नहीं कर पाया हूं,,,(इतना सुनते ही रघु थोड़ी राहत महसूस हुई,,,) तो फिर मुझसे बदला लेना चाहता है तो बेशक ले लेकिन जैसा मैंने किया हूं वैसे ही मेरी बहू है ना कोमल तु उसके साथ कुछ भी कर सकता है,,, कुछ भी मैं कुछ नहीं कहूंगा,,,,।


हरामजादे मादरचोद समझ कर क्या रखा है तू कहेगा और मैं कोमल के साथ कुछ भी करूंगा मैं कोमल से प्यार करता हूं कुत्ते,,,,,(इतना सुनते ही लाला एकदम से झेंप गया,,) कोमल से मे सच में प्यार करता हूं,,,,, और हां आज इस दुनिया से जाते जाते तुझे एक हकीकत बता देता हूं ताकि तु यह हकीकत सुनकर मरने के बाद भी भटकता रहेगा तड़पता रहेगा जिसकी तू लेने के लिए दिन रात जुगाड़ में लगा रहता था ना वही तेरी बहू कोमल कि मैं ले चुका हूं और वह भी जबरदस्ती से नहींवो खुद अपनी मर्जी से मुझे अपना सब कुछ दे चुकी है और वह भी मुझसे उतना ही प्यार करती है जितना कि मैं अगर ऐसा ना होता तो तूफानी बारिश में भीगते हुए वह घर से बाहर निकल कर मुझे तेरे करतूत के बारे में बताने ना आती उसीने मुझे सब कुछ बताई है तभी तो मैं यहां पर पहुंच पाया हूं,,,(इतना सुनते ही लाला एकदम से आग बबूला हो गया और जोर से एक लात रघु के पेट में दे मारा रघु तिल मिलाकर वहीं गिर गया और मौके का फायदा उठाकर लाला उठ खड़ा हुआ और भागने लगा लेकिन रघु फुर्ती दिखाते हुए तुरंत खड़ा हुआ उसके पीछे भागते हुए जोर से चिल्लाया,,,,।

ला,,,,,,,,,,ला,,,,,,,(और इतना कहने के साथ ही कुल्हाड़ी का बार उसकी गर्दन पर कर दिया और उसका सर धड़ से अलग होकर नहर में जोकि पानी से भरा हुआ था और परी तेजी से बह रहा था उसमें गिर गया,,,, रघु बड़ी तेजी से हांफ रहा था लाला का काम तमाम हो चुका था उसकी करनी का फल उसे मिल चुका था आसमान में बादल जोर-जोर से गड़गड़ा रहे थे तूफानी बारिश अपना कहर बरसा रही थी,,,, रघु बदला ले चुका था उसके मन में खून की प्यास मिट चुकी थी उसके चेहरे पर लाला के खून के उड़े छींटे तेज बारिश में धुलने लगे थे,,,, लाला धीरे धीरे उस कमरे में आ गया जहां पर अभी भी उसकी मां बेहोश पड़ी थी वह कुछ देर के लिए बिस्तर पर बैठ गया चैन की सांस लेने लगा उसने अपनी मां को बचा लिया था उसकी इज्जत तार-तार होने से बचा लिया था वह एक नजर अपनी मां के ऊपर डाला जो कि अभी भी पूरी तरह से नंगी बेहोश होकर पड़ी थी इस समय अपनी मां को नंगी देखने के बावजूद भी उसके मन में उत्तेजना के भाव पैदा नहीं हो रहे थे क्योंकि समय का माहौल कुछ और था धीरे-धीरे बारिश कम हो रही थी लेकिन अभी सुबह होने में बहुत समय था और सुबह होने तक का इंतजार रघु नहीं कर सकता था क्योंकि वह नहीं चाहता था कि रात को जो कुछ भी हुआ उसके बारे में किसी को कुछ भी पता चले,,,,बिल्कुल भी नहीं चाहता था कि किसी को यह पता चला कि नाना अपने आदमियों को भेजकर उसकी मां को यहां पर उठाकर ले आया था उसके साथ मनमानी करने के लिए उसकी इज्जत लूटने के लिए वह अपने घर की और अपनी मां की इज्जत को सही सलामत रखना चाहता था इसलिए पूरी तरह से बारिश बंद होने का और सुबह होने का इंतजार किए बिना वह नीचे पड़े अपनी मां के कपड़ों को समेटने लगा और उसी तरह से अपनी मां को नग्न अवस्था में ही अपनी गोद में उठा लिया और कमरे से बाहर आ गया अभी भी बारिश हो रही थी तेज नहीं फिर भी पड़ ही रही थी बादलों की गड़गड़ाहट अभी भी सुनाई दे रही थी,,, तूफानी बारिश और रात का फायदा उठाकर इस घनघोर अंधेरे में रघु अपने घर पर पहुंचाना चाहता था ताकि किसी को भी पता ना चले इसलिए वह अपनी मां को गोद में उठाया उसके कपड़ों को कंधे पर टांग घर की तरफ बढ़ने लगा बारिश की वजह से किसी का ऐसे माहौल में नजर आना नामुमकिन ही था इसलिए रघु को थोड़ा इत्मीनान था लेकिन फिर भी वह सबकी नजरों से बचना चाहता था आखिरकार वह अपनी मां को लेकर घर पर तो हो चुका था और उसे बिस्तर पर लिटा दिया,,,, वह अपनी मम्मी से उसने कहा कि आज का उसकी जिंदगी का अच्छा दिन है या खराब आज उसकी बहन की शादी हुई है वह अपने ससुराल गई है और रात को अपने पति के साथ सुहागरात भी बना रही होगी और दूसरी तरफ आज उसकी मां की इज्जत तार-तार होने से बची थी और रघु के हाथों से चार चार हैवानों का खून हुआ था,,, अपनी मां के ही पास खटिए पर बैठ कर,,, सारी घटनाओं के बारे में सोचने लगा और अपनी मां के होश में आने का इंतजार करने लगा,,।
Kaatil update dost
 
  • Like
Reactions: Sanju@ and Napster

rohnny4545

Well-Known Member
15,779
40,336
259
सारे घटनाक्रम रघु के होश उड़ा दिया था ,, रघु कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी मां के साथ ऐसा हो जाएगा,,,, लेकिन वह मन ही मन कोमल को धन्यवाद देने लगा कि सही मौके पर आकर उसने सब कुछ बताती और वह सही समय पर लाला के घर पहुंच गया वरना अनर्थ हो जाता,,,, लेकिन फिर भी उसके मन में शंका हो रही थी कि ,,, लाला उसकी मां को चोदे बिना नहीं छोड़ सकता,,, उसके पहुंचने से पहले ही लाला उसकी मां की चुदाई कर दिया रघु यह बात अपने मन में सोच कर परेशान हो रहा था,,, लेकिन फिर अपनी ही बात को झूठ साबित करते हुए वह अपने मन में सोचने लगा कि जब वह दरवाजे तोड़कर कमरे में पहुंचा था तो उसकी मां पूरी तरह से नंगी खड़ी थी और लाला अपनी धोती उतार रहा था,,, इसका मतलब था कि वह ऊसकी चुदाई करने जा रहा था,,, चोद नहीं पाया था,,, वह खटिए पर बैठा बैठा यही सोच रहा था कि लाला उसकी मां को चोद पाया या नहीं इसी सवाल का उत्तर उसे नहीं मिल पा रहा था,,,अपने बारे में सोचने लगा कि इस सवाल का जवाब उसकी माही दे सकती है होश आने पर वह अपनी मां से इस बारे में जरूर बात करेगा,,,,,, लाला इतना नीचे गिर जाएगा इतना तो वह जानता ही था लेकिन उसकी बुरी नजर उसके ही घर में पड़ी है इस बात को वह मान नहीं पा रहा था लेकिन आज सब गिले-शिकवे दूर कर दिया था,,, आज लाला और उनके साथियों का काम तमाम हो चुका था उनके जुर्म और उनकी हवस का शिकार हो रही औरतें जब यह खबर सुनेगी तो खुशी से झूम उठेंगी,,,,,,,यही सोचते हुए लोगों के मन में इस बात की तसल्ली थी कि चलो गांव वालों को उसके जुर्म से निजात दिलाया और साथ ही अपनी मां की इज्जत भी बचा लिया और तो और उन लोगों को किसने मारा है यह बात किसी को भी कानों कान पता तक नहीं चलेगी यह बात केवल कोमल और उसकी मां ही जान सकती है उसकी मां तो यह बात किसी को बताने वाली नहीं है और कोमल पर उसे पूरा भरोसा था और वैसे भी वहां अपने ससुर से खुद परेशान हो चुकी थी अपनी इज्जत बचाती आ रही थी वह भी जरूर खबर सुनेगी तो उसका मन प्रसन्नता से झूम उठेगा,,,, यही सब सोचते हुए रघु अपनी मां की तरफ देखा जो कि समय एकदम बेहोश लेटी हुई थी और एकदम नंगी रघु की नजर अपनी मां के नंगे बदन पर ऊपर से नीचे तक गई जिंदगी में पहली बार वह अपनी मां को पूरी तरह से नंगी देख रहा था,,,,अपनी मां के नंगे बदन को और अच्छे से देखने के लिए वह खटिया पर से खड़ा हो गया और खड़े होकर अपनी मां को खटिया पर लेटी हुई देखने लगा वह अपनी मां को एकदम नंगी देख कर मन में सोचने लगा वहां क्या रूप है क्या बदन है एकदम अद्भुत कारीगरी का नमूना ऐसा लगता है कि जैसे खुद भगवान ने अपने हाथों से उसके खूबसूरत जिस्म को बनाया हो,,,, कजरी पीठ के बल लेटी हुई थी रघु अपनी मां की दोनों तनी हुई नंगी छातियों को देख रहा था जो कि सुसुप्त अवस्था में भी,, अद्भुत कामगार लग रही थी,,,,खरबूजे जैसी दोनों बड़ी-बड़ी चूचियां पानी भरे गुब्बारे की तरह छातियों पर लौटी हुई थी,,, पल भर में रघु के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी,,,,उसका मन कर रहा था कि वह अपनी मां की दोनों चूचियों को अपने हाथों में पकड़ कर जोर जोर से दबाने का सुख भोगले लेकिन वह अपनी मां की मदमस्त जवानी को शायद अपनी आंखों से ही पीना चाहता था,,,,, दोनों चूचियों के नीचे सपाट चिकना पेट,,,, और कमर पर हल्की सी चमडियो की पडती दरार,,,, उसके खूबसूरत बदन में और ज्यादा इजाफा कर रहे थे अपनी आंखों से अपनी मां की खूबसूरत नंगे बदन के कटाव और उसकी रूपरेखा को देख रहा था क्योंकि बेहद कामोत्तेजना से भरे हुए मादक नजर आ रहे थे,,, रघु के मुंह में पानी आने लगा था साथ ही पजामे का आकार आगे से बढ़ने लगा था,,,,,,, रघु इस माहौल में भी पूरी तरह से उत्तेजित हुआ जा रहा था जिसका एक ही कारण था कि उसकी मां की खूबसूरती,,, उसका खूबसूरत चिकना मादक गदराया बदन,,,, खूबसूरती में कजरी इस समय स्वर्ग से उतरी हुई कोई अप्सरा लग रही थी,,,,, रघु का एक मन कह रहा था कि आज ही इसी समय वह अपनी मां के बेहोशी का फायदा उठाते हुए उसके साथ चुदाई का सुख प्राप्त कर लें लेकिन उसका दूसरा मन उसे ऐसा करने से रोक रहा था,,,, क्योंकि दूसरा मन ही जानता था कि ऐसा करना गलत है और माहौल भी ठीक नहीं था अभी अभी कुछ दिन पहले ही वह लाला के हाथों में थी जहां पर वह उसकी इज्जत लूटा जाता था और वहां भगवान से प्रार्थना कर रही थी पिक्चर बचाने के लिए,,, और ऐसे में रघुअपने बेटे का फर्ज निभाते हुए वहां पहुंचकर अपनी मां की इज्जत भी बचाया और उन है वानो का कत्ल भी कर दिया,,,,और उसका मन यही कह रहा था कि ऐसे में अगर वह अपनी मां की चुदाई करेगा तो लाला और उसके में बिल्कुल भी फर्क नहीं रह जाएगा वह एक तरह से अपनी मां के साथ जबरदस्ती कहीं जाएगी भले ही उसकी मां को इस बारे में पता नहीं चलेगा लेकिन,,, रघु इस मामले मेंअपने आप से ही नजर नहीं मिला पाएगा क्योंकि वह यही चाहता था कि उसकी मां अपने संमती से अपना बदन उसे सौंपे अपनी जवानी उस पर लुटाएं,,,,,,,, इसलिए रघु बहुत सोचने के बाद अपने आप को इस तरह की हरकत करने से रोकने लगा,,,,।


आधी रात से ज्यादा का समय हो रहा था,,, बरसात अभी भी बाहर हो रही थी रह रह कर बादलों की गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई दे रही थी,,,,जिस तरह का खतरा उठा कर उठा ऐसी तूफानी बारिश लाला के आदमियों से लाला से भिडा था वह बेहद काबिले तारीफ था ऐसा शायद रघु के बस में बिल्कुल भी ना होता लेकिन ऐसी मुसीबत की घड़ी में रखो नहीं बल्कि एक बेटा अपना फर्ज निभाया था,,,, लाला से ना लाला के आदमियों से कोई भी इंसान भी भिडना नहीं चाहता था क्योंकि वह लोग बेहद बेरहम थे,,,,गांव की औरतों के साथ अपनी मनमानी करते थे उनका फायदा उठाते थे,,,, लेकिन शायद लाला की जिंदगी का यह आखरी मौका था जब वह कजरी के साथ अपनी मनमानी करना चाहा था,,,, आज ना तो लाला रह गया था और ना उसके आदमी,,,,वातावरण में अजीब सी शांति की केवल बारिश के शोर के सिवा और बीच-बीच में रह रहे कर बादलों की गड़गड़ाहट शांत वातावरण को भयानक बना दे रहा था,,,,हवा तेज चल रही थी जिसकी वजह से रघु को ठंड का एहसास हो रहा था,,,,उसके कपड़े भी पूरी तरह से किए थे वह कपड़े बदलने की सोचने लगा कि तभी उसे एहसास हुआ कि उसकी मां ऐसे ठंडे मौसम में भी एकदम नंगी लेटी हुई है भले ही बेहोश क्यों ना हो उसकी तबीयत खराब हो सकती है इसलिए वह,,,, उसके कपड़े जो कि घर में रस्सी पर टांग के रखे हुए थे उतार कर ले आया और सबसे पहले वह अपनी मां को ब्लाउज बनाने लगा हल्का सा सहारा देकर उसे उठाते हुए बराबर उसके दोनों हाथों में ब्लाउज डालकर उसे पहना दिया और उसके बटन बंद करते समय रघु की हालत खराब होने लगी क्योंकि ब्लाउज का बटन लगाते समय वह अपनी मां के चूची को अपने हाथ से पकड़ कर ब्लाउज के अंदर कर रहा था,,,, हालांकि इस तरह का काम वह बहुत सी औरतों के साथ कर चुका था लेकिन आज अपनी मां की चूची को हाथ से पकड़ कर ब्लाउज के अंदर डालने में उसे अद्भुत सुख का और उत्तेजना का एहसास हो रहा था,,,,,,, ज्यादा नहीं तो वह इस मौके का फायदा उठाते हुए अपनी मां की दोनों चुचियों को अपनी हथेली में भरकर दबा ले रहा था,,,, बारी-बारी से दोनों चूचियों को ब्लाउज में डालकर वह ब्लाउज का बटन बंद कर दिया,,,, और फिर पेटिकोट उठाकर उसे नीचे से दोनों टांग को पेटीकोट के अंदर डालकर पेटीकोट को ऊपर की तरफ उठाने लगा अपनी मां की चिकनी मांसल जांघों पर नजर करते हुए उसके होश खोने लगे इसकी आंखों में अपनी मां की मदमस्त जवानी की चमक नजर आने लगी,,, वह पेटीकोट को घुटनों से ऊपर की तरफ लाते हुए पेटीकोट को उसी तरह से छोड़कर अपने दोनों हाथों को अपनी मां की दोनों जांघों पर फिराने लगा,,, उसे अपनी मां की चरणों पर अपना हथेली फिराते हुए इस बात का एहसास हुआ कि उसकी मां की जांघ एकदम चिकनी एकदम मक्खन की तरह थी,,,,,, पल भर में ही रघु का लंड खड़ा हो गया,,,, जांघों के ऊपर उसे अपनी मां की बुर एकदम साफ नजर आ रही थी उसकी पतली पतली दरार लालटेन की रोशनी में चमक रही थी,,,,, ना जाने रघु के क्या सुझा ओर वह अपनी नाक को अपनी मां की बुर की दरार के बेहद करीब लाकर जोर से नाक से सांस अंदर की तरफ खींचने लगा,,,,, पल भर में भी कजरी की बुर से निकल रही मादक खुशबू रघु की छातियों में भर गई और बुर की खुशबू का मादकता भरा एहसास रघु के तन बदन में आग लगाने लगा,,,, रघु का मन तड़प रहा था अपनी मां की गुलाबी बुर की गुलाबी पत्तियों को फैला कर उसमें जीभ डाल कर चाटने के लिए,,,,लेकिन ऐसा करने से वह बड़ी मुश्किल से अपने मन को शांत कर पाया और बस बुर की खुशबू लेकर अपने आपको मना लिया,,, पेटिकोट को कमर तक लाने के लिए वह अपनी मां की गांड को एक हाथ से पकड़ कर ऊपर की तरफ उठाया और पेटीकोट को कमर तक ले आया और उसकी डोरी को बांध दिया कुछ देर पहले खटिया पर कजरी एकदम नंगी लेटी हुई थी लेकिन रघु उसके तन पर ब्लाउज और पेटीकोट पहना दिया था और बिना कुछ और सोचे बिना वहां अपनी मां की बदन पर चादर डालकर उसे ओढ़ा दिया और खुद अपने कपड़े को बदलकर वही नीचे चटाई बिछा कर लेट गया,,।
 

Mass

Well-Known Member
11,144
23,566
229
Yeh to KLPD ho gaya bhai...but maybe, this is also right. Raghu Kajri ko poore hosh mein uski marji se chudai karega to kaamukta aur bhi badega..aur dono ko mazaa aayega :)
Look forward to the next part where karji also gives herself to Raghu willingly and enjoys the "milan"...
 
Top