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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कुछ मेडिकल इमर्जेंसी की वजह से इन दिनों व्यस्त हूं दोस्तो और परेशान भी 🥲
समय मिलने पर अपडेट दिया जायेगा और सभी को सूचित किया जाएगा ।
तब तक के लिए क्षमा प्रार्थी हूं
🙏

 
Last edited:

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Bhai wapasi k liye aap ka bht bht abar
But mujhe aap se ek sikayat h bhai ji aap sab kuch likhte ho but salini or anuj ka update kyu nhi likh rahe ho Bhai ji Ab to anuj or raj ne sath me rajjo ki chudai bhi kr li h or uska dar bhi chala gya h na please agle update me kuch romanchak likh dena bhai please
Shukriya dost
 

ellysperry

Humko jante ho ya hum bhi de apna introduction
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UPDATE 190

राज के घर


कमलनाथ असमंजस मे था
क्योकि ऐसी पटाखा और भरे बदन वाली मॉडर्न औरत के बारे मे जंगी इतना स्योर कैसे हो सकता था ।

कमलनाथ - क्या तुम सही कह रहे हो जंगी भाई

जन्गी ठहाका लगाते हुए - हाहाहहा हा भाई बहुत अच्छे से जानता हु इसको

कमलनाथ - अरे मेरा मतलब वो जो तुमने अभी कहा ना की ये एकनम्बर की रन...

जंगी कमलनाथ छेड़ता हुआ - हम्म ह्म्म्ं क्यू भाई साहब भाभी जी से अभी से ऊब गये उम्म

कमलनाथ हस्ता हुआ अपना मुसल खुजा कर - हाहाहा वो बात नही जंगी भाई , वो कहते है ना घर की चिकन तंदूरी के साथ साथ बाहर पिज़्ज़ा भी कभी कभी खा लो तो हरज नही होता कुछ , बस ऐसा ही कुछ


जन्गी हस कर - हाहाहा चिकन तंदूरी वाह क्या बात है भाभी जी है भी वैसे चिकन हिहिहिहिही

कमलनाथ - हम्म वो तो तुम देख ही सकते हो भाई , ऐसी बीवी हो तो उसे दाल रोटी कहना तो बेज्जती ही हुई ना हाहाहा
जंगी ठहाका लगाता हुआ - हाहहाहा बिल्कुल भाई साहब

कमलनाथ आंख दबा कर - वैसे इस पार्लर वाली से आपका कैसे ?परिचय कुछ समझ नही आया ??

जंगी - अरे कमल भाईआपने तो हमारी बीवी को देखा ही है , मैडम को जब भी कही आना जाना होता था बार बार हमे या घर मे किसी को उन्के साथ जाना पड़ता था ।

कमलनाथ - हम्म्म फिर
जन्गी - फिर क्या , बार बार पार्लर का चक्कर लगाने से बिरादरी मे थोड़ी बाते उठने लगी थी इसीलिए मैने कहा कि अगर जरुरत हो पार्लर की तो घर मे आ जाया करेगी ।

कमलनाथ- फिर
जन्गी - भाईसाहब फिर वही हफते दो हफ्ते पर बॉबी जी के दर्शन हो जाते थे घर पर , साली ऐसा कातिल मुस्कुराती थी कि पजामे मे तम्बू बन जाता था
कमलनाथ सिसिक कर अपना मुसल दबाता हुआ- अच्छा!!

जन्गी - फिर हमने भी इसकी शिनाख्त की और बीवी से इसके बारे मे बाते की तो पता चला कि हर रविवार ये बड़े शहर आती जाती है ट्रेनिन्ग देने के लिए

जन्गी - बात मुझे कुछ खास जमी नही फिर कुछ दिनो बाद सन्जोग से मेरा भी बड़े शहर जाना हुआ और दिन रविवार का निकला

बड़े शहर जाने वाली बस का इंतजार ये भी कर रही थी और मै भी , इसने अपनी जवानी के जलवे दिखाने और इतराने के नशे मे मुझे देखा नही और मै पहले ही पीछे बैठ गया ।

शहर उतरते ही इसके लिए एक टैक्सी आई और मैने भी औटो से पीछा किया तो ये होटल सिटी किंग मे पहुची

मुझे समझते देर नही लगी कि ये वहा किस लिये आई थी

कमलनाथ - किस लिये
जंगी हस कर - दरअसल कमल भाई , होटल सिटी किंग एक बदनाम मगर गुप्त अय्याशी का अडडा है । मै भी कभी कभी अपनी चिकन कबाब से बोर होता तो यहा बिरयानी खाने आ जाता था हाहाहा

कमलनाथ हस कर - ओहो चिकन कबाव हिहिहिही , फिर

जंगी - फिर क्या वहा के कुछ स्टाफ से मेरी पहचान थी तो जब मैने बॉबी के बारे मे पूछा तो पता चला कि रविवार वो यहा क्लाइंट देखने और अपना कामों से उपजे अकेलेपन को दुर करने आती है ।
कमलनाथ - अकेलापन मतलब इसका पति कहा है
जंगी - है पति और पान की दुकान है उसकी मगर साला एक नम्बर का नल्ला आदमी है यार

कमलनाथ - फिर क्या हुआ होटल मे मुलाकात हुई
जंगी - हा हुई ना मैने स्टाफ से बोलकर उसको अपने कमरे मे बुलवाया और स्टाफ को खास कहा कि उसे मेरे बारे मे भनक नही होनी चाहिए

कमलनाथ - फिर क्या हुआ
जन्गी हस कर - फिर क्या होना था वो आई और मुझे देख कर चौक गयी मैने मुस्कुरा कर उसका स्वागत किया और उसे तसल्ली दी कि मै उसके इस काम के बारे मे चुप रहूंगा

जन्गी की रस्भरी बाते सुन कर कमलनाथ थुक गटक कर- फिर !!
जन्गी - फिर वही हुआ जो होना था , 2 राउंड वो भी सिर्फ ऐनल

कमलनाथ अपना तनमनाया मुसल भींचता हुआ अपने टांगो को स्ट्रेच किया - अह्ह्ह भाईसाहब तो फिर अभी ये बुलबुल तो अपने आंगन मे आई है , पानी पिलाना चाहिए क्यों ?
जंगी - सीई आह्ह कमल भाई दिल की बात बोल दिये तुम

कमलनाथ - मगर होगा कैसे ?
जंगी - अरे चिड़िया पकडनी है तो दाना डालना ही पड़ेगा ना

कमलनाथ - ठिक है आप थोडा अपनी ओर से तब तक जाल फेकों मै जरा नहा के फटाफट आता हूँ

जन्गी - हा हा क्यो नही हाहाहाहा

**************************************


इधर दोपहर मे खाने पीने का प्रोग्राम शुरु हुआ और सारे लोग चंदू के मकान पर ही एक जूट हुए , वही पर खाने पीने का इंतजाम हुआ था ।

घर की औरतें महिलाएं जल्दी जल्दी खाने पीने मे लगी हुई थी कारण था मेकअप आर्टिस्ट बॉबी का जल्दी आ जाना ।
इधर राहुल अनुज अरुण राज सब मिल कर खाना परोस रहे थे । बबिता का मन अभी एकदम से उतरा हुआ था , वो सहमी हुई थी ।
ऐसे मे राहुल थोड़ा तुनकते हुए पूरी का बर्तन लेके उसके पास पहुचा

राहुल बबिता के पास ख्दा होकर - पूरी पूरी पूरी !!! चाहिये क्या

बबिता खिझी और मुह मे निवाला चबाते हुए एक उंगली उठाइ तो राहुल ने दो गर्मागर्म पूरियां उसके थाली मे रख दी ।

बबिता आंखे उथा कर उसको हस्ता देख रही थी और भितर भड़कती गुस्से की आग उसकी आंखो मे उतर गयी थी कि बगल मे बैठी निशा ने उसको थपथ्पाया - क्या हुआ ??

बबिता अगले ही पल शान्त हो गयी और वही राहुल अपनी मस्ती मे लगा रहा ।

वही इनसब से अलग गीता का पूरा ध्यान खाने पर ही था मगर अरुण को उसका ये रूप भी भा रहा था ।

अरुण सलाद का प्लेट लेके उसके पास गया और उसकी थाली के रखता हुआ
- थोड़ा ये भी दू

गीता खाने के मूड मे - हा हा रखो ना
और जैसे ही उसकी नजर सामने अरुण पर गयी उसके गले से उतरता निवाला मुह मे आ गया और वो मुह फुलाये मारे लाज के नजरे फेरे शर्माने लगी ।

बस इतना ही काफी था दोनो की आंखे चार होने के लिए, गले से निवाला गटक कर गीता अपने गुलगुले गालो की लाली बढ़ाते हुए मुस्कुराई ।
अरुण भी मुस्कुरा कर आगे बढ़ गया ।

वही राज ने भी घर की बाकी महिलाओं के साथ अपनी भाभीयों का ख्याल किया ।

इधर खाने का प्रोगाम चल रहा था कि रागिनी ने घर मे सबकी गिनती की तो पता चला कि रन्जू ताई अभी गाव से आई ही नही है ।

रागिनी पंखुडी से - अरे बहू ये तेरी सास क्यू नही आई

पंखुडी- जी चाची वो तो बाऊजी की राह देखने रुक गयी , बाऊजी खेत गये थे ना

रागिनी हस्ती हुई - हुहू बाऊजी की राह देखने रुक गयी ,,अरे क्या बाऊजी की गोद मे आयेगी क्या

रागिनी की बात पर सब औरतें खिलखिलाकर हस दी
रागिनी - राज बेटा जरा देख तो कहा रह गयी तेरी ताई
राज - अरे लेकिन मै जाऊंगा कैसे
रागिनी - अरे वो स्कूटी लेले ना

राज चहका - अरे हां
तबतक भंडारी वाला आदमी जिसकी स्कूटी थी वो बोला - अरे छोटे सेठ चला लेते हो ना

राज हस कर - अरे इसमे क्या है ये तो साइकिल है
भंडारी - हा लेकिन गाव की सड़क थोड़ी सही नही है तो ध्यान से जाना

राज ने उसको आश्वत किया और फिर स्कूटी लेके निकल गया ।
इधर वही खाने वाले टेबल पर एक कोने मेकअप आर्टिस्ट बॉबी और उसकी असिस्टेन्ट रूबी भी खा रहे थे । और उनकी खातिरदारी मे लगा था जंगी खुद

जन्गी - बॉबी जी और कुछ लाऊं
बॉबी ने अपनी कजरारी आंखें उठा कर खीरे का बाईट अपने दूधिया दांतो से काटते हुए मुस्कुराई और ना मे सर हिलाया ।

जन्गी रूबी को - और तुमको बेटा कुछ
रूबी - जी नही अंकल

जंगी - बॉबी जी कुछ चाहिये होगा तो कहिएगा
बॉबी ने बड़ी कातिलाना अदा ने मुस्कुराते हुए और जन्गी के इरादो को भापते हुए हा ने सर हिलाई ।


जंगी का मुसल पजामे मे तन गया और कमलनाथ लपक कर उसकी ओर बढा- क्या हुआ भाई साहब कुछ कहा क्या ? जो ऐसे हिहिहिही

जन्गी फौरन घूम कर अपना लौडा सेट करता हुआ - अरे भाई इसकी आंखे है या अह्ह्ह साली ने देख कर खड़ा कर दिया
जन्गी की स्थिति से कमलनाथ ने जिस्म मे भी सुरसुराहट सी होने लगी - फिर भाई साहब कुछ हो सकता है या नहीं

जन्गी - हम्म करना तो पडेगा ही आओ इधर चलते है

जंगी कमलनाथ को लेके घर की ओर चल दिया और एक शान्त जगज देख कर फोन निकाल कर घुमा दिया

कमलनाथ - किसे फोन कर रहे हो

जन्गी ने बिना कुछ बोले मोबाईल स्क्रीन कमलनाथ की ओर घुमाई जिस्पे लिखा था " BOBBY Parlour"

कमलनाथ का कलेजा थोडा धड़का
तबतक बॉबी ने कॉल पिक किया

बॉबी - हम्म्म बोलिए
जंगी मुस्कुराता हुआ अपना लन्ड भीच कर - और बॉबी जी कैसी है आप

बॉबी इतरा कर बोली - क्यू देखा नही आपके सामने तो थी
जन्गी सिस्क कर - सीईई उह्ह्हुऊऊ देखने तो बवाल लग रही हो आज , क्या इरादा है
बॉबी - हम्म्म आज तो बिज़ी हु और कारण आप समझ ही सकते हो

जन्गी - अरे कुछ पल हमे भी देदो नाह्ह्ह सीईई
बॉबी जन्गी की सिसकियाँ भरी आवाज पर मुस्कुरा कर - देखती हुई अगर टाईम मिला तो , वैसे आप आज रहेंगे कहा

जंगी - जहा आप कहे
बॉबी - ठिक है देखती हु और मैसेज कर दूँगी मै

फिर फोन कट जाता है और जंगी चहक कर - भाई साहब हो गया , बस हमे समय से उप्स्थित होना होगा

कमलनाथ - तो क्या मेरा भी कुछ
जंगी हस कर - मेरे बाप पहले आप हाहाहहा


अमन के घर

भोला सलून से आने के बाद जब वो कमरे मे पहुचा तो कमरे का दरवाजा भिड़का हुआ था उसने दरवाजा बन्द किया और बाथरूम मे जाने लगा , उसे जोरो की पेसाब लगी थी और नहाना भी था ।
जैसे ही उसने बाथरूम का दरवाजा खोला सामने का नजारा देख कर उसकी आंखे फटी की फटी रह गयी

सामने उसकी लाडली बेटी बाथरूम मे पुरी नंगी होकर बाथटब मे बैठी हुई अपने कोमल जिस्म पर पानी से खेल रही थी , उसका जिस्म पानी मे साफ झलक रहा था ।

भोला का लन्ड पूरी तरह से तन गया और वो आवाक हो गया था अपने बेटी की जिस्म पर उभरे हुए गुलाबी निप्प्ल देख कर उसकी गले मे पानी भरने लगा


दरवाजे पर आहट पाकर रिन्की थोड़ा सतर्क हुई और जब उसने सामने अपने पापा को देखा तो- अरे पापा आप हो ? मै तो डर ही गयी थी हिहिही

भोला के लिए उसकी बेटी का यू प्रतिक्रिया देना नयी बात नही थी , क्योकि वो इससे भी कैजुअली होकर भोला से बात करती थी ।
मगर अभी जो उस्का रूप निखरा हुआ था , वो रिन्की का जवानी की दहलिज पर उतरने का साफ साफ निमन्त्रण था ।

भोला ने भी सामान्य होकर ही बोला - वो जरा मै पेसाब करने आया था और बेटी जरा दरवाजा अच्छे से बन्द कर लिया कर

रिन्की ने मासुमियत भरे भाव से - सॉरी पापा
भोला ने टोइलेट सीट के पास खडे होकार अपना मुसल निकाल कर अपनी बेटी के सामने मुतने लगा ।

बाप का उफनाया लन्ड देख कर रिन्की की सासे भी चढने लगी और वो बाथटब से उठकर उसके बारी पर बैठ गयी और हाथो से साबुन की झाग को अपने मुलायम कोरी छोटी छोटी सनतरे जैसी चुचियो प लगाती हुई - पापा ऐसा ही बाथटब घर पर ही लगवाओ ना

भोला अपना लण्ड झाड़ कर पैंट मे डालता हुआ
मुस्कुरा कर - अच्छा तो तु क्या करेगी , नहाना तो शॉवर से भी हो जाता है ना तेरा

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रिन्की इतरा कर चहकती हुई बाथटब मे उतरी - ओहो पापा लगवा दो ना प्लीज इसमे देखा ना कित्ना मजा आ रहा है हिहिही ऐसे ऐसे करने मे

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रिन्की बाथटब के पानी मे अपने कुल्हे उछालने लगी और उसकी रबर जैसी चिकनी मुलायम गाड़ को पानी मे डूबता उपराता देखा भोला का लन्ड पूरी तरह से तन गया ।
वो रिन्की की गोरी चिकनी गाड़ निहारता हुआ आगे बढ़ा तो रिन्की ने उसके जांघो को सहलाते हुए - प्लीज ना पापा

भोला की सासे उखड़ने लगी अपनी नंगी लाडली के स्पर्श से और वो अपनी लाडली को छूने से खुद को रोक नही पाया

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वो आगे झुक कर रिन्की की पीठ सहलात हुआ उसके रबर जैसी मुलायम लचीली गाड़ को फैलाता हुआ उसके गुलाबी बुर के फाको को सहलाया
पापा के उंगलियो का स्पर्श पाकर रिन्की सिसकी और साम्ने दिख रहे अपने पापा का मोटा मुसल पैंट के उपर से ही मस्लने लगी ।

भोला सिस्का - ऊहह उम्म्ं
रिन्की - पापा आप कहो तो मै इसको suck कर दूँगी पर प्लीज पापा लगवा दो ना उम्म्ंम

भोला ने एक गहरी आह भरी और सीधा खड़ा हो गया उसने
अपनी लाडली की आंखो मे देखा और उसे वही कामुक नशा नजर आया जो अक्सर उसे अपनी बीवी संगीता मे आता था ।

भोला - लेकिन ये बात सिर्फ हम दोनो के बिच रहेगी अपनी माअह्ह सेह्ह उम्म्ंम्ं मत कहना

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रिन्की ने अपने पापा के मुसल को पैंट के उपर से सहलाते हुए बेल्ट खोलने लगी - उम्म ओके पापा नही कहूँगी

भोला की सासे चढ रही थी और रिन्की के नाजुक हाथ उसकी पैंट की जीप उतार कर पैंट सरकाई ,,जिससे भोला का लन्ड रिन्की के आगे झूलने लगा ।

मदमस्त होकर रिन्की के आगे बढ़ कर उसे सुँघा और मुह खोल्कर मुह मे भर लिया और उसको चुस्ते हुए आंख बंद कर भीतर तक गटकने लगी

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भोला -ऊहह बेटा उम्म्ंम सीईईई ओह्ह ऐसे ही सीईई क्या मस्त चूस्ती है तुह्ह्ह अह्ह्ह उम्म्ंम

रिन्की भोला के आड़ो को छेड़ती हुई आन्खे उठा कर अपने पापा को निहारती हुई बड़ी ही कामुकता से लन्ड को गले तक उतार रही थी ।

भोला उसके बालो को सहलाता हुआ एडिया उचकाने लगा और सिस्कता हुआ - उम्म्ं बेटा तुझे ये सबब उह्ह्ह कैसे प्ताअह्ह्ह उम्म्ंम सीईई

रिन्की भोला का लन्ड मुह से निकालती हुई उसकी चमड़ी सहलाती हुई - मम्मी को देखकर पापा उह्ह्ह

भोला - ऊहह बेटी और तु सच मे उसके जैसे ही चुस रही है उह्ह्ह और सिखा है मेरी गुड़िया ने उमम्म

रिन्की मुस्कुराई और सुपाड़े की टिप पर जीभ नचाने लगी जिस्से भोला का शारिर कापने लगा उसके लन्ड की नसे फड़कने लगी - उह्ह्ह बेटाअह्ह्ह उम्म्ंम ऐसे हिह्ह उह्ह्ह येससससस बेटा उम्म्ंम और चुस और लेह्ह और लेह्ह्ह हा हा

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भोला ने रिन्की के सर को दबाते हुए उसके गले मे पुरा लन्ड उतार दिया था और एडिया उचका कर झटके खाने लगा और उसका वीर्य उसकी बेटी मे मुह भरने लगा

अभी वो आहे भर रहा था कि बाहर कमरे के दरवाजे पर दस्तक हुई , दोनो सतर्क हुए और भोला ने अपना लन्ड निकाल कर जोरो से भीच कर माल झाड़ने लगा और वही रिन्की अपनी बेकाबू सासो थामती हुई हाफ रही थी ।

इस आधे अधूरे मिलन से दोनो बुरी तरह से तड़प कर रह गये
भोला ने जल्दी से अपना लन्ड पैंट मे भरा और बाथरूम से भागते हुए इतना ही बोला - बेटी ये दरवाजा बन्द कर लेना तु

भोला बाथरूम से निकल कर दरवाजा खोलकर बाहर आया तो सामने देखा मदन था ।

मदन - अरे जीजा कहा रह गये थे
भोला - भाई सलून से आने के बाद नहाने के लिए जा रहा था और तुम दरवाजा पीट दिये , मै सोचा क्या आफत आ गयी ।

मदन हस कर - अरे जीजा नहाना बाद मे ये कुछ समान चाहिए वो अभी कुछ देर बाद दूल्हा तैयार होगा तो लगेंगे

भोला - ठिक है चलो
इधर ये दोनो निकल गये और वही बाथरूम मे रिन्की की चुत पनिया कर रह गयी ।
आज के मौके पर उसे अफसोस भी था तो खुशी भी थी ।
पापा के लन्ड चूसने का मजा था तो नही चुद पाने का गम भी। जैसे तैसे मन रख कर वो नहा कर बाहर निकली और तैयार होकर सिर्फ टीशर्ट और लोवर मे अपने बाल सुखाने के लिए छत पर चली गयी ।

***********************************

इधर राज स्कूटी लेके फूलपुर गाव की ओर बढ़ गया था , हाईवे से पक्की सड़क पर उसे दिक्कत तो नही हुई मगर गाव की कच्ची सड़क पर कुल्हे उछलकूद कर उसे बडी दिक्कत सी हुई

जैसे तैसे करके बडी सावधानी करके वो गाव मे आ गया और फिर रंजू ताई के घर की ओर बढ़ गया ।

वही हफ्तों बाद रंजू ताई घर मे खुद को अकेला पाकर अपने कमरे का दरवाजा बन्द किये बिस्तर पर आराम से दिवाल का टेक लिये , अपनी अपनी साडी और पेतिकोट को जांघो तक उठाए एक बड़ा सा मोटा खिरा अपनी बुर मे पेलते हुए सिस्कियां ले रही थी ।

जमुना प्रसाद की ढलती उम्र और खेती बारी की थकान ने उनका सहवास करने की ताकत छीन ली थी , ले देके अपने देवर रंगी से कभी कभार मिलकर अपनी जलती चुत की कामाग्नि बुझा लेती नही तो किसी मोटे ताजे लन्ड की कल्पना मे ऐसे ही खीरे बैगन भरती हुई खुद की प्यास मिटाती ।

बजबजाती बुर मे फचरफचर खीरा पुरा चुत मे कसा हुआ जा रहा था ...

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रंजू अपने चरम पे थी उसका जिस्म पसीने से नहाया हुआ था और वो मादक घुटी हुई सिसकियां लेते हुए जोर जोर खिरा अपनी बुर मे पेले जा रही थी कि तभी उसके कमरे के दरवाजे पर दसत्क हुई


"ताई ओ ताई , अरे सो रही हो क्या " , राज ने दरवाजा जोर जोर से खटखटाया ।
भीतर से रंजू की सासे अटक गयी , छोटे कद के वजह से वो दरवाजे की कुन्डी पूरी लगा नही पाती थी , बस उसने अटका कर छोड़ा हुआ था ।

उसकी नजर दरवाजे की कुंडी पर थी और राज के दरवाजा पर जोर से खटखट होने से वो निकल गया और दरवाजा खुलने को हो गया ।

हड़बड़ाई रन्जू ने झट से अपनी साड़ी निचे सरका दी और सामने से राज कमरे मे दाखिल हुआ ।

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अस्त व्यस्त और बिखरा पड़ा बिस्तर , घुटनो तक चढा हुआ पेतिकोट और उसपे लिपटी हुई साडी, बिना आंचल का खुला पड़ा जोबन
बिन ब्रा वाले ब्लाउज मे अव्यवस्थित हुए चुचे और उनके उभरे हुए निप्प्ल
इनसब से अलग पसीने से लाल हुआ रंजू ताई का चेहरा देखकर राज को अचरज हुआ ।

राज - क्या हुआ ताई आप ऐसे , अभी तक तैयार नही हुई । मा कबसे आपको राह देख रही है चलिये

रन्जू मुस्कुरा कर - अरे मै तैयार ही हु रे , ये तेरे ताऊ की राह देखते मै सो गयी और कर्मजली बिजली भाग गयी तो ये हाल हुआ पड़ा है ।

राज ने हाथ बढा कर रंजू ताई को खड़ा होने का आग्रह किया , संकोचवश रंजू ताई अपनो जान्घो और चुत के छल्ले मे खीरे को कसते हुए खडी हुई इस भय मे कि कही उसके भतीजे के आगे जांघो के बिच से सफेद मलाई मे लिभडाया खिरा गिर पडेगा तो बड़ी लाज की बात हो जायेगी ।

खड़ा होकर अपने पल्लू से मुह पोछ कर आईने मे खुद को देखये हुए अपने सिने पर आंचल चढाते हुए रंजू मुस्कुरा कर बोली - बेटा बस तु थोड़ी देर रुक मै अभी आई

राज जल्दी दिखाते हुए रन्जू का हाथ पकड कर कमरे से दरवाजे की ओर बढ़ता हुआ - नही नही ताई मै नही रुक सकता आप अभी चलो और मम्मी मुझे ही डाटेगी

रंजू बेबस होकर - अरे बेटा बस 2 मिंट रुक मै जरा बाथरूम से हाथ मुह धूल के आती हु

राज - क्या ताई इतनी सन्दर तो हो आप , मै स्कूटी लेके आया हु आप चलो वहा मेकअप वाली आयी है वो आपको हेरोइन भी बना देगी हिहिहिही

रन्जू हस्ती हुई - धत्त शैतान कही का , अच्छा चल

राज जल्दी जल्दी घर के बाहर आने लगा और रन्जू ने वही साडी के उपर से अपनी जान्घे खोल्कर खीरे को और भीतर घुसेड़ दिया और जांघो को वाप्स कसते हुए धीरे धीरे चल कर बाहर आई इस आश मे की वही राज के यहा ही इसको ठिकाने लगा देगी ।

बाहर आकर उसने घर का दरवाजा बन्द किया और वही सड़क पर राज स्कूटी का एक्सीलरेटर घुरघुराने लगा ।

रंजू आराम आराम से बड़ी सावधानी से चलती हुई राज की स्कूटी पर बैठते हुए बोली - आह्ह बेटा आराम से चलाना थोडा सड़क अच्छा नही है और इस उम्र मे गिराना मत नही तो

राज - अरे ताई अभी आपकी उम्र ही क्या है जो इतना डार रही हो मुझे कसके पकड लो हिहिहिही

रन्जू - चुप बदमाश कही का चल अब
राज ने एक्सीलरेटर बढ़ाया और ज़ूप्प करके स्कूटी गाव से बाहर खड़न्जे तक आ गयी

दो चार हच्के मे रन्जू का खिरा अब और उपर चढने लगा और रन्जू की बुर मे चोट करने लगा ।

रन्जू अपने बुर मे खीरे की चोट पर अपने सासो को थामती लाल हुए चेहरे से होठो के साथ साथ राज का कन्धा भी दबोचने लगी

राज - ओह्ह ताईई डरो मत गिरोगी नही

रंजू - अह्ह्ह उह्ह्ह उम्म्ंम्ं
राज के कान खडे हो गये और वो स्कूटी रोक कर पीछे गरदन फेर कर ताई का परेशान लाल हुआ चेहरा देखा

राज - क्या हुआ ताई
रंजू - आह्ह कुछ नही बेटाआह्ह तु आराम आराम से ले चलह्ह

राज ने इग्नोर किया और स्कूटी स्टार्ट की और फिर कुछ देर मे खड़बड़ खड़ब्ड़ डगर पर स्कूटी उछलने लगी और रन्जू की बुर मे खीरा बच्चेदानी तक चोट करने लगा

रन्जू की सिसकिया और राज के कन्धे पर पकड तेज हुई तो राज ने फिर रोका - ताई क्या हुआ आपको कुछ दिक्कत है

रंजू की चुत बुरी तरह से चोट खा चुकी थी और खीरे की रगड़ ने खुब रस छोड रखा था ।
रन्जू ने आस पास देखा तो सड़क के आस पास कोई नही आ रहा था , और सड़क के बगल मे ही खेत थोडी निचे थी ।

रंजू - बेटा जरा रुक मै पेसाब करके आती हु मुझे दिक्कत हो रही है

राज अफसोस करके - ओह तो घर पर ही लेना था आपको
रन्जू - चुप कर शैतान कही का , बोली तो थी कि बाथरूम जा रही हु

राज हस कर - वो तो आप बोली मुह धुलना था आपको हिहिहिही

राज के हस्ते चेहरे को देखकर रन्जू हस दी और स्कूटी से उतर कर - यही रुक मै आती हु

राज ने ओके बोला और वही रन्जू को लगा कि उसका खिरा अभी भी उत्ना ही कसा होगा मगर उसकी रस छोड़ती बुर ने खीरे को निचे धकेल दिया था और जैसे ही रंजू कुछ कदम आगे बढी उसकी चुत से खीरा सरक गया

रंजू उसे सम्भालने के लिए निचे झुककर चिहुकी जिससे राज की नजर भी उसकी ओर गयि , मगर तब तक देर हो गयी थी ।

रज्जो की साडी के निचे से खिरा सरक कर खडंजे पर गिरा और धूल मे लसरा गया

राज ने जैसे ही ताई की साडी के बिच से खिरा सरक कर निचे गिरता देखा उस्का सुपाडा कुनमनाने लगा ।

रंजू ने घूम कर राज की ओर देखा तो उसे खीरे को घुरता पाया

वो शर्म से सर झुका चुकी थी और राज उसकी ओर बढ़ रहा था ।

रंजू राज को पास आता देख - वो बेटा मै ये वो

राज झुका और खीरे को उठा कर सड़क से दुर खेत मे फेक दिया - ताई आप फ्रेश हो कर आओ मै यही हु ।

राज जेब से रुमाल निकाला और हाथ पोछता हुआ वाप्स अपनी जगह पर आ गया
रंजू स्तब्ध थी और वो राज को निहारे जा रही थी ।

वो राज को समझने की कोसिस कर रही थी मगर नाकाम थी । दिल मे अभी भी भतीजे के आगे लज्जित होने का भाव था ।

रंजू - चल बेटा
राज ने मह्सूस किया कि ताई स्कूटी पर बैठ गयी है और उसने स्कूटी स्टार्ट कर दिया
फिर कुछ देर चुप्पी और हच्के के बाद राज बोला - ताई ये सेफ नही है , ऐसे आपको सीरियस चोट आ सकती थी ।

रंजू लाज मे मुह गिराये सोच रही थी कि इसमे भी राज के मन मे उसके लिये फिकर थी ।

राज - ताई ताऊ आपको प्यार नही करते क्या
रन्जू - नही वो !!
राज - हम्म्म इसीलिए आप पापा के साथ ?

रंजू का कलेजा मुंह को आ गया और उसकी सासे अटक गयी , राज ने आईने मे अपनी ताई का परेशान चेहरा देखा और मुस्कुराया - टेन्सन ना लो मै मम्मी को नही बताने वाला ।

रंजू कापते स्वर मे - तुझे कैसे पता बेटा उस बारे मे

राज हस कर - देखा था एक बार हिहिहिही उस दिन दुकान पर जब पापा आपको गोदाम दिखाने के बहाने हिहिहिही

रंजू मुस्कुराई ।
राज ताई को आईने ने मुस्कुराता देख कर - कभी अपने भतीजे को भी प्यार जताने का मौका दो ताई , पापा से ज्यादा खुशी दूँगा

ताई हसी और राज के सर पर पीछे से चपत लगाती हुई - अच्छा अब तु इतना बड़ा हो गया है कि

राज - आप मौका देके तो देखो ताई
रंजू - चुप बदमाश , सामने देख के चला हम लोग पहुचने वाले है

राज - आ गये ताई ,
राज रंजू को स्कूटी से उतर कर घर मे जाता देख - ताई सुनो ना

रंजू - क्या है बोल
राज इशारे से - प्लीज ना
रंजू हस कर - धत्त !!! हिहिहिही


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अमन के घर

रिन्की छत पर अपने बाल सुखा रही थी तौलिये से तभी पीछे से किसी के लोवर के उपर से उसके कूल्हो को दबोचा वो चिहुक कर आगे हुए

रिन्की - क्या भाभी आप हो
दुलारि - हम्म देखू तो छुट्की ननदिया मेरी बड़ी हेरोइन बन रही है

रिन्की - हम्म आप तो जैसे बिना नहाये बारात जाने हो ना

"नहा के जाऊ या ना जाऊ मगर तुम्हारी तरह झलकाते हुए तो नही जाऊंगी " , दुलारी ने रिन्की की टीशर्ट मे उभरे हुए निप्प्ल को देखते हुए बोली ।

रिन्की लाज मे हस कर घूम गयी ।
दुलारी ने उसको कन्धे पर धक्का देते हुए बोली - किसकी याद ये संतरे खोल के घूम रही हो ननद रानी

रिन्की तुन्की - है कोई , आप चाहो तो आप भी ऐसे घूमो मजा आयेगा हिहिहुही

दुलारी - हा हा सब समझ रही हु , ऐसे ही अभी अपने भैया को नहलाने जाओगी ना और उन्हे ललचवाओगी ना

रिन्की - भाभीईई भक्क आप बहुत गंदी है ,
दुलारी ने पीछे से हाथ आगे करके रिन्की की क्च्ची अमियां ह्थेली मे भर मसलती हुई बोली - ऐसे हिलाती हुई घुमोगी तो किसी की भी नियत खराब हो जायेगी मेरी लाडो उह्ह्ह

रिन्की दुलारी की बाहो मे कसमसाई- ऊहह भाभी छोड़ो नाआह्ह उम्म्ं सीईई

दुलारी रिन्की के संतरे की टिप मसलती हुई - ओहो देखो तो ये तो काफी बड़े हो गये है , एक बार हमे भी अपने आम चूसा दो रानिब

रिन्की झटके से दुलारी से अलग हुई और हसती हुई जीभ निकाल कर चिढाती हुई - येईई कुछ नही मिलेगा हिहिहिह

फिर रिन्की सरपट जीने से निचे भाग गयी और दुलारि हसते हुए बोली - आज तो तुझे दबोच कर ही दम लुन्गी रुक जा !!


राज के घर

"ओहो ऐसे करेंगे आप लोग तो सारा टाईम यूँ ही बहस मे ही निकल जायेगा " , बॉबी ने उपर के हाल मे शोर मचा रही महिलाओं को शान्त करती हुई बोली ।

बॉबी - लिसेन bride मेरी फ़र्स्ट प्रीओरिटी है और सबसे ज्यादा टाईम उसके पास ही लगेगा तो मै खुद उसका मेकअप करने वाली हूँ , बाकी आप सब लोग अलग अलग कमरों मे बैठ जाईये , भीड़ मे मेरा फोकस distract हो जाता है ।

बॉबी की चपड़चपड़ और मिक्स वाली अंग्रेजी सुनकर कुछ का मन सहमत हुआ तो कुछ को नही ।
फिर बॉबी ने सबका जायजा लिया तो पाया कि घर मे दुल्हन और उसकी मा के साथ रज्जो और शिला को छोड़ कर किसी को उसे समय देने की जरुरत नही थी , बाकी सबको उसकी असिस्टेंट हैंडल कर लेगी ।

फिर क्या सोनल के कमरे मे सोनल और रागिनी को रखा गया
वही रज्जो और शिला को अनुज के कमरे मे बैठाया गया
बाकी सबको बॉबी ने बाल्किनी की ओर अपनी असिस्टेंट रूबी के साथ भेज दिया ।


गीता बबिता को मेकओवर की जरुरत नही थी तो वो दोनो उपर की छत पर चले गये ।
छत पर पहुचते ही बबिता की नजर
निचे सड़क पर लड़को पर गयी जो शादी के लिए स्टाल लगवाने मे मदद कर रहे थे ।
अरुण बड़ी सादगी से फूलों की लरियां उठा उठा कर दे रहा था । जिसकी सादगी पर गीता मोहित हुई पड़ी


गीता - आह्ह यार ये लड़का कितना सीधा है उम्म्ंम्ं

बबिता खिझी - क्या सीधा ?? एक नम्बर का कमीना है ये हुउह

गिता चौकी - क्या मतलब , क्या बदतमिजि की अरुण ने तेरे साथ

बबिता चौकी - अरुण !! मै तो राहुल की बात ?? एक मिंट वहा अरुण कहा है वहा सिर्फ वो राहुल खड़ा है देखो कैसे उस बेचारे काम करने वाले को छेड़ रहा है ।

गीता बबिता की ओर एक कदम बढी और गरदन लफा कर देखा तो स्टाल पर एक खंभे की ओट मे राहुल भी खड़ा था जबकी दुसरी ओर अरुण खड़ा था ।
और बबिता गिता संजोग से ऐसे जगह पर खडी थी कि वहा से उन दोनो को केवल एक ही दिख रहा था ।
गीता को अरुण और बबिता को राहुल ।

गीता मुस्कुराई और फिर अपनी जगह पर आकर बबिता को अपनी ओर खिंच कर अरुण को दिखाया ।

इधर इनकी बाते चल रही थी कि निचे से अचानक से अरुण की नजर छत की बाल्किनी मे हो रही चहल पहल से स्ब्से उपर की छत पर रेलिंग से लग कर खड़ी हुई गीता बबिता पर भी गयी ।

अरुण को अपनी ओर देखता देख गीता मुस्कुरा कर अपने जुल्फो को कानों मे फ्साती हुई दुसरी ओर देखने लगी ।

अरुण ने राहुल का शर्ट खिंच कर उसे इशारे से छत पर देखने को कहा
और जैसे ही राहुल ने उपर रेलिंग की ओर देखा तो बबिता थी और उसने जैसे ही मुस्की लेते राहुल को देखा वो झनकी और तुनक कर मुह फेर लिया ।

गिता - क्या हुआ तुझे
बबिता - चल यहा से देख नही रही कैसे गरदन उठा कर घुर रहे है दोनो
गीता - घुर कहा रहे है अरे उसको देख इतना शर्मीला है कि नजरे उठा कर जी भर देखता ही नही ।

बबिता - हा उसको भी तो देख जिसकी पलके नही टपक रही है हुउह

गीता - यार बबिता शादी मे आये थोड़ी मस्ती कर ले ना , कौन सा हम बार बार मिल रहे है । यहा से जाने के बाद ना कौन किसे याद रखेगा

बबिता - हा लेकिन ये छिछोरे ही रह गये है अब
गीता हस कर - शादी मे सब छिछोरे ही मिलते है यार हिहिहिही
गिता की बात पर बबिता भी हस दी ।

बबिता को मुस्कुराता देख राहुल का दिल उछलने लगा और उसने इशारे अरुण को उपर चलने को बोला और दोनो घर मे आ गये ।

बबिता थोड़ा सहमी हुई - देखा इनको थोड़ा सा भाव दिया अब ये उपर आ रहे है , किसी ने देख लिया तो ??
गीता - अरे कुछ नही होगा , कौन वो लोग हमे खुली छत पर पकड लेंगे हिहिही

इनसब से अलग राज थोड़ा खाली था तो अपने नाना के साथ बैठा हुआ गप्पे हाक रहा था ।
उपर की महिलाओ को बाटने के बाद रंजू ने मेकअप करवाने से मना कर दिया था ये बोल कर कि उसे इस उम्र मे जरुरत नही ।
वो सीढियों ने निचे आ रही थी ।

जीने पर पायल और चुडीयों की आहट से दोनो नाना और नाती का ध्यान खटका ।

राज मुस्कुरा कर अपने नाना से बुदबदाया - वैसे ताई भी आपके हिसाब से सही ही रहेंगी क्यूँ?

बनवारी- तु फिर शुरु हो गया , क्यू पीछे पड़ा है भाई
राज - अरे कल से आप ऐसे ही सूखे सूखे हो हिहिही तो सोचा

बनवारी - तो क्या तेरी ताई इसके लिए मान जायेगी
राज - ऐसा ही कुछ समझो हिहिही
बनवारी ने उपर से निचे तक रंजू को निहारा और उसकी गुदाज चर्बीदार बदन और मोटी गाड़ देख कर उसका लन्ड फड़क उथा ।

इससे पहले बनवारी अपनी प्रतिक्रिया देता रंजू ने उसे देख कर नमस्ते किया

बनवारी- और बैठो
रंजू - जी बाऊजी

राज हस कर - बाऊजी !! क्या ताई , नाना जी को देवर कहो अभी तो ये जवाँ है

रंजू हस कर -चुप बदमाश कही का , ऐसा बोलते है

बनवारी ठहाका लेते हुए राज का कन्धा थपथपाया - अरे मेरा नाती बहुत बिगड़ गया है
रंजू ने भी लाज भरी मुस्कुराहट मे राज को आंखे मारते देखा तो हसी - हा कुछ ज्यादा ही शैतानीयां बढ गयी है अब तो

राज - अच्छा और आपकी शैतानियां , वो बताऊ नानू को उम्म्ं बोलो

रंजू चौकी कि कही राज उसकी खीरे वाली बात तो नही ना कह देगा - क्या है मेरी शैतानी बोल

राज हस कर - पता है नानू आज ताई घर से खिरा लेके आई थी चुपके से हिहिहिही

रंजू ने आंखे चढाकर उसे चुप रहने को बोला तो बनवारी ने हस बोला - अरे बताने दो ना ,

बनवारी- अच्छा फिर क्या बेटा

राज हस कर - अरे वो खिरा रास्ते मे ही गिर गया हाहाहाहा

बनवारी ठहाका लगाता हुआ - फिर तु लाके दे देता खिरा बजार से लाके , अगर तेरी ताई को खीरे इतने पसंद है तो ।

राज इशारे ने भौहे उचका कर मुस्कुराता हुआ - क्यू ताई चाहिये क्या खीरा, लाऊ बगल से

रंजू लाज से मुस्कुरा कर - धत्त बदमाश , चुप कर अब

"और बताईये बाऊजी आप कैसे है " , रन्जू ने बनवारी की ओर रुख किया

बनवारी जो उसके दुधारू मोटे थन जैसी चुचियो की लकिरे देख रहा था वो चौक कर - आह्ह मै , मै ठिक हु तुम बताओ

रंजू समझ गयी कि उसका पल्लू उसके रसदार भारी जोबनो को छिपाने मे नाकाम हो सरक चुका है तो वो मारे लाज मे उसको उठाती हुई - जी मै भी ठिक हु ,

"मै जरा आती हूं " , ये बोलकर रंजू अपनी साडी सही करती हुई उठी और गेस्टरूम मे चली गयी ।

फिर वही से कुछ ही मिंट मे उसने राज को आवाज दी ।
राज उठ कमरे मे गया ।

रंजू - शैतान कही का , क्या बोले जा रहा था बाऊजी के सामने
राज हस कर - अरे मै तो आप लोगो का मेल जोल बढा रहा था हिहिहिही

रंजू - बदमाश कही का , वो देवर लगेंगे मेरे अब

राज हसता हुआ - अरे सईया ही बना लो आज के खीरे का टेन्सन खतम हिहिहिही

रंजू राज के कान ऐठती हुई - तु बहुत बिगड़ गया है , चला ये बता ये बाथरूम कहा है ।

राज - जाओ मेरे कमरे मे है
रंजू राज बाहर आते है और तबतक बनवारी भी हाल उठ कर कही जा चुका होता है ।

राज इशारे से बोलकर अपना कमरा दिखाता है और खुद भी बाहर निकल जाता है ।

इधर रंजू दरवाजा धकेल कर जैसे ही घुस्ती है सामने का नजारा देख कर मारे लाज के वो मुह फेर लेती है ।

और सामने कोई और नही राज के नाना ही थे जो अभी अभी रंजू के भरे जोबन और उसकी थिरकती गाड़ देख कर उत्तेजित ही गये थे , जिससे धोती मे तम्बू बनने से उनकी धोती बिगड़ गयी थी और वो वही सही करने के लिए राज के कमरे मे आये ।

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कुर्ते को सामने से उपर खिंच कर उसको अपनी ठुडी मे दबाए हुए बनवारी निचे से पुरा नन्गे धोती की तह बना रहे थे और उनका मोटा काला खिरे जैसा मुसल पूरा तना हुआ खड़ा था ।

रंजू - माफ किजियेगा बाऊजी वो मै आह्ह
इतना बोलकर रंजू जैसे ही दरवाजे की ओर घूमी बनवारी ने फौरन कुर्ता निचे कर धोती को तौलिये के जैसे लपेटता हुआ - रुको जमुना बहू

रंजू के पाव थम गये और उसका जिस्म काप रहा था आंखे बंद करने पर भी बनवारी के काले लन्ड की छवि उसके जहन मे छप गयी थी ।

बनवारी- तुम यहा अचानक कैसे कुछ काम था

रंजू थरथराती हुई - जी नही बाऊजी वो मै , मै , मै जाती हु

बनवारी- क्या हुआ , कोई बात है क्या ? बताओ तो

रंजू तेज धडकते दिल के साथ - जी मै बाथरूम खोज रही थी और मुझे नही पता था कि आप भी यहा ऐसे

बनवारी- अच्छा ठिक है जाओ पहले हो लो तुम , जाओ जाओ

रन्जू - नही बाऊजी ठिक है

बनवारी- जमुना बहू मै बोल रहा हु ना तुम जाओ , मुझे बस ये धोती बान्धनी है

रंजू को पेसाब का प्रेसर था और वो बहुत ठहर नही सकती थी
तो उसने घूम कर बिना बनवारी को देखे सिर्र फर्श निहारती हुई बाथरूम मे चली गयी ।

बाथरूम मे जाते ही उसने अपनी चढती सासे थामी और बैठ कर पेसाब करने लगी ।
इधर बनवारी कुछ देर तक रुका मगर उसका लन्ड बैठने का नाम नही ले रहा था , ऐसी हालत मे वो धोती बिना मदद के नही बाध सकता था ।

कुछ देर मे रंजू आई और उसने नजरे नीची किये कमरे से बाहर जाने लगी तो बनवारी- अच्छा जमुना बहू जरा बाहर राज होगा उसे भेजना काम है थोड़ा ।

रंजू ने हामी भरी और निकल गयी , मगर ना हाल मे ना ही घर के हाते मे और ना ही बाहर उसे राज दिखा तो वो वापस कमरे के दरवाजे पर आई और भिड़का दरवाजा खटखटा कर बोली - बाऊजी राज नही दिखा बाहर

बनवारी- अच्छा देखो कोई और बच्चे होगें किसी को बुला दो

रंजू ने अच्छे से देखा था कि बाहर कोई नही था , क्योकि राहुल और अनुज तो छत की ओर जा चुके थे ।

रंजू - जी बाहर कोई बच्चे नही है कुछ काम था क्या बाऊजी बोलिए मै मदद कर दूँगी ।

रंजू से मदद का सुनते ही बनवारी का लन्ड और फड़का - न नही जामुन बहू , तुम नही कर पाओगी

रंजू को लगा कि बनवारी को सच मे जरुरत है कोई तो वो दरवाजा खोलकर कमरे मे आ गयी और सामने फिर वही नजरा ।
कुर्ता उपर और धोती की तह लगाई जा रही थी ।

रंजू ने झटके से दरवाजा भिड़का दिया ।
बनवारी ने हाथ मे ली धोती दिखा कर इसको तह देना है पहनने के , ये मेरी बहू ने बाजार ने नयी धोती मग्वाई थी पोलीसटर कपडा है इस्का तह नही लग रहा है । अगर तुम मदद कर सको तो ।

रंजू नजरे नीची किये हुए - जी बाऊजी लाइये

रंजू ने हाथ मे धोती ली और कनअखियो से फ़नकारते लन्ड देखा और फिर धोती को हाथ घुमा कर पीछे से आगे ले आकर एक गाठ दी ।
फिर आगे का तह लगाती हुई जैसे ही उसने धोती को निचे से पीछे की तरफ ले जाने लगी , धोती छोटी पड़ गयी ।

कारण आगे की तरफ बनवारी का मुसल लन्ड धोती मे टेन्ट बना कर फिर तह बिगाड़ चुका था ।

रंजू थोडा मुस्कुराइ और नजरे फेरते हुए बोली - बाऊजी आप पहले इस्को सही कर लिजिए , या फिर कोई जांघिया डाल लिजिए

बनवारी भी थोडा असहज होता हुआ - वो क्या है कि मै भीतर जांघिया नही डालता और बाहर वो अचानक से !!

रंजू समझ गयी कि ये सब उसकी कर्मजली सरकति सिफान साड़ी के पल्लू का नतिजा है जिसने बनवारी के अरमान जगा दिये थे ।

रंजू लजाती हुई मुस्कुराई - आप थोड़ा रुक जाईये अभी बैठ जायेगा फिर मै पहना देती हु ।

बनवारी ने रंजू के आंखो की चमक को पढा और राज की बाते याद आई तो उसे लगा क्यू ना प्रयास किया जाये ।


बनवारी ने आगे बढ़कर रन्जू के करीब हुआ और बोला - जमुना बहु अगर बुरा ना मानो तो कुछ कहूँ

रंजू नजरे झुकाये - जी बाऊजी कहिये

बनवारी हिचक कर - वो दरअसल मेरा ये हाल बाहर तुम्हे देख कर ही हुआ , मै सच कह रहा हु । सालों बाद तुम्हे ऐसे देख कर मेरी तन्हाई ने मुझे झकझोर दिया । तुमने मेरी बीवी रूपा की छवि है ।

रंजू काप्ते हुए लहजे मे - ये आआप क्या बोल रहे बाऊजी , मै समझ नही पा रही हु

बनवारी उसको पीछे से उसकी कलाई पर हाथ घुमा कर उसको पकडता हुआ - तुम सब समझ रही हो रंजू उह्ह्ह्ह्ह उम्म्ंम

बनवारी के मुह से अपना नाम सुनकर रंजू सिहर उठी और ऊसके गथिले सुष्क हाथो का स्पर्श से उसके जिस्म का रोम रोम खड़ा हो गया ।

रंजू - उम्म्ंम बाऊजी नहीईई ये गलत आह्ह्ह सीईई रुक जाईयेह्ह्ह्ह उम्म्ंम्म्ं सीईई ऊहह

बनवारी ने रन्जू की भारी भारी चुचिया पीछे से हाथो मे भर कर मसलने लगा - ऊहह रंजू क्या जोबन है तेरे ऊहह इस उम्र मे भी रस से भरे है उम्म्ंम


रंजू बनवारी की बाहो मे सिस्क्कियां लेने लगी और वही बनवारी का मोटा लन्ड उसकी गाड़ मे ठोकर मारने लगा ।
रंजू - उम्म्ं बाऊजी कोई आ जायेगाह्ह सीईई उम्म्ंम

बनवारी रन्जू का हाथ पकड पर अपने मुसल पर रखते हुए -अह्ह्ह रंजू बस थोडा ही समय लगेगा ओह्ह्ह कितने मुलायम हाथ है अह्ह्ह एक बार चुस लो ना इसे उम्म्ंम


रंजू चौकी - क्याह्ह नहीईई मै न्हीईई आप ऐसे ही वो कर लो

बनवारी रंजू के कड़े रुख से थोडा हिचका कही ये रूठ कर निकल ना जाये नही तो हाथ आया मौका भी निकल जायेगा

बनवारी ने उसे आगे झुकाते हुए उसका साडी पेतिकोट सहित उपर किया और सामने रन्जू का साँवला भोस्डा रसाया हुआ साफ साफ दिखने लगा
बनवारी ने रंजू को वही पास मे पलंग के सहारे झुकाये रखा और उसकी साडी को कमर तक उठा दिया ।

भरी गुदाज फैली हुई गाड़ और हल्के बालों वाली मोटी सावली फान्को वाली बुर को देख बनवारी ने थुक से अपना सुपाडा चिकना किया और रन्जू की बजबजाई के फाको ने दबाब बनाते हुए सट्ट से लन्ड को भेद दिया

रन्जू को मोटा तपता लन्ड भितर पाकर आन्खे उलटने लगि वही बुर की चिन्काई से बनवारी का लन्ड जड़ तक गया

बनवारी ने कुछ छड़ रंजू की तपती चुत की आंच मे अपना लन्ड सेका और फिर एक एक करके कस कस के लन्ड पेलने लगा

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रंजू कोहनी बिस्तर पर रख कर हाथो से मुह ब्न्द किये सिस्कने लगी
उसे समझ नही आ रहा था कि ना जाने कैसे वो बहक गयि ,,शायद हफ्तो से लन्ड की तडप ने उस्के जज्बातो को कम्जोर कर दिया था और वो बेबस ये हालत आ चुकी थी

बनवारी उसी तरह रन्जू को झुकाए कस कस के झटके दे रहा था और उस्का लन्ड पुरा अंदर बाहर हो रहा था
सुखा लन्ड रन्जू की गीली चुत मे भी लय बना कर चल रहा था

बनवारी- ओह्ह रंजू तेरी बुर बहुत गर्म है उह्ह्ह क्या मस्त गाड़ है तेरीईई उह्ह्ह

रन्जू - अह्ह्ह सीई बाऊजी मारो मत उह्ह्ह जल्दी से कर लो बस

बनवारी रंजू के खीझने पर मुस्कुराया और उसने एक बार और कस के रन्जू की गाड़ को चाटे से लाल करते हुए बोला - उह्ह्ह मेरी जान समय की कमी है नही तो ऐसी गाड़ मै कभी नही छोड़ता लेह्ह्ह और लेह्ह्ह ऊहह क्या गर्म चुत ह तेरी ओह्ह्ह ओह्ह्ह

रंजू - उम्म्ंम्ं बाऊजी धीरे अह्ह्ह अह्ह्ह सीईई दर्द हो रहा है पैर मे उह्ह्ह धीरे ओह्ह्ह्माह्ह्ह्ह उम्म्ंम सीईई

बनवारी लन्ड की नसो को ताने हुए कस कस कर झटके देते हुए रन्जू को पेल रहा था - बस्स्स रन्जू मेरी जाअन्ंंं उम्म्ंम्ं मेरा हो जायेवा ओह्ह्ह ओह्ह्ह आअह्ह्ह ऐसे ही ओह्ह्ह ओह्ह्ह उम्म्ंम्म्ं आ रहा है ओह्ह्ह्ह उह्ह्ह

अगले कुछ ही झटको ने बनवारी रंजू की बुर मे झड़ने लगा और हाफने लगा

रंजू तुन्क कर खडी हुई - अन्दर क्यू डाला बाहर नही निकाल सकते थे आप हुउह्ह

बनवारी हस कर - अरे कौन सा तु इस उम्र मे पेट से हो जायेगी हाहाहाहा

इसके बाद बनवारी ने खुद से ही अपनी धोती पहनने का ट्राई किया और वो एकदम आसानी से सेट हो गया - अरे ये तो आराम से तह लग गयी इसकी देखो


रन्जू ने मुह ब्नाया और बोली - ये सब आपका नाटक था और आपने मेरा फाय्दा लिया ।

"तो तुम्हे कौन सा नुकसान हुआ हाहाहाहा " , बनवारी हस कर कमरे का दरवाजा खोलकर बाहर आता हुआ बोला ।

मगर जैसे ही वो कमरे के बाहर निकला उसी समय रंगीलाल किसी काम से घर मे आया था और वो अपने कमरे मे जा रहा था ।
जैसे ही उसकी नजर अपने ससुर पर गयी उसने भीतर राज के कमरे मे भी देखा जहा रंजू अपनी साडी सेट कर रही थी ।


रंगी ने असमंजस भरे भाव मे अपने ससुर की ओर देखा जो पूरी तरह से शर्मिंदा हुआ खड़ा था ।

रंगी - बाऊजी आप ऐसे यहा ?
बनवारी नजरे फेरता हुआ - हा वो मै !!
रंगी - वो सब ठिक है लेकिन शादी का घर है बाऊजी और आप , अगर मेरी जगह कोई और होता तो ?

बनवारी- माफ करना दमाद बाबू और छोटी ( रागिनी ) से मत कहियेगा मै हाथ जोडता हु

रंगी लपककर अपने ससुर का हाथ थामता हुआ - क्या कर रहे है बाऊजी आप ये सब कोई देख लेगा !! हम बाद मे बात करेंन्गे इसपे मुझे काम है कुछ
रंगी दरवाजा खोलकर अपने कमरे मे चला जाता है और बनवारी थोडा लज्जित होकर वापस एकान्त के लिए राज के कमरे मे चला जाता है वही रंजू जो इनसब से पहले ही खुश नही थी वो भी बनवारी ने नाराज हुई बिना उसकी ओर देखे छत पर चली जाती है


जारी रहेगी
Awesome update bro
 

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राज के घर

सोनल -रागिनी और रज्जो-शिला को बॉबी थोड़ा समय देके दोनो कमरों मे आवा जाहि कर रही थी ।

इधर जंगी और कमलनाथ दोनो बेसबरे होकर उपर आते है और जंगी कमलनाथ को पीछे स्टोररूम मे जाकर दरवाजा खुला रखने को बोलता है ।

इधर जैसे ही बॉबी सोनल के कमरे से बाहर आती है जंगी उसको पकड़ लेता है

बॉबी फुसफुसाती हुई - ऊहह क्या कर रहे हो , कोई आ जायेगा

जन्गी ने उस्का हाथ अपने तने हुए मुसल पर पजामे के उपर से रखते हुए बोला - इसको देखो ये तड़प रहा है , अब और इंतजार नही ।

बॉबी का जिस्म पल भर मे थरथरा गया था और उसके जिस्म मे रोम रोम उभर आया था , वो कसमसाती हुई - ऊहह बस 5 मिंट रुको मै ये वाले रूम मे से आती हु । फेसियल अप्लाई करके आती हु बस प्लीज

जंगी ने बॉबी की मजबूरी समझी और उसे छोड़ दिया और वो सरपट भागती हुई कमरे मे दाखिल हुई ।
रज्जो फेसपैक ल्गाए पहले से ही आंखो पर खिरे की स्लाइस रखे आराम फरमा रही थी
जबकी शिला अपनी बारी के इन्तेजार मे बैठी थी ।
जैसे ही दरवाजे पर आहट हुई उसकी नजर सामने हाफ्ते हुए बॉबी पर गयी जो अपनी टॉप को खिंच कर निचे करती हुई बालों को झटकती हुई मुस्कुरा कर कमरे मे आती है ।

बॉबी शिला के पास खडी होकर - उफ्फ़ ये भागा भागी मे मै तो थक ही जाऊंगी आज हिहिहिहिही

शिला ने बॉबी की बाते सुनी मगर उसके टॉप पर उभरे हुए निप्प्ल के दाने और उसकी गहराती सासो कुछ अलग ही कहानी बयां कर रही थी , जिसका आभास बॉबी को था ।

बॉबी ने शिला के सामने से उसके करीब होकर उसके बालों को साइड करती है , वही शिला बॉबी की कजरारी आंखो मे देखती है ।

बॉबी की नजरें भी शिला से टकराती है और वो नजरे फेर कर मुस्कुरा देती है ,वही बॉबी के रसिले होठो की मुस्कुराहट देख कर शिला भी मुस्कुरा देती है ।

बॉबी शिला के गले और कान के पास उंगलियाँ फिराती हुई रूखी स्किन का जायजा लेती हुई कहती है - दीदी आपका ये सब हिस्सा स्क्रब करना पड़ेगा , कही धूल मिट्टी वाली जगह पर गयी थी क्या ?

शिला को याद आया कि उस दिन वो गाव की ओर गयी थी बाग से लकड़ीयां लाने जहा नदी से लग कर तेज हवाएं चल रही थी , शिला ने वो बात बॉबी से शेयर की तो उसने कहा- हम्म शायद इसीलिए , ऐसा करिये आप ये कुर्ती निकाल दीजिये ताकी सामने क्लिवेज एरिया भी मै कवर कर दूँगी
शिला - हा लेकिन ये दरवाजा थोड़ा प्लीज ध्यान दिजियेगा

बॉबी - डोंट वॉरी यहा कोई नही आयेगा

शिला उठी और अपनी कुर्ती निकाल कर सिर्फ ब्रा और लेगिज मे आ गयि ।

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शिला के भरे हुए जोबन को ब्रा मे फैला हुआ देख कर बॉबी की आंखे चमक गयी ।

शिला थोडा असहज हो रही थी वही बॉबी के लिए ये सब समान्य था ।
बॉबी ने अच्छे से शिला का फेस , बैक और फिर सामने का हिस्सा क्लिवेज के आस पास क्लीन किया ।

बॉबी के हाथो के स्पर्श से शिला के चुचो की घुंडी भी खड़कने लगी और ब्रा मे उभरने लगे ।

बॉबी ने फिर जब मॉसचराईजर अप्लाई किया और सामने आईने मे शिला के तने हुए निप्प्ल देखे तो वो मुस्कुराई , वही बॉबी को मुस्कुराता देख शिला समझ गयी तो वो सफाई देते हुए - हिहिहिही कमरा ठंडा है ना तोह्ह

बॉबी मुस्कुरा कर शिला के सीने पर मालिश करती हुई - कोई नही हो जाता है ऐसा

फिर उसके सामने आके फेस पर अच्छे से उंगलिया घुमाई , बॉबी की सरकति उंगलियाँ शिला की सासें गरम कर दे रही थी ।
फिर उसने स्क्रब अप्लाई किया और शिला को 15 मिंट के लिए छोड़ दिया ।
वही उसने एक बार रज्जो के फेस पर उंगलियाँ चलाई और फिर दोनो को छोड़ कर सोनल के कमरे मे हस्ते हुए भाग गयी क्योकि गलियारे मे जन्गी उस्का इंतजार कर रहा था और वो झल्ला कर रह गया कि बॉबी ने इसे चकमा दे दिया ।

मगर कुछ ही मिन्त मे जैसे ही बॉबी बाहर आई जन्गी ने लपक कर उसको स्टोररूम मे खिंच ले गया ।

बॉबी हाफती हुई - ओहो थोड़ा सा सबर लेते मेरे हीरो हिहिहिही
जंगी जल्दी जल्दी अपना पजामा खोलकर अपना तना हुआ मुसल निकालता हुआ - अह्ह्ह देखो कबसे तैयार बैठा है ,

बॉबी ने जन्गी का खड़ा मुसल देखा तो उसकी भी सासे चढ़ने लगी और उसने हाथ बढ़ा कर जंगी का मुसल थाम लिया ।

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जन्गी आन्खे बन्द कर सिस्का और बॉबी सरकति हुई निचे बैठ गयी
अगले ही पल उसने मुह खोलकर जंगी का लन्ड मुह मे भर लिया ।

जन्गी सिस्का - आह्ह उह्ह्ह क्या ठन्ड्क है उह्ंम्ं सीईई ओह्ह्ह
बॉबी मे भी लन्ड की गर्मी और उसकी फौलादीपन से खुमारी चढ रही थी । वो अपने चुचे मसलते हुए जन्गी का लन्ड मुह मे ले रही थी ।

जन्गी ने बॉबी की मदहोशि भापते ही पीछे बोरियों के पास छिपे कमलनाथ को इशारा किया
वही कमलनाथ चुपचाप अपना लन्ड निकाल कर बॉबी के बगल मे खड़ा हो गया ।

अभी तक बॉबी को भनक नही थी वो आंखे मुंडे बडे चाव से जंगी का लन्ड चुबला रही थी , वही कमलनाथ ने निचे झुक कर उसका हाथ पकड़ा और बॉबी को लगा कि वो जंगी का ही हाथ है

मगर जैसे ही उसकी उंगलियो को गर्म और सख्त सतह का अह्सास हुआ उसने मुह मे लन्ड भरे हुए नजरे घुमा कर देखा कि एक दुसरा काला मोटा लन्ड सुपाडा खोले फ़नकार मार रहा है ।

बॉबी मुह से लन्ड निकाल कर - येह्ह सब क्याह्ह है येह्ह कौन है,, हमारी-आपकी बात थी ना

जंगी के बॉबी के मुह मे वापस के लन्ड घुसेड़ कर उंगली अपने मुह पर लगाते हुए - सीई चुप रहो और तुम डबल ले लेना भाई सीई अह्ह्ह

बॉबी मुस्कुराई और उसने कमलनाथ के लन्ड को पकड कर सहलाते हुए मुह खोलकर टोपा चुबलाने लगी ।

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कमलनाथ उसके सर को सहलाता हुआ - ऊहह भाईसाहब क्या माल है यार बहुत तगडाआह्ह उह्ह्ह चुस्स्तीईई हैईई उम्म्ंम ओह्ह्ह

इधर बॉबी बारी बारी ने दोनो लन्ड चुबला रही थी तभी उसकी कलाई पर बन्धी स्मार्ट वाच का स्टापवाच बिप करने लगा ।

बॉबी फौरन उठ खडी हुई - मुझे जाना होगा , दुल्हन की मौसी का फेसपेक रेमोव करना है

जंगी बॉबी की गाड़ मसलता हुआ - अरे रुको ना बस 10 मिंट उह्ह्ह प्लीज हो जायेगा हमारा

बॉबी - प्लीज रुको ना मै आ जाऊंगी प्लीज
बॉबी जल्दी से स्टोर रूम से निकली और भागती हुई कमरे मे आई ।

इस्से पहले वो रज्जो का फेसपैक रिमोव करे उसकी नजर खुद की हालत पर गयि ।
उलझे बाल और बिखरी हुई लिपस्टिक
वो जल्दी से अपने बालो का जुड़ा करती है और टीशु पेपर से होठो को साफ कर फिर से लिपस्टिक लगाती है ।

उस्की ये हरकते शिला अपनी अधखुली अनखो से देखती है और मुस्कुराती है कि बाहर कोई तो है जो इसे अच्छे से रगड़ रहा है मगर कौन ।

ये सब सोच कर शिला की चुचिया एक बार फिर तन जाती है और उसकी बुर रसाने लगती है ।

वही बॉबी जल्दी जल्दी रज्जो का फेसपैक उतार कर दुसरा प्रोडक्ट अप्लाई कर देती है और फिर शिला के पास आती है ।
बॉबी शिला का स्क्रब हटाती है फिर क्लीनअप कर फेस पर पानी स्प्रे करती है जो सिसता हु उसके चुचो मे जाकर गीला कर रहा होता है ।

बॉबी जल्दी से टॉवल लेके शिला के चुचो पर सफाई करती है और शिला को देख कर मुस्कुराती है ।

शिला उसको खा जाने वाली नजरो से बड़ी ही मदहोशि से निहारती है और बॉबी के होठो की लाली देखकर थुक गटकती है ।

बॉबी शिला के हरकत से थोडी असहज होती है मगर वो इस बात को इग्नोर करती है ।

वो जल्दी से शिला के चेहरे पर फेसपैक अप्लाई कर सोनल के कमरे मे देखने जाती है ।

वही बॉबी के जाते ही शिला रज्जो से - भाभी सुनो ना भाभीई

रज्जो आंखे खोलकर शिला के ये रूप देखकर हस्ती हुई -क्या हुआ और तुम ऐसे क्यूँ

शिला - वो सब छोडो, मुझे लग रहा है घर में है जो इस बॉबी को बार बार रगड़ रहा है

रज्जो असमन्जस होकर - मतलब
फिर शिला बीते कुछ पलों का अनुभव रज्जो से बाटती है ।


शिला - मै क्या कह रही हूँ भाभी , एक बार चेक करो ना आप बाहर धीरे से

रज्जो - क्या ऐसे ये सब पोत कर
शिला - अरे तो क्या हुआ और ये मेरा मोबाइल लेते जाईये अगर कुछ मिला तो हिहिहिहिब

रज्जो - तुम भी ना हिहिहिही
रज्जो अपनी चेयर से उठी और धीरे से उसने दरवाजा खोला और एक नजर सोनल के भिड़के दरवाजे अन्दर झाका तो वहा मा-बेटी के अलावा कोई नही था

तभी उसकी नजर स्टोररूम से आ रही रोशनी पर गयी
रज्जो दबे पाव हौले से गयी कि पायलों की खनक तक ना उठे और उसने दरवाजे की ओट मे भीतर झांका तो उसकी आंखे फैल गयी ।

भीतर

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बोरीयो पर बॉबी की दोनो टाँगे एक ओर करके उसको करवट लिटा कर उसकी जीन्स पैंटी को पैरो तक निचे सरका कर दोनो बड़े बड़े मोटे काले लन्ड उसकी गाड़ और चुत मे सटासट पेले जा रहे थे और बॉबी सिसकियाँ लिये जा रही थी ।

रज्जो ने पीछे से ही दोनो मर्दो को पहचान लिया और मन ही मन बोली - फिर तो आज रात ये जोड़ी कहर ढ़ाएगी हिहिही

मौका देखकर रज्जो ने शिला के मोबाईल मे वीडियो बनाकर चुपचाप निकल गयी ।

शिला वीडियो देखती हुई - हम्म्म्म मतलब मेरा शक सही था भाभीई देखो तो साली कैसे दोहरे लन्ड का मजा ले रही है

रज्जो - फिर क्या इरादा है जीजी उम्म्ं
शिला - तुम तो मेरा इरादा समझती ही हो क्यू हिहिहिहिही

रज्जो मुस्कुरा कर शिला की चुत को लेगी के उपर से सहला कर - कही इसके रसभरे होठो से अपना भोसडा चुसवाने का इरादा तो नही उम्म्ंम्ं

शिला ने सिस्कते हुए रज्जो का हाथ पकड कर उसे अपनी चुत पर और रगड़ दिया ।


वही स्टोर रूम मे

कमलनाथ - ऊहह भाईसाहब सच मे इसकी गाड़ मे बहुत चर्बी है उह्ह्ह देखो तो कैसे झटके दे रही है ओह्ह्ह हा ऐसे ही उह्ह्ह उम्म्म्ं

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जंगी बॉबी के मुह लन्ड पेलता हुआ - ओह्ह्ह बॉबी मेरी जान मजा ही ला दिया तुने ऊहह और लेह्ह्ह उह्ह्हा ऐसे ही उम्म्ंम

कमलनाथ बॉबी के कूल्हो को थाम कर कस्कस कर उसके गाड़ मे पेलने लगा - ओह्ह येस्स्स्स ऊहह उह्ह्ह बॉबी आजाआ अह्ह्ह अह्ह्ह जल्दीईईई ओह्ह्ह

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कमलनाथ ने झटके से लन्ड बाहर निकाला और बॉबी के मुह पर पिचकारी छोडने लगा वही जंगी भी जोर जोर से अपनी लन्ड की नसो को भीचता हुआ लन्ड झाड़ने लगा ।

बॉबी दोनो के रस से सराबोर होकर उनका लन्ड चुबलाने लगी ।

दोनो खड़े खड़े वही हाफते हुए बोरियॉं का टेक लेके सुस्ताने लगे और बॉबी रुमाल से चेहरा साफ करते हुए बोली - गाइज सच मे मजा आ गया और जन्गी जी आप मुझे गूगल-पे कर देना ओके

जंगी - हा हा ओके ओके हाहहहहा

इधर बॉबी निकल कर सोनल के कमरे मे चली गयी वहा खुद का हाल ठिक किया और फिर वापस रज्जो शिला के पास चली गयी ।
बॉबी के आते ही दोनो सतर्क हुए और करीब 10 से 15 मिंट मे बॉबी ने दोनो का फेस क्लीन करते हुए बोली - हम्म्म अब आप लोग फ्री है हिहिहिही

रज्जो ने शिला को इशारा किया और वो उठी फिर जाकर दरवाजे पर चटखनी लगाती हुई वापस आई

बॉबी इस रूम से अपना समान बैग मे पैक करने मे बिजी थी तो उसे दरवाजा बन्द होने का ध्यान नही रहा ।
इधर रज्जो ने फटाफट अपनी साडी खोलकर पूरी नंगी हो गयी ।

जैसे ही बॉबी पलटती है वो रज्जो को देखकर चौक जाती है - अरेह्ह आप ऐसे क्यू ?

रज्जो इतराई और बोली - देखो हमे जबरदस्ती करने की आदत नही है , लेकिन अभी अभी जो तुम स्टोररूम मे करके आई हो उसके बारे मे हमे पता है

बॉबी की सासे अटकी - मतलब मै समझी नही, म मै कब गयी स्टोर रूम मे , क्यू जाउंगी मै वहा ??
शिला ने टपाटप 3 चार बार मोबाइल टैप किया और वीडियो चला कर स्क्रीन बॉबी की ओर घुमा दी ।

बॉबी वीडियो देखते ही समझ गयी और थोड़ी घबराई
रज्जो उसके करीब आकर उसके होठो को अंगूठे से मस्लती हुई बोली - जी कर रहा है कि अभी इन्हे काट लू , लेकिन

बॉबी सहमी हुई रज्जो के नंगे भरे जिस्म से उठ रही गर्मी को मह्सूस कर गले से थुक गटकती हुई बोली - क्या??

रज्जो ने एक नजर मुस्कुरा कर शिला को देखा और बोली - यही कि हम अभी जो खेल खेलने वाले है तुम उसने खुशी खुशी हमारे साथ शामिल हो जाओ बस

बॉबी कुछ कुछ अनुमान लगाती हुई - कैसा खेल मै समझी नही
रज्जो ने उसका फेस अपने थन जैसे चुचे पर रगड़ती हुई बोली - येह्ह्ह वाला

रज्जो के नरम नरम चुचो के बीच रगड़ा कर बॉबी का चेहरा लाल हो गया , उसकी दूधिया स्किन गुलाबी सी हो गयी और नथुने फुल गये ।

वो हाफ्ती हुई हसने लगी और उसने जीभ निकाल कर रज्जो के निप्प्ल चाट लिये , रज्जो सिसकी ।

उसने शिला को इशारा किया वो अपनी पैंटी निकाले

शिला अपनी जांघो पर कसी हुई लेगी उतारती हुई घोड़ी बन गयी और रज्जो बॉबी के बाल पकडते हुए बोली - तेरी जगह यहा नही , यहा है लेह्ह्ज चाट उह्ह्ह और चाट ऊहह

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रज्जो ने बॉबी का सर शिला की चर्बीदार फैली हुई गाड़ के बीच मे दे दिया और बॉबी भी पैंटी के उपर से अपनी थूथ रगड़ रही थी ।

वही शिला बॉबी के मुलायम होथो का स्पर्श पाकर पागल होने लगी और सिसकिया लेने लगी - उह्ह्ज बॉबी चुस्स और चाट उह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं येस्स्स स्क्क मीईई उम्म्ंम येस्स्स बेबीईईई उह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह उम्म्ंम ऑफफ़फ्फ येस्स्स ऊहह

इधर बॉबी शिला के गाड़ मे व्यस्त थी और वही रज्जो ने धीरे धीरे उसका जीन्स खोलकर घुटनो तक कर दिया और फिर उसे खड़ा कर उसको पुरा नंगा कर दिया

रज्जो ने उसके मुलायम रसिले होठो को अपने होठों से चुबलाया और बिसतर पर धक्का दे दिया

बॉबी खिलखिलाइ और अपनी जान्घे खोलकर अपनी गुलाबी बुर सहलाने लगी ।

उसने उंगलियाँ अपने मुह मे डाल कर थुक लिया और चुत के मुह पर लगाती हुई उसे मसलने लगी ।

रज्जो भी बिस्तर पर आकर उसकी जांघो को खोलती हुई अपना मुह सिधा उसकी नरम बुर मे दे दिया

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बॉबी सिसकियाँ लेने लगी , रज्जो उसकी बुर मुलायम पतली फाको को मुह मे लेके चुसती हुई खिचने लगी - उह्ह्ह दिदीईई उम्म्ंम और चुसो उह्ह्ह सालों बाद ये मजा मिला है उम्म्ंम्ं सीईई ओह्ह्ह फ्क्क्क मीईई उह्ह्ह्ह सीई येस्स्स फ्क्क्क मीईई


रज्जो अपनी थूथ को उसके बुर के उपर रगड़कर उसकी बहटी रस पर जीभ फिरा कर उसे चाटते हुए उठी और उसने अपनी जान्घे खोलते हुए बॉबी की जांघो को अपने उपर खीचा जिससे दोनो की चुत के फाके आपस मे सट गये


बॉबी - उह्ह्ह दीदी इसमे तो और मजा आयेगाअह्ह्ह उह्ह्ह्ह उम्म्ंम

इधर रज्जो ने बॉबी की जान्घे पकड कर उसको अपने ओर खिंचती हुई उसकी चुत पर अपनी चुत घिस रही थि और दोनो तेज आहे भर रही थी ।

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वही शिला अपने बैग से एक दिल्डो निकाल कर उसे चुसती हुई उनके पास खडी होके नजारे देखने लगी
रज्जो - अरे जीजी ये कहा था

शिला मुस्कुराई और उसे अपनी बुर के पास रगड़ती हुई बोली - ये वो वाला नही है ये छोटा है हिहिही मेरे पर्स मे होता है एक सेट

बॉबी ने जब शिला के हाथ मे दिल्डो देखा तो उसकी सासे और चढने लगी वो हस्ती हुई बोली - ऊहह दीदी आप तो सारा समान रखती है

शिला ने झुक के उसके रसीले होठ चूस्ती हुई बोली - मेरी जाँ तुने मेरा कलेक्सन देखा ही कहा है उम्म्म्म्म्माआह

वो घूम कर आई और उसने बैग से अपना strapon निकाल कर पहना और दिल्डो को झुलाती हुई बॉबी के पास आ गयी ।

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मौका पाके ही बॉबी ने मुह खोलकर वो लण्ड मुह मे भर लिया और वही रज्जो ये सिन देखकर और जोश मे बॉबी की जान्घे खिचती हुई उसकी चुत पे अपनी चुत मलने लगी ।

रज्जो - उह्ह्ह अह्ह्ह अयेगाह्ह्ह उम्म्ंम सीई ओह्ह्ह आह्ह बोबीईईई उम्म्ंम उफ्फ्फ्फ अह्ह्ह

रज्जो कस कस के झटके खाते हुए झड़ने लगी और वही बॉबी दिल्डो को लन्ड की तरह जीभ फिरा कर उसकी चुसे जा रही थी


शिला ने उसके बालो को सवारते हुए बोली - सवारी करोगी मेरी जान उम्म्ंम

बॉबी ने हा मे गरदन हिलाया और मुस्कुराई

रज्जो उठ गयी और शिला ने बिस्तर पर अपनी पीठ टिकाई उसका लन्ड यू आसमानी तना हुआ था ।

बॉबी ने पाव फेक कर दिल्डो को अपनी गाड़ पे सेटकरने लगी और शिला ने एक बार अपना कमरा झटका

आधा दिल्डो उसकी गाड़ मे फस गया , मोटे लन्ड की कसर आ बॉबी की पूरी हो गयी थी रज्जो उसके चिकनी मुलायम चर्बीदार गाड़ मसलते हुए उसको दिल्डो पर उछाल रहि थी

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बॉबी भी दिल्डो पर अपनी गाड़ पटकती हुई चिल्लाने लगी - ओह्ह माअय्य्य उम्म्ंम येस्स्स्स फ्क्क्क्क मीईई उह्ह्ह येस्स्स उएस्स उह्ह्ह कमां कमां एस्स एस्स उह्ह्ह फ्क्क्क्क फ्क्क्क मीई उह्ह्ह उह


शिला ने भी जोश मे जोश मे निचे से झटके मार रही थी क्योकि strap on का नीचला हिस्सा उसकी बुर के दाने को बार बार छेड़ रहा था और वो कुलबुलाहट से शिला को और मजा रहा है

उसने कस कस झटके देने शुरु किये और बॉबी ने भी तेजी से अपनी गाड पटकने लगी -उह्ह्ह माह्ह उह्ह्ह सीईई ऑफफ़फ औह्ह ऐसे ही दिदीईई उमम्मं सीईई अह्ह्ह्ह आह्ह फक्क्क्क फक्क्क येस्स्स एस्स्स्स येस्स्से उम्म्ंम्म्ं उम्म्ंम्म्ं उम्म्ं

बॉबी ने झटके से दिल्डो पर से उठी और अपनी गाड़ उठा कर अपनी चुत मलने लगी , उसकी बुर का फब्बारा फुटा जिसके सारे छीटें शिला के पेट मुह और चुचो पर गिरने लगे ,,जिसे शिला ने भी इंजॉय किया

वही रज्जो ने आगे आकर उसकी बहती पर मुह लगा कर उसको चाटने लगी
शिला भी दिल्डो की दोहरी मार से झड़ चुकी थी ।

बॉबी का दूध की तरह साफ चेहरा लाल हुआ पड़ा था मगर उसके चेहरे पर चरमसुख की अनुभती साफ झलक रही थी

तीनो के कुछ पल आराम किया और फिर सबने कपडे पहने और बाहर निकल गये ।


इस वादे के साथ कि मौका मिलने पर वो फिर कभी ये मजा जरुर दोहरायेन्गे ।

जारी रहेगी
NIce fantastic update
 
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