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UPDATE -1
आमतौर पर, लखनऊ सिटी में, अमीनाबाग सबसे अधिक भीड़-भाड़ वाला इलाका है। पर, आज सड़क पूरी तरह से शांत थी। एक कार भी नहीं दिख रही थी वहां। यह चौकाने वाला था। 8:50 बजे, एक काले रंग की बुगाती स्पोर्ट्स कार अचानक दिखाई दी। कार के सामने लाल और चमकदार फूल "अनन्त प्रेम" शादी का इन्विटेशन दे रहे थे। बुगाटी के पीछे लग्जरी स्पोर्ट्स कारों की लंबी कतार थी।
बीच सड़क पर खड़ी स्पोर्ट्स कार को देखने के लिए सड़क के दोनों ओर लोगो की भीड़ लग गई थी। लोग तरह तरह की बाते करने लगे हालाँकि, वे सभी उन कारों को एक टक घूरते रहे, कहीं उनकी एक नज़र न छूट जाए। आख़िरकार, ऐसा बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया प्रदर्शन लोगो को मुश्किल से ही देखने को मिलता है।
हर कोई जानता था कि आज सिंघानिया परिवार के दूसरे बेटे, रोहित और शाह परिवार की दूसरी बेटी आराध्या की शादी का दिन था। इस कारण, अमीर और दबंग सिंघानिया परिवार की सुविधा के लिए, लखनऊ सिटी के यातायात को सीमित करने के लिए एक पूरी सड़क को खाली करा दिया था। सिंघानिया परिवार लखनऊ शहर के सबसे धनी परिवारों में से एक था। उनके व्यवसाय में सभी पहलू शामिल थे, चाहे वह संस्कृति, इंटरनेट या वित्त हो। दूसरी ओर, शाह परिवार घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रसिद्ध एक ज्वेलरी परिवार था। शीर्ष लक्ज़री ज्वेलरी ब्रांड "क्राउन फॉर लव", शाह परिवार का व्यवसाय था।
ऐसे दो बड़े परिवारों के बीच विवाह स्वाभाविक रूप से आकर्षक था। बुगाटी के पीछे लगभग सौ स्पोर्ट्स कारें, धीरे-धीरे सनराइज एवेन्यू से चली। कारे लखनऊ के नगरपालिका भवन और व्यापार भवन को पार करते हुए अंत में, कारें लखनऊ के सबसे प्रसिद्ध हयात होटल के सामने रुक गईं। होटल की लॉबी से लेकर सड़क तक फैला सौ फुट लंबा रेड कार्पेट।
बुगाटी स्पोर्ट्स कार से एक युवक बाहर निकला। रूखे काले बाल, मोटी काली भौहें, और दो स्याही जैसी काली आंखें उसके सुंदर और तेजतर्रार चेहरे पर जड़ी हुई थीं। उसकी आँखो की पुतली गहरी थी, और उसकी नाक ऊँची थी। उसकी संपूर्णता के बीच, उसके पतले होंठ थे। इस आदमी चेहरा इतना सुंदर था जो केवल चित्रों में ही मौजूद हो सकता था। हालांकि उनके चेहरे के भाव फीके थे। पर रोहित वास्तव में अच्छे मूड में था। आखिरकार, वह प्रेमिका आराध्या से शादी करने जा रहा था।
जो लोग जहां थे वहीं रुक गए और उत्सुकता से देखने लगे कि सुंदर आदमी स्पोर्ट्स कार के दाईं ओर चला और अपनी दुल्हन का हाथ पकड़ लिया। दुल्हन एक सुंदर लाल गुलाब की तरह थी, लंबी और सुंदर। उसने शानदार कढ़ाई वाली शादी की पोशाक पहनी हुई थी। दुल्हन के चलते ही रेड कार्पेट पर लंबी लेस वाली स्कर्ट लहरा रही थी। युवती अत्यंत सुंदर थी, और उसके काले बाल ऊँचे बंधे हुए थे। इस तरह, वह अपने इयर पर हल्के बैंगनी रंग के झुमके और अपने गले में गहरे बैंगनी रंग के हीरे के हार को पूरी तरह से दिखा सकती थी।
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यह बैंगनी हार "क्राउन फॉर लव" की सबसे अच्छी डिजाइन में से एक थी। यह "क्राउन फॉर लव" के संस्थापक विष्णु प्रसाद की गौरवपूर्ण डिजाइन थी। यदि इस हार को पहन कर किसी का विवाह हो जाए तो विवाह गौरवशाली होता है।
जैसे ही रोहित और दुल्हन ने हयात होटल में प्रवेश किया, लोगों की कतारें उनके पीछे-पीछे चल पड़ीं । शादी हयात होटल के आउटडोर लॉन में हो रही थी। जैसे ही वह पुजारी के सामने मंडप पे बैठी, दुल्हन के गाल शर्म से लाल हो गए। उस समय, उसकी सुंदरता देखने लायक थी। गुलाबी गुलाब की तरह, नाजुक और प्यारी थी।
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यह एक छोटा, नम और टूटा फूटा घर था। घर में बिस्तर या सोफा भी नहीं था, लेकिन इसमें एक शौचालय और दीवार पर एक छोटा सा tv लगा हुआ था।
खिड़की से लटका एक गंदा पर्दा। खिड़की को कीलों से बंद कर दिया गया था, लेकिन पर्दा थोड़ा हिल रहा था। यह हवा के कारण नहीं था, बल्कि एक महिला के कारण था जो अपने घुटनों के चारों ओर अपनी बाहों के साथ पर्दे के नीचे बैठी थी।
देखने पर पता चलता है कि महिला के दाहिने हाथ और दाहिने पैर में लोहे की जंजीर है। चेन करीब तीन से चार मीटर लंबी थी, जिससे वह सिर्फ शौचालय तक जा सकती थी, लेकिन दरवाजे तक नहीं पहुंच पाती थी। महिला की ड्रेस अलग-अलग रंग की थी और उसके पैरों पर चोट के निशान दिख रहे थे। उसकी ठुड्डी उसके घुटनों पर टिकी हुई थी। उसने अपना सिर उठाया, उसके पतले, पीले चेहरे और लाल आँखे निराशा से भरी हुई थी। जब उसने टीवी पर ये सीन देखा तो उसकी आंखों से आंसू छलक पड़े।
वह टेलीविजन पर देखती है उनको फेरे लेते हुए मांग में सिंदूर डालते हुए और मंगलसूत्र पहनते हुए।" इसी दौरान जंजीर में जकड़ी महिला ने मुंह खोल दिया। उसके होंठ दो बार अलग हो गए। उसने जो कहा वह ये था- "मैं करूंगी तुमसे शादी।"
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उसने बस वहां से सूरज को उगते और चाँद को निकलते देखा। दिन-ब-दिन चेहरा पतला और पतला होता गया; उसका सुंदर शरीर पर अब सिर्फ मांस और हड्डियां ही दिख रही थी । धीरे-धीरे उसकी आँखे निराशा में बदल गई।
काफी मशक्कत के बाद आखिरकार बंद घर का दरवाजा खुला। दरवाजे की आवाज सुनकर, उसने अपनी आँखें खोलीं। कमरे में रोशनी चमक रही थी, जो बता रही थी कि रात हो गई है। उसकी धुंधली आंखों में, रोशनी के बीच लंबी पोशाक में एक सुंदर लड़की चल रही थी। जैसे-जैसे वह उसके करीब आती गई, उसके हाथ में एक बॉक्स जैसा दिखा; यह पता नहीं था कि अंदर क्या था।
जैसे ही वह बैठी, उसकी लंबी उंगलियों ने उसके चेहरे पर गिरने वाले लंबे बालों को हटा दिया, जब उसने देखा कि वह सुंदर महिला सिंघानिया परिवार की युवा मालकिन, आराध्या थी, जिसने कुछ महीने पहले ही रोहित सिंघानिया से शादी की थी!
यह चेहरा देखकर जमीन पर पड़ी महिला पीछे हट गई। वह उससे डरती थी!उसने अपनी लंबी उँगलियाँ फैलाकर उस ओरत की ठुद्दी ऊपर उठाई। "मेरी अच्छी बहन, मैंने तुम्हें 6 महीने से नहीं देखा है। क्या तुमने मुझे याद किया?" जमीन पर पड़ी महिला बोल नहीं रही थी, लेकिन उसका शरीर कांप रहा था।
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