Few more lines as continuation…
तुम्हें देख कर तो ये कब से खड़ा है
हाथ में लेके देखो ये कितना बड़ा है
वाकाई में लौड़ा गजब है तुम्हारा
मेरा चुत का ये कर देगा कबाड़ा
इश्क़ के लिए जज्बो में शिद्दत रखो
मुझसे चुदने के लिए हिम्मत रखो
हिम्मत की कमी नहीं लेकिन थोड़ी शर्म है
हम दोनों के रिश्ते का अभी थोड़ा भ्रम है
कपड़े तो उतार दिये अब क्यो कतरा रही हो
अपने देवर से चुदने में क्यो इतना शर्मा रही हो
मैं तो बिस्तर पे पड़ी हूं पास तुम कब आओगे
बातो से ही चोद दोगे या लौड़ा से भी मिलवाओगे
मार मार के चुत मैं तेरी पूरी आज सुजा दूँगा
याद रखना भैया से भी दुगुना मैं मज़ा दूँगा
मन्नत के धागे बांधो या बांधो मुरादों की पर्ची,
मैं फुद्दी तुम्हें तभी दूंगी जब होगी मेरी मर्जी।