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राज के घर
गेस्टरूम का दरवाजा लग चुका था और कमरे मे हलकी हसी ठिठौलि वाली खिलखिलाहट के साथ मादक सिसकियाँ उठ रही थी ।
बिस्तर पर रज्जो रागिनी और शिला बेधडक नंगी आपस मे एक दुसरे से लिपटी हुई थी
दोनो बहने रागिनी और रज्जो ने शिला को दबोच रखा था ।
दाहिये ओर से आगे से रागिनी शिला पर चढ़ी हुई उसके गालो और गरदन को चुस रही थी वही बाई ओर पीछे से रज्जो ने उसकी भरी हुई गुदाज छातीया मिजते हुए उसके कान काट रही थी

शिला इस दोहरे रग्डाई मसलाई से मचल उठी थी , उसकी आंखो मे नशा उतरने लगा था ।
पीठ पर स्पर्श होती रज्जो की झूलती मुलायम छातीया शिला के जिस्म मे अलग ही गुदगुदी पैदा कर रही थी और रागिनी उसके जिस्म को आगे से चुमते हुए उसके सीने और फिर निप्प्ल को फ्लिक करने लगी
रागिनी की लपलपाती जीभ मानो शिला को अपनी चूची पर मीठी नरम आरी के जैसे मह्सुस हो रही थी ,
वो मीठी गीली जीभ उसके चुचो के काले घेरे को नम कर रही थी ।
शिला भी अपना दाया कन्धा उचकाये रागिनी की चोटी पकड कर उसकी थूथ अपने चुची पर रगड़ रही थी और वही बाई ओर से रज्जो की हथेली मे पिसाती , मिजाती उसकी दुसरी छाती गर्म और लाल हुई जा रही थी ।
आह्ह भाभीई ऊहह , सीईईई
रज्जो उसके कान काटते हुए - सच कहू शिला तेरे मे बहुत रस है उम्म्ंम्ं
रागिनी उसकी छातियो से मुह हटा कर उसकी गीली निप्प्ल पर हथेली घुमाती हुई - सच कहा जीजी , दीदी के जोबन अब भी कितने रसदार है
रज्जो ने मुस्कुरा कर अपना बाया हाथ आगे कर शिला की खुली पड़ी जांघो को चुत के करीब मसलते हुए - आह्ह यार असली रस देख निचे है , क्या रस छोड़ रही है मुइ उह्ह्ह्ह
रज्जो ने अगले ही पल दो उग्लियां शिला के बुर के फाके खोलते हुए भितर पेल दी - आह्हह भाभीईई उम्म्ंम ऊहह
रागिनी उठी और घुटनो के बल पीछे घसीटती हुई आगे झुक गयि और वही रज्जो ने शिला को पीछे खिंच कर पुरा बिस्तर पे लिटा दिया
फैली जांघो मे रस बहाती बुर के दाने पर उंगलिया मलती हुई रागिनी ने जीभ बढा कर शिला के बुर के फाको को चुबलाते हुए अगल हुई - ओह्ह जीजी (रज्जो) बड़ा ही रसिला माल है , आओ ना
रज्जो मुस्कुरा कर - सच मे क्या हट जरा
रागिनी के सर को ठेलते हुए रज्जो को आगे झुक कर शिला के बुर के उपरी फाको को मुह मे लेके चुबलाने लगी वही रागिनी के जीभ सरक शिला के बुर के घुस गयी जिसे रागिनी भितर का मुआयना करने लगी
दोनो बहने एक साथ शिला की बुर पर टूट पडी , एक ओर जहा रागिनी भीतर से चुत कुरेद रही थी वही रज्जो उपर से झाटो सहित उसके बुर के दाने अपने होठों से चुस रही थी

शिला रज्जो के सर को पकड़े हुए अपनी गाड़ उचकाने लगी और बुर हो रही हलचल ने उसे उपर आने तक मजबुर कर दिया , अगले ही पल वो अपनी गाड़ उठाते हुए झड़ने लगी - आह्हह भभीईई ऊहह ओह्हह उम्म्ंम्म्ं आ रहा है मेरा उह्ह्ह्ह उह्ह्ह
रज्जो - आने दो शिला रानी आज सब चट हो जायेवा
रागिनी मुह लगाये हुए चुबला रही थी और रज्जो उसके दाने को सहला रही थी
रज्जो - अरे हट ना सारा रस अकेले खा जायेगी
रागिनी हस्ती हुई उठी और अपने होठ पोछते हुए शिला के ओर बढ़ गयी
वही रज्जो शिला के बुर के आगे लेटती हुई उसकी जांघो को सहलाती हुई उसकी रस बहा चुकी बुर को कुल्फी के जैसे निचे से उपर चाटने लगी वही रागिनी आगे बढ़ कर अपनी बुर मलती हुई शिला के मुह पर बैठते हुए - अरे दीदी (शिला) जरा इसे टेस्ट करो ना , देखो आपके भैया के लन्ड का स्वाद होगा इसमे
शिला ने गरदन उठा कर अपनी जीभ निकाल कर रागिनी के बुर के फाको को छूआ और रागिनी पूरी तरह से गिनगिना गयि ।

शिला ने होठ से रागिनी के बुर के फाको चुबलाते हुए जीभ को नुकीला कर फाको को फाड़ते हुए भीतर घुसेड़ दिया
आह्हह दिदीईई उह्ह्ह उम्म्ं , बड़ी जल्दी है मलाई खाने की आपको उम्म्ं तो लो ऐसे और जल्दी आयेगा आह्हह उह्ह्ह
ये बोल कर रागिनी शिला के जीभ और होठ पर अपनी बुर दरने लगी
वही रज्जो उसकी जीभ बहुत प्यार से चाट चाट कर दुलार रही थी ।
फिर रज्जो उठी और शिला के बैग से दो strap-on सेट निकाले
रागिनी शिला के मुह पर अपनी बुर रगड़ती हुई - अरे जीजी (रज्जो) ये कहा उह्ह्ह सेह्ह्ह मिलाह्ह उम्म्ंम
रज्जो - अब तेरी नंद के है, मुझे तो लगता है पुरा बैग भर लाई थी
रागिनी ये सुन कर मारे जोश मे अपनी बुर उसके नथुनो और मुह पर घिसटती हुई उसकी चुचिया मिजने लगी - ओह्ह दीदी (शिला) मुझे कहती आपके दोनो भाइयो को पुरा दिन रात आपके भीतर घुसवाये रहती उह्ह्ह
रज्जो हस कर - आह हम भाभियाँ लेंगी कल भैया भी ले लेंगे हिहिहिही
रागिनी भी हस के उठ गयी और शिला अपना मुह पोछते हुए - मै तो 4 4 लेलू , मगर इतने लन्ड लाओगी कहा से हाहहहा मेरे भैया की रखैलो
रागिनी हस कर - हाव जीजी (रज्जो) देखो तो ये भैया के लन्ड पर बिकने वाली क्या बोल रही है
रज्जो अपना डीलडो सेट अपनी कमर पर बान्धते हुए दुसरा रागिनी की ओर फेकती हुई - ले इस्से इसका मुह बन्द कर दे चल
रागिनी मुस्कुराई और कमर मे उसको बाधने लगी, इधर उसको टाईम लग रहा था वही रज्जो ने शिला की कमर पकड कर उसको घोडी बनाती हुई - चल बहनचोद इधर आ तेरी बुर और मुह दोनो बन्द करती हु
शिला - आह्ह भाभीई आराम से उह्ह्ह
रज्जो ने बिना के रहम के हचक के वो लन्ड उसकी चुत मे एक ही बार मे उतार दिया - आह्हह साली इस्से भी मोटा खा चुकी है तु और बोलती है आराम से उह्ह्ह , छोटी जल्दी से इसका मुह भर दे
रागिनी हस कर उसके मुह पर दिल्डो भरती हुई - लो दिदि अपने भैया का लन्ड समझ के घोट जाओ
शिला ने मुह खोल कर आधा डील्डो मुह मे भर कर गुउउउऊ गुउउऊ करने लगी क्योकि पीछे से रज्जो भर भर के उसके बुर मे लन्ड भरे जा रही थी

रज्जो उसकी गाड़ पर थपेड मारती हुई - आह्हह साली कितनी चुदवासी है उह्ह्ह क्या मस्त माल है
रागिनी - मै क्या कहती जीजी , अब तो इनको दोनो भाइयो का लन्ड ले ही लेना चाहिए, जब दो जबरदस्त मुसतन्ड लन्ड इनकी बुर मे भरेंगे इनको भी मजा आयेगा और इनके भैया को भी
रज्जो - सच कहा छोटी , इस्से पहले वाला दिल्डो जो गायब हो गया वो पूरे दस इंच का था , वो पुरा घोंट जाती है ये रन्दी फिर दो लन्ड तो क्या चीज है
रागिनी - क्या 10 इंच वाला लन्ड हाय राम क्या हाल हुआ होगा चुत क्या ,
रज्जो हस कर हटती हुई -आह्ह खुद दे ले ना , मस्त भोड्सी हो गयी है
रागिनी हस कर उठी और शिला को पीचे से उसकी बुर मे लन्ड पेलती हुई - आह्हह दीदी ये तो हवा महल हुआ पड़ा है, इसमे तो दो दो लन्ड जाने चाहिये
शिला - हा रन्डीयो कहो तो तुम्हारा भी हवा महल खुलवा दू उम्म्ंम अह्ह्ह्ह धिरे कर हरामजादी उह्ह्ह बहिनचोद आह्हह

रज्जो उसको आगे से उठा कर उसके मुह को अपने छातियो से रगड़ती हुई बोली - कित्नी बार बोला अपने मुह का सही इस्तेमाल करो ऊहह लेह्ह चाट इसे उह्ह्ह आह्हह और जोर से उम्म्ंम्म्ं
वही रागिनी हचक हचक कर पीछे से शिला के बुर मे पेल रही थी
शिला - आह्ह भभीईई आह्हह फ्क्क्क मीई उह्ह्ब येस्स्स और और उम्म्म्ं
रागिनी - लो आ गयी अपनी जात पर मादरचोद , लेह्ह्ज ऊहह है तो अपने भैया की रखैल ही ना ऊहह और लेह्ह्ह
रज्जो - अरे इसको दो दो लन्ड चाहिये बोल लेगी ना , एक साथ अपने दोनो भैया का मुसल , बोल भरवायेगी उभ्ह इस्से ज्यादा मजा देगा वो
शिला - आह्ह भौजीई देदो अह्ह्ह सब ले लेंगी उह्ह्ह्ह आह्हह माह्ह्ह फक्क्क उह्ह्ह
रागिनी अलग होती हुई निचे लेट कर शिला के बुर के रसो मे लिभ्डा हुआ डीलडो को लन्ड के जैसे सहलाती हुई - आजा मेरी रान्ड़ तुझे दोहरे लन्ड का मजा देदू
शिला उसपे बैठती हुई - आह्ह भौजीईई ऊहह भर दो मेरी बुर उह्ह्ह आह्हह
रज्जो उसके पीछे आकर - बुर ही क्यू तेरी गाड़ भी हम खाली नही रखेंगे मेरी कुतिया लेह्ह्ह
शिला चीखी - आह्हह मैयाह्ह्ह ऊहह भोस्डी वाली बहिनचोद अपने गाड मे डाल ले उसे आह्हह
रागिनी हस कर - हिहिही क्यू दीदी ( शिला ) जोर की लगी क्या हाहाहा
शिला अपने दर्द से लाल हुए चेहरे को भीचती हुई गाड़ के छेद पर कसे हुए दिल्डो को मह्सुस कर - आह्ह हरामजादी, साली तेल तो लगा देती आह्हह मसाले खा खा कर गाड़ पहले ही जल रही है उह्ह्ह मुम्मीई
रज्जो - आह्ह मुझे नही पता मेरी जान , सॉरी , कसम से गुलाबजामुन की चासनी लगा के पेलती तुझे हिहिहिही
रज्जो की बात पर रागिनी भी हसने लगी और रज्जो पीछे से हल्का हल्का जोर देते हुए डिल्डो उसकी गाड़ मे भरने लगी
कुछ ही देर मे शिला की खुमारी लौट आई और अब धक्के दोनो ओर तेज हो गये

शिला की बुर और गाड़ कस कस के , हचक हचक के ली जा रही थी और शिला चिख कर चिलाल कर दोनो बहनो को गालियां बके जा रही थी -आह्हह बहिनचोद पेल ना ऊहह ओह्ह फक्क फक्क ऊहह येस्स एस्स फास्ट फास्ट उम्म्ंम्ममम्ं येह्ह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह
रागिनी भी निचे से कमर उठा कर कस कस के पेल रही थी और रज्जो भी पीछे से हचक हचक कर पुरा मुसल उसकी गाड़ मे भर रही थी
अगले कुछ ही पलो मे - इह्ह्ह येस्स्स ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह आ रहा है ऊहह रुकना मत ऊहह ओह्ह फ्क्क्क फ्क्क आह्हह आह्ह
शिला तेजी से झड़ती हुई रागिनी के उपर ढह गयी और रज्जो के भी घुटने कमर जवाब दे चुके थे वो भी शिला के उपर वैसे ही लेट गयी
जिस्से उसका डील्डो वापस से शिला की गाड़ मे ग्च्च से जड़ तक घुस गया - आह्हह हट बहिनचोद फ़ाड ही डालेगी क्या उह्ह्ह मा ऊहह
रज्जो और रागिनी उसकी प्रतिक्रिया पर हसने लगी और रज्जो उठ गयी
उनको हस्ता देख शिला के भी गाल खिल गये - हा नही तो थोडा भी रहम नही है तुम बहनो मे
रागिनी हस उसको गले लगती हुई - अरे दीदी (शिला) , भौजाई ननद पर रहम दिखाये तो काहे की भौजाई हिहिहिही
रज्जो उसकी बात पर हस देती है
रागिनी - वैसे मानना पड़ेगा आज चोद कर पता चला कि मर्द लोग भी कम ताकत नही लगाते , मेरी तो कमर दुखने लगी दिदी को पेल कर हिहिहिही
रज्जो - हा भाई अब मै तो रमन के पापा से कभी शिकायत नही करूंगी कि थक क्यू गये हिहिही
शिला ह्स कर - तो क्या भाईसाहब जल्दी निबट जाते है हिहिहिही
रज्जो - एक बार ट्राई करके देख लो पता चल जायेगा हिहिहिही
रागिनी - हा और क्या नये लन्ड की तलब भी पूरी हो जायेगी हिहिहिही
रज्जो - अरे नये लन्ड से याद आया , तेरे देवर जी के साथ अब इनका टाका सेट करना है
रागिनी - देवर ही क्यू दोनो भाई रहेंगे एक उपर के निचे, एक आगे तो एक पीछे हिहिहिही क्यू दीदी (शिला )
शिला उनकी बात पर ह्सने लगी
अमन के घर
कमरे मे चुप्पी सी थी ।
पंखे तेज हनहनाहट से दोनो के जिस्म की गर्मी अब हल्की होने लगी थी ।
शरीर की सतह पर ठंडी पडने लगी थी साथ ही मुरारी का लन्ड भी अब आकार बदल कर छोटा हो रहा था ।
ममता उसके सीने से लगी हुई कुछ कहानी किस्से गढ़ने की फिराक मे थी और वो मुरारी के सीने पे उंगलियां चला रही थी ।
मुरारी उसको चुप देख कर मुस्कुराया - क्या हुआ ? क्या पुछना है बोलो ?
ममता मुस्कुरा कर - धत्त आप बूझ कैसे जाते हो ?
ममता ने जानबूझ कर मुरारी को जताया कि वो सही है ।
मुरारी हस कर - भाई 25 साल होने को है तुमसे ब्याह किये , कब तुम क्या करोगी भनक आ जाती है मुझे
ममता घूम कर गरदन उठा कर मुरारी के आगे अपना चेहरा कर - अच्छा जी तो बतायिये क्या सोच रही हु मै उम्म्ं
मुरारी हस कर - अरे ऐसे थोड़ी ना , मै कोई ज्योतिष थोडी ना हु कि सब पता ही होगा , बस मह्सूस हो जाता है
ममता - ओहोहो देखो तो बड़े बन रहे है वो मै भी बता सकती हु कि आप भी परेशान है मगर मुझसे छिपा रहे है
मुरारी ममता की बात टालता हुआ - क्या ? मै ? नही नही हाहाहा
ममता - ओहो फिर क्या छ्त पर बेटे की शादी की खुशी मे सिगरेट की कस ले रहे थे ।
मुरारी के चेहरे के भाव बदले और एक गहरी सास लेकर ममता को अपने उपर से हटाता हुआ - ओह्ह तो तुम्हारे लाड़ले ने मुह खोल ही दिया
ममता - उसे आपकी फिकर थी इसीलिए बोला उसने
मुरारी - अरे सच मे ऐसी कोई बात नही है अमन की मा तुम परेशान ना हो
ममता रूठने की अदा से मुरारी के जिस्म से दूर होकर - देखीये मै चाहू तो आपको अपनी ... नही नही मै आपको अमन की कसम देके उगलवा लूंगी लेकिन मै ऐसा बिल्कुल भी नही चाहती
मुरारी को ममता का यू रूठना रास नही आया - अरे मेरी सेठानी क्या हुआ , काहे नाराज हो रही है । तुम अपनी कसम देगी तो भी मै नही कुछ छिपाउन्गा
ममता खिल कर वापस से मुरारी की ओर घूम कर उससे चिपक कर - हा तो ब्तायिये ना क्या हुआ
मुरारी उसको अपनी बाहो मे समेटता हुआ उपर पंखे को निहारता हुआ - ह्ह क्या बताऊ अमन की मा , मुझे कहना तो दूर इस बारे मे सोचकर भी शर्म आ रही है ।
ममता - आखिर बात क्या है , ब्ताईए ना
मुरारी का दिल अब तेज होने लगता है और उसके माथे पर पसीने की बूँदें उभरने लगती है - ममता मै जो बताने जा रहा हु वो बस हमारे बीच ही रहे इसका जिक्र भूल से भी किसी और से नही करना
ममता गम्भीर होते हुए - जी कहिये
मुरारी - हुउह्ह क्या बताऊ , तुम सच मे यकीन नही करोगी कि शादी मे मैने क्या देखा ।
ममता के लिए सब कुछ रहस्यमय पीटारे जैसा लग रहा था - क्या ?
मुरारी - याद है जब हम सब खाने के लिए एक साथ थे तो उस समय संगीता नही थी वहा
ममता - हा , आपही से तो दीदी की कुछ बात हुई थी ना , मैने बहुत ध्यान नही दिया था तब ,क्यू क्या बात है ?
मुरारी - उसी को खोजने मै समधि जी के बगल वाले घर में गया था और वहा ?
ममता को समझते देर नही लगी कि मुरारी संगीता को चुदते देख चुका है और ये सही नही हुआ । ये उसकी योजना के बिल्कुल उलट हो गया था ।
मुरारी - और मैने वहा जो देखा वो तुम यकीन नही करोगी कि मेरे सगी बहन अपने पति को धोखा दे के किसी गैर मर्द के साथ सेक्स कर रही थी
ममता चौकने का नाटक करती हुई - क्या ? कौन ? किस्से ?
मुरारी - वो शायद समधि जी का ही साढू था बारात आने के बाद से ही दोनो मे बाते शुरु हो गयी थी और मैने पीछा किया तो ये सब
ममता मुरारी से उगलवाते हुए - हा लेकिन वो बस बात ही कर रहे थे तो आपको शक कब हुआ
मुरारी - अरे शक तो मुझे पहले ....
ममता - मतलब दिदी के व्य्व्हार के बारे मे आपको पहले से पता है , कब से ?
मुरारी परेशान होकर - वो सब मै नही बता सकता ,
ममता - देखीये आप इस बोझ को अगर अकेले ढोएंगे तो मै यही समझून्गी कि आपने कभी मुझे अपना माना नही , हुह
मुरारी - अमन की मा तुम ये क्या ....?
ममता - तो बतायिये ना क्या बात है सच सच आपको मेरी कसम है ! प्लीज
मुरारी - ओह तुम ये कसम क्यू !! ह्ह क्या बताऊ परसो रात मे मैने संगीता को मदन के कमरे से आता देखा
ममता अचरज भरी प्रतिक्रिया मे - देवर जी के कमरे से ?
मुरारी - हा और उस समय मदन कमर से निचे पुरा नन्गा था और पैंट पहन रहा था , वही संगीता का शरीर बुरी हालत थी, बिखरे बाल उलझी हुई साडी ।
ममता - तो क्या दीदी और देवर जी , भ्क्क्क नही ?
मुरारी - तुम सही समझ रही अमन की मा और फिर आज शाम को छत पर से मैने गोदाम मे सारा कुछ अपनी आंखो से देखा
ममता थूक गटक कर - क्या ?
मुरारी - यही कि मदन संगीता को चोद रहा था ।
ममता की सासे तेज हो गयी कि अब वो क्या करे ? ये सब उसी का रचाया खेल था और मुरारी को कतई इसकी भनक नही होनी चाहिए थी ।
मुरारी अपनी बात जारी रखे हुए था - एक बार मुझे लगा कि मदन की तनहाई के खातिर संगीता ने इतना बड़ा बलिदान दिया है , मगर मै गलत था ।
ममता - मतलब ?
मुरारी - संगीता ने बस मदन का इस्तेमाल किया है अमन की मा , वो बस लन्ड की प्यासी है
ममता - क्या पता देवर जी का और दीदी का पहले से ही चल रहा हो और अब आपको पता चला हो
मुरारी - नही नही ममता ये अभी शादी के हाल फिल्हाल मे हुआ है क्योकि कल सुबह सलून जाने के लिए सब लोग गये थे तो ये दोनो बाथरूम मे लगे हुए थे और वहा मैने इनकी बाते सुनी थी
ममता मुस्कुराई - वैसे आपको मानना प्देगा
मुरारी - क्या ?
ममता - आप दोनो की बात सुन कर भी खुद को काबू मे रखे हुए थे हिहिहिही
मुरारी घुर कर ममता को देखता हुआ
ममता - अरे मै मजाक कर रही हु , देखो तो अभी इतनी बात कर ली और इसे जरा भी फर्क नही पड़ा
ममता ने हाथ बढा कर मुरारी के आधे सोये लन्ड को हौले से स्पर्श किया और वो फडक उठा
मुरारी - आह्ह छोड़ो ना
ममता - ओहो आप परेशान क्यू हो रहे है , उन्होने अपना जीवन चूना है तो उन्हे जीने दीजिये
मुरारी - मगर वो सगे भाई बहन है
ममता मुरारी के आड़ो को टटोलती हुई - अच्छा अगर वो भाई बहन नही होते तो क्या आपको तब भी बुरा लगता देवर जी या दीदी को लेके
मुरारी असहज होकर - पता नही, मगर ऐसे बिना किसी शादी व्याह के ये सब करना उचित नही है अमन की मा , हम सब समाज के हिस्से है उसकी व्यव्स्था को मानना फर्ज है ?
ममता - देखीये मुझे ये बड़ी बड़ी बाते समझ नही आती , मै बस यही जानती हूं कि जब अपना पेट भरा हो तो ही समाज देश के बार मे आदमी सोचता है ।
मुरारी - हा लेकिन मर्यादा और संयम नाम की चीज होती है ना अमन की मा !
ममता हस कर - ओहो देखो तो संयम की बात कौन कर रहा है हिहिहिही मुझसे ब्याहने के लिए शादी की तारिख किसकी ओर बदलवाई गयि थी बोलो
मुरारी ममता की बात पर थोड़ा शर्मिंदा हुआ और हसने लगा ।
ममता हसती हुई - और तो और दो दिन नही सबर हुआ आपसे तीसरी दुपहर मे ही आपने धर लिया था मुझे भूल गये , बड़े आये मर्यादा और संयम की बात करने वाले
मुरारी ममता की बात पर हसने लगा
ममता - अरे अगर आपको भी सालो तक अपने किसी प्रेमिका के प्यार मे तडपना पड़े और उसको किसी और की बाहो मे जाता हुआ देखना पडे तो आप ही बताओ कितने सालो तक ये दुख का बोझ उठा पाओगे आप बोलो
मुरारी के पास कोई जवाब नही था
ममता - अरे बेईमानी या धोखेबाजी मे अगर दीदी ने उन्हे कुछ पल का सुख दे दिया तो क्या बुर हो गया ।
मुरारी अब भी चुप रहा ।
ममता हस कर उसे छेड़ती हुई - कही ऐसा तो नही कि दीदी ने सिर्फ देवर को पूछा इसीलिए आपका मुह फूला हुआ है हिहिहिही
मुरारी चौक कर ममता को खिलखिलाता देखा - क्या नहीई , क्या तुम भी हिहिहिही
"लेकिन दीदी के नाम पर ये क्यू फूल रहा है फिर " ममता ने मुरारी के करवट लेकर उठती हुई लन्ड को हथेली मे भरती हुई बोली ।

मुरारी - क्या तुम भी , छोड़ो उसे
ममता ने ना मे सर हिलाया और घुटने बल होती हुई - ना हिहिही आज तो इसको खा ही जाउंगी
मुरारी का लन्ड ममता के इरादे जान कर और तनमना गया और दोनो की कामक्रीड़ा एक बार फिर से शुरु हो गयी ।
राज के घर
"नही यार ऐसे नही प्लीज , मुझसे नही होगा " , बबिता ना नुकर करते हुए बोली ।
राहुल - यार वी आर ओनली हैविंग फ़न , हम चार ही रहेंगे कोई और तो नही है ना अब बाहर जाना रिस्की है ना
गीता - हा बबिता राहुल ठिक कह रहा हु, देखो मुझे तो कोई प्रोब्लम नही है यहा
बबिता ने अरुण की बाहो मे इठलाती हुई गीता को देखा और बोली - हा फिर भी ऐसे नही , प्लीज तुम दोनो आंखो पर रुमाल या कपड़ा बान्ध लो फिर हम भी कम्फर्ट रहेंगे
अरुण - यू मिन ब्लाइंड फ़ोल्ड
राहुल चहक कर - क्या सच मे फिर तो मजा दुगना हो जायेगा ।
ना तो बबिता को और ना ही गीता को ज्यादा कुछ समझ आया कि क्यू वो दोनो खुश हो रहे हैं और दोनो बहने तो इस बात अंजान ही थी कि ब्लाइंड फ़ोल्ड भी एक तरह की सेक्स फैंटेसी है , जिसे बबिता ने बस अपनी सुविधा के लिए अन्जाने मे बोल दिया था ।
दो स्टाल से गीता और बबिता ने दोनो के आंख अच्छे से बान्धा और फिर एक दुसरे को मुस्कुरा कर देखा ।
गीता आगे बढी और अरुण को सोफे पर बिठाया , सेम वही बबिता ने भी किया राहुल के साथ
दोनो ने बिना किसी हिचक के सिधा उनकी बेल्ट पर धावा बोल दिया , दोनो चहके की ये बहने क्या तेज है गाव मे रह कर भी
राहुल - आह्ह सच मे मुझे यकीन नही हो रहा है कि गाव मे रह कर भी तुम दोनो इत्नी आगे बढ़ गयि हो
अरुन - सच मे मुझे नही पता था गाव मे भी ब्लाइंड फ़ोल्ड जैसी रेयर फैंटेसि के बारे मे भी लोग जान्ते होगे
राहुल अपना कुल्हा उठाता हुआ - अरे यार ये इंटरनेट ने अब दिया है हुउउऊ ऊहु हिहिही
अरुण - क्या हुआ यार
राहुल - पता नही कौन छू रहा है यार बबिता प्लीज सताओ मत
दोनो बहने आपस मे खिलखिलाई और उन्होंने सीधे उन्के पैंट खोलने शुरु कर दिये

अरुण - यार तुम लोग तो डायरेक्ट पहुच गयी , उपर से शुरु करती ना
राहुल एक्साइटेड होकर - हिहिही कपडे निकाल दी हो क्या तुम भी अपना
दोनो बहने बिना कुछ बोले हीही करके हसी और अपना काम करती रही
अरुण हाथ आगे बढा कर टटोलता हुआ गीता के गुदाज हाथ पकड कर - आह्हा उहुउऊ कितनी मुलायम हो यार तुम
राहुल अपनी रोएदार जांघो पर रंगते बबिता के पंजे को मह्सुस कर - आह्ह क्या मिल गया भाई तुझे जो इतना मुलायम है
अरुण - अबे साले हाथ है उस्के और क्या
अरुण के जवाब पर दोनो बहने फिर हसी और बबिता उपर आकर राहुल की गोद मे बैठती हुई उसके होठ चुसने लगी

राहुल भी जोश मे बबिता के कमर मे हाथ डाल कर उसको कसता हुआ उसके होठ चुबलाने लगा ।
अरुण को ये चुप्पी खली - अरे कहा गया बे , कमरे से बाहर नही ना निकल गया
राहुल किस तोड़ता हुआ - आह्ह साले यही हु क्या मस्त उभार है इसके यार उह्ह्ह क्या चरबी भरी चुची है
बबिता उसके गाल पर हल्की थ्पेड़ लगाती हुई - चुप करो
राहुल लोवर के उपर से बबिता की गाड़ दोनो हाथो मसलता हुआ - आह्ह मेरी जान तुम्हारि तारिफ ही कर रहा हु ना
बबिता वापस उसके होठ से होठ लगाती है और राहुल के अंडरवियर मे उभरा मुसल उसकी चुत पर खटखटा रहा था
वही बगल मे गीता ने अरुण की जान्घे चूमते हुए आगे बढ़ रही थी।
अरुण अपनी टाँगे एठता .. कमर उचकाता गीता के सर को दुलार रहा था - ओह्ह यार क्या है ये लडकी उम्म्ंम सीई उपर आओ ना मेरी जान
अरून ने आगे बढ़ कर गीता की कलाई पकड कर उसको अपने ओर किया और उसको अपनी गोद मे बाई जांघ पर बिठाता हुआ उसको पिछे से दबोचकर उसके फूले गाल होठों से चबाता हुआ - उम्म्ंम क्या रसिले गाल है और इन आमो का क्या ही बोलू
गीता अरुण की बाहो मे कसमसाती हुई अरुण के पंजे से अपने छातियां मिजवा रही थी - उम्म्ंम अरुण सीई अह्ज
राहुल - देखो ना वो लोग कितने आगे बढ़ गये और तुम शर्मा रही हो अभी
बबिता हस कर - तुम्हे बडा दिख रहा है वो लोग क्या कर रहे है
राहुल - आह्ह प्लीज मुझे भी दो अपने आम चुसने को , देखो ना मेरे सीने पर चुब रहे है
बबिता उसके गरदन को चुमती हुई अपनी चुत को अंडरवियर के उपर से ही उसके तने हुए मुसल पर रगड़ती हुई - उमम्म तो बेबी को दुधू चाहिये ,
राहुल ने तडप कर हा मे सर हिलाया
बबिता के उसके सरकते हाथ पकड कर उपर दिया - इसको उपर ही रखना
और अगले ही पल बबिता ने टीशर्ट के अन्दर से अपनी ब्रा खोलकर निकाल दी और टीशर्त उठाती खुद भी उठ कर अपने चुचियो के तने हुए नुकीले निप्प्ल उसके गाल पर टच कराने लगी
नरम और गुदाज चुचियो के गर्म स्पर्श से राहुल पुरा गिनगिना गया
और जीभ निकाल कर अपने मुह के आगे झूलती अमियों के ढेपिता खोजने लगा ।
वही बगल मे अरुण गीता की टीशर्ट उपर कर उसकी रसदार चुचिया बाहर निकाल कर उन्के निप्प्ल मरोड रहा था और गीता गरदन घुमा कर उसके होठ को चूसे जा रही थी, उनकी टाँगे आपस मे रगड़ खा रही थी ।
"आह्ह , प्लीज दो ना उम्म्ं " , राहुल कुनमुनाया और बबिता खिलखिलाई ।
राहुल हाथ अलग कर अब उसकी एक चुची को पकडा और उसको गारता हुआ सीधा नुकीला भुरा निप्प्ल मुह मे

लपलपाती जीभ की रगड़ घिसट और मशीनो जैसी दूधते राहुल के होठो ने बबिता की जिस्म मे बिजली दौरा चुके थे
- आह्हह मम्मीईई उह्ह्ह राहुल उम्म्ं ऊहह सक इट बेबी उम्म्ंम्ं आह्ह प्लीज और चुसो उम्म्ं
बबिता राहुल के मुह पर अपनी चुचिया दबाती हुई उसके बालो को सहलाते हुए बोली और राहुल उसके चुची को मुह मे भरे हुए दुसरे हाथ से उसकी गाड़ दबोचने लगा
वही अरून भी आगे झुक कर गीता की चुचियां मुह मे भर चुका था - ऊहह येस्स अरुण उम्म्ंम सक इट ऊहह ओफ्फ्फ ममीईई उह्ह्ह आह्हह रगडो मत ऊहह सीई
अरुन ने हाथ पीछे ले जाकर स्टाल खोल दिया और पहली बार अपनी बाहो मे अधनंगी गीता को देखा और उसकी भूरी मटर दाने जित्नी निप्प्ल के साथ मोटी नारियल जैसी चुची देख कर वो एक बार फिर से उसपे टूट पड़ा- आह्ह अरुण हिहिही आराम से यर उह्ह्ह सीई आह्ह म्म्मीई उम्म्ंम
गीता की खिलखिलाहट देख कर बबिता ने उसकी ओर देखा -अरे ये तो चिटिंग है , तुने कपड़ा क्यू खोलने दिया इसे

राहुल चौका और वो भी अपने आंखो से कपड़ा हटा कर गीता की ओर देखा , जहा अरुण अपनी आखो से कपड़ा हटाए गीता की रसदार मोटी चुची को मिजते हुए चुस रहा था - अरे हा ये तो गलत है ना
बबिता ने राहुल को देखा और हस कर बोली - अरे तुम तो उधर मत देखो गन्दे कही के
राहुल ने उसकी ओर देखता हुआ उसके रसिली अमियों को दबोचता हुआ - हा मेरी जान मेरा फोकस तुम पर ही है उम्म
बबिता मुस्कुरा कर सिसकी - आह्हह आऊच बदमाश उह्ह्ह सीईई
कुछ ही देर मे दोनो बहने उठी और ऊन्होंने राहुल और अनुज के अंडरवियर निकालने लगी
राहुल अपना फ़नफनाता हुआ मुसल रगड़ कर - आह्ह मेरी जान आओ ना अब ऊहह
बबिता ने उसका लन्ड हाथो मे थामा और उसका जिस्म गनगना गया और वही गीता पहले ही मुह खोलकर सुपाडा गपुच
कर चुकी थी
अरुण - उह्हुउऊऊ यार कितना अच्छा लग रहा है उम्म्ंम सीईई ठण्डा ठंडा उम्म्ंम्ं
राहुल - आह्ह सच मे ऊहह यार ये दोनो कमाल की है उह्ह्ह सक बेबी सक ऊहह एस्स और लो उम्म्ंम क्या चुसती हो मेरी जान

दोनो बहने उनके तनमनाये मुसल को पकड कर उन्हे अपने लार से गीला कर रही थी और हिला रही थी
वही राहुल अपने शर्त खोलने लगा , देखा देखी अरुण भी अपने कपडे उतारने लगा
राहुल उठा और बबिता को खड़ा और उसके होठ चुस्ते हुए उसका लोवर निकाल दिया
और सोफे पर घोड़ी बना दिया
और उसकी चरबीदार गाड़ सहलाता हुआ उसकी कच्छी खिचता हुआ निचे कर दिया , वही बबिता की कसम्साहट और मादक सिसकिया जारी रही थी
मुलायम गोरी गाड़ के फाके फैलाते हुए उंगलियो मे थुक लेके उसके बबिता के बुर पर लिपने लगा और बबिता आगे झुकी हुई कमर एठने लगी - आह्हह राहुल उह्ह्ह उम्म्ंम
राहुल ने बिना किसी देरी के अपने सुपाड़े को खोला और लन्ड को उस्की बुर पर रगड़ते हुए भीतर ठेल दिया -आह्हह मम्मीई उह्ह्ह उम्म्ं ऊहह रुको ना सीईईई आह्हह
राहुल उसकी गोरी चिकनी गाड़ रगड़ता हुआ हल्का हल्का झटके देने लगा वही अरुण की गोद मे गीता चढ कर उसके लन्ड पर बैठ चुकी थी और अरुण उसकी रसदार चुचियां मुह मे लेके उसकी गाड़ दबोच कर फैला रहा था - आह्हह अरुण माय बेबी फ़क मी हार्ड ऊहह येस्स आह्हह आह्ह येस्स येस्स उम्म्ंम उम्म्ं येस्स बेबी ऊहह

राहुल ने नजर फिरा कर देखा कि अरुण गीता को नंगी अपनी गोद मे लन्ड पर बिठाये हुए निचे से कमर उठा कर उसकी बुर मे पेल रहा था और गीता की मोटी फैली हुई चर्बीदार गाड़ देख कर उस्को और भी जोश आने लगा और वो कस कस के झटके बबिता की बुर मे देने लगा

बबिता - ऊहह आह्हह येस्स ऐसे ही ओह्ह येस्स्स फकक्क मीई फ्क्क्क मीई उम्म्ंम
राहुल- आह्ह यार क्या कसी हुई चुत है तेरी आह्हह
अरुण - हा भाई बहुत ही मजेदार है ये है इसके बुर के फाके तो मेरे आड़ो को भी भर ले रहे है उह्ह्ह
राहुल ने हाथ बढा कर गीता के गाड़ छुने लगा - आह्ह यार क्या नरम गाड़ है इसकी उह्ह्ह
अरुण ने उस्का झटका -हटा साले मेरा माल मत छूना
गीता और बबिता अरुण की बात कर खिल्खिलाई
वही बबिता - क्यू मेरी गाड़ मस्त नही है क्या उम्म्ं बोलो
और उसने कस कस कर अपने चुतड पीछे उसके लन्ड पर झटकने लगी
राहुल भी अपनी टाँगे मजबूत कर उसके गाड़ थामता हुआ करारे झटके देकर - अरे नाराज ना हो मेरी जान तेरी गाड़ उह्ह्ह क्या नरमी है कितनी कसावट है आह्हह लेह्ह्ह और लेह्ह ऊहह
वही गीता कस कस उछल उछल कर थकने लगी थी - आह्ह प्लीज चेंज करो ना दुख रहा है उम्म्ं
और अगले ही पल अरुण ने भी उसे घोडी बनाते हुए पीछे से चोदने लगा
अब दोनो की बहने घोड़ी बनी हुई सिस्क रही थी और राहुल अरुण कस कस के ताबड़तोड धक्के लगा रहे
गीता - आह्ह बेबी और तेज उह्ह्ह येस्स फ़क मीई उह्ह्ह
बबिता ने उसकी ओर देखा और मुस्कुराई - ऊहह येस्स मुझे भी मुझे भी उह्ह्ह
अरुण हस कर - अरे मै कैसे एक टाईम पर तुम दोनो को पेल सकता हु
बबिता हसी औए शर्मा कर - क्या मैने तुमको न्हीईई आह्हह ऊहह हा बेबी ऐसे ही ऊहह उह्ह्ह आह्ह फक्क्क
राहुल - आह्ह मेरा होने वाला है ऊहह
अरुण - हा हा मेरा भी आयेगा आह्हह
दोनो जल्दी से पीछे हुए और लन्ड हिलाने लगे और दोनो बहने भी झट से उठी और निचे बैठ गयी

अगले ही दोनो के उपर पिचकारी छूट पड़ी-
राहुल - आह्हह आह्ह उह्ह्ह्ह ओह्ह यार मजा आ गया
अरुण भी मुस्कुरा कर लन्ड झाडता हुआ - आह्ह हा यार एकदम हिहिही

वही दोनो बहने लन्ड चुस कर आप्स ने एकदुसरे को किस करने लगी
अरुण और राहुल चौक कर - क्या ? तुम दोनो लेस्बो भी हो
गीता बबिता मुस्कुरा कर एक दुसरे को हग करती हुई हसने लगी और राहुल अरुण के लन्ड एक बार फिर फड़फड़ाने लगे
जारी रहेगी
Jordar zabardast,
Murari ne apane dil ke raaz khole to Mamta ne Murari ko aur khol diya,
Ragini Rajjo ne milkar Sheela ko dono or se pel diya..
Do jawan jodon ne patti bandh kar chudai ka khel kia...
Kul milakar behatareen update mitra aur humesha ki tarah aage ka intezar hai