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Update 43
डॉ रुस्तम कहानी सुना ने के बाद पानी पी रहे थे. और कोमल बेचैनी से उन्हें देख रही थी. पानी पिने के कारण डॉ रुस्तम के गले की गुट्टी ऊपर निचे होते हुए हिल रही थी. जैसे उन्होंने पानी पीना ख़तम किया और कोमल की तरफ देखा. कोमल ने बिलकुल देर नहीं की. तपाक से अपना सवाल कर दिया.
कोमल : उनके साथ हो क्या रहा था??
डॉ : (रुस्तम) अरे बाबा रुको. अभी ख़तम नहीं हुआ. वो दोनों भाई रौनक और राहुल वहां से भाग निकले. वैसे तो वो सही रास्ते पर थे. लेकिन उन्हें इतना होश ही नहीं था. उन्हें तो बस वहां से दूर जाना था. राहुल बाइक चला रहा था. की तभि चलाते चलाते उसे एक मंदिर दिखा. जो उसे आते हुए भी दिखा था. केसरी रंग का वो मंदिर H/मान जी का था. राहुल ने देर नहीं की.
वो सीधा अपनी बाइक उसी मंदिर पर ले गया. की तभि उसके मोबइल पर कॉल आने लगे. राहुल ने देखा की उसके मोबाइल पर बहोत सारे मिस कॉल थे. भावना,पावनी, और रचना तीनो के. उस वक्त जीका कॉल आ रहा था. वो पावनी का था. अब राहुल को लगा की उसने उन दोनों लड़कियों को तो कुछ बताया ही नहीं. वो कॉल पिक करता है.
पावनी : हेलो राहुल तुम हमें छोड़ कर कहा चले गए. यहाँ भावना की मम्मी ने कितना बखेड़ा कर दिया. वो रो रही है. ऐसा क्या किया तुमने.
राहुल : (घबराहट) तुम तुम निकलो वहां से जल्दी..
तभि पावनी के हाथो से भावना की मम्मी ने फोन छीन लिआ.
भावना की मम्मी : बेटा बेटा वापस आ जाओ बेटा. देखो ऐसे पूजा छोड़ के नहीं जाते. नहीं तो अनर्थ हो जाएगा.
राहुल : हम तो भावना पर भरोसा कर के आए थे. पर तुम कुछ गलत कर रही थी. देखो उन लड़कियों को वहां से भेज दो. वरना मै पुलिस मे रिपोर्ट लिखा दूंगा.
भावना की मम्मी : अरे नहीं नहीं बेटा.. ऐसा कुछ....
राहुल ने तुरंत फोन काट दिया. और अपने भाई रौनक को लेकर मंदिर चले गया. वहां एक पुजारी मिले. राहुल ने सारी बाते पुजारी जी को बताई. वहां एक हेडपम्प था. पुजारी ने उन्हें नहाने के लिए कहा. दोनों भाई नहाए. पुजारी कोई तंत्रा नहीं जानता था. उसने सिर्फ चालिसा और आरती की. उनपर पानी छिड़का. और प्रसाद खिलाया. जिस से उनकी दिमागी हालत पर अच्छा असर हुआ. और वो दोनों हॉस्टल वापस आ गए.
डॉ रुस्तम जानते थे की कोमल सवाल पूछना चाहती है. और कोमल ने सवाल तुरंत ही पूछ लिया.
कोमल : और वो दो लड़किया???
डॉ : नहीं उन्हें कुछ नहीं हुआ. वो आराम से उसी वक्त अपने घर वापस आ गई. पर कुछ वक्त तक डिलीद्रता उनके घर भी रही. क्यों की उन्होंने भावना के घर पानी पिया था. और भावना काफ़ी वक्त से उन सब को कुछ ना कुछ खिला रही थी. जिसके कारण उनका पैसो से लेकर घर की सुख शांति पर असर हो रहा था. उनकी पूजा भी मेने ही की थी.
कोमल : (सॉक) उनकी भी मतलब???
डॉ : हा हा उनकी भी मतलब रौनक और राहुल के मम्मी पापा लम्बे अरसे से मेरे क्लाइंट है.
कोमल थोड़ा शारारत से मुस्कुराई. क्यों की काम पैसे लेकर किया जा रहा है. कोई दान पुण्य नहीं. मतलब की डॉ रुस्तम बिजनेस ही कर रहे है. पर इसमें उसे कोई बुराई नहीं लगी. लेकिन कोमल के सवाल तो शुरू हुए थे. ख़तम नहीं. वो तुरंत अगला सवाल पूछ ही लेती है.
कोमल : लेकिन उसने उनपर किया क्या था. और क्यों???
डॉ : वशीकरण का उम्दा तंत्रा सम्मोहन क्रिया. जिस की चपेट मे से निकलना तो लगभग ना मुमकिन ही होता है. और वो सारी क्रिया उस औरत ने सिर्फ अपने बेटे जिसका नाम निशांत था. उसे ठीक करने के लिए किया था. मतलब की वो अपने बेटे की बीमारी रौनक और राहुल मे ट्रांसफर करना चाहती थी. ताकि उसका बेटा ठीक हो जाए.
कोमल : (सॉक) क्या ऐसा भी हो सकता है??
डॉ रुस्तम हस पड़े.
डॉ : (स्माइल) तंत्र मंत्र मे तुम जो सोच नहीं सकती. वो भी हो सकता है. कुछ भी.
कोमल कुछ पल सोच मे पड़ गई. और डॉ रुस्तम कोमल के अगले सवाल का इंतजार कर रहे थे.
कोमल : तो फिर वो बचे कैसे. मतलब की वो राहुल को होश आया था. मतलब की उसका मुँह कड़वा कैसे हुआ.
डॉ : हम्म्म्म... अब जाकर सही सवाल किया है. दरसल उसे उसके पुरखो ने बचाया. उसके पूर्वजो के कारण ही उसकी जान बची.
कोमल : पर कैसे??? यह तो बताओ.
डॉ : राहुल रौनक को लेकर होस्टेल आ गया. और उसने तुरंत ही अपने घर जयपुर कॉल किया. उसने अपने माँ बाप को पूरा किस्सा सुना दिया. वहां उसके माँ बाप ने उसे जयपुर आने को कहा. और मुजे कॉल कर दिया. पर मै बहार था. कही और. इस किए मै दो दिन बाद गया. उनकी मनहूसियत हटाने के लिए मेने हवन भी किया.
तब रौनक और राहुल की माँ के शरीर मे उनके पूर्वज आए. एकदम से उसकी माँ ने बाल खोले. आंखे एकदम लाल. उन्होंने जो नाम बताया. तो पता चला की वो उनके दादाजी के भी दादाजी थे. वो रौनक पर चिल्लाय.
पूर्वज : क्यों गया था उसके घर. तुझे पता है वो कयों ले गई थी तुझे??
रौनक एकदम से रोने लगा. मेने उसके पिता को हिसारा दिया. तो उन्होंने पूछा.
पापा : जी वो कौन थी. और क्या चाहती थी???
पूर्वज : वो रौनक पर मरण कर रही थी. और अपने बेटे की बीमारी रौनक पर डाल रही थी. यह तो राहुल वहां आ गया. वो लढा. मगर उसने भी हार मान ली. मेने उसे बचाया. इसका मुँह कड़वा किया. और इसे होश मे लाया. वो लड़की इसे रोज कुछ खिलाती रहती थी. इसका इलाज करवाओ. नहीं तो यह बहोत बीमार पड़ जाएगा. मरण क्रिया इसपर से छू कर गई.
उसके पूर्वज ने मेरी तरफ देखा. और मुजे बताते मेरी समस्या ख़तम कर दी.
पूर्वज : शाम क्रीमा किया है इसपर.
वो लड़की रोज सब को कुछ खिलाती थी. उसे मंत्रित कर के लाती थी. मेने जब पूजा की तो उन्होंने वोमिटिंग की. सबसे ज्यादा रौनक पर असर था. क्यों की उसे वो ज्यादा खिलाती थी. रौनक की वोमिटिंग मे काले गंदे कीड़े जो गटर मे होते है वो निकले. और वोमिटिंग मे तो इतनी बुरी बदबू आ रही थी. जैसे गटर का पानी निकल रहा हो. उसके बाद मेने राहुल का भी वैसे ही इलाज किया.
उसके अंदर से भी सिर्फ एक कीड़ा निकला. वो दोनों ठीक हो गए. बाद मे उन तीन लड़किया ( पावनी, सुलेखा, और रचना) ने भी मुझसे कॉन्टेक्ट किया. मेने उनका भी इलाज किया. सुलेखा नाम की लड़की पर तो दूसरा भी एक तंत्रा किया था. उसने सुलेखा को रास्ते से हटाने की कोसिस इस किए की. क्यों की वो रौनक को पसंद करती थी.
कोमल : तो यह कोनसी बीमारी है किडो वाली??
डॉ : यह मरण क्रिया की एक ऐसी क्रिया है. जिसमे इंसान को पता भी नहीं चलेगा. और उसके शरीर मे अंदर गंदे कीड़े पनपने लगेंगे. और उसे अंदर से खाने लगेंगे. कुछ 3,4 साल मे वो भयानक बीमारी से मर जाएगा.
कोमल :मरण क्रिया तो बहोत ही ख़तरनाक है.
डॉ : मरण क्रिया सच मे बहोत खरनाक होती है. और यह कई प्रकार की होती है. हांडी,मुठ, मशाल बहोत ही तरीके की होती है.
कोमल : इसमें तो कोई भुत प्रेत की जरुरत ही नहीं. ऐसे ही इंसान को मारा जा सकता है.
डॉ : नहीं ऐसा नहीं है. किसी भी पैरानॉर्मल एनर्जी को सिद्ध कर लो. चाहे कोई प्रेत, पिशाज, कोई पूर्वज या कोई देवी देवता. उन्हें सिद्ध करके ही यह क्रिया की जाती है. इनके तोड़ के बारे मे बाद मे बताऊंगा.
कोमल : तो उस औरत ने किस के जरिये वो किया था. मतलब वो प्रतिमा??? वो कौन से देवता थे???
डॉ रुस्तम हस पड़े.
डॉ : वो कोई देवता नहीं थे. वो किसी के पूर्वज ही थे. या तो उनका परिवार उन्हें पूजता नहीं होगा. या तो पूरा परिवार मर चूका होगा. उस औरत ने उन्हें भोग देना शुरू किया. पूजना शुरू किया. बदले मे वो इनके काम करने लगा. एक प्रेत ही था वो.
कोमल : ओह्हह..
डॉ रुस्तम हसने लगे.
डॉ : (स्माइल) अब बस करो. अगर माई के साथ जाना है तो शाम की तैयारी करो. रात की ट्रैन है तुम्हारी.
कोमल ऐसे कैसे मान जाती.
कोमल : बस लास्ट सवाल. वो गमले क्या चीज थे. मतलब की जरुरत से ज्यादा पानी देना. वगेरा????
डॉ : वो उस प्रेत को पूजने के लिए. उसे खुश करने के लिए बली दे रही थी. मतलब के किसी भी जीव के नवजात शिशु की हत्या. जरुरत से ज्यादा खिला पिलाकर. या फिर भूखा प्यासा रख कर उसे मरने के लिए छोड़ा जाता. जिस से मरने के बाद उस जीव की आत्मा वही रहे. और अपनी जरुरत को पूरा करने के लिए उनके काम करते रहे.
कोमल को यह सुनकर सॉक लगा.
कोमल : (सॉक) क्या?? पर पेड़ पौधों की आत्मा को भी???
डॉ : हार जीव. जिसमे जान होती है. जानवर, पेड़ पौधे. और अगर इंसान का बच्चा मिल जाए तो बहोत कुछ होता है. अब प्लीज अभी कोई सवाल नहीं. पहले जाने की तैयारी करो. क्यों की मुजे भी शाम को ट्रैन पकड़नी है. मुजे भी फ्लाइट नहीं मिल रही.
डॉ रुस्तम की बात पर सभी हसने लगे. और कोमल तुरंत खड़ी होती शारारत से आश्रम के उस रूम की तरफ जाने लगी. वो ज्यादा खुश इस लिए थी. क्यों की दाई माँ उसके घर आ रही थी.