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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कुछ मेडिकल इमर्जेंसी की वजह से इन दिनों व्यस्त हूं दोस्तो और परेशान भी 🥲
समय मिलने पर अपडेट दिया जायेगा और सभी को सूचित किया जाएगा ।
तब तक के लिए क्षमा प्रार्थी हूं
🙏

 
Last edited:

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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UPDATE 177 A

लेखक की जुबानी

शादी-फंशन वाले घर मे ये आम बात होती है कि वहा का बाथरूम बहुत बिजी हो जाता है ऐसे मे सबसे ज्यादा सम्स्या घर की महिलाओ के लिए आ जाती है ।

अब निचे के दोनो कमरो मे तो बाथरूम अटैच थे मगर उपर सोनल और अनुज के कमरो मे नही थे ।

उनके लिए उपर की छत वाला बाथरूम सेट था ।
ऐसे मे जहा घर के बाकी मर्द और बच्चे नहा धो कर भोज के व्यस्त थे ऐसे मे छत पर 3 ननद-भौजाई थी जिनकी धीरे धीरे आपसी बोन्डीन्ग बहुत अच्छी होने लगी थी और एकदम सहेलियो के जैसे शरारते भी चालू थी ।

निशा - यार तेरे पास एक ही नाइटी है क्या

सोनल - हा क्यू ?

निशा - पहले मुझे जाने दे यार बाहर मस्त मस्त माल घूम रहे होगे

रीना हस के - भाइ फिर तो पहले मेरा नम्बर आना चाहिए ना हिहिहिही


मौका देख कर सोनल हस्ती हुई सबको धकेल कर बिस्तर से भागते हुए तौलिया और नाइटी लेके कमरे से बाहर आके - पहले तो मै जाऊंगी हिहिहिही

निशा उसकी ओर लपकी - कमीनी , रुक तुझे बताती हु मै ,

रीना - अरे जाने दो निशा आयेगी तो नहा कर यही ना , इसके कपडे गायब कर दो


निशा का दिमाग ठनका और उसने आलमारी से सोनल की सारी ब्रापैंटी निकाल कर एक झोले मे रखने लगी ।

रीना उसको देख कर हस रही थी ...

निशा- भाभी आप रुको मै इसको छिपा के आती हु हिहिहिही

रीना हस्ती हुई - अरे लेकिन कहा लेके जाओगी

निशा - अरे आप रुको ना मै आती हु हिहिह्ही

फिर निशा सरपट भागती हुई निचे आई और हाल मे आते ही उसके चेहरे की चंचलता शान्त हो गयी क्योकि सामने उसकी रन्जूताई और बाकी महिलाये थी , वो धीरे से सरकति हुई गेस्टरूम की ओर बढ़ी संजोग से शिला उसी समय नहाने के लिए गयी हुई थी ।
निशा ने इधर उधर अपनी फुर्तीली नजरे घुमाई और उसकी नजर शिला के बैग पर गयी जिसका लॉक खुला हुआ था ।

निशा जान रही थी कि सोनल हर जगह अपने अंडरगार्मेंट्स खोजने आयेगी , यहा इस बैग मे उसका ध्यान नही जाने वाला

निशा ने एक नजर बाहर हाल मे झाका और धीरे से झुक कर शिला का बैग खोला कर फैलाया ,, वहा पहले से ही उसकी बुआ के समान भरे पडे थे ।

निशा मन मे बड़बड़ाई - अगर ऐसे ही उपर रख दूँगी तो बुआ जान जायेगी और किसी से घर मे पुछ लिया तो बैंड बज जानी है , ऐसा करती हु इस चैन वाले डाल देती हु ।


निशा ने एक चैन वाला हिस्सा खोला तो उसमे पहले से ही रखा हुआ शिला के dildo की काली बेल्ट का पट्टा बाहर निकल आया

निशा को अजीब सा लगा और उसने उसको बाहर खिंच कर निकाला तो उसके साथ उछल कर 10 इंच का मोटा dildo भी फर्श कर गिर पड़ा

फर्श पर उछल कूद करते रबर वाले उस भयानक लण्ड को देख कर निशा तेज से चिहुकी , मगर बाहर की चहल पहल और डीजे के शोर मे उसकी चिख दब गयी ।

फौरन उसने खुद को सम्भाला और वो बड़े ध्यान से वो लण्ड उठा कर देखा तो उसे समझते देर नही लगी कि ये उसकी बुआ अपने अकेले के समय मे यूज़ करती है और उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयि ।

उसने काफी दिनो पहले सोनल के साथ ऐसे ही एक dildo के साथ मजे करने का सोचा था मगर ये सब कहा मिलता है उसे जरा भी आईडिया नही था ।

फिल्हाल उसको उपर जाना था मगर अब तो वो बिल्कुल भी उस चैन वाले मे कपडे नही रख सकती थी इसीलिए उसने वो कपडे लेके राज के कमरे मे चली गयी और वहा दो बैग रखे थे उसने एक बैग को खोला और उसी मे घुसा कर फटाक से कमरे से बाहर आते हुए सरपट जीने से उपर छत पर चली गयी ।

उपर पहुचते ही निशा ने रीना को ओके वाला साइन दिखाया बोली - हो गया

रीना - अब
निशा हस कर - अब क्या ,इसके जोबने आज खुब हिलने वाले है हिहिहिही

रीना ने भी हस्ते हुए उसके ताली दी और फिर वो अपने कपडे लेके उपर नहाने चले गये ।

इधर सोनल हस्ती खिलखिलाती सिर्फ मैक्सि मे अपने कमरे मे आई और दरवाजा बंद करके अपनी नाइटी निकाल कर बेड पर फेक दी

फिर नंग बेधन्ग होकर गुनगुनाती हुई आलमारी मे अपनी ब्रा पैंटी खोजने लगी

जल्द ही उसके चहकते चेहरे के भाव बदलने शुरु हो गये , उसकी सासे तेज होंने लगी
हाथो की गति तेज हुई निगाहे यहा वहा जहा तहा मत ही पुछो कहा कहा , हर ओर नाचने लगी ।

बेचैन सोनल की चुचिया जो नहा कर तरोताजा और कड़क थी अब ये डर ने उनके रोए खडे कर दिये थे , अचानक से पंखे की ठन्ड्क बढने लगी थी

करीब 15 20 मिंट हो गये और सोनल पूरी तरह परेशान हो गयी

इधर दोनो ननद भौजाई निशा और रीना नहा कर निचे आ चुकी थी और उन्होने सोनल के दरवाजो को ठकठकाना शुरु कर दिया

लपक कर दरवाजा खोलने के लिए बढी और चटखनि तक हाथ जाते ही उसको अपनी खुली जवानी और तने हुए जोबनो का ख्याल आया ।

लपक कर उसने तौलिया लिया और झट से लपेट लिया ।

रीना - उम्म्ंहू ननद रानी अभी तक तैयार नही हुई , कुछ स्पेशल मेकअप तो नही ना कर रही थी ।


निशा खिलखिलाकर - हा हा आज तो ये अपने दिवानो पर बिजलिया गिरायेगी हिहिहिही

सोनल खीझ कर - चुप कर कमिनी और ये बता मेरे कपडे कहा रखे तुने

निशा कमरे मे दाखिल होती हुई बेड पर इशारा करते हुए हस्ती हुई - वो क्या है तेरा टॉप और स्कर्ट

सोनल झल्लाती हुई - देख निशा मजाक मत कर , मेरे अंडरगार्मेंट्स कहा है


रिना मजे लेते हुए - हाव सोनल मतलब तुम तबसे ऐसे ही हो , कुछ नही पहना

रीना की बाते सुनकर सोनल को शर्म आने लगी वो अपने तौलिये को हल्का हल्का खिंच कर अपनी चिकनी जान्घे ढकने लगी ।


निशा - अरे अरे आराम से कही निचे के च्क्कर मे उपर का ना खुल जाये

सोनल शर्म से लाल हुई जा रही थी और वो निशा पर बहुत ही ज्यादा गुस्सा थी

निशा - चलो भाभी हम लोग तैयार होकर बाल्किनी ने माल देखते है , इसको रहने दो ऐसे ही हिहिहिही

फिर कुछ देर बाद दोनो कमरे से निकल गयि और सोनल को मजबूरी मे टॉप स्कर्ट डाल कर बाहर आना पड़ा ।


इधर निचे कमलनाथ बाहर भोज का जायजा लेता हुआ सभी ओर देख सुन रहा था , सब लोग काम मे व्यस्त थे ।
एक तो यहा चमनपुरा मे पहली बार उसका आना हुआ था और यहा कोई उसके परिचय मे था नही ।
रंगीलाल और जन्गीलाल पूरी तरह से मेहमनो की आवभगत मे लगे थे , उनसे मेलजोल कर रहे थे ।

ऐसे मे कमलनाथ को बोरियत सी होने लगी थी कि आखिर वो कहा जाये किस्से बाते करे ।

उसने सोचा क्यू नही अन्दर कमरे मे ही बैठा जाए , तभी उसके जहन मे वापस से शिला का ख्याल आया और लण्ड झटके खाने लगा ।

उसने सोचा क्यू ना शिला को जीन्स अभी गिफ्ट करने के बहाने मे कमरे मे जाऊ और कया पता कुछ काम बन जाये ।

मगर कैसे ? हाल मे तो कितने सारे लोग है ? किसी न किसी ने तो शिला को राज के कमरे मे जाते देखा ही होगा ? अरे लेकिन जरुरि थोडी है कि सबको पता ही हो कि वो नहाने गयी है ।

चलो एक बार ट्राई करते है अगर दरवाजा खुला मिल गया तो बात बन जायेगी ।
फिर खुले दरवाजे से भीतर घुसने पर किसी को शक भी नही होगा
कमलनाथ ने धडकते दिल के साथ राज के कमरे की ओर बढ़ना शुरु कर दिया

उसने एक नजर हाल मे देखा तो महिलाए आपस मे बाते कर रही थी तो वो गरदन और नजर सीधी रख कर हाल पार करते हुए राज के कमरे के दरवाजे पर पहुच गया ।
गरदन घुमा कर एक बार उसने हाल की ओर देखा और हल्का सा उंगलियो से दरवाजे को पुस किया ।

उसका चेहरा खिल उठा क्योकि दरवाजा भिड्का हुआ था ।
अगले ही पल झटके के साथ कमलनाथ ने भीतर घुस कर दरवजा बन्द कर दिया ।


बाथरूम से पानी गिरने की आवाज आ रही थी ।
कमलनाथ का कलेजा तेजी से धडक रहा था , शरिर मे एक सुरसुराहट सी हो रही थी और लण्ड पुरा उफान पर था जिसको कमलनाथ मे हथेली मे भर कर भींच रखा था ।

वो दबे पाव बाथरूम के भिड़के हुए दरवाजे के पास गया और हल्की गैप के बीच से भीतर का नजारा देखा तो उसकी सासे अटक गयी म

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अन्दर शिला पूरी नंगी होकर शॉवर के निचे झुकी हुई अपने बालो मे शैम्पू को धूल रही थी और झुकने से उसकी 42 की चर्बीदार गाड़ के फाके फैले हुए थे । गीले भूरे सूराख बाथरूम की लाईट मे चटक और साफ दिख रहे थे ।

कमलनाथ शिला के तंदुरुस्त नरम नरम फुले फुले चुतड देखकर हिल गया था, उसका लण्ड अपनी कुछ कामरस की बुंदे भी छोड चुका था ।

कमलनाथ जोर से लण्ड की सतह को भिचे हुए सुपाड़े को फुला रखा था और गले सरकति थुक उसकी प्यास और बढा रही थी ।


कमलनाथ ने झटके के साथ खुद को दरवाजे से दुर किया और आंखे बन्द कर लण्ड थामे हुए गहरी सासे लेने लगा ।

उसका मन तो यही हो रहा था कि अभी जाये और घुस कर शिला को चोद दे । उसे इस बात का पुरा यकीन था कि शिला इस बात से कोई इंकार नही करने वाली थी ।

मगर ना जाने क्या था जो उसको निडर होने से रोक रहा था , कमलनाथ हिम्मत करके वापस से बाथरूम मे झाका

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शिला अब शॉवर के निचे सीधी खडी थी और पानी सीधा उसके सर के बालो मे गिर रहा था , शैम्पू की गाढ़ा झाग उसके पुरे जिस्म पर रिस रहा था, वो उसी झाग से अपने मोटे मोटे थन जैसे चुचे और कांख को रगड़ कर साफ कर रही थी और वही पीछे बालो से रिस्ता हुआ झाग उसकी पीठ से होकर उसके उठे हुए मोटे चरबीदार गाड़ की दरारो मे जा रहा था ।

कमलनाथ जोरो से लण्ड भीचते हुए यही सोच रहा था कि अभी जाकर वो झाग अपने उंगलियो मे लेके शिला के गाड़ की गहरी दरारो मे मल दे और निचे पुरा हाथ घुसा कर उसके फुले हुए भोसड़े को भी मले ,

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अभी कमलनाथ ये कलपना कर ही रहा था कि शिला ने हाथ खुद ब खुद अपने जिस्म को रगड़ते हुए चुतडो पर आ गये थे और वो अपनी उंगलियो से गाड़ के फाके फैला फैला कर वहा रगड़ने लगी । जिसे देख कर कमलनाथ का लण्ड बगावत कर बैठा उसकी सासे और भी चढ़ने लगी ।

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वही शिला ने थोडा अपने गाड़ को फैलाते हुए अपने हाथ आगे ले जाकर सामने से अपने जान्घे और भोस्ड़े पर साबुन लगा कर उसको मलने लगी थी ।

जिसे देख कर कमलनाथ की हालत अब झड़ा तब झड़ा वाली हो गयी थी ।

कमलनाथ भी खुद को रोकना चाह रहा था मगर ना उसके हाथ रुक रहे थे और ही लण्ड की फड़कती नसे ।
अगले ही कमलनाथ की आंखे मदहोशि मे उलटनी शुरु हो गयी और वो एड़ियो के बल हो गया , उसके अंडकोष ने वीर्य का एक बड़ा लहर सुपाड़े मे भेजा और अगले ही पल कमलनाथ तेज थरथराती सासो के साथ घलघ्ला कर झड़ने लगा ।

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गर्म गाढ़ा वीर्य उसके सुपाड़े से पेसाब की धार के जैसा बह रहा था और वो अपने सुपाड़े को मुठियाते हुए वही बाथरूम के दरवाजे की काठ को पकडे हुए अपनी सासे रोके तब झटके खाता रहा जब तक उसका लण्ड निचुड नही गया ।


जैसे ही उसके वीर्य की गति थमी और उखड़ती सासे बराबर हुई तो उसके दिमाग की नसो मे वापस से आक्सीजन दौडा और उसे अपनी स्थिति का ख्याल आया ।

उसने फौरन निचे देखा तो उसका पुरा पाजमा दायी जांघ की तरफ से गीला हो था और साफ साफ दिख रहा था ।

कमलनाथ समझ रहा था कि बिना बदले वो अब बाहर नही जा सकता था , वही शिला भी लगभग नहा चुकी थी ।

परिस्थिति कमलनाथ के लिए विकट हो चली थी , वो नही चाह रहा था कि शिला उसकी चोरी पकड़े, हालाकी भले उसने संजोगो का आज के दिन भरपुर फायदा था , मगर एक चोर वाली छवि उसे नही भा रही थी ।ऐसे मे उसने तय किया कि जल्द से जल्द बैग खोलकर कपडे बदल ले ।



वही उपर के छत पर बाल्किनी की रेलिंग पर अलग ही हसी ठिठोली मची थी ।
दो चंचल सहेलियो के ग्रुप मे जोइन होने का सुख रीना भी बखूबी उठा रही थी ।

बाल्किनी की लाईट ऑफ थी और सिर्फ निचे सड़क से टेन्ट वालो की लगाई लाईट ही आ रही थी , जिसमे उनके खुबसूरत खिलखिलाते चेहरे चटक और खुश दिख रहे थे ।

बिना एक दुसरे की ओर देखे , चमनपुरा के जवाँ छोकरो की हल्की खुली शर्ट से झांकती रोएंदार छाती देख उनके पुरुषार्थ का अंदाजा लगाया जा रहा था ।


" हे सोनल वो देख वो देख हिहिही , उसके बिना बेल्ट की जीन्स । ऐसा लग रहा है पिछवाड़े मे कुछ है ही नही " , निशा ने एक दुबले पतले बाँके छौने की ओर इशारा किया जो कि हाथ मे बफर की थाली लिये कभी मुह मे खाने का निवाला डाल रहा था तो कभी उसी हाथ से अप्नी सरकती जीन्स को कमर पर खिंच रहा था ।

तभी रीना ने उसकी ओर गौर किया और हसते हुए बोली - और वो जो उसकी खुली हुई चैन से उस्का फौलादी मुसल अपना मुहना फुलाये हुए उसपे नही नजर गयी , पक्का 7 इंच का होगा ।

रीना की बाते सुनकर सोनल और निशा खिलखिला उठी ।

स्वभाव बस निशा बेझिझ्क पुछ उठी - आपको बड़ा अंदाजा भाभी लिफाफे के भीतर लिखा पढ़ने का उम्म्ंम


रीना हस कर - अब इसमे क्या है कहो तो शर्त लगा लो । जिस तेजी से वो खा रहा है पक्का अभी मूतने जायेगा और फिर देख लेना ।

निशा और सोनल ने हस कर एक दुसरे की ओर देखा और उसका इन्तज़ार करने लगे , रिना के कहे अनुसार वो जल्दी से खाना खा कर प्लेट डाल हाथ मे गिलास लेके पानी पिते हुए टेन्ट की एक ओर बढ गया जहा कोई नही था , बस फेके हुए पत्तल पर आवारा कुत्ते अपना खुराख चाट रहे थे ।

संजोग से वो जगह घर से सट कर ही थी और उपर बाल्किनी ने निचे का नजारा साफ दिख रहा था ।

वो लड़का पानी पिते हुए वहू खड़ा होकर अप्ना लण्ड बाहर निकाल कर मूतने लगा और उसका तनमनाया लण्ड देख कर दोनो बहने चौक गयी कि रीना का अन्दाजा बिल्कुल ठिक था ।


निशा रीना की तारिफ मे - वाह भाभी वाह मान गये हिहिहिही अब जरा उन काका भी तो बताओ कितना वजन का पेल्हर(आड़) होगा उनका हिहिहिही


निशा की बात पर सब लोग खिलखिलाकर हस पडे ।

तभी किसी ने चट्ट से सोनल की हिलती गाड़ पर स्कर्ट के उपर से अपना पन्जा जड़ दिया , जिससे सोनल जो से चिहुकी ।


सोनल ने फौरन गरदन घुमा कर देखा तो पीछे उसकी पंखुडी भाभी खड़ी थी और वो समझ गयी अब उसकी खैर नही थी ।


पंखुडी उसके चुतडो को सहलाते हुए अनुमान लगा कर - ओहो सुहागरात तो अभी बहुत टाईम है मेरी लाडो, अभी से यू क्यू अपना ख्जाना खोले घूम रही हो ।


सोनल झटके से पंखुडी के हाथ हटा कर झल्ल्लाते हुए - भाभी क्या आप भी , धत्त ।

पंखुडी हस कर - अरे भाई मैने तो जीने के पास से ही स्कर्ट से पास हो रही लाईट मे तेरी चिकनी टाँगे देखी तो निचे की जमीन पर कुछ घास सी दिख रही थी , सोचा चेक कर लू मेरा अंदाजा सही है या नही ।
पंखुडी की बात सुनते ही सोनल ने अपने फैले हुए पैर साट लिये और उसे अपने जहन ने हल्के झाटो भरी चुत की छवि भी दिखाई दे गयी


निशा हस कर - अरे भाभी ना आपका और ना रीना भाभी का ,, आज तो आप दोनो का ही जलवा है


पंखुडी - मतलब

निशा हस कर - आप कपड़े के उपर से कच्छी पहनी है या नही पता कर लेती हो और रीना भाभी हिहिहिही

रीना निशा को ना मे सर हिला कर मना कर रही थी ।

पंखुडी जो कि पहली बार रीना से मिल रही थी वो उसके खुबसुरत चेहरे की शरारत भाप गयी ।

पंखुडी - अरे बोलने दो ना , हमसे क्या शर्माना

निशा ने फिर सारी कहानी बताई

पंखुडी - अरे निशा रानी एक बार तुम भी सुहाग की सेज पर लेट जाओ फिर तुम भी ये गुण सिख ही जाओगी ।

निशा - सिर्फ सोने से पता चल जायेगा भाभी या और भी कुछ करना पड़ेगा

निशा की बात पंखुडी ने सोनल की ओर देख कर उसको छेड़ने के इरादे से बोला - उसमे तो बहुत कुछ करना पडता है और जमीन थोड़ी चिनकी और नरम रहे तो और भी अच्छा ।


सोनल शर्म से लाल होकर फफक कर हस दी ।
निशा मजे लेते हुए - अच्छा तो भाभी ! आप भी सोनल की हैल्प करो ना उसकी जमीन चिकनी करने मे आपको तो अनुभव होगा ना


सोनल - कमीनी क्या बोल रही है तु
पंखुड़ि- हा सही तो कह रही है , ये साले लण्ड वालो के अलग ही नखरे होते है , खुद अपने पास झान्टो की मूँझ उगा कर रखेंगे और हमारे हल्के फुल्के नरम नरम घास भी इनकी जीभ मे चुबने लगती है ।

पंखुडी की बाते अभी पूरी होती कि तभी हाल से रज्जो की आवाज आई - अरे तुम लोगो को भूख नही लगी क्या ।


रज्जो की आवाज सुनाई देते ही सबकी हसी और बाते एकदम से चुप हो गयी कि कही मौसी सुन ना ले ।


सोनल - हा आ रहे है मौसी

रज्जो - हा जल्दी आओ
फिर रज्जो निकल गयी ।

निशा हस कर - चलो अब तो आज जमीन चिकनी होने से रही हिहिहिही बाद मे देखेंगे

पंखुडी - फिर तो ये जिम्मेदारि मै मेरी नयी देवरानी को दे दिये रही हु ,,क्यू देवरानी जी हो जायेगा ना

रीना शर्माहट भरी हसी से - हा हा क्यू नही ।

फिर सारे लोग खिलखिलाते हुए निचे आ गये ।


जारी रहेगी
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Awesome update bro...lekin update late ho jata hai... waiting more

Update please

Kya baat hai gajab

Nice update

Shila ka janmadin kaise manaya jata hai yeh dekhna hai. Pratiksha agle rasprad update ki

Bhai sheela ko toh bilkul randi bana diya woh bhi birthday walle din...:headache3:

Waiting For Update

Superb update waiting for next



Nice update

बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है सुबह सुबह राज ने तो अपनी चाची की चुदाई कर ली है शीला कमलनाथ के साथ गांव में गई है लगता है अब कमलनाथ का जल्दी ही काम बन जायेगा

Intezar agle update ka

अगले अपडेट के इंतजार में
New UPDATE IS POSTED
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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UPDATE 177 A

लेखक की जुबानी

शादी-फंशन वाले घर मे ये आम बात होती है कि वहा का बाथरूम बहुत बिजी हो जाता है ऐसे मे सबसे ज्यादा सम्स्या घर की महिलाओ के लिए आ जाती है ।

अब निचे के दोनो कमरो मे तो बाथरूम अटैच थे मगर उपर सोनल और अनुज के कमरो मे नही थे ।

उनके लिए उपर की छत वाला बाथरूम सेट था ।
ऐसे मे जहा घर के बाकी मर्द और बच्चे नहा धो कर भोज के व्यस्त थे ऐसे मे छत पर 3 ननद-भौजाई थी जिनकी धीरे धीरे आपसी बोन्डीन्ग बहुत अच्छी होने लगी थी और एकदम सहेलियो के जैसे शरारते भी चालू थी ।

निशा - यार तेरे पास एक ही नाइटी है क्या

सोनल - हा क्यू ?

निशा - पहले मुझे जाने दे यार बाहर मस्त मस्त माल घूम रहे होगे

रीना हस के - भाइ फिर तो पहले मेरा नम्बर आना चाहिए ना हिहिहिही


मौका देख कर सोनल हस्ती हुई सबको धकेल कर बिस्तर से भागते हुए तौलिया और नाइटी लेके कमरे से बाहर आके - पहले तो मै जाऊंगी हिहिहिही

निशा उसकी ओर लपकी - कमीनी , रुक तुझे बताती हु मै ,

रीना - अरे जाने दो निशा आयेगी तो नहा कर यही ना , इसके कपडे गायब कर दो


निशा का दिमाग ठनका और उसने आलमारी से सोनल की सारी ब्रापैंटी निकाल कर एक झोले मे रखने लगी ।

रीना उसको देख कर हस रही थी ...

निशा- भाभी आप रुको मै इसको छिपा के आती हु हिहिहिही

रीना हस्ती हुई - अरे लेकिन कहा लेके जाओगी

निशा - अरे आप रुको ना मै आती हु हिहिह्ही

फिर निशा सरपट भागती हुई निचे आई और हाल मे आते ही उसके चेहरे की चंचलता शान्त हो गयी क्योकि सामने उसकी रन्जूताई और बाकी महिलाये थी , वो धीरे से सरकति हुई गेस्टरूम की ओर बढ़ी संजोग से शिला उसी समय नहाने के लिए गयी हुई थी ।
निशा ने इधर उधर अपनी फुर्तीली नजरे घुमाई और उसकी नजर शिला के बैग पर गयी जिसका लॉक खुला हुआ था ।

निशा जान रही थी कि सोनल हर जगह अपने अंडरगार्मेंट्स खोजने आयेगी , यहा इस बैग मे उसका ध्यान नही जाने वाला

निशा ने एक नजर बाहर हाल मे झाका और धीरे से झुक कर शिला का बैग खोला कर फैलाया ,, वहा पहले से ही उसकी बुआ के समान भरे पडे थे ।

निशा मन मे बड़बड़ाई - अगर ऐसे ही उपर रख दूँगी तो बुआ जान जायेगी और किसी से घर मे पुछ लिया तो बैंड बज जानी है , ऐसा करती हु इस चैन वाले डाल देती हु ।


निशा ने एक चैन वाला हिस्सा खोला तो उसमे पहले से ही रखा हुआ शिला के dildo की काली बेल्ट का पट्टा बाहर निकल आया

निशा को अजीब सा लगा और उसने उसको बाहर खिंच कर निकाला तो उसके साथ उछल कर 10 इंच का मोटा dildo भी फर्श कर गिर पड़ा

फर्श पर उछल कूद करते रबर वाले उस भयानक लण्ड को देख कर निशा तेज से चिहुकी , मगर बाहर की चहल पहल और डीजे के शोर मे उसकी चिख दब गयी ।

फौरन उसने खुद को सम्भाला और वो बड़े ध्यान से वो लण्ड उठा कर देखा तो उसे समझते देर नही लगी कि ये उसकी बुआ अपने अकेले के समय मे यूज़ करती है और उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयि ।

उसने काफी दिनो पहले सोनल के साथ ऐसे ही एक dildo के साथ मजे करने का सोचा था मगर ये सब कहा मिलता है उसे जरा भी आईडिया नही था ।

फिल्हाल उसको उपर जाना था मगर अब तो वो बिल्कुल भी उस चैन वाले मे कपडे नही रख सकती थी इसीलिए उसने वो कपडे लेके राज के कमरे मे चली गयी और वहा दो बैग रखे थे उसने एक बैग को खोला और उसी मे घुसा कर फटाक से कमरे से बाहर आते हुए सरपट जीने से उपर छत पर चली गयी ।

उपर पहुचते ही निशा ने रीना को ओके वाला साइन दिखाया बोली - हो गया

रीना - अब
निशा हस कर - अब क्या ,इसके जोबने आज खुब हिलने वाले है हिहिहिही

रीना ने भी हस्ते हुए उसके ताली दी और फिर वो अपने कपडे लेके उपर नहाने चले गये ।

इधर सोनल हस्ती खिलखिलाती सिर्फ मैक्सि मे अपने कमरे मे आई और दरवाजा बंद करके अपनी नाइटी निकाल कर बेड पर फेक दी

फिर नंग बेधन्ग होकर गुनगुनाती हुई आलमारी मे अपनी ब्रा पैंटी खोजने लगी

जल्द ही उसके चहकते चेहरे के भाव बदलने शुरु हो गये , उसकी सासे तेज होंने लगी
हाथो की गति तेज हुई निगाहे यहा वहा जहा तहा मत ही पुछो कहा कहा , हर ओर नाचने लगी ।

बेचैन सोनल की चुचिया जो नहा कर तरोताजा और कड़क थी अब ये डर ने उनके रोए खडे कर दिये थे , अचानक से पंखे की ठन्ड्क बढने लगी थी

करीब 15 20 मिंट हो गये और सोनल पूरी तरह परेशान हो गयी

इधर दोनो ननद भौजाई निशा और रीना नहा कर निचे आ चुकी थी और उन्होने सोनल के दरवाजो को ठकठकाना शुरु कर दिया

लपक कर दरवाजा खोलने के लिए बढी और चटखनि तक हाथ जाते ही उसको अपनी खुली जवानी और तने हुए जोबनो का ख्याल आया ।

लपक कर उसने तौलिया लिया और झट से लपेट लिया ।

रीना - उम्म्ंहू ननद रानी अभी तक तैयार नही हुई , कुछ स्पेशल मेकअप तो नही ना कर रही थी ।


निशा खिलखिलाकर - हा हा आज तो ये अपने दिवानो पर बिजलिया गिरायेगी हिहिहिही

सोनल खीझ कर - चुप कर कमिनी और ये बता मेरे कपडे कहा रखे तुने

निशा कमरे मे दाखिल होती हुई बेड पर इशारा करते हुए हस्ती हुई - वो क्या है तेरा टॉप और स्कर्ट

सोनल झल्लाती हुई - देख निशा मजाक मत कर , मेरे अंडरगार्मेंट्स कहा है


रिना मजे लेते हुए - हाव सोनल मतलब तुम तबसे ऐसे ही हो , कुछ नही पहना

रीना की बाते सुनकर सोनल को शर्म आने लगी वो अपने तौलिये को हल्का हल्का खिंच कर अपनी चिकनी जान्घे ढकने लगी ।


निशा - अरे अरे आराम से कही निचे के च्क्कर मे उपर का ना खुल जाये

सोनल शर्म से लाल हुई जा रही थी और वो निशा पर बहुत ही ज्यादा गुस्सा थी

निशा - चलो भाभी हम लोग तैयार होकर बाल्किनी ने माल देखते है , इसको रहने दो ऐसे ही हिहिहिही

फिर कुछ देर बाद दोनो कमरे से निकल गयि और सोनल को मजबूरी मे टॉप स्कर्ट डाल कर बाहर आना पड़ा ।


इधर निचे कमलनाथ बाहर भोज का जायजा लेता हुआ सभी ओर देख सुन रहा था , सब लोग काम मे व्यस्त थे ।
एक तो यहा चमनपुरा मे पहली बार उसका आना हुआ था और यहा कोई उसके परिचय मे था नही ।
रंगीलाल और जन्गीलाल पूरी तरह से मेहमनो की आवभगत मे लगे थे , उनसे मेलजोल कर रहे थे ।

ऐसे मे कमलनाथ को बोरियत सी होने लगी थी कि आखिर वो कहा जाये किस्से बाते करे ।

उसने सोचा क्यू नही अन्दर कमरे मे ही बैठा जाए , तभी उसके जहन मे वापस से शिला का ख्याल आया और लण्ड झटके खाने लगा ।

उसने सोचा क्यू ना शिला को जीन्स अभी गिफ्ट करने के बहाने मे कमरे मे जाऊ और कया पता कुछ काम बन जाये ।

मगर कैसे ? हाल मे तो कितने सारे लोग है ? किसी न किसी ने तो शिला को राज के कमरे मे जाते देखा ही होगा ? अरे लेकिन जरुरि थोडी है कि सबको पता ही हो कि वो नहाने गयी है ।

चलो एक बार ट्राई करते है अगर दरवाजा खुला मिल गया तो बात बन जायेगी ।
फिर खुले दरवाजे से भीतर घुसने पर किसी को शक भी नही होगा
कमलनाथ ने धडकते दिल के साथ राज के कमरे की ओर बढ़ना शुरु कर दिया

उसने एक नजर हाल मे देखा तो महिलाए आपस मे बाते कर रही थी तो वो गरदन और नजर सीधी रख कर हाल पार करते हुए राज के कमरे के दरवाजे पर पहुच गया ।
गरदन घुमा कर एक बार उसने हाल की ओर देखा और हल्का सा उंगलियो से दरवाजे को पुस किया ।

उसका चेहरा खिल उठा क्योकि दरवाजा भिड्का हुआ था ।
अगले ही पल झटके के साथ कमलनाथ ने भीतर घुस कर दरवजा बन्द कर दिया ।


बाथरूम से पानी गिरने की आवाज आ रही थी ।
कमलनाथ का कलेजा तेजी से धडक रहा था , शरिर मे एक सुरसुराहट सी हो रही थी और लण्ड पुरा उफान पर था जिसको कमलनाथ मे हथेली मे भर कर भींच रखा था ।

वो दबे पाव बाथरूम के भिड़के हुए दरवाजे के पास गया और हल्की गैप के बीच से भीतर का नजारा देखा तो उसकी सासे अटक गयी म

20221129-144011
अन्दर शिला पूरी नंगी होकर शॉवर के निचे झुकी हुई अपने बालो मे शैम्पू को धूल रही थी और झुकने से उसकी 42 की चर्बीदार गाड़ के फाके फैले हुए थे । गीले भूरे सूराख बाथरूम की लाईट मे चटक और साफ दिख रहे थे ।

कमलनाथ शिला के तंदुरुस्त नरम नरम फुले फुले चुतड देखकर हिल गया था, उसका लण्ड अपनी कुछ कामरस की बुंदे भी छोड चुका था ।

कमलनाथ जोर से लण्ड की सतह को भिचे हुए सुपाड़े को फुला रखा था और गले सरकति थुक उसकी प्यास और बढा रही थी ।


कमलनाथ ने झटके के साथ खुद को दरवाजे से दुर किया और आंखे बन्द कर लण्ड थामे हुए गहरी सासे लेने लगा ।

उसका मन तो यही हो रहा था कि अभी जाये और घुस कर शिला को चोद दे । उसे इस बात का पुरा यकीन था कि शिला इस बात से कोई इंकार नही करने वाली थी ।

मगर ना जाने क्या था जो उसको निडर होने से रोक रहा था , कमलनाथ हिम्मत करके वापस से बाथरूम मे झाका

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शिला अब शॉवर के निचे सीधी खडी थी और पानी सीधा उसके सर के बालो मे गिर रहा था , शैम्पू की गाढ़ा झाग उसके पुरे जिस्म पर रिस रहा था, वो उसी झाग से अपने मोटे मोटे थन जैसे चुचे और कांख को रगड़ कर साफ कर रही थी और वही पीछे बालो से रिस्ता हुआ झाग उसकी पीठ से होकर उसके उठे हुए मोटे चरबीदार गाड़ की दरारो मे जा रहा था ।

कमलनाथ जोरो से लण्ड भीचते हुए यही सोच रहा था कि अभी जाकर वो झाग अपने उंगलियो मे लेके शिला के गाड़ की गहरी दरारो मे मल दे और निचे पुरा हाथ घुसा कर उसके फुले हुए भोसड़े को भी मले ,

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अभी कमलनाथ ये कलपना कर ही रहा था कि शिला ने हाथ खुद ब खुद अपने जिस्म को रगड़ते हुए चुतडो पर आ गये थे और वो अपनी उंगलियो से गाड़ के फाके फैला फैला कर वहा रगड़ने लगी । जिसे देख कर कमलनाथ का लण्ड बगावत कर बैठा उसकी सासे और भी चढ़ने लगी ।

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वही शिला ने थोडा अपने गाड़ को फैलाते हुए अपने हाथ आगे ले जाकर सामने से अपने जान्घे और भोस्ड़े पर साबुन लगा कर उसको मलने लगी थी ।

जिसे देख कर कमलनाथ की हालत अब झड़ा तब झड़ा वाली हो गयी थी ।

कमलनाथ भी खुद को रोकना चाह रहा था मगर ना उसके हाथ रुक रहे थे और ही लण्ड की फड़कती नसे ।
अगले ही कमलनाथ की आंखे मदहोशि मे उलटनी शुरु हो गयी और वो एड़ियो के बल हो गया , उसके अंडकोष ने वीर्य का एक बड़ा लहर सुपाड़े मे भेजा और अगले ही पल कमलनाथ तेज थरथराती सासो के साथ घलघ्ला कर झड़ने लगा ।

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गर्म गाढ़ा वीर्य उसके सुपाड़े से पेसाब की धार के जैसा बह रहा था और वो अपने सुपाड़े को मुठियाते हुए वही बाथरूम के दरवाजे की काठ को पकडे हुए अपनी सासे रोके तब झटके खाता रहा जब तक उसका लण्ड निचुड नही गया ।


जैसे ही उसके वीर्य की गति थमी और उखड़ती सासे बराबर हुई तो उसके दिमाग की नसो मे वापस से आक्सीजन दौडा और उसे अपनी स्थिति का ख्याल आया ।

उसने फौरन निचे देखा तो उसका पुरा पाजमा दायी जांघ की तरफ से गीला हो था और साफ साफ दिख रहा था ।

कमलनाथ समझ रहा था कि बिना बदले वो अब बाहर नही जा सकता था , वही शिला भी लगभग नहा चुकी थी ।

परिस्थिति कमलनाथ के लिए विकट हो चली थी , वो नही चाह रहा था कि शिला उसकी चोरी पकड़े, हालाकी भले उसने संजोगो का आज के दिन भरपुर फायदा था , मगर एक चोर वाली छवि उसे नही भा रही थी ।ऐसे मे उसने तय किया कि जल्द से जल्द बैग खोलकर कपडे बदल ले ।



वही उपर के छत पर बाल्किनी की रेलिंग पर अलग ही हसी ठिठोली मची थी ।
दो चंचल सहेलियो के ग्रुप मे जोइन होने का सुख रीना भी बखूबी उठा रही थी ।

बाल्किनी की लाईट ऑफ थी और सिर्फ निचे सड़क से टेन्ट वालो की लगाई लाईट ही आ रही थी , जिसमे उनके खुबसूरत खिलखिलाते चेहरे चटक और खुश दिख रहे थे ।

बिना एक दुसरे की ओर देखे , चमनपुरा के जवाँ छोकरो की हल्की खुली शर्ट से झांकती रोएंदार छाती देख उनके पुरुषार्थ का अंदाजा लगाया जा रहा था ।


" हे सोनल वो देख वो देख हिहिही , उसके बिना बेल्ट की जीन्स । ऐसा लग रहा है पिछवाड़े मे कुछ है ही नही " , निशा ने एक दुबले पतले बाँके छौने की ओर इशारा किया जो कि हाथ मे बफर की थाली लिये कभी मुह मे खाने का निवाला डाल रहा था तो कभी उसी हाथ से अप्नी सरकती जीन्स को कमर पर खिंच रहा था ।

तभी रीना ने उसकी ओर गौर किया और हसते हुए बोली - और वो जो उसकी खुली हुई चैन से उस्का फौलादी मुसल अपना मुहना फुलाये हुए उसपे नही नजर गयी , पक्का 7 इंच का होगा ।

रीना की बाते सुनकर सोनल और निशा खिलखिला उठी ।

स्वभाव बस निशा बेझिझ्क पुछ उठी - आपको बड़ा अंदाजा भाभी लिफाफे के भीतर लिखा पढ़ने का उम्म्ंम


रीना हस कर - अब इसमे क्या है कहो तो शर्त लगा लो । जिस तेजी से वो खा रहा है पक्का अभी मूतने जायेगा और फिर देख लेना ।

निशा और सोनल ने हस कर एक दुसरे की ओर देखा और उसका इन्तज़ार करने लगे , रिना के कहे अनुसार वो जल्दी से खाना खा कर प्लेट डाल हाथ मे गिलास लेके पानी पिते हुए टेन्ट की एक ओर बढ गया जहा कोई नही था , बस फेके हुए पत्तल पर आवारा कुत्ते अपना खुराख चाट रहे थे ।

संजोग से वो जगह घर से सट कर ही थी और उपर बाल्किनी ने निचे का नजारा साफ दिख रहा था ।

वो लड़का पानी पिते हुए वहू खड़ा होकर अप्ना लण्ड बाहर निकाल कर मूतने लगा और उसका तनमनाया लण्ड देख कर दोनो बहने चौक गयी कि रीना का अन्दाजा बिल्कुल ठिक था ।


निशा रीना की तारिफ मे - वाह भाभी वाह मान गये हिहिहिही अब जरा उन काका भी तो बताओ कितना वजन का पेल्हर(आड़) होगा उनका हिहिहिही


निशा की बात पर सब लोग खिलखिलाकर हस पडे ।

तभी किसी ने चट्ट से सोनल की हिलती गाड़ पर स्कर्ट के उपर से अपना पन्जा जड़ दिया , जिससे सोनल जो से चिहुकी ।


सोनल ने फौरन गरदन घुमा कर देखा तो पीछे उसकी पंखुडी भाभी खड़ी थी और वो समझ गयी अब उसकी खैर नही थी ।


पंखुडी उसके चुतडो को सहलाते हुए अनुमान लगा कर - ओहो सुहागरात तो अभी बहुत टाईम है मेरी लाडो, अभी से यू क्यू अपना ख्जाना खोले घूम रही हो ।


सोनल झटके से पंखुडी के हाथ हटा कर झल्ल्लाते हुए - भाभी क्या आप भी , धत्त ।

पंखुडी हस कर - अरे भाई मैने तो जीने के पास से ही स्कर्ट से पास हो रही लाईट मे तेरी चिकनी टाँगे देखी तो निचे की जमीन पर कुछ घास सी दिख रही थी , सोचा चेक कर लू मेरा अंदाजा सही है या नही ।
पंखुडी की बात सुनते ही सोनल ने अपने फैले हुए पैर साट लिये और उसे अपने जहन ने हल्के झाटो भरी चुत की छवि भी दिखाई दे गयी


निशा हस कर - अरे भाभी ना आपका और ना रीना भाभी का ,, आज तो आप दोनो का ही जलवा है


पंखुडी - मतलब

निशा हस कर - आप कपड़े के उपर से कच्छी पहनी है या नही पता कर लेती हो और रीना भाभी हिहिहिही

रीना निशा को ना मे सर हिला कर मना कर रही थी ।

पंखुडी जो कि पहली बार रीना से मिल रही थी वो उसके खुबसुरत चेहरे की शरारत भाप गयी ।

पंखुडी - अरे बोलने दो ना , हमसे क्या शर्माना

निशा ने फिर सारी कहानी बताई

पंखुडी - अरे निशा रानी एक बार तुम भी सुहाग की सेज पर लेट जाओ फिर तुम भी ये गुण सिख ही जाओगी ।

निशा - सिर्फ सोने से पता चल जायेगा भाभी या और भी कुछ करना पड़ेगा

निशा की बात पंखुडी ने सोनल की ओर देख कर उसको छेड़ने के इरादे से बोला - उसमे तो बहुत कुछ करना पडता है और जमीन थोड़ी चिनकी और नरम रहे तो और भी अच्छा ।


सोनल शर्म से लाल होकर फफक कर हस दी ।
निशा मजे लेते हुए - अच्छा तो भाभी ! आप भी सोनल की हैल्प करो ना उसकी जमीन चिकनी करने मे आपको तो अनुभव होगा ना


सोनल - कमीनी क्या बोल रही है तु
पंखुड़ि- हा सही तो कह रही है , ये साले लण्ड वालो के अलग ही नखरे होते है , खुद अपने पास झान्टो की मूँझ उगा कर रखेंगे और हमारे हल्के फुल्के नरम नरम घास भी इनकी जीभ मे चुबने लगती है ।

पंखुडी की बाते अभी पूरी होती कि तभी हाल से रज्जो की आवाज आई - अरे तुम लोगो को भूख नही लगी क्या ।


रज्जो की आवाज सुनाई देते ही सबकी हसी और बाते एकदम से चुप हो गयी कि कही मौसी सुन ना ले ।


सोनल - हा आ रहे है मौसी

रज्जो - हा जल्दी आओ
फिर रज्जो निकल गयी ।

निशा हस कर - चलो अब तो आज जमीन चिकनी होने से रही हिहिहिही बाद मे देखेंगे

पंखुडी - फिर तो ये जिम्मेदारि मै मेरी नयी देवरानी को दे दिये रही हु ,,क्यू देवरानी जी हो जायेगा ना

रीना शर्माहट भरी हसी से - हा हा क्यू नही ।

फिर सारे लोग खिलखिलाते हुए निचे आ गये ।


जारी रहेगी
Shandar update
 

Raj Kumar Kannada

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UPDATE 177 A

लेखक की जुबानी

शादी-फंशन वाले घर मे ये आम बात होती है कि वहा का बाथरूम बहुत बिजी हो जाता है ऐसे मे सबसे ज्यादा सम्स्या घर की महिलाओ के लिए आ जाती है ।

अब निचे के दोनो कमरो मे तो बाथरूम अटैच थे मगर उपर सोनल और अनुज के कमरो मे नही थे ।

उनके लिए उपर की छत वाला बाथरूम सेट था ।
ऐसे मे जहा घर के बाकी मर्द और बच्चे नहा धो कर भोज के व्यस्त थे ऐसे मे छत पर 3 ननद-भौजाई थी जिनकी धीरे धीरे आपसी बोन्डीन्ग बहुत अच्छी होने लगी थी और एकदम सहेलियो के जैसे शरारते भी चालू थी ।

निशा - यार तेरे पास एक ही नाइटी है क्या

सोनल - हा क्यू ?

निशा - पहले मुझे जाने दे यार बाहर मस्त मस्त माल घूम रहे होगे

रीना हस के - भाइ फिर तो पहले मेरा नम्बर आना चाहिए ना हिहिहिही


मौका देख कर सोनल हस्ती हुई सबको धकेल कर बिस्तर से भागते हुए तौलिया और नाइटी लेके कमरे से बाहर आके - पहले तो मै जाऊंगी हिहिहिही

निशा उसकी ओर लपकी - कमीनी , रुक तुझे बताती हु मै ,

रीना - अरे जाने दो निशा आयेगी तो नहा कर यही ना , इसके कपडे गायब कर दो


निशा का दिमाग ठनका और उसने आलमारी से सोनल की सारी ब्रापैंटी निकाल कर एक झोले मे रखने लगी ।

रीना उसको देख कर हस रही थी ...

निशा- भाभी आप रुको मै इसको छिपा के आती हु हिहिहिही

रीना हस्ती हुई - अरे लेकिन कहा लेके जाओगी

निशा - अरे आप रुको ना मै आती हु हिहिह्ही

फिर निशा सरपट भागती हुई निचे आई और हाल मे आते ही उसके चेहरे की चंचलता शान्त हो गयी क्योकि सामने उसकी रन्जूताई और बाकी महिलाये थी , वो धीरे से सरकति हुई गेस्टरूम की ओर बढ़ी संजोग से शिला उसी समय नहाने के लिए गयी हुई थी ।
निशा ने इधर उधर अपनी फुर्तीली नजरे घुमाई और उसकी नजर शिला के बैग पर गयी जिसका लॉक खुला हुआ था ।

निशा जान रही थी कि सोनल हर जगह अपने अंडरगार्मेंट्स खोजने आयेगी , यहा इस बैग मे उसका ध्यान नही जाने वाला

निशा ने एक नजर बाहर हाल मे झाका और धीरे से झुक कर शिला का बैग खोला कर फैलाया ,, वहा पहले से ही उसकी बुआ के समान भरे पडे थे ।

निशा मन मे बड़बड़ाई - अगर ऐसे ही उपर रख दूँगी तो बुआ जान जायेगी और किसी से घर मे पुछ लिया तो बैंड बज जानी है , ऐसा करती हु इस चैन वाले डाल देती हु ।


निशा ने एक चैन वाला हिस्सा खोला तो उसमे पहले से ही रखा हुआ शिला के dildo की काली बेल्ट का पट्टा बाहर निकल आया

निशा को अजीब सा लगा और उसने उसको बाहर खिंच कर निकाला तो उसके साथ उछल कर 10 इंच का मोटा dildo भी फर्श कर गिर पड़ा

फर्श पर उछल कूद करते रबर वाले उस भयानक लण्ड को देख कर निशा तेज से चिहुकी , मगर बाहर की चहल पहल और डीजे के शोर मे उसकी चिख दब गयी ।

फौरन उसने खुद को सम्भाला और वो बड़े ध्यान से वो लण्ड उठा कर देखा तो उसे समझते देर नही लगी कि ये उसकी बुआ अपने अकेले के समय मे यूज़ करती है और उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयि ।

उसने काफी दिनो पहले सोनल के साथ ऐसे ही एक dildo के साथ मजे करने का सोचा था मगर ये सब कहा मिलता है उसे जरा भी आईडिया नही था ।

फिल्हाल उसको उपर जाना था मगर अब तो वो बिल्कुल भी उस चैन वाले मे कपडे नही रख सकती थी इसीलिए उसने वो कपडे लेके राज के कमरे मे चली गयी और वहा दो बैग रखे थे उसने एक बैग को खोला और उसी मे घुसा कर फटाक से कमरे से बाहर आते हुए सरपट जीने से उपर छत पर चली गयी ।

उपर पहुचते ही निशा ने रीना को ओके वाला साइन दिखाया बोली - हो गया

रीना - अब
निशा हस कर - अब क्या ,इसके जोबने आज खुब हिलने वाले है हिहिहिही

रीना ने भी हस्ते हुए उसके ताली दी और फिर वो अपने कपडे लेके उपर नहाने चले गये ।

इधर सोनल हस्ती खिलखिलाती सिर्फ मैक्सि मे अपने कमरे मे आई और दरवाजा बंद करके अपनी नाइटी निकाल कर बेड पर फेक दी

फिर नंग बेधन्ग होकर गुनगुनाती हुई आलमारी मे अपनी ब्रा पैंटी खोजने लगी

जल्द ही उसके चहकते चेहरे के भाव बदलने शुरु हो गये , उसकी सासे तेज होंने लगी
हाथो की गति तेज हुई निगाहे यहा वहा जहा तहा मत ही पुछो कहा कहा , हर ओर नाचने लगी ।

बेचैन सोनल की चुचिया जो नहा कर तरोताजा और कड़क थी अब ये डर ने उनके रोए खडे कर दिये थे , अचानक से पंखे की ठन्ड्क बढने लगी थी

करीब 15 20 मिंट हो गये और सोनल पूरी तरह परेशान हो गयी

इधर दोनो ननद भौजाई निशा और रीना नहा कर निचे आ चुकी थी और उन्होने सोनल के दरवाजो को ठकठकाना शुरु कर दिया

लपक कर दरवाजा खोलने के लिए बढी और चटखनि तक हाथ जाते ही उसको अपनी खुली जवानी और तने हुए जोबनो का ख्याल आया ।

लपक कर उसने तौलिया लिया और झट से लपेट लिया ।

रीना - उम्म्ंहू ननद रानी अभी तक तैयार नही हुई , कुछ स्पेशल मेकअप तो नही ना कर रही थी ।


निशा खिलखिलाकर - हा हा आज तो ये अपने दिवानो पर बिजलिया गिरायेगी हिहिहिही

सोनल खीझ कर - चुप कर कमिनी और ये बता मेरे कपडे कहा रखे तुने

निशा कमरे मे दाखिल होती हुई बेड पर इशारा करते हुए हस्ती हुई - वो क्या है तेरा टॉप और स्कर्ट

सोनल झल्लाती हुई - देख निशा मजाक मत कर , मेरे अंडरगार्मेंट्स कहा है


रिना मजे लेते हुए - हाव सोनल मतलब तुम तबसे ऐसे ही हो , कुछ नही पहना

रीना की बाते सुनकर सोनल को शर्म आने लगी वो अपने तौलिये को हल्का हल्का खिंच कर अपनी चिकनी जान्घे ढकने लगी ।


निशा - अरे अरे आराम से कही निचे के च्क्कर मे उपर का ना खुल जाये

सोनल शर्म से लाल हुई जा रही थी और वो निशा पर बहुत ही ज्यादा गुस्सा थी

निशा - चलो भाभी हम लोग तैयार होकर बाल्किनी ने माल देखते है , इसको रहने दो ऐसे ही हिहिहिही

फिर कुछ देर बाद दोनो कमरे से निकल गयि और सोनल को मजबूरी मे टॉप स्कर्ट डाल कर बाहर आना पड़ा ।


इधर निचे कमलनाथ बाहर भोज का जायजा लेता हुआ सभी ओर देख सुन रहा था , सब लोग काम मे व्यस्त थे ।
एक तो यहा चमनपुरा मे पहली बार उसका आना हुआ था और यहा कोई उसके परिचय मे था नही ।
रंगीलाल और जन्गीलाल पूरी तरह से मेहमनो की आवभगत मे लगे थे , उनसे मेलजोल कर रहे थे ।

ऐसे मे कमलनाथ को बोरियत सी होने लगी थी कि आखिर वो कहा जाये किस्से बाते करे ।

उसने सोचा क्यू नही अन्दर कमरे मे ही बैठा जाए , तभी उसके जहन मे वापस से शिला का ख्याल आया और लण्ड झटके खाने लगा ।

उसने सोचा क्यू ना शिला को जीन्स अभी गिफ्ट करने के बहाने मे कमरे मे जाऊ और कया पता कुछ काम बन जाये ।

मगर कैसे ? हाल मे तो कितने सारे लोग है ? किसी न किसी ने तो शिला को राज के कमरे मे जाते देखा ही होगा ? अरे लेकिन जरुरि थोडी है कि सबको पता ही हो कि वो नहाने गयी है ।

चलो एक बार ट्राई करते है अगर दरवाजा खुला मिल गया तो बात बन जायेगी ।
फिर खुले दरवाजे से भीतर घुसने पर किसी को शक भी नही होगा
कमलनाथ ने धडकते दिल के साथ राज के कमरे की ओर बढ़ना शुरु कर दिया

उसने एक नजर हाल मे देखा तो महिलाए आपस मे बाते कर रही थी तो वो गरदन और नजर सीधी रख कर हाल पार करते हुए राज के कमरे के दरवाजे पर पहुच गया ।
गरदन घुमा कर एक बार उसने हाल की ओर देखा और हल्का सा उंगलियो से दरवाजे को पुस किया ।

उसका चेहरा खिल उठा क्योकि दरवाजा भिड्का हुआ था ।
अगले ही पल झटके के साथ कमलनाथ ने भीतर घुस कर दरवजा बन्द कर दिया ।


बाथरूम से पानी गिरने की आवाज आ रही थी ।
कमलनाथ का कलेजा तेजी से धडक रहा था , शरिर मे एक सुरसुराहट सी हो रही थी और लण्ड पुरा उफान पर था जिसको कमलनाथ मे हथेली मे भर कर भींच रखा था ।

वो दबे पाव बाथरूम के भिड़के हुए दरवाजे के पास गया और हल्की गैप के बीच से भीतर का नजारा देखा तो उसकी सासे अटक गयी म

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अन्दर शिला पूरी नंगी होकर शॉवर के निचे झुकी हुई अपने बालो मे शैम्पू को धूल रही थी और झुकने से उसकी 42 की चर्बीदार गाड़ के फाके फैले हुए थे । गीले भूरे सूराख बाथरूम की लाईट मे चटक और साफ दिख रहे थे ।

कमलनाथ शिला के तंदुरुस्त नरम नरम फुले फुले चुतड देखकर हिल गया था, उसका लण्ड अपनी कुछ कामरस की बुंदे भी छोड चुका था ।

कमलनाथ जोर से लण्ड की सतह को भिचे हुए सुपाड़े को फुला रखा था और गले सरकति थुक उसकी प्यास और बढा रही थी ।


कमलनाथ ने झटके के साथ खुद को दरवाजे से दुर किया और आंखे बन्द कर लण्ड थामे हुए गहरी सासे लेने लगा ।

उसका मन तो यही हो रहा था कि अभी जाये और घुस कर शिला को चोद दे । उसे इस बात का पुरा यकीन था कि शिला इस बात से कोई इंकार नही करने वाली थी ।

मगर ना जाने क्या था जो उसको निडर होने से रोक रहा था , कमलनाथ हिम्मत करके वापस से बाथरूम मे झाका

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शिला अब शॉवर के निचे सीधी खडी थी और पानी सीधा उसके सर के बालो मे गिर रहा था , शैम्पू की गाढ़ा झाग उसके पुरे जिस्म पर रिस रहा था, वो उसी झाग से अपने मोटे मोटे थन जैसे चुचे और कांख को रगड़ कर साफ कर रही थी और वही पीछे बालो से रिस्ता हुआ झाग उसकी पीठ से होकर उसके उठे हुए मोटे चरबीदार गाड़ की दरारो मे जा रहा था ।

कमलनाथ जोरो से लण्ड भीचते हुए यही सोच रहा था कि अभी जाकर वो झाग अपने उंगलियो मे लेके शिला के गाड़ की गहरी दरारो मे मल दे और निचे पुरा हाथ घुसा कर उसके फुले हुए भोसड़े को भी मले ,

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अभी कमलनाथ ये कलपना कर ही रहा था कि शिला ने हाथ खुद ब खुद अपने जिस्म को रगड़ते हुए चुतडो पर आ गये थे और वो अपनी उंगलियो से गाड़ के फाके फैला फैला कर वहा रगड़ने लगी । जिसे देख कर कमलनाथ का लण्ड बगावत कर बैठा उसकी सासे और भी चढ़ने लगी ।

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वही शिला ने थोडा अपने गाड़ को फैलाते हुए अपने हाथ आगे ले जाकर सामने से अपने जान्घे और भोस्ड़े पर साबुन लगा कर उसको मलने लगी थी ।

जिसे देख कर कमलनाथ की हालत अब झड़ा तब झड़ा वाली हो गयी थी ।

कमलनाथ भी खुद को रोकना चाह रहा था मगर ना उसके हाथ रुक रहे थे और ही लण्ड की फड़कती नसे ।
अगले ही कमलनाथ की आंखे मदहोशि मे उलटनी शुरु हो गयी और वो एड़ियो के बल हो गया , उसके अंडकोष ने वीर्य का एक बड़ा लहर सुपाड़े मे भेजा और अगले ही पल कमलनाथ तेज थरथराती सासो के साथ घलघ्ला कर झड़ने लगा ।

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गर्म गाढ़ा वीर्य उसके सुपाड़े से पेसाब की धार के जैसा बह रहा था और वो अपने सुपाड़े को मुठियाते हुए वही बाथरूम के दरवाजे की काठ को पकडे हुए अपनी सासे रोके तब झटके खाता रहा जब तक उसका लण्ड निचुड नही गया ।


जैसे ही उसके वीर्य की गति थमी और उखड़ती सासे बराबर हुई तो उसके दिमाग की नसो मे वापस से आक्सीजन दौडा और उसे अपनी स्थिति का ख्याल आया ।

उसने फौरन निचे देखा तो उसका पुरा पाजमा दायी जांघ की तरफ से गीला हो था और साफ साफ दिख रहा था ।

कमलनाथ समझ रहा था कि बिना बदले वो अब बाहर नही जा सकता था , वही शिला भी लगभग नहा चुकी थी ।

परिस्थिति कमलनाथ के लिए विकट हो चली थी , वो नही चाह रहा था कि शिला उसकी चोरी पकड़े, हालाकी भले उसने संजोगो का आज के दिन भरपुर फायदा था , मगर एक चोर वाली छवि उसे नही भा रही थी ।ऐसे मे उसने तय किया कि जल्द से जल्द बैग खोलकर कपडे बदल ले ।



वही उपर के छत पर बाल्किनी की रेलिंग पर अलग ही हसी ठिठोली मची थी ।
दो चंचल सहेलियो के ग्रुप मे जोइन होने का सुख रीना भी बखूबी उठा रही थी ।

बाल्किनी की लाईट ऑफ थी और सिर्फ निचे सड़क से टेन्ट वालो की लगाई लाईट ही आ रही थी , जिसमे उनके खुबसूरत खिलखिलाते चेहरे चटक और खुश दिख रहे थे ।

बिना एक दुसरे की ओर देखे , चमनपुरा के जवाँ छोकरो की हल्की खुली शर्ट से झांकती रोएंदार छाती देख उनके पुरुषार्थ का अंदाजा लगाया जा रहा था ।


" हे सोनल वो देख वो देख हिहिही , उसके बिना बेल्ट की जीन्स । ऐसा लग रहा है पिछवाड़े मे कुछ है ही नही " , निशा ने एक दुबले पतले बाँके छौने की ओर इशारा किया जो कि हाथ मे बफर की थाली लिये कभी मुह मे खाने का निवाला डाल रहा था तो कभी उसी हाथ से अप्नी सरकती जीन्स को कमर पर खिंच रहा था ।

तभी रीना ने उसकी ओर गौर किया और हसते हुए बोली - और वो जो उसकी खुली हुई चैन से उस्का फौलादी मुसल अपना मुहना फुलाये हुए उसपे नही नजर गयी , पक्का 7 इंच का होगा ।

रीना की बाते सुनकर सोनल और निशा खिलखिला उठी ।

स्वभाव बस निशा बेझिझ्क पुछ उठी - आपको बड़ा अंदाजा भाभी लिफाफे के भीतर लिखा पढ़ने का उम्म्ंम


रीना हस कर - अब इसमे क्या है कहो तो शर्त लगा लो । जिस तेजी से वो खा रहा है पक्का अभी मूतने जायेगा और फिर देख लेना ।

निशा और सोनल ने हस कर एक दुसरे की ओर देखा और उसका इन्तज़ार करने लगे , रिना के कहे अनुसार वो जल्दी से खाना खा कर प्लेट डाल हाथ मे गिलास लेके पानी पिते हुए टेन्ट की एक ओर बढ गया जहा कोई नही था , बस फेके हुए पत्तल पर आवारा कुत्ते अपना खुराख चाट रहे थे ।

संजोग से वो जगह घर से सट कर ही थी और उपर बाल्किनी ने निचे का नजारा साफ दिख रहा था ।

वो लड़का पानी पिते हुए वहू खड़ा होकर अप्ना लण्ड बाहर निकाल कर मूतने लगा और उसका तनमनाया लण्ड देख कर दोनो बहने चौक गयी कि रीना का अन्दाजा बिल्कुल ठिक था ।


निशा रीना की तारिफ मे - वाह भाभी वाह मान गये हिहिहिही अब जरा उन काका भी तो बताओ कितना वजन का पेल्हर(आड़) होगा उनका हिहिहिही


निशा की बात पर सब लोग खिलखिलाकर हस पडे ।

तभी किसी ने चट्ट से सोनल की हिलती गाड़ पर स्कर्ट के उपर से अपना पन्जा जड़ दिया , जिससे सोनल जो से चिहुकी ।


सोनल ने फौरन गरदन घुमा कर देखा तो पीछे उसकी पंखुडी भाभी खड़ी थी और वो समझ गयी अब उसकी खैर नही थी ।


पंखुडी उसके चुतडो को सहलाते हुए अनुमान लगा कर - ओहो सुहागरात तो अभी बहुत टाईम है मेरी लाडो, अभी से यू क्यू अपना ख्जाना खोले घूम रही हो ।


सोनल झटके से पंखुडी के हाथ हटा कर झल्ल्लाते हुए - भाभी क्या आप भी , धत्त ।

पंखुडी हस कर - अरे भाई मैने तो जीने के पास से ही स्कर्ट से पास हो रही लाईट मे तेरी चिकनी टाँगे देखी तो निचे की जमीन पर कुछ घास सी दिख रही थी , सोचा चेक कर लू मेरा अंदाजा सही है या नही ।
पंखुडी की बात सुनते ही सोनल ने अपने फैले हुए पैर साट लिये और उसे अपने जहन ने हल्के झाटो भरी चुत की छवि भी दिखाई दे गयी


निशा हस कर - अरे भाभी ना आपका और ना रीना भाभी का ,, आज तो आप दोनो का ही जलवा है


पंखुडी - मतलब

निशा हस कर - आप कपड़े के उपर से कच्छी पहनी है या नही पता कर लेती हो और रीना भाभी हिहिहिही

रीना निशा को ना मे सर हिला कर मना कर रही थी ।

पंखुडी जो कि पहली बार रीना से मिल रही थी वो उसके खुबसुरत चेहरे की शरारत भाप गयी ।

पंखुडी - अरे बोलने दो ना , हमसे क्या शर्माना

निशा ने फिर सारी कहानी बताई

पंखुडी - अरे निशा रानी एक बार तुम भी सुहाग की सेज पर लेट जाओ फिर तुम भी ये गुण सिख ही जाओगी ।

निशा - सिर्फ सोने से पता चल जायेगा भाभी या और भी कुछ करना पड़ेगा

निशा की बात पंखुडी ने सोनल की ओर देख कर उसको छेड़ने के इरादे से बोला - उसमे तो बहुत कुछ करना पडता है और जमीन थोड़ी चिनकी और नरम रहे तो और भी अच्छा ।


सोनल शर्म से लाल होकर फफक कर हस दी ।
निशा मजे लेते हुए - अच्छा तो भाभी ! आप भी सोनल की हैल्प करो ना उसकी जमीन चिकनी करने मे आपको तो अनुभव होगा ना


सोनल - कमीनी क्या बोल रही है तु
पंखुड़ि- हा सही तो कह रही है , ये साले लण्ड वालो के अलग ही नखरे होते है , खुद अपने पास झान्टो की मूँझ उगा कर रखेंगे और हमारे हल्के फुल्के नरम नरम घास भी इनकी जीभ मे चुबने लगती है ।

पंखुडी की बाते अभी पूरी होती कि तभी हाल से रज्जो की आवाज आई - अरे तुम लोगो को भूख नही लगी क्या ।


रज्जो की आवाज सुनाई देते ही सबकी हसी और बाते एकदम से चुप हो गयी कि कही मौसी सुन ना ले ।


सोनल - हा आ रहे है मौसी

रज्जो - हा जल्दी आओ
फिर रज्जो निकल गयी ।

निशा हस कर - चलो अब तो आज जमीन चिकनी होने से रही हिहिहिही बाद मे देखेंगे

पंखुडी - फिर तो ये जिम्मेदारि मै मेरी नयी देवरानी को दे दिये रही हु ,,क्यू देवरानी जी हो जायेगा ना

रीना शर्माहट भरी हसी से - हा हा क्यू नही ।

फिर सारे लोग खिलखिलाते हुए निचे आ गये ।


जारी रहेगी
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Thnxxx bro
 

Raj Kumar Kannada

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