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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

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DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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हो जाइए तैयार
आगामी अपडेट्स के लिए

राज - अनुज और रागिनी
Hard-core threesome
बहुत जल्द

Gsxfg-IAX0-AAa-Jnh
(सिर्फ पनौती न लगे बस 😁)
 
Last edited:

TharkiPo

I'M BACK
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UPDATE 118

CHODAMPUR SPECIAL UPDATE

अब तक की कहानी मे आप सभी ने पढा कि कैसे रज्जो ने अपने जाल मे कमलनाथ और राजन दोनो को फास लिया और अपने ही पति से किसी और से चुदने की परमिट भी लेली । वही पल्लवि ने भी रात के शो पर अनुज के गुप्तांगों से जमकर खेला और वो इसी तालाश मे आगे बढ़ चूकी थी ।

अब आगे

फिल्म खतम होते ही जैसे ही अनुज निचे आता है , पल्लवि भी उसके पीछे पीछे चल देती है और सीधा अनुज को लेके उसके कमरे मे घुस जाती है ।

अनुज पल्लवि की इस हरकत से सकपका जाता है - ये ये क्या कर रही हो तुम पल्लवि

पल्लवि मुस्कुरा कर - वही जो उपर बाकी रह गया था हिहिही

अनुज उपर कमरे मे उस ऊततेजक अहसास को वापस से याद कर रोमंचीत हो उठा और अटकते हुए - न न नही नही ये गलत है ,,हमे ये सब नही करना चाहिए

पल्लवि अब तक अनुज के सामने आ गई और उसका चेहरा अनुज के सामने था ,,,उसे फड़कते होठ अनुज के गर्म मुलायम होठो से जुड़ने को बेकरार हुए जा रहे थे

पल्लवि को ऐसे अचान्क अपने करीब पाकर अनुज के दिल की धडकनें तेज होने लगी ,,,उसे पल्लवि के जिस्म की खुश्बू ने खीचना शुरु कर दिया ,,,वो अपनी बातो को पुरा करने मे अटकने लगा और उसकी आंखे खुद बा खुद बंद होने और जैसे ही पल्लवि ने होठो ने अनुज के होठो को छुआ ।

अनुज पूरी तरह से काप उठा उसकी दिल की धड़कन बहुत तेज हो गयी और वो एक चित स्थिर हो गया था ।वही पल्लवि ने उसके होठो को अपनी पूरी हवस से चुसे जा रही थी ।

पल्लवि की प्यास बहुत बढ चुकी थी वो अपना जिस्म अनुज के बदन पर रगड़ने लगी और अपने हाथ को लोवर के उपर से ही अनुज के सर उठाते लण्ड पर रख कर उसे भी छेड़ने लगी ।

अनुज की हालात और भी खराब होने लगी ,,,हालांकि वो किस्स करने मे पल्लवि का साथ दे रहा था मगर अब भी उसे पल्लवि का ऐसे उसका छुना उसे एक ओर झिझक कर रहा था वही दुसरी ओर उसकी मुलायम छातियो का स्पर्श उसे पागल किये जा रहा था ।

इधर पल्लवि की तलब बढ चुकी थी वो खुद अनुज के हाथ अपनी जिस्मो पर रख कर उन्हे रगड़ने लगी । कभी अपनी कमर तो कभी मोटी कसी गाड तो कभी मुलायम चुचिया ।

अनुज ने भी अब अपना हाथ लगाना शुरु कर दिया क्योकि उसे भी पल्लवि के मुलायम जिस्म का स्पर्श बहुत ही उत्तेजक किये जा रहा था और उसके लिंग मे तनाव बढता ही जा रहा था ।

इधर पल्लवि बेहद जोश मे बक बकाये जा रही थी -उह्ह्ह अनुज उम्म्ं हा ऐसे ही और कस के पकड़ो ना मेरे दूध को उम्म्ं माआह्ह्ह अह्ह्ह सीईई अह्ह्ह्ह


अनुज बस चुपचाप बिना कोई प्रतिक्रिया के बस हाथो मे पीछे से टीशर्ट के उपर से पल्ल्वि की दोनो चुचिय मिजे जा रहा था और वही पल्लवि अपना एक हाथ पीछे किये अनुज का लण्ड लोवर के उपर से घिस रही थी ।

पल्लवि की तडप बढती ही जा रही थी जिससे अनुज भी जोश के साथ साथ चकित भी था कि क्या सच मे सेक्स मे लड़किया ऐसे ही व्यवहार करती है ।
पल्लवि के अनुज को कमरे के स्टूल पर ले गयी जो दिवाल से लगा था और उसे बिठा कर खुद उसके सामने से गोद मे बैठ गयी ।

और पहले अपना टीशर्ट और फिर दोनो साइड से ब्रा की स्ट्रिप सरका कर अपनी 34 साइज़ की चुचिय खोल दी ।।

अनुज का लण्ड इस न्जारे को देखकर ठुमका और वो आंखे फाडे बस पल्लवि की खुबसूरत गोल बडी चुचिया निहारे जा रहा था ।

पल्लवि ने बडी मदहोशि मे मुस्कुराते हुए अनुज के बालो मे हाथ फेरा और खुद को आगे कर अपनी चुचिया अनुज के मुह के पास ले गयी ।

अनुज को थोडा बहुत जो कुछ भी सेक्स के बारे मे मालूम था वो सब पल्लवि के साथ किये जा रहा था और उसने पल्लवि के चुचियो पर चूममी करना शुरु कर दिया ।
पल्लवि अनुज के गरम होठो का स्पर्श पाकर पागल होने लगी और अनुज का सर अपनी चुचियो मे दबाने लगी । ऐसे मे अनुज को मह्सूस हुआ कि उसे शायद पल्लवि के निप्प्ल को और और तेज चूसना चाहिये ।

फिर क्या अनुज ने पल्लवि के निप्प्ल को सुरकना शुरु कर दिया जिस्से पल्लवि का नशा दुगना हो गया ।
वो अपनी भड़ास अनुज के बाल को नोच कर और उसके सर को अपने चुचियो पर रगड़ कर निकालने लगी ।

और फिर उसने अनुज के सर को अपनी छाती से हटा के उसके होठो को चूसा और फौरन अनुज के पैरो मे बैठ कर उसका लोवर खोलने लगी ।

अनुज समझ रहा था कि पल्लवि आगे क्या करने वाली थी। वो अब उस नये अह्सास के लिए रोमांचित हुआ जा रहा था ।

एक तरफ जहा निचे ये सब चल रहा था वही उपर के कमरे मे सारे लोग वापस से अगली फिल्म देखने मे लग गये।

अभी रात के 10:30 बज रहे थे मगर चारो के उपर सेक्स की खुमारि चढ़ रही थी ।
फिल्म धीरे धीरे आगे बढ रही थी और सब्के हाथ धीरे धीरे वापस अपनी अपनी तय जगहो पर जा चुके थे ।

लेकिन अब किसी का भी मन फिल्मों मे था ही ,,,चारो की उत्तेजना बढ रही थी मगर चाह कर भी वो लोग अपनी दिल की नही कर पा रहे थे ।
इधर रज्जो की चुत कबसे पनियाइ जा रही थी और वही ममता भी कम गरम नही थी ।
दोनो के हाथ लंडो पर घिसे जा रहे थे ।

लेकिन काफी समय तक जब ममता को अपने भैया के साथ कोई बात बनती नहीं दिखी तो उसने अपने पति राजन से ही समागम करने की ठान ली ।

ममता अंगड़ाई लेते हुए - अह्ह्ह भैया मुझे तो नीद आ रही है ,,,मै सोने जा रही हू आप भी आ रहे है क्या

ममता राजन से पुछती है

राजन जो कि रज्जो से ही मजे लेना चाहता था और उसने मना करते हुए कहा- नही ममता तुम चलो ,,,मै अभी ये फिल्म देखकर आता ,काफी समय बाद कोई अच्छी फिल्म देख
रहा हू

राजन की प्रतिक्रिया पर ममता का मन उदास हो गया कि एक तो राजन अभी आयेगा नही और अब वो अपने भैया के लण्ड से भी नही खेल सकती ।

खैर वो अब क्या ही कर सकती थी चुप चाप उठी और निकल गयी अपने कमरे मे ।
इधर ममता के जाते ही रज्जो भी बिस्तर से उठने लगी ।

कमलनाथ चौक कर - अरे जान तुम कहा जा रही हो

रज्जो खुद को समान्य रखते हुए - वो मै जरा फ्रेश होकर आती हू
ये बोलकर रज्जो उठी और आल्मारि से एक दूपट्टा लेके बाथरूम मे चली गयी ।

इधर रज्जो के जाते ही राजन बोल पडा - भाईसाहब ये सब ठिक नही है,,,भाभी जी अनजाने मे क्या बोल गयी , हमे रोकना चाहिए उनको

कमलनाथ भी उदास होने के भाव मे - मै क्या बताऊ राजन ,,,तुम देख ही रहे हो वो हमारी बाते सुन ही कहा रही है ।

राजन - तो अब
कमलनाथ - पता नही यार ,,,

इतने मे बाथरूम से रज्जो की आवाज आती है ।
रज्जो - रमन के पापा जरा इधर आयेंगे क्या

कमलनाथ और राजन चौक कर बाथरूम की ओर देखते है जहा रज्जो बाथरूम से बाहर की ओर झाक रही होती है ।

कमलनाथ फौरन उठ कर बाथरूम मे घुस जाता है ,,,जहा रज्जो सिर्फ ब्रा और पेतिकोट मे थी ।

कमलनाथ - क्या हुआ
रज्जो इतरा कर मुस्कुराते हुए - जरा ये हुक खोल देंगे

कमलनाथ मुस्कुरा रज्जो के ब्रा का हुक खोलते हुए - तो मेरी जान से सारी प्लानिंग कर ही ली

रज्जो - हा लेकिन अभी इतना आसान भी नही है ,,,नंदोई जी बहुत झिझक मह्सूस कर रहे है

कमलनाथ - तो मतलब तुम ये उसकी झिझक कम करने का रास्ता निकाल रही हो हा

ये बोल कर कमलनाथ पीछे से रज्जो के झुलते चूचो को पकड लेता है ।

रज्जो कसमसा कर खिलखिलाते हुए आगे बढ़ जाती है ।
रज्जो - हो गया आपका काम अब जाईये मै आ रही हू ।

फिर कमलनाथ कमरे मे आकर एक किनारे बैठ जाता है और राजन को एक नजर देख कर मुस्कुराता है ।

थोडी देर बाद रज्जो बाथरूम से बाहर आती है और दोनो की नजरे रज्जो के उपर जाती है जो इस समय एक सूती ब्लाउज और पेतिकोट मे थी और उपर से उसने सीने पर सिफान का हल्का दुपट्टा ले रखा था जिसमे से उसकी ज्वानी के उभार साफ दिख रहे थे ।

रज्जो कमरे मे आते ही तुनकते हुए- मै ममता के पास सोने जा रही हू जी आप लोग भी फिल्म देख कर सो जायियेगा ।

रज्जो की बात पर राजन बोला - अरे नही नही भाभी जी आप आराम करिये ,,,मै चला जा रहा हू अपने कमरे मे

कमलनाथ - अरे भाई इतनी जगह है फिर भी तुम लोग परेशान हो ,,, और जान तुम यहा बिच मे सो जाओ ना

कमलनाथ- बेचारा राजन कहा बार बार फिल्म देखने आ रहा है ह्मारे साथ

रज्जो इतरा कर - नही नही मै आपकी चालाकी खुब समझ रही हू बिच मे लाने की ,,,मगर मैने जो कह दिया है बस उस्से अधिक उम्मिद ना कीजिएगा आप

रज्जो की बात पर राजन और कमलनाथ आपस मे देखते है और मुस्कुरा पडते है ।

कमलनाथ हस कर रज्जो को अपने पास लाता हुआ - तू भी ना रज्जो ,,,आ चल बैठ

फिर रज्जो बेड पर चढ़ कर उन दोनो के बिच मे आ जाती है ।
थोडी देर फिर चुप्पी रहती है और तीनो फिल्म देखने के बहाने कनअखियो से एक दुसरे पर नजर बनाये हुए थे ।

इधर कमलनाथ धीरे धीरे रज्जो के कमर मे हाथ डाल देता है और अभी सहलाना शुरु करता ही है कि

रज्जो - सुनिये आप जरा वो दरवाज बंद करके आईये

रज्जो की बात सुन कर कमलनाथ और राजन चौके क्योकि खुद कमलनाथ को भी नही उम्मीद थी कि रज्जो इतनी जल्दी ही शुरु करने वालीथी ।

कमलनाथ आवाक होकर उठा और दरवाजा बंद करने चला गया ।

इधर उपर एक नया रंगमच सेट हो रहा था तो वही निचे अनुज के कमरे मे सिस्कियो धुन सुगबूगाहत लेने लगी थी
क्योकि पल्लवि के मुह मे अनुज का लण्ड था जिसे वो बहुत ही हौले हौले से गिला कर रही थी ।

अनुज - उम्म्ंम्ं सीई उह्ह्ह्ह उम्म्ं पल्ल हहहह एईईई इह्ह्ह्ह ओह्ह्ह उम्म्ंम्ं उफ्फ्फ

पल्लवि ने अनुज का लोवर अंडरवियर के साथ उसके घुटने के निचे कर रखा था और उसके जांघो को खोल कर उसका करीब 6 इन्च का लण्ड मुह मे भर रही थी ।

हालकि अब तक लिये लण्ड मे पल्लवि के लिए ये शायद सबसे छोटा लण्ड था मगर फिर भी उसकी उफनति जवानी की आग बुझाने के लिए काफी था ।

वही अनुज इस नये अह्सास से पागल हुआ जा रहा था
वही पल्लवि अनुज का लन्ड़ चुसते हुए एक हथेली की अपनी चुत पर सहलाए जा रही थी क्योकि उसे अब लण्ड की चाह थी अपनी चुत मे

फिर वो उथी और एक ही झटके मे अपना लोवर और ब्लूमर दोनो निकाल दी

पल्लवि अब पूरी नंगी थी ,,उसके चुत के आस पास के बाल चमक रहे थे
अनुज पल्लवि के इस हरकत से और भी उत्तेजित होने लगा और खुद अपना हाथ अपने लण्ड पर चलाते हुए उसकी चुत के आस पास का गोरा चिकना जगह देखने लगा ।

पल्ल्वी थोडा मुस्कुराई और अनुज को पकड कर बेड तक ले आई और बोली - कैसे करोगे

अनुज बिना कुछ बोले बस आन्खे फैला देता है ।
तो पल्लवि मुस्करा कर बेड पर लेट जाती है और उपर आने का इशारा करती है ।

अनुज अपना लण्ड हाथो मे थामे उसे सहलाता हुआ बेड पर चढ़ कर पल्लवि के जांघो के बिच आता है तो पल्लवि अपनी जान्घे खोल देती है जिससे उसकी चुत का गुलाबी सुराख अनुज को दिखने लगता है ।
पल्लवि आंखो से ही इशारा करके अनुज को आगे बढ़ने को कहती है तो अनुज अपनी सूझ और जितना भी ज्ञान था इस बारे मे उसे याद कर अपने मुह से थोडा लार लेके अपने सुपाडे के मुह पर लगाता है और थोडा सा लार पल्लवि चुत के छेद पर

अपनी चुत पर अनुज के हाथो का स्पर्श पाकर पल्लवि सिहर जाती है और कसमसा कर - उह्ह्ह अनुज डाल दो ना अब उम्म्ंम

अनुज एक नजर पल्लवि के तड़प भरे चेहरे को देखता है और फिर उसकी सास लेती चुचियो को देखता है और अपना लण्ड बडे सावधानी से उसकी चुत पर सेट करके हल्का सा ध्क्क्का देता है ।

शुरुवात मे अनुज के लण्ड की चमडी खीचने पे उसे थोडा दर्द होता है मगर अगले ही पल पल्लवि की खुली चुत मे धीरे धीरे उसका लण्ड उतरने लगता है ।

वही अपनी बुर मे लण्ड आता देख पल्लवि के चेहरे के भाव बदलने लगते है और वो चहक कर - उह्ह्ह अनुज पुरा डालो ना उम्म्ंम

ये बोल कर पल्लवि खुद अपनी कमर उचका कर अनुज का लण्ड लेने लगती है ।

वही अनुज भी पल्लवि के चुत की गरमी से मदहोश हुआ जा रहा था और वो अपने हिसाब से जैसा कि उसने अपने मुह्ल्ले और दोस्तो से सिखा था वैसे ही पहले हल्के हल्के और फिर थोडे तेज धक्के लगाने लगता है ।
पल्लवि को वो सारे आनन्द मिलने लगे जिसके लिये वो पिछले काफी दिनों से तरस रही थी ,,वो तो अनुज के शुरुआती धक्को मे ही एक बार झड़ गयी थी और अब मजे ले ले कर अनुज का लण्ड निचोड रही थी ,,,नतिजन अनुज ज्यादा समय तक खुद को रोक नही पाया

अनुज - अह्ह्ह पल्ल्बी ,,दर्द हो रहा है अह्ह्ह
पल्लवि समझ गयी कि अनुज का होने वाला है ।

पल्लवि जल्दीबाजी दिखाते हुए - निकालो अनुज उसे बाहर जल्दी

इधर अनुज ने पल्लवि के चुत के अपना लंड निकाला और वही पल्लवि उठा कर अनुज के पास आ गयी और वो भी घुटनो के बल होकर हाथो मे उस्का लण्ड लेके हिलाने लगी और अगले कुछ ही पलो ने अनुज तेज्ज अह्ह्हो के साथ पल्लवि के पेट और हथेली पर एक गाढी पिचकारी मारी और निढ़ाल होने लगा ।

आखिरी कुछ झतको तक अनुज थक कर पल्लवि के कंधो पर आ गया और फिर सरक बिस्तर पर लेट गया

वही पल्लवि अनुज की हालात देख कर खिलखिलाई और हाथ मे लगी गाढी मलाई को चाट कर वापस से झुक कर अनुज के लण्ड को निचोड कर छोड दिया और फिर उसके माथे पर एक चम्बन करते हुए उसे एक चादर से ढक कर अपने कपडे पहन कर चहकते हुए उसका दरवाजा बंद कर दिया और सोनल के कमरे का दरवाजा खोल कर सोने चली गयी ।

और अनुज वही थक कर सो गया ।

इधर निचे एक कमरे का दरवाजा खुल रहा था तो वही उपर कमलनाथ अपने कमरे का दरवाजा बंद करके वापस अपनी जगह पर आगया था ।

कमलनाथ - हा कर दिया अब कहो
ये बोल कर कमलनाथ रज्जो की जांघो को उसके पेतिकोट के उपर से सहलात है

रज्जो आंखे उठा कर कमलनाथ को देखती है - ये क्या कर रहे है आप ,,,मैने कहा ना मै सिर्फ़ एक ही लोग से

ये बोल के रज्जो कमलनाथ को उसका रेगता हाथ दिखाती है ।


राजन चुप चाप दोनो के बिच के संवादो को सुन कर एक अलग ही रोमांच मह्सूस कर रहा था ,,उसके दिल की धडकनें तेज थी अब भी ।

कमलनाथ बेशर्मो की तरह हस कर रज्जो के कन्धे पर हाथ रख कर उसे अपनी ओर खिचता है।

तो रज्जो कसमसा कर उससे छुटना चाहती है ,,जिसपर कमलनाथ और जोर लगाता है तो बदले मे रज्जो भी जोर लगा कर जैसे ही कमलनाथ का हाथ हटाती है वैसे ही उसका बैलेंस बिगड़ जाता है और वो राजन के उपर गिरने लगती है ।

वही राजन फौरन रज्जो को सम्भालता है - अरे अरे अरे भाभी सम्भाल के हिहिहिही

मगर तब्तक रज्जो उसकी गोद मे आ चुकी थी और उसका दुपट्टा उसके सीने से हट गया था और राजन की नजर रज्जो के सटी ब्लाउज से झांकते निप्प्लो पर जम जाती है।

थोडे समय के लिए सब कुछ थम सा जाता है कोई भी कोई प्रतिक्रिया नही देता है ,, और ना जाने राजन को क्या सुझता है वो धीरे से एक हाथ रज्जो के चुचियो पर रख देता है ।

जिसका स्पर्श पाकर रज्जो सिहर उठती है और वही कमलनाथ की आंखे चमक उठती है । वो अपना जान्घिये मे कसा लण्ड भीच लेता है ।

वही राजन को कुछ ख्याल आता है तो वो एक नजर कमलनाथ को देखता है तो वो मुस्कुरा कर आंखो से आगे बढ़ने की इजाजत देता है जिसके बाद राजन मुस्कुरा कर अपना हाथ रज्जो के बलाउज पर कसने लगता है और उसकी मोती चुचियो को अपने हाथो मे भरने लगता है ।

रज्जो बस आन्खे बंद किये सिस्कती है - सीई उम्म्ंमममं अह्ह्ह्ह
इधर कमलनाथ भी अपना हाथ आगे कर रज्जो के जांघो पर घुमाने लगता है और नजरे उठा कर एक बार रज्जो के चेहरे के भाव पढता है फिर मुस्करा कर राजन को देखता है ।जो अपना हाथ धीरे धीरे रज्जो के ब्लाउज मे के जाने की कोशिस मे था ।

मगर ब्लाउज कसा होने से वो सफल ना हुआ और उसने धीरे से उपर के एक हुक को खोला तो रज्जो की सासे भारी होने लगी ।

रज्जो अपने दोनो हाथो से राजन का हाथ रोक लेती है और बंद आँखों से ही तेज सासे लेते हुए - न्हीई जीजा जीईई उम्म्ंम्ं

इसपर कमलनाथ लपक कर रज्जो का एक हाथ पकड कर उठाता है जिसे रज्जो बिना किसी विरोध के हटा लेती है और दुसरा हाथ खुद राजन हटाता है और मुस्कुराते हुए कमलनाथ को देखता है ।

फिर वापस से रज्जो के ब्लाऊज के हुक खोलने लगता है और एक एक करके सारे हुक खोलते ही रज्जो की चुची दोनो तरफ फैल जाती है ।
राजन थुक गटक कर रज्जो की सास लेती चुचियो को देखता है और उसका लण्ड अकडने लगता है ।
फिर वो धीरे से अपना हाथ से एक चुची को पकड कर हल्का सा सहलात है

रज्जो - उम्म्ंम्ं जिजाआअजीईई अह्ह्ह

इधर राजन अपनी हथेली को रज्जो के मुलायम चुचो पर घुमा रहा था वही कमलनाथ भी अपना लण्ड भीचते हुए रज्जो की मासल जांघो को पेतिकोट के अन्दर हाथ डाल कर दबोच रहा था।

फिर कमलनाथ ने रज्जो के हाथ को थाम कर खीचा और उसे अपनी ओर चेहरा करके बिठा दिया और वही राजन मुस्कुरा कर पीछे से रज्जो का ब्लाउज उतारने लगा ,,,जिसका रज्जो थोडा भी विरोध नही की बस शब्दो मे ही ना नुकुर की और देखते ही देखते रज्जो उपर से पूरी नंगी हो चुकी थी ।

उसकी तेज सासो से उसकी चुचिया उपर निचे हो रही थी और तभी राजन के उसके नंगे गुदाज कंधो को थाम कर उसे बिस्तर का टेक करके सीधा कर दिया ।
फिर कमलनाथ और राजन दोनो रज्जो के करीब आकर आपस मे देखते है और उसकी एक एक चुची को थाम कर हल्का सा उसकी खडे निप्प्ल पर अपनी हथेलियों को घुमाते है जिससे रज्जो काप उठती है ।

रज्जो - उम्म्ंम्म्ं सीईई अह्ह्ह्ह रमन के पापाआआह्ह्ह उम्म्ंम्ं

फिर दोनो ने अपने हथेलियों की पकड को रज्जो की चुचियो पर मजबूत करते हुए सहलाना शुरु किया ।

रज्जो नशे मे डूबी जा रही थी और बस आह्हो मे असहमति दिखा रही थी ।
थोडे देर तक रज्जो के चुची के साथ खेलने के बाद कमलनाथ ने रज्जो का हाथ उठा कर अपनी जांघिये के उपर खडे हुए लण्ड पर रखा उसे दबाया जिससे उसके लिंग मे खुन का संचार और तेज हो गया और रज्जो के हाथो का स्पर्श कमलनाथ को और भी रोमांचित कर दिया ,,,नतिजन वो रज्जो की चुची को जोर से मसलते हुए उसके गरदन को चूमने लगा ।

वही राजन अब भी उसी मुद्रा मे दोनो मिया बीवी की बढती प्यास को देख कर उत्तेजित मह्सूस कर रहा था और रज्जो के चुचियो पर वो भी अपने पन्जे को कसने लगा ।

इधर रज्जो ने जब देखा कि राजन आगे नही बढ रहा है और हिचक मह्सूस कर रहा है तो वो खुद अप्ना हाथ उसके पाजामे के उपर रख कर उसका लण्ड मसलने लगती है ।

राजन को जैसे ही अपने लण्ड पर रज्जो के हाथो का स्पर्श मह्सूस होता है वो उत्तेजना स्वरुप उसके हाथ को पकड कर अपने लण्ड कर रगड़ने लगता है तो मौका देखकर रज्जो सिस्कती है ।

रज्जो - अह्ह्ह जिजाआजीई न्हीईई उम्म्ंम्ं उह्ह्ह

रज्जो की प्रतिकिया पर कमलनाथ फौरन आंखे खोलकर राजन की ओर देखता है तो उसे लगता है कि राजन ने भी उसकी तरह ही रज्जो का अपने लण्ड पर ले गया और वो उससे और भी ज्यादा उत्तेजित होता है

फिर झुक कर रज्जो के निप्प्ल पर मुह लगा देता है ।
रज्जो चिहुक कर अपने कन्धे झटकने लगती है और वही कमलनाथ कनअखियो से राजन को देखता है और इशारे से पास बुलाता है ।

राजन मानो इसी की ताख मे था और वो भी फौरन झुक कर रज्जो की दुसरी चुची मे मुह लगा देता है ।
रज्जो अपनी दोनो चुचियो पर एक साथ हमले से पागल होने लगती है ,,उसे ऐसी उत्तेजना आजतक नही मह्सूस हुई थी ।

वो अपने दोनो हाथो उन दोनो से सर पर ले जाकर उन्हे अपनी छाती पर दबाने लगती है और प्रतिक्रिया स्वरुप दोनो उसकी चुचियो को और तीव्रता से चूसने लगते है ।

रज्जो - उम्म्ंम सीई उह्ह्ह्ह अराम्म्ंं से रमन केपापा हहह उह्ह्ह्ह धीरे करो न जिजाआजीईई अह्ह्ह उफ्फ्फ्फ उम्म्ंम्ं
रज्जो की पाजिटिव प्रतिक्रिया पाकर दोनो की उत्तेजना और बढ गयी और उनके हाथ रज्जो की जांघो पर रेंगने लगे।

धीरे धीरे रज्जो की निप्प्ल की चुसाई जारी रखे हुए उसकी पेतिकोट जांघो तक उठ चुकी थी और दोनो के हाथ दोनो तरफ रज्जो की मोटी मुलायम जांघो को सहला रहे थे और उपर की ओर बढे ही जा रहे थे ।
रज्जो की चुत उस स्पर्श का अनुभव पाते ही और भी पानी छोड़ने लगी ।

तभी कमलनाथ ने अपना हाथ रज्जो की जांघ से हटाते हुए उसकी कमर से उसकी पेतिकोट का नाड़ा खोला दिया और पेतिकोट सिमट कर रज्जो के चुत के आसपास ही रह गयी ,,,फिर भी उसकी चुत ढकी हुई थी ।

इधर कमलनाथ खड़ा हुआ और उस ने अपनी बनियान निकालते हुए रज्जो के सामने आ गया ।
बेड पर हलचल होने से रज्जो ने अपनी आंखे खोली तो सामने जांघिये मे कमलनाथ का तना हुआ लण्ड दिखा ।

उसने सिस्कते हुए बडी कामुकता से एक हाथ को अपने पति के जांघो से सहलाते हुए उसके लण्ड को जान्घिये के उपर से पकड ली ।

फिर कमल्नाथ ने अपना जांघिया ढिला किया और अगले ही पल वो उसके पैरो मे था और उसका मोटा काला लण्ड फुकार मारता रज्जो के सामने

रज्जो मधोश होकर आंखे बन्द किये एक बार अपने पति का लण्ड सुँघा और फिर उसके आड़ो को छुते हुए मुह खोलकर आधा लण्ड मुह मे भर लिया

इधर राजन की नजर बराबर दोनो मिया बीवी की हरकतो पर बनी थी तो उस्ने भी आगे बढते हुए अप्ने हाथ को आगे रज्जो की गीली चुत तक ले और अपनी उन्गिलीयो से उसकी चुत के दाने को कुरेदने लगा ।

जिससे रज्जो की सासे अटक गयी और कमलनाथ उसके मुह ने रुक गया ,,,,और जब राजन का उसकी बुर पर हल्का हल्का स्पर्श उसे नशे मे ले जाने लगा तो वो वापस अपने पति का लण्ड मुह मे लेने लगी ।
इधर राजन मौके का फाय्दा लेके भर भर रज्जो की चुचिया चुस्ते हुए अपनी ऊँगली को उसकी चुत के गरम गहराईयो मे ले जाने लगा ,,, जिसपर रज्जो अपनी चुत के छल्ले को कस कर अपनी प्रतिक्रिया भी दिये जा रही थी ।

इधर कमलनाथ को जब लगा कि उसका लण्ड अब चुदाई लायाक प्रयाप्त गिला हो चुका है तो उसने अप्ना लण्ड बाहर निकाल कर बेड से उतरा और रज्जो की टांग खिच कर उसकी जांघो को खोलते हुए एक झटके में अपना लण्ड उसकी चुत मे हचाक से उतार देता है ।

राजन मुस्कुराते हुए वही बैठा हुआ कमलनाथ की हवस और उसकी बेताबी देख रहा था ।
इधर कमलनाथ ने बहुत ही जोश मे ताबड़तोड़ धक्के रज्जो की चुत मे मारे जा रहा था

रज्जो - अह्ह्ह उम्म्ंम उम्म ओह्ह्ह आह्ह रमन के पापा ओह्ह्ह मजा आ रहा है ऐसे ही उम्म्ंम और तेज्ज्ज उम्म्ंं

कमलनाथ रज्जो की आंखो मे देखते हुए - क्या मेरी जान,,,क्या और तेज्ज्ज्ज अह्ह्ह्ह बोल ना ।
रज्जो एक नजर आंखे उठा कर राजन को देखती है और शर्मा कर मुस्कुराने लगती है ।

कमलनाथ जोकी अब पूरी तरह से सेक्स के नशे मे डुबा हुआ था वो रज्जो के चुत मे धक्के लगाते हुए हस्कर बोला - अरे राजन लग रहा है तुमको कपड़ो मे देख कर मेरी जान शर्मा रही है ,,,हिहिहिहीर

राजन कमलनाथ की बात पर मुस्कुरा उठा और अपना बनियान निकालते हुए अपने घुटनो के बल खड़ा हुआ और अपना पाजामा जांघिये के साथ ही निकाल दिया ।

कमलनाथ ने राजन को नंगा देखकर रज्जो को चोदते हुए - अह्ह्ह देखो ना मेरी जान,,,अब वो भी हमारी तरह हो गया ,,अब बोलो ना

रज्जो मुस्कुरा कर वापस अपनी चुत मे झटके खाते हुए और सिस्कते हुए नजरे उपर करती है तो इस बार राजन नंगा होकर अपना लण्ड सहलाते हुए बैठा था ।

रज्जो वाप्स से शर्मा कर बिना कोई प्रतिक्रिया के मुस्कुराने लगती है ।
जिससे कमलनाथ अपने धक्के की गति धीमी कर देता है तो रज्जो सिस्क्ते हुए - उम्म्ं क्या हुआ मेरे राजा अह्ह्ह करो नउन्मममं प्लीज अह्ह्ह

ये बोलकर रज्जो अपनी चुत के दाने को सहलाते हुए खुद कमर उच्काने लगती है ।
कमलनाथ मुस्कुरा कर एक जोर का धक्का लगाते हुए अपना लण्ड रज्जो की चुत की गहराइयों मे ले जाता हुआ - क्या करु बोलो ना मेरी जान


रज्जो उस धक्के से बहुत ही चरम बहुत करती है लेकिन वो क्षणिक ही था और वाप्स से उसकी बेताबी बढ जाती है
रज्जो सिस्क कर - उम्म्ंम चोदो ना मुझे अह्ह्ह कसके अह्ह्ह प्लीज उम्म्ंम

कमलनाथ मुस्कुरा कर रज्जो के चुत मे लण्ड की घुमाता है और उससे कबूल्वाता है - कैसे चोदू मेरी जान को

रज्जो इस सवाल का जवाब जान्ती थी लेकिन राजन के सामने बोलने से कतरा रही थी ।
कमलनाथ वापस से अपना लण्ड उसके चुत मे जड तक ले जाता है और वापस से पुछता है - बोलो ना मेरी जान,,क्यू राजन के सामने शर्म आ रही है क्या

रज्जो मुस्कुरा कर हा मे सर हिलाया
तो कमलनाथ हस कर - भाइ राजन कुछ करो ,,ये तो शर्मा रही है ।

राजन इसी मौके की तालाश मे था कि कब उसका बुलावा आये और वो फौरन उठ कर रज्जो के सर बगल मे घुटनो के बल खड़ा हो जाता है और उसका लण्ड आदोसहीत वही झूल रहा होता है ।

राजन अपने हाथ रज्जो की चुची पर ले जाते हुए - क्या हुआ भाभी जी बोल दो ना जो भाईसाहब सुनना चाहते है

रज्जो राजन के हाथो का स्पर्श और उसका आग्रह सुन कर आंखे बंद कर आहे भरने लगी ।

इधर कमलनाथ वापस से एक जोर का धक्का लगाते हुए - बोलो ना मेरी जान कैसे चोदू

रज्जो इस बार सिस्क कर - उम्म्ंम अपनी रन्डी की तरह मेरे राजा अह्ह्ह्ह उम्म्ंम

रज्जो के इस वक्तव्य से राजन भी जोश मे आगय
और कमलनाथ पुरे जोश मे आकर तेजी से थपा थपाक की आवाज के साथ रज्जो को पेलने लगा जिससे रज्जो अब खुल कर प्रतिक्रिया देने लगी ।

रज्जो - अह्ह्ह मेरे राजाआअह्ह्ह ऐसे ही चोदो मुझे उह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं और चोदो मुझे ,,,उम्म्ंम्ं जिजाअह्ह जीईई उम्म्ं सीईई

रज्जो राजन के हाथ को पकड कर अपनी चुचियो पर मलने लगी ।
राजन रज्जो के हरकत से और जोश मे आ गया और रज्जो के करीब आकर घुटनो के बल बैठ गया और अपना लण्ड रज्जो के मुह के करिब कर लिया ।

रज्जो ने जब अपने आस पास लण्ड की खुशबू मह्सूस की तो उसने आंखे खोली तो उसे अपनी नाक के उपर ही राजन का लण्ड तना दिखा और वो मुस्कुरा कर एक नजर राजन को अपना लण्ड सहलाते देखती है और खुद अपना एक हाथ उसके झुलते आड़ो पर रख कर उन्हे सहलाने लगति है ।

इधर कमलनाथ रज्जो के इस हरकत पर बहुत खुश हो जाता है और जोश मे रज्जो की एक टांग को कन्धे पर रख तेजी से लण्ड सटासट उसकी चुत मे पेलने लगता है ।

रज्जो भी अपने पति के लण्ड के झतको से हिली जा रही थी और राजन का लंड कभी उसकी नाक तो कभी उसके होठो पर रगड़ खा रहा था ।
रज्जो ने अब अपने होठ खोल दिये और जीभ निकाल कर वैसे ही धक्के खाते हुए राजन के लण्ड के निचले हिस्सो को छूने लगी ।

राजन रज्जो के अदाओ से पागल सा होने लगा ,,उसे अपनी लण्ड की निचली नसो पर रज्जो की घिस्ती जीभ बहुत उत्तेजित किये जा रही थी ,,,प्रतिक्रिया स्वरुप वो रज्जो ने निप्प्ल को भिच्ने लगा और अपनी कमर को सही करते हुए लण्ड को रज्जो के खुले मुह मे साइड से घुसेड़ दिया ,,,जिसे रज्जो ने तुरंत होठो से जकड़ लिया ।

अब रज्जो राजन का आधा लण्ड मुह मे भरे गुउउउऊगऊऊ करते हुए अपने पति के तेज धक्को को अपनी चुत मे खाये जा रही थी ।

वही राजन ने जोश मे आकर रज्जो के सर को पकड कर अपनी ओर करके मुह मे लण्ड पेलना शुरु कर दिया

और इस पूरी प्रक्रिया के दौरान राजन ने पहली बार अपनी भावना जाहिर की

राजन - अह्ह्ह भाभीईई उम्म्ंम ओह्ह्ह क्या मस्त चुस रही हो आप उम्म्ंम्म्ं

कमलनाथ रज्जो की चुत मे पेलता हुआ - क्यू भाई राजन अदला-बदली करोगे क्या हिहिहिही

कमलनाथ की बात राजन ने कुछ और सोचा मगर अगले ही पल कमलनाथ बोला - अरे जगह की बात कर रहा हू भाई हिहिही

राजन भी हस कर अपना लण्ड रज्जो की मुह से बाहर निकालता हुआ - हा क्यू नही ,,,अगर आपकी इजाजत हो तो

कमलनाथ अपने धक्को की रफतार कम करता हुआ - अरे घर की बात है भई मिल बाट कर खाने मे ही मजा है

ये बोल कर कमलनाथ पीछे हट गया और वही बगल मे बैठ गया ।
राजन ने वही बेड पर घुटनो के बल खड़ा होकर रज्जो को अपनी ओर खीचा और रज्जो की जांघो को खोलता हुआ

राजन - क्यू भाभी जी आपको कोई ऐतराज तो नही

रज्जो थोदा शर्म कर मुस्कराते हुए - आप लोगो ने अपनी वाली कर ली तो पुछ क्यू रहे है ,,करिये जो मन है

रज्जो की प्रतिक्रया पर राजन रज्जो के चुत के उपर हाथ फेरता हुआ - ओह्ह मतलब मै जो चाहू कर सकता हुआ हम्म्म

रज्जो राजन के हाथ को अपनी चुत पर रेंगता पाकर सिस्कते हुए - उम्म्ंम्ं आह्ह कर लो ना जिजाअजीई उम्सीई अह्ह्ह्ह

राजन वापस कबूलवाते हुए अपना लण्ड रज्जो की चुत मे मुहाने पर घिसता हुआ - अह्ह्ह भाभी जी आपकी चुत बहुत मुलायम है ओह्ह्ह
कमलनाथ वही बगल मे बैठा अपना लण्ड सहलात हुआ - अरे अन्दर और भी मुलायम है ,,एक बार घुस कर तो देखो

अपने पति के मुह से ऐसी बाते सुन कर रज्जो बहुत उत्तेजित मह्सूस करने लगी ।

राजन अपना सुपाडा खोलकर उसे रज्जो के चुत के दाने पर घिस्ता हुआ - क्यू भाभी सच कह रहे है क्या भाईसाहब

रज्जो अपनी चुत पर राजन के लण्ड का सख्त अह्सास पाकर नशे मे डूबी जा रही थी और सिस्कते हुए - अह्ह्ह आअप खुद हीई देखहह लो नाआह्ह जिजाआआज्ज्जीईई उम्म्ंम

रज्जो की रजा मन्दी मिलते ही राजन बिना एक पल के देरी के एक जोर के झटके के साथ हचाक से एक ही बार अपना लण्ड उसकी खुली हुई चुत मे घुसेड़ दिया ,,जिससे रज्जो की चिख निकल कर रह आगयी

रज्जो - अह्ह्ह्ह जिजाआजीईई उम्ह्ह्ह्ह माआ मर गयीईई उम्म्ंम्ं अह्ह्ह

राजन वापस से लण्ड को पीछे लेकर एक और धक्का मारता हुआ - उम्म्ंम क्या हुआ भाभी ज्यादा तेज तो नही लगा ना

रज्जो थोडा मुस्कुराइ और थोडा कसमसाइ- उम्म्ं नही जिजाअजीई पेलो ना अब रुके क्यू हो अह्ह्ह अह्ह्ह ऐसे ही ओह्ह्ह

राजन ने भी अब अपना दम अपने साले और उसकी बीवी को दिखाने लगा ,,,

वही कमलनाथ भी राजन द्वारा अपनी चुद्ती देख बहुत ही उत्साहित था और कुछ नये विचार उसके मन मे जगह ब्नाने लगे थे ,,जिनहे वो आज रात ही रूप देने की सोच रहा था ।

ये सोच वो उठ कर अपनी चुदती हुई बीवी के बगल मे गया और उसके कान मे कुछ बोला ,,जिसे सुन कर रज्जो की सांसे भारी होने लगी ।


राजन को समझ नही आया कि क्या हुआ तो वो अपने धक्के की रफतार धीमी करने लगा

कमलनाथ रज्जो की रजामंडी पाते ही मुस्कुरा कर - भाई राजन अगर तुमको आपत्ति ना तो क्या कुछ नया आजमाना चाहोगे

राजन अपने धक्के रोकता हुआ मुस्कुरा कर लेकिन संसय के भाव मे - कुछ नया ,,मतलब मै समझा नही

फिर वो रज्जो को देखा जो शर्मा भी मुस्कान लिये उसे ही देखे जा रही थी ।

कमलनाथ - जानू आओ ना जरा

फिर रज्जो राजन को इशारे से उठने को कहती है और राजन चुपचाप अपना लण्ड उसकी चुत ने निकाल कर खड़ा हुआ ।
रज्जो तुरंत बेड से उठ कर निचे खड़ी हुई और कमलनाथ ने उसे अपनी बाहो मे भरते हुए उसके होठ चूसकर उससे अलग हुआ ।

कमलनाथ मुस्कुरा कर - अरे भई राजन वहा क्यू हो ,,यहा आओ ना तुम भी

राजन को कुछ समझ नही आ रहा था वो मुस्कुराता हुआ निचे आया और रज्जो के पीछे थोडा दुर खड़ा हुआ ।

फिर कमलनाथ ने रज्जो को इशारा किया तो रज्जो ने अपने हाथो का हाथ बनाते हुए कमलनाथ के गले मे डाल दिया और अप्नी एक टांग उठा कर बेड पर रख दिया । जिस्से रज्जो को गाड खुल कर राजन के सामने आ गयी ।

अब राजन को सारा खेल समझ आ गया औए उसका लण्ड वाप्स से कसने लगा
कमलनाथ राजन से मुस्कुरा कर - भाई अब देखते रहोगे या ...हिहिहिजी

राजन थोडा शर्माया और अपना लण्ड सहलात हुआ रज्जो के करीब आया और फिर ढेर सारा थुक अपने लण्ड के सुपाडे पर लगाया और फिर थोड़ा से रज्जो के गाड़ के सुराख पे लगा कर उसके छेद को टटोलते हुए अपना लण्ड उसके गाड के मुहाने पर लगा दिया ।

रज्जो ने जैसे ही अपनी गाड की सुराख पर राजन का कड़ा लण्ड मह्सूस किया उसकी सासे तेज हो गयी और अगले ही पल वो थोडा दर्द से तड्पी क्योकि राजन ने अपना आधा लण्ड उसकी गाड मे घुसेड़ दिया ।

रज्जो - अह्ह्ह उह्ह्ह अराआम्म्ंं से उम्म्ंम्ं सीईई अह्ह्ह

राजन बिना रुके वाप्स से लगातर दो तिन हल्के धक्के लगा कर पुरा लण्ड रज्जो की गाड़ मे भर दिया
रज्जो अब लंबी लम्बी सासे ले रही थी ,,और थोडा मीठा दर्द भी ना मगर अपने पति के सामने उसके जीजा से चुदवाने का मजा ही अलग था ।

राजन ने अब रज्जो के कूल्हो को थामते हुए धक्के लगाना शुरु कर दिया औ रज्जो ने अपनी सिसकिया चालू कर दी।

वही कमलनाथ भी पीछे कहा था वो भी रज्जो को थामे अपने हाथो से खुद रज्जो की गाड़ को फैला कर पकडे हुए था और अपनी बीवी की गाड चुदवा रहा था ।

धीरे धीरे धक्के नोर्मल होने लगे और रज्जो की सिसकिया फीकी होने लगी तो कमलनाथ का मजा कम होने लगा ,,ऐसे मे कमलनाथ ने कुछ सोचा

कमलनाथ - भई राजन जरा अपनी भाभी को सम्भालोगे

राजन रज्जो की कमर को थाम कर उसका भार अपने उपर लेता हुआ - आह्ह हा क्यू नही

इधर रज्जो भी समझ गयी कि आगे क्या होने वाला है मगर राजन इन सब से अन्जान था वो लगातार रज्जो की ढीली हो चुकी गाड़ मे धक्का मारे जा रहा था ,,,

इधर कमलनाथ ने भी अपना मोहरा सेट किया और थोडा सा थुक अपने लण्ड पर लगाते हुए झुक कर अपना लण्ड रज्जो की चुत के मुहाने पर रखा ,,जिससे अचानक से रज्जो की सिसकिया तेज हो गयी और राजन को समझ नही आया

तभी राजन को रज्जो की तेज दर्द भरी आहो के साथ अपने लण्ड के निचले हिस्से मे कुछ घर्षण मह्सूस हुआ और वो समझ गया कि कमलनाथ ने भी अपना लण्ड रज्जो की चुत मे डाल दिया है ।

जिससे वो भी जोश मे आ गया और वाप्स से अपने लण्ड मे एक नया जोश अनुभव किया और धक्को मे ताकत डाल दी ।

रज्जो - अह्ह्ह अराम्ं से जिजाअह्ह्ह जीई उम्म्ं ओह्ह अह्ह्ह
कमलनाथ अपना लण्ड रज्जो की चुत मे घुसेड़ता हुआ - ओह्ह्ह अब यही तो असली मजा आया है मेरी जान,,,, राजन भाई रुकना मत
ये बोलकर कमलनाथ भी अपने धक्के तेज करने लगा

रज्जो की हालत बहुत खराब होने लगी। वही राजन और कमलनाथ अपनी धक्को मे लय बना कर पेले जा रहे थे

रज्जो - ओह्ह्ह माआ मर गयीइज उह्ह्ह्ह सीई ओह्ह्ह अह्ह्ह मेरे राजा उह्ह्ह्ह बहुत मजा आ रहा है ओह्ह्ह ऐसे ही उम्म्ंम मै झड़ रही हूउउऊ उम्म्ंम और पेलो मुझे उन्मममं


कमलनाथ अपने लण्ड को कड़ा करता हुआ अपने दाँत पिसता हुआ रज्जो की चुत मे लम्बा लम्बा शॉट लगाता हुआ - क्यू जान मजा आ रहा है ना दो दो लण्ड से चुदने मे अह्ह्ह बोल ना मेरी रन्डी हुउऊ

रज्जो अपनी गाड और चुत मे दोहरे लण्ड की थ्पेड़ सहते हुए - उम्म्ंम आह्ह हा मेरे राजा बहुत ज्यादा ओह्ह्ह सीई और पेलो मुझे उम्म्ंम्ं अह्ह्ह

राजन जो कि काफी समय से रज्जो की गाड़ मार रहा था वो अपने चरम पर पहुचने लगा था वही कमलनाथ भी रज्जो से कामुक वक्तव्यो पर बाते करके भी एक दम से झडने के करीब था ,,

राजन - ओह्ह्ह भाईसाहब मेरा होने वाला है
कमलनाथ - हा राजन मेरा भी उम्म्ंम
रज्जो सिस्ककर - अन्दर नही प्लीज अंदर नही अह्ह्ह उह्ह्ह

रज्जो के बात पर दोनो ने आंखे खोली और अपना अपना लण्ड धक्को को धिमा करते हुए लण्ड बाहर निकाल लिया उसे हिलाने लगे ।

वही रज्जो की एक जांघ अकड गयी थी वो लडखड़ा कर खड़ी हो पा रही थी ।

कमलनाथ तेजी से अपना लण्ड हिलाते हुए - अह्ह्ह आओ न जान जल्दी उह्ह्ह

रज्जो अपनी मेहनत का एक भी बूंद जाया नही करना चाहती थी ,,इसिलिए वो दर्द सहते हुए भी अपने घुटनो के बल बडी मुश्किल मे बैठी और दोनो के आड़ो को छूने लगी ।

राजन और कमलनाथ पहले से ही चरम पर थे और अपना लण्ड हिलाये जा रहे थे । जैसे ही उन्हे रज्जो के हाथो का कोमल अह्सास अपने आड़ो पर मह्सूस हुआ उन्होने अपने सुपाडो से दबाब हटा दिया

राजन - अह्ह्ह भाभीई जीई अह्ह्ह अह्ह्ह
कमलनाथ भी अपना लण्ड हिलात हुआ एडीओ के बल होता हुआ - अह्ह्ह मेरी जान उह्ह्ह अह्ह्ह

दोनो ने लगभग एक सेकेंड के अंतराल पर पिचकारी छोड़ी जो रज्जो के मुह पर गिरी और आखिरी बूद निकलने तक अपना लण्ड हिलाते रहे ।

रज्जो सारा माल चाट गयि और दोनो के लण्ड को अच्छे से चुस कर निचोड़ा मगर दोनो के लण्ड मे अब भी तनाव था और वो तीनो एक दुसरेको देख कर मुस्कुराये जा रहे थे ।

जारी रहेगी
Bahut hi behatareen update bhai ji...
Akhir kar pallavi ne Anuj ko bada kar hi diya.. aur sansaar ke kuch jaruri kayde kanoon sikha diye...
Wohin neeche ke kamre mein to kamaal hi ho gaya... Rajjo ne ek nahi do do saanp kaabu kar liye ek sath hi... Isse pata chalta hai rajjo kitni badi wali hai...
Bhai ek dum behatareen update aage ka intezar.
 

Saadat noor

Love u
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UPDATE 118

CHODAMPUR SPECIAL UPDATE

अब तक की कहानी मे आप सभी ने पढा कि कैसे रज्जो ने अपने जाल मे कमलनाथ और राजन दोनो को फास लिया और अपने ही पति से किसी और से चुदने की परमिट भी लेली । वही पल्लवि ने भी रात के शो पर अनुज के गुप्तांगों से जमकर खेला और वो इसी तालाश मे आगे बढ़ चूकी थी ।

अब आगे

फिल्म खतम होते ही जैसे ही अनुज निचे आता है , पल्लवि भी उसके पीछे पीछे चल देती है और सीधा अनुज को लेके उसके कमरे मे घुस जाती है ।

अनुज पल्लवि की इस हरकत से सकपका जाता है - ये ये क्या कर रही हो तुम पल्लवि

पल्लवि मुस्कुरा कर - वही जो उपर बाकी रह गया था हिहिही

अनुज उपर कमरे मे उस ऊततेजक अहसास को वापस से याद कर रोमंचीत हो उठा और अटकते हुए - न न नही नही ये गलत है ,,हमे ये सब नही करना चाहिए

पल्लवि अब तक अनुज के सामने आ गई और उसका चेहरा अनुज के सामने था ,,,उसे फड़कते होठ अनुज के गर्म मुलायम होठो से जुड़ने को बेकरार हुए जा रहे थे

पल्लवि को ऐसे अचान्क अपने करीब पाकर अनुज के दिल की धडकनें तेज होने लगी ,
Za रज्जो ZaZaवि के जिस्म की खुश्बू ने खीचना शुरु कर दिया ,,,वो अपनी बातो को पुरा करने मे अटकने लगा और उसकी आंखे खुद बा खुद बंद होने और जैसे ही पल्लवि ने होठो ने अनुज के होठो को छुआ ।

अनुज पूरी तरह से काप उठा उसकी दिल की धड़कन बहुत तेज हो गयी और वो एक चित स्थिर हो गया था ।वही पल्लवि ने उसके होठो को अपनी पूरी हवस से चुसे जा रही थी ।

पल्लवि की प्यास बहुत बढ चुकी थी वो अपना जिस्म अनुज के बदन पर रगड़ने लगी और अपने हाथ को लोवर के उपर से ही अनुज के सर उठाते लण्ड पर रख कर उसे भी छेड़ने लगी ।

अनुज की हालात और भी खराब होने लगी ,,,हालांकि वो किस्स करने मे पल्लवि का साथ दे रहा था मगर अब भी उसे पल्लवि का ऐसे उसका छुना उसे एक ओर झिझक कर रहा था वही दुसरी ओर उसकी मुलायम छातियो का स्पर्श उसे पागल किये जा रहा था ।

इधर पल्लवि की तलब बढ चुकी थी वो खुद अनुज के हाथ अपनी जिस्मो पर रख कर उन्हे रगड़ने लगी । कभी अपनी कमर तो कभी मोटी कसी गाड तो कभी मुलायम चुचिया ।

अनुज ने भी अब अपना हाथ लगाना शुरु कर दिया क्योकि उसे भी पल्लवि के मुलायम जिस्म का स्पर्श बहुत ही उत्तेजक किये जा रहा था और उसके लिंग मे तनाव बढता ही जा रहा था ।

इधर पल्लवि बेहद जोश मे बक बकाये जा रही थी -उह्ह्ह अनुज उम्म्ं हा ऐसे ही और कस के पकड़ो ना मेरे दूध को उम्म्ं माआह्ह्ह अह्ह्ह सीईई अह्ह्ह्ह


अनुज बस चुपचाप बिना कोई प्रतिक्रिया के बस हाथो मे पीछे से टीशर्ट के उपर से पल्ल्वि की दोनो चुचिय मिजे जा रहा था और वही पल्लवि अपना एक हाथ पीछे किये अनुज का लण्ड लोवर के उपर से घिस रही थी ।

पल्लवि की तडप बढती ही जा रही थी जिससे अनुज भी जोश के साथ साथ चकित भी था कि क्या सच मे सेक्स मे लड़किया ऐसे ही व्यवहार करती है ।
पल्लवि के अनुज को कमरे के स्टूल पर ले गयी जो दिवाल से लगा था और उसे बिठा कर खुद उसके सामने से गोद मे बैठ गयी ।

और पहले अपना टीशर्ट और फिर दोनो साइड से ब्रा की स्ट्रिप सरका कर अपनी 34 साइज़ की चुचिय खोल दी ।।

अनुज का लण्ड इस न्जारे को देखकर ठुमका और वो आंखे फाडे बस पल्लवि की खुबसूरत गोल बडी चुचिया निहारे जा रहा था ।

पल्लवि ने बडी मदहोशि मे मुस्कुराते हुए अनुज के बालो मे हाथ फेरा और खुद को आगे कर अपनी चुचिया अनुज के मुह के पास ले गयी ।

अनुज को थोडा बहुत जो कुछ भी सेक्स के बारे मे मालूम था वो सब पल्लवि के साथ किये जा रहा था और उसने पल्लवि के चुचियो पर चूममी करना शुरु कर दिया ।
पल्लवि अनुज के गरम होठो का स्पर्श पाकर पागल होने लगी और अनुज का सर अपनी चुचियो मे दबाने लगी । ऐसे मे अनुज को मह्सूस हुआ कि उसे शायद पल्लवि के निप्प्ल को और और तेज चूसना चाहिये ।

फिर क्या अनुज ने पल्लवि के निप्प्ल को सुरकना शुरु कर दिया जिस्से पल्लवि का नशा दुगना हो गया ।
वो अपनी भड़ास अनुज के बाल को नोच कर और उसके सर को अपने चुचियो पर रगड़ कर निकालने लगी ।

और फिर उसने अनुज के सर को अपनी छाती से हटा के उसके होठो को चूसा और फौरन अनुज के पैरो मे बैठ कर उसका लोवर खोलने लगी ।

अनुज समझ रहा था कि पल्लवि आगे क्या करने वाली थी। वो अब उस नये अह्सास के लिए रोमांचित हुआ जा रहा था ।

एक तरफ जहा निचे ये सब चल रहा था वही उपर के कमरे मे सारे लोग वापस से अगली फिल्म देखने मे लग गये।

अभी रात के 10:30 बज रहे थे मगर चारो के उपर सेक्स की खुमारि चढ़ रही थी ।
फिल्म धीरे धीरे आगे बढ रही थी और सब्के हाथ धीरे धीरे वापस अपनी अपनी तय जगहो पर जा चुके थे ।

लेकिन अब किसी का भी मन फिल्मों मे था ही ,,,चारो की उत्तेजना बढ रही थी मगर चाह कर भी वो लोग अपनी दिल की नही कर पा रहे थे ।
इधर रज्जो की चुत कबसे पनियाइ जा रही थी और वही ममता भी कम गरम नही थी ।
दोनो के हाथ लंडो पर घिसे जा रहे थे ।

लेकिन काफी समय तक जब ममता को अपने भैया के साथ कोई बात बनती नहीं दिखी तो उसने अपने पति राजन से ही समागम करने की ठान ली ।

ममता अंगड़ाई लेते हुए - अह्ह्ह भैया मुझे तो नीद आ रही है ,,,मै सोने जा रही हू आप भी आ रहे है क्या

ममता राजन से पुछती है

राजन जो कि रज्जो से ही मजे लेना चाहता था और उसने मना करते हुए कहा- नही ममता तुम चलो ,,,मै अभी ये फिल्म देखकर आता ,काफी समय बाद कोई अच्छी फिल्म देख
रहा हू

राजन की प्रतिक्रिया पर ममता का मन उदास हो गया कि एक तो राजन अभी आयेगा नही और अब वो अपने भैया के लण्ड से भी नही खेल सकती ।

खैर वो अब क्या ही कर सकती थी चुप चाप उठी और निकल गयी अपने कमरे मे ।
इधर ममता के जाते ही रज्जो भी बिस्तर से उठने लगी ।

कमलनाथ चौक कर - अरे जान तुम कहा जा रही हो

रज्जो खुद को समान्य रखते हुए - वो मै जरा फ्रेश होकर आती हू
ये बोलकर रज्जो उठी और आल्मारि से एक दूपट्टा लेके बाथरूम मे चली गयी ।

इधर रज्जो के जाते ही राजन बोल पडा - भाईसाहब ये सब ठिक नही है,,,भाभी जी अनजाने मे क्या बोल गयी , हमे रोकना चाहिए उनको

कमलनाथ भी उदास होने के भाव मे - मै क्या बताऊ राजन ,,,तुम देख ही रहे हो वो हमारी बाते सुन ही कहा रही है ।

राजन - तो अब
कमलनाथ - पता नही यार ,,,

इतने मे बाथरूम से रज्जो की आवाज आती है ।
रज्जो - रमन के पापा जरा इधर आयेंगे क्या

कमलनाथ और राजन चौक कर बाथरूम की ओर देखते है जहा रज्जो बाथरूम से बाहर की ओर झाक रही होती है ।

कमलनाथ फौरन उठ कर बाथरूम मे घुस जाता है ,,,जहा रज्जो सिर्फ ब्रा और पेतिकोट मे थी ।

कमलनाथ - क्या हुआ
रज्जो इतरा कर मुस्कुराते हुए - जरा ये हुक खोल देंगे

कमलनाथ मुस्कुरा रज्जो के ब्रा का हुक खोलते हुए - तो मेरी जान से सारी प्लानिंग कर ही ली

रज्जो - हा लेकिन अभी इतना आसान भी नही है ,,,नंदोई जी बहुत झिझक मह्सूस कर रहे है

कमलनाथ - तो मतलब तुम ये उसकी झिझक कम करने का रास्ता निकाल रही हो हा

ये बोल कर कमलनाथ पीछे से रज्जो के झुलते चूचो को पकड लेता है ।

रज्जो कसमसा कर खिलखिलाते हुए आगे बढ़ जाती है ।
रज्जो - हो गया आपका काम अब जाईये मै आ रही हू ।

फिर कमलनाथ कमरे मे आकर एक किनारे बैठ जाता है और राजन को एक नजर देख कर मुस्कुराता है ।

थोडी देर बाद रज्जो बाथरूम से बाहर आती है और दोनो की नजरे रज्जो के उपर जाती है जो इस समय एक सूती ब्लाउज और पेतिकोट मे थी और उपर से उसने सीने पर सिफान का हल्का दुपट्टा ले रखा था जिसमे से उसकी ज्वानी के उभार साफ दिख रहे थे ।

रज्जो कमरे मे आते ही तुनकते हुए- मै ममता के पास सोने जा रही हू जी आप लोग भी फिल्म देख कर सो जायियेगा ।

रज्जो की बात पर राजन बोला - अरे नही नही भाभी जी आप आराम करिये ,,,मै चला जा रहा हू अपने कमरे मे

कमलनाथ - अरे भाई इतनी जगह है फिर भी तुम लोग परेशान हो ,,, और जान तुम यहा बिच मे सो जाओ ना

कमलनाथ- बेचारा राजन कहा बार बार फिल्म देखने आ रहा है ह्मारे साथ

रज्जो इतरा कर - नही नही मै आपकी चालाकी खुब समझ रही हू बिच मे लाने की ,,,मगर मैने जो कह दिया है बस उस्से अधिक उम्मिद ना कीजिएगा आप

रज्जो की बात पर राजन और कमलनाथ आपस मे देखते है और मुस्कुरा पडते है ।

कमलनाथ हस कर रज्जो को अपने पास लाता हुआ - तू भी ना रज्जो ,,,आ चल बैठ

फिर रज्जो बेड पर चढ़ कर उन दोनो के बिच मे आ जाती है ।
थोडी देर फिर चुप्पी रहती है और तीनो फिल्म देखने के बहाने कनअखियो से एक दुसरे पर नजर बनाये हुए थे ।

इधर कमलनाथ धीरे धीरे रज्जो के कमर मे हाथ डाल देता है और अभी सहलाना शुरु करता ही है कि

रज्जो - सुनिये आप जरा वो दरवाज बंद करके आईये

रज्जो की बात सुन कर कमलनाथ और राजन चौके क्योकि खुद कमलनाथ को भी नही उम्मीद थी कि रज्जो इतनी जल्दी ही शुरु करने वालीथी ।

कमलनाथ आवाक होकर उठा और दरवाजा बंद करने चला गया ।

इधर उपर एक नया रंगमच सेट हो रहा था तो वही निचे अनुज के कमरे मे सिस्कियो धुन सुगबूगाहत लेने लगी थी
क्योकि पल्लवि के मुह मे अनुज का लण्ड था जिसे वो बहुत ही हौले हौले से गिला कर रही थी ।

अनुज - उम्म्ंम्ं सीई उह्ह्ह्ह उम्म्ं पल्ल हहहह एईईई इह्ह्ह्ह ओह्ह्ह उम्म्ंम्ं उफ्फ्फ

पल्लवि ने अनुज का लोवर अंडरवियर के साथ उसके घुटने के निचे कर रखा था और उसके जांघो को खोल कर उसका करीब 6 इन्च का लण्ड मुह मे भर रही थी ।

हालकि अब तक लिये लण्ड मे पल्लवि के लिए ये शायद सबसे छोटा लण्ड था मगर फिर भी उसकी उफनति जवानी की आग बुझाने के लिए काफी था ।

वही अनुज इस नये अह्सास से पागल हुआ जा रहा था
वही पल्लवि अनुज का लन्ड़ चुसते हुए एक हथेली की अपनी चुत पर सहलाए जा रही थी क्योकि उसे अब लण्ड की चाह थी अपनी चुत मे

फिर वो उथी और एक ही झटके मे अपना लोवर और ब्लूमर दोनो निकाल दी

पल्लवि अब पूरी नंगी थी ,,उसके चुत के आस पास के बाल चमक रहे थे
अनुज पल्लवि के इस हरकत से और भी उत्तेजित होने लगा और खुद अपना हाथ अपने लण्ड पर चलाते हुए उसकी चुत के आस पास का गोरा चिकना जगह देखने लगा ।

पल्ल्वी थोडा मुस्कुराई और अनुज को पकड कर बेड तक ले आई और बोली - कैसे करोगे

अनुज बिना कुछ बोले बस आन्खे फैला देता है ।
तो पल्लवि मुस्करा कर बेड पर लेट जाती है और उपर आने का इशारा करती है ।

अनुज अपना लण्ड हाथो मे थामे उसे सहलाता हुआ बेड पर चढ़ कर पल्लवि के जांघो के बिच आता है तो पल्लवि अपनी जान्घे खोल देती है जिससे उसकी चुत का गुलाबी सुराख अनुज को दिखने लगता है ।
पल्लवि आंखो से ही इशारा करके अनुज को आगे बढ़ने को कहती है तो अनुज अपनी सूझ और जितना भी ज्ञान था इस बारे मे उसे याद कर अपने मुह से थोडा लार लेके अपने सुपाडे के मुह पर लगाता है और थोडा सा लार पल्लवि चुत के छेद पर

अपनी चुत पर अनुज के हाथो का स्पर्श पाकर पल्लवि सिहर जाती है और कसमसा कर - उह्ह्ह अनुज डाल दो ना अब उम्म्ंम

अनुज एक नजर पल्लवि के तड़प भरे चेहरे को देखता है और फिर उसकी सास लेती चुचियो को देखता है और अपना लण्ड बडे सावधानी से उसकी चुत पर सेट करके हल्का सा ध्क्क्का देता है ।

शुरुवात मे अनुज के लण्ड की चमडी खीचने पे उसे थोडा दर्द होता है मगर अगले ही पल पल्लवि की खुली चुत मे धीरे धीरे उसका लण्ड उतरने लगता है ।

वही अपनी बुर मे लण्ड आता देख पल्लवि के चेहरे के भाव बदलने लगते है और वो चहक कर - उह्ह्ह अनुज पुरा डालो ना उम्म्ंम

ये बोल कर पल्लवि खुद अपनी कमर उचका कर अनुज का लण्ड लेने लगती है ।

वही अनुज भी पल्लवि के चुत की गरमी से मदहोश हुआ जा रहा था और वो अपने हिसाब से जैसा कि उसने अपने मुह्ल्ले और दोस्तो से सिखा था वैसे ही पहले हल्के हल्के और फिर थोडे तेज धक्के लगाने लगता है ।
पल्लवि को वो सारे आनन्द मिलने लगे जिसके लिये वो पिछले काफी दिनों से तरस रही थी ,,वो तो अनुज के शुरुआती धक्को मे ही एक बार झड़ गयी थी और अब मजे ले ले कर अनुज का लण्ड निचोड रही थी ,,,नतिजन अनुज ज्यादा समय तक खुद को रोक नही पाया

अनुज - अह्ह्ह पल्ल्बी ,,दर्द हो रहा है अह्ह्ह
पल्लवि समझ गयी कि अनुज का होने वाला है ।

पल्लवि जल्दीबाजी दिखाते हुए - निकालो अनुज उसे बाहर जल्दी

इधर अनुज ने पल्लवि के चुत के अपना लंड निकाला और वही पल्लवि उठा कर अनुज के पास आ गयी और वो भी घुटनो के बल होकर हाथो मे उस्का लण्ड लेके हिलाने लगी और अगले कुछ ही पलो ने अनुज तेज्ज अह्ह्हो के साथ पल्लवि के पेट और हथेली पर एक गाढी पिचकारी मारी और निढ़ाल होने लगा ।

आखिरी कुछ झतको तक अनुज थक कर पल्लवि के कंधो पर आ गया और फिर सरक बिस्तर पर लेट गया

वही पल्लवि अनुज की हालात देख कर खिलखिलाई और हाथ मे लगी गाढी मलाई को चाट कर वापस से झुक कर अनुज के लण्ड को निचोड कर छोड दिया और फिर उसके माथे पर एक चम्बन करते हुए उसे एक चादर से ढक कर अपने कपडे पहन कर चहकते हुए उसका दरवाजा बंद कर दिया और सोनल के कमरे का दरवाजा खोल कर सोने चली गयी ।

और अनुज वही थक कर सो गया ।

इधर निचे एक कमरे का दरवाजा खुल रहा था तो वही उपर कमलनाथ अपने कमरे का दरवाजा बंद करके वापस अपनी जगह पर आगया था ।

कमलनाथ - हा कर दिया अब कहो
ये बोल कर कमलनाथ रज्जो की जांघो को उसके पेतिकोट के उपर से सहलात है

रज्जो आंखे उठा कर कमलनाथ को देखती है - ये क्या कर रहे है आप ,,,मैने कहा ना मै सिर्फ़ एक ही लोग से

ये बोल के रज्जो कमलनाथ को उसका रेगता हाथ दिखाती है ।


राजन चुप चाप दोनो के बिच के संवादो को सुन कर एक अलग ही रोमांच मह्सूस कर रहा था ,,उसके दिल की धडकनें तेज थी अब भी ।

कमलनाथ बेशर्मो की तरह हस कर रज्जो के कन्धे पर हाथ रख कर उसे अपनी ओर खिचता है।

तो रज्जो कसमसा कर उससे छुटना चाहती है ,,जिसपर कमलनाथ और जोर लगाता है तो बदले मे रज्जो भी जोर लगा कर जैसे ही कमलनाथ का हाथ हटाती है वैसे ही उसका बैलेंस बिगड़ जाता है और वो राजन के उपर गिरने लगती है ।

वही राजन फौरन रज्जो को सम्भालता है - अरे अरे अरे भाभी सम्भाल के हिहिहिही

मगर तब्तक रज्जो उसकी गोद मे आ चुकी थी और उसका दुपट्टा उसके सीने से हट गया था और राजन की नजर रज्जो के सटी ब्लाउज से झांकते निप्प्लो पर जम जाती है।

थोडे समय के लिए सब कुछ थम सा जाता है कोई भी कोई प्रतिक्रिया नही देता है ,, और ना जाने राजन को क्या सुझता है वो धीरे से एक हाथ रज्जो के चुचियो पर रख देता है ।

जिसका स्पर्श पाकर रज्जो सिहर उठती है और वही कमलनाथ की आंखे चमक उठती है । वो अपना जान्घिये मे कसा लण्ड भीच लेता है ।

वही राजन को कुछ ख्याल आता है तो वो एक नजर कमलनाथ को देखता है तो वो मुस्कुरा कर आंखो से आगे बढ़ने की इजाजत देता है जिसके बाद राजन मुस्कुरा कर अपना हाथ रज्जो के बलाउज पर कसने लगता है और उसकी मोती चुचियो को अपने हाथो मे भरने लगता है ।

रज्जो बस आन्खे बंद किये सिस्कती है - सीई उम्म्ंमममं अह्ह्ह्ह
इधर कमलनाथ भी अपना हाथ आगे कर रज्जो के जांघो पर घुमाने लगता है और नजरे उठा कर एक बार रज्जो के चेहरे के भाव पढता है फिर मुस्करा कर राजन को देखता है ।जो अपना हाथ धीरे धीरे रज्जो के ब्लाउज मे के जाने की कोशिस मे था ।

मगर ब्लाउज कसा होने से वो सफल ना हुआ और उसने धीरे से उपर के एक हुक को खोला तो रज्जो की सासे भारी होने लगी ।

रज्जो अपने दोनो हाथो से राजन का हाथ रोक लेती है और बंद आँखों से ही तेज सासे लेते हुए - न्हीई जीजा जीईई उम्म्ंम्ं

इसपर कमलनाथ लपक कर रज्जो का एक हाथ पकड कर उठाता है जिसे रज्जो बिना किसी विरोध के हटा लेती है और दुसरा हाथ खुद राजन हटाता है और मुस्कुराते हुए कमलनाथ को देखता है ।

फिर वापस से रज्जो के ब्लाऊज के हुक खोलने लगता है और एक एक करके सारे हुक खोलते ही रज्जो की चुची दोनो तरफ फैल जाती है ।
राजन थुक गटक कर रज्जो की सास लेती चुचियो को देखता है और उसका लण्ड अकडने लगता है ।
फिर वो धीरे से अपना हाथ से एक चुची को पकड कर हल्का सा सहलात है

रज्जो - उम्म्ंम्ं जिजाआअजीईई अह्ह्ह

इधर राजन अपनी हथेली को रज्जो के मुलायम चुचो पर घुमा रहा था वही कमलनाथ भी अपना लण्ड भीचते हुए रज्जो की मासल जांघो को पेतिकोट के अन्दर हाथ डाल कर दबोच रहा था।

फिर कमलनाथ ने रज्जो के हाथ को थाम कर खीचा और उसे अपनी ओर चेहरा करके बिठा दिया और वही राजन मुस्कुरा कर पीछे से रज्जो का ब्लाउज उतारने लगा ,,,जिसका रज्जो थोडा भी विरोध नही की बस शब्दो मे ही ना नुकुर की और देखते ही देखते रज्जो उपर से पूरी नंगी हो चुकी थी ।

उसकी तेज सासो से उसकी चुचिया उपर निचे हो रही थी और तभी राजन के उसके नंगे गुदाज कंधो को थाम कर उसे बिस्तर का टेक करके सीधा कर दिया ।
फिर कमलनाथ और राजन दोनो रज्जो के करीब आकर आपस मे देखते है और उसकी एक एक चुची को थाम कर हल्का सा उसकी खडे निप्प्ल पर अपनी हथेलियों को घुमाते है जिससे रज्जो काप उठती है ।

रज्जो - उम्म्ंम्म्ं सीईई अह्ह्ह्ह रमन के पापाआआह्ह्ह उम्म्ंम्ं

फिर दोनो ने अपने हथेलियों की पकड को रज्जो की चुचियो पर मजबूत करते हुए सहलाना शुरु किया ।

रज्जो नशे मे डूबी जा रही थी और बस आह्हो मे असहमति दिखा रही थी ।
थोडे देर तक रज्जो के चुची के साथ खेलने के बाद कमलनाथ ने रज्जो का हाथ उठा कर अपनी जांघिये के उपर खडे हुए लण्ड पर रखा उसे दबाया जिससे उसके लिंग मे खुन का संचार और तेज हो गया और रज्जो के हाथो का स्पर्श कमलनाथ को और भी रोमांचित कर दिया ,,,नतिजन वो रज्जो की चुची को जोर से मसलते हुए उसके गरदन को चूमने लगा ।

वही राजन अब भी उसी मुद्रा मे दोनो मिया बीवी की बढती प्यास को देख कर उत्तेजित मह्सूस कर रहा था और रज्जो के चुचियो पर वो भी अपने पन्जे को कसने लगा ।

इधर रज्जो ने जब देखा कि राजन आगे नही बढ रहा है और हिचक मह्सूस कर रहा है तो वो खुद अप्ना हाथ उसके पाजामे के उपर रख कर उसका लण्ड मसलने लगती है ।

राजन को जैसे ही अपने लण्ड पर रज्जो के हाथो का स्पर्श मह्सूस होता है वो उत्तेजना स्वरुप उसके हाथ को पकड कर अपने लण्ड कर रगड़ने लगता है तो मौका देखकर रज्जो सिस्कती है ।

रज्जो - अह्ह्ह जिजाआजीई न्हीईई उम्म्ंम्ं उह्ह्ह

रज्जो की प्रतिकिया पर कमलनाथ फौरन आंखे खोलकर राजन की ओर देखता है तो उसे लगता है कि राजन ने भी उसकी तरह ही रज्जो का अपने लण्ड पर ले गया और वो उससे और भी ज्यादा उत्तेजित होता है

फिर झुक कर रज्जो के निप्प्ल पर मुह लगा देता है ।
रज्जो चिहुक कर अपने कन्धे झटकने लगती है और वही कमलनाथ कनअखियो से राजन को देखता है और इशारे से पास बुलाता है ।

राजन मानो इसी की ताख मे था और वो भी फौरन झुक कर रज्जो की दुसरी चुची मे मुह लगा देता है ।
रज्जो अपनी दोनो चुचियो पर एक साथ हमले से पागल होने लगती है ,,उसे ऐसी उत्तेजना आजतक नही मह्सूस हुई थी ।

वो अपने दोनो हाथो उन दोनो से सर पर ले जाकर उन्हे अपनी छाती पर दबाने लगती है और प्रतिक्रिया स्वरुप दोनो उसकी चुचियो को और तीव्रता से चूसने लगते है ।

रज्जो - उम्म्ंम सीई उह्ह्ह्ह अराम्म्ंं से रमन केपापा हहह उह्ह्ह्ह धीरे करो न जिजाआजीईई अह्ह्ह उफ्फ्फ्फ उम्म्ंम्ं
रज्जो की पाजिटिव प्रतिक्रिया पाकर दोनो की उत्तेजना और बढ गयी और उनके हाथ रज्जो की जांघो पर रेंगने लगे।

धीरे धीरे रज्जो की निप्प्ल की चुसाई जारी रखे हुए उसकी पेतिकोट जांघो तक उठ चुकी थी और दोनो के हाथ दोनो तरफ रज्जो की मोटी मुलायम जांघो को सहला रहे थे और उपर की ओर बढे ही जा रहे थे ।
रज्जो की चुत उस स्पर्श का अनुभव पाते ही और भी पानी छोड़ने लगी ।

तभी कमलनाथ ने अपना हाथ रज्जो की जांघ से हटाते हुए उसकी कमर से उसकी पेतिकोट का नाड़ा खोला दिया और पेतिकोट सिमट कर रज्जो के चुत के आसपास ही रह गयी ,,,फिर भी उसकी चुत ढकी हुई थी ।

इधर कमलनाथ खड़ा हुआ और उस ने अपनी बनियान निकालते हुए रज्जो के सामने आ गया ।
बेड पर हलचल होने से रज्जो ने अपनी आंखे खोली तो सामने जांघिये मे कमलनाथ का तना हुआ लण्ड दिखा ।

उसने सिस्कते हुए बडी कामुकता से एक हाथ को अपने पति के जांघो से सहलाते हुए उसके लण्ड को जान्घिये के उपर से पकड ली ।

फिर कमल्नाथ ने अपना जांघिया ढिला किया और अगले ही पल वो उसके पैरो मे था और उसका मोटा काला लण्ड फुकार मारता रज्जो के सामने

रज्जो मधोश होकर आंखे बन्द किये एक बार अपने पति का लण्ड सुँघा और फिर उसके आड़ो को छुते हुए मुह खोलकर आधा लण्ड मुह मे भर लिया

इधर राजन की नजर बराबर दोनो मिया बीवी की हरकतो पर बनी थी तो उस्ने भी आगे बढते हुए अप्ने हाथ को आगे रज्जो की गीली चुत तक ले और अपनी उन्गिलीयो से उसकी चुत के दाने को कुरेदने लगा ।

जिससे रज्जो की सासे अटक गयी और कमलनाथ उसके मुह ने रुक गया ,,,,और जब राजन का उसकी बुर पर हल्का हल्का स्पर्श उसे नशे मे ले जाने लगा तो वो वापस अपने पति का लण्ड मुह मे लेने लगी ।
इधर राजन मौके का फाय्दा लेके भर भर रज्जो की चुचिया चुस्ते हुए अपनी ऊँगली को उसकी चुत के गरम गहराईयो मे ले जाने लगा ,,, जिसपर रज्जो अपनी चुत के छल्ले को कस कर अपनी प्रतिक्रिया भी दिये जा रही थी ।

इधर कमलनाथ को जब लगा कि उसका लण्ड अब चुदाई लायाक प्रयाप्त गिला हो चुका है तो उसने अप्ना लण्ड बाहर निकाल कर बेड से उतरा और रज्जो की टांग खिच कर उसकी जांघो को खोलते हुए एक झटके में अपना लण्ड उसकी चुत मे हचाक से उतार देता है ।

राजन मुस्कुराते हुए वही बैठा हुआ कमलनाथ की हवस और उसकी बेताबी देख रहा था ।
इधर कमलनाथ ने बहुत ही जोश मे ताबड़तोड़ धक्के रज्जो की चुत मे मारे जा रहा था

रज्जो - अह्ह्ह उम्म्ंम उम्म ओह्ह्ह आह्ह रमन के पापा ओह्ह्ह मजा आ रहा है ऐसे ही उम्म्ंम और तेज्ज्ज उम्म्ंं

कमलनाथ रज्जो की आंखो मे देखते हुए - क्या मेरी जान,,,क्या और तेज्ज्ज्ज अह्ह्ह्ह बोल ना ।
रज्जो एक नजर आंखे उठा कर राजन को देखती है और शर्मा कर मुस्कुराने लगती है ।

कमलनाथ जोकी अब पूरी तरह से सेक्स के नशे मे डुबा हुआ था वो रज्जो के चुत मे धक्के लगाते हुए हस्कर बोला - अरे राजन लग रहा है तुमको कपड़ो मे देख कर मेरी जान शर्मा रही है ,,,हिहिहिहीर

राजन कमलनाथ की बात पर मुस्कुरा उठा और अपना बनियान निकालते हुए अपने घुटनो के बल खड़ा हुआ और अपना पाजामा जांघिये के साथ ही निकाल दिया ।

कमलनाथ ने राजन को नंगा देखकर रज्जो को चोदते हुए - अह्ह्ह देखो ना मेरी जान,,,अब वो भी हमारी तरह हो गया ,,अब बोलो ना

रज्जो मुस्कुरा कर वापस अपनी चुत मे झटके खाते हुए और सिस्कते हुए नजरे उपर करती है तो इस बार राजन नंगा होकर अपना लण्ड सहलाते हुए बैठा था ।

रज्जो वाप्स से शर्मा कर बिना कोई प्रतिक्रिया के मुस्कुराने लगती है ।
जिससे कमलनाथ अपने धक्के की गति धीमी कर देता है तो रज्जो सिस्क्ते हुए - उम्म्ं क्या हुआ मेरे राजा अह्ह्ह करो नउन्मममं प्लीज अह्ह्ह

ये बोलकर रज्जो अपनी चुत के दाने को सहलाते हुए खुद कमर उच्काने लगती है ।
कमलनाथ मुस्कुरा कर एक जोर का धक्का लगाते हुए अपना लण्ड रज्जो की चुत की गहराइयों मे ले जाता हुआ - क्या करु बोलो ना मेरी जान


रज्जो उस धक्के से बहुत ही चरम बहुत करती है लेकिन वो क्षणिक ही था और वाप्स से उसकी बेताबी बढ जाती है
रज्जो सिस्क कर - उम्म्ंम चोदो ना मुझे अह्ह्ह कसके अह्ह्ह प्लीज उम्म्ंम

कमलनाथ मुस्कुरा कर रज्जो के चुत मे लण्ड की घुमाता है और उससे कबूल्वाता है - कैसे चोदू मेरी जान को

रज्जो इस सवाल का जवाब जान्ती थी लेकिन राजन के सामने बोलने से कतरा रही थी ।
कमलनाथ वापस से अपना लण्ड उसके चुत मे जड तक ले जाता है और वापस से पुछता है - बोलो ना मेरी जान,,क्यू राजन के सामने शर्म आ रही है क्या

रज्जो मुस्कुरा कर हा मे सर हिलाया
तो कमलनाथ हस कर - भाइ राजन कुछ करो ,,ये तो शर्मा रही है ।

राजन इसी मौके की तालाश मे था कि कब उसका बुलावा आये और वो फौरन उठ कर रज्जो के सर बगल मे घुटनो के बल खड़ा हो जाता है और उसका लण्ड आदोसहीत वही झूल रहा होता है ।

राजन अपने हाथ रज्जो की चुची पर ले जाते हुए - क्या हुआ भाभी जी बोल दो ना जो भाईसाहब सुनना चाहते है

रज्जो राजन के हाथो का स्पर्श और उसका आग्रह सुन कर आंखे बंद कर आहे भरने लगी ।

इधर कमलनाथ वापस से एक जोर का धक्का लगाते हुए - बोलो ना मेरी जान कैसे चोदू

रज्जो इस बार सिस्क कर - उम्म्ंम अपनी रन्डी की तरह मेरे राजा अह्ह्ह्ह उम्म्ंम

रज्जो के इस वक्तव्य से राजन भी जोश मे आगय
और कमलनाथ पुरे जोश मे आकर तेजी से थपा थपाक की आवाज के साथ रज्जो को पेलने लगा जिससे रज्जो अब खुल कर प्रतिक्रिया देने लगी ।

रज्जो - अह्ह्ह मेरे राजाआअह्ह्ह ऐसे ही चोदो मुझे उह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं और चोदो मुझे ,,,उम्म्ंम्ं जिजाअह्ह जीईई उम्म्ं सीईई

रज्जो राजन के हाथ को पकड कर अपनी चुचियो पर मलने लगी ।
राजन रज्जो के हरकत से और जोश मे आ गया और रज्जो के करीब आकर घुटनो के बल बैठ गया और अपना लण्ड रज्जो के मुह के करिब कर लिया ।

रज्जो ने जब अपने आस पास लण्ड की खुशबू मह्सूस की तो उसने आंखे खोली तो उसे अपनी नाक के उपर ही राजन का लण्ड तना दिखा और वो मुस्कुरा कर एक नजर राजन को अपना लण्ड सहलाते देखती है और खुद अपना एक हाथ उसके झुलते आड़ो पर रख कर उन्हे सहलाने लगति है ।

इधर कमलनाथ रज्जो के इस हरकत पर बहुत खुश हो जाता है और जोश मे रज्जो की एक टांग को कन्धे पर रख तेजी से लण्ड सटासट उसकी चुत मे पेलने लगता है ।

रज्जो भी अपने पति के लण्ड के झतको से हिली जा रही थी और राजन का लंड कभी उसकी नाक तो कभी उसके होठो पर रगड़ खा रहा था ।
रज्जो ने अब अपने होठ खोल दिये और जीभ निकाल कर वैसे ही धक्के खाते हुए राजन के लण्ड के निचले हिस्सो को छूने लगी ।

राजन रज्जो के अदाओ से पागल सा होने लगा ,,उसे अपनी लण्ड की निचली नसो पर रज्जो की घिस्ती जीभ बहुत उत्तेजित किये जा रही थी ,,,प्रतिक्रिया स्वरुप वो रज्जो ने निप्प्ल को भिच्ने लगा और अपनी कमर को सही करते हुए लण्ड को रज्जो के खुले मुह मे साइड से घुसेड़ दिया ,,,जिसे रज्जो ने तुरंत होठो से जकड़ लिया ।

अब रज्जो राजन का आधा लण्ड मुह मे भरे गुउउउऊगऊऊ करते हुए अपने पति के तेज धक्को को अपनी चुत मे खाये जा रही थी ।

वही राजन ने जोश मे आकर रज्जो के सर को पकड कर अपनी ओर करके मुह मे लण्ड पेलना शुरु कर दिया

और इस पूरी प्रक्रिया के दौरान राजन ने पहली बार अपनी भावना जाहिर की

राजन - अह्ह्ह भाभीईई उम्म्ंम ओह्ह्ह क्या मस्त चुस रही हो आप उम्म्ंम्म्ं

कमलनाथ रज्जो की चुत मे पेलता हुआ - क्यू भाई राजन अदला-बदली करोगे क्या हिहिहिही

कमलनाथ की बात राजन ने कुछ और सोचा मगर अगले ही पल कमलनाथ बोला - अरे जगह की बात कर रहा हू भाई हिहिही

राजन भी हस कर अपना लण्ड रज्जो की मुह से बाहर निकालता हुआ - हा क्यू नही ,,,अगर आपकी इजाजत हो तो

कमलनाथ अपने धक्को की रफतार कम करता हुआ - अरे घर की बात है भई मिल बाट कर खाने मे ही मजा है

ये बोल कर कमलनाथ पीछे हट गया और वही बगल मे बैठ गया ।
राजन ने वही बेड पर घुटनो के बल खड़ा होकर रज्जो को अपनी ओर खीचा और रज्जो की जांघो को खोलता हुआ

राजन - क्यू भाभी जी आपको कोई ऐतराज तो नही

रज्जो थोदा शर्म कर मुस्कराते हुए - आप लोगो ने अपनी वाली कर ली तो पुछ क्यू रहे है ,,करिये जो मन है

रज्जो की प्रतिक्रया पर राजन रज्जो के चुत के उपर हाथ फेरता हुआ - ओह्ह मतलब मै जो चाहू कर सकता हुआ हम्म्म

रज्जो राजन के हाथ को अपनी चुत पर रेंगता पाकर सिस्कते हुए - उम्म्ंम्ं आह्ह कर लो ना जिजाअजीई उम्सीई अह्ह्ह्ह

राजन वापस कबूलवाते हुए अपना लण्ड रज्जो की चुत मे मुहाने पर घिसता हुआ - अह्ह्ह भाभी जी आपकी चुत बहुत मुलायम है ओह्ह्ह
कमलनाथ वही बगल मे बैठा अपना लण्ड सहलात हुआ - अरे अन्दर और भी मुलायम है ,,एक बार घुस कर तो देखो

अपने पति के मुह से ऐसी बाते सुन कर रज्जो बहुत उत्तेजित मह्सूस करने लगी ।

राजन अपना सुपाडा खोलकर उसे रज्जो के चुत के दाने पर घिस्ता हुआ - क्यू भाभी सच कह रहे है क्या भाईसाहब

रज्जो अपनी चुत पर राजन के लण्ड का सख्त अह्सास पाकर नशे मे डूबी जा रही थी और सिस्कते हुए - अह्ह्ह आअप खुद हीई देखहह लो नाआह्ह जिजाआआज्ज्जीईई उम्म्ंम

रज्जो की रजा मन्दी मिलते ही राजन बिना एक पल के देरी के एक जोर के झटके के साथ हचाक से एक ही बार अपना लण्ड उसकी खुली हुई चुत मे घुसेड़ दिया ,,जिससे रज्जो की चिख निकल कर रह आगयी

रज्जो - अह्ह्ह्ह जिजाआजीईई उम्ह्ह्ह्ह माआ मर गयीईई उम्म्ंम्ं अह्ह्ह

राजन वापस से लण्ड को पीछे लेकर एक और धक्का मारता हुआ - उम्म्ंम क्या हुआ भाभी ज्यादा तेज तो नही लगा ना

रज्जो थोडा मुस्कुराइ और थोडा कसमसाइ- उम्म्ं नही जिजाअजीई पेलो ना अब रुके क्यू हो अह्ह्ह अह्ह्ह ऐसे ही ओह्ह्ह

राजन ने भी अब अपना दम अपने साले और उसकी बीवी को दिखाने लगा ,,,

वही कमलनाथ भी राजन द्वारा अपनी चुद्ती देख बहुत ही उत्साहित था और कुछ नये विचार उसके मन मे जगह ब्नाने लगे थे ,,जिनहे वो आज रात ही रूप देने की सोच रहा था ।

ये सोच वो उठ कर अपनी चुदती हुई बीवी के बगल मे गया और उसके कान मे कुछ बोला ,,जिसे सुन कर रज्जो की सांसे भारी होने लगी ।


राजन को समझ नही आया कि क्या हुआ तो वो अपने धक्के की रफतार धीमी करने लगा

कमलनाथ रज्जो की रजामंडी पाते ही मुस्कुरा कर - भाई राजन अगर तुमको आपत्ति ना तो क्या कुछ नया आजमाना चाहोगे

राजन अपने धक्के रोकता हुआ मुस्कुरा कर लेकिन संसय के भाव मे - कुछ नया ,,मतलब मै समझा नही

फिर वो रज्जो को देखा जो शर्मा भी मुस्कान लिये उसे ही देखे जा रही थी ।

कमलनाथ - जानू आओ ना जरा

फिर रज्जो राजन को इशारे से उठने को कहती है और राजन चुपचाप अपना लण्ड उसकी चुत ने निकाल कर खड़ा हुआ ।
रज्जो तुरंत बेड से उठ कर निचे खड़ी हुई और कमलनाथ ने उसे अपनी बाहो मे भरते हुए उसके होठ चूसकर उससे अलग हुआ ।

कमलनाथ मुस्कुरा कर - अरे भई राजन वहा क्यू हो ,,यहा आओ ना तुम भी

राजन को कुछ समझ नही आ रहा था वो मुस्कुराता हुआ निचे आया और रज्जो के पीछे थोडा दुर खड़ा हुआ ।

फिर कमलनाथ ने रज्जो को इशारा किया तो रज्जो ने अपने हाथो का हाथ बनाते हुए कमलनाथ के गले मे डाल दिया और अप्नी एक टांग उठा कर बेड पर रख दिया । जिस्से रज्जो को गाड खुल कर राजन के सामने आ गयी ।

अब राजन को सारा खेल समझ आ गया औए उसका लण्ड वाप्स से कसने लगा
कमलनाथ राजन से मुस्कुरा कर - भाई अब देखते रहोगे या ...हिहिहिजी

राजन थोडा शर्माया और अपना लण्ड सहलात हुआ रज्जो के करीब आया और फिर ढेर सारा थुक अपने लण्ड के सुपाडे पर लगाया और फिर थोड़ा से रज्जो के गाड़ के सुराख पे लगा कर उसके छेद को टटोलते हुए अपना लण्ड उसके गाड के मुहाने पर लगा दिया ।

रज्जो ने जैसे ही अपनी गाड की सुराख पर राजन का कड़ा लण्ड मह्सूस किया उसकी सासे तेज हो गयी और अगले ही पल वो थोडा दर्द से तड्पी क्योकि राजन ने अपना आधा लण्ड उसकी गाड मे घुसेड़ दिया ।

रज्जो - अह्ह्ह उह्ह्ह अराआम्म्ंं से उम्म्ंम्ं सीईई अह्ह्ह

राजन बिना रुके वाप्स से लगातर दो तिन हल्के धक्के लगा कर पुरा लण्ड रज्जो की गाड़ मे भर दिया
रज्जो अब लंबी लम्बी सासे ले रही थी ,,और थोडा मीठा दर्द भी ना मगर अपने पति के सामने उसके जीजा से चुदवाने का मजा ही अलग था ।

राजन ने अब रज्जो के कूल्हो को थामते हुए धक्के लगाना शुरु कर दिया औ रज्जो ने अपनी सिसकिया चालू कर दी।

वही कमलनाथ भी पीछे कहा था वो भी रज्जो को थामे अपने हाथो से खुद रज्जो की गाड़ को फैला कर पकडे हुए था और अपनी बीवी की गाड चुदवा रहा था ।

धीरे धीरे धक्के नोर्मल होने लगे और रज्जो की सिसकिया फीकी होने लगी तो कमलनाथ का मजा कम होने लगा ,,ऐसे मे कमलनाथ ने कुछ सोचा

कमलनाथ - भई राजन जरा अपनी भाभी को सम्भालोगे

राजन रज्जो की कमर को थाम कर उसका भार अपने उपर लेता हुआ - आह्ह हा क्यू नही

इधर रज्जो भी समझ गयी कि आगे क्या होने वाला है मगर राजन इन सब से अन्जान था वो लगातार रज्जो की ढीली हो चुकी गाड़ मे धक्का मारे जा रहा था ,,,

इधर कमलनाथ ने भी अपना मोहरा सेट किया और थोडा सा थुक अपने लण्ड पर लगाते हुए झुक कर अपना लण्ड रज्जो की चुत के मुहाने पर रखा ,,जिससे अचानक से रज्जो की सिसकिया तेज हो गयी और राजन को समझ नही आया

तभी राजन को रज्जो की तेज दर्द भरी आहो के साथ अपने लण्ड के निचले हिस्से मे कुछ घर्षण मह्सूस हुआ और वो समझ गया कि कमलनाथ ने भी अपना लण्ड रज्जो की चुत मे डाल दिया है ।

जिससे वो भी जोश मे आ गया और वाप्स से अपने लण्ड मे एक नया जोश अनुभव किया और धक्को मे ताकत डाल दी ।

रज्जो - अह्ह्ह अराम्ं से जिजाअह्ह्ह जीई उम्म्ं ओह्ह अह्ह्ह
कमलनाथ अपना लण्ड रज्जो की चुत मे घुसेड़ता हुआ - ओह्ह्ह अब यही तो असली मजा आया है मेरी जान,,,, राजन भाई रुकना मत
ये बोलकर कमलनाथ भी अपने धक्के तेज करने लगा

रज्जो की हालत बहुत खराब होने लगी। वही राजन और कमलनाथ अपनी धक्को मे लय बना कर पेले जा रहे थे

रज्जो - ओह्ह्ह माआ मर गयीइज उह्ह्ह्ह सीई ओह्ह्ह अह्ह्ह मेरे राजा उह्ह्ह्ह बहुत मजा आ रहा है ओह्ह्ह ऐसे ही उम्म्ंम मै झड़ रही हूउउऊ उम्म्ंम और पेलो मुझे उन्मममं


कमलनाथ अपने लण्ड को कड़ा करता हुआ अपने दाँत पिसता हुआ रज्जो की चुत मे लम्बा लम्बा शॉट लगाता हुआ - क्यू जान मजा आ रहा है ना दो दो लण्ड से चुदने मे अह्ह्ह बोल ना मेरी रन्डी हुउऊ

रज्जो अपनी गाड और चुत मे दोहरे लण्ड की थ्पेड़ सहते हुए - उम्म्ंम आह्ह हा मेरे राजा बहुत ज्यादा ओह्ह्ह सीई और पेलो मुझे उम्म्ंम्ं अह्ह्ह

राजन जो कि काफी समय से रज्जो की गाड़ मार रहा था वो अपने चरम पर पहुचने लगा था वही कमलनाथ भी रज्जो से कामुक वक्तव्यो पर बाते करके भी एक दम से झडने के करीब था ,,

राजन - ओह्ह्ह भाईसाहब मेरा होने वाला है
कमलनाथ - हा राजन मेरा भी उम्म्ंम
रज्जो सिस्ककर - अन्दर नही प्लीज अंदर नही अह्ह्ह उह्ह्ह

रज्जो के बात पर दोनो ने आंखे खोली और अपना अपना लण्ड धक्को को धिमा करते हुए लण्ड बाहर निकाल लिया उसे हिलाने लगे ।

वही रज्जो की एक जांघ अकड गयी थी वो लडखड़ा कर खड़ी हो पा रही थी ।

कमलनाथ तेजी से अपना लण्ड हिलाते हुए - अह्ह्ह आओ न जान जल्दी उह्ह्ह

रज्जो अपनी मेहनत का एक भी बूंद जाया नही करना चाहती थी ,,इसिलिए वो दर्द सहते हुए भी अपने घुटनो के बल बडी मुश्किल मे बैठी और दोनो के आड़ो को छूने लगी ।

राजन और कमलनाथ पहले से ही चरम पर थे और अपना लण्ड हिलाये जा रहे थे । जैसे ही उन्हे रज्जो के हाथो का कोमल अह्सास अपने आड़ो पर मह्सूस हुआ उन्होने अपने सुपाडो से दबाब हटा दिया

राजन - अह्ह्ह भाभीई जीई अह्ह्ह अह्ह्ह
कमलनाथ भी अपना लण्ड हिलात हुआ एडीओ के बल होता हुआ - अह्ह्ह मेरी जान उह्ह्ह अह्ह्ह

दोनो ने लगभग एक सेकेंड के अंतराल पर पिचकारी छोड़ी जो रज्जो के मुह पर गिरी और आखिरी बूद निकलने तक अपना लण्ड हिलाते रहे ।

रज्जो सारा माल चाट गयि और दोनो के लण्ड को अच्छे से चुस कर निचोड़ा मगर दोनो के लण्ड मे अब भी तनाव था और वो तीनो एक दुसरेको देख कर मुस्कुराये जा रहे थे ।

जारी रहेगी
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Lutgaya

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कहानी लिखने का अंदाज ऐसा है कि पढते हुए ऐसा लगा जैसे कोई फिल्म देख रहें है।
नायाब लाजवाब
 

DREAMBOY40

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Bahut hi behatareen update bhai ji...
Akhir kar pallavi ne Anuj ko bada kar hi diya.. aur sansaar ke kuch jaruri kayde kanoon sikha diye...
Wohin neeche ke kamre mein to kamaal hi ho gaya... Rajjo ne ek nahi do do saanp kaabu kar liye ek sath hi... Isse pata chalta hai rajjo kitni badi wali hai...
Bhai ek dum behatareen update aage ka intezar.
Bahut bahut shukriya bhai ji
Sab apki daya drishti h ki apna anuj ajj bada ho gya :D
 

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Bahut bahut aabhaar mitra
 
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