"आप एक पैर मेरे कंधे पर रख दीजिए मै मसल-मसल कर दबाउंगा तो आपकी पूरी थकान उतर जाएगी।"
परम उठकर दोनो पैरों के बीच आया और बिना पूछे उसने कपड़े को खिसका कर शेठानी के घुटनो के ऊपर कर दिया और एक टाँग उठाकर अपने कंधे पर रख ली।
"आप आंखे बंद कर लीजिए, अच्छा लगेगा।"
परम एक हाथ से पैर को सहारा देकर दूसरे हाथ से घुटने के उपर जांघो को मरोडकर मसलने लगा और तभी उसे शेठानी की मोटी फूली हुई चूत दिखाई दी।
चूत पर छोटे-छोटे झाँटे थे,शायद 8-10 दिन पहले झाँटे साफ किया हो। परम का हाथ शेठानी के जांघो से नीचे से चूत तक फिसल रहा था।
शेठानी ने हौले से कहा, "खूब ज़ोर से मसलो!"
परम ने अंदरकी जांघो को दबाते दबाते चूत को मुठ्ठी मे भरकर मसलने लगा।
"और आगे आ जाओ।" वह चाहती थी कि परम उसे और उसकी चूत को अधिक से अधिक सहलाए।
परम ने पैर को कंधे से उठाया और कपड़े को बिल्कुल उपर तक उठा दिया। शेठानी की चूत साफ दिख रही थी। परम दोनो हाथो से चूत को मसलने लगा।
"शेठानीजी, आप अकेली कब रहती है मै आकर आपको पूरा मज़ा दूँगा, बहुत मस्त चूत है आपकी ….खूब प्यार से चोदूंगा…।"
"बेटा अभी 15-20 दिन कोई मौका नही मिलेगा,जहां दबाना है आज ही दबा दो।"
लेकिन सेठानी तो चुदाई के लिए आतुर थी... वो चाहती थी कि परम उसे वहीं चोद दे। उसे इस बात की ज़रा भी परवाह नहीं थी कि वो लड़का उससे 30 साल छोटा है और उसकी बेटी का ख़ास दोस्त है।
चूत को मसलते मसलते परम शेठानी के जांघो के बीच आ गया। एक हाथ से वो चूत को दबा रहा था और दूसरे हाथ से बोबला को दबाने लगा।
"चूत बहुत मस्त और रसीली है, लगता है शेठजी चुदाई नही करते है ठीक से?"
"6 महीने से उसने मुझे चोदा नही है, लेकिन तुम्हारी माँ को चोदना चाहता है। सुंदरी को बोलो की एक बार अपनी चूत मे शेठजी का लंड घुसा ले।"
उसने जोड़ा...
“हो सकता है सुंदरी की चूत को भोसड़ा बनाकर मज़ा लेने के बाद वो मुझे फिर से चोदना शुरू कर दे... हो सकता है, कौन जाने, ऐसा भी हो कि तेरी माँ की चूत हमेशा के लिए उसका लंड ले ले।”
“सेठानी जी, आप पहली औरत है ..जिसे मैने नंगा देखा है …और ये पहला चूत है जो मेरे हाथ में है…..मैं जिंदगी भर आपको चोद कर खुश करता रहूँगा…शेठजी की जरुरत शायद ही पड़े आपको....!”
परम को लगा की उसकी पैंट फट जाएगी और उसने पैंट का बटन खोलकर नीचे धकेल दिया। परम का लंड तना हुआ था उसने लंड को चूत के छेद पर रखा और ज़ोर से धक्का मारा।
शेठानी की चूत पूरी तरह से पनिया गई थी,पूरा लंड गप से अंदर चला गया। शेठानी ने परम को जकड़ लिया और परम बोबला को दबते-दबाते चुदाई करने लगा। 50 साल की औरत को चोद कर ऐसा लग रहा था कि शेठानी की बेटी रेखा को चोद रहा हो। सेठानी की चूत बहुत गर्म है।
"आओ बेटा.... ज़ोर-ज़ोर धक्के मारो, बहुत मज़ा आ रहा है, जल्दी जल्दी...कही तुम्हारी माँ ना आ जाए, वाह मस्त लंड है तुम्हारा बेटे।"
"वो देखेगी तो किसिको नही बोलेगी। उसके सामने भी तुम्हे चोदुंगा।" परम ने आश्वासन दिया और धक्के मारता रहा।
“ओह्ह…बेटा ..लगता है और बहुत लंबा दर्द हो रहा है…..बहुत टाइट से चूत को रगड़ रहा है……आआह मारो …और जोर से…।” वह वास्तव में आनंद ले रही थी...
"शेठानी तेरी चूत पहली चूत है जिसे मै चोद रहा हूँ लेकिन मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है।"
"बेटा,रेखा चली जाएगी तो उसके बाद रोज मुझे चोदना।"
"हा रानी रोज चोदुंगा लेकिन मै तुम्हारी बेटी को चोदना चाहता हूँ।" मौके का फायदा उठाते हुए परम ने इच्छा व्यक्त की...
“लेकिन मैंने तो सोचा था कि तुम रेखा और पूनम दोनों की चुदाई कर चुके हो…।” उसने कमर झटकाई और लंड के लिए और गहराई के जाने का रास्ता दे दिया और कहा,
"उसको भी चोदो, मेरी बहुओ (डॉटर इन लॉ) को भी चोदो। मै मना नही करूँगी, लेकिन मुझे हर दो-तीन दिन मे आकर चोदना पड़ेगा।"