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Romance Love in College. दोस्ती प्यार में बदल गई❣️ (completed)

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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CyccoDraamebaaz

"Paagalpan zaruri hai."
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44
Bhai hum toh kuch aur action :kissie:ke ummed mei thay, lekin yeha toh asli action shuru ho gaya.

Dost ko ghayal kar, heroin ko agwa kar liya! Ab dekhte hai apna hero kaise villian ki maa behen ek kar deta hai.

🃏

Update 15

सुप्रिया रघुवीर से कहती है : मै तुमसे बहुत प्यार करती हूँ वीर !!

रघुवीर भी कहता है: मैं भी बहुत प्यार करता हूँ “प्रिया” पर हमारी दोस्ती ख़राब ना हो इस लिए कभी कहा नहीं। फिर दोनों गले लग जाते है।

“दोस्ती प्यार में बदल गई”

अब आगे:

वीर , प्रिया , कंचन और सनी ये चारो अपनी प्यार की धुन में सुनहरे झरने का आनंद ले रहे थे !


इस बात से अनजान की कोई है. कोई जो काफी देर से पीछा कर रहा था इनका, इस बंदे ने जैसे ही देखा दोनो जोड़े अलग अलग दिशा में बैठे मजा कर रहे है, उसे ये मौका सही लगा और तभी उसने मौका देख के सनी के पीछे से हमला कर दिया !!


इस अचानक हुए हमले से सनी कुछ समझ पाता या कर पता, तभी किसी ने सनी के पीछे सिर में एक डंडा मार दिया !

कंचन – (जोर से चिल्लाई) नननहीहीही !!

कंचन की चिल्लाने की आवाज सुन अचनक से वीर और प्रिया प्यार की दुनिया से अपनी दुनिया में वापस आए, और तुरंत भागे सनी की तरफ,


तभी किसी ने वीर पर हमला किया, लेकिन इससे पहले हमलावर कामयाब होता, वीर ने तुरंत उसका हाथ पकड़ के दूर धक्का दे दिया।


वीर और प्रिया ने जैसे ही सनी को देखा, जो जमीन में पड़ा हुआ था, उसका सिर कंचन की गोद में था , ओर अपने हाथ से कंचन ने सनी के सिर को दबाया हुआ था!!


खून निकलने के वजह से ये नजारा देख वीर अपने आपे से बाहर हुआ !


वीर – (प्रिया और कंचन से) रोना धोना बाद में, पहले इसे ले चलो यहाँ से डाक्टर के पास “जल्दी” !!



लेकिन जब तक वे कुछ करते तभी 4 लोग उन्हें रोकने आ गए, जिन्होंने हमला किया था सनी और वीर पर !


उन चारो को देख वीर समझ गया, और प्रिया को बोला !!

जाके बाकी स्टूडेंट्स को बुला के लाओ यहां पर, इतना सुन प्रिया तुरंत चली गई सबको बुलाने !


जबकि इधर: वीर – तुम साले जो भी हो, अपनी जिंदिगी की सबसे बड़ी गलती कर दी है तुमने, जिसकी सजा तुम चारो की मौत होगी !!

"जंगल में जब शेर चैन की नींद सोता है, तो कुतो को गलतफहमी हो जाती है, के इस जंगल में अपना राज है"…..!!!



GIF-20240504-174728-372

तुरंत ही वीर ने एक को पकड़ के उसके सीने में घुसे मारे, फिर उसके मुहं पर घुसे मारे , जिसके चलते अधमरी हालत में वो जमीन में गिर गया !!



GIF-20240504-175030-444

इसके बाद भी वीर को चैन नहीं आया तो। उसने उस आदमी का सिर पकड़ के जमीन में मरता रहा !


GIF-20240503-230923-040


इसके बाद बाकी के तीनों एक साथ सामने आए, और एक तरफ वीर पहलेसे तैय्यार था।

इनके लिए तीनों ने एक साथ बीर पर हमला बोला!

वीर भी सावधानी पूर्वक तीनों का बड़े आराम से मुकाबला कर रहा था।


वीर के बचपन से कि हुई कसरत, और मेहनत का नातीजा था, जो उसमें से कोई उसका बाहुबल में मुकाबला नहीं कर पा रहा था।

आखिर में वीर ने एक को गिरा दिया, बाकी के बचे दोनो को वीर ने गुस्से में उछल के एक साथ पैर से दोनो पे वार किया !


जिसके बाद चारो किसी लायक नही बचे !!


तभी प्रिय बाकी स्टूडेंट्स को लेके आ गई, जिनकी मदद से सनी को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाया गया ।


रास्ते भर में कंचन ने अपनी गोद में सनी के सिर को रखे रही, साथ में वीर भी सनी का हाथ पकड़े हुए था!!

इस तरफ सभी स्टूडेंट्स हॉस्पिटल में आ गए, सनी को लेके इमरजेंसी रूम में सनी को ले जाया गया!!

सभी लोग रूम के बाहर खड़े डॉक्टर के आने का इंतज़ार कर रहे थे!!
थोड़ी देर में डॉक्टर रूम से बाहर आया,

कंचन और वीर दोनो साथ में – अब कैसा है “सनी”

डॉक्टर – घबराने की कोई बात नही सब बिल्कुल नॉर्मल है ! शुक्र है कि हल्की चोट लगी उसे, वर्ना दिक्कत काफी हो सकती थी, फिलहाल मैने ड्रेसिंग कर दी है, और ये कुछ पेन किलर्स ले आना !!

कंचन – क्या हम मिल सकते है?

डॉक्टर – (हस्ते हुए) मिलना क्या आप चाहे तो लेके भी जा सकते है !!

वीर – थैंक्यू डॉक्टर साहब !

डॉक्टर – NO IT'S OK , IT'S MY JOB BYE TAKE CARE !!

वीर और कंचन जब तक रूम में जाते तब तक सनी बाहर आ गया!!

रूम से आते ही वीर और कंचन दोनो गले लग गए सनी के !!

सनी – अरे अरे अरे क्या कर रहे हो यार कुछ नही हुआ है मुझे, बिल्कुल फिट हू यार !

वीर – जान निकल गई थी यार, मेरी रास्ता कैसे पार हुआ है मेरा दिल जनता है यार!!


सनी – (हस्ते हुए) तेरे होते मुझे कुछ हो सकता है भला??


हम वो नहीं जो दिल तोड़ देंगे, थाम कर हाथ साथ छोड़ देंगे, हम दोस्ती करते हैं पानी और मछली की तरह, जुदा करना चाहे कोई हमें तो हम दम तोड़ देंगे”.!!!


सनी कंचन से: अब तुम रो मत यार! देखो तुम्हारे सामने खड़ा हू, बिल्कुल फिट! अब ये आसू पोछो जल्दी से, क्या पता तुम्हे देख कही प्रिया न रो दे?
!! इस बात से तीनों हसने लगे ! तभी सनी ने पूछा वीर से !

सनी – अरे वीर! ये प्रिया कहां है? दिख नही रही है? कही भेजा है क्या तूने उसे?

वीर – नही यार मैंने तो ध्यान ही दिया इस बात पे?

सनी – कंचन तुम्हे कुछ बता के गई है क्या प्रिया?


कंचन – नही मैने तो उसे आखिरी बार झरने वाली जगह देखा था , जब वो सभी स्टूडेंट्स को बुला के लाई थी उसके बाद मैने उसे नही देखा!!

कंचन का इतना बोलना था की वीर का दिल की धड़कन डर से अचानक बड़ गई!!


वीर – (डर से) कहा गई होगी मेरी प्रिया यार ?


सनी – (वीर के कंधे पे हाथ रख के) घबरा मत भाई! वो ठीक होगी, चल ढूंढते है उसे शायद यह हॉस्पिटल में कही होगी! हो सकता है कुछ खाने के लिए लेने गई हो कैंटीन में!!


इसके बाद वीर , कंचन , सनी और बाकी के स्टूडेंट्स पूरे हॉस्पिटल में ढूंडते है प्रिया को,
काफी देर तक ढूंडने पर किसी को भी प्रिया का पता नही चलता है, सब एक जगह इक्कठा हो जाते है!!


वीर – (सभी स्टूडेंट्स से) क्या हुआ कुछ पता चला प्रिया मिली किसी को?

सभी – नही हमे कही नही मिली प्रिया!

इन सब बातो से वीर का दिल बैठा जा रहा था! आखों से आसू बहे जा रहे थे, दिल में जाने कैसे ख्याल जन्म ले रहे थे !!


तेरे आगोश में निकले दम मेरा, पहली और आखरी यही चाहत है।
तू खुश रहे सदा दुआ है मेरी,
मैं आइना हूं मुझे टूटने की आदत है।
चाह कर भी दूर नहीं जा पाता हूँ, आइना हूं बार-बार टूट जाता हूं। ऐ पत्थर मारने वाले जालिम, हरटुकड़े में तेरी तस्वीर पाता हूँ”।।



"प्रिया"!!

कहा चली गई तुम, सनी मेरे दोस्त मैं उसके बिना नहीं जी सकता !!

ये कहके वीर सनी के गले लग कर रोने लगता है।

सनी: संभाल खुद को वीरे!!
मिल जाएगी हॉस्टल में होगी या यहीं कहीं होगी।

इन्ही सब बातो के चलते शाम हो गई, तभी वीर के मोबाइल में कॉल आया किसी अनजान नंबर से।



कॉल उठाते ही एक आवाज आई !! सामने से –

“तेरी छमिया मेरे पास है”

वीर – कॉन हो तुम क्या चाहते हो?

सामने से:– मोहित हू मै अपना हिसाब बराबर करना चाहता हू तुझसे!!


वीर – अगर प्रिया को कुछ किया तो... !


मोहित – (हस्ते हुए) करना तो बहुत कुछ चाहता हू इसके साथ! माल ही इतना तगड़ा है ये, लेकिन पहले तेरे आखों से बहते खून के आसू तो देख लूं ! ताकी मेरे दिल को कुछ चैन मिल सके !!


वीर – देख मोहित तेरी दुश्मनी मुझसे है, प्रिया को बीच में मत घसीट !


मोहित – (हस्ते हुए) असली जड़ यही लडकी तो है, यही तो है ! इसी के वजह से ही तूने पूरे कॉलेज के सामने मुझ पे हाथ उठाया , बेइजत्ती की , अगर तू चाहता है इसके साथ एसा वैसा कुछ न हो, तो ?.........



जारी है...✍️✍️
 

Raj_sharma

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Bhai hum toh kuch aur action :kissie:ke ummed mei thay, lekin yeha toh asli action shuru ho gaya.

Dost ko ghayal kar, heroin ko agwa kar liya! Ab dekhte hai apna hero kaise villian ki maa behen ek kar deta hai.

🃏
Thank you very much for your wonderful review bhai :hug: Kuch or wala action is story me possible nahi hai because ye ek simple love story hai to idhar only love, emotions and action hi ho sakta hai:declare:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Update 15

सुप्रिया रघुवीर से कहती है : मै तुमसे बहुत प्यार करती हूँ वीर !!

रघुवीर भी कहता है: मैं भी बहुत प्यार करता हूँ “प्रिया” पर हमारी दोस्ती ख़राब ना हो इस लिए कभी कहा नहीं। फिर दोनों गले लग जाते है।

“दोस्ती प्यार में बदल गई”

अब आगे:

वीर , प्रिया , कंचन और सनी ये चारो अपनी प्यार की धुन में सुनहरे झरने का आनंद ले रहे थे !


इस बात से अनजान की कोई है. कोई जो काफी देर से पीछा कर रहा था इनका, इस बंदे ने जैसे ही देखा दोनो जोड़े अलग अलग दिशा में बैठे मजा कर रहे है, उसे ये मौका सही लगा और तभी उसने मौका देख के सनी के पीछे से हमला कर दिया !!


इस अचानक हुए हमले से सनी कुछ समझ पाता या कर पता, तभी किसी ने सनी के पीछे सिर में एक डंडा मार दिया !

कंचन – (जोर से चिल्लाई) नननहीहीही !!

कंचन की चिल्लाने की आवाज सुन अचनक से वीर और प्रिया प्यार की दुनिया से अपनी दुनिया में वापस आए, और तुरंत भागे सनी की तरफ,


तभी किसी ने वीर पर हमला किया, लेकिन इससे पहले हमलावर कामयाब होता, वीर ने तुरंत उसका हाथ पकड़ के दूर धक्का दे दिया।


वीर और प्रिया ने जैसे ही सनी को देखा, जो जमीन में पड़ा हुआ था, उसका सिर कंचन की गोद में था , ओर अपने हाथ से कंचन ने सनी के सिर को दबाया हुआ था!!


खून निकलने के वजह से ये नजारा देख वीर अपने आपे से बाहर हुआ !


वीर – (प्रिया और कंचन से) रोना धोना बाद में, पहले इसे ले चलो यहाँ से डाक्टर के पास “जल्दी” !!



लेकिन जब तक वे कुछ करते तभी 4 लोग उन्हें रोकने आ गए, जिन्होंने हमला किया था सनी और वीर पर !


उन चारो को देख वीर समझ गया, और प्रिया को बोला !!

जाके बाकी स्टूडेंट्स को बुला के लाओ यहां पर, इतना सुन प्रिया तुरंत चली गई सबको बुलाने !


जबकि इधर: वीर – तुम साले जो भी हो, अपनी जिंदिगी की सबसे बड़ी गलती कर दी है तुमने, जिसकी सजा तुम चारो की मौत होगी !!

"जंगल में जब शेर चैन की नींद सोता है, तो कुतो को गलतफहमी हो जाती है, के इस जंगल में अपना राज है"…..!!!



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तुरंत ही वीर ने एक को पकड़ के उसके सीने में घुसे मारे, फिर उसके मुहं पर घुसे मारे , जिसके चलते अधमरी हालत में वो जमीन में गिर गया !!



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इसके बाद भी वीर को चैन नहीं आया तो। उसने उस आदमी का सिर पकड़ के जमीन में मरता रहा !


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इसके बाद बाकी के तीनों एक साथ सामने आए, और एक तरफ वीर पहलेसे तैय्यार था।

इनके लिए तीनों ने एक साथ बीर पर हमला बोला!

वीर भी सावधानी पूर्वक तीनों का बड़े आराम से मुकाबला कर रहा था।


वीर के बचपन से कि हुई कसरत, और मेहनत का नातीजा था, जो उसमें से कोई उसका बाहुबल में मुकाबला नहीं कर पा रहा था।

आखिर में वीर ने एक को गिरा दिया, बाकी के बचे दोनो को वीर ने गुस्से में उछल के एक साथ पैर से दोनो पे वार किया !


जिसके बाद चारो किसी लायक नही बचे !!


तभी प्रिय बाकी स्टूडेंट्स को लेके आ गई, जिनकी मदद से सनी को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाया गया ।


रास्ते भर में कंचन ने अपनी गोद में सनी के सिर को रखे रही, साथ में वीर भी सनी का हाथ पकड़े हुए था!!

इस तरफ सभी स्टूडेंट्स हॉस्पिटल में आ गए, सनी को लेके इमरजेंसी रूम में सनी को ले जाया गया!!

सभी लोग रूम के बाहर खड़े डॉक्टर के आने का इंतज़ार कर रहे थे!!
थोड़ी देर में डॉक्टर रूम से बाहर आया,

कंचन और वीर दोनो साथ में – अब कैसा है “सनी”

डॉक्टर – घबराने की कोई बात नही सब बिल्कुल नॉर्मल है ! शुक्र है कि हल्की चोट लगी उसे, वर्ना दिक्कत काफी हो सकती थी, फिलहाल मैने ड्रेसिंग कर दी है, और ये कुछ पेन किलर्स ले आना !!

कंचन – क्या हम मिल सकते है?

डॉक्टर – (हस्ते हुए) मिलना क्या आप चाहे तो लेके भी जा सकते है !!

वीर – थैंक्यू डॉक्टर साहब !

डॉक्टर – NO IT'S OK , IT'S MY JOB BYE TAKE CARE !!

वीर और कंचन जब तक रूम में जाते तब तक सनी बाहर आ गया!!

रूम से आते ही वीर और कंचन दोनो गले लग गए सनी के !!

सनी – अरे अरे अरे क्या कर रहे हो यार कुछ नही हुआ है मुझे, बिल्कुल फिट हू यार !

वीर – जान निकल गई थी यार, मेरी रास्ता कैसे पार हुआ है मेरा दिल जनता है यार!!


सनी – (हस्ते हुए) तेरे होते मुझे कुछ हो सकता है भला??


हम वो नहीं जो दिल तोड़ देंगे, थाम कर हाथ साथ छोड़ देंगे, हम दोस्ती करते हैं पानी और मछली की तरह, जुदा करना चाहे कोई हमें तो हम दम तोड़ देंगे”.!!!


सनी कंचन से: अब तुम रो मत यार! देखो तुम्हारे सामने खड़ा हू, बिल्कुल फिट! अब ये आसू पोछो जल्दी से, क्या पता तुम्हे देख कही प्रिया न रो दे?
!! इस बात से तीनों हसने लगे ! तभी सनी ने पूछा वीर से !

सनी – अरे वीर! ये प्रिया कहां है? दिख नही रही है? कही भेजा है क्या तूने उसे?

वीर – नही यार मैंने तो ध्यान ही दिया इस बात पे?

सनी – कंचन तुम्हे कुछ बता के गई है क्या प्रिया?


कंचन – नही मैने तो उसे आखिरी बार झरने वाली जगह देखा था , जब वो सभी स्टूडेंट्स को बुला के लाई थी उसके बाद मैने उसे नही देखा!!

कंचन का इतना बोलना था की वीर का दिल की धड़कन डर से अचानक बड़ गई!!


वीर – (डर से) कहा गई होगी मेरी प्रिया यार ?


सनी – (वीर के कंधे पे हाथ रख के) घबरा मत भाई! वो ठीक होगी, चल ढूंढते है उसे शायद यह हॉस्पिटल में कही होगी! हो सकता है कुछ खाने के लिए लेने गई हो कैंटीन में!!


इसके बाद वीर , कंचन , सनी और बाकी के स्टूडेंट्स पूरे हॉस्पिटल में ढूंडते है प्रिया को,
काफी देर तक ढूंडने पर किसी को भी प्रिया का पता नही चलता है, सब एक जगह इक्कठा हो जाते है!!


वीर – (सभी स्टूडेंट्स से) क्या हुआ कुछ पता चला प्रिया मिली किसी को?

सभी – नही हमे कही नही मिली प्रिया!

इन सब बातो से वीर का दिल बैठा जा रहा था! आखों से आसू बहे जा रहे थे, दिल में जाने कैसे ख्याल जन्म ले रहे थे !!


तेरे आगोश में निकले दम मेरा, पहली और आखरी यही चाहत है।
तू खुश रहे सदा दुआ है मेरी,
मैं आइना हूं मुझे टूटने की आदत है।
चाह कर भी दूर नहीं जा पाता हूँ, आइना हूं बार-बार टूट जाता हूं। ऐ पत्थर मारने वाले जालिम, हरटुकड़े में तेरी तस्वीर पाता हूँ”।।



"प्रिया"!!

कहा चली गई तुम, सनी मेरे दोस्त मैं उसके बिना नहीं जी सकता !!

ये कहके वीर सनी के गले लग कर रोने लगता है।

सनी: संभाल खुद को वीरे!!
मिल जाएगी हॉस्टल में होगी या यहीं कहीं होगी।

इन्ही सब बातो के चलते शाम हो गई, तभी वीर के मोबाइल में कॉल आया किसी अनजान नंबर से।



कॉल उठाते ही एक आवाज आई !! सामने से –

“तेरी छमिया मेरे पास है”

वीर – कॉन हो तुम क्या चाहते हो?

सामने से:– मोहित हू मै अपना हिसाब बराबर करना चाहता हू तुझसे!!


वीर – अगर प्रिया को कुछ किया तो... !


मोहित – (हस्ते हुए) करना तो बहुत कुछ चाहता हू इसके साथ! माल ही इतना तगड़ा है ये, लेकिन पहले तेरे आखों से बहते खून के आसू तो देख लूं ! ताकी मेरे दिल को कुछ चैन मिल सके !!


वीर – देख मोहित तेरी दुश्मनी मुझसे है, प्रिया को बीच में मत घसीट !


मोहित – (हस्ते हुए) असली जड़ यही लडकी तो है, यही तो है ! इसी के वजह से ही तूने पूरे कॉलेज के सामने मुझ पे हाथ उठाया , बेइजत्ती की , अगर तू चाहता है इसके साथ एसा वैसा कुछ न हो, तो ?.........



जारी है...✍️✍️
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सुप्रिया रघुवीर से कहती है : मै तुमसे बहुत प्यार करती हूँ वीर !!

रघुवीर भी कहता है: मैं भी बहुत प्यार करता हूँ “प्रिया” पर हमारी दोस्ती ख़राब ना हो इस लिए कभी कहा नहीं। फिर दोनों गले लग जाते है।

“दोस्ती प्यार में बदल गई”

अब आगे:

वीर , प्रिया , कंचन और सनी ये चारो अपनी प्यार की धुन में सुनहरे झरने का आनंद ले रहे थे !


इस बात से अनजान की कोई है. कोई जो काफी देर से पीछा कर रहा था इनका, इस बंदे ने जैसे ही देखा दोनो जोड़े अलग अलग दिशा में बैठे मजा कर रहे है, उसे ये मौका सही लगा और तभी उसने मौका देख के सनी के पीछे से हमला कर दिया !!


इस अचानक हुए हमले से सनी कुछ समझ पाता या कर पता, तभी किसी ने सनी के पीछे सिर में एक डंडा मार दिया !

कंचन – (जोर से चिल्लाई) नननहीहीही !!

कंचन की चिल्लाने की आवाज सुन अचनक से वीर और प्रिया प्यार की दुनिया से अपनी दुनिया में वापस आए, और तुरंत भागे सनी की तरफ,


तभी किसी ने वीर पर हमला किया, लेकिन इससे पहले हमलावर कामयाब होता, वीर ने तुरंत उसका हाथ पकड़ के दूर धक्का दे दिया।


वीर और प्रिया ने जैसे ही सनी को देखा, जो जमीन में पड़ा हुआ था, उसका सिर कंचन की गोद में था , ओर अपने हाथ से कंचन ने सनी के सिर को दबाया हुआ था!!


खून निकलने के वजह से ये नजारा देख वीर अपने आपे से बाहर हुआ !


वीर – (प्रिया और कंचन से) रोना धोना बाद में, पहले इसे ले चलो यहाँ से डाक्टर के पास “जल्दी” !!



लेकिन जब तक वे कुछ करते तभी 4 लोग उन्हें रोकने आ गए, जिन्होंने हमला किया था सनी और वीर पर !


उन चारो को देख वीर समझ गया, और प्रिया को बोला !!

जाके बाकी स्टूडेंट्स को बुला के लाओ यहां पर, इतना सुन प्रिया तुरंत चली गई सबको बुलाने !


जबकि इधर: वीर – तुम साले जो भी हो, अपनी जिंदिगी की सबसे बड़ी गलती कर दी है तुमने, जिसकी सजा तुम चारो की मौत होगी !!

"जंगल में जब शेर चैन की नींद सोता है, तो कुतो को गलतफहमी हो जाती है, के इस जंगल में अपना राज है"…..!!!



GIF-20240504-174728-372

तुरंत ही वीर ने एक को पकड़ के उसके सीने में घुसे मारे, फिर उसके मुहं पर घुसे मारे , जिसके चलते अधमरी हालत में वो जमीन में गिर गया !!



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इसके बाद भी वीर को चैन नहीं आया तो। उसने उस आदमी का सिर पकड़ के जमीन में मरता रहा !


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इसके बाद बाकी के तीनों एक साथ सामने आए, और एक तरफ वीर पहलेसे तैय्यार था।

इनके लिए तीनों ने एक साथ बीर पर हमला बोला!

वीर भी सावधानी पूर्वक तीनों का बड़े आराम से मुकाबला कर रहा था।


वीर के बचपन से कि हुई कसरत, और मेहनत का नातीजा था, जो उसमें से कोई उसका बाहुबल में मुकाबला नहीं कर पा रहा था।

आखिर में वीर ने एक को गिरा दिया, बाकी के बचे दोनो को वीर ने गुस्से में उछल के एक साथ पैर से दोनो पे वार किया !


जिसके बाद चारो किसी लायक नही बचे !!


तभी प्रिय बाकी स्टूडेंट्स को लेके आ गई, जिनकी मदद से सनी को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाया गया ।


रास्ते भर में कंचन ने अपनी गोद में सनी के सिर को रखे रही, साथ में वीर भी सनी का हाथ पकड़े हुए था!!

इस तरफ सभी स्टूडेंट्स हॉस्पिटल में आ गए, सनी को लेके इमरजेंसी रूम में सनी को ले जाया गया!!

सभी लोग रूम के बाहर खड़े डॉक्टर के आने का इंतज़ार कर रहे थे!!
थोड़ी देर में डॉक्टर रूम से बाहर आया,

कंचन और वीर दोनो साथ में – अब कैसा है “सनी”

डॉक्टर – घबराने की कोई बात नही सब बिल्कुल नॉर्मल है ! शुक्र है कि हल्की चोट लगी उसे, वर्ना दिक्कत काफी हो सकती थी, फिलहाल मैने ड्रेसिंग कर दी है, और ये कुछ पेन किलर्स ले आना !!

कंचन – क्या हम मिल सकते है?

डॉक्टर – (हस्ते हुए) मिलना क्या आप चाहे तो लेके भी जा सकते है !!

वीर – थैंक्यू डॉक्टर साहब !

डॉक्टर – NO IT'S OK , IT'S MY JOB BYE TAKE CARE !!

वीर और कंचन जब तक रूम में जाते तब तक सनी बाहर आ गया!!

रूम से आते ही वीर और कंचन दोनो गले लग गए सनी के !!

सनी – अरे अरे अरे क्या कर रहे हो यार कुछ नही हुआ है मुझे, बिल्कुल फिट हू यार !

वीर – जान निकल गई थी यार, मेरी रास्ता कैसे पार हुआ है मेरा दिल जनता है यार!!


सनी – (हस्ते हुए) तेरे होते मुझे कुछ हो सकता है भला??


हम वो नहीं जो दिल तोड़ देंगे, थाम कर हाथ साथ छोड़ देंगे, हम दोस्ती करते हैं पानी और मछली की तरह, जुदा करना चाहे कोई हमें तो हम दम तोड़ देंगे”.!!!


सनी कंचन से: अब तुम रो मत यार! देखो तुम्हारे सामने खड़ा हू, बिल्कुल फिट! अब ये आसू पोछो जल्दी से, क्या पता तुम्हे देख कही प्रिया न रो दे?
!! इस बात से तीनों हसने लगे ! तभी सनी ने पूछा वीर से !

सनी – अरे वीर! ये प्रिया कहां है? दिख नही रही है? कही भेजा है क्या तूने उसे?

वीर – नही यार मैंने तो ध्यान ही दिया इस बात पे?

सनी – कंचन तुम्हे कुछ बता के गई है क्या प्रिया?


कंचन – नही मैने तो उसे आखिरी बार झरने वाली जगह देखा था , जब वो सभी स्टूडेंट्स को बुला के लाई थी उसके बाद मैने उसे नही देखा!!

कंचन का इतना बोलना था की वीर का दिल की धड़कन डर से अचानक बड़ गई!!


वीर – (डर से) कहा गई होगी मेरी प्रिया यार ?


सनी – (वीर के कंधे पे हाथ रख के) घबरा मत भाई! वो ठीक होगी, चल ढूंढते है उसे शायद यह हॉस्पिटल में कही होगी! हो सकता है कुछ खाने के लिए लेने गई हो कैंटीन में!!


इसके बाद वीर , कंचन , सनी और बाकी के स्टूडेंट्स पूरे हॉस्पिटल में ढूंडते है प्रिया को,
काफी देर तक ढूंडने पर किसी को भी प्रिया का पता नही चलता है, सब एक जगह इक्कठा हो जाते है!!


वीर – (सभी स्टूडेंट्स से) क्या हुआ कुछ पता चला प्रिया मिली किसी को?

सभी – नही हमे कही नही मिली प्रिया!

इन सब बातो से वीर का दिल बैठा जा रहा था! आखों से आसू बहे जा रहे थे, दिल में जाने कैसे ख्याल जन्म ले रहे थे !!


तेरे आगोश में निकले दम मेरा, पहली और आखरी यही चाहत है।
तू खुश रहे सदा दुआ है मेरी,
मैं आइना हूं मुझे टूटने की आदत है।
चाह कर भी दूर नहीं जा पाता हूँ, आइना हूं बार-बार टूट जाता हूं। ऐ पत्थर मारने वाले जालिम, हरटुकड़े में तेरी तस्वीर पाता हूँ”।।



"प्रिया"!!

कहा चली गई तुम, सनी मेरे दोस्त मैं उसके बिना नहीं जी सकता !!

ये कहके वीर सनी के गले लग कर रोने लगता है।

सनी: संभाल खुद को वीरे!!
मिल जाएगी हॉस्टल में होगी या यहीं कहीं होगी।

इन्ही सब बातो के चलते शाम हो गई, तभी वीर के मोबाइल में कॉल आया किसी अनजान नंबर से।



कॉल उठाते ही एक आवाज आई !! सामने से –

“तेरी छमिया मेरे पास है”

वीर – कॉन हो तुम क्या चाहते हो?

सामने से:– मोहित हू मै अपना हिसाब बराबर करना चाहता हू तुझसे!!


वीर – अगर प्रिया को कुछ किया तो... !


मोहित – (हस्ते हुए) करना तो बहुत कुछ चाहता हू इसके साथ! माल ही इतना तगड़ा है ये, लेकिन पहले तेरे आखों से बहते खून के आसू तो देख लूं ! ताकी मेरे दिल को कुछ चैन मिल सके !!


वीर – देख मोहित तेरी दुश्मनी मुझसे है, प्रिया को बीच में मत घसीट !


मोहित – (हस्ते हुए) असली जड़ यही लडकी तो है, यही तो है ! इसी के वजह से ही तूने पूरे कॉलेज के सामने मुझ पे हाथ उठाया , बेइजत्ती की , अगर तू चाहता है इसके साथ एसा वैसा कुछ न हो, तो ?.........



जारी है...✍️✍️
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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Raj_sharma

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बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Thank you very much for your wonderful review bhai :hug:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Raj_sharma bhai next update kab tak aayega?
Parkash bhai kam se kam ek hafta to lag jayega👍 is week thoda tight schedule rahega office me bhi and ghar pe bhi ek function hai to thodi bhaag daud rahegi , uske baat dekhta hu, 😞 sorry bhai. Waise bhi ek do update ke baad story ko end kar hi dunga👍
 

Raj_sharma

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