रीता ने जल्दी से अपने बाहर निकले मम्मो को वापीस ब्रा में ठुस दिया और अपनी शाल को सम्हाल कर उठती हुए बोली। सन्जु मुझे बडी जोर से पेशाब आ रही है । तुमने बाहर आना है मेरे साथ।
सन्जु : हाँ दीदी मुझे भी जाना है।
सन्जु : पेशाब करने का बाद औरतो के बाथरूम के सामने खड़ा हो गया और दरवाजे से अन्दर बाहर जाती औरतो को देखने लगा ।
रीता को बाहर आते काफ़ी देर लगी। जब सन्जु ने रीता को बाहर आते देख तो मुसकरा दिया । रीता भी मुसकरा दी और फिर सन्जु के पास आ गई।
सन्जु ने रीता को देखते हीं कहा "दीदी तुमने कितनी देर लगा दी। क्या कर रही थी अन्दर।"
रीता हँसते हुए बोली "मूत रही थी और क्या कर सकती हूँ ।"
सन्जु ने रीता को धीरे से कहा "दीदी तुम यहाँ बैंगन तो नही ले आई न ।"
रीता ने सन्जू के सिर पर चपत लगाते हुए कहा "तु बहुत बोलने लग गया है।"
रीता ने सन्जु को पैप्सी ले कर दी ओर फ़िर दोनो आपस में एक ही ग्लास से पीने लगे। सन्जु रीता के बड़ो बड़ो मम्मो को बार बार घूर रहा था। रीता सन्जु से बांते कर रही थी ओर अपनी शाल नीचे कर के सन्जु को अपने फूले हुए मम्मे भी दिखा रही थी।
फिल्म शुरु हुए अभी कुछ ही देर हुई थी की रीता ने फिर से अपनी शाल खोल कर
सन्जु को देते हुए पूछा "सन्जू तुझे मैं कैसी लगती हूँ।"
"बहुत अच्छी दीदी" सन्जु ने अपनी बहन के मम्मे पर हाथ रखते हुए कहा। रीता ने सन्जु से फिर पूछा "अच्छा जी, तो ये बताओ तुझे मुझ में सबसे अच्छा क्या लगता है।"
सन्जू : सब कुछ।
रीताः नहीं कुछ वो बताओं जिस से तुम को सबसे जयादा मजा आता है।
सन्जु दीदी जब तुम स्कूल की स्कर्ट पहनकर आती हो तो तुम्हारी मोटी गोरी टांगे और बड़ी बडी गोल जांघे देखते ही मेरा झटके लेने लगता है।
रीता : हाय सन्जु तुझे मेरी जांघे इतनी सैक्सी लगती हैं क्या?
सन्तु : हाँ दीदी। मै तो कई बार नीचे झुक कर तुम्हारी जांघो के अन्दर देखने की कोशिश करता हूँ।
रीना: उफ़ तुम्हें एसे चोरी से देखने की क्या जरूरत है। मुझे कहते तो मैं अपनी स्कर्ट उपर उठा कर दिखा देती ।
रीता : सन्जू मैं कल लहंगा पहन लुंगी तुम अपने हाथ से उपर उठा कर देख लेना ।
सन्जु । सच दीदी।
"हाँ" सच" रीता ने सन्जु के कान के पास मुँह ले जा कर सन्जु का गाल चुम लिया । रीता के गरम गरम होंठो का चुम्बन मिलने से सन्जु को नशा सा हो गया और फ़िर उसने भी रीता के गाल को चुम लिया ।
सन्जु : दीदी तुम्हारी दोनो टांगो के बीच वाली जगह को छुना है। रीता हंस दी। अरे बुद्ध तुम तो बिल्कुल लडकी हो। नाम ले कर बताओ उसे क्या कहते हैं। सन्जु ने धीरे से कहा “चूत।“ रीता ने फ़िर से हँस कर कहा। "हा तो एसे कहो न कि दीदी तुम्हारी चुत चाहीए।"
सन्जु : हाय दीदी जब तुम ऐसे बोलती हो तो मेरा झटके लेने लगता है देखो कैसे खडा हो गया है।
रीता : देखो सन्जु मैं तुम्हरी बहन हूँ पर में एक जवान लडकी भी हूँ । तुम अगर मेरे साथ खुल कर बात करोगे तो हम दोनो को मजा आएगा रीता ने सन्जु की पैण्ट के अन्दर तने लण्ड को पक्ड कर चुट्की काट दी।
सन्जू का सारा शरीर डझन्झना गया । सन्जू ने रीता के मम्मे को हाथ में ले कर दबाते हुए कहा दीदी मुझे तुम्हारी चुत देखनी है। मैंने कभी नहीं देखी बस सुना है की बहुत गरम होती है।
रीता: ठिक है तुम्हें चूत मिल जाएगी पर किसी से कहना नहीं। सन्जु ने रीता की शाल के नीचे हाथ घुसा कर मम्मो को पकड़ लिया। रीता ने फ़िर से अपने उपर के बट्न खोल कर अपने मम्मो को ब्रा से बाहर कर दिया और सन्जू से दबवाने लगी ।
रीता : चल अब तु मेरी चुच्ची को जोर जोर से मसल ।