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Thnxxx brotherबहुत ही बेहतरीन और कामुक अपडेट है
Jald hi milegaइंतजार रहेगा अगले अपडेट का
Superb updateUPDATE 114
CHODAMPUR SPECIAL UPDATE
पिछ्ले अपडेट मे आप सबने पढा कि कैसे कमलनाथ और ममता दोनो भाईबहन ने एक दुसरे को तृप्त किया और वही बगल के कमरे मे रज्जो अपने नंदोई से चुदती रही लेकिन कमलनाथ को खबर तक नही पडी । इनसब से अलग अनुज और पल्लवि की नजदीकी बढ़ी तो लेकिन एक छोटी मुसीबत के नाते अनुज ने कुछ फैसले किये है देखते है आगे क्या क्या होने वाला है क्योंकि सिर्फ जानीपुर की रात रंगीन नही थी , चमनपुरा मे भी राज शाम से ही बेचैन बैठा हुआ रहा था कि कब उसे चंदू के यहा जाने का मौका मिलेगा ।
अब आगे
राज की जुबानी
मै शाम होने का इन्तजार करने लगा कि जल्द से जल्द दुकान बढा कर चंदू के यहा जाऊ ।
इधर 6 बजे तक मा चौराहे पर चली गयी और मैने उसे बोल दिया कि मै खाना वही चंदू के यहा ही खाऊंगा ।
मा के जाने के बाद मैने फिर से WhatsApp चेक किया और देखा तो काजल भाभी ने अभी कुछ मिंट पहले ही मेरी ल्गाये हुये ब्रा पैटी के status को सीन किया , मगर उनका कोई रिप्लाई नही आया था । मै जानरहा था कि उनका इतना जल्दी रिप्लाई नही आयेगा ।
फिर वो मुझे ऑनलाइन दिखी तो वापस से मैने एक जोक का फ़ोटो status पर लगा दिया ।
इधर मै ग्राहको मे व्यस्त हुआ था कि उनका उसी status पर रिएक्शन रिप्लाई आ गया ।
मैने फौरन चेक किया तो दो हसने वाली एमोजी आयी थी ।
मैने भी एक हसने वाली एमोजी भेज कर निचे गुड एवनिंग का मैसेज सेंड किया ।
अगले ही पल मैसेज सीन हुआ और उन्होने भी गुड एवनिंग विश किया ।
अब मेरे दिल की इच्छा बढ़ी
मै - kaisi ho bhabhi ji
भाभी - thik hu ji , aur ap
मै - mai bhi , aur kya ho rha hai
भाभी - bs yahi khana bnane ja rahi hu
मै - ohhh , hmaare liye kya bn rha hai
भाभी -jo kahiye , lekin aap aate hi nhi hai .
मै - are rohan bhaiya ko aane dijiye ,, fir aata hu
भाभी - wo to isi hafate a rahe hai
मै - thik hai , kuch jrurt hogi to msg kariyega
भाभी - ha kyu nhi
मै - hmm bye
भाभी - bye
फिर मैने फोन कट करके आगे के लिए कुछ प्लान किया और दुकान बंद करके चंदू के यहा निकल गया ।
गलियारे से होकर मै सीधा उपर निकल गया जहा चंदू हाल मे बैठा मोबाइल पर बात कर रहा था और मुझे देखते ही चुप रहने को बोला ।
मैने उससे इशारे मे पुछा की कौन है तो उसने भी बस होठो से पापा बोला ।
मै चुप हो गया और इधर उधर देखते हुए चम्पा को खोजते हुए किचन की ओर गया
जहा चम्पा एक टीशर्ट और पैंटी मे खड़ी जल्दी जल्दी पुड़िया तल रही थी ।
चम्पा की हल्की सावली और नंगी जान्घे देख कर मेरा लण्ड अंगड़ाई लेने लगा और मै दबे पाव उसके पास पहुच कर अपना लण्ड लोवर से बाहर निकालते हुए सीधा उसकी गाड़ के पाटो पर सटाते हुए उससे चिपककर - ओह्हो क्या बना रही हो हम्म्म
चम्पा पहले तो चिहुकी फिर मुझे जान कर थोडी इतरा कर - ओह्ह तुम हो , वो मै पुड़िया निकाल रही हू उम्म्ंम्ं रुको नाआह्ह्ह्ह
मै हस कर उसके टीशर्ट के अंदर उसकी नंगी कमर मे घुमते मेरे हाथो को रोकता हुआ - क्या हुआ अच्छा नही लगा हम्म्ंम
चम्पा थोडा शर्मा कर हसी और मुझे ठेलते हुए - धत्त हटो ,,मै जल जाऊंगी
मै वापस अपने हाथ उसकी कमर से सरकाते हुए उसके नंगे चुतडो पर फिराता हुआ - लग रहा है चंदू ने अपना कोटा पुरा कर लिया है हिहिहिहू
चंपा ने आंखे उठा कर मुझे देखा और हसने लगी ।
मै उसको शर्माता देख और उत्तेजना मह्सूस किया और लपक कर उसके गाल चूम लिये ।
फिर मै उसके गाड के पाटो पर एक चपट लगाई और हस्ते हुए बाहर आ गया ।
थोडी देर बाद चंपा ने हम सब के लिए खाना ल्गाया । खाने के बाद मै और चंदू उपर की मंजिल पर टहलने चले गये रात के 8 बज रहे थे और चम्पा निचे बरतन खाली कर रही थी ।
मै आस पास नजर दौडा रहा था रात की बिजली मे सबके छत पर गरमी महीने की चहल पहल दिख रही थी ।
तभी चंदू मुझे पीछे से ठोकता हुआ - तब आज तेरा पहला बार है कोई बात हो तो पुछ ले हाहाहा
मै हस कर - अरे तू होगा ना साथ मे हिहिहीहि
चंदू - नही नही नही ,, पहला राउंड तू अकेले मजा ले फिर मै
मुझे भी उसकी बाते सही लगी
मै हस कर - तो तू यही रुक मै आता हू हिहिहीहि
चंदू - हा ठीक है जा हाहाहा
मै हसते हुए वापस निचे आया
मै वापस किचन मे गया तो वहा चम्पा नजर नही आई और फिर मै वही बगल के बेडरूम मे हल्का सा दरवाजा खोल कर अन्दर झांका तो चम्पा अपना टीशर्ट निकाल दी थी और उसके बडे बडे मोटे चुचे लटके हुए थे ,,वो सिर्फ पैंटी मे थी
वो आल्मारि से कुछ कपडे निकाल रही थी तो मै धीमे से दरवाजे को खोल और दबे पाव उसके पीछे जाकर उसके कंधो के निचे से हाथ डाल कर उसके दोनो मोटे थन जैसे चुचो को दबोच लिया
चंपा सिस्ककर - उम्म्ंं सीईईई ओफ्फ्फ्फ राज्ज्ज उम्म्ं क्या कर रहे उम्म्ंम
मै उसके मुलायम चुचो को हाथो मे भरते हुए - क्या खोज रही हो यहा ,,उम्म्ंम्ं
चंपा कसमसा कर - वो वो उम्म्ंम सिह्ह्ह्ह उह्ह्ह उम्म्ं वो मै मै हहहह अह्ह्ह्म वो मै कपडे बदलने जा रही थीईई उम्मममं
मै उसकी चुचियो को मिज्ते हुए अपना लोवर मे खड़ा लण्ड उसके गाड के उभार मे धसान्ते हुए - जब सब उतारना ही है तो क्या करोगी पहन के उम्म्ंम
चम्पा थोडा हसी और मैने उसे अपनी ओर घुमाते हुए उसकी नशीली आंखो मे देखा और उसके फड़फडाते होठो को मुह मे भर लिया
चंपा के मुलायम होठ धीरे धीरे पिघलने लगे और अगले ही पल चम्पा मुझपर हावी होने लगी ,,,उसने मेरे होठो को निचोडना शुरु कर दिया
मेरे हाथ खुद ब खुद उसके 36 के कूल्हो पर चले गये और मै उन्हे बडी मर्ममता से भिचने लगा ।
नतिजन चम्पा और उत्तेजित होकर अपनी एडिया उच्काते हुए मेरे और करीब आने लगी ।
मैने उसके कूल्हो को छोडते हुए अलग हुआ और एक ही झटके मे अपनी टीशर्ट बनियान सहित निकाल दी और चंपा से चिपक गया ।
उसके मुलायम चुचे मेरे सीने मे दब गया ,,,मेरे बदन मे सिहरन पैदा होने लगी उस स्पर्श से और मै उसके पीठ पर अपने हाथ फेरने लगा ,,ठीक वैसे ही चंपा भी मुझे अपने सीने से चिपकाये मेरे पीठ पर अपने हाथ कड़े करते हुए मुझे ऐसे कसने लगी मानो मेरा बदन ही तोड देगी
हमारे होठ एक फिर से जुड़ गये और उसके हाथ निचे मेरे लोवर मे घुसकर मेरा लण्ड टटोलने लगे ।
अगले ही पल चंपा ने मेरे लण्ड को भिचना शुरु कर दिया और मै उसे पकड कर बिसतर के पास लाया ।
खुद बिस्तर पर बैठते हुए उसकी एक चूची मे मुह लगा दिया
चम्पा पागल सी होने लगी और तेज सिसकिया लेने लगी ,, वो काफी गरम दिख रही थी उसने अपने जांघो को खोलकर मेरे घुटने पर बैठ गयै और अपनी फुली हुई चुत को मेरे जांघो पर घिसना शुरु कर दिया ।
मै इस अह्सास से पागल होने लगा ,,,मैने उसकी कमर मे हाथ डालकर अप्नी ओर खीचा और उसकी दुसरी चूची को थामते हुए ज्यादा से ज्यादा मुह मे भरने लगा ।
मेरा दुसरा हाथ जो उसकी कमर पर वो पीछे उसके गाड की लकीरो की ओर सरक्ने लगा और मेरे जीभ लपालप चम्पा के निप्प्ल पर चलने लगे ।
चम्पा -उह्ह्ह्ह रज्ज अह्ह्ह्ह माआ बहुत मस्त कर रहे ओह्ह्ह्ब उम्म्ंम ऐसे ही और चुसो इसे उम्म्ंम्ं
मै उसकी दोनो चूचियो को बारी बारी से चूसते हुए उसकी गाड की गहरी दरारो मे एक हाथ को ले जाने लगा ,,,जैसे मेरी बीच वाली ऊँगली चम्पा के गाड़ के सुराख की ओर बढ रही थी वो अपने गाड़ को सिकोड़ते जा रही थी और उछलती रहती थी जिस्से उसके चुचे मेरे मुह मे और भर जाते
आखिर कार उसके सख्त हुए पाटो मे अपनी उन्गली घुसेड़ते हुए उसके गाड़ के सुराख पर ऊँगली की टिप छू गयी जिससे चम्पा चिहुक उठी
मैने उसको थामा और अच्छे से वहा पर उन्गली फिराया और चंपा के होठ को वाप्स से मुह मे भर लिया ।
इधर चंपा ने चुत ने पिचपिचाना शुरु कर दिया था और उसके हाथ मेरे लोवर के उपर से लण्ड को सहलाये जा रहा था ।
उसने मेरे होठ से अपने होठ छुड़ाए और मेरे आंखो मे बडी कामुक अदा से देखते हुए खड़ी हुई और मेरे कदमो मे बैठ गयी ।
चम्पा की हरकत देखते ही मुझे कल उसकी लण्ड चूसने की स्टाइल याद आ गयी और मै पूरी तरफ से सीहर उथा ,,,मेरे लण्ड मे एक नया जोश आ गया और मै एक गहरी आआहहहह भरी ।
चम्पा ने मुस्कुरा कर मेरे लोवर की लास्टीक को फैलाया तो मै भी अपनी कमर उचकाया
मौका देख कर चंपा ने लोवर और अंडरवियर एक साथ घुटनो के निचे कर दिया और मेरा लण्ड टनटना कर खड़ा हो गया ।
मैने उसे थामा कर हलके हाथ से सहलाते हुए दुसरे हाथ से चंपा के बालो मे फिराया और उसका चेहरा पकड कर खुद लण्ड के करीब लाया ।
चम्पा एक बार नजर उपर करके मेरे आंखो मे देख कर मुस्कुराइ और मुह खोल्कर अगले ही पल लण्ड को भर लिया ।
मैने एक गहरी सास ली और वही चंपा मेरे लण्ड को गले तक उतारती चली गयी ।
मेरे लण्ड के सतह पर उसके लार का गिलापन और एक ठंडक सी मह्सूस हो रही थी और मै एक आनन्द मे दुबा जा रहा था
तभी चंपा ने मेरे आड़ो को थामा और लण्ड को पुरा निगलने लगी जिससे मेरे लण्ड मे और भी कड़ापन होने लगा
मुझे एक पल को कल की लण्ड चुसाई याद आई और मै वापस से बिना चंपा को चोदे झड़ना नही चाहता था इसिलिए मैने उस्के सर को थामा और उपर की ओर किया
चम्पा ने ढेर सारा लार मेरे लण्ड पर ल्भेड़ लिया था और उसे अपने दोनो हाथो अपने दाँत भींच्ते हुए लण्ड को कस कर चिकना कर रही थी ।
मैने उसका रन्डीपना देखा और मुझे उसके चोदने की इच्छा और भी तेज होने लगी
मैने उसे खड़ा किया और खुद भी खड़ा होकर उसके बिसतर पर धकेल दिया
वो गद्देदार बिछौने पर थोडा उछली और उसके चुचे भी हिले
मैने अपना लोवर निचे निकाल दिया और उपर चढने लगा ,,,मुझे बिस्तर पर आते देख चम्पा ने फौरन अपनी गाड़ उचका कर पैंटी निकाल दी और जांघो को खोलते हुए अपनी गीली चुत को थपथपाने लगी ।
मैने आज तक ऐसे गरम लड़की नही देखी थी जो ऐसे सेक्स के लिए इतनी बेशर्म हो जाती हो
मेरा लण्ड उसके अन्दाज से और फनफना उथा और मैने उसके जांघो को फैलाते हुए अपना लण्ड उसकी चुत के उपर रखा
उसने अगले ही पल अपनी कमर को नचा कर लण्ड को अपनी चुत के मुहाने पर सेट कर लिया ।
मैने अपना एक हाथ उसकी मासल जांघो पर फिराया और अंगूठे से उसके चुत के दाने को फ्लिक किया ,,वो चिहूक कर अपनी गाड पटकते हुए - उम्म्ंम डाल दो ना उम्म्ंम सीई अह्ह्ह
मै उसकी तडपन देख कर हस्ता हुआ उस्से काबूलवाया - क्या डाल दू हा
चंपा थोडा मुस्कुरा कर लेकिन पूरी तरह से उत्तेजित होकर -येएह्ह्ह अपना मोटा लण्ड,,,घुसाओ ना इसे उम्म्ंम्ं
ये बोल कर वो अपनी चुचिया मिजने लगी
मै भी उसकी तडपन बढ़ाने के लिए लण्ड की चमडी खोलकर सुपाडे को उसके चुत के दाने पर रगड़ता हुआ - कहा घुसाऊ बोलो ना उम्म्ंम
चंपा कसमसाइ और अपनी गाड़ उच्काते हुए - यहाहहहआआआ मेरी चुत मे डालो नाआआ उह्ह्ज
मैने देर ना करते हुए एक ही धक्के आधा लण्ड उसकी चुत मे घुसेडा ,,वो थोडा दर्द से सिसकी ,,,क्योकि मेरा लण्ड उसकी तडप और उत्तेजना देख कर पहले से ज्यादा मोटा और टाइट था
मै आधा लण्ड उसकी चुत मे घुमाते हुए - क्या हुआ दर्द हो रहा है क्या उम्म्ंम
चंपा ने वापस से अपनी गाड उचकाई और एक जोर के झटके के साथ चुत को उपर ठेला जिससे लगभग पुरा लण्ड उसकी चुत मे घुसता चला गया
मुझे ध्क्क्क सा हुआ एक पल को और फिर एक हल्का सा दर्द हुआ लण्ड के चमडी मे लेकिन आनन्द बहुत ज्यादा मिला
मैने उसकी आंखो मे देखा और वापस अपने लण्ड को पीछे खिच कर एक जोर का ध्क्क्का देते हुए पुरा लण्ड उसकी चुत के जड़ मे उतारते हुए उसके उपर आ गया ।
वो थोडा सिसकी और फिर मेरी आखो मे देखते हुए मेरे होठो को चूसना शुरु कर दी
मैने भी अपनी कमर को पटकते हुए उसे पेलना शुरु कर दिया ।
मेरे लम्बे धक्के उसके मुह खोल देते और आंखे फैल जा रही थी ,,,उसकी हिलती चुचिया मुझे फिर से ललचाने लगी ।
मैने झुकते हुए एक को मुह मे भरा और तेजी से धक्का लगाते हुए उसके चुत मे पेलने लगा ।
चम्पा मेरे सर को अपनी चुची पर दबाते हुए - उम्म्ंम ओह्ह्ह राज्ज्ज्ज आह्ह ऐसे ही बहुत मजा आ रहा है उम्म्ं हम्म्म
मैने तेजी से घपाघप उसकी चुत मे लण्ड भरे जा रहा था और उसकी चुत अपनी पानी छोड़े जा रही थी ,,,
चम्पा- ओह्ह तुम सच मे माहिर हो चोदाने उम्म्ंम ,,तुमने चंदू से झुट क्यू बोला अह्ज्ज्ज
मै मुस्कुरा कर उसकी आँखो मे देखते हुए - सच बोलता तो क्या चंदू तुमको चोदने देता उम्म्ंम अह्ह्ज बोल ना
चम्पा ने मुस्कुरा कर ना मे गरदन हिलाया और मैने वापस से लण्ड उसकी चुत की गहराई मे ले जाने लगा
चम्पा - उम्म्ंम तो फिर किसे चोदा पहली बार उम्म्ंम ,,कौन है जो रोज इतने मस्त लण्ड से अपना भोसडा बनवाती है उम्म्ंम अओह्ह्ह उम्म्ं
मै ह्स कर - ऐसा कोई नही है ,,,वो सब्बो है ना साली वही कभी कभी आ जाती है उम्म्ंम्ं
चम्पा - उम्म्ंम सच मे या कुछ छिपा रहे हा
मै मुस्कुरा कर - सच यही है उम्म्ंम लेकिन तुम बहुत गरम हो ,,अब सम्झा की बचपन ने चन्दू ने इतनी जल्दी कैसे तुमको पा लिया
चम्पा अपनी कमर घुमा कर मेरे लण्ड को निचोडते हुए - उस समय पहले मेरी नजर तुम पर ही थी लेकिन तुम बडे शरीफ रहते थे तो भाई को ही ओह्ह्ह उम्म्ंम लपेटना पडा मुझे उम्म्ंम ऐसे ही मेरा फिर से आने वाला है उम्म्ंम
मै उसकी बाते सुन कर और भी उतेजीत होने लगा वही चंपा झडने वाली थी तो उसने मेरे लण्ड पर छल्ला बनाते हुए उसे निचोडना शुरु कर दिया
लेकिन फिर भी जोश की कोई कमी नही थी कुछ ही पलो मे फ्च्च्ग फच्च फच्च फच्च की आवाजे आने लगी और चम्पा झड़ रही थी उसकी पकड़ मेरे लण्ड पर अब ढीली थी मगर मै चरम पर था
मैने जलदी से लण्ड को बाहर निकाला और तेजी से हाथ चलाना शुरु किया और वही उसके पेट और चुत पर झडने लगा ।
फिर निढ़ाल होकर वही उसकी जांघो का सहारा लेके हाफता रहा
थोडी देर बाद हमारी नजरे मिली और फिर हम दोनो हस पडे
मै उसके बगल मे जाकर करवट लेते हुए लेट गया और उसकी चुची पर हाथ घुमाते हुए - मजा आया उम्म्ंम
वो शर्माई और हा मे सर हिला दी ।
मै - तो उपर चले
चंपा - ऐसे ही कपडे तो पहन लेने दो
मैने हस कर उसको पकड के खिचते हुए खड़ा हो गया और वो खिलाखिलाती हुई जोर लगाने लगी ।
मै - चलो मा देखते है क्या कर रहा है वो हिहिहिही
चम्पा - हा लेकिन ऐसे छत पर
मै - अरे देखो 9 बजने वाला है और हम लोगो का छत उपर भी है
वो थोडा कुनमनाई लेकिन मै उसे खीचते हुए गुदगुदाते हुए उपर जीने की ओर ले जाने लगा ।
उस्के बदन का स्पर्श और उसे नंगी छत पर घुमाने के अह्सास से मेरा लण्ड फिर से कड़ा होने लगा
मैने उसके नंगे चुतडो पर हाथ फिराया और एक पाट को दबाने लगा वो खिलखिलाकर मेरे हाथ झटकते हुए तेजी से उपर की ओर भागी और जीने के मुहाने पर रुक गयी क्योकि बाहर छत की बिजली जल रही थी ।
मैने वही उसको पीछे से दबोच लिया और अपना लण्ड उस्के गाड़ मे लकीरो मे फसाते हुए उसकी चुचियो को फिर से थाम लिया ।
यहा चंदू ने कानो मे जैसे ही चम्पा के सिस्कियो की आवाज आई वो लपक कर जिने की ओर आया
और अपनी बहन की नंगी चुचिया मेरे हाथो मसल्ता देख उसकी आंखे चमक उठी और वो तभी उसकी नजर अपनी बहन के खुली हुई चुत पर गयी जो हाल की चुदाई से लाल हुई थी
चम्दू फौरान घुटनो के बल होकर अपना मुह चम्पा की चुत मे दे देता है ।
चम्पा अपनी चुत मे कुलबुलाहत से चौक जाती है और उसकी नजर जब निचे बैठे अपने भाई पर जाती है तो उसकी उत्त्जना और बढ जाती है वो उसका सर पकड कर अपनी चुत मे दबाते हुए सिसकने लग जाती है ।
मुझे भी चंदू के इस पैतरे से जोश आता है और मै हाथो मे भर भर के चंपा की चुचिया मसलते हुए उसके गाड़ के सुराख तक लण्ड को उसकी दरार मे घुसेड़ने लगता हू ।
चम्पा को जैसे ही मेरा सुपाडा अपनी गाड के सुराख के पास मह्सूस होता है उसकी सासे अटक जाती है वो तेजी अपने चुतड को सख्त कर लेती है
चम्पा - उम्म्ंम ऐसे नही राज तेल लगा के प्लीज उम्म्ंम दर्द होगा उम्म्ंम सीईई आह्ह
वही चंदू बिना रुके लपालप कुत्ते के जैसे अपनी जीभ को अपनी बहन के चुत पर फिराये जा रहा था और कभी कभी उपर की निकली हुई चम्दी को मुह मे लेके चुबलाने लगता ।
चम्पा से अब रहा नही जा रहा था तो उसने चंदू का सर अलग किया और वो खड़ा हो गया ।
मै और चंदू मे एक दुसरे को देखा और हम मुस्कुराने लगे
चम्पा अब हमारे बिच मे थी
मैने उसे जीने की दिवाल से लगाया और झुक के उसकी एक चूची मुह मे भर ली ,,मुझे देखते ही चंदू कैसे रुकता वो भी फौरान झुक कर अपना मुह अपनी बहन की दुसरी चुची पर लगा दिया ।
हम दोनो मिल के चम्पा की दोनो चुचीया चूसने लगे और वो हमारे सर पर हाथ फिराते हुए आह्ह्ह भरे जा रही थी ।
हमारे हाथ उसकी दोनो जांघो और चुत के किनारे किनारे दोनो तरफ घूम रहे थे जिससे च्मपा को और भी मदहोशि हो रही थी ।
वही चुची चुस्ते हुए मैने चंदू को आंखो मे ही इशारा किया कि इसे निचे हाल मे लेके चलते है ।
वो मुस्कुराया और हमने चंपा को दोनो तरफ से उठा लिया
वो थोडा खिलखिलाई मगर हम दोनो उसे वैसे ही उठाए निचे हाल मे लाकर सोफे पर उतार दिये ।
इधर मै और चम्पा एक गहरे चूम्बन मे खो गये और वही चंदू ने फटाफट अपने सारे कपडे निकाल कर अपना लण्ड सहलात हुआ खड़ा हो गया ।
मै और चम्पा अलग हुए और चम्पा ने बिना कुछ कहे चन्दू मे लण्ड को हाथो से दुलारना शुरु कर दिया
अब ऐसे सुनहरे मौके पर मै पीछे कैसे रह जाता ,,मै भी वही चम्पा की दुसरी ओर खड़ा हुआ
उसने मुस्कुरा कर मुझे देखा और दुसरे हाथ से मेरे लण्ड को थाम लिया ।
अब उसके दोनो हाथो मे खडे लण्ड थे जिन्हे वो आगे पीछे करके और कड़ा किये जा रही थी ।
तभी चम्पा ने मुह खोला और अपने भाई का लण्ड आधा मुह मे भर कर सूरकते हुए बाहर निकाली जिस्से चंदू सिहर गया
उसने वापस चंदू की आखो मे देखा और उसका लण्ड मुह मे भरते हुए इस बार मुह मे ही आगे पिचे करते हुए उसके सुपाड़े पर जीभ घुमाने लगी ।
चंदू फिर से गनगना गया
चंदू - ओह्ह्ह दिदीईई उम्म्ंम्ं सीईई
चंदू की सिसकियाँ सुन कर मेरे लण्ड मे और जोश आने लगा जिससे मेरा लण्ड चम्पा के हाथ मे भरने लगा ,,,इसका आभास होते ही चम्पा ने अपने भाई के लण्ड को अपने मुह से निकाला और मेरा लण्ड ग्पुच लिया ,,,अह्ह्ह फिर से वही मुलाअयं अह्सास उम्म्ंम
चम्पा मेरे लण्ड की जड़ को पकड हुए गुउउऊ गुउउऊ करके मेरे लण्ड को चूसे जा रही थी और दुसरे हाथ से चंदू के आड़ो से खेल रही थी
थोडी देर तक चंपा ऐसे ही हम दोनो के लण्ड चुसती रही ,,कभी एक लण्ड को तो कभी दोनो लण्ड एक साथ सामने लेके अपने जीभ को हमारे सुपाडो पर लपल्पाती जिससे हमे और भी उत्तेजन हो रही थी ।
इधर चंदू को चुत की तलब होने लगी ।
उसने चम्पा को इशारा किया जो मुझे समझ नही आया अगले ही पल चंपा हम दोनो के लण्ड छोड कर खड़ी हो गयी ,,जबकी चंदू फौरान सोफे पर बैठ कर लण्ड को सीधा उपर की ओर करते हुए सहलाने लगा ।
चम्पा मुस्कुरा कर पीछे हुइ और जान्घे खोलकर चंदू की ओर पीठ किये लण्ड पर बैठती चली गयी ।
अगले ही पल मे चंदू का लण्ड उसकी बहन की चुत मे था और मेरा लण्ड उसकी हाथो मे ।
चम्पा अब हल्का हल्का उछलते हुए मेरा लण्ड सहलाए जा रही थी ।
मगर चंदू बहुत जोशीला हुआ जा रहा था वो बार बार निचे निचे से झटके दिये जा रहा था
लेकिन चम्पा के मुह मे अब मेरा लण्ड भरा हुआ था वो झुक कर मेरा लण्ड चुस्ते हुए निचे से झटके खाये जा रही थी ।
तभी मैने चंदू को इशारा किया की वो तेज झटके लगाये ,,,वो मुस्कुराया और अपनी जांघो को एड़ियो के बल उचकाते हुए तेजी से चम्पा की कमर थामते हुए पेलना शुरु कर दिया ।
चंपा गुउउऊ गुउऊ गुऊ करते हुए तेज झटके खाने लगी ,,,मेरा लण्ड उसके गले तक जाने लगा ,,,चम्पा का अब खुद पर नियन्त्रण नही था चंदू के तेज झटके से उसके दाँत भी मेरे लन्ड़ को चुबने लगे थे ,,,ऐसे मे मैने अपना लण्ड बाहर कर लिया
वही चंपा को भी थोडी राहत हुई वो अप्नी चुत सहलाते हुए खुद अपने भाई के लण्ड पर कूदने लगी ।
चम्पा - ओह्ह्ह हा भाई ऐसे ही उम्म्ंम अह्ह्ह्ह भैईई उम्म्ंम और तेज्ज़्ज़ अओह्ह्ह
चंदू भी तेज धक्के लगाते हुए - उम्म्ं मजा आ रहा है ना दीदी तुम्को और लो अह्ह्ह बहत्त चुदकककद हो तुमम उम्म्ं अह्ह्ह
जल्द ही चंदू की रफतार धीमी होने लगी तो मैने चम्पा को इशारा किया,,,वो फौरान उठ कर सोफे का किनारा पकड कर झुक गयी ,,,मै उसकी एक टांग उठा कर सोफे पे टिका दिया और लण्ड को उसकी रसाती चुत के मुहाने पर ल्गाते हुए एक जोर का धक्का दिया
चंपा की गीली और ढीली चुत मे मेरा लण्ड सटसटा कर एक ही बार मे जड़ तक घुस गया
चंपा- अह्ह्ह्ह्माआ माआ मर ज्ञीईई उह्ह्ह
मैने बिना रोके उसके कुल्हे थामते हुए तेज तरार धक्के उसकी चुत मे लगाने शुरु किये
चम्पा की चर्बीदार गाड मेरे हर धक्के को दुगनी गति से वापस भेज देती है और इससे मुझे चोदने का मजा और भी आ जाता है ,,,
चंपा का बदन टुट रहा होता है और मै लगातार तेजी से उसकी चुत मे धकाककमं पेल चोदे जा रहा था ।
वही चंदू फटी आन्खो से तेजी से अपना लण्ड हिलाते हुए चम्पा के साम्ने गया और लण्ड को उसके मुह पर फिराने लगा
चम्पा ने बस मुह खोला और चंदू ने उसके बाल थामते हुए लण्ड को उसके मुह मे डाल दिया ,, इधर मेरे तेज धक्को से चंपा आगे पीछे हिले जा रही थी और चंदू का लण्ड उसके मुह मे अंडर बाहर हुआ जा रहा था ।
मगर चंदू को मानो कोई नशा सा हो गया था इधर मैने अपनी गति धीमी की और वो तेजी चंपा के सर पकडते हुए मुह मे पेलना शुरु कर दिया
चम्पा की हालत खराब होने लगी ,,,लेकिन चंपा जैसी गरम चुद्वासी के लिए ये भी कम ही था
इधर मेरी नजर जब चंदू के हरकत पर गयी तो मै वाप्स दुगनी जोश से उसके कूल्हो को थामते हुए धक्के लगाने शुरु कर दिये
इधर चंदू जोश मे आकर कुछ आखिरी धक्को के साथ लण्ड को अपनी बहन के मुह मे भर कर सर को अपने लण्ड पर दबाते हुए तेजी से झडने लगा
उसका सारा माल च्मपा के लार के साथ निचे फर्श पर टपक रहा था
इधर चंदू को इतनी बुरी तरह से झड़ता देख मै भी आखिरी धक्को के साथ आहह भरता हुआ ,- अह्ह्ह मेरा आने वाला हौ उम्म्ंम्ं
मेरी आवाज सुनते ही चंदू के चम्पा के सर पर ढील दी और मैने भी अपना लण्ड उसकी चुत से बाहर निकाला
मगर वो इतना थक चुकी थी कि सरक कर सोफे का टेक लेते हुए निचे फरश पर बैठ गयी ।
उसके बाल आंखे मुह बुरी तरफ चंदू के माल से लभेदे हुए थे फिर भी ना जाने क्यू मुझे और जोश आ रहा था और मै अपनी एडिया उचकाते हुए तेजी से अपने लण्ड को हिलाना शुरु किया और फिर लगातर मेरा माल चम्पा के मुह और सीने पर जाने लगा
आखीरि बूंद निचोड लेने के बाद मैने अपना लण्ड वीर्य से सने च्मपा के गालो पर पटका और फिर हाफते हुए सोफे पर ढह गया ।
रात मे 2 बार और बुरी तरह से मै चंदू के साथ मिलकर चंपा को चोदा ।
अगली सुबह बहुत सामान्य रही ,,,मैने चंदू के घर ही फ्रेश होकर नासता किया और दुकान पर चला गया ।
इधर चमनपुरा मे ये सब चल रहा था तो वही जानीपुर मे रज्जो के घर मे भी कम चहल पहल नही थी ।
लेखक की जुबानी
रात मे धक्कमपेल चुदाई के बाद सुबह करीब साढ़े 6 बजे सबसे पहले नीद ममता की खुली ।
उसने एक नजर बगल मे सोते अपने पति पर मारी और फिर अंगड़ाई लेते हुए उठ कर बाहर निकल गयी ।
एक नजर उसने अपने भैया के बंद कमरे पर डाली तो रात मे बिताये कुछ हसिन पलो को याद करते हुए उपर छत की ओर जाने लगी ।
वही निचे सोनल के कमरे मे पल्लवि और सोनल उठ चुके थे ,, सोनल जैसे ही बाथरूम के लिए कमरे से बाहर निकाली ,,, पल्लवि मौका देख कर कमरे से बाहर अनुज के कमरे की ओर निकल दी ।
मगर उसे अनुज का कमरा बाहर से बंद मिला और वो तुनक कर वापस अपने कमरे मे चली थी ।
इधर उपर के कमरे मे रज्जो भी थोडी देर बाद उठी और कमलनाथ को आवाज देकर उपर फ्रेश होने के लिए चली गयी ।
उपर ममता पहले से ही बाथरूम मे कब्जा जमाए हुए थी और यहा रज्जो को जोर की पेसाब लगी थी । वो वही खड़ी छटपटा रही थी ,,, उसने बाथरूम का दरवाज भी खटखटाया लेकिन ममता बस दो मिंट दो मिंट बोल के रुकी रही ।
वही निचे कमरे कमलनाथ उठ चुका था और वो अपने कमरे से बाहर आते ही राजन को देखता है जो उपर की ओर जा रहा होता है ।
कमलनाथ - अरे राजन रुको भई हम भी चल रहे है
राजन खुश होते हुए - अरे भाईसाहब आईये ,चलिये
कमलनाथ राजन के साथ सीढ़ीओ से उपर जाता हुआ - आज लग रहा है तुम भी लेट उठे हो हाहहहा
राजन हस कर - हा वो यहा रह के थोडा बहुत बदलाव आ जा रहा है भाईसाहब
कमलनाथ और राजन उपर दरवाजे से बाहर निकलता हुआ छत पर आते हुए - और तब फिर यहा का माहौल कैसा लग रहा है
राजन - ब ब बहुउउउऊतटटत हीईई अअअ अच्चाआआआ
कमलनाथ ने गौर किया कि राजन बोलने मे अटक रहा है तो वो हसते हुए राजन की ओर पलटा, और उसने राजन को देखा जो अपनी फैली हुई आंखो से बाथरूम के दिवाल के बगल मे रज्जो पेतिकोट उठाए मुतता देख रहा था और उसकी नजरे रज्जो के फैली हुई गाड़ से हट ही नही रही थी ।
हुआ दरअसल यू कि रज्जो के बार बार कहने पर जब ममता ने दरवाजा नही खोला तो रज्जो से पेसाब का प्रेसर रोका नही गया और वो वही बाथरूम के बगल मे छत मे बनी एक पानी वाली पाइप के पास अपनी पेतिकोट को कमर तक उठाए गाड फैला कर मूतने लगी और ऐन मौके राजन और कमलनाथ छत पर आ गये थे ।
कमलनाथ ने देखा कि राजन ने अब भी नजर उसकी बीवी के भारी चुतडो से नही हटाई तो वो थोडा गला मे खरास किया जिससे राजन और रज्जो दोनो चौक पड़े ।
रज्जो फौरन उठ गयी और राजन ने मुह फेर लिया ।
रज्जो और राजन दोनो अब कमलनाथ के सामने थोडी झिझक हो रही थी ।
कमलनाथ इस बात को आगे नही ले जाना चाहता था क्योकि राजन उसका जीजा था और ये सब अनजाने मे ही हुआ था ।
मगर फिर एहतियात के तौर पर राजन कमलनाथ से मुखातिब होते हुए - माफ किजीएगा भाईसाहब वो अचानक से
कमलनाथ ने जब राजन के मुह से माफी की बात सुनी तो उसे समझ आया कि शायद राजन भी इसके लिए शर्मीन्दा है तो वो इसे मजाक का रूप देते हुए उसके कन्धे पर हाथ रख कर छत की दुसरी ओर ले जाने लगा ।
कमलनाथ - क्या यार राजन तुम भी , वो बस अचानक से हुआ
राजन - हा लेकिन फिर भी मुझे लगता है कि मुझे भाभी जी से माफी मांगनी चाहिये
कमलनाथ थोडा सामान्य होकर - हा उस लिहाज से मुझे भी रज्जो से माफी मांगनी चाहिये
राजन हस कर - क्या आप भी भाईसाहब मजाक करते है ,, आप तो उनके पति है , आप तो रोज उनकी.....
इतना बोल कर राजन चुप हो गया मगर कमलनाथ उसका वक्तव्य पुरा समझ गया
कमलनाथ हस्ते हुए - अरे भाई रोज देखता हू इसका मतलब ये नही किसी को दिखाने भी ले जाऊ ,,,कही उसने ये सोच लिया कि मै तुम्हे दिखाने लाया था तो हाहहहहा
राजन हसता हुआ - क्या भाई साहब आप भी हिहिहीहि ऐसा कोई करता है भला
कमलनाथ - नही करता भाई इसिलिए तो माफी मागनी पड़ेगी हिहिहीहि
इधर इन दोनो की बाते चल रही थी उधर रज्जो बाथरूम मे जा चुकी थी और ममता नहा कर निकल चुकी थी । जो इस समय एक ब्लाऊज पेतिकोट मे थी ।
कमलनाथ की नजर जैसे ही अपनी छोटी बहन पर गयी उसको रात की घटनाये याद आने लगी और उसका लण्ड पाजामे में अंगड़ाई लेने लगा ।
राजन ने भी गौर किया कमलनाथ का ध्यान उसकी बीवी के कसे कूल्हो पे ही जमी है । मगर उसने मुस्कुरा कर बात को टाल दिया ।
थोडी देर बाद सभी लोग नहा धोकर निचे हाल मे नासते के लिए एकजुट हुए ।
रज्जो और ममता ने सबको चाय पकोड़े दिये। इस दौरान रज्जो जानबुझ कर कमलनाथ और राजन से शर्माने का दिखावा करती रही ।
रज्जो को ऐसे सामने देख कर कमलनाथ एक बार राजन की ओर देखता और वो दोनो सुबह की घटना को याद करते हुए मुस्कुरा देते है ।
खैर चाय नास्ते का काम चालू था मगर अनुज कही नजर नही आ रहा था ।
पल्लवि बार बार नजर घुमा कर बेचैन हुई जा रही थी ।
इतने मे रमन बोला - अरे मा ये अनुज अभी तक उठा नही
रज्जो का ध्यान भी अनुज के बारे मे गया तो उसने हाल मे नजर घुमाई - पता नही रुक मै उसके कमरे मे देखती हू ।
तभी ममता दरवाजे पर देखती है जहा अनुज अपनी चप्पल निकालते हुए घर मे घुस रहा था - अरे लो ये तो बाहर से आ रहा है ।
रज्जो अनुज को देख कर - कहा गया था तू अनुज सुबह सुबह
अनुज जो कि कल रात मे किये भगवान से वादे को पुरा करने और सवा किलो लड्डु का भोग लगाने मंदिर गया था तो वो ये सब बाते सबको कैसे बताता कि किन कारणो से उसे सुबह सुबह गायब होना पडा ।
अनुज हस कर - अरे मौसी वो आज सवेरे नीद खुल गयी थी बाहर टहलने चला गया था
ममता चौक कर - अकेले ही , देखा भी यहा कुछ कही खो जाता तो
रज्जो ह्स कर - अरे नही रे ,,,अनुज यहा तो आता जाता रहता है उसे घूमने के बस यही बगल का पार्क चाहिये ,,,क्यू अनुज
अनुज हस कर - हिहिहीहि हा आप तो जानती ही हो मौसी
इधर सब वापस नास्ते मे भिड़ गये वही अनुज की नजरे पल्लवि के मुस्कुराते चेहरे पर गयी और उसने वापस से तौबा करते हुए मुह फेर लिया ।
नासता खतम होने के बाद कलनाथ ने एक घन्टे बाद सबको तैयार होने के लिए बोल दिया ,,,उसके बाद सब लोग घूमने लिए जाने वाले थे ।
जारी रहेगी
देखते है आगे क्या होने वाला है
अनुज और पल्लवि की कहानी क्या मोड लेगी ।
आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा ।
धन्यवाद
Behtreen updateUPDATE 115
CHODAMPUR SPECIAL UPDATE
पिछले अपडेट मे आप सभी ने पढ़ा कि एक ओर जहा चमनपुरा मे राज ने चंदू के साथ मिल कर चंपा को पूरी रात बुरी तरह से चोदा और वही जानीपुर शहर मे रज्जो के यहा से सभी लोग घुमने जाने को तैयार हो रहे है ।
अब आगे
नासता करके सोनल और पल्लवि अपने कमरे मे चले , वही अनुज रमन के साथ उसके कमरे मे चला गया क्योकि उसके कपडे वही थे ।
इधर ममता और रज्जो किचन मे काम खतम करने चली थी और वही हाल मे कमलनाथ राजन के साथ बैठा हुआ था ।
उसकी नजर राजन पर थी जो बार बार किचन मे रज्जो को घूमते देख रहा था ।
कमलनाथ को लगा कि राजन अभी भी सुबह की बात को लेके विचलित है
कमलनाथ - क्या राजन ,अरे छोडो ना उस बात को , जो हुआ सो हुआ
राजन की तन्द्रा टूटी और उसे ध्यान आया कि वो कहा खो गया तो वो कमलनाथ की बातो का जवाब देते हुए - नही भाईसाहब मेरा जी नही मान रहा है ,,,और अभी नाश्ते के समय देखा ही ना आपने कि कैसे भाभी जी को हमारे सामने आने मे शर्मींगी हो रही थी । कब तक ये चलेगा आखिर शादी ब्याह का दिन का है
कमलनाथ - हम्म्म बात तो सही है तुम्हारी , रुको मै बुलाता हू उसे
राजन - अरे नही भाईसाहब यहा नही ,, ममता भी है यही और उसकी आतुरता जानते ही है
कमलनाथ हस कर - अच्छा ठीक है तुम उपर चलो मै रज्जो को लिवा के हमारे कमरे मे आता हू।
राजन मुस्कुरा कर उपर चल दिया और वही कमलनाथ रज्जो को अपने लिये कपडे निकलवाने के बहाने उपर कमरे मे लिवा लाया ,, जहा राजन सोफे पर बैठा बेचैन हुआ जा रहा था और उन दोनो के कमरे मे प्रवेश करते ही वो खड़ा हो जाता है ।
राजन को ऐसे अचानक अपने कमरे मे पाकर रज्जो को थोडा अटपटा लगा ,, वही कमलनाथ ने जब रज्जो को उलझते देखा तो मुस्कुरा कर बोला।
कमलनाथ - अरे रज्जो परेशान ना हो ,,,राजन को मैने ही बुलाया है
रज्जो कमलनाथ को देखते हुए - आपने बुलाया लेकिन क्यू
कमलनाथ कुछ बोलता उससे पहले राजन अटकते हुए शब्दो मे - वो वो भाभी जी मै सुबह के लिये माफी चाहता हू वो अचानक से मै और भाईसाहब बाते करते हुए आ गये और वो सब .....
रज्जो पहले तो शर्माते हुए मुस्कुराई पर वो भी इस बात को लेकर अपने पति के सामने थोडी उलझन मह्सूस कर रही थी ।
कमलनाथ - हा रज्जो तुम मुझे भी माफ कर दो ।
रज्जो हस कर - अरे नही जीजाजी ,,,क्या आप भी , इसमे माफी मागने वाली क्या बात है । वो सब बस एक संयोग था ।
कमलनाथ - हम्म्म सही कह रही हो रज्जो ,,
रज्जो ह्स कर - और आप क्यू माफी माग रहे है आप तो रोज ही ....
तभी रज्जो की नजरे राजन से टकराई और वो शर्माते हुए चुप हो गयी ।
राजन - हा भाभी जी मैने भी बोला सुबह मे इनको ,कि आपको क्या जरुरत है माफी मांगने की
कमलनाथ हसता हुआ - अच्छा ठीक है बाबा नही मागता ,,,लेकिन ये तो बताओ तुम बाथरूम के बाहर क्यू ये सब ...
रज्जो ह्स कर - वही आपकी लाडली बहन की वजह से
कमलनाथ चौक कर - ममता ने क्या किया
रज्जो - उसी ने दरवाजा नही खोला समय से और मुझे जोर की पेसाब लगी थी तो वही ...
रज्जों की बात पर राजन अपने होठ दबाते हुए हसे जा रहा था और उसपे कमलनाथ की नजर पडी तो वो रज्जो को राजन की ओर इशारा करके ।
कमलनाथ - हम्म्म चलो कोई बात नही
मगर रज्जो कहा ऐसे मौके पर शांत होने वाली थी - हा हा अब अपने बहन पर बात आई तो चुप कर ,, अरे आप मर्दो का ठिक है बस चैन खोलो और हो गया , लेकिन हमे पुरा खोल कर बैठना पड़ता है ।
कमलनाथ ह्सते हुए - अरे हो गया भाई ,,,माफ कर दे , मै ममता की ओर भी माफी मांगता हू ।
राजन ह्सते हुए - हा भाभी जी मै भी ,,,अच्छा मै अपने कमरे मे जा रहा हू
ये बोलकर राजन अपने कमरे मे निकल गया ।
राजन के जाते ही कमलनाथ - क्या रज्जो ये सब क्या था ,,, क्या सोचेगा वो और तुझे प्रेसर था तो यही कमरे के बाथरूम मे चली जाती , चालू तो करवा दिया है इसे भी ना अब
रज्जो ह्स कर - अरे आप भी ना , वो मेरे नंदोई है हसी मजाक चलता है हिहिहिहिही
कमलनाथ रज्जो की मोटी गाड के उभारो पर हाथ फिराते हुए - हा लेकिन आज तेरे नंदोई की नजर तेरी इस मखमली गाड पर चली गयी है ,,अब थोडा हिसाब से हसी मजाक करना ,,मेरे सामने भले ही वो नही कुछ बोला लेकिन अकेले मे परेशान कर देगा ।
रज्जो इतरा कर -
कमलनाथ से चिपकते हुए उसकी आंखो मे देखते हुए - आप तो ऐसे डर रहे है जैसे नंदोई जी आपको हटा के खुद चढ जायेंगे ।
कमलनाथ रज्जो की नशीली आंखो और उसके कामुक्ता भरे लहजो को सुन कर वो थोडा उत्तेजित मह्सूस करने लगा और रज्जो की आंखो मे देखते हुए उसकी गाड के पाटो को सहलाते हुए बोला - अगर वो मेरी बीवी चोदेगा तो मै उसकी बीवी नही चोद दूँगा ।
रज्जो थोडी मुस्कुराई और एक हाथ निचे ले जाकर अपने पति का खड़ा होता लण्ड कूरते के उपर से जकड़ते हुए - आप भूल रहे हो ,,, उनकी बीवी आपकी बहन है उम्म्ंम्ं ,,, फिर भी चोदोगे क्या हा बोलो ना
कमलनाथ अपने लण्ड पर रज्जो के हाथो का स्पर्श पाकर और ममता को चोदने के अह्सास से एकदम से सिहर उठा और उसका लण्ड सख्त होने लगा । जिस्का आभास रज्जो मे अपनी हथेली मे होने लगा ।
रज्जो वापस से कुरते के उपर से कमलनाथ का लण्ड सहलाते हुए - बोलो ना ,चोदोगे क्या अपनी बहन को उम्म्ंम्ं ,
कमलनाथ कसमसा कर सिहरते हुए - बहन है तो क्या हुआ ,,अगर मेरी बीवी को वो चोदेगा तो मै भी उसकी बीवी को अह्ह्ह उम्म्ंम्ं अराआआम से उम्म्ंम्म्ं
इधर रज्जो कमलनाथ के पजामे मे हाथ घुसा कर लण्ड थाम चुकी थी ।
रज्जो कमलनाथ का लण्ड पकडकर उसकी चमडी खिचते हुए - तो सीधा बोलो ना कि अपनी बहन को चोदने के लिए मुझे नंदोई जी से चुदवाना चाहते हो ।
कमलनाथ रज्जो की बातो को अपनी कल्पनाओ मे जोडने लगा कि काश ऐसा हो जाये और वो खुल कर ममता को चोद पाये ।
रज्जो कमलनाथ पर अपनी बातो का असर होता देख - उम्म्ंम्ं सोचो ना इधर नंदोई जी लण्ड मेरी चुत मे गया नही उधर आपको आपकी बहन मिल जायेगी चोदने के लिए उम्म्ंम्म्ं
कमलनाथ के दिल की धडकनें तेज हुई जा रही थी और वो बस रज्जो की बाते अपनी कल्पनाओ मे जोडते जा रहा था और उसका लण्ड कड़ा हुआ जा रहा था ।
रज्जो ने इस बार अपनी हथेली को कमलनाथ के आड़ो तक सह्लाया और बोली - आप हर रात मेरे साथ बहन को चोदने के ख्वाब देखते हो ,,, फिर हम दोनो आपके लण्ड के निचे होगे और मै खुद आपकी बहन की चुत आपके लिये तैयार करूंगी ।
इधर कमलनाथ की हालत पूरी तरह से खराब हो गयी और रज्जो के साथ अपनी बहन को चोदने का ख्याल उसे चरम पर ले आया। और रज्जो की बाते खतम होते ही कमलनाथ के लण्ड ने खडे खडे ही पिचकारी देनी शुरु कर दी ।
कमलनाथ को झड़ता देख रज्जो ने आखिरी दाव खेला और वो उसके झड़ते लण्ड के आड़ो को सहलाने जिस्से कमलनाथ को और आनन्द आने लगा झडने मे ।
मौका देखकर रज्जो ने कमलनाथ को कबुलवाना शुरु किया - तो बोलो ना चोदोगे ना अपनी बहन को मेरे हाथ बोलो ना उम्म्ंम बोलो
कमलनाथ आंखे बंद किये हुए झड़ते हुए - अह्ह्ह हा रज्जो मै चोदूंगा अपनी बहन को उन्म्म्ं अह्ह्ह ममता उह्ह्ह्ह रज्जो मुझे तुम दोनो को एक साथ चोदन है उम्म्ंम अह्ह्ह
रज्जो कमलनाथ के मुह से अपने काम लायक बाते कबूलवा ली और उसका लण्ड निचोड कर मुस्कुराने लगी ।
कमलनाथ झड़ कर हाफते हुए सोफे पर बैठ गया और रज्जो उसे एक ग्लास पानी देती है और एक खराब कपडे से उसका वीर्य साफ करके कमलनाथ के बगल मे बैठ जाती है ।
कमलनाथ का मन शांत हुआ और उसे अब थोडी शर्म आने लगी थी तो रज्जो मुस्कुरा कर - क्या हुआ जी
कमलनाथ हस कर - तुम ना एक नम्बर की चालू हो क्या क्या कबूलवा ली हमसे
रज्जो कमलनाथ चिपक कर - इसमे कबूलवाना क्या था ,, हमको बहुत पहले से ही आपकी ममता को लेके क्या राय है ये पता था ,,,बीवी हू अपने पति के दिल का हाल नही जानुन्गी हिहिहिही
कमलनाथ रज्जो के कंधे पर हाथ रखकर- तुमको अजीब नही लगा कि मै अपनी बहन को लेके ये सब ... मतलब समझ रही हो ना
रज्जो हस कर - अरे घर के माल पर किसकी नजर नही रहती जी फिर तो ममता है ही इतनी मालदार हिहिहिहिही
कमलनाथ हस कर - फिर तो तुम्हारे राजेश ने भी ट्राई किया होगा तुम पे ,,,
रज्जो हस कर - उससे क्या फायदा ,,उसकी किस्मत आपके जैसे थोडी है हिहिहिही
कमलनाथ रज्जो का व्यंग समझ गया था- लेकिन रज्जो ये सब होगा कैसे ।
रज्जो थोडा इतराइ- पहले तो मुझे मेरी नंदरानी के इरादे जानने है कि वो क्या सोचती हैं अपने भैया को सईया बनाने के बारे मे हिहिहिही
कमलनाथ - और फिर
रज्जो हस कर- फिर नंदोई जी निबटना पड़ेगा हिहिहिही
कमलनाथ के दिल की धडकनें रज्जो की बातो सुन कर तेज होने लगी ।
कमलनाथ हिचक कर - मतलब तुम मेरे लिए राजन के साथ ....
रज्जो - क्यू अपने पति लिए इतना भी नही कर सकती मै ,,हा
कमलनाथ धड़कते दिल के साथ - लेकिन मेरा दिल इसके लिए राजी नही है रज्जो ,,, मै इत्ना स्वार्थी नही बन सकता
रज्जो ने बात को भावनात्मक होते देख थोडा शर्मा कर कमलनाथ के सीने में सर रख कर - धत्त आप तो समझते ही नही
कमलनाथ रज्जो के इस वक्तव्य से उत्तेजना से भर गया और उस्का लण्ड फिर से ठुमक उठा और वो अपने धडकते दिल के साथ रज्जो को अपने आंखो के सामने करता हुआ हिचक कर बोला - तो इसका मतलब तुम भी राजन से ???
रज्जो मुस्कुराते हुए शर्मा कर - हाआआ , नहीईई मतलब वो मै बस देखूँगी समझूँगी कि वो आज सुबह के बात पर क्या सोचते है मेरे बारे मे
कमलनाथ रज्जो के दिल की बात समझ गया और हस कर - मै समझ गया , तू भले ही ना बोल मेरे सामने ।
रज्जो शर्माने लगी ।
कमलनाथ - वैसे मेरे से बड़ा है या मोटा
रज्जो का दिल धक्क कर गया कमलनाथ की बात सून कर और वो आंखे बड़ी कमलनाथ को देखते हुए - क्या मतलब
कमलनाथ हस कर - वही उसका हथियार ,, तुने देख रखा है ना ,, बोल हिहिहिही
रज्जो शर्मा कर - क्या आप बस करिये ना ,,,चलिये अब तैयार हो लिजिए
फिर कमलनाथ हस्ता हुआ कपड़े बदलने के लिए खड़ा होता है ।
इतने मे ममता कमरे के दरवाजे पर खटखट होती है ।
रज्जो दरवाजा खोलती है - अरे ममता तू , आ अन्दर आ
ममता हस कर अन्दर आते हुर - हा भाभी वो कल जी जीन्स ट्राई की थी ना वो दे दीजिये ।
रज्जो एक नजर कमलनाथ को देखती है और हस कर - क्यू सिर्फ जीन्स ही पहन के जायेगी क्या हिहिहिह
ममता अपने भैया को देख कर थोडा शर्मा गयी और हस्ते हुए - हा और उसके उपर का भी चाहिये था हिहिहिही
रज्जो फिर आलमारी से कल वाली जीन्स और एक लॉन्ग टॉप दी मुश्किल से उसके आधे चुतडो तक जाती।
ममता उस टॉप को खोलकर देखते हुए - भाभी और कोई बड़ा नही है इससे
रज्जो - नही रे मै ऐसे ही शॉर्ट वाले ही पहनती हू
कमलनाथ - अरे तो क्या हुआ इसमे क्या बुराई है ,,,तुम भी ना ममता जा पहन कर तैयार हो जा जल्दी कर, दस बजने वाले है भाई
ममता कमलनाथ की बात पर चुप हो गयी और उसे ध्यान आया कि रज्जो ने उसे कोई दुप्प्ता दिया ही नही ।
ममता - हा भाभी इसका दुपट्टा
रज्जो हस कर - क्या ममता तु भी ,, जीन्स पर कोई दुपट्टा लेता है ,,, क्या जी आप ही समझाओ आपनी लाडोरानी को हिहिही
कमलनाथ हस कर - हा ममता ,, ये मॉडर्न कपडे है ना और तुम क्या जब शादी से पहले जीन्स पहनति थी तो दुपट्टा लेती थी हिहिह
ममता हस कर - हा लेकिन ,,, अच्छा ठिक है मै आती हू तैयार होकर ।
फिर ममता वो कपडे लेके अपने कमरे मे चली जाती है ।
रज्जो कमलनाथ को छेड़ते हुए -ओह्हो मतलब शादी के पहले से अपनी माल पर नजर रखे हुए थे ।
कमलनाथ रज्जो की बात पर हस देता है ।
थोडी देर बाद उपर चारो लोग तैयार होकर अपने क्मरे से बाहर निकलते है
इधर जहा कमलनाथ की आंखे ममता को देखकर चमक उठती है वही राजन की आंखे रज्जो को ।
रज्जो ममता की तारिफ करती है तो वो शर्माजाती है ।फिर वो दोनो आगे चलते हुए निचे जाने लगति है वही राजन और कमलनाथ की नजर जीन्स मे कसे हुए उनके भारी मटकते कूल्हो पर जाती है दोनो के मुह से आह्ह्ह निकल जाती है और वो दोनो एक दूसरे को देख कर हस पड़ते है ।
फिर सारे लोग निचे हाल मे आते है जहा सोनल और पल्लवि भी जीन्स और टॉप मे थी , वही अनुज और रमन जीन्स टीशर्ट मे थे ।
कमलनाथ खुद को और फिर राजन को देखता हुआ - भाई आप सब तो एक ग्रुप लग रहे है हमे छोड कर
पल्लवि चहक कर - नही मामा जी ,,आप और पापा दोनो बहुत अच्छे लग रहे है शर्त पैंट मे हिहिहिही
सोनल - हा मौसा ,
रमन - तो चला जाये , ई रिक्सा आ गया है ।
कमलनाथ - हा हा भाई अब काहे की देरी , चलिये सब लोग
फिर सारे लोग निकल पड़े शहर के pvr मे ।
8 टिकिट कराई गयी और एक ही लाईन मे लगभग सबको सीट मिल गयी ।
वही अन्दर घूसने पर अब जो आगे था वो वैसे ही लाईन मे घुसते हुए बैठता चला गया ।
सबसे पहले अनुज फिर पल्लवि फिर सोनल फिर रमन फिर राजन फिर रज्जो फिर ममत और फिर कमलनाथ ।
अनुज सबसे कॉर्नर पर था तो पल्लवी को काफी खुशी थी कि अनुज उसके साथ है । इधर जैसे ही लाईट ऑफ़ हुई वही पल्लवी ने अनुज के हाथ मे हाथ डाल दिया ।
अनुज की हालात खराब होने लगी वो एक नजर आगे झुक कर अपने बाई ओर झाका तो देखा कि सबकी नजरे पर्दे पर है फिर उसे भगवान से किये तौबा को याद किया और पल्लवी को मना करते हुए हाथ खिच लिया अप्ना ।
पल्लवि अनुज के इस व्यवहार से तुनक कर वापस पर्दे की ओर मुह कर ली ।
अनुज ने एक राहत की सास ली ,वही पल्लवि फिर से नोर्मल होते हुए सोचने लगी की आखिर अनुज सुबह से ही क्यू ऐसा व्यवहार कर रहा है ।
तो वो वापस अनुज की ओर लपक कर - मुझसे कोई गलती हुई क्या अनुज
अनुज पल्लवि का चेहरा अपने करीब पाकर परेशान होने लगा उसे डर लग रहा था कि कही सोनल दीदी ना देख ले उसे ।
अनुज - न न नही तो कुछ भी नही
पल्लवि - तो तुम मुझसे दुर क्यू जा रहे हो
ये बोलकर पल्लवी वापस अनुज के कलाई मे हाथ डाल दी ।
अनुज ने सोचा की अगर ये सिर्फ इतने मे ही खुश है तो ऐसे रहने देते है ,,नही तो कही इससे बात करते हुए दीदी ने सुन लिया तो गड़बड़ हो जायेगी ।
वही पल्लवी ने देखा कि अनुज ने इस बार उसे नही रोका तो वो मुस्कुरा कर पर्दे पर देखते हूए अपनी उंगलियाँ अनुज के उंगलियो मे फसा ली और जकड़ ली ।
पल्लवि की इस हरकत से अनुज गनगना गया और उसकी आंखे बन्द हो गयी । वो लम्बी सासे लेनें लगा वही पल्लवि मुह में अपनी हसी दबाने लगी ।
इधर जहा ये दो लैला मजनुओ का शो चालू था वही इसी लाईन मे दो और मजनू अपनी लैला को ताडे जा रहे थे ।
राजन और कमलनाथ ।
दोनो की नजरे रज्जो और ममता की टॉप से झाकती चुचियो की दरारो पर जमी थी ।
सही मायने मे मूवी पर ध्यान किसी का भी नही था ।
सोनल और रमन अपने अपने होने वाले जीवनसाथी से texting मे बिजी थे , बाकी 3 लैला मजनू आप से व्यस्त थे ही ।
इधर पल्लवि सोनल पर बखुबी नजर बनाये हुए थी और उसने मौका देखकर हाथ को निचे अनुज की जांघो तक लेके चली गयी ।
अनुज की हालत अब और पतली हो गयी और डर से कापने लगा , लेकिन पल्लवि का स्पर्श उसे उत्तेजित भी कर रहा था ।
उसे समझ ही नही आ रहा था कि वो क्या करे ,, वही पल्लवि अनुज को परेशान देख कर बहुत चहक रही थी और उसने अपने हाथ उसकी जांघो पर घिसने शुरु कर दिये ,,,नतिजन अनुज का लण्ड अंगदायी लेना शुरु कर दिया ।
वो आंखे बंद करके गहरी सासे लेता रहा और इस नये उत्तेजक अनुभव को मह्सूस करता रहा ।
ये सब काफी समय तक चलता जबतक इंटरवल नही आ गया । बंद लाईट का मजा सिरफ पल्लवि ने लिया ।
हाल की लाईट जल उथी और सब के सब अलर्ट हो गये ।
सब बाहर निकल कर आये और अंगड़ाई लेते हुए एक दुसरे के चेहरे को देखा कोई मूवी के बारे में लेके उत्सुक नही था ,,,यहा तक पल्ल्वी और सोनल भी ।
कमलनाथ - क्या हुआ भाई लग रहा है यहा किसी का मन नही लग रहा है ,,, क्यू पल्लवि बेटा फिल्म अच्छी नही थी
पल्लवि चौकी मगर उसके पहले रज्जो - अरे फिल्म ही अच्छी नही है इससे अच्छा हम लोग घर पर बैठ के देख लेते
ममता - हा भाभी सही कह रही है ,,वहा थोडे पैर फैलाने की जगह तो होती ,,यहा तो बैठे बैठे कमर अकड जा रही है
ममता कमर तोड़ते हुए अंगड़ाई लेते हुए बोली ।
राजन - भाईसाहब चलिये यहा से ,,,कही और कोई जगह चलते है यहा तो मुझे भी नही जम रहा है ,,,ये पर्दे की रोशनी भी आंखो मे चुभ रही थी ।
कमलनाथ - चलो ऐसी बात है फिर चल्ते है ।
फिर सारे लोग हाल से बाहर निकल आये ।
कमलनाथ- भाई अब कहा जाना है ,,,बोल ममता तू ही
ममता की नजर सामने एक कुल्फी वाली स्टाल पर गयी तो वो खिखीयाते हुए रज्जो से धीमी आवाज मे बोली - भाभी चलो ना कुल्फ़ी खाई जाये
रज्जो हस कर - अरे तुझे कुल्फ़ी खानी है तो अपने भैया से बोल ना ,,,वो खिला देंगे तुझे हिहिहिही
रज्जो की दोहरी बाते कमलनाथ और ममता दोनो समझ गये थे ।
कमलनाथ - अरे तू इतना शर्मा क्या रही है ,,हम यहा घुमने खाने हि आये है ,चलो सब लोग कुल्फ़ी खाते है ।
फिर सब ने कुल्फ़ी खाई , इसी दौरान सोनल ने मोबाईल मे सर्च करके पास मे ही एक पार्क को खोज लिया ।
सोनल - मौसा यही बगल मे एक नेशनल पार्क , वहा चला जाये काफी ब्डा दिख रहा है, यहा झूला भी है
इतने मे पल्लवि चहकी - सच मे दिदी , दिखाओ
पल्लवि सोनल के मोबाईल मे देखते हुए - अरे वाअह्ह्ज सच मे ,, चलो ना मामाजी वही चलते हैं मजा आयेगा ।
कमलनाथ - अच्छा ठिक है भाई चलो चलते है पहले ये कुल्फी तो खतम कर लो ।
फिर सबने कुल्फी खतम कर औटो से निकल गये नेशनल पार्क की ओर
गर्मियो का दिन था तो पार्क मे सभी को बहुत आनन्द मिल रहा था, सारे लोग घास पर ही एक बडे पेड़ के नीचे बैठ गये और बाते करने लगे ।
इधर महिलाओ मे सबको बडी दिक्कत हो रही थी कारण था उनकी जीन्स और ऐसे में ममता को जोर की पेसाब लग रही थी ,,क्योकि कुल्फ़ी असर था ।
उसमे धीरे से रज्जो के कान मे बोला तो वो मुस्कुराइ
फिर उसने इधर उधर नजर दौडाई और फिर ममता को लेके तरफ जाने लगी ।
रज्जो - आप लोग बैठो हम अभी आते है ।
सारे लोग समझ गये कि वो सब बाथरूम के लिए ही जा रही है ।
फिर वो रज्जो ममता को लिवा कर बाथरूम खोजते हुए एक ओर निकल गयी ।
इधर बाकी के लोग सब आपस मे बाते करने लगे तो सोनल अपने मोबाईल मे सबकी तस्वीरे निकालने लगी ।
धीरे धीरे 15 मिंट का समय बिता तो राजन को फ़िकर हुइ ।
राजन कमलनाथ के पास होते हुए - भाईसाहब ये ममता और भाभी जी को आ जाना चाहिए था,
कमलनाथ ने भी घड़ी देखी और उसे भी ताज्जुब हुआ ।
कमलनाथ - कही वो लोग आगे तो नही निकल गयी
राजन - चल के देखे भाईसाहब,,मुझे ना जाने क्यू फ़िकर हो रही थी ।
राजन को विचलित होता देख कमलनाथ ने हामी भरी और उठ कर खड़ा हुआ - बच्चो तुम लोग यही रहना हम अभी जरा देख कर आते हैं।
अनुज - क्या हुआ मौसा
कमलनाथ- अरे कुछ नही बेटा, बस हम लोग जरा फ्रेश होकर आते है ,,यही रहो तुम लोग
फिर कमलनाथ राजन को लेके उसी दिशा मे आगे बढ गया जिधर रज्जो और ममता गयी थी ।
धीरे धीरे आगे बढने पर जगह सुनसान होती चली जा रही थी और इधर कोई बाथरूम भी नजर नही आ रहा था ।
आगे की ओर चलने पर रास्ता सकरा था और झाडिया घानी थी ,,लग रहा था जैसे पार्क के उस हिस्से पर कोई रख रखाव नही किया गया हो काफी समय से ।
राजन - भाईसाहब कहा गयी होगी सब आखिर ,,यहा तो कोई नजर ही नही आ रहा है
कमलनाथ उम्मीद भरे लहजे मे - शायद बाथरूम ना मिल्ने की वजह से आगे गयी हो सब,,चलो थोडा बढ के देख लेते है
फिर वो दोनो आगे चल रहे होते हैं कि सामने से दो कालेज के बच्चे हस्ते हुए आप्स मे बात करते हुए जा रहे थे ।
जैसे ही उनहोने राजन और कमलनाथ को क्रॉस किया उनमे से एक ने हस के बोला - याररर उस सावली वाली गाड देखी हिहिहिहो कितना फैला कर बैठी हुई थी यारर
दुसरा लड़का भी उसकी बातो मे सहमती देखे हसता और वो आगे निकलजाते ।
इधर राजन और कमलनाथ के कान खड़े हो जाते हैं उन लड़को की बाते सुनकर,,,वो दोनो एक दूसरे को फैली हुई आन्खो से देखते हैं ।
राजन हिचक कर - मुझे लग रहा है भाईसाहब वो लड़के शायद भाभी जी के बारे मे ही बोल रहे थे ।
कमलनाथ राजन से नजर फेरते हुए - हम्म्म्म सही कह रहे हो राजन ,,चलो आगे चलकर देखते हैं , मुझे बहुत चिंता हो रही है ।
ये बोलकर कमलनाथ तेज कदमो से उसी तरफ आगे बढता है जहा एक तरफ झाडियो के पास उसे कुछ हलचल सुनाई देती है ।
वो अपनी चाल धीमी कर रास्ते से झाडियो के बिच बने मिट्टी के सकरे रास्ते पर चलने लगता है ।
तभी वो अचानक से रुक जाता है और इतने मे राजन उसके पीछे आकर खड़ा होता है ।
राजन - क्याआ हुआआ भाईसाहब मीईइलीईई की नही
राजन के शब्द पुरे होने से पहले उसकी नजर सामने के दृश्य पर गयी । जहा ममता रज्जो की गाड़ पर उसका जीन्स चढवाने मे मदद कर रही थी ,,,मगर वो बहूत टाइट थी और जांघो मे ही कसी थी ।
ममता हाफते हुए - उह्ह्ह भाभीईई ये न्हीई हो रहा है
रज्जो थोडा उछल कर अपनी जीन्स मे गाड़ को घुसाना चाह रही थी मगर उसके फुटबाल जैसी गाड के निचले हिस्से में जीन्स अटक गई थी और उछलने से उसकी गाड़ के पाट बहुत ही कामुकता से हिल रहे थे
कमलनाथ और राजन बडे ही आवाक होकर रज्जो की उछलती गाड़ को निहारे जा रहे थे ।
राजन थोडा गले को खराशा - अह्हूउम्हुहुह्ंमम्म ,
फिर मुह दुसरी ओर करके बोला - मेरे ख्याल से भाईसाहब आपको जाना चाहिए और मदद करनी चाहिए ।
राजन की बात सुन कर कमलनाथ चौका और राजन की ओर घुमा तो राजन उसकी ओर पीठ करके खड़ा था ।
कमलनाथ - अ ब ब हा सही कह रहे हो रुको मै आता हू
ये बोलकर कमलनाथ रज्जो के पास चला गया और कमलनाथ को देख कर रज्जो चौकी - अरे आप उम्म्ंम अच्छा किये आ गये । चलिये थोडी मदद किजीए
कमलनाथ - अरे तुम लोग काफी समय से अये नही तो मुझे चिन्ता हुई मै और राजन खोजते हुए इधर तक आ गये ।
रज्जो राजन का नाम सुन कर चिहुकी - क्याआआ नंदोई जी आये है ,,कही उन्होने देखा तो
कमलनाथ - वो सब छोडो वो बाहर है ,,,ये तुम कैसे अटका ली ।
रज्जो परेशान होते हुए - वो क्या है जी हम लोग पेसाब कर रहे थे कि कुछ आवारा लडके हमे देख लिये और आवाज करने लगे तो जल्दी जल्दी इसको उपर करने के चक्कर मे ये जांघो मे फस गयी ।
कमलनाथ रज्जो के निचे बैठ कर उसकी गाड़ के चर्बीदार पाटो से जीन्स की उल्टी हुई पेति को सीधा करने लगता है जिसे ममता बडे ध्यान से देखती है ।
वही राजन भी झाडियों के पास से अन्दर झाक रहा होता है और रज्जो की मोती गाड़ उसे उत्तेजित किये जा रही थी । तभी ममता की नजर राजन पर गयी और उसने रज्जो का मजा लेने के लिए राजन को आवाज दी ।
ममता - क्या जी छिप छिप कर देख रहे है ,,,यहा आ जाईये
रज्जो - क्याआ नहीईईईई,,,, ममता तू पागल है क्या
रज्जो को परेशान देख ममता हसने लगी
कमलनाथ हस कर - ममता तू भी ना ,,, सुधरेगी नही हाहह्हहा
इधर कमलनाथ ने जीन्स को सही करके वापस से उपर चढा दिया और फिर अपनी उंगलियाँ चटकाई ।
रज्जो ने अपनी कमर बन्द करके कप्डे सही किये और बोली -सच मे नंदोई जी ने देखा क्या
ममता हस कर - हा पुरा खजाना देख लिया भाभी आपका हिहिहिहिही
कमलनाथ ममता के सर पर हल्की चपट लगाते हुए - तू बडी मजे ले रही है हमम्म
ममता तुनक कर - क्या भैया आप क्यू बिच मे आ रहे ,,,ये हम ननद भौजाई की आपस की बात है हिहिहिही
फिर सब लोग वाप्स झाडियो से बाहर आये जहा राजन बाहर खड़ा था और रज्जो उसको देख कर मुस्कुराते हुए ममता के साथ आगे चली गई ।
राजन - माफ कीजिएगा भाईसाहब ये ममता बडी चंचल है हाहह्हा ,,, लग रहा है अब फिर से भाभी जी माफी मांगनी पड़ेगी
कमलनाथ हस कर - तुम भी राजन खुददार आदमी हो भाई हाहह्हह ,,, माग लेना भाई माफी घर चलकर
फिर थोडी देर बाद सारे लोग इक्कठा हुए और सबको भूख लगी थी तो सब पार्क से निकल कर एक रेस्तरां मे गये और खाना खाने के बाद घर के लिए निकल गये ।
एक तरफ जहा जानिपुर मे ये सब घटित हो रहा था ,वही चमनपुरा मे राज भी अपना तिगडम सेट करने की फिराक मे था ।
राज की जुबानी
सुबह उठ कर वही राज नहा धोकर दुकान पर चला गया और काम मे लग गया ।
थोडी देर बाद चंदू नासता लेके दुकान पर आता है ।
मै - अबे साले इनसब की क्या जरुरत थी बे ,,,मम्मी अभी नासता लाती ही होगी
चंदू - साले नाटक मत कर ,,दीदी ने खुश होकर तेरे लिए प्याज़ के पकोड़े बनाये है
मै ह्स कर - लग रहा है तेरी दीदी को मेरा अंदाज पसंद आ गया क्यू ह्हिहिहिहिही
चंदू - अबे जब मुझे तेरे चोदने का तरीका पसंद आया तो उसे क्यू नही आयेगा ,,,क्या हिला हिला के पेल रहा था भाई ,,मजा आ गया तेरे साथ हिहिहिही
मै - तो आज रात भो रेडी रहना
चंदू उखड़े मन से - नही यार शाम को ही मेरा बाप आने वाला है ।
चंदू की बाते सुन कर मेरा भी मन थोडा डाउन हुआ
मै - लेकिन वो लोग तो कल आने वाले थे न
चंदू खीझ कर - हा यार लेकिन मेरे बाप को मै बहुत खटकता हू ,,,हर बात के लिये टोकता है और सूनाता रहता है
मै कुछ सोच कर - देख भाई जहा तक मै समझता हू इस समय तेरी कोई पढाई नही चल रही है और धीरे धीरे तू ब्डा ही हो रहा है उनकी नजर मे ,,,एक तो वो अपने काम से खुद परेशान होते है उपर से तुझे खाली देख के उनका गुस्सा फाल्तू मे तुझ पर ही निकल पडता है ।
चंदू मेरि बात को समझने की कोशिस करता हुआ -हा तो तू ही बता क्या करू मै
मै हस कर - तू अपने पापा के साथ काम पर ही चला जाया कर ,,घर बैठने से अच्छा होगा और फिर तेरी मालती भी तो वही रहती है ना हिहिहिही
चंदू मेरा सुझाव सुन कर चहक उठा - अरे हा भाई ,,,इसके बारे मे तो मैने सोचा ही नही ।
चंदू - लेकिन पापा से ऐसे कैसे कहू काम पर जाने के लिए,,, मुझे तो अजीब सी घबडाहट हो रही है । ये साला अच्छा काम करने मे इतनी दिक्कत क्यू होनी शुरु होती है ।
मै हस कर - तु चिन्ता ना कर मै रजनी दीदी से बात करता हू कल
चंदू खुश हुआ , फिर हमने आगे कैसे चम्पा के साथ मस्ती करनी है उसकी प्लानिंग की और फिर वो घर चला गया ।
मै वापस दुकान के कामो मे लग गया और थोडा ग्राहको से डील करने के बाद करीब 11 बजे तक जब मै फ्री हुआ तो मोबाईल खोलते ही मुझे काजल भाभी का ख्याल आया ।
मै एक से नयी ऊर्जा से भर गया ,,फौरन मैने whatsaap ओपेन किया और काजल भाभी का last seen चेक किया जो अभी कुछ मिंट पहले का ही था ।
फिर मैने वापस से अपनी status setting को only for पर सेट करते हुए काजल भाभी का नम्बर सेलेक्ट किया और वापस से कुछ नये मॉडल के ब्रा और पैंटी की तस्वीरे पोस्ट कर दी ।
फिर मैने उन्ही चारो फ़ोटो को काजल भाभी पर सेंड कर दिया और तुरंत delete for everyone पर क्लिक करके सारी फ़ोटो डिलीट कर दी ।
फिर मैने अपना फोन वापस रख दिया और दुकान के कामो मे लग गया ।
अभी मुस्किल से 10 मिंट ही बीते थे कि मोबाईल पर notification बिप हुआ और मैने चेक किया तो मेरी प्लानिंग तहत काजल भाभी का मैसेज था । मै जानता था कि मेरे मैसेज डिलीट करने पर उन्की जिज्ञासा बढेगी और वो इस बारे मे जरुर पूछेगी ।
हुआ भी वही ।
काजल - hiii suno
मै - hii bhabhi ...good morningkahiye
काजल - wo kya delete kiye ho bhej ke
मै - kuch nhi bhabhi wo galati se gaya tha...sorry
काजल - are aisa kya tha ki sorry bol rhe
मै -nhi btaunga mai
काजल - ye kya baat hue ...Jaldi btaao kya bheje the
मै - wo kuch photos the
काजल - dikhaao mujhe
मै - rahane do bhaabhi plzz
काजल - ab to bina photo liye mai nhi manungi , jaldi bhejo
मै -ok deta hu
फिर मैने वापस से वही तस्वीरे भेज दी जो अपने status पर लगाई थी ।
काजल - are to wahi hai na , jo tum status par lgaaye ho
मै - haWo mai status lga raha tha to galti se apke nmbr par bhi click ho gaya tha
काजल -Koi baat nhi ho jata hai....Lekin tum ye sab status par kyu lgaate ho , sharam nhi ati
मै -Dukandar hu bhabhi , jab inhi chizo ka business hai to sharam kahe ki
काजल - to kya koi puchhta bhi hai insb ke baare me jo status par lgaaye ho
मै - are bhabhi mere kafi sare order phone se hi ho jate h ,
kaafi sari ladies hai jo apna saman WhatsApp par order kar deti hai jo market me chaar logo ke samne aise chize kharidne me jhijhak mahsus karti hai
काजल - fir to achcha hai ji ,
मै - aap bhi chaaho to order kar skate ho
काजल - badmaash kahi ke , mujhe chahiye hoga to mummy ji se bol nho dungi
मै - ha lekin aise model ke liye thodi na kah payegi badi mummy se
काजल - chup pagal kahi ke ... bado se aise baat karte hai
मै - dekhiye mujhe apna dewar nhi dukandar samjhiye ... mere paas aur bhi model hai mai unko bhejta hu . Apko chahiye hoga to bata dijiyega
काजल - hey bhagwan tum bhi na .. thik hai bhej dena .. ok abhi mujhe kam hai .. bye
मै - ok bye
मै काफी खुश हुआ कि चलो योजना कामयाब रही बस एक बार इन टॉपिकस पर बात शुरु होने की देरी है ,,,फिर काजल भाभी को कैसे लपेटना है ये मै अच्छे से जानता हू ।
मै वापस खुशी खुशी काम पर लग गया ।
थोडी देर बाद मा खाना लेके आई ।
मा - ले जल्दी से खाना खा ले और पापा को खाना देने चला जा
दुकान मे कोई ग्राहक थे नही और मा खाना रखने पीछे कमरे गयी थी तो मै भी उन्के पीछे जाकर उनको पीछे से पकडते हुए - ओह्ह मा आई मिस्स यू
मा - ऊहह हुउउऊ छोड भाई ,,, बड़ा आया मुझे याद करने वाला
मै मा के गालो को चुमता हुआ - क्या हुआ गुस्सा हो गयी क्या आप
मा - मै क्यू गुस्सा राहु भला ,,तू अकेले ही खुश है अपने दोस्तो मे , मेरी क्या फिक्र है तुझे
मै हस कर पीछे से उसको पकडकर - ओह्ह लग रहा है कल अकेले पापा के साथ मजा नही आया क्या हिहिहिही
मा मुस्कुरा कर - हट बदमश कही का ,,तुझे क्या उससे जब तू था नही हुउउह्ह
मै - आज तो रहूंगा ना तो कल की कमी भी पूरी कर दूँगा ,,,आप नही जानती कितना तडपा हू मै
मा इतरा कर - ओह्हो बड़ा आया तडपने वाला ,, इतनी फिक्र होती तो सुबह ही आ जाता मेरे पास
मै - अब तो आ गया हू ना ,,तो हो जाये एक राउंड हिहिही
मा के चुचो पर हाथ रखते हुए बोला
मा चौकी - नही नही पागल ,, दुकान का समय है ,,जल्दी से खा और पापा भी भूखे है जल्दी उनको भी देके आ ।
फिर मा मुझसे अलग होकर दुकान मे चली गयी और मै खाना खाके पापा के टिफ़िन लेके चल गया दुकान की ओर ।
जारी रहेगी
Thnxxx bro Keep supportingSuperb update
Thxxx bhaiBehtreen update
Uncharted dekhne gaya tha broNext update kab tak aane ki ummid hai mitr….![]()
Pahle revo ke liye DHANYWAAD bhaiBhai ye chodam pur update kab khatam hoga are wo apke purna wala hi bahut Accha tha. logo ko naya mila wo to padhne lage par bhai mujhe ye update se jyada tumhara Pehle wale update hi bahut acche lage story ab skip karni padti hai chamnpura update kam aa rahe hai please ye chodampur update band karo aur chamnpura update firse chalu karo story bahut acchi hai continue karo![]()