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छुटकी - होली दीदी की ससुराल में भाग १०३ इमरतिया पृष्ठ १०७६
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मेरे नहीं आने का कारण तो कुछ और है...Phagun ke din chaar men kal update diya hai
agala number Joru ka gullam par aayega aur use jod ke is mahine ke 5 update ho jaayenge . Kohish karungi saal khatam hone ke pahle ek update yaam bhi
jaade ke chaakr men cooment aur like thode sikud rahe hain aur kahani bhi unhi like ke chaakr men doosare tino kahaniyon men naya mod aa rha hai isliye bhi
to Jouru ka Gullam ka update isi week aur uske baad is ka nambar aur yahan bhi sharp turn hoga agle part men
ऑन डॉट बधाई....कोमल मैम
1000 पृष्ठों की बधाई स्वीकार करें।
सादर
Welcome back,आज जब इतने दिनों बाद आया हूँ तो १००० पृष्ठ से बहुत ज्यादा हो चुके हैं...
बहरहाल १००० पृष्ठ के लिए बहुत बहुत बधाई...
आप ने बहुत कुछ कह दिया।कोमल मैम
आंख से आंसू तो नहीं निकले लेकिन मन बहुत रोया।
अब बस
निःशब्द
सादर
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मैं इन्तजार करुँगी, इस भाग पर विशेष रूप से, आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी
Thanks so much.Shandar update
Wow...100 posts...Hearty Congratulations!!मेरी ननद
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मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था, बस सूनी आँखों से उस रास्ते को देख रही थी जिधर से मेरी ननद गयी थीं, कभी उनकी उदास सूरत नजर आती आँखों के सामने,
“ भौजी, अगर वो साधुवा के पास जाना पड़ा तो बस ये आखीरी मुलाकात, इसलिए मैं अबकी इतना रह गयी, घर क आँगन डेहरी देख लूँ, जहाँ गुड्डा गुड़िया खेली, माई से तो बता नहीं सकती थी, इतना दुःख का बोझ, नहीं बर्दास्त कर पाती वो, एक तो बड़की भाभी चली गयीं तोहार छुटकी ननदिया को लेके, और बड़े भैया तो अब बम्बइये के, उनका बस चले तो सब खेत खलिहान बेच के बंबई ही, और फिर हमार ये, “
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जिस तरह से ननद भभक के रोई थीं,
मैंने तय कर लिया था कुछ भी हो आपन ननद को,
ओह्ह साधुवा, उनकी सास और ननद के बीच दीवार की तरह खड़ी होना पड़े,
इसलिए छुटकी को इतने दिन मैंने घर से दूर रखा, अरविन्द गीता के यहाँ फिर नैना ननदिया के साथ,…
है तो बच्ची ही, कहीं गलती से ही कुछ सुन लेती, कुछ मायके में मेरे जाके मुंह से निकल जाता उसके,
ये बात सिर्फ मेरी ननद और हमारे बीच की थी, इनको बताने का तो सवाल ही नहीं था। गुस्से से पागल हो जाते, अपने बहनोई के साथ, ननद की ससुरार में,
अब चाहे जो पाप दोख लगे, बरम बाबा, सत्ती माई, भाई का बीज बहिन के कोख में,
लेकिन हमको कुछ और नहीं सूझा.
जो पाप दोख लगे, बस हमको लगे, ...भले हमरी कोख पे लगे. हमरे ननद को कुछ न हो उनकी कोख हरदम हरी रहे, नौवें महीना सोहर हो, उनकी मुंहझौसी सास ननद क मुंह बंद हो,... हमार सोना अस ननद,
मेरी सास, अब जब खुश खबरी उनकी समधन की ओर से आ गयी थी तो पूजा मनौती, तिझरिया तक तो उनको आना नहीं था, लेकिन दो चीजे आ गयी और मेरा मन एकदम बदल गया,
एक तो मायके से फोन मेरी माँ का, और उसके बाद मेरी सास का पूत, मेरी सास और ननद का भतार ये
बताती हूँ , बताती हूँ अगली पोस्ट में
Thanks so much. And please do read this 100th Post, it is Different. It is a post to be felt from heart.Wow...100 posts...Hearty Congratulations!!
I struggle to write 50 updates...and you have effortlessly completed 100 posts. Bravo!!
komaalrani
Belated merry christmas.![]()
Merry Christmas to all the readers