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Fantasy कालदूत(पूर्ण)

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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Sandar update bhai kai sare khulase hue hai or Kai sare hone baki hai vo Chaku kisi ko Marne ke liye nhi tha Vo to apne hero ko btane ke liye tha
 

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भाग १४



राघव अपने ध्यान मैं उस इमारत की आवाजे सुनने की कोशिश कर रहा था, उसे इस जगह पर ये इमारत और ये लोग देख के अचंभा भा था क्युकी उसने नहीं सोचा था की शहर के इस इलाके या यु अकाहे की जंगल की तरफ कोई रह सकता है वो जानना चाहता था की ये लोग कौन है पर उसे क्या पता था की जिन लोगो की तलाश मैं वो निकला है किस्मत उसे वही ले आई है

उस इमारत के उपरी हिस्से मैं एक बहुत ही आलिशान शयनकक्ष बना हुआ था वहा बिस्तर पर एक व्यक्ति चिंता की मुद्रा मैं बैठा हुआ था, लगभग ३५ की उम्र और बलिष्ट शारीर वाला वो व्यक्ति जिसकी दाढ़ी उसकी छाती तक आ रही थी, चेहरा दाढ़ी से ढका हुआ लेकिन बहुत प्रभावशाली था, जीन्स और ढीली ढली बनियान पहने वो व्यक्ति ठोड़ी पर हाथ रखकर किसी गहन चिंतन मैं डूबा हुआ था, घडी की टिक टिक उस शांत कमरे की शांति को भंग कर रही थी तभी उस कमरे मैं एक खबसूरत महिला आई और व्यक्ति की तन्द्रा को उसके कंधे पर हाथ रखकर भंग कर दिया.

सारा-क्या कल की घटना को लेकर अभी तक चिंतित हो?

सुशेन-कल हमारे एक आदमी को पुलिस ने पकड़ लिया

सारा-चिंता मत करो विक्रांत अपना मुह कभी नहीं खोलेगा

सुशेन- मुझे उसकी चिंता नहीं है, मैं जनता हु विक्रांत अपना मुह नहीं खोलेगा मुझेतो एक बात समझ मैं नहीं आ रही है की ये ब्लू हुड वालो को कैसे पता चला की हम उस जगह अंतिम कुर्बानी देने वाले थे?

सारा-हा, पूरा प्लान एकदम सही था, कल के दिन हमने इतनी साडी कुर्बानिय दी और बस एक अंतिम कुर्बानी देनी बची थी लेकिन ब्लू हुड और पुलिस दोनों हमारी लोकेशन जान गए

सुशेन- हमारा एक आदमी अब इंस्पेक्टर रमण की गिरफ्त मैं है

सरह-ये रमण आजकल कुछ ज्यादा ही तंग कर रहा है तुम्हे हनी

सुशेन- इसका भी बंदोबस्त जल्द ही होगा सारा इसे भी भगवान कालदूत के काम मैं रोड़ा बनने की सजा मिलेगी

तभी एक २७ वर्ष का लड़का तेजी से दौड़ते हुए कमरे मैं आया,उसके चेहरे पर चिंता साफ़ झलक रही थी और उसका पूरा चेहरा पसीने से भरा हुआ था

सुशेन(गुस्से से )- क्या है सिद्धार्थ? क्या हुआ जो तुमने दरवाजा खटखटाना जरुरी नहीं समझा

सिद्धार्थ-क्षमा करे लेकिन बात ही कुछ ऐसी है की..

सुशेन-क्या बात है

सिद्धार्थ-हमारे ब्लैक हुड का एक कालसैनिक रमेश जंगल मैं मरा पड़ा मिला है, पुलिस ने लाश बरामद कर ली है

सारा(चौक कर)- क्या! पर उसे कौन मार सकता है?

सुशेन-सामान्य व्यक्ति के लिए रमेश को मारना बड़ा मुश्किल था क्युकी रमेश telekinesis का अच्छा ज्ञाता है

सारा-तो क्या ये ब्लू हुड का काम हो सकता है ?

सुशेन-इशारा तो इसी तरफ है हर चीज़ का, मुझे अपने छोटे भाई से बात करनी होगी

सारा-तुम्हारा भाई शक्ति आखिर ऐसा कर क्यों रहा है? कालदूत की पूजा तो हम सबको मिलकर करनी चाहिए चाहे वो ब्लैक हुड हो या ब्लू हुड, कालदूत हम सबके आराध्य देव है

सुशेन (गहरी सास लेकर)- जैसा की तुम्हे पता है की कालसेना के मुखिया की मृतु होने पर मुखिया के पद के लिए कालसेना के सबसे काबिल सदस्यों के बीच जंग होती है, ये पद हमेशा से मेरे परिवार के पास रहा है क्युकी तंत्र, मंत्र और telekinesis मैं हमसे अच्छा ज्ञाता कोई नहीं है, जब पिताजी की मृतु हुयी तब मैंने भी हर शक्तिशाली कालसैनिक से लड़ कर ये पद जीता है लेकिन मुझे बराबर की चुनौती अगर किसी से मिली तो मेरे खुद भाई से, शक्ति से....लेकिन जब काफी समय तक लड़ते रहने के बाद भी हमारे बीच कोई हल नहीं निकला तो पूरी कालसेना के बीच मतदान कराया गया, उसमे भी ७५% लोगो ने मुझे ही अपना मुखिया चुना लेकिन शक्ति को ये गवारा नहीं हुआ और वो अपने २५% समर्थक लेकर कालसेना से अलग हो गया और तबसे ये कालसेना दो भागो मैं बट गयी...ब्लैक हुड और ब्लू हुड

सारा- एक मिनट! मुझे तो लगा था के ब्लू हुड और ब्लैक हुड को उगम एक साथ हुआ है

सुशेन-नहीं सारा! ब्लैक हुड जो की मुख्या रूप से कालसेना कहा जाता है उसकी स्थापना मेरे महँ पूर्वज बिरजू नाम के एक नाविक ने १००० साल पहले की थी जबकि बलुद हुड अभी ६ साल पहले बना है जिसे मेरे भाई शक्ति ने बनाया है, तुम ये सब बाते नहीं जानती क्युकी तब तुम हमारे साथ नहीं थी बाद मैं आई हो

सिद्धार्थ-तो...आपको लगता है के रमेश को बलौर हुड के लोगो ने मारा है?

सुशेन-मुझे शक्ति से इस बारे मैं बात करनी होगी तभी मैं कुछ कह पाउँगा मुझे उससे मिलना होगा

सारा-पर तुम अकेले नहीं जाओगे सिद्धार्थ भी तुम्हारे साथ जायेगा

सुशेन- ठीक है उसके पहले सिद्धार्थ तुम ब्लू हुड से संपर्क करो और उन्हें मिलने की जगह बताओ

सिद्धार्थ- ठीक है

उसके बाद सिद्धार्थ ने ब्लू हुड के लोगो से फ़ोन पर बात की और उन्हें सुशेन की बताई जगह पर मिलने बुलाया,

राघव जो उस इमारत से कुछ दुरी पर बैठा था उसने अपनी शक्ति के इस्तमाल से ये सारी बाते सुनी थी, राघव ने अनजाने मैं ही कालसेना के मुखिया का पता लगा लिया था साथ ही उसे ये भी पता चल गया था की १००० वर्षो पुराणी इस कालसेना मैं फूट गिरी है, इसके लोग आपस मैं ही एकदूसरे को पसंद नहीं करते और इसका उदहारण भी वो पिछली रात को देख चूका था जब भैक और बलुद हुड के लोगो ने एकदूसरे पर बन्दूक तानी हुयी थी,

अब राघव ने वहा से न हटने की ठान ली वो अब इस कालसेना को पूरी तरह से जानना चाहता था इनकी शक्तियों के बारे मैं पता लगाना चाहता था, कुछ समय बाद राघव को उस घर मैं कुछ हलचल होती दिखी वहा उस घर के बहार कुछ काले रंग की कार आकर खडी हुयी और उसमे एक कालसैनिक कुछ सामान रखने लगा जिसके बाद वो अंदर चला गया, इस वक़्त घर के बहार पहरा देने केवल एक आदमी खड़ा था और वो हर दिशा मैं घूम कर निगरानी कर रहा था, बाकि सब लोगो अंदर बुलाया गया था, अंदर कोई मीटिंग चल रही थी


राघव ने इसी बात का फायदा उठाया और बगैर किसी की नजर मैं आये cctv कैमरे से बचते हुए वो एक कार की डिक्की मैं जाकर छिप गया, कुछ समय बाद कुछ कालसैनिक आकर उस गाड़ी मैं बैठे और मीटिंग वाली जगह की और निकल गए.....
nice update
 

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भाग १५

सुशेन सिद्धार्ट को साथ लेकर अपनी कार से अपने भाई शक्ति से मिलने निकल गया

सिद्धार्थ- सर क्या आपको सचमे लगता है के रमेश को मारने मैं ब्लू हुड वालो का हाथ है

सुशेन- कभी कभी जो हम सोचते है वो सही नहीं होता सिद्धार्थ, मैं ये नहीं कहता की मेरा भाई ऐसा नहीं कर सकता मगर मेरी चिंता का विषय शक्ति नहीं है, जितना मैं मेरे भाई को जानता हु उस हिसाब से शक्ति ने अगर रमेश को मारा होता तो वो ये काम छिपकर नहीं करता बल्कि बता कर करता, शक्ति कायर नहीं,

सिद्धार्थ-तो आपके हिसाब से ये काम ब्लू हुड का नहीं है

सुशेन-हम सिर्फ चीजों का अनुमान लगा सकते है सिद्धार्थ और मेरा यकीं करो अगर रमेश की हत्या मैं कही भी ब्लू हुड शामिल रहा तो मैं शक्ति समेत सरे ब्लू हुड को ख़तम कर दूंगा, पर फिलहाल मुझे एक और बात ने परेशां किया हुआ है

सिद्धार्थ-किस बात ने?

सुशेन-बात ऐसी है की सिर्फ रमेश ही नहीं मरा है और भी कई लोग मरे है..

सिद्धार्थ- क्या?कौन? कैसे?

सुशेन- ये कालसेना काफी बडी है सिद्धार्थ, हमारे लोग साडी दुनिया मैं मौजूद है और कालदूत की भक्ति करते है, कालसेना के मुखिया को एक शक्ति विरासत मैं मिलती है....चुकी अभी मैं इस कालसेना का मुखिया हु तो हर कालसैनिक प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से मेरी मानसिक तरंगो से जुडा हुआ है और मेरे जरिये भगवन कालदूत से फिर वो चाहे ब्लैक हुड हो या ब्लू हुड, कालदूत हमें इसी माध्यम से शक्तिया प्रदान करते है, पिछले कुछ दिनों मैं मैंने अपनी इन मानसिक तरंगो मैं थोड़ी कमी महसूस की है, जब मैंने इसकी छानबीन की तोमैने पाया की हमारे कई कालसैनिक दुनिया के अलग अलग कोनो मैं मरे पाए गए है, पिछले कुछ दिनों मैं हमने जितनी भी बलिया दी है उससे कई ज्यादा अपने लोगो को खोया है, कोई तो है जो सालो से छिपी हमारी कालसेना से बारे मैं जानता है और हमपर पीछे से वार कर रहा है ताकि हमें कमजोर कर सके और उसका यु छिपा होना ही मेरे लिए सबसे बडी चिंता का विषय है....

सिद्धार्थ-ये तो काफी गंभीर बात है

सुशेन-इसीलिए मैं शक्ति से मिलना चाहता हु ताकि आपसी मतभेद मिटा कर कालसेना को और भी मजबूत कर सकू.....

डिक्की मैं छुपा राघव सुशेन और सिद्धार्थ की बाते सुन रहा था, उसे सुशेन की बाते सुन कर आश्चर्य और ख़ुशी हो रही थी...आश्चर्य इस बात का की जहा उसे कालसेना और कालदूत के बारे मैं कुछ ही दिन पहले पता चला था वही इस दुनिया मैं कोई ऐसा था जो स कालसेना से मुकाबला कर रहा था और उसके लोगो को मार भी रहा था और ख़ुशी इस बात की की इस लडाई मैं वो अकेला नहीं था, उसके दादाजी की लिखी बात उसे याद आ गयी की इस लडाई मैं उसे और भी लोगो की जरुरत होगी और शायद ये वही लोग थे जिनके बारे मैं सुशेन बात कर रहा था.....

कुछ समय बाद....

शहर के बाहर एक सुनसान इलाके मैं सन्नाटे को चीरती हुयी सफ़ेद रंग और काले रंग की गाडिया आमने सामने जा खड़ी हुई, काले रंग की गाड़ी से सुशेन और सिद्धार्थ निकले और सफ़ेद रंग की गाड़ी से शक्ति जो की सिद्धार्थ की ही उम्र का था, बाहर आया, राघव अब भी गाड़ी की डिक्की मैं छिपा हुआ था, वो सुन सब सकता था पर किसी को देख नहीं सकता था,

शक्ति- बहुत दिनों बाद मिले बड़े भाई

सुशेन-तुमने ऐसा क्यों किया शक्ति? तुमने रमेश को क्यों मारा?

शक्ति(हतप्रभ होकर)- क्या? मैंने किसी को नहीं मारा!

सुशेन(क्रोध मैं)- बहुत हुआ! पहले तुम्हारे लोगो ने कब्रिस्तान मैं आखरी कुर्बानी होने नहीं दी फिर तुम्हारी वजह से मेरा एक आदमी विक्रांत पुलिस कस्टडी मैं है और अब ये क़त्ल!

शक्ति- क्या बकवास कर रहे हो भाई, तुम अच्छी तरह जानते हो शक्ति जो भी करता है डंके की चोट पर करता है ऐसे कायरो की तरह छिप कर वार नहीं करता और हा वो आखरी कुर्बानी जिसकी तुम बात कर रहे हो वो मेरा ही आदमी था...संतोष!

सुशेन-क्या?

सुशेन की तरह राघव भी इस बात से काफी हैरान हो गया था....

शक्ति-हा, दरअसल लगातार हो रहे अपहरणों और हत्याओ की वजह से पुलिस ने जगह जगह घेराबंदी कर राखी थी इसीलिए मैंने संतोष को अपने किसी जान पहचान वाले को कुर्बानी के लिए लाने कहा क्युकी उसकी मौत से इतना हल्ला भी नहीं मचता लेकिन मेरे कुछ करने से पहले ही तुम्हारे आदमी विक्रांत ने जाकर दोनों को पकड़ लिया, रोहित को तो उसने मार दिया लेकिन किस्मत से संतोष बच गया, हम कुछ करते इससे पहले ही उस इंस्पेक्टर ने उसे बचा लिया

सुशेन- पर तुमको कैसे पता चला की हमने रोहित और संतोष को कहा रखा है

शक्ति-विक्रांत की बीवी हमारे ब्लू हुड की मेम्बर है

सुशेन- या? मतलब तुम्हे नंदिनी के जरिये विक्रांत और हमारी सारी गुप्त खबरे मिलती थी

शक्ति- सारी तो नहीं लेकिन थोडा बहुत पता चल ही जाता था, जब विक्रांत का अचानक राजनगर आने का प्लान बना तभी नंदिनी ने हमको सतर्क कर दिया था, दरअसल विक्रांत और नंदिनी अपने आपसी रिश्ते के कारन बहुत परेशां थे और कई बार बात तलाक तक पहुच चुकी थी, जब तुमने विक्रांत को ब्लैक हुड मैं शमिल किया तभी मैंने नंदिनी को ब्लू हुड का सदस्य बनाया, इसके लिए मुझे ज्यादा म्हणत भी नहीं करनी पड़ी, नंदिनी जानती थी की विक्रांत ब्लैक हुड का मेम्बर है जबकि विक्रांत नंदिनी की सच्चाई के बारे मैं अनजान था, एक ही छत के निचे दो अलग अलग दलों के सदस्य रह रहे थे और जहा तक बात पुलिस की है तो तुम्हारा आदमी विक्रांत अपनी मुर्खता की वजह से पकड़ा गया है

सुशेन- लेकिन.....

सुशेन कुछ बोलता तभी अचानक शक्ति का फ़ोन बजा, उसने फ़ोन उठाया लेकिन कुछ सुनने के बाद एकदम हैरान रह गया

सुशेन-क्या हुआ?

शक्ति- मेरे दो लोगो को किसी ने एक पेड़ पर फासी से तांग दिया है

सुशेन-ये सब आखिर हो क्या रहा है? हम कालसेना है हमें मारने की हिम्मत किसमे आ गयी वो भी इतना चोरी छिपे और इतनी सफाई के साथ?

शक्ति-लोगो को मारते वक़्त कभी ये ख्याल आया ही नहीं की हम भी मारे जा सकते है, हमें लगने लगा था की कालदूत के भक्त होने के कारन हम अभेद्द है लेकिन अब इस बात पर मुझे संशय होने लगा है

सुशेन-किसी भी प्रकार के संशय मैं मत रहो छोटे भाई, कालदूत के भक्त भले ही संख्या मैं कम हो लेकिन सबसे शक्तिशाली थे और सबसे शक्तिशाली रहेंगे, हमारे दल के कुछ लोग मरे गए इसका ये अर्थ नहीं की पूरी कालसेना कमजोर है, ये जो कोई भी है इसे अपने किये की भरी कीमत चुकानी पड़ेगी, हमारे बिच मतभेद हो सकते है लेकिन किसी भी बाहरी समस्या से लड़ने के लिए हमें एकजुट हो जाना चाहिए

शक्ति-सही कहा तुमने भाई, आखरी कुर्बानी कोई भी दे बस कालदूत का जागना आवश्यक है, अभी मैं चलता हु कुछ होगा तो खबर कर दूंगा

सुशेन- ठीक है

शक्ति अपनी सफ़ेद गाडी मैं बैठकर निकल गया और सुशेन भी अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ा ही था की तभी अचानक उसके कानो को हवा मैं एक तेज सरसराहट की आवाज सुने दी, उसने देखा की एक तेज धार चाकू गाड़ी के पास खड़े असावधान सिद्धार्थ की ओर तेजी से बढ रहा है, सुशेन ने तुरंत अपना हाथ उठाया और telekinesis द्वारा उस चाकू को हवा मैं ही रोक दिया फिर सुशेन और सिद्धार्थ दौड़ कर उस दिशा मैं गए जहा से चाकू आया था पर वहा उन्हें कोई नहीं मिला जिसके बाद वो वापिस गाड़ी के पास आये

सुशेन-तुम ठीक हो न लड़के?

सिद्धार्थ-ज..जी,, ये चाकू मैं कुछ लगा है?

तब सुशेन का ध्यान गया की चाकू मैं एक छोटा कागज का टुकड़ा लगा हुआ है, उसने चाकू उठाकर कागज का टुकड़ा उसकी नोक से बाहर निकाला, उसपर लिखा था “दो घंटे मे हीरालाल रेस्टोरंट आ जाओ, जिसे तुम धुंध रहे हो वो मैं ही हु” ये पढ़ते ही सुशेन की आँखें क्रोध से लाल हो गयी

सिद्धार्थ-क्या हुआ?

सुशेन-उसकी इतनी हिम्मत? मेरे लोगो को मारकर मुझे ही रेस्टोरंट मैं बुलाता है

सिद्धार्थ-कौन है ये?

सुशेन-वही, ब्लैक और ब्लू हुड के लोगो का कातिल

सिद्धार्थ-मैं चलता हु आपके साथ

सुशेन-नहीं तुम वापस जाओ मैं अकेले जाऊंगा

सिद्धार्थ-लेकिन सर....

सुशेन-मैंने कहा न जाओ मुझे कुछ नहीं होगा, जाओ...


सिद्धार्थ चला गया और सुशेन गाड़ी लेकर हीरालाल रेस्टोरेंट की तरफ बढ़ गया और उसकी के साथ राघव भी......
nice superb update
 
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