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Adultery भाभियों का रहस्य

parkas

Prime
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अध्याय 29
कोकू ने मुझे उड़ाते हुए एक पहाड़ी में ला दिया …
“ये कैसी जगह है कोकू ??”
उसने बड़े ही प्यार से मेरे गालो को सहलाया ,
“तुम्हारे लिए एक गिफ्ट है मेरे पास “
वो मुस्कुराते हुए बोली , सामने एक झोपडी थी वो उस ओर चल दी …
जब हम उस झोपडी के पास पहुचे तो मुझे एक लकड़ी का दरवाजा दिखा , बेहद ही कमजोर सा दरवाजा था ..
कोकू ने हाथो का एक इशारा किया और वो दरवाजा खुल गया , सामने मैंने जो देखा वो देखकर मैं आश्चर्य से भर गया ..
“अन्नू तुम “
वही अन्नू मुझे सामने देख कर बुरी तरह से चौक गई थी , वो बार बार कभी मुझे तो कभी उस लकड़ी के दरवाजे को तो कभी उस झोपड़े को आश्चर्य से देखे जा रही थी , जैसे ही उसे कुछ होश आया वो मेरे तरफ भागी और आकर मुझसे चिपक गई , वो जोरो से रो रही थी …
“ना जाने कितने देर से मैं यंहा एक कमरे में बंद थी , उसका दरवाजा इतना मजबूत था की मेरे लाख कोशिसो के बाद भी मैं उसे नहीं खोल पाई और अब .. ये तो एक सामान्य सी झोपडी है जिसका दरवाजा इतना कमजोर है की मैं उसे एक लात में खोल दू ??? ये क्या हो रहा है निक्कू , मैं तो अपने घर में थी मैं यंहा कैसे आ गई ???”
उसने रोते हुए कहा , मैंने कोकू की तरफ देखा जो हमें देख कर मुस्कुरा रही थी , मैं समझ चूका था की ये इसी की करामात है ..
मैंने अन्नू को शांत किया
“शांत हो जाओ , ये सब इसने किया है .. इससे मिलो ये कोकू है , तुम्हारी सौतन ही समझो इसे “
अन्नू ने लाल आँखे किये हुए मुझे देखा , उसके चहरे में गुस्सा साफ़ था लेकिन उस गुस्से में भी मासूमियत मिली हुई थी , मुझे उस पर बेहद ही प्यार आया मुझे लगा जैसे मेरा ही अंग मुझसे बिछड़ गया था जो आज मुझे फिर से मिल गया ..
अन्नू की जुदाई में मैं कैसा हो गया था किसी पागल शैतान की तरह हरकते कर रहा था , वो भी अजीब लड़की थी एक तरफ तो वो चाहती थी की मैं जिम्मेदारी निभाऊ और दूसरी ही ओर वो मुझे किसी के साथ भी बांटना नहीं चाहती थी , जब मैंने कोकू को सौतन कहा तो उसकी आँखों में जलन , गुस्सा और प्रेम एक साथ टपकने लगा , उसके मासूम चहरे को मैंने झुककर एक किस किया , लेकिन उसने मुझे खुद से दूर कर लिया ..
सामने खड़ी कोकू भी ये सब देख कर मुस्कुरा रही थी वो मेरे पास आई और अन्नू के चहरे को अपने हाथो से उठा कर उसे देखने लगी …
“सच में तुमसे बहुत प्यार करती है कुवर , और तुम भी इससे बहुत प्यार करते हो , लेकिन अन्नू ये जान लो की प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं होता , और प्यार पर किसी एक का अधिकार नही होता , मैं भी कुवर से बेहद प्यार करती हु और शायद कुवर भी “
वो इतना बोलकर मुझे देखने लगी , मैं ये फैसला नहीं कर पा रहा था की क्या मैं भी सच में कोकू से प्यार करता हु , मेरा प्यार तो सिर्फ अन्नू के लिए था …. लेकिन मैं इस बात से भी इंकार नहीं कर सकता की कोकू के लिए मेरे दिल में एक खास जगह थी , उसका स्नेह उसका समर्पण मुझे हमेशा से अपनी ओर खींचता था …
“मैं अपने प्यार को नहीं बाँट सकती “
अन्नू फिर से मुझसे चिपक गई , वो ऐसे बर्ताव कर रही थी जैसे किसी बच्चे से उसका खिलौना मांग लिया गया हो …
उसे देख कर कोकू हँस पड़ी
“प्यार को कोई बाँट सकता है भला ??? क्या ये प्यार नहीं की मैं तुम्हे कुवर के साथ देख कर खुश हु , क्या ये प्रेम नहीं की कुवर के जान के खतरे का अंदेशा ही हुआ और मैंने खुद की प्रण तोड़ दिया , मैं कभी अपनी शक्तियों का फिर से उपयोग नहीं करना चाहती थी लेकिन मैंने किया , मैं तो सब छोड़ कर कुवर के प्रेम में जोगन बन जीवन भर यु ही रहना चाहती थी , क्या ये प्रेम नहीं की मैं अपने प्रेम की प्रेमिका को उनके यंहा उससे मिलवाने ले आई … क्या ये प्रेम नहीं की मैं नहीं चाहती की मेरे कुवर की प्रेमिका उसके ही जान की दुशमन बन जाए “
कोकू की कुछ बाते मुझे समझ आई कुछ नहीं लेकिन अन्नू पर उसकी बातो का एक असर जरुर दिख रहा था , उसकी पकड़ मुझसे थोड़ी कम होने लगी ..
“कुवर की जान को खतरा ???”
उसने मुझे और उसे बारी बारी से देखते हुए कहा
“हा अन्नू आज अगर कोकू नहीं होती तो शायद जिन्दा नहीं होता ..”
मैंने पूरी कहानी अनु को सुनाई वो पहले मुझसे जी भर कर लिपट कर रोई , उसने कई बार मुझसे माफ़ी मांगी की वो मुझे यु छोड़कर चली गई थी ..
फिर वो कोकू की तरफ मुड़ी और सीधे उसे गले से लगा लिया ….
“तुम जो भी हो तुमने मेरे जान की जान बचाई है , मैं तुम्हारा ये अहसान जीवन भर नहीं उतार पाऊँगी “
कोकू भी उसकी इस बात पर मुस्कुराने लगी
“अरे पगली तो सिर्फ तुम्हारा ही जान थोड़ी ना है , उसमे तो मेरी भी जान बसती है , उसने ही मुझे आजाद किया था , मुझे हर बंधन से मुक्त किया “
अन्नू को शायद कुछ समझ ना आया हो लेकिन वो फिर से कोकू के गले से लग गई …
“आखिर तुम हो कौन ??”
कोकू मुस्कुराई और हमें पहले झोपडी के अंदर आने का निमंत्रण दिया ..
झोपडी के अंदर आते ही हमारी आँखे फट गई , ये क्या कोई महल था , दरवाजे के बाहर तो वो एक सामान्य से घास की झोपड़ी थी लेकिन अंदर वो एक महल जैसा था , इतना बड़ा और विलासता से भरा हुआ ..
“ये कैसे हुआ “
अन्नू ने मुझे पकड लिया था ,पहले वो इस झोपडी के अंदर थी तो वो केवल एक खाली कमरा था , अब एक महल इसके अंदर था आखिर ये हो क्या रहा था ..??
मैं हँस पड़ा
“फिक्र मत करो , अंदर चलो ये सब कोकू का किया धरा है , अंदर चलकर सब बताता हु “
हम वंहा एक आलीशान सोफे में बैठ गए , कोकू ने हाथ घुमाया और हमारे सामने खाने पीने की कई चीजे आ गई , सामने सोने के नक्कासी किये हुए तीन ग्लास थे और एक कांच की बोतल में मदिरा ..
मैंने सभी के लिए पेक बनाया ..
फिर मैंने अन्नू को सारी कहानी बताई की कैसे मैं और कोकू मिले थे , अन्नू बस आँखे फाडे सब सुन रही थी लेकिन अंत में वो मेरे गले से लग गई ..
“आई ऍम प्राउड ऑफ़ यु माय बॉय … मेरा सोना बच्चा “
उसने मेरे गाल पर एक जोरदार किस किया और फिर कोकू को देखने लगी ,
“आपने मुझे यंहा क्यों लाया , आप कह रही थी की मैं कही इनकी दुश्मन ना बन जाऊ , आखिर बात क्या है ??”
मैंने ये बात नोटिस की कि अन्नू अब कोकू को आप से संबोधित कर रही थी , पहले तो कोकू को तुम ही कह रही थी …
अन्नू की बात सुनकर कोकू मुस्कुराई
“तुम्हारे जाने से कुवर पागल से हो गए थे , और इसका इलाज जानने के लिए वो डॉ चुतिया के पास जाने वाले थे , मुझे पता था की डॉ चुतिया को वो पुरानी जादू की किताब मिल गई है और वो भखलंड शैतान और चुदैल चुडैलो के बारे में जानते है , उसी किताब का सहारा लेकर चमन चुतिया ने मुझे आजाद करवाया था ,
डॉ के पास जाने का मतलब था की वो सभी को उन चुड़ैल प्रजातियों के बारे में बताएगा , और सभी के दिमाग में कुवर को रोकने के लिए एक ही नाम आएगा , वो था अन्नू का , लेकिन मुझे पता था की कुवर के दुश्मन कभी नहीं चाहते की कुवर के पास ताकते रहे , और इसलिए वो अन्नू को कुवर के खिलाफ जाकर काम करने को भड़का सकते थे , शायद मैं गलत भी हो जाऊ लेकिन मैं नहीं चाहती थी की कोई भी कुवर के लिए चुदैल चुड़ैल बने क्योकि इससे कुवर को काबू किया जा सकता है , और काबू होना भखलंडो के लिए
अच्छा नही होता , वो तो बिना किसी काबू के खुले सांड की तरह घुमने के लिए ही बने हुए है , इसलिए ही मैंने सपने में आकर कुवर को अपनी शक्तियों को खुला छोड़ने को कहा …
लेकिन कुवर तो पहले ही किसी के प्यार में पड़ चुके थे , ये बात मैं भूल गई थी , प्यार का बिछड़ना कुवर के लिए भारी हो गया और इससे गांव में आतंक मच गया ..
कुवर को काबू में रखने के लिए किसी चुड़ैल की जरुरत ही नहीं है वो तो अन्नू साथ रहे तो कुवर खुद ही काबू में रहेगा ,लेकिन ये बात दुनिया को कैसे समझाई जाए , दुनिया प्यार और उसकी ताकत को कहा कभी जान पाया है …. अगर अन्नू चुदैल चुड़ैल बनने के लिए मान भी जाती तो मैं फिर कुछ नहीं कर सकती थी ,और अन्नू अम्मा की बात मान ही जाती इसलिए सोचा की पहले इसी को उठा लिया जाय हा हा हा “
वो हँसने लगी साथ ही अन्नू भी …
“ठीक किया दीदी आपने , मैं अम्मा की बात को इनकार नहीं कर पाती “
अन्नू ने हँसते हुए कहा
“दीदी ??”
मैंने अन्नू को आश्चर्य से देखा , वो शर्मा गई और मेरे सीने में अपना सर रख लिया ..
“जो आपसे इतना प्यार करे मैं उसे कैसे आपसे दूर कर सकती हु , दीदी ने सही कहा प्यार केवल पाने का नाम नहीं है , वो आपसे बिना कुछ पाने की उम्मीद किये प्यार करती है , लेकिन मैं कितनी स्वार्थी हु जो बस खुद का सोचती हु , मैंने आपकी इक्छा को कभी नहीं समझा मुझे माफ़ कर दो , अब से मैं कभी आप पर काबू करने की कोशिस नहीं करुँगी , आपको आपका शैतान और उसकी शैतानी जैसे चलानी हो चलाओ , बस मेरे साथ रहो “
उसके आँखों में आंसू थे, होठो में मुस्कान और नजरो में अथाह प्रेम , मैंने उसे अपने सीने से लगा लिया , कोकू भी हमारे पास आ गई थी उसने भी हम दोनों को अपने बांहों में भर लिया …
“शुक्रिया मेरी बहन “
उसने प्यार से अन्नू के गालो को सहलाया ……………

***********************************
इधर …बलवंत की हवेली में
गुंजन के बाल बिखरे हुए थे, आँखों का काजल फैला हुआ था , आँखे जी शुन्य में कही खो गई हो , वो एक कुर्सी में सर गडाए बैठी थी …
सामने बैठे बलवंत और अब्दुल उसकी कहानी सुन रहे थे …
“आखिर वो थी कौन ???”
बलवंत ने पूरी बात सुनकर कहा
“मुझे नही पता लेकिन ऐसी ताकत मैंने आज तक नहीं देखी है , अगर कुवर ना होता तो वो मुझे अपने उंगली के एक इशारे से मार देती “
गुंजन बोल तो रही थी लेकिन वो अभी भी खोई हुई थी
उसकी बात सुनकर बलवंत और अब्दुल के माथे पर बल पड़ गए , बड़ी मुश्किल से तो उन्होंने गुंजन को अपने झांसे में लाया था और फिर गुंजन ने अंकित को अपने झांसे में लाया ,उनके आँख का कांटा आज मिट ही जाता लेकिन अब ये नै मुसीबत सामने आ गई थी …
“क्या हो सकता है ??“
बलवंत ने अब्दुल की ओर देखा
“क्या पता ?? शायद डॉ चुतिया बता पाए “ अब्दुल ने कहा लेकिन उसकी बात सुनकर बलवंत गुस्से में भर गया
“पागल हो क्या जो उस चुतिया के पास जाओगे , अगर उसे ये सब बताया ना तो हम ही मरेंगे , वो अम्मा और कुवर का शुभचिंतक है उससे ये बात नहीं पूछ सकते , और ये साली अन्नू कहा चली गई आखिर ??”
वो झल्लाया
“अन्नू ?? आखिर आपको अन्नू क्यों चाहिए ??”
गुंजन अन्नू का नाम सुनकर बोल उठी
अब्दुल ने उसे चुदैल चुड़ैल के बारे में बताया , उसकी बात सुनकर गुंजन जोरो से हंसने लगी थी …
“अब इसे क्या हुआ “ बलवंत जो की पहले से परेशान था गुंजन की इस हरकत से और भी चिढ ग्या
“अब मैं बनूँगी चुदैल चुड़ैल “ उसने सर उठा कर कहा
बलवंत और अब्दुल को लगा की ये पागल हो गई है …
“अरे मंद बुद्धि जो कुवर से प्यार करता हो वही ये काम कर सकती है और तुम तो उसे मारना चाहती थी “
गुंजन फिर से हँस पड़ी लेकिन उसकी हँसी में एक दर्द भी था …
‘मैं उसे इतना प्यार करती हु की मैंने उसका गला काटने से पहले भी नही सोचा , जो प्यार खून तक बहा दे उससे ज्यादा प्यार और क्या होगा ?”
उसकी बात और हरकत देखकर दोनों चौक गए थे ..
“मतलब ??”
अब्दुल ने हडबडी में कहा
“कुवर से मैं हमेशा से प्यार करती हु ,लेकिन वो कमीना कभी मुझे सर उठा कर देखता भी नहीं था और उसका ये भोलापन मेरा प्यार उसके लिए और भी बढ़ा देता , कई बार मैंने उसे अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिसे की लेकिन वो रहा बुद्धू का बुद्धू , फिर से शैतानी ताकते मिली , मैंने सोचा की अब मेरा प्यार सफल हो जायेगा लेकिन … उस कमीने ने खुद की जगह मेरे बेटे के जैसे देवर से मेरा सम्भोग करवा दिया , उसने मेरे प्यार का अपमान किया था , उसके बाद भी मैं सब सह गई , मैं कभी नहीं चाहती थी की वो शैतान बने , मैं टी अंकित को शैतान बनाना चाहती थी फिर भी ये सोच कर खुश थी की कम से कम कुवर अब मुझे प्यार नहीं तो सम्बोग का सुख तो देगा , मैं उसे ही प्यार समझ कर खुश रह लुंगी , लेकिन नहीं उसने मुझे धोखा दे दिया , फिर भी जब उसके जान पर बन आई तो अपने जिस्म उसे सोपने वाली स्त्रियों में मैं भी थी , मैंने उससे सम्भोग का सुख लिया और उसे मिली शैतानी शक्तिया , मैं उस सम्भोग के सुख को नहीं भूल पाई , अंकित से दिन रात सम्भोग करवाने के बाद भी मुझे कुवर का प्यार चाहिए था , प्यार नहीं तो कम से कम वो मुझसे सम्भोग तो करता , लेकिन नहीं वो दूसरी ओरतो में मस्त रहा मुझे देखा तक नहीं , तब मैंने फैसला कर लिया की मैं उसके अंदर के शैतान को मार दूंगी और मुझे फिर से मेरा भोला कुवर मिल जायेगा , और उसकी जगह शैतानी शक्तिया अंकित को मिलेगी , सम्भोग में अंकित मुझे शांत करता और प्रेम में कुवर लेकिन कुदरत को ये भी मंजूर नही था , लेकिन मैं हार नहीं मान सकती अभी मेरे पास एक मौका और है “
उसकी बात सुनकर बलवंत और अब्दुल एक दुसरे को देखने लगे , उन्होंने गुंजन से यही कहा था की कुवर की बलि देने से उसका शरीर नहीं बल्कि उसके अंदर का शैतान मरेगा , गुंजन भी उनके बातो में आ गई थी , लेकिन गुंजन के दिल में क्या था ये अभी तक किसी को पता नहीं था …
कमरे में शांति थी , बलवंत उठ खड़ा हुआ …
“अगर ये सच है और तुम कुवर से प्रेम करती हो तो बधाई हो वो तुम्हारा होने वाला है , अब्दुल किसी अच्छे से तांत्रिक से मिलो और गुंजन को चुदैल चुड़ैल बनाने का इंतजाम करो “

लेकिन उसी समय उनके कमरे के बाहर खड़ी रामिका ये सब सुन रही थी , उसे इतना तो पता था की उसके पिता कुवर के जान के दुश्मन है लेकिन उसका होने वाला पति अब्दुल भी …
उसके आँखों में आंसू थे और दिल में एक निश्चय
“तू क्या कुवर को प्यार करेगी कमिनी , ये बलिदान मैं दूंगी मैं बनूँगी चुदैल चुड़ैल “
उसने अपने मन में एक संकल्प कर लिया था …………..
Bahut hi shaandar update diya hai Chutiyadr bhai....
Nice and lovely update...
 

Tiger 786

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अध्याय 29
कोकू ने मुझे उड़ाते हुए एक पहाड़ी में ला दिया …
“ये कैसी जगह है कोकू ??”
उसने बड़े ही प्यार से मेरे गालो को सहलाया ,
“तुम्हारे लिए एक गिफ्ट है मेरे पास “
वो मुस्कुराते हुए बोली , सामने एक झोपडी थी वो उस ओर चल दी …
जब हम उस झोपडी के पास पहुचे तो मुझे एक लकड़ी का दरवाजा दिखा , बेहद ही कमजोर सा दरवाजा था ..
कोकू ने हाथो का एक इशारा किया और वो दरवाजा खुल गया , सामने मैंने जो देखा वो देखकर मैं आश्चर्य से भर गया ..
“अन्नू तुम “
वही अन्नू मुझे सामने देख कर बुरी तरह से चौक गई थी , वो बार बार कभी मुझे तो कभी उस लकड़ी के दरवाजे को तो कभी उस झोपड़े को आश्चर्य से देखे जा रही थी , जैसे ही उसे कुछ होश आया वो मेरे तरफ भागी और आकर मुझसे चिपक गई , वो जोरो से रो रही थी …
“ना जाने कितने देर से मैं यंहा एक कमरे में बंद थी , उसका दरवाजा इतना मजबूत था की मेरे लाख कोशिसो के बाद भी मैं उसे नहीं खोल पाई और अब .. ये तो एक सामान्य सी झोपडी है जिसका दरवाजा इतना कमजोर है की मैं उसे एक लात में खोल दू ??? ये क्या हो रहा है निक्कू , मैं तो अपने घर में थी मैं यंहा कैसे आ गई ???”
उसने रोते हुए कहा , मैंने कोकू की तरफ देखा जो हमें देख कर मुस्कुरा रही थी , मैं समझ चूका था की ये इसी की करामात है ..
मैंने अन्नू को शांत किया
“शांत हो जाओ , ये सब इसने किया है .. इससे मिलो ये कोकू है , तुम्हारी सौतन ही समझो इसे “
अन्नू ने लाल आँखे किये हुए मुझे देखा , उसके चहरे में गुस्सा साफ़ था लेकिन उस गुस्से में भी मासूमियत मिली हुई थी , मुझे उस पर बेहद ही प्यार आया मुझे लगा जैसे मेरा ही अंग मुझसे बिछड़ गया था जो आज मुझे फिर से मिल गया ..
अन्नू की जुदाई में मैं कैसा हो गया था किसी पागल शैतान की तरह हरकते कर रहा था , वो भी अजीब लड़की थी एक तरफ तो वो चाहती थी की मैं जिम्मेदारी निभाऊ और दूसरी ही ओर वो मुझे किसी के साथ भी बांटना नहीं चाहती थी , जब मैंने कोकू को सौतन कहा तो उसकी आँखों में जलन , गुस्सा और प्रेम एक साथ टपकने लगा , उसके मासूम चहरे को मैंने झुककर एक किस किया , लेकिन उसने मुझे खुद से दूर कर लिया ..
सामने खड़ी कोकू भी ये सब देख कर मुस्कुरा रही थी वो मेरे पास आई और अन्नू के चहरे को अपने हाथो से उठा कर उसे देखने लगी …
“सच में तुमसे बहुत प्यार करती है कुवर , और तुम भी इससे बहुत प्यार करते हो , लेकिन अन्नू ये जान लो की प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं होता , और प्यार पर किसी एक का अधिकार नही होता , मैं भी कुवर से बेहद प्यार करती हु और शायद कुवर भी “
वो इतना बोलकर मुझे देखने लगी , मैं ये फैसला नहीं कर पा रहा था की क्या मैं भी सच में कोकू से प्यार करता हु , मेरा प्यार तो सिर्फ अन्नू के लिए था …. लेकिन मैं इस बात से भी इंकार नहीं कर सकता की कोकू के लिए मेरे दिल में एक खास जगह थी , उसका स्नेह उसका समर्पण मुझे हमेशा से अपनी ओर खींचता था …
“मैं अपने प्यार को नहीं बाँट सकती “
अन्नू फिर से मुझसे चिपक गई , वो ऐसे बर्ताव कर रही थी जैसे किसी बच्चे से उसका खिलौना मांग लिया गया हो …
उसे देख कर कोकू हँस पड़ी
“प्यार को कोई बाँट सकता है भला ??? क्या ये प्यार नहीं की मैं तुम्हे कुवर के साथ देख कर खुश हु , क्या ये प्रेम नहीं की कुवर के जान के खतरे का अंदेशा ही हुआ और मैंने खुद की प्रण तोड़ दिया , मैं कभी अपनी शक्तियों का फिर से उपयोग नहीं करना चाहती थी लेकिन मैंने किया , मैं तो सब छोड़ कर कुवर के प्रेम में जोगन बन जीवन भर यु ही रहना चाहती थी , क्या ये प्रेम नहीं की मैं अपने प्रेम की प्रेमिका को उनके यंहा उससे मिलवाने ले आई … क्या ये प्रेम नहीं की मैं नहीं चाहती की मेरे कुवर की प्रेमिका उसके ही जान की दुशमन बन जाए “
कोकू की कुछ बाते मुझे समझ आई कुछ नहीं लेकिन अन्नू पर उसकी बातो का एक असर जरुर दिख रहा था , उसकी पकड़ मुझसे थोड़ी कम होने लगी ..
“कुवर की जान को खतरा ???”
उसने मुझे और उसे बारी बारी से देखते हुए कहा
“हा अन्नू आज अगर कोकू नहीं होती तो शायद जिन्दा नहीं होता ..”
मैंने पूरी कहानी अनु को सुनाई वो पहले मुझसे जी भर कर लिपट कर रोई , उसने कई बार मुझसे माफ़ी मांगी की वो मुझे यु छोड़कर चली गई थी ..
फिर वो कोकू की तरफ मुड़ी और सीधे उसे गले से लगा लिया ….
“तुम जो भी हो तुमने मेरे जान की जान बचाई है , मैं तुम्हारा ये अहसान जीवन भर नहीं उतार पाऊँगी “
कोकू भी उसकी इस बात पर मुस्कुराने लगी
“अरे पगली तो सिर्फ तुम्हारा ही जान थोड़ी ना है , उसमे तो मेरी भी जान बसती है , उसने ही मुझे आजाद किया था , मुझे हर बंधन से मुक्त किया “
अन्नू को शायद कुछ समझ ना आया हो लेकिन वो फिर से कोकू के गले से लग गई …
“आखिर तुम हो कौन ??”
कोकू मुस्कुराई और हमें पहले झोपडी के अंदर आने का निमंत्रण दिया ..
झोपडी के अंदर आते ही हमारी आँखे फट गई , ये क्या कोई महल था , दरवाजे के बाहर तो वो एक सामान्य से घास की झोपड़ी थी लेकिन अंदर वो एक महल जैसा था , इतना बड़ा और विलासता से भरा हुआ ..
“ये कैसे हुआ “
अन्नू ने मुझे पकड लिया था ,पहले वो इस झोपडी के अंदर थी तो वो केवल एक खाली कमरा था , अब एक महल इसके अंदर था आखिर ये हो क्या रहा था ..??
मैं हँस पड़ा
“फिक्र मत करो , अंदर चलो ये सब कोकू का किया धरा है , अंदर चलकर सब बताता हु “
हम वंहा एक आलीशान सोफे में बैठ गए , कोकू ने हाथ घुमाया और हमारे सामने खाने पीने की कई चीजे आ गई , सामने सोने के नक्कासी किये हुए तीन ग्लास थे और एक कांच की बोतल में मदिरा ..
मैंने सभी के लिए पेक बनाया ..
फिर मैंने अन्नू को सारी कहानी बताई की कैसे मैं और कोकू मिले थे , अन्नू बस आँखे फाडे सब सुन रही थी लेकिन अंत में वो मेरे गले से लग गई ..
“आई ऍम प्राउड ऑफ़ यु माय बॉय … मेरा सोना बच्चा “
उसने मेरे गाल पर एक जोरदार किस किया और फिर कोकू को देखने लगी ,
“आपने मुझे यंहा क्यों लाया , आप कह रही थी की मैं कही इनकी दुश्मन ना बन जाऊ , आखिर बात क्या है ??”
मैंने ये बात नोटिस की कि अन्नू अब कोकू को आप से संबोधित कर रही थी , पहले तो कोकू को तुम ही कह रही थी …
अन्नू की बात सुनकर कोकू मुस्कुराई
“तुम्हारे जाने से कुवर पागल से हो गए थे , और इसका इलाज जानने के लिए वो डॉ चुतिया के पास जाने वाले थे , मुझे पता था की डॉ चुतिया को वो पुरानी जादू की किताब मिल गई है और वो भखलंड शैतान और चुदैल चुडैलो के बारे में जानते है , उसी किताब का सहारा लेकर चमन चुतिया ने मुझे आजाद करवाया था ,
डॉ के पास जाने का मतलब था की वो सभी को उन चुड़ैल प्रजातियों के बारे में बताएगा , और सभी के दिमाग में कुवर को रोकने के लिए एक ही नाम आएगा , वो था अन्नू का , लेकिन मुझे पता था की कुवर के दुश्मन कभी नहीं चाहते की कुवर के पास ताकते रहे , और इसलिए वो अन्नू को कुवर के खिलाफ जाकर काम करने को भड़का सकते थे , शायद मैं गलत भी हो जाऊ लेकिन मैं नहीं चाहती थी की कोई भी कुवर के लिए चुदैल चुड़ैल बने क्योकि इससे कुवर को काबू किया जा सकता है , और काबू होना भखलंडो के लिए
अच्छा नही होता , वो तो बिना किसी काबू के खुले सांड की तरह घुमने के लिए ही बने हुए है , इसलिए ही मैंने सपने में आकर कुवर को अपनी शक्तियों को खुला छोड़ने को कहा …
लेकिन कुवर तो पहले ही किसी के प्यार में पड़ चुके थे , ये बात मैं भूल गई थी , प्यार का बिछड़ना कुवर के लिए भारी हो गया और इससे गांव में आतंक मच गया ..
कुवर को काबू में रखने के लिए किसी चुड़ैल की जरुरत ही नहीं है वो तो अन्नू साथ रहे तो कुवर खुद ही काबू में रहेगा ,लेकिन ये बात दुनिया को कैसे समझाई जाए , दुनिया प्यार और उसकी ताकत को कहा कभी जान पाया है …. अगर अन्नू चुदैल चुड़ैल बनने के लिए मान भी जाती तो मैं फिर कुछ नहीं कर सकती थी ,और अन्नू अम्मा की बात मान ही जाती इसलिए सोचा की पहले इसी को उठा लिया जाय हा हा हा “
वो हँसने लगी साथ ही अन्नू भी …
“ठीक किया दीदी आपने , मैं अम्मा की बात को इनकार नहीं कर पाती “
अन्नू ने हँसते हुए कहा
“दीदी ??”
मैंने अन्नू को आश्चर्य से देखा , वो शर्मा गई और मेरे सीने में अपना सर रख लिया ..
“जो आपसे इतना प्यार करे मैं उसे कैसे आपसे दूर कर सकती हु , दीदी ने सही कहा प्यार केवल पाने का नाम नहीं है , वो आपसे बिना कुछ पाने की उम्मीद किये प्यार करती है , लेकिन मैं कितनी स्वार्थी हु जो बस खुद का सोचती हु , मैंने आपकी इक्छा को कभी नहीं समझा मुझे माफ़ कर दो , अब से मैं कभी आप पर काबू करने की कोशिस नहीं करुँगी , आपको आपका शैतान और उसकी शैतानी जैसे चलानी हो चलाओ , बस मेरे साथ रहो “
उसके आँखों में आंसू थे, होठो में मुस्कान और नजरो में अथाह प्रेम , मैंने उसे अपने सीने से लगा लिया , कोकू भी हमारे पास आ गई थी उसने भी हम दोनों को अपने बांहों में भर लिया …
“शुक्रिया मेरी बहन “
उसने प्यार से अन्नू के गालो को सहलाया ……………

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इधर …बलवंत की हवेली में
गुंजन के बाल बिखरे हुए थे, आँखों का काजल फैला हुआ था , आँखे जी शुन्य में कही खो गई हो , वो एक कुर्सी में सर गडाए बैठी थी …
सामने बैठे बलवंत और अब्दुल उसकी कहानी सुन रहे थे …
“आखिर वो थी कौन ???”
बलवंत ने पूरी बात सुनकर कहा
“मुझे नही पता लेकिन ऐसी ताकत मैंने आज तक नहीं देखी है , अगर कुवर ना होता तो वो मुझे अपने उंगली के एक इशारे से मार देती “
गुंजन बोल तो रही थी लेकिन वो अभी भी खोई हुई थी
उसकी बात सुनकर बलवंत और अब्दुल के माथे पर बल पड़ गए , बड़ी मुश्किल से तो उन्होंने गुंजन को अपने झांसे में लाया था और फिर गुंजन ने अंकित को अपने झांसे में लाया ,उनके आँख का कांटा आज मिट ही जाता लेकिन अब ये नै मुसीबत सामने आ गई थी …
“क्या हो सकता है ??“
बलवंत ने अब्दुल की ओर देखा
“क्या पता ?? शायद डॉ चुतिया बता पाए “ अब्दुल ने कहा लेकिन उसकी बात सुनकर बलवंत गुस्से में भर गया
“पागल हो क्या जो उस चुतिया के पास जाओगे , अगर उसे ये सब बताया ना तो हम ही मरेंगे , वो अम्मा और कुवर का शुभचिंतक है उससे ये बात नहीं पूछ सकते , और ये साली अन्नू कहा चली गई आखिर ??”
वो झल्लाया
“अन्नू ?? आखिर आपको अन्नू क्यों चाहिए ??”
गुंजन अन्नू का नाम सुनकर बोल उठी
अब्दुल ने उसे चुदैल चुड़ैल के बारे में बताया , उसकी बात सुनकर गुंजन जोरो से हंसने लगी थी …
“अब इसे क्या हुआ “ बलवंत जो की पहले से परेशान था गुंजन की इस हरकत से और भी चिढ ग्या
“अब मैं बनूँगी चुदैल चुड़ैल “ उसने सर उठा कर कहा
बलवंत और अब्दुल को लगा की ये पागल हो गई है …
“अरे मंद बुद्धि जो कुवर से प्यार करता हो वही ये काम कर सकती है और तुम तो उसे मारना चाहती थी “
गुंजन फिर से हँस पड़ी लेकिन उसकी हँसी में एक दर्द भी था …
‘मैं उसे इतना प्यार करती हु की मैंने उसका गला काटने से पहले भी नही सोचा , जो प्यार खून तक बहा दे उससे ज्यादा प्यार और क्या होगा ?”
उसकी बात और हरकत देखकर दोनों चौक गए थे ..
“मतलब ??”
अब्दुल ने हडबडी में कहा
“कुवर से मैं हमेशा से प्यार करती हु ,लेकिन वो कमीना कभी मुझे सर उठा कर देखता भी नहीं था और उसका ये भोलापन मेरा प्यार उसके लिए और भी बढ़ा देता , कई बार मैंने उसे अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिसे की लेकिन वो रहा बुद्धू का बुद्धू , फिर से शैतानी ताकते मिली , मैंने सोचा की अब मेरा प्यार सफल हो जायेगा लेकिन … उस कमीने ने खुद की जगह मेरे बेटे के जैसे देवर से मेरा सम्भोग करवा दिया , उसने मेरे प्यार का अपमान किया था , उसके बाद भी मैं सब सह गई , मैं कभी नहीं चाहती थी की वो शैतान बने , मैं टी अंकित को शैतान बनाना चाहती थी फिर भी ये सोच कर खुश थी की कम से कम कुवर अब मुझे प्यार नहीं तो सम्बोग का सुख तो देगा , मैं उसे ही प्यार समझ कर खुश रह लुंगी , लेकिन नहीं उसने मुझे धोखा दे दिया , फिर भी जब उसके जान पर बन आई तो अपने जिस्म उसे सोपने वाली स्त्रियों में मैं भी थी , मैंने उससे सम्भोग का सुख लिया और उसे मिली शैतानी शक्तिया , मैं उस सम्भोग के सुख को नहीं भूल पाई , अंकित से दिन रात सम्भोग करवाने के बाद भी मुझे कुवर का प्यार चाहिए था , प्यार नहीं तो कम से कम वो मुझसे सम्भोग तो करता , लेकिन नहीं वो दूसरी ओरतो में मस्त रहा मुझे देखा तक नहीं , तब मैंने फैसला कर लिया की मैं उसके अंदर के शैतान को मार दूंगी और मुझे फिर से मेरा भोला कुवर मिल जायेगा , और उसकी जगह शैतानी शक्तिया अंकित को मिलेगी , सम्भोग में अंकित मुझे शांत करता और प्रेम में कुवर लेकिन कुदरत को ये भी मंजूर नही था , लेकिन मैं हार नहीं मान सकती अभी मेरे पास एक मौका और है “
उसकी बात सुनकर बलवंत और अब्दुल एक दुसरे को देखने लगे , उन्होंने गुंजन से यही कहा था की कुवर की बलि देने से उसका शरीर नहीं बल्कि उसके अंदर का शैतान मरेगा , गुंजन भी उनके बातो में आ गई थी , लेकिन गुंजन के दिल में क्या था ये अभी तक किसी को पता नहीं था …
कमरे में शांति थी , बलवंत उठ खड़ा हुआ …
“अगर ये सच है और तुम कुवर से प्रेम करती हो तो बधाई हो वो तुम्हारा होने वाला है , अब्दुल किसी अच्छे से तांत्रिक से मिलो और गुंजन को चुदैल चुड़ैल बनाने का इंतजाम करो “

लेकिन उसी समय उनके कमरे के बाहर खड़ी रामिका ये सब सुन रही थी , उसे इतना तो पता था की उसके पिता कुवर के जान के दुश्मन है लेकिन उसका होने वाला पति अब्दुल भी …
उसके आँखों में आंसू थे और दिल में एक निश्चय
“तू क्या कुवर को प्यार करेगी कमिनी , ये बलिदान मैं दूंगी मैं बनूँगी चुदैल चुड़ैल “
उसने अपने मन में एक संकल्प कर लिया था …………..
Gunjan ne to jatka de diya ki vo kuvar se payar karti hai,par sab se bada jatka to Ramya ne dediya ki vo banegi chudel cudail.
Wah dr.saheb kya twist diya hai storie ko, 💥💥💯💯💯💯
 
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अध्याय 29
कोकू ने मुझे उड़ाते हुए एक पहाड़ी में ला दिया …
“ये कैसी जगह है कोकू ??”
उसने बड़े ही प्यार से मेरे गालो को सहलाया ,
“तुम्हारे लिए एक गिफ्ट है मेरे पास “
वो मुस्कुराते हुए बोली , सामने एक झोपडी थी वो उस ओर चल दी …
जब हम उस झोपडी के पास पहुचे तो मुझे एक लकड़ी का दरवाजा दिखा , बेहद ही कमजोर सा दरवाजा था ..
कोकू ने हाथो का एक इशारा किया और वो दरवाजा खुल गया , सामने मैंने जो देखा वो देखकर मैं आश्चर्य से भर गया ..
“अन्नू तुम “
वही अन्नू मुझे सामने देख कर बुरी तरह से चौक गई थी , वो बार बार कभी मुझे तो कभी उस लकड़ी के दरवाजे को तो कभी उस झोपड़े को आश्चर्य से देखे जा रही थी , जैसे ही उसे कुछ होश आया वो मेरे तरफ भागी और आकर मुझसे चिपक गई , वो जोरो से रो रही थी …
“ना जाने कितने देर से मैं यंहा एक कमरे में बंद थी , उसका दरवाजा इतना मजबूत था की मेरे लाख कोशिसो के बाद भी मैं उसे नहीं खोल पाई और अब .. ये तो एक सामान्य सी झोपडी है जिसका दरवाजा इतना कमजोर है की मैं उसे एक लात में खोल दू ??? ये क्या हो रहा है निक्कू , मैं तो अपने घर में थी मैं यंहा कैसे आ गई ???”
उसने रोते हुए कहा , मैंने कोकू की तरफ देखा जो हमें देख कर मुस्कुरा रही थी , मैं समझ चूका था की ये इसी की करामात है ..
मैंने अन्नू को शांत किया
“शांत हो जाओ , ये सब इसने किया है .. इससे मिलो ये कोकू है , तुम्हारी सौतन ही समझो इसे “
अन्नू ने लाल आँखे किये हुए मुझे देखा , उसके चहरे में गुस्सा साफ़ था लेकिन उस गुस्से में भी मासूमियत मिली हुई थी , मुझे उस पर बेहद ही प्यार आया मुझे लगा जैसे मेरा ही अंग मुझसे बिछड़ गया था जो आज मुझे फिर से मिल गया ..
अन्नू की जुदाई में मैं कैसा हो गया था किसी पागल शैतान की तरह हरकते कर रहा था , वो भी अजीब लड़की थी एक तरफ तो वो चाहती थी की मैं जिम्मेदारी निभाऊ और दूसरी ही ओर वो मुझे किसी के साथ भी बांटना नहीं चाहती थी , जब मैंने कोकू को सौतन कहा तो उसकी आँखों में जलन , गुस्सा और प्रेम एक साथ टपकने लगा , उसके मासूम चहरे को मैंने झुककर एक किस किया , लेकिन उसने मुझे खुद से दूर कर लिया ..
सामने खड़ी कोकू भी ये सब देख कर मुस्कुरा रही थी वो मेरे पास आई और अन्नू के चहरे को अपने हाथो से उठा कर उसे देखने लगी …
“सच में तुमसे बहुत प्यार करती है कुवर , और तुम भी इससे बहुत प्यार करते हो , लेकिन अन्नू ये जान लो की प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं होता , और प्यार पर किसी एक का अधिकार नही होता , मैं भी कुवर से बेहद प्यार करती हु और शायद कुवर भी “
वो इतना बोलकर मुझे देखने लगी , मैं ये फैसला नहीं कर पा रहा था की क्या मैं भी सच में कोकू से प्यार करता हु , मेरा प्यार तो सिर्फ अन्नू के लिए था …. लेकिन मैं इस बात से भी इंकार नहीं कर सकता की कोकू के लिए मेरे दिल में एक खास जगह थी , उसका स्नेह उसका समर्पण मुझे हमेशा से अपनी ओर खींचता था …
“मैं अपने प्यार को नहीं बाँट सकती “
अन्नू फिर से मुझसे चिपक गई , वो ऐसे बर्ताव कर रही थी जैसे किसी बच्चे से उसका खिलौना मांग लिया गया हो …
उसे देख कर कोकू हँस पड़ी
“प्यार को कोई बाँट सकता है भला ??? क्या ये प्यार नहीं की मैं तुम्हे कुवर के साथ देख कर खुश हु , क्या ये प्रेम नहीं की कुवर के जान के खतरे का अंदेशा ही हुआ और मैंने खुद की प्रण तोड़ दिया , मैं कभी अपनी शक्तियों का फिर से उपयोग नहीं करना चाहती थी लेकिन मैंने किया , मैं तो सब छोड़ कर कुवर के प्रेम में जोगन बन जीवन भर यु ही रहना चाहती थी , क्या ये प्रेम नहीं की मैं अपने प्रेम की प्रेमिका को उनके यंहा उससे मिलवाने ले आई … क्या ये प्रेम नहीं की मैं नहीं चाहती की मेरे कुवर की प्रेमिका उसके ही जान की दुशमन बन जाए “
कोकू की कुछ बाते मुझे समझ आई कुछ नहीं लेकिन अन्नू पर उसकी बातो का एक असर जरुर दिख रहा था , उसकी पकड़ मुझसे थोड़ी कम होने लगी ..
“कुवर की जान को खतरा ???”
उसने मुझे और उसे बारी बारी से देखते हुए कहा
“हा अन्नू आज अगर कोकू नहीं होती तो शायद जिन्दा नहीं होता ..”
मैंने पूरी कहानी अनु को सुनाई वो पहले मुझसे जी भर कर लिपट कर रोई , उसने कई बार मुझसे माफ़ी मांगी की वो मुझे यु छोड़कर चली गई थी ..
फिर वो कोकू की तरफ मुड़ी और सीधे उसे गले से लगा लिया ….
“तुम जो भी हो तुमने मेरे जान की जान बचाई है , मैं तुम्हारा ये अहसान जीवन भर नहीं उतार पाऊँगी “
कोकू भी उसकी इस बात पर मुस्कुराने लगी
“अरे पगली तो सिर्फ तुम्हारा ही जान थोड़ी ना है , उसमे तो मेरी भी जान बसती है , उसने ही मुझे आजाद किया था , मुझे हर बंधन से मुक्त किया “
अन्नू को शायद कुछ समझ ना आया हो लेकिन वो फिर से कोकू के गले से लग गई …
“आखिर तुम हो कौन ??”
कोकू मुस्कुराई और हमें पहले झोपडी के अंदर आने का निमंत्रण दिया ..
झोपडी के अंदर आते ही हमारी आँखे फट गई , ये क्या कोई महल था , दरवाजे के बाहर तो वो एक सामान्य से घास की झोपड़ी थी लेकिन अंदर वो एक महल जैसा था , इतना बड़ा और विलासता से भरा हुआ ..
“ये कैसे हुआ “
अन्नू ने मुझे पकड लिया था ,पहले वो इस झोपडी के अंदर थी तो वो केवल एक खाली कमरा था , अब एक महल इसके अंदर था आखिर ये हो क्या रहा था ..??
मैं हँस पड़ा
“फिक्र मत करो , अंदर चलो ये सब कोकू का किया धरा है , अंदर चलकर सब बताता हु “
हम वंहा एक आलीशान सोफे में बैठ गए , कोकू ने हाथ घुमाया और हमारे सामने खाने पीने की कई चीजे आ गई , सामने सोने के नक्कासी किये हुए तीन ग्लास थे और एक कांच की बोतल में मदिरा ..
मैंने सभी के लिए पेक बनाया ..
फिर मैंने अन्नू को सारी कहानी बताई की कैसे मैं और कोकू मिले थे , अन्नू बस आँखे फाडे सब सुन रही थी लेकिन अंत में वो मेरे गले से लग गई ..
“आई ऍम प्राउड ऑफ़ यु माय बॉय … मेरा सोना बच्चा “
उसने मेरे गाल पर एक जोरदार किस किया और फिर कोकू को देखने लगी ,
“आपने मुझे यंहा क्यों लाया , आप कह रही थी की मैं कही इनकी दुश्मन ना बन जाऊ , आखिर बात क्या है ??”
मैंने ये बात नोटिस की कि अन्नू अब कोकू को आप से संबोधित कर रही थी , पहले तो कोकू को तुम ही कह रही थी …
अन्नू की बात सुनकर कोकू मुस्कुराई
“तुम्हारे जाने से कुवर पागल से हो गए थे , और इसका इलाज जानने के लिए वो डॉ चुतिया के पास जाने वाले थे , मुझे पता था की डॉ चुतिया को वो पुरानी जादू की किताब मिल गई है और वो भखलंड शैतान और चुदैल चुडैलो के बारे में जानते है , उसी किताब का सहारा लेकर चमन चुतिया ने मुझे आजाद करवाया था ,
डॉ के पास जाने का मतलब था की वो सभी को उन चुड़ैल प्रजातियों के बारे में बताएगा , और सभी के दिमाग में कुवर को रोकने के लिए एक ही नाम आएगा , वो था अन्नू का , लेकिन मुझे पता था की कुवर के दुश्मन कभी नहीं चाहते की कुवर के पास ताकते रहे , और इसलिए वो अन्नू को कुवर के खिलाफ जाकर काम करने को भड़का सकते थे , शायद मैं गलत भी हो जाऊ लेकिन मैं नहीं चाहती थी की कोई भी कुवर के लिए चुदैल चुड़ैल बने क्योकि इससे कुवर को काबू किया जा सकता है , और काबू होना भखलंडो के लिए
अच्छा नही होता , वो तो बिना किसी काबू के खुले सांड की तरह घुमने के लिए ही बने हुए है , इसलिए ही मैंने सपने में आकर कुवर को अपनी शक्तियों को खुला छोड़ने को कहा …
लेकिन कुवर तो पहले ही किसी के प्यार में पड़ चुके थे , ये बात मैं भूल गई थी , प्यार का बिछड़ना कुवर के लिए भारी हो गया और इससे गांव में आतंक मच गया ..
कुवर को काबू में रखने के लिए किसी चुड़ैल की जरुरत ही नहीं है वो तो अन्नू साथ रहे तो कुवर खुद ही काबू में रहेगा ,लेकिन ये बात दुनिया को कैसे समझाई जाए , दुनिया प्यार और उसकी ताकत को कहा कभी जान पाया है …. अगर अन्नू चुदैल चुड़ैल बनने के लिए मान भी जाती तो मैं फिर कुछ नहीं कर सकती थी ,और अन्नू अम्मा की बात मान ही जाती इसलिए सोचा की पहले इसी को उठा लिया जाय हा हा हा “
वो हँसने लगी साथ ही अन्नू भी …
“ठीक किया दीदी आपने , मैं अम्मा की बात को इनकार नहीं कर पाती “
अन्नू ने हँसते हुए कहा
“दीदी ??”
मैंने अन्नू को आश्चर्य से देखा , वो शर्मा गई और मेरे सीने में अपना सर रख लिया ..
“जो आपसे इतना प्यार करे मैं उसे कैसे आपसे दूर कर सकती हु , दीदी ने सही कहा प्यार केवल पाने का नाम नहीं है , वो आपसे बिना कुछ पाने की उम्मीद किये प्यार करती है , लेकिन मैं कितनी स्वार्थी हु जो बस खुद का सोचती हु , मैंने आपकी इक्छा को कभी नहीं समझा मुझे माफ़ कर दो , अब से मैं कभी आप पर काबू करने की कोशिस नहीं करुँगी , आपको आपका शैतान और उसकी शैतानी जैसे चलानी हो चलाओ , बस मेरे साथ रहो “
उसके आँखों में आंसू थे, होठो में मुस्कान और नजरो में अथाह प्रेम , मैंने उसे अपने सीने से लगा लिया , कोकू भी हमारे पास आ गई थी उसने भी हम दोनों को अपने बांहों में भर लिया …
“शुक्रिया मेरी बहन “
उसने प्यार से अन्नू के गालो को सहलाया ……………

***********************************
इधर …बलवंत की हवेली में
गुंजन के बाल बिखरे हुए थे, आँखों का काजल फैला हुआ था , आँखे जी शुन्य में कही खो गई हो , वो एक कुर्सी में सर गडाए बैठी थी …
सामने बैठे बलवंत और अब्दुल उसकी कहानी सुन रहे थे …
“आखिर वो थी कौन ???”
बलवंत ने पूरी बात सुनकर कहा
“मुझे नही पता लेकिन ऐसी ताकत मैंने आज तक नहीं देखी है , अगर कुवर ना होता तो वो मुझे अपने उंगली के एक इशारे से मार देती “
गुंजन बोल तो रही थी लेकिन वो अभी भी खोई हुई थी
उसकी बात सुनकर बलवंत और अब्दुल के माथे पर बल पड़ गए , बड़ी मुश्किल से तो उन्होंने गुंजन को अपने झांसे में लाया था और फिर गुंजन ने अंकित को अपने झांसे में लाया ,उनके आँख का कांटा आज मिट ही जाता लेकिन अब ये नै मुसीबत सामने आ गई थी …
“क्या हो सकता है ??“
बलवंत ने अब्दुल की ओर देखा
“क्या पता ?? शायद डॉ चुतिया बता पाए “ अब्दुल ने कहा लेकिन उसकी बात सुनकर बलवंत गुस्से में भर गया
“पागल हो क्या जो उस चुतिया के पास जाओगे , अगर उसे ये सब बताया ना तो हम ही मरेंगे , वो अम्मा और कुवर का शुभचिंतक है उससे ये बात नहीं पूछ सकते , और ये साली अन्नू कहा चली गई आखिर ??”
वो झल्लाया
“अन्नू ?? आखिर आपको अन्नू क्यों चाहिए ??”
गुंजन अन्नू का नाम सुनकर बोल उठी
अब्दुल ने उसे चुदैल चुड़ैल के बारे में बताया , उसकी बात सुनकर गुंजन जोरो से हंसने लगी थी …
“अब इसे क्या हुआ “ बलवंत जो की पहले से परेशान था गुंजन की इस हरकत से और भी चिढ ग्या
“अब मैं बनूँगी चुदैल चुड़ैल “ उसने सर उठा कर कहा
बलवंत और अब्दुल को लगा की ये पागल हो गई है …
“अरे मंद बुद्धि जो कुवर से प्यार करता हो वही ये काम कर सकती है और तुम तो उसे मारना चाहती थी “
गुंजन फिर से हँस पड़ी लेकिन उसकी हँसी में एक दर्द भी था …
‘मैं उसे इतना प्यार करती हु की मैंने उसका गला काटने से पहले भी नही सोचा , जो प्यार खून तक बहा दे उससे ज्यादा प्यार और क्या होगा ?”
उसकी बात और हरकत देखकर दोनों चौक गए थे ..
“मतलब ??”
अब्दुल ने हडबडी में कहा
“कुवर से मैं हमेशा से प्यार करती हु ,लेकिन वो कमीना कभी मुझे सर उठा कर देखता भी नहीं था और उसका ये भोलापन मेरा प्यार उसके लिए और भी बढ़ा देता , कई बार मैंने उसे अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिसे की लेकिन वो रहा बुद्धू का बुद्धू , फिर से शैतानी ताकते मिली , मैंने सोचा की अब मेरा प्यार सफल हो जायेगा लेकिन … उस कमीने ने खुद की जगह मेरे बेटे के जैसे देवर से मेरा सम्भोग करवा दिया , उसने मेरे प्यार का अपमान किया था , उसके बाद भी मैं सब सह गई , मैं कभी नहीं चाहती थी की वो शैतान बने , मैं टी अंकित को शैतान बनाना चाहती थी फिर भी ये सोच कर खुश थी की कम से कम कुवर अब मुझे प्यार नहीं तो सम्बोग का सुख तो देगा , मैं उसे ही प्यार समझ कर खुश रह लुंगी , लेकिन नहीं उसने मुझे धोखा दे दिया , फिर भी जब उसके जान पर बन आई तो अपने जिस्म उसे सोपने वाली स्त्रियों में मैं भी थी , मैंने उससे सम्भोग का सुख लिया और उसे मिली शैतानी शक्तिया , मैं उस सम्भोग के सुख को नहीं भूल पाई , अंकित से दिन रात सम्भोग करवाने के बाद भी मुझे कुवर का प्यार चाहिए था , प्यार नहीं तो कम से कम वो मुझसे सम्भोग तो करता , लेकिन नहीं वो दूसरी ओरतो में मस्त रहा मुझे देखा तक नहीं , तब मैंने फैसला कर लिया की मैं उसके अंदर के शैतान को मार दूंगी और मुझे फिर से मेरा भोला कुवर मिल जायेगा , और उसकी जगह शैतानी शक्तिया अंकित को मिलेगी , सम्भोग में अंकित मुझे शांत करता और प्रेम में कुवर लेकिन कुदरत को ये भी मंजूर नही था , लेकिन मैं हार नहीं मान सकती अभी मेरे पास एक मौका और है “
उसकी बात सुनकर बलवंत और अब्दुल एक दुसरे को देखने लगे , उन्होंने गुंजन से यही कहा था की कुवर की बलि देने से उसका शरीर नहीं बल्कि उसके अंदर का शैतान मरेगा , गुंजन भी उनके बातो में आ गई थी , लेकिन गुंजन के दिल में क्या था ये अभी तक किसी को पता नहीं था …
कमरे में शांति थी , बलवंत उठ खड़ा हुआ …
“अगर ये सच है और तुम कुवर से प्रेम करती हो तो बधाई हो वो तुम्हारा होने वाला है , अब्दुल किसी अच्छे से तांत्रिक से मिलो और गुंजन को चुदैल चुड़ैल बनाने का इंतजाम करो “

लेकिन उसी समय उनके कमरे के बाहर खड़ी रामिका ये सब सुन रही थी , उसे इतना तो पता था की उसके पिता कुवर के जान के दुश्मन है लेकिन उसका होने वाला पति अब्दुल भी …
उसके आँखों में आंसू थे और दिल में एक निश्चय
“तू क्या कुवर को प्यार करेगी कमिनी , ये बलिदान मैं दूंगी मैं बनूँगी चुदैल चुड़ैल “
उसने अपने मन में एक संकल्प कर लिया था …………..
Sabko chudel chudail banna hai sab ki sab chudna chahti hai kuwar se sabko kuwar ka lund chahiye shaktiyan chahiye phir ye dhong kyu karti hai kuwar ko aisa nahi karna chahiye tha kuwar ne galt kiya 2 pehele thi 2 aur jud gayi chudne ke liye bahut chudai hogi ab story me sath me thriller bhi hope for best
 

Mickay-M

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डॉ साहेब

लगता है की आप को ही वापस आना हो गए तभी कुंवर संभलेगा

नहीं तो यह सब चुड़ैल मिल कर खा जाएगी कुंवर को
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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Koku ki wajah se sab thik ho gaya ye dekhkar bahot khushi hui or ab dono ne ek dusre ko apna liya hai matlab nishant ke dono haatho Me laddu hai :D or ek laddu or taiyar hone ja raha hai jo sidha muh me jaayega waah.. :lol1:
 

DARK WOLFKING

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gajab ka update. to annu ko koku ne kidnap kiya tha kuwar ki bhalai ke liye .
annu ko prem ka asli matlab samjha diya koku ne 😍 aur ab annu bhi sab samajhkar koku ko badi behan maanne lagi hai .


gunjan to balwant aur abdul ke jhaanse me aakar ye sab kar rahi thi aur usko bhi pata nahi ki balwant ka plan kya tha .
par ek baat hai ki gunjan ne ankit ke saath dhokha kiya hai jab ye saari baate ankit ko pata chalegi to uspe kya bitegi .

ramika ne saari baate sun li aur usko dukh hai ki abdul bhi mila hua hai kuwar ko maarne ki chaal me .
ab ramika ka faisla kitna sahi hai ya galat dekhte hai aur kya wo chudhail chudail ban payegi 🤔🤔.
 

deeppreeti

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क्या बात ! क्या बात! क्या बात !
बहुत खूब डॉ साहिब . अद्भुत
अब आगे पढ़िए चुदैल चुड़ैल बनने का कम्पटीशन
चार उमीदवार सामने हैं
अन्नू , गुंजन , कोकु और रामिका
 
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