kamdev99008
FoX - Federation of Xossipians
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हा हा हाअनु : “क्या देख रहे हो बिनोद…”
बिनोद : “कुsss ….कुछ नही मेडम जी, मैं तो बस …बस…अपना काम कर..”
अनु : “अच्छा सुनो, सुधीर सर के रूम में पानी भेजना, मैं वहीं हूँ ..”
इतना कहकर वो फिर से अपनी गांड मटकाती हुई चल दी
पहले एकदम से गर्म और अब नरम रवैय्ये को देखकर वो भी हैरान था
अनु सर के रूम में पहुँची तो उन्हे अपना ही इंतजार करते हुए पाया
स्कूल लगभग खाली हो चुका था
सर आज बड़े उत्तेजित से लग रहे थे
शायद कल के बाद , और अनु के साथ जिंदगी भर रहने की खुशी के कारण उनकी ये हालत थी
वो उठे और खिड़की से देखा की कोई आ तो नही रहा और फिर लपककर अनु के करीब आए और उसकी कमर में हाथ डालकर उसे अपने सीने से लगाया और उसके होंठो को बेतहाशा चूमने लगे
वो भी एक पल के लिए बेसूध सी होकर उस किस्स में डूब गयी
मज़ा भी बहुत आ रहा था उसे
सर के हाथ उसके बूब्स पर थे और वो उन्हे होले -2 दबा रहे थे
उसके शरीर से चिरपरिचित सी तरंगे उठने लगी
पर फिर अचानक उसे अपने प्लान का ध्यान आया
और उसने अपनी आँखे खोल दी
और तभी उसे खिड़की में दूर से बिनोद अपनी तरफ आता हुआ दिखाई दिया
उसके हाथ में ट्रे थी और दो ग्लास पानी
वो चाहती तो उसी वक़्त सर को बताकर वहां से हट सकती थी, पर अपने प्लान के अनुसार वो बिना उन्हे कुछ बोले अपनी किस्स में लगी रही
और तब तक लगी रही जब तक बिनोद खिड़की के करीब नही आ गया
और जैसे ही बिनोद की नज़रें खिड़की पर पड़ी, अनु छिटककर सर से अलग हो गयी
सर भी समझ गये की शायद कोई आता हुआ दिखा है अनु को, वो भी अपनी सीट पर जाकर लैपटॉप पर काम करने लगे
और वो अपने कपड़े ठीक करती हुई चेयर तक चल पड़ी
और तभी बिनोद कमरे में दाखिल हुआ
उसके हाथ में पानी था और चेहरे पर हैरानी के भाव
उसे आज तक शक ही था की सुधीर सर और अनु के बीच कुछ चल रहा है पर आज तो उसने उन्हे एकसाथ चिपके हुए भी देख लिया
पर एक दूसरे से चिपक कर वो कर क्या रहे थे , ये वो नही देख पाया
पर अपनी आँखो में वो उन पलों का एक वीडियो बना चुका था , जिसे वो बार-2 रीवाइंड करके देखने वाला था
पानी रखकर वो चला गया और सर ने चैन की साँस ली
वो बोले : “आज तो बाल-2 बच गये, अच्छा हुआ तुमने टाइम से देख लिया…वरना..”
जवाब में अनु बस मुस्कुरा दी
वो बोली : “वैसे भी अब ये चोरी छुपे वाले काम से जल्द ही छुटकारा मिल जाएगा….पापा”
सैक्सी अंदाज में पापा बोलकर वो उन्हे आँख मारती हुई खिलखिलाकर हंस दी
और सुधीर भी उसके साथ हँसने लगा
एक घर में रहते हुए वो शेफाली और अनु के साथ क्या-2 मज़े ले पाएगा, यही सोचकर उसका लॅंड कड़क होने लगा
वो कुछ बोल पाता उस से पहले ही अनु ने अपने बेग से अपनी पेंटी निकाल कर सर के सामने रख दी
एकदम से उस कच्छी को देखकर वो सकपका से गये और उसे उठाकर अपनी जेब में रख लिया
अनु उनकी इस हरकत से हंस दी और बोली : “ये मेरी नही है, मॉम की है, कल रात आपने जाने के बाद उन्होने पहनी थी और रात में मैने उतार दी…फिर जो क्रीम आपने मॉम के अंदर छोड़ी थी, वो मैने खा ली, सुबह उनका ऑफीस जाने का मन नही था तो उन्हे नंगा छोड़कर मैं स्कूल आ गयी और आते-2 ये पेंटी ले आई उनकी….आपके लिए”
उसने जब एक साँस में वो सब कहा तो सर का चेहरा देखने लायक था
वो तो समझ रहे थे की वो चड्डी अनु की है, पर वो तो शेफाली की निकली
अनु ने बड़ी चालाकी से अपनी पेंटी को मॉम की पेंटी बोलकर सुधीर की जेब में पहुँचा दिया था
दोनो के कुल्हो का आकार लगभग एक जैसा ही था, इसलिए सुधीर भी नही पहचान पाया
अब ऐसा करने से ये हुआ की सुधीर का ध्यान अनु से हटकर शेफाली की तरफ हो गया
उसकी नज़रों के सामने शेफाली अपने बेड पर नंगी पड़ी दिखाई दे रही थी
आलस से भरी हुई
उपर से उसकी पेंटी भी उसकी जेब में थी
जो अनु उसके लिए लाई थी
शायद वो चाहती थी की वो घर जाए और नंगी शेफाली के साथ एक बार फिर से वही करे जो कल किया था उसने
एक धमाकेदार चुदाई
अनु ने उनका चेहरा पढ़ लिया और वो बोली : “आप जाइए घर…मैं अपनी फ्रेंड निशा के साथ कुछ टाइम स्पेन्ड करुँगी अभी…ओक…बाइ”
इतना कहकर उसने अपने बेग से घर की चाबी निकालकर उनके सामने रख दी
ये इशारा था की उन दोनो के पास अकेले में काफ़ी समय होगा आज..
सुधीर को बाइ बोलकर वो स्टाफ रूम से निकलकर बाहर चल दी
पीछे मुड़कर देखा तो हड़बड़ी में सर को अपना लेपटॉप बेग में डालकर भागते हुए देखा,
वो जानती थी की उनके घर के आधे घंटे का रास्ता वो 10 मिनट में तय करने वाले थे आज अपनी कार से
अब बिनोद की बारी थी
उसे अपनी बॉटल में उतारना था
वो थोड़ा आगे गयी तो बिनोद उसे दिख भी गया, एक बेंच पर बैठा वो बीड़ी फूँक रहा था
वो उसी तरफ चल दी
ये तो जबर्दस्त शातिर निकली
अपनी माँ की चुदाई का तो इंतजाम किया ही
अपनी सहेली के लिए भी लौंद सिलैक्ट कर लिया


