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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

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Rekha rani

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#4
चैपटर-2
23 दि सम्बर 2001, रविवार, 22:30; “सुप्रीम”

कैप्टन सुयश को वायरलेस रूम में प्रवेश करते देख, ऑपरेटर ने ईयरपीस कान से हटाकर, अपनी कुर्सी से खड़ा हो गया ।

“कैप्टन! आपके लिए न्यूयॉर्क बंदरगाह से कोई मैसेज है।“ ऑपरेटर ने कैप्टन सुयश को देखते हुए कहा । कैप्टेन सुयश तुरंत ऑपरेटिंग कुर्सी पर बैठते हुए, ऑपरेटर से ईयरपीस लेकर अपने कानों पर चढ़ा लिया ।

“हैलो -हैलो ! सुप्रीम कॉलिंग डेल्टास्टार।“ कैप्टेन सुयश ने कहा ।

“डेल्टास्टार कॉलिंग सुप्रीम।“ इयरपीस पर उधर से आती हुई एक महीन सी आवाज सुनाई दी-

“हम आपकी आवाज सुन रहे हैं। क्या आप कैप्टन सुयश बोल रहे हैं? ओवर!“

“यस! मैं सुप्रीम से कैप्टन सुयश बोल रहा हूं। ओवर!“

“कैप्टेन! मैं न्यूयॉर्क के बंदरगाह से बोल रहा हूं। अभी-अभी हमें इंटरपोल द्वारा विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है, कि आपके शिप पर कुछ खतरनाक अपराधी भी सफर कर रहे हैं। उनके पास खतरनाक हथियार भी हो सकते हैं। इसलिए इंटरपोल ने हमें तुरंत आपको यह मैसेज भेजने के लिए कहा है। ओवर!“

“खतरनाक अपराधी !“ कैप्टेन सुयश आश्चर्य से भर उठा- “वो भी खतरनाक हथियार के साथ। कैप्टन सुयश ने 1 सेकेंड रुक कर फिर कहा-

“क्या आप हमें बता सकते हैं? कि वह संख्या में कितने हैं? या वह दिखने में कैसे हैं? या फिर कोई उनकी ऐसी पहचान, जो उन को पकड़वाने में मदद कर सके? ओवर!“

“हमें अभी तक इस तरह की कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है।“ उधर से आवाज आयी- “वो एक से लेकर दस तक की संख्या में भी हो सकते हैं। वह आदमी या औरत में भी हो सकते हैं। ओवर!“

“तो फिर हम इतनी भीड़ में उन्हें पहचानेंगे कैसे?“ कैप्टन सुयश ने व्यग्र स्वर में कहा- “ओवर!“

“हमें तो जितना पता था, उतना हमने बता दिया। आगे जैसे ही हमें इंटरपोल से कोई अन्य मैसेज मिलेगा, हम आपको जरूर बताएंगे। आगे हम इतना ही कह सकते हैं, कि यदि आप उन्हें पहचान कर पकड़ने में कामयाब हो जाते हैं, तो फिर अगले स्टॉपेज पर उन्हें इंटरपोल के हवाले कर दीजिएगा ।“ कुछ क्षण रुककर उधर से पुनः आवाज आई-

“आपको और कोई सवाल पूछना है? ओवर!“

“नहीं ! ओवर एण्ड आउट।“ इतना कहकर कैप्टन सुयश ने संबंध विच्छेद कर दिया । तभी पास में खड़े असिस्टेंट कैप्टन रोजर, जोनाजा ने कब आकर पीछे खड़ा हो गया था, और इतनी देर से उनकी आधी अधूरी बातें सुन रहा था, उसने पूछ लिया -

“क्या बात है कैप्टन? आप कुछ परेशान से दिख रहें हैं। क्या बात हुई? सब ठीक तो है ना ?“ कैप्टन सुयश ने रोजर की बात अनसुनी कर, वायरलेस रूम से बाहर निकलते हुए कहा-

“सिक्योरिटी इंचार्ज लारा को लेकर तुरंत मेरे केबिन में आओ रोजर।“

23 दिसम्बर 2001, रविवार, 23:15; “सुप्रीम”

इस समय असिस्टेंट कैप्टन रोजर व सिक्योरिटी इंचार्ज लारा, दोनों ही कैप्टन सुयश के सामने बैठे थे।

“मैं आप लोगों से वायरलेस पर हुई सारी बातें बता चुका हूं।“ सुयश ने चिंतित स्वर में रोजर व लारा की तरफ देखते हुए कहा- “अब आप ही बताइए, कि इतने बड़े शिप पर अपराधियों को कैसे ढूंढा जा सकता है?“

कुछ क्षणों के लिए तीनों के बीच सन्नाटा छा गया। इस लंबे खिंच रहे सन्नाटे को तोड़ा , रोजर की आवाज ने-

“कैप्टन! सबसे पहले हमें अपराधी को पहचानने के लिए, कोई प्लान बनाना होगा । क्यों कि ऐसे तो शिप में कुल 2700 यात्री सफर कर रहे हैं। अब इसमें से किसी विशेष व्यक्ति की पहचान कर पाना बिल्कुल असंभव है। और वह भी तब जबकि हमें उसके बारे में कुछ ना पता हो।“

“यही तो मैं भी कहना चाहता हूं।“ सुयश ने चिंतित स्वर में उठकर चहल कदमी करते हुए कहा -

“पर, प्लान क्या बनाएं?“ पुनः कमरे में एक तीव्र सन्नाटा व्याप्त हो गया। घड़ी की सुईयों की तरह टक-टक करता हुआ, सभी का दिमाग तेजी से चल रहा था। पुनः रोजर की आवाज ने सन्नाटे को तोड़ा-

“कैप्टन! सबसे पहले हमें यह पता लगाना होगा कि अपराधियों की संख्या कितनी है?“

“मैं कहता हूं कि अपराधियों की संख्या 5 है।“ लारा ने रोजर को देखते हुए कहा- “लेकिन इससे क्या फर्क पड़ता है। सबसे बड़ी प्रॉब्लम तो अपराधी का पता लगाने की है, ना कि उनकी संख्या जानने की।“

“फर्क पड़ता है।“ रोजर ने अपने शब्दों पर जोर देते हुए कहा- “क्यों कि, यदि अपराधी ज्यादा संख्या में है, तो वह सारे एक जगह पर कमरे नहीं लिए होंगे। और ना ही वह ग्रुप में बैठते होंगे।“

“क्या कहना चाहते हैं आप?“ सुयश ने रोजर की ओर देखते हुए कहा ।

“कहने का मतलब यह है कैप्टन कि सबसे पहले इतने बड़े शिप में हमें ग्रुप बनाने होंगे। कि कौन सा व्यक्ति अपराधी हो सकता है? और कौन नहीं । ग्रुप से मेरा मतलब यह है, कि यदि कोई आदमी अपने बच्चों के साथ सफर कर रहा है। तो हमारी समझ से वह अपराधी नहीं हो सकता। इसलिए उसे हम अपने ग्रुप से बाहर कर देंगे और हम उसे नहीं चेक करेंगे।“

“वेरी गुड!“ सुयश ने रोजर की तारीफ करते हुए कहा- “अच्छा, अब हमने उन आदमियों को अपने ग्रुप से बाहर करना है, जो ग्रुप बना कर बैठते हैं, क्यों कि अपराधी कभी ग्रुप में नहीं बैठेगा।“

“बिल्कुल ठीक कैप्टन।“ रोजर खुशी से बोला- “यही तो मैं कहना चाह रहा था। अब हम बिल्कुल सही लाइन पर बढ़ रहे हैं।“

“जिनके साथ बूढ़ी महिलाएं हैं, गौरतलब है सिर्फ बूढ़ी महिलाएं।“ लारा ने महिला शब्द पर ज्यादा जोर देते हुए कहा-

“क्यों कि बूढ़ा आदमी तो अपराधी हो सकता है, पर बूढ़ी महिला नहीं। ऐसे लोगों को भी हमें अपने ग्रुप से बाहर कर देंगे।“

“अब हमें कोई ऐसी निशानी ढूंढनी है, जो साधारण आदमी में तो आसानी से ना मिलती हो पर हर अपराधी में पाई जाती हो।“ सुयश ने दिमाग पर जोर डालते हुए, रोजर व लारा की तरफ देखते हुए कहा। एक बार फिर केबिन में सन्नाटा छा गया । सभी अपने-अपने दिमाग का पूरा इस्तेमाल कर रहे थे। पुनः रोजर ने अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय दिया-

“सर! सारे अपराधी हथियार चलाना जानते हैं। पर सारे यात्री हथियार नहीं चला सकते।“

“मार्वलश!“ सुयश की आंखों में यकायक जैसे हजार वाट का बल्ब जल गया हो। लारा की आंखों में भी रोजर के लिए प्रशंसा के भाव थे।

“लेकिन सर!“ लारा के शब्दों में व्यग्रता झलक रही थी-

“यह कैसे पता करेंगे? कि कौन सा यात्री हथियार चला लेता है? और कौन नहीं ?“

“यह पता करना तो बहुत आसान है।“ सुयश ने लारा को देखते हुए कहा-

“हम शिप पर एक निशाने बाजी की प्रतियोगिता रखेंगे। सभी लोगों से यह कह दिया जाएगा, कि यह मात्र मनोरंजन के लिए है। जिसको-जिसको निशानेबाजी का शौक है। वह हमारी इस प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। और मेरा यह दावा है कि जो भी अपराधी शिप में है, वह इस प्रतियोगिता में भाग अवश्य लेगा। लेकिन परेशानी यह है, कि अगर वह पूछेंगे कि यह प्रतियोगिता किस उपलक्ष में की जा रही है, तो उन्हें हम क्या जवाब देंगे।“

“तो इसमें सोचने वाली क्या बात है?“ लारा ने कहा- “आज 23 दिसंबर है। आज से ठीक 2 दिन बाद क्रिसमस का त्यौहार है। सभी लोग उसकी पार्टी तो मनाएंगे ही .... इसी में हम प्रतियोगिता भी करा देंगे।“

“तो बिल्कुल फाइनल रहा।“ सुयश ने ’थम्बस-अप’ की स्टाइल में अपनी मुट्ठी को बंद कर, अंगूठा ऊपर करते हुए, जोरदार झटके से हाथ हिलाया-

“कल मैं सभी लोगों को यह अनाउंस कर दूंगा। और हां लारा तुम अपनी सिक्योरिटी के सभी आदमियों को अलर्ट कर दो कि वह सभी यात्रियों पर कड़ी नजर रखें।“

इतना कहकर सुयश ने अपनी इस छोटी सी मीटिंग का समापन किया। रोजर व लारा भी चुपचाप कमरे से निकल गए।





जारी रहेगा…….... :writing:
Awesome update
 

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23 दि सम्बर 2001, रविवार, 22:30; “सुप्रीम”

कैप्टन सुयश को वायरलेस रूम में प्रवेश करते देख, ऑपरेटर ने ईयरपीस कान से हटाकर, अपनी कुर्सी से खड़ा हो गया ।

“कैप्टन! आपके लिए न्यूयॉर्क बंदरगाह से कोई मैसेज है।“ ऑपरेटर ने कैप्टन सुयश को देखते हुए कहा । कैप्टेन सुयश तुरंत ऑपरेटिंग कुर्सी पर बैठते हुए, ऑपरेटर से ईयरपीस लेकर अपने कानों पर चढ़ा लिया ।

“हैलो -हैलो ! सुप्रीम कॉलिंग डेल्टास्टार।“ कैप्टेन सुयश ने कहा ।

“डेल्टास्टार कॉलिंग सुप्रीम।“ इयरपीस पर उधर से आती हुई एक महीन सी आवाज सुनाई दी-

“हम आपकी आवाज सुन रहे हैं। क्या आप कैप्टन सुयश बोल रहे हैं? ओवर!“

“यस! मैं सुप्रीम से कैप्टन सुयश बोल रहा हूं। ओवर!“

“कैप्टेन! मैं न्यूयॉर्क के बंदरगाह से बोल रहा हूं। अभी-अभी हमें इंटरपोल द्वारा विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है, कि आपके शिप पर कुछ खतरनाक अपराधी भी सफर कर रहे हैं। उनके पास खतरनाक हथियार भी हो सकते हैं। इसलिए इंटरपोल ने हमें तुरंत आपको यह मैसेज भेजने के लिए कहा है। ओवर!“

“खतरनाक अपराधी !“ कैप्टेन सुयश आश्चर्य से भर उठा- “वो भी खतरनाक हथियार के साथ। कैप्टन सुयश ने 1 सेकेंड रुक कर फिर कहा-

“क्या आप हमें बता सकते हैं? कि वह संख्या में कितने हैं? या वह दिखने में कैसे हैं? या फिर कोई उनकी ऐसी पहचान, जो उन को पकड़वाने में मदद कर सके? ओवर!“

“हमें अभी तक इस तरह की कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है।“ उधर से आवाज आयी- “वो एक से लेकर दस तक की संख्या में भी हो सकते हैं। वह आदमी या औरत में भी हो सकते हैं। ओवर!“

“तो फिर हम इतनी भीड़ में उन्हें पहचानेंगे कैसे?“ कैप्टन सुयश ने व्यग्र स्वर में कहा- “ओवर!“

“हमें तो जितना पता था, उतना हमने बता दिया। आगे जैसे ही हमें इंटरपोल से कोई अन्य मैसेज मिलेगा, हम आपको जरूर बताएंगे। आगे हम इतना ही कह सकते हैं, कि यदि आप उन्हें पहचान कर पकड़ने में कामयाब हो जाते हैं, तो फिर अगले स्टॉपेज पर उन्हें इंटरपोल के हवाले कर दीजिएगा ।“ कुछ क्षण रुककर उधर से पुनः आवाज आई-

“आपको और कोई सवाल पूछना है? ओवर!“

“नहीं ! ओवर एण्ड आउट।“ इतना कहकर कैप्टन सुयश ने संबंध विच्छेद कर दिया । तभी पास में खड़े असिस्टेंट कैप्टन रोजर, जोनाजा ने कब आकर पीछे खड़ा हो गया था, और इतनी देर से उनकी आधी अधूरी बातें सुन रहा था, उसने पूछ लिया -

“क्या बात है कैप्टन? आप कुछ परेशान से दिख रहें हैं। क्या बात हुई? सब ठीक तो है ना ?“ कैप्टन सुयश ने रोजर की बात अनसुनी कर, वायरलेस रूम से बाहर निकलते हुए कहा-

“सिक्योरिटी इंचार्ज लारा को लेकर तुरंत मेरे केबिन में आओ रोजर।“

23 दिसम्बर 2001, रविवार, 23:15; “सुप्रीम”

इस समय असिस्टेंट कैप्टन रोजर व सिक्योरिटी इंचार्ज लारा, दोनों ही कैप्टन सुयश के सामने बैठे थे।

“मैं आप लोगों से वायरलेस पर हुई सारी बातें बता चुका हूं।“ सुयश ने चिंतित स्वर में रोजर व लारा की तरफ देखते हुए कहा- “अब आप ही बताइए, कि इतने बड़े शिप पर अपराधियों को कैसे ढूंढा जा सकता है?“

कुछ क्षणों के लिए तीनों के बीच सन्नाटा छा गया। इस लंबे खिंच रहे सन्नाटे को तोड़ा , रोजर की आवाज ने-

“कैप्टन! सबसे पहले हमें अपराधी को पहचानने के लिए, कोई प्लान बनाना होगा । क्यों कि ऐसे तो शिप में कुल 2700 यात्री सफर कर रहे हैं। अब इसमें से किसी विशेष व्यक्ति की पहचान कर पाना बिल्कुल असंभव है। और वह भी तब जबकि हमें उसके बारे में कुछ ना पता हो।“

“यही तो मैं भी कहना चाहता हूं।“ सुयश ने चिंतित स्वर में उठकर चहल कदमी करते हुए कहा -

“पर, प्लान क्या बनाएं?“ पुनः कमरे में एक तीव्र सन्नाटा व्याप्त हो गया। घड़ी की सुईयों की तरह टक-टक करता हुआ, सभी का दिमाग तेजी से चल रहा था। पुनः रोजर की आवाज ने सन्नाटे को तोड़ा-


“कैप्टन! सबसे पहले हमें यह पता लगाना होगा कि अपराधियों की संख्या कितनी है?“

“मैं कहता हूं कि अपराधियों की संख्या 5 है।“ लारा ने रोजर को देखते हुए कहा- “लेकिन इससे क्या फर्क पड़ता है। सबसे बड़ी प्रॉब्लम तो अपराधी का पता लगाने की है, ना कि उनकी संख्या जानने की।“

“फर्क पड़ता है।“ रोजर ने अपने शब्दों पर जोर देते हुए कहा- “क्यों कि, यदि अपराधी ज्यादा संख्या में है, तो वह सारे एक जगह पर कमरे नहीं लिए होंगे। और ना ही वह ग्रुप में बैठते होंगे।“

“क्या कहना चाहते हैं आप?“ सुयश ने रोजर की ओर देखते हुए कहा ।

“कहने का मतलब यह है कैप्टन कि सबसे पहले इतने बड़े शिप में हमें ग्रुप बनाने होंगे। कि कौन सा व्यक्ति अपराधी हो सकता है? और कौन नहीं । ग्रुप से मेरा मतलब यह है, कि यदि कोई आदमी अपने बच्चों के साथ सफर कर रहा है। तो हमारी समझ से वह अपराधी नहीं हो सकता। इसलिए उसे हम अपने ग्रुप से बाहर कर देंगे और हम उसे नहीं चेक करेंगे।“

“वेरी गुड!“ सुयश ने रोजर की तारीफ करते हुए कहा- “अच्छा, अब हमने उन आदमियों को अपने ग्रुप से बाहर करना है, जो ग्रुप बना कर बैठते हैं, क्यों कि अपराधी कभी ग्रुप में नहीं बैठेगा।“

“बिल्कुल ठीक कैप्टन।“ रोजर खुशी से बोला- “यही तो मैं कहना चाह रहा था। अब हम बिल्कुल सही लाइन पर बढ़ रहे हैं।“

“जिनके साथ बूढ़ी महिलाएं हैं, गौरतलब है सिर्फ बूढ़ी महिलाएं।“ लारा ने महिला शब्द पर ज्यादा जोर देते हुए कहा-

“क्यों कि बूढ़ा आदमी तो अपराधी हो सकता है, पर बूढ़ी महिला नहीं। ऐसे लोगों को भी हमें अपने ग्रुप से बाहर कर देंगे।“

“अब हमें कोई ऐसी निशानी ढूंढनी है, जो साधारण आदमी में तो आसानी से ना मिलती हो पर हर अपराधी में पाई जाती हो।“ सुयश ने दिमाग पर जोर डालते हुए, रोजर व लारा की तरफ देखते हुए कहा। एक बार फिर केबिन में सन्नाटा छा गया । सभी अपने-अपने दिमाग का पूरा इस्तेमाल कर रहे थे। पुनः रोजर ने अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय दिया-

“सर! सारे अपराधी हथियार चलाना जानते हैं। पर सारे यात्री हथियार नहीं चला सकते।“

“मार्वलश!“ सुयश की आंखों में यकायक जैसे हजार वाट का बल्ब जल गया हो। लारा की आंखों में भी रोजर के लिए प्रशंसा के भाव थे।

“लेकिन सर!“ लारा के शब्दों में व्यग्रता झलक रही थी-

“यह कैसे पता करेंगे? कि कौन सा यात्री हथियार चला लेता है? और कौन नहीं ?“

“यह पता करना तो बहुत आसान है।“ सुयश ने लारा को देखते हुए कहा-

“हम शिप पर एक निशाने बाजी की प्रतियोगिता रखेंगे। सभी लोगों से यह कह दिया जाएगा, कि यह मात्र मनोरंजन के लिए है। जिसको-जिसको निशानेबाजी का शौक है। वह हमारी इस प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। और मेरा यह दावा है कि जो भी अपराधी शिप में है, वह इस प्रतियोगिता में भाग अवश्य लेगा। लेकिन परेशानी यह है, कि अगर वह पूछेंगे कि यह प्रतियोगिता किस उपलक्ष में की जा रही है, तो उन्हें हम क्या जवाब देंगे।“

“तो इसमें सोचने वाली क्या बात है?“ लारा ने कहा- “आज 23 दिसंबर है। आज से ठीक 2 दिन बाद क्रिसमस का त्यौहार है। सभी लोग उसकी पार्टी तो मनाएंगे ही .... इसी में हम प्रतियोगिता भी करा देंगे।“

“तो बिल्कुल फाइनल रहा।“ सुयश ने ’थम्बस-अप’ की स्टाइल में अपनी मुट्ठी को बंद कर, अंगूठा ऊपर करते हुए, जोरदार झटके से हाथ हिलाया-

“कल मैं सभी लोगों को यह अनाउंस कर दूंगा। और हां लारा तुम अपनी सिक्योरिटी के सभी आदमियों को अलर्ट कर दो कि वह सभी यात्रियों पर कड़ी नजर रखें।“

इतना कहकर सुयश ने अपनी इस छोटी सी मीटिंग का समापन किया। रोजर व लारा भी चुपचाप कमरे से निकल गए।





जारी रहेगा…….... :writing:
Awesome update Raj_sharma bhai aap har chiz ko detail mei btate ho isse kahani bilkul real lgati h
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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दुःख एक ब्लैक होल की तरह हमे खींचता है ।
बुद्ध ने कहा था , " जीवन दुखम , सर्वम दुखम " यानी जीवन मे दुख है और सब जगह दुख है ।
संस्कृत के महान कवि भवभूति ने यहां तक कह दिया था , " एको रसः करूण एवः " माने रस तो केवल एक ही है और वह है करूण रस ।
सुख की छतें होती है अलग-अलग लेकिन दुख एक नीले आसमान सरीखा है जिसमे सबका समरूप हिस्सा है ।
आदरणीय बड़े भाई,

मेरा दुःख क्या है?? मुझे ही ज्ञात नहीं है, जीवन में
जरूरत की सारी सुविधा है। लेकिन कुछ महीनों से मुझे एक अजीब सी दुविधा होने लगी है। मुझे अंजाना सा डर लगता हैं। बाजार मे किसी को अपनी तरफ देखते हुए देखता हूँ तो ऐसा लगता हैं ये मुझे क्यो देख रहा है? जब भी किसी से कोई वार्ता हो रही तो मुझे चिड़चिड़ाहट होने लगती हैं, जबकि उस वार्ता को शुरू मैने ही किया हो। जब भी fb या इंस्टा पर कोई रील वीडियो या पोस्ट देखता हूँ तो मुझे ख्याल आता है ये पोस्ट मेरे पास कैसे आ गयी। क्या मेरा फोन हैक हो गया है। घर में किसी से बात करू तो उन्हे मेरी बाते पसंद नहीं आती, दुकान पर कोई ग्राहक आता है तो सामान होते हुए उसे मना कर देता हूँ।

मेरे दिमाग में अजब गजब ख्याल आते रहते हैं, बस सोचता रहता हूँ, खूब कोशिश करता हूँ इन फालतू के खायलो से बाहर निकल कर वास्तविक जीवन में आ जाऊ। लेकिन मन में एक कल्पना लोक बन गया है। सभी के साथ होते हुए भी मै उनके साथ नही होता। मेरे कुछ शुभ चिंतक ने नोटिस किया है और उन्होंने मुझे दिनचर्या बदलने को कहा, मैने बदलाव लाने की कोशिश की लेकिन कल्पना लोक से बाहर नही आ पा रहा हूँ।

क्या मुझे मानिसक रोग होने वाला है??
क्या मै पागल हो रहा हूँ??
क्या ये mमोबाइल ज्यादा चलाने की वजह से हो गया है।

कृपा कर उचित सलाह दे 🙏🏻
 
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आदरणीय बड़े भाई,

मेरा दुःख क्या है?? मुझे ही ज्ञात नहीं है, जीवन में
जरूरत की सारी सुविधा है। लेकिन कुछ महीनों से मुझे एक अजीब सी दुविधा होने लगी है। मुझे अंजाना सा डर लगता हैं। बाजार मे किसी को अपनी तरफ देखते हुए देखता हूँ तो ऐसा लगता हैं ये मुझे क्यो देख रहा है? जब भी किसी से कोई वार्ता हो रही तो मुझे चिड़चिड़ाहट होने लगती हैं, जबकि उस वार्ता को शुरू मैने ही किया हो। जब भी fb या इंस्टा पर कोई रील वीडियो या पोस्ट देखता हूँ तो मुझे ख्याल आता है ये पोस्ट मेरे पास कैसे आ गयी। क्या मेरा फोन हैक हो गया है। घर में किसी से बात करू तो उन्हे मेरी बाते पसंद नहीं आती, दुकान पर कोई ग्राहक आता है तो सामान होते हुए उसे मना कर देता हूँ।

मेरे दिमाग में अजब गजब ख्याल आते रहते हैं, बस सोचता रहता हूँ, खूब कोशिश करता हूँ इन फालतू के खायलो से बाहर निकल कर वास्तविक जीवन में आ जाऊ। लेकिन मन में एक कल्पना लोक बन गया है। सभी के साथ होते हुए भी मै उनके साथ नही होता। मेरे कुछ शुभ चिंतक ने नोटिस किया है और उन्होंने मुझे दिनचर्या बदलने को कहा, मैने बदलाव लाने की कोशिश की लेकिन कल्पना लोक से बाहर नही आ पा रहा हूँ।

क्या मुझे मानिसक रोग होने वाला है??
क्या मै पागल हो रहा हूँ??
क्या ये mमोबाइल ज्यादा चलाने की वजह से हो गया है।

कृपा कर उचित सलाह दे 🙏🏻
शायद आप कुछ ज्यादा ही काल्पनिक युग मे , फैंटेसी युग मे जीने लगे है । जबकि जीवन की सच्चाई यथार्थ मे जीने को है ।
आप को चाहिए आप अधिकतर समय अपने पत्नी , संतान , भाई-बहन और मां-बाप के साथ गुजारें । अपने परिवार और दोस्तों के लिए हर संभव समय निकालें ।
मोबाइल का प्रयोग अति आवश्यक कार्यों के लिए ही करें । और आप जिस धर्म को मानते है उस की प्रेरणादायक किताब पढ़ने की कोशिश कीजिए । यह सबसे अधिक महत्वपूर्ण है ।
इसके अलावा कुछ शारीरिक एक्सरसाइज रेगुलर बेसिस पर करे । प्राणायाम और योगासन अवश्य करें ।
कोशिश कीजिए कि आप का अधिकतर समय परिवार के साथ व्यतीत हो ।

अगर प्रोब्लम कुछ ज्यादा ही है तो डॉक्टर को अवश्य दिखाएं ।
लेकिन मेरी एक सलाह अवश्य है मोबाइल को ही अपनी लाइफ लाइन न बनाएं ।
फर्स्ट गाॅड , सेकेंड फैमिली और थर्ड आप की प्राइवेट लाइफ ।
 
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